Ethics and Mantras

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Shanti Mantra (Mantra of peace) from Brihadaranyaka Upanishads (1.3.28) असतोमा सदगमय । From ignorance, lead me to truth; तमसोमा जयोितर् गमय । From darkness, lead me to light; मृतयोमारमृतं गमय ॥ From death, lead me to immortality ॐ शािनत शािनत शािनतः ।। Om peace, peace, peace गायी मं का णर ॐ भूभु रः सः तसितुरेणयं भगो देसयः धीमिह िधयो यो नः पचोदयात् गायी मं संेप मगायी मं (ेद गंथ की माता) को िहनदू धमर मे सबसे उतम मं माना जाता है . यह मं हमे जान पदान करता है . इस मं का मतलब है - हे पभु , िकपा करके हमारी बुिद को उजाला पदान कीिजये और हमे धमर का सही रासता िदखाईये . यह मं सूयर देता (सितुर) के िलये पाथरना रप से भी माना जाता है . हे पभु ! आप हमारे जीन के दाता है आप हमारे दुख़ और दद र का िनारण करने ाले है आप हमे सुख़ और शांित पदान करने ाले है हे संसार के िधाता हमे शिक दो िक हम आपकी उजजल शिक पाप कर सके िकपा करके हमारी बुिद को सही रासता िदखाये

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Transcript of Ethics and Mantras

  • Shanti Mantra (Mantra of peace)

    from Brihadaranyaka Upanishads (1.3.28)

    From ignorance, lead me to truth;

    From darkness, lead me to light;

    From death, lead me to immortality

    Om peace, peace, peace

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