CH-05 - Vardhaman Mahaveer Open Universityassets.vmou.ac.in/CH05.pdf · 2014-04-05 · 5...

236
1

Transcript of CH-05 - Vardhaman Mahaveer Open Universityassets.vmou.ac.in/CH05.pdf · 2014-04-05 · 5...

  • 1

  • 2

  • 3

    CH-05 वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा

    अकाब नक रसायन इकाई सं. इकाई पृ ठ सं.

    1. थम सं मण ेणी के त व का रसायन 5—21 2. वतीय सं मण ेणी के त व का रसायन 22—34 3. ततृीय सं मण ेणी के त व का रसायन 35—48 4. ऑ सीकरण और अपचयन -I 49—68 5. ऑ सीकरण और अपचयन -II 69—89 6. उपसहसंयोजक यौ गक-I 90—104 7. उपसहसंयोजक यौ गक-II 105—122 8. लै थेनाईड त व का रसायन-I 123—138 9. लै थेनाईड त व का रसायन-II 139—157 10. ऐि टनाईड त व का रसायन-I 158—172 11. ऐि टनाईड त व का रसायन-II 173—187 12. अ ल तथा ारक 188—207 13. नजल वलायक -I 208—215 14. नजल वलायक -II 216—226 15. नजल वलायक -III 227—236

  • 4

    पा य म अ भक प स म त अ य ो. (डॉ.) नरेश दाधीच

    कुलप त वधमान महावीर खुला व व व यालय कोटा(राज थान)

    संयोजक/ सम वयक एवं सद य वषय सम वयक ो. सी. के. ओझा नदेशक अकाद मक महा मा गांधी इं ट यूट ऑफ ए लाइड साइंसेज, जयपरु सद य

    सद य स चव / सम वयक डॉ. अशोक शमा सह आचाय, राजनी त व ान वधमान महावीर खलुा व व व यालय, कोटा 4. ो. पी.एस. वमा

    रसायन व ान वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु

    1. ो. सी.पी. भसीन रसायन व ान वभाग नाथ गजुरात व व व यालय, पाटन(गजुरात)

    5. ो. रेणुका जैन रसायन व ान वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु

    2. ो. आर.सी. शमा रसायन व ान वभाग अ बेडकर व व व यालय, आगरा

    6. ो. पहू प सहं रसायन व ान वभाग राज थान व व व यालय, जयपरु

    3. ो. पी.के. शमा रसायन व ान वभाग जय नारायण यास व व व यालय, जोधपरु

    7. डॉ. के.के. शमा रसायन व ान वभाग सेवा नवृ त उपाचाय, अजमेर

    संपादन एवं पा य म लेखन स पादक ो. सी. के. ओझा नदेशक,महा मा गांधी इं ट यूट ऑफ ए लाइड साइसेंज, जयपरु लेखक डॉ. के.के. शमा सेवा नवृ त उपाचाय, अजमेर

    डॉ. ीमती अ नता कोठार या याता, रसायन व ान वभाग राजक य महा व यालय, अजमेर

    अकाद मक एवं शास नक यव था ो.(डॉ.) नरेश दाधीच

    कुलप त वधमान महावीर खलुा व व व यालय,कोटा

    ो. (डॉ.) अनाम जेटल नदेशक

    सकंाय वभाग

    ो. (डॉ.)पी. के. शमा नदेशक

    पा य साम ी उ पादन एव ं वतरण वभाग पा य म उ पादन

    योगे गोयल सहायक उ पादन अ धकार

    वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा उ पादन - नव बर 2008 सवा धकार सरु त। इस पा य म का कोई भी अंश वधमान महावीर खलुा व व व यालय, कोटा क ल खत अनुम त पट कए बना या म मयो ाफ अथवा कसी अ य साधन से पनुः ततु करना विजत है। वधमान महावीर खलुा व व व यालय के पा य म के वषय म और अ धक जानकार व व व यालय के कुलस चव, वधमान महावीर खलुा व व व यालय,रावतभाटा रोड कोटा से ा त क जा सकती है।

    कुलस चव, वधमान महावीर खलुा व व व यालय, कोटा वारा का शत

  • 5

    इकाई 1 थम सं मण ेणी के त व का रसायन

    Chemistry of Elements of First Transition Series इकाई क प रेखा 1.0 उ े य 1.1 तावना 1.2 d- लॉक त व के अ भल णक गणु 1.3 थम सं मण ेणी के त व के गणु और उनके वअंगी यौ गक। 1.4 थम सं मण ेणी के त व के संकुल

    त व क ऑ सीकरण अव थाओं का आपे क था य व, सम वय सं या और या म त दशात ेहु ए।

    1.5 साराशं 1.6 श दावल 1.7 संदभ थं 1.8 बोध न के उ तर 1.9 अ यासाथ न

    1.0 उ े य (Objectives) इस इकाई के अ ययन के प चात ्आप समझ सकेग क- d- लॉक त व कौनसे ह और उनके गणु d- लाकँ तथा d- लाकँ त व से कस कार

    अलग है। d- लॉक म कतनी सं मण े णया ं है और थम सं मण ेणी के तो म या

    व श टताएं ह। थम ेणी के त व कस कार के वअंगी यौ गक बनाते है। थम ेणी के त व जो संकुल बनाते है वे कस कार त व क ऑ सीकरण अव थाओं

    के था य व को द शत करत ेहै। संकुल यौ गक म सं मण त व क सम वय सं या या है तथा 'संकुल क या म त कैसी होती है।

    1.1 तावना (Introduction) आप जानते है क आवत सारणी के त व को चार लॉक म बांटा गया है। ये लाकँ

    ह, ऽ- लॉक p- लॉक, d- लॉक तथा f- लॉक। d- लॉक आवत सारणी के मु य भाग म s और p- लॉक के म य पाया जाता है। d-क क म एक के बाद एक 10 इले ॉन भरने से d- लॉक के 10 वग बनत ेहै। ये 3 से 12 तक वाले वग है।

  • 6

    d- लॉक आवत सारणी के चौथे आवत और तीसरे वग म उपि थत परमाण ु मांक 21 वाले त व क डयम (Sc) से ार भ होता है। इसके अ धकांश त व सं मण त व ह। d- लॉक म तीन पणू सं मण े णया ंह, चौथी सं मण ेणी अधूर है। तीन सं मण े णया ं मश: चौथे, पांचवे तथा छटे आवत म है।

    इस इकाई म थोडी सी जानकार d- लॉक त व क द जायेगी और फर थम सं मण ेणी के त व क व ततृ चचा क जायेगी।

    1.2 d- लॉक त व के अ भल णक गुण (Characteristic Properties of d-Block Elements) (n-1)d क क म त व के अं तम इले ॉन के वेश करने पर d- लॉक त व बनते

    है। दसूरे श द म कह सकत ेहै क d- लॉक त व वे त व है िजनम अं तम इले ॉन (n-1)d क क म पाया जाता ह। d- लॉक म त व क चार ै तज पिं तया ंह, िज ह चार े णयां कहा जाता है। आप यहा ँ थम तीन े णय का अ ययन करग। थम तीन े णय के त व के संकेत तथा संगत परमाण ु माकं आगे सारणी 1.1 म दए जा रहे ह।

    सारणी 1.1: d- लॉक त व क थम तीन े णया ं21 Sc

    22 Ti

    23 V

    24 Cr

    25 Mn

    26 Fe

    27 Co

    28 Ni

    29 Cu

    30 Zn

    39 Y

    40 Zr

    41 Nb

    42 Mo

    43 Tc

    44 Ru

    45 Rh

    46 Pd

    47 Ag

    48 Cd

    57 La

    72 Hf

    73 Ta

    74 W

    75 Re

    76 Os

    77 Ir

    78 Pt

    79 Au

    80 Hg

    d- लॉक त व के मह वपणू अ भल णक गणु का सं त वणन यहा ँ कया जा रहा है- 1. धाि वक कृ त: d- लॉक के सभी त व धात ुह। इनके सबसे बाहर क क म एक या दो

    इले ॉन पाए जात ेह। अत: इनम इले ॉन याग कर धनायन बनाने क कृ त है, जो धातुओं का मुख ल ण है। ये अ य धातुओं के समान कठोर, ठोस, त य तथा आघातवधनीय होत ेह। सभी धात ु व यतु और ऊ मा के सुचालक होते ह।

    2. गलनांक और वथनांक: d- लॉक त व के गलनांक और वथनांक उ च होत ेह। इनके यह मान ार और ार यमदृा धातुओं अथात ्s- लॉक के त व क तुलना म अ धक ह। d-लॉक के अं तम वग के त व Zn, Cd और Hg के गलनांक एव ं वथनांक अपे ाकृत काफ कम होत ेह। मकर तो सामा य ताप पर ठोस न होकर व अव था म रहता ह। इसका कारण इन त व के d-क क का परूा भरा होना है। d- लॉक के अ य त व म उनके d-क क अपणू भरे होत ेह। इन अपणू d-क क म उपि थत अयिु मत इले ॉन परमाणुओं के म य बधं क सं या को बढात े ह, िजसके फल व प गलनांको और

  • 7

    वथनांक के मान म भी वृ होती ह। आवत म बाएं से दाएं जाने पर पहले d-क क म अयिु मत इले ॉन क सं या बढ़ती है फर कम होती चल जाती ह इसी के अनु प पहले गलनांक और वथनांक बढ़त ेह और फर उनके मान म कमी होती चल जाती है।

    3. परमाणवीय और आय नक या: d- लॉक त व के परमाणुओं और आयन क याओं के मान आवत सारणी म बाएं से दाएं जाने पर कम होते ह परंत ुअं तम छोर से पहले वाले त व के आकार लगभग समान हो जात े ह। परमाण ुअथवा आयन के ना भक य आवेश बढ़ने पर उसका आकषण अ धक बल से इले ॉन को अपनी ओर खींचता है िजससे आकार म क आती ह। d- लॉक त व म अं तम इले ॉन (n-।) d क क म वेश करता है तथा यह इले ॉन बा य ns क क के इले ॉन या इले ॉन को तक षत करता ह। अत: आकार म आपे क कमी का मान अ धक नह ं होता। बाद के त व म आपे क कमी बहु त कम होती है और परमाण ुऔर आयन के याओं के मान ि थर हो जात ेह। वग 12 पर पहु ँचने पर (n-1) d-क क और ns क क पणू हो जात े ह। इससे तकषण भाव अ धक होने से आकार बढ़ जाता है।

    4. आयनन वभव: d- लॉक त व के आयनन वभव कम होत े ह और ये धात ुसामा यत: आय नक यौ गक बनात े ह। p- लॉक त व के आयनन वभव अ धक होत े ह और ये सामा यत: सहसंयोजक यौ गक बनाते ह। d- लाँक त व के आयनन वभव मान s- और p- लॉक त व के आयनन वभव मान के बीच के होते ह। इन त व के कम संयोजकता वाले यौ गक आय नक होत ेहै पर त ुअ धक संयोजकता वाले यौ गक सहसंयोजक होत ेह।

    d- लॉक त व के आय नक के मान आवत म बांये से दांये पर बढ़त ेह, परंत ुयह वृ साधारण होती है। इन त व के वतीय आयनन वभव के मान के आधार पर कहा जा सकता है क d- लॉक त व, s- लॉक त व से कम धन व यतुी होत ेह, पर त ुp- लॉक त व से अ धक धन व यतुी होत ेह।

    5. ऑ सीकरण अव था: d- लॉक त व का यह व श ट गणु है क वे प रवतनशील ऑ सीकरण अव थाएं द शत करत ेह। यह वृ त s और p- लॉक त व म नह ं देखी जाती। प रवतनशील ऑ सीकरण अव थाएं द शत करने का मु य कारण ह क 3d और 4s, 4d और 5s तथा 5d और 6s क क क ऊजाओं म बहु त कम अंतर होता ह। अत: d- लॉक त व म ns इले ॉन के अ त र त (n-1)d इले ॉन को यागने क विृ त भी बल रहती ह और ये त व प रि थ तय के अनसुार एक से अ धक ऑ सीकरण अव थाओं

    म यौ गको का नमाण करत े ह। उदाहरण के लए वनेै डयम +2, +3, +4 और +5 ऑ सीकरण अव थाओं मे यौ गक बनाता ह। इन अव थाओं का व ततृ वणन आगे कया जाएगा।

    6. चु बक य गणु: आप जानते है, क जब कसी धात ु क तार म व यतु-धारा का वाह होता है तो उससे चु बक य े उ प न होता है। व यतु धारा वा तव म इले ॉन का वाह होता है। कसी पदाथ के परमाण ुम भी इले ॉन ग तमान रहत ेहै। बोर के परमाण ुमॉडल के अनसुार इले ॉन दो कार क ग त करता है- क ीय ग त, जो ना भक के चार ओर

  • 8

    एक क म होती ह तथा दसूर उसके अपने अ पर च ण ग त। इन दोन ग तय के कारण परमाण ुएक लघ ुचु बक क तरह यवहार करता है। जब कसी d- लॉक त व या उसके यौ गक को चु बक य े म रखा जाता है तो वह मु य प से तीन कार से यवहार द शत करता है- क. अनचुु बक य यवहार: अनचुु बक य पदाथ चु बक य े क ती ता म वृ करता ह।

    य द कसी अनचुु बक य पदाथ क छड़ को बा य चु बक य े म लटका दया जाए तो वह छड़ वय ंको चु बक य बल रेखाओं क दशा के समा तर यवि थत कर लेती है। अनचुु बक य पदाथ अ धक से अ धक चु बक य बल रेखाओं को अपने म से गजुारने का यास करता ह। कसी पदाथ का अनचुु बक व उस पदाथ म उपि थत अयिु मत इले ॉन क सं या पर नभर करता है। इसे सू , μ √n(n + 2) से ात कया जा सकता है, जहाँ n अयिु मत इले ॉन क सं या ह।

    पदाथ का अनचुु बक व पदाथ के ताप पर भी नभर करता ह। ताप के बढ़ने से पदाथ के अण ु अ यवि थत हो जात े ह और अनचुु बक व म कमी आती ह। अनचुु बक व पदाथ के ताप के तलोमानपुाती होता ह।

    d- लॉक त व और आयन म अयिु मत इले ॉन उपि थत रहत ेह, अत: वग 12 के त व (Zn, Cd, ध Hg) को छोड़कर ये त व तथा इनके यौ गक अनचुु बक य यवहार द शत करत ेह।

    ख. तचु बक य यवहार: त व अथवा यौ गक, िजनम अयिु मत इले ॉन अनपुि थत रहत ेह, तचु बक य यवहार द शत करत ेह। इन पदाथ से बा य चु बक य े क चु बक य बल रेखाय तक षत होती ह। य द तचु बक य पदाथ क छड़ बनाकर उसे चु बक य े म लटकाया जाए तो यह चु बक य े के ल बवत ्ि थ त म वय ंको यवि थत कर लेती है। तचु बक य त व या यो गक म इले ॉन यिु मत होते ह। उनका च ण वपर त दशा म होता है, अत: एक इले ॉन वारा उ प न चु बक य भाव दसूरे इले ॉन वारा उ प न चु बक य पदाथ को समा त कर देता ह। िजकं

    कैड मयम, मकर जैसे त व तचु बक य यवहार द शत करत ेह। ग. लौह-चु बक य यवहार: आयरन, कोबा ट तथा नकल जैसे d- लॉक त व लौह

    चु बक य गणु द शत करत े ह। बा य चु बकय े म रखने पर इनम थाई चु बक य गणु आ जाता है। लौह-चु बक य यवहार उ च अनचुु बक व के कारण द शत होता है।

    (7) उ ेरक गणु: अ धकाशं d- लॉक त व और उनके यौ गक उ ेरक के प म यु त कए जात ेह। अथात ् ये त व और यौ गक रासाय नक अ भ याओं क ग त को बढ़ा देते ह। उ ेरक का गणु उ योग म बहु त लाभकार स होता है, य क इससे उ पाद शी ा त हो जाता है। आप जानत ेह क आयरन को अमो नया नमाण के हॉबर म म उ ेरक के प म काम म लेत े ह। इसी कार स यू रक अ ल के नमाण म पॉ जी ले टनम

    उ ेरक का काय करता है। यह वाय ु क उपि थ त म so2 को so3 म प रव तत कर देता

  • 9

    है। d- लॉक त व के अपणू (n-1)d क क इनके उ ेरक के प म काय करने म व श ट भू मका नभात ेह।

    (8) आयन और यौ गक के रंग: अ धकांश d- लॉक त व के यौ गक, रंगीन होत ेह और इनके वलयन भी आकषक रंग वाले होत े ह। इनके रंग का कारण इनम उपि थत अपणू d क क ह। वलयन अथवा ऋणायन क उपि थ त म d- लॉक त व के आयन म उपि थत d-क क दो समूह म वपा टत हो जात ेह- कम ऊजा वाले d-क क तथा अ धक वाले d-क क। वेत काश के पडने पर कम ऊजा वाले क क से इले ॉन उ तिेजत कर अ धक ऊजा वाले d-क को म चले जात ेह। इसे d से d सं मण कहत ेह। इस सं मण म काश क कुछ ऊजा का अवशोषण हो जाता ह। शेष ऊजा वाला काश यौ गक या आयन के रंग के लए उ तरदायी होता है।

    (9) अ भ याशीलता: ऽ- लॉक त व क अपे ा, d- लॉक त व बहु त कम रासाय नक अ भ याशीलता द शत करत े ह। स वर, गो ड, और लै टनम अपनी बहु त कम अ भ याशीलता के कारण उ कृ ट धात ुकहलात े ह। कम अ भ याशीलता के कारण ह इनका उपयोग बहुत ह बड़ी मा ा मे आभूषण बनाने हेत ु कया जाता ह। अपने छोटे आकार, उ च आयनन वभव, उ च वा पन ऊजा और न न जलयोजन ऊजा के कारण d-लॉक त व बहु त कम अ भ याशील होत ेह।

    बोध न - 1. न न ल खत कथन म स य/अस य बताइए- (क) d- लॉक त व म कोई भी त व अधातु उपि थत नह ं है। (स य/अस य) (ख) d- लॉक के वग 12 म सबसे कम गलनांक िजंक धातु का होता है। (स य/अस य) (ग) d- लॉक त व प रवतनशील ऑ सीकरण अव थाएं द शत करते ह। (स य/अस य) (घ) कोबा ट और नकल तचु बक य यवहार द शत करते ह। (स य/अस य)

    1.3 थम सं मण ेणी के त व के गुण और उनके वअंगी यौ गक Properties of Elements of First Transition Series and their Binary Compounds d- लॉक म कुल 10 वग ह- वग 3 से 12, इनम से थम 9 वग सं मण त व

    कहलात ेह। प रभाषा के अनसुार, ''सं मण त व वे ह िजनम उनक परमा वीय अव था अथवा कसी ऑ सीकरण अव थाओं d-क क आ शक प से भरे ह ।'' सं मण त व क थम ेणी

  • 10

    के 9 त व कैि डयम (परमाण ु मांक 21) से कॉपर (परमाण ु माकं 29) तक ह! इन त व के नाम, संकेत, परमाण ु माकं तथा इले ॉ नक व यास सारणी 1.2 म दये गये ह।

    सारणी 1.2 थम सं मण ेणी के त व परमाण ु माकं त व का नाम संकेत इले ॉ नक व यास

    21

    कैि डयम

    Sc

    [Ar]3d14s2

    22

    टाइटे नयम

    Ti

    [Ar]3d24s2

    23

    वनेै डयम

    V

    [Ar]3d34s2

    24

    ो मयम

    Cr

    [Ar]3d44s1

    25

    मगनीज

    Mn

    [Ar]3d54s2

    26

    आयरन

    Fe

    [Ar]3d64s2

    27

    कोबा ट

    Co

    [Ar]3d74s2

    28

    नकल

    Ni

    [Ar]3d84s2

    29 कॉपर Cu [Cu]3d104s1 यहा,ँ [Ar] आगन के इले ॉ नक व यास, 1s12s22p63s23p6 को दशाता है।

    अब थम सं मण ेणी के येक त व के गणु और उनके वअंग क सं त ववेचना क जाएगी।

    1.3.1 कैि डयम के गणु और वअगंी यौ गक

    (i) कैि डयम, स वर समान सफेद रंग का धात ु ह। यह वाय ुम ऑ सीकृत होकर अपनी चमक खो देता है। इसका गलनांक 15390c और वथनांक 27300C होता है। इसके थम, वतीय और ततृीय आयनन वभव म बहु त कम अंतर ह। +3 ऑ सीकरण अव था

    म इसका इले ॉ नक व यास आगन समान थाई हो जाता है अत: इसके यौ गक केवल +3 अव था म ह बनत ेह। सभी यौ गक रंगह न होते ह।

    (ii) कैि डयम काब नेट अथवा कैि डयम नाइ ेट को गम करने पर कैि डयम ऑ साइड बनता है।

    Sc2(Co3)3 Sc2O3+3CO2

  • 11

    4Sc(NO3)3 2Sc2O3+12NO3+3O2 (iii) कैि डयम ऑ साइड को उ च ताप (लगभग 10000C) पर काबन के साथ गरम करने पर

    कैि डयम काबाइड ा त होता है। Sc2O3+7C 2ScC2+3CO

    1.3.2 टाइटे नयम के गणु और वअंगी यौ गक

    (i) टाइटे नयम ट ल के समान चमकदार धात ुहै। (ii) यह कठोर, आघावधनीय तथा त यता जैसे गणु रखता है। (iii) इसका गलनांक 18500C तथा वथनांक 30000C है। (iv) यह 1200C तक थाई रहता है पर त ुउस ताप पर आग पकड़ लेता ह तथा टाइटे नयम

    ऑ साइड (TiO2) बनाता है। (v) नाइ ोजन म 6000C पर जल कर यह टाइटे नयम नाइ ाइड बनाता ह। (vi) C, Si, B तथा P के साथ गरम करने पर यह मश: काबाइड (TiC), स लसाइड

    (TiSi), बोराइड (Ti3B4), तथा फॉ फाइड (Ti3P4) बनाता है। (vii) यह धात ुHF के साथ अ भ या कर TiF3 बनाता है।

    2Ti3P4+6HF 2TiF3+3H2 (viii) यह धात ुCS2 और H2S के साथ अ भ या कर इसका स फाइड बनाता ह।

    Ti+CS2 TiS2+C Ti+2H2S TiS2+2H2

    (ix) टाइटे नयम क लोर न से अ भ या होने पर TiCl4 बनता है।

    1.3.3 वनेै डयम के गणु और वअंगी यौ गक

    (i) वनेै डयम, चांद क तरह सफेद चमकदार धात ुहै। (ii) शु वनेै डयम धात ुका गलनांक 17000p तथा वथनांक 34000C होता है। (iii) यह धात ुकठोर तथा शु अव था म त य और आघातवधनीय होता है, पर त ुअशु या ँ

    इसे भंगरु कृ त का बना देती ह। (iv) वनेै डयम +2, +3, +4 और +5 अव था म यौ गक बनाता है। (v) लुओर न के साथ अ भ या कर यह उ त सभी ऑ सीकरण अव थाओं म लुओराइड

    बनाता है (VF2, VF3, VF4, VF5)। (vi) लोर न के साथ यह VCI2, VCI3, VCI4 कार के लोराइड बनाता है, इन ऑ सीकरण

    अव थाओं म धात ु ोमाइड भी बनाता ह। (vii) इसके दो आयोडाइड, VI2,और VI3 ात ह। (viii) ऑ सीजन के साथ वनेै डयम व भ न अव थाओं से अ भ या कर मश: VO, V2V3,

    VO2 तथा V2O5 कार के ऑ साइड देता है। (ix) अमो नयम मेटावनेैडेट को गम करने पर वनेै डयम पटा-ऑ साइड बनता है।

  • 12

    2NH4VO3 V2O5+2NH3+H2O. (x) VOCl3 के जल अपघटन से भी V2O5 ा त होता है।

    2VOCI3+3H2O V2O5+6HCl

    1.3.4 ो मयम के गणु और वअंगी यौ गक

    (i) ो मयम, चांद के समान चमक वाला सफेद धात ुहै। (ii) इसका गलनांक 18300C तथा वथनांक 22000C होता है। (iii) यह अपने यौ गक म व भ न ऑ सीकरण अव थाएं (+1 से +6) द शत करता है, पर त ु

    +3 तथा +6 इसक मखु एव ं थाई ऑ सीकरण अव थाएं ह। (iv) उ च ताप पर ो मयम ऑ सीजन से अ भ या कर Cr2O3 ऑ साइड बनाता है।

    4Cr+3O2 2Cr2O3 (v) जल वा प को र त त त ो मयम पर वा हत करने पर भी ो मयम ऑ साइड बनता है।

    2Cr+3H2OCr2O3+3H2 (vi) गरम ो मयम पर लुओर न और लोर न क अ भ या से मश: CrF3 था CrCl3

    ा त होत े ह। अ य ऑ सीकरण अव थाओं म भी ोमाइड के हैलाइड ा त कये जा सकत ेहै।

    (vii) नाइ ोजन गसै या अमो नया से अ भ या कर यह ो मयम नाइ ाइड (CrN) बनाता ह।

    1.3.5 मगनीज के गणु और वअंगी यौ गक

    (i) मगनीज (Mn) सलेट रंग का कठोर धात ुहै। यह काँच क सतह खर चन क मता रखता है।

    (ii) यह भंगरु कृ त का होता है और तीन अपर प म पाया जाता है। (iii) मगनीज वय ं चु बक य गणु नह ं रखता पर त ु इसके यौ गक, जैसे काबाइड, नाइ ाइड

    आ द, चु बक य कृ त के होते ह। (iv) मगनीज +2 से +7 ऑ सीकरण अव थाओं म यौ गक बनाता है। (v) 13000C पर यह काबन से अ भ या कर काबाइड बनाता है िजसका सू Mn3C ह। (vi) 12000C पर यह नाइ ोजन के साथ गम करने पर मगनीज नाइ ेइड (Mn3N2) बनाता ह। (vii) हैलोजन के साथ गम करने पर इसके हैलाइड ा त होत े ह, जैसे MnF2, MnF3,

    MnCl2, आ द। (viii) यह व भ न कार के ऑ साइड बनाता है। उदाहरण के लए,

    MnCO3 गरम करन ेपर⎯⎯⎯⎯⎯⎯ MnO+CO2

    4MnO+O2 गरम करन ेपर ⎯⎯⎯⎯⎯⎯ 2Mn2O3

    Mn(NO3)2 गरम करने पर ⎯⎯⎯⎯⎯⎯ MnO2+2NO3

  • 13

    3MnO2 गरम करने पर ⎯⎯⎯⎯⎯⎯ Mn3O4+O2

    1.3.6 आयरन के गणु और वअंगी यौ गक

    (क) शु आयरन धूसर सफेद रंग क धात ु है। इसका गलनांक 15360C तथा वथनांक 30000C है। यह त य और आघातवधनीय होता ह। इसक तनन साम य बहु त उ च होती। इसक मुख ऑ सीकरण अव थाएं +2 से +3 ह।

    (ख) यह वाय ु क ऑ सीजन और नमी क उपि थ त म हाइ ेटेड आयरन ऑ साइड 2Fe2O3.3H2O बनाता ह, िजसे सामा य भाषा म जंग(rust) कहत ेह।

    (ग) उ च ताप पर जल वा प के साथ अ भ या करके Fe3O4 बनाता है 3Fe+4H2O Fe3O4+4H2O

    (घ) यह HCl से अ भ या करके FeCl2 बनाता है। (ङ) आयरन ऑ सेलेट को गरम करने पर काले रंग का चणू ा त होता ह िजसका सू FeO

    होता है। FeC2O4 Fe+CO+CO2

    (च) FeSO4 को गरम करने पर Fe2O3 ा त होता है। 2FeSO4 Fe2O3+SO2+SO3

    (छ) Fe2O3 को HCl के साथ गरम करने पर FeCl3 ा त होता ह। Fe2O3+6HCl 2FeCl2+3H2O

    (ज) आयरन चूण को शु क Cl2 के साथ 3150C पर गरम करने पर फे रक लोराइड, FeCl2, ा त होता ह।

    1.3.7 कोबा ट के गणु और वअंगी यौ गक

    (i) यह कठोर, त य तथा आघातवधनीय धात ुहै। (ii) यह लोह-चु बक य कृ त का होता ह पर त ुयह गणु इसम आयरन से कम होता ह। (iii) इसका गलनांक 14950C ह। यह अपने आयतन से 100 गणुा H2 के आयतन को

    अ धशो षत करने क मता रखता ह। (iv) कोबा ट के यौ गक +2 और +3 ऑ सीकरण अव थाओं म पाये जात े ह। पर त ु +2

    अव था अ धक थाई है। (v) कोबा ट काब नेट को गम करने पर कोबा ट ऑ साइड ा त होता है।

    CoCO3 CoO+CO2 (vi) कोबा ट ऑ साइड क HCl से अ भ या वारा COCl2 ा त होता है।

    CoCO+2HCl CoCl2+H2O (vii) कोबा ट (II) नाइ ेट को गम करने पर कोबा ट (III) ऑ साइड ा त होता ह।

    4Co(NO3)2 2Co2O3+8NO2+O2

  • 14

    (viii) Co2O3 को तेज गरम करत ेह तो यह कोबा ट (II) कोबा ट ऑ साइड बनाता ह। 6Co2O3 4Co3O4+O2

    यह उ पाद एक म त ऑ साइड है िजसे CoO.Co2O3 के प म भी लखा जा सकता ह।

    1.3.8 नकल के गणु और वअंगी यौ गक

    (i) नकल धूसर सफेद रंग का कठोर, त य तथा आघातवधनीय धात ु है, िजसका गलनांक 14520C है।

    (ii) यह आयरन क तुलना म कम लोह-चु बक य गणु रखता है। पर त ुइसक व यतु और ताप चालकता उ च होती है। यह भी कोबा ट और आयरन के समान अ धक मा ा म हाइ ोजन गसै का अ धशोषण करने क मता रखता ह।

    (iii) नकल भी कोबा ट क ं तरह +2 और +3 ऑ सीकरण अव था म यौ गक बनाता ह। यह आयरन और कोबा ट क तुलना म कम अ भ याशील है।

    (iv) उ च ताप पर गम नकल पर जल वा प वा हत करने पर नकल (II) ऑ साइड ा त होता ह।

    Ni+H2O NiO+H2 (v) उ च ताप पर यह लोर न से अ भ या कर NiCl2 बनाता है। (vi) नकल (II) नाइ ेट को गम करने पर नकल (III) ऑ साइड ा त होता है।

    2Ni(No3)2 Ni2O3+3NO+NO2+2O2 (vii) 500C नकल चणू पर काबन मोनो साइड गसै वा हत करने पर नकल काब नल

    बनता ह। Ni+4CO Ni(CO)4

    (viii) नकल आयन यु त वलयन म (NH2)2S मलाने पर काले रंग का नकल स फाइड ा त होता ह।

    Ni2++(NH4)2S NiS+2NH4+

    1.3.9 कॉपर के गणु और वअंगी यौ गक

    (i) कॉपर लाल-भूरे रंग का धात ुहै। इसका गलनांक 10830C है। यह ऊ मा और व यतु का उ तम कोट का चालक है। यह बहु त अ धक आघातवधनीय और त य कृ त का धात ुहै। यह +1 और +2 ऑ सीकरण अव थाओं म यौ गक बनाता है।

    (ii) वाय ुअथवा ऑ सीजन से अ भ या- र त त त कॉपर पर वाय ु वा हत करने पर यह ऑ सीजन से अ भ या कर Cu2O तथा CuO बनाता है।

    (iii) ल बे समय तक नम वाय ुम रहने पर यह हरे रंग क परत से ढक जाता ह। इस हरे रंग के ारक य कॉपर काब नेट का सू CuCO3.Cu(OH)2 होता है।

    (iv) अ ल से अ भ या कर कॉपर रंगीन लवण बनाता ह।

  • 15

    Cu+2HCl+1/2O2 (वाय ुसे) CuCl2+H2O Cu+H2SO4+1/2O2 (वाय ुसे) CuSO4+H2O

    सां H2SO4 के साथ गरम करने पर कॉपर स फेट के अ त र त SO2 गसै भी नकलती ह।

    Cu+2H2SO4 गरम CuSO4+2H2O+SO2 तन ुऔर सा HNO3, कॉपर के साथ अ भ या कर कॉपर नाइ ेट बनात ेह। भूरे रंग

    क NO2 गसै भी नकलती ह। Cu+4HNO3 (सां ) गरम Cu(NO3)2+2NO2+H2O 3Cu+8HNO3 (तन)ु गरम 3Cu(NO3)2+2NO+4H2O

    (v) गरम कॉपर के साथ लोर न क अ भ या से CuCl2 ा त होता ह। (vi) कॉपर धात ु स वर लवण के वलयन से स वर को व था पत कर देता ह।

    Cu+2AgNO3 Cu(NO3)2+2Ag (vii) कॉपर स फेट के वलयन म Ki वलयन बनाने पर यू स आयोडाड ा त होता है।

    2CuSO4+4KI 2Cul+2K2SO4+I2S (viii) कॉपर आयन यु त वलयन म गसै वा हत करने पर काले रंग का कॉपर स फाइड

    (CuS) ा त होता ह। Cu2++H2S CuS+2H+

    बोध न 2. न न ल खत वा य म र त थान क पू त क िजए- (क) ो मयम और आयरन त व के परमाणुओं के 3d क क म इले ॉन क सं या। मश: ...................तथा......... है। (ख) कैि डयम नाइ े ट को गम करने पर जो ठोस यौ गक ा त होता उसका सू ................... है। (ग) अमो नयम मेटावैनेडेट को गम करने पर ा त वैने डयम यौ गक नाम......................... है। (घ) MnO2 को 530 पर गम करने पर................और ऑ सीजन बनते ह। 3. न न ल खत रासाय नक अ भ याओं को पूण एवं संतु लत क िजए- (क) Cu+HNO3 (सां ) गरम करने पर................ ..+NO2+H2O (ख) Ni+CO ........... ........ (ग) Fe2O3+HCl गरम करने पर ...................+... .............. . (घ) VOCl3+H2O ...............+HCl

  • 16

    1.4 थम सं मण ेणी के त व के संकुल, (Complexes of Elements of First Transition Series) थम सं मण ेणी के त व अपनी व भ न ऑ सीकरण अव थाओं म संकुल बनाते

    है। संकुल यौ गक के नमाण म व भ न कार के लगै ड धात ुआयन के साथ उपसहसंयोजक बधं वारा जड़ुत ेह। ये लगै ड सामा यत: उदासीन अण ुजैसे- NH3, H2O, NO, आ द अथवा ऋणायन जैसे OH, CN, Cl, आ द हो सकते है। सं मण धातुओं वारा संकुल बनाने क वृ त न न ल खत कारक के कारण होती है- (क) सं मण धातुओं परमाणओंु/आयन का आकार बहु त छोटा होता है इन पर आवेश अ धक

    होता ह। अत: यह लगै ड के इले ॉन यु म को उपसहसंयोजक बनाने हेत ुअपनी ओर आक षत करत ेह।

    (ख) लगै ड के इले ॉन यु म को हण करने हेत ुसं मण धात ुत व के पास पया त सं या म र त क क उपल ध रहत ेह।

    (ग) सं मण धातओंु के (n-1)d, ns तथा np क क संकरण के प चात ् व भ न ऑ सीकरण अव थाओं म व भ न आकृ तय के संकुल बनात ेह। उपयु त ऊजा के क क संकरण कर संकुल यौ गक को था य व दान करत ेह।

    अब आप थम सं मण ेणी के त व के संकुल के आपे क था य व, संबं धत सम वय सं या और या म त के बारे म जानकार ा त करेग।

    कसी संकुल म धात ुआयन या परमाण ु के साथ जड़ु े हु ए लगै ड िजतने एकल बधं बनाते ह यह सं या उस धात ु क उपसहसंयोजन सं या कहलाती है। संकुल क या म त धात ुक उपसहसंयोजन सं या और धात ुके क क के संकरण पर नभर करती है।

    1.4.1 संकुल क सम वय सं या और या म त

    थम सं मण ेणी के त व मु य प से सम वय सं या 4 और 6 के साथ संकुल यौ गक बनाते ह, पर त ुअ य सम वय सं या वाले संकुल भी ा त कये गए ह। यहा ँइनका सं त वणन कया जाएगा। (क) सम वय सं या 1.2 और 3 वाले संकुल

    सम वय सं या 1 वाले संकुल जैसे Ni-N=N, बहु त कम ह और व श ट अव थाओं म थाई होते ह। ये रेखीय आकृ त या या म त के होते ह। सम वय सं या 2 वाले संकुल भी

    रेखीय या म त वाले होते ह, जैसे- [Ag(NH3)2]+, [Ag(CN)2]-, [Au(CN)2]-, आ द। [Ag(NH3)2]+ संकुल म 5s और एक 5p क क संकरण वारा दो संक रत क क बनाते ह। ये क क र त होत ेहै तथा दो NH3 अण ुअपने एकाक इले ॉन यु म वारा स वर आयन के साथ उपसहसंयोजक बधं बनाते ह। इसे न न कार से द शत कया जा सकता है-

  • 17

    4d 5s 5p [Ag(NH3)2]+

    sp संका रत क क

    यहा ं अथवा वारा धात ुके इले ॉन को तथा वारा लगपेै ड वारा दये गये इले ॉन यु म दखाया गया है।

    उपसहसंयोजक सं या 3 वाले संकुल कोणीय या म त वाले होत े ह जैसे- K2[Cu(CN)3]. H2O, Sc[N(Si Me3)2]3 आ द। (ख) सम वय सं या 4 वाले संकुल: सम वय सं या 4 के साथ बड़ी सं या म सं मण धात ु

    थाई संकुल बनात े है। इस वग म दो कार क या म त वाले संकुल ा त होत े ह- वगाकार समतल य और चतु फलक य। वगाकार समतल य या म त धात ुके dsp2 संक रत क क वारा ा त होती है। इसे आप कॉपर के संकुल आयन, [Cu(NH3)4]2+ वारा समझ सकत ेह। यहा ँCu2+ आयन के बा य क क म dsp2 संकरण होता है, िजससे संकुल आयन क या म त वगाकार समतल य होती है।

    Cu2+

    [Cu(NH3)4]+2

    यहा ँ यान देने यो य त य यह है क dsp2 संकरण हेत ु3d-क क का अयिु मत इले ॉन 4p-क क म चला जाता है। इसी या म त का अ य उदाहरण [Ni(CN)4]2- संकुल आयन है।

    संकुल क चतु फलक य या म त धात ुआयन के sp3 संकरण के कारण होती है। इसम d-क क संकरण म भाग नह ंलेते। चतु फलक य या म त वाले संकुल के कुछ उदाहरण है- Ni(CO)4, [NiCl4]2-, [MnCl4]2- आ द। Ni Ni(CO)4

    (ग) सम वय सं या 5 वाले संकुल: थम सं मण ेणी के त व बहु त सं या म सम वय

    सं या 5 वाले संकुल बनाते ह। उदाहरण के लए, Fe(CO)5, [CuBr5], [Ni(CN)5]3- आ द। इस कार के संकुल क या म त समनता व परै मडी या वग परै मडी ह।

  • 18

    (घ) समनवय सं या 6 वाले संकुल: इस सम वय सं या वाले संकुल बड़ी मा ा म बनत ेह, यो क या म त क ि ट से ये बहु त थाई होत ेह। इनक या म त अ ठफलक य होती

    ह। इस कार के कुछ संकुल ह- K2[Fe(CN)6], K3[Fe(CN)6], [TiF6]2-, [Cu(NH3)6]2+, [Co(NH3)6]2+ आ द। इन संकुल म के य धात ुआयन क क का संकरण होता ह। इस त य को आप [Fe(CN)6]4- के उदाहरण वारा समझ सकत ेह, जहाँ आयरन +2 ऑ सीकरण अव था म ह।

    Fe Fe2+

    [Fe(CN)6]4- अ टफलक य [Fe(CN)6]4

    संकुल यौ गक का व ततृ अ ययन आप इस पु तक म आगे वाल इकाइय म करगे।

    1.4.2 संकुल का था य व

    थम सं मण ेणी के त व व भ न ऑ सीकरण अव थाओं म या म त वाले संकुल को नमाण करत े है। संकुल के नमाण म लगै ड के एकाक इले ॉन यु म धात ुआयन के र त क क के साथ उपसहसंयोजक बधं वारा जड़ुते ह, िजसे [ML] वारा द शत कया सकता है। यहा ँM एक सं मण धात ुहै और एक L लगै ड है। जैसा आप पहले जान चुके ह क [Cu(NH3)4]2+ आयन म चार अमो नया के अण ु (: NH3) अपने चार एकाक इले ॉन यु म कॉपर के र त संक रत dsp2 क क म था पत करत े ह। इसी कार 6 साइनाइड आयन (:C≡N:-) अपने 6 एकाक इले ॉन यु म [Fe(CN)6]4- संकुल आयन के नमाण म Fe2+ आयन के 6 d2sp3 संक रत क क म था पत करत ेह। धात ु लगै ड के म य इस कार धात ु के सम वय सं या के बराबर उपसहसंयोजक बधं बनत े ह। बधं के बनने धात ु

    आयन पर बहु त अ धक ऋण आवेश था पत हो जाता है। इस आवेश को संतु लत करने हेत ुधात ुआयन के एकाक इले ॉन यु म लगै ड के र त क क के साथ-बधं बनाते ह िज ह [ML] वारा दशाया जाता है। इस प च बधंन के कारण संकुल पया त था य व हण करता है।

    सं मण धात ु सामा यत: अपनी न न ऑ सीकरण अव थाओं म ह थाई संकुल बनाते ह। न न ऑ सीकरण अव थाओं म उ च व यतु ऋणता वाले लगै ड जैसे F-, Cl-, NH3 आ द ह थाई संकुल बना पात ेह।

    कुछ वशेष या म त वाले संकुल उ च था य व वाले होते ह। सम वय सं या 2, 4, और 6 वाले धात ु रेखीय,- वगाकार समतल य, चतु फलक य तथा अ टफलक य या म त वाले संकुल बनाते ह, जो अपनी व श ट सम म त के कारण अपे ाकृत अ धक थाई होते ह।

  • 19

    बोध न- 4. न न ल खत कथन म स या/अस य बताइये- (क) थम सं मण ेणी के त व मु य प से 4 और 6 सम वय सं या वाले संकुल यौ गक ह। (स य/अस य) (ख) संकुल Sc[N(SiMe3)2]3 म सं मण धातु क सम वय सं या 3 है। (स य/अस य) (ग) [Cu(NH3)4]2+ आयन क या म त चतु फलक य होती है। (स य/अस य) (घ) [NiCl4]2- आयन म धातु आयन के क क म sp3 संकरण होता है। (स य/अस य) 5. न न ल खत वा य म र त थान क पू त क िजये- (क) संकुल Fe(CO)5 क या म त .............................होती है। (ख) [Fe(CN)6]4- आयन म Fe2+ आयन के बा य क क म.........................संकरण होता है जो आयन को अ ठफलक य आकृ त दान करता है। (ग) संकुल म लगै ड धातु आयन के साथ ................................. बंध बनाते ह। (घ) K2[Cu(CN)3].H2O संकुल म सं मण धातु क सम वय सं या .............. ....... है।

    1.5 सारांश (Summary) d- लॉक आवत सारणी के मु य भाग म s और p- लॉक के म य पाया जाता है। इस

    लॉक म 10 वग (वग 3 से 12) ह। सभी d- लॉक त व धात ुह। इनके गलनांक और वथनांक उ च होत ेह। अ धकांश d- लॉक त व सं मण त व ह जो प रवतनशील ऑ सीकरण अव थाओं म

    यौ गक और संकुल यौ गक बनाते ह। अ धकांश d- लॉक त व अनचुु बक य यवहार द शत करते ह। d-block त व उ तम उ ेरक ह। इनका उपयोग अनेक पदाथ के औ यो गक नमाण म

    कया जाता है। d-block त व के अ धकाशं यौ गक रंगीन होते ह। इन त व क अ भ याशीलता कम होती है। Ag, Au और Pt अपनी बहु त कम

    अ भ याशीलता के कारण उ कृ ट धात ुकहलात ेह। थम ेणी के सं मण त व व भ न धातुओं से अ भ या कर वअंगी यौ गक बनाते ह। थम ेणी के सं मण त व अपने छोटे आकार और उ च ना भक य आवेश के कारण

    संकुल यौ गक बनाने क विृ त रखत ेहै।

  • 20

    इन त व के संकुल व भ न ऑ सीकरण अव थाओं म बनत ेह और व भ न या म त वाले होते ह।

    अ धक संकुल 4 और 6 उपसहसंयोजन सं या वाले होत ेह। उपसहसंयोजन सं या 4 वाले संकुल वगाकार समतल य अथवा चतु फलक य या म त वाले होते है। उपसहसंयोजन सं या 6 वाले संकुल अ ठफलक य या म त वाले होत ेह।

    धात ुऔर लगै ड के क क म प च बधंन के कारण सकुंल अ धक था य व ा त करते है।

    1.6 श दावल (Glossary) त य : जो मोड़ने पर मुड़ जात ेह पर त ुटूटत ेनह ंह। आघातवधनीय : जो चोट करने पर चपटे होकर फैल जात ेह। पॉ जी : िजसम पजं जैसे गणु हो। दबाने से दब जाए। जल योजन ऊजा : आयन या अण ुके साथ जल के अणुओं वारा बधं बनाने से

    उ सिजत ऊजा। वअंगी यौ गक : दो कार के त व से बन यौ गक। भंगरु : जो दबाव डालने या चोट करने पर टुकड़ म बदल जाये।

    1.7 संदभ ंथ (Reference Books) 1. Inorganic Chemistry- S. Chand and Company, New Delhi 2. Inorganic Chemistry- Goyal Publishing House, Meerut 3. Inorganic Chemistry- Pradeep Publishing, Jalandhar 4. अकाब नक रसायन भाग 2- रमेश बकु डपो, जयपरु 5. अकाब नक रसायन भाग 2- सा ह य भवन पि लकेशन, आगरा 6. अकाब नक रसायन भाग 2- कॉलेज बकु हाऊस, जयपरु 7. अकाब नक रसायन भाग 2- हमांश ुपि लकेशन, उदयपरु

    1.8 बोध न के उ तर (Answers of Intex Questions) 1. (क) स य (ख) अस य (ग) स य (घ) अस य 2. (क) 5.6 (ख) Sc2O3 (ग) वनेै डयम पे टाऑ साइड (घ) Mn3O4 3. (क) Cu+4HNO3 (सां ) गरम करने पर Cu(NO3)2+2NO2+H2O

    (ख) Ni+4CO Ni(CO (क) Fe2O3+6HCl गरम करने पर 2FeCl3+3H2O (ख) 2VOCl3+3H2O V2O5+6HCl

    4. (ख) स य (ख) स य (ग) अस य (घ) स य 5. (क) समनता व परै मडी (ख) d2sp3 (ग) σ उपसहसंयोजक (घ) 3

  • 21

    1.9 अ यासाथ न (Exercise Questions) 1. d- लॉक त व क ह कहत ेहै? इनके गणु क सं त ववेचना क िजये। 2. सं मण त व क ह कहत े ह? सं मण त व क थम ेणी के नाम तथा इले ॉ नक

    व यास द िजये। 3. थम सं मण ेणी के क ह ंदो सद य के वअंगी यौ गक के गणु क वणन क िजये। 4. न न ल खत को समझाइये-

    (क) Zn, Cd तथा Hg को सं मण त व नह ंमानते। (ख) अ धकांश सं मण त व अनचुु बक य कृ त के होत ेहै। (ग) थम सं मण ेणी के त व के गलनांक उ च होत ेह। (घ) सं मण त व के यौ गक रंगीन होते ह।

    5. न न ल खत त व के वघना मक आयन के इले ॉ नक व यास द िजये- (क) टाइटे नयम (ख) ो मयम (ग) कोबा ट तथा (घ) कॉपर

    6. न न ल खत यौ गक से एथेन कैसे ा त करगे? (क) [Cu(NH3)4]2+ (ख) [Ni(CH)4]2- (ग) [MnCN4]2- (घ) [Co(NH3)6]2+

    7. थम सं मण ेणी के त व थाई संकुल बनाते ह। इनके था य व क ववेचना क िजये। 8. या होता है जब-

    (क) कैि डयम काब नेट को गरम कया जाता है। (ख) कैि डयम ाइऑ साइड को काबन के साथ लगभग 10000C पर गरम कया जाता

    है। (ग) अमो नयम मेटावनेैडेट को गरम कया जाता है। (घ) वनेै डयम ऑ सी लोराइड का जल अपघटन होता है। (ङ) र त त त आयरन पर जल वा प वा हत क जाती है। (च) नकल चूण क अ भ या काबन मोनो साइड से कराई जाती है।

    उ त प रवतन से स बं धत रासाय नक अ भ याएं भी लख। 9. कैसे ा त करगे-

    (क) MnO से Mn2O3 (ख) कोबा ट ऑ साइड से कोबा ट लोराइड। (ग) फेरस स फेट से फे रक ऑ साइड। (घ) कॉपर धात ुसे कॉपर नाइ ेट।

    10. थम सं मण ेणी के संदभ म न न ल खत क सं त या या क िजये- (क) धाि वक कृ त (ख) आयनन वभव (ग) ऑ सीकरण अव था (घ) चु बक य गणु (च) अ भ याशीलता।

  • 22

    इकाई 2 वतीय सं मण ेणी के त व का रसायन

    Chemistry of Elements of Second Transition Series इकाई क प रेखा 2.0 उ े य 2.1 तावना 2.2 वतीय सं मण ेणी के त व के सामा य ल ण 2.3 वतीय सं मण ेणी के त व का उनके 3d-समजात से तुलना मक

    संदभ: आय नक याएं, ऑ सीकरण अव थाएं, चु बक य यवहार, पे यी गणु तथा वय रसायन।

    2.4 साराशं 2.5 श दावल 2.6 संदभ थं 2.7 बोध न के उ तर 2.8 अ यासाथ न

    2.0 उ े य (Objectives) इस इकाई के अ ययन के प चात ्आप समझ पायगे- वतीय सं मण ेणी के त व कौनसे ह। इन त व के सामा य ल ण या ह। ये त व अपने समजात थम सं मण ेणी के त व से या समानताएं है और कस कार

    उनसे भ न ह।

    2.1 तावना (Introduction) इकाई 1 म आपने जाना क कस कार 3 क क म मागत इले ॉन के भरने से

    थम सं मण ेणी के त व बनत ेह िजनका परमाण ु मांक 21 से 29 है, अथात ्ये त व चौथे आवत म कैि डयम से कॉपर तक है।

    इसी कार 4d-क क म एक के बाद एक म नौ इले ॉन भरने पर सं मण त वो क वतीय ेणी बनती ह। इनके परमाण ु मांक 39 से 47 ह।

  • 23

    2.2 वतीय सं मण ेणी के त व के सामा य ल ण (General Characteristics of Elements of Second Transition Series)

    वतीय सं मण ेणी के त व आवत सारणी के d- लॉक के पांचवे आवत म पाये जात े ह। इनका सामा य इले ॉ नक व यास 1s22s22P63s23p63d104s24p64d1 105s0-2

    होता है। इसे [Kr]4d1-10 5s0-2 भी लखा जा सकता है, जहा ँ [Kr] उ कृ ट गसै टॉन का इले ॉ नक व यास द शत करता है। इन त व के नाम, संकेत, इले ॉ नक व यास तथा अ य सामा य ल ण यहा ँ दये जा रहे ह। (1) इले ॉ नक व यास: सारणी 2.। म आप देख सकत े है क वतीय सं मण ेणी के

    अ धकांश त व के इले ॉ नक व यास म 5s-क क भरा हुआ नह है इसम 0 या 1 इले ॉन पाया जाता है। इसका एक कारण 4d तथा 5s-क क क ऊजा म बहु त कम अंतर होना है। इसके अ त र त इसे मा अ -पू रत क क के था य व के आधार पर नह ंसमझाया जा सकता। इसम अ य बहु त से कारक का योगदान स भव है, जैसे-प रर ण भाव, इले ॉन-इले ॉन तकषण, भेदन भाव, आ द।

    सारणी 21: वतीय सं मण ेणी के त व के इले ॉ नक व यास परमाणु माकं त व का नाम संकेत इले ॉ नक व यास

    39

    इ यम

    Y

    [Kr]4d15s2

    40

    जक नयम

    Zr

    [Kr]4d25s2

    41

    नायो बयम

    Nb

    [Kr]4d35s1

    42

    मॉ ल डनेम

    Mo

    [Kr]4d45s1

    43

    टै नी शयम

    Tc

    [Kr]4d55s1

    44

    थी नयम

    Ru

    [Kr]4d75s2

    45

    रो डयम

    Rh

    [Kr]4d85s1

    46

    पलेै डयम

    Pd

    [Kr]4d105s1

    47 स वर Ag [Kr]4d105s1

  • 24

    (2) धाि वक ल ण: अ य सभी सं मण त व क भां त वतीय सं मण ेणी के त व भी धात ुहै तथा ये धातुओं के सभी सामा य ल ण द शत करत ेह, जैसे- ऊ मा और व यतु चालकता, कठोरता, त यता, आघातवघनीयता घाि वक चमक, आ द। ये धात ुअ य धातुओं के साथ उपयोगी म धातएंु भी बनात ेह।

    (3) घन व: सामा य धातुओं क भां त इनके घन व उ च होत ेह। त व Y Zr Nb Mo Tc Ru Rh Pd Ag घन व(g/cm3) 4.5 6.51 8.57 10.28 11.5 12.41 12.39 11.99 10.49

    यहा ँ प ट है क आवत म घन व बाय से दाय बढ़ रहा है पर त ुअ त म कुछ कमी आती है िजसका कारण परमाण ुक या या आकार म वृ है। (4) परमाण ु या: वतीय सं मण त व क परमाण ु याओं के मान बाय से दाय नरंतर

    कम होत ेह पर त ुअं तम छोर पर कुछ वृ होती है। त व Y Zr Nb Mo Tc Ru Rh Pd Ag परमाण ु या(A) ।.80 1.60 1.46 1.39 1.36 1.34 1.34 1.37 1.44

    सं मण ेणी म ना भक य आवेश क वृ के साथ इले ॉन पर आकषण बढ़ता है िजससे परमाण ुआकार म कमी होती है। यह यान रखने क बात यह है क परमाण ु माकं बढ़ने के साथ इले ॉन अं तम से एक पहले d-क क म भरत े ह। ये इले ॉन बाहर 5s इले ॉन को तक षत करत ेह, िजससे आकार म वृ होती ह। ार भ म आकषण अ धक होने से परमाण ुआकार म कमी होती है परंत ुअं तम छोर पर 4d क क म पया त इले ॉन भर जाने से तकषण भाव अ धक हो जाता है और आकार म वृ ार भ हो जाती है। इसी का प रणाम है क Tc और Ru क परमाण ु याएं लगभग समान होती ह। (5) गलनांक और वथनांक: वतीय ेणी क सं मण धातुओं के गलनांक और वथनांक बहु त

    अ धक होते ह। ेणी म बाऐं से दाऐं जाने पर पहले इनके मान बढ़त े है और फर कम होत ेह।

    त व Y Zr Nb Mo Ru Rh Pd Ag गलनांक (0C) 1530 1857 2468 2620 2282 1960 1552 961

    (6) आयतन वभव: वतीय सं मण ेणी के धातओंु के आयनन वभव बहु त अ धक होते है। इस कारण इन धातुओं का व यतु धना मक गणु कम होता ह। प रणाम व प इनके यौ गक म आय नक गणु क अपे ा सहसंयोजक गणु अ धक होत ेह। उ च ऑ सीकरण अव थाओं म तो इनके यौ गक मु य प से सहसंयोजक ह होत ेहै। इनके थम आयनन वभव के मान KJ/mol इकाइय म यहा ँ दए जा रहे है।

    त व Y Zr Nb Mo Tc Ru Rh Pd Ag आयनन वभव 616 674 664 685 703 711 720 604 731

  • 25

    बाऐं से दाऐं आयनन वभव के बढ़ने क विृ त है। यह वृ बढ़ते आवेश के कारण होती है। प रर ण भाव इस वृ को कम करता है अत: दो मागत त व के आयनन वभव का अंतर बहु त कम पाया जाता ह।

    (7) उ रेक य गणु: सं मण धात ुउ तम उ रेक का काय करत ेह। समांग उ रेण म ये धात ुयाकारक पदाथ के साथ अ थाई म यावत यौ गक बनाकर उ रेक क नभात ेह। वषमांग

    उ रेण म ये धात ु याकारक पदाथ के अ धशोषण के लए मु त संयोजकता वाल सतह उपल ध करात ेह। उदाहरण के लए,

    (i) C6H5OH+3H2 Pd

    C6H11OH फ नॉल साइ लोहे सेनॉल

    (ii) 4NH3+5O2 Pd/Rh ⎯⎯ 4NO+6H2O

    (8) ऑ सीकरण अव थाएं: अ य सं मण त व क भाँ त वतीय ेणी के भी प रवतनशील ऑ सीकरण अव थाओं का अपने यौ गक म दशन करत ेह। ये ऑ सीकरण अव थाएं

    न न कार ह। को ठक म द गई ऑ सीकरण अव थाएं असामा य ह। Y Zr Nb Mo Tc Ru Rh Pd Ag

    +1 (+2) +2 +2 +2 +2 (+2) +3 (+3) (+3) +3 +3 +3 (+3) (+3) (+4)

    (+4) +4 (+4) +4 +4 +4

    +5 +5 (+5)

    (+5)

    +6 (+6) (+6) (+6) (+7) (+7) (+8) ऊपर द गई सारणी से प ट है क ऑ सीकरण सं याओं का मान बाय से, दाय पहले बढ़ता ह फर कम होता चला जाता है। वतीय सं मण ेणी म थीनीयम सबसे अ धक सात कार क (+2 से +8) ऑ सीकरण अव थाएं द शत करता ह। ेणी का थम त व इ यम केवल +3 ऑ सीकरण अव था द शत करता है। ेणी के लगभग सभी त व +2 तथा +3 ऑ सीकरण अव थाएं द शत करत ेह। 9) चु बक य गणु: अ य सं मण त व क भाँ त वतीय सं मण ेणी के त व और इनके

    यौ गक अनचुु बक य गणु रखत े ह। यह विृ त इनम उपि थत अयिु मत इले ॉन के कारण होती है।

  • 26

    10) संकुल यौ गक: सभी सं मण त व म संकुल यौ गक बनाने क कृ त पायी जाती ह। इसका मु य कारण इनका छोटा आकार, उ च ना भक य आवेश, तथा र त d- क क क उपल धता ह। सम वय सं या 4 और 6 वाले संकुल सामा य प से ा त होत ेह पर त ुवतीय सं मण ेणी के कुछ त व सम वय सं या 7 और 8 वाले संकुल भी बनाते ह।

    उदाहरण के लए [ZrF7]3- आयन िजसक संरचना पचंकोणीय व परै मडीय होती है। इसी कार Cu2[ZrF8] म उपि थत [ZrF8]4- आयन क संरचना वगाकार वपर त म जैसी

    होती है, िजसके के म Zr परमाण ुरहता ह। 11) गु छ यौ गक: सं मण धातओंु म धात-ुधात ुबधंन क विृ त पायी जाती है िजससे ा त

    यौ गक गु छ यौ गक (Cluster Compounds) कहलात े ह। उदाहरण के लए Ru3(CO)12, Rh4(CO)12, [Nb6CL12]2+, [Mo2Cl9]3-, Mo(CH3COO)4.2H2O, आ द।

    (12) अ भ याशीलता: अ य सं मण त व क भां त वतीय सं मण णेी के त व क अ भ याशीलता बहु त कम होती है। इसका कारण इनके उ च आयनन वभव, उ च उ वपातन ऊजा, न न वलायकन ऊजा, आ द ह। इसी कारण थी नयम रो डयम, पलेै डयम और स वर क गनती उ कृ ट धातुओं म क जाती है।

    बोध न- 1. न न ल खत कथन म स या/अस य बताइये- (क) वतीय सं मण ेणी के थम दो सद य इ यम तथा नायो बयम ह। (स य/अस य) (ख) पैले डयम परमाणु के 4d तथा 5s क क म उपि थत इले ॉन क सं या मश: दस और शू य होती है। (स य/अस य) (ग) वतीय सं मण ेणी क धातुओं म सबसे अ धक घन व थी नयम का होता है। (स य/अस य) (घ) रो डयम और पैले डयम क परमाणु याओं के मान समान होते है। (स य/अस य) (च) आवत सारणी के पांचवे आवत म सबसे अ धक गलनांक वाला त व मॉ ल डेनम है। (स य/अस य) (छ) पैले डयम क सामा य ऑ सीकरण अव था +3 है। (स य/अस य) 2. न न ल खत वा य म र त थान क पू त क िजये- (क) [ZrF7]3- संकुल आयन म जक नयम धातु क ऑ सीकरण अव था तथा सम वय सं या मश: ..............तथा.......... है। (ख) मॉ ल डेनम अपने यौ गको म +2 से....................तक सामा य ऑ सीकरण अव थाएं द शत करता है। (ग) फ नॉल क अ भ या हाइ ोजन गैस से ........................ धातु क उपि थ त म कराने पर साइ लोहे सेनॉल ा त होता है।

  • 27

    (घ) वतीय सं मण ेणी म सबसे कम गलनांक वाला धातु ....................... है। (च) आवत सारणी के पांचवे आवत म ……..... तथा…………… त व क परमाणु याओं के मान समान होते ह। (छ) इ यम और पैले डयम के 4d क क म अयुि मत इले ॉन क सं या मश:................ और...................होती है।

    2.3 वतीय सं मण ेणी के त व का उनके 3d-समजात से तुलना मक ववेचन (Comparative Treatment of Elements of Second Transition Series with their 3d-analogues) आवत सारणी के सं मण त व वग म थम एव ं वतीय सं मण े णय के म य

    उनके परमाण ु माकं म 18 का अंतर पाया जाता है, िजसका भाव दोन े णय के त व के गणु म भ नता के प मे सामने आता है। इन सं मण े णय का सामा य इले ॉ नक व यास समान है अत: गणु म समानता भी पायी जाती है। व भ न गणु के आधार पर दोन े णय का तुलना मक ववेचन यहा ँ कया जाएगा।

    (1) इले ॉ नक व यास: दोन े णय का सामा य इले ॉ नक व यास समान है। दोन े णया ँइले ॉन के मश: 3d और 4d क क म भरने से बनती ह और दोन म अं तम

    क क मश: 4s और 5s ह। सं मण वग म इले ॉ नक व यास क भ नता के कारण त व के गणु म पायी जाती है। दोन े णय के त व के बा य व यास तुलना हेत ुयहा ँदये जा रहे ह।

    वग 3 4 5 6 7 8 9 10 11 3d- ेणी Sc Ti V Cr Mn Fe Co Ni Cu व यास 3d14s

    2 3d2

    4s2 3d34s2

    3d54s1

    3d54s2

    3d64s2

    3d74s2

    3d84s2 3d104s1

    4d- ेणी Y Zr Nb Mo Tc Ru Rh Pd Ag व यास 3d14s

    2 3d2

    4s2 3d44s1

    3d54s1

    3d54s2

    3d74s1

    3d84s1

    3d104s0

    3d104s1

    यहा ँआप प ट प से देख रहे है क 3, 4 ,6 ,7 और 11 वग म इले ॉ नक व यास समान है, पर त ु5, 6, 9 और 10 वग म इले ॉ नक व यास भ न है। (2) परमाण ु या: थम सं मण ेणी क अपे ा वतीय सं मण ेणी के त व क परमाण ु

    याओं के मान अ धक होते ह। दोन े णय के त व क परमाण ु याओं के (A0 इकाई म) तुलना हेत ुयहा ँ दये जा रहे ह।

  • 28

    वग 3 4 5 6 7 8 9 10 11 3d- ेणी Sc Ti V Cr Mn Fe Co Ni Cu परमाण ु या 1.65 1.47 1.36 1.30 1.27 1.26 1.25 1.25 1.28 4d- ेणी Y Zr Nb Mo Tc Ru Rh Pd Ag परमाण ु या 1.80 1.60 1.46 1.39 1.36 1.34 1.34 1.37 1.44 दोन े णय म बाय से दाय परमाण ु या का मान घटता है फर वग 910 म परमाण ु

    याएं समान हो जाती है और अगले वग 11 म परमाण ु या के मान म वृ है। (3) आयनन वभव: आयनन वभव का सीधा स बधं परमाण ुके ना भक य तथा परमाण ु या

    से होता है। भीतर इले ॉन का प रर ण भाव भी मह वपणू कारक है। दोन े णय के त व के थम आयनन वभव के मान KJ त मोल इकाइय म यहा ँना क ि ट से दये जा रहे ह।

    वग 3 4 5 6 7 8 9 10 11 3d- ेणी Sc Ti V Cr Mn Fe Co Ni Cu आयनन वभव 631 656 650 653 717 762 758 736 745 4d- ेणी Y Zr Nb Mo Tc Ru Rh Pd Ag आयनन वभव 616 674 664 685 703 711 720 804 731 ऊपर दये गये आयनन वभव मान से प ट है क अ धकांश वग म दोन े णय के आयनन वभव म बहु त अंतर नह ंह। आयनन वभव यहा ँइस बात पर भी नभर है करता है क सबसे बाहर 4d या 5ऽ क क म इले ॉन यिु मत है अथवा अयिु मत। दसव वग म Pd परमाण ुके 4d क क म 10 इले ॉन तथा 5p क क म शू य इले ॉन होने से यह व यास (3d84s2) क अपे ा अ धक थाई हो जाता है अत: पलेै डयम का थम आयनन वभव नकल से काफ अ धक है। (4) घन व: सं मण धातुओं का घन व उनके परमाण ुभार और परमा वीय आयतन पर नभर

    करता है। परमा वीय आयतन का सीधा स बधं परमाण ु या से होता है। अब आप आगे दये गये घन व के मान के आधार पर दोन े णय क तुलना कर सकत ेह।

    वग 3 4 5 6 7 8 9 10 11 3d- ेणी Sc Ti V Cr Mn Fe Co Ni Cu घन व(g/cm3) 2.99 4.54 6.11 7.20 7.44 7.86 7.83 8.90 8.92 4d- ेणी Y Zr Nb Mo Tc Ru Rh Pd Ag घन व(g/cm3) 4.5 6.51 8.57 10.28 11.5 12.41 12.39 11.99 10.49 दोन े णय के धन व म पया त अ तर ह। दोन े णय म घन व बाय से दाय बढ़ता है। दोन े णय म वग 9 म घन व म कमी आती है। वतीय ेणी म घन व के वग म नर तर कम होता चला जाता है। इसका कारण स भवत परमाण ु या का कम होने क अपे ा बढ़ना है िजससे परमा वीय आयतन म भी वृ होती है।

  • 29

    (5) ऑ सीकरण अव थाएं : थम एव ं वतीय सं मण ेणी के त व क ऑ सीकरण अव थाओं क तुलना आगे सारणी म क गयी है। वग

    सं या सं मण धात ु

    ऑ सीकरण अव थाय

    3 Sc Y

    (+2) +3 +3

    4 Ti Zr

    +2 +3 +4 (+3)(+4)

    5 V Nb

    +2 +3 +4 +5 (+2) (+3) (+4) (+5)

    6 Cr Mo

    (+1) +2 +3 (+4) (+5) (+6) +2 +3 +4 +5 +6

    7 Mn Tc

    +2 (+3) +4 (+5) (+6) +7 (+4) (+5) (+6) (+7)

    8 Fe Ru

    +2 +3 (+4) (+5) (+6) +2 +3 +4 (+5) (+6) (+7) (+8)

    9 Co Rh

    +2 +3 (+4) (+5) +2 +3 +4 (+6)

    10 Ni Pd

    +2 (+3) (+4) +2 (+3) +4

    11 Cu Ag

    +1 +2 +1 (+2) (+3)

    उ त सारणी से प ट है क दोनो े णय के कनारे वाले धात ुसी मत ऑ सीकरण अव थाएं द शत करत े है जब क बीच वाले त व बहु त सी ऑ सीकरण अव थाएं दशात ेह। ऐसा एक

    आवत म बाय से दाय पहले अयिु मत इले ॉन क सं या बढ़ने और फर यह सं या घटने के कारण होता है। उपर दशायी गयी सभी ऑ सीकरण अव थाएं सामा य नह ं होती, बहु त सी असामा य भी होती ह। इसका अथ यह है क कुछ ऑ सीकरण सामा य और अ धक सं या म यौ गक बनाती है जब क असामा य ऑ सीकरण अव थाएं संकुल यौ गक म ह थायी होती है। असामा य अव थाओं को को ठक म दया गया है। दोन े णय म उ च ऑ सीकरण अव थाएं असामा य ह। (6) संकुल यौ गक और उनक या म त: दोन सं मण े णय के त व संकुल यौ गक बनाते

    ह। थम सं मण ेणी के त व उ च सम वयी सं या के संकुल नह ं बनाते जब क वतीय सं मण ेणी के त व उ च सम वयी सं या (जैसे 7 और 8) वाले संकुल भी

  • 30

    बनाते है। यहा ँउदाहरण के लये कुछ संकुल लेकर उनक सम वयी सं या और या म त का तुलना मक ववेचन कया जायेगा।

    सम वय सं या

    सं मण धात ु

    संकुल या म त ऑ सीकरण अव था

    6 8

    Sc Y

    [ScF6]3-

    [Y(acac)4] अ टफलक य वगाकार

    त मीय +3 +3

    5 6 7

    Ti Zr Zr

    [TiOCl4]2-

    [ZrF6]2- Na3[ZrF7]

    वगाकार परै मडी अ टफलक य

    पचंभजुीय व परै मडी

    +4 +4 +4

    5 6 6 7

    V,Nb [VF5],[NbF5]

    V Nb V,Nb

    [VF5],[NbF5] [V(CN)6]3- Nb(CO)6 [Y(CN)7]4-

    ,K3[NbF7]

    भुजीय व परै मडी अ टफलक य अ टफलक य

    पचंभजुीय व परै मडी

    +5 +3 0

    +3,+4

    (7) चु बक य गणु: अ धकांश सं मण त व और उनके यौ गक अनचुु बक य कृ त के होत े है।

    अ�