Festivals Parv Tyohar-3 Hindi

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Festivals- Parv Tyohar-2 Hindi शशशशशशशशशश शशशशशश शशशशशश (शशशशशशशश) ससस-ससस सस ससससस सस सससससससस सससससस सस सससस सससससससस सससससससस सस ससस ससस सससस सस ससस ससस सस ससस ससस सस सससससस ससस सस ससस सससस सससससस सस सससस स सससस सस सस ससस ससस ससस सस सससससससससससस ससससससससस सस सससससससस सससससस सससससससससससस सससस सससससससस सससस सससस ससससस सस सससससस सस ससससस सस ससससस सससस सससस सस सससससस ससससस सससस ससससससस सससससस सससस सससससस सस सससससससस-सससससससस सससस सस ससस सस ससस स सस ससस सस सससस ससससससस ससस सस सस सससस.ससससस सस ससससस सससस ससससससस सस सससससस ससस स सससस 1837 ससस ससससससस सस सससस ससससस सससस ससस ससससस सससससस सससससस सससससस सस ससस सससस-सससस सस ससससससस ससस ससस सससस सस सस सस ससस ससससससस सससस सस सस सस सस ससससस सस

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Shree Swami Narayan jayanti, Sai baba Utsav, Kamada Ekadashi, anang Trayodashi, Satyasai Mahaprayan Day, Shree Hanuman Jayanti, Kachchhapawatar Jayanti, Sankashti Ganesh chaturthi, Sati Anusuia, Shri Maha Kaleshwar, Sant Tukaram, Shri Chaitany Mahaprabhu,

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Page 1: Festivals Parv Tyohar-3 Hindi

Festivals- Parv Tyohar-2 Hindi

श्री�स्वा�मी� ना�रा�यण जयन्ती� (अक्षराधा�मी)

समय-समय पर लो�गों को� सन्म�गों दि�खा�ने� को� लिलोय� परम�त्म� जी�वा�त्म� को� रूप म� धरती� पर आती� हैं�। वाहैं को छ ऐस� कोर दि�खा�ती� हैं� किको लो�गों उनेको� शरणा�गोंती हैं� जी�ती� हैं�। बचपने स� हैं� को छ ऐस� गों णा थे� स्वा�म�ने�र�यणा सम्प्र��य को� स-स्था�पको भगोंवा�ने0 स्वा�म�ने�र�यणा म�। उन्हैंने� अपने� जी�वाने �श ने को� म�ध्यम स� लो�गों को� आ�श जी�वाने जी�ने� को� सन्��श दि�य�। उनेको� अने य�य� लोगों�ती�र उनेको� सन्��श को� प्रच�रिरती-प्रस�रिरती कोरने� को� को�म कोर रहैं� हैं�। आजी ��श हैं� नेहैं5 किवा��श म� भ� इस जी�वाने.�श ने  को� म�नेने� वा�लो� कोर�ड़ों को8 स-ख्य� म� हैं�। स-वाती 1837  म� अय�ध्य� को� किनेकोट छकिपय� गों�-वा म� जीन्म� भगोंवा�ने0 स्वा�म� ने�र�यणा को� ने�म म�ती�-किपती� ने� घनेश्य�म रखा� थे�। बचपने स� हैं� वा� ऐस� चमत्को�र कोरने� लोगों गोंए थे� किको लो�गों को� उनेम� ��वात्वा को� आभ�स हैं�ने� लोगों� थे�। �स वार्ष को8 उम्र म� हैं� उन्हैंने� स�र� वा@दि�को ज्ञा�ने को� प्र�प्ती कोर लिलोय� थे�। उनेको8 किवाद्वती� तीब उजी�गोंर हुई थे� जीब उन्हैंने� को�श� म� प-किFती को� ब�च श�स्त्रा�थे म� र�म�ने जी को� किवालिशष्टा�द्व@ती को� व्या�वाहैं�रिरको महैंत्वा को� दूसर� �श ने स� ती लोने� कोर बती�य�। इसको� ब�� वाहैं�- उपस्थिस्थाती को�श� नेर�श समझ गोंए थे� किको यहैं को�ई स�ध�रणा म�नेवा नेहैं5 हैं@। ग्य�रहैं वार्ष को8 अवास्था� म� उन्हैंने� गोंNहैं त्य�गों कोर दि�य�। इसको� ब�� उन्हैंने� कोल्य�णा य�त्रा� श रू को8।  इस य�त्रा� को� �Pर�ने वाहैं ने�लोको- ठ को� ने�म स� प्रख्य�ती हुए। उन्हैंने� 187 पकिवात्रा सम�धिधस्था�लो को� भ्रमणा किकोय�। ��शभर म� किहैंम�लोय, ने�प�लो, ब-गों�लो, कोन्य�को म�र� गों जीर�ती आदि� स्था�ने पर उनेको� चमत्को�रिरको गों णा स�

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प्रभ�किवाती हैं�कोर उन्हैं� धने-�Pलोती और र�ज्य आदि� उपहैं�रस्वारूप दि�य� जी�ने� लोगों� लो�किकोने उन्हैंने� सब ठ कोर� दि�य�।

स्वा�म�ने�र�यणा को� �श ने को� स्वा�म�ने�र�यणा �श ने को� ने�म स� जी�ने� जी�ती� हैं@। इसम� प�-च अने-ती सत्य पर किवाश्वा�स किकोय� जी�ती� हैं@। जी�वा, ईश्वार, म�य�, ब्रह्म और परब्रह्म। इसम� ब्रह्म को� अक्षर य� अक्षरब्रह्म को� रूप म� जी�ने� जी�ती� हैं@। इस� स� मन्दिन्�र को� ने�म अक्षरध�म मन्दिन्�र पड़ों�। भगोंवा�ने0 स्वा�म�ने�र�यणा ने� लिशक्ष�पत्रा� म� जी�वाने जी�ने� को8 र�हैं� बती�ई हैं�। इसम� प�-च च�जी पर जी�र दि�य� गोंय� हैं@।  सने0 1856 म� यहैं लो�जीप र पध�र� जीहैं�- र�म�ने जी�च�य द्व�र� �[क्ष� प�ए उद्धवा�वाती�र श्री� र�म�ने-� स्वा�म� को� आश्रीम थे�। इनेको� आकोर्ष णा श्री� र�म�ने-� स्वा�म� को8 ओर हुआ। इन्हैंने� एको स�लो ब�� हैं� उनेस� भ�गोंवाती �[क्ष� लो� लो�। �[क्ष� लो�ने� को� ब�� इनेको� ने�म ने�लोको- ठ वारणा� स� ब�लोकोर ने�र�यणा म किने पड़ों गोंय� और अल्प समय म� हैं� अपने� ती�जीस्विस्वाती� स� र�म�ने-� स्वा�म� को� परम लिशष्य बने गोंय�। इन्हैंने� किवालिशष्टा�द्व@ती स्वा�म� ने�र�यणा सम्प्र��य को8 स्था�पने� को8 तीथे� ��श म� घaम-घaमकोर इसको� प्रच�र किकोय� और जीगोंहैं-जीगोंहैं किवाश�लो म-दि�र बनेवा�य�। इस प्रको�र स्वा�म� ने�र�यणा ने� लोगोंभगों 28 वार्ष तीको अपने� सम्प्र��य को� प्रच�र किकोय� तीथे� धम को8 स्था�पने� को8। श्री� स्वा�म� ने�र�यणा 1886 म� स-स�र को� छ�ड़ोंकोर प्रभ म� किवालो�ने हैं� गोंए। अक्षरध�म म-दि�र को� किनेम� णा स्वा�म� ने�र�यणा स-प्र��य ने� कोरवा�य� हैं@। दि�ल्लो� स्थिस्थाती अक्षरध�म म-दि�र दुकिनेय� को� सबस� बड़ों� किहैंन्दू म-दि�र हैं@ और किगोंने�जी ब को ऑफ  रिरको�F0 स म� भ� �जी हैं@।

सा�ईंबा�बा� उत्सावा पू�ण� (शि�राडी�)

स�ईंब�ब� सभ� को� महैं�गों रु हैं@ उनेको8 स�वा� हैं� म�नेवाती� किको स�वा� हैं@। श्री�स�ईं को� जीन्म, धम , जी�ती, प-थे को�ई नेहैं5 जी�नेती� क्यa-किको स�ईब�ब� ने� इस किवार्षय पर कोभ� को छ नेहैं5 कोहैं�. ब�ब� को� समग्र स�किहैंत्य उनेको� लिशरF� अवाती�र को�य स� भर� हुआ हैं@ और स�ईं भक्तो� को� अपने� र�चको लो�लो�ओं द्व�र� लिशक्ष� प्र��ने कोरती� हैं@।

स�ईं ब�ब� (अज्ञा�ती– 15 अक् तीaबर, 1918), एको भ�रती�य स-ती एवा- गों रू हैं� न्दिजीनेको� जी�वाने लिशरF� म� ब�ती�। उन्हैंने� लो�को कोल्य�णाको�र� को�यk को� किकोय� तीथे� जीनेती� म� भलिक्तो एवा- धम को8 ध�र� बहैं�ई। इनेको� अने य�य� भ�रती को� सभ� प्र�न्ती म� हैं� एवा- इनेको8 मNत्य को� लोगोंभगों ९४ वार्षk को� ब�� आजी भ� इनेको� चमत्को�र को� स ने� जी�ती� हैं@।

सा��ई बा�बा� की� शि�क्ष�सबको� म�लिलोको एको हैं@

स�ई ब�ब� को8 सबस� बड़ों� लिशक्ष� और सन्��श हैं@ किको जी�किती, धम , सम ��य, आदि� व्याथे को8 ब�ती म� ने� पड़ोंकोर आपस� मतीभ�� भ लो�कोर आपस म� प्र�म और स�भ�वा�ने� स� रहैंने� च�किहैंए क्य�किको सबको� मलिलोको एको हैं@।

श्रीद्ध� और सबaर�स�ई ब�ब� ने� अपने� जी�वाने म� यहैं सन्��श दि�य� हैं@ किको हैंम�श� श्रीद्ध� और किवाश् वा�स को� स�थे जी�वाने य�पने कोरती� हुए सबaर� (सब्र)को� स�थे जी�वाने व्याती�ती कोर�।

म�नेवाती� हैं� सबस� बड़ों� धम हैं@स�ई ब�ब� ने� कोभ� भ� किकोस� को� धम को8 अवाहैं�लोने� नेहैं5 को8 अकिपती सभ� धमk को� सम्म�ने कोरने� को8 सलो�हैं ��ती� हुए हैंम�श� मनेवाती� को� हैं� सबस� बF� धम और कोम बती�ती� हुए जी�वाने जी�ने� को8 अमaल्य लिशक्ष� प्र��ने को8 हैं@।

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जी�कितीगोंती भ�� भ लो� कोर प्र�म पaवा को रहैंने�स�ई ब�ब� ने� कोहैं� हैं@ को8 जी�किती,सम�जी,भ��-भ�वा,आदि� सब ब�ती� ईश् वार ने� नेहैं5 बस्विल्को इ-स�ने द्व�र� बने�य� गोंय� हैं� इसलिलोए ईश् वार को8 नेजीर म� ने ती� को�ई उच्च हैं@ और ने हैं� को�ई किनेम्ने इसलिलोए जी� को�म ईश् वार को� भ� पस-� नेहैं5 हैं@ वाहैं मने ष्य को� ती� कोरने� हैं� नेहैं5 च�किहैंए। अथे� ती जी�ती-प�ती,धम ,सम�जी आदि� धिमथ्य� ब�ती म� ने पड़ों कोर आपस म� प्र�मपaवा को रहैंकोर जी�वाने व्याती�ती कोरने� च�किहैंए।

गोंर�ब� और लो�च�र को8 म�� कोरने� सबस� बड़ों� पaजी� हैं@स�ई ब�ब� ने� हैंम�श� हैं� सभ� जीनेम�नेस स� यहैं� ब�र-ब�र कोहैं� हैं@ किको सभ� को� स�थे हैं� सम�नेती� को� व्यावाहैं�र कोरने� च�किहैंए। गोंर�ब और लो�च�र को8 यथे�सम्भवा म�� कोरने� च�किहैंए और यहैं� सबस� बF� पaजी� हैं@। क्य�किको जी� गोंर�ब, लो�च�र को8 म�� कोरती� हैं@ ईश्वार उसको8 म�� कोरती� हैं@।

म�ती�-किपती�, ब जी गोंr, गों रुजीने, बF� को� सम्म�ने कोरने� च�किहैंएस�ई ब�ब� हैंम�श� हैं� समझ�ती� थे� किको अपने� स� बF� को� आ�र सम्म�ने कोरने� च�किहैंए। गों रुजीने� ब जीगोंr को� सम्म�ने कोरने� न्दिजीसस उनेको� आशsवा�� प्र�प्ती हैं�ती� हैं@ न्दिजीसस� हैंम�र� जी�वाने को8 म स्विश्कोलो म� सहैं�यती� धिमलोती� हैं@।

स�ई ब�ब� सवा समथे हैं� कोर भ� हैंम�श� अपने� जी�वाने स�धिमती स�धने द्व�र� हैं� व्याती�ती किकोए और सभ� जीनेम�नेस को� स��गों� एवा- सरलो जी�वाने व्याती�ती कोरने� लिसखा�ए-। क्य�किको सरलोती� पaवा को हैं� इस स-स�र म� प्रभ को� प्र�प्ती किकोय� जी� सकोती� हैं@। स�-ई हैंम�श� हैं� आFम्बर� स� म क्तो रहैं कोर यहैं बती�ती� थे� किको आFम्बर� म� हैं� अहैं-को�र को8 भवाने� किनेकिहैंती हैं�ती� हैं@। इसलिलोए अगोंर म क्तो हैं�ने� च�हैंती� हैं� सबस� पहैंलो� स्वाय- को� आFम्बर� स� छ टको�र� प�ने� हैं�गों�।

स�-ई ब�ब� जी� हैंम�श� हैं� यहैं� को�लिशश कोरती� रहैं� को8 जीनेम�नेस को ह्र�यपटलो म� स� सम�जी म� व्या�प्ती स�म�न्दिजीको को रिरती�य को� ने�श हैं� और सभ� प्र�म पaवा को रहैं कोर जी�वाने को� आने-� लो� क्यकिको हैंम�र� भ�रतीवार्ष म� किकोतीने� हैं� धम जी�किती को� लो�गों वा उनेको� सम ��य बस� हुए हैं�।और सभ� अपने� धम को� श्री�ष्टा बती�ती� हुए आपस म� मतीभ�� रखाती� हैं�। और न्दिजीसको� परिरणा�म लिसवा�य सम�न्दिजीको अर�जीकोती� और �न्गों� को� रुप म� स�मने� आती� हैं@। इलिसलिलोए ब�ब� ने� हैंम�श� हैं� यहैं कोहैं कोर को8 "सबको� म�लिलोको एको" गों रुम-त्रा दि�य� हैं@।

की�मीदा� एकी�दा�� व्रती

यहैं एको��श� च@त्राश क्लो पक्ष म� आती� हैं@। इस दि�ने भगोंवा�ने वा�स ��वा को� पaजीने किकोय� जी�ती� हैं@। व्रती को� एको दि�ने पaवा (�शम� को8 ��पहैंर) जीP, गों�हूं- और मa-गों आदि� को� एको ब�र भ�जीने कोरको� भगोंवा�ने को� स्मरणा कोरने� दूसर� दि�ने अथे� ती एको��श� को� प्र�ती: स्ने�ने�दि� स� किनेवाNत्त हैं�कोर व्रती को� स-कोल्प कोरको� भगोंवा�ने को8 पaजी� अच ने� कोर�। दि�ने-भर भजीने-को8ती ने कोर, र�कित्रा म� भगोंवा�ने को8 मaर्तितीy को� सम�प जी�गोंरणा कोरने� च�किहैंए। दूसर� दि�ने व्रती को� प�रणा कोरने� च�किहैंए। जी� भक्तो भलिक्तोपaवा को इस व्रती को� कोरती� हैं@ उसको8 समस्ती मने�को�मने�ए- पaणा हैं�ती� हैं� तीथे� सभ� प�प स� छ टको�र� धिमलोती� हैं@। इस व्रती म� नेमको नेहैं5 खा�य� जी�ती� हैं@।

कोथे�: धम र�जी य धिधधिzर कोहैंने� लोगों� किको हैं� भगोंवाने0! म� आपको� को�दिट-को�दिट नेमस्को�र कोरती� हूं{। अब आप कोN प� कोरको� च@त्रा श क्लो एको��श� को� महैं�त्म्य कोकिहैंए। श्री�कोN ष्णा कोहैंने� लोगों� किको हैं� धम र�जी! यहैं� प्रश्न एको समय र�जी� दि�लो�प ने� गों रु वालिशzजी� स� किकोय� थे� और जी� सम�ध�ने उन्हैंने� किकोय� वा� सब म� ती मस� कोहैंती� हूं{।

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प्र�च�नेको�लो म� भ�गों�प र ने�मको एको नेगोंर थे�। वाहैं�{ पर अने�को ऐश्वायk स� य क्तो प ण्Fर�को ने�म को� एको र�जी� र�ज्य कोरती� थे�। भ�गों�प र नेगोंर म� अने�को अप्सर�, किकोन्नर तीथे� गोंन्धवा वा�स कोरती� थे�। उनेम� स� एको जीगोंहैं लोलिलोती� और लोलिलोती ने�म को� �� स्त्रा�-प रुर्ष अत्य-ती वा@भवाश�लो� घर म� किनेवा�स कोरती� थे�। उने ��ने म� अत्य-ती स्ने�हैं थे�, यहैं�{ तीको किको अलोगों-अलोगों हैं� जी�ने� पर ��ने व्या�को लो हैं� जी�ती� थे�।

एको समय प ण्Fर�को को8 सभ� म� अन्य गों-धवाk सकिहैंती लोलिलोती भ� गों�ने कोर रहैं� थे�। गों�ती�-गों�ती� उसको� अपने� किप्रय लोलिलोती� को� ध्य�ने आ गोंय� और उसको� स्वार भ-गों हैं�ने� को� को�रणा गों�ने� को� स्वारूप किबगोंड़ों गोंय�। लोलिलोती को� मने को� भ�वा जी�नेकोर को�कोrट ने�मको ने�गों ने� प� भ-गों हैं�ने� को� को�रणा र�जी� स� कोहैं दि�य�। तीब प ण्Fर�को ने� क्रो�धपaवा को कोहैं� किको तीa म�र� स�मने� गों�ती� हुआ अपने� स्त्रा� को� स्मरणा कोर रहैं� हैं@। अती: तीa कोच्च� म�{स और मने ष्य को� खा�ने� वा�लो� र�क्षस बनेकोर अपने� किकोए कोम को� फलो भ�गों।

प ण्Fर�को को� श्री�प स� लोलिलोती उस� क्षणा महैं�को�य किवाश�लो र�क्षस हैं� गोंय�। उसको� म खा अत्य-ती भय-कोर, ने�त्रा सaय -च-द्रम� को8 तीरहैं प्र�[प्ती तीथे� म खा स� अग्निग्ने किनेकोलोने� लोगों�। उसको8 ने�को पवा ती को8 को- �र� को� सम�ने किवाश�लो हैं� गोंई और गों� ने पवा ती को� सम�ने लोगोंने� लोगों�। लिसर को� ब�लो पवा ती पर खाड़ों� वाNक्ष को� सम�ने लोगोंने� लोगों� तीथे� भ जी�ए{ अत्य-ती लो-ब� हैं� गोंईं। को लो धिमलो�कोर उसको� शर�र आठ य�जीने को� किवास्ती�र म� हैं� गोंय�। इस प्रको�र र�क्षस हैं�कोर वाहैं अने�को प्रको�र को� दु�खा भ�गोंने� लोगों�।

जीब उसको8 किप्रयतीम� लोलिलोती� को� यहैं वाNत्त�न्ती म�लोaम हुआ ती� उस� अत्य-ती खा�� हुआ और वाहैं अपने� पकिती को� उद्ध�र को� यत्ने स�चने� लोगों�। वाहैं र�क्षस अने�को प्रको�र को� घ�र दु�खा सहैंती� हुआ घने� वाने म� रहैंने� लोगों�। उसको8 स्त्रा� उसको� प�छ�-प�छ� जी�ती� और किवालो�प कोरती� रहैंती�। एको ब�र लोलिलोती� अपने� पकिती को� प�छ� घaमती�-घaमती� किवान्ध्य�चलो पवा ती पर पहु{च गोंई, जीहैं�{ पर श्रीN-गों� ऋकिर्ष को� आश्रीम थे�। लोलिलोती� श�घ्र हैं� श्रीN-गों� ऋकिर्ष को� आश्रीम म� गोंई और वाहैं�{ जी�कोर किवाने�ती भ�वा स� प्र�थे ने� कोरने� लोगों�।

उस� ��खाकोर श्रीN-गों� ऋकिर्ष ब�लो� किको हैं� स भगों�! ती म कोPने हैं� और यहैं�{ किकोस लिलोए आई हैं�? लोलिलोती� ब�लो� किको हैं� म ने�! म�र� ने�म लोलिलोती� हैं@। म�र� पकिती र�जी� प ण्Fर�को को� श्री�प स� किवाश�लोको�य र�क्षस हैं� गोंय� हैं@। इसको� म झको� महैं�ने दु�खा हैं@। उसको� उद्ध�र को� को�ई उप�य बतीलो�इए। श्रीN-गों� ऋकिर्ष ब�लो� हैं� गों-धवा कोन्य�! अब च@त्रा श क्लो एको��श� आने� वा�लो� हैं@, न्दिजीसको� ने�म को�म�� एको��श� हैं@। इसको� व्रती कोरने� स� मने ष्य को� सब को�य लिसद्ध हैं�ती� हैं�। यदि� तीa को�म�� एको��श� को� व्रती कोर उसको� प ण्य को� फलो अपने� पकिती को� �� ती� वाहैं श�घ्र हैं� र�क्षस य�किने स� म क्तो हैं� जी�एगों� और र�जी� को� श्री�प भ� अवाश्यम�वा श�-ती हैं� जी�एगों�।

म किने को� ऐस� वाचने स नेकोर लोलिलोती� ने� च@त्रा श क्लो एको��श� आने� पर उसको� व्रती किकोय� और द्व��श� को� ब्र�ह्मणा को� स�मने� अपने� व्रती को� फलो अपने� पकिती को� ��ती� हुई भगोंवा�ने स� इस प्रको�र प्र�थे ने� कोरने� लोगों� - हैं� प्रभ�! म�ने� जी� यहैं व्रती किकोय� हैं@ इसको� फलो म�र� पकिती��वा को� प्र�प्ती हैं� जी�ए न्दिजीसस� वाहैं र�क्षस य�किने स� म क्तो हैं� जी�ए। एको��श� को� फलो ��ती� हैं� उसको� पकिती र�क्षस य�किने स� म क्तो हैं�कोर अपने� प र�ने� स्वारूप को� प्र�प्ती हुआ। किफर अने�को स -�र वास्त्रा�भaर्षणा स� य क्तो हैं�कोर लोलिलोती� को� स�थे किवाहैं�र कोरने� लोगों�। उसको� पश्चा�ती वा� ��ने किवाम�ने म� ब@ठकोर स्वागों लो�को को� चलो� गोंए।

वालिशz म किने कोहैंने� लोगों� किको हैं� र�जीने0! इस व्रती को� किवाधिधपaवा को कोरने� स� समस्ती प�प ने�श हैं� जी�ती� हैं� तीथे� र�क्षस आदि� को8 य�किने भ� छa ट जी�ती� हैं@। स-स�र म� इसको� बर�बर को�ई और दूसर� व्रती नेहैं5 हैं@। इसको8 कोथे� पढ़ने� य� स नेने� स� वा�जीप�य यज्ञा को� फलो प्र�प्ती हैं�ती� हैं@।

अना�ग-त्रय%दा�� व्रती

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यहैं रूप एवा- सPभ�ग्य प्र��ने कोरने�वा�लो� व्रती हैं@. भगोंवा�ने श्री�कोN ष्णा ने� कोहैं�- महैं�र�जी! शर�रको� क्लो�श ��ने�वा�लो� बहुती-स� व्रती को� कोरने� स� क्य� लो�भ? अको� लो� अने-गोंत्राय��श� हैं� सब ��र्ष� को� शमने एवा- समस्ती म-गोंलो� को8 वाNन्दिद्ध कोरने� वा�लो� हैं@। आप इसको8 किवाधिध स ने�।

पहैंलो� जीब भगोंवा�ने श-कोर ने� को�म��वा को� �ग्ध कोर दि�य� । तीब वाहैं किबने� अ-गों को� हैं� सबको� शर�र म� किनेवा�स कोरने� लोगों�। को�म�� 0वा ने� इस व्रती को� किकोय� थे�, इस� स� इसको� ने�म अने-गों त्राय��श� व्रती पF�। इस व्रती म� म�गों श�र्ष म�स को8 श क्लो पक्षको8 त्राय��श� को� ने�[, ती�लो�ब, आदि� म� स्ने�ने कोर , न्दिजीती�न्द्र[य हैं� प ष्प, धaप, �[प0 ने@वा�द्य, और को�लो�द्भू�ती फलो स� भगोंवा�ने श-कोर को� 'शलिशश�खार' ने�म स� पaजीने कोर� और कितीलो सकिहैंती अक्षती स� हैंवाने कोर�। र�कित्रा को� मध प्र�शने कोर स� जी�य। इसस� व्रती� को�म��वा को� सम�ने हैं� स न्�र हैं� जी�ती� हैं@ और �स अश्वाम�ध यज्ञा� को� फलो प्र�प्ती कोरती� हैं@। इस� प्रको�र पPर्ष म�स को8 श क्लो पक्ष को8 त्राय��श� को� भगोंवा�ने श-कोर को� 'य�गों�श्वार' ने�म स� पaजीने कोर चन्�ने को� प्र�शने कोर� ती� शर�र म� चन्�ने को� सम�ने गोंन्ध हैं� जी�ती� हैं@ और व्रती� र�जीसaय यज्ञा को� फलो प्र�प्ती कोरती� हैं@। इस� प्रको�र फ�ल्गों ने म�स म� 'हैंर�श्वार' ने�म स� पaजीने कोर को- को�लोको� प्र�शने कोरने� स� अती को सPन्�य प्र�प्ती हैं�ती� हैं@। च@त्रा म� 'स रूपको' ने�म स� पaजीने कोरने� और कोपa र प्र�शने कोरने� स� व्रती� चन्द्रको� ती ल्य मने�हैंर हैं� जी�ती� हैं@ और महैं�ने सPभ�ग्य प्र�प्ती कोरती� हैं@ । वा@श�खाम� 'महैं�रूप' ने�मम� पaजीने कोरने� स� तीथे� जी�कितीफलो (जी�यफलो ) प्र�शने कोरने� स� उत्त, को लो को8 प्र�प्तिप्ती हैं�ती� हैं@ और उसको� सब को�म सफलो हैं� जी�ती� हैं@ तीथे� वाहैं सहैंस्त्रा गों���ने को� फलो प्र�प्ती कोर ब्रह्मलो�को म� किनेवा�स कोरती� हैं@ ।ज्य�z म� 'प्रद्य म्र'ने�म स� पaजीने कोरने� पर और लो�गों- को प्र�शने कोरने� स� उत्तम स्था�ने  श्री�z लोक्ष्म� और सभ� स खा-सम्प��ए- प्र�प्ती हैं�ती� हैं@ तीथे� वाहैं एको सP आठ वा�जीप�य यज्ञा� को� फलो प्र�प्ती कोरती� हैं@। आर्ष�ढ म� 'उम�भती� ' ने�म स� पaजीने कोर कितीलो��कोको� प्र�शने कोर�। इसस� उत्तम रूप प्र�प्ती हैं�ती� हैं@ तीथे� वाहैं सP वार्ष तीको स खा� जी�वाने व्याती�ती कोरती� हैं@ ।श्री�वाणा म� 'उम�पकिती' ने�म स� पaजीने कोर कितीलो� को� प्र�शने कोर�, इसस� प ण्Fर�को यज्ञा को� फलो प्र�प्ती हैं�ती� हैं@। भ�द्रप� म�स म� 'सद्य�जी�ती' ने�म स� पaजीने कोर अगोंरूको प्र�शने कोर�  इसस� वाहैं भaधिम पर सबको� गों रू बने� जी�ती� हैं@ और प त्रा-पPत्रा धने आदि� प्र�प्ती कोर बहुती दि�ने स-स�र म� स खा भ�गोंकोर अन्ती म�  किवाष्णा लो�को म� पaन्दिजीती हैं�ती� हैं@ आस्थि�वाने म�स म� 'कित्रा�श�धिधपकिती' ने�मस� पaजीने कोर स्वाणाr�कोको� प्र�शने कोर� ती� व्रती� उत्तम रूप ,सPभ�ग्य,प्रगोंल्भती� और कोरF किनेष्को���नेको� फलो प्र�प्ती कोरती� हैं@। को�र्तितीyको म� किवाश्वा�श्वार ने�म स� पaजीनेकोर �मने(�Pने�) फलो को� प्र�शने कोर� ती� व्रती� अपने� ब�हुबलोस� समस्ती स-स�रको� स्वा�म� हैं�ती� हैं@ और अन्ती म� लिशवालो�कोम� किनेवा�स कोरती� हैं@ ।

इस प्रको�र वार्ष भर इस उत्तम व्रती को� प�रणा� कोरने� च�किहैंए । किफर कोलोश स्था�किपती कोर उसको�a पर ती�म्रपत्रा  और उसको� ऊपर लिशवा को8 प्रकितीम� स्था�किपतीकोर श्वा�त्वास्त्रा स� आच्छा�दि�ती कोर�। गोंन्ध, प ष्प, धaप, ने@वा�द्य, आदि� स� उसको� पaजीने कोर उस� लिशवाभक्तो ब्र�ह्मणा�को� प्र��ने कोर ��। स�थे हैं� प�यस्विस्वाने�  सवात्स� गोंP, छ�ती� और यथे�शलिक्तो �क्षिक्षणा� ��ने� च�किहैंए । इस प्रको�र जी� इस अने-गोंत्राय��श�-व्रती को� कोरती� हैं@ और व्रतीप�रणा� को� समय महैं�ने उत्सवा कोरती� हैं@ वाहैं किनेष्कोण्टको र�ज्य , अय ष्य, बलो, यश तीथे� सPभ�ग्य प्र�प्ती कोरती� हैं@ और अन्ती म� लिशवालो�को म�म किनेवा�स कोरती� हैं@।

सात्यसा��ई मीहा�प्रय�ण दिदावासा

श्री� सत्य स�-ई ब�ब� आध्य�त्मित्मको गों रू प्र�रको व्यालिक्तोत्वा हैं� न्दिजीनेको� स-��श और आश�वा� � ने� पaर� दुकिनेय� को� लो�खा लो�गों को� सहैं� ने@कितीको मaल्य को� स�थे उपय�गों� जिंजीy�गों� जी�ने� को8 प्र�रणा� �[। श्री� सत्य स�-ई ब�ब� को� जीन्म 23 नेवाम्बर 1926 को� आ-ध्रप्र��श को� प टटपथेs गों�-वा म� हुआ थे�। बचपने म� उनेको� ने�म सत्यने�र�यणा र�जीa थे�। कोहैं� जी�ती� हैं@ किको जीब वा� हैं�ई स्कोa लो म� पढ़ रहैं� थे� ती� उन्हैं� एको अकिती किवार्ष@लो� किबच्छा ने� को�ट लिलोय� थे� और वा� को�म� म� चलो� गोंय� थे�। को�म� स� उठने� पर उनेको� व्यावाहैं�र किवालिचत्रा स� हैं� गोंय� थे�। वा� ने खा�ती� ने प�ती� बस प र�ने� श्लो�को एवा- म-त्रा को� उच्च�रणा कोरती� थे�। चP�हैं स�लो को8 उम्र म� उन्हैंने� अपने� जी�वाने लो�गों को8 स�वा� म� समर्तिपyती कोर दि�य�।

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उन्हैं� स�-ई ब�ब� को� अवाती�र म�ने� गोंय� हैं@। उनेको� जीन्म लिशरF� को� स�-ई ब�ब� को� स्वागों अर�हैंणा को� आठ स�लो ब�� हुआ थे�। सत्य स�-ई ब�ब� ने� अपने� भक्तो को8 बहुती म�� को8 तीथे� हैंम�श� अच्छा� आ�श म�नेने�, अच्छा� आचरणा कोरने�, अच्छा[ स�वा� भ�वा मने म� बने�य� रखाने� को� उप��श दि�य�। उनेको� कोहैंने� थे� किको - को�ई भ� धम ब�हैंतीर य� को�ई भ� धम खार�ब नेहैं� रहैंती�। हैंम� सभ� धमr को� सम्म�ने कोरने� च�किहैंए। ईश्वार को� वालो एको हैं@, उसको� ने�म अलोगों-अलोगों हैं� सकोती� हैं@। गोंर�ब जीरूरतीम-� वा ब�म�र को8 स�वा� किबने� किकोस� प्रकितीफलो को8 आश� को� स�थे कोरने� च�किहैंए। व्यालिक्तो को� र�जी को8 जिंजीy�गों� म� सत्य प्र�म, अच्छा� व्यावाहैं�र, श�प्तिन्ती , सहैं� सच, अहिंहैंyस� आदि� ने@कितीको मaल्य को� प�लोने कोरने� च�किहैंए।

श्री� सत्य स�-ई ब�ब� को� ब�र� म� कोहैं� जी�ती� हैं@ किको वा� किवापक्षित्त को� समय अपने� भक्तो को8 प को�र को� हैंम�श� स नेती� आय� हैं@ और श�र�रिरको रूप स� दूर हैं�ती� हुय� भ� चमत्को�रिरको रूप स� उने पर �य� बरस�ती� हैं�, उनेको8 म�� कोरती� हैं�। सच्च� मने स� उन्हैं� य�� कोरने� पर उनेको8 तीस्वा�र स� भभaती किनेकोलोती� हैं@ तीथे� भक्तो को� म�नेस-पटलो पर सहैं� दि�श� किने��श भ� धिमलोती� हैं�।

श्री� सत्य स�ईं ब�ब� को� आश्रीम को� ने�म प्रश�-ती� किनेलोयम हैं@ जी� किको सने0 1950 म� बनेकोर ती@य�र हुआ। ब�ब� अपने� भक्तो स� स�ध� धिमलोती� हैं�। उनेको� दि�लो को8 ब�ती स नेती� हैं�। उन्हैं� सत्य और आद्य�त्म को� ज्ञा�ने कोर�ती� हैं�। किपछलो� 50 वार्षr स� र�जी हैंजी�र को8 स-ख्य� म� भक्तोगोंणा उनेस� ज्ञा�ने वा आश�वा� � लो�ने� आती� हैं�। श्री� स�ईं ब�ब� ने� म�नेवाती� को� सबस� ऊपर रखाने� को� सन्��श अपने� भक्तो को� दि�य�। उनेको8 म�� और आश�वा� � स� कोई अस्पती�लो श@क्षक्षिणाको स-स्था�ने तीथे� प्र�जी�क्ट चलो रहैं� हैं�। उनेको� भक्तो दुकिनेय� को� 178 ��श म� हैं@। श्री� सत्य स�ईं ब�ब� को� धिमशने म�नेवाती�, स�वा�धम तीथे� ईश्वार भलिक्तो स� ओतीप्र�ती रहैं�। सत्य स�ईं ब�ब� ने� हैंम�श� भक्तो को� स्वाय- को� पहैंच�नेने� को� लिलोए प्र�रिरती किकोय�। उनेको� कोहैंने� हैं@ किको हैंम यहैं शर�र नेहैं� हैं� बस्विल्को हैंम अने-ती आत्म� हैं� जी� किको इस शर�र म� हैं�। जीब हैंम जी�गोंती� स�ती� अच्छा� किवाच�र शब्� और को�यk को� स�थे रहैं�गों� हैंम�र� प्र�म पकिवात्राती�, भलिक्तो और आद्य�त्म म� रुलिच हैंम� भगोंवा�ने को8 कोN प� दि�लो�ती� हैं@ और हैंम प्रभa को� अने-ती प्य�र को� प्र�प्ती कोर सकोती� हैं� ।

ऐस� म�ने� जी�ती� हैं@ किको लिशरF� म� स�-ई ब�ब� आ-ध्रप्र��श को� श्री� सत्य स�-ई ब�ब� को� ब�� कोने� टको म� प्र�म स�-ई ब�ब� को� प्र�दुभ� वा हैं�गों�। जी� सच्च� श्रीद्ध�लो ओं पर अपने� कोN प� स�� बरस�ती� रहैं�गों� ।श्री�हाना)मी�ना जय�ती� मीहा%त्सावा

च@त्रा म�स को8 पaर्णिणाyम� कितीलिथे को� दि�ने र�म भक्तो हैंने म�ने जी� को8 जीय-ती� हैं�ने� को� को�रणा, यहैं पaर्णिणाyम� अन्य सभ� पaर्णिणाyम�ओं स� अधिधको श भ म�ने� गोंई हैं@. इस दि�ने पकिवात्रा नेदि�य म� स्ने�ने, ��ने कोरने� स� पaर� म�स को8 श भती� बने� रहैंती� हैं@.

च@त्रा श क्लो पक्ष को8 पaर्णिणाyम� कितीलिथे र�म भक्तो को� जीन्म दि�वास हैं�ने� को� को�रणा एको महैं�त्सवा को� रुप म� मने�ई जी�ती� हैं@. इस दि�ने म�ने� जी�ती� हैं@, किको श्री� हैंने म�ने जी� ने� स�ती� को8 खा�जी को8 थे�, और लो-को� को� �हैंने भ� इस� दि�ने हैं�ने� को8 म�न्यती� हैं@. हैंने म�ने जी� को� जीन्म दि�वास हैं�ने� को� को�रणा इस दि�ने भगोंवा�ने श्री� हैंने म�ने जी� को� म-त्रा को� प�ठ और म-त्रा जी�प कोरने� इस दि�ने किवाश�र्ष कोल्य�णाको�र� कोहैं� गोंय� हैं@. हैंने म�ने जी� को� प्रसन्न कोरने� को� लिलोय� हैंने म�ने च�लो�स� को� प�ठ कोरने� भ� श भ रहैंती� हैं@. इस दि�ने य� सभ� को�य कोरने� स� व्यालिक्तो को� समस्ती कोष्टा को� किनेवा�रणा हैं�ती� हैं@.   

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च@त्रा श क्लो पक्ष को8 पaर्णिणाyम� कितीलिथे को� दि�ने भगोंवा�ने श्री� हैंने म�ने जी� को� जीन्म दि�वास हैं�ने� को� किवार्षय म� एको कोथे� प्रलिसद्ध हैं@. कोहैंती� हैं@, किको जीब अग्निग्ने ��वा स� धिमलो� खा�र, र�जी� �शरथे ने� अपने� ती�ने र�किनेय को� ब�-ट �[, ती� को@ को� य� को� हैं�थे म� स� एको च�लो ने� झपट्टा� म�रकोर को छ खा�र म -हैं म� लो� लो�, और वा�पस उF गोंई. च�लो जीब उFती�-उFती� ��वा� अ-जीने� को� आश्रीम को� ऊपर स� उF रहैं� ती�, अ-जीने� ऊपर ��खा रहैं� थे�. 

अ-जीने� को� म -हैं खा लो� हैं�ने� को� को�रणा खा�र को� थे�F� भ�गों उसको� म -हैं म� आकोर किगोंर गोंय� और अने�य�स हैं� वाहैं उस खा�र को� खा� गोंई. न्दिजीसस� उनेको� गोंभ स� लिशवाजी� को� अवाती�र हैंने म�ने जी� ने� जीन्म लिलोय�. च@त्रा म�स को8 प न्य कितीलिथे पaर्णिणाyम� को� म-गोंलोवा�र को� दि�ने, जीने�ऊ ध�रणा किकोय� हुए हैंने म�ने जी� को� जीन्म हुआ थे�. 

हैंने म�ने जीय-ती� को� दि�ने श्रीद्व�लो जीने अपने�- अपने� स�मथ्य को� अने स�र, सिंसyदुर को� च�लो�, लो�लो वास्त्रा, ध्वाजी� आदि� चढ�ती� हैं@. को� शर धिमलो� हुआ च-�ने, फa लो म� कोने�र आदि� को� प�लो�ए फa लो, धaप, अगोंरबती�, गों�य को� श द्ध घ� को� �[पको, आट� को� घ� म� स�कोकोर गों F धिमलो�य� हुए, लोड्डू न्दिजीन्हैं� कोस�र को� लोड्डू भ� कोहैं� जी�ती� हैं@. उनेको� भ�गों लोगों�य� जी�ती� हैं@. 

ने�रिरयलो और प�F को� भ�गों भ� लोगों�ने� स� भगोंवा�ने श्री� हैंने म�ने जी� श�घ्र प्रसन्न हैं�ती� हैं@. इसको� अकितीरिरक्तो ��खा-चaरम� को� प्रय�गों भ�गों म� किकोय� जी� सकोती� हैं@. को� लो� आदि� फलो भ� चढ�य�, जी�ती� हैं@. कोपaर स� श्री� र�म भक्तो को8 आरती� को8 जी�ती� हैं@. प्र�क्षिक्षणा� कोरको� , नेमस्को�र किकोय� जी�ती� हैं@. भजीने को8ती ने और जी�गोंरणा कोर�ने� को� किवाश�र्ष महैंत्वा हैं@. 

श्री� हैंने म�ने जीय-ती� को� दि�ने स न्�र को�ण्F, हैंने म�ने च�लो�स� आदि� को� प�ठ किकोय� जी�ती� हैं@. इस कितीलिथे म� कोई जीगोंहैं, पर म�लो� भ� लोगोंती� हैं@. न्दिजीने स्था�ने पर म�लो� लोगोंती� हैं@, उने स्था�ने म� स� को छ स्था�ने स�लो�सर, म�हैं�[प र, च�-�प�लो स्था�ने प्रम खा हैं@. 

इस व्रती को� बच्च स� लो�कोर बaढ तीको सभ� नेर-ने�रिरय को� द्व�र� किकोय� जी� सकोती� हैं@. इस व्रती को� कोरने� स� सभ� भक्तो किको मने�को�मने�ए- पaर� हैं�ती� हैं@. भगोंवा�ने श्री� हैंने म�ने जी� प्रत्यक्ष ��वा हैं@, और वा� सभ� को� स-कोट दूर कोरती� हैं@. यहैं म�ने� जी�ती� हैं@, किको त्मिस्त्राय को� हैंने म�ने जी� को� पaजीने नेहैं5 कोरने� च�किहैंए. ऎस� श�स्त्रा म� कोहैं� गोंय� हैं@. कोई श�स्त्रा म� यहैं कोहैं� गोंय� हैं@, किको हैंने म�ने जी� को8 और लिशवा जी� किको पaजी� कोरती� समय त्मिस्त्राओं को� उनेको8 पaजी� कोरने� भ� हैं�, ती� दूर स� हैं� कोरने� च�किहैंए. लिशवासिंलोyगों को� हैं�थे लोगों�ने� स� बचने� च�किहैंए. और हैंने म�ने जी� को8 मaर्तितीy को� हैं�थे लोगों� कोर पaजी� नेहैं5 कोरने� च�किहैंए.    

किबने� बजीर{गोंबलो� को� र�म को8 आर�धने� स{पaणा नेहैं¢ हैं�ती�। च@त्रा मध म�स को� सम�पने हैंने म�ने जीय-ती� स� हैं�ती� हैं@ एवा{ ग्र�ष्म ऋती को� आरम्भ हैं�ती� हैं@।श्री� पवानेस ती हैंने म�नेजी�, न्दिजीन्हैं£ श्री� ब�लो�जी� कोहैंकोर प को�र� जी�ती� हैं@, उनेको8 स्ती किती हैं@ - मने�जीवा- म�रुतीती ल्य वा�गों- न्दिजीती�न्दिन्द्रय- ब न्दिद्धमती�- वारिरzम0 । वा�ती�त्मजी- वा�नेरयaथे म ख्य- श्री� र�मदूती- लिशरस� नेम�धिम ॥उल्लो-घ्य लिसन्ध�� सलिलोलो- सलो�लो- य� श�कोवाधि¦ जीनेको�त्मजी�य�� ।आ��य ती�ने@वा ���हैं लो-को� नेम�धिम ती- प्र�ञ्जलिलोर�ञ्जने�यम0 ॥ अती लिलोती बलोध�म- हैं�म श@लो�भ��हैं- । �ने जीवाने कोN श�ने - ज्ञा�किनेने�मग्रगोंण्यम0 ॥सकोलोगों णा किनेध�ने- वा�नेर�णा�मध�श- । रघ पकिती वारदूती- वा�तीजी�ती- नेम�धिम ॥

कोच्छाप�वाती�र जीयन्ती�

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प र�ने� समय को8 ब�ती हैं@-��वाती�ओं और र�क्षस म� आपस� मतीभ�� को�   को�रणा शत्रा ती� बढ़ गोंई, आए दि�ने ��ने पक्ष म� लोड़ों�ई हैं�ती� रहैंती� थे�। एको दि�ने र�क्षस को� आक्रोमणा स� सभ� ��वाती� भयभ�ती हैं� गोंए। वा� भ�गोंती�-भ�गोंती� ब्रह्म� जी� को� प�स गोंए। ब्रह्म� जी� को8 र�य स� सभ� लो�गों जीगोंद्गु©रु को8 शरणा म� जी�कोर प्र�थे ने� कोरने� लोगों�। ��वाती�ओं को8 प्र�थे ने� स� प्रसन्न हैं�कोर भगोंवा�ने ने� कोहैं�, ‘‘��वाती�ओ! ती म लो�गों ��नेवार�जी बलिलो स� प्र�मपaवा को धिमलो�। उनेको� हैं� अपने� ने�ती� म�नेकोर सम द्र- मथेने� को8 ती@य�र� कोर�। सम द्र म-थेने को� अ-ती म� अमNती किनेकोलो�गों�। उस� प�कोर ती म लो�गों अमर हैं� जी�ओगों�।’’ यहैं कोहैंकोर भगोंवा�ने अ-तीध� ने हैं� गोंए।

इसको� ब�� ��वाती�ओं ने� बलिलो को� ने�ती� म�नेकोर वा�स किको ने�गों को� रस्स� और म-�र�चलो को� मथे�ने� बने�कोर सम द्र-

म-थेने श रू किकोय� परन्ती म-थेने श रू हैं�ने� पर म-�र�चलो हैं� सम द्र म� Faबने� लोगों�। सभ� लो�गों पर�श�ने हैं� गोंए। अ-ती म� किनेर�श हैं�कोर लो�गों ने� भगोंवा�ने को� सहैं�र� लिलोय�। भगोंवा�ने ती� सब जी�नेती� हैं� थे�। उन्हैंने� हैं-स कोर कोहैं�, ‘‘सब को�यk को� प्र�र-भ म� गोंणा�श जी� को8 पaजी� कोरने� च�किहैंए। किबने� उनेको8 पaजी� को� को�य लिसद्ध नेहैं5 हैं�ती�।’’ यहैं स नेकोर वा� लो�गों गोंणा�श जी� को8 पaजी� कोरने� लोगों�। उधर गोंणा�श जी� को8 पaजी� हैं� रहैं� थे�, इधर लो�लो�ध�र� भगोंवा�ने ने� कोच्छापरूप ध�रणा कोर म-�र�चलो को� अपने� प�ठ पर उठ� लिलोय�। तीत्पश्चा�ती सम द्र म-थेने श रू हुआ।

मथेती�-मथेती� बहुती ��र हैं� गोंई। अमNती ने किनेकोलो�। तीब भगोंवा�ने ने� सहैंस्रब�हु हैं�कोर स्वाय- हैं� ��ने ओर मथेने� प्र�र-भ किकोय�। उस� समय हैंलो�हैंलो किवार्ष किनेकोलो�, न्दिजीस� प�कोर भगोंवा�ने लिशवा ने�लोको- ठ कोहैंलो�ए-। इस� प्रको�र को�मध�ने , उच्च@:श्रीवा� ने�मको घ�ड़ों�, ऐर�वाती हैं�थे�, कोPस्ती भमक्षिणा, कोल्पवाNक्ष, अप्सर�ए-, भगोंवाती� लोक्ष्म�, वा�रुणा�, धने र्ष, च-द्रम�, शङ्0 खा, धन्वान्तीरिर और अ-ती म� अमNती किनेकोलो�। अमNती को� लिलोए ��वाती� और ��नेवा ��ने झगोंFऩे� लोगों�। तीब भगोंवा�ने ने� अपने� लो�लो� स� अमNती ��वाती�ओं को� हैं� दि�य�। अमNती प�कोर ��वाती� अमर हैं� गोंए।

वा� य द्ध म� किवाजीय� हुए। किवाजीय� ��वाती� ब�र-ब�र कोच्छाप भगोंवा�ने को8 स्ती किती कोरने� लोगों�। उनेको8 स्ती किती स� प्रसन्न हैं�कोर भगोंवा�ने ने� कोहैं�, ‘‘��वाती�ओ!  जी� लो�गों भगोंवा�ने को� आक्षिश्रीती हैं�कोर कोम कोरती� हैं�, वा� हैं� ��वाती� कोहैंलो�ती� हैं�। उन्हैं�  हैं� सच्च� स खा-श�-किती और अमNती य� अमNती-तीत्वा को8 प्र�प्तिप्ती हैं�ती� हैं@। किकोन्ती जी� अक्षिभम�ने को� सहैं�र� कोम कोरती� हैं�, उन्हैं� कोभ� भ� अमNती को8 प्र�प्तिप्ती नेहैं5 हैं� सकोती�।’ यहैं कोहैं कोर भगोंवा�ने कोच्छाप अ-तीध� ने हैं� गोंए।

आजी को� दि�ने जीलो, शब ती, छत्रा ,प�दुको�, अन्न,वास्त्रा, घड़ों� आदि� ��ने को� किवाश�र्ष महैंत्वा हैं@. पलो-गों ��ने स� मNत्य को� समय कोष्टा नेहैं5 हैं�ती� हैं@. चट�ई ��ने स� स खा म� वाNन्दिद्ध हैं�ती� हैं@. वास्त्रा ��ने ��ने� स� अको�लो मNत्य नेहैं5 हैं�ती� हैं@. खाश, को श एवा- जीलो ��ने� स� ��वाती�ओं स� सहैं�यती� धिमलोती� हैं@. इस स-स�र म� स�ती च�जी� प त्रा को� सम�ने हैं@, जी� क्रोमश: उत्तम श�स्त्रा को� श्रीवाणा, सत्स-गों, जीलो��ने, अन्न��ने, प�पलो वाNक्ष लोगों�ने� तीथे� प त्रा हैं@. जी� अन्न��ने कोरती� हैं�, उनेको� प त्रा यशस्वा� हैं�ती� हैं�. जी� गोंर�ब को� लिलोए कोमर� बने�ती� हैं�, उन्हैं� म�क्ष को8 प्र�प्तिप्ती हैं�ती� हैं@. फलो एवा- शब ती ��ने स� किपतीर को� अमNतीप�ने को� अवासर धिमलोती� हैं@. श�स्त्रा ऐस� उल्लो�खा हैं@ किको -

ने �य� सदृश� धमr ने �य� सदृश- तीप:।ने �य� सदृश- ��ने- ने �य� सदृश- सखा�।।

इस दि�ने हैंर जी�वा वाNक्ष आदि� पर �य� को� व्रती लो�ने� च�किहैंए किको अनेजी�ने� भ� किकोस� प्रको�र को8 हिंहैंyस� ने हैं�. स�प्तित्वाको जी�वाने हैं�, क्यकिको �य� को� सम�ने ने धम हैं@ ने तीप, इसको� सम�ने ने को�ई ��ने हैं@ ने धिमत्रा.

सा�कीष्टी� श्री�गण+�चती)र्थी. व्रती

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��वाती�ओं म� लिसफ गोंणा�श जी� को� सवा प्रथेम पaज्यने�य हैं�ने� को� गोंPरवा प्र�प्ती हैं@. महैं���वा लिशवा और प�वा ती� को� प त्रा गोंणा�श को� स-कोटम�चको, किवाघ्नेहैंती� कोहैं� जी�ती� हैं@. वाजीहैं हैं@ गोंणा�श जी� को� प्रथेम पaज्ने�य और किवाघ्ने हैंरने� को8 क्षमती�.

आजी स-कोष्टा� गोंणा�श चती थेs हैं@. चन्द्रम� को� उ�य हैं�ने� तीको स-कोष्टा चती थेs को� व्रती कोरने� को� महैंत्वा हैं@.

इस दि�ने किवाध�ने हैं@ किको मकिहैंलो�ए- स बहैं स्ने�ने कोर पकिवात्राती� को� स�थे भगोंवा�ने गोंणा�श को8 आर�धने� आर-भ कोर�. भगोंवा�ने गोंणा�श को8 प्रकितीम� को� समक्ष व्रती को� स-कोल्प लो�. इसको� ब�� धaप, �[प, गों-ध, प ष्प, प्रस�� आदि� स�लोहैं उपच�र स� श्री� गोंणा�श को� पaजीने स-पन्न कोर�. भगोंवा�ने श्री�गोंणा�श जी� को� प्रसन्न कोरने� को� स�धने बहुती हैं� सरलो और स गोंम हैं@. यहैं इतीने� आस�ने हैं@ किको इस� को�ई भ� कोर सकोती� और किबने� किकोस� म स्विश्कोलो को� . गोंणा�श जी� को8 पaजी� किबलोको लो लिशवा जी� को8 पaजी� को8 तीरहैं हैं@ न्दिजीसम� ने� अधिधको स�म�ने लोगोंती� हैं@ ने� समय बस च�किहैंए ती� प�को स�फ हृ�य. न्दिजीस तीरहैं लिशवा जी� ब�लो को� पत्त स� हैं� खा श हैं� जी�ती� हैं� वा@स� हैं� गोंणा�श जी� भ� म�त्रा भलिक्तो भ�वा को� प्य�स� हैं�ती� हैं�. भगोंवा�ने श्री�गोंणा�शजी� को� प्रसन्न कोरने� को� स�धने बहुती हैं� सरलो और स गोंम हैं@.

गोंणा�श जी� को� म-त्रा भ� बड़ों� हैं� सरलो हैं@. किनेम्ने म-त्रा को� पaजी� कोरती� समय पदिढए:

गोंजी�नेने- भaतीगोंणा�दि�स�किवाती- कोकिपत्थ जीम्बa फलो च�रु भक्षणाम0।। उम� स ती- श�कोकिवाने�श को�रको- नेम�धिम किवाध्ने�श्वार प��पको- जीम0।।

एको ब�र महैं���वाजी� प�वा ती� सकिहैंती नेम �� को� तीट पर गोंए. वाहैं�- एको स -�र स्था�ने पर प�वा ती�जी� ने� महैं���वाजी� को� स�थे चPपड़ों खा�लोने� को8 इच्छा� व्याक्तो को8. तीब लिशवाजी� ने� कोहैं�- हैंम�र� हैं�र-जी�ती को� स�क्ष� कोPने हैं�गों�? प�वा ती� ने� तीत्को�लो वाहैं�- को8 घ�स को� कितीनेको� बट�रकोर एको प तीलो� बने�य� और उसम� प्र�णा-प्रकितीz� कोरको� उसस� कोहैं�- ब�ट�! हैंम चPपड़ों खा�लोने� च�हैंती� हैं�, किकोन्ती यहैं�- हैं�र-जी�ती को� स�क्ष� को�ई नेहैं5 हैं@. अती� खा�लो को� अन्ती म� ती म हैंम�र� हैं�र-जी�ती को� स�क्ष� हैं�कोर बती�ने� किको हैंमम� स� कोPने जी�ती�, कोPने हैं�र�?

खा�लो आर-भ हुआ. �@वाय�गों स� ती�ने ब�र प�वा ती� जी� हैं� जी�ती5. जीब अ-ती म� ब�लोको स� हैं�र-जी�ती को� किनेणा य कोर�य� गोंय� ती� उसने� महैं���वाजी� को� किवाजीय� बती�य�. परिरणा�मती� प�वा ती�जी� ने� क्रो द्ध हैं�कोर उस� एको प�-वा स� लो-गोंड़ों� हैं�ने� और वाहैं�- को� को8चड़ों म� पड़ों� रहैंकोर दु�खा भ�गोंने� को� श्री�प �� दि�य�.

ब�लोको ने� किवानेम्रती�पaवा को कोहैं�- म�-! म झस� अज्ञा�नेवाश ऐस� हैं� गोंय� हैं@. म�ने� किकोस� को दिटलोती� य� द्व�र्ष को� को�रणा ऐस� नेहैं5 किकोय�. म झ� क्षम� कोर� तीथे� श�प स� म लिक्तो को� उप�य बती�ए-. तीब ममती�रूप� म�- को� उस पर �य� आ गोंई और वा� ब�लो5- यहैं�- ने�गों-कोन्य�ए- गोंणा�श-पaजीने कोरने� आए-गों�. उनेको� उप��श स� ती म गोंणा�श व्रती कोरको� म झ� प्र�प्ती कोर�गों�. इतीने� कोहैंकोर वा� को@ लो�श पवा ती चलो� गोंईं.

एको वार्ष ब�� वाहैं�- श्री�वाणा म� ने�गों-कोन्य�ए- गोंणा�श पaजीने को� लिलोए आईं. ने�गों-कोन्य�ओं ने� गोंणा�श व्रती कोरको� उस ब�लोको को� भ� व्रती को8 किवाधिध बती�ई. तीत्पश्चा�ती ब�लोको ने� 12 दि�ने तीको श्री�गोंणा�शजी� को� व्रती किकोय�. तीब गोंणा�शजी� ने� उस� �श ने ��कोर कोहैं�- म� ती म्हैं�र� व्रती स� प्रसन्न हूं-. मने�वा�-लिछती वार म�-गों�. ब�लोको ब�लो�- भगोंवाने! म�र� प�-वा म� इतीने� शलिक्तो �� �� किको म� को@ लो�श पवा ती पर अपने� म�ती�-किपती� को� प�स पहु-च सकोa- और वा� म झ पर प्रसन्न हैं� जी�ए-.

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गोंणा�शजी� ‘तीथे�स्ती ’ कोहैंकोर अ-तीध� ने हैं� गोंए. ब�लोको भगोंवा�ने लिशवा को� चरणा म� पहु-च गोंय�. लिशवाजी� ने� उसस� वाहैं�- तीको पहु-चने� को� स�धने को� ब�र� म� पaछ�.

तीब ब�लोको ने� स�र� कोथे� लिशवाजी� को� स ने� �[. उधर उस� दि�ने स� अप्रसन्न हैं�कोर प�वा ती�जी� लिशवाजी� स� भ� किवाम खा हैं� गोंई थे5. तीदुपर�-ती भगोंवा�ने श-कोर ने� भ� ब�लोको को8 तीरहैं 21 दि�ने पय न्ती श्री�गोंणा�श को� व्रती किकोय�, न्दिजीसको� प्रभ�वा स� प�वा ती� को� मने म� स्वाय- महैं���वाजी� स� धिमलोने� को8 इच्छा� जी�ग्रती हुई.

वा� श�घ्र हैं� को@ लो�श पवा ती पर आ पहु-च�. वाहैं�- पहु-चकोर प�वा ती�जी� ने� लिशवाजी� स� पaछ�- भगोंवाने! आपने� ऐस� कोPने-स� उप�य किकोय� न्दिजीसको� फलोस्वारूप म� आपको� प�स भ�गों�-भ�गों� आ गोंई हूं{. लिशवाजी� ने� ‘गोंणा�श व्रती’ को� इकितीहैं�स उनेस� कोहैं दि�य�.

तीब प�वा ती�जी� ने� अपने� प त्रा को�र्तितीyको� य स� धिमलोने� को8 इच्छा� स� 21 दि�ने पय न्ती 21-21 को8 स-ख्य� म� दूवा� , प ष्प तीथे� लोड्डुF ओं स� गोंणा�शजी� को� पaजीने किकोय�. 21 वा� दि�ने को�र्तितीyको� य स्वाय- हैं� प�वा ती�जी� स� आ धिमलो�. उन्हैंने� भ� म�- को� म खा स� इस व्रती को� म�हैं�त्म्य स नेकोर व्रती किकोय�.

को�र्तितीyको� य ने� यहैं� व्रती किवाश्वा�धिमत्राजी� को� बती�य�. किवाश्वा�धिमत्राजी� ने� व्रती कोरको� गोंणा�शजी� स� जीन्म स� म क्तो हैं�कोर ‘ब्रह्म-ऋकिर्ष’ हैं�ने� को� वार म�-गों�. गोंणा�शजी� ने� उनेको8 मने�को�मने� पaणा को8. ऐस� हैं� श्री� गोंणा�शजी�, जी� सबको8 को�मने�ए- पaणा कोरती� हैं�.

साती� अना)सा�य� जय�ती�

अने सaय� जी� को� स्था�ने पकितीव्रती� त्मिस्त्राय श्री�णा� म� सवाrपर� रहैं� हैं@. �क्ष प्रजी�पकिती को8 चPब�स कोन्य�ओं म� स� एको थे� अने सaय� जी� मने स� पकिवात्रा ए-वा किनेश्छलो प्र�म को8 परिरभ�र्ष� थे5 इन्हैं� सती� स�ध्वा� रूप म� तीथे� एको आ�श ने�र� को� रूप म� जी�ने� जी�ती� हैं@. अत्यन्ती उच्च को लो म� जीन्म हैं�ने� पर भ� इनेको� मने म� को�ई अ-हैं को� भ�वा नेहैं5 थे�.

इनेको� स-पaणा जी�वाने हैं� एको आ�श रहैं� हैं@. पPर�क्षिणाको तीथ्य को� आध�र को8 यदि� ब�ती को8 जी�ए ती� म�ती� स�ती� जी� भ� इनेको� ती�जी स� बहुती प्रभ�किवाती हुई थे� तीथे� उनेस� प्र�प्ती भ�ट को� सहैंर्ष स्वा�को�र कोरती� हुए नेमने किकोय�. अने सaय� जी� को� किवावा�हैं ब्रह्म� जी� को� म�नेस प त्रा परम तीपस्वा� महैंर्तिर्षy अकित्रा जी� को� स�थे हुआ थे�. अपने� स�वा� तीथे� समर्तिपyती प्र�म स� इन्हैंने� अपने� पकिती धम को� स�@वा प�लोने किकोय�.

सती� अनेसaइय� को� स-ब-ध को छ पPर�क्षिणाको म�न्यती�ओं को� ��खा� जी� सकोती� हैं@ न्दिजीसको� अने स�र कोहैं� जी�ती� हैं@ को8 ��वा� अनेस य� बहुती पतीव्रती� थे� न्दिजीस को�रणा उनेको8 ख्य�ती� ती�ने लो�को म� फ@ लो गोंई थे�. उनेको� इस सती� धम को� ��खाकोर ��वा� प�वा ती�, लोक्ष्म� जी� और ��वा� सरस्वाती� जी� को� मने म� द्व�र्ष को� भ�वा जी�गोंNती हैं� गोंय� थे�. न्दिजीस को�रणा उन्हैंने� अनेसaइय� किको सच्च�ई एवा- पती�व्रती� को� धम को8 परिरक्ष� लो�ने� को8 ठ�ने� तीथे� अपने� पकितीय लिशवा, किवाष्णा और ब्रह्म� जी� को� अनेसaय� को� प�स पर�क्ष� लो�ने� को� लिलोए भ�जीने� च�हैं�.

भगोंवा�ने ने� ��वा�य को� समझ�ने� को� पaणा प्रय�स किकोय� हिंकोyती जीब ��किवाय�- नेहैं5 म�ने� ती� किवावाश हैं�कोर ती�ने� ��वाती� ऋकिर्ष को� आश्रीम पहु{च�. वाहैं�- जी�कोर ��वा ने� सध ओं को� वा�श ध�रणा कोर लिलोय� और आश्रीम को� द्व�र पर भ�जीने को8 म�-गों कोरने� लोगों�. जीब ��वा� अनेसaय� उन्हैं� भ�जीने ��ने� लोगों� ती� उन्हैंने� ��वा� को� स�मने� एको शती रखा� को8 वाहैं ती�ने तीभ� यहैं भ�जीने स्वा�को�र कोर�गों� जीब ��वा� किनेवा स्त्रा हैं�कोर उन्हैं� भ�जीने पर�स�गों�. इस पर ��वा�

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सिंचyती� म� Faब गोंई वाहैं ऎस� को@ स� कोर सकोती� हैं�. अती: ��वा� ने� आ-खा� मa-� कोर पकिती को� य�� किकोय� इस पर उन्हैं� दि�व्या दृधिष्टा प्र�प्ती हुई तीथे� स�ध ओं को� वा�श म� उपस्थिस्थाती ��वा को� उन्हैंने� पहैंच�ने लिलोय�. तीब ��वा� अनेसaय� ने� कोहैं� को8 जी� वाहैं स�ध च�हैंती� हैं� वाहैं ज़रूर पaर� हैं�गों� हिंकोyती इसको� लिलोए स�ध ओं को� लिशश रूप लो�कोर उनेको� प त्रा बनेने� हैं�गों�.

इस ब�ती को� स नेकोर कित्रा��वा लिशश रूप म� ब�लो गोंए न्दिजीसको� फलोस्वारूप म�ती� अनेसaइय� ने� ��वा को� भ�जीने कोरवा�य�. इस तीरहैं ती�ने ��वा म�ती� को� प त्रा बने कोर रहैंने� लोगों�. इस पर अधिधको समय ब�ती जी�ने� को� पश्चा�ती भ� कित्रा��वा ��वालो�को नेहैं5 पहु{च� ती� प�वा ती�, लोक्ष्म� और सरस्वाती� जी� सिंचyकितीती एवा- दुखा� हैं� गोंई इस पर ती�ने ��किवाय ने� सती� अनेसaइय� को� समक्ष क्षम� म�-गों� एवा- अपने� पकितीय को� ब�लो रूप स� मaलो रूप म� लो�ने� को8 प्र�थे ने� को8 ऐस पर म�ती� अनेसaय� ने� कित्रा��वा को� उनेको� रूप प्र��ने किकोय� और तीभ� स� वाहैं म�- सती� अनेसaइय� को� ने�म स� प्रलिसद्ध हुई.

म�{ अने सaय� को� �श ने प�कोर सभ� लो�गों धन्य हैं� जी�ती� हैं� इसको8 पकिवात्राती� सभ� को� मने म� सम� जी�ती� हैं� सभ� त्मिस्त्राय�- म�- सती� अनेसaय� स� पकितीव्रती� हैं�ने� को� आलिशवा� � प�ने� को8 को�मने� कोरती� हैं�. प्रकिती वार्ष सती� अनेसaइय� जी� जीय-ती� को� आय�जीने किकोय� जी�ती� हैं@. इस उत्सवा को� समय म�लो को� भ� आय�जीने हैं�ती� हैं@. र�म�यणा म� इनेको� जी�वाने को� किवार्षय म� बती�य� गोंय� हैं@ न्दिजीसको� अने स�र वानेवा�स को�लो म� जीब र�म, स�ती� और लोक्ष्मणा जीब महैंर्तिर्षy अकित्रा को� आश्रीम म� जी�ती� हैं� ती� अने सaय� जी� ने� स�ती� जी� को� पकितीव्रती धम को8 लिशक्ष� �[ थे�. सती� अनेसaइय� जी� भ�रती�य सभ्यती� को� उज्जवालो स्वारूप भ� हैं@.

श्री�मीहा�की�ले+श्वरा की+ ध्वाज की� नागरा-भ्रमीणश्री� महैं�को�लो�श्वार ज्य�कितीर्लिंलोyगों म�लोवा प्र�न्ती को8 प र�णा प्रलिसद्ध अवा-कितीको� नेगोंर� ,न्दिजीस� आजी उज्ज@ने कोहैंती� हैं@ ,जी� परम प�वाने क्षिक्षप्र� ने�[ को� तीट पर स्थिस्थाती हैं@ ,उस� म� किवाद्यम�ने हैं@ !इस मकिहैंम� मय ज्य�कितीर्लिंलोyगों को8 स्था�पने� स� सम्ब-धिधती  एती�हैं�लिसको गों�थे� यहैं हैं@ को8 किकोस� समय म� उज्ज@ने नेगोंर� म� च-द्रस�ने  नेमको र�जी� र�ज्य कोरती� थे� ,वाहैं लिशवा को� अनेन्य भक्तो थे� !एको दि�ने जीब वाहैं लिशवा को8 आर�धने� कोर रहैं� थे� ,उस समय श्री�कोर ने�मको एको प�-च वार्षsय गों�प ब�लोको अपने� म�{ को� स�थे वाहैं� स� हैं�कोर किनेकोलो� !ब�लोको लिशवा पaजीने को� ��खाकोर स्वाय- भ� एको प�र्षणा खा-F लो�कोर उस� को� लिशवा म�नेकोर पaजीने म� लो�ने हैं� गोंय� !म�ती� ने� भ�जीने को� लिलोए ब लो�य� पर वाहैं ब�लोको नेहैं5 आय� और उसको8 सम�धिध भ� भ-गों नेहैं5 हुई !म�ती� ने� क्रो�ध म� आकोर उस प्रस्तीर खा-F को� उठ�कोर फ� को दि�य� न्दिजीस� वाहैं लिशवा म�नेकोर पaजीने कोर रहैं� थे� !भक्तो ब�लोको ने� भगोंवा�ने0 श-कोर को� प को�र� और उनेको� �श ने को� लिलोए ब�र -ब�र किबलो�प कोरने� लोगों� !अ-ती म� भ�लो�ने�थे प्रसन्न हुए और ब�लोको को� सम्म खा स�ने� को� किकोवा�ड़ों  स� य क्तो रत्ने जीदिटती म-�[र हैं� गोंय� ,उसने� ��खा� भ�तीर प्रको�शवा�ने ज्य�कितीर्लिंलोyगों हैं@ !ब�लोको ब�र -ब�र स्ती किती कोरने� लोगों� , यहैं स-वा�� स नेकोर र�जी� भ� वाहैं� आय� और ब�लोको को8 बड़ों� प्रश-स� को8 !उस� अवासर पर हैंने म�ने जी� प्रकोट हुए और उपस्थिस्थाती जीने स� कोहैं� किको एस ब�लोको को8 आठवा� प�ढ[ म� नेन्� गों�प को� जीन्म हैं�गों� !उसको� यहैं�{ भगोंवा�ने0 श्री� किक्रोष्णा प त्रा  रूप म� किवाकिवाध लो�लो�ए कोर-गों� !इतीने� कोहैंकोर हैंने म�ने जी� लो�पती� हैं� गोंए !यहैं श्री� महैं�को�लो�श्वार म-�[र मध्य प्र��श को� उज्ज@ने न्दिजीलो� म� हैं@ जी� भ�प�लो स� लोगोंभगों 100 किकोलो� म�टर और इ-�Pर स� लोगोंभगों 50 किकोलो� म�टर हैं@ !इस प�वाने नेगोंर� म� महैं�को�लो�श्वार म-�[र को� अलो�वा� बहुती अच्छा�   -अच्छा�   म-�[र भ� हैं@ जी� उज्ज@ने किको श�भ� बड़ों� रहैं� हैं@ !हिंहैंyदू- धम म� यहैं म�न्यती�य� हैं@ किको जी� प रूर्ष एवा- मकिहैंलो� इस प र� म� प्रवा�किहैंती क्षिक्षप्र� ने�[ म� स्ने�ने कोरको� भगोंवा�ने0 महैं�को�लो�श्वार को� �श ने कोरती� हैं@ वाहैं मNत्य स� कोभ� नेहैं5 Fरती�  ने हैं� कोभ� सिंचyकितीती हैं�ती� हैं@ और उस� म लिक्तो प्र�प्ती हैं�ती� हैं@ !

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भ�रती म� भगोंवा�ने0 भ�लो� श-कोर  जी� को� ब�रहैं ज्य�कितीर्लिंलोyगों प्रम खा म�ने� जी�ती�  हैं@ जी� श्री� ओम्को�र�श्वार,श्री� महैं�को�लो�श्वार ,श्री� मस्थिल्लोको�जी ने ,श्री� स�मने�थे ,श्री� त्र्यम्बको� श्वार ,श्री� किवाश�श्वार ,श्री� भ�म श-कोर ,श्री� को� ��र�श्वार ,श्री� घ श्म�श्वार ,श्री� र�म�श्वारम ,श्री� ने�गों�श्वारम ,श्री� वा@द्यने�थे ,हैं@ !न्दिजीसम� महैं�को�लो�श्वार को� बड़ों� स्था�ने हैं@ !

सा�ती ती)की�रा�मी जयन्ती�स-ती ती को�र�म (1608-1650), न्दिजीन्हैं� ती को�र�म को� ने�म स� भ� जी�ने� जी�ती� हैं@ सत्राहैंवा5 शती�ब्�[ एको महैं�ने स-ती कोकिवा थे� जी� भ�रती म� लो-ब� समय तीको चलो� भलिक्तो आ-��लोनेको� एको प्रम खा स्ती-भ थे�।

को�र�म को� जीन्म पaने� न्दिजीलो� को� अ-तीगों ती ��हूं ने�मको ग्र�म म� शको� 1520; सने0 1598 म� हुआ। इनेको8 जीन्मकितीलिथे को� स-ब-ध म� किवाद्व�ने म� मतीभ�� हैं@ तीथे� सभ� दृधिष्टाय स� किवाच�र कोरने� पर शको� 1520 म� जीन्म हैं�ने� हैं� म�न्य प्रती�ती हैं�ती� हैं@। पaवा को� आठवा� प रुर्ष किवाश्वा-भर ब�ब� स� इनेको� को लो म� किवाट्ठलो को8 उप�सने� बर�बर चलो� आ रहैं� थे�। इनेको� को लो को� सभ� लो�गों प-ढरप र को8 य�त्रा� (वा�र�) को� लिलोय� किनेयधिमती रूप स� जी�ती� थे�। ��हूं गों�{वा को� महैं�जीने हैं�ने� को� को�रणा वाहैं�{ इनेको� को टa-ब प्रकितीधिzती म�ने� जी�ती� थे�। इनेको8 ब�ल्य�वास्था� म�ती� कोनेको�ई वा किपती� बहैं�ब� को8 ��खार�खा म� अत्य-ती दुलो�र स� ब�ती�, हिंकोyती जीब य� प्र�य: 18 वार्ष को� थे� इनेको� म�ती�किपती� को� स्वागों वा�स हैं� गोंय� तीथे� इस� समय ��श म� पड़ों भ�र्षणा अको�लो को� को�रणा इनेको8 प्रथेम पत्ने� वा छ�ट� ब�लोको को8 भaखा को� को�रणा तीड़ोंपती� हुए मNत्य हैं� गोंई। किवापक्षित्तय को8 ज्वा�लो�ओं म� झ लोस� हुए ती को�र�म को� मने प्रप-च स� ऊब गोंय�। इनेको8 दूसर� पत्ने� जी�जी� ब�ई बड़ों� हैं� कोको श� थे�। य� स�-स�रिरको स खा स� किवारक्तो हैं� गोंए। लिचत्त को� श�-किती धिमलो�, इस किवाच�र स� ती को�र�म प्रकितीदि�ने ��हूं गों�{वा को� सम�प भ�वाने�थे ने�मको पहैं�ड़ों� पर जी�ती� और भगोंवा�ने0 किवाट्ठलो को� ने�मस्मरणा म� दि�ने व्याती�ती कोरती�।

प्रपचपर�F0म़ु खा हैं� तीन्मयती� स� परम�श्वार प्र�प्तिप्ती को� लिलोय� उत्को- दिठती ती को�र�म को� ब�ब� जी� च@तीन्य ने�मको स�ध ने� म�घ श द्ध 10 शको� 1541 म� 'र�मकोN ष्णा हैंरिर' म-त्रा को� स्वाप्न म� उप��श दि�य�। इसको� उपर�-ती इन्हैंने� 17 वार्ष स-स�र को� सम�ने रूप स� उप��श ��ने� म� व्याती�ती किकोए। सच्च� वा@र�ग्य तीथे� क्षम�श�लो अ-ती:कोरणा को� को�रणा इनेको8 हिंनेy�� कोरने�वा�लो� हिंनेy�को भ� पश्चाती�प कोरती� हूंए इनेको� भक्तो बने गोंए। इस प्रको�र भगोंवाती धम को� सबको� उप��श कोरती� वा परम�थे म�गों को� आलो�किकोती कोरती� हुए अधम को� खा-Fने कोरने�वा�लो� ती को�र�म ने� फ�ल्गों ने ब�[ (कोN ष्णा) द्व��श�, शको� 1571 को� ��वाकिवासजी ने किकोय�।

ती को�र�म को� म खा स� समय समय पर सहैंजी रूप स� परिरस्फु दिटती हैं�ने�वा�लो� 'अभ-गों' वा�णा� को� अकितीरिरक्तो इनेको8 अन्य को�ई किवाश�र्ष स�किहैंप्तित्यको कोN किती नेहैं5 हैं@। अपने� जी�वाने को� उत्तर�ध म� इनेको� द्व�र� गों�ए गोंए तीथे� उस� क्षणा इनेको� लिशष्य द्व�र� लिलोखा� गोंए लोगोंभगों 4000 अभ-गों आजी उपलोब्ध हैं�।

स-ती ज्ञा�ने�श्वार द्व�र� लिलोखा� गोंई 'ज्ञा�ने�श्रीवार�' तीथे� श्री� एकोने�थे द्व�र� लिलोग्निखाती 'एकोने�थे� भ�गोंवाती' को� ब�रकोर� स-प्र��यवा�लो को� प्रम खा धम ग्र-थे हैं�। इस वा�-F0मय को8 छ�प ती को�र�म को� अ-भ-गों पर दि�खालो�ई पड़ोंती� हैं�। ती को�र�म ने� अपने� स�धको अवास्था� म� इने पaवा को�लो�ने स-ती को� ग्र-थे को� गोंहैंर�ई तीथे� श्रीद्ध� स� अध्ययने किकोय�। इने ती�ने स-ती कोकिवाय को� सकिहैंत्य म� एको हैं� आध्य�त्म सaत्रा किपर�य� हुआ हैं@ तीथे� ती�ने को� प�रम�र्थिथेyको किवाच�र को� अ-तीर-गों भ� एकोरूप हैं@। ज्ञा�ने��वा को8 स मध र वा�णा� को�व्या�लो-को�र स� म-किFती हैं@, एकोने�थे को8 भ�र्ष� किवास्तीNती और रस्प्लो�किवाती हैं@ पर ती को�र�म को8 वा�णा� सaत्राबद्ध, अल्प�क्षर, रमणा�य तीथे� मम भ��को हैं�।

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ती को�र�म को� अभ-गों वा�F0मय अत्य-ती आत्मपर हैं�ने� को� को�रणा उसम� उनेको� प�रम�र्थिथेyको जी�वाने को� स-पaणा �श ने हैं�ती� हैं@। कोPट -किबको आपक्षित्तय स� त्रास्ती एको स�म�न्य व्यालिक्तो किकोस प्रको�र आत्मस�क्ष�त्को�र� स-ती बने सको�, इसको� स्पष्टा रूप उनेको� अभ-गों म� दि�खालो�ई पड़ोंती� हैं@। उनेम� उनेको� आध्य�त्मित्मको चरिरत्रा को8 स�को�र रूप म� ती�ने अवास्था�ए{ दि�खालो�ई पड़ोंती� हैं�।

प्रथेम स�धको अवास्था� म� ती को�र�म मने म� किकोए किकोस� किनेश्चाय�ने स�र स-स�र स� किनेवाNती तीथे� परम�थे को8 ओर प्रवाNती दि�खालो�ई पड़ोंती� हैं�।

दूसर� अवास्था� म� ईश्वार स�क्ष�त्को�र को� प्रयत्ने को� असफलो हैं�ती� ��खाकोर ती को�र�म अत्यधिधको किनेर�श� को8 स्थिस्थाकिती म� जी�वाने य�पने कोरने� लोगों�। उनेको� द्व�र� अने भaती इस चनेम ने@र�श्य को� जी� सकिवास्ती�र लिचत्राणा अ-भ-गों वा�णा� म� हुआ हैं� उसको8 हृ�यवा�धकोती� मर�ठ¾ भ�र्ष� म� सवा थे� अकिद्वती�य हैं@।

हिंकोyकोती व्यामaढ़ती� को� अ-धको�र म� ती को�र�म जी� को8 आत्म� को� तीड़ोंप�ने�वा�लो� घ�र तीमस्विस्वाने� को� श�घ्र हैं� अ-ती हुआ और आत्म स�क्ष�त्को�र को� सaय स� आलो�किकोती ती को�र�म ब्रह्म�ने-� म� किवाभ�र हैं� गोंए। उनेको� आध्य�त्मित्मको जी�वानेपथे को8 यहैं अ-कितीम एवा- लिचरवा�-लिछती सफलोती� को8 अवास्था� थे�।

इस प्रको�र ईश्वारप्र�प्तिप्ती को8 स�धने� पaणा हैं�ने� को� उपर�-ती ती को�र�म को� म खा स� जी� उप��शवा�णा� प्रकोट हुई वाहैं अत्य-ती महैंत्वापaणा और अथे पaणा हैं@। स्वाभ�वाती: स्पष्टावा��[ हैं�ने� को� को�रणा इनेको8 वा�णा� म� जी� कोठ�रती� दि�खालो�ई पड़ोंती� हैं@, उसको� प�छ� इनेको� प्रम खा उद्दे�श्य सम�जी स� दुष्टा को� किने� लोने कोर धम को� स-रक्षणा कोरने� हैं� थे�। इन्हैं�ने� स�@वा सत्य को� हैं� अवालो-बने किकोय� और किकोस� को8 प्रसन्नती� और अप्रसन्नती� को8 ओर ध्य�ने ने ��ती� हुए धम स-र-क्षणा को� स�थे स�थे प�खा-Fखा-Fने को� को�य किनेर-तीर चलो�य�। ��क्षिभको स-ती, अने भवाशaन्य प�थे�प-किFती, दुर�च�र� धम गों रु इत्य�दि� सम�जीको- टको को8 उन्हैं�ने� अत्य-ती ती�व्र आलो�चने� को8 हैं@।

ती को�र�म मने स� भ�ग्यवा��[ थे� अती: उनेको� द्व�र� लिचकित्राती म�नेवा� स-स�र को� लिचत्रा किनेर�श�, किवाफलोती� और उद्व�गों स� र{गों� हुआ हैं@, तीथे�किप उन्हैं�ने� स�-स�रिरको को� लिलोय� 'स-स�र को� त्य�गों कोर�' इस प्रको�र को� उप��श कोभ� नेहैं5 दि�य�। इनेको� उप��श को� यहैं� स�र हैं@ किको स-स�र को� क्षक्षिणाको स खा को8 अप�क्ष� परम�थे को� श�श्वाती स खा को8 प्र�प्तिप्ती को� लिलोय� म�नेवा को� प्रयत्ने हैं�ने� च�किहैंए।

को�व्या दृधिष्टा स� भ�ग्यवा��[ थे� अती: उनेको� द्व�र� लिचकित्राती म�नेवा� स-स�र को� लिचत्रा किनेर�श, किवाफलोती� और उद्व�गों स� र{गों� हुआ हैं@, तीथे�किप उन्हैं�ने� स�-स�रिरको को� लिलोय� 'स-स�र को� त्य�गों कोर�' इस प्रको�र को� उप��श कोभ� नेहैं5 दि�य�। इनेको� उप��श को� यहैं� स�र हैं@ किको स-स�र को� क्षक्षिणाको स खा को8 अप�क्ष� परम�थे को� श�श्वाती स खा को8 प्र�प्तिप्ती को� लिलोय� म�नेवा को� प्रयत्ने हैं�ने� च�किहैंए।

ती को�र�म को8 अधिधको�-श को�व्यारचने� को@ बलो अभ-गों छ-� म� हैं� हैं@, तीथे�किप उन्हैंने� रूपको�त्मको रचने�ए{ भ� को8 हैं�। सभ� रूपको को�व्या को8 दृधिष्टा स� उत्कोN ष्टा हैं�। इनेको8 वा�णा� श्री�ती�ओं को� को�ने पर पड़ोंती� हैं� उनेको� हृ�य को� पकोड़ों लो�ने� को� अद्भू©ती स�मथ्य रखाती� हैं@। इनेको� को�व्या म� अलो-को�र को� य� शब्�चमत्को�र को� प्र�च य नेहैं5 हैं@। इनेको� अभ-गों सaत्राबद्ध हैं�ती� हैं�। थे�ड़ों� शब्� म� महैं�ने0 अथेk को� व्याक्तो कोरने� को� इनेको� कोPशलो मर�ठ¾ स�किहैंत्य म� अकिद्वती�य हैं@।

ती को�र�म को8 आत्मकिनेz अभ-गोंवा�णा� जीनेस�ध�रणा को� भ� परम किप्रय लोगोंती� हैं@। इसको� प्रम खा को�रणा हैं@ किको स�म�न्य म�नेवा को� हृ�य म� उद्भू�ती हैं�ने�वा�लो� स खा, दु:खा, आश�, किनेर�श�, र�गों, लो�भ आदि� को� प्रकोट[कोरणा

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इसम� दि�खालो�ई पड़ोंती� हैं@। ती को�र�म को� वा�F0म-य ने� जीनेको� को� हृ�य म� ध्र वा स्था�ने प्र�प्ती कोर लिलोय� हैं@। ज्ञा�ने�श्वार, ने�म��वा आदि� स-ती ने� भ�गोंवाती धम को8 पत्त�को� को� अपने� को- ध पर हैं� लिलोय� थे� हिंकोyती ती को�र�म ने� उस� अपने� जी�वानेको�लो हैं� म� अधिधको ऊ{ च� स्था�ने पर फहैंर� दि�य�। उन्हैं�ने� अध्य�त्मज्ञा�ने को� स लोभ बने�य� तीथे� भलिक्तो को� F-को� बजी�ती� हुए आवा�लो वाNद्ध� को� लिलोय� सहैंजी स लोभ स�ध्य ऐस� भलिक्तो म�गों को� अधिधको उज्वालो कोर दि�य�।

जीगोंती गों रु स-ती ती को�र�म महैं�र�जी [छत्रापकिती लिशवा�जी� महैं�र�जी को� गों रु] ने� इस ब�ती पर बलो दि�य� हैं@ किको सभ� मने ष्य परमकिपती� ईश्वार को8 स-ती�ने हैं� और इस को�रणा सम�ने हैं�। स-ती ती को�र�म द्व�र� 'महैं�र�ष्ट्र धम ' को� प्रच�र हुआ न्दिजीसको� लिसद्ध�-ती भलिक्तो आ-��लोने स� प्रभ�किवाती थे�। महैं�र�ष्ट्र धम को� तीत्को�लो�ने स�म�न्दिजीको किवाच�रध�र� पर बहुती गोंहैंर� प्रभ�वा पङ्�। यद्यकिप इस� जी�किती और वाणा व्यावास्था� पर को ठ�र�घ�ती कोरने� म� सफलोती� प्र�प्ती नेहैं5 हुई, हिंकोyती इसस� इ-को�र नेहैं5 किकोय� जी� सकोती� हैं@ किको सम�नेती� को� लिसद्ध�-ती को� प्रकितीप��ने द्व�र� इसको� प्रणा�ती� वाणा व्यावास्था� को� लोच�लो� बने�ने� म� अवाश्य सफलो हुए। महैं�र�ष्ट्र धम को� उपय�गों लिशवा�जी� ने� उच्चवागोंsय मर�ठ तीथे� को प्तिन्बय बहुजीने श द्र को� एकोसaत्रा म� ब�{धने� को� लिलोए किकोय�।

श्री�च3तीन्य मीहा�प्रभु) जयन्ती�यa{ ती� आजी हैं�लो� को� र-गों�र-गों त्यPहैं�र भ� मने�य� जी� रहैं� हैं@ लो�किकोने आजी भलिक्तोम�गों को� महैं{ स-ती श्री� च@तीन्य महैं�प्रभ को8 जीय-ती� भ� हैं@. इनेको� य�गों��ने पर हैं� आजी चच� कोर�गों�.हैंरिरने�म’ को8 और्षधिध स� ब द्धजी�वा को� भवार�गों को� किने��ने कोरने� हैं�ती श्री� च@तीन्य महैं�प्रभ इस धर�ध�म पर ब-गों�लो प्र�-ती को� नेवा�[प नेगोंर (म�य�प र) म� फ�ल्गों ने पaर्णिणाyम� को8 स-ध्य� वा�लो� म� फरवार� 1486 ई. को� अवातीरिरती हैंए। उनेको� किपती� श्री� जीगोंन्न�थे धिमश्री लिसल्हैंट न्दिजीलो� को� एको किवाद्व�ने ब्र�ह्म ï णा थे�। उनेको8 म�ती� नेवा�[प को� प्रख्य�ती किवाद्व�ने ने�लो�म्बर चक्रोवातीs को8 प त्रा� शलिच ��वा� थे5। जीन्म को� समय महैं�प्रभ को� ने�म म�ती�-किपती� ने� किवाश्वाम्भर रखा�। को�लो�न्तीर म� यहैं� किवाश्वाम्भर किनेम�ई प-किFती को� ने�म स� किवाख्य�ती हुए। म�त्रा चPब�स वार्ष को8 य वा�वास्था� म� स-न्य�स ग्रहैंणा कोर वा� श्री� च@तीन्य महैं�प्रभ कोहैंलो�य�। यहैं  स-य�गों हैं� थे� किको महैं�प्रभ को� जीन्म चन्द्रग्रहैंणा को� समय हुआ और उस समय सम्पaणा वा�य म-Fलो वा@दि�को म-त्रा को8 दि�व्या ध्वाकिने स� गोंa-जी रहैं� थे�।अपने� जी�वाने को� प्र�रस्विम्भको क्षणा म� वा� किवाद्य�ध्ययने म� रती रहैं कोर गोंNहैंस्था आश्रीम को� किनेयम को� प�लोने कोरती� हुए लोक्ष्म�किप्रय� को� स�थे ��म्पत्य सaत्रा म� ब-ध गोंय�। लो�किकोने लोक्ष्म�किप्रय� को8 अल्प�य म� हैं� मNत्य हैं� गोंय�। उनेको8 म�ती� को� आग्रहैं पर च@तीन्य महैं�प्रभ को� प ने: किवाष्णा किप्रय� ��वा� को� स�थे प�क्षिणाग्रहैंणा स-स्को�र हुआ। अभ�  किवाष्णा किप्रय� को� वालो स�लोहैं वार्ष को8 हैं� थे5 किको चPब�स वार्ष को8 आय म� हैं� च@तीन्य महैं�प्रभ ने� स-न्य�स ग्रहैंणा कोर लिलोय�। स-न्य�स ग्रहैंणा कोरने� को� पश्चा�ती उन्हैंने� जीगोंन्न�थेप र� म� श�र्ष जी�वाने व्याती�ती कोरने� को� किनेश्चाय किकोय�। भगोंवा�ने च@तीन्य महैं�प्रभ यहैं�- पर 24 वार्षk तीको रहैं� न्दिजीसम� स� छहैं वार्षk म� उन्हैंने� सम्पaणा �क्षिक्षणा भ�रती को� भ्रमणा कोर श्री�मद्भू�गोंवाती को� म�ध्यम स� भगोंवा�ने श्री�कोN ष्णा को8 लो�लो�ओं स� जीने-मने को� अवागोंती कोरवा�य�। श्री� च@तीन्य महैं�प्रभ को� अवातीरणा को� स�थे हैं� भगोंवा�ने को� पकिवात्रा ने�म को� अवातीरणा हुआ।हैंरिरने�म स-को8ती ने को� प्रवाती को, श्री� च@तीन्य महैं�प्रभ ने� पकितीती जी�वा को� उद्ध�र को� लिलोए हैंरिरने�म स-को8ती ने आन्��लोने को8 आध�रलिशलो�  रखा�। वा� कोहैंती� थे� म�त्रा ‘हैंरिरने�म’ स� हैं� भवार�गों स� छ टको�र� धिमलो सकोती� हैं@, न्दिजीसको8 प धिष्टा किनेम्रलिलोग्निखाती श्लो�को स� स्वाय- हैं� जी�ती� हैं@ :-‘हैंर�ने� म हैंर�ने� म हैंर�ने� म@वा को� वालोम0।कोलोP ने�स्त्य�वा ने�स्त्य�वा  गोंकितीरन्यथे�॥’अथे� ती कोलिलोय गों म� को� वालो और को� वालो भगोंवा�ने को� पकिवात्रा ने�म-’हैंर� कोN ष्णा हैंर� कोN ष्णा कोN ष्णा कोN ष्णा हैंर� हैंर�। हैंर� र�म हैंर� र�म र�म र�म हैंर� हैंर�’- को� उच्च�रणा म�त्रा स� जी�वाने को� समस्ती कोष्टा स� छ टको�र� प�य� जी� सकोती� हैं@। अन्य को�ई स�धने नेहैं5 हैं@।श्री� च@तीन्य महैं�प्रभ ने� कोN ष्णा-प्र�म को� स-��श को� मने ष्य तीको हैं� नेहैं5 पहु-च�य� वारने0 पश -पक्षिक्षय, प�ड़ों-पPध तीको को� इसको� रसप�ने कोर� कोर उनेको� भ� उद्ध�र किकोय�। ऐस� थे� प्र�म वा कोरुणा� को� अवाती�र च@तीन्य महैं�प्रभ । इस� स-�भ म� उनेको� जी�वाने स� जी ड़ों� एको वाNत्त�न्ती इस प्रको�र हैं@। जीब महैं�प्रभ उत्तर भ�रती को8 य�त्रा� पर चलो

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पड़ों� ती� उन्हैंने� वाNन्��वाने तीथे� अन्य स्था�ने को� भ्रमणा कोरने� को� किनेश्चाय किकोय�। वा� इस� क्रोम म� झ�रखा-F को� जी-गोंलो स� हैं�कोर गों जीर रहैं� थे� तीभ� वाहैं�- पर स�र� जी-गोंलो� पश ओं ने� उन्हैं� घ�र लिलोय�। महैं�प्रभ किबने� किवाचलिलोती हुए मस्ती� म� ने�चती� हुए भगोंवा�ने को� पकिवात्रा ने�म को� स-को8ती ने कोर रहैं� थे�। महैं�प्रभ को� आश्चाय को� तीब को�ई दिठको�ने� ने रहैं� जीब उन्हैंने� ��खा�  किको बड़ों� भय�नेको वा दु�� न्ती जी-गोंलो� श�र , च�ती�, भ�लोa, हैं�थे�, मNगों वा अने�को प्रको�र को� पक्ष� भ� थे�ड़ों� हैं� ��र म� उनेको� स�थे हैंरिरने�म स-को8ती ने   म� सत्मिम्मलिलोती हैं�कोर मस्ती� म� झaम रहैं� हैं�। जी-गोंलो म� न्दिजीस ओर भ� महैं�प्रभ प्रस्था�ने कोरती�, पश -पक्ष� भ� उनेको� प�छ�-प�छ� चलो पड़ोंती�। इसस� उन्हैंने� लिसद्ध कोर दि�य� किको स-को8ती ने आन्��लोने को� प्रभ�वा स� किकोस प्रको�र दु�� न्ती जी�वा भ� श�-ती हैं� जी�ती� हैं@ तीथे� उसको� मने म� भ� ईश्वार को� लिलोए प्र�म को� स-च�र हैं� सकोती� हैं@। यहैं महैं�प्रभ को8 कोरुणा� को� हैं� प्रकितीफलो थे�। इसस� यहैं लिसद्ध हैं�ती� हैं@ किको महैं�प्रभ को� स-को8ती ने आन्��लोने किकोस� जी�किती, नेस्लो, र-गों य� य�किने तीको हैं� स�धिमती नेहैं5 वारने0 यहैं समस्ती किवाश्वा को� कोल्य�णा  हैं�ती हैं@। यहैं आन्��लोने �स्य को� हृ�य परिरवाती ने कोर उस� सच्च�  अथेk म� सभ्य म�नेवा को8 श्री�णा� म� अधिधधिzï ती कोरने� को� सरलोतीम उप�य हैं@। महैं�प्रभ को8 स-क्षिक्षप्ती रूप म� लिशक्ष�य� इस प्रको�र हैं�। य� उनेको� द्व�र� लिलोग्निखाती ‘लिशक्ष�ष्कोम’ स� लो� गोंय� हैं@। श्री�कोN ष्णा स-को8ती ने को8 किवाजीय हैं� जी� हैंम�र� लिचत्तरूप� �प णा को� म�जी ने कोरती� हैं@। भगोंवा�ने को� पकिवात्रा ने�म को� उच्च�रणा कोरने� को� लिलोए को�ई किनेयम नेहैं5 हैं@। प्रत्य�को व्यालिक्तो को� किवानेम्र भ�वा स�, स्वाय- को� म�गों म� पड़ों� हुए तीNणा स� भ� अधिधको अहिंकोyचने म�नेने� च�किहैंए। मने ष्य को� वाNक्ष को� सम�ने सकिहैंष्णा हैं�ने� च�किहैंए तीथे� धिमथ्य� �म्भ को8 भ�वाने� स� रकिहैंती हैं�कोर दूसर को� सम्म�ने ��ने� म� तीत्पर रहैंने� च�किहैंए आदि�। श्री� च@तीन्य महैं�प्रभ अपने� दि�व्या स-��श वा लो�लो�ओं को� म�ध्यम स� श्री� कोN ष्णा प्र�म को� ब�-टती� हुए जी�वा पर �य� बरस�ती� हुए, हैंरिरने�म स-को8ती ने कोरती�-कोरती� 1534 ई. अथे� ती 1455 शको�ब्� म� प र� (उड़ों�स�) म� अन्तीध्र्य�ने हैं� गोंय�।