पा kय म अ gभकãप स gम Óत - Vardhaman Mahaveer Open...

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Page 1: पा kय म अ gभकãप स gम Óत - Vardhaman Mahaveer Open Universityassets.vmou.ac.in/CCP03.pdf · 2016. 7. 27. · 2. मृदा ¢रण क रोकथाम-खरपतवार

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पा य म अ भक प स म त अ य ो (डॉ) एल आर गजर नदशक सकाय वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

सम वयक सद य सम वयक ो (डॉ) बी अ ण कमार

आचाय राजनी त व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा सद य 1 डॉ प षो तम सह सन सनवार

सवा नव त आचाय (मदा व ान) एव ीय नदशक क ष अनसधान क कोटा

2 ो (डॉ) एपी सह आचाय (स य व ान) इि दरा गाधी क ष व व व यालय रायपर(छग)

3 डॉ एसएस तोमर आचाय (स य व ान) एव ीय नदशक क ष अनसधान क कोटा

4 ीमती वता ग ता ग ट फक ट क ष व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

5 डॉ एनएन पाठ सह आचाय (क ट व ान) क ष व ान क कोटा

स पादक एव पाठ लखक स पादक ीमती वता ग ता

ग ट फक ट क ष व ान

वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा इकाई लखक इकाई स या 6 डॉ जपी ततरवाल

सहायक आचाय (स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

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1 डॉ ताप सह आचाय(स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

4 7 डॉ अनराधा शमा सहायक आचाय वन प त व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

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2 डॉ एच आर चौधर आचाय(स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

15 8 डॉ अशोक कमार क हार सहायक सचालक क ष कसान क याण तथा क ष वकास भोपाल (म )

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3 डॉ एनएन पाठ सह आचाय (क ट व ान) क ष व ान क कोटा

78 9 ी अ वनाश सर जा सहायक ीय ब धक नशनल फ टलाइजर ल मटड (भारत सरकार का उप म) नीमच (म )

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4 डॉ आरक शवरन सहायक आचाय(स य व ान)क ष अनसधान क कोटा

1 10 ीमती वता ग ता ग ट फक ट क ष व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

3691012

5 डॉ बलदव राम सहायक आचाय(स य व ान)क ष अनसधान क कोटा

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अकाद मक एव शास नक यव था ो (डॉ) वनय पाठक

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो(डॉ) एलआर गजर नदशकसकाय वभाग

वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो (डॉ) पीक शमा नदशक ीय सवाए

वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

पा य म उ पादन योग गोयल

सहायक उ पादन अ धकार वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

उ पादन 2013 इस साम ी क कसी भी अश को व म ख व कोटा क ल खत अनम त क बना कसी भी प म lsquo म मयो ाफ rsquo (च म ण) वारा या अ य पनः तत करन क अनम त नह ह व म ख व कोटा क लय कलस चव व म ख व कोटा (राज) वारा म त एव का शत

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CCP-03 वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

वषय सची पौध सर ण एव बधन (Plant Protection Management) इकाई स या इकाई का नाम प ठ स या

इकाई mdash 1 खरपतवार क मह व वशषताए एव हा नकारक भाव 6mdash13

इकाई mdash 2 खरपतवार का वग करण फसल स जड़ खरपतवार 14mdash26

इकाई mdash 3 फसल म खरपतवार नय ण 27mdash53

इकाई mdash 4 एक कत खरपतवार बधन 54mdash72

इकाई mdash 5 खरपतवार नाशक क छड़काव म इ तमाल उपकरण 73mdash82

इकाई mdash 6 फसल क म य क ट और उनका नय ण 83mdash102

इकाई mdash 7 बागवानी फसल क म य क ट और उनका नय ण 103mdash117

इकाई mdash 8 एक कत क ट बधन 118mdash132

इकाई mdash 9 क टनाशक छड़काव क उपकरण 133mdash147

इकाई mdash 10 पादप रोग व ान का इ तहास एव स ा त 148mdash173

इकाई mdash 11 फसल क म य फफद य रोग एव नय ण 174mdash196

इकाई mdash 12 बागवानी फसल क म य फफद य रोग एव नय ण 197mdash212

इकाई mdash 13 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण 213mdash224

इकाई mdash 14 बागवानी फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण 225mdash239

इकाई mdash 15 भडा रत अनाज क ट 240mdash248

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इकाई 1 खरपतवार क मह व वशषताए एव हा नकारक भाव

इकाई क परखा 10 उ व य 11 तावना 12 प रभाषा 13 खरपतवार क मह व 14 खरपतवार क वशषताए अथवा कठोरता अथवा मत यता 15 खरपतवार स हा नया 16 साराश 17 बह चयना मक न 18 सदभ थ

10 उ य खरपतवार उगाई जान वाल फसल को य एव अ य प स हा न पहचात ह इस कार खरपतवार कषक क त इकाई आय कम करत ह फसलो पादन म खरपतवार क

रोकथाम आव यक ह खरपतवार क रोकथाम करन क लए खरपतवार का अ ययन आव यक ह खरपतवार क वग करण म म यतः उनक अकरण बढ़न पकन का समय उनक आय खरपतवार क व करन का ढग उनक जलवाय एव मदा स ब धी आव यकता उनक भौ तक एव द हक व फसल क साथ घ न ठता आ द कारक को वशष आधार माना जाता ह

11 तावना क ष म खरपतवार एक मख सम या ह जो कसान को अपनी उगाई जान वाल फसल

स पण लाभ नह उठान दती खरपतवार उगाई जान वाल फसल को य एव अ य प स हा न पहचात ह इस कार खरपतवार कषक क त इकाई आय कम करत ह खरपतवार वारा क जान वाल फसल क पदावार म हा न 5 तशत स 70 तशत तक ऑक गई ह खरपतवार वारा कभी-कभी खतो स 150 क ाह नाइ ोजन उपयोग कर ल जाती ह व भ न व ा नक न खरपतवार का व तत अ ययन करक खरपतवार को व भ न प म प रभा षत कया ह

12 प रभाषा खरपतवार व अवाि छत पौध हः जो कसी थान पर बना बोय उगत ह और िजनक

उपि थ त कषक को लाभ क तलना म हा नकारक अ धक ह

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(अ) ए सो यट खरपतवार-इस वग क अ दर उपय त सभी एकवष य ववष य बह वष य खरपतवार सि म लत करत ह कषक को हमशा इनस हा न ह पह चती ह फलो पादन म यह एक मख सम या ह (ब) रल टव खरपतवार-इस वग म फसल क व पौध िज ह कसान खत म नह बोता व वय ह उग आत ह रल टव खरपतवार कहत ह जस-गह क खत म जो जना व सरस आ द य द उग जाय तो य सम या ह य सभी न न कार क होत ह 1 अनकार अथवा नकलची खरपतवार-धान क खत म जगल धान गह क खत म जगल जई

व मडसी जस खरपतवार अपन परपोषी फसल क पौध क साथ बा ा आका रक म मलत ह और फसल क साथ-साथ बढ़त रहत ह इ ह अनकार या नकचल खरपतवार कहत ह

2 वशष स म जलवाय क खरपतवार-कासनी व वाइन स खरपतवार को छायाय त व ठडी नम जलवाय क आव यकता होती ह यह जलवाय बरसीम व लसन क फसल म चर मा ा म पाई जाती ह य खरपतवार इसी कारण स इन फसल म पाय जात ह

जगल याज लहसन व मडसी क बीज उसी ऊचाई व उसी समय पर पकत ह जब क स दय क अ न वाल फसल क बीज पकत ह फसल क कटाई पर व फसल क बीज म मल जात ह

(स) रोगय-जब कसी फसल क अ य जा त का पौधा बना बोय खत म ह उगता ह तो वह रोगय कहलता ह उदाहरण क प म य द गह क एच डी 1553 क फसल म बना बोय गह क यपी जा त 262 का पौधा उग जाय तो यह रोगय कहलायगा कसी जा त वशष क श वता को बनाय रखन क लय इस कार क अइि छत पौध को खत म उखाड़ना (रो गग) आव यक होता ह

भागीय व सकाय खरपतवार-इस वग क खरपतवार पहल जगल जा तय क साथ उगत ह तथा क षत भ मय पर पहचकर फसल क साथ पण तयो गता कर मन य क काय-कलाप को सहन करत ह ए उगना ार भ कर दत ह जस-नागफनी

अ वक पी खरपतवार-जो खरपतवार क ष भ मय या अ यवि थत भ मय म अ य पौध क जा तय स तयो गता नह कर पात उ ह अ वक पी खरपतवार कहत ह जस - हरनखर

अ न टकार खरपतवार-व खरपतवार जो अनइि छत क ट द व साधारणतया मन य क नय ण क बाहर ह य खरपतवार जनन व वतरण क असीम मता रखत ह मन य वारा नय ण क को शश को य न फल कर दत ह कॉसनी अमरबल दबघास मौथा कॉस आ द इसक उदाहरण ह

रगन वाल खरपतवार-इनक तन भी भ म पर रगकर चलत ह इनक तीन क गॉठ स जड़ नकलती ह दब व न नया इसका उदाहरण ह

लग खरपतवार-इन खरपतवार क तन भी दबल होत ह ायः फसल क पौध क सहार लपटकर य ऊपर चढ़त ह जस हरनखर चटर -मटर व मनमना आ द

आरोह खरपतवार-य खरपतवार फसल क पौध क सहार ह ऊपर लपटकर चढ़त ह लपटन क लय इनम ि डलस होत ह जस-क दर

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13 खरपतवार क मह व 1 मदा म पोषक त व का योग-बह त स खरपतवार अपनी वान प तक व अ धक कर

लत ह य द हर खाद क प म इनका योग कर लया जाय तो मदा म य काफ मा ा म पोषक त व जमा कर लत ह मदा क ऊपर सतह म पह चा दत ह बावचा व गोख 35 तशत श क भार क आधार पर नाई ोजन रखत ह आईसी एआर क एक सव ण क आधार पर यह पाया गया ह क कछ जगल ल यम वातावरण स न जन का ि थर करण करती ह और इनम 15-6 तशत तक न जन पाई जाती ह इनक अ दर पोटाश क भी मा ा होती ह इस कार क ल यमस को खत म दबान पर मदा म इनका सडाव भी शी होता ह इस कार खरपतबार मदा म व भ न खा य त व को बढ़ान म सहायक हो सकत ह

2 मदा रण क रोकथाम-खरपतवार भ म क ऊपर फलकर व भ म म जड़ का वकास करक वाय एव जल वारा होन वाल मदा रण को रोकन म सहायता दत ह

3 चार क प म खरपतवार का उपयोग- व भ न खरपतवार जस दब चार क प म पशओ का उ तम आहार ह

4 खरपतवार का दवाइय म योग-कछ खरपतवारो जस ग बा सॉप क काटन पर काम म लाया जाता ह स यानाशी क बीज स नकाला गया तल अनक वचा रोग म योग होता ह

5 खरपतवार का आ थक मह व-कॉस आ द खरपतवार छ पर आ द तयार करन क काम आत ह मज व रामबॉस स र यॉ तयार करत ह ल मन घास क पि तय स नकाला गया तल सग ध क लय योग करत ह यह तल म छर भगान वाल म तयार करन क काम म भी लाया जाता ह

6 खरपतवार स ऊपर भ म का सधार-ऊसर भ म क सधार क लय स यानाशी व सजी खरपतवार को उगाना लाभदायक पाया गया ह

7 खरपतवार का सजावट म योग-बागो व सड़को क कनार कछ खरपतवार का हज लगान म योग कया जाता ह जस जरायन आ द

14 खरपतवार क वशषताए अथवा कठोरता अथवा मत यता फसल क पौध क अप ा खरपतवार म उगन बढ़न एव व तार करन का गण अ धक

होता ह खरपतवार क अनक वशषताओ का वणन न न कार कया जा सकता ह 1 खरपतवार क बीज का अकरण शी होता ह व बीजाकर तजी स बढ़वार करत ह

खरपतवार क बीजाकर स त होत ह तथा व फसल क पौध क साथ काशए नमी व पोषक त व क लय तजी स सघष करत ह खतरवार क बीज क व श ट या व ध उसम अकरण क आवि त ह िजसम खरपतवर क कछ जा तय जस जगल चलाई नय मत समया तर पर अक रत होती रहती ह

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2 खरपतवार क फल शी आत ह बीज अ धक मा ा म व फसल स ज द पकत ह जगल चलाई का एक पौधा 1080220 मकाय का एक पौधा 178000 स यानाशी पॉच हजार जगल जई 250 एव गा आधा करोड़ बीज तवष पदा करता ह इस कार खत स खरपतवार का पणतया उ मलन कभी-कभी अस भव हो जाता ह

3 खरपतवार क जड़ फसल क पौध क तलना म शी वक सत होती ह इनक व व भ म म चार ओर व काफ गहराई तक होती ह योग स मालम होता ह क कॉस व हरनखर क जड़ भ म म 20 फ ट व जवास क जड़ भ म म 13 फ ट क गहराई तक पह च जाती ह

4 खरपतवार क बीज क अकरण शि त बह त समय तक बनी रहती ह बथव क बीज भ म म 40 वष तक रहन क बाद भी उग आत ह

भ मगत बीज का जीवनकाल व भ न खरपतवार का आय काल

खरपतवार आय वष म दबघास 2 ब 4 सोकस आवि सस 5 मौथा 5 ए ोपाइरोन रप स 5 बलस ट रि स 8

पीला पौधा (सा ए कल टस 20 सर सयम आव स 20 जगल सरस 30 हरन खर 50

5 अ धकतर खरपतवार को ल ब समय तक जलम न अव था म रखन स अकरण मता बह त घट जाती ह दबघास क बीज को 28 समी गहराई पर जलम न 30 दन तक करन स अकरण 48 तशत व 50 दन तक करन स अकरण 14 शत रह जाता ह प रप व व श क बीज नीमय त क च बीज क अप ा अि न क भाव क त अ धक रोधी होत ह हरनखर क बीज का अकरण अि न वारा घट जाता ह कई झाड़ीदार खरपतवार क बीज क अकरण मता अि न क स पक म आन क कारण बढ़ जाती ह

6 कछ खरपतवार क बीज अप रप व अव था म काट जात ह तो भी अपनी अकरण मता 100 तशत बनाय रखत ह जस-सो वस आवि सस जगल पालक व चकवीड क अप रप व बीज वाल पौध को उखाडन पर भी बीज प रप व हो जात ह व भनन खरपतवार क पौध म फल आन क बाद बीज प रप व होन का समय नीच ता लका म दया गया ह

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खरपतवार क पौध म फल आन स प रप व होन का समय 1 क णशील 25 15

2 स यानाशी 50 35

3 याजी 40 15

4 खसार 35 15

5 सफद सजी 35 20

6 मकोय 45 15

7 मनमना 30 15

7 जलवाय भ म व ज वक तकल प रि थ तय म खरपतवार क पौध शी ता स बीज का उ पादन कर लत ह

8 अ धकतर खरपतवार क पि तय पर इनक र ा क लय स त बाल चप चप पदाथ अथवा कॉट होत ह

9 खरपतवार क पि तय पर याशील र कप क स या अ धक पाई जाती ह 10 खरपतवार क बीज म वतरण अथवा फलाव क लय बीज पर ह क पख बाल व कॉट

आ द होत ह जस-काकोलबर व क पोिज ट वग क खरपतवार क बीज पर 11 खरपतवार क पौध य द बीज बनन क पहल क ह कारण स न ट हो जाय तो व

व भनन वान प तक भाग वारा अपनी व व कर लत ह उदाहरण क लय मौथा यबरस व हरनखर म अपनी व व लत ह

12 खरपतवार क बीज का आकार व रग कभी-कभी फसल क बीज क आकार व रग स मलता हआ होता ह िजसक उदाहरणाथ सरस क बीज म स यानाशी क बीज इसी कार मल सकत ह

13 खरपतवार क पौध जलवाय क वषमताओ को अपना प बदलकर सह लत ह 14 एक ह खरपतवार व भ न कार क भ मय म पनप सकता ह 15 खरपतवार क पौध फसल क पौध क तलना म व भ न कार क बीमा रय व क ट

पतग क आ मण को सहन करन क मता अ धक रखत ह 16 खरपतवार क फसल क पौध क तलना म जल स ब धी आव यकता कम होती ह

िजन भ मय म जल क कमी क कारण कोई फसल पदा नह होती वहॉ पर भी कछ खरपतवार क पौध सफलतापवक फलत-फलत ह

17 कछ खरपतवार क पौध व भनन वकार वाल भ मय जस-ऊसर अ ल य ककर ल जलम न व दलदल आ द भ मय म भी व व कर लत ह

18 बीज म सष ता-फल बीज या क लय म सष ता वह अव था ह िजसक अ दर व िज दा रहत ह ए अकरण नह करत

19 क टल क त-बह त स खरपतवार अपन कड़व वाद दग ध कॉटय त क त क कारण पशओ व मन य स अपनी र ा करत ह

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20 वय पनः जनन-फसल क बीज क अकरण क लय भ म क अ छ तयार नमी का तर आ द बनाना होता ह जब क खरपतवार क बीज वय ह वपर त प रि थ तय म

उग जात ह खरपतवार म न न तीन कार क सष ता अव था पाई जाती ह-

21 एनफोसड-जताई क समय जब बीज नीच सतह म चल जात ह तो इस कार क सष ता अव था पाई जाती ह जब पनः जताई म य बीज भ म क ऊपर 3-5 समी क सतह म आत ह तो नमी व ताप क उ चत प रि थ तयॉ मलन पर अकरण करत ह

22 इ नट-इ नट सष ताव था स त बीज कवच जस गोख या अप रप व भण जस माटवीड व कछ म द खरपतवार क बीज म अकरण नय क क कारण होती ह

कछ व भ न जलवाय क प र सथ तय म यह सष ताव था टट जाती ह 23 इ डयसड-कछ बीज म द हक प रवतन क कारण इस कार क सष ताव था पदा होती

ह य द हक प रवतन भ म म ताप काबन डाइ-आ साइड ऑ सीजन का दबाव आ द क कारण हो सकती ह जगल जई क बीज तीन कार क सष ताव था रखत ह सष ताव था क कारण बीज अपनी अकरण मता तकल प रि थ तय म भी बनाय रखन म स म स व होत ह

15 खरपतवार स हा नया `फसल क पदावार म वशष प स खरपतवार क ट पतग पश व पादप या धयॉ

अ धक हा न पहचती ह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क कमी क तलना म अ धक होती ह खरपतवार व भ न प म हा नकारक होत ह खरपतवार वारा क गई कछ हा नय का वणन न न कार ह 1 मदा नमी पर भाव-खरपतवार क पौध भी मदा म फसल क पौध क भा त नमी का

उपयोग करत ह कभी-कभी खरपतवार क जलमाग म य फसल क जल मॉग स भी अ धक होती ह जसा क प सी रहजा क अनसधान स स व होता ह इसक अनसार श क म वार का जलो सजन गणाक 430 ह जब क दब का 313 क दा का 556 और

टफरोिजया पर य रया का 1108 जल सजन गणाक ह 2 मदा म पोषक त व पर भाव-मदा म व भ न पोषक त व जो फसल क पौध क लय

उपयोगी होत ह खरपतवार वारा 7-20 तशत तक हण कर कय जात ह असाना (1950) न गह क खत म योग क आधार पर बताया क व भ न खरपतवार 17-20 क ा नाइ ोजन त ह चस कर लत ह कपर (1950) न बताया क पोहल 60 क ा नाइ ोजन ह तवष हण कर लती ह

3 फसल क उपज पर भाव-अनक व ा नक क अनसधानर क आधार पर यह दखा गया ह क व भ न फसल म खरपतवार क वारा 5-50 तशत तक पदावार म कमी आ जाती ह

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4 फसल क गण पर भाव- योग क आधार पर यह दखा गया ह क व भ न फसल क दान स तल एव ोट न क तशता कम हो जाती ह ग न क पौध म चीनी क तशता कम हो जाती ह सि जय क गण पर भी क भाव होता ह चार क फसल क गण भी न ट हो जात ह इन सभी कारण स फसल क क मत गर जाती ह

5 रोग एव क ट का आर ण-खरपतवार क पौध फसल क पौध पर आ मण करन वाल व भ न क ट पतग व बीमा रय क जीवाणओ को रण दकर फसल को हा न पहचात ह ककर ब स पर लगन वाल मलन एफ ड क ट हरनखर तथा चकवीड पर शरण लती ह गाजर एव सलर पर लगन वपाल करट र ट लाई को जगल गाजार पर शरण मलती ह गह जौ व जई पर लगन वाल करट र ट लाई को जगल गाजर पर शरण मलती ह गह जौ व जई पर लगन वाल तन क र ट नामक बीमार क रोगाण जगल जई व वक घास पर शरण लत ह गाजर पर लगन वाल करट लाइट स रोगाण जगल गाजर पर शरण लत ह

6 क ष य मशीन एव पशओ क आय पर भाव-िजन खत म खरपतवार का कोप अ धक होता ह वहॉ पर उनक न ट करन क लय बार-बार जताई व गड़ाई करनी पड़ती ह िजसक कारण क ष य व मशीन म घसावट होती ह

7 भ म क उ पादकता पर भाव-मदा म खरपतवार अनक पोषक त व का च षत करक मदा उ पादकता को कम करत रहत ह इसक अ त र त कछ खरपतवार मदा म अपनी जड़ वारा वषल पदाथ छोड़त रहत ह जो आग बोई जान वाल फसल क लय बह त हा नकारक

होत ह वस घास क जड़ स नकल ह य पदाथ अनको फसल वशष प स मटर व गह क फसल क अकरण व व व पर क भाव छोड़त ह

8 कषक क आय पर भाव-खरपतवार खत म बढ़न पर उनक न ट करन म खच ह ई अ त र त धनरा श व फसल क पदावार बढ़न म अ त र त खाद त व व सचाई म यय अ धक धनरा श कषक क आय को कम कर दती ह

9 नहर एव सचाई क ना लय म पानी का ास-खरपतवार नहर एव सचाई क ना लय म उगाकर उनक बहन म कावट डालत ह साथ ह साथ इन क जड़ क सहार पानी रसकर न ट होता रहता ह पानी का कछ भाग वय खरपतवार हण कर न ट करत ह इस कार सचाई मता घट जाती ह

10 भ म क म य म कमी-क ष यो य भ मया जब बह वष य खरपतवार स ढक रहती ह तो उनक क मत गर जाती ह

11 पश उ पा दत पदाथ पर भाव-कछ खरपतवार जस ह लह ल जब दध वाल पश वारा खाई जाती ह तो उसक दध स एक वशष कार क अनइि छत गध आती ह इसी कार गोख जब भड़ क ऊन म चपट जाता ह तो उनक गण म कमी जाती ह धतरा य द अनजान म पश वारा खा लया जाय तो पश क म य तक हो सकती ह

12 खरपतवार मन य क लय हा नकारक-पशओ क वा य क अ त र त मन य क वचा म खजल ए चड़ चड़ापन आ द रोग पदा करत ह कभी-कभी खरपतवार क हण करन पर मन य क म य भी हो सकती ह

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16 साराश फसल क पदावार म वशष प स खरपतवार क ट पतग पश व पादप या धयॉ अ धक

हा न पहचती ह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क कमी क तलना म अ धक होती ह

17 बह चयना मक न उ तर

1 खरपतवार म कतन कार क सष ता अव था पाई जाती ह (अ) तीन (ब) चार (स) एक (द) दो (अ)

2 हरन खर भ मगत बीज क आय वष म ह (अ) 20 (ब) 40 (स) 30 (द) 50 (द)

3 खरपतवार अपन परपोषी फसल क पौध क साथ बा ा आका रक म मलत ह और फसल क साथ-साथ बढ़त रहत ह इ ह कहत ह (अ) वशष स म जलवाय क खरपतवार (ब) रोगय (स) अनकार या नकचल खरपतवार (द) खरपतवार (स)

4 य द गह क एच डी 1553 क फसल म बना बोय गह क यपी262 जा त का पौधा उग जाय तो यह कहलायगा (अ) वशष स म जलवाय क खरपतवार (ब) रोगय (स) अनकार या नकचल खरपतवार (द) खरपतवार (ब)

5 खरपतवार जो अनइि छत क ट द व साधारणतया मन य क नय ण क बाहर ह इ ह कहत ह (अ) अ न टकार खरपतवार (ब) नकचल खरपतवार (स) रोगय (द) सभी (अ)

18 सदभ थ 1 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव

फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 2 सह आरएल एव महरो ा जएन 2004 श य- व ान क ा xI मा य मक श ा बोड

राज थान अजमर पज 82-135 3 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 4 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर

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इकाई 2 खरपतवार का वग करण फसल स जड़ खरपतवार

इकाई क परखा 20 उ य 21 तावना 22 मह व एव उपयोग 23 खरपतवार क प रभाषा 24 खरपतवार कहलान क या कारण 25 खरपतवार होन क या ल ण 26 खरपतवार क वशषताए 27 खरपतवार का वग करण 28 फसल क मख खरपतवार 29 खर फ क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान 210 रबी क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान 211 साराश 212 बह चयना मक न 213 सदभ थ

20 उ य खरपतवार या ह तथा खरपतवार कहलान क या कारण ह क जानकार करना

खरपतवार होन क या ल ण ह एव खरपतवार क वशषताए आ द क जानकार करना खरपतवार का वग करण क आधार पर खर फ एव रबी क मख खरपतवार क बार म जानना ता क भावी तर क स उनका ब धन कया जा सक

21 तावना भारतीय क ष म फसल को खरपतवार क ट रोग ट पण भ डारण एव चह व

रोड़ टस आ द कारक वारा भार हा न पह चायी जा रह ह अनमानतः हमार दश म इन कारक वारा कर ब 6000 करोड़ पय का नकसान त वष होता ह इसम स सवा धक 37 तशत

हा न अकल खरपतवार वारा होती ह 29 तशत हा न क ड़ क वारा 22 तशत हा न बमा रय क वारा तथा 12 तशत हा न भ डारण गह म चह व रोड़ टस क वारा होती ह

खरपतवार फसल क पौध क साथ भोजन जल थान व काश आ द क लए सघष करत ह इसक साथ-साथ य फसल क लए हा नकारक रोग व क ट को शरण दकर त पह चात ह खरपतवार क वारा मा ा मक हा न क साथ-साथ फसल उ पाद क गणव ता म भी कमी आ जाती ह िजसस कसान को उसक उ पाद का सह म य भी बाजार म नह मल पाता

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खरपतवार फसल उ पादन पर न न कार स तकल भाव डालकर हा न पह चात ह जस-फसल उ पादन पर भाव फसल उ पाद क गणव ता म कमी पशधन उ पाद क मा ा व गणव ता म कमी मदा नमी म कमी भ म क म य म कमी खरपतवार क ट व रोग को शरण दत ह क ष य मशीन व पशओ क मता म मस सचाई जल क हा न खरपतवार मन य एव पश वा य क लए घातक कसान क जीवन तर भाव एव अ य हा नया उदाहरणतः अक षत भ म स खरपतवार क ष म फल कर खत म फसल को हा न पह चात ह फाम हाऊस खाई आ द म पनपन वाल खरपतवार साप ब छ आ द जहर ल ज तओ का आ य थल बन जात ह गोख आ द क काट वाहन क टायर म धसकर प चर कर दत ह पयटक थल पर खरपतवार उगकर वहा का सौ दय न ट करत ह औ यो गक म सख खरपतवार म आग लगन का भय रहता ह

22 मह व एव उपयोग खरपतवार हा न क साथ-साथ लाभ भी पह चात ह य द खरपतवार को सह तर क स

योग करक उनस हा न क जगह लाभ ल सकत ह खरपतवार क ारा होन वाल व भ न लाभ जसः मदा सर ण म सहायक होना चार क प म खरपतवार का उपय ग करना खरपतवार क औषधीय मह तव खरपतवार का आ थक मह व (कास खरपतवार का उपयोग स दय म मकान पर छ पर बनान म इसक मजबत तन स म ड व फन चर आ द तथा लमन घास क पि तय स नकल तल का योग सौ दय साधन म काम आता ह) मदा सधार हत खरपतवार का सजावत क प म योग ज वक क ट-रोग नय ण म पौि टक शाक-स जीः- बथआ जगल चलाई तथा लहसआ इ या द मोथा खरपतवार क यबर स अगरब ती म महक बढ़ान क काम आता ह एव कासनी खरपतवार क बीज को काफ क बीज क साथ फ स कर कॉफ का वाद बढ़ाया जाता ह

23 खरपतवार क प रभाषा सव थम ज ो टल न खरपतवार श द का योग कया था खरपतवार पौध क ऐसी

जा तया ह तो अवा छत प स उस थान व समय पर उगती ह जहा व उपयोगी नह होती खरपतवार जब फसल क बीच उगत ह तो व सय क काश-ऊजा मदा नमी फसल क लए पोषक त व एव बढ़वार हत जगह क साथ-साथ व भ न क ट व रोग को आ य दकर त पधा करत ह िजसक प रणाम व प फसल क उपज म भार गरावट आ जाती ह व भ न व ा नको न खरपतवार को अ कत प म प रभा षत कया ह -

1 व ा नक ज ो टल क अनसार खरपतवार व अ नि छत पौध ह जो कसी थान पर बना बोय उग जात ह तथा िजनक उपि थ त स कसान को लाभ क तलना म हा न अ धक होती ह (A Weed is a plant growing where it is not desired ndash Jethru Tull)

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2 डॉ बील क अनसार lsquolsquoय द कोई पौधा उस थान म उगता ह जहा उस नह उगाना चा हए तो उस खरपतवार कहत ह (Weed is a plant grown out of place ndash Dr Bill)

3 पीटर क अनसार यह एक ऐसा पौधा ह जो लाभ क अप ा हा न क अ धक मता रखता ह

24 खरपतवार कहलान क या कारण 1 अवा छत पौध ह 2 यह उस जगह उगत ह जहा उनक आव यकता नह होती ह उदारहण एक पौधा अपनी

जगह स बाहर ह 3 अ धकतर बकार अवा छत और वषल पौध होत ह 4 कोई भी पौधा या पड़ कवक को छोड़कर उ य या मन य क आव यकता क साथ

त पधा करत ह अतः खरपतवार को इस कार प रभा षत कया गया ह क बना चाहन एव

अवा छत पौध जो जमीन जल त एव मन य क रखरखाव क साथ वशषतौर स त पधा करत ह

25 खरपतवार होन क या ल ण हाला क एक पौधा खरपतवार ह या नह यह उन बात पर नभर करता ह क-

1 पौध क वशषताए एव वभाव 2 साप ि थ त 3 पौध क उगन का समय

इस लए सभी पौध एक वशष प र थ त म खरपतवार हो सकत ह

26 खरपतवार क वशषताए खरपतवार म फसल क पौध क अप ा उगन बढ़न व तत म फलाव क मता

आ द अ धक पाई जाती ह िजनका म य कारण खरपतवार म न न ल खत वशषताओ का पाया जाना ह

बीज उ पादन अ धक होना- खरपतवार म त पौधा बीज स या अ धक होन स इनका सार बह त शी ता स होता ह ऐस म कसान क लए इनका पर तरह उ मलन कर पाना

अ य त द कर ह खरपतवार म त पौधा बीज स या ता लका-1 म द गई ह ता लका-1 मख खरपतवार म त पौधा बीज उ पादन स या

स खरपतवार का नाम त पौधा बीज स या (लगभग) 1 गाजर घास स यानाशी 5000 2 अमरबल 16000 3 बथआ 72000

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4 मकोय 175000 5 जगल चलाई 196000

2 अ धक गहर जड़ होना- खरपतवार क जड़ फसल क पौध क अप ा अ धक गहराई तक जाती ह जस कास हरणखर जवासा एव छाजस क जड़ मदा म 4-6 मीटर गहराई पर जाकर पोषक त व व नमी का अवशोषण करत ह

3 बीज क अ धक जीवन मता- खरपतवार क बीज क अकरण शि त फसल क बीज क अप ा अ धक होती ह इनक जीवन मता ल ब समय तक मदा म पड़ रहन क बावजद बनी रहती ह जस - बथआ जगल चलई हरनखर क बीज 50 वष तक मोथा क बीज 20 वष तक तथा जगल सरस क बीज 30 स 40 वष तक भ म म पड रहन क बावजद अक रत होन क मता रखत ह

4 फसल व खरपतवार क बीज मता- कछ खरपतवार क बीज आकार आक त रग म फसल क बीज स इतन अ धक मलत ह क इ ह अलग स पहचान पाना अ य त क ठन होता ह स यनाशी खरपतवार क बीज सरस स जगल जई क बीज जई स आकार व आक त म अ य धक मलत ह

5 बीज पर सर ा आवरण- बह त स खरपतवार जस स यानाशी गोख आ द पर काट स त बाल ऐस आवरण पाय जात ह िजसस मन य व पश इनक नजद क नह जात इस तरह व अपनी सर ा कर लत ह

6 वान प तक जनन- खरपतवार को य द बीज बनन स पहल न ट कर द तो भी व व भ न वान प तक भाग वारा अपना सारण कर लत ह उदारणाथ मोथा - यबस वारा हरणखर ndash ट टॉक वारा

7 यक कार क मदा म व करना - खरपतवार व भ न कार क मदाओ अ ल य ार य लवणीय जलम न या बजर मदाओ म भी अपनी व कर लत ह वशष प

स बह वष य खरपतवार कास झड़बर आ द सभी कार क भ मय म व करत रहत ह भारत म खतरनाक ढग स फल रहा खरपतवार गाजर घास (पाथ नयम) अ ल य ार य ककर ल सभी मदाओ म तजी स व करता ह

8 मन य क वा य पर वपर त भाव- बह त स खरपतवार अपन कड़व वाद व एलिजक भाव क कारण मन य क वा य पर वपर त भाव डालत ह पाथ नयम (गाजर घास) क स पक म आन पर मन य को एलज चम रोग एि जमा दमा आ द जानलवा बमा रया हो जाती ह इस खरपतवार म पाथ नन नामक वषला दाथ पाया जाता ह कान काकल खरपतवार क य द 05 तशत बीज गह क साथ पस जाय जो आटा वषला हो जाता ह ब दब घास बथआ क परागकण मन य क वसन म बाधा उ प न करत ह इनस एलज होती ह

9 शी क णन- खरपतवार क बीज फसल क बीज स इतन ह क होत ह क वाय वारा शी एक थान स दसर थान पर थाना त रत हो जात ह जहा म का क त

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हजार बीज का भार 280 ाम मगफल का पर ण भार 500 ाम वह जगल सरस क बीज का पर ण भार 190 मल ाम होता ह इसक अलावा खरपतवार क बीज पर पाय जान वाल ह क बाल काट भी पशओ वारा एक थान स दसर थान पर थानात रत होकर क णन म सहायक होत ह

10 क ट रोग तरोधक मता क अ धकता- खरपतवार क पौध म क ट - रोग आ मण सहन क मता फसल क पौध स अ धक पाई जाती ह

11 खरपतवार-फसल तयो गता- खरपतवार क बीज का अकरण व पौध क बढ़वार फसल क पौध क अप ा शी ता स होती ह य फसल क पौध स काश नमी पोषक त व आ द क लए सघष करत ह इस फसल - खरपतवार तयो गता कहत ह ऐस म व फसल जो शी अक रत होकर जड़ व वान प तक व कर सक जलवाय क तकल दशा को सहन कर सक कम खाद - पानी म व कर सक बोई जानी चा हए

12 तकल जलवाय स अ भा वत- खरपतवार तकल जलवाय दशाओ स भा वत रहत ह अ तवि ट व अनावि ट म जब फसल को भार हा न हो रह होती ह फसल न ट हो जाती ह इस ि थ त म भी खरपतवार अपनी व करत दखाई दत ह अ धकाशतः बह वष य खरपतवार यथा- झड़बर मोथा कास आ द

13 खाद-पानी क यन आव यकता- खरपतवार क पौध को जल व खाद (पोषक त वो) क यन आव यकता रहती ह इसी लए कम उवर बजर मदाओ श क जलवाय वाल

म भी अपनी व कर लत ह जस - पाथ नयम मोथा झड़बर आ द 14 शी व व शी प रप वता- खरपतवार तजी स बढ़त ह और शी प रप व हो जात

ह गह सा (फल रस माइनर) और जगल चलई क पौध शी बढ़ कर 60 स 70 दन म बीज उ पादन करक अपना जीवन च पण कर लत ह इनक तजी स बढ़न क कारण फसल क बढ़वार क जाती ह

27 खरपतवार का वग करण फसल म खरपतवार नय ण क लए खरपतवार का वग करण कया जाना ज र ह

खरपतवार का वग करण उनक आय बीज प फसल-खरपतवार स ब ध पि तय क बनावट मदा व जलवाय क आधार पर कया जा सकता ह

1 जीवन च क आधार पर खरपतवार का वग करण- जीवन च क आधार पर खरपतवार को तीन भाग म वग कत कया जाता ह

(अ) एक वष य खरपतवार (Annual weeds)- य खरपतवार एक वष या उसस भी कम अव ध म अपना जीवन च पण कर लत ह इस वग क खरपतवार को पनः दो उपवग म वभािजत कया गया ह

क खर फ क खरपतवार- इस वग क खरपतवार वषा क आर भ म उगत ह और अपना जीवन च खर फ क फसल क साथ ह परा कर लत ह जस- प थरच ा जगल चलई लहसवा आ द

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ख रबी क खरपतवार- इस वग क खरपतवार रबी क फसल क साथ सत बर या अ टबर माह म उगना ार भ कर दत ह और अपना जीवन च अ ल माह तक पण कर लत ह जस - क णनील स यानाशी याजी जगल जई बथआ गह सा आ द

(ब) ववष य खरपतवार (Biennial weeds)- इस वग क खरपतवार अपना जीवन च दो वष म परा करत ह थम वष म य खरपतवार अपनी वान प तक व करत ह दसर वष बीज उ पादन करत ह जस - जगल गाजर जगल गोभी

(स) बह वष य खरपतवार (Perennial weeds)- इस वग क खरपतवार कई वष म अपना जीवन च परा करत ह एक बार उग कर हर वष व करत रहत ह इनक व राइजोम ब ब यबस आ द वान प तक भाग वारा होती ह उपय त जलवाय म य बीज उ पादन भी करत ह इ ह पनः दो उपवग म वग कत कया गया ह

क काि ठल खरपतवार (Woody weeds)- इस उपवग म बह वष य झा डया आती ह जस झड़मर

ख शाक य खरपतवार (Herbacious weeds)- इस उपवग म आन वाल खरपतवार क तन व शाखाय मलायम होत ह जस- मोथा हरणखर अमरबल

2 बीज प क आधार पर वग करण- बीज प क आधार पर खरपतवार क दो उपवग ह (अ) एक बीजप ी खरपतवार (Monocot weeds)- इन खरपतवार क बीज एक प ी होत

ह इस लए इनक बीज दाल क भा त दो दाल म वभ त नह होत जस मोथा कास दब घास याजी गह सा

(ब) वबीजप ी खरपतवार (Dicot weeds)- इस वग क खरपतवार क बीज को दाल क भा त दो दाल म वभ त कर सकत ह जस - बथआ हरणखर मकोय स यानाशी जगल चलाई आ द

3 खरपतवार-फसल स ब ध क आधार पर वग करण (On the basis of weed-crop association)- इस वग करण क अनसार खरपतवार को न न वग म वभािजत कया गया ह -

(अ) नरप खरपतवार (Absolute weeds)- इस वग क अ तगत व सभी खरपतवार आत ह जो उपज को कम कर दत ह इसम एक वष य ववष य व बह वष य सभी कार क खरपतवार सि म लत ह जस - क णनील मोथ हरणखर दब घास गाजर

घास आ द (ब) साप खरपतवार (Relative weeds)- इस वग म फसल क व पौध िजनक कसान

खत म बवाई नह करता ह तथा व वतः ह उग जात ह साप खरपतवार कहलात ह जस गह क खत म चना सरस मटर का पौधा उग जाय तो इस साप खरपतवार कहत ह यह सम या अश बीज क बवाई स उ प न होती ह

(स) नकचल अथवा अनकार खरपतवार (Mimicry weeds)- य खरपतवार अपनी बा य आका रक म फसल क पौध स इतना अ धक मलत जलत ह क इ ह फसल क पौध

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स अलग पहचान कर पाना भी क ठन होता ह इस लए इ ह नकलची खरपतवार कहत ह जस - गह क फसल म गह सा (ग ल डडा)

(द) वशष स म जलवाय क खरपतवार (Special microclimatic weeds)- कछ खरपतवार को वशष जलवाय प रि थ तय क आव यकता व व वकास क लए होती ह जस कासनी खरपतवार ठ डी व नम जलवाय म अपनी व करता ह ऐसी जलवाय इस रजका या बरसीम क खत म मलती ह इस कारण कासनी खरपतवार क बीज रजका या बरसीम क बीज क साथ ह पकत ह फसल कटाई क समय कासनी क बीज फसल क बीज म मल जात ह

(य) अवा छत खरपतवार (Rogue weeds)- जब फसल क अ य जा त का पौधा बना बोय खत म उग जाता ह तो उस आव छत खरपतवार कहत ह जस- गह क सोना लका क म म लोक-1 क पौध बना बोय उग जाय तो लोक-1 क म का पौधा अवा छत खरपतवार कहलाएगा ऐस अवा छत क म क पौध को उखाड़न क या रो गग कहलाती ह श बीज उ पादन हत रो गग आव यक ह

4 पि तय क बनावट क आधार पर वग करण- इस आधार पर खरपतवार को दो भाग म वग कत कया जाता ह

(अ) चड़ी प ती वाल खरपतवार (Broad leaved weeds)- इस णी क खरपतवार क पि तया चड़ी होती ह इसम एकवष य ववष य व बह वष य सभी चड़ी प ती वाल खरपतवार सि म लत ह जस - बथआ क णनील हरणखर बायसर मकोय जगल चलई अमरबल ल टाना कमरा (जरायन) धतरा स यानाशी आ द

(ब) सकर प ती वाल खरपतवार (Narrow leaved weeds)- इस वग क खरपतवार क पि तया सकर होती ह इसम सभी सकर प ती वाल एकवष य ववष य व बह वष य खरपतवार सि म लत ह जस - मोथा दब घास कास याजी आ द

5 मदा व जलवाय क आधार पर वग करण - इस णी म वशष भ म व जलवाय क ि थ तय म उगन वाल खरपतवार आत ह इ ह तीन उपवग म वग कत कया जाता ह

(अ) जलम न भ मय क खरपतवार (Weeds of waterlogged soils)- य खरपतवार ऐस म पाय जात ह जहा पर अ धकतर समय पानी भरा रहता ह जस - न दय तालाब नहर व नचल खत म जहा पानी भरा रहता ह पाय जात ह य खरपतवार पानी म डब रहत ह या उनका कछ भाग पानी क सतह पर नकला रहता ह उदारणाथ - जलक भी जगल धान आ द

(ब) श क क खरपतवार (Dryland weeds)- य खरपतवार जल क कमी वाल म पाय जात ह इन खरपतवार क जड़ गहर पि तया कम व मोट तन पर काट पाय जात ह िजसक वजह स य कम पानी म भी आसानी स व करत ह जस - झड़बर नागफल जवासा बायसर आ द

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(स) क ष क खरपतवार (Weeds of cultivated lands)- इस वग म व सभी खरपतवार सि म लत ह जो फसल क साथ उगकर उनक उपज काफ कम कर दत ह जस - बथआ याजी क णनील हरणखर जगल चलई आ द

(द) अक षत क खरपतवार (Weeds of non cultivated lands)- इस वग म व खरपतवार सि म लत ह जो सड़क रलमाग गोदाम एव औ यो गक म उगत ह जस - ल टाना कमरा कास गाजर घास आ द

6 जनन व धय क आधार पर खरपतवार का वग करण- (अ) बीज स उ प न होन वाल खरपतवार- इसम व सभी एक वष य ववष य व बह वष य

खरपतवार आत ह िजनका जनन कवल बीज वारा ह होता ह अगर इनको बीज बनन स पहल ह न ट कर दया जाय तो य पौध वान प तक भाग वारा व नह कर सकत उदाहरणाथ - याजी क णनील स यानाशी जगल गाजर आ द

(ब) वान प तक भाग स उ प न होन वाल खरपतवार- इस वग क खरपतवार वान प तक भाग वारा ह जनन करत ह य खरपतवार अपनी भ मगत जड़ो तन राइजोम ब ब क द पि तय वारा व व जनन करत ह जस - हरणखर जड़ो वारा दब घास सकस वारा कास राइजोम एव मोथा राइजोम क वारा इ या द

(स) बीज व वान प तक भाग वारा पदा होन वाल खरपतवार- इस वग क खरपतवार बीज व वान प तक अगो स अपनी उ पि त करत ह अ धकतर बह वष य खरपतवार इसम आत ह जस - कास मोथा दबघास आ द इस वग क खरपतवार को न ट कर पाना अ य त क ठन ह अगर इ ह बीज बनन स रोक भी दया जाव तो इनक व वान प तक भाग वारा होती रहती ह बीज भी बह त अ धक स या म बनत ह

7 थान वशष पर बह लता क आधार पर- (क) ओ ल गट खरपतवार (Obligate Weeds) -इस कार क खरपतवार कवल मन य एव उनक क ष काय क साथ ह उगत ह यह कभी-भी जगल प म नह पाय जात ह जस बथआ व क णनील आ द (ख) फकलटट व खरपतवार (Facultative Weeds)-इस कार क खरपतवार दोन प म क ष काय क साथ व जगल प म उगत ह जस स यानाशी व बड़ी दधी आ द

8 परपोषी पर नभरता क आधार पर- (क) स पण जड़ परपो षत खरपतवार (Total root parasiteholo root parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क जड़ स लत ह जस ओरोबक बादाआ या (ख) स पण तना परपो षत खरपतवार (Total stem parasiteholo stem parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क तन स लत ह जस अमरबल

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(ग) अ ध जड़ परपो षत खरपतवार (Semi root parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क जड़ क साथ-साथ तन स भी लत ह जस खड़ी ाइगा

(द) अ ध तना परपो षत खरपतवार (Semi stem parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क तन क साथ-साथ जड़ स भी लत ह जस लोर थसबड वाइन

28 फसल क मख खरपतवार (अ) खर फ क फसल-

1 धान- सावा क दो मोथा जगल धान बानरा सफद मग (सरल ) भगरा व कनकदा आ द

2 म का- ग बा हजारदाना ह लह ल चलाई दब घास मोथा ब न नया आ द 3 वार एव बाजरा- ग बा हजारदाना ह लह ल चलाई दब घास मोथा ब न नया

आ द 4 सोयाबीन म ग व उड़द- ग बा हजारदाना ह लह ल मकोय जगल जट चलाई सफद

मग (सरल ) दब घास मोथा ब न नया आ द (ब) रबी क फसलः-

1 गह एव जौ- बथआ क णनील चटर -मटर गगला मनमना हरनखर सोया सजी याजी मड़ सी या गह सा (फल रस माइनर) कट ल जगल जई मौथा व दबाघास आ द

2 चना मटर एव मसर- बथआ क णनील चटर -मटर गगला आल सरस हरनखर गजर सजी याजी कट ल मौथा व दबाघास आ द

3 बरसीम- कासनी क णनील कट ल मौथा व दबाघास आ द 4 त बाक- ओरोबक (भईफोड़) सजी हरनखर मौथा व दबाघास आ द 5 ग ना- अ धकतर सभी खर फ तथा रबी क उपरो त खरपतवार ग न क फसल म उगत

29 खर फ क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान

स खरपतवार का नाम

वान प तक नाम पहचान

1 लटजीरा चर चटा एकाइरथस ए परा

बह वष य 1 मीटर ऊचाई तना कठोर पि तया वपर त म म फल हरापन लय ह ए सफद रग क होत ह

2 जगल चलई अमरथस चड़ी प ती पि तया 5 समी आकार क फल

23

वर डस ह क पील रग क बीज मह न काल चमक ल जनन बीज वारा

3 काटदार चलाई अमरथस पाइनोसस

चड़ी पि तया अ धकतर बजर भ मय म तना सीधा काटदार झाड़ी प म पि तया 10 रोगी आकार जनन बीज वारा

4 दधी (बड़ी दधी व छोट दधी)

यफो बया हरटा व यफो बया माइ ो फला

इनक तन को तोड़न पर दध जसा ाव रसता ह छोट दधी क पि तया छोट व पास-पास होना बड़ी दधी क पि तया इसस कछ बड़ी होती ह

5 हजारदाना फाइलथस न र एक वष य लगभग 30 समी ऊचाई शाखय तन क आधार स नकलना ह िजन पर इमल जसी पि तया आती ह

6 ह ल-ह ल ि लओम व कोसा

वा षक सीधा बढ़न वाला पाचप ती प एक जगह जड़ होना फल पील रग क बीज भरापन लय काल रग क चड़ी प ती वाला खरपतवार

7 बसखपरा बोरह बया ड यजा

एक वष य प थरच ा स मलता जलता चड़ी प ती गलाबी रग क फल वाला जनन कवल बीज वारा

8 मोथा साइ स रोट डस बह वष य सकर प ती वाला जड़ म नट पाय जात ह बीज व नट वारा

9 गाजर घास पाथ नयम ह टरोफोरस

एक वष य 1 स 15 मी ऊचाई यक फसल म बजर भ मय म होन वाला इस समय का सवा धक खतरनाक ढग स फल रहा खरपतवार ह छन पर एलज खजल व चमरोग का हो जाना गाजर जसी पि तया सफद रग क फल िजनम पाथ नन नामक वषला वष पाया जाता ह

10 दब-घास साइनोडोन ड ट लोन

बह वष य खरपतवार सकर पि तया खर फ क सभी फसल म पाया जान वाला गाठ स जड़ नकल कर तजी स फलता ह

11 कास सकरम पो ट नयम

बह वष य सकर पि तया सभी फसल को हा न पह चाती ह इसक जड़ स 20 समी गहराई तक जाल बन जाता ह तथा ऊपर स तन नकलत ह सारण बीज व जड़ स होता ह

24

12 अमरबल क कटा र ल सा

परजीवी बल झा डय पर फलता ह रजका का परा यी खरपतवार ह अमरबल क तन पील रसदार उपय त परा यी मलन पर इसक ल बाई 2 कमी तक हो सकती ह सारण बीज वारा व बल वारा

13 ाइगा ाइगा पीसीज वा षक शाक य परा यी सारण बीज वारा बाजरा वार म का व ग ना आ द परपोषी पौध ह इनक जड़ स नकलन वाल वशष ट मलट म टाordfइगा क बीज अक रत हो जात ह

210 रबी क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान

स खरपतवार का नाम वान प तक

नाम पहचान

1 क णनील एनाग लस आरव सस

चड़ी प ती वाल थोड़ा फलन वाल शाक य तन छोट चमक ल नील फल सारण बीज वारा

2 स यानाशी आरजीमोन मि सकाना

चड़ी प ती वाल पौध क ऊचाई 60 स 90 समी फल व फल पर काट तन स पीला रस नकलता ह बीज दखन म सरस जसा व सारण बीज वारा

3 याजी ए फो डलस ट यफो लयस

एक वष य सकर पतल रशदार याज जसी पि तया

4 बथआ चनोपो डयम ए बम

एक वष य चड़ी प ती फल व फल जनवर म 2-3 समी आकार क चकनी पि तया स जी बनान म उपयोगी

5 जगल जई ए वना फतआ

एक वष य औसतन 6000 बीज त पौधा गह जौ जई स मलता जलता नकचल खरपतवार

6 खरबथआ चनोपो डयम मरल

वा षक पि तया अ धक चड़ी हर प प हर ग छ म लगत ह सारण बीज वारा

7 हरणखर को वो वलस आव सस

पर वष रहन वाला बह वष य पि तया हरण क खर क समान बल क प म जड़ 20 फट स भी अ धक गहर होती ह जनन बीज व जड़ वारा

8 चटर -मटर लथाइरस अफाका

तना कमजोर आधार स ट स नकलत ह िजनक सहार यह अ य पौध क तन स

25

लप कर ऊपर चढ़ता ह फल पील रग क सारण बीज वारा

9 सफद सजी म ललो स ए बा

एक वष य चड़ी प ती फल सफद रग क जनन बीज वारा चार क लए उपयोगी

10 पील सजी म ललो स इ डका

एक वष य चड़ी प ती फल पील रग क जनन बीज वारा चार म उपयोगी

11 गह का मामाग ल डडागह सामडसी

फल रस माइनर गह व जौ क फसल क पौध स मलता- जलता नकलची खरपतवार ह इसक नीच क गाठ ह क लाल रग क होती ह बा लया 3-6 समी ल बी बीज काल व अ डाकार तथा सारण बीज वारा

12 बगनी कटल सोलनम जथोकारपम

तन स त भ म पर फलकर चलन वाल तन पर ह क पील रग क काट पि तया 5 स 10 समी ल बी पि तय पर भी काट फल बगनी रग क जनन बीज वारा

13 आ याबादाऔरोबक औरोबक एिजि टयाना

त बाक टमाटर सरस म होन वाला जड़ का स पण परा यी भर रग का खरपतवार ह िजसक ऊचाई 30 समी सारण बीज वारा

14 जगल गोभी लॉ नया ए ल नफो लया

यह एक ववष य खरपतवार ह तन ल ब कमजोर पि तया फल ह ई पि तय क कनार कट-फट ह ए सारण बीज वारा

211 साराश खरपतवार क अ छ तरह स पहचानकर जस पौध क वशषताए एव वभाव साप

ि थ त पौध क उगन का समय उनक जीवन च बीज प खरपतवार-फसल स ब ध पि तय क बनावट मदा व जलवाय जनन व धय थान वशष पर बह लता परपोषी पर नभरता एव फसल क साथ उगन क आधार पर करक उ चत व धया अपनाकर आ थक ि ट पर नय ाण कर सकत ह

212 बह चयना मक न 1 बथआ क एक पौध म बीज क स या लगभग कतनी पाई जाती ह (अ) 50000 (ब) 100000 (स) 72000 (द) 90000 2 न न म स कस खरपतवार क बीज सरस क बीज स आकार व आक त म मलत

जलत ह (अ) बथआ (ब) मोथा (स) स यानाशी (द) मकोय

26

3 न न म स गह क फसल का म य खरपतवार ह - (अ) क णनील (ब) ग ल ड़ ड़ा (स) जगल चलाई (द) इनम स कोई नह 4 सरस क तल म दगध कस खरपतवार क बीज मल होन स होती ह (अ) फल रस

माइनर (ब) स यानाशी (स) कटल (द) गोख

5 खरपतवार क ारा औसतन कतना तशत नकसान होता ह (अ) 25 (ब) 50 (स) 15 (द) 37 बह चयना मक न क उ तर

1 (स) 2 (स) 3 (ब) 4 (ब) 5 (द)

213 दभ थ 1 Gupta OP 1998 Modern Weed Management Agro Botanical

Publishers (India) pp 61-66 2 Gupta OP 1993 Weed Management Principles and Practices

Agro Botanical Publishers (India) 3 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 4 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 5 Rao VS 1994 Principles of Weed Science Oxford amp IBH

Publishing Co Pvt Ltd pp 333-373 6 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 7 Singh SS 1993 Crop Management under Lirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi

27

इकाई 3 फसल म खरपतवार नय ण

इकाई क परखा 30 उ य 31 तावना 32 खर फ क फसल म खरपतवार नय ण

321 धान 322 वार 323 बाजरा 324 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल 325 सोयाबीन 326 तर अथवा अरहर 327 म ग और उड़द 328 तल या अलसी या राम तल 329 कपास 3210 जट 3211 चार क फसल म खरपतवार नय ण

33 रबी क फसल म खरपतवार नय ण 331 गह 332 जौ 333 चना 334 मसर 335 मटर 336 तो रया और सरस 337 अलसी या तीसी 338 सरजमखी 339 जई 3310 लसन या रजका 3311 त बाक

34 साराश 35 अ यास न 36 सदभ साम ी

28

30 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो जाएग क फसल क म य खरपतवार जान पाएग खरपतवार नय ण करन का सह समय खरपतवार नाषक का सह मा ा एवम डालन का सह समय

31 तावना फसल क पदावार म वषष क ट पतग पश व पादप या धया प स खरपतवार अ धक हा न पह चाती ह यह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क गई कमी क तलना म अ धक होती ह खरपतवार व भ न प म हा नकारक होत ह खरपतवार को य द सह समय पर नय त ना कया जाऐ तो य फसल उ पादन को काफ भा वत कर सकत ह

32 खर फ क फसल म खरपतवार नय ण

321 धान

खरपतवार क सम या ायः ऊची भ मय म अ धक होती ह धान क खती िजन म ऊची मदाओ म करत ह वहा पर अवसर मलन पर 20-25 दन बाद एक नराई-गड़ाई खप क सहायता स कर दत ह वस बल वारा चा लत य हरो जापानी हो आ द का योग भी कर सकत ह दसर नराई क आव यकता पड़न पर रोपाई क 40-45 दन बाद करत ह लहय त धान क फसल (रो पत फसल) म खरपतवार क वशष सम या नह होती धान रोपण क समय जो खरपतवार खत म उग होत ह नचल मदाओ म जहा पानी भरा रहता ह हाथ स खरपतवार उखाड़त ह तथा छोट य वारा जस जापानी राइस वीडर ह सया या खप क सहायता स खरपतवार नकालत ह जपानी राइस वीडर नय ण रोपण क 25-30 दन बाद होता ह नीची भ मय म भ म जलम न करक खरपतवार नय ण रखत ह धान म अकरण पव खरपतवार नय ण

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल

ा)

1 ऑ जाडायिजल (रा ट टॉप टार)

36 600 बोनी क बाद 0-3 दन म

य सकर प ती वाल (जस सॉवा चहका नरजवा) और कछ चड़ी प ती वाल (जस चनच नया व

29

मच बन पर नय ण करता ह

अथवा 2 पाइराजोस फरन ईथाइल (साथी 10 तशत ड य पी)

10 80 बोनी क बाद 0-5 दन क बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस चनच नया जलक भी ल गघास कौआकनी तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-600

800-1200

बोनी क बाद 6-7 दन क बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 ी टला लोर ( र फट ए कोर 50 तशत ईसी)

200-300

400-600

बोनी क बाद 0-3 दन क अ दर

य सकर प ती वाल (जस सॉवा मोथा छतर वाला मोथा ब दरप छया और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा जलक भी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 पि ड म थ लग ( टॉ पप ड टार ास आ द)

400 1300-1350

बोनी क बाद 6-7 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा ब दरप छया सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई तप तया आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 6 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

200-300

800-1200

ी और पो ट इमरजस

य सकर एव चड़ी प ती वाल अनक खरपतवार पर नय ण करता ह

30

अथवा 7 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन ओ सीगो ड 235 तशत ईसी)

60-100

240-400

बोनी क बाद 0-6 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा आलबन आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

धान म अकरण प चात खरपतवार नय ण चड़ी प तीवाल खरपतवार

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

60 50 ाम बोनी क बाद 0-3 दन क अ दर

य सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दरप छया अगरब ती बन आ द और कछ चड़ी प ती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 लो रमरोन 10 तशत +

मटास फरोन मथाइल 10 (आल म स)

16 8 बोनी क 15-20 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती आ द व सकर प तीवाल जस छतर वाला मोथा मा था नरजवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 3 24 - डी( ीन वीड वीडमार नौकवीड) ताफा सड अरबी ओ स को बी

200-336 200-300

250-400 340-620

बोनी क 20-25 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी

31

रगरडन - 48 1 सो डयम सा ट

80 तशत 2 एमाइन सा ट

58 तशत 3 इथाइल इ टर

36 तशत

180-300

528-880

बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

सकर प तीवाल खरपतवार 1साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप)

28-36 300-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

24-28 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

सभी कार क नीदा नय ण 1 बसपाय रबक सो डयम (नो मनी गो ड) 10 तशत एससी

10 100 बोनी क 20 दन बाद

य मोथा नरजवा बदरप छया जलक भी ल ग घास जगल मच भगरा सावा बदौर आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

28-36 + 60

400 + 50 ा

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दप छया अगरब ती बन आ द और चड़ी पतती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

32

3 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + लो रमरोन 10 तशत +

मटास फयरोन मथाइल 10 (आल म स)

28-36 + 16

400 + 80

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बल दा चार प ती आ द व व सकर प ती वाल जस छतर वाला मौथा मौथा नरजवा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट

80 तशत 2 एमाइन सा ट

58 तशत 3 इथाइल इ टर

38 तशत

28-36 + 16 200-336 200-300 180-300

400 + 80 250-400 340-620 528-880

बोनी क 15-20 दन बाद बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

अथवा 5 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

+ इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

24-28 + 60

320-400 + 50 ा

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दप छया अगरब ती बन आ द और चड़ी पतती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द

33

खरपतवार पर नय ण करता ह अथवा 6 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

+ लो रमरोन 10 तशत +

मटास फयरोन मथाइल 10 (आल म स)

24-28 + 16

320-400 + 8

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बल दा चार प ती आ द व व सकर प ती वाल जस छतर वाला मौथा मौथा नरजवा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 7 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर) + 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट 80 तशत

2 एमाइन सा ट 58 तशत

3 इथाइल इ टर 38 तशत

24-28 + 200-336 200-300 180-300

320-400 + 250-400 340-620 528-880

बोनी क 20-25 दन बाद + बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

322 वार

खरपतवार का कोप सदव फसल क ारि भक अव था म ह होता ह वषा ऋत म उगन वाल सभी खरपतवार इस फसल म भी उगत ह फसल क 2-3 नराई-गडाई कर दनी चा हए गड़ाई 4-5 समी सअ धक गहर न हो अ यथा फसल क जड़ को हा न पह चन का डर रहता ह छोट म नराई खरपी स व बड़ म य क सहायता स कर सकत ह

34

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन

का समय रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 एल लोर (लासो)

200-300

400-600

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती एव सकर प ती वाल खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 24 - डी ( ीन वीड महान वीडमार आ द) 1 एमाइन सा ट 58 तशत

2 इथाइल इ टर 38 तशत

720 400

1200

1176

बोनी क प चात 30-40 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

323 बाजरा

फसल क ारि भक अव था म खरपतवार का कोप अ धक रहता ह अतः खत म 1-2 नराई खप या क ट वटर स 4-5 समी गहर कर दनी चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

35

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 एल लोर (अ ाटाफ धानसाइन)

100-200

200-400 बोनी क 0-3 दन बाद

य कई सकर प ती एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 24 - डी ( ीन वीड महान वीडमार आ द) 1 एमाइन सा ट 58 तशत

2 इथाइल इ टर 38 तशत 3 सो डयम सा ट

1400 480-720 800-1040

2400 1400-210 1000-1300

बोनी क प चात 30-40 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

324 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल

नराई-गड़ाई - बीज बोन क 15 दन बाद ह खत क पहल बार नराई-गड़ाई क जाती ह पि तय म फसल बोन पर नराई-गड़ाई हल या हर वारा क जाती ह कल मलाकर 2-3 नराई-गड़ाई पया त होता ह

36

325 सोयाबीन

फसल कर ारि भक अव था म 30-40 दन तक सोयाबीन क पौध खरपतवार का मकाबला नह कर पात अतः इस समय म नराई-गड़ाई या रासाय नक व ध स खरपतवार का नय ण बह त आव यक हबाद म फसल वय खरपतवार को नय त कर सकती ह

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 एल लोर (लासो)

600-800

1200-1600

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 म बिजन (स कर ल सॉन ब रयर)

140-210

200-300

बोनी क 0-3 दन तक क बाद

य चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 फनो सो ोप ( ह प-सपर)

32-40 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 ि वजालोफॉस इथाइल (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 20-25 दन

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर

37

बाद नय ण करता ह

अथवा 6 इमाझथापर (पर यट लगाम)

30 300 बोनी क 20-25 दन बाद या खरपतवार क 2-3 प ती क अव था पर

य सकर प ती वाल सावा एव चड़ी प ती वाल गोख लनक छोट एव बड़ी दधी गाजरघास चलाई जगल जट लसवा कौआकनी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 7 लो रमरान ( लोन ाच)

24-36 12-16 बोनी क 15-20 दन बाद

य चड़ी प ती वाल गोख लनक छोट एव बड़ी दधी गाजरघास चलाई जगल जट लसवा कौआकनी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

326 तर अथवा अरहर

अरहर क अकल बोई गई फसल म 1-2 नराई खप स कर सकत ह पहल नराई बआई क 20-25 दन क बाद करनी चा हए म त फसल वार म का आ द काटन पर अरहर क लाइन क बीच lsquoहोrsquo या दशी हल स जताई करन पर फसल क उपज म व होती ह म त खती म खरपतवार का कोप कम हो जाता ह

327 म ग और उड़द

चार व हर खाद क फसल म नराई-गड़ाई अथवा खरपतवार नय ण क आव यकता नह होती दान वाल फसल क नराई बआई क 23-30 दन बाद आव यक ह दसर नराई बआई क 45 दन बाद तक आव यकतानसार करनी चा हए

म ग उड़द अरहर खरपतवारनाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

38

1 एल लोर (लासो)

800-1000

1600-2000

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

100 400 बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी एव सकर प ती वाल बह त स खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन)

40-50 160-200

बोनी क बाद 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा आलबन आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

39

328 तल या अलसी या राम तल

फसल बोन क 3-4 स ताह बाद नराई - गड़ाई करक खरपतवार का नय ण करत ह पौध क ऊचाई 7-8 समी होत ह (बोन क 15-20 दन बाद) पौध क छटाई कर दत ह अलसी तलराम तल

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

नी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार) 200 800 बोनी

क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

329 कपास

पौध क ऊचाई 8-10 समी होन पर पहल नराई-गड़ाई करत ह आव यकता पड़न पर 1-2 नराई गड़ाई फल आन तक करत ह पि तय क बीच अ तरण अ धक रखन पर बल स चलन वाल य वारा भी नकाई - गड़ाई कर दत ह बआई क 20-25 दन बाद पौध क छटाई करक ऐि छत अनतरण रख लया जाता ह

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

40

1 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-500

800-1200

बोनी क बाद 3-4 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

2 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

200-300

400-600

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 लफो सनट ( लबट ब ता)

180 400 अकरण प चात

जब कपास 15 समी क ऊचाई पर हो तब इसका योग नोजल म गाड लगाकर कर ता क दवाई कपास क पौध पर ना पड़ जब हवा नह चल रह हो तब इसका योग कर

5 लाइफोसट (राउड-अप लाइसल)

5 लाइफोसट (राउड-अप लाइसल)

400 1000

अकरण प चात

जब कपास 15 समी क ऊचाई पर हो तब इसका योग नोजल म गाड लगाकर कर ता क दवाई कपास क पौध पर ना पड़ जब हवा नह चल रह हो तब इसका योग कर

6 जॉय र थओबक 30 3अकरण प चात

य चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

41

सो डयम (थीम 10 ईसी) 00

3210 जट

फसल बोन क बाद जब पोध 8-10 समी क हो जाए तो खत म खप या बल वारा चलन वाल य स नराई-गड़ाई कर दनी चा हए छटकवा व ध स कवल खप स ह नराई स भव ह आव यकतानसार नकाई-गड़ाई 2-3 बार करत ह पहल नकाई - गड़ाई क समय ह पौध क छटाई भी क जा सकती ह दसर व तीसर नकाई 15-15 दन क अ तर पर समयानसार करत ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

24-28 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ळ

अथवा 3 ि वजालोफॉस इथाइल (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

42

3211 चार क फसल म खरपतवार नय ण

1 अ धकतर फसल म खरपतवार नय ण क आव यकता नह होती अगर आव यता पड़ तो म का वार व मकचर म बआई पव 15 क ा एटाजीन 1000 ल टर पानी म घोलक त ह टयर छड़काव भ म म मलाए दलहन व अ य फसल म बोन स पव बसाल न 1

क ा +1000 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर भ म म भल भा त मलाए

2 वार म का बाजरा सडान घास चार क प म उगान क लए 01 तशत का ए ाजीन (ए ाटाफ) का800 ल टर घोल बआई क तर त बाद (अकरण स पहल) नम सतह पर छड़क अगर भ म क सतह नम न हो तो ह क सचाई कर

3 लो बया म खरपतवार नय ण क लए बआई स पव 01 तशत बसा लन या 02 तशत नाइ ोजन (ट ई 25) या एला लोर (लासो) बरसीम म एमपीबी 01 तशत का घोल जई म 05 तशत का 2 4 - डी का घोल 800-1000 ल टर त ह टयर छडक

4 लसन म अमरबल क अकरण करन पर 05 तशत का सीआईपी या कब 01 तशत का घोल भा वत म छड़क लसन म डाइयरान का 02 तशत घोल (अमर बल को छोड़कर) अ धकतर वा षक खरपतवार को न ट करता ह इसको छड़ककर फसल क पहल कटाई तक खत म पश न चराए

33 रबी क फसल म खरपतवार नय ण

331 गह

मदा म वाय सचार मदा नमी क सर ण व खरपतवार नय ण क उ य स नकाई गडाई क जाती ह नराई गड़ाई खरप या हड हो क वारा करत ह इसस मदा भरभर बनती ह तथा यात अ धक होता ह पहल नराई पहल सचाई क बाद उपय त मदा अव था पर व दसर नराई-गडाई दसर सचाई क बाद करत ह बाद क नराई गड़ाई करन म यात क कटन का भय रहता ह गह म चड़ी प ती वाल म य खरपतवार - बथआ क णनील हरनखर सजी चटर मटर गगला मनमना जगल गाजर आ द व सकर (तग) प ती वाल मख खरपतवार गह सा (मडसी या बलर या ग ल ड डा व जगल जई आ द ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा डालन का

समय

रमाक स य

त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द)

1300-400

1000-1200

बोनी क 0-3 दन

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर

43

पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

26460 700 बाद ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा गह का मामा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 कारफ ा जोन 40 डीएफ (ए फनीट )

8 20 बोनी क 25-30 दन बाद

चड़ी प ती वाल जस हरणखर क णनील आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

3 मटस फरोन मथाइल (ऑल प मटसी मोटो)

16 8-12 बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढकनासजी क णनील आ द पर नय ण करता ह

अथवा 4 लो डनाफोप (टो पक झटाका)

241 60 बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 म यिजन (स कॉर टाटा म )

70-84 100-120 बोनी क 30-35 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस गह का मामा व च नदा चड़ी प ती वाल जस खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

6 फनो सा ोप - पी- (पमा सपरि हप सपर)

40-48 400-800 बोनी क 4-6 स ताह बाद

य सकर प ती वाल जस गह कामामा जगल जई सावा आ द पर नय ण करता ह य चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय ण करता ह इस सबह क समय (जब ओस होती ह) योग ना करय गह और राई

44

कअतरवत य खती क लय उपय त ह

अथवा 7 आइसो ो यरोन 300-400 400-500

(75 ड यपी 600-800 50 ड यपी)

बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह इस पहल पानी दन क बाद उपयोग कर

अथवा 8 स फोस फरोन (ल डरसफल फतहएसएफ -10) बीटो

10 132 बोनी क 25-30 दन तक

य सकर प ती वाल (जस गह सा) एवम कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार जस जगल पालक बथआ सजी क णनील आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 9 पनो साडन 5 ईसी (ऐि सअल)

16-20 320-400 बोनी क 25-30 दन तक

य सकर प ती वाल खरपतवार (जस गह का मामा एव जगल जई पर नय ण करता ह

अथवा 10 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट 80 तशत

2 एमाइन सा ट 58 तशत

3 इथाइल इ टर

200-336 200-300 180-300

250-400 340-620 528-880

बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था क णनील जगल पालक ढकना गाजरघास महकवा बथआ हरनखर चनौर सजी आ द खरपतावार को नय ण करता ह

45

38 तशत अथवा 8 स फोस फरोन 75 तशत +

मटास फरोन 5 तशत ड यजी

(टोटल टोपल बकट वन)

128 16 बोनी कबाद

य चड़ी प ती वाल (जस बथआ और सजी) एवम सकर प ती वाल जस गह का मामा पर नय ण करता ह

अथवा 12 मीसोस फरोन 3 तशत +

आइडोस फरोन मथाइल सो डयम 06 तशत ड यडीजी

(ऐटला टक)

48+096 160 बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल व चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह जस बथआ सजी जगल पालक)

332 जौ

खरपतवार क व अगर अ धक दखाई पड़ तो एक नराई कर सकत ह गह क भा त रसायन क वारा जौ क फसल म खरपतवार का नय ण कया जा सकत ह गह क भा त रसायन क वारा जौ क फसल म खरपतवार का नय ण कया जा सकता ह 24 - डी क 050 क ा

स य मा ा 600-800 ल टर पानी म घोलकर बोन क 30-35 दन बाद छड़कन स चड़ी प ती वाल खरपतवार न ट कए जा सकत ह जगल जई क नय ण क लए एवाड स 1 क ा मा ा बआई पव या डोसान स 10 क ा बआई क एक माह बाद 1000 ल म घोलकर त ह टयर योग कर

333 चना

बोन क 30-35 दन बाद पहल नराई गड़ाई खरपतवार नय ण क उ य स बह त ह आव यक ह खरपतवार का नय ण रासाय नक व ध स भी कया जा सकता ह 12 क ा बसा लन स य अवयव को 800 स 1000 ल टर पानी म घोलकर बोन स पहल खत म छड़कर अ छ कार क नम म ी म मला दना चा हए

334 मसर

खरपतवार नय ण क लए फसल बोन क 30-35 दन क बीच एक दो नराई गड़ाई क जाती ह छटकवा व ध स बोई गई फसल म नराई खप स व पि तय म बोई गई फसल म नराई गड़ाई हो क सहायता स भी कर सकत ह

46

रासाय नक व ध स खरपतवार नय ण करन क लए य लोर लन (बसाल न) 1 क ा (स य अवयव) 800-1000 ल पानी म घोलकर त ह टयर क दर स बोआई स पहल खत म छड़ककर नम म ी म अ छ कार स हरो या क ट वटर क सहायता स मला लनी चा हए

चना मसर खरपतवारनाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा गह का मामा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

335 मटर

फसल बोन क 35-40 दन तक फसल को खरपतवार स बचाना आव यक ह आव यकतानसार एक या दो नराई बोन क 30-35 दन बाद करनी आव यक ह रासाय नक व ध स खरपतवार नय ण करन क लए 1 क ा य लोर लन (बसाल न) का 800-1000 ल पानी म घोल बनाकर फसल अकरण स पहल एक ह टयर म छड़ककर नम म ी म 4-5 समी गहर तक हरो या या क ट वटर क सहायता स मला दना चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

47

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 म बिजन (स कर) 100 140 बोनी

क 0-3बाद

य बौनी क 15-20 दन बादय चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन)

40-50 160-200

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा व चड़ी प ती वाल जस भागरा खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

336 तो रया और सरस

नराई गडाई एव खरपतवार नय ण - फसल क ारि भक अव था म खरपतवार नय ण आव यक ह श फसल म 1-2 नराई गड़ाई आव यकतानसार करत ह म त फसल म म य फसल क साथ-साथ इसक नराई गड़ाई हो जाती ह पहल नराई गड़ाई हो जाती ह पहल

48

नराई फसल क पौध 15-20 समी क ऊचाई होन पर करनी चा हए इसी समय पौध क छटाईकरक पौध क आपस क बीच क दर 10-15 समी कर दनी चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200

700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 आइसो ोटयरोन (आइसोगाड)

300-400

400-500 (75 ड यपी) 600-800 (50 ड यपी)

बोनी क पहल या अकरण क तर त बाद

य सकर प ती क खरपतवार (गह सा) को नय त करता ह

अथवा 3 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार)

200 800 बोनी क पहल या अकरण क तर त बाद

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

अथवा

4 यजलोफॉप (टरगा - सपर)

16-20 320-400 बोनी क 15-20 दन बा

दय सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

49

337 अलसी या तीसी

बोन क 30-35 दन बाद पहल नराई गड़ाई क जाती ह इसी समय पि तय म पौध क छटाई करक पौध क बीच का फासला 5-7 समी कर दत ह फसल को खरपतवार स म त करन क लए आव यकतानसार 20-25 दन बाद दसर नराई खप क सहायता स कर सकत ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा

2 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार) 200 800 बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

338 सरजमखी

बोआई क 10-12 दन बाद घन उग ह ए पौध को उखाड़ दना चा हए ता क कतार म पौध क बीच क दर 20 समी रह जाए खरपतवार क रोकथाम करना भी ज र ह खर फ क फसल म दो बार और रबी तथा बस त ऋत क फसल मएक बार नराई गड़ाई ज र कर दनी चा हए नकाल गए पौध खाल थान पर रोप जा सकत ह पहल दो मह न म 1-2 बार नराई गड़ाई आव यक ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

50

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 एल लोर (लासो)

400-600

800-1200

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-500

800-1000

बोनी क बाद 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 ऑ जाडाइजॉन

(रोन टार) 200-400

800-1600

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

5 ऑ सी लरफन (गोल) 100 400 बोनी क बाद 0-3 दन तक

य सकर प ती एव चड़ी प ती क खरपतवार पर नय ण करता ह

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339 जई

जई क चार वाल फसल म नराई गड़ाई क आव यकता नह होती ह य क फसल क व अ धक होन क कारण खरपतवार फसल म व नह कर पात अगर कछ खरपतवार फसल म उग आत ह तो फसल म 2 4-डी रसायन क अमाइन लवण क 05 क ा मा ा त ह टयर छड़ककर चड़ी प ती वाल खरपतवार न ट कर सकत ह

3310 लसन या रजका

साधारण लसन क एकवष य फसल म खरपतवार क सम या उ प न नह होती ह य क फसल छटकवा व ध स पया त घनी बोई जाती ह अतः खरपतवार व नह कर पात ह तथा बार-बार फसल क कटाई करन क कारण खरपतवार भी कटकर न ट हो जात ह बह वष य फसल म नराई गडाई करना आव यक होता ह तथा इन नराई गड़ाईय का म य उ य फसल क खरपतवार न ट करना ह बह वष य फसल म मड अ धक कड़ी हो जाती ह अतःजड़ क अ छ व मदा म वाय क अ छ आवागमन आ द उ य क लए मड क बीच नराई गड़ाई करत रहत ह नराई गड़ाई क स या खरपतवार क आ मण क सघनता पर नभर रहती ह जब फसल को खरपतवार दखाई द नराई गड़ाई क या करत रहना चा हए य द फसल म अमर बल का कोप हो जाए तो भा वत पौध को काटकर जला दना चा हए ब नामक दवाई क एक क ा मा ा 1000 ल टर पानी म घोलकर बआई क बाद अमर बल स भा वत म छड़क या सीआईपीसी 5 क ा 1000 ल पानी म धोलकर अमर बल क

अकरण क बाद छड़क नम भ म होना भी आव यक ह

3311 त बाक

रोपाई क बाद पहल 30-40 दन तक फसल को खरपतवार स म त रखन क लए नराई गड़ाई करत ह पहल नराई गड़ाई रोपाई क 10-15 दन बाद क जाती ह नराई गड़ाई खप या हड हो स करत ह नराई गड़ाई रोपाई क 10-15 दन बाद क जाती ह नराई गड़ाई म मदा नमी क सर ण व मदा वाय सचार बढ़ता ह कल मलाकर 2-3 नराई गड़ाई करत ह त बाक क फसल म ओरोब क (टोकरा या बलया) परजीवी पौधा खरपतवार क प म पाया जाता ह इस खरपतवार का रग सफदह का पीला या ह का बगनी होता ह िजन म कई वष तक लगातार त बाक उगाया जाता ह उन म यह खरपतवार अ धक फलता ह इसक नय ण क लए बीज बनान स पहल ह इस खत म उखाड़ दना चा हएपोध को इक ा करक जला दना चा हए 3-4 वष तक खत म त बाक न लगाए व मथाइल ोमाइड स खत क रोपाई स पहल उपचा रत करक एव खत क ग मय म गहर जताई कर डाई फन मड या पीएवी ( ट लाम) - 04 क ा रोपाई स पव 1000 ल पानी म मलाकर ह टयर छड़क तथा भ म म क ट वटर क सहायता स भल भा त मला द इन दवाइय स एकवष य घास कल क अ धकतर व चड़ी प ती वाल कछ खरपतवार न ट हो जाएग

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34 साराश खर फ क फसल म म यतः सॉवा मोथा बडी दधी छोट दधी चनच नया भगरा

जगल चलाई गोख आ द जस खरपतवार पाऐ जात ह िजनको समय रहत व भ न व धय वारा नय त कया जा सकता ह रबी क फसल म पाऐ जान वाल म य म य खरतवार ह

बथआ क णनील गह का गामा सजी आ द ह कसान क ि ट स खरपतवार दो कार क होत ह सकर प ती वाल खरपतवार एव चड़ी प ती वाल खरपतवार नाशक सफ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करत ह और कछ सफ सकर प ती वाल खरपतवार नाशक भी आन लग ह जो क दोन सकर भी आन लग ह जो क दोन सकर एवम चडी पि तय वाल खरपतवार क रोकथाम क लए योग करत समय इसक सह मा ा एव योग करन क सह तकनीक का ान होना अ त आव यक ह

35 अ यास न 1 धान म खरपतवार नय ण कस कया जाता ह 2 गह म कौन कौन स खरपतवार पाऐ जात ह उनक रोकथाम क लए योग म लाऐ

जान वाल खरपतवार नाशक एव उनक सह मा ा समझाइय 3 न न म स कौनसा सकर प ती वाला खरपतवार ह अ चलाई ब छोट दधी स सावा द चनच नया 4 न न म स कौनसी खरपतवार गह म य खरपतवार ह अ सावा ब गह का मामा स भगरा द हरणखर 5 न न म स कौनसा खरपतवार नाशक सकर एवम चड़ी पि तय वाल दोन को नय त

करना ह (अ) पि डमथा लन (ब) इमजाथाइपर

(स) दोन (द) इनम स कोई नह

36 सदभ साम ी 1 सह ए पी चौधर तापस पाठ ववक लाखपाल आर ग ता वता भा

नमuml य 2010 खरपतवार नय ण नद शका स य व ान वभाग इ गा क व रायपर

2 Gupta OP 1989 Modern weed management agro Botanical Publishers (India) pp61-66

3 Gupta OP 1993 weed management Principals and Practices Agro Botanical Publishers (India)

53

4 Ready TY and redid GHS 2000 Principles of Agronomy kalyani Publishers New Delhi

5 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर

6 Rao Vs 1994 principles of Weed Science Oxford amp IBH Publishing Co Pvt Ltd PP333-373

7 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops Oxford amp IBH publishing company provbate limited New Delhi

8 Singh SS 1993 Crop Management under Irrigated and rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

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इकाई 4 एक कत खरपतवार बधन

इकाई क परखा 40 उ य 41 खरपतवार क प रभाषा 42 खरपतवार क वशषताय 43 खरपतवारो स हा नया 44 कस नकसान पह चात ह खरपतवार 45 खरपतवार का नय ण कब कर 46 खरपतवार नय ण क व धया 47 एक कत खरपतवार बधन 48 खरपतवारनाशक क मा ा ात करना 49 खरपतवारनाषक क योग सबधी सावधा नया 410 साराश 411 बोध न 412 स दभ सा ह य

40 उ य इस इकाई क अ ययन क उपरा त आप जान पायग क खरपतवार क बार म खरपतवार स हान वाल नकसान क बार म खरपतवार नय ण क व धय क बार म खरपतवार उ मलन क सावधा नय क बार म

41 तावना खरपतवार अफसल य पौध क व जा तया ह जो अवा छत प स फसल क साथ

अ य धक मा ा म उगकर म य फसल को य व अ य प स हा न पह चाकर उ पादन पर तकल भाव डालत ह अतः अ धक उ पादन हत फसल को खरपतवार स म त रखना अ त आव यक ह खरपतवार पौध क ऐसी जा तया ह जो अवा छत प स उगती ह जो फसल क लए हा नकारक होती ह यह इतनी चर मा ा म उगत ह जो आ थक ि ट स मह वपण दसर पौध को दबाकर व भ न कार स हा न पह चात हखरपतवार वह अनि छक पौध ह जो कसी थान पर बना बोय उग आ जात ह और िजनक उपि थ त स कषक को लाभ क तलना म हा न होती ह अतः फसल उ पादन हत फसल को खरपतवार स म त रखना अ त

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आव यक ह ता क दश क बढ़ती ह ई आबाद क भरण पोषण क आव यकता व चनौती को परा कया जा सक क ष उ पादन म व करन क लय उ नतशील क म उ चत खाद व सचाई क अ त र त खरपतवार बधन भी अ त आव यक ह अ यथा फसलो पादन क लय अपनाई जान वाल उ नत तक नक का परा लाभ नह मलगा

42 खरपतवार क मख वशषताय 1 खरपतवार फसल बवाई क बाद उगत ह तथा तजी स बढ़कर फसल पकन स पहल

जीवनकाल पण कर बीज बना लत ह 2 खरपतवार म भार मा ा म बीज उ प न करन क मता होती ह 3 खरपतवार क बीज क जमाव मता कई वष तक बनी रहती ह 4 खरपतवार भ म एव जलवाय क तकल दशाओ म रोग एव क ट स मण स त

फसल क अप ा अ धक सहनशील होत ह 5 खरपतवार क बीज एव पौध ायः सहचर फसल क सम प होत ह िजसस उ ह फसल

क पौध क बीच स पहचान कर अलग करन म क ठनाई होती ह

43 खरपतवार स हा नया यह स य ह क खरपतवार क उपि थत फसल को उपज को कम करन म सहायक ह

कसान जो अपनी पण शि त व साधन फसल क अ धकतम उपज ा त करन क लय लगाता ह य अनि छक पौध इस उ य को परा नह होन दत ह खरपतवार फसल स पोषक त व नमी काश थान व वाय आ द क लय त पधा करक फसल क व उपज एव गण म कमी कर दत ह खरपतवारो स ह ई हा न कसी अ य कारण जस क ड मकोड़ रोग या ध आ द स ह ई हा न क अप ा अ धक होती ह एक अनमान क आधार पर हमार दश म व भ न या धय क तवष करोड पय क हा न होती ह िजसका लगभग एक तहाई भाग खरपतवार वारा होता ह आमतौर पर व भ न फसल क पदावार म खरपतवार वारा 5 स 85 तशत

तक क कमी हो जाती ह व भ न शोध प रणाम स यह प ट हो चका ह क अ नय त खरपतवार क कारण त पौध दान दान का भार व आकार शाखाए एव उपज कम हो जाती ह ल कन कभी-कभी यह कमी शत तशत भी हो जाती ह खरपतवार श क पदाथ एव उपज त पौध म नकरा मक सब ध पाया गया ह खरपतवार फसल क उपज पर तकल भाव डालत ह और यह थान notजा त समय खरपतवार क सघनता श य-जलवायवीय ि थ तय एव ब ध क तर आ द कारक पर नभर करती ह

खरपतवार फसल क लय भ म म न हत पोषक त व एव नमी का एक बड़ा ह सा शो षत कर लत ह तथा साथ ह साथ फसल को आव यक काश वाय व नमी स भी व चत रखत ह फल व प पौध क वकास क ग त धीमी पड़ जाती ह और उ पादन का तर गर जाता ह खरपतवार स परो प स भी बह त सी हा नया होती ह जस फसल क बीज म

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गणव ता म कमी फसल म रोग क ट को शरण दना दधा पशओ स ा त होन वाल खा य पदाथ क गणवŸाा म कमी होना फसल उ पादन लागत म य म व आ द अतः खरपतवार को फसल का सबस बड़ा श समझा जाय तो कोई आ चय क बात नह ह उ नत क म क बीज उपय त उवरक सचाई एव फसल सर ा क उपाय जस आध नक तर क को अपनाकर भी कषक फसल क भरपर पदावार नह ल पात ह िजसका म य कारण ह - खरपतवार का सह समय पर एव उ चत व ध वारा नय ण नह कर पाना खरपतवार बह त तजी स व करत ह जो फसल क साथ पानी वाय काष एव पोषक त व क लए त प धा करत ह इतना ह नह व भ न खरपतवार कई कार क क ड़ एव बीमा रय को आ य दकर उनको फसल म बढ़ावा दत ह अ त म फसल क कटाई म भी बाधा पह चान क साथ ह साथ फसल क व उपज एव उनक गणव ता म भी कमी कर दत ह िजसस आ थक नकसान होता ह अतः व भ न व धय वारा खरपतवार को नय ण कर खर फ फसल क अ धक उपज एव लाभ लया जा सकता ह

44 कस नकसान पह चात ह खरपतवार यादातर खर फ क फसल क बवाई मानसन आन क प चात ह क जाती ह

खरपतवार फसल स पव ह उग आत ह जो भ म म मौजद पोषक त व एव पानी को तजी स अवशो षत करत ह और अपनी व करत ह िजसक कारण फसल को सम चत पोषक त व और जल ा त नह हो पाता ह फल व प श आत म ह फसल क व एव अ ततः उपज म भार कमी हो जाती ह

खरपतवार क वान प तक व बह त तजी स होती ह और शी फलाव क कारण काफ थान घर लत ह िजसस फसल क पौध को फलन का थान कम मल पाता ह फलतः

फसल को सम चत वाय एव काश नह मल पाता ह कई खरपतवार क ड़ एव बीमा रय को शरण दकर फसल म इनको बढावा दत ह अ धक खरपतवार क कारण फसल को आसानी स काटा भी नह जा सकता ह िजसस

अ धक समय एव धन का यय होता ह अ त म खरपतवार क बीज फसल क बीज क साथ मलकर उनक गणव ता पर

तकल भाव डालत ह िजसस उपज क कम क मत मलती ह एव अनचाहा आ थक नकसान होता ह

45 खरपतवार का नय ण कब कर ायः यह दखा गया ह क क ड मकोड रोग या ध लगन पर उनक नदान क लय तरत

यान दया जाता ह ल कन खरपतवार क ओर यान नह दता ह और इनक जब तक बढ़न दता ह जब तक क हाथ स पकडकर उखाडन यो य न हो जाय कह -कह तो कसान खरपतवार क पशओ क चार क प म उपयोग करत ह और खरपतवारा को फसल नकसान कर चक होत ह फसल क ार भक अव था खरपतवार क त अ धक सवदनशील होती ह िजस अव था म यह त पधा सवा धक होती ह उस rsquorsquo ाि तक अव थाrsquorsquo कहत ह य द इस अव था पर

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खरपतवार का नय ण नह कया या तो उसक त प त बाद म नह क जा सकती ह मख फसल म खरपतवार क कारण उपज म कमी तथा ाि तक अव था सारणी-1 म द गई ह सारणी - 1 व भ न फसल म फसल खरपतवार त पधा का ाि तक अव था एव उनस फसल क पदावार म कमी फसल ाि तक अव था उपज म कमी तशत खा या न फसल धान (सीधी बोनी) 15-45 47-86 धान (रोपाई) 20-40 15-38 म का 30-45 40-60 वार 30-45 06-40

बाजरा 30-45 15-56 गह 30-45 26-38 जौ 15-45 10-30 दलहन फसल अरहर 15-60 20-40 म ग 15-30 30-50 उरद 15-30 30-50 लो बया 15-30 30-50 चना 30-60 20-30 मटर 30-45 20-30 मसर 30-60 20-30 तलहन फसल सोयाबीन 15-45 40-60 मगफल 40-60 40-50 सरजमखी 30-45 33-50 अरडी 30-45 30-50 तल 15-45 17-41 राम तल 15-45 35-60 सारस 15-40 15-30 अलसी 20-45 30-40 कसम 15-45 35-60 नगद फसल ग ना 15-60 20-30 आल 20-40 30-60 कपास 15-60 40-50 जट 30-45 50-80

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46 खरपतवार नय ण क व धया खरपतवार क रोकथाम म यान दन यो य बात यह ह क खरपतवार का सह समय

पर नय ण कया जाय खरपतवार क रोकथाम न न ल खत तर क स क जा सकती ह 1 नरोधक व धया 2 या क व धया 3 क षगत व धया 4 ज वक व धया 5 रासाय नक व धया ायः यह दखा गया ह क क ट- या धय क लगन पर उनक नय ण पर तर त यान

दया जाता ह य क इनका नकसान परो प स दखा जा सकता ह पर त खरपवार क ओर यान नह दया जाता ह और इनको जब तक बढ़न दया जाता ह जब तक क हाथ स पकड़कर

उखाड़न यो य नह हो जात ह उस समय तक खरपतवार फसल को नकसान कर चक होत ह फसल क ारि भक अव था खरपतवार क त अ धक सवदनशील होती ह उस lsquolsquo ाि तक अव थाrsquorsquo कहत ह य द इस अव था पर खरपतवार का नय ण नह कया जाता ह तो उसक

तप त बाद म नह क जा सकती ह खर फ फसल म खरपतवार क कारण उपज म कमी तथा ाि तक अव था ता लका-2 म द गई ह खरपतवार क नय ण म यान दन यो य म य बात यह ह क खरपतवार का सह समय पर नय ण कया जाय

47 एक कत खरपतवार बधन व भ न व धय क सय त योग ारा खरपतवार का नय ण करना एव उनक ारा होन वाल हा न को आ थक तर स नीच रखना एक कत खरपतवार बधन कहलाता ह एक कत या समि वत खरपतवार ब धन म खरपतवार व प रि थ तय को दखत ह य कसी एक या एक स अ धक व धय वारा खरपतवार नय ण कया जाता ह खरपतवार नय ण म या क रासाय नक ज वक सभी उपल ध व धय क हा न- लाभ सीमाए ह कसी एक वधी ारा पणतः खरपतवार नय ण सभव तह हो पाता ह एक कत खरपतवार बधन का म य उदद य ह क सभी व धय का सामज य कर काम म लना चा हए ता क फसल को होन वाल हा न को कम करन क साथ-साथ पयावरण को भी त नह पह च

48 एक कत खरपतवार नय ण य खरपतवार व प रि थ तय को दखत ह य कसी एक व ध वारा इि छत फसल पादन ा त करना क ठन ह अतः इसस छटकारा पान क लय एक कत खरपतवार बधन व ध पर वशष यान दना पडगा एक कत खरपतवार बधन म रसायन क अप ा व भ न या क ज वक

क षगत व धय पर अ धक यान दया जाता ह सबस अ धक rsquorsquoउपचार स बचाव अ धक अ छाrsquorsquo वाल स ात पर यान दया जाता ह खरपतवार नय ण म रसायन क त बढ़त योग स वातावरण मदा एव जल दषण पशओ वषा ता मदा म स म जीव म क हा न

आ द क कराण चता का वषय हो गया ह समि वत खरपतवार बधन म नरोधी उपाय कपण याय या क व रासाय नक सभी

क वारा खरपतवार नय ण कय जात ह अतः यह समका लक बध आ थक ि टकोण स

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द घव ध म लाभदायक स हआ ह य क इसस पयावरण दषण का भय कम होता ह रसाय नक व ध म जब रसायन उपयोग कय जात ह तो उनक अवशष भ म म काफ समय तक बन रह ह इस व ध स रसाय नक व ध पर नभरता म कमी आयगी िजस दसर व धय क सहायता स परा कया जायगा

आध नक दौर म खरपतवार नय ण हत सझाई गई व भ न व धय क उपल ध ससाधन क आधार पर एक कत तथा यायसगत योग करक खरपतवार का भावी नय ण करत ह य फसल क उ पादकता बढ़ाना कारक को यान म रखत ह य फसल म एक कत खरपतवार बधन वतमान म मह वपण एव आव यक हो गया ह

कसान उ नत क म क बीज उपय त उवरक नय मत सचाई तथा पौध सर ा व भ न उपाय जस उ पादन साधन को व ा नक व ध को अपनाकर भी अ धका धक उ पादन ा त करन क अपन ल य म अब भी पणतया सफल नह हो पाया ह इसका एक मा कारण

यह ह क व उ नतशील साधन को अपनान क साथ-साथ खरपतवार क नय ण पर पण प स यान नह दत ह य द कसान को अपनी फसल स भरपर उपज ा त करनी हो तो उ ह अपनी

फसल श खरपतवार पर नय ण पान क मह व को समझकर उनको न ट करना ह होगा एक कत खरपतवार बधन नरोधी उपाय या क व धया क षगत

व धया रसाय नक व धया ज वक व धया

श बीज का उपयोग

भ प र करण

गम क जताई

बवाई स पहल कट

खरपतवार र हत दाना चारा दना

हाथ वारा उखाड़ना

फसल का चयन

अकरण स पव मछ लया

पची ह ई गोबर क खाद का उपयोग

हाथ वारा गड़ाई नदाई

उपय त फसल च

अकरण प चात खड़ी फसल म

घ घ

साफ कष य ो का उपयोग

हाथ स होइग

बीज क मा ा व दर

रोगाण

जानवर क आवागमन पर रोक

जलाना बोनी क व ध

एल लोपथी

साफ पौध का योग

पानी भरना बोनी क व ध

सचाई ना लय क सफाई

मदा सौर कारण

समय पर कषण

व छ बीज

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श या उपय त

उवरक बधन

उपय त सचाई बधन

भ म का आ छादन

मि चग या पलवार

अतवत खती

खरपतवार बधन नरोधक व ध-

इस व ध म व याय शा मल क गई ह िजनक वारा खत म खरपतवार को फलन स रोका जा सकता ह जो इस कार ह-

1 साफ तथा खरपतवार र हत बीज क उपयोग कया जाय 2 जानवर को हर चार क प म खरपतवार को बीज र हत चारा खलाना चा हय 3 गोबर क खाद या क पो ट क अ छ तरह स सड़ा कर ह योग कर िजसस पड़

खरपतवार म बीज क अकरण मता समा त हो जाय 4 मशीन क ष य तथा पश क वारा खरपतवार क बीज खत म न जान द

अथात य का योग आव यक साफ-सफाई क बाद ह करना चा हय 5 जहा खरपतवार क अ धकता हो वहा पर पशओ का आवागमान रोक दना चा हय 6 रोपाई वाल फसल म पौध शाला म ह खरपतवार अलग कर दना चा हय 7 सचाई ना लय नहर मड़ पर सडक पर तथा खाल पडी भ म पर खरपतवार न उगन

द 8 िजन खत म खरपतवार अ धक उगत हो उन खत क म ी दसर खत म न डाल 9 बीज बनन स पहल खरपतवार को न ट कर द 10 सग क समय खरपतवार क बीज हवा क साथ दर तक उडत ह इ ह इक ा न ट कर

द 11 कसी भी म कसी नय पौध को कसी म लगान स पहल उसक बार म पण प

स जान ल िजसस वह उस थान क सम या न बन जाय या क व धया-

यह व ध खरपतवार क रोकथाम क सबस परानी च लत सरल व भावी व ध ह फसल क ार भक अव था म खरपतवार स अ धक त पधा होती ह अतः व भ न फसल क

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ाि तक अव था पर फसल क खरपतवार म त कर दया जाय तो उ पादन म अ धक लाभ होता ह इस व ध म खरपतवार क रोकथाम हत व भ न य व मशीन का योग कया जाता ह या क व ध क अ तगत न न याऐ अपनायी जाती ह 1 भ प र काण-

भ प र करण म वह सभी कषण याऐ शा मल होती ह जो क फसल क वकास व व क लय आव यक ह यह व ध खरपतवार क रोकथाम म बह त ह सहायक ह खत क समय समय पर कषण काय जताई गडाई करन स खरपतवार उखड़ टटकर न ट हो जात ह इस व ध क वारा वा षक तथा बह वष य खरपतवार को न ट कय जा सकत ह अतः खरपतवार पर भावी रोकथाम हत समय-समय पर जताई व अ य भप र करण करत रहना चा हय समय समय पर जताई करन स खरपतवार क बीज का अकरण भा वत होता ह य क कछ बीज अ धक गहराई पर चल जान पर अकरण क प चात मर जात ह तथा कछ

बीज सखी म ी म बाहर आ जात ह िजसस पया त नमी न मलन पर अकरण नह होता ह

2 हाथ वारा उखाडना- इस व ध का योग गह उ यान गह वा टका लान व रोपणी म कया जा सकता ह बगीचा व स जी क छोट खत म भी योग कया जा सकता ह इस व ध म खरपतवार क पौध को एक-एक कर भ म स उखाड़ा जाता ह पौध उखाड़त समय भ म म पया त नमी होना चा हय ता क पौध जड़ स हत उखड़ सक खरपतवार क फल व बीज बनन स पव ह उखाड़ना चा हय ता क उसक बीज बनकर भ म पर न गर िजसस अगल वष खरपतवार का कोप कम हो जायगा

3 हाथ वारा नराई-गडाई- यह खरपतवार नय ण क सव Ÿाम व ध ह फसल क आर भक अव था बवाई क 15-35 दन क म य का समय खरपतवार स तयोगता क ि ट स ा तक समय ह प रणाम व प आर भक अव था म ह फसल को खरपतवार स म त करना फसल क लय लाभदायक होता ह बवाई क 15-35 दन क बाद फसल क ा तक अव था क अनसार खरपी वारा नदाई कर खरपतवार नकालना चा हय इस व ध स न कवल खरपतवार न ट होग बि क मदा म भी वायसचार म भी व होगी इस व ध म कतार म बोई गई फसल क सभी कार क खरपतवार सफलतापवक न ट कय जा सकत ह

4 हाथ वारा होइग- इस व ध स बड़-बड़ आकार क खत क खरपतवार न ट कय जा सकत ह हाथ वारा चलन वाल गड़ाई य स खरपतवार को काफ सीमा तक नय त कया जा सकता ह यह व ध कतार म बोई गई फसल अ धक कारगर रहती ह फसल बोन क 15-35 दन क म य दो कतार क म य ह ड ह हो डोरा व वीन ह ल चलाना चा हय

5 मोअर वारा- इस व ध का उपयोग मदान बजर भ म चारागाह सड़क रल नहर क कनार क भ मय म कया जाता ह इस व ध म मोअर मशीन क वारा खरपतवार क ऊपर भरग बार-बार

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काट जात ह िजसक फल व प खरपतवार म रकाश स लषण क या नह होती ह और पौध समा त हो जात ह

6 जलाना- इस व ध म िजन खत म ग मय म खत खाल रहत ह और अ य भ मय पर खड़ खरपतवार को आग लगाकर न ट कया जा सकता ह अ दर ि थत जड़ का ोटो ला म भी उ च ताप म क कारण न ट हो जाता ह िजसस भ म क अ दर पौध का ि थत भाग दबारा नय पौध को ज म नह द पाता बजर भ म खल क मदान चारागाह सड़क रलव लाईन नहर क कनार क खरपतवार न ट करन हत इस व ध का उपयोग कया जाता ह इस व ध वारा भ म क सतह पर उपि थत खरपतवार क वान प तक भाग व बीज जल कर न ट हो जात ह खड़ी फसल म इस व ध का उपयोग कमी नह करना चा हय तथा समीप क व को आग स बचाना चा हय

7 पानी भरना- इस व ध म गम क मौसम म खत क मड़बद कर पानी भर दया जाता ह तथा खरपतवार को पणतया डबोया जाता ह िजसस पौध को काश हवा न मलन स वसन तथा भोजन बनान क या बा धत हो जाती ह और पौध मर जात ह इस व ध का उपयोग छोट म कया जा सकता ह इसम यह सावधानी भी रखी जाती ह क खरपतवार क पौध पानी म पण प स बह त समय तक डब रह

8 मदा सौर करण- खत म एक ह फसल को लगातार लत रहन क कारण वशष खरपतवार क स या म लगातार व हाती रहती ह खरपतवार क रोकथाम हत रसाय नक का उपयोग बढ़ता जा रहा ह प रणाम व प आजकल गर रसायन क योग पर बल दया जा रहा ह ऐसी ह एक गर रसाय नक नय ण व ध ह भ म का सौर करण जो गम जलवाय श क व अधश क म यादा भावशाल हो सकती ह

गम क दन म जब तापमान 40-50 ड ी स ट ड तक पह च जाता ह पर त खरपतवार क बीज कठोर होन क कारण सर त रह जात ह अतः इस व ध स पतल पारदश लाि टक (पोल इथाईल न) क परत (50 माइ ोन) बछाकर 10-20 दन क लय भ म का तापमान 15-20 ड ी स ट ड बढ़ जाता ह तथा बढ ह य ताप म स खरपतवार न ट हो जात ह इस व ध का योग गम क दना म ( अ ल-जन ) म करना चा हय खत को जोतकर समतल करन क बाद सचाई करनी चा हय एक या दो दन बाद पारदश पा लइथाई लन परत (50 माइ ान) स हवा क दशा म ढक दना चा हय परत चढ़न क अव ध गम क च डता को दखत ह य 10-20 दन तक का ह रहती ह श य व धया- 1 खत क ी मकाल न जताई -

रबी फसल क कटाई प चात सव थम म ी पलटन वाल हल स ग मय म खत क गहर जताई कर खला छोड द ग मय म अ धक गम स मदा क तापमान म व होती ह िजसस कई खरपतवार जलकर न ट हो जात ह तथा उनक बीज क अकरण मता न ट हो जाती ह

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और खर फ म नह उगत ह साथ ह कछ खरपतवार जस दब घास मोथा आ द क जड़ व वान प तक भाग उखड कर न ट हो जात ह इसक साथ ह ग मय क गहर जताई स कई क ट उनक अ ड यपा तथा बीमा रया म भी कमी हो जाती ह अतः जहा तक सभव हो ग मय म खत क गहर जताई अव य करयह व ध कास व मोथा क नय ण हत अ धक भावी पाई गई ह

2 फसल का चयन- िजन खत म खरपतवार का कोप अ धक हो उन खत म तयोगी फसल जस सनई अरहर चर बरसीम वार बाजरा लो बया रजका लसन व जौ आ द उगान स खरपतवार फसल स तयो गता नह कर पात ह तयोगी फसल खरपतवार को काश वाय जल व पोषक त व का उपल ध होना असभव कर दती ह िजसक कारण कछ समय प चात खरपतवार क व क जाती ह वह फसल स त पधा नह कर पात ह उ त फसल म उग ह य एक वष य खरपतवार इनक कटाई क साथ कटकर न ट हो जात ह

3 व छ बीज श या- बोन क पव खत क अ छ तयार करना चा हय फर खत क अ छ तरह स जताई करक खत क दो-तीन दन क लय खला छोड़ दना चा हय ता क उसम उग खरपतवार न ट हो जात ह य द कषक क पास सचाई उपल ध हो फसल बोन स पहल सचाई कर खरपतवार को उग आन द फर खत क अ छ तरह स जताई कर खरपतवार न ट करक अ छ बीज श या तयार करना चा हय खर फ फसल करन क तर त बाद जताई कर खत को 2-3 दन तक खला छोड़ द उसक बाद पलवा दन क बाद अ छ तर आन पर अ छ तरह स जताई करनी चा हय ता क व छ खत क तयार हो सक

4 समय पर कषण याऐ- उपय त समय पर जताई करन स भी खरपतवार को नय त कया जा सकता ह जस फसल कटन क बाद तरत जताई करना चा हय जस फसल कटन क बाद गहर जताई कर दना चा हय और हर बार वषा होन क बाद खत क जताई करत रहना चा हय इस व ध स काफ हद तक खरपतवार क रोकथाम क जा सकती ह

5 बोनी क व ध- बोनी हमशा कतार म करना चा हय ता क दो कतार क बीच म नदाई गड़ाई व अ य कषण

याऐ करन म आसानी रह और खरपतवार का भावी ढग स नय ण कया जा सक उपय त व ध स बोनी करन पर पौध स या पया त रहती ह तथा पौध ार भ स ह ठ क स व करन लगत ह और उनम खरपतवार स त पधा करन क मता बढ़ती ह गह म आड़ी तरछ व ध (225 ग 225 समी) क करन पर खरपतवार का भाव कम होता ह

6 बोनी क त थ- फसल को ऐस समय बोया जाता ह क जब व खरपतवार क नकलन स पहल ह खत को ढक लती ह या खरपतवार को एक बार पहल उगन दत ह फर जताई कर न ट करन क बाद फसल बवाई थोड़ी दर करत ह अतः प रि थ त क अनसार उपय त समय पर बोनी क

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समय म हरफर खरपतवार स होन वाल नकसान स बचा जा सकता ह इस स खरपतवार त पधा नह कर पायग तथा फसल सरलता स बढ़कर बाद म उगन वाल खरपतवार को

हा नकारक प म नह होन दगी 7 उपय त बीज दर व दर -

बीज दर व दर का खरपतवार क व पर बह त असर पड़ता ह कतार क दर कम होन पर फसल उतनी ह छायादार रहगी िजसक कारण काश वाय भ म पर नह पह चगा और खरपतवार को जब काश नह मलगा तो वह व नह कर पायग इस कार य द बीज क मा ा बढ़ा द जाय तो पौध क आपस क दर कम हो जायगी इस कार खरपतवार क काश व वाय नह मल पायगी िजसस खरपतवार क व कम होगी जस म का म पौध

स या 60000 स 90000 ह टयर करन पर कतार क दर कम कर दत ह ऐसी प रि थ त म खरपतवार क व कम हो जाती ह गह क कतार क दर 150 समी तथा धान म 10 ग 10 समी दर करन स खरपतवार क व पर वपर त असर पड़ता ह गह म बीज क मा ा 125 क ा ह टयर करन पर खरपतवार क भाव को कम कया जा सकता ह

8 उपय त फसल च - उपय त फसल च अपनाना खरपतवार नय ण क आधारभत व ध ह फसल च म फसल को अदल बदल कर लन स खरपतवार क व व जनन पर वपर त भाव पडता ह फसल च म दलहन फसल जस म ग उड़द अरहर मटर आ द शा मल करन स खरपतवार पर भाव तो कम होगा साथ ह भ रण भी बचगा और मदा उवरकता बढगी एक ह फसल को बार बार खत म लन स उस फसल क खरपतवार का कोप बढ़ जाता ह उदाहरणाथ एक ह खत म बार-बार गह क फसल लन स बथआ व गह का मामा का कोप बढ़ जाता ह िजसक प रणाम व प कछ समय बाद इनक स या इतनी बढ़ जाती ह क उस खत म गह क फसल लना आ थक ि ट स लाभकार नह रहता ह अतः ऐस खत म वपर त वभाव वाल फसल उगान स वह खरपतवार कम होत ह उदाहरणाथ - िजस खत म फ लरस माइनर तथा जगल जई अ धक हो उस खत म बरसीन या सरस लगान स लाभ होता ह इसी कार राम तल व अलसी फसल को बराबर एक ह खत म लन स परजीवी अमरबल का कोप होता ह अतः फसल को अदल बदल कर बोन पर इसका नदान कया जा सकता ह

9 अतवत खती- अतः खती म ह य शोध प रणाम यह दशात ह क एकल फसल क तलना म अतवत खती म खरपतवार का कोप कम होता ह खर फ मौसम म खरपतवार का कोप अ धक होता ह और िजन फसल क दर 60 स 90 समी होती ह म य फसल पर खरपतवार हावी हो जात ह ऐसी ि थ त म शी बढ़कर खत को ढक लन वाल फसल जस म ग उड़द लो बया म गफल व सोयाबीन फसल को अ तवत फसल क प म बकार खरपतवार क रोकथाम क जा सकती ह

10 उपय त उवरक बधन-

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खरपतवार फसल म दय गय पोषक त व क लय त पधा करत ह य द उवरक उ चत समय व व ध स नह दय जात ह तो उवरक का अ धकतम ह सा खरपतवार हण कर लत ह और इस ि थ त म अ धक व कर फसल को हा न पह चात ह अतः उवरक छड़कवा प त क अप ा कड म बीज क नीच दना चा हय य द उपय त व ध स दया गया हो तो फसल क पौध ारि भक लाभ उठा सकत ह य क खाद क कारण पौध म वान प तक व अ धक होन लगती ह तथा बाद म उगन वाल खरपतवार दब जात ह

11 उपय त सचाई यव था- उपय त सचाई यव था खरपतवार क रोकथाम म सहायक हो सकती ह य द खरपतवार को पया त नमी मलती ह तो यह व कर फसल स अ धक तयो गता करत ह कई खरपतवार पानी भर खत म पनप नह पात ह जस धान क खत म पर मौसम म 5 समी पानी भर कर रख तो ऐसी प रि थ त म खरपतवार नह उगग सचाई व धया भी खरपतवार क सघनता को भा वत करती ह टपक सचाई व ध स बगीचा म सचाई करन पर थाला व ध क अप ा खरपतवार क रोकथाम यादा अ छ हो सकती ह य क टपक सचाई स पानी पौध क जड़ क पास दया जाता ह और बाक का खत सखा रहता ह इस तरह स खरपतवार बना नमी क पनप नह जात ह

12 भ म अ छादन- जहा खरपतवार क अ धक सम या हो उन शी बढ़न वाल अ छादन करन वाल फसल लना चा हय जस लो बया म ग व उड़द आ द शी बढ़न वाल व चड़ पŸाी स खत क उपर आवरण बना दती ह िजसस खरपतवार को वाय व काश पया त मा ा नह मलता ह और उनक व क जाती ह

13 आग वारा खरपतवार न ट करन का तर का - खत क चार ओर व खत म उग अ धक बह वश य खरपतवार को अक शत या बकारपडती भमी पर कटाई कर एक त कर उनम आग लगा दन स उनक सारण म कमी हो जायगी यह काय वषश सावधानीपवक कर

14 मि चग या पलवार- फसल क कतार क बीच खाल थान पर भसा धान का पआल लाि टक क चादर तथा उखाड़ गय कचरा स ढ़क दना चा हय इस कार खरपतवार को वाय व काश नह मलता ह िजसस वह मर जात ह श क खती वाल क लय सव Ÿाम व ध ह य क इस व ध स खरपतवार क व पर वपर त असर ह नह पड़ता वरन उपल ध नमी का सर ण होता ह यह व ध कतार म बोई गई फसल म आसानी स अपनाई जा सकती ह

श य याय एव नराई-गड़ाई - यह खरपतवार नय ण क सव तम व ध ह पर त समय एव यय अ धक होता ह

इसक व भ न पहल इस कार ह - shy अनकल मौसम प रि थ तय क होन पर सफा रषानसार खर फ फसल क शी कतार

म उ चत दर पर बवाई कर ता क फसल उ चत नमी म शी ता स उग आए एव खरपतवार नय ण म स वधा रह

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shy जहा तक सभव हो सक फसल को श क ाि तक त पधा अव थाओ म खरपतवार स म त रखा जाना चा हए

shy खरपी हो क ट वटर या अ य क ष य क वारा सफा रसानसार नराई-गड़ाई अव य कर इसस खरपतवार नय ण क साथ-साथ मदा म वाय सचार बढ़न स फसल क व एव उपज म बढ़ोतर होती ह साथ ह नमी सर ण भी होता ह

shy य द फसल क बवाई कतार म सफ रसानसार क गई हो तो कतार क म य 10-15 समी क फाल ( लड) वाल क ट वटर या क फाडोरा को बल टर वारा सीधा चलाकर भी खरपतवार क सघनता म कमी क जा सकती ह पर त इसम यह सावधानी रखनी चा हए फसल क पौध क जड़ न कट व उखड़न न पाए

ज वक व धया- इस व ध का उ य खरपतवार क पौध क स या को क ट पतग एव या धय वारा

इतना घटा दया जाता ह क उनका भाव म य फसल पर नग य हो जाता ह इस व ध का योग अभी ायो गक तौर पर ह हआ ह इस व ध का कषक पर उतारना बाक ह जब क

द नया क कई दश म इस व ध का चलन आम हो गया ह इस व ध म खरपतवार को व भ न क ट व घ घ मछ लय व रोगाणओ वारा न ट कया जाता ह -

1 ल टाना कमारा को ोसीडोसमा ल टाना तथा ए ोमाइना ल टानी नामक क ट स न ट कया जा सकता ह नागफल को फ टो ला ट त फ टोरम नामक क ट स न ट कया जा सकता ह

2 जल य खरपतवार इलो डया पी व जलक भी को मर सा को यराइ टस नामक घ घ खाकर न ट कर दती ह

3 चाइनीज ास काप व स वर काप नामक मछ लया कई जल य खरपतवार को खाकर न ट कर दती ह

4 कई रोगाण जनक का उपयोग कर खरपतवार को भावी ढग स न ट कया जा सकता ह कल गो (कल टो कम ि लओपोरर डस) नामक और डवाइन (फाइटो थोरा प मी लोरा) नाम माइकोहरवीसाइड यवसा यक प स बाजार म आ चक ह जो कई फसल क खरपतवार को भावी ढग स नय त करत ह

5 मन ट ( ाइचीहस पी) नामक जल य पश अनक खरपतवार को खाकर नय त कर दना ह हाइ लया नामक म खी हाइ ला को न ट करती ह

6 स क म वारा सोलनम इलि नफोलयम भी नय त कया जा सकता ह 7 जलकभी - (आइको नया सीपस) को दो वी वल नको टआना आइको नस तथा

नकोक टना बक वारा न ट कर नय त कया जा सकता ह इन व वलो क पोढ़ 5 हजारह क दर स जलकभी स सत जलाशय म छोड़त ह इसक अलावा जल य माइट स (ओ टवबि टस) जलक भी तना म 200000 सरग त पौधा बनाकर पर तरह स न ट कर दत ह

8 गाजरघास (पा थ नयम ह टोफोरस) को जाइगो ामा वाइ लोराटा क लारवा और ौढ़ पाथ नयम क पि तय को खात ह वषा क मौसम इस क ट क 5000 ोढ़ह क दर

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स छोड दय जात ह और उसक बाद यह बीटल लग ह य अपन आप फ कर गाजर घास क पि तय पण प स खाकर न ट करत ह

9 कास को घनी सनई लगाकर न ट कया जा सकता ह 10 ए ललोपथी- जब कसी पौध वारा परो प स वातावरण म वसिजत अथवा उ सिजत

अ य पौध को भा वत करता ह तो इस या को ए ललोपथी कहा जाता ह अनक पौध मदा अथवा अ य सवधन मा यम म जड़ो वारा अनक रसायन का उ सजन अथवा

ाव करत ह भ म म पौध क अवशष क सड़न गलन स भी अनक काब नक रसायन उ प न होत ह य पदाथ उसी पौध अ य व भ न कार क पौध स वधन को उनक जड़ क वकास को भा वत कर करत ह लगभग सभी पौध एल लोप थक यौ गक पाय जात ह जो म यतः पि तय तन व जड़ म पाय जात ह उदाहरण क तौर पर कषक भाई गह का भसा ख लहान पड़ा छोड़ दत ह जब वह वषा जल स सड़ जाता ह भस स पानी बह कर आस पाास भर जाता ह तब जहा-तहा पर भस का रस भरा रहता ह वहा एक भी खरपतवार नह उगता ह और य द उग भी आय तो वह व करन क ि थ त म नह होता ह

(2) रासाय नक खरपतवार नाशक वारा खरपतवार नय ण य द या क एव श य याओ वारा तकल मौसम प रि थ तय जस लगातार वषा

होन या समय पर मजदर क न मलन क कारण अ धक म हाथ स मक वारा खरपतवार नकालना सभव न हो तो ऐसी ि थ त म खरपतवार का रासाय नक नय ण काफ कारगर सा बत होता ह खरपतवारनाशक वारा खरपतवार क नय ण म लागत कम आती ह समय क बचत होती ह तथा अ धक म आसानी स नय ण सभव हो जाता ह खरपतवारनाशक खरपतवार को उगत ह शी न ट कर दत ह िजसस उनक पनः व नह होती ह फल व बीज नह बनत ह तथा उनका सारण नह हो पाता ह िजसस अगल वष फसल म खरपतवार का कोप काफ हद तक कम हो जाता ह खरपतवारनाशी रसायन को योग करत समय यान रखना चा हए क सफा रसानसार उपय त खरपतवारनाशी को उ चत मा ा म सह ढग एव उपय त समय पर योग कर अ यथा गलत तर क क योग स हा न एव फसल को नकसान हो सकता ह

व भ न फसल म खरपतवार नय ण हत अलग-अलग खरपतवारनाशक सफा रश कय गय ह िजनको म यतया तीन वग म वभ त कया जाता ह तथा िजनक मा ा व उपयोग ता लका-2 म दशायी गई ह (अ)बवाई पव य त खरपतवारनाशक (पीपीआई) इस कार क खरपतवारनाशक बवाई स पव या खत क अ तम तयार क समय छड़काव कर भमी म मला दया जात ह जो क खरपतवार क बीज को उगन स या उगत ह न ट कर राक दत ह या कछ उग भी जात ह तो शी न ट हो जात ह इनका योग यर पावर यर एव टर माउ टड यर स भी कया जा सकता ह यान रह क य यादातर उड़नशील क त क

होत ह अतः इ ह छड़काव क साथ ह या तर त प चात भमी म जताई वारा अ छ तरह मलाना अ त आव यक ह अ यथा इनका भाव कम हो जाता ह

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(ब) अकरण पव एव बवाई क तर त प चात य त खरपतवारनाशक (पीई) यह खरपतवारनाशी बवाई क तर त प चात (24-36 घ ट तक) एव अकरण स पव योग म लए जात ह च क खरपतवार फसल स पहल उग आत ह अतः यह उगत ह ए

या उग ह ए खरपतवार को न ट कर दत ह तथा अ य को उगन स रोकत ह इन खरपतवारनाशक क योग क समय य द भमी म थोड़ी नमी हो तो इनक याशीलता बढ़ जाती ह यह चय नत कार क होत ह अतः फसल को नकसान नह पह चात ह

(स) अकरण प चात खड़ी फसल म य त खरपतवारनाशक (पीओई) इस कार क खरपतवारनाशक फसल उगन क प चात या खड़ी फसल म छड़क जात ह यह च नदा कर क होत ह जो खरपतवार को व भ न रासाय नक याओ वारा न ट करत ह तथा फसल को नकसान नह पह चात ह कई बार लगातार बवाई क ाथ मकता होन स या लगातार बा रश होन या क ह अ य कारण स बवाई पव

(पीपीआई) या अकरण पव (पीई) खरपतवारनाशक का योग नह कया जा सक तो बवाई प चात (पीओई) खरपतवारनाशक खड़ी फसल म योग कर सकत ह च क यह खरपतवारनाशक खड़ी फसल म य त होत ह अतः इनक याग म कछ वशष सावधा नया रखनी चा हए जस व श ट खरपतवार क लए सफा रसानसार उ चत खरपतवारनाशक क सह मा ा व सह समय पर सह व ध वारा छड़काव कर अ यथा फसल पर तकल भाव पड़ सकता ह खड़ी फसल म य त कय जान वाल (अकरण प चात वाल) खरपतवारनाशक च नदा

कार क होत ह जो खरपतवार को भ न- भ न रासाय नक याओ वारा न ट करत ह तथा फसल को नकसान नह पह चात ह च क यह खरपतवानाशक सोयाबीन क खड़ी फसल म योग कय जात ह अतः इनक योग म कछ वशष सावधा नया रखनी चा हए जस व श ठ खरपतवार क लए व श ठ खरपतवानाशक क सह मा ा सह समय व सह व ध वारा छड़काव कर अ यथा फसल पर कभी-कभी तकल भाव भी पड़ सकता ह सरफ टट का योग अव य कर खर फ क मौसम म खरपतवार क नय ण हत खरपतवानाशक का छड़काव करत-करत या 2-3 घ ट बाद बा रस भी आ जाती ह और छड़काव कय गय खरपतवानाशक क काफ मा ा पŸिाय स छटक कर नीच गर जाती ह और आशातीत प रणाम नह मलत ह खर फ म इन सभी स बचन क लए दवाई चपकान व फलान वाला पदाथ ldquo सरफ टट 05 तशत या न कर ब 500 मल ल टर त ह टयर क हसाब स खरपतवार क साथ मलाकर करन स खरपतवारनाशक खरपतवार क स पण पŸिाय पर फलकर चपक जात ह िजसस य द 2-3 घ ट बाद बा रस आ भी जाती ह तो दवाई का नकसान काफ कम होता ह अतः सोयाबीन म खरपतवारनाशक क साथ ldquo सरफ टटrsquorsquo मलाकर छड़काव करन स खरपतवार का अ छा नय ण हो पाता ह यर क टक म पहल खरपतवानाशक मलाय तथा बाद म सरफ टट को डाल कर कर खरपतवारनाशक क मा ा ात करना -

कई बार कषक क सामन खरपतवारनाशक क सह य त मा ा ात करन म परशानी होती ह अतः वय कसान भी स वारा सह मा ा ात कर सकत ह इसक लय

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खरपतवारनाशक क ड ब पर उसक सा ता ( तशत) ईसी ड यपी जीएसपी ड यएसपी एल या एसएल क प म लखी रहती ह

कहरपतवार नाशक क मा ा= खरपतवार नाशक क य त कय जान वाल स य त व

(ୟୡ୲୧୴ ୧୬୧୬୲ ୟ୧ क ा)क मा ाखरपतवारक सा ता()X 100

त ह टर ( क ा या ल टर) उदाहरण- सोयाबीन म घास कल क खरपतवार क नय ण हत ि वजालोफोप (टरगा सपर 5 ईसी) नामक खरपतवारनाशक क 005 क ा स य त व त ह टर क दर स कतनी मा ा क ज रत पड़गी

=ହହx100=1 क ा या ल टर टरगा सपर त ह टर

ता लका-2 खर फ फसल म खरपतवार नय ण हत सफा रष क गई व ध एव खरपतवारनाषक तथा उनका ववरण फसल खरपतवार तकनीक

नाम रसाय नक कार

य त स य त व

य त मा ाह

योग कार

धान नसर (रोपणी)

वन थयोकाय तरल 50 ईसी

1 क ाह 2 क ाह रोपाई क 1-2 दन म

धान खड़ी फसल (रोपाई व ध)

वन थयोकाय तरल 50 ईसी

15 क ाह 3 क ाह रोपाई क 3-5 दन म

यटा लोर दानदार 5 जी

15 क ाह 25 क ाह रोपाई क 3-5 दन म

सइनमथल न +24 डी ईथाइल ई टरतरल

तरल 50 ईसी

3375 क ाह

रोपाई क 7-10 दन बाद

एनीलोफॉस+ईथो सी स फ यरानतरल

तरल (24 EC+241 SC)

0312+0012 क ाह

13 ल + 50 ाह

रोपाई क 7-10 दन बाद

खड़ी फसल सीधी बवाई

बना थय काबतरल तरल 50 ईसी

15 क ाह 3 ल टरह बवाई क 3-4 दन बाद

प डीमथाल नतरल 30 ईसी 1 क ाह 333 ल टरह

बवाई क 3-6 दन बाद

70

एनीलाफास +24डी ईथाइल टर

तरल 24 ईसी + तरल 32 ईसी

400 ामह +530 ामह

166 ल +1166 ल

रोपाई क 3-4 दन बाद

म का ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

वार ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

बाजरा ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

म गउड़द एला लोर तरल 50 ईसी

2 क ाह 4 ल टरह अकरण पव (पीई)

अरहर एला लोर तरल 50 ईसी

2 क ाह 4 ल टरह अकरण पव (पीई)

वार ल ल रा लन तरल 48 ईसी

750 ामह 16 ल टरह बवाई पव (पीपीई)

ता लका-3 रबी फसल म खरपतवार नय ण हत सफा रश खरपतवारनाषक तथा उनका योग फसल नराई

गड़ाई खरपतवार

गह 30-35 दन

24-D 500750 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद छडकाव कर चडी प ती क खरपतवारो हत Metsufuron methyl 20 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद 05 सरफ ट ट क साथ मलाकर छडकाव कर Isoproturon Metaxuron का 125 क ा ह बवाई क 30-35 दन बाद छडकाव कर Sulfosulfuron 25 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद 05 सरफ ट ट क साथ मलाकर छडकाव कर

चना 25-35 दन

Fluchloralin 05 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

सरस 20-25 दन

Fluchloralin 10 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

अलसी 20-25 Fluchloralin 075 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

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दन सरजमखी 30-45

दन Alachlor 15 क ाह अकरण पव (पीई) छडकाव कर

राजमा 30-35 दन

Pendimethalin 10 क ाह अकरण पव (पीई) छडकाव कर

ग ना 30-40 दन

Atrazine 125 क ाह अकरण पव (पीई) बवाई क 3-4 दन बाद छडकाव कर एव बाद म 24-D 10 क ाह का 60 दन पर छडकाव कर फसल अवशष क पलवार (trash mulching) कर

49 खरपतवारनाषक क योग सबधी सावधा नया- 1 रसायन छडकन वाल कटमा क का योग कर 2 लटफन लट जट नोजल लगाकर छडकाव कर 3 उ चत समय पर सह मा ा का योग कर 4 छड़काव हत नधा रत रसायन मा ा का पानी म घोल बनाकर कर 5 वाय क वपर त दषा म छड़काव न कर ता क रसायन षर र पर न गर 6 छड़काव क समय बीड़ी सगरट त बाक या अ य चीज न खाय व खाल पट न

कर 7 छड़काव पर खत म समान प स कर 8 छड़काव प चात को अ छ तरह साफ करक रख 9 रसायन क ड ब को तोड़कर भमी म गहरा गाढ़ दव 10 य द हो सक तो छड़काव रसायन क खर द रसीद अ य जानका रया जस नाम आ द

कागज या डायर म नोट कर लव 11 पण प स खाल पट न कर एव हो सक तो एक साथी ज र साथ ल जाव 12 रसायन को न सघ न चख और न ह पष कर अ यथा वचा पर वपर त असर पड़

सकता ह 13 नीदाना क को लकड़ी क सहायता स घोल और करन वाल क षर र पर कसी कार

का घाव आ द न हो 14 छड़काव पषचात शर र व कपड़ को साबन स अ छ तरह साफ कर 15 खरपतवार नाषक छड़कत समय या बाद म कसी कार का षर र पर तकल भाव हो

तो तर त पास क अ पताल म डा टर को दखाय एक कत खरपतवार ब धन क उदाहरण

कषण याए (Cultural practices) + या क तर क (Mechanical methods) कषण व श य याए (Cultural practices) + रासाय नक नय ण (Chemical

control)

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कषण व श य याए (Cultural practices) + ज वक तर क (Biological tools) श य याए + एक नराई गडाई ववाई पव खरपतवार नाशक + एक नराई गडाई अकरण पव खरपतवार नाशक + एक नराई गडाई खडी फसल म खरपतवार नाशक + एक गडाई आव यकतानसार

410 साराश कसी प र थती वशष म यक व ध का अपना खास मह व होता ह उपय त तर क का सह योग कया जाव ता क स मण आ थक हा न सतर स नीच बना रह इस ह एक कत खरपतवार ब धन कहत ह इसम व भ न कार क खरपतवार नय ण क व धय का सय त प स योग कया जाता ह यो क कोई भी एक ऐसी वधी स पण नह ह जो क खरपतवार को पण प स नय त करन म सछम हो अत स नयोिजत म म इस कार इ तमाल कया जाए क

पयावरण को नकसान नह पह च एव अ धकतम उपज ा त हो सक

411 बोध न 1 खरपतवार क प रभाषा एव इनक ारा फसल को नकसान कस पह चाया जाता ह 2 एक कत खरपतवार ब धन स या अ भ ाय ह 3 एक कत खरपतवार ब धन म कौन-कौनसी व धया योग म ल जा सकती ह

व तत ववचना क िजए

412 स दभ सा ह य 1 Crafts AS Modern Weed Control The University of California

Press USA 2 Hosmani MM Integrated Weed Management in Field Crops LB

Publishers and Distributers Banglore 3 Gupta OP 1998 Modern Weed Management Agrobios

Publishers Bikaner 4 Prakash Om Weed Control Rama Publishing House Meerut 5 5Mandal RC Weed Weedcides and Weed Control Principles

and Practices Agrobios Publishers Bikaner 6 Aldrich RJ and Kremer RJ Principles of Weed Management

Panima Publishing Corporation New Delhi 7 Subramanian S Ali MA and Kumar RJ All about Weed

Control Kalyani Publishiers New Delhi 8 Rao VS 1994 Principles of Weed Science Oxford amp IBH

Publishig Co Pvt Ltd

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इकाई 5 खरपतवर नाशक क छड़काव म इ तमाल उपकरण

इकाई क परखा 50 उ य 51 तावना 52 छड़काव य का चनाव 53 छड़काव य ( यर) क कार 54 यर क म य भाग 55 छडकाव हत नोजल क कार 56 छड़काव य क उपयोग म सावधा नया 57 साराश 58 बह चयना मक न 59 स दभ

50 उ य बढ़ती ह ई जनस या क ज रत को परा करन क लय व भ न खा या न फसल क

अ धक उपज दन वाल क म लगाना यक कसान क थम आव यकता हो गई ह पर त इसक साथ ह व भ न कार क खरपतवार वारा फसल को होन वाल नकसान म व ह ई ह एक अनमान क अनसार पर दश म खरपतवार वारा लगभग 15 तशत उपज न ट हो जाती ह इनस बचाव क लए का तकार को अनक खरपतवार नाशको का योग फसलो म करना पड़ता ह य क खरपतवार पौध क पोषक त व का उपयोग करत ह िजसक कारण खाद पानी तथा अ य त व फसल को पर मा ा म नह मल पात ह अतः दवाओ को अ धक भावशाल बनान क लए उ चत तर क तथा उ चत उपकरण का योग कया जाना आव यक ह

51 तावना खरपतवारनाशी आध नक क ष व ान क परम आव यकता ह खरपतवार ना शय स

खरपतवार नय ण करना मजदर वारा य वारा शार रक शि त स अ धक म यायी ह व एक कार क जहर ह इनक योग म वशष सावधानी रखनी चा हए िजस कार यह खरपतवारो व अ य जीव क लए घातक ह उसी कार मानव शर र पर भी इनका क भाव पड़ता ह इस कार य रसायन जो क ष क लए वरदान स हो रह ह असावधानी और अ ानतापवक योग करन पर ाणघातक भी स हो सकत ह खरपतवार नाशक क छड़काव म क तपय

सावधा नय क आव यकता होती ह उ चत कार का छड़काव य काम म लन स इनका योग अ धक भावी व सगमता स कया जा सकता ह िजसस खरपतवारनाशी रसायन क कम मा ा भी अ धक भावी होती ह छड़काव य क उ चत योग एव सावधानी क अभाव म मन य क

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वा य पर इसका तकल असर पड़ता ह अत फसल म खरपतवारनाशीय क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन रखरखाव तथा सावधा नया अ यत आव यक ह

52 छड़काव य का चनाव फसल म खरपतवारनाशी क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन करना अ यत

आव यक ह छड़काव य ( यर) उपयो गता तथा बनावट क आधार पर कई कार क होत ह छड़काव हत अनक कार क उपकरण बाजार म आ जान क कारण यह आव यक हो जाता ह क क ष उपकरण क चनाव उपयोग व रखरखाव क बार म कषक भाईय को सम चत ान ह फसल क ऊपर तरल प म खरपतवारनाशीय का छड़काव करन क लए अनक उपकरणो का योग कया जाता ह इस लख म कषक को यर स स बि धत मह वपण जानकार द जा

रह ह य द इन दवाओ का योग बड़ म करना ह तो प ोल इजन चा लत 05 स 10 आ वशि त का नपसक पावर यर उपय त रहगा छोट क लए फट यर बना इजन का नपसक यर उपय त होता ह

53 छड़काव य ( यर) क कार खरपतवारनाशी का योग म यत तरल अव था म कया जाता ह तथा इनका छड़काव

यर यानी छड़काव य स कया जाता ह खरपतवारनाशी को पानी म घोल कर यर क सहायता स छोट -छोट बद क घोल प म छड़काव कया जाता ह अलग-अलग फसल क लय भ न- भ न यर का उपयोग कया जाता ह छड़काव य ( यर) उपयो गता तथा बनावट क आधार पर कई कार क होत ह हमार दष म म यत नपसक यर फट यर मोटराइ ड नपसक यर टर च लत बम यर रौकर यर एव ह त चा लत क परशन यर अ धक च लत ह

1 नपसक यर यह एक ह त च लत खरपतवारनाशी छड़काव य ह इस यर का उपयोग कम ऊचाई

वाल फसल म कया जाता ह इस य क मख भाग न न ह - टक पप हडल कट ऑफ वा व पर लास नोजल व ब ट इसक टक क मता 15 स 18 ल टर क होती ह कट ऑफ वा व क सहायता स छड़काव काय को ब द व चाल कया जाता ह खरपतवारनाशी भरन क बाद टक का ढ कन हमशा बद रख इस य को एक यि त आसानी स पीठ पर रख कर छड़काव कर सकता ह इसम एक प प चलाकर वायदाब उ प न करत ह और नौजल स छोट -छोट बद क प म छड़काव का य नकलन लगता ह यि त एक हाथ स बम तथा दसर स प प का ल वर चलात ह ए आसानी स छड़काव कर सकता ह का तकार क पास अ धकाश यह यर होता ह इस यर का योग कसी भी फसल म कया जा सकता ह यह म यत छोट पड़ झा डय और खत म उगाई गई खा या न फसल क लए उपयोगी ह 2 फट यर- यह यर बरल (पाईप) क आकार का पीतल का बना होता ह इसम छड़काव

स पहल एक बतन म दवा का घोल बना लया जाता ह यह एक पडल च लत य ह िजस चलान क लय कम स कम दो यि तय क आव यकता होती ह यर को चलान क लय एक आदमी प प का पडल लगाता ह तथा दसरा यि त ल बी पाईप लास क सहायता

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स पोध पर दवा का छड़काव करता ह छड़काव क दौरान य को आव यकतानसार जगह-जगह उठाकर रखा भी जा सकता ह बम म ड डा लगाकर छड़काव क ऊचाई बढ़ा भी सकत ह

3 रौकर यर- इस य का नमाण फट यर क स ा त पर ह कया गया ह फट यर को पर स चलाया जाता ह जब क इस हाथ स चलाया जाता ह इसम फट पडल क थान पर ह ड ल वर होता ह इसक टक उ ट घड़ क आकार क होती ह यह फट यर क अप ा अ धक शर उ प न करता ह तथा चलान म आसान होता ह इसक क मत फट

यर स अ धक होती ह इसम 15 स 20 ल टर तक घोल आता ह इसका योग अ धक ऊचाई वाल व व सामा य फसल म कया जाता ह

4 मोटराइ ड नपसक यर- यह एक पीठ पर बाध कर चलन वाला यर ह जो क उस पर लग एक छोट स प ोल या करोसीन स चलन वाल इिजन क सहायता स चलता ह इस

यर स बह त ह बार क बद बनती ह तथा हवा क वग क कारण य बद खरपतवारो क सभी भागो तक पह च कर उ ह ख म कर दती ह इस यर का उपयोग अ धक घन खरपतवारो म सफलता पवक छड़काव करन क लय होता ह

5 टर च लत बम यर यह एक टर स चलन वाला यर ह िजसम एक म पर 18 स 20 नौजल लग होत ह यह टर क पीछ ी पॉइट लक क सहायता स लगा होता ह तथा इसको चलान क लय टर क पीटओ स मलन वाल घण शि त को काम म लत ह खरपतवार नाषक क टोरज क लय एक 200 स 250 ल टर मता वाल टक होती ह इस कार क यर का उपयोग म यत कम समय म अ यक फल म यर करन म कया जाता ह आ थक ि ट स यह यर बड खत म खरपतवारनाशी छड़काव क लय सह रहता ह

6 ह त च लत क रशन यर- इसक टक स ल डर क आकार म लोह या पीतल स बनी होती ह इसक ऊपर वाल भाग म प प शर गज तथा स ट वा व लगा होता ह प प क सहायता स हवा का दबाव उ प न कया जाता ह इसक मता 20 ल टर क होती ह इसका पाइप काफ ल बा होता ह एक यि त आसानी स छड़काव कर सकता ह

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54 यर क म य भाग यर का योग करन स पहल इसक म य भागो क जानकार होना आव यक ह

सामा यतः सभी का तकार क पास कोई न कोई छड़काव य ( यर) होता ह िजसम न न भाग होत ह-

1 टक - यर क टक का योग दवा का घोल रखन क लए कया जाता ह दवा का घोल सामा यतः कसी बतन म बनाकर यर क टक म छलनी वारा छानकर भरना चा हए ऐसा न करन स नौजल ब द हो जाता ह जो एक सामा य सम या ह

2 प पः- प प वारा यर म शर बनाया जाता ह 3 हौज पाईप- हौज पाईप बम को टक स जोड़ता ह 4 बम या लस- बम हौज पाईप को कट ऑफ वा फ स जोड़ता ह बम को हाथ स

पकड़कर छड़काव कया जाता ह 5 कट ऑफ वा व- छड़काव को रोकन या चाल करन क लए कट ऑफ वा व का योग

कया जाता ह इसस नौजल जड़ा रहता ह 6 छलनी- दवा का घोल छलनी वारा छानकर यर क टक म भरा जाता ह 7 नौजल- नौजल ह यर का म य भाग ह जो सामा यतः अ धक खराब होता ह य

(घोल) पी दवा को नौजल छोट -छोट बद म बदलता ह िजस आटोमाइज करना कहत ह नौजल कई कार क होत ह क त खरपतवारनाशी छड़काव हत लट फन नोजल या कट नोजल का योग छड़काव करन क लए करत ह लट फन नौजल छत पर लगन वाल पख क तरह अडाकार प म समान प स फसल क ऊपर करता ह नौजल एक नि चत कोण दशा म छड़काव करता ह कट नोजल का योग म यत बआई स पव व फसल उगन स पहल खरपतवारनाशीय क छड़काव करन म कया जाता ह

55 छडकाव हत नोजल क कार - 1 लट फन नोजल-खरपतवारनाशी क छडकाव हत 2 कट या लड फन नोजल -खरपतवारनाशी क छडकाव हत 3 होलो नक फन नोजल -क टनाशक दवाईय क छडकाव हत

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56 छड़काव य क उपयोग म सावधा नया ायः समाचार प व र डयो म पढ़न व सनन म आता ह क रासाय नक दवाव क

योग करत समय यि त क म य हो गई य द छड़काव करत समय तथा बाद म उ चत सावधा नया बरती जाए तो जान-माल क हा न नह होगी खरपतवारनाशी छड़काव य क उपयोग क दौरान सावधा नय को न न वग म बाटा जा सकता ह योग स पव सावधा नया खरपतवारनाशी क उपयोग स पहल उस पर लखी अ कत अव ध क जाच कर

अव धपार खरपतवारनाशी का उपयोग कभी भी न कर य क इनका असर कम हो जाता ह एव फसल क खरपतवार मरन क स भावना भी कम हो जाती ह

खरपतवारनाशी क ड ब पर लख नदश को यानपवक पढ़ व समझ कसान क जानकार क लए ड ब पर बन परललो ाम (ऊपर एव नीच बन ह ए भज) स जहर क ती ता पता चलता ह ऊपर क भज म जहर क ती ता को श द वारा य त कया जाता ह जब क नचल भज म चार न न तरह क रग भर होत ह लाल रग अ या धक पीला रग अ धक नीला रग म यम एव हरा रग कम जहर ला होन क सचना दता ह

हमशा नद शत मा ा का ह उपयोग कर अ धक मा ा म उपयोग करन स वह फसल को नकसान पह चा सकता ह

खरपतवारनाशीय को हमशा ब च पशओ क पह च स दर रख खरपतवारनाशी रसायन को खान-पीन क व तओ तथा मर ज क दवाईय स दर रख

कई बार दोन पास रख होन पर पता नह चलता तथा भलवश बड़ा नकसान हो सकता ह

योग क दौरान सावधा नया बीमार छोट ब च व अ धक बजग यि त स खरपतवारनाशी का छड़काव कदा प न

करवाए खरपतवारनाशी मलात समय शर र क कसी कट भाग म पश नह होना चा हय खरपतवारनाशी हमशा खल जगह पर ह मलना चा हय छड़काव हत नधा रत रसायन मा ा का पानी म घोल बनाकर कर घोल सदव साफ बतन म बनाए टक म उ चत दबाव बनान लए उस तीन चथाई भाग तक ह भर छडकाव पर खत म समान प स कर खरपतवारनाशी का छड़काव करत समय सर पर टोपी आख पर च म म ह पर मा क

हाथ म द तान ( लाि टक या रबर क) पर म बट फल आ तीन क शट व पट ऐ न पहनना चा हय

पर दवाई डालन क बाद भी खाल क टनर को कम स कम तीन बार पानी डालकर यर क टक म मलाना चा हए

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दवाई क खाल क टनर को घर वापस न लाय खाल ड ब को खत म सर त गहराई पर गाड़ दना चा हए

छड़काव क दौरान कसी कार का ध पान त बाक गटखा आ द का उपयोग न कर करत व त यान रख क दवाई क छ ट आस-पास क फसल या जीव ज तओ पर

ना जाए काय समा त होन क बाद साबन स अ छ स नान करन क बाद ह कसी पदाथ का

सवन कर तथा पहन गय कपड़ को साबन स धो कर सखा द छड़काव करत समय य द नौजल म कोई कचरा फस जाए तो उस मह स फक मारकर

कदा प साफ न कर कोई पन या बार क सई स ह साफ कर छड़काव करत समय कभी भी पसीन को शट क बाह या द तान स न प छ छड़काव क समय कसी कार क घबराहट बचनी उ ट च कर आना खजल चलन

आ द शकायत होन पर तर त च क सक स स पक कर उस हवादार और छाया म लटाकर उसक म ह पर बधा कपड़ा हटा द डॉ टर क आन पर उस खरपतवार दवाई का लबल व सा ह य परा दखाए

योग क बाद क सावधा नया यर क सफाई सर ा कट पहन कर ह कर यर को कसी पानी क नहर तालाब म साफ न कर सर ा कट क भी सफाई कर तथा यान रह क कोई अ य यि त उनक हाथ न

लगाए छड़काव क बाद िजस खत म छड़काव कया ह उसम बोड लगा दना चा हए क रसायन

का योग हआ ह एक थान स दसर थान पर ल जात ह ए सावधा नया एक थान स दसर थान पर ल जात समय खरपतवार नाशक दवाई का ड बा कस कर

ब द होना चा हए इन दवाईय को कभी भी खान क सामान क साथ लकर न चल टोर स खत म जात व त दवाई क ड ब क ध या पीठ पर लाद कर नह ल जाए खरपतवार नाशक दवाई एक थान स दसर थान पर थाना तरण क समय अगर

कपड़ या शर र पर गर जाए तो तर त उस पानी स साफ कर भ डारण करत समय सावधा नया थोक मा ा म दवाई नह खर द कवल उतनी ह दवाई ल िजतनी उस मौसम म उपयोग

हो सक कभी भी आव यकता स अ धक रसायन लकर नह रखना चा हए खरपतवार नाशक दवाईय को बीज खान क सामान पशओ क खान पशओ क

दवाईय व ब च क पह च स दर रख बना लबल क दवाईय का भ डारण न कर उ ह सर त न ट कर द इन दवाईय को खल हवादार कमर म रख पर त पानी आग व सय क रोशनी स

बचाकर रख

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बची ह ई दवाई अपन ह ड ब म वा पस डाल रसायन को इनक ड ब म रखना चा हए कभी भी टॉ नक आ द क शी शय म नह

रखना चा हए य क भल स कोई उस टॉ नक समझकर पी सकता ह मकान म वशषकर िजस कमर म काई सोता हो रसायन को कभी भी नह रखना

चा हए य क वषल ग ध वा य क लए हा नकारक ह अ य सावधा नया खरपतवार नाशक क ह ई फल व सि जया तोड़न स पहल जाच ल क या इ तजार

क अव ध पर हो गई ह फसल च का व खरपतवार नाशक दवाई क च का अनसरण कर अ छ फसल उगान क लए काफ मा ा म गोबर क खाद व रासाय नक खाद का योग

कर ता क फसल पर दवाई क भाव को कम कया जा सक य द हो सक तो छडकाव रसायन क खर द रसीद अ य जानका रया जस नाम आ द

कागज या डायर म नोट कर लव छड़काव करन वाल यि त क समय-समय पर डॉ टर जाच करवात रहना चा हए रसायन का छडकाव कभी भी बीमार या कमजोर आदमी ब च स दध पलाती ह ई व

गभवती म हलाओ स नह करवाना चा हए खरपतवारनाशी का चयन करत समय सावधा नया कसान को खरपतवारनाशी का चयन करन स पहल न न ल खत बात का यान करना चा हए खरपतवार का कार फसल क ज म खरपतवार ना शय क क मत मौसम का भाव खरपतवार नाशक दवाई खर दन स पहल अव य जान ल कः- कस खरपतवार को नय ण करना ह या यह दवाई म त खरपतवार स या क लए उपयोगी हो सकती ह या यह दवाई यादा खरपतवार को मार सकती ह इस दवाई का असर कब तक जमीन म रहगा इस दवाई का खरपतवार स या-नकसान का कतना र ता ह या आप दवाई व वसनीय लाइस सधार दकान स खर द रह ह या आपन समाि त त थ पढ़ ल ह या आप दवाई असल प कग म खर द रह ह कह दवाई का ड बा पराना जग लगा तो नह

रसायन वारा खरपतवार नय ण म ज र बात फसल व खरपतवार क कार क आधार पर ह खरपतवाना शय का चयन कर खरपतवारना शय का छड़काव करत समय स य त व क मा ा व खरपतवार नय ण

क ा तक अव था का यान रख

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खरपतवारनाशी रसायन क स तत मा ा को 400-500 ल टर पानी म त ह टर क दर स मलाकर लटफन नोजल स छड़काव कर

हमशा खरपतवारनाशी रसायन क लए स तत ए ट डोट का परचा स भाल कर रख उवरक नराई-गड़ाई क बाद दव खत म पया त नह रख खरपतवारनाशी रसायन क छड़काव म फसल च का यान रख खरपतवारनाशी व पौध सर ण रसायन क उपयोग म अलग-अलग यर का योग

कर कभी भी उवरक व अ य रसायन को खरपतवारना शय म नह मलाए खरपतवारनाशी क वारा खरपतवार का नय ण करत समय लाभः लागत अनपात क

गणना करक ह उपयोग कर य ो क दखभाल तथा रख-रखाव सामा यतः कसान वारा दखभाल तथा रख-रखाव म कमी होन क कारण व अ ानता वश यर ज द खराब हो जात ह ठ क करवान स धन व समय तथा फसल सभी का नकसान का तकार को उठाना पड़ता ह य द का तकार न न ब दओ का यान समय-समय पर कर तो आ थक हा न स बच सकत ह कसी भी य को उपयोग म लान स पव यह दख क उनक कल पज क सभी जोड़

ठ क स कस ह आपस म रगड़ कर चलन वाल सभी पज को नधा रत मा ा म तल या ीस दया जाना

चा हए य म लगन वाल प ब ट कमानी आ द क कसाव क हर रोज जाच करना चा हए

एव आव यक हो तो समायोजन कर ल य द समायोजन क सीमा समा त हो गई हो तो पज को बदलना चा हए

दवा का घोल सदव साफ पानी म बनाना चा हए टक म दवा का घोल डालत समय छलनी या मह न सती कपड़ का योग करना चा हए यर को योग म लान स पव प प हौज पाइप बम कट ऑफ वा व तथा नौजल

क टट-फट क जाच कर लनी चा हए तथा एक बार सादा पानी डालकर चलाकर दख लना चा हए

छड़काव करन स पव नौजल को साफ तथा ढ ला कर लना चा हए नोन ल ट व खरपतवार नाशक दवाईय क लए अलग स र प प इ तमाल कर 20 तशत अमो नया क घोल को टक म भरकर रातभर रख और सबह इस घोल को

धीर-धीर ह डल चलात ह ए नोजल स बाहर फक क ष य को उपयोग करन क बाद छायादार थान पर रखना चा हए छड़काव परा हो जान क प चात कभी भी यर म दवा का घोल नह छोड़ना चा हए यर को य द ल बी अव ध क लए भ डार म रखना ह तो जोड़ म थोड़ा सा ीस

अव य लगाना चा हए ी ट स बचाव (खरपतवारनाशी का हवा म बहना ) खरपतवारनाशी क बद जब

नधा रत ल य (फसल) स हवा क बहाव क साथ दर सट खत या फसल पर पड़ती ह तो

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खरपतवार नाशी का उपयोग करत समय सावधानी बरत यह फसल एव जानवर को भी ज मी करती ह र ी ट का दर बहना न न ल खत बात पर नभर करता ह अतः इनका अव य यान रख - व क बद का आकार िजतना छोटा होगा उतनी ह हवा क ग त क साथ बद का

बहाव दर तक होगा छोट नोजल का आकार और यादा दबाव यादा छोट बद पदा करता ह जो आस-पास

क फसल को यादा नकसान पह चाती ह तज हवा म करन स खरपतवारनाशी व क बद का बहाव तज हो जाता ह जो

दसर खत क फसल को नकसान पह चाती ह पर करत समय मौसम ब कल शा त होना चा हए सबह व शाम का समय करन

क लए अ त उ तम होता ह टक क ऊचाई अगर यादा होगी तो बहाव भी दर तक जायगा

57 साराश वतमान क ष म व भ न कार क खरपतवार वारा फसल को होन वाल नकसान म

व ह ई ह खरपतवार वारा लगभग 15 तशत उपज न ट हो जाती ह इनस बचाव क लए का तकार को अनक खरपतवार नाशको का योग फसलो म करना पड़ता ह इस लए खरपतवारनाशी आध नक क ष व ान क परम आव यकता हो गई ह व एक कार क जहर ह इनक योग म वशष सावधानी रखनी चा हए असावधानी और अ ानतापवक योग करन पर ाणघातक भी स हो सकत ह उ चत कार का छड़काव य काम म लन स इनका योग

अ धक भावी व सगमता स कया जा सकता ह िजसस खरपतवारनाशी रसायन क कम मा ा भी अ धक भावी होती ह अत फसल म खरपतवारनाशीय क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन रखरखाव तथा सावधा नया अ यत आव यक ह

58 बह चयना मक न 1 न न म स खरपतवारनाशी ह - (अ) मला थयान (ब) ए डोस फान (स) परा थआन (द) प डीमथाल न द 2 फसल म उग खरपतवारो क नय ण म छडकाव करत ह - (अ) फफदनाशी (ब) शाकनाशी (स) पीडकनाशी (द) उपरो त सभी ब 3 खरपतवारनाशी छडकाव हत यर ह - (अ) नपसक रयर (ब) फट यर (स) बम यर (द) उपरो त सभी द 4 खरपतवारनाशी रयर म नोजल लगाया जाता ह - (अ) लट फन नोजल (ब) कट नोजल (स) होलो कोन नोजल (द) अ एव ब दोनो द 5 खरपतवारनाशी क बदो का हवा म बहाव क साथ दर सट खत या फसल पर पड़ना

कहलाता ह - (अ) (ब) यर (स) ी ट द) उपरो त सभी स

82

59 स दभ 1 मीणा एस एस एव महता ऐ क 2011 क टनाशक रसायन क छड़काव य एव

उपयोग म सावधा नया राज थान खती ताप (10) 31-33 2 Gupta OP 2002 Modern Weeds Management Agrobios (India)

publishing company limited Jodhpur 3 चोपडा एन क चोपडा एन क एव अटवाल एस एस 2012 खरपतवार नाशी का

उपयोग करत समय बरत सावधा नया व व क ष सचार (12) 15-16 4 ग ता पकज 2011 यर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63

83

इकाई 6 फसल क म य क ट और उनका नय ण

इकाई क परखा 60 उ य 61 तावना 62 खर फ फसल म क ट नय ण

621 धान 622 वार 623 बाजरा 624 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल 625 सोयाबीन 626 तर या अरहर 627 म ग 628 उद या उड़द 629 लो बया या चावल 6210 अ डी अर डी या रड 6211 तल या अलसी या राम तल 6212 कपास 6213 जट 6214 पटआ या सनई 6215 चार क फसल म क ट - पतग क नय ण

63 रबी फसल म क ट नय ण 631 गह 632 जौ 633 चना 634 मटर 635 मसर 636 तो रया और सरस 638 अलसी 639 सरजमखी 6310 कसम 6311 बरसीम

84

6312 लसन या रजका 6313 त बाक

64 साराश 65 बोध न 66 सदभ साम ी

60 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो जाएग क - फसल क म य क ट क ट को नय त करन क व धया क टनाषक क मा ा

61 तावना आध नक खती म फसल क उ नत जा तया सचाई क उ चत यव था तथा खाद एव उवरक क सम चत ब ध क साथ - साथ फसल क क ट पतग स र ा करना आव यक ह क ट पतग फसल म औसत 5-10 तशत तक उ पादन को कम कर दत ह इन क ट पतग क रोकथाम समय पर अ त आव यक ह क ट नाशक क सह मा ा का ान होना आव यक ह

62 खर फ फसल म क ट नय ण

621 धान

ता लका -धान क मख हा नकार क ट एव उनक रोकथाम का स त वणन क ड़ा क ड़ का आ मण क टनाशक मा ा त

ह टयर त बरकाव

या छड़काव

सहनशील रोधक क म

1 भाव क जड़ स डी

क ड़ क गडार उबल ह ए चावल क समान होती ह मह न जड़ को खाकर नकसान पह चाती ह और पौध पील पड़ जात ह

(अ) पणापवार - एि न - 30 ईसी या गमा बीएच सी 20 ईसी या 10 तशत बरलन यलस

(ब) उपचार - एि न - 30

2-5 ल टर 2-5 ल टर 10 क ा 7-5 ल टर 2-5 ल टर 20 क ा

85

ईसी या गमा बीएच सी 30 ईसी या 10 तशत बरलन यलस

2 तना छदक

(i) धार दार (ii) गलाबी (iii) पीला (iv) सफद

क ड़ क गडार ह नकसान पह चाती ह फसल क ारि भक अव था म इनक कोप स पौध का म य तना सख जाता ह इस कमक ीमतज कहत ह तथा कन क अव था पर बा लया सखकर सफद (White head) दखाई दन लगती ह

5 तशत बरलन यलस

5 तशत डाइिजनान गर यलस या 5 तशत ल डन गर यलस या एि न इ डोस फान 35 ईसी या फॉ फ मडान 100 ईसी

20 क ा 20 क ा 7-50 ल टर 750-1000 मल 550-500 मल

रतना साकत 4 IR 36

3 खर ब क ट ढ

न फ और ौढ़ दोन को नकसान पह चात ह पि तया कनार पर कट ह ई मलती ह

10 तशत बीएचसी चण या मला थयन 50 ईसी

30 क ा 2-5 ल टर

4 दल य गडार

क ड़ और गडार साम हक प स पौध क पि तय को रात म खाकर हा न पह चाती ह

10 तशत बीएच चण या इ डोस फान 35 ईसी या

30 क ा 2-5 ल टर

5 ह सा इनका ौढ़ एक छोटा व काला भग ह क ड़ क गडार एव ौढ़ दोन क नकसान करत ह

फॉ फ मडान 50 ईसी या इ डोस फान 35 ईसी या कारबाराइल 50

30 क ा 1-5 ल टर

86

ड य पी 6 मधआ

(फटक) पौध क पि तय स न फ और ौढ़ दोन रस चस लत ह िजसस पौध क पि तया पील पड़ जाती ह

5 तशत थमट गर यलसया 5 तशत इ डोस फान 35 ईसी या

1-50 क ा 8-10 एव 12 क ा 8-10 एव 12 क ा

7 धान का गधी

ौढ़ एव न फ दोन द धया बा लय और पि तय स रस चस लती ह दाना नह पड़ता और सफद रग का खोखला दखाई दता ह

5 तशत बीएच चण या 10 शत ह टा लोर चण

1-5 ल टर 35 क ा 15-20 क ा

8 ज सड पि तय का रस चसत ह पौधा पीला पड़ जाता ह

एि न 30 ईसी

2-5 ल टर

622 वार

वार क फसल क क ट पतगो स अ य धक त होन क स भावना रहती ह अ छ उपज ा त करन क लए आर भ स ह इनक रोकथाम करना आव यक ह वार को नकसान पहचान

वाल क ड़ और उनक रोकथाम का ववरण नीच दया गया ह - 1 तना छदक - इसक गडार अथवा स डया छोट पौध क गोफ को काट दती ह िजसस गोफ

सख जाती ह इसका भाव बवाई क एक मह न बाद स आर भ होकर भ आन क समय तक होता ह पौध क बढ़वार क साथ ह य तन म सरग सी बना लती ह और अ दर ह अ दर तन क मलायम ह स को खाती ह तना बधक क नय ण क लए फसल क जमन क 10-15 दन तन क मलायम ह स को खाती ह तना बधक क नय ण क लए फसल क जमन क 10-15 दन बाद 15 ल टर थायोडान (ईसी) या 2 क ा स वन घलनशील चण को 800 ल टर पानी म मलाकर छड़काव करना चा हए इसक 20 दन बाद पौध क गोफ ल डन 1 तशत या थायोडान या स वन क दानदार क टनाशी दवाई डालनी चा हए

2 तना म खी - यह क ड़ा भी वार पौध अव था स ह हा न पह चाता ह इसक गडार उगत ह ए पौध क गोफ को काट डालती ह िजसस श क अव था म पौधा सख जान क बाद भी क ल नकलत ह पर उनस भ दर म आत ह और उनका आकार भी छोटा होता ह इसक रोकथाम क लए 10 तशत थमअ या फोरट क णकाए बवाई स पव या बवाई क समय कड म 15 क ा त ह टयर क हसाब स डालनी चा हय यह रसायन पौध क जड़ वारा अवशो षत होकर पौध म पह चता ह और ऐस पौध को खान क बाद गडार मर जाती

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ह तथा म खी क बचाव क लए बीज जमन क 4-5 दन बाद 1 ल टर म टा स टा स को 500-600 ल टर पानी म मलाकर एक ह टयर म छड़कना चा हए

3 मज - यह क ड़ा वार म भ ा नकलन क समय तक नकसान पह चाता ह इसक रोकथाम क लए 10-15 क ा त ह टयर क हसाब स काब रल 10 तशत का बरकाव करना भावकार स हआ ह

क ट पतग क रोकथाम क लए अकरण क एक माहबाद मला थयान को छोड़कर कसी भी आरगनो फॉ फट यौ गक का उपयोग नह करना चा हए फसल कटन क एक माह पहल कसी भी लोर नट हाइ ोकाबन जस बीएचसी लोरोडान ह टा लोर व एि न आ द का उपयोग नह करना चा हए

623 बाजरा

साधारणतया बाजर क फसल म क ट पतग स अ धक त नह पहचती अ छ पदावार ा त करन क लए क ट क रोकथाम करना आव यक ह न न ल खत क ट स बाजर क फसल को हा न पह च सकती ह - 1 द मक - िजस चोत म द मक लगन का भय हो उसम बवाई क समय 5 तशत एि न या

बीएचसी अथवा 5 तशत ह टा लोर 20-25 क ा त ह टयर क दर स बआई क समय कड म डालना चा हए

2 तन क म खी - इनक गडार अथवा स डया पौध क बढ़वार को ारि भक अव था म काट दती ह िजसस पौधा सख जाता ह इसक रोकथाम क लए बआई क समय 15 क ा त ह टयर क दर स फोरट ( थमट) चण डालना चा हए फोरट क थान पर 25 क ा 3 तशत यराडान दानदार को एक ह टयर खत म मलाओ 125 ल टर थायोडान को

800 ल टर म घोलकर त ह टयर भा वत फसल पर छड़कना चा हए 3 तना बधक - ार भ म आ मण पि तय पर व बाद म गडार तन को खाती ह इसक

रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान का 600-800 ल टर घोल त ह टयर क हसाब स पौध पर छड़काव लाभदायक होता ह 4 तशत स वन को 15 क ा त ह टयर क दर स पौध क गोफ म डालनाचा हए

4 मज - इसका आ मण फसल म बा लया आत समय होता ह इसक रोकथाम क लए काब रल 50 तशत का घलनशील चण 3 क ा क हसाब स 800 ल टर पानी म मलाकर बा लय पर छड़कना चा हए इसक अ त र त य द फसल पर पि तय को खान वाल क ट पर आ मण हो तो 10 तशतबीएचसी चण को 20 क ा त ह टयर क दर स बरकना चा हए अथवा 800 ल टर पानी म 3 क ा (50 तशत ड यपी) को त ह टयर छड़कना चा हए अथवा तशत मला थयान को 15 क ाह टयर बरकना चा हए

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624 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल

ठस फसल को वशषतया कोई क ट या बीमार नह लगती कभी-कभी कडआ या ग ई का कोप दखा गया ह तना म खी का कोप भी कभी-कभी हो जाता ह इसक लए 015 तशत थायोडाल क घोल का छड़काव करना चा हए कडआ क लए बआई क समय बीज को सरसान 25 ाम क ा बीज क दर स उपचा रत कर ग ई क लए 02 तशत डाइथन एम45 का छड़काव कर

625 सोयाबीन

1 ल फ माइनर - यह एक छोटा काल सर वाला क ट ह िजसका कटर पलर गडार हर रग का होता ह इसक रोकथाम क लए बीएचसी (5 तशत) क धल 20 स 25 क ा त ह टयर क दर स बरकना चा हए

2 तनाबोधक बी टल - यह बी टल तन म छद कर दती ह और पौध को लगभग न ट कर दती ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क ध ल 15 स 20 क ा त ह टयर क दर स डालना चा हए भार कोप होन पर मदा स थाइमट 10 तशत का दानदार चण 20 क ा या डाइ स टान 5 तशत दानदार चण 20 क ा त ह टयर मदा म मला दना चा हए

3 बहार क रो मल स डी - यह एक कार क गडार होती ह िजसक शर र पर पील रोए होत ह इनका आ मण फसल पर कई बार हो सकता ह ारि भक अव था म य समह म रहत ह और पि तय को खात ह इसक नय ण क लए खरपतवार को न ट करना आव यक ह य क ारि भक अव था म य खरपतवार पर पनपत ह खत क चार तरफ स अनाव यक

खरपतवार हटा दन चा हए छोट अव था म सबह क समय म जब पि तया कछ नम हो 10 तशत बीएचसी या 20 तशत फोलडान ध ल 25 क ा त ह टयर क दर स छड़कना चा हए और अगर क ट का कोप बढ़ गया ह तो थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) क 125 ल टर मा ा को 1000 ल टर परनी म घोलकर त ह टयर क दर स छड़कना चा हए एक बा ट घोल म एक च मच सफ भी घोल लना चा हए

4 सफद म खी - य मि खया वषण रोग फलाती ह इसक रोकथाम क लए 600 मल ल टर एकअीन 25 ईसी या मटा स टोन 25 ईसी को 500 स 600 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स छड़काव करना चा हए

5 ए फड - य फरवर म अि तम स ताह या माच क श म दखाई दत ह और वय क दोन व पि तय क रस को चसत ह य बह त छोट काल रग क होत ह इनक शर र पर पख भी होत ह इसक रोकथाम क लए एक टन का छड़काव करना चा हए जसा क ऊपर दया गया ह अगर कोप अ धक हो तो मला थयान 50 ईसी 500 मल ल टर को 800 स 900 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स छड़कना चा हए 05 ल टर मटा स टा स 25 ईसी को 500 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़का जा सकता ह

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6 सोयाबीन मगट - उगत ह ए बीज क बीजप को खात ह अतः अकरण नह हो पाता नम मदा म अ धक हा न पह चाता ह 5 तशत लोरडन या ए डordf स 25 क ा त ह टयर स बरकना चा हए

थायोडान 35 (इम सीकरण व) मटा स टा स 25 (इम सीकरण व ) क म रण (1 मल थायोडान 1 मल मटा स टा स और 1 ल टर पानी) का छड़काव जो पील मोजक रोग क रोकथाम क लए भी उतम ह का छड़काव सभी कार क ट पतग क रोकथाम क क लए उतम ह

626 तर या अरहर

1 तर या लम मौथ - इस क ट का कटर पलर हर रग का होता ह शर र पर बाल क ग छ पाए जात ह यह ठ ड मौसम म दखाई दत ह य गडार 10-15 ममी ल ब होत ह खड़ी फसल म 015 तशत इ डोस फान (थायोडान) 35 ईसी का 1000 ल घोल क त ह टयर छड़कना चा हए इसक रोकथाम क लए 10 तशत बीएचसी क धल 25

क ा त ह टयर क दर स डालनी चा हए इसक अलावा एि न क ध ल भी लाभकार रहती ह

2 फल बधक - यह फल क अ दर बढ़न वाल बीज को खाती ह और कटर पलर क ल बाई 20-25 ममी होती ह यह रग म कछ ह रयाल लए ह ए काल पील रग का होता ह इसक रोकथाम क लए उपरो त म ण क अ त र त 150 ल टर थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) का 800 ल टर पानी म घोल बनाकर त ह टयर छड़काच करना चा हए दसरा छड़काव आव यकतानसार 15 दन बाद कर

3 फल बधक म खी - इस म खी का लारवा म य प स हा नकारक होता ह और फ लय म बढ़त ह ए दान को खात ह इ डोस फान 35 ईसी 015 तशत क घोल को 800 ल टर त ह टयर क दर स 10-15 दन क अ तर स फल आन तक छड़कत रहना चा हए

4 बी टल - यह साधारणतया ढोरक नाम स जाना जाता ह और यह भ डार म दान को खा जाता ह इसक रोकथाम क लए मला थयान ध ल 25 तशत या डीडीट 10 तशत ध ल 175 ाम त क भ डार क गई अरहर म डालनी चा हए इसक अ त र त फो टो सीन क 3-5 गो लया त क अरहर क भ डा रत बीज म रखनी चा हए

इसक अ त र त इस फसल म प ती लपटन वाला क ट भी सत बर म आ मण कर सकता ह इसक लए 15 ल इ डोस फान 35 ईसी को 1000 ल पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर

627 म ग

इसम भी लगभग सभी क ट जो दसर फल दार फसल म लगत ह त पह चात ह जस बहार हसर कटर पलर समीलपर त बाक का कटर पलर और ए फड आ द इन सभी क ट पतग क

90

नय ण क लए 015 तशत थायोडीन का छड़काव करना लाभ द ह बीएचसी 10 तशत क 20 क ा त ह टयर क दर स बरकन पर भी क ट पतग स फसल को बचा सकत ह व तत अ ययन क लए अरहर व सोयाबीन क क ट पतग एव उनक रोकथाम का अ ययन क िजए

628 उद या उड़द

बह त स दलहल क ट इस फसल को त पह चात ह िजनम स म य म य नीच दए गए ह - 1 झीगर व भग ड बक - य अकरण क समय ह भ म स नकल ह ए अकर को खा जात ह

इ ह रोकन क लए खत म बआई स पव 25 क ा त ह टयर क दर स एि न या ह टा लोर ध ल 5 तशत को बरका जाता ह

इसक अ त र त बहार हयर कट पलर और त बाक का कटर पलर तथा ए फड भी इसक फसल को नकसान पह चात ह इसक आ मण को रोकन क लए थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) का 015 तशतका 800 ल टर घोल त ह टयर क दर स छड़कना सतोषजनक रहता ह

629 लो बया या चावल

1 फल बी टल - यह क ट ी मकाल न फसल क अकरण क प चात अपना भाव दखाता ह पि तय पर छद होकर पौधा सख जाता ह इसक रोकथाम क लए बआई स पव 10 तशत क णकाओ क प म 20 क ा थमट त ह टयर योग करना चा हए

2 कड - यह क ट भ डार-गह म लो बया क दान को हा न पह चात ह इसक रोकथाम क लए क टनाशक दवाओ का ध मण तथा भ डार गह क सफाई आव यक ह

इसक अ त र त लगभग व सभी क ट जस ए फड व गडार (हयर कटर पलर) आ द जो म ग और उद को त पह चात ह लो बया क लए भी हा नकारक ह इसक रोकथाम का वणन म ग और उद म कया गया ह

6210 अ डी अर डी या रड

1 बहार क रोएदार स डी या गडार - यह क ट लगभग सार भारतवष म फला हआ ह इसका कोप सोयाबीन तल अर डी लो बया शकरक द और मगफल आ द फसल पर होता ह

इसका व तारपवक वणन म गफल क अ याय म दया गया ह अर डी पर इसका कोप अगसत स नव बर तक होता ह इसक उपचार क लए 004 तशत परा थयान (720 मल ) या नवान (1200 मल ) 800 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर छड़काव करना चा हए अथवा 015 तशत इ डोस फान (35 ईसी) का 800 ल टर घोल त ह टयर छड़क

2 अर डी क समीलपर - इसक मौथ क पख का अगला कनारा गहर रग का होता ह इसक स डी पि तय क नचल सतह को खाती ह य अ धकतर जलाई स नव बर तक अ धक

याशील होती ह वषभर म इनक दो तीन पी ढया हो जाती ह इसक रोकथाम क लए

91

015 तशत थायोडान या परा थयोन या 03 डाईमाइ ोन 200 मल 900 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर का छड़काव अ धक भावशाल रहता ह

3 अर डी या बीज छदक - इसका मौथ चमकदार पील रग का होता ह कल काल ध ब इसक पख पर पाए जात ह इसक स डी 2 समी क लगभग गलाबी रग क होती ह

इसक सडी अ डी क क सल (फल ) म छद करक अ दर घस जाती ह और दान को खाती ह यह सत बर और फरवर म अ धक याशील होता ह इसक 4-5 पीढ़ एक वष म होती ह इसक रोकथाम क लए थायोडान का छड़काव 1500 मल क दर स 900 ल टर पानी म घोलकर एक ह टयर म करना चा हए इसक दो छड़काव 15 दन क अ दर स होन चा हए

6211 तल या अलसी या राम तल

1 तल ल फ रोलर - यह पतगा लाल भर रग का होता ह और इसक सडी ( गडार) हर रग क होती ह िजसक शर र पर काल ध ब पाए जात ह यह स डी प ती और फ लय को खाती ह इसक स डी सत बर स नव बर तक अ धक आ मण करती ह इसक रोकथाम क लए डाइमा ोन 300 मल को 900 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर या 04 तशत परा थआन का घोल छड़कना चा हए

2 ससमम गाल लाई - यह अ धकतर बहार और महारा म पाया जाता ह इसक मगअ अ ड स नकलकर फल क भाग को खात ह इसी क क सल म उनका वकास होता ह इसक रोकथाम क लए जो पौध इस क ट वारा भा वत ह उ ह उखाड़कर जला दना चा हए कछ परजीवी जस Mermis sp और Apanteles sp जो इनक लारवा को खा जात ह अतः इ ह पौध पर छोड़ा जा सकता ह

3 तल का हरा तला ज सडा - प त का रस चसत ह तथा रोजट रोग को भी फलात ह क ट क अ धक कोप होन पर पि तय सखकर गर जाती ह इसक रोकथाम क लए 005 तशत का इ डोस फान क घोल का छड़काव करना चा हए

4 बहार क रोएदार स डी या गडार या कमला - स डी पि तय को खाती ह 015 तशत इ डोस फान 35 ईसी क घोल का छड़काव करना चा हए

6212 कपास

1 कपास और गलाबी क ड़ा - कपास क साथ इसक स डी गोदाम तक पह चती ह और बनौल को खाती ह इसस रशा भी खराब होता ह क ड़ गलर म घसन पर सराख छोटा होता ह ध बा सा नजर आता हसराख म यह क ड़ा मला छोड़कर ब द कर दता ह वषा म इसम पानी चला जाता ह व गलर सड़ जाता ह आधी खल को डया भी ा त होती ह मटा स टा स 15 ल टरह टयर का योग 15-15 दन क अ तर पर कर या 1 ल टर रोगोर या डाइम ोन या 05 ल टर यवा ान 1000 ल टर पानी म घोलकर खल आकाश म छड़काव कर वषा होन स 5-6 घट पहल छड़काव होन स दवाई पौध वारा सोख ल जाती ह इसक रोकथाम क लए मई जन करना चा हए या 450 ा मथाइल ोमाइड का धमन

92

त हजार घन फट थान म करना थायोडान 5 तशत स वन 10 तशत या स व थयोन 5 तशत 20-25 क ाह टयर योग कर खत म पि तया खरपतवार व भ म पर पड़ गलर न ट कर द

2 भर स डी - फसल क उगत ह पि तय पर इसका आ मण होता ह 25-35 क ा बीएचसी का चण त ह टयर बरकना चा हए

3 कपास का चतीदार क ड़ा - यह क ड़ा गलर को अ दर स खोखला कर दता ह गलर टट-टट कर गरन लगत ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान या 015 तशत मला थयान (1000 ल टरह टयर) का घोल छड़कना लाभदायक ह 25-30 क ा बीएचसी का चण त ह टयर बरकना भी लाभदायक ह

4 कपास क प ती लपटन वाला क ड़ा - इस क ड़ क स डया ( गडार) पि तय को लपटकर खोल सा बना लती ह और अ दर स इ ह खाती ह इसक रोकथाम क लए 05 तशत बीएसी काया 015 तशत इ डोस फान (थायोडान) का 1000 ल टर घोल त ह छड़कना लाभदायक ह शरद ऋत म जताई करन स खत म पाई जान वाल स डया नि य होती ह फो ल थयान का योग भी इसक रोकथाम क लए करत ह

नो सल या मोनो ोटोफोस 40 - कपास क गलाबी क ड प त को चसन वाल क ट व प त को चबान वाल क ट पतग को न ट करत ह बनौल को बचान स 75 तशत तक क ट पतग का नय ण होता ह कपास क गलाबी क ड़ा कम हता ह बआई क पहल बीज को धमन ए य म नयम फा फाइड स करन पर खत तक क ट पतग क पह चन का ोत कम होता ह चनाई समा त करत ह खत क जताई कर व खत स फसल क अवशष न ट कर इस कार आग वाल फसल पर क ट पतग का कोप कम होता ह क य कपास अनसधान स थान सरसा ि थत ीय क क व ा नक न अम रकन स डी क रोकथाम क लए यि लयर पोल हडरो सस वायरस (एनपीपी) नामक ज वक क टनाशक वक सत करक उसका सफल पर ण भी कर दया ह इस मह वपण उपलि ध स ह रयाणा पजाब तथा राज थान म कपास क उ पादकता म भार व होन क स भावना ह

6213 जट -

जट क फसल को हा न पह चान वाल क ट म जट का कबड़ा रोएदार गडार जट का सडीदार घन और नील का गडार आ द ह जो फसल को भार हा न पह चात ह इसका वणन नीच दया गया ह - 1 जट का कबड़ा क ड़ा या जट का समीलपर - यह क ट जट उगान वाल सभी म पाया

जाता ह और जन म दखाई दता ह अग त तक दखन को मलता ह फसल तीन फट क लगभग होन पर यह क ट आ मण करता ह और कोमल पि तय को खा जाता ह इसक भाव स पौध क बगल म शाखाए नकल आती ह और पौधा झाड़ी क आकार का हो जाता

ह इसस रश क उपज घट जाती ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान

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(इ डोस फान) 35 ईसी का छड़काव बह त लाभदायक ह इसक अ त र त 01 तशत यवा ान 40 ईसी क घोल का छड़काव भी काफ भावशाल रहता ह

2 बहार क बालदार स डी - यह क ट सभी जट म पाया जाता ह और फसल को पकती अव था म त पह चाता ह रश और पि तय को यह खा जाता ह इसक रोकथाम िजन पि तय पर यह हो उ ह तोड़कर म ी क तल मल पानी म डबोन स क जा सकती ह इसक अ त र त 05 तशत पराथीआन या इ डोस फान 35 ईसी क घोल का छड़काव भी सतोषजनक प रणाम दता ह

3 जट कतन क घन - यह क ट सभी जट उ पादक दश म मलता ह इस क ट क ब पि तय को खात ह और काल ध ब बना दत ह इसक कारण इसक उपज कम हो जाती ह इसक रोकथाम क लए 004 तशत थायोडान क तीन छड़काव 20-20 दन क अ तर सकरन चा हए

4 जट का मल बग - इस क ट क न फ और ौढ़ पौध क शीष म बह त भयकर क ट ह इसक राकथाम क लए डाईजजीन का 004 तशत घोल थम ल ण दखत ह छड़क दना चा हए

6214 पटआ या सनई

1 सनई का मोथ - यह पि तय को खाता ह इसक ऊपर लाल काल और सफद नशान होत ह यह क सल म छद करक अ दर घस जाता ह मौथ क पख पर सफद लाल व काल च ह मलत ह पि तय और तन पर अपन अ ड दता ह इसक सडी फसल को त पह चाती ह इसस बचन क लए अ ड और स डय को चनकर बाहर डालकर न ट कर दना चा हए या 5 तशत बीएचसी धल 12-20 क ा त ह टयर क दर स बरकनी चा हए या 015 तशत इ डोस फान (35 ईसी) क घोल का छड़काव कर

2 तना छदक - यह क ट पौध क उपरो त भाग म छद करक पौधो को त पह चाता ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क धल लाभ द रहती ह या 004 तशत डायिजनान क घोल का छड़काव कर

3 लाल रोएदार स डी - यह लाल बाल वाल स डी पि तय को खाती ह यह स डी अक रत बीजाकर को भी खा जाती ह और भ म क अ दर ह इसक यपा अव था पर होती ह इसक मौथ क पख पर काल ध ब होत ह इसक अ ड भी भ म म ह पाए जात ह इसक रोकथाम क लए मौथ को रोशनी वारा आक षत करक पकड़कर न ट कर दना चा हए 10 तशत बीएचसी क धल 25-30 क ाह क दर स बरकना चा हए या 015 तशत

इ डोस फान क घोल का छड़काव कर

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6215 चार क फसल म क ट - पतग क नय ण

सभी कार क क ट पतग ( गडार स डीकमलाकटरपीलर)तना का कतरा तना म खी व चपा (माह-ए फड) आ द क लए 005 तशत मला थयान क घोल का छड़काव कर छड़काव क 15-20 दन बाद तक चारा पशओ को न खलाए 1 खड़ी फसल म अगर कोई क टनाशी दवाई छड़क गई हो तो दवाई छड़कन क 20-25 दन

बाद तक इस फसल को काटकर पशओ को नह खलाना चा हए ता क दवाई का कोई हा नकारक भाव पश पर न होन पाए

2 चार क फसल म क ट पतग क नय ण क लए लो रन टक हाइ ोकाबन क टनाशक रसायन जस डीट ट बीएचसी ह टा लोर ए ीन डाइए ीन व लोरडन आ द का योग नह करना चा हए य क य रसायन मदा स पौध तथा पशओ क ऊ तय म ि थर

होत ह तथा र त खला म इ होत ह उदाहरण क लए डीडीट व बीएचसी पशओ क वसा ऊ तय म एक त होत ह तथा यहा स र त व दध म धीर-धीर पह चत रहत ह और इस कार मास व दध क वारा मन य क शर र म वश करत ह इस कार हमार शर र म अ यव था पदा करत ह सर त व भावय त नय ण क लए अ ल खत उपाय करन चा हए

63 रबी फसल म क ट नय ण

631 गह

1 द मक - यह बड़ी हा नकारक ह और जमीन म सरग बनाकर रहती ह तथा पौध क जड़ को खाती ह इसक रोकथाम क लए एि न 5 तशत ध ल या ह टा लोर क 5 तशत ध ल या लोरोडन क 5 तशत ध ल 20 स 30 क ा त ह टयर क दर स बोन स पहल कड म डालनी चा हए

2 तना बधक - यह गह का म य हा नकारक क ट ह इसका मौथ पि तय पर अ ड दता ह अ ड स नकलन वाल कटर पलर न म घसकर उस काटन लगत ह इसक रोकथाम क लय 004 तशत फाल डोन का छड़काव (400 मल म 1000 ल पानी) करना चा हए एचडी 2189 ड यएच 283 एचयएम 234 गह क क म तना बधक क सहनशील ह

3 गह का ए फड - यह क ट जब पौध क बा लय म दान आत ह तो उसक रस को चसता ह और पि तय क रस को भी चसता ह इसम पौधा पीला तथा ह क हो जात ह इसक रोकथाम क लय 002 तशत फाल डोन का छड़काव करना चा हए इसम बीएचसी क ध ल भी लाभदायक रहती ह

4 ट डा - यह जमत ह ए बीजाकर को खाता ह और उसक बाद यह प ती को खान लगता ह यह पौध क सतह स ह खान लगता ह इसक रोकथाम क लय बीएचसी 5 तशत क ध ल 25 क ाह क दर स डालनी चा हए

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5 कटवोम या स नक क ट - इसम लारवा (स डी) भ म क सतह स पौध क तन को काटता ह यह कभी कभी बड़ा भी भयकर आ मण करता ह िजसस फसल को काफ नकसान पह च जाता ह इसक रोकथाम क लए एि न 5 तशत ध ल उपचार क लए 25 क ाह क दर स डालनी चा हए या सबह क समय 5 तशत ध ल ह टा लोर डालनी चा हए

632 जौ

1 द मक - यह फसल क जड़ को खाती ह और सरग बनाकर भ म म रहती ह इसका व तार स वणन गह क अ ययन म कया गया ह

2 कट वो स - इसका भी व तार स वणन गह क अ याय म दया ह 3 माह - पछल कई वष स जौ क बौनी क म पर माह का कोप होन लगा ह य क ट

कोमल पि तय क सतह स रस चसन क अलावा एक चप चपा पदाथ भी छोड़त ह िजस पर काल फफद फल जाती ह इसक नय ण क लए फसल पर एक ल टर मआ स टा स 25 ईसी को 1000 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर क दर स छड़काव करना चा हए

633 चना

1 कतरा - यह चन का बड़ा भयकर क ट ह यह रबी क सभी दाल वाल फसल को हा न पह चाता ह यह पौध क तन को भ म क पास स खाता ह और पौध पर चढ़कर पि तय को भी हा न पह चाता ह इसक रोकथाम क लए बआई स पव खत म 13 तशत चण क 30 क ा अथवा सवीडाल दानदार 25 क ाह क दर स म ी म मलाए

2 चन क फल बधक - इसक गडार या स डी या कमला या इ ल चन क फ लय म छद करक दान को खा जाती ह

रोकथाम क उपाय - 1 फसल क पास काश पच क मदद स ौढ़ क ट को एक करक न ट कर दना चा हए 2 अ धक कोप होन पर क टनाशी रसायन जस इ डोस फान 35 ईसी 125 ल

वोनालफास 25 ईसी 125 ल साइपरयो न 10 ईसी 700 मल मा ा को 600 स 800 ल टर पानी म घोल बनाकर एक ह टयर फसल पर जब 20 स 25 तशत पौध पर फल आन लग तो छड़काव करना चा हए पहल छड़काव क 15 दन बाद दसरा छड़काव भी कर

3 य द कसी कारण स छड़काव करना स भव न हो तो न न ल खत क टनाशक रसायन म स कसी एक को स तत मा ा म लकर समान प स उपयोग (बरकाव) करक रोकथाम क जा सकती ह -

1 काबा रल 10 श धल 20-25 क ाह 3 मला थयान 5 श धल 20-25 क ाह 4 फ थोएट 2 श धल 20-25 क ाह 5 मथाइल परा थयान 2 श धल 20-25 क ाह

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6 इ डोस फान 4 श धल 20-25 क ाह 7 वीनालफास 15 श धल 20-25 क ाह

उपरो त प स उपचा रत फसल पर दसर हा नकारक क ट जस अ क डल या माह का कोप भी नह होगा

634 मटर

मटर को नकसान पहचान वाल क ड़ म तना छदक राएदार गडार तथा त बाक वाला गडार म य ह इसक अलावा फसल को ल फ माइनर तथा ए फड (माह) भी काफ नकसान पह चात ह तना छदक स रोकथाम करन क लए बोन क समय 30 क ा यराडान या 10 क ा थीमट य स का योग कर इ ह बीज बोन सपहल म ी म मला दना चा हए प ती खान वाल गडार स रोकथाम करन क लए 125 ल टर थायोडोन (35 ईसी) का 1000 ल पानी म घोल बनाकर एक ह टयर म छड़क द फल छदक क ड़ क रोकथाम - फसल पर 025 तशत वाल काब रल या 005 तशत वाल इ डोस फान का छड़काव करक क जा सकती ह यह यान रखना आव यक ह क ब क लए फ लया उपचार क कम स कम 10 दन बाद ह तोड़ी जाए ए फड और ल फ माइनर स फसल को बचान क लए 005 तशत वाल ल डन या 005 तशत वाल इ डोस फान का छड़काव कर य द क ड़ का कोप दोबारा दखाई पड़ तो यह छड़काव दोहराया जा सकता ह 2 तशत फोरट म बीज का उपचार करन पर बवाई क 40 दन बाद तक फसल ल फ माइनर क

आ मण स बच जाती ह

635 मसर

मसर क फसल म लगभग सभी क ट जो क रबी दलहन क फसल पर पाए जात ह लगत ह इनम स म य प स कटवोम ए फड और मटर क फल बधक इस हा न पह चात ह इसक रोकथाम चन व मटर क क ट क रोकथाम क तरह ह करत ह 1 माह क ट क पहचान - यह क ट समह म पि तय तथा पौध क कोमल भाग म रस चसकर

त पह चाता ह उपचार - इसक रोकथाम हत न न ल खत रसायन म स कसी एक रसायन को 600-800 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर 1 मथाइल-ओ- डमटान 25 ईसी 10 ल टर 2 डाइ मथोएट 30 ईसी 10 ल टर 3 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर 4 लोरपायर फास 20 ईसी 750 मल ल टर 5 यनालफास 25 ईसी 10 ल टर 6 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 7 डायिजनान 20 ईसी 125 ल टर

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8 फ न ो थयान 50 ईसी 10 मल ल टर 9 मोनो ोटोफास 36 एसएल 750 मल ल टर 10 काबराइल 10 तशत चण 2500 क ा 11 काबराइल 50 तशत घलनशील चण 15 क ा 12 फारम थयान 25 ईसी 100 ल टर 2 फल छदक क पहचान - फ लय म छद करक दान को न ट करता ह उपचार - मटर क फल छदक क भा त उपचार कर पि तया खान वाल गडार तथा फल खान वाल क ट को न ट करन क लए थायोडान (35 ईसी) का 015 तशत का तशत 1000 ल टर घोल त ह टयर छड़क दना चा हए

636 तो रया और सरस

1 म टड या लाई (आरा म खी) छोअ पौध क ऊपर काल गडार का आ मण काफ होता ह य क ड़ पौध क पि तय को खाकर पर पौध को न ट कर दत ह जस जस पौध बड़ होत ह इस क ट का भाव कम हो जाता ह

आरा म खी क ट क पहचान - इसक गडार सरस कल क सभी फसल को हा न पह चाती ह गडार काल रग क होती ह जो पि तय को बह त तजी स कनार म अथवा व भ न आकार क छद बनाती ह ई खाती ह िजसस पि तया ब कल छलनी हो जाती ह रोकथाम - न न ल खत कसी क टनाशक रसायन का त ह टयर क दर स योग कर - 1 मला थयान 5 तशत चण 20-25 क ा 2 डाइ लोरवास डीडीवीपी 76 एसएल 05 ल टर 3 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर 4 मला थयान 50 ईसी 15 ल टर 5 इ डोस फान 4 तशत धल 20 क ा 6 यनालफास 15 तशत धल 20 क ा 7 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 8 मथाइल परा थयान 20 तशत धल 20 क ा 2 ए फड या माह - माह क ड़ का कोप लगभग दस बर क म य स श होता ह और बादल

घर रहन पर इसका कोप बड़ी ती ता स बढ़ता ह ायः इसका आ मण फल स श होता ह यह क ड़ तथा फ लय का रस चसत ह िजसस फ लय म दाना नह बन पाता ह

माह या क ट क पहचान - यह छोटा कोमल शर र वाला हर मटमल भर रग का क ट ह िजसक झ ड पि तय फल डठल फ लय आ द पर चपक रहत ह एव रस चसकर पौध को कमजोर कर दत ह रोकथाम - न न ल खत क टनाशक रसायन क स तत मा ा त ह टयर क दर स योग कर- 1 मथाइल-ओ- डमटान 25 ईसी 10 ल टर या 2 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर

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3 डायिजनान 20 ईसी 125 ल टर 4 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 5 फ न ो थयान 50 ईसी 10 ल टर 6 लोरपायर फास 20 ईसी 075 ल टर या 7 मोनो ोटोफास 36 एसएल 075 ल टर या 8 मथाइल परा थयान 2 तशत धल 20 क ा त ह 3 बहार क रो मल स डी - यह फसल क ारि भक अव था म आ मण करती ह बलदार ( गडार) क ट क पहचान - इस भडल क शर र का रग पीला अथवा नारगी होता ह पर त सर व पीछ का भाग काला होता ह तथा शर र पर घन काल बाल होत ह रोकथाम - रोकथाम हत न न उपचार कर -

1 थम अव था म गडार झ ड म पाई जाती ह उस समय उन पि तय को तोड़कर एक बा ट म ी क तलय त पानी म डाल दया जाए िजसस गडार न ट हो जाए

2 थम व वतीय अव था म गडार क रोकथाम हत मथाइल परा थयान 2 तशत धल 20 क ा या इ डोस फान 4 तशत धल 20 क ा या यनालफास 15 तशत धल या 20 क ा त ह क दर स बरकाव छड़काव कया जाए

3 पण वक सत गडार क रोकथाम हत न न ल खत म स कसी एक क टनाशक रसायन का त ह टयर 100 मल 0 ट पोल या 100 ाम डटरज ट पाउडर 600 ल टर पानी म मलाकर बरकाव छड़काव कया जाए

अ डाइ लोरवास डीडीवीपी 76 एसएल 625 मल ब लोरपायर फास 20 ईसी 125 ल टर स15 ल टर स इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर स15 ल टर द यनालफास 25 ईसी 125 ल टर नोट - सरस जा त क सभी फसल पर फल अव था म ऐस समय अथात सायकाल छड़काव कर जब क परागणकता क ट एव मधमि खय को हा न न पह च च त बग (पणअडबग) क ट क पहचान - यह नारगी रग का ध बदार क ट ह िजसक शश तथा वय क पि तय मलायम टह नय तथ क लय स रस चसत ह िजसक फल व प पौध क व क जाती ह क ट का झ ड कटाई क बाद मड़ाई क लए रख गए ढर म भी होता ह जो दान पर

आ मण करता ह रोकथाम - इस क ट क उपचार क लए माह क उपचार म व णत कसी एक क टनाशी का योग म लाना चा हए नोट - तलहनी फसल म बीएचसी का योग क ट नय ण म नही करना चा हय य क यह तल सरचना म पह च जाती ह

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638 अलसी

1 ल फ मा या लसन कटरपीलर या अलसी समीलपर - इस क ट क स डी पि तय को खा जाती ह यह आ दश बहार पजाब उ तर दश म पाया जाता ह यह सद क ऋत म लगता ह दन क धप म यह छप जाता ह ओर सबह शाम पि तय को खाता रहता ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क धल 20 क ा त ह टयर क दर स छड़कना चा हए अथवा 015 तशत का इ डोस फान (35 ईसी) ल पानी म घोल बनाकर छड़क दना चा हए

2 अलसी म खी या गाल मज - यह म खी चमक ल नारगी रग क होती ह तथा फल और क लय को न ट कर दती ह म य दश पजाब उ तर दश और बहार म अ धक पाई जाती ह सत बर और फरवर म अ धक याशील हो जाती ह इसक रोकथाम क लए रोगोर (30 ईसी) या मटा स टा स 35 ईसी या डाइम ोन 100 ईसी का छड़काव 250 मल दवा 1000 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स करना चा हए

639 सरजमखी

सरजमखी पर हा नकारक क ड़ का अ धक कोप नह होता फर भी अकरण का अव था म अकर को कछ क ड़ काटत ह िजसस नकसान हो सकता ह फल खलन क अव था म सरावधक हा न पह चा सकत ह इसक अ त र त ज सड क आ मण स भी हर समय फसल क र ा क जानी चा हए बोआई स पहल खत म 15 कलो त ह टयर क दर स ह टा लोर (5 तशत धल) मलाकर इनक रोकथाम क जा सकती ह 0025 तशत मटा ससआ स या

डाइम न (25 ईसी) एक मल दवा को एक ल टर पानी म घोलकर छड़काव कर

6310 कसम

ए फड या माह - यह क ट पि तय का रस चसकर फसल को हा न पह चाता ह नम मौसम म इसका भाव अ धक बढ़ता ह कभी-कभी इस क ट स 13-49 तशत तक उपज म कमी आती ह इसक रोकथाम क लए मटा स टो स 015 तशत का घोल 2-3 बार 6-10 दन क अ तर म छड़कना चा हए इस दवाई क थान पर रोगोर 500 मल या डाइम ान 200 मल 100 ई सी को 1000 ल पानी म घोलकर एक ह टयर म छड़कना चा हए इसक अ त र त प ती क स डी कसम क म खी व चन क स डी कसम क स डी नामक क ट भी कसम क फसल को हा न पह चात ह इन सभी कार क क ट व स डय क रोकथाम क लए परा थयोन या थायोडान का 004 तशत का घोल छड़कना लाभ द रहता ह

6311 बरसीम

समीलपर बरसीम को हा न पह चान वाला मख क ट ह इसका आ मण फरवर-माच म होता ह अ य क ट म चन क सडी स ए फड व ासहोपर भी फसल को हा न पह चात ह क ट का

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कोप होन पर पर खत क कटाई एक साथ करक 5 तशत मला थयान क ध ल का बरकाव कर बरकाव क 10-15 दन बाद तक खत स चार क कटाई न कर अ यथा पशओ को हा न हो सकती ह इन सब क ट पतग क रोकथाम का व तत अ ययन आग लसन अथवा रजका क अ याय स क िजए

6312 लसन या रजका

1 ए फा ए फा ए फड या माह - क ट क वय क छोट होत ह शी ह भर व पील रग म बदलत ह न फ व वय क पौध को रस चसत ह पि तय पर लोरो सस व नस पील पड़ जाती ह बीजाकर न ट हो जात ह पौध क व क जाती ह ोट न व करोट तशत 50 तशत कम हो जाती ह क ट पि तया पर शहद क तरह चप चपा पदाथ छोड़त ह िजसक कारण पि तय पर फफद व मो ड लग जातह बरसीम क फसल का भी यह म य क ट ह इसक नय ण क लए 001 तशत म आ स टा स या 005 तशत मला थयान या डायिजनान क 800 ल टर घोल का छड़काव त ह टयर करना चा हए

2 पि तय का कतरा - क ट हर पील या भर रग क होत ह अ धकतर पि तय क नचल सतह पर ठहरत ह तथा इसका रस चसत रहत ह पि तय का रग सफद पीला लाल या भरा दखाई पड़न लगता ह भार आ मण पर पौध झलस नजर आत ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान का घोल छड़कना चा हए

3 ए फा ए फा व वल - वय क क ट का रग गहरा भरा या काला होता ह शर र पर छोट छोट भर बाल होत ह लारवा (स डी) का रग हरा होता ह पर नह होत तथा शर र क नचल भाग पर अ छ वक सत डो लया होती ह जो इसक चलन फरन म सहायता करती ह पि तय को छद करक खात ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत इ डोस फान (थायोडान 35 ईसी) क घोल क 800 ल टर मा ा त ह टयर छड़कनी चा हए

4 लसन गडार या स डी - बरसीम म भी यह स डी लगती ह वय क क अगल पख भर व पील एव लाल ध ब लएहोत ह पछल पख सफद एव गहर धा रया लए होत ह गडार 2-5 समी तक ल ब होत ह गडार का रग हरा तथा धार दार होता ह वय क पि तय क नचल सतह पर अ ड दती ह लारवा या सडी बह त तजी स प ती खाती ह और शी ह पि तय का रग कागज क तरह सफद हो जाता ह अ त म पि तय क म य शरा ह शष रह जाती ह बरसीम व चक दर पर भी इस क ट का आ मण होता ह थायोडान 01 तशत या स वन 02 तशत का घोल छड़कना चा हए छड़काव क 20 दन बाद ह

पशओ को चारा खलाइए 5 समी लपर - वय क क अगल पख पर सनहर Y क आकार का च न होता ह वय क

लपर या गडार ह क रग म बदलत हव बाद म भर हर रग क हो जात ह सर का भाग पीछ क तलना म नक ला होता ह गडार प ती का एक भाग खाती ह अग त स आ मण ार भ होकर सत बर व अ टबर म भार आ मण होता ह इसक रोकथाम क लए 05 तशत इ डोस फान क घोल का छड़काव कर बीस दन तक चारा योग न कर

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6 बहार रोएदार गडार - क ट का रग भरा नारगी होता ह तथा पख पर काल ध ब पाए जात ह गडार रोएदार व उदर अथवा नीच स काल रग क होत ह ऊपर क अथवा पीठ क तरफ नारगी पील रग क होती ह गडार हर पि तय को खात ह एक प ती समा त होन पर दसर पर पह च जात ह यह अनक वन प तय पर नवाह कर सकता ह जस बरसीम वार लो बया व सोयाबीन आ द इसक रोकथाम क लए 015 तशत का इ डोस फान

(35 ईसी थायोडान) क800 ल टर घोल का छड़काव त ह टयर करना चा हए 7 चन का कतरा - वय क धस रत सफद रग क होत ह अगल पख पर प या दो काल

धार दार कतार म जो पख क आधार पर होती ह ार भ होती ह लारवा रात म आ मण करत ह व दन म मदा सतह म छप जात ह बीजाकर को भार हा न पह चात ह इसक रोकथाम क लए 02 तशत या 05 तशत इ डोस फान का 800 - 1000 ल टर घोल त ह टयर छड़कना चा हए 20 दन तक इस खत म पशओ को हरा चारा न खलाए

6313 त बाक

1 त बाक क स डी या गडार - यह स डी त बाक क हर और मलायम पि तय को खाती ह और कभी-कभी तन को भी खाती ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान 35 ईसी क घोल को छड़कना चा हए एि न (5 तशत) क 25 क ाह मा ा क दर स बरकना भी लाभदायक ह

2 तना बधक - यह तन क अ दर घसकर तन को खाता ह और इस तरह पौध न ट हो जात ह इस रोकन क लए त बाक क गडार वाल दवाइय का योग क िजए

3 ए फड या माह - यह पि तय तथा तन क रस को चसत ह और पौध पील पड़ जात ह और फसल काफ कमजोर हो जाती ह इसक रोकथाम क लए परा थयान या डाइम ान का 02 तशत का छड़काव लाभदायक हआ ह

4 कटआ या कटवम - इसक स डी भ म क तर स तन को काटती ह और पि तय को खा जाती ह िजसस फसल को बह त त पह चती ह रोकथाम क लए 5 तशत ह टा लोर 25 क ाह क दर स डालनी चा हए खड़ी फसल म इस रोकन क लए 015 तशत इ डोस फान 35 ईसी क 800 ल टर घोल का छड़काव त ह कर

5 द मक - द मक स भी कभी कभी फसल को बह त त पह चती ह इसक रोकथाम क लए भ म का उपचार क टनाशक दवाओ स करना चा हए ह टा लोर या एि न 265 क ा त ह क दर स डालना लाभदायक ह

64 साराश फसलो म समय पर क ट नय ण करना अ त आव यक ह फसल म पाऐ जान वाल म य क ट तना छदक ल फ माइनर द मक ऐ फड ज सड़ लपर स मलपर कतरा तना बोधक आ द होत ह क ट क नय ण क लए व भ न क टनाशक का योग कया जाता ह क टनाशक क सह मा ा एवम इनक योग करन क व ध का सह ान होना अ त आव यक ह अ यथा इसका वप रत भाव फसल पर पड़ सकता ह

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65 बोध न 1 धान म लगन वाल म य क ट एवम उनको नय ण करन क क टना क तथा उनक

सह मा ा बताइए 2 गह क भडा रत क ट एवम उनका नय ण बताइए 3 न न म स कौनसा क ट धान क फसल म पाऐ जात ह

(अ) धान क जड़ स डी (ब) तना छदक (स) ज सड (द) उपरो त सभी

66 सदभ साम ी 1 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 Singh Chaddha 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi 5 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 6 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 7 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

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इकाई 7 बागवानी फसल क म य क ट और उसका नय ण

इकाई क परखा 70 उ य 71 तावना 72 क ड़ क रोकथाम 73 क टनाशक का योग करत समय सावधा नया 74 बागवानी फसल क म य क ट ल ण और उनका नय ण 75 साराश 76 बोध न 77 सदभ साम ी

70 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप जान पाऐग क - क ट नय ण क म य क ट ल ण तथा उनका नय ण क टनाशक का योग करत समय सावधा नया

71 तावना फलदार पौध पर अनक कार क क ड़ का कोप होता ह य प त तन छाल फल व

फल आ द हर भाग को हा न पह चा सकत ह य द छोट पौध पर कोप हो तो पोध मर भी सकत ह बड़ पौध पर क ट आ मण स उनक बढ़वार तथा उ पादन म कमी आती ह क ड़ फलव को न न ल खत दो कार स हा न पह चात ह 1 काटकर ओर चबाकर 2 पौध का रस चसकर

काटकर तथा चबाकर खान वाल क ड़ वारा कया गया नकसान आसानी स पहचाना जा सकता ह तथा इ ह आसानी स नय त कया जा सकता ह पर त रस चसन वाल क ड़ क आ मण क अनक ल ण ह जो पौध व शाखाओ का छोटा (बौना) रहना प त मड़ना और पौध क अनक भाग वशषकर तन का मड-तड जाना आ द आमतौर पर दख जा सकत ह अ य ल ण म ध ब नजर आना व पौध का पीला पड़ना शा मल ह काटन व चसन दोन कार स हा न पह चान वाल क ड़ क कोप काएक म य ल ण ह गाठ बनना

72 क ड़ क रोकथाम क ट नय णक तीन म य तर क ह जो न न ल खत ह - क) याि क नय ण ख) स य याओ वारा नय ण

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ग) रासाय नक नय ण क ट नय ण का यक तर का न न ल खत चार बात पर आधा रत ह - 1) नर ौढ़ का ब धयाकरण

इसम नर ौढ़ को पकड़कर करण वारा ब धया कर दया जाता ह और जनन क उ चतसमय पर मादाओ क साथ छोड़ दया जाता ह इसस मादाए आग अ ड दन म असमथ हो जाती ह 2) नवजात क ड़ का जीवनच तोड़ना

नवजात क ड़ को जीवन क व भ न अव थाओ पर रसायन स मार दया जाता ह ता क कम स कम क ड़ ौढ़ आय तक पह च सक 3) लाभदायक क ट का योग

लाभदायक म क ड़ जस लडीबग भ ड आ द द मन क ड़ को खा जात ह इस कार द मन क ड़ क स या पर नय ण पाया जाता ह 4) लाभदायक पौध का योग

म य फसल क आसपास कछ ऐसपौध लगात ह िजस पर हा नकारक क ट आक षतहोत ह या फर आ मण करन वाल क ड़ क लए एनि छक वातावरण पदा कर दत ह क) याि क नय ण

व भ न कार क य या हाथ स क ड़ को पकड़ लया जाता ह तथा उसक बाद क टनाशक स मार दया जाता ह ख) स य याओ वारा रोकथाम

फसल च अपनाकर काट-छाट अथवा रोधक क म का योग करक भी क ट नय ण कया जा सकता ह

ग) रासाय नक नय ण रासाय नक नय ण म क टनाशक का फसल पर छड़काव कया जाता ह क टनाशकक

मा ा क ट व फसल तथा क ट क स या पर नभर करती ह क ड़ वय हा न पह चान क अ त र त बमार फलान वाल जीवाण जस वायरस आ द को एक थान स दसर थन पर ल जान म भी मदद करत ह ऐस क ड़ को lsquolsquoव टरrsquorsquo कहत ह सफद म खी हरा तला आ द कछ म य क ट व टर ह

73 क टनाशक का योग करत समय सावधा नया 1 क टनाशक को कवल सर त थान पर रख 2 क टनाशक को खान-पीन क व तओ क पास न रख 3 क टनाशक ड ब पर लखी हदायत का पालन कर 4 क टनाशक क म ह इ या द मजान पर तर त डॉ टर क सलाह ल 5 क टनाशक खाल ड ब को न ट कर द 6 क टनाशक का छड़काव करन क बाद हाथ पर म ह अ छ तरह साबन व पानी स धोए

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7 यर क नोजल आ द स कचरा नकालन क लए न फक मार न हवा खीच और न मह लगाए

74 बागवानी फसल क म य क ट ल ण और उनका नय ण क ट का नाम हा न क ल ण नय ण 1 छाल खान वाल स डी

यह क ट अम द बर शहतत अनार नीब आड ल ची आवला जामन व लोकाट क पड़ को नकसान पहचाता ह इनक अलावा यह क ट अनक छायादार व अ य पड़ को भी हा न पह चाता ह इसक स डी ह नकसानदय ह जो अ सर दखाई नह दती य क यह दन म तन क अ दर रहकर सरग बनाती ह इसका मल व लकड़ी का बरादा एक जाल क प म पड़ क तन व टह नय पर दखा जा सकता ह यह रात को सरग स बाहर नकलकर जाल क नीच रहकर छाल को खाती ह िजसस पड़ क खराक नल न ट हो जाती ह फल व प पौध क अ य भाग म पोषक त व नह पह चत िजन बाग म दखभाल नह होती उनक परान पड़ पर यह स डी यादा नकसान पहचाती ह यादा तज हवा चलन पर को पत तन व टह नया टट कर गर जात ह और परा पौधा मर जाता ह

10 मल मोनो ोटोफास (नवा ानमोनो सल) 36 ड यएससी या 10 मल मथाइल परा थयान (मटा सड 50 ईसी) को 10 ल टर पानी म घोलकर सराख क चार और क छाल पर सत बर - अ टबर क मह न म लगाए 2 40 ाम काब रल (स वन) 50 तशत पाउडर (घपा) या 10 मल फ न ो थयान (फोल थयानस म थयान) 50 ईसी को 10 ल टर पानी म मलाकर घोल बनाए इस घोल को फरवर -माच क मह न म ई क फोह स कसी लोह क तार क मदद स क ड़ क सराख क अ दर डाल द व सराख क गील म ी स ढ़क द 10 तशत म ी क तल का इम शन (एक

ल टर म ी का तल+100 ाम साबन+9 ल टर पानी) भी योग कर सकत ह या नीच द गई दवाइय म स कसी एक का पानी बनाया गया 5 मल घोल का योग म लाया जा सकता ह मल डाई लोरवास (नवान) 36 ईसी या 5 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी को 10 ल टर पानी म मलाय घोल को सराख म डालन क बाद म ी स ब द कर द नोट - 1 क टनाशक दवाइय का योग जाल हटान क बाद ह कर 2 आसपास क सभी व क सराख म भी दवाइय का योग कर

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3 बाग को साफ-सथरा रख व नधा रत स या स यादा पड़ न लगाय

2 द मक यह क ट फलदार छायादार व अ य व को काफ नकसान पह चाता ह इसका यादा नकसान नसर म या नए लगाए गए पौध म होता ह यह क ट सय क रोशनी स बचता ह श क व अ श क जलवाय इसक लए अ तलाभदायक होती ह यह तन पर म ी क सरग म रहकर छाल को खाता ह या फर भ म म रहकर जड़ स तन क ओर खोखला करत ह ए उपर क ओर बढ़ता ह इनक कमर वारा छाल जड़ व अ दर क लकड़ी खान स पड़ सखकर मर जात ह द मक स को पत व व टह नया तज हवा म गर जात ह इसका नकसान सखी लकड़ी म भी होता ह बरसात को छोड़कर इसका कोप सारा साल बना रहता ह

या क ढग स सखी लकड़ी गल सड़ी व कोई भी ठठ आ द खत म न रह गोबर क हर व क ची खाद योग म न लाय य क यह सभी द मक क बढ़ावा दती ह पौध क आसपास गहर जताई कर जहा तक सभव हो रानी द मक को न ट कर रासाय नक तर क स पौध लगान स पहल 50 मल लोरपाय रफॉस 20 ईसी 5 ल टर पानी म त ग ढ़ प धा लगात समय डाल दवाई

का घोल डालन स पहल यक ग ढ़ म 2-3 बा ट पानी डाल द नय पौध लगान क बाद एक ल टर लोरपाय रफॉस 20 ईसी एकड़ सचाई

करत समय डाल

3चरड़ा प यह म य प स अगर का क ट ह इसक अलावा नीबवग य फल जामन आम व अम द को भी नकसान पह चाता ह इसक शश (Nymph) छोट पील भर व यवा (Adult) काल भर रग क पतल व ल ब होत ह जो प त क नचल सतह स रस चसकर सफद भर रग क ध ब बना दत ह शश जो बह त हा नकारक हत ह 9-20 दन म पर तरह स वक सत हो जात ह जब कोप बह त यादा होता ह तो प त मड़

750 मल ए डोस फान (थायोडानए डो सल) 35 ईसी या 150 मल फनवलरट (फनवाल) 20 ईसी या 500 मल मला थयान (साय थयान) 50 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़काव कर

नोट - िजन क म क प त रोयदार व नचल मोट हो उन पर इस क ट का यादा नकसान नह होता ह

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जात ह व पील होकर गर जात ह अ वक सत फल का कोप हो तो ध ब क वजह स फल स त व भ हो जात ह िजनम उनक गणव ता भी कम हो जाती ह इसका यादा नकसान सख मौसम म अ ल स जन व अग त स नव बर म होता ह यह यप क प म दस बर स माच तक जमीन म शात व नि य रहता ह तथा माच स नव बर तक इसक 5-8 पी ढ़या होती ह

4नीब क ततल

नीब जा त का यह वनाशकार क ट ह इसक स डी श म भर काल रग क हाती ह िजन पर काल ध ब होत ह तथा बाद म इसका रग हरा हो जाता ह य जवजात पि तय को कनार स म य शराओ तक खाती ह नसर स तथा छोट पौध व मलायम पि तय पर इसका नकसान यादा होता ह मा टा पर इसका कोप अ य धक होता ह

जसा नीब क सफदकाल म खी म दया गया ह नोट - जहा तक हो सक सि डय व यपा को हाथ स पकड़कर न ट कर

5नीब का स ला

स ला नीब जा त क सभी फल व का एक म य क ट ह िजसक शश गोल चपट व नारगी - पील तथा ौढ़ भर रग क होत ह जो प त व नई टह नय स रस चसत ह रस चसन स प त व टह नया पील हो जाती ह व आ खरकार सख जाती ह इसक शश यादा नकसादय होत ह इस क ट क 8-10 पी ढया होती ह व परा वष स य रहता ह इसका यादा

625 मल डाइमथोएट (रोगार 30 ईसी) या 750 मल ऑ सीडीमटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसी या 5 मल मोनो ोटोफास (नवा ानमोनो सल) 36 ड यएससी 500 ल टर पानी म त एकड़ छड़क नोट - नीब जा त क सभी व पर भी छड़काव कर

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नकसान माच-अ ल व वषा ऋत क बाद होता ह मा टा व मीठ - नीब पर इसका यादा नकसान होता ह

6नीब का ल फ माइनर

यह क ट नीब क प त को नकसान पह चाता ह बना पर क ह क-पील रग क सि डया मलायम पि तय क दोन तरफ चमक ल व टढ़ -मढ़ सरग बनाती ह को पत पि तय पर फफद जसी बीमार हो जाती ह िजसस पि तया व टह नया सख जाती ह पर साल म इस क ट क लगभग 12 पी ढ़या होती ह पर त यादा नकसान बसत व मई स अ टबर क म हन म होता ह इसका यादा नकसान मलायम व रसदार पि तय पर होता ह नसर म इसक कोप स परा पौधा ह न ट हो जाता ह

जसा क नीब क स ला म दया गया ह

7नीब क सफद व काल म खी

सफद म खी क शश चपट ह क पील रग क व शर र पर बाल वाल होत ह ौढ़ क शर र व पख पर सफद रग का पाऊडर होता ह काल म खी क शश चपट काटदार अ डाकार व गहर भर या काल रग क होत ह जब क यवा ह क रग क होत ह यह मलायम पि तय म रस चसत ह िजसस पि तया पील नड़ जाती ह व आ खरकार सखकर गर जाती ह शश 25 स 70 दन तक पि तय क नीचल सतह पर चपक कर बड़ होत ह यह म खी माच स अ ल व अग त स सत बर म यादा

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ोनमोनो सल) 36 ड यएससी या ए सफट 200 ाम 75 एसपी 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़काव कर नोट - बाग म पौध ज रत स यादा नह लगान चा हए पानी का नकास सह होना चा हए

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नकसान करती ह जब क पर गम (माच स सत बर) स य रहती ह इसक साल म दो पी ढया होती ह यह शश क अव था म शात व नि य रहता ह व इसका ौढ़ यादा दन जी वत नह रहता सफद म खी नीब क अलावा जामन म भी नकसान पह चाती ह

8लाल ततय व पील भरड़

ततय व भरड़ क म य सम या अगर ह य कट-फट अगर का पण प स खा जात ह इसक अलावा यादा मीठ रस व पतल छलक वाल फल को पकन पर बह त नकसान पह चात ह फल को तोड़त समय भी काफ परशान करत ह लाल ततय क छ त पड़ क खोखल भग व दवार क आड़ म जब क भरड़ क छ त घर म छ त क नचल सतह पर पाय जात ह

1 काब रल 50 तशत घलनशील पाउडर (40 ाम 10 ल टर पानी म) का छड़काव सय छपन क समय कर 2 पकत ह ए ग छ का कपड़ा बाधकर भी ततय व भरड़ स छटकारा पाया जा सकता ह

9प त खान वाल भ डया

इसक व भ न जा तया बर अगर अम द आ द व को नकसान पह चाती ह श क व अ श क म यह यादा हा न करती ह भर चमक ल व मोट - ताज यवा (Adult) शाम स सबह तक व क प त को खब खात ह और दन नकलन स पहल ह जमीन म छप जात ह वस तो यह प त म गोल छद करक खात ह पर त जब अ धक नकसान होता ह तो व पर प त ब कल ख म कर दत ह िजसस फल नह लगत इसक सि डया अनक फसल क जड़

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ान) 36 ड यएससी या एक ल टर ि वनलफॉस (ईलाल स) 25 ईसी या 15 कलो ाम काबा रल (स वन) 50 एकड़ शाम क समय छड़क छड़काव यवा नकलन क एक दन बाद कर जो क मानसन क पहल वषा क बाद नकलत ह अगर छड़काव क तर त बाद बा रश हो जाय या फर नकसान जार रह तो उपय त छड़काव दोबारा कर नोट - बाग क आसपास क व पर भी छड़काव कर

110

को मानसन या इसस पहल क वषा क बाद नकसान करती ह यवा क आय लगभग एक मह ना होती ह व इस क ट क पर वष म एक ह पीढ़ होती ह

10टबाल वाल स डी

गहर-भर रग क सि डया जो क अ ड स नकलत ह इक ी होकर प त क नीचल सतह को खाकर छलनी कर दती ह स डी क शर र पर ल ब-ल ब बाल होत ह यह बड़ी होकर पर व पर फल जाती ह व शाखाओ को खाकर प ता र हत कर दती ह फल को भी खाती ह िजसस उनक गणव ता कम हो जाती ह यह स डी बर व अगर क फल क मौसम म पर तरह स य रहती ह

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ान) 36 ड यएससी या एक कलो ाम ि वनलफॉस (स वन) 50 तशत घलनशील पाउडर को 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़क छोट सि डय को या क तर क स न ट कर

11 मल बग यह आम का एक बह त ह वनाशकार क ट ह इसक अलाव यह क ट बर अम द नीब अनार अजीर आ द फल व को भी नकसान पह चाता ह दस बर - जनवर म जमीन क अ दर अ ड स नकलकर छोट-छोट भर शश व क पि तय पर जमा हो जात ह फरवर मह न म नई पतल डा लय पर इक हो जात ह शश और मादा ौढ़ चपट मोट व अ डाकार होत ह व इनक शर र पर सफद मोर जसा चण जमा होता ह य दोन जनवर स अ ल तक नई डा लय क अलावा बौर वाल टह नय स रस चसत ह सस टह नया मरझा जाती ह अ धक कोप होन पर फल भी झड़ जात ह फल व प व पर

1 म य दस बर म इस क ड़ क शशओ को पड़ पर चढ़न स रोकन क लए जमीन स 50 स 100 समी क ऊचाई पर म य तन पर लगभग एक फट चड़ी चकनी अ कोहल (300-400 गज पॉल थीन) क प ी बाध पड़ क ऊपर परानी 5-6 समी चड़ी छाल अ कोहल चादर लगान स पहल क हाडी स काटकर उतार लनी चा हए ओर इस समतल थान क ऊपर 5 समी चड़ी तारकोल क तह लगाकर तर त चादर क नचल भाग क कना रय स अ छ तरह दबा द ता क चादर और तारकोल क म य कोई खाल थान न रह इसी कार चादर क ऊपर ह स को भी 3-4 जगह स चपका द 2 ब ड ( फसलन वाल प ी) क नीच जमा क ट को 100 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 300 मल

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फल ह नह लगत बाग एक कार का मीठा रस भी छोड़ता ह

िजसस पौध पर काल रग क फफद जमा हो जाती ह जो काश स लषण म बाधा डालती

ह यह क ट दस बर स मई तक स य रहता ह तथा जन स नव बर तक अ ड क प म जमीन म रहता ह इसक एक पीढ़ होती ह िजन बाग म कई कार क फलव क वजह स

भ म क जताई नह हो पाती उनम इस क ट का अ धक कोप होता ह

ि वनलफास (इलाल स) 25 ईसी या डायिजनान (वासडीन) 20 ईसी को 50 ल टर पानी घोलकर त 50 व पर म य जनवर और फर म य फरवर म छड़काव क लए लगभग एक ल टर घोल क ज रत पड़ती ह 500 मल मथाईल परा थयान मटा सड) 50 ईसी या 15 ल टर ि वनफॉस (ईकाल स) 25 ईसी या 125 ल टर डायिजनान (वासडीन) 20 ईसी को 500 ल टर पानी घोलकर त एकड़ छड़कन स प त व टह नय पर जमा क ट को मारा जा सकता ह 3 अ ल व मई म व स नीच उतरती ह ई जो फस गई हो या नीच गर ह ई मादाओ को सखी पि तय क साथ इक ा करक जला द 4 जन-जलाई म व क नीच क जमीन उलट-पलट कर ता क सय क गम व परजीवी श ओ स क ट क अ ड न ट हो जाय बाग को साफ सथरा रख कचर आ द को जला द नोट - बाग म सभी व पर बड लगाय 2 व क प त व टह नया भ म या वन प त को न छय ता क जमीन स बग व परन चढ़ सक

12आम का तला या फदका

तला आम का एक म य क ट ह इसक पील भर शश व भर हर प चड़ क श ल क पौढ़ नई पि तय क लय फल क ड डया व बौर स रस चसत ह िजसस य मरझाकर सख जाती ह यादा कोप स पर पड़ ख म हो जात

ह शश और ौढ़ दोन ह समह म त करत ह तथा ौढ़ क अप ा शश यादा नकसान करत

1 नधा रत स या स यादा पड़ नह लगान चा हए ता क हवा व रोशनी चर मा ा म बाग म वश कर सक अनाव यक पड़ व झा डय को काट द यह भी स नि चत कर क बाग म पानी का जमाव न हो ता क ज रत स यादा नमी न हो 2 बसतकाल न फटाव क तर त बाद (फरवर क आ खर तक) 15 कलो ाम काब रल (स वन) 50 तशत घलनशील पाउडर या 500 मल मला थयान

112

ह शश फल व उनक डठल स रस चसत ह जब क ौढ़ पि तय क नचल सतह पर नकसान करत ह यह क ट पि तय पर एक मीठा रस छोड़ता ह िजसस काल फफद आ जाती ह और पि तया चकनी हो जाती ह इसक शश 10 स 20 दन म बढ़कर ौढ़ (फरवर स अ ल) बोर क समय होती ह दसर पीढ़ (जन स अग त) स यादा हा नकारक ह दसर पीढ़ क ौढ़ सघन छायादार व नमी वाल थान पर शीत नि य रहकर

फरवर म स य हो जात ह जहा पर पानी का जमाव हो या घन व ह वहा यह क ट अ धक मा ा म होता ह

(साय थयान) को 500 ल टर पानी म मलाकर छड़काव कर इस माच क अ त म दोबारा भी छड़क

13आम का गोभ छदक

आम क छोट कलम चढ़ाए गए पौध का यह म य क ट ह पील-नारगी रग क सि डया श म पि तय क म य शराओ म छद बनाकर व बाद म मलायम रोहा (शटस) क बढ़त ह ए भाग क अ दर सरग बनाकर 8-10 दन तक खाती रहती ह को पत रोह सख जाती ह व पि तया गर जाती ह िजसस नई बढ़तवार सख जाती ह इसक छोट व गोल वश वार स मलम आ द नकलता रहता ह इस क ट क 3-4 पी ढया होती ह जलाई स अ टबर तक यह स य रहता ह जब क नव बर स माच तक यपा बनकर शीत नि य रहता ह1 त त टह नय व रोह

2 नई टह नय व रोह पर 250 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 10 कलो ाम काब रल (स वन) 50 ड यपी या 400 मल डाईमथोएट (रोगोर) 30 ईसी या 300 मल मनो ोटोफॉस (नवा ान) 35 ड यएससी का 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़काव कर

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को तोड़कर न ट कर द

14आम का तना छदक

इस क ट का कोप कभी-कभी आम शहतत व अजीर क व म पाया जाता ह इसक सि डया पील सफद जो 6 स 8 समी ल बी होती ह तथा इनक मखाग भी काफ मजबत होत ह य तन व शाखाओ क अ दर लकड़ी म सरग बनाकर खाती ह तथा लकड़ी क रश को खान क बजाय काटती ह सरग स एक चप चपा सा पदाथ नकलता ह त त शाखाओ स पि तया गर जाती ह तथा तन व टह नया तज हवा म टट जात ह ौढ़ जो 5-6 समी ल ब होत ह तथा इसक टाग व एट ना भी ल ब होत ह यह शाखाओ क छाल खाती ह व कम नकसान पह चाती ह इसक मई स जलाई तक एक पीढ़ होती ह परान व गर ह ए व पर इसका यादा कोप होता ह

1 त त तन व मर रह शाखाओ को काटकर जला द िजसस इनक अ दर छपी ह ई सि डया व यप मर जाय 2 सराख स बरादा हटाकर 10 मल मथाईल परा थयान इमलरान (4 मल मटा सड 50 ईसी को एक ल टर पानी म) को सराख क अ दर डाल व म ी स ब द कर द

15 कल क ट यह क ट छोटा गोल ह का भरा या पीला भरा होता ह जो सफद मोम जस चण पदाथ स ढ़का रहता ह अ ड स नकलत ह शश नवजात रस चसत ह य क ट मीठा रस भी छोड़त ह िजसक वजह स काल ची टया आती ह और फफद भी लग जाती ह इसक कोप स व क बढ़वार क जाती ह अ टबर स नव बर तक यह क ट स य रहता ह व ौढ़ क प म शीत नि य हो जाता ह नवजात पौध व आम क कलमी क म

1 को पत शाखाओ को काटकर जला द 2 500 मल मथारल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 125 ल टर डाइिजनान (बासडीन) 20 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर माच व सत बर म त एकड़ छड़क

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पर इसका कोप यादा होता ह 16फलम खी यह म खी अम द व आड क

साथ-साथ आम नाशपती व नीब पर भी नकसान करती ह इसक ौढ़ घरल म खी जस होत ह व

इसक उड़न क मता भी अ धक ह मादा म खी फल म छद करक छलक क बीच अ ड दती ह इसक सि डया फल क अ दर रहकर ग ा खाती ह िजसस फल बडौल हो जात ह तथा उनक माग (बाजार क क मत) न बराबर होती ह सि डया यपा बनन क लए अपन वारा बनाए गए छद स नकलकर जमीन म गर जाती ह इसक कई पी ढया होती ह

1 म खी स त त फल को त दन एक त करक दो फट गहरा जमीन म दबा द या भड़ व बक रय को खला द 2 जन-मई ओर दस बर-जनवर म व क आसपास क जमीन क गड़ाई कर द ता क म खी क यप मार जाए 3 500 मल मला थयान (साय थयान) 50 ईसी + 5 कलो ाम गड़ को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़क अगर ज रत हो तो यह छड़काव 7 स 10 दन क बाद फर दोहराय नोट - मला थयान दवाई छड़कन क 5 दन बाद तक फल को न तोड़

17लाख बनान वाला क ट

यह क ट बर अजीर पलखन और पीपल को नकसान पह चाता ह लाल रग क शश जो चप चप पदाथ स ढ़क रहत ह नवजात टह नय स रस चसत ह िजसस पदावार व गणव ता म भार कमी आती ह शशओ स नकल मल पर फफद लग जाती ह इसका कोप फलता ह परानी बाग म जहा पर दखभाल अ छ तरह स नह क जाती वहा पर इसका नकसान यादा होता ह

1 जो टह नया इस क ड़ स त त ह उ ह फल लन क बाद काटकर जला द 2 400 मल मोनो ोटोफास (नवा ोन) 36 ड यएससी600 म0ल 0 ऑ सीड मटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर अग त- सत बर म त एकड़ क हसाब स छड़काव कर

18प ती लपट

यह आड का वनाशकार क ट ह व बादाम नाशपाती तथा अलचा पर भी हा न पह चाता ह इसक गहर-हर रग क शश एव पील रग क ौढ़ नवजात व बढ़ रह रोह स रस चसत ह को पत

टह नय क या मड़ जाती ह तथा उन पर फल काफ कम लगत ह

1 500 म0ल 0 डाईमथोएट (रोगोर) 30 ई0सी0 को 500 ल टर पानी म मलाकर नए फटाव स पहल त एकड़ छड़क

2 जब फल मटर क दान क बराबर हो तब उपय त दवाई का दोबरा छड़काव कर य द फर भी ज रत हो तो 15

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जो पकन स पहल झड़ जात ह इसक अलावा एक और जल माइजस पर सक क लय पि तया व छोट फल स अ ल स जन तक रस चसकर आड को हा न पह चाता ह

दन बाद दोबारा छड़काव कर

19बर क म खी

यह बर का सबस वनाशकार क ड़ा ह यह भर-पील रग क म खी ह िजसक व पर काल व पख पर भर सलट रग क ध ब होत ह मादा म खी फल क छलक क नीच अ ड दती ह को मत फल कान हो जात ह जो क खान लायक नह रहत ऐस फल ज द पकत ह व गर भी जात ह पण वक सत स डया यपा बनन क लए अपन वारा कए गए छद स जमीन म गर जाती ह इसका नकसान यादा मीठ अगती व पछती फसल म होता ह यह म खी 7 स 24 दन तक स डी क प म रहती ह इसक नव बर स अ ल तक 3-4 पीढ या होती ह

1 नव बर म जब फल मटर क दान िजतन बड़ हो जाय तब पड़ पर 600 म0ल 0 आ सी डमटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसीया 500 म0ल 0 डायमथोएट (रोगोर) 30 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ क हसाब स छड़क इस म य दस बर म फर दोहराय

2 जनवर क अ त म 500 म0ल 0 मला थयान (साय थयान) 50 ईसी 5 कलो ाम गड़ को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़क

3 क ड़ स त त फल को रोजाना एक त करक दो फट गहरा जमीन म दबा द या बक रय व भड़ को खला द

4 मई-जन और दस बर-जनवर क मह न म व क आसपास अ छ गड़ाई कर द

नोटः मला थयान छड़कन क दो दन बाद फल को तोड़कर कम-स-कम आधा मनट तक पानी म धोय ता क फल पर दवाई का असर न रह

20प ता मरोड़ अ टपद

यह ल ची व अनार का म य क ट ह शश सफद व ौढ़ ह क भर रग क होत ह य तजी स बढ़न वाल व क पि तय क नचल सतह खरच कर रस चस लत ह िजसस पि तय पर छोट सफद ध ब बन जात ह य ध ब बाद

1 को पत पि तय व टह नय को बार-बार तोड़कर जलात रह

2 म0ल 0 डाईमथोएट (रोगोर) 30 ईसी का नया फटाव आन पर या कोप श होन पर 500 ल टर पानी म मलाकर छड़काव कर

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म एक-दसर स मल जात ह व गहर भर रग क मखमल तह बन जाती ह त त पि तय मड़कर गर जात ह गम क श क मह न (अ ल-जन) म इसका कोप यादा होता ह तथा मानसन श होन पर कम ह जाता ह जो क सत बर म फर श हो जाता ह सद क मौसम म इसका नकसान काफ कम रहता ह

3 3500 म0ल 0 मथा लयान (साय थयान) 50 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर फल पकन क कछ पहल त एकड़ क हसाब स छड़क य द ज रत हो तो 10 दन बाद फर छड़काव कर

नोटः मथा लयान दवाई क छड़कन क एक 4 स ताह तक फल को न तोड

21प ी च डया तोत व कौव आ द प ी भी फल को काफ नकसान पह चात ह

1 इनक घ सल को अ ड स हत अ ड दन क मौसम म न ट कर

2 प ी उड़ान क य स प य को दर भगाय बाग म भरा हआ प ी टाग दन स भी प ी नह आत

3 कम तर पर फल व को जाल स ढ़क कर भी प य स बचाया जा सकता ह

4 बाग म काफ शोर करन वाल पटाख छोड़कर भी प य को दर भगाया जा सकता ह

75 साराश क ट नय ण क तीन म य तर क होत ह या क नय ण स य याओ वारा नय ण तथा रसायन नय ण य द क ट को समय पर नय त ना कया जाय तो इसका वप रत असर बागवानी फसल क उ पादन पर आ सकता ह क टनाशक को योग करत समय इनक मा ा तथा योग करन क व ध का वशष यान रखना आव यक ह बोध न

1 क ट नय ण क म य तर क को समझाइए 2 द मक क नय ण का तर का समझाइए 3 क टनाषक को योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए 4 मला थयोन छड़कन क कतन दन बाद तक फल को नह तौड़ना चा हए अ 2 दन ब 5 दन स 15 दन द 25 दन

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5 lsquolsquoनीब का स लाrsquorsquo क नय ण क लए न न म स कौनसा क टनाषक योग कया जाता ह अ डाईमथोएटब ऑ सीडीमटान मथाईल स मोनो ोटोफासद उपरो त सभी

77 सदभ साम ी 1 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एस क शमा एस एल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 Singh chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Corps

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi 5 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 6 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउस मरठ 7 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

118

इकाई 8 एक कत क ट बधन

इकाई क परखा 80 उ य 81 तावना 82 समि वत क ट ब ध या ह 83 समि वत क ट ब ध क स ा त 84 क टनाशक क योग म सावधा नया 85 भारत म व भ न फसल पर रसाय नक क टनाशक का उपयोग 86 घान क फसल म समि वत क ट ब ध 87 कपास क सफल म समि वत क ट ब ध 88 ग ना क फसल म समि वत क ट ब ध 89 चना क फसल म समि वत क ट ब ध 810 म का क फसल म समि वत क ट ब ध 811 सोयाबीन क फसल म समि वत क ट ब ध 812 साराश 813 बोध न 814 सदभ साम ी

80 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप यह जान पाऐग क

एक कत क ट ब ध या होता ह एक कत क ट ब ध क स ानत क टनाषक क योग म सावधा नया व भ न फसल म एक कत क ट बध

81 तावना चाल स क दशक म क ट या धय स फसल सर ा क लय पौध सर ण रसायन क

उपयोग क श आत ह ई इस कदम को ह रत ाि त क सफलताक लय आव यक माना गया ल कन समय को भी व च ग त ह कसी समय िजस उपलि ध पर गव कया जाता था आज उसी क बार म क ष व ा नक का समदाय यह सोचन क लय ववश हो गया क क टनाशी क उपयोग स उ नत खतर स वातावरण को वशषतः मानव जीवन को कस सर त रखा जाय

अब हम उपय त खतर म मानव को बचान क लय फसल सर ा क ऐस उपायअपनान क आव यकता ह िजसम क ट रसायन का कम स कम उपयोग हो और यनतम आ थक तर

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तक फसल को भी सर ा दान क जा सक क टना शय क अ नय त उपयोग न स प म न ना कत वप रत द शत कय ह- 1 क ड़ व अ य हा नकारक जीव िज ह उनक परजीवी और भ क (predators and

parasites)सामा यतः न ट कर दत थ अब इन परजीवी और भ क क क टनाशी रसायन क उपयोग म काफ स या म न ट होन क कारण हा नकारक क ट व अ य जीव फसल को काफ नकसान पह चान लग ह

2 क ड़ मकड़ी और बीमार क जीवाणओ म क टनाशी क त तरो धता बढ़ गई ह यहा तक क कई क टनाशी अब क ट क नय ण म अ भावी सा बत हो रह ह

3 बढ़त ह ए क टनाशी उपयोग न फसल और उ य उ पाद को द षत करन क साथ-साथ भ म वाय सतह एव भ मगत उपज को भी द षत कया ह कषक मजदर एव व ा नक क टनाशी क नमाण काय स जड़ ह य ह उ ह क सर चमरोग एव टयमर बनन क बीमा रय क खतर बढ़ गयह यदा कदा क टनाशी लापरवाह स उपयोग स मन य और जानवर अकाल म य क ास बनत ह हाइ काबन वग रसायन शर र क वसा म इक होत रहत ह ओर काला तर म वा य क लय ग भीर खतर उ प न करत ह

4 क टनाशी क द पयोग स अनक नई जवक य घटनाऐ उ प न ह ए उनम वतीय - क ट फलाव अल त क ट का सहार भ म उवरता म प रवतन कछ मह वपण क ट क अ धक बढ़वा आ द मह वपण ह

5 क टनाशी क उपयोग व स क टनाशी क क मत म व छड़कन व भरकन वाल य क क मत और मजदर म बढ़ोतर क साथ अ धकाश क टनाशक क नमाण म काम आन वाल प ोल क खपत म बढ़ोतर ह ई ह इसस अह त अ धक वदशी म ा क त होती ह

82 समि वत क ट ब ध या ह खा य एव क ष समि वत क ट ब ध को इस कार प रभा षत कया ह

lsquolsquoहा नकारक क ट एव अ य जीव क व समि वत अ भयान वह व ध ह िजसम ाक तक स तलन म कम स कम प रवतन कय बना हा नकारक जीव को त स आ थक तर स नीच रखा जा सक ता क क त क सी मत साधन का कम स कम उपयोग हो और

वातावरण द षत यनतम होrsquorsquo अथात क टनाशक का कम स कम उपयोग करना और अ य तर क क अपनान पर जोर

दना िजनम फसल सर ा काय म सफलता मल समि वत क ट ब ध ऐसी फसल यव था को अपनाना म य क ट एव जीव क पहचान एव उसक ाक त द मन और कारक क पहचान करना ह िजनस क ट क स या म व होती ह इसका उ य हा नकारक क स या एक तर तक बनाय रखना ह िजसम फसल स आ थक उ पादन ा त हो सक

काउ टग क ट क स या क सव ण क च लत व ध ह इसक साथ-साथ याि क साधन जस पोर- प फरोमान प काश पाश आ द का भी हा नकारक जीव क स या क जानकार क लए उपयोग म लाय जात ह इस जानकार का उपयोग पौध सर ण उपाय अपनान

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को समय नि चत करन क लय कया जा सकता ह व ततः काउ टग और मोनीट रग काय म समि वत क ट ब ध एव परजीवी क टभ ी एव क ट परथोजन क सर ा क लय आव यक ह

83 समि वत क ट ब ध क स ा त समि वत क ट ब धन पाच म य ब नया द क स ा त पर आधा रत ह - 1 क षगत नय ण 2 या क एव भौ तक नय ण 3 ज वक नय ण 4 व नयम नय ण 5 रसाय नक नय ण 1 क षगत नय ण - इसम कसान क ट क जीवन च रहन सहन तथा उसक आदत क ान स लाभ उठा सकता ह जस खत क जताईउस समय करना जब हा नकारक क ट का जीवन

अव थाय खत म छपी ह और वह कचल कर मर जाय अथवा क ट िजस पौध को पस द न करता हो उसको बोना इ या द इस व ध म व भ न तर क अपना कर ब धन स भव होता ह

1) तरोधी क म का योग करना - फसल बवाई म ऐसी जा तय का चयन करना चा हय िजसम क ट एव रोग तरोधक मता हो तरोधी क म का योग कर क ट स फसल को बचाया जा सकता ह 2) श य आवतन - हर साल एक सी फसल बोत रहन स उस म उस फसल क कोपी क ट क स या नर तर बढ़ती जाती ह और व यादा हा न करत ह जब क फसल को बदल कर बोन स ऐसा स भव नह होता तथा क ट स या पर भी नय ण रहता ह दसर वह क ट जो अपना जीवन च एक वष स अ धक समय म परा करत ह य द फसल बदल कर बो द जाय जो वह ऐसा नह कर पात और मर जात ह 3) बीज बौन फसल लगान एव काटन क समय म हर - फर करना - फसल बोन क समय का भी क ट कोप पर गहरा भाव पड़ता ह जस य द गह अ टबर म बोया जाय तो उस पर भ मगत क ट का कोप अ धक होता ह तथा अक रत होत ह वह उ ह अ धक मा ा म काट गरात ह जब क य द गह नव बर म बोया जाय तो फसल पर क ट कोप कम होता ह य द आल क बआई गहर क जाय तो आल माथ (पोटटोमाथ) अ ड नह रख पाती और व कोप स बच जात ह य द ग न क फसल को फरवर स पहल ह काट लया जाय और

खत क सफाई एव जताई कर द जाय तो बह त स शीत नि य क ट मर जात ह ग ना य द अ टबर म बोया जाता ह तो उसपर क ट कोप कम होता हफसल क काटन क समय का भी क ट क जीवन पर गहरा - भाव पड़ता ह य द वार क ड ठल क फरवर क म हन स पहल क कट काट ल जाय तो उसम चर बधक (काइलो पी सज) क सभी शीत नि य सि डया कट कर मर जाती ह

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4) व छ क ष - हा नकारक क ट को परानी फसल स नई फसल क उगन तक जी वत रखन तथा परानी स नई तक पह चान का कारण अ व छ क ष ह य द व छ खती क जाय तो हा नकारक क ट क स या बह त कम हो जाती ह िजसक न न उपाय ह -

1 ड ठ न ट करना - फसल काट लन क बाद ड ठ जनइइसम) को न ट कर दना चा हय ता क उनम छप क ट बधक मर जाय ड ठ य द खत म ह खड़ रह तो क ट क अ त र त उन पर कवक रोग भी हर ड ठल अथवा कोमल प त पर तब तक पलत रहत ह जब तक क नई फसल उ प न नह हो जाती 2 कड़ा साफ करना - खत म हआ कड़ा सखी पि तया और घास हा नकारक क ट को नि यता करत समय या यपा प म शरण दती हतथा अगल फसल म क ट स या बढ़ जाती ह 3 फसल परा त गहर जताई तथा गड़ाई - फसल परा त खत क गहर जताई तथा गड़ाई कर अ त आव यक होता ह य क म ी म छप क ट तथा उनक जीवन अव थाय जस अ ड लारवा यपा इ या द सभी कचल करमर जात ह म ी क उलट जान स क ट सतह पर आ जात ह और उनक च डया इ या द खा मार डालती ह या अ त धप अथवा जाड़ क कारण वत ह मर जात ह परजीवी क ट भी उ ह आसानी स पा लत ह और न ट कर डालत ह 4 झागना तथा दर - दर लगाना - सघन पौध पर क ट कोप अ धक होता ह इसक वप रत य द पौध बराबर दर पर लगाय जाय तो पौध व य और मोट होत ह तथा क ट का कोप भी कम होता ह 5 म त फसल - मल-जल फसल म एक ह कार क उनक म य म ि थत दसर फसल अ धक हो जाता ह तथा दसर क हा नकारक क ट को कावट पदा करत ह िजसस दोन ह कार क पौध क ट क अ धक कोप स बच जात ह ायः गह पर दमक का कोप अ धक होता ह तथा चन पर स डय का य द गह और चन क पि तय क म य म एक पि त तोर ( तनब जपअ) क बो द जाय तो इन फसल म य अरहर को मानसार पि तय म बोया जाय तो वार डयर वगक भार कोप स बच जाती ह 6 पची फसल लगाना - पची फसल लगान का उ य म य य द कपास क फसल क साथ भ डी क फसल लगा द जाय तो भ डी क पौध कपास क पौध स अ धक शी ता स बढ़त ह और कपास पर कोप करन वाल क ट भ डी क पौध पर आक षत हो जात ह और म य फसल कपास इन क ट क कोप स बच जाती ह पची फसल लगात समय इस बात का म य प स यान रखना चा हय क क ट

फसल क अप ा पची फसल को यादा पस द करत ह इसी कार य द क कल क आस पास सनई या कपास बो द जाय तो फल म खी का कोप म य फसल पर कम होता ह

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7 उ चत खाद लगाना - क ची गोबर क खाद लगान स द मक अ धक लगती ह तथा फसल पर नाइ ोजन क मा ा अ धक दन पर रस चषक क ट का कोप यादा होता ह इस लए यह आव यक ह क खाद सदव उ चत मा ा म ह द जाय

जल- न कासन - िजन खत म पानी भरा रहता ह उनम नमी अ धक रहती ह िजसक कारण क ट का कोप भी अ धक होता ह

2 या क एव भौ तक नय ण इस व ध म साधारण कार क उपकरण क ट को पकड़न मारन रोकन अथवा एक त

करन क लए योग कय जात ह जो न न ह 1 हाथ स एक त करना - पौध का वह भाग िजस पर क अ ड पायी जाती ह हाथ स

चन कर न ट कय जा सकत ह उड़न वाल हा नकारक क ट क स या य द कम ह तो उ ह ह ट-जाल वारा भी पकड़ कर न ट कया जा सकता ह ट ड को न फ आ द एक त करन क लए एक वशष कार क थल का योग भी कया जाता ह िजसको दो आदमी पकड़ कर खत म चलत ह तथा क ट क न फ को थल म एक करन न ट कया जाता ह

2 रोक लगाना - कदन वाल क ट स फसल को बचान क लए वत को चार तरफ गहर खाई खोद दत ह रगन वाल क ट को रोकन क लए ना लया खोद कर उसम पानी भर दत ह िजसस क ट उसम आकर भर जात ह फर उनको म ी डालकर भर दत ह

3 काश पच - यह उपकरण उन क ट क वप रत योग कया जाता ह जो क रा को काश पर आत ह इस उपकरण म एक ब ब या द पक लगा होता ह उपकरण क नीच एक बड़

बतन म पानी भर दत ह क ट काश म रा म उपकरण क पास आता ह तथा पानी क बतन भी गर कर वतः मर जाता ह

4 फरोम स प - (ल गक पास) कछ म य माथ क ट को उनक जा त क 5 ल गक पाश त ह टयर लगा कर नर पतग को पकड़ा जा सकता ह 20 स 25 दन क अ तराल पर पाश

क योर को बदलन क आव यकता होती ह 3 ज वक नय ण

अन चाह क ट जानवर तथा पौध को मारन या कम करन क लए उनक ाक तक श ओ का योग ज वक नय ण कहलाता ह

अनक कार क फफद वषाण एव जीवाण क ट को राग सत कर उ ह न ट करत ह फसल ाक तक प रि थ तय त म अपनी स पण मता को उपज क प म प रव तत नह कर पाती य क उनक उपज का कछ भाग ाक तक आपदाओ वारा न ट हो जाता ह और कछ हा नकारक श ओ वारा समा त कर दया जाता ह इन हा नकारक श ओ वारा क ट-या ध जीवाण - वषाण इ या द को समा त करन क लए समय-समय पर अनक रसायन वक सत होत रहत ह ल कन रसायन आधा रत फसल सर ा स ल ब समय क लए सर ा तो नह मल ल कन द घका लन सम याओ ज र मल ह जस खा यान म हा नकारक रसायन क अवशष क ट म रसायन क त तरोधी मता का वकास वतीयक हा नकारक क ट का

फोअ एव क ट का पन थान क त म िजतन हा नकारक श मौजद ह उनस कई गणा म जीव उपल ध ह जो इनक स या को हा नकारक सीमा क अ दर ह नय त रखत ह

123

ाक तक म जीव वारा फसल क श ओ का नय ण कम खच ला भावी और थाई उपाय ह तथा पयावरण पर इसका वप रत भाव भी नह पड़ता ह

ज वक नय ण ाक तक कारक क सहयोग क बना आदमी क वारा उ यपण या कलाप क वारा ा त कया जाता ह इसक साथ ह सभी तरह क अरसाय नक नय ण भी ज वक नय ण नह ह जस तरोधी क म श य याय एव स मय क मक स का योग य क इनम हा नकारक क ट सीध भा वत होत ह जब क यह याय मल क ट क स हण

इ या द म अ य प स सहायक होती ह पादप जनन वारा पौध क ऐसी जा तय का वकास जो क नाशक क ट क लए वषल या हा नकारक ह ज वक नय ण क अग नह हो सकती ह जब क ऐसी पादप क म का वकास िजनक वारा म क ट का सर ण हा नकारक क ट को आसानी स ढढन एव न ट करन म सम ह ज वक नय ण कहलात ह इस व ध म हा नकारक क ट क ाक तक श ओ को खोजकर एक त कर तथा योगशाला म अ धक स अ धक स या म उ पा दत कर हा नकारक क ट क व उ चत समय पर छोड़ा जाता ह जहा पर हा नकारक क ट क अ ड स डय तथा ोढ़ को न ट कर दत ह 4 व नयम नय ण

सरकार नयम बनाकर हा नकारक क ट को अपन दश म आन स रोकती ह अपन दश क क ओ को बढ़न एव फलन स रोकती ह एव उनको मारन वाल क ट वष को नर ण करती ह ता क उनम कोई मलावट न हो और सदव क ट सहार म खर उतर इस कार क क ट नय ण को व नयम नय ण कहा जाता ह 5 रसाय नक नय ण

रसाय नक पदाथ वारा क ट को मारना भगाना या उनक स या को कम करना रसाय नक क ट नय ण कहलाता ह तथा व पदाथ जो ऐसा करन म स म होत ह क ट वष कहलात ह क ट वष बाजार म पाउडर इम शन एव घोल क प म मलत ह पाउडर - यह दो कार क होत ह - 1 वष ध ल - य बाजार म तयार प म मलत ह और 12357 या 10 तशत ध ल क प म होत ह इनको य का य बना कछ मलाय 20 स 25 क ा त ह टयर आव यकतानसार योग करत ह जल - यासा रत पाउडर - लगभग सभी आग नक क ट- वष पानी म अघलनशील होत ह और इनको जब पानी म घोला जाता ह तो शी ह तल म बठ जात ह इस कारण इसम एक आ क साथ म मलात ह जो इन कण को पानी म लटकाय रखता ह इस कार इनका सदव अपार दशक लटका हआ घोल बनता ह इ ह सखा भरकन क लए कभी योग नह करना चा हय 2 इम सन - बह त स आस नक क ट वष इथर जायीलन प ोल म ी क तल अथवा तारपीन क तल आ द म घलनसील होत ह ल कन पानी म नह य द इसम घल सा वलयन म इमि सफायर मला दया जाय तो पानी क साथ इम सन बनात ह 3 घोल - तल इथा अथवा परा फन तल म घल ह ए क ट वष बाजार म घोल प म बकत ह इनको घर म य का य ह त फआरक वारा योग कया जाता ह

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क ट वष दो कार क होत ह - 1 अकाब नक -

1 आस नक यौ गक 2 लो रन यौ गक 3 गधक व चना गधक 4 पारा व ए टमनी क यौ गक आ द

2 काब नक क ट वष - 1 जानवर स ा त क ट वष - नर जआ सीन 2 पौध स ा त क ट वष

1 नको टन व उनक यौ गक 2 पायर म 3 रोटनोन व तल इ या द

3 हाइ ोकाबन 1 म ी का तल 2 न था

4 स ल षत काब नक यौ गक 1 लो रनटट हाइ ोकाबन

84 क टनाशक क योग म सावधा नया फसल सर ण क लए क टनाशक का योग अ य त आव यक ह ल कन य बह त

जहर ल तथा महग होन क वजह स इनका योग बह त सावधानी स करना चा हए अ क टनाशी खर दत समय -

1 हमशा एक छड़काव क लए िजतनी दवा क ज रत ह उतनी ह खर द जस 100 250 500 और 1000 ामल टर 2 क टनाशक लाइसस शदा व वसनीय दकानदार स ह खर द 3 क टनाशक का ड बा वा त वक सील स बद हो तथा टटा - फटा न हो सह लबल ड ब

पर अ छ तरह चपका हआ हो जहर ख म होन क तार ख खर दत समय पड़ लनी चा हए

ब क टनाशी भडारण म 1 क टनाशक को भडारण घर म न कर 2 उनको उनक वा त वक ड ब म सील स हत रख 3 क टनाशक को क ह और ड ब म बदल कर न रख 4 क टनाशक को खोन - पीन क सामान क साथ तथा ब च क पह च स दर ठडी जगह

पर ताल म रख 5 क टनाशक को सय क रोशनी या बा रश स दर रख

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स क टनाशक काम म लत समय - 1 अकल आदमी को छड़काव का काम नह करना चा हए तथा ब च व पशओ को

छड़काव स दर रख 2 ड ब को खोलन स पहल नदश अ छ तरह पढ़ ल छड़काव य रसन वाला नह

होना चा हए तथा घोल बनात समय क टनाशक डालन क लए क प का योग कर घोल को लबी छड़ी स अ छ तरह मलाव

3 छड़काव पौधा पर समान प स कर ता क पौध का हर भाग क टनाशक क सपक म आ जाए जहा तक सभव हो छड़काव का काम सबह-शाम ह कर

4 छड़काव क समय खाना-पीना व मपान न कर 5 क टनाशक का घोल शर र पर नह गरना चा हएउसक लए शर रको कपड़ स अ छ

तरह ढककर छड़काव कर म ह पर पतला कपड़ा बाध तथा हाथ म द तान पहन 6 बरसात आन क ि थ त या तज हवा म छड़काव न कर छड़काव हवा क वप रत

दशा म कभी न कर 7 छड़काव कमर स नीच क ओर कर ता क वास क साथ अदर न जाए नोजल म म ह

स फक भी न मार 8 क टनाशक का भाव शर र पर दखत ह तरत डॉ टर क पास जाव

द क टनाशक काम म लन क बाद 1 छड़काव क तरत बाद साबन स नान कर तथा कपड़ को धोय 2 छड़काव य को साबन क घोल स अ छ तरह साफ करक रख 3 खाल ड ब को तोड़कर म ी म गाढ़ द बच ह ए क टनाशक को सर त थान पर

ताल म रख 4 छड़काव कए ह ए खत मन घम तथा पशओको दर रख 5 फल-सि जया व हर चार को छड़काव क बाद 8-10 दन तक काम म न लव

85 भारत म व भ न फसल पर रसाय नक क टनाशक का उपयोग स फसल फसल फल

( तशत) क टनाशक उपयोग

( तशत) 1 कपास 5 54 2 धान (चावल) 24 17 3 फल एव सि जया 3 13 4 धान दलहन एव तलहन 58 2 5 ग ना 2 3 6 बागानी फसल 2 8 7 अ य 6 3

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कपास क म य हा नकारक क ट का आ थक दहल ज सीमा (ईट एल) स फसल फसल क अव था

( दन म) क टनाशक उपयोग

( तशत) 1 हारा तला 1-50 दो हरा तला त प ती 2 ए फड (चपा) 1-50 10-20 तशत पौध का सत

होना या 50 तशत पौध क शहदनमा चप चपा पदाथ होना (10 चपा त प ती

3 ी स या रसाद क ट

1-30 10 क ट प ती या 15-20 तशत पौध का सत होना

4 कपास क सफ़द म खी

30-110 8-10 य क प ती सफद म खी या 20 शश प ती

5 ध बदार सडी 35-110 5-10 तशत बाल म कोप 6 गलाबी सडी 65-110 5-10 तशत बाल म कोप 7 अम रकन बॉलवम 25-60 1 अ डा प ती या 5-10 बालवम

तशत बाल म कोप 8 तना घन 65-110 1-2 सडी ाम म ी या 10 तशत

स अ धक बाल म कोप 9 स क म (नमटोडा) 25-60 1-2 सडी त ाम म ी म

86 घान क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 घान क फदका (बीपीएच ड लबीपी 2 तना छदक 3 घान का ह पा 4 फड़का ( ास होपर 5 त बाक क स डी 6 गधी बग आ द समि वत क ट ब ध 1 भ मगत एव सस ताव था म पड़ क ड़ तथा हा नकारक जीवाणओ को न ट करन क लय

खत क ग मय म गहर जताई करनी चा हय तथा फसल क अवशष व खपतवार को नकाल कर न ट कर

2 क ट तरोधी क म क व थ बीज क उपचा रत करक बवाई कर 3 ारि भक अव था म क ड़ क कोप स बचन क लय पौध क जड़ को लोरोपायर फास

क घोल म डबोकर तथा शीष भाग को काट कर रोपाई कर

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4 सत लत मा ा म उवरक का योग तथा समय पर सचाई कर पौध स पौध क दर थोड़ी यादा रख ता क पौध क ज द बढ़वार हो सक िजसस पौध म क ड़ क त सहनशीलता

बढ़ जाती ह 5 म क ड़ को आक षत करन क लय अ तश य या फसल च क प म अरहर क फसल

काम म लव 6 तना छदक क ट क अ ड समह को इक ा करक न ट कर तथा पौध क भा वत भाग को

भी काट कर जला दना चा हय 7 तना छदक शीष भदक आ द क ड़ क रोकथाम क लय परजीवी क ट टशईको ामा

जापो नकम 50000 त ह टर स ताह छः बार योग कर 8 क ट क कोप क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 9 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या आ थक नकसान सीमा

ईट एल पर पह च तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस फोरट कारबोफयरॉन मथाईल परा थयान ए डोस फान फा फो मडान आ द योग कर

87 कपास क सफल म समि वत क ट ब ध मख क टनाशी

1 सफद म खी 2 मोयला ए फड 3 हरा तला ज सड़ 4 अम रकन स डी 5 च तीदार स डी 6 गलाबी स डी आ द समि वत क ट ब ध 1 खत क गहर जताई करक फसल क अवशष तथा खपतवार को न ट कर 2 बीज को अ ल माह क अ त तक ध मत य मगसन कर दना चा हए 3 क ट तरोधी क म क व थ बीज काम म ल तथा बवाई स पव बीज को एक ल टर

सल य रक ए सड गधकका तजाब त10 क ा बीज तथा क टान 3 ाम त क ा क दर स उपचा रत कर

नोट - बीज को स फ रक ए सड स उपचा रत करन क तर त बाद साधारण पानी स अ छ तरह धोय 4 बवाई समय पर कर तथा उपय त फसल च अपनाय 5 म क ड़ लडी बड बीटल ाइसोपरला आ द को आक षत करन तथा श क ड़ को अ य

फसल पर आक षत करन क लए कपास क 10 लाइन क बीच अ तश य क प म 2 लाईन चवला या म का टप फसल क प म अर डी क बवाई क बवाई कर

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6 बालवम सि डया को कम करन क लय सि डय को हाथ स पकड़कर तथा भा वत फल बाल डोड एव शीष तन को काट कर नषअ कर

7 परभ ी प य जस कोआ मना आ द क बठन क लय 4-5 लकड़ी क अ ड त ह टयर बनाय

8 रस चसन वाल क ट दखाई दन पर ाईसोपरला 50000 त ह टयर तथा बालवम दखाई दन पर ाईको ामा चलो नस 15 लाख त ह टर एक स ताह क अतराल पर 5- 6 बार योग कर

9 अम रकन स डी तथा त बाक क स डी रोकथाम क लय एनपीवी 450 एलई त ह टर 15 दन क अतराल पर तीन बार योग कर

10 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 11 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान ए डोस फान फा फो मडान मोनो ोटोफास फनवलरट आ द योग कर

88 ग ना क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 सफद म खी 2 पाई रला 3 शीष भदक 4 तना भदक 5 जड़ भदक 6 सफद लट 7 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 क ट तरोधी क म क व थ ग न क टकड़ रोपाई हत काम म लव यान यह रख क

टकड़ का कटा हआ लाल व खोखला नह होना चा हय 2 ग न क टकड़ को बवाई स पव उबलत पानी म 2 घ ट तक डबोय तथा इसक बाद

01 तशत मला थयान एव 01 तशत बव ट न क घोल स उपचा रत कर 3 बवाई नधा रत दर पर 20 समी गहर लाईन म कर तथा समय समय पर खरपतपार

नकालन व म ी चढ़ान का काय कर 4 समय-समय पर फसल का न र ण करक क ट क अ ड समह भा वत पि तय आ द को

न ट कर 5 स त लत मा ा म खाद व उवरक को योग कर तथा सी मत मा ा म सचाई कर य क

अ धक पानी दन स सफद म खी पाई रला शीष भदक आ द का कोप बढ़ता ह

129

6 तना छदक शीष भदक आ द क ड़ क रोकथाम क लय रोपाई क 5-10 दन बाद ाईकोर ामा 50000 त ह टर 10 दन क अ तराल पर 8-10 बार तथा पाई रला क लय 3-4 लाख इ प रक नया त ह टर योग कर

7 क ड़ क कोप क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 8 फसल क अवशष को न ट करन क लय फसल को जमीन क सतह स बराबर स काट तथा

अवशष को जलाकर न ट कर 9 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस फोरट काब यरॉन ए डोस फान मोनो ोटोफास आ द योग कर

89 चना क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 फल छदन (ह लकोवरपा आरमीगीरा) 2 कटवम 3 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 भ मगत क ट सस ताव था म पड़ क ड़ क अ ड व शक खरपतवार तथा फसल क अवशष

को न ट करन क लय ग मय म खत क गहर जताई कर 2 क ट तरोधी क म बवाई क लय काम म लव 3 बीज को बवाई स पव थायरम 3 ाम क ा बीज व ाइकोडरमा 3-4 ाम त क ा बीज

क दर स उपचा रत कर 4 अ तश य क प म चन क 7 लाईन क बाद 2 लाइन सरस क बवाई कर 5 दो स तीन वष का बना दाल वाल फसल जस म का गह आ द क साथ फसल च

अपनाय 6 खत म च डया मना आ द प य को बठन क लय लकड़ी क अ ड बनाय ता क य लट

को पकड़कर खा सक 7 लाईट प व फरोमोन टordfप क सहायता स नर पतग को पकड़कर न ट कर 8 फल छदक क ारि भक अव था म ह एनपीवी 250 एलई त ह टर क दर स 10-

15 दन क अतराल पर तीन बार योग कर 9 क पो ल टस लोरायडी नामक परजीवी 10 - 20 लाख त ह टर क दर स 3-5 बार

योग कर 10 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 11 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान ए डोस फान मोना ोटोफास आ द योग कर

130

810 म का क फसल म समि वत क ट ब ध 1 तना छदक 2 मोयला (चपा) 3 श य क ट (आम वम) 4 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 फसल कटाई क बाद फसल क अवशष खरपतवार आ द को न ट करन क लय खत क

गहर जताई कर तथा भ मगत कड़ व सस ताव था म पड़ क ड़ को न ट करन क लय ग मय म जताई कर

2 द मक क कोप स बचन क लए गोबर क खाद को अ छ तरह सड़ा गलाकर योग कर तथा नय मत प स सचाई कर

3 क ट तरोधी क म क व थ बीज को उपचा रत करक बवाई क लय काम म लव 4 खाद व उवरक का योग सत लत मा ा म कर य क अ धक मा ा म नाइ ोजन य त

उवरक को योग करन म क ड़ का कोप बढ़ता ह 5 तना छदक क रोकथाम क लय परजीवी क ट ाको ामा 2 - 25 लाख त ह टयर क

दर स एक स ताह क अतराल पर 4-5 बार योग कर 6 मोयला क रोकथाम क लए लडी बड बीटल (को सी नला) 50-60 हजार त ह टर क दर

स योग कर 7 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 8 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल पह चती ह तो

सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान फोरट डोस फान मोनो ोटोफॉस आ द योग कर

811 सोयाबीन क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 तना म खी 2 सफद म खी 3 च भग (गडल बीटल) 4 समीलपर 5 त बाक क स डी 6 अम रकन स डी 7 बहार स डी 8 द मक आ द समि वत क ट ब ध

131

1 भ म म सष त अव था म पड़ क ड व खरपतवार को न ट करन क लय फसल क कटाई क तर त बाद व ग मय म खत क गहर जताई कर

2 फसल क बवाई जन क अ तम स ताह स जलाई क थम स ताह तक कर दनी चा हय 3 क ट तरोधी क म क बीज को उपचा रत करक बवाई कर 4 सत लत उवरक को योग कर य क अ धक न जन य त उवरक क योग स क ड़ का

कोप अ धक होता ह 5 फसल क ारि भक अव था म क ड़ क स या कम करन क लय क ट व रोग सत पौध

को जलाकर न ट कर 6 क ड़ क पतग को लाईट प व फरोमोन प क सहायता स पकड़कर न ट कर 7 ाइको ामा नामक परजीवी 10-20 लाख त ह टर क दर स 8-10 दन क अ तराल

पर 3-5 बार योग कर 8 सि डय क रोकथाम क लय एनपीवी 350 एलई या बीट 10 ल टर त ह टर क

दर स 10-15 दन क अ तराल पर 3-4 बार छड़काव करना चा हय 9 क ड़ क ारि भक अव था स ह नीम स बन क टनाशक का योग कर 10 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर नकसान दायक क ड़ क स या ईट एल

स यादा होती ह तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस डाइ मथोइट मोना ोटोफास ए सफट यना फास आ द योग कर

812 साराश क टनाशी क उपयोग न हमारसम बहआयामी खतर तत कय ह इसक उपयोग स भ म जल वाय आहार आ द म दषण बढ़ रहा ह इसी क साथ क त म ज वक अस तलन म व ह ई ह हा नकारक क ट जीवाण फफद आ द क नय ण का उपयोग म लाय जान वाल पौध सर ण रसायन हमार म क ट फफद जीवाण आ द को भी न ट कर दत ह वय हा नकारक क ट म भी व भ न क ट नाशक रसायन क त तरोधता म नर तर व होती रहगी सि जया अ ड मास मछल यहा तक क मा क दध जस वश पदाथ म भी क टनाशक दवाओ क अवशष पाय गय ह िजनका मानव वा य पर द षत भाव दखाई द रहा ह दश म इस समय लगभग क ट- या धया स क म और खरपतवार नय ण क लय लगभग 6-7 हजार करोड़ पय क क टनाशी त वष काम म लय जा रह ह वष 1980 म न ब हजार अन क टना शय का भारत म उपयोग कया जाता था िजसक इस शता द क अ त तक दो लाख टन हो जान क स भावना ह

813 बोध न 1 एक कत क ट बध क पाच म य स ा त का वणन क िजए 2 धान क फसल म एक कत क ट बध समझाइए 3 कपास क एक कत क ट बध समझाइए

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4 सायाबीन क फसल म न न म स कौनसा परजीवी एक कत क ट बध म योग कया जात ह

अ ाइको ाम ब राइजो बयम स दोन द कोई नह 5 या क एवम भौ तक नय ण म न न म स कसका योग कया जात ह 6 ट काष पच स दोनो 7 स फरोम स प द कोई नह

814 सदभ साम ी 8 Reddy TY and Reddy GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani publishers New Dehli 9 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 10 Singh Chiidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Dehli 11 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Dehli 12 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 13 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 14 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

133

इकाई 9 क टनाशक छड़काव क उपकरण

इकाई क परखा 90 उ य 91 तावना 92 य का वग करण 93 फहार य (Sprayers) - 94 नोिज स (Nozzles) 95 ड टस (Dusters) 96 यग एव डि टग का तलना मक अ ययन 97 ध ण य (Fumigators) 98 कट- वष सारण य क योग करत समय सावधा नया 99 छड़काव प प व नोजल क दख रख 910 सर ा मक तर क स खरपतवार नाशक का रखरखाव 911 साराश 912 बोध न 913 सदभ साम ी

90 उ य इस इकाई को पढ़न क बाद आप इस यो य हो सकग क -

क टनाशक क छड़काव म इ तमाल व भ न उपकरण का ान ा त कर सकग फहार य (Sprayers) नोज स (Nozzles) ड टस (Dustors) ध ण य

(Funigaotes) आ द क बार म जानकार ा त कर पाऐग इन य को योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए

91 तावना क ट- वष सारण य क मता (Efficiency) तथा यो यता (Ability) इस बात पर नभर होती ह क उसक सहायता स कम स कम दवा योग करक अ धक स अ धक क ट को मारा जा सक यह तभी सभव ह जब य य क ट वष को बराबर मा ा म काफ दर फला सक इस उ य क प त क लय व भ न कार क क टना शय क लय भ न- भ न कार क य योग कय जात ह - (1) छड़काव करन क लय - यस (Sprayers) या फहार य (2) धल का बरकाव करन क लय - ड टस (Dusters) या बरकाव य

134

(3) ध क पदाथ क लय - यमीगटस (Fumigators) या ध ण य अ धक योग म आन वाल य को हम न न चाट वारा द शत कर सकत ह -

92 य का वग करण

1 उदर वष क योग म यान रख क उपचा रत पौध क यक भाग म वष फहार पहच जाऐ

2 य द पश वष योग कया जा रहा ह तथा योग क समय य स वष चन लग तो छड़काव तर त ब द कर दना चा हऐ

3 क ट वष क छड़कन का समय क ट क वकास क साथ ह सह समय पर कया जाऐ 4 वषा ऋत म छड़काव नह करना चा हए 5 वष को ब च क पहच स दर रख 6 फहार य तथा उनक भाग क छड़काव स पहल तथा बाद म उ चत दखभाल रखनी

चा हय ता क उसम जग न लग 7 दवा को अ छ कार घोल लना चा हए ता क सभी जगह समान दवा क मा ा पह च

93 फहार य (Sprayers) - इन य क वारा क ट- वष को व प म योग कया जाता ह एक फहार य म

न न ल खत गण होन चा हए - 1 व को समान प स उपचा रत व त पर फला द 2 फहार य ऐसी धात का बना हो िजस पर क टनाशी- वष क रसाय नक या न हो

तथा साथ ह साथ मजबत हो 3 बनावट साधारण हो तथा सफाई आ द क लय आसानी स खोला जा सक 4 कम स कम समय म अ धकतम म फहार कर सक

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5 घोल को अ त स म बद म तोड़कर उ ह अ धक स अ धक थान ( फल) पर पहचा कर समान फहार डाल

6 यथ ट दर पर ऊचाई तक फहार को पहचा सक 7 भ म पर घोल टपकन तथा गरन स बचाय

यहा पर कछ च लत ह तचा लत फहार य जो बाजार म आसानी स मलत ह दय जा रह ह

1 हड आटोमाइजर ि लट प प - घरल काय क लय वशषकर मि खय म छर आ द को मारन क लए क टनाशी छड़कन म इसका योग अ धकता स कया जाता ह इसस छड़काव लगातार नह होता बि क जब पचकार को हाथ स दबात ह तभी फहार नकलती ह इसक न न ल खत भाग होत ह (अ) नाल (Barrel)- यह बलनाकार खोखल 25 समी ल बी तथा 4 समी यास वाल

ट न क नल ह इसक नीच रहन वाल सर पर एक टोपी (Barrel-cap) लगी होती ह इसका ऊपर भाग ब द होता ह तथा उसम कवल एक छद होता ह लजर रोड उपर नीच ल जाया जाता ह नल क दसर सर क नचल भाग पर एक टक होती ह जो क नल स जड़ी होती ह नल का अगला सरा ब द होता ह उसम बीच -बीच कवल एक छोटा छ होता ह िजस नोिजल (Nozzle) कहत ह टक म उनक ढ कन क बीच स होकर एक 3 ममी यास वाल नल उपर नकल होती ह जो क नाल (Barrel) क अगल सर पर खलती ह यह पतल नल दोन सर पर खल होती ह इस डलवर यब कहत ह यह व को टक स फहार क प म फकती ह बरल क पछल सर क पास एक 4 मल यास का छ होता ह िजसस हवा का आवागमन होता ह

(ब) नाल टोपी (Barrel-cap)- जसा क पीछ बताया गया ह क बरल का पछला सरा एक टोपी स ब द रहता ह िजस नाल टोपी कहत ह इन टोपी क म य म एक छद होता ह िजसस होकर लजर आता ह

(स) लजर (Plunger) - यह ायः 6 ममी यास क तार का बना होता ह िजसक पछल सर पर लकड़ी का एक हि डल लगा रहता ह िजसको पकड़कर लजर को आग तथा पीछ क ओर खीचा तथा दबाया जाता ह लजर क आग सर पर एक चमड़ का वाशर लाक नट (Lock nut) और गोलाकार चपट लट वारा कसा रहता ह वासर नाल क द वार स सटा रहता ह

(द) टक (Tank) - यह दवात क समान छोट गोलाकार ट न क बनी होती ह इसक उपर भाग म एक बड़ा छद होता ह िजस फ टर होल (Filter hole) कहत ह इसी स टक क अ दर व भरा जाता ह यह छद वाल ढ कन स ब द रहता ह िजसको फ टर कप कहत ह टक क कप म होकर एक पतल नल जाती ह इसको चषक नल (Dip tube) या ड लवर यब (Delivery Tube) कहत ह

काय व ध - टक म फ टर होल क वारा योग होन वाल व को भरकर फ टर कप को अ छ तरह कस दत ह अब लजर को हि डल क सहायता स अपनी ओर खीचत ह िजसस

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नाल क अगल भाग म उपर ि थत छद क वारा बह त सी हवा वाशर क सर स होकर अ दर आ जाती ह लजर को दबात ह अगल भाग म भर ह ई हवा का दबाव पड़ता ह िजसस वह ड लवर यब क उपर स होकर जाती ह फल व प टक स ड लवर यब स व पदाथ खचकर नोिजल तक जाता ह जहा प प क तज हवा व को छोट-छोट कण म तोड़कर फहार (Spray) उ प न करती ह इस कार लजर को उपर-नीच चलान स लगातार फहार नकलती रहती ह

2 ह ड क शन यर (Hand compression spreyer) - इस कार क फहार य

सरल बनावट क तथा अ धकता स योग म लाय जात ह इस कार क यर को लगातार हाथ स नह चलाना पड़ता बि क एक बार कछ वाय दबाव इसम स चत हो जाता ह िजसस कछ समय तक लगातार फहार नकलती रहती ह इसक न न ल खत भाग होत ह - (क) टक - यह पीतल या ताब क बनी ह ई बलनाकार होती ह िजसका उपर सरा

उ नतोदर (Convex) होता ह इसक ऊपर भाग म तीन बड़ छ होत ह बीच वाल छद म प प जड़ा होता ह दसरा छद फलर छद (Filler hole) कहलाता ह इसी क वारा टक म व भरत ह यह वाल ढ कन स िजस फलर कप (Filler cap) कहत ह ब द रहता ह तीसर छद म एक दबाव मापक य (Pressure gauge) लगा होता ह जो टक क अ दर का दबाव बताता ह टक क नचल भाग म एक न लका होती ह िजस ड लवर यब कहत ह यह न लका तल क बाहर समाना तर चलकर पीतल क एक दसर नल लस (Lance) स जड़ी होती ह दोन न लय क जोड़ पर व क बहाव को ब द करन तथा खोलन क लय एक कॉक (Cut off cock) लगी होती ह टक क पद म एक ट ड लगा होता ह िजस पर मड़ी ह ई व ट (Waste plate) लगी होती ह टक क ऊपर भाग म एक व ताकार प ती लगी होती ह िजस पर दो कड (Bucklets) िजन पर एक फ ता (Strap) लगा होता ह फ त क सर पर एक काटा होता ह जो क व ट लट म फस जात ह (ख) (Pump) - यह टक म लगा होता ह तथा ठ क फटबाल प प क स ा त पर काय करता ह इसका आधा भाग टक क अ दर लटका रहता ह तथा बाहर कवल लजर ह था तथा लजर ि ग ह दखाई पड़ती ह टक क अ दर इसक नाल (Pump barrel) कपाट (Valve) तथा

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गोल वाला कपाट (Ball Valve) आ द भाग होत ह गोल बा व हवा स बाहर जान दता ह पर त उसको अ दर वापस नह आन दता

(ग) फहार करन वाल भाग (Spraying Parts) - लस क अगल सर स एक रबड़ या लाि टक क 12 ममी यास वाल नल जो लगभग 1 मीटर ल बी होती ह जडी रहती ह इस ल बी नल को होज कहत ह होज क अगल सर पर एक पीतल क नल होती ह िजस पकड़कर फहार करत ह इसम एक गर कट ऑफ वा व (Trigger cut off valve) लगा होता ह िजस घमान पर फहारा खलता और ब द होता ह इस पीतल वाल नल क अगल सर पर एक 6 ममी वाल पतल नल होती ह जो ए सट सन रोड (Extension rod) कहलाती ह इसक सर पर फहार बनान क लऐ नोिजल (Nozzle) लगा होता ह काय व ध - सव थम फलर कप को खोलकर छलनीदार क प स घोल भर दत ह घोल सदव टक क 34 भाग आयतन क बराबर ह भरत ह अब फलर कप को अ छ तरह स ब द कर दत ह तथा प प को चलाकर 55 स 60 प ड त वग इच तक करन क लय हवा भरत ह अब प प क पास लगी ह ई कट ऑफ कॉक खोल दत ह तो व होज म आ जाता ह जब फहार करना होता ह तो ए सट सन राड क आधार पर लगी हई कट ऑफ कॉक खोलत ह तो व नोिजल स फहार क प म नकलन लगता ह

3 ि टरफ या कट प प (Striup or bucket pump) - यह साधारण कार का हाइ ो लक यर (Hydraulic sprayer) ह जो छोट व झा डय तथा घर म म छर मारन क लय डीडीट छड़कन क लय योग कया जाता ह इस प प को बा ट म

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भर घोल पर रखकर चलात ह इसक म य भाग प प ड चाज लाइन और लोह का बना हआ ि टरप ह इसको चलान क लय प प को बा ट म लटका कर रखत ह तथा ि टरप को बा ट स बाहर पर स दबाकर ह थ को मशः उपर-नीच चलात ह दसरा आदमी ड चाज लाइन स छडकाव करता ह

4 नपसक यर (Knapsack Sprayer) - इसक टक ताब या पीतल क बनी होती ह

या कछ चपट होती ह तथा इसी म प प होता ह नपसक यर पीठ पर लाद लया जाता ह इसक मता 25 ल टर होती ह कायकता एक हाथ स हि डल चलाता ह तथा दसर स छडकाव करता ह इसम दबाव बनाए रखन क लऐ प प को लगातार चलाया जाता ह िजसम समान मा ा म फहार नकलती रहती ह एक आदमी इस कार क

यर स एक दन म 2 ह टयर तक कर सकता ह यह छोट व झा डय तथा कतार म लगी फसल क लए य त होता ह

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5 फट यर (Foot sprayer) - इसम प प एक लोह क ढाच म इस कार स लगाया जाता ह क प प का लजर पडल स जड़ा रहता ह अतः पडल पर पर रखकर इसको चलात ह इस कार इसम भी दो आद मय क आव यकता पड़ती ह एक आदमी पर स प प चलाता ह तथा दसरा डलवर लाइन स छडकाव करता ह डलवर लाइन 15 या 20 मीटर क होती ह

6 पावर यर (Power Sprayer) - उपय त कार क मशीन का सी मत म ह योग कया जा सकता ह िजस समय 120 ल टर व वष 7 स 14 क ा त वग समी दबाव स त ह टयर क दर स योग करना ह तो पावर यस क आव यकता होती ह पावर यस मोट तौर पर तीन कार क होत ह

1 Engine mounted power sprayer

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2 Tractor mounted power sprayer 3 Aeroplane sprayer

इसको उनक मता तथा गण क आधार पर न न कार म वभािजत कर सकत ह 1 Low concentration and high volume sprayer 2 High concentration and low volume sprayer 3 Mist blowers and fog or aerosols generator

7 लो क स शन ए ड हाई वो यम यर - यह सबस सरलतम कार क पावर यर ह जो प ोल या डीजल स चलत ह इनक क टनर स 10 स 270 ल टर तक आ जाता ह म एजीटटर लग होन क कारण व 35-42 क ा त वग समी क दबाव स नकलता ह इस कार क यस म जसा नाम स प ट ह दवा क सा ता कम रखत ह तथा पानी क मा ा अ धक योग होती ह इनस ऊच पड़ आ द पर भी आसानी क साथ कया जा सकता ह य क इसम ब स (Spray booms) या हाइडो लक टावस (Hydraulic towers) लगी होती ह

8 हाई क स टशन ए ड लो वो यम पयर - जसा नाम स प ट ह इनम दवा क मा ा अ धक तथा पानी क मा ा ब कल कम या नह क बराबर य त होती ह ायः इस कार क यस क लय अलग स ह दवाओ का Formulation बनाया जाता ह जो क

इम सन प म होत ह इनक नोिज स मजबत तथा ज टल होत ह िजसम 7 क ा त वग समी दबाव स काफ बार क ब द क प म नकलता ह दबाव उ प न

करन क लय इनम ोपलर टरबाइन होता ह 9 म ट लोअस एव फोक या ऐरोसो स जनरटर - यह भी उपय त क तरह काय करत

ह पर त इनक वारा नकला हआ म ट (कोहर) क प म होता ह िजसम कण का आकार 50 स 100micro होता ह फोक या एर सो स जनरटर का योग वाययान स करत समय कया जाता ह

94 नोिज स (छ रसम) - य कई कार क होत ह तथा इ ह क बनावट एव क म क आधार पर पयर क

मता नभर करती ह एक सामा य नोिजल म न न भाग होत ह - 1 आधार (Base) 2 हल (Whirl) 3 वाशर (Washer) 4 ड क (Disc) 5 कप (Cap)

आजकल न न कार क नोिज स उपल ध ह िजनको आव यकतानसार योग कया जा सकता ह -

1 Swirling jet nozzle

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2 Disc nozzle 3 Ferm nozzle 4 Flat spray nozzle 5 Vermorel nozzle 6 Solid cone nozzle 7 Jet nozzle 8 Hollow cone nozzle

95 ड टस ( नजमत) - य ऐस य ह िजसक वारा सख ाणी वष धल क प म बरकाय या फलाय जात ह कछ सामा य ह त च लत ड टस न न ह - 1 ल जर ड टस (Plunger dusters) - इनक रचना ि लट प प क तरह होती ह य ट न

अथवा धात क लगभग 75 समी ल ब तथा 7 समी यास यास क बन होत ह इनका क टनर दो भाग म बटा होता ह - पहला ऊपर भाग िजसम प प लगा होता ह तथा दसरा नचला भाग िजसम ड ट ( वष धल) भरा जाता ह इसी भाग म ड चाज यब का नोिजल लगा होता ह जब प प क पल जर पर लग हि डल को उपर क ओर खीचत ह तो वाय क टनर क उपर भाग म व ट होती ह तथा हि डल को दबान स वह वाय दबकर ड ट क टनर म पहचकर वष धल को नोिजल स बाहर नकालती ह इस कार क उपकरण का योग छोट थान म करत ह

2 धौकनी वाल ड टस (Bellow dustrers) - इस कार क ड टर काफ सरल रचना वाल होत ह इनम एक उचा टक या क टनर होता ह िजसक ऊपर ढ कन पर हारमो नयम क परद अथवा लहार क ध कनी क समान रबर या चमड़ क ध कनी लगी होती ह इस ध कनी को हि डल वारा चलाकर हवा वा हत करत ह फल व प क टनर क अ दर हवा पर दबाव पड़न स वष धल ड चाज यब स होती ह ई नोिजल स नकलती ह

3 ह ड रोटर ड टस (Hand rotary dustrers) - इस कार क ड टस बनावट क आधार पर दो कार क होत ह पहला गोल होता ह जो काय क समय कायकता क सीन पर फट कया जाता ह दसरा अप ाकत ल बा होता ह जो काय क समय कायकता क बाय पा व (Side) म फट होता ह दोन क काय व ध तथा भाग समान ह

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एक सामा य रोटर ड टर क चार भाग होत ह ndash 1 हापर या क टनर (Hopper or container) 2 गयर बा स (Gear box) 3 लोहर (Blower) 4 ड चाज स टम (Discharge system)

क टनर - यह एक म अथात डालडा क गोल ड ब जसा होता ह िजसम 5-6 कलो वष धल भर जा सकती ह ऊपर स यह एक ढ कन वारा ब द रहता ह पछल सर पर व लट (Breast plate) लगी होती ह नीच क ओर इसम एक खोखल धात क नल िजस स शन पाइप (Suction pipe) कहत ह लगी होती ह इसका स ब ध पख क बा स (Fan box) स रहता ह क टनर क अ दर तल क ओर एक मथनी (Agitator) या श लगा होता ह इस श या एजीटटर का स ब ध एक ठोस धात क छड़ (Shaft crak) स होता ह क टनर म एक न कासन छ (Exit-hole) होता ह िजसस वष धल लोअर क जाती ह स सन पाइप क म य म एक फ ड़ रगलटर (Feed regulator) लगा होता ह िजस क वारा न कासन छ क आकार को घटा-बढा कर वष धल क मा ा को नयि त कया जाता ह गयर बा स - यह क टनर क दायी ओर होता ह इसम चार गयर लग होत ह सबस बड़ा गयर क शा ट स जड़ा होता ह इसी कार क अ य गयर पर पर स बि धत बड़ छोट म म

लग होत ह इन गयस का स ब ध बाहर क ओर एक हि डल स होता ह हि डल को चलान स य सभी गयर घमन लगत ह सबस बड़ गयर क एक राउ ड पर चौथा गयर कई बार घम जाता ह फल व प पखा बड़ी तजी स चलता ह लोअर - यह एक श द बा स होता ह जो स सन पाइपर क साथ दसर कनार पर लगा होता ह यह आग क ओर लगभग 30 समी यास क टोट वारा खलता ह इस बा स क म य म एक पखा लगा होता ह िजसम पाच पख डया (Blades) होती ह ल स हवा को क स बाहर तथा आग क ओर फकती ह फल व प बा स म श य थान (vacuum) बन जाता ह इस श य थान क प त क टनर स आन वाल वष धल तथा जाल स आन वाल हवा करती ह ड चाज स टम - फन बा स क उपर क ओर खोखल नल को ड चाज पाईप कहत ह इस पाइप क सर पर बाहर क और फन क आक त का नोिजल लगा होता ह जो उपर स ढका रहता ह पर त नीच क ओर खलता ह ता क वष धल उपर क ओर न गरकर नीच क तरफ गर कछ ड टस म वभाजी न लका (Y-attachment) लगी होती ह इसस धल करण कछ ज द होती ह काय व ध - सव थम क टनर क अ दर 34 भाग तक वष धल भर जाती ह फर ड टर को क ध या सीन पर रखकर फ त (Straps) क सहायता स कस दत ह अब हि डल को घमात ह फल व प गयस व पखा तजी स घमन लगत ह साथ म एजीटटर क राड (Shaft) भी घमती ह िजसस वषधल मथकर तजी स क टनर क नल क छ वारा स शन पाइप म आन लगती ह पख क तजी स घमन क कारण उ प न ह य श य थान पर दबाव क कारण वष क ग त

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हि डल वारा गयस क ग त पर नभर करती ह इस कार स लगातार हि डल घमात रहन स लगातार (Continuous) वष धल नकलती रहती ह पावर ड टर (Power duster) - िजस समय व तत म डि टग का काम करना होता ह तो पावर ड टर क आव यकता होती ह इनम 15 हास पावर स लकर 5 हास पावर क शि त का प ोल या डीजल स चलन वाला इ जन योग कया जाता ह इसम एक या दो ड चाज पाइप लगी होती ह िजनस वष धल 300 स 390 कमी त घ ट क ग त स नकलती ह इसक मा ा और ग त को नयि त करन क लय आव यक य लग होत ह िजसक सहायता स ग त को कम या अ धक कया जा सकता ह

96 यग एव डि टग का तलना मक अ ययन

1 यग का ायः त इकाई म भावकार त व (Active ingredient) का म य कम होता ह जब क डि टग म यादा होता ह

2 यग म व पण (Desposition) सभी थान पर एक समान होता ह जब क डि टग म कह यादा कह कम दवा पह चती ह

3 यग वारा योग क गई दवाओ का अवशष भाव कम समय तक रहता ह 4 यग पर हवा का यादा भाव नह पड़ता जब क डि टग म हवा मह वपण थान

रखती ह 5 यग क अप ा डि टग क लागत कम होती ह 6 यग करन वाल य ड टस क अप ा भार तथा अ धक क मती होत ह 7 डि टग करन म पानी क आव यकता नह पड़ती जब क यग म यह आव यक ह 8 डि टग क लय ातःकाल का समय उपय त होता ह जब क यग क लय शाम का

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97 ध ण य (Fumigators) यह ऐस य ह िजनका योग ध ण वष क लय कया जाता ह अपन दश म

अ धकतर साइन गस प प योग कया जाता ह अतः उसी का वणन कया गया ह साइन गस प प (Cynogas pump) - इनक बनावट सरल होती ह यह ायः साइन गस अथवा कि शयम साइनाइड पाउडर को प प करन क लय योग कया जाता ह इसक न न ल खत भाग होत ह - प प नाम (Pump cylinder) - यह लगभग 45 समी ल बी 712 समी यास वाल पीतल क नल होती ह जो उपर सर क टोपी (Pump cap) वारा ब द रहती ह इसका नचला सरा एक पतल ट ट वारा काच क बोतल म खलता ह िजसम पाउडर भरा जाता ह प प नाल तथा बोतल क बीच एक कपाट (Valve) होता ह यह हवा क बोतल म आन दता ह पर त प प नाल म जान स रोकता ह

प प नाल क आधार क पास एक डलवर यब लगी होती ह िजसका स ब ध बोतल स होता ह इसी यब स होकर पाउडर म त हवा बाहर नकलती ह प प नाल क नीच एक लोह क प ती lsquolsquoरकाबrsquorsquo (Foot rest) लगी होती ह िजस पर पर रखकर प प को चलात ह

डल वर यब स लाि टक का डल वर होज (Delivery hose) लगा होता ह िजसस लगभग 30 समी ल बी पीतल क नल लगी होती ह िजस लास (Lance) कहत ह

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2 लजर राड (Plunger rod) - इसक ऊपर सर पर लकड़ी का हि डल लगा होता ह तथा दसर सर पर चमड़ का कपाट (Leather valve) होता ह जो वासर स साई कल क प प क तरह जड़ा रहता ह

काय व ध - बोतल का 34 भाग कि शयम साइनाइड स भर दत ह तथा िजस थान पर ध ीकरण करना होता ह लॉस को वहा पर रखकर हि डल को चलात ह िजसस प प क चलन पर पाउडर बाहर नकलता ह

98 कट- वष सारण य क योग करत समय सावधा नया क ट- वष सारण य क योग करन क समय न न ल खत सावधा नया रखनी चा हय - 1 योग करन स पहल य क नट बो ट अ छ तरह कस लन चा हय तथा ल कज

इ या द को दखकर ठ क कर ल 2 चलन वाल सामा य भाग म तल ीस आ द लगा ल ता क चलात समय आसानी रह 3 रबर तथा लाि टक क यब को यादा न म ड़ जहा तक स भव हो सीध रख ता क

टट नह तथा योग क बाद उसको ठ क कार स समट कर रख 4 योग करन क प चात नोिजल टक तथा क टनर को हमशा साफ करन क प चात

सखाकर रख ता क जग न लग 5 योग करत समय क टनर क कल मता का 34 भाग ह दवा स भर 6 योग करत समय शर का उ चत दबाव रखना चा हय तथा यान रह क हवा का

दबाव यादा न हो य क इसस टक फट सकती ह तथा कम भी न रह िजसस व फोस क साथ नह नकलगा िजसस नह हो पायगा

7 पावर य म तल क एक नि चत मा ा (ल वल) रख 8 िजस समय य योग म न आ रह हो तो उसक भाग को खोलकर अलग-अलग ीस

इ या द लगाकर उ चत थान पर रख

99 छड़काव प प व नोजल क दख रख 1 छड़काव प प को इ तमाल करन क पहल व बाद म अ छ तरह पानी स धो ल 2 नोजल म य द कावट आ रह हो तो उस बदल ल या साफ पानी स धो ल नोजल क

छद म म ह स हवा ना द और ना ह कसी व त स (चाक आ द) छद खोलन क को षष कर

3 नोजल क समय समय पर जाच करत रह और साल म एक बार इस बदल ल 4 जब छड़काव प प को रखना हो तो उस डटरज ट स अ छ तरह धो ल और पानी स

काफ बार धो ल ता क डटरज ट पर तरह स प प नकल जाऐ छड़काव टक को सखा कर उसका म ह खोल कर रख ता क हवा उसम आती जाती रह

5 छड़काव प प क अ य ह स को अ छ स तल या ीस लगाऐ 6 हो सक तो पप को टाग कर रख ता क चह उस नकसान ना पह चा सक

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910 सर ा मक तर क स खरपतवार नाशक का रखरखाव 1 खरपतवार नाशक क लबल को अ छ स पढ़ ल तथा उस पर लख नदष और

सावधा नय का पालन कर लबल पर खरपतवार नाशक का रासाय नक नाम स य त व सशो धत मा ा व सावधा नया लखी होती ह

2 आख मह चमड़ी वास स लगातार यादा समय तक खरपतवार नाशक का स पक ना रख

3 शर र पर खरपतवार नाशक लग जाऐ तो उस तर त साबन स धो ल 4 खरपतवार नाशक का इ तमाल करत व त ध पान या भोजन ना कर 5 हवा क वप रत दशा म छड़काव ना कर 6 छड़काव क समय चहर को कपड़ स बाध कर रख 7 य द चमड़ी म खजल लाल होना च कर आना उ ट आ द होन लग तो तर त डॉ टर

स स पक कर 8 खरपतवार नाशक क खाल बोतल को न ट कर द तथा इस कसी अ य काम क लए

दोबारा इ तमाल ना कर 9 खरपतवार नाशक क साथ गदा पानी ना मलाए 10 खरपतावार नाशक का उसी क ड ब म ताल म खान म सामान व ब च स दर रख

ाथ मक उपचार खरपतवार नाषक को नगल लन पर उ ट कराय य द उ ट ना हो रह हो तो अगल को म ह म डाल कर या गरम पानी म नमक या चारकोल मला कर पताऐ गभीर हालत होन पर तरत डा टर को बलाऐ मर ज को खल हवा म रख

911 साराश क टनाशक क छड़काव क लए म यतः तीन कार क य का योग होता ह जस क कार क य का योग होता ह जस क 1 यर का फहार य िजसस क ट- वष को व प वारा योग कया जाता ह 2 ड टस वारा सख ाणी वष धल क प म बरकाऐ जात ह 3 ध ण

य का योग ध ण वष क लए कया जाता ह व भ न कार क नोिज स का योग कया जाता ह

912 बोध न 1 ह ड क पशन यर का नामा कत च बनाकर काय व ध का वणन क िजए 2 क ट वष सारण य क योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए 3 न न म स कौनसा ह तच लत यर का उदाहरण ह

अ लोवर यर ब आटोमाइजर स हाइ ो लक पावर यर द उपरो त सभी

4 नपसक यर क मता कतनी होती ह

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अ 15 ल टर ब 25 ल टर स 35 ल टर द 50 ल टर

5 कस य का योग ध ण वष क लए कया जाता ह अ यर ब ड टस स फमीगटस द कोई नह

913 सदभ साम ी 15 ReddyTY and ReddiGHS2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 16 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 17 Singh Chhadda 1999 Modern Techniques of Raising Field

Crops Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi

18 Singh SS 1993Crop Management under Irrigated and Rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

19 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार (03) 54-63

20 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स त एव फसलरामा पि ल शग हाउसए मरठ

21 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

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इकाई 10 पादप रोग व ान का इ तहास एव स ा त

इकाई क परखा 100 उ य 101 तावना 102 पादप रोग व ान या ह 103 पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म मह व 104 पादप रोग व ान का उ तरदा य व 105 पौध म रोग क धारणा 106 पौध म रोग क प रभाषा 107 पादप रोग व ान का इ तहास 108 आध नक भारत म पादप रोग व ान का इ तहास 109 पादप रोग बध क सामा य स ा त 1010 साराश 1011 अ यास न 1012 सदभ साम ी

100 उ य इस इकाई क अ ययन क उपरा त आप यह जान पाऐग -

पादप रोग व ान तथा उसक काय पादप रोग का इ तहास पादप रोग बध क सामा य सदात

101 तावना इस प वी पर रहन वाल सम त स म एव बड़ जीव क म य सम या वा तव म भख

क ह इस अ चकर अव था स बचन क लय ह यह जीव अपन जीवन का अ धकाश समय भोजन को ा त करन क यास म यतीत करत ह य द वा त वक प द दखा जाय जो मानव-जा त का इ तहास कछ भी नह ह अ पत वह उसक भोजन क ाि त क लय कय गय यास का लखा-जोखा मा ह य य प इसम स अ धकाश इसको स य नह मानत ह पर त य द हम मन य-जा त क पव ऐ तहा सक दन स लकर आज तक क या-कलाप का अवलोकन कर तो हम पता चलगा क उसका य अथवा अ य प स पट क सम या स रत रहा ह आ द काल स ह मन य अपना भाजन पौध और ज तओ स ा त करता चला आ रहा ह जब क ज त पण प स यतीत करता ह हमार द नक भोजन क लय अनाज दाल सि जया फल मसाल तल इ या द भी पौध स ह मलत ह िजन ज तओ स हम मास दध अ डा इ या द

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ा त होत ह वह भी पौध स ह अपना भोजन लत ह यह नह रलगा डय को चलान क लय प ोल डीजल और उवरक को बनान म सहायक न था इ या द क उ प त भी वा तव म पौध स ह होती ह इस कार हम दखत ह क हमार द नक योग म आन वाल लगभग सभी व तए हम य या अ य प म पौध स ह ा त होती ह अतः य द पौध को उ प न करन म कोई व त अथवा जीव बाधा पहचाता ह तो वह कवल पौध क लय ह नह अ पत हमार लय भी प ट प स हा नकाकरक ह

इस प वी पर जव त म एक ग तशील स तलन होता ह मन य अपना जीवन आराम म यतीत करन क लय इस स तलन म अनक बाधाय उ प न करक फसल को उगाता ह आध नक क ष अथवा फसल उ पादन वा तव म क ष व ान क व भ न शाखाओ म जा रह नवीन खोज का ह प रणाम ह वस तो फसल को उ प न करन म अनक ाक तक वपदाओ का सामना करना पड़ता ह पर त पादप रोग तकल मौसम खरपतवार और क ट नाशकजीव फसल क उ पादन म सबस बड़ खतर ह और इनम स कोई भी फसल को हा नक पह चाकर पदावार कम कर सकता ह पौध म रोग को उ प न करन वाल कारण भी दसर ा णय और मन य म उ प न होन वाल रोगो क कारण क समान ह होत ह य य प अ य जीव क भा त पौध म दःख और पीड़ा का अनभव करन क अभी तक नि चत माण नह मल ह पर त इनम भी रोग का वकास ज तओ एव मन य क समान ह होता ह

102 पादप रोग व न या ह पादप रोग व ान या फाइटोपथोलोजी (Plant Phytopathology) श द क उ पि त

ीक भाषा क तीन श द (i) फाइटॉन (Phyton) = Plant पादप (ii) पथॉस (Pathos) = suffering or aliments = पीड़ा या रोग (iii) लॉगोस या लॉगस (logoes ओर logus) = to study or knowledge = अ ययन या ान स ह ई ह िजसका अथ पादप रोग का अ ययन होता ह

प रभाषा (definition) - पादप रोग व ान क ष व ान वन प त या जीव व ान क वह शाखा ह िजसक अ तग त पादप रोग क कारण हतक उनस ह ई हा न तथा उनक नय ण उपाय का अ ययन कया जाता ह (Plant Pathology is that branch of Agriculture botanical or Biological science which deals with the study of the causes etiology resulting looser and control measures of plant diseases) यह व ान भी मन य स स बि धत च क साशा एव पशओ स स बि धत पश च क सा क समान ह होता ह उ य - इस व ान क न न ल खत मख उ य होत ह - 1 पादप रोग क जी वत अजी वत एव पयावरण कारण का अ ययन करना 2 रोगजनक वारा रोग वकास क या व ध का अ ययन करना 3 रोग क नय ण व धय को वक सत करना और पौध म उनक वारा होन वाल हा न को

कम करना

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103 पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म मह व पादप रोग व ान ायः एक यावहा रक या अन य त व ान क साथ-साथ एक सम वय

या सकलन का व ान ह इसक काय क प रभाषा दना बह त क ठन ह इस व ान क अ तगत पादप रोग सम या क यावहा रक समाधान आत ह यावहा रक तर पर एक फसल क दशन म कोई भी दोष पादप रोग व ानी क लय एक सम या बन सकता ह अतः पादप

रोग व ानी क दो मख उ य होत ह सव थम उस पादप रोग नवारण क स ा त को योग करक फसल म होन वाल हा नक को कम करना होता ह तथा दसर पादप रोग क स ा त क ान वारा उस ज वक व ान क गहर समझ का वकास करना होता ह स ाि तक रोग व ान

म स मजीव वारा उ प न रोग को अ धक मह व दया जाता ह जब क खत म रोग व ानी को अ य दसर कारक वारा उ प न अनक वकार को सामना करना पड़ता ह इस अव था म रोग व ानी को प रवार क डा टर क सामन ह माना जा सकता ह इस कारण स ह कछ यि त तक तक द सकत ह क खत या रोग व ान एक व ान क अप ा एक कला अ धक ह

पादप रोग व ान व ान क अ धकाश परानी एव नवीन शाखाओ स स बि धत ह पहल जब क इसका स ब ध कवल भौ तक व ान (Physics) रसायन व ान (Chemistry) वन प त व ान (Botany) एव ज त व ान (Zoology) स ह बना था उसी कार अब यह अणज वक (Molecularbiology) कवक व ान (Mycology) जीवाण व ान (Bacteriology) वषाण व ान (Virology) स क व ान (Nematology) पादप - शार रक (Plantanatomy) पादप का यक (Plant Physiology) आनव शक (Genetics) जव ौ यो गक या बायोट नोलोजी (Biotechnology) आनव शक इ जी नयर (Genetic

Engineering) जीवरसायन व ान (Biotechnology) उ यान व ान (Horticulture) वन व या या वा नक (Forestry) तथा मदा व ान (Soil Science) क साथ साथ मदा स म व ान (Soil Microbiology) स भी स बि धत ह तथा यह इन व ान स अनक लाभ ा त करता ह जो यि त पादप रोग व ान को अमल म लात ह उनका न कवल ज वक एव

क ष व ान को अ छा ाता होना आव यक ह अ पत उनक लय प टतः असब धत वषय जस मौसम व ान (Meterorology) अ भया क (Engineering) वाय व ान (Aerodynamics) एव अथशा (Economics) इ या द का जानकार होना भी आव यक ह

पादप रोग व ान का स ब ध पादप रोग क सम त पहलओ स होता ह अतः इसका काय मानव रोग व ान क अप ा अ धक व तत होता ह य क मानव रोग व ान मन य म उ प न बीमार क अनक पहलओ म स कसी एक स ह स बि धत होता ह (इसक दसर पहल वा य व ान जन वा य तर ा व ान उपचार या च क सा इ या द होत ह) य य प हाल क वष म पादप रोग व ा नय न भी मानव रोग व ान क समान ह पौध म रोग क कसी एक वशष पहल म वशष बनना आर भ कर दया ह कछ म य जस परपोषी एव रोगजनक क बीच रसाय नक आि वक तथा आनव शक तर पर होन वाल पा प रक

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याए पादप वषाण व ान कवकआ वषालकता का रसायनशा तथा रोग पवानमान णा लया इ या द म बह त अ धक ग त क गई ह यावहा रक ि ट स पादप र ण रसायन का वकास तथा रोग तरोधी क म क जनन क काय म बह त अ धक उ न त ह ई ह

वष 1993 म सम त व व क जनस या लगभग 557 अरब थी जो वष 2000 तक बढ़कर 62 अरब हो गयी सम त व व क वतमान जनस या लगभग 66 अरब ह जो 170 तशत वा षक व क दर स बढ़ रह ह तथा अनमान ह क व व क जनस या वष 2010

तक 71 अरब एव वष 2025 तक 85 अरब स भी ऊपर हो जायगी सम त व व क वतमान जनस या यक 11 वष म 1 अरब बढ़ जाती ह सय त रा म खा य और क ष सगठन (Food and Agricultural Organization = FAO) वारा वष 1993 म कए गय सव ण क अनसार व व क वक सत दश क कल जनस या लगभग 131 अरब थी िजसम स 88 तशत जनस या क ष म लगी थी तथा उनक पास क य भ म 617 अरब ह टयर थी िजस

पर सम त व भ न फसल का कल उ पादन 2554 अरब टन हआ था इसी कार व व क सम त वकासशील दश क कल जनस या 426 अरब थी िजसम स 568 तशत जनस या क ष क ऊपर नभर थी तथा उनक पास कल क य भ म 729 अरब ह टयर थी िजस पर सम त व भ न फसल का कल उ पादन 3043 अरब टन हआ था इस कार वकासशील दश क लगभग 50 स 80 तशत (औसत 568 तशत) आबाद क ष म लगी ह जब क इन दश का क ष उ पादन अप ाकत बह त ह कम तथा जनस या व दर बह त अ धक (264 तशत वा षक) ह िजस कारण स यहा क लोग अ प एवम न न तर क भोजन पर जी वत ह एक अनमान क अनसार आज भी व व क व भ न भाग (अ धकाश अ वक सत एवम वकासशील दश ) म लगभग 2 अरब लोग भख अथवा कपोषण या दोन स ह पी डत ह इतन लोग को तथा आग आन वाल वष म करोड़ो लोग को भोजन खलान क लए व व खा य आप त को बढ़ान वाल सभव व धय को बनाय रखना नतात आव यक ह क ष उ पादन बढ़ान वाल मख व धया 1 फसल का व तार 2 खती क उ नत व धया 3 अवरक का पया त उपयोग 4 फस क उ नत क म का योग 5 सचाई क साधन का व तार तथा 6 उ नत फसल सर ा इ या द ह य य प इसम कोई स दह नह ह क इनम स थम पाच उपाय वारा क ष उ पादन म व होती ह पर त पादप रोग एवम नाशकजीव स फसल सर ा कय बना स भा वत खा य उ पादन क मा ा बह त घट जाती ह

रोग क ट एवम खरपतवार स फसल हा न - सय त रा क खा य और क ष सगठन वारा वष 1993 म कय गय सव ण क अनसार व व फसल उ पादन का 337 तशत

औसत भाग अथवा व व क कल उ पादन का एक तहाई भाग कटाई पव ह फसल उ पादन क समय रोग क ट एवम खरपतवार वारा न ट कर दया जाता ह अथात वष 1993 म वक सत दश क कल वा त वक फसल उ पादन 2554 अरब टन म स 605 अरब टन या 2379 तशत हा न तथा वक सत दश क कल वा त वत फसल उ पादन 3043 अरब टन म 113

अरब टन या 3718 तशत हा न रोग क ट एवम खरपतवार क वारा ह यी थी इसक

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अ त र त फसल क कटाई क प चात नाशकजीव वारा ख या न क 9 स 20 तशत तक भडारण त या हा न हो जाती ह इस कार स पण व व म सम त खा य फसल का 48 तशत भाग कटाई स पव खत म तथा कटाई क बाद भडारण म नाशकजीव वारा न ट कर

दया जाता ह खा य और क ष सगठन क उ पादन वा षक प क (FAO Production Year

1993) म आक लत व व फसल उ पादन तथा रोग क ट एवम खरपतवारो स व व उ पादन म ह यी कटाई स पव हा नय को सारणी 11 म दशाया गया ह सारणी म दय गय आकड़ स स होता ह क व व फसल उ पादन क 118 तशत औसत उपज कटाई पव रोग वारा न ट कर द जाती ह तथा साथ ह क ट एवम खरपतवार वारा मशः 122 तशत एवम 97 तशत औसत उपज क हा न होती ह इस कार खा य एवम क ष सगठन क क ष उ पादन वा षक प तक 1993 क उ पादन आकड़ तथा मर 1967 और ओक एवम सहयोगी 1994 वारा दय गय हा नय क तशत क अनसार व व क सभी वक सत दश म स भा वत कल फसल उ पादन क 228 अरब टन 1214 तशत औसत उपज क कटाई पव हा न अकल रोग वारा होती ह जब क व व क सम त वकासशील दश म अकल रोग वारा होन वाल हा न 926 अरब टन 2398 तशत औसत उपज क बठती ह

भारत क वतमान जनस या 10270 करोड़ स भी अ धक ह अथात स पण व व क सवा धक जनस या वाल दश म भारत का दसरा थान ( थम थन चीन जनस या 1276 करोड़) ह तथा सपण व व क आबाद का लगभग 16 भाग भारत म नवास करता ह और लगभग 70 तशत आबाद क ष क ऊपर नभर ह भारत न गत वष म क ष क म बह त अ धक उ न त क ह जो खा या न उ पादन म कौतकपण व वारा प ट हो चक ह जहा वष 1950-51 म भारत का कल खा या न उ पादन 5 करोड़ 8 लाख टन था वह वष 1970-71 स बढ़कर 10 करोड़ 8 लाख टन पव 1990-91 म 17 करोड़ 6 लाख टन वष 2001-2002 म बढ़कर 20 करोड़ 98 लाख टन पर पह च

भारत म भी गत वष पहल lsquoह रत ाि तrsquo क प म ह ए क ष पा तर क कारण दश खा या न उ पादन म आ म नभर हो गया ह पर त यह क ष पा तरण कवल गह म ह अ धक सफल हआ ह य क फसल क व क समय म रोग एवम नाशकजीव वारा हा न या

त कम पह चायी जाती ह इसक अ त र त इस ाि त का सार अ य दसर फसल एवम दश क सभी म नह हो पाया ह फसल क उपज को भा वत करन वाल अनक कारक lsquo जस मदा म नमी का अभाव मदा क न न उवरता फसल क अन चत क म इ या द क अ त र त रोग हा नकारक क ट एवम खरपतवार वारा स भा वत फसल उ पादन को ग भीर प स सी मत कर दया जाता ह रोग एवम क ट या धय क मार स कोई भी फसल अनाज दलहन तलहन स जी फल मसाल एवम जडी -ब टय अछती नह रहती ह भारत म पीआर महता ण डमीज पद मजपबपकम ददनसए 1976 क अनसार सपण फसल उ पादन का 18 तशत भाग तवष खत (कटाई पव) एवम भडारण म व भ न पादप रोग क ट-नाशकजीव

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एवम खरपतवार वारा न ट कर दया जाता ह िजसका म य 5000 करोड़ पय वष 1976 क म य क आधार पर बठता ह सारणी 12 सारणी म व भ न नाशकजीव वारा सम त फसल म होन वाल हा न का म य

एवम तशत नाशकजीवा (Pest)

हा न का म य (Loss in Value)

तशत हा न ( Loss)

1 खरपतवार (Weeds) 1650 करोड़ पय 33

2 रोग (Diseases) 1300 करोड़ पय 20

3 क ट (Insects) 1000 करोड़ पय 20

4 भडारण नाशकजीव 350 करोड़ पय 7 5 कतक ज त (Rodents) 300 करोड़ पय 6

6 अ य नाशकजीव (Other Pests) 400 करोड़ पय 8

योग (Total) 5000 करोड़ पय 100

भारत म फसल उ पादन क व भ न नाशकजीव वारा होन वाल हा न क उपरो त आकड़ वष 1976 क म य पर आधा रत ह तथा आजकल क म य को दखत ह ए यह हा न तीन चार गना स कम नह होनी चा हय आज जब क जनस या म व ती ग त स हो रह ह तथा उपरो त व णत पादप रोग एव अ य नाशकजीव वारा कया जान वाला वनाश कषक व ा नक एव शासक क सम एक ग भीर सम या बना हआ ह इस अव था म यह आव यक ह क हमारा यय क ष क लय उपल ध सी मत भ म पर अ धक स अ धक उ पादन करना होना चा हय ऐसा उस समय ह हो सकता ह जब क उ पादन ो यौ गक का मल र ण ो यौ गक क साथ कराया जायगा य द हमन अपना यान फसल क उनक श ओ स सर ा कय बना कवल उनक उ पादन पर ह लगाया तो भोजन म आ म नभर होना हमार लय सदव एक व न ह रहगा भारत म जहा क ष भ म सी मत ह तथा जनस या ती ग त स बढ़ रह ह फसल को य द रोग हा नकारक क ट एव खरपतवार वारा हा न स बचा लया जाय तो हमार दश म आग आन वाल वष तक अनाज क कमी नह होगी इस हा न का भाव हमार ऊपर कवल आ थक प स ह नह पड़ता अ पत फल व प अनक दसर राजन तक एव सामािजक सम याय भी उ प न हो जाती ह अतः मानव जा त क क याण क लय तथा दश को सम शाल एवम आ म नभर बनान क लय आध नक क ष म पादप रोग व ान का अ ययन एक बह त मह वपण थान रखता ह य य प पादप रोग व ान एक व ान क प म पादप रोग क वकास एव उनक कारण को जानन म हमार ान व क यास करता ह पर त इसक अ त र त भी यह एक अ धक यावहा रक ल य वाल व ान ह िजसका मख उ य सम त पादप रोग क नय ण व धय को वक सत करना ह िजसस क पादप रोग स न ट होन वाल अनाज सि जय फल एव दसर खा य व तओ स बचाया जा सक तथा इ ह ससार क व भ न भाग म करोड़ भख लोग को उपल ध कराया जा

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सक अतः इस प वी पर जब तक मन य भखा ह तब तक पादप रोग व ानी का म य कत य ह क वह मानव क याण क लए सभी को पया त भोजन रशा एव ईधन उपल ध कराय

104 पादप रोग व ान का उ तरदा य व पादप रोग व ान क न न ल खत िज मदा रया ह -

1 नई - नई पादप रोग सम याओ का म याकन करक उनका समाधान करना 2 अनसधान क ताओ और सार वशष को श त करना 3 पादप रोग क ब ध क यावहा रक व धय को ात करना िजनको कसान अपन

खत म सगमता स योग कर सक

105 पौध म रोग क धारणा हम एक पौध को व थ उस समय तक ह कहत ह जब तक वह अपन सम त

सामा य शर र- या मक काय को नर तर परा करता रहता ह और अपनी जन नक शि त क अनसार अनमा नत पदावार दता रहता ह पौध क म य शर र या मक काय म सय क काश स भाजन स लषण करना भोजन एवज ल का आव यकतानसार व भ न भाग म थाना त रत करना तथा स ल षत पदाथ का उपाचयन एव जनन इ या द याय आती ह रोगी पौधा इन

याओ म स एक अथवा अ धक को पर करन म असमथ रहता ह िजसक प रणाम- व प वह अपनी ह जा त क अ य दसर पौध स भ न दखाई दता ह इस असामा यता क कारण ह रोगी पौध क रोगी अग क अथवा स पण पौध क म य हो जाती ह पौध क कसी एक अग क

या पर रोग का भाव इस बात पर नभर करता ह क रोगजनक न सबस पहल कौन सी को शकाओ अथवा ऊतक पर आ मण कया था मल ऊतक म होन वाल वकत याओ अथवा वगलन वारा मदा स जल एव पोषक त व क अवशोषण पर भाव पड़गा और सवहनी ऊतक पर भाव पड़न स इन पदाथ का थाना तरण घट जायगा अथवा ब द हो जावगा िजसक प रणाम व प पौध क वायव भाग पर धा एव यास क च ह दखाई दग इस अव था म इन भाग क ऊतक वक सत नह हो सकत ह अथवा अ त म इनका वघटन भी हो सकता ह इसी कार य द कसी रोगजनक का आ मण पि तय क ऊतक पर होता ह तो काश स लषण क या भा वत होती ह और पौध म काबनहाइ टस क कमी हो जाती ह

रोग क अ भ यि त का स ब ध पादप अग क दबल अथवा न य अव था स होना भी आव यक नह होता ह अनक रोग म पौध क रोग स भा वत ऊतक उ व या दखात ह िजनक प रणाम व प प टकाय एव ग म या अबद वक सत हो जात ह पर त यह अव थाय पौध क लय तकल और रोगजनक क लय अनकल होती ह

पादप रोग को उनक वारा उ प न कय गय ल ण वारा अथवा पौध क बीमार अव था वारा पहचाना जाता ह रोग और ल ण दोन अलग-अलग अव थाय होती ह आध नक व ा नक वचारधार क अनसार - lsquolsquoपौध एव रोगजनक क बीच ह ई पार प रक याओ को रोग कहत हrsquorsquo दसर श द म रोग वह अ भ यि त ह िजसम पौध क कसी अग क को शकाओ और रोगजनक अथवा उसस उ प न ए जाइम आ वष एव व नय क क बीच जव रासाय नक

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याय होती ह इन याओ क फल व प पौध क आक त एव स यता म प रवतन आ जाता ह यह प रवतन ह पौध पर रोग ल ण क प म कट होत ह

106 पौध म रोग क प रभाषा व भ न लखक न पौध म रोग क अलग-अलग प रभाषा द ह िजनम स न न ल खत म य ह - 1 एचएच हटजल (HH Whetzel 1935) क अनसार - lsquolsquoपौध म रोग हा नकारक

शर र या मक या ह जो एक ाथ मक रोगकार कारक क नरतर हो रह उ तजना क कारण होता ह तथा अपसामा य को शक य या क वारा द शत होता ह और व श ट वक त अव थाओ िज ह रोग ल ण क नाम स पकारा जाता ह क प म कट होता हrsquorsquo (ldquoDisease in plant is injurious physiological activity caused by continued irration of primary causal factor exhibited through abnormal cellular activity and expressed in characteristic pathological conditions called symptomsrdquo)

2 जज हासफाल एव एई डाइमड (JG Horsfall and AE Dimond 1959)क अनसार - lsquolsquoरोग एक अव था नह ह रोग रोगजनक नह ह रोग त क समान नह ह रोग नरतर उ तजना क प रणाम व प होता ह रोग एक क या मक या हा नकारक म हrsquorsquo(ldquoDisease in not in conditiondisease is not the pathogendisease is not the same as injuryhellipdisease Reasult from condition irritation hellipdisease is a mafunctiong processhelliprdquo)

3 जीसी क ट (DC Kent 1973)क अनसार lsquolsquoएक व श ट जीव क भीतर ऊजा क उपयोग स पर पर स बि धत एक रोगजनक क नर तर हो रह उ तजनाओ क प रणाम व प यो यता क यास अथवा हा न को रोग कहत हrsquorsquo (ldquoDisease is the diminution or loss of the ability to correlates the utilization of energy within an individual as a result of the continued irritations of pathogenrdquo)

4 अम रकन फाइटोपथलोिजकल सोसायट एव ब टश माइकोलोिजकल सोसाइट वारा वीकत रोग क प रभाषा इस कार ह - lsquolsquoरोग एक क या मक या हा नकारक म ह जो नर तर उ तजना क कारण होता ह िजसक प रणाम व प कछ पीड़ा उ प न करन वाल ल ण उ प न होत हrsquorsquo (ldquoDiseas is malfunctioning process that is caused by continuous irritation which results in some suffering producing sumptmsrdquo)

5 दास ग ता (Das Gupta 1977) न समाजवाद क स ा त lsquolsquo याय यक जड़वाद (ldquoDialectical Materilismrdquo) क धारणा क आधार पर रोग को इस प म प रभा षत कया ह lsquolsquoरोग एक क या मक या हा नकारक म ह िजसम ायः परपोषी एवम रोगजनक

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क बीच लगातार पार प रक या होती ह िजसक वारा व थ एवम रोग त अव थाओ क गणा मक ि थ तय क बीच अनक मा ा मक प रवतन होत हrsquorsquo

सह एवम सहयोगी (Singh et al 1989) न उपरो त प रभाषाओ एवम अ य व ा नक वारा कट कए गय वचार क आधार पर रोग क प रभाषा इस प म द ह lsquolsquoरोग एक पौध

या उसक कसी भाग क त म कसी जी वय (ज वक) या म यजीवीय अथवा अजव कारक या कारक वारा लायी गयी प रव तत एवम जव रसाय नक अ भ याओ का एक सपण योगफल ह जो इसक शर र या मक म को क या मक क ओर आग बढ़ाता ह और अत म धीर-धीर यह प रवतन को शक य एवमअथवा आका रक य तर पर प ट प स कट होत ह यह सभी प रवतन इतन अ धक प रणाम होन चा हए क पौध क सामा य एवम जनन क लए एक बाधा (आपि त) बन जायrsquorsquo (ldquoA sum total of the altered and induced biochemical reactions in a system of the plant or plant part brought aboput by any biotic or mesobiotic or abiotic factor(s) learning to malfunctioning of its physiological process and ultimately manifesting at cellular and or morphological level All these growth and reproduction of the plantrdquo) उपरो त प रभाषाओ म व णत इन उ तजनाओ म को रोगजनक वारा परपोषी पौध म भ न- भ न पर त पर पर सब धत न न माग व धय वारा लाया जाता ह - 1 रोगजनक क परपोषी क स पक म आन पर परपोषी को शकाओ क अतव तओ का उपयोग

करक 2 परपोषी को शकाओ को मारकर अथवा अनक उपाचयी स यताओ म अपन ए जाइम जीव-

वष एव व नय क वारा बाधा पहचाकार 3 अपन वय क लय परपोषी को शकाओ स पोषक य क नर तर अवशोषण वारा परपोषी

को दबल बनाकर तथा 4 वा हनी ऊतक स आहार ख नज पोषक त व एवज ल क थाना तरण म बाधा पह चाकर

107 पादप रोग व ान का इ तहास पादप रोग व ान पर अब तक का शत सम त प तक पि चमी दश ( वशष प स

यरोप और उ तर अम रका) वारा एक कय गय ान पर आधा रत ह इन प तक को पढ़न क बाद कछ ऐसा आभास होता ह क पौध क रोग क ओर सबस पहल कवल पा चा य दष क लोग न ह यान दया था जब क इन प तक म यह चचा कह नह मलगी क ाचीन भारत म पादप रोग व ान क वषय म व त ि थ त या थी पा चा य दश क इन प तक म आज लगभग 2400 वष पहल यनानी दाश नक थयो ट (Theophrastus 370-286 BC) ठ वारा पौध क रोग पर कय गय नर ण क चचा क गई ह जब क हमार अपन दश म जहा पर क क ष लगभग 4000 वष परानी ह अनक भारतीय ाचीन थ जस - ऋ वद अथववद (1500-500 BC) कौ ट य का अथशा (321-186 BC) श ता स हता (200-

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500 AD) व ण पराण (500 AD) अि न परान (500-700 AD) व ण धमावतार (500700 AD) इ या द म पौध क रोग एव उनक अ य श ओ तथा उनक रोकथाम क उपाय का वणन बह तायत म मलता ह ऋ वद म कवल पादप रोग का वग करण ह नह कया गया ह अ पत रोग क जीवाण स ा त का भी समथन कया गया ह ईसा स चार सौ वष पव भगवान ब न अपन य श य आन द स कहा था - lsquolsquoआन द जब धान म झलसा या अगमार ( लाइट) नामक रोग का कोप हाता ह तो पर फसल चपट हो जाती ह तथा जब ग न म झलसा रोग लगता ह तो ग न क पर फसल न ट हो जाती हrsquorsquo ब क इस कथन स स होता ह क उस समय भी भारतीय को पौध म रोग लगन का ान था बराह म हर न अपनी lsquoबहत स हताrsquo म पादप रोग क रोकथाम क वषय म लखा ह - शीत वाता तप रोग जायत पा ड श तला अव च वालना शाखा सोपा रस तः च क सक मथनष श नदौ वशषनम वडग घत पक कन सचयत ीरववा रणा

rsquorsquoव शीतलहर सय क ती तपन स झलस जात ह इन व क प त पील सफद हो जात ह अकर कम हो जात ह तथा शाखाय सखन लगती ह दध जसा पदाथ रोगी पौध नकलन लगता ह रोगी भाग को कलम करक वदग (ए ब लया इाइबीज) घी एव माट ( स ट) का लप करना चा हय त प चात रोगी व पर जल और दध का म ण छड़कना चा हय lsquolsquoव दक काल म भी लोग को यह ान था क पौध को यह ान था क पौध म रोग स मजीव वारा उ प न होत ह जब क पा चा य यरोप क अ धकाश व ा नक को इस त य क जानकार कवल आज स लगभग 150 वष पहल ह हो सक थी

ाचीन भारत म सपला वारा लखी गई lsquoव ायवद rsquo थम प तक ह िजसम पौध क रोग पर व तत काश डाला गया ह सम त पादप रोग को दो म य समह (अ) आ त रक रोग (ब) बा य रोग म वभ त कया गया था आ त रक रोग क वषय म अनमान लगाया गया था क यह पौध क त म अ यव था क कारण और बा य रोग स मजव एव क ट क लय अनक उपचार व धय को भी सझाया गया था जो अ ध व वास क साथ-साथ व ा नक नर ण पर आधा रत थी व श य च क सा बीज उपचार पादप मन लप वारा आवरण पौध क व श ट सवधन इ या द याओ का ाचीन भारत म पण ान था और आज भी इन व धय का योग अनक रोग को नय त करन क लय मदा सधारक क प म इन पदाथ को मा यता द ह इसस तीत होता ह क पौध क रोग क रोकथाम क ऐसी व धय का ाचीन भारतीय को पण ान था

िजस कार पौध क रोग ल ण का वणन बाइ बल श स पयर क क वताओ और नाटक म मलता ह इसी कार ह द परान शा का लदास क रघवश और अ य ाचीन भारतीय सा ह य म भी इनका वणन मलता ह बाइ बल म क कड मदरो मल और च णल आ सता अगमार इ या द रोग का उ लख कया गया ह थयो टस न अपनी प तक (ldquoEnquiry into Plantsrdquo) पौध म अ वषणrsquorsquo म पादप रोग क वषय म न क योग पर

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उसन उ लख कया ह क व भ न समह क पौध पर भ न भ न रोग उ प न होत ह जो आ मग या वतः होत ह अथात कोई बा य कारण इनस स बि धत नह होता ह बड़ आ चय क बात ह क उस समय भी भारतीय को इस त य क जानकार थी क रोग बा य कारण अथात स मजीव वारा उ प न होत ह यरोप और अ य पा चा य दश म थयो ट क बाद अगल 1000 वष तक क पादप रोग क वषय म कोई नि चत धारणा नह बनाई जा सक थी जब क रोग वारा फसल क बह त अ धक हा न होती रह औ उस समय क व ा नक क सम यह एक क ठन सम या बनी रह उस समय पादप रोग क लय अनक कारण जस दवी शि त जादगर अ ध व वास सतार व चाद का भाव गद वाय ई वर का कोप इ याद उ तरदायी माना जाता रहा ह

लगभग स हवी शता द क म य सय त स मदश क खोज क प चात जीव व ान क लय एक नया यग आर भ हआ सव थम सन 1675 म हालड नवासी यवनहॉक न पहला स मदश य बनाया और सन 1883 म उसन इसक सहायता स जीवाणओ को दखकर उनका वणन कया जब इन स मजीव को रोगी पौध क साथ स बि धत पाया गया जब उस समय यह सझाव दया गया था क राग इन जीव स पदा नह होता ह अ पत यह जीव ह रोगी म वतः उ प न हो जात ह इटलर का वान प व माईकल (Micheli 1676-1737) सबस

पहला व ा नक था िजसन 1729 म कवको का अ ययन कया और उनक बीजाणओ को दखा सन 1976 म ास क वान प त व टलट न गह क बट तथा दग ध कड रोग पर एक प का शत कया िजसम उसन योग वारा स कया क गह क बीज क सतह पर चपक हय

काल वाल बीज म व छ बीज क अप ा अ धक रोग उ प न होता ह य य प टलट को उस समय यह ान नह था क यह चण वा तव म कवक क बीजाणओ का समह ह पर त फर भी उसन इस बात पर बल दया था क यह रोग काल चण स नकल कछ वषल पदाथ स उ प न होता ह और य द बीज को उपचा रत करक बोया जाय तो रोग कम उ प न होता ह

आध नक पादप रोग व ान क एक व ान क प म आधार शला उ नसवी शता द क आर भ म रखी गई थी य य प उस समय क बह त पहल परसन (Persoon 1801) ओर ज़ (Fries 1821) जस कछ व ा नक कवक का वग करण और नामकरण करन म य त थ पर त इन दोन का व वास था क क एव कड कवक वा तव म रोगी पौध स उ प न होत ह भ न भ न स मजीव स नह सन 1807 म वो ट न स कया क गह का बट रोग एक कवक क कारण पदा होता ह उसन बट कवक क बीजाणओ और उनक अकरण का अ ययन कया और बताया क गह क बीज को नील थोथ क घोल म भगोकर बोन स इस रोग को नय त कया जा सकता ह

जब सन 1830 और सन 1845 क बीच आल का पछती अगमार रोग इ लड आयरलड और यरोप म शी ता स फल रहा था तब रोग एव कवक क आपसी सबध क व सय म व ा नक क बीच कोई एक नि चत मत नह था बकल (Berkeley 1846) मॉरन (Morren 1845) और वॉन मा शअस (Von Martius 1842) जस कछ व ा नक का ह यह व वास था क आल क पछती अगमार रोग कवक स उ प न होता ह पर त इन व ा नक क

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पास अपनी बात उ चत स करन क लय ायो गक माण नह थ आध नक योगा मक पादप रोग व ान क आधार शला जमन व ा नक ए टन डी बर (Anton de Bary 1831-1888)न रखी थी उसन सन 1853 म वो ट वारा क गई खोजा क पि ट कर द थी इसस पहल ास क त सन ब धओ (RL Tulasen and C Tulasne) न क और कड उ प न करन

वाल कवक का च स हत वणन कया और वो ट क काय क भी पि ट क डी बर न आल का पछती अगमार रोग पदा करन वाल कवक का व तत अ ययन करक उसका नामकरण कया और पादप रोगजनक क प म जीव क नि चत माण दय उसन अ य दसर रोग जस क कड मदरो मल आ सता और वगलन इ या द का भी अ ययन कया था ज लयस कल न सन 1858 म पादप रोग व ान पर सबस पहल प तक लखी थी िजसम उसन रोग क वकास म कवक क काय का स पण ान दया था जलयस कन को ह आध नक पादप रोग व ान का जनक समझा जाता ह डी बर क सहकम जमन क बरफ ड न सन 1875 और 1912 क म य स मजीव क क म सवधन व धय क खोज क िजनस स ामक स मजीव का अ ययन सरल हो गया

सन 1878 म अगर क मदरो मल आ सता रोग न अम रका स यरोप म वश कया उस समय ास म शराब बनान क लय अगर क खती म य प म क जाती थी डी बर वारा ह श त ास क ो मलाड न इस रोग क नय ण क लय बोड म ण खोजा था

उस समय क दो म य आल का पछती अगमार और अगर क मदरो मल आ सता का नय ण इस म ण वारा सफलतापवक कया गया य य प इस म ण क खोज आकि मक प स ह ई थी पर त सन 1885 स लकर आज तक इसक वारा अनक पादप रोग को नय त कया जाता ह

बीसवी शता द क थम दशक म पादप-व ा नक का यान पादन रोगरो धत क आनव शक का ओर खीचा गया था सव थम ब फन (Biffen 1905 1912) एव आटन (Orton 1900 1909) न धा य क और कपास तरबज लो बया इ या द क ला न रोग का नय ण रोगरोधी क म को वक सत करन क यास कय जा रह ह

पादप रोग व ान क वकास क ारि भक दन म व ा नक न कवल कवक वारा उ प न रोग म ह अ धक च ल थी पर त कवक क अप ा बह त छोट जीवाणओ का कसी पादप रोग क साथ सब धत होन पर वचार नह कया गया था सन 1876 म लई पा तर एव रॉबट कॉख न स कया क पशओ का ग ट रोग एक जीवाण पदा करता ह इसक शी बाद सन 1878 म अम रका क पादप रोग व ानी ो ट ज य रल न बताया क नाशपाती और सब का द ध अगमार रोग एक जीवाण क कारण होता ह बाद म अनक पौध क जीवाण रोग को खोजा गया और सन 1895 तक अम रका क ईएफ ि मथ न पौध क जीवाण रोग पर अ ययपन करक जीवाणओ क मह व को पादप रोगजनको क प म स कया

सव थम सन 1743 म इ ल ड क नीधम न पादप परजीवी स क म को गह क प टका म हजार क स या म पाया था पर त नीधम क खोज क लगभग 100 वष बाद तक भी पादप रोग म स क म क मह व क ओर कोई यान नह दया गया था सन 1857 म बकल एव

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शा त न चक दर क मल गाठ (root knot) और पट स क म (Cyst memattode) को खोजा था सन 1913 स लकर सन 1932 तक कौब न अनक पादप परजीवी स क मय क सरचना का अ ययन कया और उनको वगीकत कया

वषाण क वषय म हमारा ान 70 वष स भी कम पराना ह जब क पौध म वषाण ज नत रोग हजार वष स उ प न हो रह ह हॉलड नवासी मयर (Mayer 1886) पहला यि त था िजसन पोध का वषाण ज नत रोग त बाक मोजक खोजा था मयर न मोजक रोग क ल ण दखान वाल त बाक क पि तय को मसलकर रस नकाला ओर इसको व थ पि तय क म य शरा म सच रत करन स दस दन म ह रोग ल ण कट हो गय अम रका क ईएफ ि मथ न सन 1891 म आड पीत रोग पर काय करत ह य दखाया क यह एक स ामक रोग ह और इसका सचरण रोगी पौध स व थ पौध म मकलन अथवा कलमन वारा हो जाता ह पर त वह इस रोग का कोई कारण नधा रत नह कर सका तथा उसन इसको त बाक मोजक क समान ह बताया था

पादप वषाण क क त पर अ ययन आर भ करन वाल म इवानो क और बीज र क क नाम उ लखनीय ह सी अनसधाना इवानो क न बताया क त बाक मोजक उ प न करन वाला रोगकारक च बरलड फ टर वारा छानन पर नीच नकल जाता ह जब क इस फ टर म जीवाण ऊपर ह रह जात ह इस बात स उसन न कष नकाला क रोग का कारण जीवाण स न ा वत कोई जीव वष अथवा स म जीवाण था जो फ टर छ स छन कर रस म पह च गया था डच जीवाण व ा नक बीज र क (Beijerink 1898) थम यि त था िजसन स कया क त बाक मोजक रोग कसी स म जीव स उ प न नह होता अ पत यह क टिजयम ववम लइडम या स ामक जी वत तरल स उ प न होता ह िजसको उसन वाइरस या वषाण नाम दया बीज र क न यह भी बताया क वषाण पौध क परान ऊतक क अप ा नय व करत ह य ऊतक म ग त करता ह तथा सखी पि तय एव मदा म भी जी वत रह सकता ह वषाण क क त क वषय म एक म य खोज सन 1953 म टनल न का शत क थी उसन रोगी

त बाक क पि तय क रस को अमो नयम स फट स उपचा रत करक एक टल य ोट न क प म ा त कया और जब इस ोट न को त बाक क व थ पि तय पर पह चाया तो पनः रोग

उ प न हो गया इस कार उसन न कष नकाला क वषाण को एक वो रक ोट न माना जा सकता ह जो क जी वत को शकाओ म गणन करन क मता रखता ह सन 1936 म बाडन एव उसक सहयो गय न पाया क वषाण का टल य चण वा तव म ोट न और य ल क अ ल का बना होता ह सन 1936 म इल ान स मदश क खोज क प चात सन 1939 म काउशी और उनक सहयो गय न इस य क सहायता स वषाण क आक त और नाप आ द का अ ययन कया जीरर और ाम न सन 1956 म दखाया क वषाण कण स ोट न को अलग कया जा सकता ह और अकला य ल क अ ल ह पौध म स मण करक पनः वषाण बना सकता ह

सन 1971 म डाइनर न नि चत कया क आल का तक कद रोग स ामक आर एनए क एक छोट एकल स क य वतल अण वारा उ प न होता ह िजस उसन वाइरॉयड क नाम स

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पकारा था उस समय स लकर अब तक दो दजन स अ धक दसर वाइराय स जो पौध क व भ न क म म रोग उ प न करत ह को पथक कया जा चका ह

सव थम सन 1909 म लफो ट न यफा बएसी कल क लट सधर पौध क लट स उ प न करन वाल को शकाओ म काशाभी ोटोजोआ को पाया था उसक प चात सन 1931 व 1933 म टहल न काफ व क लोएम नमाण तथा ला न उ प न हो जाती ह सन 1976 म द ण अम रका एव अ का म ना रयल एव तल ताड़ व क अनक रोग क साथ कशाभी ोटोजोआ को स बि धत पाया गया ह

सन 1967 स पहल तक कवल कवक जीवाण स क म एव वषाण को ह पौध म रोग पदा करन वाल कारण माना जाता रहा था पर त सन 1967 म कछ जापानी व ा नक न बताया क पौध क कछ पीत रोग जो अब वषाण स उ प न मान जात थ वा तव म माइको ला मा स श जीव स उ प न होत ह माइको ला मा वह स म जीव ह जो माप म वषाण स बड़ और जीवाण स छोट होत ह ययाक ि थत बोइस थॉमसन इ ट यट क डॉ काल मामरोश का कहना ह क माइको ला मा स श सजीव पड का अनक पादप रोग स स ब ध ह पछल पाच वष म 200 स भी अ धक पादप रोग माइको ला मा स सब धत पाय गय ह जब क यह अब तक वषाण वारा उ प न रोग ह मान जात थ माइको ला मा अ नि चत आकार क भि तह न होत ह और इनक चार और एक पतल झ ल होती ह इनम राइबोसोम और क क य य तो पाय जात ह पर त कि दक ओर क क य झ ल अनपि थत होती ह यह रोगी पौध क लोयम ऊतक म पाय जात ह और पोधा म रोगवाहक क ट वारा फलाय जात ह सन 1972 म ड वस एव सहयो गय न म का क कठ रोग क साथ एक ग तशील कडलाकार स मजीव को दखा था िजस उ ह न पाइरो ला मा क नाम स पकारा था इनम भी को शका भि त का अभाव होता ह अतः इ ह क डलाकार माइको ला मा क नाम स भी पकारा जाता ह

108 आध नक भारत म पादप रोग व ान का इ तहास ाचीन भारत म पादप रोग क ान क वषय म पहल ह उ लख कया जा चका ह

इस दश म आध नक पादप रोग व ान का इ तहास अ धक पराना नह ह वा तव म भारत म इस व ान का ीगणश उ नीसवी शता द म ह हआ था पा चा य दश क समान ह हमार दश म भी इस वषय का वकास कवक व ान क साथ हआ ह यहा पर सन 1930 तक पादप-रोग क अप ा कवक क अ ययन पर ह अ धक यान दया था उ नसवी शता द क म य म कछ यरोपीय व ा नक न कवक का अ ययन आर भ कया जो यहा स कवक को एक करक यरोप क योगशालाओ म पहचान हत भजत थ पर त बाद म डीडी क नघम एव ए बाकल न यह पर कवक का अ ययन और उनक पहचान का काय आर भ कया और इनको बाहर भजवाना ब द कर दया बाकल न शमला क आस-पास क कड एव क का वशष प स अ ययन कया ी क आर क तकर थम भारतीय व ा नक थ िज ह न यहा कवक को एक करक उनक पहचान का काय ार भ कया था

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भारत म कवक और पादप रोग पर सग ठत अनसधान काय इस शता द क थम दशक म टश सरकार वारा था पत lsquoइ पी रयल ए ीक चरल रसच इ ट यटrsquo पसा ( बहार) म आर भ कया गया था आजकल यह स थान भारतीय क ष अनसधान स थान (IARI) क नाम स नई द ल म ि थत ह पसा स थान म सन 1910 स पहल ईज बटलर (EJ Butler) न भारतीय कवक ओर उनस उ प न रोग का व तत अ ययन कया बटलर को भारत म आध नक पादप रोग व ान का जनक माना जा सकता ह इस दश म अपन बीस वष क वास काल म उ ह न उस समय मलन वाल अ धकाश पादप रोग का अ ययन कया और साथ ह पादप रोग व ा नक क एक दल को भी श त कया िज ह न इस दशा म यहा काय को आग बढ़ान म सहयोग दया बटलर न िजन रोग का व तत लखा दया ह उनम कपास अरहर क ला न रोग ग ना आल ताड़ी क व भ न रोग ओर धा य क क इ या द मख ह उ ह न lsquo प थए सयसrsquo एव समवग कवक का व तत अ ययन करक उन पर एक मौ लक गरथ लखा तथा आज भी भारत म उनक वारा लखी गई प तक lsquoफजाई ए ड ड सज ज इन ला स (Fungi and Disease in Plants) पादप रोग व ान क लय एक महान अशदान क प म उपि थत ह

बटलर क ह एक सहयोगी जएफ द तर (18861971) थम भारतीय पादप रोग व ानी थ िज ह कवक और पादप रोग क व तत अ ययन करन का य जाता ह उनक अ ययन का व श ट वश फाइटो थोरा एव इसक जा तय स उ प न एर ड एव आल क रोग थ जीएस कलकण न वार और बाजरा क मदरो मल आ सता एव कड रोग पर व तत अ ययन का शत कय एसएल अज़रकर न कपास का ला न ग न का कड और वार का अगट इ या द रोग का अ ययन कया उस समय भारत क पादप रोग व ा नक का झकाव रोग क वणना मक पहल क ओर अ धक था और उ ह न रोग क नय ण उपाय क ओर अ धक यान नह दया था

बटलर न सन 1920 म भारत छोड़न क प चात िजन पादप रोग व ा नक न काय भार स भाला उ ह न पादप रोग क अ य पहलओ पर भी अ ययन करना आर भ कया बीबी म दकर न कपास क ला न रोग का नय ण करन क लय रोगरोधी क म क योग पर काय सफलता ा त क भारत म मलन वाल अनक कड कवक क पहचान और उनका वग करण करन का य भी म दकर को ह जाता ह उ ह न ह lsquolsquoभारतीय पादप रोग व ान स थाrsquorsquo क थापना करक सन 1948 म इ डयन फाइटोपथोलोजी का काशन ार भ कया भारत म आगरा

का लज क डॉ कमच द महता का नाम धा य क क रोग च क खोज करन म सव प र ह उनक बाद सबस वशष खोज वशष प स एका तर परपो षय क वषय म डॉ साद न क ह क शोधकताओ म अ य नाम उ पल ओर गोखल द तर ओर पाल गतानी रामक ण सोमानी वमा और गो वामी इ या द उ लखनीय ह ो जयच द लथरा एव उनक सहयो गय न अनावत कड को रोकन क लय गह क बीज क सौर ऊजा उपचार व ध को वक सत कया अ य कड को रोकन क लय गह क बीज क सौर ऊजा उपचार व ध स वक सत कया अ य कड शोध कताओ म बटलर ओर म दकर स तार एन ट डन न अनक कवक व ा नय को श त

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कया िज ह न पादप रोगजनक कवक क का यक वशष प स फल वगलन क ान को बढ़ाया कपास क रोग पर खोज करन वाल म वासदव लथरा ल खत और कलकणी स का एव साद इ या द क नाम उ लखनीय ह आल क रोग पर काय करन वाल म एमक पटल बीपी भड़ ओर जी रगा वामी इ या द क नाम उ त कय जा सकत ह थ मलाचार न क एव कड रोग पर गहन अ ययन कया और lsquo ह द तान ऐ ट बायो ट सrsquo म चल जान क प चात ऑ रयोफि जन और टोसाइ ल न तज वक पदाथ को वक सत कया तथा इनक योग को पादप रोग नय ण म सफलता पवक वश कराया एसपी रायचधर न वषाणओ एव कवक स उ प न रोग का व तत अ ययन कया उनका वषाणओ क ला णक गण सचरण तथा उनक नय ण पर कया गया काय तो बह त मह व का ह इ ह न कई नय वषाणआ को भी खोजा ह पादप रोग पर अनसधान करन वाल व ा नक न डॉ एचक स सना का व श ट थान ह इनक वारा सपा दत राजजो टो नया वश का काय अ य त मह वपण ह इ ह न पौध म रोग उ प न करन वाल कवक क परजी वता पर मतजीवी उ तरजी वता तथा राइजो टो नया वश क कवक का वग करण को शका अ ययन परजी वता एव उनक नय ण पर वशष काय कया ह डीएन ीवा तव न व भ न कवक एव जीवाणओ स उ प न रोग पर अनसधान कया िजसम धान क जीवाणज अगमार रोग का काय तो बह त मह व का ह इसक अ त र त इ ह न स मण क या रोगजनकजनन तथा रोग तरो धकता पर भी उ लखनीय काय कया ह

भारतीय व व व यालय म पादप रोग व ान क श ण का काय एक म य वषय क प म बह त दर स आर भ हआ था सव थम सन 1857 म तीन भारतीय व व व यालय

कलकता ब बई म ास क थापना क गई थी आर भ म इन व व व यालय म कवक य व गक क अ ययन को ह अ धक मह व दया गया था स भवतः सव थम म ास व व व यालय न पादप रोग व ान को एक व व व यालय क प म मा यता दान क थी इलाहाबाद (1887 म था पत) एव लखनऊ (1921 म था पत) व व व यालय न भी पहल कवक व ान एव पादप रोग व ान क यवि थत श ण काय का lsquolsquoभारतीय क ष अनसधान स थानlsquolsquo वारा माग श त कया गया जो बाद म वक सत हआ और इस स थान न इस वषय म उपा ध दना ार भ कर दया य य प आगरा व व व यालय न इसस पहल ह सन 1945 म राजक य क ष महा व यालय कानपर (अब च शखर आजाद क ष एव ाव धक व व व यालय कानपर) म पादप रोग व ान म नातको तर काय म का वश करा दया था सन 1960 म और उसक बाद अनक क ष व व व यालया क थापना क प चात पादप रोग व ान एव इसक सहायक पा य म जस कवक व ान जीवाण व ान वषाण व ान जीवरसायन व ान इ या द क श ण का काय क ष म नातक एव नातको तर काय म क एक मह वपण अग बन गय अब यह क ष व व व यालय ह पादप रोग व ान म अनसधान एव श ण काय का नत व कर रह ह

आज भारत म अनक पादप रोग व ा नक एव कवक व ा नक क एक ससग ठत खला ह जो दना दन अनक पादप रोग सम याओ और उनक नय ण उपाय पर शोध कय करन म सल न ह तथा भारतीय क ष को ग त क माग क ओर अ सर करन म सहयोग द रह ह

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109 पादप रोग बध क सामा य स ा त सव थम ीटजल (Whetzel 1929) न पादप रोग नय ण ( ब ध) क व धय या

स ा त को चार म य समह (1) अपवजन (2) उ मलन (3) र ण (4) तर ण या अस मीकरण क प म वग कत कया था पर त पादप रोग व ान म उ न त क फल व प तथा पादप रोग नय ण ( बध) क नय वक सत एवम उपचार या च क सा को भी सि म लत कर लया गया इस कार रोग ब ध न न छः सामा य स ा त पर आधा रत होता ह - 1 रोगजनक का पलायन अथवा प रहार या प रवजन 2 नवश य सा सरोप का अपवजन 3 रोगजनक का उ मलन 4 र ी या सर ी उपाय अथवा र ण 5 परपोषी म रोग तरोध का वकास 6 रोगी पौध क च क सा या उपचार

उपरो त स ा त म स थम पाच स ा त म य प स नरोधक अथवा रोगी नरोधी उपाय होत ह तथा पादप रोग बध क मख याओ का नमाण करत ह इनका यावहा रक योग पादप समि टय अथात साम हक पौध अथवा फसल पर कया जाता ह जब क अ तम स ा त lsquoरोगी पौध क च क सा या उपचारrsquo एक रोगहर व ध ह और lsquolsquoरोग बधrsquorsquo क धारणा क अ तगत इस कवल अकल पौध पर ह योग कया जाता ह इन सभी सामा य स ा त को न न पाच सवग म वग कत कया गया ह (Horsfall and Cowling 1977)

(i) कषण नय ण स हत भौ तक पयावरण (वातावरण) का बध (ii) सब स मजी वता का बध िजसम वरोध शा मल ह (iii) परपोषी जीन का बध (iv) रसायन स बध (v) च क सा या उपचार व करण एवम वभ योतक सवधन स ब ध

पादप रोग ब ध क छः स ा त जो पादप रोग बध क आध नक अवधारणा क ल ण का वणन करत ह को न न तीन आधार ब दओ क अ तगत रखा जा सकता ह अ या तो वह ारि भक नवश य (सरोपण) को कम करन अथवा रोग वकास को दर को घटान स स ब ध रहत ह

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ब या फर वह म य प स रोगजनक क स या को नय त करन रोग ाह पौध क रोगमि त एवम तर ा करन अथवा रोग वकास म सहायक पयावरण स पौध क र ा करन स स ब रहत ह और

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स या फर वह रोग क रोगजनक क उ तरजी वता क णन नवशन (सरोपण) वशन या स मण म बाधा पह चान म स ब रहत ह पादपरोग ब ध क स ा त क इन सभी पार प रक याओ को मल प स बकर (Baker 1968) तथा राबट एव बथरायड (Robert and Bothroyd 1972) वारा ता वत कया गया ह तथा चाट 182 म प रवतन प म दखाया गया ह

1 रोगजनक का पलायन या प रवजन रोगजनक क पलायन या प रवजन क अ तगत रोग ब ध क वह उपाय आत ह िजनका म य यय परपोषी पोध को रोगजनक क स पक म आन स बचाना ह िजसस क पौध क रोग ाह

अव था एवम रोगजनक क अनकल अव थाए एक साथ न मल पाय इस समह क अ तगत न न स ा त आत ह -

1 भौगो लक का चनाव - कसी फसल क लय भौगो लक का चनाव उस म फसल क लय उपि थत तापमान एव आ ता क अनकलता पर आधा रत होता ह इन कारक क वारा पौधा म उ प न होन वाल रोग भी भा वत होत ह अनक कवक एव जीवाणओ स उ प न रोग श क क अप ा आ म अ धक उ प स उ प न होत ह बाजर म कड एव अगट रोग उन आ म अ धक उ प न होत ह जहा फसल म प पन अव था क समय बह त दन तक वषा होती रहती ह अतः य द इन फसल को श क म सचाई क साधन बढ़ाकर उगाया जाय तो इनका रोगी स बचाव कया जा सकता ह

2 खत का चयन - अनक मदोढ़ रोग का बध उपय त खत का चयन करक भी कया जा सकता ह य द एक खत म कसी फसल क मदोढ़ रोग का रोगजनक उपि थत होता ह तब यह उपय त होगा क उस खत म कछ वष क लय उस फसल को न बोया जाय ग न क लाल सड़क रोग का रोगजनक कोलटो ाइकम फालकटम मदा म कछ मह न क लय जी वत रह सकता ह अतः य द रोगी फसल काटन क प चात बारा उसी खत म ग ना बोया जाता ह तब रोग क उ ता स उ प न होन क अवसर बढ़ जात ह अतः रोग ाह फसल क लय इस कार क खत का चनाव नह करना चा हय खत का चयन म जल नकास का ब ध भी एक म य थान रखता ह अनक रोग जस ग न का लाल सड़न बाजर का मदरो मल आ सता इ या द उन खत म अ धक उ प न होत ह जहा भ म जला ात होती ह फलो यान को लगात समय भी थान का चयन मह वपण थान रखता ह

3 बोन क समय का चनाव - कछ रोग उस समय अ धक उ प म उ प न होत ह जब पादप व क रोग ाह अव था एव रोगजनक क लय अनकल अव थाय एक ह समय म एक साथ मल जाती ह बोन क समय म प रवतन करक रोगजनक क लय अनकल अव था म फसल को बचाया जा सकता ह

4 रोग पलायन क म - व भ न फसल क कछ क म अपन व गण क कारण रोग उ प न होन वाल हा न स बचाव करती ह इन क म म रोग बचाव का गण उनक

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आनव शक रोग तरोध क कारण नह होता अ पत यह उनक व गणो एव पकन क समय क कारण होता ह उदाहरण क लए मटर क शी पकन वाल क म (जनवर ) च णल आ सता एव क रोग स बचाव करती ह य क इन रोग स हा न जनवर माह अथवा उसक बाद म बह त अ धक होती ह य द रोग क उ प म उ प न होन स पहल ह फ लया पण प स वक सत हो जाती ह तब हा न बह त घट जाती ह

5 बीज का चयन - फसल म अनक रोग कवल बीज अथवा दसर रोपण पदाथ जस कलम कद श ककद इ या द वारा उ प न होत ह इस कार क रोग का ब ध कवल रोग म त बीज एव रोपण पदाथ का उ चत चयन करक कया जा सकता ह

6 कषण याओ का प रवतन - व भ न कषण याय जस पौध क बीच क दर सचाई का समय एव स या रोपण का समय एव व ध म त फसल उवरक अथवा जव खाद क मा ा एव गण बोत समय बीज क गहराई इ या द भी अनक रोग क उ प न होन एव उनक उ ता पर भाव डालती ह इन याओ म आव यक प रवतन करक फसल म रोग वारा होन वाल हा न को कम कया जा सकता ह

2 नवष य सरोप का अपवजन नवशन य या सरोप का अपवजन न न व धय वारा कया जा सकता ह - बीज उपचार - फसल क बीज कद श ककद कलम एव अ य रोपण पदाथ क भीतर अथवा उसक सतह पर उपि थत रोगजनक का उ मा गस अथवा रसायन वारा उपचा रत करक अपवजन कया जा सकता ह इस व ध म रोगजनक क उ मलन वारा अपवजन क लय कया जाता ह तथा इन उपचार वारा रोगजनक को नय म वश करन स रोका जा सकता ह 3 पादप या पौध सगरोध - पादप सगरोध का उ य रो त ो स रोगर हत म

रोगजनको क वश को रोकना होता ह य द कसी वशष म फसल का कोई रोग उ ता स उ प न होता ह और उसक रोपण पदाथ वारा फलन क स भावना रहती ह तब कसी दश या रा य क सरकार वारा आव यक अ ध नयम को पा रत करक रोग त स इन पदाथ क वश पर रोक लगा द जाती ह सगरोध व नयम कवल उस समय ह भावी हो सकत ह जब क कसी भयकर रोग का आयात कय गय परपोषी पदाथ वारा होता ह पर त य द नवश य का क णन ाक तक साधन जस वाय जल इ या द वारा होता ह तब यह भावी नह होत ह इस कार क व नयम उस समय भी आव यक होत ह जब कसी रोगजनक क स त अग क नि य पदाथ जस बोर टोकर लकड़ी क प टया या प कग साम ी इ या द वारा नय म वश करन क स भावना रहती ह

4 रोगवाहक क ट का उ मलन - अनक रोग को क ट वारा फलाया जाता ह यह क ट नवश य या सरोप को एक स दसर म फला दत ह अतः कसी नय रोगजनक क वश को

रोकन क लय इन क ट का उ मलन होता ह 3 रोगजनक का उ मलन रोगजनक क उ मलन क अ तगत न न स ा त आत ह -

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1 पादप रोगजनको का जव या ज वक नय ण - जव नय ण का म य यय अ य दसर स मजीव क याओ वारा रोगजनक का उ मलन और नय ण करना ह इस व ध क अ तगत वह उपाय आत ह जो मदा म अथवा स मण क थान पर स मजीव क

या को बढ़ा दत ह स म जीव वारा वरोध का भाव जीवनाशी अथवा जव रोधक हो सकता ह जीवनाशी म एक स मजीव दसर रोगजनक स मजीव को मार दता ह जब क जव रोधक म कसी रोगजनक क व को दसर स मजीव वारा रोक दया जाता ह काब नक पदाथ स मदा सधार इस व ध क अ तगत ह आता ह मदा म जव या काब नक पदाथ क वघटन स स मजीव याओ को बढ़ावा मलता ह िजसस क इन स मजीव क कछ सद य रोगजनक जीव का दमन करत ह अथवा उनको मार दत ह भारत म मदा क काब नक सधारक पदाथ वारा मल-गाठ स क म और आल क काल पपड़ी रोग का ब ध करन म सफलता मल ह इसी कार काब नक मदा सधारक वारा अनक मदोढ़ रोग का नय ण कया गया ह

2 स यावतन या फसल च - फसल क खती करन म भ म वकार एक म य सम या रह ह जब एक खत म नर तर एक ह फसल ल जाती ह तब उस फसल क मदोढ़ रोगजनक भ म म सगमता स चरका लक बन रहत ह और उनक स या म अ धक व होती रहती ह कछ समय प चात भ म इतनी अ धक त या बा धत हो जाती ह क उसम उस वशष फसल क खती करना क ठन हो जाता ह अतः रोग त खत म फसल को हर-फर कर बोन स अनक मदोढ़ रोग का ब ध कया जा सकता ह

3 रोगी पौध या पादप अग को हटाना एव न ट करना - रोगी पौध या उनक अग को न न व धय वारा हटाकर एव न ट करक रोगजनक का उ मलन कया जा सकता ह - अ अवा छत का न कासन या अपावाछन - इस व ध म खत स रोगी पौध को

उखाड़ कर अथवा उनक रोग त भाग को काट कर न ट कर दया जाता ह ऐसा करन स रोगी पौधो स व थ पौध म रोग का सार क जाता ह तथा रोग म त बीज का उ प न करन म सहायता मलती ह अपावाछन व ध का योग कछ रोग जस गह का अनावत कड जौ म का इ या द क अनावत एव

आवत कड ग न का लाल वगलन अरहर क ला न इ या द म कया जा सकता ह

ब एका तर एव सपाि वक परपो षय का उ मलन - अनक पादप रोग जो वशष प स नर तर स मण खला वाल होत ह अपन रोगजनक क एकातर या

सपाि वक परपो षय वारा च थायी रहत ह इन परपोषी पर ाथ मक नवश य का उ पादन होता ह तथा इ ह स उसका क णन फसल पर होता ह य द रोगजनक क इन जगल अथवा अलाभकर परपो षय को न ट कर दया जाय तो ाथ मक नवश य का साधन दर हो जाता ह तथा फसल पर रोग लगन क अवसर कम हो जात ह ससार क कछ भाग म धा य क अपन एका तर परपोषी पर जी वत रहत ह इन परपो षय को न ट करक

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रोगजनक क जीवन च अथवा स मण खला को तोड़ा जा सकता ह खत क आस पास उगन वाल खरपतवार पर भी अ धक रोगजनक चरका लक बन रहत ह इन खरपतवार म स रोगजनक क स भव परपोषी को खोजना और न ट करना भी पादप रोग ब ध म एक मह वपण कदम होता ह

स सफाई - पौध क सफाई क समान ह खत क सफाई भी अनक मदोढ़ एव वक पी या मतजीवी रोगजनक का ब ध करन म बह त आव यक होती ह अनक अ वक पी परजीवी भी मदा म पड़ पौध क भाग म स त सरचनाआ वारा चरका लक बन रहत ह खत म पड़ रोगी फसल क मलब को जलाकर

न ट करन स इस कार जी वत रहन वाल रोगजनक को समा त कया जा सकता ह म ी पलटन वाल हल स मलब को अ धक गहराई म दबाना भी इसम सहायक हो सकता ह इस व ध क वारा गह ज मटर को च णल आ सता मटर एव म का क मदरो मल आ सता ग न का लाल सड़न इ या द रोग क रोकथाम म सहायता मल सकती ह

4 रोगी पौध का उ मा एव रासा नक उपचार - पौध अथवा इसक व श ट अग म उपि थत रोगजनक को उ मा अथवा रासाय नक उपचारा क वारा नि य कया जा सकता ह अथवा मारा जा सकता ह यह व ध म य प म फल व क रोग म अ धक उपयोगी पाई गई ह इसका योग परपोषी पर उपि थत रोगजनक क स त सरचनाओ अथवा उसक व को न ट करन क लय भी कया जा सकता ह जब यह व धय पोध क आ त रक ऊतक म उप सथत रोगजनक को भा वत करन यो य होती ह तब इनको उ मा च क सा अथवा रसायन च क सा क अ तगत रखा जाता ह

5 मदा उपचार - मदा उपचार का म य उ य मद म उपि थत रोगजनक को नि य करना अथवा उ मलन करना ह इसक लय व भ न रसायन उ मा अ ध स चत या आ लावन परती छोड़ना इ या द व धय का योग कया जाता ह आजकल भ म क रासाय नक उपचार क लय अनक कार क रसायन का योग कया जाता ह ध ल या दानदार प म मलत ह मदा म इन रसायन का योग खत म बीज बोत समय अथवा खाद फसल म कया जाता ह ओर वह जल म घल कर मदा धमक क प म भाव डालत ह मदा म उपि थत मदोढ़ रोगजनक का उ मलन उ मा उपचार वारा भी कया जाता ह इस व ध का योग गमल नसर एव पादप गह क मदा उपचा रत करन क लय कया जाता ह

वशष अव थाओ म मदोढ़ पादप रोगजनक का उ मलन खत क आ लान या अ ध सचन वारा भी कया जाता ह य द खत म 12 इच गहराई तक जल को कई स ताह तक खड़ा रहन दया जाता ह तब अवायजीवी जीवाणओ वारा अथवा न न आ सीजन अव थाओ और वायजीवी जीवाणओ स उ प न आ वष वारा अनक कवक एवम पादप परजीवी स क मय को न ट कर दया जाता ह अनक रोगजनक क स त सरचनाय भी जल क सतह पर तरन लगती ह और य द खत म इस जल का नकास तरत कर दया जाय तो यह सरचनाय भी बह जाती ह कछ दश म कल क यज रयम ला न एवम सि जय क मल गर थ गग का नय ण अ ध सचन

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वारा कया जाता ह क ष क ारि भक काल स ह स म पोषक त व को मदा म बनाय रखन क लए भ म को परती छोड़न क था चल आ रह ह इस व ध म अनक मदोढ़ रोगजनक क नवश य को कम करन म सहायता मलती ह पर त िजन दश म जनस या क अनपात म क ष भ म बह त कम ह वहा पर भ म को परती छोड़ना क टन होता ह

4 र क या सर ी उपाय अथवा र ण 1 रासाय नक उपचार - रसाय नक छड़काव बरकना बीज उपचार का म य उ य परपोषी

सतह पर एक र ी वषल परत बनाना होता ह िजस क रोगजनक सर ी आवरण बनान क लय िजन रसायन का योग म लाया जाता ह वह र ी रसायन कहलात ह पर त जब यह रसायन परपोषी सतह पर पहल स था पत करक अथवा दसर परजीवी को न ट करत ह उस समय वह उ मलक रसायन कहलात ह एक ह रसायन र ी क साथ साथ उ मलक न हो सकता ह

2 रोगवाहक क ट का रासाय नक नय ण - खड़ी फसल पर क ट क आ मण को र ी क टना शय क योग वारा रोका जा सकता ह क टो का अनक जा तया वषाण ज नत एव अ य रोग का म य रोगवाहक होता ह कछ वषाण जनन रोग का सचरण कवल रोग वाहक क ट वारा हो जाता ह इस कार क रोग नय ण इन वाहक क ट क समय पर न ट करक कया जा सकता ह

3 पयावरण का प रवतन - पौध क पि तय या दसर वायव भागा वा वातन क सधार स आ ता घट जाती ह िजस कारण स आ वायमडल म पनपन वाल कवक क व क जाती ह इस व ध वारा अगर क मदरो मल आ सता रोग का ब ध करन क सफा रश क जाती ह इसी कार सचाई क स या एव मा ा म कमी वारा भी पयावरण का प रवतन करना कछ रोगजनक क व सहायक होता ह म त स यन (Mixed cropping) क वारा भी रोगजनक क लय तकल पयावरण बनान म सहायता मल सकती ह फल एव सि जय म कटाई क प चात होन वाल वगलन इनको ठठ एवम श क कमर म स ह करक कम क जा सकती ह य क वगलन उ प न करन वाल कवक क लय गरम एव नम अव थाय अनकल होती ह आलओ क शीत गह म रखना भी रोगजनक क व पयावरण प रवतन का एक मख उदाहरण ह खत म मदा म नमी एवम वातन जस पयावरण कारक का नय ण अथवा प रवतन तापमान क अप ा अ धक सगम होता ह कछ मदोढ़ रोग उ च तापमान वाल भ म म अ धक उ प न होत ह इस अव था म खत क सचाई वारा मदा का तापमान कम करक रोग स फसल क र ा क जाती ह

4 परपोषी पोषक का पा तरण - पौध क कछ रोग म पोषण क भाव स भी रोग ती ता म कमी पाई जाती ह अनक प ती या पण रोग क लय उ च नाइ ोजन पोषण अनकल होत ह जब क नाइ ोजन का कम योग करन स यह रोग भी घट जात ह और पौध क अग रोग तरोधी हो जात ह य क को शका भि तय म पि टक त व क कारण ढ़ता आ जाती ह और इनस रोगजनक क पि टक ए जाइम क या म बाधा उ प न होती ह इसी कार स म - पोषक त व जस बोरॉन िजक मगनीज इ या द

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वारा अनक रोग क ती ता को कम कया जा सकता ह फसल पर इन पोषक त व क छड़काव वारा ऊतक म इनक तर को बढ़ाकर पोध क अनक रोग स र ा क जाती ह

5 परपोषी म रोग तरोध का वकास परपोषी म रोग तरो धता का वकास न न व धय वारा कया जाता ह -

1 रोग तरोध क लय चयन का सकरण - पौध म अनव शक रोग तरोध परपोषी परपोषी क या मक सरचना मक अथवा याशीलता पर आधा रत हो सकता ह शर र- या मक रोग तरोध परपोषी को शका म त-स मण पदाथ क वक सत होन या इनक उपि थ त होन अथवा रोगजनक क लय अनकल पोषक क अनपि थ त होन पर आधा रत होता ह सरचना मक रोग तरोध म रोगजनक क व एव स मण को रोकन क लय पौध म व भ न कार क सरचना मक अवरोध उपि थत होत ह अथवा इनका नमाण हो जाता ह जब क याशील रोग तरोध म रोगजनक क स मण स उ प न करन क समय र नह खलत ह

2 रसो च क सा वारा रोग तरोध - पौध क अ थाई शर र या मक रोग तरोध रसो च क सा वारा वक सत कया जा सकता ह सवागी कवकनाशी एव तज वक का पौध पर पण समह छड़काव करन अथवा जड़ वारा दन पर यह जीव- वय म कछ समय क लय बन रहत ह और जब तक इनका वषला भाव रहता ह तब तक रोगजनक ऊताक पर आ मण नह कर सकता ह

3 परपोषी पोषण वारा रोग तरोध - पौध म म य एव स म पोषक त व का छड़काव करक अथवा भ म वारा दकर रोग तरोध वक सत कया जा सकता ह य य प ऐस उपाय का भाव अभी तक स द ध ह जब क पोध क बल व वा छनीय होती ह बल पौध म त त जड़ एव रोह क थान पर नयी जड़ एव रोह को बनान क मता होती ह अतः वह अनक रोग क आ मण को सहन करन यो य होत ह

6 रोगी पौध क च क सा या उपचार रोगी पौध क च क सा न न व धय वारा क जाती ह -

1 रसो च क सा - रसो च क सा म रोगी पौध क ऊतक म रासाय नक उपचार वारा रोगजनक का उ मलन करक पौध को ठ क करना सि म लत ह इस काय क लय म य प स सवागी कवकनाशी एव तज वक का योग कया जाता ह इन रसायन को पौध क पि तय एव जड़ वारा अवशो षत कर लया जाता ह और यह को शका क जीव- वय म पह चकर रोगजनक को न ट करक एक रासाय नक तर ा या व ध यव था क प म काय करत ह तथा पौध म अ थाई रोग तरोध उ प न कर दत ह यह रोगजनक वारा उ प न कय गय आ वष का नरा व पकरण करन का काय भी करत ह और इस कार पौध क ऊतक पर रोगजनक वारा आ मण नह हो पाता ह

2 उ मा च क सा - यह पौध जो रोगजनक क तापीय नि यण म य ब द को सहन कर सकत ह उनक रोगजनक को न ट करन क लए उ ह उ मा वारा उपचा रत कया जाता ह इन उपचार का योग म य प स बीज कद श ककद इ या द क लय

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कया जाता ह फल व म अनक वषाणओ का नि यण करन क उ मलन करन क लए उ मा च क सा का सझाव दया गया ह इस कार ग न क पड़ी कठन रोग घासी रोह लाल वगलन मोजक इ या द ग न क पड़ व रोग एव दसर वषाण ज नत रोग

का उ मलन भी पो रय का उ मा जल उपचार अथवा उ मावात उपचार करक कया जाता ह

3 व श क च क सा - बड़ फल व को रोगी शाखाओ को काट कर अथवा रोगी भाग को खरच कर उनक घाव पर कवकनाशी प ट का लप करक स मण को समा त कया जाता ह सब क म य रोग जस काला तना भग तना एव गलाबी गग इ या द को व क श य च क सा करक ब ध कया जाता ह

1010 साराश पादप रोग व ान फसल सर ण क ि ट स एक मह वपण वषय ह इसम हम पौध

स जड़ी व भ न बीमा रय तथा उनक नय ण क बार म जान पात ह पादप रोग स जड़ा इ तहास भी लाभकार ह पादप रोग बधन म यतः छः स ा त पर आधा रत होता ह इन स ा त को यान म रखत ह ए कसी भी पौध क रोग को नय त कया जा सकता ह

1011 अ यास न 1 पादप रोग व ान क स ा त का वणन क िजए 2 पादप रोग व ान या ह पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म इसका

मह व एव इसक उ य समझाइए 3 पौध म अ वषण क लखक कौन ह

अ थयो टस ब जीसी क ट स एचएच हटजल द जसी होसफाल

4 भारत म आध नक पादप रोग व ान का जनक कस माना जाता ह 5 पादप रोग बध क म यतः कतन स ा त हात ह

अ 2 ब 4 स 6 द 8

1012 सदभ साम ी 22 Reddy TY and Reddi GHS 200 Principles of Agronomy kalyani

Publishers New Delhi 23 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 24 Singh Chhidda 1999 modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited new Delhi

173

25 Singh SS 1993 Crop management under Iirrigated and Rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

26 हलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ

27 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

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इकाई 11 फसल क म य फफद रोग एव नय ण

इकाई क परखा 110 उ य 111 तावना 112 गह क म य फफद रोग 113 धान क म य फफद रोग 114 म का क म य फफद रोग 115 वार क म य फफद रोग 116 बाजरा क क म य फफद रोग 117 सोयाबीन क म य फफद रोग 118 सरसो व तो रया क क म य फफद रोग 119 म गफल क म य फफद रोग 1110 अरहर क म य फफद रोग 1111 मसर क म य फफद रोग 1112 चन क म य फफद रोग 1113 म ग व उड़द क म य फफद रोग 1114 मटर क म य फफद रोग 1115 साराश 1116 बोध न 1117 सदभ

110 उ य इस ईकाई क अ ययन स हम जानग क -

फफद एव फफद रोग या होत ह फफद रोग का अ ययन यो आव यक ह व भ न फफद ज नत धा य तलहन एव दलहनी रोग क ल ण रोग कारक एव

नय ण

111 तावना फसल म होन वाल पौध रोग का ाथ मक ान अव य ह होना चा हए िजसस कसान

रोग नय ण क लए जाग क हो सक अप त हा न का बचाव ह रोग नय ण उपाय का मापदड होना चा हए यह भी ान लना आव यक ह क रोग स त उपज म कमी क साथ साथ उपज क गण म भी कमी स होती ह इस लए रोग नय ण करना आव यक ह य क

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रोगो का भाव फसल क पर शार रक याओ पर होता ह जो दखाई नह दती ह परत उपाय आन पर समझ म आ जाता ह फसल फफद ज य को पौध रोग स अप त हा न को बचा लन स ह 10-12 तषत उपज म व क जा सकती ह

114 गह क म य फफद रोग 1 ग आ या क रोग (Black Rus) -तन का क या काला ग आ (Stemor Black

Rust) रोगजनक या रोगकारक (Pathagon)-प सी नया गर म नस टसाइ ल ण- ग आ रोग क ल ण म भा वत भाग पर वषष तरह का उभार बनता ह िजस

फि सय क अन प भी कहा जा सकता ह इस पौध रोग व ा नक फोट कहत ह आर भ म य फोट भर ल ब ओर प ती क झ ल क अदर बह त छोट होत ह परत धीर-धीर बड होन क

साथ-साथ गहर भर रग क और आपस म मल जात ह प रणाम व प बढ़न लगत ह और झ ल फट जाती ह इन फोट क प र ध पर बाहय वचा क अवषष वत धा रय क प म प ट दखाई दत ह इस तरह क पौध काल ग आ रोग स भा वत होन पर ब कल जग लग

स दखाई दत ह िजस पर कमजोर बा लया लगती ह रोग सत फसल स दान सकड ह ए एव वजन म ह क ा त होत ह िजनका बाजार म य बह त कम हो जाता ह 2 पीला या धार दार ग आ रोग (Yellow or Stripe Rust)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- प सी नया ाइफा मस ल ण(Symptoms)-पीला ग आ रोग का आ मण म यतः पि तय पर होता ह उ अव था म रोग क ल ण पण छद तन और तष पर भी द षत होत ह रोग क वषष पहचान नीब पील रग क छोट-छोट फोट (Pustules) क पि तय पर बनन स क जा सकती ह य फोट पि तय क ना डय क बीच म धा रय या ल बी कतार म इस तरह स बनत ह क पि तय का हरा रग लगभग गायब हआ सा तीत होता ह गह क पकन का समय कर ब आन क साथ साथ रोगजनक भी पि तय क नचल सतह पर ह क काल रग क फोट बनाता ह जो अडाकार आकार क कतार म होत ह

3 नारगी या भरा ग आ या प ती ग आ रोगः- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen) -प सी नया रकाि डटा ल ण (Symptoms)-भरा ग आ रोग को प ती ग आ रोग भी कहत ह यो क इसक ल ण कवल पि तय पर ह बनत ह पर त कभी कभी पण छद और वतो पर दखाई पड़त ह आर भ म पि तय क उपर सतह पर रोग चमकदार नारगी रग क उभार बनाता ह िजस फोट भी कहत ह पीला ग आ रोग क अन प न होकर य फोट धा रय क बदल छोट-छोट समह म एक हो अ नय मत प स बखर ह ए दखाई पड़त ह इनका आकार पीला ग आ रोग क फोट स बड़ा होता ह क त काला ग आ रोग क फोट स छोटा होता ह गह क ग आ रोग क नय ण क उपाय (Contol measures)-

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ग आ रोग व व भर म महामार क प म गट हो चका ह इन तीन ग आ रोग का नदान फसल बआई पव एव खड़ी फसल म कस कए जाव नीच सझाया जा रहा हः-

(क) बवाई पव नय ण क उपायः- 1 र तरोधी जा त का चनाव करना- तीनो ग आ क लय उपल ध तरोधी जा तय क

नाम नीच दय जा रह हः- काला ग आ- सोना लका एचयड य-12 एचड य-657 एचडी2135 एचडी2204 माल वका यपी-215 यपी 262 पीला ग आ- छोट लरमा एनपी846 सोना लका शबती सनोरा यपी 215 यपी301 भरा ग आ- यपी215एचडी-2122सोना लका ताप जनक माल वका तीन ग आ क लय तरोधी जा तया-यपी319यपी215एचडी228अजन(HD-2009)

2 म त फसल- पाच गह क कतार क बाद पाच सरस क कतार म बवाई करत ह िजसस रोग नदान एव उनक उ प म कोप न करन क ि थ त उ प न हो जाती ह

3 समय स पव बवाई - ज द पकन वाल क म को उगान तथा उनक बवाई क समय म प रवतन स रोग क रोकथाम सभव ह बवाई 15 दन पव करना उपय त ह

(ख) खडी फसल म रोग नय ण क उपाय- (i) क ष काय म प रवतन- 1 उवरक क सतलन म प रवतन-खड़ी फसल म आधार मा ा म उवरक दन क बाद दसर

बार या तीसर बार उवरक क मा ा म प रवतन करना चा हए पोटाष खाद क मा ा अ धक एव न जन खाद क मा ा म कछ कमी करना रोग तरोधकता फसल म उ प न करती ह

2 सचाई म प रवतन-जनवर क बाद ग आ रोग का आ मण दखाई दन पर सचाई कम कर दना चा हए

(ii) फफदना क दवाओ का उपयोगः- 1 िजनब या डाइथन जड-78(02 तषत) या जाइरम या कमान एल (02 तषत)

डाइथन एम-45(02 तषत) या गधक चण 300 मष 18 स 20 कलो त ह टर (भरकाव क लय) या घलनषील गधक (015 स 02 तषत) या लाटव स 01 तषत (द हक फफदना क दवा ह)

उपरो त कसी भी फफदना क दवा का छड़काव या भरकाव 10-12 दन क अतराल स रोग क उ ता को यान म रख कम स कम दो बार करना चा हए

4 छदरा कडवा या अनावत कड रोग (Loose smut)- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- अ ट लगो यडा टसाई रोग आत रक बीज ज नत (Internally) ह ल ण (Symptoms)- छदरा कडवा रोग कवल दान को भा वत करता ह इस लय रोग क ल ण पौध म बा लया नकलन पर ह दखाई दत ह रोगजनक का वकास पौध क आत रक भाग म इस व ध स होता ह क बाहय भाग स स मत या व थ पौध म

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कोई अतर दखाई नह दता ह कवल बा लया नकलन पर स मत पौघ म दान क थान पर काल चण स य त बा लया बनती ह सामा य पौध क अप ा रोग त

बा लया कछ ह समय पव नकल आती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-रोग आत रक बीज ज नत ह इस लए रोग का खड़ी फसल म कोई नदान नह ह तथा रोग नदान क उपाय बीज बवाई पव कय जान चा हय

गम पानी वारा उपचारः-बीज को 105 अष फा110 अष फा तापमान क पानी म मषः 86 और 4 घट रखन स रोग नदान पर तरह कया जा सकता ह

धप वारा उपचार-इस व ध म सबह 8 बज स 12 बज तक गह बीज को साद पानी म भगोना चा हए इसस बीज अकरण क आत रक श आत हो जावगी साथ ह साथ रोगजनक कवकजाल का अकरण हो जावगा ऐस बीज को धप म 4 घटा सखान स अक रत कवकजाल पर तरह स न ट हो जाता ह इस तरह धप वारा उपचार स छदरा कडवा रोग का शत तषत नदान कया जा सकता ह

फफदना क दवा वारा उपचारः-द हक फफदना क दवा वारा बीज उपचार करन स रोग नदान 99 तषत हो जाता ह वटाव स या लाटव स या बा वि टन या एव बनलट दवा (25 ाम दवा त कलो बीज क दर स) श क उपचार करन स छदरा कडवा रोग का नदान कया जा सकता ह

रोग तरोधी जा तय वारा-इन रोगरोधी जा तय क नाम ह एनपी710718798799809 उ नत बोनी जा तया जस क याण 227पीवी18 ड यजी 307सी302 एव नवीनतम उ नत रोगरोधी जा तय क नाम ह ड यएल1002ड यएल1010ड यएल 1562 डीड य एल 5023 एव मालवीय गह-55

5 करनाल बट रोग (Karnal Bunt Disease)- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- नवो षया इ डका ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण बा लय म दान बनन पर ह दख जा सकत ह रोग सत बा लय म कछ दान आ षक या पण प स काल चण म पर णत हो जात ह यह चण फल भि त स ढका रहता ह बा लय पर बट स स मत दान क ि थ त अ नय मत होती ह इसस यह नि चत कया जा सकता ह क रोगजनक का स मण आत रक या द हक न होकर थानीय व वातोढ़ ह एक दान का कछ ह भाग स मत होता ह और शष भाग व थ रहता ह इस रोग क बीजाण म भी ाईम थलमीन रसायन बनता ह िजसक दग ध दर स ह जानी जा सकती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(i) य क बीज क साथ सद षत पदाथ क प म बीजाण मटट तक पह चत ह अतः बीजोपचार भावषील नह होता ह

(ii) खड़ी फसल म कसी फफदनायक दवा का उपयोग स नदान नह कया जा सकता ह

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(iii) उपल ध रोग रोधी जा तय को चना जा सकता ह उनक नाम हयपी 310एव एचडी 1981

(iv) डयरम जा त क गह को रोग तरोधी पाया गया ह इस जा त को अ धक भा वत क लए उपयोग कया जाना चा हए

6 वज कडवा रोग (Flag Smut) रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)-यरो स टस टसाइ रोग मदा ज नत एव बीज ज नत भी ह ल ण (Symptoms)-इस रोग स त भ क म एव पि तया सत होती ह रोग क ल ण म यतः पि तय व पण छद पर ह दखाई दत ह भा वत पि तया ऐठ जाती ह और कलातनत ि थ त ( वज प) होत ह ए लटकन सी लगती ह और बाद म मरझाकर सख जाती ह परा पौधा धीर-धीर मर जाता ह रोह बध रोग कोप क कारण खाल रह जात ह य द दान भरत भी ह तब भी व सकड ह ए व बकार होत ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-खड़ी फसल म रोग का काई नदान सभव नह ह अतः बीज बवाई पव बीजोपचार कॉपरकारब नट चण स कया जाना चा हए 2 ाम दवा एक कलो बीज उपचा रत करन क लय पया त होती ह द हक फफदना य दवा जस-बव ट न या वटाव स 2 ाम त कलो बीज क दर स उपयोग क जा सकती ह

115 धान क म य फफद रोगः- 1 पणदाग या भरा ध बा रोग (Brown spot disease)-

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- हि म थो पो रयम ओराजी ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण अक रत बीज स ा त थम प ती या ाकरचोल (coleoptile) क अ त र त पि तय पण छद एव तष पर द षत होत ह ाकरचोल पर रोग क ल ण भर रग क छोट-छोट ध ब क प म दखाई दत ह िजनका आकार गोलाकार स अडाकरा होता ह ध बो का रग गहरा भरा व बजनीभरा हो जाता ह ध ब प र ध म गहर रग क होत ह उ अव था म य ध ब आपस म मल जात ह तथा पि तय भर रग क होकर सख जाती ह य द रोग आ मण बा लया नकलन क पव अ धक मा ा म हआ हो तो बा लया नकल ह नह पाती ह और बना पण वक सत ह ए न ट हो जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) भरा ध बा रोग क नय ण क लए सव च ाथ मकता हनोसान दवा को द जानी चा हए य क इस दवा क वारा इस रोग क साथ-साथ झलसन (Blast) रोग का नय ण भी हो जाता ह दवा 01 तषत क दर स 12 स 15 दन क अ तराल म कम स कम दो बार अव य ह डाल जाव

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय-

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(i) रोग बीज ज नत ह अतः व थ फसल स ा त कय गए ह बीज उपयोग म लाना चा हए

(ii) पाराय त फफदना क दवा जस मोनासान या सरसान या ए ोसान जीएनआ द को 25 ाम दवा त कलो बीज क दर स श क उपचार व ध वारा उपचा रत करन स बीज

ज नत ोत को न ट कया जा सकता ह (iii) अप ाकत अ धक तापमान क समय ह बवाई क जानी चा हए य क कम तापमान म

बीज अकरण व बढ़ना मद ग त स होती ह जो रोग आ मण क लए अनकल होती ह बवाई पव ह रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जा सकता ह रोग तरोधी जा तया-ट -498-2 सीओ20बीएएम10ट -141सीएच13 और सीएच45

रोग सहनषील जा तया-बाला क णाकसमा साबरमती ची एव ा त 2 झलसन या सहसामार रोग (Blast disease)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- पाइर कल रया ओराइजी ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण पि तय पर 1 स 4 मीमी यास क ल बी-ल बी नील सी धा रय क प म श होत ह जो शी ह भर रग क ध ब का आकार बना लती ह य ध ब अडाकार आकार क हो जात ह िजनक रग कनार स भरा तथा बीच का भाग सखी घास क समान होता ह परानी पि तय पर ध ब अप ाकत बड बनत ह जब क नई पि तय म ध ब छोट बनत ह पि तय क अ त र त य अडाकार ध ब पण छद पर भी दखाई दत ह रोग क उ अव था म ध ब आपस म मल जात ह और पि तया झलसी ह ई दखाई दती ह रोग का कोप बा लय क गदन पर भी होता ह अथात बा लय क ड ठल क सभी ओर भर रग का स मण दखाई दता ह इस कारण वह भाग कमजोर पड़ जाता ह और बा लया वहा स पकन स पव ह टट जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण-lsquolsquo हनोसानlsquolsquo का पहला छडकाव 01 तषत क दर स कया जाना चा हए दसरा या तीसरा छड़काव 12 स 15 दनक अ तराल म आव यकताकनसार कया जाव यह दवा उपल घ न होन पर lsquolsquo कटािजनlsquolsquo 01 तषत या lsquolsquoबव ट नlsquolsquo 01 तषत या lsquolsquoडायथनlsquolsquo एम 45 02 तषत या ता य त दवा जस- यपरामार ि लटा स-50फाइटोलानफजीकापर को 03 तषत क दर स उपयोग कया जा सकता ह

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपायः- (1) रोग तरोधी क म-जया आरपी5-2सीओ25 सीओ-26 (2) दवा वारा बीज उपचारः-सरसन मोनासान दवा स (25 ाम दवा त कलो बीज क

दर स) 3 आभासी कड या झठा कडवा रोग (False smut)-

रोगजनक या रोगकारक (Pathogrn)- अि टलिजनॉइ डया वाईर स ल ण(symptoms)-बा लय म दान पर रोग क ल ण बनत ह भा वत दान क अदर

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रोगजनक फफद अडाषय को एक बड कट प (pseidomorph) म बदल दता ह िजसस दान व थ दान स दगन स भी अ धक प रधी क मखमल चमकदार नारगी रग क प डदान क बीच बीच बनत ह य आर भ म नारगी रग क होत ह जो बाद म जतनी हर रग म बदल जात ह एक बाल म भा वत दान क स या 2 स 150 तक हो सकती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपायः-खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई भी उपाय नह सझाए जात ह

(ख) बवाई पव नय ण क उपाय-बवाई पव नय ण क उपाय क लए फ ल पाइन दष म 01 तषत मरक रक लोराड घोल म धान को डबोना तथा फर स 6 घट साद पानी म

रखना सझाया ह 4 पण छद अगमार या शीथ लाइट रोग (Sheath blight disease)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- कॉ ट षयम ससाक ल ण (symptoms)-रोग क ल ण धान क खत म भर पानी क सतह स उपर दखाई पडत ह पण छद एव पि तय पर ल ण बनत ह जोपण छद पर 2-3 समी ल ब 05 समी चड भर स बदरग भाग क प म श होत ह हर पण छद पर प ट दखाई दत ह एव कछ समय प चात पआल क रग क हो जात ह इन बदरग थल क वषष पहचान यह ह क इनक चार और बगनी भर रग क ध ब का घरा होता ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) एक छड़काव पॉल ऑि सन 005 तषत (ख) बवाई रोग नय ण क उपायः- 1 िजन थान पर रोग कोप अ धक होता हो वहा धान क फसल काटन क बाद

अवषष को जला दना चा हए िजसस उनम उपि थत लरो षया न ट हो जावग 2 भा वत फसल स बीज एक न कए जाव 3 सम या त म रोग तरोधी जा त

पकज लगाई जानी चा हए

116 म का क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Maize)- I प ती अगमार या लाइट रोग (Leaf Blight disease) ल ण (Symptoms)-रोग जनक ह म था पो रयम ट सकम क ल ण बवाई क 4-5 स ताह बाद दखाई दत ह सबस नीच क पि तय पर सबस पहल स मण होता ह और रोग क ल ण उ प न होत ह पि तय पर ल ब द घतवताकार अथवा नाव क आकार क ध ब बनत ह जो धसर हर रग स लकर भर रग क होत ह य ध ब 15 समी तक ल ब ओर 3 स 4 समी तक चड हो सकत ह रोग नीच क पि तय स बढ़कर उपर क पि तय पर फलता ह नीच क पि तया रोग वारा पर तरह सखा द जाती ह

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रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- ह म थो पो रयम ट सकम ह मथो पो रयम म डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म नय ण क उपायः- 1 जीनब या डाइथन जड 78 या डाइथन एम 45 (02 तषत क दर स) या ता य त

फफद नाषक दवा जस ि लटा स-50 फाइटोलान यपरामार या ल कापर आ द 03 तषत क दर स या क टान दवा 02 तषत क दर स

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय- 1 पौध अवषष को एक कर जला दन स रोग क उ ता कम क जा सकती ह 2 रोग नय ण का सबस उ तम उपाय रोग तरोधी जा तओ का चनाव करना ह इस

रोग त स ह ण कई जा तया उपल ध ह उ ह चना जा सकता ह सकर म का गगा-2 सकरम का-4 सकरम का-5

3 मा णत बीज कसी भी व वसनीय तो स ा त करना चा हए 2 भरा प ती दाग या फाइजोडमा ल फ पाट रोग (Physoderma leaf spot

disease)- ल ण (symptoms)-रोग क ल ण प ती प तीपण डठल एव भटट क बाहर आवरण पर बनत ह प ती एव अ य भाग पर ध ब बनत ह िज ह अ धक मा ा म पि तय क नीचल भाग पर दखा जा सकता ह सव थम रोग क भाव स पि तया पील सी हो जाती ह जो कछ ह समय म भर स रग म बदल जाती ह इन ध ब क चार ओर पीला सा घरा बनता ह रोग क भाव स पि तया बना पण वक सत ह ए ह सख जाती ह रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)-फाइजोडमा जी म डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपायः-रोग क आरि भक अव था म म का क फसल को रोग कोप स बचान क लए ता य त फफदना क दवा जस-फाइटोलानि लटा स-50 लकापर आ द का 03 तषत क दर स छड़काव कया जाना चा हए अथवा बोड म ण दवा 4450 का भी छड़काव कया जा सकता ह आव यकतानसार दो छड़काव 15 दन क अ तराल स कर अ य दवाय जस जीनब डाइथन-45 एव क टान सभी 02 तषत क दर स छड़काव क जा सकती ह

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय-रोग नय ण का सव तम उपाय रोगरोधी या स ह ण जा तया लगाना ह

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117 वार क म य फफद रोग (Important Fungal Disease of juar)- 1 आवत कडवा या न मट रोग (Grain or Covered smut disease)

ल ण (Symptoms)- पौध म भ आन पर कई दान अ य दान क अप ा दगन स भी अ धक बड़ दखाई पड़त ह इन बड़ दान को जब तोड़कर दख तो इनम दोन क थान पर बीजाणओ का समह काल पाऊडर क समान दखाई दता ह एक भ म 50 स 80 तशत तक दान इस रोग स भा वत होत ह

रोगजनक (Casual organism) - फ सलोथीका सोघाई 2 अनावत या छ रा कडवा रोग Loose smut disease

ल ण (Symptoms)- पौध का वकास अव हो जाता ह तथा व अप ाकत छोट रह जात ह इन पौध म भ अप ाकत 5-7 दन पहल नकल आत ह भ पर कई दान काल-काल पाऊडर वारा भर दखाई दत ह रोगजनक एव रोगच (Control measures) - फ सलोथीका ए टा स

3 चोट कडवा या हड मट रोग (Head smut disease) ल ण (Symptoms)- फसल म भ नकलन क पव इस रोग क ल ण दखाई नह दत ह भ आन पर उनक प पमजर क प होकर बीजाण पज म प रव तत हो जाती ह रोग सत भ म दान क थान पर 10-12 समी और 4-5 समी चड प ती सर खी रचनाय बन जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures) - पारा य त फफद नाशक दवा जस सरासोन मोनोसान ए ोसान जीएनआ द स 25 ाम त कलो बीज क दर स बीज उपचार करना चा हए रोगजनक (Casual organism) - फ सलोथीका राइ लयाना

4 मदरो मल या डाऊनी म डऊ रोग (Downy mildew disease) ल ण (Symptoms)- भा वत पि तय क ऊपर भाग पर ह क हर या पील रग क च त बन जात ह य च त पि तय क साथ बढत ह य सभी पि तय पर फल जात ह इन च त क ठ क नीच का भाग सफद जाल सर खी सरचना स घरा रहता ह यह रोगकारक फफद क कवकजाल बीजाण दड या बीजाणओ का समह ह रोगजनक एव रोगच (Casual organism) - कलर पोरा सोघाई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- ता य त फफदनाशक दवा का छड़काव 15 दन क अ तराल स कम स कम दो बार करना चा हए यपरामार फाइटोलान फजीमार लकापर एव ि लटा स-50 आ द नाम स उपल ध ह 30 ाम दवा 10 ल टर पानी म मलाकर त ह टर कम स कम 450 ल टर दवा क घोल का छडकाव करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय-

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(i) फसल कटाई क बाद पौध अवशष एव गर ह ई पि तय को एक कर जला दना चा हए िजसस रोगजनग क ाथ मक स मण का मख ोत न ट हो जावगा (ii) इस रोग स सम या त खत म म का बाजरा एव वार 2-3 वष तक न लगाय एव फसल च अपनाय (iii) नीची जमीन म पानी इ कठा होन क कारण रोग कोप अ धक होता ह इस लए ऐसी जमीन पर वार न लगाव (iv) थानीय रोग तरोधी अथवा सहनशील जा त का चनाव कर 5 यामवण या ए थरकनोज रोग (Anthracnose disease)

ल ण (Symptoms)- पि तय पर लाल रग क बदरग च तत बनत ह जो शी ह बढ़कर पर प ती पर फल जात ह िजसस छोट पौध पण बढ़वार क पहल ह न ट हो जात ह पि तया ध ब क थान स बह धा फट जाती ह तन पर भी रोग क ल ण लाल दाग क प म बनत ह पर इनक स या कम होती ह लाल दाग पर काल ब द समान रचनाय

दखी जा सकती ह इन रचनाओ स ह रोगजनक क पहचान क जा सकती ह िजस एसरवलस कहत ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोगजनक बीज ज नत ह एव पौध अव था म फसल को अ या धक त पह चात ह इस लए खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई उपाय नह सझाय गए ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय-यह रोग बीज ज नत ह इस लए बवाई पव पारा य त दवा स बीज उपचार करना चा हए

6 ग आ रोग (Rust disease) ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण अ सर फसल क 2 माह का हो जान क प चात ह दखाई दत ह रोग क वशष पहचान फ सय या फोट क बनन स क जा सकती ह ग आ रोग क फ सया या फोट पि तयो क दोन तरफ बनत ह इनका रग लाल स भर रग का होता ह फसल क प रप व होन क साथ-साथ लाल भर स फोट गहर क थ स काल रग बदल जात ह

रोगजनक एव रोगच (Casual organism) - प सी नया पप रया रोग नय ण क उपाय (Control measures) - (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- फसल य द चार क लए ल जा रह हो तो कोई दवा नह डाल दान क फसल क लए फसल को दो माह का हो जान पर एक छड़काव घलनशील गधक 015 तशत क दर स या 300 मश वाला गधक चण का भरकाव 15 क ा त ह टार क दर स कया जाना चा हए दसरा छड़काव या भरकाव 20 दन बाद दोहराया जा सकता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- खत स पौध अवशष को एक कर जला दव उपल ध रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जाना चा हए

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116 बाजरा क क म य फफद रोग (Importance Fungal Disease of Bajra) 1 मदरो मल या ह रत बाल रोग (Downy Fungal Disease of Bajra) ल ण Symptoms- रोग क ल ण दो अव थाओ म अलग अलग दख जा सकत ह (i) मदरो मल या डाऊनी म डऊ अव था (ii) ह रत बाल अव था (i) मदरो मल अव था (Downy mildew stage)- भारतवष म रोगजनक का भद ह रत बाल अव था क ल ण उ प न करता ह पर त मदरो मल ल ण क

स मता कम द शत करता ह पि तय क ऊपर सतह पर लबाई क कछ ह क हर रग क धा रया सर खी न मत हो जाती ह इन धा रय क ठ क नीच फफद का जाला सर खा लगा हआ होता ह कछ समय प चात य ह क हर धा रया भर रग म प रव तत हर जाती ह और पि तया कनार स फट जाती ह पि तय पर पील घा रया बनती ह जो नचल भाग स श होकर या तो पि तय क बीच म समा त हो जाती ह या सर तक पह च जाती ह (ii) ह रत बाल अव था (Green ear stage)- रोग क अभाव क कारण भा वत पौध अप ाकत बौन रह जात ह बा लया नकलन पर उनम दान क थान पर हर रग क छोट -छोट पि तया बन जाती ह िजसस बा लया हर दखाई पड़ती ह इस लए रोग का नाम ह रतबाल रोग दया गया ह रोगजनक (Casual organism) - लरो पोरा र मनीकोला रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- मदरो मल अव था क नय ण क लए ता य त दवा जस ि लटा स -50 लकापर फाइटोलान यपरामार आ द का 03 तशत क दर स छड़काव कया जाना चा हए अथवा पहला छड़काव रोग क ार भक

अव था म कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा व तीसरा छड़काव 12-15 दन क अ तराल म कया जाना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (प) व थ फसल स ह बीज एक कर (पप) रोग तरोधी जा त अथवा सहनशील जा तय का चनाव कया जाना चा हए (पपप) फसलच अपनान स रोग क उ ता को कम कया जा सकता ह (पअ) 25 ाम पाराय त फफद नाशकदवा 1 कलो बीज क दर स बीज उपचार कया जाना

चा हए (अ) फसल कटाई बाद ह खती क सफाई कर पौध अवशष को न ट करना चा हए

2 अगट रोग (Ergot disease) ल ण (Symptoms)- फल आन क समय स लकर फसल क पकन तक इस रोग का स मण होता ह रोग क आ मण क फल व प मध ब द को द शत करत ह

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प प म क एक मीठ नल बन म को न डया समह वत होत ह धीर-धीर यह ाव स म ब दओ क साथ एक होता चला जाता ह या प पाग क सतह पर चपका रहता ह मध क कारण क ड़ का वशष आकषक होता ह शी ह य रचना कड़ा प ल लती ह िजस अगट कहत ह रोगजनक (Casual organism) - लि स स माइको सफला रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई

उपाय न अपनाय जाव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) व थ फसल स बीज लया जाना चा हए (ii) अगट म त बीज स अगट को अलग करन क लए 20 तशत नमक क घोल म बीज डबोन स अगट घोल क सतह पर तरन लगत ह िज ह एक कर न ट कया जा सकता ह उपचा रत बीज को अ छ स साफ पानी स घो लन क प चात ह बोना चा हए (iii) समय पव बवाई करन स रोग कोप म कमी होती ह अतः इस अपनाया जा सकता ह

117 सोयाबीन क म य फफद रोग (Importance Fungal Diseases of Soybean) 1 बीज सड़न व पौद अगमार रोग (Seed rot amp seedling blight) ल ण (Symptoms)- रोग स बीज अकरण क पव ह म ी म सड़ जात ह भा वत बीज खोजकर नकालन पर थोड़ स अक रत तीत होत ह अथवा कछ बीज जड़

व थम प क नकल ह ए पर त सड़ ह ए दखाई दत ह कभी-कभी बीज अक रत होकर बाहर आ जाता ह और 4-6 दन क बाद य पौध पौद अगमार रोग स मर जात ह इन पौध का आधार भाग भरा हो कर वगलन स त होता ह रोगजनक एव रोगच (Casual organism) -रोग न न ल खत कई फफद वारा उ प न होता ह ऐ पिजलस नाइजर को लटो ाइकम टordfकटम लरो शयम रोफ फसाई फयज रयम पीजीस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- बवाई पव ह रोग नदान क उपाय अपनाय जा सकत ह रोगजनक बीज ज नत ह अतः बीज उपचार फफदनाशक दवा स कया जाना चा हए 3 ाम कपटान या बव ट न या थीरम या डाइफोलटन दवा त कल बीज क अनपात स श क व ध स बीज उपचार करना चा हए 2 यरोथी शयम प ती ध बा रोग (Myrothecium Leaf Spot) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल पर बआई स एक माह म ह दखाई दन लगत ह रोग क श आत गोलाकार छोट-छोट भर रग क ध ब स होती ह इन ध ब

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क क रल बगनी रग क होत ह इन ध ब क चार ओर गहर हर रग क वशष रचना िजस पोरोडो कया कहत ह बनती ह रोगजनक एव रोगच (Casual Organism) - मायरोथी शयम रो रडम रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग क भाव स सोयाबीन क बीज सकड़ जात ह इस लए रोग कोप बढ़न स पव कम स कम ता य त फफदनाशक दवा जस फाइटोलान यपरामार ि लटा स 50 आ द का छड़काव 03 तशत क दर स कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा छडकाव कया जाव िजनब या डाइथन एम45 दवा (02 तशत) भी उपयोग क जा सकती ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग सत गर ह ई पि तय को एक करक जला दना चा हए िजसस रोग कोप म बह त कमी होती ह य क रोगजनक का ाथ मक ोत न ट हो जाता ह (ii) रोग तरोधी जा तया का चनाव कर

119 सरसो व तो रया क क म य फफद रोग (Importance Fungal Diseases of Mustard) 1 सरसो तो रया एव सीफर कल क पौध का वत ग आ या सफद फफोला रोग (White Rust disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण सव थम पि तय पर ह क हर स च तत दध क सामान सफद फोटो या फ सय म बदल जात ह इन भा वत पौध क बा य वचा फट जाती ह और रोगजनक हवा म बखरन श हो जात ह य फोट पि तय क दोन तरफ बनत ह उ अव था म फोट आपस म मलकर पर पि तया झड़न लगती ह रोगजनक (Casual organism) -ए बग कि डडा रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- फसल क बवाई क 40 दन बाद ह एक बार ता य त फफद ना क दवा जस - ि लटा स-50 फाइटोलान यपरामार आ द का एक छड़काव 03 तशत क दर स कया जाना चा हए त एकड़ कम स कम 180 ल टर घोल का छड़काव अव य ह कया जाना चा हए बोड म ण दवा 4450 का भी छड़काव रोग क सभा वत हा न स बचन क लए उपय त होता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशष एव गर ह ई पि तय को एक कर जला दना चा हए रोगजनक क

ाथ मक स मण का ोत न ट हो जावगा (ii) 2 स 3 वष का फसल च अपनाना चा हए िजसस 3 वष तक सीफर कल क

कसी भी फसल को न लगाय (iii) कई जगल परपोषी जो इस कल क होत ह को न ट कर दना चा हए

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2 सरस तो रया एव सीफर कल क पौध का प ती ध बा रोग (Leaf spot disease)

ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल कर 20 स 25 दन का हो जान पर ह दखाई दन लगत ह आर भ म पि तय पर भर रग क छोट-छोट ध ब बनत ह जो कछ ह समय म गोलाकार हो जात ह मौसम क अनकलता पाकर य ध ब अ धक मा ा म बनत ह और आपस म मल जात ह पि तया बर तरह स झलसी ह ई दखाई दती ह उ प धारण करन पर पि तया गर जाती ह िजस कारण फल कम मा ा म बनत ह रोगजनक (Casual organism) - आ टरन रया बर ससीकोला एव आ टरन रया रफनाई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- इस रोग स फसल को बचान क लए फसल म एक छड़काव ता य त दवा जो बाजार म ि लटा स- 50 लकापर आ द नाम स उपल ध ह को 03 तशत क दर स 15 दन क अ तराल म कम स कम दो बार छड़काव करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) च क रोग बीजज नत या बीजोड़ ह इस लए बवाई पव बीज उपचार पारय त फफदनाशक दवा स (25 ाम दवा त कल बीज) श क उपचार कर (ii) पौध अवशष को एक कर जला दव

119 म गफल क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Groundnut) 1 ट का रोग या पणदाग रोग (Leaf spot disease) ल ण (Symptoms)- रोग दो कार क ल ण द शत करता ह यो क रोग क दो अलग-अलग रोगजनक ह एक सक पोरा अरचडी कोला फफद ह जो पहल कोप करता ह य क दसरा सक पोरा परसोनटा ह जो लगभग 45 दन बाद स मण करता ह सक पोरा अरचड़ीकोला वारा द शत ल ण -(Early leaf spot symptoms)- म गफल कर ट का रोग सव थम इसी रोगजनक वारा फसल पर ल ण उ प न करता ह िजसका आर भ पि तय पर ह क हर भाग क बनन स होता ह य भाग कछ ह दन म लाल स भर रग म प रव तत हो जात ह इन सभी ध ब क चारो ओर चकमदार पीला घरा होता ह ध ब का रग पि तय क सतह पर लाल भरा एव गहरा भरा सा होता ह पर त नीच क सतह पर ह का भरा तथा पीला घरा अ प ट होता ह सक पोरा परसोनटा वारा द शत ल ण ndash (Late leaf spot symptoms)

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इस रोगजनक का कोप अप ाकठ दर स अथात फसल क दो माह का हो जान पर ह दखाई दता ह रोग क ल ण नय मत आकार क छोट-छोट ध ब स आर भ होत ह िजनका रग गहरा भरा स काला होता ह इन ध ब का यास 1 स 6 ममी होता ह एव य ध ब पि तय क सतह पर उभार उ प न करत ह य ध ब ती ता स बढ़त ह इनक चारो ओर पीला घरा नह होता ह ध ब क अ य धक बन जान पर पि तया झड़ जाती ह तथा भा वत फसल बना पि तय क दखाई दती ह रोग का स मण पि तय क अलावा तन व शाखाओ पर भी ध ब क बनन स दखा जा सकता ह रोगजनक (Causal organism)- रोग दो कार क रोगजनक फफद वारा उ प न होता ह

1 सक पोरा एरचड़ीकोला 2 सक पोरा परसोनटा खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय (Control measures) (क) बोड म ण 08 तशत (4450) (ख) कापर आ सी लोराइड जस ि लटा स-50 ल कापर फाइटोलान आ द 03 तशत (ग) डाइथन एम- 45 02 तशत (घ) घलनशील गधक व कापर आ सी लोराइड (11) 02 तशत (ड) बव ट न 01 तशत (च) फाइकाल - 8005 तशत दवा का फसल का 40 दन का हो जान पर

पहला छड़काव कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा और तीसरा छड़काव 12 स 15 दन क अतराल स कया जाना चा हए बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशोष को एक कर जला दना चा हए (ii) बवाई पव बीज उपचार क लए म गफल क दोनो को 05 तशत नीला थोथा घाल म कर ब आध घट तक डबोन स बीज उपचार कया जा सकता ह जो बीच ज नत रोगजनक को न ट कर दता ह (iii) बवाई समय म प रवतन- य द म गफल क बवाई 15 दन पव करना सभव हो तो रोग कोप स कोई नकसान नह होता ह य क रोग उ प धारण करन स पव फसल पक कर तयार हो जाती ह (iv) ज द पकन वाल क म का चनाव- रोग कोप ज द पकन वाल क म को पर तरह भा वत नह कर पाता य क उ प ा त करन क पव ह अव ध पर हो जाती ह ओर उस खोद लया जाता ह 2 पद सड़न या कालर राट रोग (Collatr rot disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पौध क उस भाग पर बनत ह जो म ी क सतह का तन का भाग (कालर भाग) सखी सडन पौध क तन को स मत कर धीर -धीर बढ़ती ह सखी सड़न बढ़कर पौध क आधार को कमजोर कर दती ह िजसस पौध गर जात ह एव सखकर मरझा जात ह इन भा वत पौध क सखी सड़न वाल थान पर रोगजनक फफद क उभर ह ई काल काल रचनाए प ट दखाई दती ह रोगजनक (Causal organism) -ए परजीलस नाइजर

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रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नय ण क लए खड़ी फसल म कोई उपाय नह कए जाव यो क रोगजनक बीजज नत ह तथा ाथ मक स मण बीज वारा ह होता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- रोगजनक क बीजाण बीज क बा य सतह पर चपक रहत ह इस लए उ ह न ट करन क लए न न ल खत कसी भी दवा स श क व ध वारा बीज उपचार करना चा हए (i) पाराय त फफद नाशक दवा जो बाजार म मोनोसान सरसन ाई ए ोसान जी एन

आ द नाम स उपल ध ह को 25 ाम त कलो बीज क दर स (ii) काब नक गधकय त फफद नाशक दवा जस थीरम या डाइथन एम 45 को 25

ाम दवा त कलो बीज क दर स 3 ग आ या र ट रोग (Rust disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल बवाई क 30 - 35 दन प चात दखाई दन लगत ह रोग क ल ण सबस पहल पि तय क नचल सतह पर उ तक यी फोट क प म द शत होत ह कछ ह दन म पि तय क ऊपर सतह पर भी फल

जात ह पि तय क भा वत भाग क बा य वचा फट जाती ह रोग आ मण क कारण फि लया समय स पहल पक जाती ह एव बीज चपट और वकठ हो जात ह रोगजनक (Causal organism) - प सी नया ऐरा क डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- म गफल पर ग आ क साथ साथ ट का रोग का भी कोप होता ह अतः दोन क नय ण क लए एक ह फफदनाशक दवा का उपयोग कया जाना चा हए नीच द जा रह कोई भी एक दवा को 3 बार 12-15 दन क अ तराल स छड़काव कया जाना चा हए पहला छड़काव बवाई क 30- 35 दन बाद अथवा रोग क ार भक ल ण दखाई दन पर कर (i) घलनशील गधक 015 तशत का छड़काव या गधक चण 300 मश का 15 कलो तह टर क दर स भरकाव (ii) डाइथन एम-45 का 02 तशत क दर स छड़काव

(iii) कारबडािजम या बवि टन 01 तशत का छड़काव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग बीज ज नत होन का अनमान व ा नक वारा लगाया गया ह इस लए सम या त म बीज क 01 तशत क दर स

बीटाव स या लाटव स दवा स उपचा रत करक बोना चा हए (ii) पौध अवशष एक कर जला दना चा हए (iii) रोगम त फसल स फि ल बोवाई हत योग कर

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1110 अरहर क म य फफद रोग (Important Fungal Disease of Arthar or Tur) 1 उ ठा या मरझान या व ट रोग (Wilt diseases) ल ण (Symptoms)- इस रोग का स मण रोग क पहचान पौध क पि तय क पीला पड़न स क जा सकती ह खत म पया त नमी क रहत ह ए पौध क पि तया पील होन लगती ह धीर-धीर सभी पि तया मरझाकर गर जाती ह परा का परा पौधा सख जाता ह इन भा वत पौध को जड़ स उखाड़कर दखन पर जड़ क ऊपर भाग पर भर या काल काल रग क धा रया दखाई पड़ती ह यह धा रय रोग जनक फफद क रचानाओ क कारण दखाई ह जो जड़ स पानी व पोषण त व तन व पि तय तक नह पह च पात ह रोगजनक (causal organism) - यज रयम आ सी पोरम फाि प उडम रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- (i) रोग कोप च क एक पौध स फलकर आसपास क पौध पर फलता ह इस लए भा वत पौध क जड़ स उखाड़ कर एक कर जला दना चा हए िजसस आगामी वष म रोग क उ ता कम क जा सकती ह (ii) फसल काटन क बाद ह ए ठठ भी जड़ स हत उखाड़ कर एक कर जला दना चा हए िजसस भी आगामी वष म रोग उ ता कम हो जावगी (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) म त खती- वार व अरहर को एक क बाद एक कतार म बोन स रोग पकोप क स भावना कम हो जाती ह और उ ता म भी कमी हो जाती ह (ii) त बाक क साथ फसल च अपनाया जाव तो रोग कोप बह त कम हो जाता ह त बाक क जड़ स नकलन वाला ाव रोग जनक क लए हा नकारक होता ह (iii) बबाई पव कपास व म गफल क खल को खत म मलाया जाव तो रोगजनक क तरोधी जीवाण ब सलस सबट लस क उ प ती अ धक होती ह जो रोगजनक क बढ़वार

को कम करक रोग कोप को कम करत ह त ह टर 20 किवटल खल उपयोग करना चा हए (iv) रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जाव उपल ध इन जा तय क नाम ह एनपी 15 एनपीड ल एफ-18 आर-41 रोगान-1 एव बी-1 आ टाइप - 17

1111 मसर क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Lentil) 1 चण फफद अथवा पाऊडर म डऊ रोग (Powdery mildew diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण बवाई क लभगभ ढाई माह बाद दख जा सकत ह इस अव ध तक फसल फल आन क अव था म आ जाती ह इस समय रोग पौध

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क सबस परानी पि तय पर सफद सफद च त बनाता ह य च त बस कछ दन म ती ता स बढ़त ह और पर पौध पर सफद पाऊडर समान रचना न मत हो जाती ह रोगजनक (Causal organism) - इर साइफ पॉल गोनी रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नदान क लए फसल का ढाई माह का हो जान पर एक छड़काव घलनशील गधक (02 तशत) कया जाव अथवा 300 मश का गधक चण का एक भरकाव 12 कलो त ह टयर क दर स कया जाव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) मसर बवाई स पव खत क अ छ तरह स सफाई क जानी चा हए एव पौध अवशष को एक त कर जला दना चा हए िजसस रोग क ाथ मक स मण ोत का न ट कया जा सकता ह (ii) थानीय रोग तरोधी अथवा सहनशील जा त का चनाव कया जाना चा हए

2 उ ठा या ला न या व ट रोग (Wilt disease) ल ण (Symptoms)- रोग का कोप बबाई क 15-20 दन बाद ह श हो जाता ह खत म पया त नमी क रहत ह ए पौध क व क जाती ह पि तया पील पड़न लगती ह और पौध सखकर मर जात ह भा वत पौध को उखाड़कर दखन पर रोगी पौध क जड़ अ वक सत व ह क भर रग क हो जाती ह रोगजनक (Causal organism)- यज रयम ऑ सी पोरम फाि पलि टस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- इस रोग क नय ण क लए खड़ी फसल म कोई भी उपाय न अपनाय जाव य क रोगजनक म ी ज नत ह कवल भा वत पौध को ह नकल कर न ट कर दव िजसस रोगजनक क सार को कम कया जा सकता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग बीज ज नत भी ह इस लए बवाई पव बीज को ब वि टन या थीरम या कपटन या कपटाफाल नाम फफद नाशक दवा स श क उपचा रत करक बोय ढाई ाम दवा एक कलो बीच उपचार क लए पया त होती ह (ii) पौध अवशष को एक कर जला दव (iii) रोग सहनशील क म जस - एस617 एव एस64388 को सम या त खत क लए चन

1112 चन क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Gram) 1 उ ठा या ला न या व ट रोग (Wilt diseases) ल ण (Symptoms)- भा वत पौध क पि तया पील पड़ना श होती और पीलापन धीर-धीर बढ़न लगता ह तथा पौध भर रग म बदलन लगत ह एव अ त म सख जात ह पौध क म ी म पया त नमी क रहत ह ए सखना उ ठा रोग का मख ल ण ह

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भा वत पौध क जड़ उखाडकर दखन पर ात होता ह क छोट जड तो भर हो गई ह और म य जड़ पर काल सी भर धा रयाबन गई ह रोगजनक (Causal organism) - यज रयम आथ सरस ओपरकलला पड व कआई कलरो शयम रो फसाई राइजकओ नया सोलनाई आ द फफद क एक साथ या अलग

अलग कोप करन क कारण रोग क उ ताबढ़ जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नय ण क लए खड़ी फसल म कोई भी उपाय नह सझाय गय ह अतः कवल स मत खत को वशष प स पहचाना जाव िजसस अलग वष बबाई पव नय ण उपाय वशष यानपवक अपनाय जा सक (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशष को जताई कर एक करक जला दत ह (ii) बीज कसी द हक फफद नाशक दवा जस बव ट न या कारबडािजम 25 ाम दवा त कल क दर स उपचा रत करक ह बोय (iii) खत म पानी क नकास का उ चत बध कर (iv) रोग नय ण का सव तम उपाय रोग रोधी जा त का चयन करना ह उपल ध रोग तरोधी जा तय क नाम ह सी-235 जी-24 जजी-315 काबल चना आई सीसी - 32 आईसीसी-42 (अ) सम या त खत म सरस खल खाद क थान पर डालन स रोग क उ ता बह त कम हो जाती ह 2 ए कोकाइटा अगमार या लाईट रोग (Ascochyta Blight Disease) ल ण (Symptoms)- रोग सबस पहल पि तय पर गील स च त बनाता ह जो धीर धीर गोलाकार आकार को ा त कर लत ह इन च त म भर रग का घरा और भीतर भाग पीला या मटमला होता ह इसी तरह क च त पि तय क अ त र त शाखाओ और फि लय पर भी बनत हतन पर इन फल का भाव इस तरह स होता ह क पौध सखन लगत ह उ अव था म पि तय और फि लय पर च त आपस म मल जात ह िजसस पौध झलस ह ए दखाई दत ह रोगजनक (Causal organism) -ए कोकाइटा र बआई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- ता य त फफद नाशक दवा जस फाइटोलान ि लटा स-50 यरामार लकापर आ द का 03 तशत घोल या डाइथन एम 45 का 02 तशत घोल या जाइरम या कमान एल का 02 तशत घोल (पअ) क टान या डाईफोलअन का 015 तशत घोल पहला छड़काव फल आन क समय कर तथा दसरा 12 स 15 दन बाद करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) बवाई पव बीज कपथन या थीरम दवा स 25 ाम त कलो बीज क दर स उपचा रत कर

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(ii) रोग तरोधी जा त लगाना रोग बचाव क सबस उपय त व ध ह इस रोग क उपल ध रोग तरोधी जा त क नाम ह पी1528-1- एफ-8 सी1234 पी 1453 और ईसी 26435 आ द जा तय का चयन कया जाना चा हए (iii) तीन वष य फसल च अपनाय

1113 म ग व उड़द क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Mung amp urid) 1 प ती ध बा या ल फ पाट रोग (Downy mildew disease) ल ण (Symptom)- इस रोग क दो तरह क ल ण रोगजनक फफद क दो जा तय वारा उ प न होत ह सक पोरा यऐ टा वारा व ताकार या कोणीय ध ब पि तय

पर बनत ह जो 05 स 4 समी यास क होत ह इन ध ब का रग बगनी सा लाल होता ह पि तय क ऊपर भाग पर ध ब अ धक साफ दखाई पड़त ह मौसम क अनकलता पाकर ध ब बढ़कर आपस म मल जात ह एव अ नय मत आकार क ध ब बनात ह पौध क परानी फि लय पर रोग का भाव होता ह जब क नई फि लय व थ रहती ह भा वत फि लय काल रग क हो जाती ह उ अव था म रोग कोप स बीज सकड़ कर काल हो जात ह तन पर बड़ आकार क ध ब बनत ह

सक पोरा कनस स जा त स प ती ध बा रोग क ल ण यादातर पि तय पर ह दखाई दत ह िजसका आकार अधव ताकार स अ नय मत होता ह इन ध ब का रग भरा व म य म पीला भरा होता ह िजनका यास 2 स 8 समी होता ह फि लय पर इस जा त का कोप बह त कम होता ह उ अव था म पि तया झलस कर गर जाती ह रोगजनक (causal organism) - सक पोरा यऐ टा एव सक पोरा कनस स रोग नय ण क उपाय (control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग क आर भक अव था म ह नीच द जा रह कोई भी एक दवा का छड़काव कया जाना चा हए (i) ता य त फफदनाशक दवा जस फाइटोलान ि लाटा स-50 यपरामार ल कापर 03 तशत क दर स या (ii) बोड म ण दवा 4450 (iii) िजनब या डाइथन - जड़ 78 दवा 02 तशत क दर स या (iv) जाइरम या कमान एल 02 तशत क दर स आव यकता नसार दसरा छड़काव 15 दन क बाद कर (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः- (i) व छ खती अथवा पौध अवशष को एक कर जला दना चा हए िजसस रोगजनक का ाथ मक स मण ोत न ट हो जावगा और रोग कोप म बह त कमी हो जावगी 2 चारकोल वगलन या चारकोल राट रोग (Charcocal rot disease) ल ण (Symptoms)- रोग क म य ल ण पौध क तन व जड़ का वगलन होता ह रोग कोप फसल क कसी भी अव था म दखा जा सकता ह रोग क ल ण अकरण

194

क एक माह बाद दखाई दत ह इस अव था म स मण हो जान स रोग सार जड़ म हो जाता ह तथा जड़ सड़न क कारण भा वत पौध मर जात ह रोग क ल ण पि तय पर भी नीच क सतह पर दखाई दत ह भा वत पि तय क ना डया लाल भर रग क हो जाती ह रोग सत पौध क तन व जड़ पर काल स ब दनमा रचनाय भी फसल पकन क समय दखाई दती ह इन रचनाओ को पकनी डया कहत ह रोगजनक (Causal organism) - म ोफो मना फिजओलाइ रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- प ती ध बा रोग क नदान क लए उपयोग क गई दवा इस रोग क नदान म भी सहायक होती ह इस लए इस रोग क लए अलग स दवा डालन क आव यकता नह ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः- (i) बवाई पव बीज को 2 ाम ब व ट न त कलो दवा स उपचा रत कर (ii) व छ खती या पौध अवशष व गर ह ई पि तय को एक कर जलाय िजसस म ी ज नत स मण का ोत न ट हो जाता ह (iii) फसल च वार या बाजरा फसल क साथ अपनाना चा हए य क इन फसल पर इस रोग का कोप नह होता ह

1114 मटर क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Pea) 1 मदरो मल या डाऊनी म डऊ रोग (Downy mildew diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पि तय एव अनपण क ऊपर भाग पर पील या भर सी अ नय मत आक तया वारा पहचान जा सकत ह िजनक ठ क नीच प ती क नचल भाग पर सफद जाल सर खी रचना बनती ह यह रचना वा तव म रोगजनक फफद क कवकजाल बीजाण व बीजाणओ का समह होता ह इन आक तय का आकार छोटा या पर पि तय पर भी फल सकता ह भा वत भाग क उ तक मर जात ह िजसस उनका रग भरा दखाई पड़ता ह रोग क भाव स पौध वकास पर तकल भाव होता ह तथा पौध बौन रह जात ह पौध का फलाव भी कम होन लगाता ह

फि लय पर रोग क ल ण ह क हर रग क ध ब क प म बनत ह जो लगभग व ताकार होत ह रोगजनक (Causal organism) - परोनो पोरा पाइसाइ रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- कसी भी तरह क दवा का उपयोग आ थक ि ट स उपय त नह होता ह य द उ ता स कोप क सभवाना हो तो बोड म ण (4450) का छड़काव कर (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः-

195

(i) रोग का ाथ मक ोत न ट करन क लए बीज क बवाई पव अ छ तरह स सफाई कर फि लय क टकड को अलग कर दना चा हए (ii) व छ खती अपनाना चा हए एव पौध अवशष को एक कर जला दना चा हए (iii) दो वष का फसल च अपनाना चा हए 2 क या ग आ रोग (Rust diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पि तय तन शाखाओ पणवत तान तथा फि लय पर दखाई दत ह सबस पहल पि तय पर पील रग क उभार लए फोट दखाई दत ह पर त शी ह इन फोटो क बा य वचा क फटन एव मटमला सा पाऊडर सर खा बनता ह जो वा तव म रोगजनक क ए शयम अव था ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- जनवर थम स ताह म पहला छड़काव या भरकाव कया जाव तथा त ह टर कम स कम 450 ल टर दवा का घोल का छड़काव कर

1 घलनशील गधक 02 तशत अथवा 2गधक चण 300 मश वाला 15 कलो त ह टर क दर स भरकाव कर अथवा 3कराथन एलसी 01 तशत अथवा 4मोर टान 005 तशत अथवा 5क कसीन 005 तशत अथवा 6मोरो साइड 01 तशत दवा का 12 स 15 दन क अतर स 3 बार दवा डालना आव यक होता ह

1115 साराशः- पौध म फफद रोग फफद या कवक (Fungi) वारा होता ह फफद क स मण तथा

इसक कोप क बार म जब तक समझ म आए तब तक रोग उ प धारण करन क ि थ त म पह च चका होता ह इस लए फफद रोगो का अ ययन करना आव यक ह िजसस रोगजनक स मण व ध नदान उपाय बआई एव खडी फसल म कस अपनाए जाए को उ चत ढग स समझा जा सक एव फसल क सर ा क जा सक

1116 बोध न 1 फफद नाशक दवाओ क योग करत समय कौन कौन सी सावधा नया रखनी चा हए 2 गह क काला ग आ रोग का रोगजनक ल ण एव नय ण क उपाय या ह 3 अरहर क उ ठा या मरझान रोग क ल ण रोगजनक एव नय ण क उपाय ल खय 4 सोयाबीन का बीज सडन व पौध अगमार रोग क ल ण रोगजनक एव नय ण क उपाय

या ह 5 म गफल क ट का रोग का व तार स वणन कर व त न ठ न 1 कवक क को शका भि त बनी होती ह

(अ) काइ टन या स यलोज (ब) कि शयम (स) पकट न (द) उपरो त म स कोई नह

196

2 गह क अनावत कड रोग का रोगजनक ह (अ) प सी नया गर म नस टसाइ (ब) आ ट लगो यडा टसाइ (स) यरो स टस टसाइ (द) प सी नया ाइफा मस

3 कापरय त फफद नाशक दवा ह (अ) सरासान (ब) डायथन एम 45 (स) जीनब (द) फाइटोलान

4 बाजर क अरगट रोग म न मत कड़ी सरचनाय कहलाती ह (अ) कलरो शया (ब) अरगट (स) बीजाणद ड (द) लाइ डया

5 सरसो व तो रया क सफद फफोला रोग का रोगजनक ह (अ) माइरोथी शयम रो रडम (ब) लरो पोरा मनीकोला (स) फाइजोडमाजी म डस (द) ए बग कि डडा

व त न ठ नो क उ तर 1 (अ) काइ टन या स यलोज 2 (ब) आ ट लगो यडा टसाइ 3 (अ) सरासान 4 (ब) अरगट 5 (द) ए बग कि डडा

1117 सदभ 28 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 29 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 30 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Dehi 31 Singh SS 1993 Crop Management under irrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Punlishers New Delhi 32 अहलावतए आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 33 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

197

इकाई - 12 बागवानी फसल क म य फफद य रोग एव उनका नय ण

इकाई क परखा 120 उ य 121 तावना 122 फल क म य फफद य रोग

1221 आम 1222 अम द 1223 नीब वग य फल 1224 पतीता 1225 कला 1226 अगर 1227 कटहल 1228 बर 1229 अनार 12210 सब 12211 ाबर

123 सि जय क म य फफद य रोग 1231 मच 1232 टमाटर 1233 बगन 1234 भडी 1235 फल गोभी 1236 प ता गोभी 1237 गाठ गोभी 1238 आल 1239 लहसन 12310 शकरकद 12311 ह द 12312 मटर 12313 बरबट 12314 चबीन

198

12315 सम 12316 वार 12317 क वग क सि जया (क हड़ा आ द) 12318 प तदार सि जया 12319 ट पओका 12320 रताल 12321 पान

124 साराश 125 बोध न 126 सदभ थ

120 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो सकग क - फल एवम सि जय म लगन वाल म य फफद य रोग इन रोग क रोगजनक एव ल ण इन फफद य रोग को नय ण करन क उपाय

121 तावना जब पौध क सामा य याऐ अ यवि थत हो जाती ह और उनका काय क जाता ह

ऐसा होन स उनक दखाई दन लगत ह िजस रोग या या ध या बमा रया कहत ह पौध कसी भी अ यव था म जस बीज नवाक रत प ती तना फल तथा फल रोग वारा भा वत हो सकत ह इन रोग या बमा रय क नि चत ल ण होत ह य रोग एक नि चत रोगजनक जस क फफद जीवाण वषाण वारा उ प न होत ह फफद य रोग एक नि चत वातावरण म फलत ह और उ चत उपाय वारा उ ह नय त भी कया जा सकता ह

122 फल क म य फफद य रोग

1221 आम

1 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew) रोगजनक ओइ डयम मजीफर (Oridium mangiferae) ल ण फल तथा छोट फल तथा शाखाओ क अ भाग पर भर रग का चण जमा होना तथा बाद म भा वत अग भरा हो जाना पि तय पर बखर ह ए ध ब दखाई दना नय ण क उपाय 1 घलनशील गधक का 002 तशत घोल 15 दन क अतर स छड़काव कर

199

2 तशत कोसान का छड़काव भी भावशील ह 3 गएसाल 1 कलो त व का भरकाव कर

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण व क टह नय पि तय फल तथा फल पर होता ह पि तय पर गहर रग क

चकत पड़ना टह नय पर काल ध ब तथा फल म भी कभी कभी काल ध ब होना नय ण क उपाय 1 13350 बोड म ण या छड़काव तीन बार कर या 2 05 तशत क टान का छड़काव कर 3 रोग का नाम काला दाग (Blackup)

रोगजनक का यक य रोग (Physiologicaldisease) ल ण फल क नचल सतह पर पहल भरा दाग होता ह जो आग जाकर काला हो जाता ह फल गर जात ह नय ण क उपाय

1 ईट क भ स लगभग 12-1 कमी दर पर पौध लगाए भ क चमनी 15 मी ऊची बनाए

2 08 तशत काि टक सोडा का दो बार छड़काव कर 3 06 तशत बोर स का छड़काव कर

1222 अम द

1 रोग का नाम उकठा रोग (Gurava wilt) रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp ) ल ण शाखाए आग क भाग स सखना आरभ होकर नीच क तरफ सख भी जाती ह परा व सख जाता ह

नय ण क उपाय 1 सखी टह नय को काटकर जला द 2 उ तम जल नकास रखना 3 भ म क ार यता कम करना

1 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम साइडाई (Collectorichum spp) ल ण आरभ म फल पर काल चि तया होना और बाद म परा फल काला हो जाना फल छोट रह जात ह शीत ऋत म कम लगता ह

नय ण क उपाय 1 3350 बोड म ण या छड़काव तीन बार कर या 2 05 तशत क टान का छड़काव कर

200

3 सख फल को तोड़कर अलग कर द

1223 नीब वग य फल

1 रोग का नाम पक रोग (Pink disease) रोगजनक पल कल रया सालमोनाइकलर (Pellicularia salmonicolour) ल ण तन म दरार आ जाती ह और चप चपा पदाथ नकलता ह तन तथा शाखाओ पर सफद तथा पील दाग बन जात ह छाल त त हो जाती ह

नय ण क उपायगमो सस रोग क समान ह उपचार कर रोग त शाखाओ को काट द

रोग का नाम शीष गलन (wither up) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum Siddii)

ल ण नई शाखाए गलकर तथा सखकर गरन लगती ह इनका रग भरा पड़ जाता ह कभी कभी गलाबी रग जसा दखाई दता ह परा व भी सख जाता ह सतरा और मोस बी अ धक भा वत होत ह

नय ण क उपाय 1 भा वत शाखाओ को काटकर जला द 2 माच और सत बर म 1 तशत बोड म ण का छड़काव कर रोग का नाम डाय बक या सखा रोग (Die back) रोगजनकअनक कारण स होती ह ( वषाण) ल ण 1 व क ओजि वता कम होन लगती ह 2 टह नया सखन लगती ह और परा व सख जाता ह नय ण क उपाय 1 उ चत उ या नक बध कर 2 सम त सभा वत उपाय कएजान चा हए उ चत मलव त का उपयोग कर

1224 पतीता

रोग का नाम आई गलन (Damping off) रोगजनक पी थयम एव राइजो टो नया कोलटो ाइकम जा त (Pythium Rhizoctonia) ल ण या रय म छोट पौध नीच स गलकर गर जात ह नय ण क उपाय

1 बीजोपचार कर - ए ोसान जीएन 2-3 ाम कलो बीज या सरसान 2 ाम कलो बीज 2 उ तम जल नकास रख

1225 कला

1 रोग का नामपनामा ब ट (Panama wilt)

201

रोगजनक यज रयम आ सी पोरम (Fusarium oxysporum) ल ण

1 पौध क पि तया सखकर गरन लगती ह 2 कला का परा तना फट जाता ह और पौधा सख जाता ह

नय ण क उपाय 1 रोग त पौध को उखाड़कर जला द 2 क डो क नय ण क उपाय कर 3 रोग त स पौध न खर द

2 रोग का नाम फल का सड़ना सगार ट (Cigar rot) रोगजनक हि मनथो पो रय टॉ लोसम (helminthosporium torulsosum) ल ण फल का शीष भाग सड़न लगता ह

नय ण क उपाय 1 कल का खत बदल द 2 रोग त पौध अलग कर द 3 नाइ ोजन दना कर कर द 4 भा वत फल को नकाल द य त दवा का छड़काव कर

1226 अगर

1 रोग का नाम ए नोज(anthracnose) रोगजनक गलाइ पो रयम ए पलोफगस(Gloesporium ampelophagum) ल ण शाखाओ लताओ तथा पि तय पर काल ध ब हो जात ह पि तया भर होकर गर जाती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (3350) का छड़काव कर 2 डायथन ज़ड-7825 कलो त ह टर छड़काव कर या लाइटॉ स 003 तशत

छड़काव कर 2 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew)

रोगजनक उ सीनला न टर ( दबपदनस दमबजवत) ल ण पि तय तथा तन पर सफद चण आ छा दत हो जाता ह फल पर भी चण जम जाता ह नय ण क उपाय गधक क चण 02 तशत का भरकाव कर बगलोर ल म कम लगती ह

1227 कटहल

1 रोग का नाम सा ट राट (Softrot)

202

रोगजनक राइजोपस आट काप (Rhizopus atrocarpi) ल ण 1 फल का नर अग भा वत हो जाता ह 2 फल गर जात ह 3 तन पर गलाबी सफद रग क उठ ह ए ध ब और दरार होना

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (3350) का छड़काव कर

1228 बर

रोग का नाम चण फफद (powedery Mildew) रोगजनक आई डयोि सस जा त (Oidiopsis एसपीपी) ल ण पि तय पर सफद चण जमा होना फल पकन पर भर ध ब वाल होना नय ण क उपाय 1 क टान 002 तशत या घलनशील गधक 03 तशत का छड़काव कर

1229 अनार

रोग का नाम पि तय और फल पर ध ब रोगजनक सक पोरा ि लयो पो रयम (Crercospora gloeosporium) ल ण पि तय और फल पर सफद ध ब होना नय ण क उपाय 1 तशत बोड म ण का छड़काव कर

12210 सब

रोग का नाम टम लक(Stem Black) 1 रोगजनक कोनयोथी सयम कोमटो फोरम (Coniothecium chomatosporum)

ल ण आरभ म शाखाओ पर ध ब होत ह शाखाए सख जाती ह नय ण क उपायरोग त शाखाओ को काट दना चा हए तथा कट थान पर चब टया प ट लगा द

2 रोग का नाम एपल कब (Applescab) रोगजनक वनट रया इनक लस (Venturia inaequilis) ल ण पि तया तथा फल झलसकर गरजात ह टह नया सख जाती ह नय ण क उपाय घलनशील लाइम-स फर (160) का छड़काव कर

3 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew) रोगजनक पोडो फो रया लयो क रका (Podosphaera)

203

ल ण पि तय क नचल सतह पर सफद चण जमा हो जाता ह ऊपर सतह भी ढक जाती ह नय ण क उपाय चना व गधक (140) का छड़काव कर

12211 ाबर

1 रोग का नाम ग आ रग क ध ब (Spot) रोगजनक ड डोफोमा आ जकलम (Dendriopjoma obsurons) ल ण आरभ म पि तय पर छोट छोअ बगनी ध ब दखाई दत ह धीर-धीर बढ़कर भर रग क हो जात ह नय ण क उपाय लाइटॉइ स 03 तशत का छड़काव कर

2 रोग का नाम रोग का नाम स म काल ब द (minuti amp black spot) रोगजनक ड लोकारपन इ र लयाना (Diplocarpom earrliana) ल ण पि तय क ऊपर सतह पर आसमानी बगनी रग क ब द दखाई दत ह नय ण क उपाय लाइटॉइ स 03 तशत का छड़काव कर

123 सि जय क म य फफद य रोग

1231 मच

1 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम क साई (Colletorichumcapsici) ल ण 1 छोट और अधपक फल पर भर ध ब होना 2 फल झड़ जात ह तन और पि तय पर भी ध ब हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीज को सरसान का उपचार कर 2 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 3 भा वत भाग को काटकर अलग कर द 4 ब लट (01 तशत) या डाइफाइटोन (02 तशत) का छड़काव कर

2 रोग का नाम मरझान (wilt) रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp) ल ण पौध का अचानक सख जाना नय ण क उपाय 1 उ चत फसल च अपनाए ता य त दवाओ का उपयोग रोग को फलन स रोक सकता

ह 2 4450 बोड म ण का छड़काव कर

204

1232 टमाटर

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का नचला तना गल जाना

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार उपचार कर 2 भ म उपचार 01 तशत (कपटान फाइटोलान या ासीकाल)

2 रोग का नामअगती झलसा (Early blight) रोगजनक अ टरन रया सोलनी (Allernara solani) ल ण पि तय पर गोलाकार काल व भर ध ब पड़ जात ह पि तया झड़ जाती ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार उपचार कर 2 िजनव 2 कलो त ह टर क घोल का छड़काव कर 3 डायथन Z-78(02) का छड़काव कर

1233 बगन

1 रोग का नाम फोमोि सस लाइट (Phomopsis blight) रोगजनकफोमोि ससब सस (Phomopsis verans) ल ण पौध क सभी अग भा वत होत ह भर लब गोल दाग हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार 2 4450 बोड म ण का छड़काव कर 3 लबा फसल च अपनाए 4 लाईटॉ स 50 का 025 तशत का छड़काव कर 5 बीज को 50 ड ी स पर जल म 30 मनट घटा डबोकर रख

2 रोग का नाम मरझान (Wilt) रोगजनक यज रयम ओजो नयम बट सी लयम जा तया (Fusarium ozoniom veticullium spp) ल ण पि तय का पील पड़ जाना तथा भर हो जाना पौध का सख जाना तन क बीच का भाग गहर रग का हो जाता ह इस चीरकर दखा जा सकता ह बगन क अ त र त आल टमाटर भडी डह लया आ द भी इस रोग स भा वत होत ह

नय ण क उपाय 1 तरोधी क म का उपयोग कर 2 समय - समय पर फफदनाशक दवाए छड़क

205

1234 भडी

1 रोग का नाम चण फफद (Powerly mildew) रोगजनकएर साइफ साइकोर सयरम (Erysiphe cicharacearum) ल ण पि तय क नचल सतह पर भरा चण जमा हो जाता ह पि तया गर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक चण - 20 कलो त ह टर या भरकाव कर 2 कराथन - 005 तशत क घोल का छड़काव

1235 फल गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of Blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allerarnariabrassicala) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

1236 प ता गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium sppRizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allernariabrassicola) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

206

1237 गाठ गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allernariabrassicola) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

1238 आल

1 रोग का नाम अगती झलसा (Early blight) रोगजनक आ टन रया सोलनाई (Allernaria solani) ल ण पि तय पर काल रग क ध ब क द पर भी दाग हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार कर 005 तशत एगलाल 2 िजनव 02 तशत या डाइथन-Z-78(02) कलो त ह टर क 5 बार छड़काव

कर

1239 लहसन

1 रोग का नाम ल फ लाइट (Leaf Blight) रोगजनक आ टन रया जा त (Allernaria spp) ल ण सफद दाग पि तय पर आ जात ह िजनक म य म बगन ब द होत ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण1 तशत का छड़काव कर या 025 तशत का छड़काव 15 दन क

अतर स कर

12310 शकरकद

1 रोग का नामल फ पॉट(Leaf spot) रोगजनकसक पोरा बटाटा (Allernaria spp) ल ण पि तय पर बड़ भर ध ब होत ह गम तथा नम वातावरण म रोग अ धक फलताह

नय ण क उपाय बोड म ण1 तशत का छड़काव कर

207

2 रोग का नाम सा ट रॉट(Soft Rot) रोगजनकराइजोपस न क स (Rhizopus-nigricans) ल ण कद गील होकर सड़ना स हण रोग आता ह

नय ण क उपाय चोट खाए कद स हत न कर 3 रोग का नाम लक रॉट

रोगजनक सर टोमला फ म याटा (Cerastomellafirmbriata) ल ण पि तय का रग पीला हो जाता ह कद सड़न लगत ह

नय ण क उपाय 1 बीज उपचार कर 2 उ चत फसल च अपनाए

12311 ह द

रोग का नाम ल फ पॉट(Leaf spot) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum) ल ण पि तय पर काल भर रग क ध ब हो जात ह नय ण क उपाय 1 डाइथन ndashZ-78(02) या डाइथन ndashM-45 का छड़काव कर

12312 मटर

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew) रोगजनकएर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12313 बरबट

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew)

208

रोगजनकएर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12314 चबीन

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12315 सम

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

209

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12316 वार

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12317 क वग क सि जया (क हड़ा आ द)

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ साइकोर सयम (Erisiphe cichoracearum) ल ण पि तय तथा तन पर सफद चण जमा हो जाना पि तया सख जाती ह

नय ण क उपाय 1 मोर टान - 005 तशत या कराथन - 075 तशत का छड़काव कर 2 गधक 15 कलो त ह टर का भरकाव कर

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose)

210

रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण पि तय तन पर जल स त ध ब होना और काला हो जाना तरबज और ककड़ी अ धक भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार कर 2 बोड म ण (5ः5ः50) का छड़काव कर 3 फसल च अवनाए

3 रोग का नाम पणदाग (leaf spot) रोगजनक सक पोरा जा त (Cercospora spp) ल ण पि तय पर गहर भर जल स त ध ब होना

नय ण क उपाय िजनव 025 तशत का छड़काव कर 4 रोग का नाम जड़ गलन (Root rot)

रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp) ल ण तन का आधार गहरा भरा होकर मलायम हो जाता ह

नय ण क उपाय बीज को 55 ड ी स पर 15 मनट पानी म गम कर और मर य रक लोराइड (11000) क घोल म डबोए

12318 प तदार सि जया

1 रोग का नाम आ गलन (Dmmping off) रोगजनक प थयम जा त (Pithium mildew ) ल ण पौध का नचला भाग गल जाना

नय ण क उपायः बीजोपचार तथा भ म उपचार 2 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew)

रोगजनक म त रोग जनक ल ण पि तय पर सफद या भरा चण जमा हो जाना

नय ण क उपायः कराथन - 005 तशत या बोड म ण 3550 का छड़काव कर

12319 ट पओका

1 रोग का नाम पणदाग (Leaf spot) रोगजनक सक पोरा कसावी (Cercospora cassarvae) ल ण पि तय पर भर हर ध ब जोबाद म भर रग क हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 2 लाइटा स 02 तशत का छड़काव कर

211

12320 रताल

1 रोग का नाम पणदाग (Leaf spot) रोगजनक सक पोरा कब नसी () ल ण पि तय पर भर या काल रग क ध ब हो जाना

नय ण क उपाय 1 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 2 लाइटा स 02 तशत का छड़काव कर

2 रोग का नाम कद सड़न (Tuber rot) रोगजनक बो ओ ड लो डया थयो ोमी (Botrydodilodia theobramae) ल ण कद का सड़ना

नय ण क उपाय -कद उपचार (व लअ 03 तशत)

12321 पान

1 रोग का नाम पद गलन एव पि तय क ध ब (Foot rot amp leaf rot) रोगजनक फाइटो थोरा परा सटका (Phythophthora theobramae) ल ण पि तय पर गहर भ म रग क ध ब गोल च क प म उ प न होना पि तय पर जल स त ध ब होना बल भ म क समीप स गल जाना भा वत बल को चीर कर दखन पर म य म काल लक र दखलाई दती ह बल रशदार हो जाती ह

नय ण क उपाय 1 कलम को 1 तशत बोड म ण स 20 मनट तक लगान स पव उपचा रत कर 2 भ म उपचार 1 तशत बोड म ण (25 ल त मी2) ध ब प ट होन पर

005 तशत बोड म ण का छड़काव कर 3 15 दन क अतर म 005 तशत बोड म ण का छड़काव कर 4 छड़काव जलाई स अ टबर तक कर

2 रोग का नाम वीधा (Anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम कपसीकाई (Colletorichum capsici) ल ण बल पर लब काल ध ब दखलाई पड़त ह बल गाठ स टट जाती ह

नय ण क उपाय 1 डायथन एम - 15 - 02 तशत का छड़काव 2 बा व ट न 01 तशत का छड़काव 3 रोग का नाम बकनी रोग (Powdery mildew)

रोगजनक अि डयम पापप रत (Oldium piparis) ल ण पि तय पर कपास जस ध ब दखलाई पड़त ह

नय ण क उपाय

212

1 स फ स (025 तशत) या स टाफ (025 तशत) या कोसान (025 तशत) का छड़काव

124 साराश जो अपन जीवनयापन क लए पौध को साधन बनाती ह पौध म अ धकाश रोग कवक

या फफद वारा उ प न होत ह व भ न कार क कवक पौध क को शकाओ क अदर जाकर याशील हो जात ह िजसस क रोग क ल ण कट होत ह चोट या खर च वारा उ ह पौध

क अदर वश करना सरल होता ह

125 बोध न 1 आम म लगन वाल म य फफद य रोग एवम उनका नय ण बताइए 2 आल म पाऐ जान वाल म य फफद य रोग एवम उनका नय ण बताइए 3 गोभीवग य सि जय म लगन वाल म य फफद य रोग तथा उनक रोगजनक बातइए 4 आम म लगन वाल रोग ए नोज(दजीतवबदवम) का रोगजनक---------ह

(अ) ओइ डयम मजीफर (ब) कोल ोटाइकम जा त (स) ज थोमोनास जा त (द) इनम स कोई नह

5 न न म स कौन स रोग नीबवग य फल म पाऐ जात ह (अ) स स ककर (ब) पक रोग (स) डाय बक (द) उपरो त सभी

126 सदभ थ 34 ReddyTYand redid GHS2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 35 शमा ओपी इ टो डयाएसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 36 Singh Chidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH Publishing company private limitedNew Delhi 37 Singh SS 1993 Crop Management under Irrigated and Rainfed

ConditionsKalyani PublishersNew Delhi 38 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स ात एव

फसल रामा पि ल शग हाउसए मरठ 39 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल शग हाउस मरठ

213

इकाई -13 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

इकाई क सरचना 130 उ य 131 तावना 132 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

1321 धान का पण झलसा रोग (Bacterial Leaf Blight Disease of Rice) 1322 धान का ल फ क रोग (Bacterial Leaf Streak disease of Maize) 1323 म का का पण झलसा रोग (Leaf Blight disease of Soyabean) 1324 म का का त भ वगलन रोग (Stalk Rot of disease Maize) 1325 सोयाबीन का झलसा रोग (Bacterial Blight disease Maize) 1326 अर डी का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Castor) 1327 तल का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Sesame) 1328 तल का पण झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Sesame) 1329 तल का जीवाणज व ट (Bacterial Wilt of Sesame) 13210 कपास क जीवाणज अगमार कोणीय पण च ती कषण शाखा रोग (Bacterial BlightAngular Leaf SpotBlack Arm disease of Cotton) 13211 जट का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Jute) 13212 पटआ सनई का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot of Sunhemp Bombay hem) 13213 ग न का लाल धार रोग (Red Strip disease of Sugarcane) 13214 ग न का रटन ट रटग (Ratoon Stuntting of Sugarcane) 13215 गह का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Wheat) 13216 गह का ल फ क एव लक चाफ रोग (Bacterial Leaf streak and Black Chaff disease of Wheat) 13217 गह का पीला वगलन रोग (Yellow Ear Rot disease of Wheat) 13218 जई का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Oat)

133 साराश 134 अ यासाथ न 135 सदभ थ

214

130 उ य इस इकाई का उ य आप को न न ब दओ स अवगत करना ह -

व भ न कार क फसल म पाए जान वाल मख जीवाण रोग क जानकार फसल क जीवाण रोग क रोग जनक जीवाण एव रोग क ल ण का प रचय फसल क जीवाण रोग का नय ण

131 तावना पादप मन य का मख भोजन ोत एव क ष का मलभत आधार ह जब कोई पादप

कसी रोग कारक स भा वत होता ह तो उसक उ पादन मता कम हो जाती ह अतः पादप-रोग व ान एक मह वपण वषय ह य क इसस पर खा य यव था भा वत होती ह जीवाण क कल 1600 जा तय म स लगभग 100 जा तया पादप म रोग क कारक होती ह अ धकतर पादप रोग जनक जीवाण Facultative Saprophytes होत ह पादप पर जीवाणओ क स मण स व श ट रोग होत ह और इन रोग स उ प न ल ण पादप परजीवी सबध जा तया एव पयावरण पर नभर करत ह तथा इनक आधार पर पाय जान वाल सामा य जीवाण रोग क ल ण न न होत ह - 1 झलसापन (Blights) - जीवाण क आ मण क फल व प पौध क भा वत भाग म बह त

तजी स और यापक प रगलन होता ह अन तः पादप झलसन क ि थ त म पह च जाता ह 2 मद गलन (Softrots) -जीवाणओ क ए जाइम या व ध स पादप क को शकाओ एव

म यम परत (Middle Lamella) क वघटन स उ तक नरम हो जाना इसका मख ल ण ह

3 पण च ती (Leaf Spot) - इस रोग म जीवाण र क मा यम स वश करता हआ आसपास क उ तक का वलगन कर दता ह जो सतह पर प रग लत क प म दखाई दता ह यह मत उ तक भर जल ात एव आकार म सी मत होत ह

4 अबद एव घाव (Tumours and Galls) - कई जीवाण रोग म रोग जनक क भाव स उ तक क अ तव एव अ त सार (Hyperplasia) पाया जाता ह

5 नासर (Cankers) - उ तक क (प रगलन) न ो सस एव अ त त उ तक क काग को शकाओ क उ पादन क त या व प पि तय टह नय एव फल पर cankers बन जात ह

6 सवहनी रोग (Vascular disease) - कछ जीवाण सवहन उ तक म कि त हो जात ह जीवाणओ क कछ मख पादप रोगजनक वश न न ह -

(1) ज थोमोनास (Xanthomonas) (2) टोमाइसीज (Stroptemyces) (3) ए व नया (Erwinia) (4) यडोमोनास (Pseudomonas) (5) लोवीब टर (Clavibacter)

215

(6) ए ोब ट रयम (Agrobacterium) (7) िजलला (Xylella) पादप रोग जनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तय का चलन ह पादप रोग व ान क अ तरा य स म त (International Society of Plant Pathology) जीवाणओ म च लत नाम को बनाए रखन म उपय त ताव दन क लए एक पथोवार नाम प त (System of Pathovar names) को बनान म सफल ह ई िजनक जा तय क नाम च लत होन क साथ साथ पादप जीवाण व ा नक वारा मा य भी ह पर त कसी कारण स वीकत स चया (approved lists) म थान नह पा सक थ अतः य पथोवार अथवा उपजा तया चलन म ह पादप क जीवाण रोग ायः बीज मदा क ट एव पानी क सहायता स फलत ह तत इकाई म खर फ एव रबी क फसल को भा वत करन वाल मख रोग जनक जीवाणओ उनक ल ण एव इन रोग क नय ण क बार म उ लख कया गया ह

132 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

1321 धान का पण झलसा रोग Bacterial Leaf Blight disease of Rice)

रोगजनक यह रोग ज थोमोनास ओराइजी पथोवार ओराइजी (Xanthomanas oryze pv Oryzal)

वारा फलता ह ल ण यह रोग पौध क अकरण अव था (Seeling Statge) स लकर प रप व अव था तक कभी

भी हो सकता ह इस रोग म ल ब सख त (dry lesions) प ती क ऊपर भाग स श होकर प ती क कनार- कनार म य भाग क तरफ बढ़त ह सख पील प त क साथ साथ सख राख क रग क ल ब ल ब चकत (lesions) भी दखाई दत ह स मण क अगल अव था म पर प ती सख जाती ह

नम मौसम म पादप क रोगी भाग स छोट -छोट धधल बद क प म ह क अ बर रग का जीवाणज नपक (Bacterial ooze) बाहर नकलता ह रोग त पादप क सवहनी पल या बडल जीवाणओ स भर जात ह और पादप क म य हो जाती ह

नय ण 1 रोग क कट होन पर कछ समयक लए खत म खड़ पानी को नकाल द 2 रोग त फसल क पदावार का बीज क लए उपयोग न कर 3 रोग लगन पर न जन वाल खाद का योग कम कर द व 5 दन क लए टाप सग

रोक द 4 बीज को ए ीमाइसीन 100 क 0025 तशत घोल+जल म णीय सरसान क 005

तशत घोल म 8 घट तक रखन क बाद 30 मनट क लए 52-54 ड ी स तापमान पर ऊ ण जल उपचार करक बीजोढ़ जीवाण को समा त कया जा सकता ह

216

5 बीज को कवल सरसान (001)+ टोसाइि लन (03g को 25 गलन जल म) क घोल म 8 घट तक उपचा रत करन स जीवाण मर जात ह

6 धान क रतना पकज IR-20 IR-36 P2-21 साकत-4 वजय राज धान 202 आ द क म बीमार रोधक ह

1322 धान का ल फ क रोग (Bacterial Leaf Streak disease of Rice)

रोगजनक यह रोग जीवाण ज थोमोनास ओराएिजकोला (Xanthomonas oryzicola) क कारण

होता ह ल ण

यह एक पण रोग ह रोग का पहला सकत transluscent interveinal धा रय क उपि थ त ह इन धा रय म पीला या ए बर मोती जीवाण exudates चर मा ा म होता ह जब य सखत ह तो pustules का खरदरापन महसस कया जा सकता ह

नय ण 1 0025 Streptocyclin एव गम पानी म बीज को 30 मनट तक भगोकर उपचा रत

कया जा सकता ह 2 015-03 वाइटाव स (Vitavax) का छड़काव कर

1323 म का का पण झलसा रोग (Leaf Blight disease of Soyabean) रोगजनक

1 यह रोग लवीब टर म शगन सस (Clavibacter Michiganesis subsp Netbraskensis) वारा होता ह

ल ण अ डाकार ल ब-ल ब भर रग क ध ब पि तय क नचल ह स म यादा होत ह कभी

-कभी पौधा झलसा सा दखाई दता ह लाल लए ह ए भर रग क समा तर धा रया िजनम एक स 3-4 समी क गोलाकार ध ब दखाई दत ह

नय ण 1 िजनब का (Dithane ndash 78) 012 क घोल का छड़काव ल ण दखत ह ार भ

करना चा हए तथा भ नकलन तक यक स ताह छड़काव करना चा हए 2 रोग रोधी क म बोनी चा हए

1324 म का का त भ वगलन रोग (Stalk Rot disease of Maize) रोगजनक यह रोग ए व नआ ाएसि थमी तपदप बीतलदजीउप क वारा होता ह

ल ण

217

वगलन नीच ि थत नोडस पर होता ह और सी मत प स त भ क नीच ऊपर स गजरता ह त भ नरम हो जाता ह और लचील भा वत पौध तजी स नीच गरन लगत ह वगलन क अ म अव था म पि तया पील एव सखनी श हो जाती ह

बा लया नकलन लगती ह और कभी-कभी फसल स मत होकर लटक जाती ह नय ण

1 त भ क चार ओर पानी क सचय स बचना चा हए 2 22 तशत य त लोरो सन (Chlorocin) का दो बार मदा उपचार प पीकरण क

पहल एव थम क 10 दन बाद नय ण म सहायक ह 1325 सोयाबीन का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Soyabean)

रोगजनक यह रोग यडोमोनसास सरज पथोवार लाइसी नया (Pseudomonas syringae pr

Glycinea) वारा होता ह ल ण

इसका भाव पहल छोट पौध पर दखाई दता ह पौध क अ त थ क लका भर रग क हो जाती ह नीच क पि तय पर जग क समान भर ध ब बन जात ह

फ लया छोट आती ह बढ़वार मार जाती ह फसल पकन क बाद भी रोग त पौध टट ह दखाई दत ह

नय ण 1 िजनब या मनब क घोल का छड़काव कर 2 भा वत जा त Pb1 बोय 3 म का व वार क साथ फसल च म उगाए

1326 अर डी का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Castor)

रोगजनक इस रोग का कारण जीवाण ज थोमोनास रसीनी (Xantomonas ricini) ह

ल ण रोगजनक बीजप पण एव पण शराओ पर हमला करता ह और कछ छोट गोल

जला ात ध ब पदा करता ह जो बाद म कोणीय और गहर भर काल हो जात ह य ध ब सल यत होकर अ नय मत हो जात ह और बाद म पील भर और भगर हो जात

ह पण क दोन सतह पर जीवाणज अवपक छोट चमक ल मोती क प म दखा जा सकता

ह नय ण

1 बीज को बोन स पहल 25 हउ क टान या थायराम त ा बीज क दर स उपचा रत करक बोए

2 बीज का 580C - 600C पर गम पानी उपचार भी सहायक ह

218

1327 तल का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Sesame) रोगजनक

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सर ज पथावार ससमी (Pseydomonas syrinal pr

Sesami) वारा होता ह ल ण

यह रोग गहर कनार वाल ह क भर कोणीय ध ब क प म पि तय पर कट होत ह य ध ब शराओ पर सी मत होत ह कई ध ब मल कर एक बड़ को ढक लत ह और पर प ती ह सख जाती ह

य जीवाण तन एव क सल को भी भा वत करता ह नय ण 1 टोमाइ सन क 250 500 एव 1000 ppm वलयन म बीज को 1 घट तक

डबो कर रखन स बीज वारा फलन वाला स मण रोका जा सकता ह 2 खत म स मण रोकन क लए 1000 ppm ऐ ीमाइ सन स बीज को उपचा रत

कर 100 ppm ऐ ोमाइ सन का छड़काव कया जा सकता ह

1328 तल का पण झलसा रोग (Bacterial Leaf Blight disease of Sesame)

रोगजनक इस रोग का कारक जीवाण ज थोमोनास क पि स पथोवर ससमी (Xanthomonas

compestris pr Sesame) ह ल ण

इसक ारि भक ल ण बीज-प cotylldonary leaves पर छोट ह क भर जला ात (Water soaked) ध ब क प म कट होत ह धीर-धीर दो गहर भर एव बड़ होत जात ह

बाद म काल होकर एक दसर स मल कर अ नय मत ध ब बनात ह प ती सख जाती ह तना एव क सल भी भा वत होत ह नय ण तज वक एव अग नो मर य रल वारा बीज उपचा रत कए जा सकत ह टordf टोसाइि लन एव कापर आ सी लोराइड क 10 दन क अतराल पर 3 छड़काव

भी रोग नय ण म सहायक ह

1329 तल का जीवाणज व ट (Bacteria Wilt of Sesame)

रोगजनक इस रोग का यडोमोनास सोलन सरयम बायोवार 3 (ralstonia solanacearum

biovar 3) ह ल ण

219

ल चग पाउ डर टोसाइि लन एव म टड कक क म ण मदा उपचार रोग नय ण म मह वपण ह

Pb तल न 1 इस जीवाण स कम भा वत होती ह

13210 कपास क जीवाणज अगमार कोणीय पण च तीक ण शाखा रोग (Bacterial Blight Ahngular Leaf SpotBlack Arm disease of Cotton)

रोगजनक यह रोग ज थोमोनास क प ज पथोवार मा व सरम (Xanthomonas compestris

pv Malvacerum) नामक जीवाण स होता ह ल ण

जीवाण पौध क सभी भ म क ऊपर वाल भाग पर आ मण करता ह और व भ न कार क रोग ल ण उ प न करता ह

रोग क ार भ म नवो द क बीजप ो पर गोल जल स त व त (watersoaked lesions) दखाई दत ह जो बाद म बढ़ कर अ नय मत और भर रग क हो जात ह

प रप व पौध क पि तय पर पहल जल स त ध ब कट होत ह जो कोणीय (angular) हो जात ह तथा स म शराओ वारा घर रहत ह और य गहर भर रग स काल रग म बदल जात ह

स मण प ती क बड़ी शराओ एव स म शराओ स फलता हआ पणव त एव तन पर पह च जाता ह गहर भर स काल रखीय धस ह ए ध ब बनत ह जो तन एव शाखाओ क चार ओर मखला (girdle) बना सकत ह िजसस पि तया पकन स पहल ह झड़ जाती ह और व थ पौध क थान पर व श ट काल भजा (Black arm) खड़ी दखाई दती ह

जीवाण कपास गोलक (bolls) म भी स मण कर सकता ह नय ण

1 बीज को बोन स पहल टोमाइसीन स उपचा रत करना चा हए 2 001 तशत ए ोमाइसीन का पौध पर छड़काव करना चा हए 3 कपास क रोग तरोधी क म जस (HC-09 BJA-592 P-14-T-12 101-102b

ख डवा ndash 2) आ द को बोना चा हए

13211 जट का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Jute)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास जा त (Xanthomonas Sps) वारा होता ह

ल ण

220

पण पर य चकत एक पील भामडल (yellow halo) स घर रहत ह गभीर स मण अव था म ध ब सल यत हो जात ह और पण झड़न लगत ह

रोग नचल पि तय स ऊपर क तरफ फलता ह तन पर भर - काल रग क छोट छोट (5 mm स भी कम) चकत दखाई दत ह

और बाद म बड़ हो जात ह तना टट जाता ह फाइबर रगह न हो जाता ह

नय ण 1 कई वष तक एक खत स जट क फसल नह लनी चा हए 2 075 तशत का फाइटोलान या लाइटो स क घोल स भा वत पौध पर छड़काव

कर 3 तरोधी जट क म का योग नय ण म सहायक ह

13212 पटआ या सनई का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease Spot of Sunhemp Bombay hemp)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास जा त (Xanthomonas Sps) वारा होता ह

ल ण इसम पि तय पर चकत बन जात ह अ म अव था म य ध ब सल यत होकर पण को ढक लत ह

नय ण 1 खत स उ चत जल नकास का ब ध कर 2 उ चत फसल च अपनाए

13213 ग न का लाल धार रोग (Red Strip sisease of Sugar cane)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास ब र ल नय स (Xanthomonas rubrilineas) वारा

होता ह ल ण

इसम पतल लाल धार पि तय क नचल सर स ार भ होकर नस क समा तर बढ़ती ह

कोप अ धक दान पर पि तया लाल दखाई दन लगती ह नय ण

1 रोकथाम क लए रोगरोधी क म बोनी चा हए 2 रोगरोधक जा तया जस बोनी चा हए COLK 3102 CoS 8432 Co 62399 3 बोन स पहल टकड़ को 22 मनट तक गम पानी म 50 ड ी स म डबोन स बह त

बीमा रया नह लगती

221

4 पौध पर बीमा रय क ल ण दखाई दत ह पौध खत स उखाड़ दन चा हए

13214 ग न क रटन ट टग (Rattoon Stunting of Sugar cane)

रोगजनक इस रोग का कारक जीव लवीब टर जाइल (Clavibacter zyli) ह

ल ण रोग त पादप अव वकास पीत पण एव छोट अतर - नोडस रखता ह रोग त बीज क germinability कम होती ह इस रोग क व श ट ल ण को अनलबीय ग ना खोलन क बाद ह दखा जा सकता

ह म जा म दो कार का discolouration दखाई दता ह प रप व पादप म नारगी लाल रग एव यवा पादप म गलाबी रग नो स क पास दखा जा सकता ह

नय ण 1 व थ फसल स ह बीज सट का योग कर 2 बीज ग न का गम हवा उपचार (8 घट क लए 54 ड ी स पर) रोग क रोकथाम म

सहायक ह 3 रोग त फसल ratooning क लए चय नत नह क जानी चा हए

13215 गह का झलसा रोग (Bacterial Blight diseases of Wheat)

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सरज उपजा त सरज (Pseudomonas syrinage

subsp syringae) वारा होता ह ल ण

पादप क इववज जहम तक पह चन पर इस रोग क ल ण सबस ऊपर वाल पि तय पर दखाई दत ह छोट (004 इच स कम) जला ात चक त फलन लगत ह और अततः सग ठत हो जात ह

ार भक घाव न ो टक (मत-उ तक य) होकर हर स सफद हो जात ह नम मौसम म पि तय पर चकनी बद दखाई दती ह पर पण न ो टक हो जाती ह क त head एव glumes ल ण र हत रहत ह

नय ण 1 रोगर हत बीज क योग वारा इस रोग का स मण व सार कम कया जा सकता ह 2 आ प रि थ तय को नय त कर 3 रोग तरोधक जा तय का योग कर

13216 गह का ल फ क एव लक चाफ रोग (Bacterial Leaf streak and Black Chaff disease of Wheat)

रोगजनक

222

इस रोग का कारक जीवाण ज थोमोनास क ि स पथोवार ास यस स (Xanthomonas campestris pv Translucens) ह

ल ण इस रोग क ल ण ायः ऊपर पि तय पर जला ात चमकदार छोट-छोट ध ब स

श होत ह य ध ब फल कर सग ठत हो जात ह तथा व भ न ल बाई क चमकदार धा रय म बदल जात ह हर रग क य धा रया बाद म पील-भर रग म बदल जाती ह य धा रया पण क ल बाई म फलती ह पर त पण शराओ (leaf veins) तक ह सी मत होती ह नम मौसम म जीवाण अवपक रोग त ऊतक पर चप चपी बद क प म कट हो सकता ह

काल फस (Black Chaff) ल ण heading क बाद कट होत ह तष Glumes का ऊपर भाग स मण दशाता ह Awns पर व थ व न ो टक ऊतक क ब ड बनना Black chaff का व श ट ल ण ह

नय ण 1 फसल च क सहायता स इस रोग क सार को कम कर सकत ह 2 स मत बीज का योग न कर फाम लन या कापर स फट स उपचा रत बीज

स मत नह होत ह 3 रोग तरोधक जा तय का योग सव तम ह

13217 गह का पीला वगलन रोग (YellowEar Rot disease of Wheat)

रोगजनक यह रोग लवीब टर टसाई (Clavibacter tritici) जीवाण वारा होता ह

ल ण इस रोग क ारि भक अव था म भा वत पौध क नचल पि तया सकड़ जाती ह

तथा म यवत पि तया ऐठ जाती ह पर बाल एक चमक ल पील चप चप अवपक स ढक जाती ह इस अवपक क कारण तष तना एव पण छद एक दसर स चपक कर बध जात ह िजसस पौध क व क जाती ह और तना वकत हो जाता ह

नम मौसम म यह अवपक बहन लगता ह तथा श क मौसम म यह सख कर कठोर भगर एव पील या भर रग का हो जाता ह य ल ण फसल क पकन पर कट होत ह

नय ण 1 व थ बीज का चयन करना चा हए 2 खत म जल नकास का उ चत बध होना चा हए 3 उ चत फसल - च अपना कर इस रोग स बचा जा सकता ह 4 खत स रोगी बा लय को तोड़ कर जला दना चा हए 5 खत क ी मकाल न जताई रोगाण न ट करन म सहायक ह

223

13218 जई का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Oat)

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सरज पथोवार कान फ शय स जीवाण वारा ज नत ह

ल ण पण पर छोट जला ात एक ह क पील भामडल (yellow halo) स घर ध ब

दखाई दत ह य ध ब पहल हर होत ह और बाद म ह क भर हो जात ह स मण क गभीर

अव था म पण सख कर भर जाती ह कभी-कभी य ध ब hulls पर पाए जा सकत ह

नय ण फसल च अपनाए सव मत बीज का योग न कर बीज उपचार क रोकथाम म सहायक ह जई क रोग तरोधी क म का योग कर

133 साराश मन य क भोजन का मख ोत एव क ष का मलभत आधार पादप कसी रोग-कारक

स भा वत होन पर कम उ पादन मता दशाता ह व भ न कार क रोग-कारक म स जीवाण क लगभग 100 जा तया पादप को स मत करती ह जीवाणओ क स मण क फल व प पादप blight soft rot leaf spot tumors amp galls cankers amp vascular wilts जस ल ण दशात ह व भ न कार क फसल पर जीवाणओ क आ मण स उ प न होन वाल ल ण क आधार पर उनक नय ण क यास कए जात ह

पादप म ह न वाल जीवाण-रोग क रोकथाम एव नय ण क लए कए गए उपाय उनक उ चत मा ा क अन प ह भाव दखात ह कम या अ धक मा ा म य रसायन पादप क उ पादन मता पर नकारा मक भाव दखात ह

तत अ याय म कछ मख जीवाण रोग जस धान म का सोयाबीन तल कपास गह व जई क झलसा रोग अर ड़ी तल पटआ क पण च ती रोग म का गह क जीवाण वगलन रोग ग न क लाल धार व रटन ट टग तथा तल क व ट क रोगजनक रोग ल ण व उनक नय ण पर व तत चचा क गई ह

134 अ यासाथ न 1 जीवाणओ क लगभग कतनी जा तया पादप म रोग क कारक होती ह

(अ) 10 (ब) 100 (स) 500 (द) 1000

2 म का क त भ वगलन रोग का कारक जीव ह - (अ) लवीब टर (ब) ज थोमोनास (स) ए व नआ (द) िजलला

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3 पादप-जीवाण रोग का सबस सामा य ल ण ह - (अ) ाउन गाल (ब) सॉ ट रोट (स) ल फ पॉट (द) व कलर व ट

4 न न म स कौनसा रोगजनक जीवाण नीह ह - (अ) लवीब टर (ब) यडोमोनास (स) राइजो बयम (द) ज थोमोनास

5 जीवाण रोग स उ प न सामा य ल ण का स त वणन क िजए 6 मख पादप रोगजनक वश का उ लख करत ह ए उनस उ प न पादप रोगो क चचा क िजए 7 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार स आप या समझत ह 8 धान म का गह जई सोयाबीन तल कपास एव जई क जीवाणज पण झलसा रोग पर

व तत लख ल खए 9 ग न म पाए जान वाल जीवाण-रोग का वणन क िजए 10 न न म वभद क िजए-

1 Rot amp Spot 2 Blight amp Streak 3 Black Arm amp Black Chaff symtoms

135 सदभ थ 1 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसल रामा पि ल शग हाउस मरठ 2 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ 3 Singh RS 2009 Plant Diseases Oxford amp IBH Publishing 4 Mishra SR 2003 Bacterial Plant Diseases DPH Publisher 5 Duveiller E L Fucikovsky and Rudolph K 1998 The Bacterial

Diseases of Wheat Concepts and of Disease management CIMMYT Mexica

6 Rongaswamin G and Mahadivan A 2006 diseases of Crop Plants in India Prevtice- Hall of India Pvt

225

इकाई - 14 बागवानी फसल क म य जीवाण रोग एवम नय ण

इकाई क परखा 140 उ य 141 तावना 142 पदप रोगजनक जीवाण का बग ज़ वग करण 143 मख पादप रोगजनक वष 144 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तया 145 बागवानी फसल क म य जीवाणज राग

1451 आल का जीवाणज भरा वगलन एवम ला न 1452 स स ककर या नीब का खरा रोग 1453 गाजर का मद वलगन 1454 स स हर तमा या नीब का ह रत रोग 1455 टमाटर का जीवाण मरझान 1456 लक लग ऑफ पोटटो 1457 फ लय का झलसा रोग 1458 पान का पण दाग 1459 पान क पि तय का झलसन ककर

146 साराश 147 बोध न 148 सदभ साम ी

140 उ य इस इकाई कर पढ़न क बाद आप इस यो य हो सकग क - फल एवम सि जय क म य जीवाण रोग क जानकार ा त कर पाएग जीवाण रोग क रोग क ल ण एवम रोग च जान पाएग इन रोग का रोग बधन ान कर पाएग

141 तावना जीवाण भी अ वक सत वन प त ह जो पौध म र क अदर जाकर व करती ह चोट या खरोच वारा भी पौध क अदर वश कर जाती ह इनक बीजाण भी वायमडल जल भ म आ द म उपि थत रहत ह पौध क अदर जाकर उ चत वातावरण मलन पर याशील हो जात ह िजसस पौध म ध ब होना सख जाना आ द ल ण दखाई दत ह

226

142 पदप रोगजनक जीवाण का बग ज़ वग करण (Bergeyrsquos Classification of Plant Pathogenic Bacteria)

जगत (Kingdom) ोक रयोट (Prokaryotae) जीवाण (Bacteria) को शका झ ल एवम को शका भ ती उपि थत होती ह वभाग (Division) सल यट ज (Graacilicutes) म-अ ाह जीवाण वग (Class) ो टऔब ट रया (Proteobacteria) बह धा एककोशीय जीवाण कल (Family) ऐ टरोब ट रएसी (Entero Bacteriaceae) वश (Genus) ए व नया (Acidovorax) सब एवम नाशपाती क द ध अगमार गददार

सि जय का मदा वगलन कल (Family) यडोमोनाडसी (Pseudomonadaceae) वश (Genus) ए सडोवोर स (Acidovorax) म का तरबज एवम आ क स क पण चि तया

यडोमोनास (Pscudomonas) अनक पौध क पण च ती अगमार सवहन ला न मद वगलन ककर एवम प टका रोग

राइज़ोब टर (Rhizomonas) गाजर का जीवाणज प टका राइजोमोनास (Rhizomonas) सलाद का कॉक मल वगलन रोग ज थोमोनास (Xanthomonas) वा षक एवम बह वष पौध क अनक पण चि तया फल चि तया एवम बह वष पौध क अनक पण चि तया एवम अगमा रया सवहनी ला न व स स ककर जाइलो फलस (Xylophilus) अगर का जीवाणज ऊतक य एवम ककर

कल (Family) राइजो बएसी (Rhizobiaceae) वश (Genus) ए ोब ट रयम (Agrobaterium) सब अगर खबानी चक दर इ या द का शखर प टका राइजो बयम (Rhizobium) फल दार फसल म मल ि थया कल (Family) अभी तक नाम र हत वश (Genus) िजलला (Xylella) व एव अगर लताओ पर पण प रदाह एवम शीषारभी य रोग वभाग (Division) फ म यट ज (Firmibacteria) म ाह जीवाण वग (Class) फ मब ट रया (Firmibacteria) बह धा एक फ मब ट रया वश (Genus) ब ललस (Bacillus) कद बीज एवम पौद क वगलन तथा गह का वतधार रोग लाि डयम (Clostridium) भडा रत कद एवम पि तय क वगलन तथा ए म एवम पॉ लर

या चनार का आ का ठ वग (Genus) थलोब ट रया (Thallobacteria) शाखन जीवाण

227

वश (Genus) ऑथोब टर (Arthrobacter) गलखरा क जीवाणज अगमार लवीब टर (Clavibacter) लसन या रजका आल एवम टमाटर म जीवाणज लानी

कटोब ट रयम (Curtobacterium) सम एवम दसर पौध म ला न रोग रोडोकॉकस (Rhodococcus) वीट पी का तभ ग छाभन

टोमाइसीज (Streptomyces) सामा य आल कब मा ल य स (Mollicutes) माइको ला मा स श जीव (Mycoplasmalike organisms-MLOs) को शका भ ती का अभाव तथा कवल को शका झ ल उपि थत वभाग (Division) टन र यट ज (Tenericutes) वग (Class) मॉ ल यट ज (Mollicutes) कल (Family) पाइरो ला मटसी (Spiroplasmataceae) वश (Genus) पाइरो ला मा (Spiroplasma) म का तभन या व रोध स स अव रोग कल (Family) अब तक अ ान वश (Genus) अ नि चत या अप रभा षत फाइटो ला मा (Phytoplasma) क प म जान जात ह िज ह पहल माइको ला मका-स श जीव (MLOs) कहा जाता था - व एवम कछ वा षक पौध म अनक पीत रोग चरो वन एवम अप य रोग उ प न करत ह lsquoबग ज़ मनअल ऑफ डट मन टव ब ट रयोजीrsquo क वष 1994 म का शत 9 व स करण क अनसार जीवाणओ को 35 वग या समह क अ तगत वग कत कया गया ह नीच कवल पादप रोगजनक जीवाणओ एव उनक समह को दया गया ह - वग या समह (Group 4) म - अ ाह वायजीवीअ पवात य शलाका या छड़ एवम गोलाण (Gram-Negative AetobicMicroaerophilic Rods and Cocci) उपवग या उपसमह ए (Subgroup A) वश (Genera) ए ोब ट रयम (Agrobacterium) यडोमोनास (Pseudomonas) राइजोब टर (Rhizobactor) राइजो बयम (Rhizobium) राइजोमोनास (Rhizomonas) ज थोमोनास (Xanthomonas) िजलला (Xylella) जाइलो फलस (Xylophilus) वग या समह 5 (Group 5) वक पी प स अवायवीय म-अ ाह शलाका या छड़ (Facultatively Anaerobic Gram-Negative Rods) उपवग या उपसमह 1 (Subgroup 1) कल (Family) ऐ टरोब ट रएसी (Enterobacteriaceae) वश (Genus) ए व नया (Erwinia) वग या समह 20 (Group 20) अ नय मत बीजाण अन पाद गरम- ाह शलाका या छड़ (IrregularNon sporing Gram-Positive Rods and Cocci) वश (Genera) आथौब टर (Arthrobacter) लवीब टर (Clavibacter) को रनब ट रयम (Corynebacterium) कट ब ट रयल (Curthobacterium)

228

वग समह 18 (Group 18) अतः बीजाण बनान वाल गरम- ाह शलाका या छड़ एवम गोलाण (Endospore-forming Gram-Positive Rods and Cocci) वश (Genera) ब सलस (Bacillus) लॉ डयम (Closridium) वग या समह 22 (Group 22) नोका डयोफॉम ऐि टनोमाइ सट ज (Nocardioforma Actinomyeetees) उपवग या उपसमह 1 (Subgroup 1) वश (Genera) नोका डया (Nocardia) रोडोकॉकस (Rhodococcus) वग या समह 30 (Group 30) माइको ला मा (अथवा मॉ ल य स को शका भि तह न जीवाण (Mycoplasmas(or Mollicutes) Wall Bacteria) वश (Genera) माइको ला मा (Mycoplasma) पाइरो ला मा (Spirplasma) अ नि चत या अप रभा षत फाइटो ला मा = माइको ला मा स श जीव (Phytoplasms=MLOs)

143 मख पादप रोगजनक वष जीवाणओ क कछ सबस अ धक सामा य पादप रोगजनक वश (Phytopathogenic genera) क म य ल ण न न ह - 1 ए ोब ट रया (Agrobacterium) 2 लवीब टर (Clavibactet) 3 ए ब नया (Erwinia) 4 यडोमोनास (Pseudomonas) 5 ज थोमोनास (Xanthomonas) 6 टोमाइसीज (Streptomyces) 7 िजलला (Xylella)

144 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तया यह शका करक क कछ पादप रोगजनक जीवाणओ वशष प स यडोमोनास एवम ज थोमोनास वश क अनक जा तय को करमान एवम सहयोगी (Skerman et al1980) वारा का शत lsquoजीवाण नाम क वीकत स चय rsquorsquo (Approved lists of Bacterial Names)

म थान नह मल सकगा पादप रोग व ान क अ तरा य स म तrsquorsquo (International Society of Plant Patholigy) न जीवाणओ क च लत नाम को बनाय रखन म उपय त

ताव दन क लए एक स म त का गठन कया डाइ एवम सहयोगी (Dye et al1980) क यह स म त जीवाण क उन जा तय क नाम क लए एक lsquolsquoपथोवर नाम प तrsquorsquo (System of pathova names) को बनान सफल ह यी िजनक जा तय क नाम च लत होन क साथ-साथ पादप जीवाण व ा नक वारा मा य भी थ पर त कसी कारण स lsquo वीकत स चय म थान नह हो पाया य क इसको ज थोमोनास क पि स स अ धक भ न नह माना गया था अतः इस जा त का नाम ज थोमोनास क पि स पथावार ओराइजी रख दया गया इसी कार दसर

229

जा तय जस यडोमोनास वसीकटो रया का नाम यडोमोनास स रगी पथोवार वसीकटो रया रखा गया म य जीवाण 1 आल का परा वगलन (Brown rot of Potato)

यडोमोनास सोलन सएरम

2 स स ककर (Cirrus canker)

ज थोमोनास क पि स पथोवार स ाई

3 धान का जीवाणज अगमार (Batcterial blight of Paddy)

ज थोमोनास क पि स पथोवार ओराइजी

4 कपास का कोणीय पण च ती रोग (Angular leaf sport of cotton)

ज थोमोनास क पि स पथोवार मालप सयरस

5 सब एवम नाशपाती का द ध अगमार (Fire blight of Apple amp Pear)

ए व नया एमीलोवोरा

6 गाजर का मद वगलन (Soft rot of crucifers)

ए व नया करोटोवोरा

7 सीफ़र का काला वगलन (Black rot of crucifers)

ज थोमोनास क पि स पथोवार क पि स

8 ग न का लाल धार रोग (red stripe of sugarcane)

यडोमोनास बी ल नय स

145 बागवानी फसल क म य जीवाणज राग

1451 आल का जीवाणज भरा वगलन एवम ला न

आल का यह रोग म य प स उ णक टब धीय म बह त अ धक मलता ह भारत म लगभग सम त आल उगान वाल म य जस - हमाचल दश उ तर दश पि चम बगाल म णपरा परा मघालय उड़ीसा एव त मलनाड इ या द म इसका कोप बह तायत स होता ह महारा म य दश कनाटक (मसर) क पठार भाग एव बहार क कछ भाग म भी आल क फसल पर इसका आ मण पाया गया ह तथा आ दश म भी पछल कछ वष स इसक शकायत मल ह भारत म जहा आल बरसात म उगाया जाता ह वहा इस रोग का कोप बह त यापक होता ह पि चम बगाल और उड़ीसा क मदान भाग म द ण भारत क

पठार म यह रोग आल क अ त र त टमाटर बगन मच इ या द पर भी पाया जाता ह ायः इस रोग क आ मण स पौध शश अव था म मर जात ह तथा यह आलओ को गोदाम एव

प रवहन क दौरान भी गला कर बह त अ धक हा न पह चाता ह कमाऊ और नील गर क पहाडय पर इस रोग क कारण लगभग 30-70 तशत हा न होन का अनमान ह ल ण -

230

रोग त पौध क भ म स ऊपर वाल भाग दन म मरझा जात ह और स या क समय तापमान कम होन पर पनः व थ स दखाई पड़न लगत ह रोग का कोप अ धक बढ़न पर रोग त

पौध बोन एव का य रग क हो जात ह तथा इनक नचल पि तया पील पड़ जाती ह और शी ह पौध मरझा कर सखन लगत ह अ धक नमी एव गम क कारण रोग उ प न करन वाल जीवाण शी ता स बढ़त ह और तन का नचला भाग भी सड़न लगता हरोगी तन एव आलओ क अ दर का भाग भर रग म बदल जाता ह इस रोग को भरा वगलन इ स लए कहत ह क सवहन पल म दा ऊतक का रग भरा हो जाता ह यह भरापन रोग

त तन क सतह पर गाढ़ ध ब अथवा वण रखाओ क प म मलता ह आल क रोग कद को य द काटा जाय तो सवहन पल क भर हो जान स एक भरा वलय दखाई दता ह िजस कारण स यह एक सवागी या द हक सवहनी त रोग ह जब रोग का अ धक कोप होता ह तो कद पर ि थत आख क लकाय काल हो जाती ह तथा इनक सर पर स जीवाणज चप जसा नकलता हय द रोगी कद या तन को आड़ प म काटन पर अग लय स दबाया जाय तो गल ह ए भर सवहनी बडल क वलय स एक चप चपा भरा सफद जीवाणज नपक या रस क बद बाहर नकल पड़ती ह य य प रोग त पौध क सभी कद रोगी नह होत ह पर त अ सर अ धकाश कद पर रोग का स मण हो जाता ह रोग च

यह एक मदोढ़ रोग ह रोगजनक जीवाण भ म म 9 स 16 माह तक जी वत रहता ह तथा यह रोधी पौध अवशष एव मदा म छट कद पर भी मतजीवी प म रहता ह इस रोग का जीवाण कद म भी जी वत रहता ह और स भवतःनम थान पर रोग फलान का म य कारण यह बीज आल होत ह जब बवाई क लए बीज कद को चाक स असावधानी स काटत ह तो जीवाण चाक क मा यम स व थ कद म भी पह च जाता ह जीवाण घाव क रा त स स मण करत ह खत म नराई-गड़ाई करत समय य द असावधानी क कारण पौध क जड़ पर घाव बन

231

जात ह तो स मण क स भावना बढ़ जाती ह खत म जीवाण सचाई एव वषा क जल म ी एव य वारा फलत ह मदा का उ च तापमान एव अ धक नमी रोग को बढ़ान म सहायक होती ह ायः अ ल य एव ार य दोन ह कार क मदाओ म यह रोग समान प स फलता ह बधन -

रोग फलान वाल अनक कारण को यान म रखत ह ए न न रोकथाम क उपाय को करन स रोक क रोकथाम क जा सकती ह

1 कम स कम तीन वष का फसल च म का गह ज सोयाबीन लाल शरा घास इ या द क साथ अपनाना चा हए

2 बीज क लए आल का चयन सदव ऐस थान स करना चा हए जहा इस रोग का कोप न हआ हो कद को बोन स पहल चाक स बीच म लगभग आधा समी गहरा काटकर 30 मनट तक ो टोसाइ ल न नामक दवाई (2 ाम दवा एव 10 ल टर जल) क घोल म डबोना चा हए

3 य द मदा उपचार कछ रसायन जस लोरो प न गधक चना इ या द स कया जाय तो मदा म उपि थत सभी जीवाण न ट हो जात ह मदा उपचार एक तशत 05 तशत नीला थोथा अथवा 05 तशत टोसाइ ल न क वारा भी कया जा सकता

ह पर त यह उपचार महगा होन क कारण अ यावहा रक ह 4 रोग त पौध-अवशष एव कद को खत स नकाल कर दना चा हए 5 िजन खत म रोग पदा होता ह उनम वषा क जल नकास का उ चत बध करना

चा हए 6 खत म एव उसक आस-पास सोलनसी कल क खरपतवार को नह उगन दना चा हए

1452 स स ककर या नीब का खरा रोग

यह नीब वशीय व का एक मख जीवाणज रोग ह जो व व क लगभग सभी नीब वशीय व उगान वाल दश म यापक प स पाया जाता ह भारत म फॉसट एव जन क स 1933 न वष 1927 तथा 1931 म कागजी नीब क दहरादन (उ ) स एक कय गय नमन पर इसक वप को पाया था जावा म वष 1842 एव 1844 क बीच स स औरि टफो लया क एक कय गय नमन पर स स ककर क व प को दखा था ऐसा माना जाता ह क इस रोग क उ प त भारत या जीव म ह ह ई थी इस रोग का व तार व व क अनय दश म हआ सय त रा य अम रका क क लफो नया रा य म स रोग का कोप इतना भयकर हआ क वहा पर इसका उ मलन करन क लए नीब जा त क हजार उ यान न ट कर दय गय वष 1914 स 1931 तक वहा नीब जा त क सभी उ यान क रोग - त व को साम हक उ मलन 2 करोड़ 50 लाख डालर स भी अ धक यय करक कया गया ओर लगभग 30 लाख रोग त व को न ट कर दया गया तथा उसक बाद कसी अ य थान स नीब जा त क बीज फल प प कलम एव वध जनन साम ी लान पर सगरोध नयमन लाग करक कड़ा तबध लगा दया गया

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तथा उसक बाद कसी अ य थान स नीब जा त क बीज फल प प कलम एव वध जनन साम ी लान पर सगरोध नयमन लाग करक कड़ा तबध लगा दया गया अब वहा क उ यान स यह रोग पणतयाः समा त हो गया ह वष 1913 स पहल तक इसरोग को क छ या कब स भ न नह माना जाता था पर त बाद म इसक जीवाण ज नत क त पर कोई सदह नह रहा आज भी यह रोग भारत चीन जापान ओर जावा इ या द दश क लए एक गभीर सम या बना हआ ह भारत म यह रोग नीब वशीय फल व क शत- तशत उ यान म पाया जाता ह और कागजी नीब ख ा मौस बी सतरा आ द क व पर बह त अ धक हा न पह चाता ह इस रोग को lsquoनीब का नासर rsquo भी कहत ह ल ण-

वा तव म ककर श द कसर का एक अप श ह िजसका म य भाव ऊतक य होता ह इस रोग का आ मण व क पि तय टह नय काट परानी शाखाओ और फल इ या द सभी वायव भाग पर होता ह सव थम रोग क ल ण पि तय क ऊपर छोट गोल जलमय पारभासक ध ब क प म दखाई दत ह यह ध ब पीत भर और उभर ह ए दान क समान होत ह आर भ म यह प ती क नचल सतह पर बनत ह पर त बाद म दोन सतह पर बन जात ह जस जस रोग बढ़ता ह इन दान क सतह सफद अथवा धसर रग क हो जाती ह और अ त म यह म य स फटकर खदर या कटार-स श काक क समान का ठ य हो जात ह इस गण क कारण इसका नाम का ठ रोग पड़ गया ह यह दान आकार म बढ़कर 1 ममी स 1 समी तक यास म हो जात ह और फल एव टह नय पर कई दान एक थान पर मलकर लब व त क प म दखाई दत ह यह खरदर व त या त थल एक पीत भर उभर कनार तथा जलमय

पील भामडल वारा घर रहत हबड़ी शाखाओ पर यह उतक यी व त या ककर अ नय मत आकार क खरदर और अ य धक प ट होत ह फल पर बन वप पि तय

क व त क समान ह होत ह पर त यहा इनक चार ओर का पीला भामडल अनपि थत होता ह तथा इनक म य म कटोर जसा ग डा अ धक प ट होता ह

इन व त या दान (ककर) का आकार - कार नीब व क जा त क अनसार भ न -भ न हो सकता ह ख ा नीब एव मा टा पर यह दान या फफोल छोट उठ ह ए और लगभग 2 स 3 ममी यास म होत ह जब क पफट एव यमलो पर इनका आकार काफ बड़ा होता ह और यह लगभग 8 स 10 ममी यास म होत ह फल पर बन दान या व त कवल छलक क गहराई तक ह सी मत होत ह और गद अथवा रस को इनस कोई त नह होती ह पर त इनक बह त अ धक मा ा म बन जान पर फल का छलका फट सकता ह इन दान क कारण बाजार म फल का म य कम हो जाता ह पि तय या पणवतो क स मण स शाखाओ का

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न प ण भी हो सकता ह टह नय पर बन ककर क कारण शाखाए उस थान पर आसानी स टट जाती ह रोग त व बोन भी रह जात ह और उनम ा त फल क उपज बह त घट जाती ह वस तो रोग व ो पर पर वष पाया जाता ह पर त यह वषा ऋत म अ धक फलता ह रोग च

नीब वशीय फल व बह वष य होत ह अतः परान स मत व क टह नय एवम पि तय पर रोगजनक जीवाण सदव जी वत रहन म सफल हो जाता ह इस कार स मत व पर उपि थत परान व त या ककर ह जीवाण उ तरजी वता क म य साधन ह तथा ाथ म नवश य जो स मत पि तया एव टह नया नीच भ म पर गर जाती ह उन पर उपि थत जीवाण तज वता क कारण न ट हो जाता ह रोगी व स व थ व तक ओर व क रोगी भाग स व थ भाग तक रोगजनक जीवाण का क णन वाय नीब पण सरगक क ट तथा वषा क बद वारा होता ह तज वषा क वातोढ़ बौछार भी जीवाण क सार म सहायक होती ह यह कारण ह क यह रोग वषा-ऋत म अ धक शी ता स फलता ह पर त रोग क सार और नय म रोग उ प न करन म वय मन य वारा योग कय गय स मत नसर मलव त का सबस अ धक हाथ रहता ह जीवाण का परपोषी क भीतर वश ाक तक र या क ट अथवा क ट स उ प न घाव वारा होता ह परपोषी क भीतर एक बार वश कर लन कबाद ऊताक म जीवाण अ तराको शक अवकाश म बड़ी तजी स व करक गणज करत ह और म यपटल को वल गत करक व कट म था पत हो जात ह नए उ यान म इस रोग का वश रोग त पौद या नसर मलव त वारा होता ह अनकल पयावरण -

स स ककर रोग क उ प न होन तथा व क लए 20 ड ी स 35 ड ी स का तापमान (अनकनतम तापमान लगभग 30 ड ी स) अ धक आ ता पि तय क सतह पर 20 मनट या इसस अ धक समय तक जल क उपि थ त तथा परपोषी सतह पर कसी कार का घाव होना इ या द अनकल अव थाए ह पि तयास का स मण पण र क सघनता एव प रप वता स सब धत होता ह तथा उनक वकास क दौरान यह सबस अ धक होता ह रोगजनक जीवाण को स मत पि तय म छः माह तक नज मत मदा म 52 दन तक और अ नज मत मदा म 9 स 17 दन तक उ तरजीवी पाया गया ह जीवाण वारा परपोषी पि तय का स मण करन म नीब पण सरगक क ट फलोि वि टस स ला सहायक ह कह कह पर अ धकाश व त या ककर इ ह क ट वारा उ प न वक तय पर पाय जात ह

भारत म इस रोग का आ मण कागजी नीबख ा नीब इ या द क व ो पर अ धक पाया गया ह जब क सतरा एव मौस बी क व अप ाकत कम आ ात होत ह नीब वशीय व म जातीय रोग हता को मशः कागजी नीब पफट कनाख ा मौस बी सतरा म मब कया जा सकता ह जब क लमन को रोग तरोधी जा तय क णी म रखा जा सकता ह उ तर दश म कमकआट पर ककर रोग ब कल उ प न नह होता ह पर त वा तव म यह जातीय भद भभाग क मौसम पर नभर करता ह गम मदानी ो म नीब वशीय कछ जा तया कम रोग ाह होती ह जब क ठड पहाड़ी ो म वह जा तया अ धक रोग ाह हो सकती ह अतः इस कार दश क व भ न ो म रोग तरोध एव रोग ा हता क जातीय गण भ न भनन होत ह

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रोग बधन - इस रोग क रोकथाम क लए न न ल खत उपायो क सफा रश क गयी ह -

1 रोग त टह नय क छटाई करक तथा ग मय म भ म म पड़ रोग त मलब को एक करक जलान स ाथ मक नवश य क मा ा को कम या जा सकता ह

2 नीब वशीय फल क नय उ यान लगात समय कवल रोगम त पोद या नसर मलव त का ह यो करना चा हए

3 नय उ यान म रोपण करन स पहल पौद पर 1 तशत (5 5 50) बोड म ण का छड़काव करना चा हए

4 इस रोग का सार वषा ऋत म अ धक होता ह अतः मानसन ार भ होन स पहल ह व क ऊपर 1 तशत ब द म ण या 03 तशत बलाइटॉ स 50 का छड़काव आर भ कर दना चा हए तथा मौसम क अनसार 15 स 20 दन क अ तर म छड़कत रहना चा हए रगा वामी एव सहयोगी 1959 तथा नवान 1960 क अनसार दस लाख भाग जल म 50 - 1000 भाग टोमाइसीन स फट अथवा 2500 भाग फाइटोमाइसीन तज वक रसायन का छड़काव 15 दन क अ तर पर करन स रोग पणतया रोका जा सकता ह य द इस घोल म 10 तशत ि लसर न को मला दया जाए तो पोधा क वायक भाग इन रसायन को भल भा त अवशोषण कर लत ह यह रसायन सवागी होत ह और यह परपोषी क भीतर पह चकर वहा उपि थत जीवाणओ को न ट कर दत ह वष 1987-88 म ीरामपर क पर कय गय पर ण म ख ा नीब पर 10 लाख भग जल म 100 भाग टोमाइ ल न +003 तशत कॉपर ऑ सी लोराइड( लाइटॉ स - 50 फाइटोलान य ा वअ इ या द) क छड़काव वारा रोग को पणतया नय त कया गया ह

5 वह दउ ीन एवम सहयोगी 1957 क अनसार 25 क ा नीम क खल को 100 ल टर ज लम तथा र डी एव पापा राव 1960 क अनसार 1 क ा खल को 20 ल टर जल म एक स ताह तक भगोए रखन क बाद 3 स ताह क अ तर पर कई छड़काव करन स न कवल रोग नय त होता ह अ पत व को पोषक त व क भी ाि त होती ह इस छड़काव स नई एव व थ शाखाओ का ज म होता ह जो जीवाण को स मण म सहायक करत ह

6 रोग नय ण का सबस उपय त एव सरल उपाय नीब वशीय व क रोगरोधी क म का योग ह वष 1987-88 म कागजी नीब क तीन क म एसएन -2 सकर एवम सकर 4 को पजाब राव क ष व यापीठ अकोला म ककर रोग तरोध व कसत कया गया ह इसी कार वष 1990-91 म त प त क पर ख ा नीब क एक ककर म त लोन क पहचान क गयी ह

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1453 गाजर का मद वलगन

यह रोग खत क अप ा गोदाम म अ धक हा न पह चाता ह रोगकारक जीवाण एक ती वषला रोगजनक होता ह जो पौधा क सरस भाग वशष प स कद को अ धक भा वत करता ह ल ण -

रोग क ल ण कद पर मद जल स त अ नय मत व त क प म दखायी दत ह - आरभ म यह व त कम या अ धक धरातल य होत ह पर त शी ह यह कद क भीतर ऊताक म फल जात ह गाजर क स मत ऊतक मद एव जल य या अवपक हो जात ह और जस जस वगलन बढ़ती ह इनस एक जल य नः ाव नकलता दखाई दता ह रोगी कद स दगध आन लगती ह आर भ म पौध क ऊपर भाग हर ह बन रहत ह पर त कद क पण प स गल जान क बाद मरझा जात ह रोगजनक रोगी कद क साथ स ह कय जान वाल थानो पर पह च जाता ह जहा यह ती ता स फलता ह और व छ कद क भीतर यातायात स बन घाव अथवा खर च वारा वश करता ह जीवाण एक बार कद म वश करन क बाद बड़ी ती ता स व करता ह

िजसस क स पण उपज को हा न पह चती ह| रोग च -

जीवाण मदा म मत और सरस पादप ऊताक पर मतजीवी क प म जी वत रहता ह यह परपोषी क भीतर घाव क वारा वश करकक को शकातरावकाश म पह च जाता ह इन अवकाश म यह धीर - धीर बह गणज करक पि टनोलाइ टक ए जाइम उ प न करता ह और ती ता स फलन लगता ह यह ए जाइम म य पटल पर या करक उनको समा त कर दता ह रोग बधन -

रोग उ प न करन वाला जीवाण एक य परजीवी ह अतः कषण याय करत समय तथा खदाई क समय परपोषी को घाव एव खरोच स बचान का यास करना चा हए रोगी कद को व थ कद क साथ स ह नह करना चा हय कद को स ह करन स पहल आ शक प स सखा लना चा हय िजसस क इनक वचा रोग का तरोध कर सक कद को शीतागार म रखन स मद वगलन अ धक नह फलती ह इसको 0 ड ी स तापमान एवम 90 तशत आप क आ ता पर स ह करना चा हए

1454 स स हर तमा या नीब का ह रत रोग

ना रयल रायचधर एवम भ ला 1967 न उ तर एवम म य भारत म नीब वशीय व क शीषारभी य स सब धत एक सव ण क आधार पर बताया ह क उ ह ज म हमाचल दश पजाब उ तर दश राज थान म य दश एवम महारा म वषाण-ज नत रोग टता

या ती अप य क साथ साथ ह रत रोग भी मला ह चहान एवम लोर 1970 का मत ह क इस रोग क यापकता को दखत ह ए यह आशका ह क यह रोग धीर धीर टजा स भी अ धक भयकर स होगा मा टनज एव सा थय 1971 का मत ह क टजा वषाण तथा ह रत रोग क

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रोगजनक म योगवा हता होन स यह दोन रोग नीब-वशीय व म अप य क लय उ तरदायी होत ह इसम भी कोई सदह नह ह क शीषरभी य का एक म य कारण ह रत रोग ह ह ल ण -

इस रोग क मख ल ण स प रप व पि तय क म य शरा एवम पा व शराओ का पीला पड़ना ह पि तय क अतरा शर य म भी वस रत पीलापन आ जाता ह तथा बाद म स पण प ती पील पड़ जाती ह पि तय पर पी तमा पणह रत श यता या पी लया क यह ल ण ब कल उसी कार क होत ह जस - िजक (ज ता) क कमी स उ प न होत ह पीताभ भाग म कह -कह हर टकड़ भी दखाई पड़त ह ऐसी पि तया गरमी क मह न म झड़ जाती ह तथा इसक साथ ह तन म उ टा सखा या शीषारभी य हो जाता ह ायः नयी बाहर भी नकल सकती ह िजन पर छोट सीधी खड़ी एवम ह रमाह न पि तया नकलती ह िजनक शराए हर अथवा पण फलक पर हर ध ब होत ह कभी कभी पील फलक पर छोट छोट व ताकार हर ध ब भी कट होत ह अ य गौण ल ण म प ती का छोटा या मोटा होना तथा सीध खड़ी रहना ह शाखाओ क पोर छोट होती ह और उन पर क लया अ धक नकलती ह तथा शीष थ य क ल ण कट होत ह रोगी व पर प प समय स पहल ह नकल आत ह और फल आकार म छोट रह जात ह व म जड़ क स या भी कम हो जाती ह और व बौना तीत होता ह य द प रप व व क अपखा त ण व रोग वारा भा वत होत ह तो उनक शी म य हो जाती ह यह रोग म दा रन ख ा नीब एवम पफट क अप ा मा टा पर अ धक उ प म उ प न होता ह

न रयानी 1971 क अनसार ह रत रोग स त व म लट मक अ ल लाइसीन फ नल ऐला नन एवम यसीन जस ऐमीन अ ल क मा ा श य हो जाती ह तथा ऐ पा टक अ ल लाइसीन हि टडीन थयो नन म थयो नन ऐला नन एवम टाइरो सन क मा ा बह त कम हो जाती ह रोग च -

नीब का ह रत रोग पदा करन वाल जीवाण का सचरण का यक वधन और स स स ला क ट क दो जा तया डायफ़ो रना स ाई एवम ोयाज़ा एर ड वारा होता ह (बॉव 1986) इल ोन स मदश अ ययन न इस जीव क सचरण ायोजा एर ड क भ मका को मा णत भी कर दया ह (मॉल एवम मा टन 1973) यह रोगवाहक क ट उ तर एवम म य

भारत म अ य भाग क अप ा अ धक पाय जात ह क ट क रोगी पि तय स आहार हण करन क 8 स 12 दन बाद तक जीवाण उसक शर र म व करता ह क ट इस ऊ मायन या उ वन अव ध क बाद ह स ामक होता ह तथा एक बार जीवाण को हण करन क बाद अपन स पण जीवन काल तक स ामक बना रहता ह कवल एक ह रोगवाहक क ट इस रोग क सचरण क लए पया त होता ह स ामक क ट वारा व थ पौध म रोग का सचरण कम स कम चार घट तक स मण आहार करन क बाद ह होता ह रोगवाहक स स स ला क ट अपनी ड भक अव था म भी जीवाण को हण कर सकता ह पर त यह इस व थ व ी म सच रत नह कर सकता ह (मॉल एवम मा टन 1973) यह ड बक बाद म वय क क ट होन पर रोग

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का सचारण कर सकता ह गा नएर एवम बॉव 1983 न जीवाण क सचरण का उ लख अमरबल वारा मा टा म प र व कल म होन क लए कया ह

भारत म ह रत रोग का ससचन सचक पौध जस - मौसबी मा टा कागजी नीब म दा रन प ट एवम व ट इ डयन लाइम क पौद का योग करक और वण लखन वारा कया जाता ह नीब क स मत ऊतक म ह रत रोग का ससचन तद ि ती तर ी तकनी का योग करक भी कया गया ह (Raychaudhuri et at1972 et al 1975)

रोग बधन - बगीच म सभी बर तरह स रोग त एवम अलाभकार व को काट कर न ट कर दना

चा हए तथा सस चत मलवत अथवा बीजाड का यक पौद स उगाय गय पौध को ह रो पत करना चा हए य य प कछ वष बाद इस व थ व को भी जीवाण क रोगवाहक क ट स स स ला वारा स मत कर दया जाता ह अतः स स स ला क अ का उ मलन 002 तशत

डायिजनानएि न या परा थयान अथवा 005 तशत मला थयान क टनाशी दवा का 10 स 15 दन क अ तर म नय मत छड़काव करक कया जा सकता ह िजसस क रोग का सार बह त कम हो जाता ह ह रत रोग क बधन क लए कसी भी योजना को कायाि वत करन म न न तीन काय अव य पर करन चा हए -

1 बगीच म रोगी व का उ मलन करना 2 सस चत मलव त अथवा बीजाडका यक पौद स ा त कल या कलम स उ प न नय

व थ पौध को लगाना 3 रोगवाहक स स स ला एवम अ य क ट का नय मत उ मलन करना य य प कपर एवम थ मलाचवार न रयानी एवम सहयोग 1971 तथा न रयानी एवम भगवती 1977 स नीब क ह रत रोग क ल णा क ट ासाइ ल न क उपचार वारा रोकन क दावा कया था इसी कार न रयानी एवम सहयोगी 1975 न भी रोगजनक जीवाण को ऊ मा उपचार वारा नि य करन म सफलता पायी थी पर त कपर एव चीमा तथाचीमा एवम सहयोगी 1985 म नीब क व पर बा वि टन सवागी कवकनाशी तथा लडरमाइ सन तज वक क म ण क छड़काव वारा रोग स शत तशत वम त होन का उ लख कया

जाता ह बा वि टन एव लडरमाइ सन म स यक 20 लाख भाग जल म 500 भाग (500 पीपीएम) रखा जाता ह और 10 दन क अ तर पर छः छड़काव कय जात ह अकल लडरमाइ सन तज वक का छड़काव रोग को रोकन म भावी नह होता ह जब क अकल बा वि टन क छड़काव वारा रोग बहत कम हो जाता ह

1455 टमाटर का जीवाण मरझान

रोगजनक - राल टो नया सोलन सरम या

समोडोमोनास सोलन सरम ल ण - पि तया पील पड़ कर सख जाती ह स पण पौधा सख जाता ह

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रोग बधन - 1 तरोधी जा तय का उपयोग 2 गम क जताई 3 उ चत फसल च अपनाए

1456 लक लग ऑफ पोटटो

रोगजनक - इब नया जा त ल ण - पि तया सकड़ना मड़ना छोट होना पौध का बोना होना रोग बधन - 1 क ड़ो क रोकथाम कर 2 फसल च अपनाए

1457 फ लय का झलसा रोग

रोगजनक - ज थोमोनास फ सओल ल ण - पि तय पर जल स त और पारदशक ध ब हो जाना तना और फ ल भी भा वत होती ह

1458 पान का पण दाग

रोगजनक - ज थोमोनास बटल कोला ल ण - पि तय पर काला ध बा होना और उसक चार और का भाग पीला होना य ध ब बड़ कर मल जात ह रोग बधन - 1 ए ीमाइ सन 100 0025 तशत सबल उपचा रत कर 2 टोसाइि लन 005 तशत का छड़काव कर

1459 पान क पि तय का झलसन ककर

रोगजनक - ज थोमोनास जा त ल ण - पि तया झलस जाती ह और ह क भर रग क हो जाती ह तन पर काल ध ब हो जात ह रोग बधन - 1 ए ीमाइ सन 100 - 025 तशत स बल उपचा रत कर 2 टोसाइि लन - 005 तशत का छड़काव कर

146 साराश बागवानी फसल म जीवाण रोग म यतः आल नीब गाजर फ लय वाल सि जय तथा पान म पाया जाता ह इन रोग को समय पर नय ण करन स हम फसल क हा न रोक सकत ह

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147 बोध न 1 स स ककर या नीब का खरा रोग क म य ल ण एव रोकथाम समझाइए 2 आल का भरा वगलन रो का रोग च समझाइए 3 धान का जीवाणज अगमार का रोगजनक ह

अ यडोमोनास सोलन सएरम ब ज थोमोनास क पि स स दोन द इनम स कोई नह

148 सदभ साम ी 1 ReddyTY and Reddi GHS 2000Principles of Agronomy Kalyani

PublishersNew Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 SinghChhidda1999Modern Techniques of Raising Field Crops Oxford

amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993Crop Management under lirrigated and Rainfed

ConditionsKalyani PublishersNew Delhi 5 अहलावतए आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव

फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 6 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

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इकाई 15 भ डा रत अनाज क क ट

इकाई क परखा 150 उ य 151 तावना 152 अनाज बगडन क कारण 153 अनाज म अ सर लगन वाल क ट 154 भडारण म व भ न ोत स क ट क पह च 155 अनाज भ डारण क व धया 156 भ डारणगह म अनाज का भ डारण करत समय बरती जान वाल सावधा नया 157 घमन ( यमीगशन) 158 चह क रोकथाम 159 फल का भ डारण एव ड बा बद 1510 साराश 1511 बह चयना मक न 1512 सदभ

150 उ य - भ डा रत अनाज म नकसान पहचान वाल कारक को समझना क ट क व त व हा न

करन क क त क अवधारणा को पि टकरण करना उनक अनाज तक पह च चलन म भ डारण क व धया तथा ब धन हत रखी जान वाल सावधा नय एव उ चत घमन क भावी व सर त उपाय को जानना

151 तावना - क ष क म अनाज ह सम व का तीक माना गया ह हमार दश म ह रत ा त स

अनाज का उ पादन बढा ह अनाज का हर दाना क मती ह एव अनाज ह म ा ह भ म म पजी साहस और ब ध उ पादन इन पॉच कारक क एक कत तफल क प म ा त अनाज वा तव म बह त क मती ह हमार दश म पछल तीस वष क तलना म अनाज का उ पादन दगन स अ धक हो गया ह पर त अथक प र म क बावजद उपल ध अनाज को सह तौर पर और समय पर सभाल न सकन क कारण बह म य अनाज न ट हो जाता ह एक अनमान क अनसार दश म लगभग 10-12 तशत अनाज कसी न कसी कारणवश भ डारण म न ट हो जाता ह इस बरबाद को रोकना कसान व दश क सवदा हत म होगा आज यह सव व दत ह क अनाज भ डारण एव उसक सर ा हमार दश क अथ यव था का एक मल धरोहर ह

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152 अनाज बगडन क कारण - 1 भौ तक - नमी और तापमान 2 ज वक - फफद च ह स म जीव क ट आ द 3 रसाय नक - अनाज पर कसी रसायन क सीध स पक या रसाय नक या क कारण 4 या क - अनाज को मशीन आ द वारा नकसान होन पर टट ह ए दान का भ डारण

153 अनाज म अ सर लगन वाल क ट - खर फ एव रबी दोन फसल म पदा होन वाल अनाज को कषक घर पर स हत करत

ह इन अनाज म ायः लगन वाल क ट सरसर खपरा घन लट ढोरा आ द मख ह 1 सरसर (साइटो फलस ओराइजी) -

यह क ट भर लाल रग का कर ब 25-30 ममी ल बा होता ह इसक सर का अ भाग नक ला होता ह ौढ़ मादा अनाज क दान म छोट सी गहा बनाती ह तथा उसम अ ड वसिजत करती ह और इस एक चप चप व ाव स बद कर दती ह आमतौर पर सफ एक अडा एक दान म दती ह इस तरह मादा अपन अ पका लक जीवन (एक माह) म 300-400 अड दती ह अड एक ह त बाद छोट पाव वह न कछ झक ह ई लट ( ब) म बदल जात ह यह दान क भीतर ह खात ह ए बढती रहती ह 3-4 ह त बाद लट प रप व होकर शखी क प म बदल जाती ह इस अव था म क ट कछ नह खात एक ह त तक ऐस ह पड रहन क बाद ौढ दान को काट कर बाहर आ जात ह इसक बाहर आन क बाद दाना या अनाज काफ ह का हो जाता ह ऐस आ मत दान पानी म डालन पर ऊपर सतह पर आ जात ह इस क ट का कोप सव थम चावल पर पाया गया था क त अब भ डारण म गह क लय भी एक सम या बन गया ह

2 छोटा अनाज बधक घन (राइजोपथा डो म नका) - अनाज घन यह क ट सरसर स छोटा और स ड वह न होता ह इसका सर भी छोटा

होता ह ौढ़ मादा अ ड सतह या अनाजो क बीच म दती ह और 300-500 अ ड तक दन म समथ होती ह अ ड स एक ह त बाद लट ( ब) नकलती ह इसक 6 टाग होती ह यह भी सरसर क तरह अनाज को भीतर स ह खाती ह और 3-4 ह त बाद पण वक सत होकर शखी क प म बदल जाती ह शखी स एक ह त बाद ौढ़ बनत ह इस क ट क लट ( ब) व ौढ़ दोनो अव थाय अनाज को हा न पह चाती ह

3 खपरा ( ोगोडमा न रयम) - ौढ़ मादा 4 ममी लबी अ डाकार आक त क होती ह नर ौढ का आकार मादा ौढ

क मकाबल आधा होता ह मादा ौढ लगभग 100-125 सफद अ ड अनाज क सतह या दरार म दती ह अ ड 4-5 दन म 35 ड ी सि सयस ताप पर लट ( ब) बनात ह य दान क टट को खात ह लट ( ब) लगभग 1 मह न तक खान क बाद शखी का नमाण करती ह शखी 5-6 दन क बाद ौढ क प म बदल जाती ह

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4 आट का लाल क ड़ा धनरा ( ाइबो लयम क ट नयम) - ौढ़ एक चपटा क ट ल बाई म 5-6 ममी का होता ह यह अ ड अनाज क दान पर

दता ह जो एक ह त बाद लट ( ब) का प ल लत ह लट ( ब) सफद व ह क लाल होती ह जो दान क अक रत वाल थान और उसम उपल ध पाउडर को खाती ह लट 3-4 ह त म पण वक सत होकर दान क ऊपर शखी बना लती ह लट ( ब) एक ह त बाद ौढ़ क प म बदल जात ह

5 दाल का ढोरा (प स बी टल) - यह छोटा व चकोर आक त क साथ साथ अपन मखागो क अ भाग जो क भोधरा होता

ह स ज द पहचाना जा सकता ह य क ट दान को खाकर सीधा नकसान तो करत ह ह बि क व अपनी जीव याओ स भ डार क नमी व तापमान बढात ह जो अनाज पर फफद का आ मण बढान म सहायक होत ह

6 बादाम का पतगा (का ा काटला) - यह पतगा अपन अ पख पर गहर धार रग बनाय रखत ह यह ल बाई म 8 ममी

तक का होता ह यह अपन सफद अ ड अनाज म और अ य सतह पर बखर दत ह अ ड 4-5 दन म वक सत होकर 1 ममी स भी छोट लट (कटर पलर) म बदल जात ह और अनाज को खाना श कर दती ह लट (कटर पलर) 3-4 ह त तक लगातार खान क बाद शखी क प म बदल जाती ह शखी अनाज म या उसम रख ह ए भडारण पा क बाहर बनती ह शखी स ौढ़ (पतगा) 5-7 दन बाद बाहर नकलता ह

7 अनाज का पतगा (साइटो ोगा सी रयल ला) - यह पतगा अ पख क ओर बह त यादा र यदार होता ह अ ड लगभग 8-10 ममी

लब होत ह क त पख फलान क बाद 15 ममी लबा हो जाता ह यह धान क बा लय क प रप व होन पर तथा धान क भडारण वाल थान पर भी अ ड दत ह इस तरह दय गय अ ड स छोट लट (कटर पलर) एक ह त बाद नकलकर धान क जोड वाल थान स अदर घसती ह लट (कटर पलर) लगभग 3-4 ह त तक खान क बाद शखी म बदल जाती ह शखी बनन स पव लट (कटर पलर) धान म एक छोटा सा गोल आक त का कटाव बनाती ह और स क पी धाग ( ाव) स बद कर दती ह शखी बनन क 1 ह त बाद पतगा इस खोलकर बाहर आ जाता ह

8 चावल का पतगा (को सरा सफलो नका) - पतगा 10-12 ममी ल बा होता ह ौढ़ मादा 200 अड दती ह अड स 4-5 दन म

लट (कटर पलर) बन जाती ह और यह टट ह ए दान को खाती ह लट (कटर पलर) 4-5 ह त तक खान क बाद शखी क प म बदल जाती ह लट (कटर पलर) चावल म खान क साथ साथ ई जसी जाल नमा नाल का नमाण करती ह शखी स पतगा 9-10 दन बाद बाहर नकलता

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154 भडारण म व भ न ोत स क ट क पह च - कछ क ट जस चावल क धन दाल का भग व अ न का शलभ अपन अ ड खत म ह

पकती फसल क दान पर द दत ह और व दान क साथ भ डार म भी पह च जात ह ख लहान म परान अनाज अथवा कड़ा-करकट आ द म छप रहत ह तथा मड़ाई क

समय दान म अपन अड द दत ह और भडारण म पह च जात ह अनाज ढोन वाल बतन बोर आ द म क ट क व भ न अव थाए सस ताव था म छपी

रहती ह तथा अनाज ढोन क समय भ डार गह या कोठ म चल जाती ह भडारण हत य त कय जान वाल बन (को ठय ) आ द म पहल स ह छप ह ए क ट

स य अथवा सस ताव था म रहत ह और नय अनाज को रखन क बाद इनका कोप धीर-धीर उपय त वातावरण मलन स बढ़ जाता ह

वय क (शलभ) अनाज क लग ढर म उड़कर भी अपन अड दत ह और अनाज क साथ य भ डार म पह च जात ह

155 अनाज भ डारण क व धया - 1 पार प रक -

आज दश म अनाज क कल पदावार का लगभग 70 तशत अनाज गाव म कसान क यहा भ डा रत कया जाता ह इसका कछ तशत बचन क प चात शष बच ह ए का अपन प रवार क पालन पोषण हत उसका भ डारण अपन खत पर बन थान या घर म करत ह पर त दखा गया ह क उ चत यव था व ान क अभाव म अनाज खराब हो जाता ह िजसका आ थक हरजाना कसान को भगतना पड़ता ह कारण ह पार प रक भ डारण क व धया जस क म ी क पा लकड़ी पटसन क बो रया ईट आ द जो क अनाज को ल बी अव ध अथवा आगामी फसल तक अ छ हाल म रखन म असमथ रहत ह 2 उ नत भ डारण -

अ धकाशतः गाव म अनाज का भडारण ऊच प क फश वाल कमर म या प क बनी कोठर या कोठ या म ी क बड बतन म कया जाता ह क त इन सबम छोट कसान क लए धात स बनी को ठया अ धक उपय त ह िजनम 3 ि वटल स लकर 10 ि वटल तक अनाज कोठ क मता क अनसार रखा जा सकता ह

वतमान म अनाज का उ पादन अ धक होता ह तब उसका भ डारण प क फशवाल बड कमर म कया जाता ह िजसम अनाज को बोर म भरकर रख दत ह भ डारणगह म बोर को नमी स बचान क लए फश पर बास क चटाई क साथ पॉल थीन शीट बछाकर या लकडी क चखट बछाकर बोर को उसक ऊपर बि लय म रख दत ह बोर रखत समय यान रह क बि लया द वार स सट न होकर लगभग 75 समी क दर पर ह ता क द वार क नमी बोर म वश न कर सक बि लय का इस कार लगाना चा हय क भ डार म आन जान का रा ता

बना रह िजसस समय समय पर बोर का नर ण कया जा सक भ डारणगह म बोर को कमर क ऊचाई क 34 भाग तक ह रख ऊपर का 14 भाग खाल रह

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156 भ डारणगह म अनाज का भ डारण करत समय बरती जान वाल सावधा नया -

1 जहा तक स भव हो भ डारण क लए प क गोदाम बनान चा हए िजसक द वार नमी अवरोधी ह

2 भ डारण स पव गोदाम एव को ठय क द वार म बनी दरार व ग ढ को सीमट स बद कर दना चा हए िजसस उसम क ट शरण न ल सक

3 गोदाम क सफाई अ छ कार करक दरवाज आ द खोल दन चा हए िजसस गोदाम अ छ कार सख जाय भडारण स पव गोदाम म मला थयॉन 50 ईसी नामक क टनाशी रसायन का 5 मल ल टर पानी म घोल बनाकर द वार फश आ द पर अ छ कार छड़काव करना चा हए िजसस कोन दरार आ द म छप क ट मर जाय

4 परान बोर को योग म लान स पव उबलत पानी म 15 मनट तक डबोकर अथवा मला थयॉन 50 ईसी को 10 मल ल टर पानी म घोलकर 10 मनट तक डबोकर अ छ कार धप सखान क बाद ह योग म लना चा हए

5 अनाज ढोन वाल बतन गा डय एव भडा रत करन हत योग म लाय जान वाल बन (को ठय ) क अ छ कार सफाई करक धप म सखा लना चा हए

6 नयी फसल क मढ़ाई स पव ख लहान क सफाई करन क प चात गोबर स अ छ कार लपाई करक सखाना चा हए

7 अनाज को ख लहान म अ छ कार धप म सखा लना चा हए ता क उसम नमी 8-10 तशत स यादा न रहन पाय

8 य द अनाज को बोर म भरकर भडारण करना हो तो गोदान क फश पर 75 समीमोट सख भस क तह लगा दनी चा हए तथा ब र को द वार स 75 समी क दर पर रखना चा हए

9 भडारण स पव अनाज म एक कलो ाम नीम क न बोल का पाउडर त ि वटल क दर स मलाकर भडा रत करन पर क ट का कोप बह त कम होता ह

10 बीज क लए भडा रत कय जान वाल अनाज को मला थयान 5 तशत धल क 25 ाम क ा क दर स मलाकर भडा रत करना चा हए तथा इस तरह स उपचा रत बीज

को कभी भी खान क कम म नह ल 11 छोट कसान को आज-कल च लत जीआई शीट क चादर स बन बन का योग

करना चा हए यह 50 क ा स लकर 10 ि वटल भडारण मता वाल आकार म उपल ध ह कसान अपनी आव यकता अनसार बन को क ष वभाग स य कर मलन वाल छट का लाभ भी ल सकत ह पवतीय म इसका उपयोग काफ लाभदायक एव सर त ह य क कसान को कम मा ा म ह अनाज का भडारण करना होता ह

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156 घमन ( यमीगशन) - भ डारण अव ध म अनाज को क ट स सर त रखन क लए न न म स कोई एक

उपाय अपनाना चा हए 1 ईडीबी (एथील न डाई ोमाइड) -

यह रसायन व भ न आकार म 361530 मल क काच क ए पल म उपल ध होता ह यह ए पल ई म लपट कपड क बद थल म मलती ह िजस अनाज क अ दर रखकर सडासी या लास स दबाकर तोड दत ह टट ह ए ए पल को लकडी क सहायता स अनाज क अ दर क सतह म धसाकर कोठ या म ी क बतन का म ह यथा शी ढककर गील म ी स सील कर दत ह यह गस हवा स 625 गना भार होती ह अतः कोठ क नचल सतह तक अपन आप पह चकर भ डारण अव ध म बनी रहती ह िजसस य द अनाज म क ट पदा ह ए भी तो पनप नह पात और मर जात ह तथा अनाज सर त बना रहता ह एक ि वटल अनाज म लए 3 सीसी वाला एक ए पल पया त ह य द अनाज बोर म रखा गया हो तो ईडीबी ए पल क वा छत स या को बोर क ऊपर तोडकर तर त पॉल थीन चादर स ढक द इस दशा म रसायन क मा ा का योग अनाज क बोर क आयतन क आधार 10 मल दवा त घन मीटर क दर स करना होता ह अनाज को पॉल थीन स न ढका जा रहा हो तो दवा का योग पर कमर क आयतन को यान म रखकर करना होगा दवा क योग क बाद 7 दन तक भ डार को न खोल 2 ए यमी नयम फॉ फाइड -

इस रसायन का योग अनाज म लगन वाल क ट और चह को मारन क लए कया जाता ह यह रसायन बाजार म कई नाम स मलती ह जस स फास फॉ टा सीन आ द यह रसायन 3 ाम वाल 10 ट कय क पकट म और 06 ाम वाल छोट पलट ( ट कय ) क प म प नी म बद मलती ह 1 टन अनाज को स हत करन क लए 3 ाम वाल 2-3 ट कया पया त होती ह रसायन हवा म मौजद नमी क स पक म आन स फॉ फ न नाम क गस पदा करती ह जो बह त जहर ल होती ह इस लए इसक योग म बह त सावधानी बरतन क ज रत ह इस दवा क गध काबाइड क गध क समान होती ह भ डारणगह म इसका योग करन क लए य त ट कय क स या क आधी ट कयो को बोर म रख दत ह ट कय को रखन का काम

10-15 मनट म समा त कर लना चा हए यो क लगभग आधा घट बाद ट कय स जहर ल गस नकलना श हो जाती ह इस रसायन का योग धात क कोठ म अनाज को क ट स सर त रखन क लए म य प स कया जाता ह इसी रकार कोठ म अनाज रखन क बाद ट कया को एक म ी क द पक म रखकर अनाज क ऊपर रख दत ह और कोठ का ढ कन बद करक उसक म ह पर चार ओर तथा अनाज नकालन क रा त पर गील म ी लगाकर सील कर दत ह िजसस जहर ल गस कोठ स बाहर न नकल पाय कोठ स अनाज नकालत समय द पक को पहल हटा लना चा हए िजसम रसायन का सफद राख जसा पाउडर मौजद होगा यह यान रह क रसायन पाउडर अनाज म मलन न पाय यथा सभव घर म इसका योग नह कर 3 घमन ( यमीगशन) बरती जान वाल वशष सावधा नया -

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भ डारणगह म अनाज को सर त रखन क लए जो रसायन ऊपर बताई गयी ह व अ य त जहर ल ह अतः इनका योग कसी श त कायकता क दखरख म ह कर गोदाम कोठ बतन आ द िजसम अनाज को रखकर दवा स उपचा रत कया जाय उस आवास क कमर स दर होना चा हए कसी भी कार क दघटना हो जान पर तर त डॉ टर स सलाह लना चा हए

घमन वष जस ए य म नयम फा फाइड एव ई डीबी ए पयल का योग तब धत ह इस लए इनका योग बह त ह सावधानी स अ त आव यक होन पर ह करना चा हए कसान को चा हए क इनक योग स पव अपन वकास ख ड क क ष इकाई अथवा िजला क ष अ धकार स स पक करक इनक योग क बार म जानकार ा त कर लव

अनाज का भ डारण हमशा अलग मकान म कर िजस रहन हत योग न कया जाता हो

उपचा रत अनाज को खान हत योग म लान स पहल कम स कम एक स ताह पव बन स बाहर नकाल ल तथा पानी स अ छ कार धोकर धप म सखा ल

157 चह क रोकथाम - गोदाम म भी चह बल बनाकर पह च जात ह इन बल को खोजकर उनम स फास क

3 ाम वाल ट कया क चथई ट कया या 06 ाम क पलट डालकर उसका म ह गील म ी स बद कर दना चा हए इसक अ त र त िजक फा फाइड स बन जहर ल रसायन क प डय को चह क आन जान क रा त पर द वार क कनार और कोन म रख दना चा हए जहर ला रसायन एक भाग िजक फा फाइड एक भाग सरस का तल तथा 48 भाग द लया मलाकर बना सकत ह 2-3 दन बाद बची ह ई जहर ल प डय और जहर ल दान को बीनकर म ी म गाड दना चा हए िजसस कोई अ य जानवर उस न खा सक और जहर ला अनाज अ छ अनाजो म न मल सक

158 फल का भ डारण एव ड बा बद - फल क तड़ाई क उपररात फल क सह भ डारण व ड बा बद का बह त मह व ह सह

ढग स रखरखाव न करन क ि थ त म कसान को भार नकसान उठाना पड़ता ह फल क तडाई हमशा सबह या शाम करनी चा हए

फल को तोडन क प चात उ ह धोकर या साफ करक छाटकर ड ब म बद कर दना चा हए फल को उनक आव यकतानसार ड ब म भरना चा हए ड ब क अ दर एक कागज क तह रख या अलग-अलग फल को कागज म लपटना चा हए अतः न नानसार फल का रखरखाव करक उनको को न ट होन स बचाया जा सकता ह 1 क न -

क न को लकड़ी क ड ब म बद करक पॉल थीन क लफाफ म डालकर उ ह बना ऊजा भ डारण क क म रखा जाए तो इ ह 56 दन तक आसानी स बना कसी गणा मक बदलाव क रखा जा सकता ह पर त इस दौरान इन लफाफ को 15-30 मनट तक त स ताह खोल दना चा हए ता क उनम जमी दग ध तथा पानी क ब द नकल जाए

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क न क फल को 7 दन तक बना कसी उपचार क कमर क तापमान पर रखा जा सकता ह य द इ ह 05 क टान क घोल (5 ाम क टानल टर पानी) या 20 तल क तल (20 मल तल + 2 मल ट पोलल टर पानी) स उपचा रत कर दया जाय तो फल को 21 दन तक रखा जा सकता ह 2 अगर -

अगर तोडन क प चात नह पकत इस लए इ ह पर पक ह ई अव था म ह तोडना चा हए अ छ क म क अगर क अ छ दाम मलत ह ग छ क पकन का अ दाजा ग छ क आखर अगर को दखकर लगाया जा सकता ह ग छ को तोडत समय उ ह कवल तन स पकडना चा हए ता क वा त वकता न बगड ड बाबद स पहल ग छ म स टट सड तथा खराब अगर क दान को नकाल दना चा हए ग छ को उनक आकार व कल घलनशील त व क आघार पर अलग अलग करना चा हए कल घलनशील त व परलट थो पसन तथा यट सीडलश म मशः 18-19 20-21 तथा 17-18 होना चा हए

ग छ को अलग-अलग करन क प चपात उ ह ग त क ड ब म अखबार का कागज लगाकर पक करना चा हए बीमार क रोकथाम क लए 5 कलो क ड ब म 5 ाम ल चग पाउडर अखबार क नीच रखना चा हए 3 आम -

तोड़ ह ए फल को उनक क म आकार और पकन क अव था क आधार पर अलग-अलग करना चा हए पर तरह पक ह ए फल को नजद क क मडी म भज या सर ण क लए योग म लाए अ छ फल को लकड़ी क पट म अखबार लगाकर दर मडी म भजना चा हए

4 अम द - पर तरह पक ह ए फल को नजद क क मडी म भजना चा हए यो क इनका

थाना तरण म नकसान हो सकता ह दर क म डी क लए फल को लकड़ी क ड ब म पक करना चा हए दर-दराज क मि डय म भजन क लए अम द क अप रप व अव थाओ म जब क फल हर रग क हो तोडन चा हए उस समय फल का अप त धन व 105 होना चा हए ग मय म फल का भ डारण नह कया जा सकता ल कन स दय म हर अव था म 2-3 दन रखा जा सकता ह 5 बर -

फल को तोडन स 10-15 दन पहल क टान या मकोजब (500पीपीएम) का छड़काव करन स तोडन क उपरा त फल को 8 दन तक सड़न स बचाया जा सकता ह बर क ड बाबद क लए को ग डट काड बोड क ड ब या बास क टोक रय म कागज क टकड़ डालकर उपयोग करन चा हए वग करण करन क उपरा त ह फल को बचन स अ धक लाभ लया जा सकता ह बड आकार (35 ाम) क फल लगभग दगनी क मत पर बकत ह

159 साराश - व णत इकाई म भ डारण क मह व क बार म प र चत होना - सम या उ प न म

कारक क बार म जानकार तथा व भ न ोत स क ट का स मण होना भ न- भ न कार

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क क ट क व भ न अव थाओ वारा भ डा रत अनाज को ती पहचान क जानकर हा सल कर सर ा मक उपाय को अपना कर उ चत भ डारण को जानना िजसस भ डा रत अनाज को नकसान करन वाल कारक स बचाया जा सक और अ त म अ याव यक होन पर घमन रसायन का अनमो दत मा ा म सम चत तर क स योग कर सर त अनाज भ डारण कया जा सकता ह

1510 बह चयना मक न 1 भ डारण म सामा यतया कतना तशत अनाज न ट होता ह

(अ) 5-7 (ब) 10-12 (स) 15-17 (द) 20-22 ब 2 घन क ट क कौनसी अव था अनाज को हा न पहचाती ह

(अ) ब (ब) शखी (स) दोनो (द) कोई नह अ 3 भ डारण क समय अनाज म कतन तशत नमी होनी चा हए

(अ) 10-12 (ब) 12-15 (स) 8-10 (द) 15-20 स 4 टॉक भ डारण म द वारो स बोर क कतनी दर रखनी चा हए

(अ) 50 समी (ब) 75 समी (स) 100 समी (द) 25 समी ब 5 भ डारण स पव गोदाम म मला थयान 50 ईसी त ल टर पानी म कस दर स दवार व

फश पर छडकाव करना चा हए (अ) 5 मल (ब) 10 मल (स) 75 मल (द) 25 मल अ

1511 सदभ - 1 Kushwaha KS and Sharma JC Safe Storage of Grains and other

Products from Insect Pests and Rats 2 अपन अनाज को क ट स बचाईयए नदशालय चार एव सार खा य म ालय भारत

सरकार 3 Hill DS Pests of stored products and their control जकएच

Page 2: पा kय म अ gभकãप स gम Óत - Vardhaman Mahaveer Open Universityassets.vmou.ac.in/CCP03.pdf · 2016. 7. 27. · 2. मृदा ¢रण क रोकथाम-खरपतवार

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पा य म अ भक प स म त अ य ो (डॉ) एल आर गजर नदशक सकाय वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

सम वयक सद य सम वयक ो (डॉ) बी अ ण कमार

आचाय राजनी त व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा सद य 1 डॉ प षो तम सह सन सनवार

सवा नव त आचाय (मदा व ान) एव ीय नदशक क ष अनसधान क कोटा

2 ो (डॉ) एपी सह आचाय (स य व ान) इि दरा गाधी क ष व व व यालय रायपर(छग)

3 डॉ एसएस तोमर आचाय (स य व ान) एव ीय नदशक क ष अनसधान क कोटा

4 ीमती वता ग ता ग ट फक ट क ष व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

5 डॉ एनएन पाठ सह आचाय (क ट व ान) क ष व ान क कोटा

स पादक एव पाठ लखक स पादक ीमती वता ग ता

ग ट फक ट क ष व ान

वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा इकाई लखक इकाई स या 6 डॉ जपी ततरवाल

सहायक आचाय (स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

5

1 डॉ ताप सह आचाय(स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

4 7 डॉ अनराधा शमा सहायक आचाय वन प त व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

13

2 डॉ एच आर चौधर आचाय(स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

15 8 डॉ अशोक कमार क हार सहायक सचालक क ष कसान क याण तथा क ष वकास भोपाल (म )

11

3 डॉ एनएन पाठ सह आचाय (क ट व ान) क ष व ान क कोटा

78 9 ी अ वनाश सर जा सहायक ीय ब धक नशनल फ टलाइजर ल मटड (भारत सरकार का उप म) नीमच (म )

14

4 डॉ आरक शवरन सहायक आचाय(स य व ान)क ष अनसधान क कोटा

1 10 ीमती वता ग ता ग ट फक ट क ष व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

3691012

5 डॉ बलदव राम सहायक आचाय(स य व ान)क ष अनसधान क कोटा

2

4

अकाद मक एव शास नक यव था ो (डॉ) वनय पाठक

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो(डॉ) एलआर गजर नदशकसकाय वभाग

वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो (डॉ) पीक शमा नदशक ीय सवाए

वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

पा य म उ पादन योग गोयल

सहायक उ पादन अ धकार वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

उ पादन 2013 इस साम ी क कसी भी अश को व म ख व कोटा क ल खत अनम त क बना कसी भी प म lsquo म मयो ाफ rsquo (च म ण) वारा या अ य पनः तत करन क अनम त नह ह व म ख व कोटा क लय कलस चव व म ख व कोटा (राज) वारा म त एव का शत

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CCP-03 वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

वषय सची पौध सर ण एव बधन (Plant Protection Management) इकाई स या इकाई का नाम प ठ स या

इकाई mdash 1 खरपतवार क मह व वशषताए एव हा नकारक भाव 6mdash13

इकाई mdash 2 खरपतवार का वग करण फसल स जड़ खरपतवार 14mdash26

इकाई mdash 3 फसल म खरपतवार नय ण 27mdash53

इकाई mdash 4 एक कत खरपतवार बधन 54mdash72

इकाई mdash 5 खरपतवार नाशक क छड़काव म इ तमाल उपकरण 73mdash82

इकाई mdash 6 फसल क म य क ट और उनका नय ण 83mdash102

इकाई mdash 7 बागवानी फसल क म य क ट और उनका नय ण 103mdash117

इकाई mdash 8 एक कत क ट बधन 118mdash132

इकाई mdash 9 क टनाशक छड़काव क उपकरण 133mdash147

इकाई mdash 10 पादप रोग व ान का इ तहास एव स ा त 148mdash173

इकाई mdash 11 फसल क म य फफद य रोग एव नय ण 174mdash196

इकाई mdash 12 बागवानी फसल क म य फफद य रोग एव नय ण 197mdash212

इकाई mdash 13 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण 213mdash224

इकाई mdash 14 बागवानी फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण 225mdash239

इकाई mdash 15 भडा रत अनाज क ट 240mdash248

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इकाई 1 खरपतवार क मह व वशषताए एव हा नकारक भाव

इकाई क परखा 10 उ व य 11 तावना 12 प रभाषा 13 खरपतवार क मह व 14 खरपतवार क वशषताए अथवा कठोरता अथवा मत यता 15 खरपतवार स हा नया 16 साराश 17 बह चयना मक न 18 सदभ थ

10 उ य खरपतवार उगाई जान वाल फसल को य एव अ य प स हा न पहचात ह इस कार खरपतवार कषक क त इकाई आय कम करत ह फसलो पादन म खरपतवार क

रोकथाम आव यक ह खरपतवार क रोकथाम करन क लए खरपतवार का अ ययन आव यक ह खरपतवार क वग करण म म यतः उनक अकरण बढ़न पकन का समय उनक आय खरपतवार क व करन का ढग उनक जलवाय एव मदा स ब धी आव यकता उनक भौ तक एव द हक व फसल क साथ घ न ठता आ द कारक को वशष आधार माना जाता ह

11 तावना क ष म खरपतवार एक मख सम या ह जो कसान को अपनी उगाई जान वाल फसल

स पण लाभ नह उठान दती खरपतवार उगाई जान वाल फसल को य एव अ य प स हा न पहचात ह इस कार खरपतवार कषक क त इकाई आय कम करत ह खरपतवार वारा क जान वाल फसल क पदावार म हा न 5 तशत स 70 तशत तक ऑक गई ह खरपतवार वारा कभी-कभी खतो स 150 क ाह नाइ ोजन उपयोग कर ल जाती ह व भ न व ा नक न खरपतवार का व तत अ ययन करक खरपतवार को व भ न प म प रभा षत कया ह

12 प रभाषा खरपतवार व अवाि छत पौध हः जो कसी थान पर बना बोय उगत ह और िजनक

उपि थ त कषक को लाभ क तलना म हा नकारक अ धक ह

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(अ) ए सो यट खरपतवार-इस वग क अ दर उपय त सभी एकवष य ववष य बह वष य खरपतवार सि म लत करत ह कषक को हमशा इनस हा न ह पह चती ह फलो पादन म यह एक मख सम या ह (ब) रल टव खरपतवार-इस वग म फसल क व पौध िज ह कसान खत म नह बोता व वय ह उग आत ह रल टव खरपतवार कहत ह जस-गह क खत म जो जना व सरस आ द य द उग जाय तो य सम या ह य सभी न न कार क होत ह 1 अनकार अथवा नकलची खरपतवार-धान क खत म जगल धान गह क खत म जगल जई

व मडसी जस खरपतवार अपन परपोषी फसल क पौध क साथ बा ा आका रक म मलत ह और फसल क साथ-साथ बढ़त रहत ह इ ह अनकार या नकचल खरपतवार कहत ह

2 वशष स म जलवाय क खरपतवार-कासनी व वाइन स खरपतवार को छायाय त व ठडी नम जलवाय क आव यकता होती ह यह जलवाय बरसीम व लसन क फसल म चर मा ा म पाई जाती ह य खरपतवार इसी कारण स इन फसल म पाय जात ह

जगल याज लहसन व मडसी क बीज उसी ऊचाई व उसी समय पर पकत ह जब क स दय क अ न वाल फसल क बीज पकत ह फसल क कटाई पर व फसल क बीज म मल जात ह

(स) रोगय-जब कसी फसल क अ य जा त का पौधा बना बोय खत म ह उगता ह तो वह रोगय कहलता ह उदाहरण क प म य द गह क एच डी 1553 क फसल म बना बोय गह क यपी जा त 262 का पौधा उग जाय तो यह रोगय कहलायगा कसी जा त वशष क श वता को बनाय रखन क लय इस कार क अइि छत पौध को खत म उखाड़ना (रो गग) आव यक होता ह

भागीय व सकाय खरपतवार-इस वग क खरपतवार पहल जगल जा तय क साथ उगत ह तथा क षत भ मय पर पहचकर फसल क साथ पण तयो गता कर मन य क काय-कलाप को सहन करत ह ए उगना ार भ कर दत ह जस-नागफनी

अ वक पी खरपतवार-जो खरपतवार क ष भ मय या अ यवि थत भ मय म अ य पौध क जा तय स तयो गता नह कर पात उ ह अ वक पी खरपतवार कहत ह जस - हरनखर

अ न टकार खरपतवार-व खरपतवार जो अनइि छत क ट द व साधारणतया मन य क नय ण क बाहर ह य खरपतवार जनन व वतरण क असीम मता रखत ह मन य वारा नय ण क को शश को य न फल कर दत ह कॉसनी अमरबल दबघास मौथा कॉस आ द इसक उदाहरण ह

रगन वाल खरपतवार-इनक तन भी भ म पर रगकर चलत ह इनक तीन क गॉठ स जड़ नकलती ह दब व न नया इसका उदाहरण ह

लग खरपतवार-इन खरपतवार क तन भी दबल होत ह ायः फसल क पौध क सहार लपटकर य ऊपर चढ़त ह जस हरनखर चटर -मटर व मनमना आ द

आरोह खरपतवार-य खरपतवार फसल क पौध क सहार ह ऊपर लपटकर चढ़त ह लपटन क लय इनम ि डलस होत ह जस-क दर

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13 खरपतवार क मह व 1 मदा म पोषक त व का योग-बह त स खरपतवार अपनी वान प तक व अ धक कर

लत ह य द हर खाद क प म इनका योग कर लया जाय तो मदा म य काफ मा ा म पोषक त व जमा कर लत ह मदा क ऊपर सतह म पह चा दत ह बावचा व गोख 35 तशत श क भार क आधार पर नाई ोजन रखत ह आईसी एआर क एक सव ण क आधार पर यह पाया गया ह क कछ जगल ल यम वातावरण स न जन का ि थर करण करती ह और इनम 15-6 तशत तक न जन पाई जाती ह इनक अ दर पोटाश क भी मा ा होती ह इस कार क ल यमस को खत म दबान पर मदा म इनका सडाव भी शी होता ह इस कार खरपतबार मदा म व भ न खा य त व को बढ़ान म सहायक हो सकत ह

2 मदा रण क रोकथाम-खरपतवार भ म क ऊपर फलकर व भ म म जड़ का वकास करक वाय एव जल वारा होन वाल मदा रण को रोकन म सहायता दत ह

3 चार क प म खरपतवार का उपयोग- व भ न खरपतवार जस दब चार क प म पशओ का उ तम आहार ह

4 खरपतवार का दवाइय म योग-कछ खरपतवारो जस ग बा सॉप क काटन पर काम म लाया जाता ह स यानाशी क बीज स नकाला गया तल अनक वचा रोग म योग होता ह

5 खरपतवार का आ थक मह व-कॉस आ द खरपतवार छ पर आ द तयार करन क काम आत ह मज व रामबॉस स र यॉ तयार करत ह ल मन घास क पि तय स नकाला गया तल सग ध क लय योग करत ह यह तल म छर भगान वाल म तयार करन क काम म भी लाया जाता ह

6 खरपतवार स ऊपर भ म का सधार-ऊसर भ म क सधार क लय स यानाशी व सजी खरपतवार को उगाना लाभदायक पाया गया ह

7 खरपतवार का सजावट म योग-बागो व सड़को क कनार कछ खरपतवार का हज लगान म योग कया जाता ह जस जरायन आ द

14 खरपतवार क वशषताए अथवा कठोरता अथवा मत यता फसल क पौध क अप ा खरपतवार म उगन बढ़न एव व तार करन का गण अ धक

होता ह खरपतवार क अनक वशषताओ का वणन न न कार कया जा सकता ह 1 खरपतवार क बीज का अकरण शी होता ह व बीजाकर तजी स बढ़वार करत ह

खरपतवार क बीजाकर स त होत ह तथा व फसल क पौध क साथ काशए नमी व पोषक त व क लय तजी स सघष करत ह खतरवार क बीज क व श ट या व ध उसम अकरण क आवि त ह िजसम खरपतवर क कछ जा तय जस जगल चलाई नय मत समया तर पर अक रत होती रहती ह

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2 खरपतवार क फल शी आत ह बीज अ धक मा ा म व फसल स ज द पकत ह जगल चलाई का एक पौधा 1080220 मकाय का एक पौधा 178000 स यानाशी पॉच हजार जगल जई 250 एव गा आधा करोड़ बीज तवष पदा करता ह इस कार खत स खरपतवार का पणतया उ मलन कभी-कभी अस भव हो जाता ह

3 खरपतवार क जड़ फसल क पौध क तलना म शी वक सत होती ह इनक व व भ म म चार ओर व काफ गहराई तक होती ह योग स मालम होता ह क कॉस व हरनखर क जड़ भ म म 20 फ ट व जवास क जड़ भ म म 13 फ ट क गहराई तक पह च जाती ह

4 खरपतवार क बीज क अकरण शि त बह त समय तक बनी रहती ह बथव क बीज भ म म 40 वष तक रहन क बाद भी उग आत ह

भ मगत बीज का जीवनकाल व भ न खरपतवार का आय काल

खरपतवार आय वष म दबघास 2 ब 4 सोकस आवि सस 5 मौथा 5 ए ोपाइरोन रप स 5 बलस ट रि स 8

पीला पौधा (सा ए कल टस 20 सर सयम आव स 20 जगल सरस 30 हरन खर 50

5 अ धकतर खरपतवार को ल ब समय तक जलम न अव था म रखन स अकरण मता बह त घट जाती ह दबघास क बीज को 28 समी गहराई पर जलम न 30 दन तक करन स अकरण 48 तशत व 50 दन तक करन स अकरण 14 शत रह जाता ह प रप व व श क बीज नीमय त क च बीज क अप ा अि न क भाव क त अ धक रोधी होत ह हरनखर क बीज का अकरण अि न वारा घट जाता ह कई झाड़ीदार खरपतवार क बीज क अकरण मता अि न क स पक म आन क कारण बढ़ जाती ह

6 कछ खरपतवार क बीज अप रप व अव था म काट जात ह तो भी अपनी अकरण मता 100 तशत बनाय रखत ह जस-सो वस आवि सस जगल पालक व चकवीड क अप रप व बीज वाल पौध को उखाडन पर भी बीज प रप व हो जात ह व भनन खरपतवार क पौध म फल आन क बाद बीज प रप व होन का समय नीच ता लका म दया गया ह

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खरपतवार क पौध म फल आन स प रप व होन का समय 1 क णशील 25 15

2 स यानाशी 50 35

3 याजी 40 15

4 खसार 35 15

5 सफद सजी 35 20

6 मकोय 45 15

7 मनमना 30 15

7 जलवाय भ म व ज वक तकल प रि थ तय म खरपतवार क पौध शी ता स बीज का उ पादन कर लत ह

8 अ धकतर खरपतवार क पि तय पर इनक र ा क लय स त बाल चप चप पदाथ अथवा कॉट होत ह

9 खरपतवार क पि तय पर याशील र कप क स या अ धक पाई जाती ह 10 खरपतवार क बीज म वतरण अथवा फलाव क लय बीज पर ह क पख बाल व कॉट

आ द होत ह जस-काकोलबर व क पोिज ट वग क खरपतवार क बीज पर 11 खरपतवार क पौध य द बीज बनन क पहल क ह कारण स न ट हो जाय तो व

व भनन वान प तक भाग वारा अपनी व व कर लत ह उदाहरण क लय मौथा यबरस व हरनखर म अपनी व व लत ह

12 खरपतवार क बीज का आकार व रग कभी-कभी फसल क बीज क आकार व रग स मलता हआ होता ह िजसक उदाहरणाथ सरस क बीज म स यानाशी क बीज इसी कार मल सकत ह

13 खरपतवार क पौध जलवाय क वषमताओ को अपना प बदलकर सह लत ह 14 एक ह खरपतवार व भ न कार क भ मय म पनप सकता ह 15 खरपतवार क पौध फसल क पौध क तलना म व भ न कार क बीमा रय व क ट

पतग क आ मण को सहन करन क मता अ धक रखत ह 16 खरपतवार क फसल क पौध क तलना म जल स ब धी आव यकता कम होती ह

िजन भ मय म जल क कमी क कारण कोई फसल पदा नह होती वहॉ पर भी कछ खरपतवार क पौध सफलतापवक फलत-फलत ह

17 कछ खरपतवार क पौध व भनन वकार वाल भ मय जस-ऊसर अ ल य ककर ल जलम न व दलदल आ द भ मय म भी व व कर लत ह

18 बीज म सष ता-फल बीज या क लय म सष ता वह अव था ह िजसक अ दर व िज दा रहत ह ए अकरण नह करत

19 क टल क त-बह त स खरपतवार अपन कड़व वाद दग ध कॉटय त क त क कारण पशओ व मन य स अपनी र ा करत ह

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20 वय पनः जनन-फसल क बीज क अकरण क लय भ म क अ छ तयार नमी का तर आ द बनाना होता ह जब क खरपतवार क बीज वय ह वपर त प रि थ तय म

उग जात ह खरपतवार म न न तीन कार क सष ता अव था पाई जाती ह-

21 एनफोसड-जताई क समय जब बीज नीच सतह म चल जात ह तो इस कार क सष ता अव था पाई जाती ह जब पनः जताई म य बीज भ म क ऊपर 3-5 समी क सतह म आत ह तो नमी व ताप क उ चत प रि थ तयॉ मलन पर अकरण करत ह

22 इ नट-इ नट सष ताव था स त बीज कवच जस गोख या अप रप व भण जस माटवीड व कछ म द खरपतवार क बीज म अकरण नय क क कारण होती ह

कछ व भ न जलवाय क प र सथ तय म यह सष ताव था टट जाती ह 23 इ डयसड-कछ बीज म द हक प रवतन क कारण इस कार क सष ताव था पदा होती

ह य द हक प रवतन भ म म ताप काबन डाइ-आ साइड ऑ सीजन का दबाव आ द क कारण हो सकती ह जगल जई क बीज तीन कार क सष ताव था रखत ह सष ताव था क कारण बीज अपनी अकरण मता तकल प रि थ तय म भी बनाय रखन म स म स व होत ह

15 खरपतवार स हा नया `फसल क पदावार म वशष प स खरपतवार क ट पतग पश व पादप या धयॉ

अ धक हा न पहचती ह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क कमी क तलना म अ धक होती ह खरपतवार व भ न प म हा नकारक होत ह खरपतवार वारा क गई कछ हा नय का वणन न न कार ह 1 मदा नमी पर भाव-खरपतवार क पौध भी मदा म फसल क पौध क भा त नमी का

उपयोग करत ह कभी-कभी खरपतवार क जलमाग म य फसल क जल मॉग स भी अ धक होती ह जसा क प सी रहजा क अनसधान स स व होता ह इसक अनसार श क म वार का जलो सजन गणाक 430 ह जब क दब का 313 क दा का 556 और

टफरोिजया पर य रया का 1108 जल सजन गणाक ह 2 मदा म पोषक त व पर भाव-मदा म व भ न पोषक त व जो फसल क पौध क लय

उपयोगी होत ह खरपतवार वारा 7-20 तशत तक हण कर कय जात ह असाना (1950) न गह क खत म योग क आधार पर बताया क व भ न खरपतवार 17-20 क ा नाइ ोजन त ह चस कर लत ह कपर (1950) न बताया क पोहल 60 क ा नाइ ोजन ह तवष हण कर लती ह

3 फसल क उपज पर भाव-अनक व ा नक क अनसधानर क आधार पर यह दखा गया ह क व भ न फसल म खरपतवार क वारा 5-50 तशत तक पदावार म कमी आ जाती ह

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4 फसल क गण पर भाव- योग क आधार पर यह दखा गया ह क व भ न फसल क दान स तल एव ोट न क तशता कम हो जाती ह ग न क पौध म चीनी क तशता कम हो जाती ह सि जय क गण पर भी क भाव होता ह चार क फसल क गण भी न ट हो जात ह इन सभी कारण स फसल क क मत गर जाती ह

5 रोग एव क ट का आर ण-खरपतवार क पौध फसल क पौध पर आ मण करन वाल व भ न क ट पतग व बीमा रय क जीवाणओ को रण दकर फसल को हा न पहचात ह ककर ब स पर लगन वाल मलन एफ ड क ट हरनखर तथा चकवीड पर शरण लती ह गाजर एव सलर पर लगन वपाल करट र ट लाई को जगल गाजार पर शरण मलती ह गह जौ व जई पर लगन वाल करट र ट लाई को जगल गाजर पर शरण मलती ह गह जौ व जई पर लगन वाल तन क र ट नामक बीमार क रोगाण जगल जई व वक घास पर शरण लत ह गाजर पर लगन वाल करट लाइट स रोगाण जगल गाजर पर शरण लत ह

6 क ष य मशीन एव पशओ क आय पर भाव-िजन खत म खरपतवार का कोप अ धक होता ह वहॉ पर उनक न ट करन क लय बार-बार जताई व गड़ाई करनी पड़ती ह िजसक कारण क ष य व मशीन म घसावट होती ह

7 भ म क उ पादकता पर भाव-मदा म खरपतवार अनक पोषक त व का च षत करक मदा उ पादकता को कम करत रहत ह इसक अ त र त कछ खरपतवार मदा म अपनी जड़ वारा वषल पदाथ छोड़त रहत ह जो आग बोई जान वाल फसल क लय बह त हा नकारक

होत ह वस घास क जड़ स नकल ह य पदाथ अनको फसल वशष प स मटर व गह क फसल क अकरण व व व पर क भाव छोड़त ह

8 कषक क आय पर भाव-खरपतवार खत म बढ़न पर उनक न ट करन म खच ह ई अ त र त धनरा श व फसल क पदावार बढ़न म अ त र त खाद त व व सचाई म यय अ धक धनरा श कषक क आय को कम कर दती ह

9 नहर एव सचाई क ना लय म पानी का ास-खरपतवार नहर एव सचाई क ना लय म उगाकर उनक बहन म कावट डालत ह साथ ह साथ इन क जड़ क सहार पानी रसकर न ट होता रहता ह पानी का कछ भाग वय खरपतवार हण कर न ट करत ह इस कार सचाई मता घट जाती ह

10 भ म क म य म कमी-क ष यो य भ मया जब बह वष य खरपतवार स ढक रहती ह तो उनक क मत गर जाती ह

11 पश उ पा दत पदाथ पर भाव-कछ खरपतवार जस ह लह ल जब दध वाल पश वारा खाई जाती ह तो उसक दध स एक वशष कार क अनइि छत गध आती ह इसी कार गोख जब भड़ क ऊन म चपट जाता ह तो उनक गण म कमी जाती ह धतरा य द अनजान म पश वारा खा लया जाय तो पश क म य तक हो सकती ह

12 खरपतवार मन य क लय हा नकारक-पशओ क वा य क अ त र त मन य क वचा म खजल ए चड़ चड़ापन आ द रोग पदा करत ह कभी-कभी खरपतवार क हण करन पर मन य क म य भी हो सकती ह

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16 साराश फसल क पदावार म वशष प स खरपतवार क ट पतग पश व पादप या धयॉ अ धक

हा न पहचती ह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क कमी क तलना म अ धक होती ह

17 बह चयना मक न उ तर

1 खरपतवार म कतन कार क सष ता अव था पाई जाती ह (अ) तीन (ब) चार (स) एक (द) दो (अ)

2 हरन खर भ मगत बीज क आय वष म ह (अ) 20 (ब) 40 (स) 30 (द) 50 (द)

3 खरपतवार अपन परपोषी फसल क पौध क साथ बा ा आका रक म मलत ह और फसल क साथ-साथ बढ़त रहत ह इ ह कहत ह (अ) वशष स म जलवाय क खरपतवार (ब) रोगय (स) अनकार या नकचल खरपतवार (द) खरपतवार (स)

4 य द गह क एच डी 1553 क फसल म बना बोय गह क यपी262 जा त का पौधा उग जाय तो यह कहलायगा (अ) वशष स म जलवाय क खरपतवार (ब) रोगय (स) अनकार या नकचल खरपतवार (द) खरपतवार (ब)

5 खरपतवार जो अनइि छत क ट द व साधारणतया मन य क नय ण क बाहर ह इ ह कहत ह (अ) अ न टकार खरपतवार (ब) नकचल खरपतवार (स) रोगय (द) सभी (अ)

18 सदभ थ 1 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव

फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 2 सह आरएल एव महरो ा जएन 2004 श य- व ान क ा xI मा य मक श ा बोड

राज थान अजमर पज 82-135 3 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 4 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर

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इकाई 2 खरपतवार का वग करण फसल स जड़ खरपतवार

इकाई क परखा 20 उ य 21 तावना 22 मह व एव उपयोग 23 खरपतवार क प रभाषा 24 खरपतवार कहलान क या कारण 25 खरपतवार होन क या ल ण 26 खरपतवार क वशषताए 27 खरपतवार का वग करण 28 फसल क मख खरपतवार 29 खर फ क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान 210 रबी क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान 211 साराश 212 बह चयना मक न 213 सदभ थ

20 उ य खरपतवार या ह तथा खरपतवार कहलान क या कारण ह क जानकार करना

खरपतवार होन क या ल ण ह एव खरपतवार क वशषताए आ द क जानकार करना खरपतवार का वग करण क आधार पर खर फ एव रबी क मख खरपतवार क बार म जानना ता क भावी तर क स उनका ब धन कया जा सक

21 तावना भारतीय क ष म फसल को खरपतवार क ट रोग ट पण भ डारण एव चह व

रोड़ टस आ द कारक वारा भार हा न पह चायी जा रह ह अनमानतः हमार दश म इन कारक वारा कर ब 6000 करोड़ पय का नकसान त वष होता ह इसम स सवा धक 37 तशत

हा न अकल खरपतवार वारा होती ह 29 तशत हा न क ड़ क वारा 22 तशत हा न बमा रय क वारा तथा 12 तशत हा न भ डारण गह म चह व रोड़ टस क वारा होती ह

खरपतवार फसल क पौध क साथ भोजन जल थान व काश आ द क लए सघष करत ह इसक साथ-साथ य फसल क लए हा नकारक रोग व क ट को शरण दकर त पह चात ह खरपतवार क वारा मा ा मक हा न क साथ-साथ फसल उ पाद क गणव ता म भी कमी आ जाती ह िजसस कसान को उसक उ पाद का सह म य भी बाजार म नह मल पाता

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खरपतवार फसल उ पादन पर न न कार स तकल भाव डालकर हा न पह चात ह जस-फसल उ पादन पर भाव फसल उ पाद क गणव ता म कमी पशधन उ पाद क मा ा व गणव ता म कमी मदा नमी म कमी भ म क म य म कमी खरपतवार क ट व रोग को शरण दत ह क ष य मशीन व पशओ क मता म मस सचाई जल क हा न खरपतवार मन य एव पश वा य क लए घातक कसान क जीवन तर भाव एव अ य हा नया उदाहरणतः अक षत भ म स खरपतवार क ष म फल कर खत म फसल को हा न पह चात ह फाम हाऊस खाई आ द म पनपन वाल खरपतवार साप ब छ आ द जहर ल ज तओ का आ य थल बन जात ह गोख आ द क काट वाहन क टायर म धसकर प चर कर दत ह पयटक थल पर खरपतवार उगकर वहा का सौ दय न ट करत ह औ यो गक म सख खरपतवार म आग लगन का भय रहता ह

22 मह व एव उपयोग खरपतवार हा न क साथ-साथ लाभ भी पह चात ह य द खरपतवार को सह तर क स

योग करक उनस हा न क जगह लाभ ल सकत ह खरपतवार क ारा होन वाल व भ न लाभ जसः मदा सर ण म सहायक होना चार क प म खरपतवार का उपय ग करना खरपतवार क औषधीय मह तव खरपतवार का आ थक मह व (कास खरपतवार का उपयोग स दय म मकान पर छ पर बनान म इसक मजबत तन स म ड व फन चर आ द तथा लमन घास क पि तय स नकल तल का योग सौ दय साधन म काम आता ह) मदा सधार हत खरपतवार का सजावत क प म योग ज वक क ट-रोग नय ण म पौि टक शाक-स जीः- बथआ जगल चलाई तथा लहसआ इ या द मोथा खरपतवार क यबर स अगरब ती म महक बढ़ान क काम आता ह एव कासनी खरपतवार क बीज को काफ क बीज क साथ फ स कर कॉफ का वाद बढ़ाया जाता ह

23 खरपतवार क प रभाषा सव थम ज ो टल न खरपतवार श द का योग कया था खरपतवार पौध क ऐसी

जा तया ह तो अवा छत प स उस थान व समय पर उगती ह जहा व उपयोगी नह होती खरपतवार जब फसल क बीच उगत ह तो व सय क काश-ऊजा मदा नमी फसल क लए पोषक त व एव बढ़वार हत जगह क साथ-साथ व भ न क ट व रोग को आ य दकर त पधा करत ह िजसक प रणाम व प फसल क उपज म भार गरावट आ जाती ह व भ न व ा नको न खरपतवार को अ कत प म प रभा षत कया ह -

1 व ा नक ज ो टल क अनसार खरपतवार व अ नि छत पौध ह जो कसी थान पर बना बोय उग जात ह तथा िजनक उपि थ त स कसान को लाभ क तलना म हा न अ धक होती ह (A Weed is a plant growing where it is not desired ndash Jethru Tull)

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2 डॉ बील क अनसार lsquolsquoय द कोई पौधा उस थान म उगता ह जहा उस नह उगाना चा हए तो उस खरपतवार कहत ह (Weed is a plant grown out of place ndash Dr Bill)

3 पीटर क अनसार यह एक ऐसा पौधा ह जो लाभ क अप ा हा न क अ धक मता रखता ह

24 खरपतवार कहलान क या कारण 1 अवा छत पौध ह 2 यह उस जगह उगत ह जहा उनक आव यकता नह होती ह उदारहण एक पौधा अपनी

जगह स बाहर ह 3 अ धकतर बकार अवा छत और वषल पौध होत ह 4 कोई भी पौधा या पड़ कवक को छोड़कर उ य या मन य क आव यकता क साथ

त पधा करत ह अतः खरपतवार को इस कार प रभा षत कया गया ह क बना चाहन एव

अवा छत पौध जो जमीन जल त एव मन य क रखरखाव क साथ वशषतौर स त पधा करत ह

25 खरपतवार होन क या ल ण हाला क एक पौधा खरपतवार ह या नह यह उन बात पर नभर करता ह क-

1 पौध क वशषताए एव वभाव 2 साप ि थ त 3 पौध क उगन का समय

इस लए सभी पौध एक वशष प र थ त म खरपतवार हो सकत ह

26 खरपतवार क वशषताए खरपतवार म फसल क पौध क अप ा उगन बढ़न व तत म फलाव क मता

आ द अ धक पाई जाती ह िजनका म य कारण खरपतवार म न न ल खत वशषताओ का पाया जाना ह

बीज उ पादन अ धक होना- खरपतवार म त पौधा बीज स या अ धक होन स इनका सार बह त शी ता स होता ह ऐस म कसान क लए इनका पर तरह उ मलन कर पाना

अ य त द कर ह खरपतवार म त पौधा बीज स या ता लका-1 म द गई ह ता लका-1 मख खरपतवार म त पौधा बीज उ पादन स या

स खरपतवार का नाम त पौधा बीज स या (लगभग) 1 गाजर घास स यानाशी 5000 2 अमरबल 16000 3 बथआ 72000

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4 मकोय 175000 5 जगल चलाई 196000

2 अ धक गहर जड़ होना- खरपतवार क जड़ फसल क पौध क अप ा अ धक गहराई तक जाती ह जस कास हरणखर जवासा एव छाजस क जड़ मदा म 4-6 मीटर गहराई पर जाकर पोषक त व व नमी का अवशोषण करत ह

3 बीज क अ धक जीवन मता- खरपतवार क बीज क अकरण शि त फसल क बीज क अप ा अ धक होती ह इनक जीवन मता ल ब समय तक मदा म पड़ रहन क बावजद बनी रहती ह जस - बथआ जगल चलई हरनखर क बीज 50 वष तक मोथा क बीज 20 वष तक तथा जगल सरस क बीज 30 स 40 वष तक भ म म पड रहन क बावजद अक रत होन क मता रखत ह

4 फसल व खरपतवार क बीज मता- कछ खरपतवार क बीज आकार आक त रग म फसल क बीज स इतन अ धक मलत ह क इ ह अलग स पहचान पाना अ य त क ठन होता ह स यनाशी खरपतवार क बीज सरस स जगल जई क बीज जई स आकार व आक त म अ य धक मलत ह

5 बीज पर सर ा आवरण- बह त स खरपतवार जस स यानाशी गोख आ द पर काट स त बाल ऐस आवरण पाय जात ह िजसस मन य व पश इनक नजद क नह जात इस तरह व अपनी सर ा कर लत ह

6 वान प तक जनन- खरपतवार को य द बीज बनन स पहल न ट कर द तो भी व व भ न वान प तक भाग वारा अपना सारण कर लत ह उदारणाथ मोथा - यबस वारा हरणखर ndash ट टॉक वारा

7 यक कार क मदा म व करना - खरपतवार व भ न कार क मदाओ अ ल य ार य लवणीय जलम न या बजर मदाओ म भी अपनी व कर लत ह वशष प

स बह वष य खरपतवार कास झड़बर आ द सभी कार क भ मय म व करत रहत ह भारत म खतरनाक ढग स फल रहा खरपतवार गाजर घास (पाथ नयम) अ ल य ार य ककर ल सभी मदाओ म तजी स व करता ह

8 मन य क वा य पर वपर त भाव- बह त स खरपतवार अपन कड़व वाद व एलिजक भाव क कारण मन य क वा य पर वपर त भाव डालत ह पाथ नयम (गाजर घास) क स पक म आन पर मन य को एलज चम रोग एि जमा दमा आ द जानलवा बमा रया हो जाती ह इस खरपतवार म पाथ नन नामक वषला दाथ पाया जाता ह कान काकल खरपतवार क य द 05 तशत बीज गह क साथ पस जाय जो आटा वषला हो जाता ह ब दब घास बथआ क परागकण मन य क वसन म बाधा उ प न करत ह इनस एलज होती ह

9 शी क णन- खरपतवार क बीज फसल क बीज स इतन ह क होत ह क वाय वारा शी एक थान स दसर थान पर थाना त रत हो जात ह जहा म का क त

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हजार बीज का भार 280 ाम मगफल का पर ण भार 500 ाम वह जगल सरस क बीज का पर ण भार 190 मल ाम होता ह इसक अलावा खरपतवार क बीज पर पाय जान वाल ह क बाल काट भी पशओ वारा एक थान स दसर थान पर थानात रत होकर क णन म सहायक होत ह

10 क ट रोग तरोधक मता क अ धकता- खरपतवार क पौध म क ट - रोग आ मण सहन क मता फसल क पौध स अ धक पाई जाती ह

11 खरपतवार-फसल तयो गता- खरपतवार क बीज का अकरण व पौध क बढ़वार फसल क पौध क अप ा शी ता स होती ह य फसल क पौध स काश नमी पोषक त व आ द क लए सघष करत ह इस फसल - खरपतवार तयो गता कहत ह ऐस म व फसल जो शी अक रत होकर जड़ व वान प तक व कर सक जलवाय क तकल दशा को सहन कर सक कम खाद - पानी म व कर सक बोई जानी चा हए

12 तकल जलवाय स अ भा वत- खरपतवार तकल जलवाय दशाओ स भा वत रहत ह अ तवि ट व अनावि ट म जब फसल को भार हा न हो रह होती ह फसल न ट हो जाती ह इस ि थ त म भी खरपतवार अपनी व करत दखाई दत ह अ धकाशतः बह वष य खरपतवार यथा- झड़बर मोथा कास आ द

13 खाद-पानी क यन आव यकता- खरपतवार क पौध को जल व खाद (पोषक त वो) क यन आव यकता रहती ह इसी लए कम उवर बजर मदाओ श क जलवाय वाल

म भी अपनी व कर लत ह जस - पाथ नयम मोथा झड़बर आ द 14 शी व व शी प रप वता- खरपतवार तजी स बढ़त ह और शी प रप व हो जात

ह गह सा (फल रस माइनर) और जगल चलई क पौध शी बढ़ कर 60 स 70 दन म बीज उ पादन करक अपना जीवन च पण कर लत ह इनक तजी स बढ़न क कारण फसल क बढ़वार क जाती ह

27 खरपतवार का वग करण फसल म खरपतवार नय ण क लए खरपतवार का वग करण कया जाना ज र ह

खरपतवार का वग करण उनक आय बीज प फसल-खरपतवार स ब ध पि तय क बनावट मदा व जलवाय क आधार पर कया जा सकता ह

1 जीवन च क आधार पर खरपतवार का वग करण- जीवन च क आधार पर खरपतवार को तीन भाग म वग कत कया जाता ह

(अ) एक वष य खरपतवार (Annual weeds)- य खरपतवार एक वष या उसस भी कम अव ध म अपना जीवन च पण कर लत ह इस वग क खरपतवार को पनः दो उपवग म वभािजत कया गया ह

क खर फ क खरपतवार- इस वग क खरपतवार वषा क आर भ म उगत ह और अपना जीवन च खर फ क फसल क साथ ह परा कर लत ह जस- प थरच ा जगल चलई लहसवा आ द

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ख रबी क खरपतवार- इस वग क खरपतवार रबी क फसल क साथ सत बर या अ टबर माह म उगना ार भ कर दत ह और अपना जीवन च अ ल माह तक पण कर लत ह जस - क णनील स यानाशी याजी जगल जई बथआ गह सा आ द

(ब) ववष य खरपतवार (Biennial weeds)- इस वग क खरपतवार अपना जीवन च दो वष म परा करत ह थम वष म य खरपतवार अपनी वान प तक व करत ह दसर वष बीज उ पादन करत ह जस - जगल गाजर जगल गोभी

(स) बह वष य खरपतवार (Perennial weeds)- इस वग क खरपतवार कई वष म अपना जीवन च परा करत ह एक बार उग कर हर वष व करत रहत ह इनक व राइजोम ब ब यबस आ द वान प तक भाग वारा होती ह उपय त जलवाय म य बीज उ पादन भी करत ह इ ह पनः दो उपवग म वग कत कया गया ह

क काि ठल खरपतवार (Woody weeds)- इस उपवग म बह वष य झा डया आती ह जस झड़मर

ख शाक य खरपतवार (Herbacious weeds)- इस उपवग म आन वाल खरपतवार क तन व शाखाय मलायम होत ह जस- मोथा हरणखर अमरबल

2 बीज प क आधार पर वग करण- बीज प क आधार पर खरपतवार क दो उपवग ह (अ) एक बीजप ी खरपतवार (Monocot weeds)- इन खरपतवार क बीज एक प ी होत

ह इस लए इनक बीज दाल क भा त दो दाल म वभ त नह होत जस मोथा कास दब घास याजी गह सा

(ब) वबीजप ी खरपतवार (Dicot weeds)- इस वग क खरपतवार क बीज को दाल क भा त दो दाल म वभ त कर सकत ह जस - बथआ हरणखर मकोय स यानाशी जगल चलाई आ द

3 खरपतवार-फसल स ब ध क आधार पर वग करण (On the basis of weed-crop association)- इस वग करण क अनसार खरपतवार को न न वग म वभािजत कया गया ह -

(अ) नरप खरपतवार (Absolute weeds)- इस वग क अ तगत व सभी खरपतवार आत ह जो उपज को कम कर दत ह इसम एक वष य ववष य व बह वष य सभी कार क खरपतवार सि म लत ह जस - क णनील मोथ हरणखर दब घास गाजर

घास आ द (ब) साप खरपतवार (Relative weeds)- इस वग म फसल क व पौध िजनक कसान

खत म बवाई नह करता ह तथा व वतः ह उग जात ह साप खरपतवार कहलात ह जस गह क खत म चना सरस मटर का पौधा उग जाय तो इस साप खरपतवार कहत ह यह सम या अश बीज क बवाई स उ प न होती ह

(स) नकचल अथवा अनकार खरपतवार (Mimicry weeds)- य खरपतवार अपनी बा य आका रक म फसल क पौध स इतना अ धक मलत जलत ह क इ ह फसल क पौध

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स अलग पहचान कर पाना भी क ठन होता ह इस लए इ ह नकलची खरपतवार कहत ह जस - गह क फसल म गह सा (ग ल डडा)

(द) वशष स म जलवाय क खरपतवार (Special microclimatic weeds)- कछ खरपतवार को वशष जलवाय प रि थ तय क आव यकता व व वकास क लए होती ह जस कासनी खरपतवार ठ डी व नम जलवाय म अपनी व करता ह ऐसी जलवाय इस रजका या बरसीम क खत म मलती ह इस कारण कासनी खरपतवार क बीज रजका या बरसीम क बीज क साथ ह पकत ह फसल कटाई क समय कासनी क बीज फसल क बीज म मल जात ह

(य) अवा छत खरपतवार (Rogue weeds)- जब फसल क अ य जा त का पौधा बना बोय खत म उग जाता ह तो उस आव छत खरपतवार कहत ह जस- गह क सोना लका क म म लोक-1 क पौध बना बोय उग जाय तो लोक-1 क म का पौधा अवा छत खरपतवार कहलाएगा ऐस अवा छत क म क पौध को उखाड़न क या रो गग कहलाती ह श बीज उ पादन हत रो गग आव यक ह

4 पि तय क बनावट क आधार पर वग करण- इस आधार पर खरपतवार को दो भाग म वग कत कया जाता ह

(अ) चड़ी प ती वाल खरपतवार (Broad leaved weeds)- इस णी क खरपतवार क पि तया चड़ी होती ह इसम एकवष य ववष य व बह वष य सभी चड़ी प ती वाल खरपतवार सि म लत ह जस - बथआ क णनील हरणखर बायसर मकोय जगल चलई अमरबल ल टाना कमरा (जरायन) धतरा स यानाशी आ द

(ब) सकर प ती वाल खरपतवार (Narrow leaved weeds)- इस वग क खरपतवार क पि तया सकर होती ह इसम सभी सकर प ती वाल एकवष य ववष य व बह वष य खरपतवार सि म लत ह जस - मोथा दब घास कास याजी आ द

5 मदा व जलवाय क आधार पर वग करण - इस णी म वशष भ म व जलवाय क ि थ तय म उगन वाल खरपतवार आत ह इ ह तीन उपवग म वग कत कया जाता ह

(अ) जलम न भ मय क खरपतवार (Weeds of waterlogged soils)- य खरपतवार ऐस म पाय जात ह जहा पर अ धकतर समय पानी भरा रहता ह जस - न दय तालाब नहर व नचल खत म जहा पानी भरा रहता ह पाय जात ह य खरपतवार पानी म डब रहत ह या उनका कछ भाग पानी क सतह पर नकला रहता ह उदारणाथ - जलक भी जगल धान आ द

(ब) श क क खरपतवार (Dryland weeds)- य खरपतवार जल क कमी वाल म पाय जात ह इन खरपतवार क जड़ गहर पि तया कम व मोट तन पर काट पाय जात ह िजसक वजह स य कम पानी म भी आसानी स व करत ह जस - झड़बर नागफल जवासा बायसर आ द

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(स) क ष क खरपतवार (Weeds of cultivated lands)- इस वग म व सभी खरपतवार सि म लत ह जो फसल क साथ उगकर उनक उपज काफ कम कर दत ह जस - बथआ याजी क णनील हरणखर जगल चलई आ द

(द) अक षत क खरपतवार (Weeds of non cultivated lands)- इस वग म व खरपतवार सि म लत ह जो सड़क रलमाग गोदाम एव औ यो गक म उगत ह जस - ल टाना कमरा कास गाजर घास आ द

6 जनन व धय क आधार पर खरपतवार का वग करण- (अ) बीज स उ प न होन वाल खरपतवार- इसम व सभी एक वष य ववष य व बह वष य

खरपतवार आत ह िजनका जनन कवल बीज वारा ह होता ह अगर इनको बीज बनन स पहल ह न ट कर दया जाय तो य पौध वान प तक भाग वारा व नह कर सकत उदाहरणाथ - याजी क णनील स यानाशी जगल गाजर आ द

(ब) वान प तक भाग स उ प न होन वाल खरपतवार- इस वग क खरपतवार वान प तक भाग वारा ह जनन करत ह य खरपतवार अपनी भ मगत जड़ो तन राइजोम ब ब क द पि तय वारा व व जनन करत ह जस - हरणखर जड़ो वारा दब घास सकस वारा कास राइजोम एव मोथा राइजोम क वारा इ या द

(स) बीज व वान प तक भाग वारा पदा होन वाल खरपतवार- इस वग क खरपतवार बीज व वान प तक अगो स अपनी उ पि त करत ह अ धकतर बह वष य खरपतवार इसम आत ह जस - कास मोथा दबघास आ द इस वग क खरपतवार को न ट कर पाना अ य त क ठन ह अगर इ ह बीज बनन स रोक भी दया जाव तो इनक व वान प तक भाग वारा होती रहती ह बीज भी बह त अ धक स या म बनत ह

7 थान वशष पर बह लता क आधार पर- (क) ओ ल गट खरपतवार (Obligate Weeds) -इस कार क खरपतवार कवल मन य एव उनक क ष काय क साथ ह उगत ह यह कभी-भी जगल प म नह पाय जात ह जस बथआ व क णनील आ द (ख) फकलटट व खरपतवार (Facultative Weeds)-इस कार क खरपतवार दोन प म क ष काय क साथ व जगल प म उगत ह जस स यानाशी व बड़ी दधी आ द

8 परपोषी पर नभरता क आधार पर- (क) स पण जड़ परपो षत खरपतवार (Total root parasiteholo root parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क जड़ स लत ह जस ओरोबक बादाआ या (ख) स पण तना परपो षत खरपतवार (Total stem parasiteholo stem parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क तन स लत ह जस अमरबल

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(ग) अ ध जड़ परपो षत खरपतवार (Semi root parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क जड़ क साथ-साथ तन स भी लत ह जस खड़ी ाइगा

(द) अ ध तना परपो षत खरपतवार (Semi stem parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क तन क साथ-साथ जड़ स भी लत ह जस लोर थसबड वाइन

28 फसल क मख खरपतवार (अ) खर फ क फसल-

1 धान- सावा क दो मोथा जगल धान बानरा सफद मग (सरल ) भगरा व कनकदा आ द

2 म का- ग बा हजारदाना ह लह ल चलाई दब घास मोथा ब न नया आ द 3 वार एव बाजरा- ग बा हजारदाना ह लह ल चलाई दब घास मोथा ब न नया

आ द 4 सोयाबीन म ग व उड़द- ग बा हजारदाना ह लह ल मकोय जगल जट चलाई सफद

मग (सरल ) दब घास मोथा ब न नया आ द (ब) रबी क फसलः-

1 गह एव जौ- बथआ क णनील चटर -मटर गगला मनमना हरनखर सोया सजी याजी मड़ सी या गह सा (फल रस माइनर) कट ल जगल जई मौथा व दबाघास आ द

2 चना मटर एव मसर- बथआ क णनील चटर -मटर गगला आल सरस हरनखर गजर सजी याजी कट ल मौथा व दबाघास आ द

3 बरसीम- कासनी क णनील कट ल मौथा व दबाघास आ द 4 त बाक- ओरोबक (भईफोड़) सजी हरनखर मौथा व दबाघास आ द 5 ग ना- अ धकतर सभी खर फ तथा रबी क उपरो त खरपतवार ग न क फसल म उगत

29 खर फ क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान

स खरपतवार का नाम

वान प तक नाम पहचान

1 लटजीरा चर चटा एकाइरथस ए परा

बह वष य 1 मीटर ऊचाई तना कठोर पि तया वपर त म म फल हरापन लय ह ए सफद रग क होत ह

2 जगल चलई अमरथस चड़ी प ती पि तया 5 समी आकार क फल

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वर डस ह क पील रग क बीज मह न काल चमक ल जनन बीज वारा

3 काटदार चलाई अमरथस पाइनोसस

चड़ी पि तया अ धकतर बजर भ मय म तना सीधा काटदार झाड़ी प म पि तया 10 रोगी आकार जनन बीज वारा

4 दधी (बड़ी दधी व छोट दधी)

यफो बया हरटा व यफो बया माइ ो फला

इनक तन को तोड़न पर दध जसा ाव रसता ह छोट दधी क पि तया छोट व पास-पास होना बड़ी दधी क पि तया इसस कछ बड़ी होती ह

5 हजारदाना फाइलथस न र एक वष य लगभग 30 समी ऊचाई शाखय तन क आधार स नकलना ह िजन पर इमल जसी पि तया आती ह

6 ह ल-ह ल ि लओम व कोसा

वा षक सीधा बढ़न वाला पाचप ती प एक जगह जड़ होना फल पील रग क बीज भरापन लय काल रग क चड़ी प ती वाला खरपतवार

7 बसखपरा बोरह बया ड यजा

एक वष य प थरच ा स मलता जलता चड़ी प ती गलाबी रग क फल वाला जनन कवल बीज वारा

8 मोथा साइ स रोट डस बह वष य सकर प ती वाला जड़ म नट पाय जात ह बीज व नट वारा

9 गाजर घास पाथ नयम ह टरोफोरस

एक वष य 1 स 15 मी ऊचाई यक फसल म बजर भ मय म होन वाला इस समय का सवा धक खतरनाक ढग स फल रहा खरपतवार ह छन पर एलज खजल व चमरोग का हो जाना गाजर जसी पि तया सफद रग क फल िजनम पाथ नन नामक वषला वष पाया जाता ह

10 दब-घास साइनोडोन ड ट लोन

बह वष य खरपतवार सकर पि तया खर फ क सभी फसल म पाया जान वाला गाठ स जड़ नकल कर तजी स फलता ह

11 कास सकरम पो ट नयम

बह वष य सकर पि तया सभी फसल को हा न पह चाती ह इसक जड़ स 20 समी गहराई तक जाल बन जाता ह तथा ऊपर स तन नकलत ह सारण बीज व जड़ स होता ह

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12 अमरबल क कटा र ल सा

परजीवी बल झा डय पर फलता ह रजका का परा यी खरपतवार ह अमरबल क तन पील रसदार उपय त परा यी मलन पर इसक ल बाई 2 कमी तक हो सकती ह सारण बीज वारा व बल वारा

13 ाइगा ाइगा पीसीज वा षक शाक य परा यी सारण बीज वारा बाजरा वार म का व ग ना आ द परपोषी पौध ह इनक जड़ स नकलन वाल वशष ट मलट म टाordfइगा क बीज अक रत हो जात ह

210 रबी क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान

स खरपतवार का नाम वान प तक

नाम पहचान

1 क णनील एनाग लस आरव सस

चड़ी प ती वाल थोड़ा फलन वाल शाक य तन छोट चमक ल नील फल सारण बीज वारा

2 स यानाशी आरजीमोन मि सकाना

चड़ी प ती वाल पौध क ऊचाई 60 स 90 समी फल व फल पर काट तन स पीला रस नकलता ह बीज दखन म सरस जसा व सारण बीज वारा

3 याजी ए फो डलस ट यफो लयस

एक वष य सकर पतल रशदार याज जसी पि तया

4 बथआ चनोपो डयम ए बम

एक वष य चड़ी प ती फल व फल जनवर म 2-3 समी आकार क चकनी पि तया स जी बनान म उपयोगी

5 जगल जई ए वना फतआ

एक वष य औसतन 6000 बीज त पौधा गह जौ जई स मलता जलता नकचल खरपतवार

6 खरबथआ चनोपो डयम मरल

वा षक पि तया अ धक चड़ी हर प प हर ग छ म लगत ह सारण बीज वारा

7 हरणखर को वो वलस आव सस

पर वष रहन वाला बह वष य पि तया हरण क खर क समान बल क प म जड़ 20 फट स भी अ धक गहर होती ह जनन बीज व जड़ वारा

8 चटर -मटर लथाइरस अफाका

तना कमजोर आधार स ट स नकलत ह िजनक सहार यह अ य पौध क तन स

25

लप कर ऊपर चढ़ता ह फल पील रग क सारण बीज वारा

9 सफद सजी म ललो स ए बा

एक वष य चड़ी प ती फल सफद रग क जनन बीज वारा चार क लए उपयोगी

10 पील सजी म ललो स इ डका

एक वष य चड़ी प ती फल पील रग क जनन बीज वारा चार म उपयोगी

11 गह का मामाग ल डडागह सामडसी

फल रस माइनर गह व जौ क फसल क पौध स मलता- जलता नकलची खरपतवार ह इसक नीच क गाठ ह क लाल रग क होती ह बा लया 3-6 समी ल बी बीज काल व अ डाकार तथा सारण बीज वारा

12 बगनी कटल सोलनम जथोकारपम

तन स त भ म पर फलकर चलन वाल तन पर ह क पील रग क काट पि तया 5 स 10 समी ल बी पि तय पर भी काट फल बगनी रग क जनन बीज वारा

13 आ याबादाऔरोबक औरोबक एिजि टयाना

त बाक टमाटर सरस म होन वाला जड़ का स पण परा यी भर रग का खरपतवार ह िजसक ऊचाई 30 समी सारण बीज वारा

14 जगल गोभी लॉ नया ए ल नफो लया

यह एक ववष य खरपतवार ह तन ल ब कमजोर पि तया फल ह ई पि तय क कनार कट-फट ह ए सारण बीज वारा

211 साराश खरपतवार क अ छ तरह स पहचानकर जस पौध क वशषताए एव वभाव साप

ि थ त पौध क उगन का समय उनक जीवन च बीज प खरपतवार-फसल स ब ध पि तय क बनावट मदा व जलवाय जनन व धय थान वशष पर बह लता परपोषी पर नभरता एव फसल क साथ उगन क आधार पर करक उ चत व धया अपनाकर आ थक ि ट पर नय ाण कर सकत ह

212 बह चयना मक न 1 बथआ क एक पौध म बीज क स या लगभग कतनी पाई जाती ह (अ) 50000 (ब) 100000 (स) 72000 (द) 90000 2 न न म स कस खरपतवार क बीज सरस क बीज स आकार व आक त म मलत

जलत ह (अ) बथआ (ब) मोथा (स) स यानाशी (द) मकोय

26

3 न न म स गह क फसल का म य खरपतवार ह - (अ) क णनील (ब) ग ल ड़ ड़ा (स) जगल चलाई (द) इनम स कोई नह 4 सरस क तल म दगध कस खरपतवार क बीज मल होन स होती ह (अ) फल रस

माइनर (ब) स यानाशी (स) कटल (द) गोख

5 खरपतवार क ारा औसतन कतना तशत नकसान होता ह (अ) 25 (ब) 50 (स) 15 (द) 37 बह चयना मक न क उ तर

1 (स) 2 (स) 3 (ब) 4 (ब) 5 (द)

213 दभ थ 1 Gupta OP 1998 Modern Weed Management Agro Botanical

Publishers (India) pp 61-66 2 Gupta OP 1993 Weed Management Principles and Practices

Agro Botanical Publishers (India) 3 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 4 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 5 Rao VS 1994 Principles of Weed Science Oxford amp IBH

Publishing Co Pvt Ltd pp 333-373 6 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 7 Singh SS 1993 Crop Management under Lirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi

27

इकाई 3 फसल म खरपतवार नय ण

इकाई क परखा 30 उ य 31 तावना 32 खर फ क फसल म खरपतवार नय ण

321 धान 322 वार 323 बाजरा 324 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल 325 सोयाबीन 326 तर अथवा अरहर 327 म ग और उड़द 328 तल या अलसी या राम तल 329 कपास 3210 जट 3211 चार क फसल म खरपतवार नय ण

33 रबी क फसल म खरपतवार नय ण 331 गह 332 जौ 333 चना 334 मसर 335 मटर 336 तो रया और सरस 337 अलसी या तीसी 338 सरजमखी 339 जई 3310 लसन या रजका 3311 त बाक

34 साराश 35 अ यास न 36 सदभ साम ी

28

30 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो जाएग क फसल क म य खरपतवार जान पाएग खरपतवार नय ण करन का सह समय खरपतवार नाषक का सह मा ा एवम डालन का सह समय

31 तावना फसल क पदावार म वषष क ट पतग पश व पादप या धया प स खरपतवार अ धक हा न पह चाती ह यह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क गई कमी क तलना म अ धक होती ह खरपतवार व भ न प म हा नकारक होत ह खरपतवार को य द सह समय पर नय त ना कया जाऐ तो य फसल उ पादन को काफ भा वत कर सकत ह

32 खर फ क फसल म खरपतवार नय ण

321 धान

खरपतवार क सम या ायः ऊची भ मय म अ धक होती ह धान क खती िजन म ऊची मदाओ म करत ह वहा पर अवसर मलन पर 20-25 दन बाद एक नराई-गड़ाई खप क सहायता स कर दत ह वस बल वारा चा लत य हरो जापानी हो आ द का योग भी कर सकत ह दसर नराई क आव यकता पड़न पर रोपाई क 40-45 दन बाद करत ह लहय त धान क फसल (रो पत फसल) म खरपतवार क वशष सम या नह होती धान रोपण क समय जो खरपतवार खत म उग होत ह नचल मदाओ म जहा पानी भरा रहता ह हाथ स खरपतवार उखाड़त ह तथा छोट य वारा जस जापानी राइस वीडर ह सया या खप क सहायता स खरपतवार नकालत ह जपानी राइस वीडर नय ण रोपण क 25-30 दन बाद होता ह नीची भ मय म भ म जलम न करक खरपतवार नय ण रखत ह धान म अकरण पव खरपतवार नय ण

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल

ा)

1 ऑ जाडायिजल (रा ट टॉप टार)

36 600 बोनी क बाद 0-3 दन म

य सकर प ती वाल (जस सॉवा चहका नरजवा) और कछ चड़ी प ती वाल (जस चनच नया व

29

मच बन पर नय ण करता ह

अथवा 2 पाइराजोस फरन ईथाइल (साथी 10 तशत ड य पी)

10 80 बोनी क बाद 0-5 दन क बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस चनच नया जलक भी ल गघास कौआकनी तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-600

800-1200

बोनी क बाद 6-7 दन क बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 ी टला लोर ( र फट ए कोर 50 तशत ईसी)

200-300

400-600

बोनी क बाद 0-3 दन क अ दर

य सकर प ती वाल (जस सॉवा मोथा छतर वाला मोथा ब दरप छया और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा जलक भी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 पि ड म थ लग ( टॉ पप ड टार ास आ द)

400 1300-1350

बोनी क बाद 6-7 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा ब दरप छया सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई तप तया आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 6 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

200-300

800-1200

ी और पो ट इमरजस

य सकर एव चड़ी प ती वाल अनक खरपतवार पर नय ण करता ह

30

अथवा 7 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन ओ सीगो ड 235 तशत ईसी)

60-100

240-400

बोनी क बाद 0-6 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा आलबन आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

धान म अकरण प चात खरपतवार नय ण चड़ी प तीवाल खरपतवार

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

60 50 ाम बोनी क बाद 0-3 दन क अ दर

य सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दरप छया अगरब ती बन आ द और कछ चड़ी प ती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 लो रमरोन 10 तशत +

मटास फरोन मथाइल 10 (आल म स)

16 8 बोनी क 15-20 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती आ द व सकर प तीवाल जस छतर वाला मोथा मा था नरजवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 3 24 - डी( ीन वीड वीडमार नौकवीड) ताफा सड अरबी ओ स को बी

200-336 200-300

250-400 340-620

बोनी क 20-25 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी

31

रगरडन - 48 1 सो डयम सा ट

80 तशत 2 एमाइन सा ट

58 तशत 3 इथाइल इ टर

36 तशत

180-300

528-880

बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

सकर प तीवाल खरपतवार 1साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप)

28-36 300-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

24-28 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

सभी कार क नीदा नय ण 1 बसपाय रबक सो डयम (नो मनी गो ड) 10 तशत एससी

10 100 बोनी क 20 दन बाद

य मोथा नरजवा बदरप छया जलक भी ल ग घास जगल मच भगरा सावा बदौर आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

28-36 + 60

400 + 50 ा

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दप छया अगरब ती बन आ द और चड़ी पतती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

32

3 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + लो रमरोन 10 तशत +

मटास फयरोन मथाइल 10 (आल म स)

28-36 + 16

400 + 80

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बल दा चार प ती आ द व व सकर प ती वाल जस छतर वाला मौथा मौथा नरजवा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट

80 तशत 2 एमाइन सा ट

58 तशत 3 इथाइल इ टर

38 तशत

28-36 + 16 200-336 200-300 180-300

400 + 80 250-400 340-620 528-880

बोनी क 15-20 दन बाद बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

अथवा 5 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

+ इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

24-28 + 60

320-400 + 50 ा

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दप छया अगरब ती बन आ द और चड़ी पतती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द

33

खरपतवार पर नय ण करता ह अथवा 6 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

+ लो रमरोन 10 तशत +

मटास फयरोन मथाइल 10 (आल म स)

24-28 + 16

320-400 + 8

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बल दा चार प ती आ द व व सकर प ती वाल जस छतर वाला मौथा मौथा नरजवा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 7 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर) + 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट 80 तशत

2 एमाइन सा ट 58 तशत

3 इथाइल इ टर 38 तशत

24-28 + 200-336 200-300 180-300

320-400 + 250-400 340-620 528-880

बोनी क 20-25 दन बाद + बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

322 वार

खरपतवार का कोप सदव फसल क ारि भक अव था म ह होता ह वषा ऋत म उगन वाल सभी खरपतवार इस फसल म भी उगत ह फसल क 2-3 नराई-गडाई कर दनी चा हए गड़ाई 4-5 समी सअ धक गहर न हो अ यथा फसल क जड़ को हा न पह चन का डर रहता ह छोट म नराई खरपी स व बड़ म य क सहायता स कर सकत ह

34

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन

का समय रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 एल लोर (लासो)

200-300

400-600

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती एव सकर प ती वाल खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 24 - डी ( ीन वीड महान वीडमार आ द) 1 एमाइन सा ट 58 तशत

2 इथाइल इ टर 38 तशत

720 400

1200

1176

बोनी क प चात 30-40 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

323 बाजरा

फसल क ारि भक अव था म खरपतवार का कोप अ धक रहता ह अतः खत म 1-2 नराई खप या क ट वटर स 4-5 समी गहर कर दनी चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

35

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 एल लोर (अ ाटाफ धानसाइन)

100-200

200-400 बोनी क 0-3 दन बाद

य कई सकर प ती एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 24 - डी ( ीन वीड महान वीडमार आ द) 1 एमाइन सा ट 58 तशत

2 इथाइल इ टर 38 तशत 3 सो डयम सा ट

1400 480-720 800-1040

2400 1400-210 1000-1300

बोनी क प चात 30-40 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

324 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल

नराई-गड़ाई - बीज बोन क 15 दन बाद ह खत क पहल बार नराई-गड़ाई क जाती ह पि तय म फसल बोन पर नराई-गड़ाई हल या हर वारा क जाती ह कल मलाकर 2-3 नराई-गड़ाई पया त होता ह

36

325 सोयाबीन

फसल कर ारि भक अव था म 30-40 दन तक सोयाबीन क पौध खरपतवार का मकाबला नह कर पात अतः इस समय म नराई-गड़ाई या रासाय नक व ध स खरपतवार का नय ण बह त आव यक हबाद म फसल वय खरपतवार को नय त कर सकती ह

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 एल लोर (लासो)

600-800

1200-1600

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 म बिजन (स कर ल सॉन ब रयर)

140-210

200-300

बोनी क 0-3 दन तक क बाद

य चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 फनो सो ोप ( ह प-सपर)

32-40 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 ि वजालोफॉस इथाइल (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 20-25 दन

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर

37

बाद नय ण करता ह

अथवा 6 इमाझथापर (पर यट लगाम)

30 300 बोनी क 20-25 दन बाद या खरपतवार क 2-3 प ती क अव था पर

य सकर प ती वाल सावा एव चड़ी प ती वाल गोख लनक छोट एव बड़ी दधी गाजरघास चलाई जगल जट लसवा कौआकनी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 7 लो रमरान ( लोन ाच)

24-36 12-16 बोनी क 15-20 दन बाद

य चड़ी प ती वाल गोख लनक छोट एव बड़ी दधी गाजरघास चलाई जगल जट लसवा कौआकनी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

326 तर अथवा अरहर

अरहर क अकल बोई गई फसल म 1-2 नराई खप स कर सकत ह पहल नराई बआई क 20-25 दन क बाद करनी चा हए म त फसल वार म का आ द काटन पर अरहर क लाइन क बीच lsquoहोrsquo या दशी हल स जताई करन पर फसल क उपज म व होती ह म त खती म खरपतवार का कोप कम हो जाता ह

327 म ग और उड़द

चार व हर खाद क फसल म नराई-गड़ाई अथवा खरपतवार नय ण क आव यकता नह होती दान वाल फसल क नराई बआई क 23-30 दन बाद आव यक ह दसर नराई बआई क 45 दन बाद तक आव यकतानसार करनी चा हए

म ग उड़द अरहर खरपतवारनाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

38

1 एल लोर (लासो)

800-1000

1600-2000

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

100 400 बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी एव सकर प ती वाल बह त स खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन)

40-50 160-200

बोनी क बाद 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा आलबन आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

39

328 तल या अलसी या राम तल

फसल बोन क 3-4 स ताह बाद नराई - गड़ाई करक खरपतवार का नय ण करत ह पौध क ऊचाई 7-8 समी होत ह (बोन क 15-20 दन बाद) पौध क छटाई कर दत ह अलसी तलराम तल

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

नी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार) 200 800 बोनी

क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

329 कपास

पौध क ऊचाई 8-10 समी होन पर पहल नराई-गड़ाई करत ह आव यकता पड़न पर 1-2 नराई गड़ाई फल आन तक करत ह पि तय क बीच अ तरण अ धक रखन पर बल स चलन वाल य वारा भी नकाई - गड़ाई कर दत ह बआई क 20-25 दन बाद पौध क छटाई करक ऐि छत अनतरण रख लया जाता ह

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

40

1 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-500

800-1200

बोनी क बाद 3-4 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

2 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

200-300

400-600

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 लफो सनट ( लबट ब ता)

180 400 अकरण प चात

जब कपास 15 समी क ऊचाई पर हो तब इसका योग नोजल म गाड लगाकर कर ता क दवाई कपास क पौध पर ना पड़ जब हवा नह चल रह हो तब इसका योग कर

5 लाइफोसट (राउड-अप लाइसल)

5 लाइफोसट (राउड-अप लाइसल)

400 1000

अकरण प चात

जब कपास 15 समी क ऊचाई पर हो तब इसका योग नोजल म गाड लगाकर कर ता क दवाई कपास क पौध पर ना पड़ जब हवा नह चल रह हो तब इसका योग कर

6 जॉय र थओबक 30 3अकरण प चात

य चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

41

सो डयम (थीम 10 ईसी) 00

3210 जट

फसल बोन क बाद जब पोध 8-10 समी क हो जाए तो खत म खप या बल वारा चलन वाल य स नराई-गड़ाई कर दनी चा हए छटकवा व ध स कवल खप स ह नराई स भव ह आव यकतानसार नकाई-गड़ाई 2-3 बार करत ह पहल नकाई - गड़ाई क समय ह पौध क छटाई भी क जा सकती ह दसर व तीसर नकाई 15-15 दन क अ तर पर समयानसार करत ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

24-28 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ळ

अथवा 3 ि वजालोफॉस इथाइल (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

42

3211 चार क फसल म खरपतवार नय ण

1 अ धकतर फसल म खरपतवार नय ण क आव यकता नह होती अगर आव यता पड़ तो म का वार व मकचर म बआई पव 15 क ा एटाजीन 1000 ल टर पानी म घोलक त ह टयर छड़काव भ म म मलाए दलहन व अ य फसल म बोन स पव बसाल न 1

क ा +1000 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर भ म म भल भा त मलाए

2 वार म का बाजरा सडान घास चार क प म उगान क लए 01 तशत का ए ाजीन (ए ाटाफ) का800 ल टर घोल बआई क तर त बाद (अकरण स पहल) नम सतह पर छड़क अगर भ म क सतह नम न हो तो ह क सचाई कर

3 लो बया म खरपतवार नय ण क लए बआई स पव 01 तशत बसा लन या 02 तशत नाइ ोजन (ट ई 25) या एला लोर (लासो) बरसीम म एमपीबी 01 तशत का घोल जई म 05 तशत का 2 4 - डी का घोल 800-1000 ल टर त ह टयर छडक

4 लसन म अमरबल क अकरण करन पर 05 तशत का सीआईपी या कब 01 तशत का घोल भा वत म छड़क लसन म डाइयरान का 02 तशत घोल (अमर बल को छोड़कर) अ धकतर वा षक खरपतवार को न ट करता ह इसको छड़ककर फसल क पहल कटाई तक खत म पश न चराए

33 रबी क फसल म खरपतवार नय ण

331 गह

मदा म वाय सचार मदा नमी क सर ण व खरपतवार नय ण क उ य स नकाई गडाई क जाती ह नराई गड़ाई खरप या हड हो क वारा करत ह इसस मदा भरभर बनती ह तथा यात अ धक होता ह पहल नराई पहल सचाई क बाद उपय त मदा अव था पर व दसर नराई-गडाई दसर सचाई क बाद करत ह बाद क नराई गड़ाई करन म यात क कटन का भय रहता ह गह म चड़ी प ती वाल म य खरपतवार - बथआ क णनील हरनखर सजी चटर मटर गगला मनमना जगल गाजर आ द व सकर (तग) प ती वाल मख खरपतवार गह सा (मडसी या बलर या ग ल ड डा व जगल जई आ द ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा डालन का

समय

रमाक स य

त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द)

1300-400

1000-1200

बोनी क 0-3 दन

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर

43

पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

26460 700 बाद ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा गह का मामा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 कारफ ा जोन 40 डीएफ (ए फनीट )

8 20 बोनी क 25-30 दन बाद

चड़ी प ती वाल जस हरणखर क णनील आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

3 मटस फरोन मथाइल (ऑल प मटसी मोटो)

16 8-12 बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढकनासजी क णनील आ द पर नय ण करता ह

अथवा 4 लो डनाफोप (टो पक झटाका)

241 60 बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 म यिजन (स कॉर टाटा म )

70-84 100-120 बोनी क 30-35 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस गह का मामा व च नदा चड़ी प ती वाल जस खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

6 फनो सा ोप - पी- (पमा सपरि हप सपर)

40-48 400-800 बोनी क 4-6 स ताह बाद

य सकर प ती वाल जस गह कामामा जगल जई सावा आ द पर नय ण करता ह य चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय ण करता ह इस सबह क समय (जब ओस होती ह) योग ना करय गह और राई

44

कअतरवत य खती क लय उपय त ह

अथवा 7 आइसो ो यरोन 300-400 400-500

(75 ड यपी 600-800 50 ड यपी)

बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह इस पहल पानी दन क बाद उपयोग कर

अथवा 8 स फोस फरोन (ल डरसफल फतहएसएफ -10) बीटो

10 132 बोनी क 25-30 दन तक

य सकर प ती वाल (जस गह सा) एवम कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार जस जगल पालक बथआ सजी क णनील आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 9 पनो साडन 5 ईसी (ऐि सअल)

16-20 320-400 बोनी क 25-30 दन तक

य सकर प ती वाल खरपतवार (जस गह का मामा एव जगल जई पर नय ण करता ह

अथवा 10 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट 80 तशत

2 एमाइन सा ट 58 तशत

3 इथाइल इ टर

200-336 200-300 180-300

250-400 340-620 528-880

बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था क णनील जगल पालक ढकना गाजरघास महकवा बथआ हरनखर चनौर सजी आ द खरपतावार को नय ण करता ह

45

38 तशत अथवा 8 स फोस फरोन 75 तशत +

मटास फरोन 5 तशत ड यजी

(टोटल टोपल बकट वन)

128 16 बोनी कबाद

य चड़ी प ती वाल (जस बथआ और सजी) एवम सकर प ती वाल जस गह का मामा पर नय ण करता ह

अथवा 12 मीसोस फरोन 3 तशत +

आइडोस फरोन मथाइल सो डयम 06 तशत ड यडीजी

(ऐटला टक)

48+096 160 बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल व चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह जस बथआ सजी जगल पालक)

332 जौ

खरपतवार क व अगर अ धक दखाई पड़ तो एक नराई कर सकत ह गह क भा त रसायन क वारा जौ क फसल म खरपतवार का नय ण कया जा सकत ह गह क भा त रसायन क वारा जौ क फसल म खरपतवार का नय ण कया जा सकता ह 24 - डी क 050 क ा

स य मा ा 600-800 ल टर पानी म घोलकर बोन क 30-35 दन बाद छड़कन स चड़ी प ती वाल खरपतवार न ट कए जा सकत ह जगल जई क नय ण क लए एवाड स 1 क ा मा ा बआई पव या डोसान स 10 क ा बआई क एक माह बाद 1000 ल म घोलकर त ह टयर योग कर

333 चना

बोन क 30-35 दन बाद पहल नराई गड़ाई खरपतवार नय ण क उ य स बह त ह आव यक ह खरपतवार का नय ण रासाय नक व ध स भी कया जा सकता ह 12 क ा बसा लन स य अवयव को 800 स 1000 ल टर पानी म घोलकर बोन स पहल खत म छड़कर अ छ कार क नम म ी म मला दना चा हए

334 मसर

खरपतवार नय ण क लए फसल बोन क 30-35 दन क बीच एक दो नराई गड़ाई क जाती ह छटकवा व ध स बोई गई फसल म नराई खप स व पि तय म बोई गई फसल म नराई गड़ाई हो क सहायता स भी कर सकत ह

46

रासाय नक व ध स खरपतवार नय ण करन क लए य लोर लन (बसाल न) 1 क ा (स य अवयव) 800-1000 ल पानी म घोलकर त ह टयर क दर स बोआई स पहल खत म छड़ककर नम म ी म अ छ कार स हरो या क ट वटर क सहायता स मला लनी चा हए

चना मसर खरपतवारनाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा गह का मामा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

335 मटर

फसल बोन क 35-40 दन तक फसल को खरपतवार स बचाना आव यक ह आव यकतानसार एक या दो नराई बोन क 30-35 दन बाद करनी आव यक ह रासाय नक व ध स खरपतवार नय ण करन क लए 1 क ा य लोर लन (बसाल न) का 800-1000 ल पानी म घोल बनाकर फसल अकरण स पहल एक ह टयर म छड़ककर नम म ी म 4-5 समी गहर तक हरो या या क ट वटर क सहायता स मला दना चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

47

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 म बिजन (स कर) 100 140 बोनी

क 0-3बाद

य बौनी क 15-20 दन बादय चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन)

40-50 160-200

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा व चड़ी प ती वाल जस भागरा खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

336 तो रया और सरस

नराई गडाई एव खरपतवार नय ण - फसल क ारि भक अव था म खरपतवार नय ण आव यक ह श फसल म 1-2 नराई गड़ाई आव यकतानसार करत ह म त फसल म म य फसल क साथ-साथ इसक नराई गड़ाई हो जाती ह पहल नराई गड़ाई हो जाती ह पहल

48

नराई फसल क पौध 15-20 समी क ऊचाई होन पर करनी चा हए इसी समय पौध क छटाईकरक पौध क आपस क बीच क दर 10-15 समी कर दनी चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200

700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 आइसो ोटयरोन (आइसोगाड)

300-400

400-500 (75 ड यपी) 600-800 (50 ड यपी)

बोनी क पहल या अकरण क तर त बाद

य सकर प ती क खरपतवार (गह सा) को नय त करता ह

अथवा 3 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार)

200 800 बोनी क पहल या अकरण क तर त बाद

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

अथवा

4 यजलोफॉप (टरगा - सपर)

16-20 320-400 बोनी क 15-20 दन बा

दय सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

49

337 अलसी या तीसी

बोन क 30-35 दन बाद पहल नराई गड़ाई क जाती ह इसी समय पि तय म पौध क छटाई करक पौध क बीच का फासला 5-7 समी कर दत ह फसल को खरपतवार स म त करन क लए आव यकतानसार 20-25 दन बाद दसर नराई खप क सहायता स कर सकत ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा

2 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार) 200 800 बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

338 सरजमखी

बोआई क 10-12 दन बाद घन उग ह ए पौध को उखाड़ दना चा हए ता क कतार म पौध क बीच क दर 20 समी रह जाए खरपतवार क रोकथाम करना भी ज र ह खर फ क फसल म दो बार और रबी तथा बस त ऋत क फसल मएक बार नराई गड़ाई ज र कर दनी चा हए नकाल गए पौध खाल थान पर रोप जा सकत ह पहल दो मह न म 1-2 बार नराई गड़ाई आव यक ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

50

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 एल लोर (लासो)

400-600

800-1200

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-500

800-1000

बोनी क बाद 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 ऑ जाडाइजॉन

(रोन टार) 200-400

800-1600

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

5 ऑ सी लरफन (गोल) 100 400 बोनी क बाद 0-3 दन तक

य सकर प ती एव चड़ी प ती क खरपतवार पर नय ण करता ह

51

339 जई

जई क चार वाल फसल म नराई गड़ाई क आव यकता नह होती ह य क फसल क व अ धक होन क कारण खरपतवार फसल म व नह कर पात अगर कछ खरपतवार फसल म उग आत ह तो फसल म 2 4-डी रसायन क अमाइन लवण क 05 क ा मा ा त ह टयर छड़ककर चड़ी प ती वाल खरपतवार न ट कर सकत ह

3310 लसन या रजका

साधारण लसन क एकवष य फसल म खरपतवार क सम या उ प न नह होती ह य क फसल छटकवा व ध स पया त घनी बोई जाती ह अतः खरपतवार व नह कर पात ह तथा बार-बार फसल क कटाई करन क कारण खरपतवार भी कटकर न ट हो जात ह बह वष य फसल म नराई गडाई करना आव यक होता ह तथा इन नराई गड़ाईय का म य उ य फसल क खरपतवार न ट करना ह बह वष य फसल म मड अ धक कड़ी हो जाती ह अतःजड़ क अ छ व मदा म वाय क अ छ आवागमन आ द उ य क लए मड क बीच नराई गड़ाई करत रहत ह नराई गड़ाई क स या खरपतवार क आ मण क सघनता पर नभर रहती ह जब फसल को खरपतवार दखाई द नराई गड़ाई क या करत रहना चा हए य द फसल म अमर बल का कोप हो जाए तो भा वत पौध को काटकर जला दना चा हए ब नामक दवाई क एक क ा मा ा 1000 ल टर पानी म घोलकर बआई क बाद अमर बल स भा वत म छड़क या सीआईपीसी 5 क ा 1000 ल पानी म धोलकर अमर बल क

अकरण क बाद छड़क नम भ म होना भी आव यक ह

3311 त बाक

रोपाई क बाद पहल 30-40 दन तक फसल को खरपतवार स म त रखन क लए नराई गड़ाई करत ह पहल नराई गड़ाई रोपाई क 10-15 दन बाद क जाती ह नराई गड़ाई खप या हड हो स करत ह नराई गड़ाई रोपाई क 10-15 दन बाद क जाती ह नराई गड़ाई म मदा नमी क सर ण व मदा वाय सचार बढ़ता ह कल मलाकर 2-3 नराई गड़ाई करत ह त बाक क फसल म ओरोब क (टोकरा या बलया) परजीवी पौधा खरपतवार क प म पाया जाता ह इस खरपतवार का रग सफदह का पीला या ह का बगनी होता ह िजन म कई वष तक लगातार त बाक उगाया जाता ह उन म यह खरपतवार अ धक फलता ह इसक नय ण क लए बीज बनान स पहल ह इस खत म उखाड़ दना चा हएपोध को इक ा करक जला दना चा हए 3-4 वष तक खत म त बाक न लगाए व मथाइल ोमाइड स खत क रोपाई स पहल उपचा रत करक एव खत क ग मय म गहर जताई कर डाई फन मड या पीएवी ( ट लाम) - 04 क ा रोपाई स पव 1000 ल पानी म मलाकर ह टयर छड़क तथा भ म म क ट वटर क सहायता स भल भा त मला द इन दवाइय स एकवष य घास कल क अ धकतर व चड़ी प ती वाल कछ खरपतवार न ट हो जाएग

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34 साराश खर फ क फसल म म यतः सॉवा मोथा बडी दधी छोट दधी चनच नया भगरा

जगल चलाई गोख आ द जस खरपतवार पाऐ जात ह िजनको समय रहत व भ न व धय वारा नय त कया जा सकता ह रबी क फसल म पाऐ जान वाल म य म य खरतवार ह

बथआ क णनील गह का गामा सजी आ द ह कसान क ि ट स खरपतवार दो कार क होत ह सकर प ती वाल खरपतवार एव चड़ी प ती वाल खरपतवार नाशक सफ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करत ह और कछ सफ सकर प ती वाल खरपतवार नाशक भी आन लग ह जो क दोन सकर भी आन लग ह जो क दोन सकर एवम चडी पि तय वाल खरपतवार क रोकथाम क लए योग करत समय इसक सह मा ा एव योग करन क सह तकनीक का ान होना अ त आव यक ह

35 अ यास न 1 धान म खरपतवार नय ण कस कया जाता ह 2 गह म कौन कौन स खरपतवार पाऐ जात ह उनक रोकथाम क लए योग म लाऐ

जान वाल खरपतवार नाशक एव उनक सह मा ा समझाइय 3 न न म स कौनसा सकर प ती वाला खरपतवार ह अ चलाई ब छोट दधी स सावा द चनच नया 4 न न म स कौनसी खरपतवार गह म य खरपतवार ह अ सावा ब गह का मामा स भगरा द हरणखर 5 न न म स कौनसा खरपतवार नाशक सकर एवम चड़ी पि तय वाल दोन को नय त

करना ह (अ) पि डमथा लन (ब) इमजाथाइपर

(स) दोन (द) इनम स कोई नह

36 सदभ साम ी 1 सह ए पी चौधर तापस पाठ ववक लाखपाल आर ग ता वता भा

नमuml य 2010 खरपतवार नय ण नद शका स य व ान वभाग इ गा क व रायपर

2 Gupta OP 1989 Modern weed management agro Botanical Publishers (India) pp61-66

3 Gupta OP 1993 weed management Principals and Practices Agro Botanical Publishers (India)

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4 Ready TY and redid GHS 2000 Principles of Agronomy kalyani Publishers New Delhi

5 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर

6 Rao Vs 1994 principles of Weed Science Oxford amp IBH Publishing Co Pvt Ltd PP333-373

7 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops Oxford amp IBH publishing company provbate limited New Delhi

8 Singh SS 1993 Crop Management under Irrigated and rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

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इकाई 4 एक कत खरपतवार बधन

इकाई क परखा 40 उ य 41 खरपतवार क प रभाषा 42 खरपतवार क वशषताय 43 खरपतवारो स हा नया 44 कस नकसान पह चात ह खरपतवार 45 खरपतवार का नय ण कब कर 46 खरपतवार नय ण क व धया 47 एक कत खरपतवार बधन 48 खरपतवारनाशक क मा ा ात करना 49 खरपतवारनाषक क योग सबधी सावधा नया 410 साराश 411 बोध न 412 स दभ सा ह य

40 उ य इस इकाई क अ ययन क उपरा त आप जान पायग क खरपतवार क बार म खरपतवार स हान वाल नकसान क बार म खरपतवार नय ण क व धय क बार म खरपतवार उ मलन क सावधा नय क बार म

41 तावना खरपतवार अफसल य पौध क व जा तया ह जो अवा छत प स फसल क साथ

अ य धक मा ा म उगकर म य फसल को य व अ य प स हा न पह चाकर उ पादन पर तकल भाव डालत ह अतः अ धक उ पादन हत फसल को खरपतवार स म त रखना अ त आव यक ह खरपतवार पौध क ऐसी जा तया ह जो अवा छत प स उगती ह जो फसल क लए हा नकारक होती ह यह इतनी चर मा ा म उगत ह जो आ थक ि ट स मह वपण दसर पौध को दबाकर व भ न कार स हा न पह चात हखरपतवार वह अनि छक पौध ह जो कसी थान पर बना बोय उग आ जात ह और िजनक उपि थ त स कषक को लाभ क तलना म हा न होती ह अतः फसल उ पादन हत फसल को खरपतवार स म त रखना अ त

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आव यक ह ता क दश क बढ़ती ह ई आबाद क भरण पोषण क आव यकता व चनौती को परा कया जा सक क ष उ पादन म व करन क लय उ नतशील क म उ चत खाद व सचाई क अ त र त खरपतवार बधन भी अ त आव यक ह अ यथा फसलो पादन क लय अपनाई जान वाल उ नत तक नक का परा लाभ नह मलगा

42 खरपतवार क मख वशषताय 1 खरपतवार फसल बवाई क बाद उगत ह तथा तजी स बढ़कर फसल पकन स पहल

जीवनकाल पण कर बीज बना लत ह 2 खरपतवार म भार मा ा म बीज उ प न करन क मता होती ह 3 खरपतवार क बीज क जमाव मता कई वष तक बनी रहती ह 4 खरपतवार भ म एव जलवाय क तकल दशाओ म रोग एव क ट स मण स त

फसल क अप ा अ धक सहनशील होत ह 5 खरपतवार क बीज एव पौध ायः सहचर फसल क सम प होत ह िजसस उ ह फसल

क पौध क बीच स पहचान कर अलग करन म क ठनाई होती ह

43 खरपतवार स हा नया यह स य ह क खरपतवार क उपि थत फसल को उपज को कम करन म सहायक ह

कसान जो अपनी पण शि त व साधन फसल क अ धकतम उपज ा त करन क लय लगाता ह य अनि छक पौध इस उ य को परा नह होन दत ह खरपतवार फसल स पोषक त व नमी काश थान व वाय आ द क लय त पधा करक फसल क व उपज एव गण म कमी कर दत ह खरपतवारो स ह ई हा न कसी अ य कारण जस क ड मकोड़ रोग या ध आ द स ह ई हा न क अप ा अ धक होती ह एक अनमान क आधार पर हमार दश म व भ न या धय क तवष करोड पय क हा न होती ह िजसका लगभग एक तहाई भाग खरपतवार वारा होता ह आमतौर पर व भ न फसल क पदावार म खरपतवार वारा 5 स 85 तशत

तक क कमी हो जाती ह व भ न शोध प रणाम स यह प ट हो चका ह क अ नय त खरपतवार क कारण त पौध दान दान का भार व आकार शाखाए एव उपज कम हो जाती ह ल कन कभी-कभी यह कमी शत तशत भी हो जाती ह खरपतवार श क पदाथ एव उपज त पौध म नकरा मक सब ध पाया गया ह खरपतवार फसल क उपज पर तकल भाव डालत ह और यह थान notजा त समय खरपतवार क सघनता श य-जलवायवीय ि थ तय एव ब ध क तर आ द कारक पर नभर करती ह

खरपतवार फसल क लय भ म म न हत पोषक त व एव नमी का एक बड़ा ह सा शो षत कर लत ह तथा साथ ह साथ फसल को आव यक काश वाय व नमी स भी व चत रखत ह फल व प पौध क वकास क ग त धीमी पड़ जाती ह और उ पादन का तर गर जाता ह खरपतवार स परो प स भी बह त सी हा नया होती ह जस फसल क बीज म

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गणव ता म कमी फसल म रोग क ट को शरण दना दधा पशओ स ा त होन वाल खा य पदाथ क गणवŸाा म कमी होना फसल उ पादन लागत म य म व आ द अतः खरपतवार को फसल का सबस बड़ा श समझा जाय तो कोई आ चय क बात नह ह उ नत क म क बीज उपय त उवरक सचाई एव फसल सर ा क उपाय जस आध नक तर क को अपनाकर भी कषक फसल क भरपर पदावार नह ल पात ह िजसका म य कारण ह - खरपतवार का सह समय पर एव उ चत व ध वारा नय ण नह कर पाना खरपतवार बह त तजी स व करत ह जो फसल क साथ पानी वाय काष एव पोषक त व क लए त प धा करत ह इतना ह नह व भ न खरपतवार कई कार क क ड़ एव बीमा रय को आ य दकर उनको फसल म बढ़ावा दत ह अ त म फसल क कटाई म भी बाधा पह चान क साथ ह साथ फसल क व उपज एव उनक गणव ता म भी कमी कर दत ह िजसस आ थक नकसान होता ह अतः व भ न व धय वारा खरपतवार को नय ण कर खर फ फसल क अ धक उपज एव लाभ लया जा सकता ह

44 कस नकसान पह चात ह खरपतवार यादातर खर फ क फसल क बवाई मानसन आन क प चात ह क जाती ह

खरपतवार फसल स पव ह उग आत ह जो भ म म मौजद पोषक त व एव पानी को तजी स अवशो षत करत ह और अपनी व करत ह िजसक कारण फसल को सम चत पोषक त व और जल ा त नह हो पाता ह फल व प श आत म ह फसल क व एव अ ततः उपज म भार कमी हो जाती ह

खरपतवार क वान प तक व बह त तजी स होती ह और शी फलाव क कारण काफ थान घर लत ह िजसस फसल क पौध को फलन का थान कम मल पाता ह फलतः

फसल को सम चत वाय एव काश नह मल पाता ह कई खरपतवार क ड़ एव बीमा रय को शरण दकर फसल म इनको बढावा दत ह अ धक खरपतवार क कारण फसल को आसानी स काटा भी नह जा सकता ह िजसस

अ धक समय एव धन का यय होता ह अ त म खरपतवार क बीज फसल क बीज क साथ मलकर उनक गणव ता पर

तकल भाव डालत ह िजसस उपज क कम क मत मलती ह एव अनचाहा आ थक नकसान होता ह

45 खरपतवार का नय ण कब कर ायः यह दखा गया ह क क ड मकोड रोग या ध लगन पर उनक नदान क लय तरत

यान दया जाता ह ल कन खरपतवार क ओर यान नह दता ह और इनक जब तक बढ़न दता ह जब तक क हाथ स पकडकर उखाडन यो य न हो जाय कह -कह तो कसान खरपतवार क पशओ क चार क प म उपयोग करत ह और खरपतवारा को फसल नकसान कर चक होत ह फसल क ार भक अव था खरपतवार क त अ धक सवदनशील होती ह िजस अव था म यह त पधा सवा धक होती ह उस rsquorsquo ाि तक अव थाrsquorsquo कहत ह य द इस अव था पर

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खरपतवार का नय ण नह कया या तो उसक त प त बाद म नह क जा सकती ह मख फसल म खरपतवार क कारण उपज म कमी तथा ाि तक अव था सारणी-1 म द गई ह सारणी - 1 व भ न फसल म फसल खरपतवार त पधा का ाि तक अव था एव उनस फसल क पदावार म कमी फसल ाि तक अव था उपज म कमी तशत खा या न फसल धान (सीधी बोनी) 15-45 47-86 धान (रोपाई) 20-40 15-38 म का 30-45 40-60 वार 30-45 06-40

बाजरा 30-45 15-56 गह 30-45 26-38 जौ 15-45 10-30 दलहन फसल अरहर 15-60 20-40 म ग 15-30 30-50 उरद 15-30 30-50 लो बया 15-30 30-50 चना 30-60 20-30 मटर 30-45 20-30 मसर 30-60 20-30 तलहन फसल सोयाबीन 15-45 40-60 मगफल 40-60 40-50 सरजमखी 30-45 33-50 अरडी 30-45 30-50 तल 15-45 17-41 राम तल 15-45 35-60 सारस 15-40 15-30 अलसी 20-45 30-40 कसम 15-45 35-60 नगद फसल ग ना 15-60 20-30 आल 20-40 30-60 कपास 15-60 40-50 जट 30-45 50-80

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46 खरपतवार नय ण क व धया खरपतवार क रोकथाम म यान दन यो य बात यह ह क खरपतवार का सह समय

पर नय ण कया जाय खरपतवार क रोकथाम न न ल खत तर क स क जा सकती ह 1 नरोधक व धया 2 या क व धया 3 क षगत व धया 4 ज वक व धया 5 रासाय नक व धया ायः यह दखा गया ह क क ट- या धय क लगन पर उनक नय ण पर तर त यान

दया जाता ह य क इनका नकसान परो प स दखा जा सकता ह पर त खरपवार क ओर यान नह दया जाता ह और इनको जब तक बढ़न दया जाता ह जब तक क हाथ स पकड़कर

उखाड़न यो य नह हो जात ह उस समय तक खरपतवार फसल को नकसान कर चक होत ह फसल क ारि भक अव था खरपतवार क त अ धक सवदनशील होती ह उस lsquolsquo ाि तक अव थाrsquorsquo कहत ह य द इस अव था पर खरपतवार का नय ण नह कया जाता ह तो उसक

तप त बाद म नह क जा सकती ह खर फ फसल म खरपतवार क कारण उपज म कमी तथा ाि तक अव था ता लका-2 म द गई ह खरपतवार क नय ण म यान दन यो य म य बात यह ह क खरपतवार का सह समय पर नय ण कया जाय

47 एक कत खरपतवार बधन व भ न व धय क सय त योग ारा खरपतवार का नय ण करना एव उनक ारा होन वाल हा न को आ थक तर स नीच रखना एक कत खरपतवार बधन कहलाता ह एक कत या समि वत खरपतवार ब धन म खरपतवार व प रि थ तय को दखत ह य कसी एक या एक स अ धक व धय वारा खरपतवार नय ण कया जाता ह खरपतवार नय ण म या क रासाय नक ज वक सभी उपल ध व धय क हा न- लाभ सीमाए ह कसी एक वधी ारा पणतः खरपतवार नय ण सभव तह हो पाता ह एक कत खरपतवार बधन का म य उदद य ह क सभी व धय का सामज य कर काम म लना चा हए ता क फसल को होन वाल हा न को कम करन क साथ-साथ पयावरण को भी त नह पह च

48 एक कत खरपतवार नय ण य खरपतवार व प रि थ तय को दखत ह य कसी एक व ध वारा इि छत फसल पादन ा त करना क ठन ह अतः इसस छटकारा पान क लय एक कत खरपतवार बधन व ध पर वशष यान दना पडगा एक कत खरपतवार बधन म रसायन क अप ा व भ न या क ज वक

क षगत व धय पर अ धक यान दया जाता ह सबस अ धक rsquorsquoउपचार स बचाव अ धक अ छाrsquorsquo वाल स ात पर यान दया जाता ह खरपतवार नय ण म रसायन क त बढ़त योग स वातावरण मदा एव जल दषण पशओ वषा ता मदा म स म जीव म क हा न

आ द क कराण चता का वषय हो गया ह समि वत खरपतवार बधन म नरोधी उपाय कपण याय या क व रासाय नक सभी

क वारा खरपतवार नय ण कय जात ह अतः यह समका लक बध आ थक ि टकोण स

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द घव ध म लाभदायक स हआ ह य क इसस पयावरण दषण का भय कम होता ह रसाय नक व ध म जब रसायन उपयोग कय जात ह तो उनक अवशष भ म म काफ समय तक बन रह ह इस व ध स रसाय नक व ध पर नभरता म कमी आयगी िजस दसर व धय क सहायता स परा कया जायगा

आध नक दौर म खरपतवार नय ण हत सझाई गई व भ न व धय क उपल ध ससाधन क आधार पर एक कत तथा यायसगत योग करक खरपतवार का भावी नय ण करत ह य फसल क उ पादकता बढ़ाना कारक को यान म रखत ह य फसल म एक कत खरपतवार बधन वतमान म मह वपण एव आव यक हो गया ह

कसान उ नत क म क बीज उपय त उवरक नय मत सचाई तथा पौध सर ा व भ न उपाय जस उ पादन साधन को व ा नक व ध को अपनाकर भी अ धका धक उ पादन ा त करन क अपन ल य म अब भी पणतया सफल नह हो पाया ह इसका एक मा कारण

यह ह क व उ नतशील साधन को अपनान क साथ-साथ खरपतवार क नय ण पर पण प स यान नह दत ह य द कसान को अपनी फसल स भरपर उपज ा त करनी हो तो उ ह अपनी

फसल श खरपतवार पर नय ण पान क मह व को समझकर उनको न ट करना ह होगा एक कत खरपतवार बधन नरोधी उपाय या क व धया क षगत

व धया रसाय नक व धया ज वक व धया

श बीज का उपयोग

भ प र करण

गम क जताई

बवाई स पहल कट

खरपतवार र हत दाना चारा दना

हाथ वारा उखाड़ना

फसल का चयन

अकरण स पव मछ लया

पची ह ई गोबर क खाद का उपयोग

हाथ वारा गड़ाई नदाई

उपय त फसल च

अकरण प चात खड़ी फसल म

घ घ

साफ कष य ो का उपयोग

हाथ स होइग

बीज क मा ा व दर

रोगाण

जानवर क आवागमन पर रोक

जलाना बोनी क व ध

एल लोपथी

साफ पौध का योग

पानी भरना बोनी क व ध

सचाई ना लय क सफाई

मदा सौर कारण

समय पर कषण

व छ बीज

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श या उपय त

उवरक बधन

उपय त सचाई बधन

भ म का आ छादन

मि चग या पलवार

अतवत खती

खरपतवार बधन नरोधक व ध-

इस व ध म व याय शा मल क गई ह िजनक वारा खत म खरपतवार को फलन स रोका जा सकता ह जो इस कार ह-

1 साफ तथा खरपतवार र हत बीज क उपयोग कया जाय 2 जानवर को हर चार क प म खरपतवार को बीज र हत चारा खलाना चा हय 3 गोबर क खाद या क पो ट क अ छ तरह स सड़ा कर ह योग कर िजसस पड़

खरपतवार म बीज क अकरण मता समा त हो जाय 4 मशीन क ष य तथा पश क वारा खरपतवार क बीज खत म न जान द

अथात य का योग आव यक साफ-सफाई क बाद ह करना चा हय 5 जहा खरपतवार क अ धकता हो वहा पर पशओ का आवागमान रोक दना चा हय 6 रोपाई वाल फसल म पौध शाला म ह खरपतवार अलग कर दना चा हय 7 सचाई ना लय नहर मड़ पर सडक पर तथा खाल पडी भ म पर खरपतवार न उगन

द 8 िजन खत म खरपतवार अ धक उगत हो उन खत क म ी दसर खत म न डाल 9 बीज बनन स पहल खरपतवार को न ट कर द 10 सग क समय खरपतवार क बीज हवा क साथ दर तक उडत ह इ ह इक ा न ट कर

द 11 कसी भी म कसी नय पौध को कसी म लगान स पहल उसक बार म पण प

स जान ल िजसस वह उस थान क सम या न बन जाय या क व धया-

यह व ध खरपतवार क रोकथाम क सबस परानी च लत सरल व भावी व ध ह फसल क ार भक अव था म खरपतवार स अ धक त पधा होती ह अतः व भ न फसल क

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ाि तक अव था पर फसल क खरपतवार म त कर दया जाय तो उ पादन म अ धक लाभ होता ह इस व ध म खरपतवार क रोकथाम हत व भ न य व मशीन का योग कया जाता ह या क व ध क अ तगत न न याऐ अपनायी जाती ह 1 भ प र काण-

भ प र करण म वह सभी कषण याऐ शा मल होती ह जो क फसल क वकास व व क लय आव यक ह यह व ध खरपतवार क रोकथाम म बह त ह सहायक ह खत क समय समय पर कषण काय जताई गडाई करन स खरपतवार उखड़ टटकर न ट हो जात ह इस व ध क वारा वा षक तथा बह वष य खरपतवार को न ट कय जा सकत ह अतः खरपतवार पर भावी रोकथाम हत समय-समय पर जताई व अ य भप र करण करत रहना चा हय समय समय पर जताई करन स खरपतवार क बीज का अकरण भा वत होता ह य क कछ बीज अ धक गहराई पर चल जान पर अकरण क प चात मर जात ह तथा कछ

बीज सखी म ी म बाहर आ जात ह िजसस पया त नमी न मलन पर अकरण नह होता ह

2 हाथ वारा उखाडना- इस व ध का योग गह उ यान गह वा टका लान व रोपणी म कया जा सकता ह बगीचा व स जी क छोट खत म भी योग कया जा सकता ह इस व ध म खरपतवार क पौध को एक-एक कर भ म स उखाड़ा जाता ह पौध उखाड़त समय भ म म पया त नमी होना चा हय ता क पौध जड़ स हत उखड़ सक खरपतवार क फल व बीज बनन स पव ह उखाड़ना चा हय ता क उसक बीज बनकर भ म पर न गर िजसस अगल वष खरपतवार का कोप कम हो जायगा

3 हाथ वारा नराई-गडाई- यह खरपतवार नय ण क सव Ÿाम व ध ह फसल क आर भक अव था बवाई क 15-35 दन क म य का समय खरपतवार स तयोगता क ि ट स ा तक समय ह प रणाम व प आर भक अव था म ह फसल को खरपतवार स म त करना फसल क लय लाभदायक होता ह बवाई क 15-35 दन क बाद फसल क ा तक अव था क अनसार खरपी वारा नदाई कर खरपतवार नकालना चा हय इस व ध स न कवल खरपतवार न ट होग बि क मदा म भी वायसचार म भी व होगी इस व ध म कतार म बोई गई फसल क सभी कार क खरपतवार सफलतापवक न ट कय जा सकत ह

4 हाथ वारा होइग- इस व ध स बड़-बड़ आकार क खत क खरपतवार न ट कय जा सकत ह हाथ वारा चलन वाल गड़ाई य स खरपतवार को काफ सीमा तक नय त कया जा सकता ह यह व ध कतार म बोई गई फसल अ धक कारगर रहती ह फसल बोन क 15-35 दन क म य दो कतार क म य ह ड ह हो डोरा व वीन ह ल चलाना चा हय

5 मोअर वारा- इस व ध का उपयोग मदान बजर भ म चारागाह सड़क रल नहर क कनार क भ मय म कया जाता ह इस व ध म मोअर मशीन क वारा खरपतवार क ऊपर भरग बार-बार

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काट जात ह िजसक फल व प खरपतवार म रकाश स लषण क या नह होती ह और पौध समा त हो जात ह

6 जलाना- इस व ध म िजन खत म ग मय म खत खाल रहत ह और अ य भ मय पर खड़ खरपतवार को आग लगाकर न ट कया जा सकता ह अ दर ि थत जड़ का ोटो ला म भी उ च ताप म क कारण न ट हो जाता ह िजसस भ म क अ दर पौध का ि थत भाग दबारा नय पौध को ज म नह द पाता बजर भ म खल क मदान चारागाह सड़क रलव लाईन नहर क कनार क खरपतवार न ट करन हत इस व ध का उपयोग कया जाता ह इस व ध वारा भ म क सतह पर उपि थत खरपतवार क वान प तक भाग व बीज जल कर न ट हो जात ह खड़ी फसल म इस व ध का उपयोग कमी नह करना चा हय तथा समीप क व को आग स बचाना चा हय

7 पानी भरना- इस व ध म गम क मौसम म खत क मड़बद कर पानी भर दया जाता ह तथा खरपतवार को पणतया डबोया जाता ह िजसस पौध को काश हवा न मलन स वसन तथा भोजन बनान क या बा धत हो जाती ह और पौध मर जात ह इस व ध का उपयोग छोट म कया जा सकता ह इसम यह सावधानी भी रखी जाती ह क खरपतवार क पौध पानी म पण प स बह त समय तक डब रह

8 मदा सौर करण- खत म एक ह फसल को लगातार लत रहन क कारण वशष खरपतवार क स या म लगातार व हाती रहती ह खरपतवार क रोकथाम हत रसाय नक का उपयोग बढ़ता जा रहा ह प रणाम व प आजकल गर रसायन क योग पर बल दया जा रहा ह ऐसी ह एक गर रसाय नक नय ण व ध ह भ म का सौर करण जो गम जलवाय श क व अधश क म यादा भावशाल हो सकती ह

गम क दन म जब तापमान 40-50 ड ी स ट ड तक पह च जाता ह पर त खरपतवार क बीज कठोर होन क कारण सर त रह जात ह अतः इस व ध स पतल पारदश लाि टक (पोल इथाईल न) क परत (50 माइ ोन) बछाकर 10-20 दन क लय भ म का तापमान 15-20 ड ी स ट ड बढ़ जाता ह तथा बढ ह य ताप म स खरपतवार न ट हो जात ह इस व ध का योग गम क दना म ( अ ल-जन ) म करना चा हय खत को जोतकर समतल करन क बाद सचाई करनी चा हय एक या दो दन बाद पारदश पा लइथाई लन परत (50 माइ ान) स हवा क दशा म ढक दना चा हय परत चढ़न क अव ध गम क च डता को दखत ह य 10-20 दन तक का ह रहती ह श य व धया- 1 खत क ी मकाल न जताई -

रबी फसल क कटाई प चात सव थम म ी पलटन वाल हल स ग मय म खत क गहर जताई कर खला छोड द ग मय म अ धक गम स मदा क तापमान म व होती ह िजसस कई खरपतवार जलकर न ट हो जात ह तथा उनक बीज क अकरण मता न ट हो जाती ह

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और खर फ म नह उगत ह साथ ह कछ खरपतवार जस दब घास मोथा आ द क जड़ व वान प तक भाग उखड कर न ट हो जात ह इसक साथ ह ग मय क गहर जताई स कई क ट उनक अ ड यपा तथा बीमा रया म भी कमी हो जाती ह अतः जहा तक सभव हो ग मय म खत क गहर जताई अव य करयह व ध कास व मोथा क नय ण हत अ धक भावी पाई गई ह

2 फसल का चयन- िजन खत म खरपतवार का कोप अ धक हो उन खत म तयोगी फसल जस सनई अरहर चर बरसीम वार बाजरा लो बया रजका लसन व जौ आ द उगान स खरपतवार फसल स तयो गता नह कर पात ह तयोगी फसल खरपतवार को काश वाय जल व पोषक त व का उपल ध होना असभव कर दती ह िजसक कारण कछ समय प चात खरपतवार क व क जाती ह वह फसल स त पधा नह कर पात ह उ त फसल म उग ह य एक वष य खरपतवार इनक कटाई क साथ कटकर न ट हो जात ह

3 व छ बीज श या- बोन क पव खत क अ छ तयार करना चा हय फर खत क अ छ तरह स जताई करक खत क दो-तीन दन क लय खला छोड़ दना चा हय ता क उसम उग खरपतवार न ट हो जात ह य द कषक क पास सचाई उपल ध हो फसल बोन स पहल सचाई कर खरपतवार को उग आन द फर खत क अ छ तरह स जताई कर खरपतवार न ट करक अ छ बीज श या तयार करना चा हय खर फ फसल करन क तर त बाद जताई कर खत को 2-3 दन तक खला छोड़ द उसक बाद पलवा दन क बाद अ छ तर आन पर अ छ तरह स जताई करनी चा हय ता क व छ खत क तयार हो सक

4 समय पर कषण याऐ- उपय त समय पर जताई करन स भी खरपतवार को नय त कया जा सकता ह जस फसल कटन क बाद तरत जताई करना चा हय जस फसल कटन क बाद गहर जताई कर दना चा हय और हर बार वषा होन क बाद खत क जताई करत रहना चा हय इस व ध स काफ हद तक खरपतवार क रोकथाम क जा सकती ह

5 बोनी क व ध- बोनी हमशा कतार म करना चा हय ता क दो कतार क बीच म नदाई गड़ाई व अ य कषण

याऐ करन म आसानी रह और खरपतवार का भावी ढग स नय ण कया जा सक उपय त व ध स बोनी करन पर पौध स या पया त रहती ह तथा पौध ार भ स ह ठ क स व करन लगत ह और उनम खरपतवार स त पधा करन क मता बढ़ती ह गह म आड़ी तरछ व ध (225 ग 225 समी) क करन पर खरपतवार का भाव कम होता ह

6 बोनी क त थ- फसल को ऐस समय बोया जाता ह क जब व खरपतवार क नकलन स पहल ह खत को ढक लती ह या खरपतवार को एक बार पहल उगन दत ह फर जताई कर न ट करन क बाद फसल बवाई थोड़ी दर करत ह अतः प रि थ त क अनसार उपय त समय पर बोनी क

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समय म हरफर खरपतवार स होन वाल नकसान स बचा जा सकता ह इस स खरपतवार त पधा नह कर पायग तथा फसल सरलता स बढ़कर बाद म उगन वाल खरपतवार को

हा नकारक प म नह होन दगी 7 उपय त बीज दर व दर -

बीज दर व दर का खरपतवार क व पर बह त असर पड़ता ह कतार क दर कम होन पर फसल उतनी ह छायादार रहगी िजसक कारण काश वाय भ म पर नह पह चगा और खरपतवार को जब काश नह मलगा तो वह व नह कर पायग इस कार य द बीज क मा ा बढ़ा द जाय तो पौध क आपस क दर कम हो जायगी इस कार खरपतवार क काश व वाय नह मल पायगी िजसस खरपतवार क व कम होगी जस म का म पौध

स या 60000 स 90000 ह टयर करन पर कतार क दर कम कर दत ह ऐसी प रि थ त म खरपतवार क व कम हो जाती ह गह क कतार क दर 150 समी तथा धान म 10 ग 10 समी दर करन स खरपतवार क व पर वपर त असर पड़ता ह गह म बीज क मा ा 125 क ा ह टयर करन पर खरपतवार क भाव को कम कया जा सकता ह

8 उपय त फसल च - उपय त फसल च अपनाना खरपतवार नय ण क आधारभत व ध ह फसल च म फसल को अदल बदल कर लन स खरपतवार क व व जनन पर वपर त भाव पडता ह फसल च म दलहन फसल जस म ग उड़द अरहर मटर आ द शा मल करन स खरपतवार पर भाव तो कम होगा साथ ह भ रण भी बचगा और मदा उवरकता बढगी एक ह फसल को बार बार खत म लन स उस फसल क खरपतवार का कोप बढ़ जाता ह उदाहरणाथ एक ह खत म बार-बार गह क फसल लन स बथआ व गह का मामा का कोप बढ़ जाता ह िजसक प रणाम व प कछ समय बाद इनक स या इतनी बढ़ जाती ह क उस खत म गह क फसल लना आ थक ि ट स लाभकार नह रहता ह अतः ऐस खत म वपर त वभाव वाल फसल उगान स वह खरपतवार कम होत ह उदाहरणाथ - िजस खत म फ लरस माइनर तथा जगल जई अ धक हो उस खत म बरसीन या सरस लगान स लाभ होता ह इसी कार राम तल व अलसी फसल को बराबर एक ह खत म लन स परजीवी अमरबल का कोप होता ह अतः फसल को अदल बदल कर बोन पर इसका नदान कया जा सकता ह

9 अतवत खती- अतः खती म ह य शोध प रणाम यह दशात ह क एकल फसल क तलना म अतवत खती म खरपतवार का कोप कम होता ह खर फ मौसम म खरपतवार का कोप अ धक होता ह और िजन फसल क दर 60 स 90 समी होती ह म य फसल पर खरपतवार हावी हो जात ह ऐसी ि थ त म शी बढ़कर खत को ढक लन वाल फसल जस म ग उड़द लो बया म गफल व सोयाबीन फसल को अ तवत फसल क प म बकार खरपतवार क रोकथाम क जा सकती ह

10 उपय त उवरक बधन-

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खरपतवार फसल म दय गय पोषक त व क लय त पधा करत ह य द उवरक उ चत समय व व ध स नह दय जात ह तो उवरक का अ धकतम ह सा खरपतवार हण कर लत ह और इस ि थ त म अ धक व कर फसल को हा न पह चात ह अतः उवरक छड़कवा प त क अप ा कड म बीज क नीच दना चा हय य द उपय त व ध स दया गया हो तो फसल क पौध ारि भक लाभ उठा सकत ह य क खाद क कारण पौध म वान प तक व अ धक होन लगती ह तथा बाद म उगन वाल खरपतवार दब जात ह

11 उपय त सचाई यव था- उपय त सचाई यव था खरपतवार क रोकथाम म सहायक हो सकती ह य द खरपतवार को पया त नमी मलती ह तो यह व कर फसल स अ धक तयो गता करत ह कई खरपतवार पानी भर खत म पनप नह पात ह जस धान क खत म पर मौसम म 5 समी पानी भर कर रख तो ऐसी प रि थ त म खरपतवार नह उगग सचाई व धया भी खरपतवार क सघनता को भा वत करती ह टपक सचाई व ध स बगीचा म सचाई करन पर थाला व ध क अप ा खरपतवार क रोकथाम यादा अ छ हो सकती ह य क टपक सचाई स पानी पौध क जड़ क पास दया जाता ह और बाक का खत सखा रहता ह इस तरह स खरपतवार बना नमी क पनप नह जात ह

12 भ म अ छादन- जहा खरपतवार क अ धक सम या हो उन शी बढ़न वाल अ छादन करन वाल फसल लना चा हय जस लो बया म ग व उड़द आ द शी बढ़न वाल व चड़ पŸाी स खत क उपर आवरण बना दती ह िजसस खरपतवार को वाय व काश पया त मा ा नह मलता ह और उनक व क जाती ह

13 आग वारा खरपतवार न ट करन का तर का - खत क चार ओर व खत म उग अ धक बह वश य खरपतवार को अक शत या बकारपडती भमी पर कटाई कर एक त कर उनम आग लगा दन स उनक सारण म कमी हो जायगी यह काय वषश सावधानीपवक कर

14 मि चग या पलवार- फसल क कतार क बीच खाल थान पर भसा धान का पआल लाि टक क चादर तथा उखाड़ गय कचरा स ढ़क दना चा हय इस कार खरपतवार को वाय व काश नह मलता ह िजसस वह मर जात ह श क खती वाल क लय सव Ÿाम व ध ह य क इस व ध स खरपतवार क व पर वपर त असर ह नह पड़ता वरन उपल ध नमी का सर ण होता ह यह व ध कतार म बोई गई फसल म आसानी स अपनाई जा सकती ह

श य याय एव नराई-गड़ाई - यह खरपतवार नय ण क सव तम व ध ह पर त समय एव यय अ धक होता ह

इसक व भ न पहल इस कार ह - shy अनकल मौसम प रि थ तय क होन पर सफा रषानसार खर फ फसल क शी कतार

म उ चत दर पर बवाई कर ता क फसल उ चत नमी म शी ता स उग आए एव खरपतवार नय ण म स वधा रह

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shy जहा तक सभव हो सक फसल को श क ाि तक त पधा अव थाओ म खरपतवार स म त रखा जाना चा हए

shy खरपी हो क ट वटर या अ य क ष य क वारा सफा रसानसार नराई-गड़ाई अव य कर इसस खरपतवार नय ण क साथ-साथ मदा म वाय सचार बढ़न स फसल क व एव उपज म बढ़ोतर होती ह साथ ह नमी सर ण भी होता ह

shy य द फसल क बवाई कतार म सफ रसानसार क गई हो तो कतार क म य 10-15 समी क फाल ( लड) वाल क ट वटर या क फाडोरा को बल टर वारा सीधा चलाकर भी खरपतवार क सघनता म कमी क जा सकती ह पर त इसम यह सावधानी रखनी चा हए फसल क पौध क जड़ न कट व उखड़न न पाए

ज वक व धया- इस व ध का उ य खरपतवार क पौध क स या को क ट पतग एव या धय वारा

इतना घटा दया जाता ह क उनका भाव म य फसल पर नग य हो जाता ह इस व ध का योग अभी ायो गक तौर पर ह हआ ह इस व ध का कषक पर उतारना बाक ह जब क

द नया क कई दश म इस व ध का चलन आम हो गया ह इस व ध म खरपतवार को व भ न क ट व घ घ मछ लय व रोगाणओ वारा न ट कया जाता ह -

1 ल टाना कमारा को ोसीडोसमा ल टाना तथा ए ोमाइना ल टानी नामक क ट स न ट कया जा सकता ह नागफल को फ टो ला ट त फ टोरम नामक क ट स न ट कया जा सकता ह

2 जल य खरपतवार इलो डया पी व जलक भी को मर सा को यराइ टस नामक घ घ खाकर न ट कर दती ह

3 चाइनीज ास काप व स वर काप नामक मछ लया कई जल य खरपतवार को खाकर न ट कर दती ह

4 कई रोगाण जनक का उपयोग कर खरपतवार को भावी ढग स न ट कया जा सकता ह कल गो (कल टो कम ि लओपोरर डस) नामक और डवाइन (फाइटो थोरा प मी लोरा) नाम माइकोहरवीसाइड यवसा यक प स बाजार म आ चक ह जो कई फसल क खरपतवार को भावी ढग स नय त करत ह

5 मन ट ( ाइचीहस पी) नामक जल य पश अनक खरपतवार को खाकर नय त कर दना ह हाइ लया नामक म खी हाइ ला को न ट करती ह

6 स क म वारा सोलनम इलि नफोलयम भी नय त कया जा सकता ह 7 जलकभी - (आइको नया सीपस) को दो वी वल नको टआना आइको नस तथा

नकोक टना बक वारा न ट कर नय त कया जा सकता ह इन व वलो क पोढ़ 5 हजारह क दर स जलकभी स सत जलाशय म छोड़त ह इसक अलावा जल य माइट स (ओ टवबि टस) जलक भी तना म 200000 सरग त पौधा बनाकर पर तरह स न ट कर दत ह

8 गाजरघास (पा थ नयम ह टोफोरस) को जाइगो ामा वाइ लोराटा क लारवा और ौढ़ पाथ नयम क पि तय को खात ह वषा क मौसम इस क ट क 5000 ोढ़ह क दर

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स छोड दय जात ह और उसक बाद यह बीटल लग ह य अपन आप फ कर गाजर घास क पि तय पण प स खाकर न ट करत ह

9 कास को घनी सनई लगाकर न ट कया जा सकता ह 10 ए ललोपथी- जब कसी पौध वारा परो प स वातावरण म वसिजत अथवा उ सिजत

अ य पौध को भा वत करता ह तो इस या को ए ललोपथी कहा जाता ह अनक पौध मदा अथवा अ य सवधन मा यम म जड़ो वारा अनक रसायन का उ सजन अथवा

ाव करत ह भ म म पौध क अवशष क सड़न गलन स भी अनक काब नक रसायन उ प न होत ह य पदाथ उसी पौध अ य व भ न कार क पौध स वधन को उनक जड़ क वकास को भा वत कर करत ह लगभग सभी पौध एल लोप थक यौ गक पाय जात ह जो म यतः पि तय तन व जड़ म पाय जात ह उदाहरण क तौर पर कषक भाई गह का भसा ख लहान पड़ा छोड़ दत ह जब वह वषा जल स सड़ जाता ह भस स पानी बह कर आस पाास भर जाता ह तब जहा-तहा पर भस का रस भरा रहता ह वहा एक भी खरपतवार नह उगता ह और य द उग भी आय तो वह व करन क ि थ त म नह होता ह

(2) रासाय नक खरपतवार नाशक वारा खरपतवार नय ण य द या क एव श य याओ वारा तकल मौसम प रि थ तय जस लगातार वषा

होन या समय पर मजदर क न मलन क कारण अ धक म हाथ स मक वारा खरपतवार नकालना सभव न हो तो ऐसी ि थ त म खरपतवार का रासाय नक नय ण काफ कारगर सा बत होता ह खरपतवारनाशक वारा खरपतवार क नय ण म लागत कम आती ह समय क बचत होती ह तथा अ धक म आसानी स नय ण सभव हो जाता ह खरपतवारनाशक खरपतवार को उगत ह शी न ट कर दत ह िजसस उनक पनः व नह होती ह फल व बीज नह बनत ह तथा उनका सारण नह हो पाता ह िजसस अगल वष फसल म खरपतवार का कोप काफ हद तक कम हो जाता ह खरपतवारनाशी रसायन को योग करत समय यान रखना चा हए क सफा रसानसार उपय त खरपतवारनाशी को उ चत मा ा म सह ढग एव उपय त समय पर योग कर अ यथा गलत तर क क योग स हा न एव फसल को नकसान हो सकता ह

व भ न फसल म खरपतवार नय ण हत अलग-अलग खरपतवारनाशक सफा रश कय गय ह िजनको म यतया तीन वग म वभ त कया जाता ह तथा िजनक मा ा व उपयोग ता लका-2 म दशायी गई ह (अ)बवाई पव य त खरपतवारनाशक (पीपीआई) इस कार क खरपतवारनाशक बवाई स पव या खत क अ तम तयार क समय छड़काव कर भमी म मला दया जात ह जो क खरपतवार क बीज को उगन स या उगत ह न ट कर राक दत ह या कछ उग भी जात ह तो शी न ट हो जात ह इनका योग यर पावर यर एव टर माउ टड यर स भी कया जा सकता ह यान रह क य यादातर उड़नशील क त क

होत ह अतः इ ह छड़काव क साथ ह या तर त प चात भमी म जताई वारा अ छ तरह मलाना अ त आव यक ह अ यथा इनका भाव कम हो जाता ह

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(ब) अकरण पव एव बवाई क तर त प चात य त खरपतवारनाशक (पीई) यह खरपतवारनाशी बवाई क तर त प चात (24-36 घ ट तक) एव अकरण स पव योग म लए जात ह च क खरपतवार फसल स पहल उग आत ह अतः यह उगत ह ए

या उग ह ए खरपतवार को न ट कर दत ह तथा अ य को उगन स रोकत ह इन खरपतवारनाशक क योग क समय य द भमी म थोड़ी नमी हो तो इनक याशीलता बढ़ जाती ह यह चय नत कार क होत ह अतः फसल को नकसान नह पह चात ह

(स) अकरण प चात खड़ी फसल म य त खरपतवारनाशक (पीओई) इस कार क खरपतवारनाशक फसल उगन क प चात या खड़ी फसल म छड़क जात ह यह च नदा कर क होत ह जो खरपतवार को व भ न रासाय नक याओ वारा न ट करत ह तथा फसल को नकसान नह पह चात ह कई बार लगातार बवाई क ाथ मकता होन स या लगातार बा रश होन या क ह अ य कारण स बवाई पव

(पीपीआई) या अकरण पव (पीई) खरपतवारनाशक का योग नह कया जा सक तो बवाई प चात (पीओई) खरपतवारनाशक खड़ी फसल म योग कर सकत ह च क यह खरपतवारनाशक खड़ी फसल म य त होत ह अतः इनक याग म कछ वशष सावधा नया रखनी चा हए जस व श ट खरपतवार क लए सफा रसानसार उ चत खरपतवारनाशक क सह मा ा व सह समय पर सह व ध वारा छड़काव कर अ यथा फसल पर तकल भाव पड़ सकता ह खड़ी फसल म य त कय जान वाल (अकरण प चात वाल) खरपतवारनाशक च नदा

कार क होत ह जो खरपतवार को भ न- भ न रासाय नक याओ वारा न ट करत ह तथा फसल को नकसान नह पह चात ह च क यह खरपतवानाशक सोयाबीन क खड़ी फसल म योग कय जात ह अतः इनक योग म कछ वशष सावधा नया रखनी चा हए जस व श ठ खरपतवार क लए व श ठ खरपतवानाशक क सह मा ा सह समय व सह व ध वारा छड़काव कर अ यथा फसल पर कभी-कभी तकल भाव भी पड़ सकता ह सरफ टट का योग अव य कर खर फ क मौसम म खरपतवार क नय ण हत खरपतवानाशक का छड़काव करत-करत या 2-3 घ ट बाद बा रस भी आ जाती ह और छड़काव कय गय खरपतवानाशक क काफ मा ा पŸिाय स छटक कर नीच गर जाती ह और आशातीत प रणाम नह मलत ह खर फ म इन सभी स बचन क लए दवाई चपकान व फलान वाला पदाथ ldquo सरफ टट 05 तशत या न कर ब 500 मल ल टर त ह टयर क हसाब स खरपतवार क साथ मलाकर करन स खरपतवारनाशक खरपतवार क स पण पŸिाय पर फलकर चपक जात ह िजसस य द 2-3 घ ट बाद बा रस आ भी जाती ह तो दवाई का नकसान काफ कम होता ह अतः सोयाबीन म खरपतवारनाशक क साथ ldquo सरफ टटrsquorsquo मलाकर छड़काव करन स खरपतवार का अ छा नय ण हो पाता ह यर क टक म पहल खरपतवानाशक मलाय तथा बाद म सरफ टट को डाल कर कर खरपतवारनाशक क मा ा ात करना -

कई बार कषक क सामन खरपतवारनाशक क सह य त मा ा ात करन म परशानी होती ह अतः वय कसान भी स वारा सह मा ा ात कर सकत ह इसक लय

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खरपतवारनाशक क ड ब पर उसक सा ता ( तशत) ईसी ड यपी जीएसपी ड यएसपी एल या एसएल क प म लखी रहती ह

कहरपतवार नाशक क मा ा= खरपतवार नाशक क य त कय जान वाल स य त व

(ୟୡ୲୧୴ ୧୬୧୬୲ ୟ୧ क ा)क मा ाखरपतवारक सा ता()X 100

त ह टर ( क ा या ल टर) उदाहरण- सोयाबीन म घास कल क खरपतवार क नय ण हत ि वजालोफोप (टरगा सपर 5 ईसी) नामक खरपतवारनाशक क 005 क ा स य त व त ह टर क दर स कतनी मा ा क ज रत पड़गी

=ହହx100=1 क ा या ल टर टरगा सपर त ह टर

ता लका-2 खर फ फसल म खरपतवार नय ण हत सफा रष क गई व ध एव खरपतवारनाषक तथा उनका ववरण फसल खरपतवार तकनीक

नाम रसाय नक कार

य त स य त व

य त मा ाह

योग कार

धान नसर (रोपणी)

वन थयोकाय तरल 50 ईसी

1 क ाह 2 क ाह रोपाई क 1-2 दन म

धान खड़ी फसल (रोपाई व ध)

वन थयोकाय तरल 50 ईसी

15 क ाह 3 क ाह रोपाई क 3-5 दन म

यटा लोर दानदार 5 जी

15 क ाह 25 क ाह रोपाई क 3-5 दन म

सइनमथल न +24 डी ईथाइल ई टरतरल

तरल 50 ईसी

3375 क ाह

रोपाई क 7-10 दन बाद

एनीलोफॉस+ईथो सी स फ यरानतरल

तरल (24 EC+241 SC)

0312+0012 क ाह

13 ल + 50 ाह

रोपाई क 7-10 दन बाद

खड़ी फसल सीधी बवाई

बना थय काबतरल तरल 50 ईसी

15 क ाह 3 ल टरह बवाई क 3-4 दन बाद

प डीमथाल नतरल 30 ईसी 1 क ाह 333 ल टरह

बवाई क 3-6 दन बाद

70

एनीलाफास +24डी ईथाइल टर

तरल 24 ईसी + तरल 32 ईसी

400 ामह +530 ामह

166 ल +1166 ल

रोपाई क 3-4 दन बाद

म का ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

वार ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

बाजरा ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

म गउड़द एला लोर तरल 50 ईसी

2 क ाह 4 ल टरह अकरण पव (पीई)

अरहर एला लोर तरल 50 ईसी

2 क ाह 4 ल टरह अकरण पव (पीई)

वार ल ल रा लन तरल 48 ईसी

750 ामह 16 ल टरह बवाई पव (पीपीई)

ता लका-3 रबी फसल म खरपतवार नय ण हत सफा रश खरपतवारनाषक तथा उनका योग फसल नराई

गड़ाई खरपतवार

गह 30-35 दन

24-D 500750 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद छडकाव कर चडी प ती क खरपतवारो हत Metsufuron methyl 20 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद 05 सरफ ट ट क साथ मलाकर छडकाव कर Isoproturon Metaxuron का 125 क ा ह बवाई क 30-35 दन बाद छडकाव कर Sulfosulfuron 25 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद 05 सरफ ट ट क साथ मलाकर छडकाव कर

चना 25-35 दन

Fluchloralin 05 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

सरस 20-25 दन

Fluchloralin 10 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

अलसी 20-25 Fluchloralin 075 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

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दन सरजमखी 30-45

दन Alachlor 15 क ाह अकरण पव (पीई) छडकाव कर

राजमा 30-35 दन

Pendimethalin 10 क ाह अकरण पव (पीई) छडकाव कर

ग ना 30-40 दन

Atrazine 125 क ाह अकरण पव (पीई) बवाई क 3-4 दन बाद छडकाव कर एव बाद म 24-D 10 क ाह का 60 दन पर छडकाव कर फसल अवशष क पलवार (trash mulching) कर

49 खरपतवारनाषक क योग सबधी सावधा नया- 1 रसायन छडकन वाल कटमा क का योग कर 2 लटफन लट जट नोजल लगाकर छडकाव कर 3 उ चत समय पर सह मा ा का योग कर 4 छड़काव हत नधा रत रसायन मा ा का पानी म घोल बनाकर कर 5 वाय क वपर त दषा म छड़काव न कर ता क रसायन षर र पर न गर 6 छड़काव क समय बीड़ी सगरट त बाक या अ य चीज न खाय व खाल पट न

कर 7 छड़काव पर खत म समान प स कर 8 छड़काव प चात को अ छ तरह साफ करक रख 9 रसायन क ड ब को तोड़कर भमी म गहरा गाढ़ दव 10 य द हो सक तो छड़काव रसायन क खर द रसीद अ य जानका रया जस नाम आ द

कागज या डायर म नोट कर लव 11 पण प स खाल पट न कर एव हो सक तो एक साथी ज र साथ ल जाव 12 रसायन को न सघ न चख और न ह पष कर अ यथा वचा पर वपर त असर पड़

सकता ह 13 नीदाना क को लकड़ी क सहायता स घोल और करन वाल क षर र पर कसी कार

का घाव आ द न हो 14 छड़काव पषचात शर र व कपड़ को साबन स अ छ तरह साफ कर 15 खरपतवार नाषक छड़कत समय या बाद म कसी कार का षर र पर तकल भाव हो

तो तर त पास क अ पताल म डा टर को दखाय एक कत खरपतवार ब धन क उदाहरण

कषण याए (Cultural practices) + या क तर क (Mechanical methods) कषण व श य याए (Cultural practices) + रासाय नक नय ण (Chemical

control)

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कषण व श य याए (Cultural practices) + ज वक तर क (Biological tools) श य याए + एक नराई गडाई ववाई पव खरपतवार नाशक + एक नराई गडाई अकरण पव खरपतवार नाशक + एक नराई गडाई खडी फसल म खरपतवार नाशक + एक गडाई आव यकतानसार

410 साराश कसी प र थती वशष म यक व ध का अपना खास मह व होता ह उपय त तर क का सह योग कया जाव ता क स मण आ थक हा न सतर स नीच बना रह इस ह एक कत खरपतवार ब धन कहत ह इसम व भ न कार क खरपतवार नय ण क व धय का सय त प स योग कया जाता ह यो क कोई भी एक ऐसी वधी स पण नह ह जो क खरपतवार को पण प स नय त करन म सछम हो अत स नयोिजत म म इस कार इ तमाल कया जाए क

पयावरण को नकसान नह पह च एव अ धकतम उपज ा त हो सक

411 बोध न 1 खरपतवार क प रभाषा एव इनक ारा फसल को नकसान कस पह चाया जाता ह 2 एक कत खरपतवार ब धन स या अ भ ाय ह 3 एक कत खरपतवार ब धन म कौन-कौनसी व धया योग म ल जा सकती ह

व तत ववचना क िजए

412 स दभ सा ह य 1 Crafts AS Modern Weed Control The University of California

Press USA 2 Hosmani MM Integrated Weed Management in Field Crops LB

Publishers and Distributers Banglore 3 Gupta OP 1998 Modern Weed Management Agrobios

Publishers Bikaner 4 Prakash Om Weed Control Rama Publishing House Meerut 5 5Mandal RC Weed Weedcides and Weed Control Principles

and Practices Agrobios Publishers Bikaner 6 Aldrich RJ and Kremer RJ Principles of Weed Management

Panima Publishing Corporation New Delhi 7 Subramanian S Ali MA and Kumar RJ All about Weed

Control Kalyani Publishiers New Delhi 8 Rao VS 1994 Principles of Weed Science Oxford amp IBH

Publishig Co Pvt Ltd

73

इकाई 5 खरपतवर नाशक क छड़काव म इ तमाल उपकरण

इकाई क परखा 50 उ य 51 तावना 52 छड़काव य का चनाव 53 छड़काव य ( यर) क कार 54 यर क म य भाग 55 छडकाव हत नोजल क कार 56 छड़काव य क उपयोग म सावधा नया 57 साराश 58 बह चयना मक न 59 स दभ

50 उ य बढ़ती ह ई जनस या क ज रत को परा करन क लय व भ न खा या न फसल क

अ धक उपज दन वाल क म लगाना यक कसान क थम आव यकता हो गई ह पर त इसक साथ ह व भ न कार क खरपतवार वारा फसल को होन वाल नकसान म व ह ई ह एक अनमान क अनसार पर दश म खरपतवार वारा लगभग 15 तशत उपज न ट हो जाती ह इनस बचाव क लए का तकार को अनक खरपतवार नाशको का योग फसलो म करना पड़ता ह य क खरपतवार पौध क पोषक त व का उपयोग करत ह िजसक कारण खाद पानी तथा अ य त व फसल को पर मा ा म नह मल पात ह अतः दवाओ को अ धक भावशाल बनान क लए उ चत तर क तथा उ चत उपकरण का योग कया जाना आव यक ह

51 तावना खरपतवारनाशी आध नक क ष व ान क परम आव यकता ह खरपतवार ना शय स

खरपतवार नय ण करना मजदर वारा य वारा शार रक शि त स अ धक म यायी ह व एक कार क जहर ह इनक योग म वशष सावधानी रखनी चा हए िजस कार यह खरपतवारो व अ य जीव क लए घातक ह उसी कार मानव शर र पर भी इनका क भाव पड़ता ह इस कार य रसायन जो क ष क लए वरदान स हो रह ह असावधानी और अ ानतापवक योग करन पर ाणघातक भी स हो सकत ह खरपतवार नाशक क छड़काव म क तपय

सावधा नय क आव यकता होती ह उ चत कार का छड़काव य काम म लन स इनका योग अ धक भावी व सगमता स कया जा सकता ह िजसस खरपतवारनाशी रसायन क कम मा ा भी अ धक भावी होती ह छड़काव य क उ चत योग एव सावधानी क अभाव म मन य क

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वा य पर इसका तकल असर पड़ता ह अत फसल म खरपतवारनाशीय क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन रखरखाव तथा सावधा नया अ यत आव यक ह

52 छड़काव य का चनाव फसल म खरपतवारनाशी क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन करना अ यत

आव यक ह छड़काव य ( यर) उपयो गता तथा बनावट क आधार पर कई कार क होत ह छड़काव हत अनक कार क उपकरण बाजार म आ जान क कारण यह आव यक हो जाता ह क क ष उपकरण क चनाव उपयोग व रखरखाव क बार म कषक भाईय को सम चत ान ह फसल क ऊपर तरल प म खरपतवारनाशीय का छड़काव करन क लए अनक उपकरणो का योग कया जाता ह इस लख म कषक को यर स स बि धत मह वपण जानकार द जा

रह ह य द इन दवाओ का योग बड़ म करना ह तो प ोल इजन चा लत 05 स 10 आ वशि त का नपसक पावर यर उपय त रहगा छोट क लए फट यर बना इजन का नपसक यर उपय त होता ह

53 छड़काव य ( यर) क कार खरपतवारनाशी का योग म यत तरल अव था म कया जाता ह तथा इनका छड़काव

यर यानी छड़काव य स कया जाता ह खरपतवारनाशी को पानी म घोल कर यर क सहायता स छोट -छोट बद क घोल प म छड़काव कया जाता ह अलग-अलग फसल क लय भ न- भ न यर का उपयोग कया जाता ह छड़काव य ( यर) उपयो गता तथा बनावट क आधार पर कई कार क होत ह हमार दष म म यत नपसक यर फट यर मोटराइ ड नपसक यर टर च लत बम यर रौकर यर एव ह त चा लत क परशन यर अ धक च लत ह

1 नपसक यर यह एक ह त च लत खरपतवारनाशी छड़काव य ह इस यर का उपयोग कम ऊचाई

वाल फसल म कया जाता ह इस य क मख भाग न न ह - टक पप हडल कट ऑफ वा व पर लास नोजल व ब ट इसक टक क मता 15 स 18 ल टर क होती ह कट ऑफ वा व क सहायता स छड़काव काय को ब द व चाल कया जाता ह खरपतवारनाशी भरन क बाद टक का ढ कन हमशा बद रख इस य को एक यि त आसानी स पीठ पर रख कर छड़काव कर सकता ह इसम एक प प चलाकर वायदाब उ प न करत ह और नौजल स छोट -छोट बद क प म छड़काव का य नकलन लगता ह यि त एक हाथ स बम तथा दसर स प प का ल वर चलात ह ए आसानी स छड़काव कर सकता ह का तकार क पास अ धकाश यह यर होता ह इस यर का योग कसी भी फसल म कया जा सकता ह यह म यत छोट पड़ झा डय और खत म उगाई गई खा या न फसल क लए उपयोगी ह 2 फट यर- यह यर बरल (पाईप) क आकार का पीतल का बना होता ह इसम छड़काव

स पहल एक बतन म दवा का घोल बना लया जाता ह यह एक पडल च लत य ह िजस चलान क लय कम स कम दो यि तय क आव यकता होती ह यर को चलान क लय एक आदमी प प का पडल लगाता ह तथा दसरा यि त ल बी पाईप लास क सहायता

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स पोध पर दवा का छड़काव करता ह छड़काव क दौरान य को आव यकतानसार जगह-जगह उठाकर रखा भी जा सकता ह बम म ड डा लगाकर छड़काव क ऊचाई बढ़ा भी सकत ह

3 रौकर यर- इस य का नमाण फट यर क स ा त पर ह कया गया ह फट यर को पर स चलाया जाता ह जब क इस हाथ स चलाया जाता ह इसम फट पडल क थान पर ह ड ल वर होता ह इसक टक उ ट घड़ क आकार क होती ह यह फट यर क अप ा अ धक शर उ प न करता ह तथा चलान म आसान होता ह इसक क मत फट

यर स अ धक होती ह इसम 15 स 20 ल टर तक घोल आता ह इसका योग अ धक ऊचाई वाल व व सामा य फसल म कया जाता ह

4 मोटराइ ड नपसक यर- यह एक पीठ पर बाध कर चलन वाला यर ह जो क उस पर लग एक छोट स प ोल या करोसीन स चलन वाल इिजन क सहायता स चलता ह इस

यर स बह त ह बार क बद बनती ह तथा हवा क वग क कारण य बद खरपतवारो क सभी भागो तक पह च कर उ ह ख म कर दती ह इस यर का उपयोग अ धक घन खरपतवारो म सफलता पवक छड़काव करन क लय होता ह

5 टर च लत बम यर यह एक टर स चलन वाला यर ह िजसम एक म पर 18 स 20 नौजल लग होत ह यह टर क पीछ ी पॉइट लक क सहायता स लगा होता ह तथा इसको चलान क लय टर क पीटओ स मलन वाल घण शि त को काम म लत ह खरपतवार नाषक क टोरज क लय एक 200 स 250 ल टर मता वाल टक होती ह इस कार क यर का उपयोग म यत कम समय म अ यक फल म यर करन म कया जाता ह आ थक ि ट स यह यर बड खत म खरपतवारनाशी छड़काव क लय सह रहता ह

6 ह त च लत क रशन यर- इसक टक स ल डर क आकार म लोह या पीतल स बनी होती ह इसक ऊपर वाल भाग म प प शर गज तथा स ट वा व लगा होता ह प प क सहायता स हवा का दबाव उ प न कया जाता ह इसक मता 20 ल टर क होती ह इसका पाइप काफ ल बा होता ह एक यि त आसानी स छड़काव कर सकता ह

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54 यर क म य भाग यर का योग करन स पहल इसक म य भागो क जानकार होना आव यक ह

सामा यतः सभी का तकार क पास कोई न कोई छड़काव य ( यर) होता ह िजसम न न भाग होत ह-

1 टक - यर क टक का योग दवा का घोल रखन क लए कया जाता ह दवा का घोल सामा यतः कसी बतन म बनाकर यर क टक म छलनी वारा छानकर भरना चा हए ऐसा न करन स नौजल ब द हो जाता ह जो एक सामा य सम या ह

2 प पः- प प वारा यर म शर बनाया जाता ह 3 हौज पाईप- हौज पाईप बम को टक स जोड़ता ह 4 बम या लस- बम हौज पाईप को कट ऑफ वा फ स जोड़ता ह बम को हाथ स

पकड़कर छड़काव कया जाता ह 5 कट ऑफ वा व- छड़काव को रोकन या चाल करन क लए कट ऑफ वा व का योग

कया जाता ह इसस नौजल जड़ा रहता ह 6 छलनी- दवा का घोल छलनी वारा छानकर यर क टक म भरा जाता ह 7 नौजल- नौजल ह यर का म य भाग ह जो सामा यतः अ धक खराब होता ह य

(घोल) पी दवा को नौजल छोट -छोट बद म बदलता ह िजस आटोमाइज करना कहत ह नौजल कई कार क होत ह क त खरपतवारनाशी छड़काव हत लट फन नोजल या कट नोजल का योग छड़काव करन क लए करत ह लट फन नौजल छत पर लगन वाल पख क तरह अडाकार प म समान प स फसल क ऊपर करता ह नौजल एक नि चत कोण दशा म छड़काव करता ह कट नोजल का योग म यत बआई स पव व फसल उगन स पहल खरपतवारनाशीय क छड़काव करन म कया जाता ह

55 छडकाव हत नोजल क कार - 1 लट फन नोजल-खरपतवारनाशी क छडकाव हत 2 कट या लड फन नोजल -खरपतवारनाशी क छडकाव हत 3 होलो नक फन नोजल -क टनाशक दवाईय क छडकाव हत

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56 छड़काव य क उपयोग म सावधा नया ायः समाचार प व र डयो म पढ़न व सनन म आता ह क रासाय नक दवाव क

योग करत समय यि त क म य हो गई य द छड़काव करत समय तथा बाद म उ चत सावधा नया बरती जाए तो जान-माल क हा न नह होगी खरपतवारनाशी छड़काव य क उपयोग क दौरान सावधा नय को न न वग म बाटा जा सकता ह योग स पव सावधा नया खरपतवारनाशी क उपयोग स पहल उस पर लखी अ कत अव ध क जाच कर

अव धपार खरपतवारनाशी का उपयोग कभी भी न कर य क इनका असर कम हो जाता ह एव फसल क खरपतवार मरन क स भावना भी कम हो जाती ह

खरपतवारनाशी क ड ब पर लख नदश को यानपवक पढ़ व समझ कसान क जानकार क लए ड ब पर बन परललो ाम (ऊपर एव नीच बन ह ए भज) स जहर क ती ता पता चलता ह ऊपर क भज म जहर क ती ता को श द वारा य त कया जाता ह जब क नचल भज म चार न न तरह क रग भर होत ह लाल रग अ या धक पीला रग अ धक नीला रग म यम एव हरा रग कम जहर ला होन क सचना दता ह

हमशा नद शत मा ा का ह उपयोग कर अ धक मा ा म उपयोग करन स वह फसल को नकसान पह चा सकता ह

खरपतवारनाशीय को हमशा ब च पशओ क पह च स दर रख खरपतवारनाशी रसायन को खान-पीन क व तओ तथा मर ज क दवाईय स दर रख

कई बार दोन पास रख होन पर पता नह चलता तथा भलवश बड़ा नकसान हो सकता ह

योग क दौरान सावधा नया बीमार छोट ब च व अ धक बजग यि त स खरपतवारनाशी का छड़काव कदा प न

करवाए खरपतवारनाशी मलात समय शर र क कसी कट भाग म पश नह होना चा हय खरपतवारनाशी हमशा खल जगह पर ह मलना चा हय छड़काव हत नधा रत रसायन मा ा का पानी म घोल बनाकर कर घोल सदव साफ बतन म बनाए टक म उ चत दबाव बनान लए उस तीन चथाई भाग तक ह भर छडकाव पर खत म समान प स कर खरपतवारनाशी का छड़काव करत समय सर पर टोपी आख पर च म म ह पर मा क

हाथ म द तान ( लाि टक या रबर क) पर म बट फल आ तीन क शट व पट ऐ न पहनना चा हय

पर दवाई डालन क बाद भी खाल क टनर को कम स कम तीन बार पानी डालकर यर क टक म मलाना चा हए

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दवाई क खाल क टनर को घर वापस न लाय खाल ड ब को खत म सर त गहराई पर गाड़ दना चा हए

छड़काव क दौरान कसी कार का ध पान त बाक गटखा आ द का उपयोग न कर करत व त यान रख क दवाई क छ ट आस-पास क फसल या जीव ज तओ पर

ना जाए काय समा त होन क बाद साबन स अ छ स नान करन क बाद ह कसी पदाथ का

सवन कर तथा पहन गय कपड़ को साबन स धो कर सखा द छड़काव करत समय य द नौजल म कोई कचरा फस जाए तो उस मह स फक मारकर

कदा प साफ न कर कोई पन या बार क सई स ह साफ कर छड़काव करत समय कभी भी पसीन को शट क बाह या द तान स न प छ छड़काव क समय कसी कार क घबराहट बचनी उ ट च कर आना खजल चलन

आ द शकायत होन पर तर त च क सक स स पक कर उस हवादार और छाया म लटाकर उसक म ह पर बधा कपड़ा हटा द डॉ टर क आन पर उस खरपतवार दवाई का लबल व सा ह य परा दखाए

योग क बाद क सावधा नया यर क सफाई सर ा कट पहन कर ह कर यर को कसी पानी क नहर तालाब म साफ न कर सर ा कट क भी सफाई कर तथा यान रह क कोई अ य यि त उनक हाथ न

लगाए छड़काव क बाद िजस खत म छड़काव कया ह उसम बोड लगा दना चा हए क रसायन

का योग हआ ह एक थान स दसर थान पर ल जात ह ए सावधा नया एक थान स दसर थान पर ल जात समय खरपतवार नाशक दवाई का ड बा कस कर

ब द होना चा हए इन दवाईय को कभी भी खान क सामान क साथ लकर न चल टोर स खत म जात व त दवाई क ड ब क ध या पीठ पर लाद कर नह ल जाए खरपतवार नाशक दवाई एक थान स दसर थान पर थाना तरण क समय अगर

कपड़ या शर र पर गर जाए तो तर त उस पानी स साफ कर भ डारण करत समय सावधा नया थोक मा ा म दवाई नह खर द कवल उतनी ह दवाई ल िजतनी उस मौसम म उपयोग

हो सक कभी भी आव यकता स अ धक रसायन लकर नह रखना चा हए खरपतवार नाशक दवाईय को बीज खान क सामान पशओ क खान पशओ क

दवाईय व ब च क पह च स दर रख बना लबल क दवाईय का भ डारण न कर उ ह सर त न ट कर द इन दवाईय को खल हवादार कमर म रख पर त पानी आग व सय क रोशनी स

बचाकर रख

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बची ह ई दवाई अपन ह ड ब म वा पस डाल रसायन को इनक ड ब म रखना चा हए कभी भी टॉ नक आ द क शी शय म नह

रखना चा हए य क भल स कोई उस टॉ नक समझकर पी सकता ह मकान म वशषकर िजस कमर म काई सोता हो रसायन को कभी भी नह रखना

चा हए य क वषल ग ध वा य क लए हा नकारक ह अ य सावधा नया खरपतवार नाशक क ह ई फल व सि जया तोड़न स पहल जाच ल क या इ तजार

क अव ध पर हो गई ह फसल च का व खरपतवार नाशक दवाई क च का अनसरण कर अ छ फसल उगान क लए काफ मा ा म गोबर क खाद व रासाय नक खाद का योग

कर ता क फसल पर दवाई क भाव को कम कया जा सक य द हो सक तो छडकाव रसायन क खर द रसीद अ य जानका रया जस नाम आ द

कागज या डायर म नोट कर लव छड़काव करन वाल यि त क समय-समय पर डॉ टर जाच करवात रहना चा हए रसायन का छडकाव कभी भी बीमार या कमजोर आदमी ब च स दध पलाती ह ई व

गभवती म हलाओ स नह करवाना चा हए खरपतवारनाशी का चयन करत समय सावधा नया कसान को खरपतवारनाशी का चयन करन स पहल न न ल खत बात का यान करना चा हए खरपतवार का कार फसल क ज म खरपतवार ना शय क क मत मौसम का भाव खरपतवार नाशक दवाई खर दन स पहल अव य जान ल कः- कस खरपतवार को नय ण करना ह या यह दवाई म त खरपतवार स या क लए उपयोगी हो सकती ह या यह दवाई यादा खरपतवार को मार सकती ह इस दवाई का असर कब तक जमीन म रहगा इस दवाई का खरपतवार स या-नकसान का कतना र ता ह या आप दवाई व वसनीय लाइस सधार दकान स खर द रह ह या आपन समाि त त थ पढ़ ल ह या आप दवाई असल प कग म खर द रह ह कह दवाई का ड बा पराना जग लगा तो नह

रसायन वारा खरपतवार नय ण म ज र बात फसल व खरपतवार क कार क आधार पर ह खरपतवाना शय का चयन कर खरपतवारना शय का छड़काव करत समय स य त व क मा ा व खरपतवार नय ण

क ा तक अव था का यान रख

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खरपतवारनाशी रसायन क स तत मा ा को 400-500 ल टर पानी म त ह टर क दर स मलाकर लटफन नोजल स छड़काव कर

हमशा खरपतवारनाशी रसायन क लए स तत ए ट डोट का परचा स भाल कर रख उवरक नराई-गड़ाई क बाद दव खत म पया त नह रख खरपतवारनाशी रसायन क छड़काव म फसल च का यान रख खरपतवारनाशी व पौध सर ण रसायन क उपयोग म अलग-अलग यर का योग

कर कभी भी उवरक व अ य रसायन को खरपतवारना शय म नह मलाए खरपतवारनाशी क वारा खरपतवार का नय ण करत समय लाभः लागत अनपात क

गणना करक ह उपयोग कर य ो क दखभाल तथा रख-रखाव सामा यतः कसान वारा दखभाल तथा रख-रखाव म कमी होन क कारण व अ ानता वश यर ज द खराब हो जात ह ठ क करवान स धन व समय तथा फसल सभी का नकसान का तकार को उठाना पड़ता ह य द का तकार न न ब दओ का यान समय-समय पर कर तो आ थक हा न स बच सकत ह कसी भी य को उपयोग म लान स पव यह दख क उनक कल पज क सभी जोड़

ठ क स कस ह आपस म रगड़ कर चलन वाल सभी पज को नधा रत मा ा म तल या ीस दया जाना

चा हए य म लगन वाल प ब ट कमानी आ द क कसाव क हर रोज जाच करना चा हए

एव आव यक हो तो समायोजन कर ल य द समायोजन क सीमा समा त हो गई हो तो पज को बदलना चा हए

दवा का घोल सदव साफ पानी म बनाना चा हए टक म दवा का घोल डालत समय छलनी या मह न सती कपड़ का योग करना चा हए यर को योग म लान स पव प प हौज पाइप बम कट ऑफ वा व तथा नौजल

क टट-फट क जाच कर लनी चा हए तथा एक बार सादा पानी डालकर चलाकर दख लना चा हए

छड़काव करन स पव नौजल को साफ तथा ढ ला कर लना चा हए नोन ल ट व खरपतवार नाशक दवाईय क लए अलग स र प प इ तमाल कर 20 तशत अमो नया क घोल को टक म भरकर रातभर रख और सबह इस घोल को

धीर-धीर ह डल चलात ह ए नोजल स बाहर फक क ष य को उपयोग करन क बाद छायादार थान पर रखना चा हए छड़काव परा हो जान क प चात कभी भी यर म दवा का घोल नह छोड़ना चा हए यर को य द ल बी अव ध क लए भ डार म रखना ह तो जोड़ म थोड़ा सा ीस

अव य लगाना चा हए ी ट स बचाव (खरपतवारनाशी का हवा म बहना ) खरपतवारनाशी क बद जब

नधा रत ल य (फसल) स हवा क बहाव क साथ दर सट खत या फसल पर पड़ती ह तो

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खरपतवार नाशी का उपयोग करत समय सावधानी बरत यह फसल एव जानवर को भी ज मी करती ह र ी ट का दर बहना न न ल खत बात पर नभर करता ह अतः इनका अव य यान रख - व क बद का आकार िजतना छोटा होगा उतनी ह हवा क ग त क साथ बद का

बहाव दर तक होगा छोट नोजल का आकार और यादा दबाव यादा छोट बद पदा करता ह जो आस-पास

क फसल को यादा नकसान पह चाती ह तज हवा म करन स खरपतवारनाशी व क बद का बहाव तज हो जाता ह जो

दसर खत क फसल को नकसान पह चाती ह पर करत समय मौसम ब कल शा त होना चा हए सबह व शाम का समय करन

क लए अ त उ तम होता ह टक क ऊचाई अगर यादा होगी तो बहाव भी दर तक जायगा

57 साराश वतमान क ष म व भ न कार क खरपतवार वारा फसल को होन वाल नकसान म

व ह ई ह खरपतवार वारा लगभग 15 तशत उपज न ट हो जाती ह इनस बचाव क लए का तकार को अनक खरपतवार नाशको का योग फसलो म करना पड़ता ह इस लए खरपतवारनाशी आध नक क ष व ान क परम आव यकता हो गई ह व एक कार क जहर ह इनक योग म वशष सावधानी रखनी चा हए असावधानी और अ ानतापवक योग करन पर ाणघातक भी स हो सकत ह उ चत कार का छड़काव य काम म लन स इनका योग

अ धक भावी व सगमता स कया जा सकता ह िजसस खरपतवारनाशी रसायन क कम मा ा भी अ धक भावी होती ह अत फसल म खरपतवारनाशीय क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन रखरखाव तथा सावधा नया अ यत आव यक ह

58 बह चयना मक न 1 न न म स खरपतवारनाशी ह - (अ) मला थयान (ब) ए डोस फान (स) परा थआन (द) प डीमथाल न द 2 फसल म उग खरपतवारो क नय ण म छडकाव करत ह - (अ) फफदनाशी (ब) शाकनाशी (स) पीडकनाशी (द) उपरो त सभी ब 3 खरपतवारनाशी छडकाव हत यर ह - (अ) नपसक रयर (ब) फट यर (स) बम यर (द) उपरो त सभी द 4 खरपतवारनाशी रयर म नोजल लगाया जाता ह - (अ) लट फन नोजल (ब) कट नोजल (स) होलो कोन नोजल (द) अ एव ब दोनो द 5 खरपतवारनाशी क बदो का हवा म बहाव क साथ दर सट खत या फसल पर पड़ना

कहलाता ह - (अ) (ब) यर (स) ी ट द) उपरो त सभी स

82

59 स दभ 1 मीणा एस एस एव महता ऐ क 2011 क टनाशक रसायन क छड़काव य एव

उपयोग म सावधा नया राज थान खती ताप (10) 31-33 2 Gupta OP 2002 Modern Weeds Management Agrobios (India)

publishing company limited Jodhpur 3 चोपडा एन क चोपडा एन क एव अटवाल एस एस 2012 खरपतवार नाशी का

उपयोग करत समय बरत सावधा नया व व क ष सचार (12) 15-16 4 ग ता पकज 2011 यर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63

83

इकाई 6 फसल क म य क ट और उनका नय ण

इकाई क परखा 60 उ य 61 तावना 62 खर फ फसल म क ट नय ण

621 धान 622 वार 623 बाजरा 624 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल 625 सोयाबीन 626 तर या अरहर 627 म ग 628 उद या उड़द 629 लो बया या चावल 6210 अ डी अर डी या रड 6211 तल या अलसी या राम तल 6212 कपास 6213 जट 6214 पटआ या सनई 6215 चार क फसल म क ट - पतग क नय ण

63 रबी फसल म क ट नय ण 631 गह 632 जौ 633 चना 634 मटर 635 मसर 636 तो रया और सरस 638 अलसी 639 सरजमखी 6310 कसम 6311 बरसीम

84

6312 लसन या रजका 6313 त बाक

64 साराश 65 बोध न 66 सदभ साम ी

60 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो जाएग क - फसल क म य क ट क ट को नय त करन क व धया क टनाषक क मा ा

61 तावना आध नक खती म फसल क उ नत जा तया सचाई क उ चत यव था तथा खाद एव उवरक क सम चत ब ध क साथ - साथ फसल क क ट पतग स र ा करना आव यक ह क ट पतग फसल म औसत 5-10 तशत तक उ पादन को कम कर दत ह इन क ट पतग क रोकथाम समय पर अ त आव यक ह क ट नाशक क सह मा ा का ान होना आव यक ह

62 खर फ फसल म क ट नय ण

621 धान

ता लका -धान क मख हा नकार क ट एव उनक रोकथाम का स त वणन क ड़ा क ड़ का आ मण क टनाशक मा ा त

ह टयर त बरकाव

या छड़काव

सहनशील रोधक क म

1 भाव क जड़ स डी

क ड़ क गडार उबल ह ए चावल क समान होती ह मह न जड़ को खाकर नकसान पह चाती ह और पौध पील पड़ जात ह

(अ) पणापवार - एि न - 30 ईसी या गमा बीएच सी 20 ईसी या 10 तशत बरलन यलस

(ब) उपचार - एि न - 30

2-5 ल टर 2-5 ल टर 10 क ा 7-5 ल टर 2-5 ल टर 20 क ा

85

ईसी या गमा बीएच सी 30 ईसी या 10 तशत बरलन यलस

2 तना छदक

(i) धार दार (ii) गलाबी (iii) पीला (iv) सफद

क ड़ क गडार ह नकसान पह चाती ह फसल क ारि भक अव था म इनक कोप स पौध का म य तना सख जाता ह इस कमक ीमतज कहत ह तथा कन क अव था पर बा लया सखकर सफद (White head) दखाई दन लगती ह

5 तशत बरलन यलस

5 तशत डाइिजनान गर यलस या 5 तशत ल डन गर यलस या एि न इ डोस फान 35 ईसी या फॉ फ मडान 100 ईसी

20 क ा 20 क ा 7-50 ल टर 750-1000 मल 550-500 मल

रतना साकत 4 IR 36

3 खर ब क ट ढ

न फ और ौढ़ दोन को नकसान पह चात ह पि तया कनार पर कट ह ई मलती ह

10 तशत बीएचसी चण या मला थयन 50 ईसी

30 क ा 2-5 ल टर

4 दल य गडार

क ड़ और गडार साम हक प स पौध क पि तय को रात म खाकर हा न पह चाती ह

10 तशत बीएच चण या इ डोस फान 35 ईसी या

30 क ा 2-5 ल टर

5 ह सा इनका ौढ़ एक छोटा व काला भग ह क ड़ क गडार एव ौढ़ दोन क नकसान करत ह

फॉ फ मडान 50 ईसी या इ डोस फान 35 ईसी या कारबाराइल 50

30 क ा 1-5 ल टर

86

ड य पी 6 मधआ

(फटक) पौध क पि तय स न फ और ौढ़ दोन रस चस लत ह िजसस पौध क पि तया पील पड़ जाती ह

5 तशत थमट गर यलसया 5 तशत इ डोस फान 35 ईसी या

1-50 क ा 8-10 एव 12 क ा 8-10 एव 12 क ा

7 धान का गधी

ौढ़ एव न फ दोन द धया बा लय और पि तय स रस चस लती ह दाना नह पड़ता और सफद रग का खोखला दखाई दता ह

5 तशत बीएच चण या 10 शत ह टा लोर चण

1-5 ल टर 35 क ा 15-20 क ा

8 ज सड पि तय का रस चसत ह पौधा पीला पड़ जाता ह

एि न 30 ईसी

2-5 ल टर

622 वार

वार क फसल क क ट पतगो स अ य धक त होन क स भावना रहती ह अ छ उपज ा त करन क लए आर भ स ह इनक रोकथाम करना आव यक ह वार को नकसान पहचान

वाल क ड़ और उनक रोकथाम का ववरण नीच दया गया ह - 1 तना छदक - इसक गडार अथवा स डया छोट पौध क गोफ को काट दती ह िजसस गोफ

सख जाती ह इसका भाव बवाई क एक मह न बाद स आर भ होकर भ आन क समय तक होता ह पौध क बढ़वार क साथ ह य तन म सरग सी बना लती ह और अ दर ह अ दर तन क मलायम ह स को खाती ह तना बधक क नय ण क लए फसल क जमन क 10-15 दन तन क मलायम ह स को खाती ह तना बधक क नय ण क लए फसल क जमन क 10-15 दन बाद 15 ल टर थायोडान (ईसी) या 2 क ा स वन घलनशील चण को 800 ल टर पानी म मलाकर छड़काव करना चा हए इसक 20 दन बाद पौध क गोफ ल डन 1 तशत या थायोडान या स वन क दानदार क टनाशी दवाई डालनी चा हए

2 तना म खी - यह क ड़ा भी वार पौध अव था स ह हा न पह चाता ह इसक गडार उगत ह ए पौध क गोफ को काट डालती ह िजसस श क अव था म पौधा सख जान क बाद भी क ल नकलत ह पर उनस भ दर म आत ह और उनका आकार भी छोटा होता ह इसक रोकथाम क लए 10 तशत थमअ या फोरट क णकाए बवाई स पव या बवाई क समय कड म 15 क ा त ह टयर क हसाब स डालनी चा हय यह रसायन पौध क जड़ वारा अवशो षत होकर पौध म पह चता ह और ऐस पौध को खान क बाद गडार मर जाती

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ह तथा म खी क बचाव क लए बीज जमन क 4-5 दन बाद 1 ल टर म टा स टा स को 500-600 ल टर पानी म मलाकर एक ह टयर म छड़कना चा हए

3 मज - यह क ड़ा वार म भ ा नकलन क समय तक नकसान पह चाता ह इसक रोकथाम क लए 10-15 क ा त ह टयर क हसाब स काब रल 10 तशत का बरकाव करना भावकार स हआ ह

क ट पतग क रोकथाम क लए अकरण क एक माहबाद मला थयान को छोड़कर कसी भी आरगनो फॉ फट यौ गक का उपयोग नह करना चा हए फसल कटन क एक माह पहल कसी भी लोर नट हाइ ोकाबन जस बीएचसी लोरोडान ह टा लोर व एि न आ द का उपयोग नह करना चा हए

623 बाजरा

साधारणतया बाजर क फसल म क ट पतग स अ धक त नह पहचती अ छ पदावार ा त करन क लए क ट क रोकथाम करना आव यक ह न न ल खत क ट स बाजर क फसल को हा न पह च सकती ह - 1 द मक - िजस चोत म द मक लगन का भय हो उसम बवाई क समय 5 तशत एि न या

बीएचसी अथवा 5 तशत ह टा लोर 20-25 क ा त ह टयर क दर स बआई क समय कड म डालना चा हए

2 तन क म खी - इनक गडार अथवा स डया पौध क बढ़वार को ारि भक अव था म काट दती ह िजसस पौधा सख जाता ह इसक रोकथाम क लए बआई क समय 15 क ा त ह टयर क दर स फोरट ( थमट) चण डालना चा हए फोरट क थान पर 25 क ा 3 तशत यराडान दानदार को एक ह टयर खत म मलाओ 125 ल टर थायोडान को

800 ल टर म घोलकर त ह टयर भा वत फसल पर छड़कना चा हए 3 तना बधक - ार भ म आ मण पि तय पर व बाद म गडार तन को खाती ह इसक

रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान का 600-800 ल टर घोल त ह टयर क हसाब स पौध पर छड़काव लाभदायक होता ह 4 तशत स वन को 15 क ा त ह टयर क दर स पौध क गोफ म डालनाचा हए

4 मज - इसका आ मण फसल म बा लया आत समय होता ह इसक रोकथाम क लए काब रल 50 तशत का घलनशील चण 3 क ा क हसाब स 800 ल टर पानी म मलाकर बा लय पर छड़कना चा हए इसक अ त र त य द फसल पर पि तय को खान वाल क ट पर आ मण हो तो 10 तशतबीएचसी चण को 20 क ा त ह टयर क दर स बरकना चा हए अथवा 800 ल टर पानी म 3 क ा (50 तशत ड यपी) को त ह टयर छड़कना चा हए अथवा तशत मला थयान को 15 क ाह टयर बरकना चा हए

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624 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल

ठस फसल को वशषतया कोई क ट या बीमार नह लगती कभी-कभी कडआ या ग ई का कोप दखा गया ह तना म खी का कोप भी कभी-कभी हो जाता ह इसक लए 015 तशत थायोडाल क घोल का छड़काव करना चा हए कडआ क लए बआई क समय बीज को सरसान 25 ाम क ा बीज क दर स उपचा रत कर ग ई क लए 02 तशत डाइथन एम45 का छड़काव कर

625 सोयाबीन

1 ल फ माइनर - यह एक छोटा काल सर वाला क ट ह िजसका कटर पलर गडार हर रग का होता ह इसक रोकथाम क लए बीएचसी (5 तशत) क धल 20 स 25 क ा त ह टयर क दर स बरकना चा हए

2 तनाबोधक बी टल - यह बी टल तन म छद कर दती ह और पौध को लगभग न ट कर दती ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क ध ल 15 स 20 क ा त ह टयर क दर स डालना चा हए भार कोप होन पर मदा स थाइमट 10 तशत का दानदार चण 20 क ा या डाइ स टान 5 तशत दानदार चण 20 क ा त ह टयर मदा म मला दना चा हए

3 बहार क रो मल स डी - यह एक कार क गडार होती ह िजसक शर र पर पील रोए होत ह इनका आ मण फसल पर कई बार हो सकता ह ारि भक अव था म य समह म रहत ह और पि तय को खात ह इसक नय ण क लए खरपतवार को न ट करना आव यक ह य क ारि भक अव था म य खरपतवार पर पनपत ह खत क चार तरफ स अनाव यक

खरपतवार हटा दन चा हए छोट अव था म सबह क समय म जब पि तया कछ नम हो 10 तशत बीएचसी या 20 तशत फोलडान ध ल 25 क ा त ह टयर क दर स छड़कना चा हए और अगर क ट का कोप बढ़ गया ह तो थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) क 125 ल टर मा ा को 1000 ल टर परनी म घोलकर त ह टयर क दर स छड़कना चा हए एक बा ट घोल म एक च मच सफ भी घोल लना चा हए

4 सफद म खी - य मि खया वषण रोग फलाती ह इसक रोकथाम क लए 600 मल ल टर एकअीन 25 ईसी या मटा स टोन 25 ईसी को 500 स 600 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स छड़काव करना चा हए

5 ए फड - य फरवर म अि तम स ताह या माच क श म दखाई दत ह और वय क दोन व पि तय क रस को चसत ह य बह त छोट काल रग क होत ह इनक शर र पर पख भी होत ह इसक रोकथाम क लए एक टन का छड़काव करना चा हए जसा क ऊपर दया गया ह अगर कोप अ धक हो तो मला थयान 50 ईसी 500 मल ल टर को 800 स 900 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स छड़कना चा हए 05 ल टर मटा स टा स 25 ईसी को 500 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़का जा सकता ह

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6 सोयाबीन मगट - उगत ह ए बीज क बीजप को खात ह अतः अकरण नह हो पाता नम मदा म अ धक हा न पह चाता ह 5 तशत लोरडन या ए डordf स 25 क ा त ह टयर स बरकना चा हए

थायोडान 35 (इम सीकरण व) मटा स टा स 25 (इम सीकरण व ) क म रण (1 मल थायोडान 1 मल मटा स टा स और 1 ल टर पानी) का छड़काव जो पील मोजक रोग क रोकथाम क लए भी उतम ह का छड़काव सभी कार क ट पतग क रोकथाम क क लए उतम ह

626 तर या अरहर

1 तर या लम मौथ - इस क ट का कटर पलर हर रग का होता ह शर र पर बाल क ग छ पाए जात ह यह ठ ड मौसम म दखाई दत ह य गडार 10-15 ममी ल ब होत ह खड़ी फसल म 015 तशत इ डोस फान (थायोडान) 35 ईसी का 1000 ल घोल क त ह टयर छड़कना चा हए इसक रोकथाम क लए 10 तशत बीएचसी क धल 25

क ा त ह टयर क दर स डालनी चा हए इसक अलावा एि न क ध ल भी लाभकार रहती ह

2 फल बधक - यह फल क अ दर बढ़न वाल बीज को खाती ह और कटर पलर क ल बाई 20-25 ममी होती ह यह रग म कछ ह रयाल लए ह ए काल पील रग का होता ह इसक रोकथाम क लए उपरो त म ण क अ त र त 150 ल टर थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) का 800 ल टर पानी म घोल बनाकर त ह टयर छड़काच करना चा हए दसरा छड़काव आव यकतानसार 15 दन बाद कर

3 फल बधक म खी - इस म खी का लारवा म य प स हा नकारक होता ह और फ लय म बढ़त ह ए दान को खात ह इ डोस फान 35 ईसी 015 तशत क घोल को 800 ल टर त ह टयर क दर स 10-15 दन क अ तर स फल आन तक छड़कत रहना चा हए

4 बी टल - यह साधारणतया ढोरक नाम स जाना जाता ह और यह भ डार म दान को खा जाता ह इसक रोकथाम क लए मला थयान ध ल 25 तशत या डीडीट 10 तशत ध ल 175 ाम त क भ डार क गई अरहर म डालनी चा हए इसक अ त र त फो टो सीन क 3-5 गो लया त क अरहर क भ डा रत बीज म रखनी चा हए

इसक अ त र त इस फसल म प ती लपटन वाला क ट भी सत बर म आ मण कर सकता ह इसक लए 15 ल इ डोस फान 35 ईसी को 1000 ल पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर

627 म ग

इसम भी लगभग सभी क ट जो दसर फल दार फसल म लगत ह त पह चात ह जस बहार हसर कटर पलर समीलपर त बाक का कटर पलर और ए फड आ द इन सभी क ट पतग क

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नय ण क लए 015 तशत थायोडीन का छड़काव करना लाभ द ह बीएचसी 10 तशत क 20 क ा त ह टयर क दर स बरकन पर भी क ट पतग स फसल को बचा सकत ह व तत अ ययन क लए अरहर व सोयाबीन क क ट पतग एव उनक रोकथाम का अ ययन क िजए

628 उद या उड़द

बह त स दलहल क ट इस फसल को त पह चात ह िजनम स म य म य नीच दए गए ह - 1 झीगर व भग ड बक - य अकरण क समय ह भ म स नकल ह ए अकर को खा जात ह

इ ह रोकन क लए खत म बआई स पव 25 क ा त ह टयर क दर स एि न या ह टा लोर ध ल 5 तशत को बरका जाता ह

इसक अ त र त बहार हयर कट पलर और त बाक का कटर पलर तथा ए फड भी इसक फसल को नकसान पह चात ह इसक आ मण को रोकन क लए थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) का 015 तशतका 800 ल टर घोल त ह टयर क दर स छड़कना सतोषजनक रहता ह

629 लो बया या चावल

1 फल बी टल - यह क ट ी मकाल न फसल क अकरण क प चात अपना भाव दखाता ह पि तय पर छद होकर पौधा सख जाता ह इसक रोकथाम क लए बआई स पव 10 तशत क णकाओ क प म 20 क ा थमट त ह टयर योग करना चा हए

2 कड - यह क ट भ डार-गह म लो बया क दान को हा न पह चात ह इसक रोकथाम क लए क टनाशक दवाओ का ध मण तथा भ डार गह क सफाई आव यक ह

इसक अ त र त लगभग व सभी क ट जस ए फड व गडार (हयर कटर पलर) आ द जो म ग और उद को त पह चात ह लो बया क लए भी हा नकारक ह इसक रोकथाम का वणन म ग और उद म कया गया ह

6210 अ डी अर डी या रड

1 बहार क रोएदार स डी या गडार - यह क ट लगभग सार भारतवष म फला हआ ह इसका कोप सोयाबीन तल अर डी लो बया शकरक द और मगफल आ द फसल पर होता ह

इसका व तारपवक वणन म गफल क अ याय म दया गया ह अर डी पर इसका कोप अगसत स नव बर तक होता ह इसक उपचार क लए 004 तशत परा थयान (720 मल ) या नवान (1200 मल ) 800 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर छड़काव करना चा हए अथवा 015 तशत इ डोस फान (35 ईसी) का 800 ल टर घोल त ह टयर छड़क

2 अर डी क समीलपर - इसक मौथ क पख का अगला कनारा गहर रग का होता ह इसक स डी पि तय क नचल सतह को खाती ह य अ धकतर जलाई स नव बर तक अ धक

याशील होती ह वषभर म इनक दो तीन पी ढया हो जाती ह इसक रोकथाम क लए

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015 तशत थायोडान या परा थयोन या 03 डाईमाइ ोन 200 मल 900 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर का छड़काव अ धक भावशाल रहता ह

3 अर डी या बीज छदक - इसका मौथ चमकदार पील रग का होता ह कल काल ध ब इसक पख पर पाए जात ह इसक स डी 2 समी क लगभग गलाबी रग क होती ह

इसक सडी अ डी क क सल (फल ) म छद करक अ दर घस जाती ह और दान को खाती ह यह सत बर और फरवर म अ धक याशील होता ह इसक 4-5 पीढ़ एक वष म होती ह इसक रोकथाम क लए थायोडान का छड़काव 1500 मल क दर स 900 ल टर पानी म घोलकर एक ह टयर म करना चा हए इसक दो छड़काव 15 दन क अ दर स होन चा हए

6211 तल या अलसी या राम तल

1 तल ल फ रोलर - यह पतगा लाल भर रग का होता ह और इसक सडी ( गडार) हर रग क होती ह िजसक शर र पर काल ध ब पाए जात ह यह स डी प ती और फ लय को खाती ह इसक स डी सत बर स नव बर तक अ धक आ मण करती ह इसक रोकथाम क लए डाइमा ोन 300 मल को 900 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर या 04 तशत परा थआन का घोल छड़कना चा हए

2 ससमम गाल लाई - यह अ धकतर बहार और महारा म पाया जाता ह इसक मगअ अ ड स नकलकर फल क भाग को खात ह इसी क क सल म उनका वकास होता ह इसक रोकथाम क लए जो पौध इस क ट वारा भा वत ह उ ह उखाड़कर जला दना चा हए कछ परजीवी जस Mermis sp और Apanteles sp जो इनक लारवा को खा जात ह अतः इ ह पौध पर छोड़ा जा सकता ह

3 तल का हरा तला ज सडा - प त का रस चसत ह तथा रोजट रोग को भी फलात ह क ट क अ धक कोप होन पर पि तय सखकर गर जाती ह इसक रोकथाम क लए 005 तशत का इ डोस फान क घोल का छड़काव करना चा हए

4 बहार क रोएदार स डी या गडार या कमला - स डी पि तय को खाती ह 015 तशत इ डोस फान 35 ईसी क घोल का छड़काव करना चा हए

6212 कपास

1 कपास और गलाबी क ड़ा - कपास क साथ इसक स डी गोदाम तक पह चती ह और बनौल को खाती ह इसस रशा भी खराब होता ह क ड़ गलर म घसन पर सराख छोटा होता ह ध बा सा नजर आता हसराख म यह क ड़ा मला छोड़कर ब द कर दता ह वषा म इसम पानी चला जाता ह व गलर सड़ जाता ह आधी खल को डया भी ा त होती ह मटा स टा स 15 ल टरह टयर का योग 15-15 दन क अ तर पर कर या 1 ल टर रोगोर या डाइम ोन या 05 ल टर यवा ान 1000 ल टर पानी म घोलकर खल आकाश म छड़काव कर वषा होन स 5-6 घट पहल छड़काव होन स दवाई पौध वारा सोख ल जाती ह इसक रोकथाम क लए मई जन करना चा हए या 450 ा मथाइल ोमाइड का धमन

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त हजार घन फट थान म करना थायोडान 5 तशत स वन 10 तशत या स व थयोन 5 तशत 20-25 क ाह टयर योग कर खत म पि तया खरपतवार व भ म पर पड़ गलर न ट कर द

2 भर स डी - फसल क उगत ह पि तय पर इसका आ मण होता ह 25-35 क ा बीएचसी का चण त ह टयर बरकना चा हए

3 कपास का चतीदार क ड़ा - यह क ड़ा गलर को अ दर स खोखला कर दता ह गलर टट-टट कर गरन लगत ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान या 015 तशत मला थयान (1000 ल टरह टयर) का घोल छड़कना लाभदायक ह 25-30 क ा बीएचसी का चण त ह टयर बरकना भी लाभदायक ह

4 कपास क प ती लपटन वाला क ड़ा - इस क ड़ क स डया ( गडार) पि तय को लपटकर खोल सा बना लती ह और अ दर स इ ह खाती ह इसक रोकथाम क लए 05 तशत बीएसी काया 015 तशत इ डोस फान (थायोडान) का 1000 ल टर घोल त ह छड़कना लाभदायक ह शरद ऋत म जताई करन स खत म पाई जान वाल स डया नि य होती ह फो ल थयान का योग भी इसक रोकथाम क लए करत ह

नो सल या मोनो ोटोफोस 40 - कपास क गलाबी क ड प त को चसन वाल क ट व प त को चबान वाल क ट पतग को न ट करत ह बनौल को बचान स 75 तशत तक क ट पतग का नय ण होता ह कपास क गलाबी क ड़ा कम हता ह बआई क पहल बीज को धमन ए य म नयम फा फाइड स करन पर खत तक क ट पतग क पह चन का ोत कम होता ह चनाई समा त करत ह खत क जताई कर व खत स फसल क अवशष न ट कर इस कार आग वाल फसल पर क ट पतग का कोप कम होता ह क य कपास अनसधान स थान सरसा ि थत ीय क क व ा नक न अम रकन स डी क रोकथाम क लए यि लयर पोल हडरो सस वायरस (एनपीपी) नामक ज वक क टनाशक वक सत करक उसका सफल पर ण भी कर दया ह इस मह वपण उपलि ध स ह रयाणा पजाब तथा राज थान म कपास क उ पादकता म भार व होन क स भावना ह

6213 जट -

जट क फसल को हा न पह चान वाल क ट म जट का कबड़ा रोएदार गडार जट का सडीदार घन और नील का गडार आ द ह जो फसल को भार हा न पह चात ह इसका वणन नीच दया गया ह - 1 जट का कबड़ा क ड़ा या जट का समीलपर - यह क ट जट उगान वाल सभी म पाया

जाता ह और जन म दखाई दता ह अग त तक दखन को मलता ह फसल तीन फट क लगभग होन पर यह क ट आ मण करता ह और कोमल पि तय को खा जाता ह इसक भाव स पौध क बगल म शाखाए नकल आती ह और पौधा झाड़ी क आकार का हो जाता

ह इसस रश क उपज घट जाती ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान

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(इ डोस फान) 35 ईसी का छड़काव बह त लाभदायक ह इसक अ त र त 01 तशत यवा ान 40 ईसी क घोल का छड़काव भी काफ भावशाल रहता ह

2 बहार क बालदार स डी - यह क ट सभी जट म पाया जाता ह और फसल को पकती अव था म त पह चाता ह रश और पि तय को यह खा जाता ह इसक रोकथाम िजन पि तय पर यह हो उ ह तोड़कर म ी क तल मल पानी म डबोन स क जा सकती ह इसक अ त र त 05 तशत पराथीआन या इ डोस फान 35 ईसी क घोल का छड़काव भी सतोषजनक प रणाम दता ह

3 जट कतन क घन - यह क ट सभी जट उ पादक दश म मलता ह इस क ट क ब पि तय को खात ह और काल ध ब बना दत ह इसक कारण इसक उपज कम हो जाती ह इसक रोकथाम क लए 004 तशत थायोडान क तीन छड़काव 20-20 दन क अ तर सकरन चा हए

4 जट का मल बग - इस क ट क न फ और ौढ़ पौध क शीष म बह त भयकर क ट ह इसक राकथाम क लए डाईजजीन का 004 तशत घोल थम ल ण दखत ह छड़क दना चा हए

6214 पटआ या सनई

1 सनई का मोथ - यह पि तय को खाता ह इसक ऊपर लाल काल और सफद नशान होत ह यह क सल म छद करक अ दर घस जाता ह मौथ क पख पर सफद लाल व काल च ह मलत ह पि तय और तन पर अपन अ ड दता ह इसक सडी फसल को त पह चाती ह इसस बचन क लए अ ड और स डय को चनकर बाहर डालकर न ट कर दना चा हए या 5 तशत बीएचसी धल 12-20 क ा त ह टयर क दर स बरकनी चा हए या 015 तशत इ डोस फान (35 ईसी) क घोल का छड़काव कर

2 तना छदक - यह क ट पौध क उपरो त भाग म छद करक पौधो को त पह चाता ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क धल लाभ द रहती ह या 004 तशत डायिजनान क घोल का छड़काव कर

3 लाल रोएदार स डी - यह लाल बाल वाल स डी पि तय को खाती ह यह स डी अक रत बीजाकर को भी खा जाती ह और भ म क अ दर ह इसक यपा अव था पर होती ह इसक मौथ क पख पर काल ध ब होत ह इसक अ ड भी भ म म ह पाए जात ह इसक रोकथाम क लए मौथ को रोशनी वारा आक षत करक पकड़कर न ट कर दना चा हए 10 तशत बीएचसी क धल 25-30 क ाह क दर स बरकना चा हए या 015 तशत

इ डोस फान क घोल का छड़काव कर

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6215 चार क फसल म क ट - पतग क नय ण

सभी कार क क ट पतग ( गडार स डीकमलाकटरपीलर)तना का कतरा तना म खी व चपा (माह-ए फड) आ द क लए 005 तशत मला थयान क घोल का छड़काव कर छड़काव क 15-20 दन बाद तक चारा पशओ को न खलाए 1 खड़ी फसल म अगर कोई क टनाशी दवाई छड़क गई हो तो दवाई छड़कन क 20-25 दन

बाद तक इस फसल को काटकर पशओ को नह खलाना चा हए ता क दवाई का कोई हा नकारक भाव पश पर न होन पाए

2 चार क फसल म क ट पतग क नय ण क लए लो रन टक हाइ ोकाबन क टनाशक रसायन जस डीट ट बीएचसी ह टा लोर ए ीन डाइए ीन व लोरडन आ द का योग नह करना चा हए य क य रसायन मदा स पौध तथा पशओ क ऊ तय म ि थर

होत ह तथा र त खला म इ होत ह उदाहरण क लए डीडीट व बीएचसी पशओ क वसा ऊ तय म एक त होत ह तथा यहा स र त व दध म धीर-धीर पह चत रहत ह और इस कार मास व दध क वारा मन य क शर र म वश करत ह इस कार हमार शर र म अ यव था पदा करत ह सर त व भावय त नय ण क लए अ ल खत उपाय करन चा हए

63 रबी फसल म क ट नय ण

631 गह

1 द मक - यह बड़ी हा नकारक ह और जमीन म सरग बनाकर रहती ह तथा पौध क जड़ को खाती ह इसक रोकथाम क लए एि न 5 तशत ध ल या ह टा लोर क 5 तशत ध ल या लोरोडन क 5 तशत ध ल 20 स 30 क ा त ह टयर क दर स बोन स पहल कड म डालनी चा हए

2 तना बधक - यह गह का म य हा नकारक क ट ह इसका मौथ पि तय पर अ ड दता ह अ ड स नकलन वाल कटर पलर न म घसकर उस काटन लगत ह इसक रोकथाम क लय 004 तशत फाल डोन का छड़काव (400 मल म 1000 ल पानी) करना चा हए एचडी 2189 ड यएच 283 एचयएम 234 गह क क म तना बधक क सहनशील ह

3 गह का ए फड - यह क ट जब पौध क बा लय म दान आत ह तो उसक रस को चसता ह और पि तय क रस को भी चसता ह इसम पौधा पीला तथा ह क हो जात ह इसक रोकथाम क लय 002 तशत फाल डोन का छड़काव करना चा हए इसम बीएचसी क ध ल भी लाभदायक रहती ह

4 ट डा - यह जमत ह ए बीजाकर को खाता ह और उसक बाद यह प ती को खान लगता ह यह पौध क सतह स ह खान लगता ह इसक रोकथाम क लय बीएचसी 5 तशत क ध ल 25 क ाह क दर स डालनी चा हए

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5 कटवोम या स नक क ट - इसम लारवा (स डी) भ म क सतह स पौध क तन को काटता ह यह कभी कभी बड़ा भी भयकर आ मण करता ह िजसस फसल को काफ नकसान पह च जाता ह इसक रोकथाम क लए एि न 5 तशत ध ल उपचार क लए 25 क ाह क दर स डालनी चा हए या सबह क समय 5 तशत ध ल ह टा लोर डालनी चा हए

632 जौ

1 द मक - यह फसल क जड़ को खाती ह और सरग बनाकर भ म म रहती ह इसका व तार स वणन गह क अ ययन म कया गया ह

2 कट वो स - इसका भी व तार स वणन गह क अ याय म दया ह 3 माह - पछल कई वष स जौ क बौनी क म पर माह का कोप होन लगा ह य क ट

कोमल पि तय क सतह स रस चसन क अलावा एक चप चपा पदाथ भी छोड़त ह िजस पर काल फफद फल जाती ह इसक नय ण क लए फसल पर एक ल टर मआ स टा स 25 ईसी को 1000 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर क दर स छड़काव करना चा हए

633 चना

1 कतरा - यह चन का बड़ा भयकर क ट ह यह रबी क सभी दाल वाल फसल को हा न पह चाता ह यह पौध क तन को भ म क पास स खाता ह और पौध पर चढ़कर पि तय को भी हा न पह चाता ह इसक रोकथाम क लए बआई स पव खत म 13 तशत चण क 30 क ा अथवा सवीडाल दानदार 25 क ाह क दर स म ी म मलाए

2 चन क फल बधक - इसक गडार या स डी या कमला या इ ल चन क फ लय म छद करक दान को खा जाती ह

रोकथाम क उपाय - 1 फसल क पास काश पच क मदद स ौढ़ क ट को एक करक न ट कर दना चा हए 2 अ धक कोप होन पर क टनाशी रसायन जस इ डोस फान 35 ईसी 125 ल

वोनालफास 25 ईसी 125 ल साइपरयो न 10 ईसी 700 मल मा ा को 600 स 800 ल टर पानी म घोल बनाकर एक ह टयर फसल पर जब 20 स 25 तशत पौध पर फल आन लग तो छड़काव करना चा हए पहल छड़काव क 15 दन बाद दसरा छड़काव भी कर

3 य द कसी कारण स छड़काव करना स भव न हो तो न न ल खत क टनाशक रसायन म स कसी एक को स तत मा ा म लकर समान प स उपयोग (बरकाव) करक रोकथाम क जा सकती ह -

1 काबा रल 10 श धल 20-25 क ाह 3 मला थयान 5 श धल 20-25 क ाह 4 फ थोएट 2 श धल 20-25 क ाह 5 मथाइल परा थयान 2 श धल 20-25 क ाह

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6 इ डोस फान 4 श धल 20-25 क ाह 7 वीनालफास 15 श धल 20-25 क ाह

उपरो त प स उपचा रत फसल पर दसर हा नकारक क ट जस अ क डल या माह का कोप भी नह होगा

634 मटर

मटर को नकसान पहचान वाल क ड़ म तना छदक राएदार गडार तथा त बाक वाला गडार म य ह इसक अलावा फसल को ल फ माइनर तथा ए फड (माह) भी काफ नकसान पह चात ह तना छदक स रोकथाम करन क लए बोन क समय 30 क ा यराडान या 10 क ा थीमट य स का योग कर इ ह बीज बोन सपहल म ी म मला दना चा हए प ती खान वाल गडार स रोकथाम करन क लए 125 ल टर थायोडोन (35 ईसी) का 1000 ल पानी म घोल बनाकर एक ह टयर म छड़क द फल छदक क ड़ क रोकथाम - फसल पर 025 तशत वाल काब रल या 005 तशत वाल इ डोस फान का छड़काव करक क जा सकती ह यह यान रखना आव यक ह क ब क लए फ लया उपचार क कम स कम 10 दन बाद ह तोड़ी जाए ए फड और ल फ माइनर स फसल को बचान क लए 005 तशत वाल ल डन या 005 तशत वाल इ डोस फान का छड़काव कर य द क ड़ का कोप दोबारा दखाई पड़ तो यह छड़काव दोहराया जा सकता ह 2 तशत फोरट म बीज का उपचार करन पर बवाई क 40 दन बाद तक फसल ल फ माइनर क

आ मण स बच जाती ह

635 मसर

मसर क फसल म लगभग सभी क ट जो क रबी दलहन क फसल पर पाए जात ह लगत ह इनम स म य प स कटवोम ए फड और मटर क फल बधक इस हा न पह चात ह इसक रोकथाम चन व मटर क क ट क रोकथाम क तरह ह करत ह 1 माह क ट क पहचान - यह क ट समह म पि तय तथा पौध क कोमल भाग म रस चसकर

त पह चाता ह उपचार - इसक रोकथाम हत न न ल खत रसायन म स कसी एक रसायन को 600-800 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर 1 मथाइल-ओ- डमटान 25 ईसी 10 ल टर 2 डाइ मथोएट 30 ईसी 10 ल टर 3 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर 4 लोरपायर फास 20 ईसी 750 मल ल टर 5 यनालफास 25 ईसी 10 ल टर 6 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 7 डायिजनान 20 ईसी 125 ल टर

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8 फ न ो थयान 50 ईसी 10 मल ल टर 9 मोनो ोटोफास 36 एसएल 750 मल ल टर 10 काबराइल 10 तशत चण 2500 क ा 11 काबराइल 50 तशत घलनशील चण 15 क ा 12 फारम थयान 25 ईसी 100 ल टर 2 फल छदक क पहचान - फ लय म छद करक दान को न ट करता ह उपचार - मटर क फल छदक क भा त उपचार कर पि तया खान वाल गडार तथा फल खान वाल क ट को न ट करन क लए थायोडान (35 ईसी) का 015 तशत का तशत 1000 ल टर घोल त ह टयर छड़क दना चा हए

636 तो रया और सरस

1 म टड या लाई (आरा म खी) छोअ पौध क ऊपर काल गडार का आ मण काफ होता ह य क ड़ पौध क पि तय को खाकर पर पौध को न ट कर दत ह जस जस पौध बड़ होत ह इस क ट का भाव कम हो जाता ह

आरा म खी क ट क पहचान - इसक गडार सरस कल क सभी फसल को हा न पह चाती ह गडार काल रग क होती ह जो पि तय को बह त तजी स कनार म अथवा व भ न आकार क छद बनाती ह ई खाती ह िजसस पि तया ब कल छलनी हो जाती ह रोकथाम - न न ल खत कसी क टनाशक रसायन का त ह टयर क दर स योग कर - 1 मला थयान 5 तशत चण 20-25 क ा 2 डाइ लोरवास डीडीवीपी 76 एसएल 05 ल टर 3 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर 4 मला थयान 50 ईसी 15 ल टर 5 इ डोस फान 4 तशत धल 20 क ा 6 यनालफास 15 तशत धल 20 क ा 7 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 8 मथाइल परा थयान 20 तशत धल 20 क ा 2 ए फड या माह - माह क ड़ का कोप लगभग दस बर क म य स श होता ह और बादल

घर रहन पर इसका कोप बड़ी ती ता स बढ़ता ह ायः इसका आ मण फल स श होता ह यह क ड़ तथा फ लय का रस चसत ह िजसस फ लय म दाना नह बन पाता ह

माह या क ट क पहचान - यह छोटा कोमल शर र वाला हर मटमल भर रग का क ट ह िजसक झ ड पि तय फल डठल फ लय आ द पर चपक रहत ह एव रस चसकर पौध को कमजोर कर दत ह रोकथाम - न न ल खत क टनाशक रसायन क स तत मा ा त ह टयर क दर स योग कर- 1 मथाइल-ओ- डमटान 25 ईसी 10 ल टर या 2 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर

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3 डायिजनान 20 ईसी 125 ल टर 4 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 5 फ न ो थयान 50 ईसी 10 ल टर 6 लोरपायर फास 20 ईसी 075 ल टर या 7 मोनो ोटोफास 36 एसएल 075 ल टर या 8 मथाइल परा थयान 2 तशत धल 20 क ा त ह 3 बहार क रो मल स डी - यह फसल क ारि भक अव था म आ मण करती ह बलदार ( गडार) क ट क पहचान - इस भडल क शर र का रग पीला अथवा नारगी होता ह पर त सर व पीछ का भाग काला होता ह तथा शर र पर घन काल बाल होत ह रोकथाम - रोकथाम हत न न उपचार कर -

1 थम अव था म गडार झ ड म पाई जाती ह उस समय उन पि तय को तोड़कर एक बा ट म ी क तलय त पानी म डाल दया जाए िजसस गडार न ट हो जाए

2 थम व वतीय अव था म गडार क रोकथाम हत मथाइल परा थयान 2 तशत धल 20 क ा या इ डोस फान 4 तशत धल 20 क ा या यनालफास 15 तशत धल या 20 क ा त ह क दर स बरकाव छड़काव कया जाए

3 पण वक सत गडार क रोकथाम हत न न ल खत म स कसी एक क टनाशक रसायन का त ह टयर 100 मल 0 ट पोल या 100 ाम डटरज ट पाउडर 600 ल टर पानी म मलाकर बरकाव छड़काव कया जाए

अ डाइ लोरवास डीडीवीपी 76 एसएल 625 मल ब लोरपायर फास 20 ईसी 125 ल टर स15 ल टर स इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर स15 ल टर द यनालफास 25 ईसी 125 ल टर नोट - सरस जा त क सभी फसल पर फल अव था म ऐस समय अथात सायकाल छड़काव कर जब क परागणकता क ट एव मधमि खय को हा न न पह च च त बग (पणअडबग) क ट क पहचान - यह नारगी रग का ध बदार क ट ह िजसक शश तथा वय क पि तय मलायम टह नय तथ क लय स रस चसत ह िजसक फल व प पौध क व क जाती ह क ट का झ ड कटाई क बाद मड़ाई क लए रख गए ढर म भी होता ह जो दान पर

आ मण करता ह रोकथाम - इस क ट क उपचार क लए माह क उपचार म व णत कसी एक क टनाशी का योग म लाना चा हए नोट - तलहनी फसल म बीएचसी का योग क ट नय ण म नही करना चा हय य क यह तल सरचना म पह च जाती ह

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638 अलसी

1 ल फ मा या लसन कटरपीलर या अलसी समीलपर - इस क ट क स डी पि तय को खा जाती ह यह आ दश बहार पजाब उ तर दश म पाया जाता ह यह सद क ऋत म लगता ह दन क धप म यह छप जाता ह ओर सबह शाम पि तय को खाता रहता ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क धल 20 क ा त ह टयर क दर स छड़कना चा हए अथवा 015 तशत का इ डोस फान (35 ईसी) ल पानी म घोल बनाकर छड़क दना चा हए

2 अलसी म खी या गाल मज - यह म खी चमक ल नारगी रग क होती ह तथा फल और क लय को न ट कर दती ह म य दश पजाब उ तर दश और बहार म अ धक पाई जाती ह सत बर और फरवर म अ धक याशील हो जाती ह इसक रोकथाम क लए रोगोर (30 ईसी) या मटा स टा स 35 ईसी या डाइम ोन 100 ईसी का छड़काव 250 मल दवा 1000 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स करना चा हए

639 सरजमखी

सरजमखी पर हा नकारक क ड़ का अ धक कोप नह होता फर भी अकरण का अव था म अकर को कछ क ड़ काटत ह िजसस नकसान हो सकता ह फल खलन क अव था म सरावधक हा न पह चा सकत ह इसक अ त र त ज सड क आ मण स भी हर समय फसल क र ा क जानी चा हए बोआई स पहल खत म 15 कलो त ह टयर क दर स ह टा लोर (5 तशत धल) मलाकर इनक रोकथाम क जा सकती ह 0025 तशत मटा ससआ स या

डाइम न (25 ईसी) एक मल दवा को एक ल टर पानी म घोलकर छड़काव कर

6310 कसम

ए फड या माह - यह क ट पि तय का रस चसकर फसल को हा न पह चाता ह नम मौसम म इसका भाव अ धक बढ़ता ह कभी-कभी इस क ट स 13-49 तशत तक उपज म कमी आती ह इसक रोकथाम क लए मटा स टो स 015 तशत का घोल 2-3 बार 6-10 दन क अ तर म छड़कना चा हए इस दवाई क थान पर रोगोर 500 मल या डाइम ान 200 मल 100 ई सी को 1000 ल पानी म घोलकर एक ह टयर म छड़कना चा हए इसक अ त र त प ती क स डी कसम क म खी व चन क स डी कसम क स डी नामक क ट भी कसम क फसल को हा न पह चात ह इन सभी कार क क ट व स डय क रोकथाम क लए परा थयोन या थायोडान का 004 तशत का घोल छड़कना लाभ द रहता ह

6311 बरसीम

समीलपर बरसीम को हा न पह चान वाला मख क ट ह इसका आ मण फरवर-माच म होता ह अ य क ट म चन क सडी स ए फड व ासहोपर भी फसल को हा न पह चात ह क ट का

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कोप होन पर पर खत क कटाई एक साथ करक 5 तशत मला थयान क ध ल का बरकाव कर बरकाव क 10-15 दन बाद तक खत स चार क कटाई न कर अ यथा पशओ को हा न हो सकती ह इन सब क ट पतग क रोकथाम का व तत अ ययन आग लसन अथवा रजका क अ याय स क िजए

6312 लसन या रजका

1 ए फा ए फा ए फड या माह - क ट क वय क छोट होत ह शी ह भर व पील रग म बदलत ह न फ व वय क पौध को रस चसत ह पि तय पर लोरो सस व नस पील पड़ जाती ह बीजाकर न ट हो जात ह पौध क व क जाती ह ोट न व करोट तशत 50 तशत कम हो जाती ह क ट पि तया पर शहद क तरह चप चपा पदाथ छोड़त ह िजसक कारण पि तय पर फफद व मो ड लग जातह बरसीम क फसल का भी यह म य क ट ह इसक नय ण क लए 001 तशत म आ स टा स या 005 तशत मला थयान या डायिजनान क 800 ल टर घोल का छड़काव त ह टयर करना चा हए

2 पि तय का कतरा - क ट हर पील या भर रग क होत ह अ धकतर पि तय क नचल सतह पर ठहरत ह तथा इसका रस चसत रहत ह पि तय का रग सफद पीला लाल या भरा दखाई पड़न लगता ह भार आ मण पर पौध झलस नजर आत ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान का घोल छड़कना चा हए

3 ए फा ए फा व वल - वय क क ट का रग गहरा भरा या काला होता ह शर र पर छोट छोट भर बाल होत ह लारवा (स डी) का रग हरा होता ह पर नह होत तथा शर र क नचल भाग पर अ छ वक सत डो लया होती ह जो इसक चलन फरन म सहायता करती ह पि तय को छद करक खात ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत इ डोस फान (थायोडान 35 ईसी) क घोल क 800 ल टर मा ा त ह टयर छड़कनी चा हए

4 लसन गडार या स डी - बरसीम म भी यह स डी लगती ह वय क क अगल पख भर व पील एव लाल ध ब लएहोत ह पछल पख सफद एव गहर धा रया लए होत ह गडार 2-5 समी तक ल ब होत ह गडार का रग हरा तथा धार दार होता ह वय क पि तय क नचल सतह पर अ ड दती ह लारवा या सडी बह त तजी स प ती खाती ह और शी ह पि तय का रग कागज क तरह सफद हो जाता ह अ त म पि तय क म य शरा ह शष रह जाती ह बरसीम व चक दर पर भी इस क ट का आ मण होता ह थायोडान 01 तशत या स वन 02 तशत का घोल छड़कना चा हए छड़काव क 20 दन बाद ह

पशओ को चारा खलाइए 5 समी लपर - वय क क अगल पख पर सनहर Y क आकार का च न होता ह वय क

लपर या गडार ह क रग म बदलत हव बाद म भर हर रग क हो जात ह सर का भाग पीछ क तलना म नक ला होता ह गडार प ती का एक भाग खाती ह अग त स आ मण ार भ होकर सत बर व अ टबर म भार आ मण होता ह इसक रोकथाम क लए 05 तशत इ डोस फान क घोल का छड़काव कर बीस दन तक चारा योग न कर

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6 बहार रोएदार गडार - क ट का रग भरा नारगी होता ह तथा पख पर काल ध ब पाए जात ह गडार रोएदार व उदर अथवा नीच स काल रग क होत ह ऊपर क अथवा पीठ क तरफ नारगी पील रग क होती ह गडार हर पि तय को खात ह एक प ती समा त होन पर दसर पर पह च जात ह यह अनक वन प तय पर नवाह कर सकता ह जस बरसीम वार लो बया व सोयाबीन आ द इसक रोकथाम क लए 015 तशत का इ डोस फान

(35 ईसी थायोडान) क800 ल टर घोल का छड़काव त ह टयर करना चा हए 7 चन का कतरा - वय क धस रत सफद रग क होत ह अगल पख पर प या दो काल

धार दार कतार म जो पख क आधार पर होती ह ार भ होती ह लारवा रात म आ मण करत ह व दन म मदा सतह म छप जात ह बीजाकर को भार हा न पह चात ह इसक रोकथाम क लए 02 तशत या 05 तशत इ डोस फान का 800 - 1000 ल टर घोल त ह टयर छड़कना चा हए 20 दन तक इस खत म पशओ को हरा चारा न खलाए

6313 त बाक

1 त बाक क स डी या गडार - यह स डी त बाक क हर और मलायम पि तय को खाती ह और कभी-कभी तन को भी खाती ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान 35 ईसी क घोल को छड़कना चा हए एि न (5 तशत) क 25 क ाह मा ा क दर स बरकना भी लाभदायक ह

2 तना बधक - यह तन क अ दर घसकर तन को खाता ह और इस तरह पौध न ट हो जात ह इस रोकन क लए त बाक क गडार वाल दवाइय का योग क िजए

3 ए फड या माह - यह पि तय तथा तन क रस को चसत ह और पौध पील पड़ जात ह और फसल काफ कमजोर हो जाती ह इसक रोकथाम क लए परा थयान या डाइम ान का 02 तशत का छड़काव लाभदायक हआ ह

4 कटआ या कटवम - इसक स डी भ म क तर स तन को काटती ह और पि तय को खा जाती ह िजसस फसल को बह त त पह चती ह रोकथाम क लए 5 तशत ह टा लोर 25 क ाह क दर स डालनी चा हए खड़ी फसल म इस रोकन क लए 015 तशत इ डोस फान 35 ईसी क 800 ल टर घोल का छड़काव त ह कर

5 द मक - द मक स भी कभी कभी फसल को बह त त पह चती ह इसक रोकथाम क लए भ म का उपचार क टनाशक दवाओ स करना चा हए ह टा लोर या एि न 265 क ा त ह क दर स डालना लाभदायक ह

64 साराश फसलो म समय पर क ट नय ण करना अ त आव यक ह फसल म पाऐ जान वाल म य क ट तना छदक ल फ माइनर द मक ऐ फड ज सड़ लपर स मलपर कतरा तना बोधक आ द होत ह क ट क नय ण क लए व भ न क टनाशक का योग कया जाता ह क टनाशक क सह मा ा एवम इनक योग करन क व ध का सह ान होना अ त आव यक ह अ यथा इसका वप रत भाव फसल पर पड़ सकता ह

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65 बोध न 1 धान म लगन वाल म य क ट एवम उनको नय ण करन क क टना क तथा उनक

सह मा ा बताइए 2 गह क भडा रत क ट एवम उनका नय ण बताइए 3 न न म स कौनसा क ट धान क फसल म पाऐ जात ह

(अ) धान क जड़ स डी (ब) तना छदक (स) ज सड (द) उपरो त सभी

66 सदभ साम ी 1 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 Singh Chaddha 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi 5 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 6 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 7 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

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इकाई 7 बागवानी फसल क म य क ट और उसका नय ण

इकाई क परखा 70 उ य 71 तावना 72 क ड़ क रोकथाम 73 क टनाशक का योग करत समय सावधा नया 74 बागवानी फसल क म य क ट ल ण और उनका नय ण 75 साराश 76 बोध न 77 सदभ साम ी

70 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप जान पाऐग क - क ट नय ण क म य क ट ल ण तथा उनका नय ण क टनाशक का योग करत समय सावधा नया

71 तावना फलदार पौध पर अनक कार क क ड़ का कोप होता ह य प त तन छाल फल व

फल आ द हर भाग को हा न पह चा सकत ह य द छोट पौध पर कोप हो तो पोध मर भी सकत ह बड़ पौध पर क ट आ मण स उनक बढ़वार तथा उ पादन म कमी आती ह क ड़ फलव को न न ल खत दो कार स हा न पह चात ह 1 काटकर ओर चबाकर 2 पौध का रस चसकर

काटकर तथा चबाकर खान वाल क ड़ वारा कया गया नकसान आसानी स पहचाना जा सकता ह तथा इ ह आसानी स नय त कया जा सकता ह पर त रस चसन वाल क ड़ क आ मण क अनक ल ण ह जो पौध व शाखाओ का छोटा (बौना) रहना प त मड़ना और पौध क अनक भाग वशषकर तन का मड-तड जाना आ द आमतौर पर दख जा सकत ह अ य ल ण म ध ब नजर आना व पौध का पीला पड़ना शा मल ह काटन व चसन दोन कार स हा न पह चान वाल क ड़ क कोप काएक म य ल ण ह गाठ बनना

72 क ड़ क रोकथाम क ट नय णक तीन म य तर क ह जो न न ल खत ह - क) याि क नय ण ख) स य याओ वारा नय ण

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ग) रासाय नक नय ण क ट नय ण का यक तर का न न ल खत चार बात पर आधा रत ह - 1) नर ौढ़ का ब धयाकरण

इसम नर ौढ़ को पकड़कर करण वारा ब धया कर दया जाता ह और जनन क उ चतसमय पर मादाओ क साथ छोड़ दया जाता ह इसस मादाए आग अ ड दन म असमथ हो जाती ह 2) नवजात क ड़ का जीवनच तोड़ना

नवजात क ड़ को जीवन क व भ न अव थाओ पर रसायन स मार दया जाता ह ता क कम स कम क ड़ ौढ़ आय तक पह च सक 3) लाभदायक क ट का योग

लाभदायक म क ड़ जस लडीबग भ ड आ द द मन क ड़ को खा जात ह इस कार द मन क ड़ क स या पर नय ण पाया जाता ह 4) लाभदायक पौध का योग

म य फसल क आसपास कछ ऐसपौध लगात ह िजस पर हा नकारक क ट आक षतहोत ह या फर आ मण करन वाल क ड़ क लए एनि छक वातावरण पदा कर दत ह क) याि क नय ण

व भ न कार क य या हाथ स क ड़ को पकड़ लया जाता ह तथा उसक बाद क टनाशक स मार दया जाता ह ख) स य याओ वारा रोकथाम

फसल च अपनाकर काट-छाट अथवा रोधक क म का योग करक भी क ट नय ण कया जा सकता ह

ग) रासाय नक नय ण रासाय नक नय ण म क टनाशक का फसल पर छड़काव कया जाता ह क टनाशकक

मा ा क ट व फसल तथा क ट क स या पर नभर करती ह क ड़ वय हा न पह चान क अ त र त बमार फलान वाल जीवाण जस वायरस आ द को एक थान स दसर थन पर ल जान म भी मदद करत ह ऐस क ड़ को lsquolsquoव टरrsquorsquo कहत ह सफद म खी हरा तला आ द कछ म य क ट व टर ह

73 क टनाशक का योग करत समय सावधा नया 1 क टनाशक को कवल सर त थान पर रख 2 क टनाशक को खान-पीन क व तओ क पास न रख 3 क टनाशक ड ब पर लखी हदायत का पालन कर 4 क टनाशक क म ह इ या द मजान पर तर त डॉ टर क सलाह ल 5 क टनाशक खाल ड ब को न ट कर द 6 क टनाशक का छड़काव करन क बाद हाथ पर म ह अ छ तरह साबन व पानी स धोए

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7 यर क नोजल आ द स कचरा नकालन क लए न फक मार न हवा खीच और न मह लगाए

74 बागवानी फसल क म य क ट ल ण और उनका नय ण क ट का नाम हा न क ल ण नय ण 1 छाल खान वाल स डी

यह क ट अम द बर शहतत अनार नीब आड ल ची आवला जामन व लोकाट क पड़ को नकसान पहचाता ह इनक अलावा यह क ट अनक छायादार व अ य पड़ को भी हा न पह चाता ह इसक स डी ह नकसानदय ह जो अ सर दखाई नह दती य क यह दन म तन क अ दर रहकर सरग बनाती ह इसका मल व लकड़ी का बरादा एक जाल क प म पड़ क तन व टह नय पर दखा जा सकता ह यह रात को सरग स बाहर नकलकर जाल क नीच रहकर छाल को खाती ह िजसस पड़ क खराक नल न ट हो जाती ह फल व प पौध क अ य भाग म पोषक त व नह पह चत िजन बाग म दखभाल नह होती उनक परान पड़ पर यह स डी यादा नकसान पहचाती ह यादा तज हवा चलन पर को पत तन व टह नया टट कर गर जात ह और परा पौधा मर जाता ह

10 मल मोनो ोटोफास (नवा ानमोनो सल) 36 ड यएससी या 10 मल मथाइल परा थयान (मटा सड 50 ईसी) को 10 ल टर पानी म घोलकर सराख क चार और क छाल पर सत बर - अ टबर क मह न म लगाए 2 40 ाम काब रल (स वन) 50 तशत पाउडर (घपा) या 10 मल फ न ो थयान (फोल थयानस म थयान) 50 ईसी को 10 ल टर पानी म मलाकर घोल बनाए इस घोल को फरवर -माच क मह न म ई क फोह स कसी लोह क तार क मदद स क ड़ क सराख क अ दर डाल द व सराख क गील म ी स ढ़क द 10 तशत म ी क तल का इम शन (एक

ल टर म ी का तल+100 ाम साबन+9 ल टर पानी) भी योग कर सकत ह या नीच द गई दवाइय म स कसी एक का पानी बनाया गया 5 मल घोल का योग म लाया जा सकता ह मल डाई लोरवास (नवान) 36 ईसी या 5 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी को 10 ल टर पानी म मलाय घोल को सराख म डालन क बाद म ी स ब द कर द नोट - 1 क टनाशक दवाइय का योग जाल हटान क बाद ह कर 2 आसपास क सभी व क सराख म भी दवाइय का योग कर

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3 बाग को साफ-सथरा रख व नधा रत स या स यादा पड़ न लगाय

2 द मक यह क ट फलदार छायादार व अ य व को काफ नकसान पह चाता ह इसका यादा नकसान नसर म या नए लगाए गए पौध म होता ह यह क ट सय क रोशनी स बचता ह श क व अ श क जलवाय इसक लए अ तलाभदायक होती ह यह तन पर म ी क सरग म रहकर छाल को खाता ह या फर भ म म रहकर जड़ स तन क ओर खोखला करत ह ए उपर क ओर बढ़ता ह इनक कमर वारा छाल जड़ व अ दर क लकड़ी खान स पड़ सखकर मर जात ह द मक स को पत व व टह नया तज हवा म गर जात ह इसका नकसान सखी लकड़ी म भी होता ह बरसात को छोड़कर इसका कोप सारा साल बना रहता ह

या क ढग स सखी लकड़ी गल सड़ी व कोई भी ठठ आ द खत म न रह गोबर क हर व क ची खाद योग म न लाय य क यह सभी द मक क बढ़ावा दती ह पौध क आसपास गहर जताई कर जहा तक सभव हो रानी द मक को न ट कर रासाय नक तर क स पौध लगान स पहल 50 मल लोरपाय रफॉस 20 ईसी 5 ल टर पानी म त ग ढ़ प धा लगात समय डाल दवाई

का घोल डालन स पहल यक ग ढ़ म 2-3 बा ट पानी डाल द नय पौध लगान क बाद एक ल टर लोरपाय रफॉस 20 ईसी एकड़ सचाई

करत समय डाल

3चरड़ा प यह म य प स अगर का क ट ह इसक अलावा नीबवग य फल जामन आम व अम द को भी नकसान पह चाता ह इसक शश (Nymph) छोट पील भर व यवा (Adult) काल भर रग क पतल व ल ब होत ह जो प त क नचल सतह स रस चसकर सफद भर रग क ध ब बना दत ह शश जो बह त हा नकारक हत ह 9-20 दन म पर तरह स वक सत हो जात ह जब कोप बह त यादा होता ह तो प त मड़

750 मल ए डोस फान (थायोडानए डो सल) 35 ईसी या 150 मल फनवलरट (फनवाल) 20 ईसी या 500 मल मला थयान (साय थयान) 50 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़काव कर

नोट - िजन क म क प त रोयदार व नचल मोट हो उन पर इस क ट का यादा नकसान नह होता ह

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जात ह व पील होकर गर जात ह अ वक सत फल का कोप हो तो ध ब क वजह स फल स त व भ हो जात ह िजनम उनक गणव ता भी कम हो जाती ह इसका यादा नकसान सख मौसम म अ ल स जन व अग त स नव बर म होता ह यह यप क प म दस बर स माच तक जमीन म शात व नि य रहता ह तथा माच स नव बर तक इसक 5-8 पी ढ़या होती ह

4नीब क ततल

नीब जा त का यह वनाशकार क ट ह इसक स डी श म भर काल रग क हाती ह िजन पर काल ध ब होत ह तथा बाद म इसका रग हरा हो जाता ह य जवजात पि तय को कनार स म य शराओ तक खाती ह नसर स तथा छोट पौध व मलायम पि तय पर इसका नकसान यादा होता ह मा टा पर इसका कोप अ य धक होता ह

जसा नीब क सफदकाल म खी म दया गया ह नोट - जहा तक हो सक सि डय व यपा को हाथ स पकड़कर न ट कर

5नीब का स ला

स ला नीब जा त क सभी फल व का एक म य क ट ह िजसक शश गोल चपट व नारगी - पील तथा ौढ़ भर रग क होत ह जो प त व नई टह नय स रस चसत ह रस चसन स प त व टह नया पील हो जाती ह व आ खरकार सख जाती ह इसक शश यादा नकसादय होत ह इस क ट क 8-10 पी ढया होती ह व परा वष स य रहता ह इसका यादा

625 मल डाइमथोएट (रोगार 30 ईसी) या 750 मल ऑ सीडीमटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसी या 5 मल मोनो ोटोफास (नवा ानमोनो सल) 36 ड यएससी 500 ल टर पानी म त एकड़ छड़क नोट - नीब जा त क सभी व पर भी छड़काव कर

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नकसान माच-अ ल व वषा ऋत क बाद होता ह मा टा व मीठ - नीब पर इसका यादा नकसान होता ह

6नीब का ल फ माइनर

यह क ट नीब क प त को नकसान पह चाता ह बना पर क ह क-पील रग क सि डया मलायम पि तय क दोन तरफ चमक ल व टढ़ -मढ़ सरग बनाती ह को पत पि तय पर फफद जसी बीमार हो जाती ह िजसस पि तया व टह नया सख जाती ह पर साल म इस क ट क लगभग 12 पी ढ़या होती ह पर त यादा नकसान बसत व मई स अ टबर क म हन म होता ह इसका यादा नकसान मलायम व रसदार पि तय पर होता ह नसर म इसक कोप स परा पौधा ह न ट हो जाता ह

जसा क नीब क स ला म दया गया ह

7नीब क सफद व काल म खी

सफद म खी क शश चपट ह क पील रग क व शर र पर बाल वाल होत ह ौढ़ क शर र व पख पर सफद रग का पाऊडर होता ह काल म खी क शश चपट काटदार अ डाकार व गहर भर या काल रग क होत ह जब क यवा ह क रग क होत ह यह मलायम पि तय म रस चसत ह िजसस पि तया पील नड़ जाती ह व आ खरकार सखकर गर जाती ह शश 25 स 70 दन तक पि तय क नीचल सतह पर चपक कर बड़ होत ह यह म खी माच स अ ल व अग त स सत बर म यादा

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ोनमोनो सल) 36 ड यएससी या ए सफट 200 ाम 75 एसपी 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़काव कर नोट - बाग म पौध ज रत स यादा नह लगान चा हए पानी का नकास सह होना चा हए

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नकसान करती ह जब क पर गम (माच स सत बर) स य रहती ह इसक साल म दो पी ढया होती ह यह शश क अव था म शात व नि य रहता ह व इसका ौढ़ यादा दन जी वत नह रहता सफद म खी नीब क अलावा जामन म भी नकसान पह चाती ह

8लाल ततय व पील भरड़

ततय व भरड़ क म य सम या अगर ह य कट-फट अगर का पण प स खा जात ह इसक अलावा यादा मीठ रस व पतल छलक वाल फल को पकन पर बह त नकसान पह चात ह फल को तोड़त समय भी काफ परशान करत ह लाल ततय क छ त पड़ क खोखल भग व दवार क आड़ म जब क भरड़ क छ त घर म छ त क नचल सतह पर पाय जात ह

1 काब रल 50 तशत घलनशील पाउडर (40 ाम 10 ल टर पानी म) का छड़काव सय छपन क समय कर 2 पकत ह ए ग छ का कपड़ा बाधकर भी ततय व भरड़ स छटकारा पाया जा सकता ह

9प त खान वाल भ डया

इसक व भ न जा तया बर अगर अम द आ द व को नकसान पह चाती ह श क व अ श क म यह यादा हा न करती ह भर चमक ल व मोट - ताज यवा (Adult) शाम स सबह तक व क प त को खब खात ह और दन नकलन स पहल ह जमीन म छप जात ह वस तो यह प त म गोल छद करक खात ह पर त जब अ धक नकसान होता ह तो व पर प त ब कल ख म कर दत ह िजसस फल नह लगत इसक सि डया अनक फसल क जड़

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ान) 36 ड यएससी या एक ल टर ि वनलफॉस (ईलाल स) 25 ईसी या 15 कलो ाम काबा रल (स वन) 50 एकड़ शाम क समय छड़क छड़काव यवा नकलन क एक दन बाद कर जो क मानसन क पहल वषा क बाद नकलत ह अगर छड़काव क तर त बाद बा रश हो जाय या फर नकसान जार रह तो उपय त छड़काव दोबारा कर नोट - बाग क आसपास क व पर भी छड़काव कर

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को मानसन या इसस पहल क वषा क बाद नकसान करती ह यवा क आय लगभग एक मह ना होती ह व इस क ट क पर वष म एक ह पीढ़ होती ह

10टबाल वाल स डी

गहर-भर रग क सि डया जो क अ ड स नकलत ह इक ी होकर प त क नीचल सतह को खाकर छलनी कर दती ह स डी क शर र पर ल ब-ल ब बाल होत ह यह बड़ी होकर पर व पर फल जाती ह व शाखाओ को खाकर प ता र हत कर दती ह फल को भी खाती ह िजसस उनक गणव ता कम हो जाती ह यह स डी बर व अगर क फल क मौसम म पर तरह स य रहती ह

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ान) 36 ड यएससी या एक कलो ाम ि वनलफॉस (स वन) 50 तशत घलनशील पाउडर को 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़क छोट सि डय को या क तर क स न ट कर

11 मल बग यह आम का एक बह त ह वनाशकार क ट ह इसक अलाव यह क ट बर अम द नीब अनार अजीर आ द फल व को भी नकसान पह चाता ह दस बर - जनवर म जमीन क अ दर अ ड स नकलकर छोट-छोट भर शश व क पि तय पर जमा हो जात ह फरवर मह न म नई पतल डा लय पर इक हो जात ह शश और मादा ौढ़ चपट मोट व अ डाकार होत ह व इनक शर र पर सफद मोर जसा चण जमा होता ह य दोन जनवर स अ ल तक नई डा लय क अलावा बौर वाल टह नय स रस चसत ह सस टह नया मरझा जाती ह अ धक कोप होन पर फल भी झड़ जात ह फल व प व पर

1 म य दस बर म इस क ड़ क शशओ को पड़ पर चढ़न स रोकन क लए जमीन स 50 स 100 समी क ऊचाई पर म य तन पर लगभग एक फट चड़ी चकनी अ कोहल (300-400 गज पॉल थीन) क प ी बाध पड़ क ऊपर परानी 5-6 समी चड़ी छाल अ कोहल चादर लगान स पहल क हाडी स काटकर उतार लनी चा हए ओर इस समतल थान क ऊपर 5 समी चड़ी तारकोल क तह लगाकर तर त चादर क नचल भाग क कना रय स अ छ तरह दबा द ता क चादर और तारकोल क म य कोई खाल थान न रह इसी कार चादर क ऊपर ह स को भी 3-4 जगह स चपका द 2 ब ड ( फसलन वाल प ी) क नीच जमा क ट को 100 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 300 मल

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फल ह नह लगत बाग एक कार का मीठा रस भी छोड़ता ह

िजसस पौध पर काल रग क फफद जमा हो जाती ह जो काश स लषण म बाधा डालती

ह यह क ट दस बर स मई तक स य रहता ह तथा जन स नव बर तक अ ड क प म जमीन म रहता ह इसक एक पीढ़ होती ह िजन बाग म कई कार क फलव क वजह स

भ म क जताई नह हो पाती उनम इस क ट का अ धक कोप होता ह

ि वनलफास (इलाल स) 25 ईसी या डायिजनान (वासडीन) 20 ईसी को 50 ल टर पानी घोलकर त 50 व पर म य जनवर और फर म य फरवर म छड़काव क लए लगभग एक ल टर घोल क ज रत पड़ती ह 500 मल मथाईल परा थयान मटा सड) 50 ईसी या 15 ल टर ि वनफॉस (ईकाल स) 25 ईसी या 125 ल टर डायिजनान (वासडीन) 20 ईसी को 500 ल टर पानी घोलकर त एकड़ छड़कन स प त व टह नय पर जमा क ट को मारा जा सकता ह 3 अ ल व मई म व स नीच उतरती ह ई जो फस गई हो या नीच गर ह ई मादाओ को सखी पि तय क साथ इक ा करक जला द 4 जन-जलाई म व क नीच क जमीन उलट-पलट कर ता क सय क गम व परजीवी श ओ स क ट क अ ड न ट हो जाय बाग को साफ सथरा रख कचर आ द को जला द नोट - बाग म सभी व पर बड लगाय 2 व क प त व टह नया भ म या वन प त को न छय ता क जमीन स बग व परन चढ़ सक

12आम का तला या फदका

तला आम का एक म य क ट ह इसक पील भर शश व भर हर प चड़ क श ल क पौढ़ नई पि तय क लय फल क ड डया व बौर स रस चसत ह िजसस य मरझाकर सख जाती ह यादा कोप स पर पड़ ख म हो जात

ह शश और ौढ़ दोन ह समह म त करत ह तथा ौढ़ क अप ा शश यादा नकसान करत

1 नधा रत स या स यादा पड़ नह लगान चा हए ता क हवा व रोशनी चर मा ा म बाग म वश कर सक अनाव यक पड़ व झा डय को काट द यह भी स नि चत कर क बाग म पानी का जमाव न हो ता क ज रत स यादा नमी न हो 2 बसतकाल न फटाव क तर त बाद (फरवर क आ खर तक) 15 कलो ाम काब रल (स वन) 50 तशत घलनशील पाउडर या 500 मल मला थयान

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ह शश फल व उनक डठल स रस चसत ह जब क ौढ़ पि तय क नचल सतह पर नकसान करत ह यह क ट पि तय पर एक मीठा रस छोड़ता ह िजसस काल फफद आ जाती ह और पि तया चकनी हो जाती ह इसक शश 10 स 20 दन म बढ़कर ौढ़ (फरवर स अ ल) बोर क समय होती ह दसर पीढ़ (जन स अग त) स यादा हा नकारक ह दसर पीढ़ क ौढ़ सघन छायादार व नमी वाल थान पर शीत नि य रहकर

फरवर म स य हो जात ह जहा पर पानी का जमाव हो या घन व ह वहा यह क ट अ धक मा ा म होता ह

(साय थयान) को 500 ल टर पानी म मलाकर छड़काव कर इस माच क अ त म दोबारा भी छड़क

13आम का गोभ छदक

आम क छोट कलम चढ़ाए गए पौध का यह म य क ट ह पील-नारगी रग क सि डया श म पि तय क म य शराओ म छद बनाकर व बाद म मलायम रोहा (शटस) क बढ़त ह ए भाग क अ दर सरग बनाकर 8-10 दन तक खाती रहती ह को पत रोह सख जाती ह व पि तया गर जाती ह िजसस नई बढ़तवार सख जाती ह इसक छोट व गोल वश वार स मलम आ द नकलता रहता ह इस क ट क 3-4 पी ढया होती ह जलाई स अ टबर तक यह स य रहता ह जब क नव बर स माच तक यपा बनकर शीत नि य रहता ह1 त त टह नय व रोह

2 नई टह नय व रोह पर 250 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 10 कलो ाम काब रल (स वन) 50 ड यपी या 400 मल डाईमथोएट (रोगोर) 30 ईसी या 300 मल मनो ोटोफॉस (नवा ान) 35 ड यएससी का 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़काव कर

113

को तोड़कर न ट कर द

14आम का तना छदक

इस क ट का कोप कभी-कभी आम शहतत व अजीर क व म पाया जाता ह इसक सि डया पील सफद जो 6 स 8 समी ल बी होती ह तथा इनक मखाग भी काफ मजबत होत ह य तन व शाखाओ क अ दर लकड़ी म सरग बनाकर खाती ह तथा लकड़ी क रश को खान क बजाय काटती ह सरग स एक चप चपा सा पदाथ नकलता ह त त शाखाओ स पि तया गर जाती ह तथा तन व टह नया तज हवा म टट जात ह ौढ़ जो 5-6 समी ल ब होत ह तथा इसक टाग व एट ना भी ल ब होत ह यह शाखाओ क छाल खाती ह व कम नकसान पह चाती ह इसक मई स जलाई तक एक पीढ़ होती ह परान व गर ह ए व पर इसका यादा कोप होता ह

1 त त तन व मर रह शाखाओ को काटकर जला द िजसस इनक अ दर छपी ह ई सि डया व यप मर जाय 2 सराख स बरादा हटाकर 10 मल मथाईल परा थयान इमलरान (4 मल मटा सड 50 ईसी को एक ल टर पानी म) को सराख क अ दर डाल व म ी स ब द कर द

15 कल क ट यह क ट छोटा गोल ह का भरा या पीला भरा होता ह जो सफद मोम जस चण पदाथ स ढ़का रहता ह अ ड स नकलत ह शश नवजात रस चसत ह य क ट मीठा रस भी छोड़त ह िजसक वजह स काल ची टया आती ह और फफद भी लग जाती ह इसक कोप स व क बढ़वार क जाती ह अ टबर स नव बर तक यह क ट स य रहता ह व ौढ़ क प म शीत नि य हो जाता ह नवजात पौध व आम क कलमी क म

1 को पत शाखाओ को काटकर जला द 2 500 मल मथारल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 125 ल टर डाइिजनान (बासडीन) 20 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर माच व सत बर म त एकड़ छड़क

114

पर इसका कोप यादा होता ह 16फलम खी यह म खी अम द व आड क

साथ-साथ आम नाशपती व नीब पर भी नकसान करती ह इसक ौढ़ घरल म खी जस होत ह व

इसक उड़न क मता भी अ धक ह मादा म खी फल म छद करक छलक क बीच अ ड दती ह इसक सि डया फल क अ दर रहकर ग ा खाती ह िजसस फल बडौल हो जात ह तथा उनक माग (बाजार क क मत) न बराबर होती ह सि डया यपा बनन क लए अपन वारा बनाए गए छद स नकलकर जमीन म गर जाती ह इसक कई पी ढया होती ह

1 म खी स त त फल को त दन एक त करक दो फट गहरा जमीन म दबा द या भड़ व बक रय को खला द 2 जन-मई ओर दस बर-जनवर म व क आसपास क जमीन क गड़ाई कर द ता क म खी क यप मार जाए 3 500 मल मला थयान (साय थयान) 50 ईसी + 5 कलो ाम गड़ को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़क अगर ज रत हो तो यह छड़काव 7 स 10 दन क बाद फर दोहराय नोट - मला थयान दवाई छड़कन क 5 दन बाद तक फल को न तोड़

17लाख बनान वाला क ट

यह क ट बर अजीर पलखन और पीपल को नकसान पह चाता ह लाल रग क शश जो चप चप पदाथ स ढ़क रहत ह नवजात टह नय स रस चसत ह िजसस पदावार व गणव ता म भार कमी आती ह शशओ स नकल मल पर फफद लग जाती ह इसका कोप फलता ह परानी बाग म जहा पर दखभाल अ छ तरह स नह क जाती वहा पर इसका नकसान यादा होता ह

1 जो टह नया इस क ड़ स त त ह उ ह फल लन क बाद काटकर जला द 2 400 मल मोनो ोटोफास (नवा ोन) 36 ड यएससी600 म0ल 0 ऑ सीड मटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर अग त- सत बर म त एकड़ क हसाब स छड़काव कर

18प ती लपट

यह आड का वनाशकार क ट ह व बादाम नाशपाती तथा अलचा पर भी हा न पह चाता ह इसक गहर-हर रग क शश एव पील रग क ौढ़ नवजात व बढ़ रह रोह स रस चसत ह को पत

टह नय क या मड़ जाती ह तथा उन पर फल काफ कम लगत ह

1 500 म0ल 0 डाईमथोएट (रोगोर) 30 ई0सी0 को 500 ल टर पानी म मलाकर नए फटाव स पहल त एकड़ छड़क

2 जब फल मटर क दान क बराबर हो तब उपय त दवाई का दोबरा छड़काव कर य द फर भी ज रत हो तो 15

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जो पकन स पहल झड़ जात ह इसक अलावा एक और जल माइजस पर सक क लय पि तया व छोट फल स अ ल स जन तक रस चसकर आड को हा न पह चाता ह

दन बाद दोबारा छड़काव कर

19बर क म खी

यह बर का सबस वनाशकार क ड़ा ह यह भर-पील रग क म खी ह िजसक व पर काल व पख पर भर सलट रग क ध ब होत ह मादा म खी फल क छलक क नीच अ ड दती ह को मत फल कान हो जात ह जो क खान लायक नह रहत ऐस फल ज द पकत ह व गर भी जात ह पण वक सत स डया यपा बनन क लए अपन वारा कए गए छद स जमीन म गर जाती ह इसका नकसान यादा मीठ अगती व पछती फसल म होता ह यह म खी 7 स 24 दन तक स डी क प म रहती ह इसक नव बर स अ ल तक 3-4 पीढ या होती ह

1 नव बर म जब फल मटर क दान िजतन बड़ हो जाय तब पड़ पर 600 म0ल 0 आ सी डमटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसीया 500 म0ल 0 डायमथोएट (रोगोर) 30 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ क हसाब स छड़क इस म य दस बर म फर दोहराय

2 जनवर क अ त म 500 म0ल 0 मला थयान (साय थयान) 50 ईसी 5 कलो ाम गड़ को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़क

3 क ड़ स त त फल को रोजाना एक त करक दो फट गहरा जमीन म दबा द या बक रय व भड़ को खला द

4 मई-जन और दस बर-जनवर क मह न म व क आसपास अ छ गड़ाई कर द

नोटः मला थयान छड़कन क दो दन बाद फल को तोड़कर कम-स-कम आधा मनट तक पानी म धोय ता क फल पर दवाई का असर न रह

20प ता मरोड़ अ टपद

यह ल ची व अनार का म य क ट ह शश सफद व ौढ़ ह क भर रग क होत ह य तजी स बढ़न वाल व क पि तय क नचल सतह खरच कर रस चस लत ह िजसस पि तय पर छोट सफद ध ब बन जात ह य ध ब बाद

1 को पत पि तय व टह नय को बार-बार तोड़कर जलात रह

2 म0ल 0 डाईमथोएट (रोगोर) 30 ईसी का नया फटाव आन पर या कोप श होन पर 500 ल टर पानी म मलाकर छड़काव कर

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म एक-दसर स मल जात ह व गहर भर रग क मखमल तह बन जाती ह त त पि तय मड़कर गर जात ह गम क श क मह न (अ ल-जन) म इसका कोप यादा होता ह तथा मानसन श होन पर कम ह जाता ह जो क सत बर म फर श हो जाता ह सद क मौसम म इसका नकसान काफ कम रहता ह

3 3500 म0ल 0 मथा लयान (साय थयान) 50 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर फल पकन क कछ पहल त एकड़ क हसाब स छड़क य द ज रत हो तो 10 दन बाद फर छड़काव कर

नोटः मथा लयान दवाई क छड़कन क एक 4 स ताह तक फल को न तोड

21प ी च डया तोत व कौव आ द प ी भी फल को काफ नकसान पह चात ह

1 इनक घ सल को अ ड स हत अ ड दन क मौसम म न ट कर

2 प ी उड़ान क य स प य को दर भगाय बाग म भरा हआ प ी टाग दन स भी प ी नह आत

3 कम तर पर फल व को जाल स ढ़क कर भी प य स बचाया जा सकता ह

4 बाग म काफ शोर करन वाल पटाख छोड़कर भी प य को दर भगाया जा सकता ह

75 साराश क ट नय ण क तीन म य तर क होत ह या क नय ण स य याओ वारा नय ण तथा रसायन नय ण य द क ट को समय पर नय त ना कया जाय तो इसका वप रत असर बागवानी फसल क उ पादन पर आ सकता ह क टनाशक को योग करत समय इनक मा ा तथा योग करन क व ध का वशष यान रखना आव यक ह बोध न

1 क ट नय ण क म य तर क को समझाइए 2 द मक क नय ण का तर का समझाइए 3 क टनाषक को योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए 4 मला थयोन छड़कन क कतन दन बाद तक फल को नह तौड़ना चा हए अ 2 दन ब 5 दन स 15 दन द 25 दन

117

5 lsquolsquoनीब का स लाrsquorsquo क नय ण क लए न न म स कौनसा क टनाषक योग कया जाता ह अ डाईमथोएटब ऑ सीडीमटान मथाईल स मोनो ोटोफासद उपरो त सभी

77 सदभ साम ी 1 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एस क शमा एस एल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 Singh chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Corps

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi 5 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 6 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउस मरठ 7 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

118

इकाई 8 एक कत क ट बधन

इकाई क परखा 80 उ य 81 तावना 82 समि वत क ट ब ध या ह 83 समि वत क ट ब ध क स ा त 84 क टनाशक क योग म सावधा नया 85 भारत म व भ न फसल पर रसाय नक क टनाशक का उपयोग 86 घान क फसल म समि वत क ट ब ध 87 कपास क सफल म समि वत क ट ब ध 88 ग ना क फसल म समि वत क ट ब ध 89 चना क फसल म समि वत क ट ब ध 810 म का क फसल म समि वत क ट ब ध 811 सोयाबीन क फसल म समि वत क ट ब ध 812 साराश 813 बोध न 814 सदभ साम ी

80 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप यह जान पाऐग क

एक कत क ट ब ध या होता ह एक कत क ट ब ध क स ानत क टनाषक क योग म सावधा नया व भ न फसल म एक कत क ट बध

81 तावना चाल स क दशक म क ट या धय स फसल सर ा क लय पौध सर ण रसायन क

उपयोग क श आत ह ई इस कदम को ह रत ाि त क सफलताक लय आव यक माना गया ल कन समय को भी व च ग त ह कसी समय िजस उपलि ध पर गव कया जाता था आज उसी क बार म क ष व ा नक का समदाय यह सोचन क लय ववश हो गया क क टनाशी क उपयोग स उ नत खतर स वातावरण को वशषतः मानव जीवन को कस सर त रखा जाय

अब हम उपय त खतर म मानव को बचान क लय फसल सर ा क ऐस उपायअपनान क आव यकता ह िजसम क ट रसायन का कम स कम उपयोग हो और यनतम आ थक तर

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तक फसल को भी सर ा दान क जा सक क टना शय क अ नय त उपयोग न स प म न ना कत वप रत द शत कय ह- 1 क ड़ व अ य हा नकारक जीव िज ह उनक परजीवी और भ क (predators and

parasites)सामा यतः न ट कर दत थ अब इन परजीवी और भ क क क टनाशी रसायन क उपयोग म काफ स या म न ट होन क कारण हा नकारक क ट व अ य जीव फसल को काफ नकसान पह चान लग ह

2 क ड़ मकड़ी और बीमार क जीवाणओ म क टनाशी क त तरो धता बढ़ गई ह यहा तक क कई क टनाशी अब क ट क नय ण म अ भावी सा बत हो रह ह

3 बढ़त ह ए क टनाशी उपयोग न फसल और उ य उ पाद को द षत करन क साथ-साथ भ म वाय सतह एव भ मगत उपज को भी द षत कया ह कषक मजदर एव व ा नक क टनाशी क नमाण काय स जड़ ह य ह उ ह क सर चमरोग एव टयमर बनन क बीमा रय क खतर बढ़ गयह यदा कदा क टनाशी लापरवाह स उपयोग स मन य और जानवर अकाल म य क ास बनत ह हाइ काबन वग रसायन शर र क वसा म इक होत रहत ह ओर काला तर म वा य क लय ग भीर खतर उ प न करत ह

4 क टनाशी क द पयोग स अनक नई जवक य घटनाऐ उ प न ह ए उनम वतीय - क ट फलाव अल त क ट का सहार भ म उवरता म प रवतन कछ मह वपण क ट क अ धक बढ़वा आ द मह वपण ह

5 क टनाशी क उपयोग व स क टनाशी क क मत म व छड़कन व भरकन वाल य क क मत और मजदर म बढ़ोतर क साथ अ धकाश क टनाशक क नमाण म काम आन वाल प ोल क खपत म बढ़ोतर ह ई ह इसस अह त अ धक वदशी म ा क त होती ह

82 समि वत क ट ब ध या ह खा य एव क ष समि वत क ट ब ध को इस कार प रभा षत कया ह

lsquolsquoहा नकारक क ट एव अ य जीव क व समि वत अ भयान वह व ध ह िजसम ाक तक स तलन म कम स कम प रवतन कय बना हा नकारक जीव को त स आ थक तर स नीच रखा जा सक ता क क त क सी मत साधन का कम स कम उपयोग हो और

वातावरण द षत यनतम होrsquorsquo अथात क टनाशक का कम स कम उपयोग करना और अ य तर क क अपनान पर जोर

दना िजनम फसल सर ा काय म सफलता मल समि वत क ट ब ध ऐसी फसल यव था को अपनाना म य क ट एव जीव क पहचान एव उसक ाक त द मन और कारक क पहचान करना ह िजनस क ट क स या म व होती ह इसका उ य हा नकारक क स या एक तर तक बनाय रखना ह िजसम फसल स आ थक उ पादन ा त हो सक

काउ टग क ट क स या क सव ण क च लत व ध ह इसक साथ-साथ याि क साधन जस पोर- प फरोमान प काश पाश आ द का भी हा नकारक जीव क स या क जानकार क लए उपयोग म लाय जात ह इस जानकार का उपयोग पौध सर ण उपाय अपनान

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को समय नि चत करन क लय कया जा सकता ह व ततः काउ टग और मोनीट रग काय म समि वत क ट ब ध एव परजीवी क टभ ी एव क ट परथोजन क सर ा क लय आव यक ह

83 समि वत क ट ब ध क स ा त समि वत क ट ब धन पाच म य ब नया द क स ा त पर आधा रत ह - 1 क षगत नय ण 2 या क एव भौ तक नय ण 3 ज वक नय ण 4 व नयम नय ण 5 रसाय नक नय ण 1 क षगत नय ण - इसम कसान क ट क जीवन च रहन सहन तथा उसक आदत क ान स लाभ उठा सकता ह जस खत क जताईउस समय करना जब हा नकारक क ट का जीवन

अव थाय खत म छपी ह और वह कचल कर मर जाय अथवा क ट िजस पौध को पस द न करता हो उसको बोना इ या द इस व ध म व भ न तर क अपना कर ब धन स भव होता ह

1) तरोधी क म का योग करना - फसल बवाई म ऐसी जा तय का चयन करना चा हय िजसम क ट एव रोग तरोधक मता हो तरोधी क म का योग कर क ट स फसल को बचाया जा सकता ह 2) श य आवतन - हर साल एक सी फसल बोत रहन स उस म उस फसल क कोपी क ट क स या नर तर बढ़ती जाती ह और व यादा हा न करत ह जब क फसल को बदल कर बोन स ऐसा स भव नह होता तथा क ट स या पर भी नय ण रहता ह दसर वह क ट जो अपना जीवन च एक वष स अ धक समय म परा करत ह य द फसल बदल कर बो द जाय जो वह ऐसा नह कर पात और मर जात ह 3) बीज बौन फसल लगान एव काटन क समय म हर - फर करना - फसल बोन क समय का भी क ट कोप पर गहरा भाव पड़ता ह जस य द गह अ टबर म बोया जाय तो उस पर भ मगत क ट का कोप अ धक होता ह तथा अक रत होत ह वह उ ह अ धक मा ा म काट गरात ह जब क य द गह नव बर म बोया जाय तो फसल पर क ट कोप कम होता ह य द आल क बआई गहर क जाय तो आल माथ (पोटटोमाथ) अ ड नह रख पाती और व कोप स बच जात ह य द ग न क फसल को फरवर स पहल ह काट लया जाय और

खत क सफाई एव जताई कर द जाय तो बह त स शीत नि य क ट मर जात ह ग ना य द अ टबर म बोया जाता ह तो उसपर क ट कोप कम होता हफसल क काटन क समय का भी क ट क जीवन पर गहरा - भाव पड़ता ह य द वार क ड ठल क फरवर क म हन स पहल क कट काट ल जाय तो उसम चर बधक (काइलो पी सज) क सभी शीत नि य सि डया कट कर मर जाती ह

121

4) व छ क ष - हा नकारक क ट को परानी फसल स नई फसल क उगन तक जी वत रखन तथा परानी स नई तक पह चान का कारण अ व छ क ष ह य द व छ खती क जाय तो हा नकारक क ट क स या बह त कम हो जाती ह िजसक न न उपाय ह -

1 ड ठ न ट करना - फसल काट लन क बाद ड ठ जनइइसम) को न ट कर दना चा हय ता क उनम छप क ट बधक मर जाय ड ठ य द खत म ह खड़ रह तो क ट क अ त र त उन पर कवक रोग भी हर ड ठल अथवा कोमल प त पर तब तक पलत रहत ह जब तक क नई फसल उ प न नह हो जाती 2 कड़ा साफ करना - खत म हआ कड़ा सखी पि तया और घास हा नकारक क ट को नि यता करत समय या यपा प म शरण दती हतथा अगल फसल म क ट स या बढ़ जाती ह 3 फसल परा त गहर जताई तथा गड़ाई - फसल परा त खत क गहर जताई तथा गड़ाई कर अ त आव यक होता ह य क म ी म छप क ट तथा उनक जीवन अव थाय जस अ ड लारवा यपा इ या द सभी कचल करमर जात ह म ी क उलट जान स क ट सतह पर आ जात ह और उनक च डया इ या द खा मार डालती ह या अ त धप अथवा जाड़ क कारण वत ह मर जात ह परजीवी क ट भी उ ह आसानी स पा लत ह और न ट कर डालत ह 4 झागना तथा दर - दर लगाना - सघन पौध पर क ट कोप अ धक होता ह इसक वप रत य द पौध बराबर दर पर लगाय जाय तो पौध व य और मोट होत ह तथा क ट का कोप भी कम होता ह 5 म त फसल - मल-जल फसल म एक ह कार क उनक म य म ि थत दसर फसल अ धक हो जाता ह तथा दसर क हा नकारक क ट को कावट पदा करत ह िजसस दोन ह कार क पौध क ट क अ धक कोप स बच जात ह ायः गह पर दमक का कोप अ धक होता ह तथा चन पर स डय का य द गह और चन क पि तय क म य म एक पि त तोर ( तनब जपअ) क बो द जाय तो इन फसल म य अरहर को मानसार पि तय म बोया जाय तो वार डयर वगक भार कोप स बच जाती ह 6 पची फसल लगाना - पची फसल लगान का उ य म य य द कपास क फसल क साथ भ डी क फसल लगा द जाय तो भ डी क पौध कपास क पौध स अ धक शी ता स बढ़त ह और कपास पर कोप करन वाल क ट भ डी क पौध पर आक षत हो जात ह और म य फसल कपास इन क ट क कोप स बच जाती ह पची फसल लगात समय इस बात का म य प स यान रखना चा हय क क ट

फसल क अप ा पची फसल को यादा पस द करत ह इसी कार य द क कल क आस पास सनई या कपास बो द जाय तो फल म खी का कोप म य फसल पर कम होता ह

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7 उ चत खाद लगाना - क ची गोबर क खाद लगान स द मक अ धक लगती ह तथा फसल पर नाइ ोजन क मा ा अ धक दन पर रस चषक क ट का कोप यादा होता ह इस लए यह आव यक ह क खाद सदव उ चत मा ा म ह द जाय

जल- न कासन - िजन खत म पानी भरा रहता ह उनम नमी अ धक रहती ह िजसक कारण क ट का कोप भी अ धक होता ह

2 या क एव भौ तक नय ण इस व ध म साधारण कार क उपकरण क ट को पकड़न मारन रोकन अथवा एक त

करन क लए योग कय जात ह जो न न ह 1 हाथ स एक त करना - पौध का वह भाग िजस पर क अ ड पायी जाती ह हाथ स

चन कर न ट कय जा सकत ह उड़न वाल हा नकारक क ट क स या य द कम ह तो उ ह ह ट-जाल वारा भी पकड़ कर न ट कया जा सकता ह ट ड को न फ आ द एक त करन क लए एक वशष कार क थल का योग भी कया जाता ह िजसको दो आदमी पकड़ कर खत म चलत ह तथा क ट क न फ को थल म एक करन न ट कया जाता ह

2 रोक लगाना - कदन वाल क ट स फसल को बचान क लए वत को चार तरफ गहर खाई खोद दत ह रगन वाल क ट को रोकन क लए ना लया खोद कर उसम पानी भर दत ह िजसस क ट उसम आकर भर जात ह फर उनको म ी डालकर भर दत ह

3 काश पच - यह उपकरण उन क ट क वप रत योग कया जाता ह जो क रा को काश पर आत ह इस उपकरण म एक ब ब या द पक लगा होता ह उपकरण क नीच एक बड़

बतन म पानी भर दत ह क ट काश म रा म उपकरण क पास आता ह तथा पानी क बतन भी गर कर वतः मर जाता ह

4 फरोम स प - (ल गक पास) कछ म य माथ क ट को उनक जा त क 5 ल गक पाश त ह टयर लगा कर नर पतग को पकड़ा जा सकता ह 20 स 25 दन क अ तराल पर पाश

क योर को बदलन क आव यकता होती ह 3 ज वक नय ण

अन चाह क ट जानवर तथा पौध को मारन या कम करन क लए उनक ाक तक श ओ का योग ज वक नय ण कहलाता ह

अनक कार क फफद वषाण एव जीवाण क ट को राग सत कर उ ह न ट करत ह फसल ाक तक प रि थ तय त म अपनी स पण मता को उपज क प म प रव तत नह कर पाती य क उनक उपज का कछ भाग ाक तक आपदाओ वारा न ट हो जाता ह और कछ हा नकारक श ओ वारा समा त कर दया जाता ह इन हा नकारक श ओ वारा क ट-या ध जीवाण - वषाण इ या द को समा त करन क लए समय-समय पर अनक रसायन वक सत होत रहत ह ल कन रसायन आधा रत फसल सर ा स ल ब समय क लए सर ा तो नह मल ल कन द घका लन सम याओ ज र मल ह जस खा यान म हा नकारक रसायन क अवशष क ट म रसायन क त तरोधी मता का वकास वतीयक हा नकारक क ट का

फोअ एव क ट का पन थान क त म िजतन हा नकारक श मौजद ह उनस कई गणा म जीव उपल ध ह जो इनक स या को हा नकारक सीमा क अ दर ह नय त रखत ह

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ाक तक म जीव वारा फसल क श ओ का नय ण कम खच ला भावी और थाई उपाय ह तथा पयावरण पर इसका वप रत भाव भी नह पड़ता ह

ज वक नय ण ाक तक कारक क सहयोग क बना आदमी क वारा उ यपण या कलाप क वारा ा त कया जाता ह इसक साथ ह सभी तरह क अरसाय नक नय ण भी ज वक नय ण नह ह जस तरोधी क म श य याय एव स मय क मक स का योग य क इनम हा नकारक क ट सीध भा वत होत ह जब क यह याय मल क ट क स हण

इ या द म अ य प स सहायक होती ह पादप जनन वारा पौध क ऐसी जा तय का वकास जो क नाशक क ट क लए वषल या हा नकारक ह ज वक नय ण क अग नह हो सकती ह जब क ऐसी पादप क म का वकास िजनक वारा म क ट का सर ण हा नकारक क ट को आसानी स ढढन एव न ट करन म सम ह ज वक नय ण कहलात ह इस व ध म हा नकारक क ट क ाक तक श ओ को खोजकर एक त कर तथा योगशाला म अ धक स अ धक स या म उ पा दत कर हा नकारक क ट क व उ चत समय पर छोड़ा जाता ह जहा पर हा नकारक क ट क अ ड स डय तथा ोढ़ को न ट कर दत ह 4 व नयम नय ण

सरकार नयम बनाकर हा नकारक क ट को अपन दश म आन स रोकती ह अपन दश क क ओ को बढ़न एव फलन स रोकती ह एव उनको मारन वाल क ट वष को नर ण करती ह ता क उनम कोई मलावट न हो और सदव क ट सहार म खर उतर इस कार क क ट नय ण को व नयम नय ण कहा जाता ह 5 रसाय नक नय ण

रसाय नक पदाथ वारा क ट को मारना भगाना या उनक स या को कम करना रसाय नक क ट नय ण कहलाता ह तथा व पदाथ जो ऐसा करन म स म होत ह क ट वष कहलात ह क ट वष बाजार म पाउडर इम शन एव घोल क प म मलत ह पाउडर - यह दो कार क होत ह - 1 वष ध ल - य बाजार म तयार प म मलत ह और 12357 या 10 तशत ध ल क प म होत ह इनको य का य बना कछ मलाय 20 स 25 क ा त ह टयर आव यकतानसार योग करत ह जल - यासा रत पाउडर - लगभग सभी आग नक क ट- वष पानी म अघलनशील होत ह और इनको जब पानी म घोला जाता ह तो शी ह तल म बठ जात ह इस कारण इसम एक आ क साथ म मलात ह जो इन कण को पानी म लटकाय रखता ह इस कार इनका सदव अपार दशक लटका हआ घोल बनता ह इ ह सखा भरकन क लए कभी योग नह करना चा हय 2 इम सन - बह त स आस नक क ट वष इथर जायीलन प ोल म ी क तल अथवा तारपीन क तल आ द म घलनसील होत ह ल कन पानी म नह य द इसम घल सा वलयन म इमि सफायर मला दया जाय तो पानी क साथ इम सन बनात ह 3 घोल - तल इथा अथवा परा फन तल म घल ह ए क ट वष बाजार म घोल प म बकत ह इनको घर म य का य ह त फआरक वारा योग कया जाता ह

124

क ट वष दो कार क होत ह - 1 अकाब नक -

1 आस नक यौ गक 2 लो रन यौ गक 3 गधक व चना गधक 4 पारा व ए टमनी क यौ गक आ द

2 काब नक क ट वष - 1 जानवर स ा त क ट वष - नर जआ सीन 2 पौध स ा त क ट वष

1 नको टन व उनक यौ गक 2 पायर म 3 रोटनोन व तल इ या द

3 हाइ ोकाबन 1 म ी का तल 2 न था

4 स ल षत काब नक यौ गक 1 लो रनटट हाइ ोकाबन

84 क टनाशक क योग म सावधा नया फसल सर ण क लए क टनाशक का योग अ य त आव यक ह ल कन य बह त

जहर ल तथा महग होन क वजह स इनका योग बह त सावधानी स करना चा हए अ क टनाशी खर दत समय -

1 हमशा एक छड़काव क लए िजतनी दवा क ज रत ह उतनी ह खर द जस 100 250 500 और 1000 ामल टर 2 क टनाशक लाइसस शदा व वसनीय दकानदार स ह खर द 3 क टनाशक का ड बा वा त वक सील स बद हो तथा टटा - फटा न हो सह लबल ड ब

पर अ छ तरह चपका हआ हो जहर ख म होन क तार ख खर दत समय पड़ लनी चा हए

ब क टनाशी भडारण म 1 क टनाशक को भडारण घर म न कर 2 उनको उनक वा त वक ड ब म सील स हत रख 3 क टनाशक को क ह और ड ब म बदल कर न रख 4 क टनाशक को खोन - पीन क सामान क साथ तथा ब च क पह च स दर ठडी जगह

पर ताल म रख 5 क टनाशक को सय क रोशनी या बा रश स दर रख

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स क टनाशक काम म लत समय - 1 अकल आदमी को छड़काव का काम नह करना चा हए तथा ब च व पशओ को

छड़काव स दर रख 2 ड ब को खोलन स पहल नदश अ छ तरह पढ़ ल छड़काव य रसन वाला नह

होना चा हए तथा घोल बनात समय क टनाशक डालन क लए क प का योग कर घोल को लबी छड़ी स अ छ तरह मलाव

3 छड़काव पौधा पर समान प स कर ता क पौध का हर भाग क टनाशक क सपक म आ जाए जहा तक सभव हो छड़काव का काम सबह-शाम ह कर

4 छड़काव क समय खाना-पीना व मपान न कर 5 क टनाशक का घोल शर र पर नह गरना चा हएउसक लए शर रको कपड़ स अ छ

तरह ढककर छड़काव कर म ह पर पतला कपड़ा बाध तथा हाथ म द तान पहन 6 बरसात आन क ि थ त या तज हवा म छड़काव न कर छड़काव हवा क वप रत

दशा म कभी न कर 7 छड़काव कमर स नीच क ओर कर ता क वास क साथ अदर न जाए नोजल म म ह

स फक भी न मार 8 क टनाशक का भाव शर र पर दखत ह तरत डॉ टर क पास जाव

द क टनाशक काम म लन क बाद 1 छड़काव क तरत बाद साबन स नान कर तथा कपड़ को धोय 2 छड़काव य को साबन क घोल स अ छ तरह साफ करक रख 3 खाल ड ब को तोड़कर म ी म गाढ़ द बच ह ए क टनाशक को सर त थान पर

ताल म रख 4 छड़काव कए ह ए खत मन घम तथा पशओको दर रख 5 फल-सि जया व हर चार को छड़काव क बाद 8-10 दन तक काम म न लव

85 भारत म व भ न फसल पर रसाय नक क टनाशक का उपयोग स फसल फसल फल

( तशत) क टनाशक उपयोग

( तशत) 1 कपास 5 54 2 धान (चावल) 24 17 3 फल एव सि जया 3 13 4 धान दलहन एव तलहन 58 2 5 ग ना 2 3 6 बागानी फसल 2 8 7 अ य 6 3

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कपास क म य हा नकारक क ट का आ थक दहल ज सीमा (ईट एल) स फसल फसल क अव था

( दन म) क टनाशक उपयोग

( तशत) 1 हारा तला 1-50 दो हरा तला त प ती 2 ए फड (चपा) 1-50 10-20 तशत पौध का सत

होना या 50 तशत पौध क शहदनमा चप चपा पदाथ होना (10 चपा त प ती

3 ी स या रसाद क ट

1-30 10 क ट प ती या 15-20 तशत पौध का सत होना

4 कपास क सफ़द म खी

30-110 8-10 य क प ती सफद म खी या 20 शश प ती

5 ध बदार सडी 35-110 5-10 तशत बाल म कोप 6 गलाबी सडी 65-110 5-10 तशत बाल म कोप 7 अम रकन बॉलवम 25-60 1 अ डा प ती या 5-10 बालवम

तशत बाल म कोप 8 तना घन 65-110 1-2 सडी ाम म ी या 10 तशत

स अ धक बाल म कोप 9 स क म (नमटोडा) 25-60 1-2 सडी त ाम म ी म

86 घान क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 घान क फदका (बीपीएच ड लबीपी 2 तना छदक 3 घान का ह पा 4 फड़का ( ास होपर 5 त बाक क स डी 6 गधी बग आ द समि वत क ट ब ध 1 भ मगत एव सस ताव था म पड़ क ड़ तथा हा नकारक जीवाणओ को न ट करन क लय

खत क ग मय म गहर जताई करनी चा हय तथा फसल क अवशष व खपतवार को नकाल कर न ट कर

2 क ट तरोधी क म क व थ बीज क उपचा रत करक बवाई कर 3 ारि भक अव था म क ड़ क कोप स बचन क लय पौध क जड़ को लोरोपायर फास

क घोल म डबोकर तथा शीष भाग को काट कर रोपाई कर

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4 सत लत मा ा म उवरक का योग तथा समय पर सचाई कर पौध स पौध क दर थोड़ी यादा रख ता क पौध क ज द बढ़वार हो सक िजसस पौध म क ड़ क त सहनशीलता

बढ़ जाती ह 5 म क ड़ को आक षत करन क लय अ तश य या फसल च क प म अरहर क फसल

काम म लव 6 तना छदक क ट क अ ड समह को इक ा करक न ट कर तथा पौध क भा वत भाग को

भी काट कर जला दना चा हय 7 तना छदक शीष भदक आ द क ड़ क रोकथाम क लय परजीवी क ट टशईको ामा

जापो नकम 50000 त ह टर स ताह छः बार योग कर 8 क ट क कोप क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 9 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या आ थक नकसान सीमा

ईट एल पर पह च तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस फोरट कारबोफयरॉन मथाईल परा थयान ए डोस फान फा फो मडान आ द योग कर

87 कपास क सफल म समि वत क ट ब ध मख क टनाशी

1 सफद म खी 2 मोयला ए फड 3 हरा तला ज सड़ 4 अम रकन स डी 5 च तीदार स डी 6 गलाबी स डी आ द समि वत क ट ब ध 1 खत क गहर जताई करक फसल क अवशष तथा खपतवार को न ट कर 2 बीज को अ ल माह क अ त तक ध मत य मगसन कर दना चा हए 3 क ट तरोधी क म क व थ बीज काम म ल तथा बवाई स पव बीज को एक ल टर

सल य रक ए सड गधकका तजाब त10 क ा बीज तथा क टान 3 ाम त क ा क दर स उपचा रत कर

नोट - बीज को स फ रक ए सड स उपचा रत करन क तर त बाद साधारण पानी स अ छ तरह धोय 4 बवाई समय पर कर तथा उपय त फसल च अपनाय 5 म क ड़ लडी बड बीटल ाइसोपरला आ द को आक षत करन तथा श क ड़ को अ य

फसल पर आक षत करन क लए कपास क 10 लाइन क बीच अ तश य क प म 2 लाईन चवला या म का टप फसल क प म अर डी क बवाई क बवाई कर

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6 बालवम सि डया को कम करन क लय सि डय को हाथ स पकड़कर तथा भा वत फल बाल डोड एव शीष तन को काट कर नषअ कर

7 परभ ी प य जस कोआ मना आ द क बठन क लय 4-5 लकड़ी क अ ड त ह टयर बनाय

8 रस चसन वाल क ट दखाई दन पर ाईसोपरला 50000 त ह टयर तथा बालवम दखाई दन पर ाईको ामा चलो नस 15 लाख त ह टर एक स ताह क अतराल पर 5- 6 बार योग कर

9 अम रकन स डी तथा त बाक क स डी रोकथाम क लय एनपीवी 450 एलई त ह टर 15 दन क अतराल पर तीन बार योग कर

10 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 11 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान ए डोस फान फा फो मडान मोनो ोटोफास फनवलरट आ द योग कर

88 ग ना क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 सफद म खी 2 पाई रला 3 शीष भदक 4 तना भदक 5 जड़ भदक 6 सफद लट 7 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 क ट तरोधी क म क व थ ग न क टकड़ रोपाई हत काम म लव यान यह रख क

टकड़ का कटा हआ लाल व खोखला नह होना चा हय 2 ग न क टकड़ को बवाई स पव उबलत पानी म 2 घ ट तक डबोय तथा इसक बाद

01 तशत मला थयान एव 01 तशत बव ट न क घोल स उपचा रत कर 3 बवाई नधा रत दर पर 20 समी गहर लाईन म कर तथा समय समय पर खरपतपार

नकालन व म ी चढ़ान का काय कर 4 समय-समय पर फसल का न र ण करक क ट क अ ड समह भा वत पि तय आ द को

न ट कर 5 स त लत मा ा म खाद व उवरक को योग कर तथा सी मत मा ा म सचाई कर य क

अ धक पानी दन स सफद म खी पाई रला शीष भदक आ द का कोप बढ़ता ह

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6 तना छदक शीष भदक आ द क ड़ क रोकथाम क लय रोपाई क 5-10 दन बाद ाईकोर ामा 50000 त ह टर 10 दन क अ तराल पर 8-10 बार तथा पाई रला क लय 3-4 लाख इ प रक नया त ह टर योग कर

7 क ड़ क कोप क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 8 फसल क अवशष को न ट करन क लय फसल को जमीन क सतह स बराबर स काट तथा

अवशष को जलाकर न ट कर 9 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस फोरट काब यरॉन ए डोस फान मोनो ोटोफास आ द योग कर

89 चना क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 फल छदन (ह लकोवरपा आरमीगीरा) 2 कटवम 3 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 भ मगत क ट सस ताव था म पड़ क ड़ क अ ड व शक खरपतवार तथा फसल क अवशष

को न ट करन क लय ग मय म खत क गहर जताई कर 2 क ट तरोधी क म बवाई क लय काम म लव 3 बीज को बवाई स पव थायरम 3 ाम क ा बीज व ाइकोडरमा 3-4 ाम त क ा बीज

क दर स उपचा रत कर 4 अ तश य क प म चन क 7 लाईन क बाद 2 लाइन सरस क बवाई कर 5 दो स तीन वष का बना दाल वाल फसल जस म का गह आ द क साथ फसल च

अपनाय 6 खत म च डया मना आ द प य को बठन क लय लकड़ी क अ ड बनाय ता क य लट

को पकड़कर खा सक 7 लाईट प व फरोमोन टordfप क सहायता स नर पतग को पकड़कर न ट कर 8 फल छदक क ारि भक अव था म ह एनपीवी 250 एलई त ह टर क दर स 10-

15 दन क अतराल पर तीन बार योग कर 9 क पो ल टस लोरायडी नामक परजीवी 10 - 20 लाख त ह टर क दर स 3-5 बार

योग कर 10 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 11 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान ए डोस फान मोना ोटोफास आ द योग कर

130

810 म का क फसल म समि वत क ट ब ध 1 तना छदक 2 मोयला (चपा) 3 श य क ट (आम वम) 4 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 फसल कटाई क बाद फसल क अवशष खरपतवार आ द को न ट करन क लय खत क

गहर जताई कर तथा भ मगत कड़ व सस ताव था म पड़ क ड़ को न ट करन क लय ग मय म जताई कर

2 द मक क कोप स बचन क लए गोबर क खाद को अ छ तरह सड़ा गलाकर योग कर तथा नय मत प स सचाई कर

3 क ट तरोधी क म क व थ बीज को उपचा रत करक बवाई क लय काम म लव 4 खाद व उवरक का योग सत लत मा ा म कर य क अ धक मा ा म नाइ ोजन य त

उवरक को योग करन म क ड़ का कोप बढ़ता ह 5 तना छदक क रोकथाम क लय परजीवी क ट ाको ामा 2 - 25 लाख त ह टयर क

दर स एक स ताह क अतराल पर 4-5 बार योग कर 6 मोयला क रोकथाम क लए लडी बड बीटल (को सी नला) 50-60 हजार त ह टर क दर

स योग कर 7 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 8 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल पह चती ह तो

सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान फोरट डोस फान मोनो ोटोफॉस आ द योग कर

811 सोयाबीन क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 तना म खी 2 सफद म खी 3 च भग (गडल बीटल) 4 समीलपर 5 त बाक क स डी 6 अम रकन स डी 7 बहार स डी 8 द मक आ द समि वत क ट ब ध

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1 भ म म सष त अव था म पड़ क ड व खरपतवार को न ट करन क लय फसल क कटाई क तर त बाद व ग मय म खत क गहर जताई कर

2 फसल क बवाई जन क अ तम स ताह स जलाई क थम स ताह तक कर दनी चा हय 3 क ट तरोधी क म क बीज को उपचा रत करक बवाई कर 4 सत लत उवरक को योग कर य क अ धक न जन य त उवरक क योग स क ड़ का

कोप अ धक होता ह 5 फसल क ारि भक अव था म क ड़ क स या कम करन क लय क ट व रोग सत पौध

को जलाकर न ट कर 6 क ड़ क पतग को लाईट प व फरोमोन प क सहायता स पकड़कर न ट कर 7 ाइको ामा नामक परजीवी 10-20 लाख त ह टर क दर स 8-10 दन क अ तराल

पर 3-5 बार योग कर 8 सि डय क रोकथाम क लय एनपीवी 350 एलई या बीट 10 ल टर त ह टर क

दर स 10-15 दन क अ तराल पर 3-4 बार छड़काव करना चा हय 9 क ड़ क ारि भक अव था स ह नीम स बन क टनाशक का योग कर 10 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर नकसान दायक क ड़ क स या ईट एल

स यादा होती ह तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस डाइ मथोइट मोना ोटोफास ए सफट यना फास आ द योग कर

812 साराश क टनाशी क उपयोग न हमारसम बहआयामी खतर तत कय ह इसक उपयोग स भ म जल वाय आहार आ द म दषण बढ़ रहा ह इसी क साथ क त म ज वक अस तलन म व ह ई ह हा नकारक क ट जीवाण फफद आ द क नय ण का उपयोग म लाय जान वाल पौध सर ण रसायन हमार म क ट फफद जीवाण आ द को भी न ट कर दत ह वय हा नकारक क ट म भी व भ न क ट नाशक रसायन क त तरोधता म नर तर व होती रहगी सि जया अ ड मास मछल यहा तक क मा क दध जस वश पदाथ म भी क टनाशक दवाओ क अवशष पाय गय ह िजनका मानव वा य पर द षत भाव दखाई द रहा ह दश म इस समय लगभग क ट- या धया स क म और खरपतवार नय ण क लय लगभग 6-7 हजार करोड़ पय क क टनाशी त वष काम म लय जा रह ह वष 1980 म न ब हजार अन क टना शय का भारत म उपयोग कया जाता था िजसक इस शता द क अ त तक दो लाख टन हो जान क स भावना ह

813 बोध न 1 एक कत क ट बध क पाच म य स ा त का वणन क िजए 2 धान क फसल म एक कत क ट बध समझाइए 3 कपास क एक कत क ट बध समझाइए

132

4 सायाबीन क फसल म न न म स कौनसा परजीवी एक कत क ट बध म योग कया जात ह

अ ाइको ाम ब राइजो बयम स दोन द कोई नह 5 या क एवम भौ तक नय ण म न न म स कसका योग कया जात ह 6 ट काष पच स दोनो 7 स फरोम स प द कोई नह

814 सदभ साम ी 8 Reddy TY and Reddy GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani publishers New Dehli 9 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 10 Singh Chiidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Dehli 11 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Dehli 12 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 13 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 14 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

133

इकाई 9 क टनाशक छड़काव क उपकरण

इकाई क परखा 90 उ य 91 तावना 92 य का वग करण 93 फहार य (Sprayers) - 94 नोिज स (Nozzles) 95 ड टस (Dusters) 96 यग एव डि टग का तलना मक अ ययन 97 ध ण य (Fumigators) 98 कट- वष सारण य क योग करत समय सावधा नया 99 छड़काव प प व नोजल क दख रख 910 सर ा मक तर क स खरपतवार नाशक का रखरखाव 911 साराश 912 बोध न 913 सदभ साम ी

90 उ य इस इकाई को पढ़न क बाद आप इस यो य हो सकग क -

क टनाशक क छड़काव म इ तमाल व भ न उपकरण का ान ा त कर सकग फहार य (Sprayers) नोज स (Nozzles) ड टस (Dustors) ध ण य

(Funigaotes) आ द क बार म जानकार ा त कर पाऐग इन य को योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए

91 तावना क ट- वष सारण य क मता (Efficiency) तथा यो यता (Ability) इस बात पर नभर होती ह क उसक सहायता स कम स कम दवा योग करक अ धक स अ धक क ट को मारा जा सक यह तभी सभव ह जब य य क ट वष को बराबर मा ा म काफ दर फला सक इस उ य क प त क लय व भ न कार क क टना शय क लय भ न- भ न कार क य योग कय जात ह - (1) छड़काव करन क लय - यस (Sprayers) या फहार य (2) धल का बरकाव करन क लय - ड टस (Dusters) या बरकाव य

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(3) ध क पदाथ क लय - यमीगटस (Fumigators) या ध ण य अ धक योग म आन वाल य को हम न न चाट वारा द शत कर सकत ह -

92 य का वग करण

1 उदर वष क योग म यान रख क उपचा रत पौध क यक भाग म वष फहार पहच जाऐ

2 य द पश वष योग कया जा रहा ह तथा योग क समय य स वष चन लग तो छड़काव तर त ब द कर दना चा हऐ

3 क ट वष क छड़कन का समय क ट क वकास क साथ ह सह समय पर कया जाऐ 4 वषा ऋत म छड़काव नह करना चा हए 5 वष को ब च क पहच स दर रख 6 फहार य तथा उनक भाग क छड़काव स पहल तथा बाद म उ चत दखभाल रखनी

चा हय ता क उसम जग न लग 7 दवा को अ छ कार घोल लना चा हए ता क सभी जगह समान दवा क मा ा पह च

93 फहार य (Sprayers) - इन य क वारा क ट- वष को व प म योग कया जाता ह एक फहार य म

न न ल खत गण होन चा हए - 1 व को समान प स उपचा रत व त पर फला द 2 फहार य ऐसी धात का बना हो िजस पर क टनाशी- वष क रसाय नक या न हो

तथा साथ ह साथ मजबत हो 3 बनावट साधारण हो तथा सफाई आ द क लय आसानी स खोला जा सक 4 कम स कम समय म अ धकतम म फहार कर सक

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5 घोल को अ त स म बद म तोड़कर उ ह अ धक स अ धक थान ( फल) पर पहचा कर समान फहार डाल

6 यथ ट दर पर ऊचाई तक फहार को पहचा सक 7 भ म पर घोल टपकन तथा गरन स बचाय

यहा पर कछ च लत ह तचा लत फहार य जो बाजार म आसानी स मलत ह दय जा रह ह

1 हड आटोमाइजर ि लट प प - घरल काय क लय वशषकर मि खय म छर आ द को मारन क लए क टनाशी छड़कन म इसका योग अ धकता स कया जाता ह इसस छड़काव लगातार नह होता बि क जब पचकार को हाथ स दबात ह तभी फहार नकलती ह इसक न न ल खत भाग होत ह (अ) नाल (Barrel)- यह बलनाकार खोखल 25 समी ल बी तथा 4 समी यास वाल

ट न क नल ह इसक नीच रहन वाल सर पर एक टोपी (Barrel-cap) लगी होती ह इसका ऊपर भाग ब द होता ह तथा उसम कवल एक छद होता ह लजर रोड उपर नीच ल जाया जाता ह नल क दसर सर क नचल भाग पर एक टक होती ह जो क नल स जड़ी होती ह नल का अगला सरा ब द होता ह उसम बीच -बीच कवल एक छोटा छ होता ह िजस नोिजल (Nozzle) कहत ह टक म उनक ढ कन क बीच स होकर एक 3 ममी यास वाल नल उपर नकल होती ह जो क नाल (Barrel) क अगल सर पर खलती ह यह पतल नल दोन सर पर खल होती ह इस डलवर यब कहत ह यह व को टक स फहार क प म फकती ह बरल क पछल सर क पास एक 4 मल यास का छ होता ह िजसस हवा का आवागमन होता ह

(ब) नाल टोपी (Barrel-cap)- जसा क पीछ बताया गया ह क बरल का पछला सरा एक टोपी स ब द रहता ह िजस नाल टोपी कहत ह इन टोपी क म य म एक छद होता ह िजसस होकर लजर आता ह

(स) लजर (Plunger) - यह ायः 6 ममी यास क तार का बना होता ह िजसक पछल सर पर लकड़ी का एक हि डल लगा रहता ह िजसको पकड़कर लजर को आग तथा पीछ क ओर खीचा तथा दबाया जाता ह लजर क आग सर पर एक चमड़ का वाशर लाक नट (Lock nut) और गोलाकार चपट लट वारा कसा रहता ह वासर नाल क द वार स सटा रहता ह

(द) टक (Tank) - यह दवात क समान छोट गोलाकार ट न क बनी होती ह इसक उपर भाग म एक बड़ा छद होता ह िजस फ टर होल (Filter hole) कहत ह इसी स टक क अ दर व भरा जाता ह यह छद वाल ढ कन स ब द रहता ह िजसको फ टर कप कहत ह टक क कप म होकर एक पतल नल जाती ह इसको चषक नल (Dip tube) या ड लवर यब (Delivery Tube) कहत ह

काय व ध - टक म फ टर होल क वारा योग होन वाल व को भरकर फ टर कप को अ छ तरह कस दत ह अब लजर को हि डल क सहायता स अपनी ओर खीचत ह िजसस

136

नाल क अगल भाग म उपर ि थत छद क वारा बह त सी हवा वाशर क सर स होकर अ दर आ जाती ह लजर को दबात ह अगल भाग म भर ह ई हवा का दबाव पड़ता ह िजसस वह ड लवर यब क उपर स होकर जाती ह फल व प टक स ड लवर यब स व पदाथ खचकर नोिजल तक जाता ह जहा प प क तज हवा व को छोट-छोट कण म तोड़कर फहार (Spray) उ प न करती ह इस कार लजर को उपर-नीच चलान स लगातार फहार नकलती रहती ह

2 ह ड क शन यर (Hand compression spreyer) - इस कार क फहार य

सरल बनावट क तथा अ धकता स योग म लाय जात ह इस कार क यर को लगातार हाथ स नह चलाना पड़ता बि क एक बार कछ वाय दबाव इसम स चत हो जाता ह िजसस कछ समय तक लगातार फहार नकलती रहती ह इसक न न ल खत भाग होत ह - (क) टक - यह पीतल या ताब क बनी ह ई बलनाकार होती ह िजसका उपर सरा

उ नतोदर (Convex) होता ह इसक ऊपर भाग म तीन बड़ छ होत ह बीच वाल छद म प प जड़ा होता ह दसरा छद फलर छद (Filler hole) कहलाता ह इसी क वारा टक म व भरत ह यह वाल ढ कन स िजस फलर कप (Filler cap) कहत ह ब द रहता ह तीसर छद म एक दबाव मापक य (Pressure gauge) लगा होता ह जो टक क अ दर का दबाव बताता ह टक क नचल भाग म एक न लका होती ह िजस ड लवर यब कहत ह यह न लका तल क बाहर समाना तर चलकर पीतल क एक दसर नल लस (Lance) स जड़ी होती ह दोन न लय क जोड़ पर व क बहाव को ब द करन तथा खोलन क लय एक कॉक (Cut off cock) लगी होती ह टक क पद म एक ट ड लगा होता ह िजस पर मड़ी ह ई व ट (Waste plate) लगी होती ह टक क ऊपर भाग म एक व ताकार प ती लगी होती ह िजस पर दो कड (Bucklets) िजन पर एक फ ता (Strap) लगा होता ह फ त क सर पर एक काटा होता ह जो क व ट लट म फस जात ह (ख) (Pump) - यह टक म लगा होता ह तथा ठ क फटबाल प प क स ा त पर काय करता ह इसका आधा भाग टक क अ दर लटका रहता ह तथा बाहर कवल लजर ह था तथा लजर ि ग ह दखाई पड़ती ह टक क अ दर इसक नाल (Pump barrel) कपाट (Valve) तथा

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गोल वाला कपाट (Ball Valve) आ द भाग होत ह गोल बा व हवा स बाहर जान दता ह पर त उसको अ दर वापस नह आन दता

(ग) फहार करन वाल भाग (Spraying Parts) - लस क अगल सर स एक रबड़ या लाि टक क 12 ममी यास वाल नल जो लगभग 1 मीटर ल बी होती ह जडी रहती ह इस ल बी नल को होज कहत ह होज क अगल सर पर एक पीतल क नल होती ह िजस पकड़कर फहार करत ह इसम एक गर कट ऑफ वा व (Trigger cut off valve) लगा होता ह िजस घमान पर फहारा खलता और ब द होता ह इस पीतल वाल नल क अगल सर पर एक 6 ममी वाल पतल नल होती ह जो ए सट सन रोड (Extension rod) कहलाती ह इसक सर पर फहार बनान क लऐ नोिजल (Nozzle) लगा होता ह काय व ध - सव थम फलर कप को खोलकर छलनीदार क प स घोल भर दत ह घोल सदव टक क 34 भाग आयतन क बराबर ह भरत ह अब फलर कप को अ छ तरह स ब द कर दत ह तथा प प को चलाकर 55 स 60 प ड त वग इच तक करन क लय हवा भरत ह अब प प क पास लगी ह ई कट ऑफ कॉक खोल दत ह तो व होज म आ जाता ह जब फहार करना होता ह तो ए सट सन राड क आधार पर लगी हई कट ऑफ कॉक खोलत ह तो व नोिजल स फहार क प म नकलन लगता ह

3 ि टरफ या कट प प (Striup or bucket pump) - यह साधारण कार का हाइ ो लक यर (Hydraulic sprayer) ह जो छोट व झा डय तथा घर म म छर मारन क लय डीडीट छड़कन क लय योग कया जाता ह इस प प को बा ट म

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भर घोल पर रखकर चलात ह इसक म य भाग प प ड चाज लाइन और लोह का बना हआ ि टरप ह इसको चलान क लय प प को बा ट म लटका कर रखत ह तथा ि टरप को बा ट स बाहर पर स दबाकर ह थ को मशः उपर-नीच चलात ह दसरा आदमी ड चाज लाइन स छडकाव करता ह

4 नपसक यर (Knapsack Sprayer) - इसक टक ताब या पीतल क बनी होती ह

या कछ चपट होती ह तथा इसी म प प होता ह नपसक यर पीठ पर लाद लया जाता ह इसक मता 25 ल टर होती ह कायकता एक हाथ स हि डल चलाता ह तथा दसर स छडकाव करता ह इसम दबाव बनाए रखन क लऐ प प को लगातार चलाया जाता ह िजसम समान मा ा म फहार नकलती रहती ह एक आदमी इस कार क

यर स एक दन म 2 ह टयर तक कर सकता ह यह छोट व झा डय तथा कतार म लगी फसल क लए य त होता ह

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5 फट यर (Foot sprayer) - इसम प प एक लोह क ढाच म इस कार स लगाया जाता ह क प प का लजर पडल स जड़ा रहता ह अतः पडल पर पर रखकर इसको चलात ह इस कार इसम भी दो आद मय क आव यकता पड़ती ह एक आदमी पर स प प चलाता ह तथा दसरा डलवर लाइन स छडकाव करता ह डलवर लाइन 15 या 20 मीटर क होती ह

6 पावर यर (Power Sprayer) - उपय त कार क मशीन का सी मत म ह योग कया जा सकता ह िजस समय 120 ल टर व वष 7 स 14 क ा त वग समी दबाव स त ह टयर क दर स योग करना ह तो पावर यस क आव यकता होती ह पावर यस मोट तौर पर तीन कार क होत ह

1 Engine mounted power sprayer

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2 Tractor mounted power sprayer 3 Aeroplane sprayer

इसको उनक मता तथा गण क आधार पर न न कार म वभािजत कर सकत ह 1 Low concentration and high volume sprayer 2 High concentration and low volume sprayer 3 Mist blowers and fog or aerosols generator

7 लो क स शन ए ड हाई वो यम यर - यह सबस सरलतम कार क पावर यर ह जो प ोल या डीजल स चलत ह इनक क टनर स 10 स 270 ल टर तक आ जाता ह म एजीटटर लग होन क कारण व 35-42 क ा त वग समी क दबाव स नकलता ह इस कार क यस म जसा नाम स प ट ह दवा क सा ता कम रखत ह तथा पानी क मा ा अ धक योग होती ह इनस ऊच पड़ आ द पर भी आसानी क साथ कया जा सकता ह य क इसम ब स (Spray booms) या हाइडो लक टावस (Hydraulic towers) लगी होती ह

8 हाई क स टशन ए ड लो वो यम पयर - जसा नाम स प ट ह इनम दवा क मा ा अ धक तथा पानी क मा ा ब कल कम या नह क बराबर य त होती ह ायः इस कार क यस क लय अलग स ह दवाओ का Formulation बनाया जाता ह जो क

इम सन प म होत ह इनक नोिज स मजबत तथा ज टल होत ह िजसम 7 क ा त वग समी दबाव स काफ बार क ब द क प म नकलता ह दबाव उ प न

करन क लय इनम ोपलर टरबाइन होता ह 9 म ट लोअस एव फोक या ऐरोसो स जनरटर - यह भी उपय त क तरह काय करत

ह पर त इनक वारा नकला हआ म ट (कोहर) क प म होता ह िजसम कण का आकार 50 स 100micro होता ह फोक या एर सो स जनरटर का योग वाययान स करत समय कया जाता ह

94 नोिज स (छ रसम) - य कई कार क होत ह तथा इ ह क बनावट एव क म क आधार पर पयर क

मता नभर करती ह एक सामा य नोिजल म न न भाग होत ह - 1 आधार (Base) 2 हल (Whirl) 3 वाशर (Washer) 4 ड क (Disc) 5 कप (Cap)

आजकल न न कार क नोिज स उपल ध ह िजनको आव यकतानसार योग कया जा सकता ह -

1 Swirling jet nozzle

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2 Disc nozzle 3 Ferm nozzle 4 Flat spray nozzle 5 Vermorel nozzle 6 Solid cone nozzle 7 Jet nozzle 8 Hollow cone nozzle

95 ड टस ( नजमत) - य ऐस य ह िजसक वारा सख ाणी वष धल क प म बरकाय या फलाय जात ह कछ सामा य ह त च लत ड टस न न ह - 1 ल जर ड टस (Plunger dusters) - इनक रचना ि लट प प क तरह होती ह य ट न

अथवा धात क लगभग 75 समी ल ब तथा 7 समी यास यास क बन होत ह इनका क टनर दो भाग म बटा होता ह - पहला ऊपर भाग िजसम प प लगा होता ह तथा दसरा नचला भाग िजसम ड ट ( वष धल) भरा जाता ह इसी भाग म ड चाज यब का नोिजल लगा होता ह जब प प क पल जर पर लग हि डल को उपर क ओर खीचत ह तो वाय क टनर क उपर भाग म व ट होती ह तथा हि डल को दबान स वह वाय दबकर ड ट क टनर म पहचकर वष धल को नोिजल स बाहर नकालती ह इस कार क उपकरण का योग छोट थान म करत ह

2 धौकनी वाल ड टस (Bellow dustrers) - इस कार क ड टर काफ सरल रचना वाल होत ह इनम एक उचा टक या क टनर होता ह िजसक ऊपर ढ कन पर हारमो नयम क परद अथवा लहार क ध कनी क समान रबर या चमड़ क ध कनी लगी होती ह इस ध कनी को हि डल वारा चलाकर हवा वा हत करत ह फल व प क टनर क अ दर हवा पर दबाव पड़न स वष धल ड चाज यब स होती ह ई नोिजल स नकलती ह

3 ह ड रोटर ड टस (Hand rotary dustrers) - इस कार क ड टस बनावट क आधार पर दो कार क होत ह पहला गोल होता ह जो काय क समय कायकता क सीन पर फट कया जाता ह दसरा अप ाकत ल बा होता ह जो काय क समय कायकता क बाय पा व (Side) म फट होता ह दोन क काय व ध तथा भाग समान ह

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एक सामा य रोटर ड टर क चार भाग होत ह ndash 1 हापर या क टनर (Hopper or container) 2 गयर बा स (Gear box) 3 लोहर (Blower) 4 ड चाज स टम (Discharge system)

क टनर - यह एक म अथात डालडा क गोल ड ब जसा होता ह िजसम 5-6 कलो वष धल भर जा सकती ह ऊपर स यह एक ढ कन वारा ब द रहता ह पछल सर पर व लट (Breast plate) लगी होती ह नीच क ओर इसम एक खोखल धात क नल िजस स शन पाइप (Suction pipe) कहत ह लगी होती ह इसका स ब ध पख क बा स (Fan box) स रहता ह क टनर क अ दर तल क ओर एक मथनी (Agitator) या श लगा होता ह इस श या एजीटटर का स ब ध एक ठोस धात क छड़ (Shaft crak) स होता ह क टनर म एक न कासन छ (Exit-hole) होता ह िजसस वष धल लोअर क जाती ह स सन पाइप क म य म एक फ ड़ रगलटर (Feed regulator) लगा होता ह िजस क वारा न कासन छ क आकार को घटा-बढा कर वष धल क मा ा को नयि त कया जाता ह गयर बा स - यह क टनर क दायी ओर होता ह इसम चार गयर लग होत ह सबस बड़ा गयर क शा ट स जड़ा होता ह इसी कार क अ य गयर पर पर स बि धत बड़ छोट म म

लग होत ह इन गयस का स ब ध बाहर क ओर एक हि डल स होता ह हि डल को चलान स य सभी गयर घमन लगत ह सबस बड़ गयर क एक राउ ड पर चौथा गयर कई बार घम जाता ह फल व प पखा बड़ी तजी स चलता ह लोअर - यह एक श द बा स होता ह जो स सन पाइपर क साथ दसर कनार पर लगा होता ह यह आग क ओर लगभग 30 समी यास क टोट वारा खलता ह इस बा स क म य म एक पखा लगा होता ह िजसम पाच पख डया (Blades) होती ह ल स हवा को क स बाहर तथा आग क ओर फकती ह फल व प बा स म श य थान (vacuum) बन जाता ह इस श य थान क प त क टनर स आन वाल वष धल तथा जाल स आन वाल हवा करती ह ड चाज स टम - फन बा स क उपर क ओर खोखल नल को ड चाज पाईप कहत ह इस पाइप क सर पर बाहर क और फन क आक त का नोिजल लगा होता ह जो उपर स ढका रहता ह पर त नीच क ओर खलता ह ता क वष धल उपर क ओर न गरकर नीच क तरफ गर कछ ड टस म वभाजी न लका (Y-attachment) लगी होती ह इसस धल करण कछ ज द होती ह काय व ध - सव थम क टनर क अ दर 34 भाग तक वष धल भर जाती ह फर ड टर को क ध या सीन पर रखकर फ त (Straps) क सहायता स कस दत ह अब हि डल को घमात ह फल व प गयस व पखा तजी स घमन लगत ह साथ म एजीटटर क राड (Shaft) भी घमती ह िजसस वषधल मथकर तजी स क टनर क नल क छ वारा स शन पाइप म आन लगती ह पख क तजी स घमन क कारण उ प न ह य श य थान पर दबाव क कारण वष क ग त

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हि डल वारा गयस क ग त पर नभर करती ह इस कार स लगातार हि डल घमात रहन स लगातार (Continuous) वष धल नकलती रहती ह पावर ड टर (Power duster) - िजस समय व तत म डि टग का काम करना होता ह तो पावर ड टर क आव यकता होती ह इनम 15 हास पावर स लकर 5 हास पावर क शि त का प ोल या डीजल स चलन वाला इ जन योग कया जाता ह इसम एक या दो ड चाज पाइप लगी होती ह िजनस वष धल 300 स 390 कमी त घ ट क ग त स नकलती ह इसक मा ा और ग त को नयि त करन क लय आव यक य लग होत ह िजसक सहायता स ग त को कम या अ धक कया जा सकता ह

96 यग एव डि टग का तलना मक अ ययन

1 यग का ायः त इकाई म भावकार त व (Active ingredient) का म य कम होता ह जब क डि टग म यादा होता ह

2 यग म व पण (Desposition) सभी थान पर एक समान होता ह जब क डि टग म कह यादा कह कम दवा पह चती ह

3 यग वारा योग क गई दवाओ का अवशष भाव कम समय तक रहता ह 4 यग पर हवा का यादा भाव नह पड़ता जब क डि टग म हवा मह वपण थान

रखती ह 5 यग क अप ा डि टग क लागत कम होती ह 6 यग करन वाल य ड टस क अप ा भार तथा अ धक क मती होत ह 7 डि टग करन म पानी क आव यकता नह पड़ती जब क यग म यह आव यक ह 8 डि टग क लय ातःकाल का समय उपय त होता ह जब क यग क लय शाम का

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97 ध ण य (Fumigators) यह ऐस य ह िजनका योग ध ण वष क लय कया जाता ह अपन दश म

अ धकतर साइन गस प प योग कया जाता ह अतः उसी का वणन कया गया ह साइन गस प प (Cynogas pump) - इनक बनावट सरल होती ह यह ायः साइन गस अथवा कि शयम साइनाइड पाउडर को प प करन क लय योग कया जाता ह इसक न न ल खत भाग होत ह - प प नाम (Pump cylinder) - यह लगभग 45 समी ल बी 712 समी यास वाल पीतल क नल होती ह जो उपर सर क टोपी (Pump cap) वारा ब द रहती ह इसका नचला सरा एक पतल ट ट वारा काच क बोतल म खलता ह िजसम पाउडर भरा जाता ह प प नाल तथा बोतल क बीच एक कपाट (Valve) होता ह यह हवा क बोतल म आन दता ह पर त प प नाल म जान स रोकता ह

प प नाल क आधार क पास एक डलवर यब लगी होती ह िजसका स ब ध बोतल स होता ह इसी यब स होकर पाउडर म त हवा बाहर नकलती ह प प नाल क नीच एक लोह क प ती lsquolsquoरकाबrsquorsquo (Foot rest) लगी होती ह िजस पर पर रखकर प प को चलात ह

डल वर यब स लाि टक का डल वर होज (Delivery hose) लगा होता ह िजसस लगभग 30 समी ल बी पीतल क नल लगी होती ह िजस लास (Lance) कहत ह

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2 लजर राड (Plunger rod) - इसक ऊपर सर पर लकड़ी का हि डल लगा होता ह तथा दसर सर पर चमड़ का कपाट (Leather valve) होता ह जो वासर स साई कल क प प क तरह जड़ा रहता ह

काय व ध - बोतल का 34 भाग कि शयम साइनाइड स भर दत ह तथा िजस थान पर ध ीकरण करना होता ह लॉस को वहा पर रखकर हि डल को चलात ह िजसस प प क चलन पर पाउडर बाहर नकलता ह

98 कट- वष सारण य क योग करत समय सावधा नया क ट- वष सारण य क योग करन क समय न न ल खत सावधा नया रखनी चा हय - 1 योग करन स पहल य क नट बो ट अ छ तरह कस लन चा हय तथा ल कज

इ या द को दखकर ठ क कर ल 2 चलन वाल सामा य भाग म तल ीस आ द लगा ल ता क चलात समय आसानी रह 3 रबर तथा लाि टक क यब को यादा न म ड़ जहा तक स भव हो सीध रख ता क

टट नह तथा योग क बाद उसको ठ क कार स समट कर रख 4 योग करन क प चात नोिजल टक तथा क टनर को हमशा साफ करन क प चात

सखाकर रख ता क जग न लग 5 योग करत समय क टनर क कल मता का 34 भाग ह दवा स भर 6 योग करत समय शर का उ चत दबाव रखना चा हय तथा यान रह क हवा का

दबाव यादा न हो य क इसस टक फट सकती ह तथा कम भी न रह िजसस व फोस क साथ नह नकलगा िजसस नह हो पायगा

7 पावर य म तल क एक नि चत मा ा (ल वल) रख 8 िजस समय य योग म न आ रह हो तो उसक भाग को खोलकर अलग-अलग ीस

इ या द लगाकर उ चत थान पर रख

99 छड़काव प प व नोजल क दख रख 1 छड़काव प प को इ तमाल करन क पहल व बाद म अ छ तरह पानी स धो ल 2 नोजल म य द कावट आ रह हो तो उस बदल ल या साफ पानी स धो ल नोजल क

छद म म ह स हवा ना द और ना ह कसी व त स (चाक आ द) छद खोलन क को षष कर

3 नोजल क समय समय पर जाच करत रह और साल म एक बार इस बदल ल 4 जब छड़काव प प को रखना हो तो उस डटरज ट स अ छ तरह धो ल और पानी स

काफ बार धो ल ता क डटरज ट पर तरह स प प नकल जाऐ छड़काव टक को सखा कर उसका म ह खोल कर रख ता क हवा उसम आती जाती रह

5 छड़काव प प क अ य ह स को अ छ स तल या ीस लगाऐ 6 हो सक तो पप को टाग कर रख ता क चह उस नकसान ना पह चा सक

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910 सर ा मक तर क स खरपतवार नाशक का रखरखाव 1 खरपतवार नाशक क लबल को अ छ स पढ़ ल तथा उस पर लख नदष और

सावधा नय का पालन कर लबल पर खरपतवार नाशक का रासाय नक नाम स य त व सशो धत मा ा व सावधा नया लखी होती ह

2 आख मह चमड़ी वास स लगातार यादा समय तक खरपतवार नाशक का स पक ना रख

3 शर र पर खरपतवार नाशक लग जाऐ तो उस तर त साबन स धो ल 4 खरपतवार नाशक का इ तमाल करत व त ध पान या भोजन ना कर 5 हवा क वप रत दशा म छड़काव ना कर 6 छड़काव क समय चहर को कपड़ स बाध कर रख 7 य द चमड़ी म खजल लाल होना च कर आना उ ट आ द होन लग तो तर त डॉ टर

स स पक कर 8 खरपतवार नाशक क खाल बोतल को न ट कर द तथा इस कसी अ य काम क लए

दोबारा इ तमाल ना कर 9 खरपतवार नाशक क साथ गदा पानी ना मलाए 10 खरपतावार नाशक का उसी क ड ब म ताल म खान म सामान व ब च स दर रख

ाथ मक उपचार खरपतवार नाषक को नगल लन पर उ ट कराय य द उ ट ना हो रह हो तो अगल को म ह म डाल कर या गरम पानी म नमक या चारकोल मला कर पताऐ गभीर हालत होन पर तरत डा टर को बलाऐ मर ज को खल हवा म रख

911 साराश क टनाशक क छड़काव क लए म यतः तीन कार क य का योग होता ह जस क कार क य का योग होता ह जस क 1 यर का फहार य िजसस क ट- वष को व प वारा योग कया जाता ह 2 ड टस वारा सख ाणी वष धल क प म बरकाऐ जात ह 3 ध ण

य का योग ध ण वष क लए कया जाता ह व भ न कार क नोिज स का योग कया जाता ह

912 बोध न 1 ह ड क पशन यर का नामा कत च बनाकर काय व ध का वणन क िजए 2 क ट वष सारण य क योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए 3 न न म स कौनसा ह तच लत यर का उदाहरण ह

अ लोवर यर ब आटोमाइजर स हाइ ो लक पावर यर द उपरो त सभी

4 नपसक यर क मता कतनी होती ह

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अ 15 ल टर ब 25 ल टर स 35 ल टर द 50 ल टर

5 कस य का योग ध ण वष क लए कया जाता ह अ यर ब ड टस स फमीगटस द कोई नह

913 सदभ साम ी 15 ReddyTY and ReddiGHS2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 16 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 17 Singh Chhadda 1999 Modern Techniques of Raising Field

Crops Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi

18 Singh SS 1993Crop Management under Irrigated and Rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

19 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार (03) 54-63

20 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स त एव फसलरामा पि ल शग हाउसए मरठ

21 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

148

इकाई 10 पादप रोग व ान का इ तहास एव स ा त

इकाई क परखा 100 उ य 101 तावना 102 पादप रोग व ान या ह 103 पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म मह व 104 पादप रोग व ान का उ तरदा य व 105 पौध म रोग क धारणा 106 पौध म रोग क प रभाषा 107 पादप रोग व ान का इ तहास 108 आध नक भारत म पादप रोग व ान का इ तहास 109 पादप रोग बध क सामा य स ा त 1010 साराश 1011 अ यास न 1012 सदभ साम ी

100 उ य इस इकाई क अ ययन क उपरा त आप यह जान पाऐग -

पादप रोग व ान तथा उसक काय पादप रोग का इ तहास पादप रोग बध क सामा य सदात

101 तावना इस प वी पर रहन वाल सम त स म एव बड़ जीव क म य सम या वा तव म भख

क ह इस अ चकर अव था स बचन क लय ह यह जीव अपन जीवन का अ धकाश समय भोजन को ा त करन क यास म यतीत करत ह य द वा त वक प द दखा जाय जो मानव-जा त का इ तहास कछ भी नह ह अ पत वह उसक भोजन क ाि त क लय कय गय यास का लखा-जोखा मा ह य य प इसम स अ धकाश इसको स य नह मानत ह पर त य द हम मन य-जा त क पव ऐ तहा सक दन स लकर आज तक क या-कलाप का अवलोकन कर तो हम पता चलगा क उसका य अथवा अ य प स पट क सम या स रत रहा ह आ द काल स ह मन य अपना भाजन पौध और ज तओ स ा त करता चला आ रहा ह जब क ज त पण प स यतीत करता ह हमार द नक भोजन क लय अनाज दाल सि जया फल मसाल तल इ या द भी पौध स ह मलत ह िजन ज तओ स हम मास दध अ डा इ या द

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ा त होत ह वह भी पौध स ह अपना भोजन लत ह यह नह रलगा डय को चलान क लय प ोल डीजल और उवरक को बनान म सहायक न था इ या द क उ प त भी वा तव म पौध स ह होती ह इस कार हम दखत ह क हमार द नक योग म आन वाल लगभग सभी व तए हम य या अ य प म पौध स ह ा त होती ह अतः य द पौध को उ प न करन म कोई व त अथवा जीव बाधा पहचाता ह तो वह कवल पौध क लय ह नह अ पत हमार लय भी प ट प स हा नकाकरक ह

इस प वी पर जव त म एक ग तशील स तलन होता ह मन य अपना जीवन आराम म यतीत करन क लय इस स तलन म अनक बाधाय उ प न करक फसल को उगाता ह आध नक क ष अथवा फसल उ पादन वा तव म क ष व ान क व भ न शाखाओ म जा रह नवीन खोज का ह प रणाम ह वस तो फसल को उ प न करन म अनक ाक तक वपदाओ का सामना करना पड़ता ह पर त पादप रोग तकल मौसम खरपतवार और क ट नाशकजीव फसल क उ पादन म सबस बड़ खतर ह और इनम स कोई भी फसल को हा नक पह चाकर पदावार कम कर सकता ह पौध म रोग को उ प न करन वाल कारण भी दसर ा णय और मन य म उ प न होन वाल रोगो क कारण क समान ह होत ह य य प अ य जीव क भा त पौध म दःख और पीड़ा का अनभव करन क अभी तक नि चत माण नह मल ह पर त इनम भी रोग का वकास ज तओ एव मन य क समान ह होता ह

102 पादप रोग व न या ह पादप रोग व ान या फाइटोपथोलोजी (Plant Phytopathology) श द क उ पि त

ीक भाषा क तीन श द (i) फाइटॉन (Phyton) = Plant पादप (ii) पथॉस (Pathos) = suffering or aliments = पीड़ा या रोग (iii) लॉगोस या लॉगस (logoes ओर logus) = to study or knowledge = अ ययन या ान स ह ई ह िजसका अथ पादप रोग का अ ययन होता ह

प रभाषा (definition) - पादप रोग व ान क ष व ान वन प त या जीव व ान क वह शाखा ह िजसक अ तग त पादप रोग क कारण हतक उनस ह ई हा न तथा उनक नय ण उपाय का अ ययन कया जाता ह (Plant Pathology is that branch of Agriculture botanical or Biological science which deals with the study of the causes etiology resulting looser and control measures of plant diseases) यह व ान भी मन य स स बि धत च क साशा एव पशओ स स बि धत पश च क सा क समान ह होता ह उ य - इस व ान क न न ल खत मख उ य होत ह - 1 पादप रोग क जी वत अजी वत एव पयावरण कारण का अ ययन करना 2 रोगजनक वारा रोग वकास क या व ध का अ ययन करना 3 रोग क नय ण व धय को वक सत करना और पौध म उनक वारा होन वाल हा न को

कम करना

150

103 पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म मह व पादप रोग व ान ायः एक यावहा रक या अन य त व ान क साथ-साथ एक सम वय

या सकलन का व ान ह इसक काय क प रभाषा दना बह त क ठन ह इस व ान क अ तगत पादप रोग सम या क यावहा रक समाधान आत ह यावहा रक तर पर एक फसल क दशन म कोई भी दोष पादप रोग व ानी क लय एक सम या बन सकता ह अतः पादप

रोग व ानी क दो मख उ य होत ह सव थम उस पादप रोग नवारण क स ा त को योग करक फसल म होन वाल हा नक को कम करना होता ह तथा दसर पादप रोग क स ा त क ान वारा उस ज वक व ान क गहर समझ का वकास करना होता ह स ाि तक रोग व ान

म स मजीव वारा उ प न रोग को अ धक मह व दया जाता ह जब क खत म रोग व ानी को अ य दसर कारक वारा उ प न अनक वकार को सामना करना पड़ता ह इस अव था म रोग व ानी को प रवार क डा टर क सामन ह माना जा सकता ह इस कारण स ह कछ यि त तक तक द सकत ह क खत या रोग व ान एक व ान क अप ा एक कला अ धक ह

पादप रोग व ान व ान क अ धकाश परानी एव नवीन शाखाओ स स बि धत ह पहल जब क इसका स ब ध कवल भौ तक व ान (Physics) रसायन व ान (Chemistry) वन प त व ान (Botany) एव ज त व ान (Zoology) स ह बना था उसी कार अब यह अणज वक (Molecularbiology) कवक व ान (Mycology) जीवाण व ान (Bacteriology) वषाण व ान (Virology) स क व ान (Nematology) पादप - शार रक (Plantanatomy) पादप का यक (Plant Physiology) आनव शक (Genetics) जव ौ यो गक या बायोट नोलोजी (Biotechnology) आनव शक इ जी नयर (Genetic

Engineering) जीवरसायन व ान (Biotechnology) उ यान व ान (Horticulture) वन व या या वा नक (Forestry) तथा मदा व ान (Soil Science) क साथ साथ मदा स म व ान (Soil Microbiology) स भी स बि धत ह तथा यह इन व ान स अनक लाभ ा त करता ह जो यि त पादप रोग व ान को अमल म लात ह उनका न कवल ज वक एव

क ष व ान को अ छा ाता होना आव यक ह अ पत उनक लय प टतः असब धत वषय जस मौसम व ान (Meterorology) अ भया क (Engineering) वाय व ान (Aerodynamics) एव अथशा (Economics) इ या द का जानकार होना भी आव यक ह

पादप रोग व ान का स ब ध पादप रोग क सम त पहलओ स होता ह अतः इसका काय मानव रोग व ान क अप ा अ धक व तत होता ह य क मानव रोग व ान मन य म उ प न बीमार क अनक पहलओ म स कसी एक स ह स बि धत होता ह (इसक दसर पहल वा य व ान जन वा य तर ा व ान उपचार या च क सा इ या द होत ह) य य प हाल क वष म पादप रोग व ा नय न भी मानव रोग व ान क समान ह पौध म रोग क कसी एक वशष पहल म वशष बनना आर भ कर दया ह कछ म य जस परपोषी एव रोगजनक क बीच रसाय नक आि वक तथा आनव शक तर पर होन वाल पा प रक

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याए पादप वषाण व ान कवकआ वषालकता का रसायनशा तथा रोग पवानमान णा लया इ या द म बह त अ धक ग त क गई ह यावहा रक ि ट स पादप र ण रसायन का वकास तथा रोग तरोधी क म क जनन क काय म बह त अ धक उ न त ह ई ह

वष 1993 म सम त व व क जनस या लगभग 557 अरब थी जो वष 2000 तक बढ़कर 62 अरब हो गयी सम त व व क वतमान जनस या लगभग 66 अरब ह जो 170 तशत वा षक व क दर स बढ़ रह ह तथा अनमान ह क व व क जनस या वष 2010

तक 71 अरब एव वष 2025 तक 85 अरब स भी ऊपर हो जायगी सम त व व क वतमान जनस या यक 11 वष म 1 अरब बढ़ जाती ह सय त रा म खा य और क ष सगठन (Food and Agricultural Organization = FAO) वारा वष 1993 म कए गय सव ण क अनसार व व क वक सत दश क कल जनस या लगभग 131 अरब थी िजसम स 88 तशत जनस या क ष म लगी थी तथा उनक पास क य भ म 617 अरब ह टयर थी िजस

पर सम त व भ न फसल का कल उ पादन 2554 अरब टन हआ था इसी कार व व क सम त वकासशील दश क कल जनस या 426 अरब थी िजसम स 568 तशत जनस या क ष क ऊपर नभर थी तथा उनक पास कल क य भ म 729 अरब ह टयर थी िजस पर सम त व भ न फसल का कल उ पादन 3043 अरब टन हआ था इस कार वकासशील दश क लगभग 50 स 80 तशत (औसत 568 तशत) आबाद क ष म लगी ह जब क इन दश का क ष उ पादन अप ाकत बह त ह कम तथा जनस या व दर बह त अ धक (264 तशत वा षक) ह िजस कारण स यहा क लोग अ प एवम न न तर क भोजन पर जी वत ह एक अनमान क अनसार आज भी व व क व भ न भाग (अ धकाश अ वक सत एवम वकासशील दश ) म लगभग 2 अरब लोग भख अथवा कपोषण या दोन स ह पी डत ह इतन लोग को तथा आग आन वाल वष म करोड़ो लोग को भोजन खलान क लए व व खा य आप त को बढ़ान वाल सभव व धय को बनाय रखना नतात आव यक ह क ष उ पादन बढ़ान वाल मख व धया 1 फसल का व तार 2 खती क उ नत व धया 3 अवरक का पया त उपयोग 4 फस क उ नत क म का योग 5 सचाई क साधन का व तार तथा 6 उ नत फसल सर ा इ या द ह य य प इसम कोई स दह नह ह क इनम स थम पाच उपाय वारा क ष उ पादन म व होती ह पर त पादप रोग एवम नाशकजीव स फसल सर ा कय बना स भा वत खा य उ पादन क मा ा बह त घट जाती ह

रोग क ट एवम खरपतवार स फसल हा न - सय त रा क खा य और क ष सगठन वारा वष 1993 म कय गय सव ण क अनसार व व फसल उ पादन का 337 तशत

औसत भाग अथवा व व क कल उ पादन का एक तहाई भाग कटाई पव ह फसल उ पादन क समय रोग क ट एवम खरपतवार वारा न ट कर दया जाता ह अथात वष 1993 म वक सत दश क कल वा त वक फसल उ पादन 2554 अरब टन म स 605 अरब टन या 2379 तशत हा न तथा वक सत दश क कल वा त वत फसल उ पादन 3043 अरब टन म 113

अरब टन या 3718 तशत हा न रोग क ट एवम खरपतवार क वारा ह यी थी इसक

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अ त र त फसल क कटाई क प चात नाशकजीव वारा ख या न क 9 स 20 तशत तक भडारण त या हा न हो जाती ह इस कार स पण व व म सम त खा य फसल का 48 तशत भाग कटाई स पव खत म तथा कटाई क बाद भडारण म नाशकजीव वारा न ट कर

दया जाता ह खा य और क ष सगठन क उ पादन वा षक प क (FAO Production Year

1993) म आक लत व व फसल उ पादन तथा रोग क ट एवम खरपतवारो स व व उ पादन म ह यी कटाई स पव हा नय को सारणी 11 म दशाया गया ह सारणी म दय गय आकड़ स स होता ह क व व फसल उ पादन क 118 तशत औसत उपज कटाई पव रोग वारा न ट कर द जाती ह तथा साथ ह क ट एवम खरपतवार वारा मशः 122 तशत एवम 97 तशत औसत उपज क हा न होती ह इस कार खा य एवम क ष सगठन क क ष उ पादन वा षक प तक 1993 क उ पादन आकड़ तथा मर 1967 और ओक एवम सहयोगी 1994 वारा दय गय हा नय क तशत क अनसार व व क सभी वक सत दश म स भा वत कल फसल उ पादन क 228 अरब टन 1214 तशत औसत उपज क कटाई पव हा न अकल रोग वारा होती ह जब क व व क सम त वकासशील दश म अकल रोग वारा होन वाल हा न 926 अरब टन 2398 तशत औसत उपज क बठती ह

भारत क वतमान जनस या 10270 करोड़ स भी अ धक ह अथात स पण व व क सवा धक जनस या वाल दश म भारत का दसरा थान ( थम थन चीन जनस या 1276 करोड़) ह तथा सपण व व क आबाद का लगभग 16 भाग भारत म नवास करता ह और लगभग 70 तशत आबाद क ष क ऊपर नभर ह भारत न गत वष म क ष क म बह त अ धक उ न त क ह जो खा या न उ पादन म कौतकपण व वारा प ट हो चक ह जहा वष 1950-51 म भारत का कल खा या न उ पादन 5 करोड़ 8 लाख टन था वह वष 1970-71 स बढ़कर 10 करोड़ 8 लाख टन पव 1990-91 म 17 करोड़ 6 लाख टन वष 2001-2002 म बढ़कर 20 करोड़ 98 लाख टन पर पह च

भारत म भी गत वष पहल lsquoह रत ाि तrsquo क प म ह ए क ष पा तर क कारण दश खा या न उ पादन म आ म नभर हो गया ह पर त यह क ष पा तरण कवल गह म ह अ धक सफल हआ ह य क फसल क व क समय म रोग एवम नाशकजीव वारा हा न या

त कम पह चायी जाती ह इसक अ त र त इस ाि त का सार अ य दसर फसल एवम दश क सभी म नह हो पाया ह फसल क उपज को भा वत करन वाल अनक कारक lsquo जस मदा म नमी का अभाव मदा क न न उवरता फसल क अन चत क म इ या द क अ त र त रोग हा नकारक क ट एवम खरपतवार वारा स भा वत फसल उ पादन को ग भीर प स सी मत कर दया जाता ह रोग एवम क ट या धय क मार स कोई भी फसल अनाज दलहन तलहन स जी फल मसाल एवम जडी -ब टय अछती नह रहती ह भारत म पीआर महता ण डमीज पद मजपबपकम ददनसए 1976 क अनसार सपण फसल उ पादन का 18 तशत भाग तवष खत (कटाई पव) एवम भडारण म व भ न पादप रोग क ट-नाशकजीव

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एवम खरपतवार वारा न ट कर दया जाता ह िजसका म य 5000 करोड़ पय वष 1976 क म य क आधार पर बठता ह सारणी 12 सारणी म व भ न नाशकजीव वारा सम त फसल म होन वाल हा न का म य

एवम तशत नाशकजीवा (Pest)

हा न का म य (Loss in Value)

तशत हा न ( Loss)

1 खरपतवार (Weeds) 1650 करोड़ पय 33

2 रोग (Diseases) 1300 करोड़ पय 20

3 क ट (Insects) 1000 करोड़ पय 20

4 भडारण नाशकजीव 350 करोड़ पय 7 5 कतक ज त (Rodents) 300 करोड़ पय 6

6 अ य नाशकजीव (Other Pests) 400 करोड़ पय 8

योग (Total) 5000 करोड़ पय 100

भारत म फसल उ पादन क व भ न नाशकजीव वारा होन वाल हा न क उपरो त आकड़ वष 1976 क म य पर आधा रत ह तथा आजकल क म य को दखत ह ए यह हा न तीन चार गना स कम नह होनी चा हय आज जब क जनस या म व ती ग त स हो रह ह तथा उपरो त व णत पादप रोग एव अ य नाशकजीव वारा कया जान वाला वनाश कषक व ा नक एव शासक क सम एक ग भीर सम या बना हआ ह इस अव था म यह आव यक ह क हमारा यय क ष क लय उपल ध सी मत भ म पर अ धक स अ धक उ पादन करना होना चा हय ऐसा उस समय ह हो सकता ह जब क उ पादन ो यौ गक का मल र ण ो यौ गक क साथ कराया जायगा य द हमन अपना यान फसल क उनक श ओ स सर ा कय बना कवल उनक उ पादन पर ह लगाया तो भोजन म आ म नभर होना हमार लय सदव एक व न ह रहगा भारत म जहा क ष भ म सी मत ह तथा जनस या ती ग त स बढ़ रह ह फसल को य द रोग हा नकारक क ट एव खरपतवार वारा हा न स बचा लया जाय तो हमार दश म आग आन वाल वष तक अनाज क कमी नह होगी इस हा न का भाव हमार ऊपर कवल आ थक प स ह नह पड़ता अ पत फल व प अनक दसर राजन तक एव सामािजक सम याय भी उ प न हो जाती ह अतः मानव जा त क क याण क लय तथा दश को सम शाल एवम आ म नभर बनान क लय आध नक क ष म पादप रोग व ान का अ ययन एक बह त मह वपण थान रखता ह य य प पादप रोग व ान एक व ान क प म पादप रोग क वकास एव उनक कारण को जानन म हमार ान व क यास करता ह पर त इसक अ त र त भी यह एक अ धक यावहा रक ल य वाल व ान ह िजसका मख उ य सम त पादप रोग क नय ण व धय को वक सत करना ह िजसस क पादप रोग स न ट होन वाल अनाज सि जय फल एव दसर खा य व तओ स बचाया जा सक तथा इ ह ससार क व भ न भाग म करोड़ भख लोग को उपल ध कराया जा

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सक अतः इस प वी पर जब तक मन य भखा ह तब तक पादप रोग व ानी का म य कत य ह क वह मानव क याण क लए सभी को पया त भोजन रशा एव ईधन उपल ध कराय

104 पादप रोग व ान का उ तरदा य व पादप रोग व ान क न न ल खत िज मदा रया ह -

1 नई - नई पादप रोग सम याओ का म याकन करक उनका समाधान करना 2 अनसधान क ताओ और सार वशष को श त करना 3 पादप रोग क ब ध क यावहा रक व धय को ात करना िजनको कसान अपन

खत म सगमता स योग कर सक

105 पौध म रोग क धारणा हम एक पौध को व थ उस समय तक ह कहत ह जब तक वह अपन सम त

सामा य शर र- या मक काय को नर तर परा करता रहता ह और अपनी जन नक शि त क अनसार अनमा नत पदावार दता रहता ह पौध क म य शर र या मक काय म सय क काश स भाजन स लषण करना भोजन एवज ल का आव यकतानसार व भ न भाग म थाना त रत करना तथा स ल षत पदाथ का उपाचयन एव जनन इ या द याय आती ह रोगी पौधा इन

याओ म स एक अथवा अ धक को पर करन म असमथ रहता ह िजसक प रणाम- व प वह अपनी ह जा त क अ य दसर पौध स भ न दखाई दता ह इस असामा यता क कारण ह रोगी पौध क रोगी अग क अथवा स पण पौध क म य हो जाती ह पौध क कसी एक अग क

या पर रोग का भाव इस बात पर नभर करता ह क रोगजनक न सबस पहल कौन सी को शकाओ अथवा ऊतक पर आ मण कया था मल ऊतक म होन वाल वकत याओ अथवा वगलन वारा मदा स जल एव पोषक त व क अवशोषण पर भाव पड़गा और सवहनी ऊतक पर भाव पड़न स इन पदाथ का थाना तरण घट जायगा अथवा ब द हो जावगा िजसक प रणाम व प पौध क वायव भाग पर धा एव यास क च ह दखाई दग इस अव था म इन भाग क ऊतक वक सत नह हो सकत ह अथवा अ त म इनका वघटन भी हो सकता ह इसी कार य द कसी रोगजनक का आ मण पि तय क ऊतक पर होता ह तो काश स लषण क या भा वत होती ह और पौध म काबनहाइ टस क कमी हो जाती ह

रोग क अ भ यि त का स ब ध पादप अग क दबल अथवा न य अव था स होना भी आव यक नह होता ह अनक रोग म पौध क रोग स भा वत ऊतक उ व या दखात ह िजनक प रणाम व प प टकाय एव ग म या अबद वक सत हो जात ह पर त यह अव थाय पौध क लय तकल और रोगजनक क लय अनकल होती ह

पादप रोग को उनक वारा उ प न कय गय ल ण वारा अथवा पौध क बीमार अव था वारा पहचाना जाता ह रोग और ल ण दोन अलग-अलग अव थाय होती ह आध नक व ा नक वचारधार क अनसार - lsquolsquoपौध एव रोगजनक क बीच ह ई पार प रक याओ को रोग कहत हrsquorsquo दसर श द म रोग वह अ भ यि त ह िजसम पौध क कसी अग क को शकाओ और रोगजनक अथवा उसस उ प न ए जाइम आ वष एव व नय क क बीच जव रासाय नक

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याय होती ह इन याओ क फल व प पौध क आक त एव स यता म प रवतन आ जाता ह यह प रवतन ह पौध पर रोग ल ण क प म कट होत ह

106 पौध म रोग क प रभाषा व भ न लखक न पौध म रोग क अलग-अलग प रभाषा द ह िजनम स न न ल खत म य ह - 1 एचएच हटजल (HH Whetzel 1935) क अनसार - lsquolsquoपौध म रोग हा नकारक

शर र या मक या ह जो एक ाथ मक रोगकार कारक क नरतर हो रह उ तजना क कारण होता ह तथा अपसामा य को शक य या क वारा द शत होता ह और व श ट वक त अव थाओ िज ह रोग ल ण क नाम स पकारा जाता ह क प म कट होता हrsquorsquo (ldquoDisease in plant is injurious physiological activity caused by continued irration of primary causal factor exhibited through abnormal cellular activity and expressed in characteristic pathological conditions called symptomsrdquo)

2 जज हासफाल एव एई डाइमड (JG Horsfall and AE Dimond 1959)क अनसार - lsquolsquoरोग एक अव था नह ह रोग रोगजनक नह ह रोग त क समान नह ह रोग नरतर उ तजना क प रणाम व प होता ह रोग एक क या मक या हा नकारक म हrsquorsquo(ldquoDisease in not in conditiondisease is not the pathogendisease is not the same as injuryhellipdisease Reasult from condition irritation hellipdisease is a mafunctiong processhelliprdquo)

3 जीसी क ट (DC Kent 1973)क अनसार lsquolsquoएक व श ट जीव क भीतर ऊजा क उपयोग स पर पर स बि धत एक रोगजनक क नर तर हो रह उ तजनाओ क प रणाम व प यो यता क यास अथवा हा न को रोग कहत हrsquorsquo (ldquoDisease is the diminution or loss of the ability to correlates the utilization of energy within an individual as a result of the continued irritations of pathogenrdquo)

4 अम रकन फाइटोपथलोिजकल सोसायट एव ब टश माइकोलोिजकल सोसाइट वारा वीकत रोग क प रभाषा इस कार ह - lsquolsquoरोग एक क या मक या हा नकारक म ह जो नर तर उ तजना क कारण होता ह िजसक प रणाम व प कछ पीड़ा उ प न करन वाल ल ण उ प न होत हrsquorsquo (ldquoDiseas is malfunctioning process that is caused by continuous irritation which results in some suffering producing sumptmsrdquo)

5 दास ग ता (Das Gupta 1977) न समाजवाद क स ा त lsquolsquo याय यक जड़वाद (ldquoDialectical Materilismrdquo) क धारणा क आधार पर रोग को इस प म प रभा षत कया ह lsquolsquoरोग एक क या मक या हा नकारक म ह िजसम ायः परपोषी एवम रोगजनक

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क बीच लगातार पार प रक या होती ह िजसक वारा व थ एवम रोग त अव थाओ क गणा मक ि थ तय क बीच अनक मा ा मक प रवतन होत हrsquorsquo

सह एवम सहयोगी (Singh et al 1989) न उपरो त प रभाषाओ एवम अ य व ा नक वारा कट कए गय वचार क आधार पर रोग क प रभाषा इस प म द ह lsquolsquoरोग एक पौध

या उसक कसी भाग क त म कसी जी वय (ज वक) या म यजीवीय अथवा अजव कारक या कारक वारा लायी गयी प रव तत एवम जव रसाय नक अ भ याओ का एक सपण योगफल ह जो इसक शर र या मक म को क या मक क ओर आग बढ़ाता ह और अत म धीर-धीर यह प रवतन को शक य एवमअथवा आका रक य तर पर प ट प स कट होत ह यह सभी प रवतन इतन अ धक प रणाम होन चा हए क पौध क सामा य एवम जनन क लए एक बाधा (आपि त) बन जायrsquorsquo (ldquoA sum total of the altered and induced biochemical reactions in a system of the plant or plant part brought aboput by any biotic or mesobiotic or abiotic factor(s) learning to malfunctioning of its physiological process and ultimately manifesting at cellular and or morphological level All these growth and reproduction of the plantrdquo) उपरो त प रभाषाओ म व णत इन उ तजनाओ म को रोगजनक वारा परपोषी पौध म भ न- भ न पर त पर पर सब धत न न माग व धय वारा लाया जाता ह - 1 रोगजनक क परपोषी क स पक म आन पर परपोषी को शकाओ क अतव तओ का उपयोग

करक 2 परपोषी को शकाओ को मारकर अथवा अनक उपाचयी स यताओ म अपन ए जाइम जीव-

वष एव व नय क वारा बाधा पहचाकार 3 अपन वय क लय परपोषी को शकाओ स पोषक य क नर तर अवशोषण वारा परपोषी

को दबल बनाकर तथा 4 वा हनी ऊतक स आहार ख नज पोषक त व एवज ल क थाना तरण म बाधा पह चाकर

107 पादप रोग व ान का इ तहास पादप रोग व ान पर अब तक का शत सम त प तक पि चमी दश ( वशष प स

यरोप और उ तर अम रका) वारा एक कय गय ान पर आधा रत ह इन प तक को पढ़न क बाद कछ ऐसा आभास होता ह क पौध क रोग क ओर सबस पहल कवल पा चा य दष क लोग न ह यान दया था जब क इन प तक म यह चचा कह नह मलगी क ाचीन भारत म पादप रोग व ान क वषय म व त ि थ त या थी पा चा य दश क इन प तक म आज लगभग 2400 वष पहल यनानी दाश नक थयो ट (Theophrastus 370-286 BC) ठ वारा पौध क रोग पर कय गय नर ण क चचा क गई ह जब क हमार अपन दश म जहा पर क क ष लगभग 4000 वष परानी ह अनक भारतीय ाचीन थ जस - ऋ वद अथववद (1500-500 BC) कौ ट य का अथशा (321-186 BC) श ता स हता (200-

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500 AD) व ण पराण (500 AD) अि न परान (500-700 AD) व ण धमावतार (500700 AD) इ या द म पौध क रोग एव उनक अ य श ओ तथा उनक रोकथाम क उपाय का वणन बह तायत म मलता ह ऋ वद म कवल पादप रोग का वग करण ह नह कया गया ह अ पत रोग क जीवाण स ा त का भी समथन कया गया ह ईसा स चार सौ वष पव भगवान ब न अपन य श य आन द स कहा था - lsquolsquoआन द जब धान म झलसा या अगमार ( लाइट) नामक रोग का कोप हाता ह तो पर फसल चपट हो जाती ह तथा जब ग न म झलसा रोग लगता ह तो ग न क पर फसल न ट हो जाती हrsquorsquo ब क इस कथन स स होता ह क उस समय भी भारतीय को पौध म रोग लगन का ान था बराह म हर न अपनी lsquoबहत स हताrsquo म पादप रोग क रोकथाम क वषय म लखा ह - शीत वाता तप रोग जायत पा ड श तला अव च वालना शाखा सोपा रस तः च क सक मथनष श नदौ वशषनम वडग घत पक कन सचयत ीरववा रणा

rsquorsquoव शीतलहर सय क ती तपन स झलस जात ह इन व क प त पील सफद हो जात ह अकर कम हो जात ह तथा शाखाय सखन लगती ह दध जसा पदाथ रोगी पौध नकलन लगता ह रोगी भाग को कलम करक वदग (ए ब लया इाइबीज) घी एव माट ( स ट) का लप करना चा हय त प चात रोगी व पर जल और दध का म ण छड़कना चा हय lsquolsquoव दक काल म भी लोग को यह ान था क पौध को यह ान था क पौध म रोग स मजीव वारा उ प न होत ह जब क पा चा य यरोप क अ धकाश व ा नक को इस त य क जानकार कवल आज स लगभग 150 वष पहल ह हो सक थी

ाचीन भारत म सपला वारा लखी गई lsquoव ायवद rsquo थम प तक ह िजसम पौध क रोग पर व तत काश डाला गया ह सम त पादप रोग को दो म य समह (अ) आ त रक रोग (ब) बा य रोग म वभ त कया गया था आ त रक रोग क वषय म अनमान लगाया गया था क यह पौध क त म अ यव था क कारण और बा य रोग स मजव एव क ट क लय अनक उपचार व धय को भी सझाया गया था जो अ ध व वास क साथ-साथ व ा नक नर ण पर आधा रत थी व श य च क सा बीज उपचार पादप मन लप वारा आवरण पौध क व श ट सवधन इ या द याओ का ाचीन भारत म पण ान था और आज भी इन व धय का योग अनक रोग को नय त करन क लय मदा सधारक क प म इन पदाथ को मा यता द ह इसस तीत होता ह क पौध क रोग क रोकथाम क ऐसी व धय का ाचीन भारतीय को पण ान था

िजस कार पौध क रोग ल ण का वणन बाइ बल श स पयर क क वताओ और नाटक म मलता ह इसी कार ह द परान शा का लदास क रघवश और अ य ाचीन भारतीय सा ह य म भी इनका वणन मलता ह बाइ बल म क कड मदरो मल और च णल आ सता अगमार इ या द रोग का उ लख कया गया ह थयो टस न अपनी प तक (ldquoEnquiry into Plantsrdquo) पौध म अ वषणrsquorsquo म पादप रोग क वषय म न क योग पर

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उसन उ लख कया ह क व भ न समह क पौध पर भ न भ न रोग उ प न होत ह जो आ मग या वतः होत ह अथात कोई बा य कारण इनस स बि धत नह होता ह बड़ आ चय क बात ह क उस समय भी भारतीय को इस त य क जानकार थी क रोग बा य कारण अथात स मजीव वारा उ प न होत ह यरोप और अ य पा चा य दश म थयो ट क बाद अगल 1000 वष तक क पादप रोग क वषय म कोई नि चत धारणा नह बनाई जा सक थी जब क रोग वारा फसल क बह त अ धक हा न होती रह औ उस समय क व ा नक क सम यह एक क ठन सम या बनी रह उस समय पादप रोग क लय अनक कारण जस दवी शि त जादगर अ ध व वास सतार व चाद का भाव गद वाय ई वर का कोप इ याद उ तरदायी माना जाता रहा ह

लगभग स हवी शता द क म य सय त स मदश क खोज क प चात जीव व ान क लय एक नया यग आर भ हआ सव थम सन 1675 म हालड नवासी यवनहॉक न पहला स मदश य बनाया और सन 1883 म उसन इसक सहायता स जीवाणओ को दखकर उनका वणन कया जब इन स मजीव को रोगी पौध क साथ स बि धत पाया गया जब उस समय यह सझाव दया गया था क राग इन जीव स पदा नह होता ह अ पत यह जीव ह रोगी म वतः उ प न हो जात ह इटलर का वान प व माईकल (Micheli 1676-1737) सबस

पहला व ा नक था िजसन 1729 म कवको का अ ययन कया और उनक बीजाणओ को दखा सन 1976 म ास क वान प त व टलट न गह क बट तथा दग ध कड रोग पर एक प का शत कया िजसम उसन योग वारा स कया क गह क बीज क सतह पर चपक हय

काल वाल बीज म व छ बीज क अप ा अ धक रोग उ प न होता ह य य प टलट को उस समय यह ान नह था क यह चण वा तव म कवक क बीजाणओ का समह ह पर त फर भी उसन इस बात पर बल दया था क यह रोग काल चण स नकल कछ वषल पदाथ स उ प न होता ह और य द बीज को उपचा रत करक बोया जाय तो रोग कम उ प न होता ह

आध नक पादप रोग व ान क एक व ान क प म आधार शला उ नसवी शता द क आर भ म रखी गई थी य य प उस समय क बह त पहल परसन (Persoon 1801) ओर ज़ (Fries 1821) जस कछ व ा नक कवक का वग करण और नामकरण करन म य त थ पर त इन दोन का व वास था क क एव कड कवक वा तव म रोगी पौध स उ प न होत ह भ न भ न स मजीव स नह सन 1807 म वो ट न स कया क गह का बट रोग एक कवक क कारण पदा होता ह उसन बट कवक क बीजाणओ और उनक अकरण का अ ययन कया और बताया क गह क बीज को नील थोथ क घोल म भगोकर बोन स इस रोग को नय त कया जा सकता ह

जब सन 1830 और सन 1845 क बीच आल का पछती अगमार रोग इ लड आयरलड और यरोप म शी ता स फल रहा था तब रोग एव कवक क आपसी सबध क व सय म व ा नक क बीच कोई एक नि चत मत नह था बकल (Berkeley 1846) मॉरन (Morren 1845) और वॉन मा शअस (Von Martius 1842) जस कछ व ा नक का ह यह व वास था क आल क पछती अगमार रोग कवक स उ प न होता ह पर त इन व ा नक क

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पास अपनी बात उ चत स करन क लय ायो गक माण नह थ आध नक योगा मक पादप रोग व ान क आधार शला जमन व ा नक ए टन डी बर (Anton de Bary 1831-1888)न रखी थी उसन सन 1853 म वो ट वारा क गई खोजा क पि ट कर द थी इसस पहल ास क त सन ब धओ (RL Tulasen and C Tulasne) न क और कड उ प न करन

वाल कवक का च स हत वणन कया और वो ट क काय क भी पि ट क डी बर न आल का पछती अगमार रोग पदा करन वाल कवक का व तत अ ययन करक उसका नामकरण कया और पादप रोगजनक क प म जीव क नि चत माण दय उसन अ य दसर रोग जस क कड मदरो मल आ सता और वगलन इ या द का भी अ ययन कया था ज लयस कल न सन 1858 म पादप रोग व ान पर सबस पहल प तक लखी थी िजसम उसन रोग क वकास म कवक क काय का स पण ान दया था जलयस कन को ह आध नक पादप रोग व ान का जनक समझा जाता ह डी बर क सहकम जमन क बरफ ड न सन 1875 और 1912 क म य स मजीव क क म सवधन व धय क खोज क िजनस स ामक स मजीव का अ ययन सरल हो गया

सन 1878 म अगर क मदरो मल आ सता रोग न अम रका स यरोप म वश कया उस समय ास म शराब बनान क लय अगर क खती म य प म क जाती थी डी बर वारा ह श त ास क ो मलाड न इस रोग क नय ण क लय बोड म ण खोजा था

उस समय क दो म य आल का पछती अगमार और अगर क मदरो मल आ सता का नय ण इस म ण वारा सफलतापवक कया गया य य प इस म ण क खोज आकि मक प स ह ई थी पर त सन 1885 स लकर आज तक इसक वारा अनक पादप रोग को नय त कया जाता ह

बीसवी शता द क थम दशक म पादप-व ा नक का यान पादन रोगरो धत क आनव शक का ओर खीचा गया था सव थम ब फन (Biffen 1905 1912) एव आटन (Orton 1900 1909) न धा य क और कपास तरबज लो बया इ या द क ला न रोग का नय ण रोगरोधी क म को वक सत करन क यास कय जा रह ह

पादप रोग व ान क वकास क ारि भक दन म व ा नक न कवल कवक वारा उ प न रोग म ह अ धक च ल थी पर त कवक क अप ा बह त छोट जीवाणओ का कसी पादप रोग क साथ सब धत होन पर वचार नह कया गया था सन 1876 म लई पा तर एव रॉबट कॉख न स कया क पशओ का ग ट रोग एक जीवाण पदा करता ह इसक शी बाद सन 1878 म अम रका क पादप रोग व ानी ो ट ज य रल न बताया क नाशपाती और सब का द ध अगमार रोग एक जीवाण क कारण होता ह बाद म अनक पौध क जीवाण रोग को खोजा गया और सन 1895 तक अम रका क ईएफ ि मथ न पौध क जीवाण रोग पर अ ययपन करक जीवाणओ क मह व को पादप रोगजनको क प म स कया

सव थम सन 1743 म इ ल ड क नीधम न पादप परजीवी स क म को गह क प टका म हजार क स या म पाया था पर त नीधम क खोज क लगभग 100 वष बाद तक भी पादप रोग म स क म क मह व क ओर कोई यान नह दया गया था सन 1857 म बकल एव

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शा त न चक दर क मल गाठ (root knot) और पट स क म (Cyst memattode) को खोजा था सन 1913 स लकर सन 1932 तक कौब न अनक पादप परजीवी स क मय क सरचना का अ ययन कया और उनको वगीकत कया

वषाण क वषय म हमारा ान 70 वष स भी कम पराना ह जब क पौध म वषाण ज नत रोग हजार वष स उ प न हो रह ह हॉलड नवासी मयर (Mayer 1886) पहला यि त था िजसन पोध का वषाण ज नत रोग त बाक मोजक खोजा था मयर न मोजक रोग क ल ण दखान वाल त बाक क पि तय को मसलकर रस नकाला ओर इसको व थ पि तय क म य शरा म सच रत करन स दस दन म ह रोग ल ण कट हो गय अम रका क ईएफ ि मथ न सन 1891 म आड पीत रोग पर काय करत ह य दखाया क यह एक स ामक रोग ह और इसका सचरण रोगी पौध स व थ पौध म मकलन अथवा कलमन वारा हो जाता ह पर त वह इस रोग का कोई कारण नधा रत नह कर सका तथा उसन इसको त बाक मोजक क समान ह बताया था

पादप वषाण क क त पर अ ययन आर भ करन वाल म इवानो क और बीज र क क नाम उ लखनीय ह सी अनसधाना इवानो क न बताया क त बाक मोजक उ प न करन वाला रोगकारक च बरलड फ टर वारा छानन पर नीच नकल जाता ह जब क इस फ टर म जीवाण ऊपर ह रह जात ह इस बात स उसन न कष नकाला क रोग का कारण जीवाण स न ा वत कोई जीव वष अथवा स म जीवाण था जो फ टर छ स छन कर रस म पह च गया था डच जीवाण व ा नक बीज र क (Beijerink 1898) थम यि त था िजसन स कया क त बाक मोजक रोग कसी स म जीव स उ प न नह होता अ पत यह क टिजयम ववम लइडम या स ामक जी वत तरल स उ प न होता ह िजसको उसन वाइरस या वषाण नाम दया बीज र क न यह भी बताया क वषाण पौध क परान ऊतक क अप ा नय व करत ह य ऊतक म ग त करता ह तथा सखी पि तय एव मदा म भी जी वत रह सकता ह वषाण क क त क वषय म एक म य खोज सन 1953 म टनल न का शत क थी उसन रोगी

त बाक क पि तय क रस को अमो नयम स फट स उपचा रत करक एक टल य ोट न क प म ा त कया और जब इस ोट न को त बाक क व थ पि तय पर पह चाया तो पनः रोग

उ प न हो गया इस कार उसन न कष नकाला क वषाण को एक वो रक ोट न माना जा सकता ह जो क जी वत को शकाओ म गणन करन क मता रखता ह सन 1936 म बाडन एव उसक सहयो गय न पाया क वषाण का टल य चण वा तव म ोट न और य ल क अ ल का बना होता ह सन 1936 म इल ान स मदश क खोज क प चात सन 1939 म काउशी और उनक सहयो गय न इस य क सहायता स वषाण क आक त और नाप आ द का अ ययन कया जीरर और ाम न सन 1956 म दखाया क वषाण कण स ोट न को अलग कया जा सकता ह और अकला य ल क अ ल ह पौध म स मण करक पनः वषाण बना सकता ह

सन 1971 म डाइनर न नि चत कया क आल का तक कद रोग स ामक आर एनए क एक छोट एकल स क य वतल अण वारा उ प न होता ह िजस उसन वाइरॉयड क नाम स

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पकारा था उस समय स लकर अब तक दो दजन स अ धक दसर वाइराय स जो पौध क व भ न क म म रोग उ प न करत ह को पथक कया जा चका ह

सव थम सन 1909 म लफो ट न यफा बएसी कल क लट सधर पौध क लट स उ प न करन वाल को शकाओ म काशाभी ोटोजोआ को पाया था उसक प चात सन 1931 व 1933 म टहल न काफ व क लोएम नमाण तथा ला न उ प न हो जाती ह सन 1976 म द ण अम रका एव अ का म ना रयल एव तल ताड़ व क अनक रोग क साथ कशाभी ोटोजोआ को स बि धत पाया गया ह

सन 1967 स पहल तक कवल कवक जीवाण स क म एव वषाण को ह पौध म रोग पदा करन वाल कारण माना जाता रहा था पर त सन 1967 म कछ जापानी व ा नक न बताया क पौध क कछ पीत रोग जो अब वषाण स उ प न मान जात थ वा तव म माइको ला मा स श जीव स उ प न होत ह माइको ला मा वह स म जीव ह जो माप म वषाण स बड़ और जीवाण स छोट होत ह ययाक ि थत बोइस थॉमसन इ ट यट क डॉ काल मामरोश का कहना ह क माइको ला मा स श सजीव पड का अनक पादप रोग स स ब ध ह पछल पाच वष म 200 स भी अ धक पादप रोग माइको ला मा स सब धत पाय गय ह जब क यह अब तक वषाण वारा उ प न रोग ह मान जात थ माइको ला मा अ नि चत आकार क भि तह न होत ह और इनक चार और एक पतल झ ल होती ह इनम राइबोसोम और क क य य तो पाय जात ह पर त कि दक ओर क क य झ ल अनपि थत होती ह यह रोगी पौध क लोयम ऊतक म पाय जात ह और पोधा म रोगवाहक क ट वारा फलाय जात ह सन 1972 म ड वस एव सहयो गय न म का क कठ रोग क साथ एक ग तशील कडलाकार स मजीव को दखा था िजस उ ह न पाइरो ला मा क नाम स पकारा था इनम भी को शका भि त का अभाव होता ह अतः इ ह क डलाकार माइको ला मा क नाम स भी पकारा जाता ह

108 आध नक भारत म पादप रोग व ान का इ तहास ाचीन भारत म पादप रोग क ान क वषय म पहल ह उ लख कया जा चका ह

इस दश म आध नक पादप रोग व ान का इ तहास अ धक पराना नह ह वा तव म भारत म इस व ान का ीगणश उ नीसवी शता द म ह हआ था पा चा य दश क समान ह हमार दश म भी इस वषय का वकास कवक व ान क साथ हआ ह यहा पर सन 1930 तक पादप-रोग क अप ा कवक क अ ययन पर ह अ धक यान दया था उ नसवी शता द क म य म कछ यरोपीय व ा नक न कवक का अ ययन आर भ कया जो यहा स कवक को एक करक यरोप क योगशालाओ म पहचान हत भजत थ पर त बाद म डीडी क नघम एव ए बाकल न यह पर कवक का अ ययन और उनक पहचान का काय आर भ कया और इनको बाहर भजवाना ब द कर दया बाकल न शमला क आस-पास क कड एव क का वशष प स अ ययन कया ी क आर क तकर थम भारतीय व ा नक थ िज ह न यहा कवक को एक करक उनक पहचान का काय ार भ कया था

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भारत म कवक और पादप रोग पर सग ठत अनसधान काय इस शता द क थम दशक म टश सरकार वारा था पत lsquoइ पी रयल ए ीक चरल रसच इ ट यटrsquo पसा ( बहार) म आर भ कया गया था आजकल यह स थान भारतीय क ष अनसधान स थान (IARI) क नाम स नई द ल म ि थत ह पसा स थान म सन 1910 स पहल ईज बटलर (EJ Butler) न भारतीय कवक ओर उनस उ प न रोग का व तत अ ययन कया बटलर को भारत म आध नक पादप रोग व ान का जनक माना जा सकता ह इस दश म अपन बीस वष क वास काल म उ ह न उस समय मलन वाल अ धकाश पादप रोग का अ ययन कया और साथ ह पादप रोग व ा नक क एक दल को भी श त कया िज ह न इस दशा म यहा काय को आग बढ़ान म सहयोग दया बटलर न िजन रोग का व तत लखा दया ह उनम कपास अरहर क ला न रोग ग ना आल ताड़ी क व भ न रोग ओर धा य क क इ या द मख ह उ ह न lsquo प थए सयसrsquo एव समवग कवक का व तत अ ययन करक उन पर एक मौ लक गरथ लखा तथा आज भी भारत म उनक वारा लखी गई प तक lsquoफजाई ए ड ड सज ज इन ला स (Fungi and Disease in Plants) पादप रोग व ान क लय एक महान अशदान क प म उपि थत ह

बटलर क ह एक सहयोगी जएफ द तर (18861971) थम भारतीय पादप रोग व ानी थ िज ह कवक और पादप रोग क व तत अ ययन करन का य जाता ह उनक अ ययन का व श ट वश फाइटो थोरा एव इसक जा तय स उ प न एर ड एव आल क रोग थ जीएस कलकण न वार और बाजरा क मदरो मल आ सता एव कड रोग पर व तत अ ययन का शत कय एसएल अज़रकर न कपास का ला न ग न का कड और वार का अगट इ या द रोग का अ ययन कया उस समय भारत क पादप रोग व ा नक का झकाव रोग क वणना मक पहल क ओर अ धक था और उ ह न रोग क नय ण उपाय क ओर अ धक यान नह दया था

बटलर न सन 1920 म भारत छोड़न क प चात िजन पादप रोग व ा नक न काय भार स भाला उ ह न पादप रोग क अ य पहलओ पर भी अ ययन करना आर भ कया बीबी म दकर न कपास क ला न रोग का नय ण करन क लय रोगरोधी क म क योग पर काय सफलता ा त क भारत म मलन वाल अनक कड कवक क पहचान और उनका वग करण करन का य भी म दकर को ह जाता ह उ ह न ह lsquolsquoभारतीय पादप रोग व ान स थाrsquorsquo क थापना करक सन 1948 म इ डयन फाइटोपथोलोजी का काशन ार भ कया भारत म आगरा

का लज क डॉ कमच द महता का नाम धा य क क रोग च क खोज करन म सव प र ह उनक बाद सबस वशष खोज वशष प स एका तर परपो षय क वषय म डॉ साद न क ह क शोधकताओ म अ य नाम उ पल ओर गोखल द तर ओर पाल गतानी रामक ण सोमानी वमा और गो वामी इ या द उ लखनीय ह ो जयच द लथरा एव उनक सहयो गय न अनावत कड को रोकन क लय गह क बीज क सौर ऊजा उपचार व ध को वक सत कया अ य कड को रोकन क लय गह क बीज क सौर ऊजा उपचार व ध स वक सत कया अ य कड शोध कताओ म बटलर ओर म दकर स तार एन ट डन न अनक कवक व ा नय को श त

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कया िज ह न पादप रोगजनक कवक क का यक वशष प स फल वगलन क ान को बढ़ाया कपास क रोग पर खोज करन वाल म वासदव लथरा ल खत और कलकणी स का एव साद इ या द क नाम उ लखनीय ह आल क रोग पर काय करन वाल म एमक पटल बीपी भड़ ओर जी रगा वामी इ या द क नाम उ त कय जा सकत ह थ मलाचार न क एव कड रोग पर गहन अ ययन कया और lsquo ह द तान ऐ ट बायो ट सrsquo म चल जान क प चात ऑ रयोफि जन और टोसाइ ल न तज वक पदाथ को वक सत कया तथा इनक योग को पादप रोग नय ण म सफलता पवक वश कराया एसपी रायचधर न वषाणओ एव कवक स उ प न रोग का व तत अ ययन कया उनका वषाणओ क ला णक गण सचरण तथा उनक नय ण पर कया गया काय तो बह त मह व का ह इ ह न कई नय वषाणआ को भी खोजा ह पादप रोग पर अनसधान करन वाल व ा नक न डॉ एचक स सना का व श ट थान ह इनक वारा सपा दत राजजो टो नया वश का काय अ य त मह वपण ह इ ह न पौध म रोग उ प न करन वाल कवक क परजी वता पर मतजीवी उ तरजी वता तथा राइजो टो नया वश क कवक का वग करण को शका अ ययन परजी वता एव उनक नय ण पर वशष काय कया ह डीएन ीवा तव न व भ न कवक एव जीवाणओ स उ प न रोग पर अनसधान कया िजसम धान क जीवाणज अगमार रोग का काय तो बह त मह व का ह इसक अ त र त इ ह न स मण क या रोगजनकजनन तथा रोग तरो धकता पर भी उ लखनीय काय कया ह

भारतीय व व व यालय म पादप रोग व ान क श ण का काय एक म य वषय क प म बह त दर स आर भ हआ था सव थम सन 1857 म तीन भारतीय व व व यालय

कलकता ब बई म ास क थापना क गई थी आर भ म इन व व व यालय म कवक य व गक क अ ययन को ह अ धक मह व दया गया था स भवतः सव थम म ास व व व यालय न पादप रोग व ान को एक व व व यालय क प म मा यता दान क थी इलाहाबाद (1887 म था पत) एव लखनऊ (1921 म था पत) व व व यालय न भी पहल कवक व ान एव पादप रोग व ान क यवि थत श ण काय का lsquolsquoभारतीय क ष अनसधान स थानlsquolsquo वारा माग श त कया गया जो बाद म वक सत हआ और इस स थान न इस वषय म उपा ध दना ार भ कर दया य य प आगरा व व व यालय न इसस पहल ह सन 1945 म राजक य क ष महा व यालय कानपर (अब च शखर आजाद क ष एव ाव धक व व व यालय कानपर) म पादप रोग व ान म नातको तर काय म का वश करा दया था सन 1960 म और उसक बाद अनक क ष व व व यालया क थापना क प चात पादप रोग व ान एव इसक सहायक पा य म जस कवक व ान जीवाण व ान वषाण व ान जीवरसायन व ान इ या द क श ण का काय क ष म नातक एव नातको तर काय म क एक मह वपण अग बन गय अब यह क ष व व व यालय ह पादप रोग व ान म अनसधान एव श ण काय का नत व कर रह ह

आज भारत म अनक पादप रोग व ा नक एव कवक व ा नक क एक ससग ठत खला ह जो दना दन अनक पादप रोग सम याओ और उनक नय ण उपाय पर शोध कय करन म सल न ह तथा भारतीय क ष को ग त क माग क ओर अ सर करन म सहयोग द रह ह

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109 पादप रोग बध क सामा य स ा त सव थम ीटजल (Whetzel 1929) न पादप रोग नय ण ( ब ध) क व धय या

स ा त को चार म य समह (1) अपवजन (2) उ मलन (3) र ण (4) तर ण या अस मीकरण क प म वग कत कया था पर त पादप रोग व ान म उ न त क फल व प तथा पादप रोग नय ण ( बध) क नय वक सत एवम उपचार या च क सा को भी सि म लत कर लया गया इस कार रोग ब ध न न छः सामा य स ा त पर आधा रत होता ह - 1 रोगजनक का पलायन अथवा प रहार या प रवजन 2 नवश य सा सरोप का अपवजन 3 रोगजनक का उ मलन 4 र ी या सर ी उपाय अथवा र ण 5 परपोषी म रोग तरोध का वकास 6 रोगी पौध क च क सा या उपचार

उपरो त स ा त म स थम पाच स ा त म य प स नरोधक अथवा रोगी नरोधी उपाय होत ह तथा पादप रोग बध क मख याओ का नमाण करत ह इनका यावहा रक योग पादप समि टय अथात साम हक पौध अथवा फसल पर कया जाता ह जब क अ तम स ा त lsquoरोगी पौध क च क सा या उपचारrsquo एक रोगहर व ध ह और lsquolsquoरोग बधrsquorsquo क धारणा क अ तगत इस कवल अकल पौध पर ह योग कया जाता ह इन सभी सामा य स ा त को न न पाच सवग म वग कत कया गया ह (Horsfall and Cowling 1977)

(i) कषण नय ण स हत भौ तक पयावरण (वातावरण) का बध (ii) सब स मजी वता का बध िजसम वरोध शा मल ह (iii) परपोषी जीन का बध (iv) रसायन स बध (v) च क सा या उपचार व करण एवम वभ योतक सवधन स ब ध

पादप रोग ब ध क छः स ा त जो पादप रोग बध क आध नक अवधारणा क ल ण का वणन करत ह को न न तीन आधार ब दओ क अ तगत रखा जा सकता ह अ या तो वह ारि भक नवश य (सरोपण) को कम करन अथवा रोग वकास को दर को घटान स स ब ध रहत ह

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ब या फर वह म य प स रोगजनक क स या को नय त करन रोग ाह पौध क रोगमि त एवम तर ा करन अथवा रोग वकास म सहायक पयावरण स पौध क र ा करन स स ब रहत ह और

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स या फर वह रोग क रोगजनक क उ तरजी वता क णन नवशन (सरोपण) वशन या स मण म बाधा पह चान म स ब रहत ह पादपरोग ब ध क स ा त क इन सभी पार प रक याओ को मल प स बकर (Baker 1968) तथा राबट एव बथरायड (Robert and Bothroyd 1972) वारा ता वत कया गया ह तथा चाट 182 म प रवतन प म दखाया गया ह

1 रोगजनक का पलायन या प रवजन रोगजनक क पलायन या प रवजन क अ तगत रोग ब ध क वह उपाय आत ह िजनका म य यय परपोषी पोध को रोगजनक क स पक म आन स बचाना ह िजसस क पौध क रोग ाह

अव था एवम रोगजनक क अनकल अव थाए एक साथ न मल पाय इस समह क अ तगत न न स ा त आत ह -

1 भौगो लक का चनाव - कसी फसल क लय भौगो लक का चनाव उस म फसल क लय उपि थत तापमान एव आ ता क अनकलता पर आधा रत होता ह इन कारक क वारा पौधा म उ प न होन वाल रोग भी भा वत होत ह अनक कवक एव जीवाणओ स उ प न रोग श क क अप ा आ म अ धक उ प स उ प न होत ह बाजर म कड एव अगट रोग उन आ म अ धक उ प न होत ह जहा फसल म प पन अव था क समय बह त दन तक वषा होती रहती ह अतः य द इन फसल को श क म सचाई क साधन बढ़ाकर उगाया जाय तो इनका रोगी स बचाव कया जा सकता ह

2 खत का चयन - अनक मदोढ़ रोग का बध उपय त खत का चयन करक भी कया जा सकता ह य द एक खत म कसी फसल क मदोढ़ रोग का रोगजनक उपि थत होता ह तब यह उपय त होगा क उस खत म कछ वष क लय उस फसल को न बोया जाय ग न क लाल सड़क रोग का रोगजनक कोलटो ाइकम फालकटम मदा म कछ मह न क लय जी वत रह सकता ह अतः य द रोगी फसल काटन क प चात बारा उसी खत म ग ना बोया जाता ह तब रोग क उ ता स उ प न होन क अवसर बढ़ जात ह अतः रोग ाह फसल क लय इस कार क खत का चनाव नह करना चा हय खत का चयन म जल नकास का ब ध भी एक म य थान रखता ह अनक रोग जस ग न का लाल सड़न बाजर का मदरो मल आ सता इ या द उन खत म अ धक उ प न होत ह जहा भ म जला ात होती ह फलो यान को लगात समय भी थान का चयन मह वपण थान रखता ह

3 बोन क समय का चनाव - कछ रोग उस समय अ धक उ प म उ प न होत ह जब पादप व क रोग ाह अव था एव रोगजनक क लय अनकल अव थाय एक ह समय म एक साथ मल जाती ह बोन क समय म प रवतन करक रोगजनक क लय अनकल अव था म फसल को बचाया जा सकता ह

4 रोग पलायन क म - व भ न फसल क कछ क म अपन व गण क कारण रोग उ प न होन वाल हा न स बचाव करती ह इन क म म रोग बचाव का गण उनक

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आनव शक रोग तरोध क कारण नह होता अ पत यह उनक व गणो एव पकन क समय क कारण होता ह उदाहरण क लए मटर क शी पकन वाल क म (जनवर ) च णल आ सता एव क रोग स बचाव करती ह य क इन रोग स हा न जनवर माह अथवा उसक बाद म बह त अ धक होती ह य द रोग क उ प म उ प न होन स पहल ह फ लया पण प स वक सत हो जाती ह तब हा न बह त घट जाती ह

5 बीज का चयन - फसल म अनक रोग कवल बीज अथवा दसर रोपण पदाथ जस कलम कद श ककद इ या द वारा उ प न होत ह इस कार क रोग का ब ध कवल रोग म त बीज एव रोपण पदाथ का उ चत चयन करक कया जा सकता ह

6 कषण याओ का प रवतन - व भ न कषण याय जस पौध क बीच क दर सचाई का समय एव स या रोपण का समय एव व ध म त फसल उवरक अथवा जव खाद क मा ा एव गण बोत समय बीज क गहराई इ या द भी अनक रोग क उ प न होन एव उनक उ ता पर भाव डालती ह इन याओ म आव यक प रवतन करक फसल म रोग वारा होन वाल हा न को कम कया जा सकता ह

2 नवष य सरोप का अपवजन नवशन य या सरोप का अपवजन न न व धय वारा कया जा सकता ह - बीज उपचार - फसल क बीज कद श ककद कलम एव अ य रोपण पदाथ क भीतर अथवा उसक सतह पर उपि थत रोगजनक का उ मा गस अथवा रसायन वारा उपचा रत करक अपवजन कया जा सकता ह इस व ध म रोगजनक क उ मलन वारा अपवजन क लय कया जाता ह तथा इन उपचार वारा रोगजनक को नय म वश करन स रोका जा सकता ह 3 पादप या पौध सगरोध - पादप सगरोध का उ य रो त ो स रोगर हत म

रोगजनको क वश को रोकना होता ह य द कसी वशष म फसल का कोई रोग उ ता स उ प न होता ह और उसक रोपण पदाथ वारा फलन क स भावना रहती ह तब कसी दश या रा य क सरकार वारा आव यक अ ध नयम को पा रत करक रोग त स इन पदाथ क वश पर रोक लगा द जाती ह सगरोध व नयम कवल उस समय ह भावी हो सकत ह जब क कसी भयकर रोग का आयात कय गय परपोषी पदाथ वारा होता ह पर त य द नवश य का क णन ाक तक साधन जस वाय जल इ या द वारा होता ह तब यह भावी नह होत ह इस कार क व नयम उस समय भी आव यक होत ह जब कसी रोगजनक क स त अग क नि य पदाथ जस बोर टोकर लकड़ी क प टया या प कग साम ी इ या द वारा नय म वश करन क स भावना रहती ह

4 रोगवाहक क ट का उ मलन - अनक रोग को क ट वारा फलाया जाता ह यह क ट नवश य या सरोप को एक स दसर म फला दत ह अतः कसी नय रोगजनक क वश को

रोकन क लय इन क ट का उ मलन होता ह 3 रोगजनक का उ मलन रोगजनक क उ मलन क अ तगत न न स ा त आत ह -

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1 पादप रोगजनको का जव या ज वक नय ण - जव नय ण का म य यय अ य दसर स मजीव क याओ वारा रोगजनक का उ मलन और नय ण करना ह इस व ध क अ तगत वह उपाय आत ह जो मदा म अथवा स मण क थान पर स मजीव क

या को बढ़ा दत ह स म जीव वारा वरोध का भाव जीवनाशी अथवा जव रोधक हो सकता ह जीवनाशी म एक स मजीव दसर रोगजनक स मजीव को मार दता ह जब क जव रोधक म कसी रोगजनक क व को दसर स मजीव वारा रोक दया जाता ह काब नक पदाथ स मदा सधार इस व ध क अ तगत ह आता ह मदा म जव या काब नक पदाथ क वघटन स स मजीव याओ को बढ़ावा मलता ह िजसस क इन स मजीव क कछ सद य रोगजनक जीव का दमन करत ह अथवा उनको मार दत ह भारत म मदा क काब नक सधारक पदाथ वारा मल-गाठ स क म और आल क काल पपड़ी रोग का ब ध करन म सफलता मल ह इसी कार काब नक मदा सधारक वारा अनक मदोढ़ रोग का नय ण कया गया ह

2 स यावतन या फसल च - फसल क खती करन म भ म वकार एक म य सम या रह ह जब एक खत म नर तर एक ह फसल ल जाती ह तब उस फसल क मदोढ़ रोगजनक भ म म सगमता स चरका लक बन रहत ह और उनक स या म अ धक व होती रहती ह कछ समय प चात भ म इतनी अ धक त या बा धत हो जाती ह क उसम उस वशष फसल क खती करना क ठन हो जाता ह अतः रोग त खत म फसल को हर-फर कर बोन स अनक मदोढ़ रोग का ब ध कया जा सकता ह

3 रोगी पौध या पादप अग को हटाना एव न ट करना - रोगी पौध या उनक अग को न न व धय वारा हटाकर एव न ट करक रोगजनक का उ मलन कया जा सकता ह - अ अवा छत का न कासन या अपावाछन - इस व ध म खत स रोगी पौध को

उखाड़ कर अथवा उनक रोग त भाग को काट कर न ट कर दया जाता ह ऐसा करन स रोगी पौधो स व थ पौध म रोग का सार क जाता ह तथा रोग म त बीज का उ प न करन म सहायता मलती ह अपावाछन व ध का योग कछ रोग जस गह का अनावत कड जौ म का इ या द क अनावत एव

आवत कड ग न का लाल वगलन अरहर क ला न इ या द म कया जा सकता ह

ब एका तर एव सपाि वक परपो षय का उ मलन - अनक पादप रोग जो वशष प स नर तर स मण खला वाल होत ह अपन रोगजनक क एकातर या

सपाि वक परपो षय वारा च थायी रहत ह इन परपोषी पर ाथ मक नवश य का उ पादन होता ह तथा इ ह स उसका क णन फसल पर होता ह य द रोगजनक क इन जगल अथवा अलाभकर परपो षय को न ट कर दया जाय तो ाथ मक नवश य का साधन दर हो जाता ह तथा फसल पर रोग लगन क अवसर कम हो जात ह ससार क कछ भाग म धा य क अपन एका तर परपोषी पर जी वत रहत ह इन परपो षय को न ट करक

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रोगजनक क जीवन च अथवा स मण खला को तोड़ा जा सकता ह खत क आस पास उगन वाल खरपतवार पर भी अ धक रोगजनक चरका लक बन रहत ह इन खरपतवार म स रोगजनक क स भव परपोषी को खोजना और न ट करना भी पादप रोग ब ध म एक मह वपण कदम होता ह

स सफाई - पौध क सफाई क समान ह खत क सफाई भी अनक मदोढ़ एव वक पी या मतजीवी रोगजनक का ब ध करन म बह त आव यक होती ह अनक अ वक पी परजीवी भी मदा म पड़ पौध क भाग म स त सरचनाआ वारा चरका लक बन रहत ह खत म पड़ रोगी फसल क मलब को जलाकर

न ट करन स इस कार जी वत रहन वाल रोगजनक को समा त कया जा सकता ह म ी पलटन वाल हल स मलब को अ धक गहराई म दबाना भी इसम सहायक हो सकता ह इस व ध क वारा गह ज मटर को च णल आ सता मटर एव म का क मदरो मल आ सता ग न का लाल सड़न इ या द रोग क रोकथाम म सहायता मल सकती ह

4 रोगी पौध का उ मा एव रासा नक उपचार - पौध अथवा इसक व श ट अग म उपि थत रोगजनक को उ मा अथवा रासाय नक उपचारा क वारा नि य कया जा सकता ह अथवा मारा जा सकता ह यह व ध म य प म फल व क रोग म अ धक उपयोगी पाई गई ह इसका योग परपोषी पर उपि थत रोगजनक क स त सरचनाओ अथवा उसक व को न ट करन क लय भी कया जा सकता ह जब यह व धय पोध क आ त रक ऊतक म उप सथत रोगजनक को भा वत करन यो य होती ह तब इनको उ मा च क सा अथवा रसायन च क सा क अ तगत रखा जाता ह

5 मदा उपचार - मदा उपचार का म य उ य मद म उपि थत रोगजनक को नि य करना अथवा उ मलन करना ह इसक लय व भ न रसायन उ मा अ ध स चत या आ लावन परती छोड़ना इ या द व धय का योग कया जाता ह आजकल भ म क रासाय नक उपचार क लय अनक कार क रसायन का योग कया जाता ह ध ल या दानदार प म मलत ह मदा म इन रसायन का योग खत म बीज बोत समय अथवा खाद फसल म कया जाता ह ओर वह जल म घल कर मदा धमक क प म भाव डालत ह मदा म उपि थत मदोढ़ रोगजनक का उ मलन उ मा उपचार वारा भी कया जाता ह इस व ध का योग गमल नसर एव पादप गह क मदा उपचा रत करन क लय कया जाता ह

वशष अव थाओ म मदोढ़ पादप रोगजनक का उ मलन खत क आ लान या अ ध सचन वारा भी कया जाता ह य द खत म 12 इच गहराई तक जल को कई स ताह तक खड़ा रहन दया जाता ह तब अवायजीवी जीवाणओ वारा अथवा न न आ सीजन अव थाओ और वायजीवी जीवाणओ स उ प न आ वष वारा अनक कवक एवम पादप परजीवी स क मय को न ट कर दया जाता ह अनक रोगजनक क स त सरचनाय भी जल क सतह पर तरन लगती ह और य द खत म इस जल का नकास तरत कर दया जाय तो यह सरचनाय भी बह जाती ह कछ दश म कल क यज रयम ला न एवम सि जय क मल गर थ गग का नय ण अ ध सचन

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वारा कया जाता ह क ष क ारि भक काल स ह स म पोषक त व को मदा म बनाय रखन क लए भ म को परती छोड़न क था चल आ रह ह इस व ध म अनक मदोढ़ रोगजनक क नवश य को कम करन म सहायता मलती ह पर त िजन दश म जनस या क अनपात म क ष भ म बह त कम ह वहा पर भ म को परती छोड़ना क टन होता ह

4 र क या सर ी उपाय अथवा र ण 1 रासाय नक उपचार - रसाय नक छड़काव बरकना बीज उपचार का म य उ य परपोषी

सतह पर एक र ी वषल परत बनाना होता ह िजस क रोगजनक सर ी आवरण बनान क लय िजन रसायन का योग म लाया जाता ह वह र ी रसायन कहलात ह पर त जब यह रसायन परपोषी सतह पर पहल स था पत करक अथवा दसर परजीवी को न ट करत ह उस समय वह उ मलक रसायन कहलात ह एक ह रसायन र ी क साथ साथ उ मलक न हो सकता ह

2 रोगवाहक क ट का रासाय नक नय ण - खड़ी फसल पर क ट क आ मण को र ी क टना शय क योग वारा रोका जा सकता ह क टो का अनक जा तया वषाण ज नत एव अ य रोग का म य रोगवाहक होता ह कछ वषाण जनन रोग का सचरण कवल रोग वाहक क ट वारा हो जाता ह इस कार क रोग नय ण इन वाहक क ट क समय पर न ट करक कया जा सकता ह

3 पयावरण का प रवतन - पौध क पि तय या दसर वायव भागा वा वातन क सधार स आ ता घट जाती ह िजस कारण स आ वायमडल म पनपन वाल कवक क व क जाती ह इस व ध वारा अगर क मदरो मल आ सता रोग का ब ध करन क सफा रश क जाती ह इसी कार सचाई क स या एव मा ा म कमी वारा भी पयावरण का प रवतन करना कछ रोगजनक क व सहायक होता ह म त स यन (Mixed cropping) क वारा भी रोगजनक क लय तकल पयावरण बनान म सहायता मल सकती ह फल एव सि जय म कटाई क प चात होन वाल वगलन इनको ठठ एवम श क कमर म स ह करक कम क जा सकती ह य क वगलन उ प न करन वाल कवक क लय गरम एव नम अव थाय अनकल होती ह आलओ क शीत गह म रखना भी रोगजनक क व पयावरण प रवतन का एक मख उदाहरण ह खत म मदा म नमी एवम वातन जस पयावरण कारक का नय ण अथवा प रवतन तापमान क अप ा अ धक सगम होता ह कछ मदोढ़ रोग उ च तापमान वाल भ म म अ धक उ प न होत ह इस अव था म खत क सचाई वारा मदा का तापमान कम करक रोग स फसल क र ा क जाती ह

4 परपोषी पोषक का पा तरण - पौध क कछ रोग म पोषण क भाव स भी रोग ती ता म कमी पाई जाती ह अनक प ती या पण रोग क लय उ च नाइ ोजन पोषण अनकल होत ह जब क नाइ ोजन का कम योग करन स यह रोग भी घट जात ह और पौध क अग रोग तरोधी हो जात ह य क को शका भि तय म पि टक त व क कारण ढ़ता आ जाती ह और इनस रोगजनक क पि टक ए जाइम क या म बाधा उ प न होती ह इसी कार स म - पोषक त व जस बोरॉन िजक मगनीज इ या द

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वारा अनक रोग क ती ता को कम कया जा सकता ह फसल पर इन पोषक त व क छड़काव वारा ऊतक म इनक तर को बढ़ाकर पोध क अनक रोग स र ा क जाती ह

5 परपोषी म रोग तरोध का वकास परपोषी म रोग तरो धता का वकास न न व धय वारा कया जाता ह -

1 रोग तरोध क लय चयन का सकरण - पौध म अनव शक रोग तरोध परपोषी परपोषी क या मक सरचना मक अथवा याशीलता पर आधा रत हो सकता ह शर र- या मक रोग तरोध परपोषी को शका म त-स मण पदाथ क वक सत होन या इनक उपि थ त होन अथवा रोगजनक क लय अनकल पोषक क अनपि थ त होन पर आधा रत होता ह सरचना मक रोग तरोध म रोगजनक क व एव स मण को रोकन क लय पौध म व भ न कार क सरचना मक अवरोध उपि थत होत ह अथवा इनका नमाण हो जाता ह जब क याशील रोग तरोध म रोगजनक क स मण स उ प न करन क समय र नह खलत ह

2 रसो च क सा वारा रोग तरोध - पौध क अ थाई शर र या मक रोग तरोध रसो च क सा वारा वक सत कया जा सकता ह सवागी कवकनाशी एव तज वक का पौध पर पण समह छड़काव करन अथवा जड़ वारा दन पर यह जीव- वय म कछ समय क लय बन रहत ह और जब तक इनका वषला भाव रहता ह तब तक रोगजनक ऊताक पर आ मण नह कर सकता ह

3 परपोषी पोषण वारा रोग तरोध - पौध म म य एव स म पोषक त व का छड़काव करक अथवा भ म वारा दकर रोग तरोध वक सत कया जा सकता ह य य प ऐस उपाय का भाव अभी तक स द ध ह जब क पोध क बल व वा छनीय होती ह बल पौध म त त जड़ एव रोह क थान पर नयी जड़ एव रोह को बनान क मता होती ह अतः वह अनक रोग क आ मण को सहन करन यो य होत ह

6 रोगी पौध क च क सा या उपचार रोगी पौध क च क सा न न व धय वारा क जाती ह -

1 रसो च क सा - रसो च क सा म रोगी पौध क ऊतक म रासाय नक उपचार वारा रोगजनक का उ मलन करक पौध को ठ क करना सि म लत ह इस काय क लय म य प स सवागी कवकनाशी एव तज वक का योग कया जाता ह इन रसायन को पौध क पि तय एव जड़ वारा अवशो षत कर लया जाता ह और यह को शका क जीव- वय म पह चकर रोगजनक को न ट करक एक रासाय नक तर ा या व ध यव था क प म काय करत ह तथा पौध म अ थाई रोग तरोध उ प न कर दत ह यह रोगजनक वारा उ प न कय गय आ वष का नरा व पकरण करन का काय भी करत ह और इस कार पौध क ऊतक पर रोगजनक वारा आ मण नह हो पाता ह

2 उ मा च क सा - यह पौध जो रोगजनक क तापीय नि यण म य ब द को सहन कर सकत ह उनक रोगजनक को न ट करन क लए उ ह उ मा वारा उपचा रत कया जाता ह इन उपचार का योग म य प स बीज कद श ककद इ या द क लय

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कया जाता ह फल व म अनक वषाणओ का नि यण करन क उ मलन करन क लए उ मा च क सा का सझाव दया गया ह इस कार ग न क पड़ी कठन रोग घासी रोह लाल वगलन मोजक इ या द ग न क पड़ व रोग एव दसर वषाण ज नत रोग

का उ मलन भी पो रय का उ मा जल उपचार अथवा उ मावात उपचार करक कया जाता ह

3 व श क च क सा - बड़ फल व को रोगी शाखाओ को काट कर अथवा रोगी भाग को खरच कर उनक घाव पर कवकनाशी प ट का लप करक स मण को समा त कया जाता ह सब क म य रोग जस काला तना भग तना एव गलाबी गग इ या द को व क श य च क सा करक ब ध कया जाता ह

1010 साराश पादप रोग व ान फसल सर ण क ि ट स एक मह वपण वषय ह इसम हम पौध

स जड़ी व भ न बीमा रय तथा उनक नय ण क बार म जान पात ह पादप रोग स जड़ा इ तहास भी लाभकार ह पादप रोग बधन म यतः छः स ा त पर आधा रत होता ह इन स ा त को यान म रखत ह ए कसी भी पौध क रोग को नय त कया जा सकता ह

1011 अ यास न 1 पादप रोग व ान क स ा त का वणन क िजए 2 पादप रोग व ान या ह पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म इसका

मह व एव इसक उ य समझाइए 3 पौध म अ वषण क लखक कौन ह

अ थयो टस ब जीसी क ट स एचएच हटजल द जसी होसफाल

4 भारत म आध नक पादप रोग व ान का जनक कस माना जाता ह 5 पादप रोग बध क म यतः कतन स ा त हात ह

अ 2 ब 4 स 6 द 8

1012 सदभ साम ी 22 Reddy TY and Reddi GHS 200 Principles of Agronomy kalyani

Publishers New Delhi 23 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 24 Singh Chhidda 1999 modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited new Delhi

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25 Singh SS 1993 Crop management under Iirrigated and Rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

26 हलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ

27 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

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इकाई 11 फसल क म य फफद रोग एव नय ण

इकाई क परखा 110 उ य 111 तावना 112 गह क म य फफद रोग 113 धान क म य फफद रोग 114 म का क म य फफद रोग 115 वार क म य फफद रोग 116 बाजरा क क म य फफद रोग 117 सोयाबीन क म य फफद रोग 118 सरसो व तो रया क क म य फफद रोग 119 म गफल क म य फफद रोग 1110 अरहर क म य फफद रोग 1111 मसर क म य फफद रोग 1112 चन क म य फफद रोग 1113 म ग व उड़द क म य फफद रोग 1114 मटर क म य फफद रोग 1115 साराश 1116 बोध न 1117 सदभ

110 उ य इस ईकाई क अ ययन स हम जानग क -

फफद एव फफद रोग या होत ह फफद रोग का अ ययन यो आव यक ह व भ न फफद ज नत धा य तलहन एव दलहनी रोग क ल ण रोग कारक एव

नय ण

111 तावना फसल म होन वाल पौध रोग का ाथ मक ान अव य ह होना चा हए िजसस कसान

रोग नय ण क लए जाग क हो सक अप त हा न का बचाव ह रोग नय ण उपाय का मापदड होना चा हए यह भी ान लना आव यक ह क रोग स त उपज म कमी क साथ साथ उपज क गण म भी कमी स होती ह इस लए रोग नय ण करना आव यक ह य क

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रोगो का भाव फसल क पर शार रक याओ पर होता ह जो दखाई नह दती ह परत उपाय आन पर समझ म आ जाता ह फसल फफद ज य को पौध रोग स अप त हा न को बचा लन स ह 10-12 तषत उपज म व क जा सकती ह

114 गह क म य फफद रोग 1 ग आ या क रोग (Black Rus) -तन का क या काला ग आ (Stemor Black

Rust) रोगजनक या रोगकारक (Pathagon)-प सी नया गर म नस टसाइ ल ण- ग आ रोग क ल ण म भा वत भाग पर वषष तरह का उभार बनता ह िजस

फि सय क अन प भी कहा जा सकता ह इस पौध रोग व ा नक फोट कहत ह आर भ म य फोट भर ल ब ओर प ती क झ ल क अदर बह त छोट होत ह परत धीर-धीर बड होन क

साथ-साथ गहर भर रग क और आपस म मल जात ह प रणाम व प बढ़न लगत ह और झ ल फट जाती ह इन फोट क प र ध पर बाहय वचा क अवषष वत धा रय क प म प ट दखाई दत ह इस तरह क पौध काल ग आ रोग स भा वत होन पर ब कल जग लग

स दखाई दत ह िजस पर कमजोर बा लया लगती ह रोग सत फसल स दान सकड ह ए एव वजन म ह क ा त होत ह िजनका बाजार म य बह त कम हो जाता ह 2 पीला या धार दार ग आ रोग (Yellow or Stripe Rust)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- प सी नया ाइफा मस ल ण(Symptoms)-पीला ग आ रोग का आ मण म यतः पि तय पर होता ह उ अव था म रोग क ल ण पण छद तन और तष पर भी द षत होत ह रोग क वषष पहचान नीब पील रग क छोट-छोट फोट (Pustules) क पि तय पर बनन स क जा सकती ह य फोट पि तय क ना डय क बीच म धा रय या ल बी कतार म इस तरह स बनत ह क पि तय का हरा रग लगभग गायब हआ सा तीत होता ह गह क पकन का समय कर ब आन क साथ साथ रोगजनक भी पि तय क नचल सतह पर ह क काल रग क फोट बनाता ह जो अडाकार आकार क कतार म होत ह

3 नारगी या भरा ग आ या प ती ग आ रोगः- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen) -प सी नया रकाि डटा ल ण (Symptoms)-भरा ग आ रोग को प ती ग आ रोग भी कहत ह यो क इसक ल ण कवल पि तय पर ह बनत ह पर त कभी कभी पण छद और वतो पर दखाई पड़त ह आर भ म पि तय क उपर सतह पर रोग चमकदार नारगी रग क उभार बनाता ह िजस फोट भी कहत ह पीला ग आ रोग क अन प न होकर य फोट धा रय क बदल छोट-छोट समह म एक हो अ नय मत प स बखर ह ए दखाई पड़त ह इनका आकार पीला ग आ रोग क फोट स बड़ा होता ह क त काला ग आ रोग क फोट स छोटा होता ह गह क ग आ रोग क नय ण क उपाय (Contol measures)-

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ग आ रोग व व भर म महामार क प म गट हो चका ह इन तीन ग आ रोग का नदान फसल बआई पव एव खड़ी फसल म कस कए जाव नीच सझाया जा रहा हः-

(क) बवाई पव नय ण क उपायः- 1 र तरोधी जा त का चनाव करना- तीनो ग आ क लय उपल ध तरोधी जा तय क

नाम नीच दय जा रह हः- काला ग आ- सोना लका एचयड य-12 एचड य-657 एचडी2135 एचडी2204 माल वका यपी-215 यपी 262 पीला ग आ- छोट लरमा एनपी846 सोना लका शबती सनोरा यपी 215 यपी301 भरा ग आ- यपी215एचडी-2122सोना लका ताप जनक माल वका तीन ग आ क लय तरोधी जा तया-यपी319यपी215एचडी228अजन(HD-2009)

2 म त फसल- पाच गह क कतार क बाद पाच सरस क कतार म बवाई करत ह िजसस रोग नदान एव उनक उ प म कोप न करन क ि थ त उ प न हो जाती ह

3 समय स पव बवाई - ज द पकन वाल क म को उगान तथा उनक बवाई क समय म प रवतन स रोग क रोकथाम सभव ह बवाई 15 दन पव करना उपय त ह

(ख) खडी फसल म रोग नय ण क उपाय- (i) क ष काय म प रवतन- 1 उवरक क सतलन म प रवतन-खड़ी फसल म आधार मा ा म उवरक दन क बाद दसर

बार या तीसर बार उवरक क मा ा म प रवतन करना चा हए पोटाष खाद क मा ा अ धक एव न जन खाद क मा ा म कछ कमी करना रोग तरोधकता फसल म उ प न करती ह

2 सचाई म प रवतन-जनवर क बाद ग आ रोग का आ मण दखाई दन पर सचाई कम कर दना चा हए

(ii) फफदना क दवाओ का उपयोगः- 1 िजनब या डाइथन जड-78(02 तषत) या जाइरम या कमान एल (02 तषत)

डाइथन एम-45(02 तषत) या गधक चण 300 मष 18 स 20 कलो त ह टर (भरकाव क लय) या घलनषील गधक (015 स 02 तषत) या लाटव स 01 तषत (द हक फफदना क दवा ह)

उपरो त कसी भी फफदना क दवा का छड़काव या भरकाव 10-12 दन क अतराल स रोग क उ ता को यान म रख कम स कम दो बार करना चा हए

4 छदरा कडवा या अनावत कड रोग (Loose smut)- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- अ ट लगो यडा टसाई रोग आत रक बीज ज नत (Internally) ह ल ण (Symptoms)- छदरा कडवा रोग कवल दान को भा वत करता ह इस लय रोग क ल ण पौध म बा लया नकलन पर ह दखाई दत ह रोगजनक का वकास पौध क आत रक भाग म इस व ध स होता ह क बाहय भाग स स मत या व थ पौध म

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कोई अतर दखाई नह दता ह कवल बा लया नकलन पर स मत पौघ म दान क थान पर काल चण स य त बा लया बनती ह सामा य पौध क अप ा रोग त

बा लया कछ ह समय पव नकल आती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-रोग आत रक बीज ज नत ह इस लए रोग का खड़ी फसल म कोई नदान नह ह तथा रोग नदान क उपाय बीज बवाई पव कय जान चा हय

गम पानी वारा उपचारः-बीज को 105 अष फा110 अष फा तापमान क पानी म मषः 86 और 4 घट रखन स रोग नदान पर तरह कया जा सकता ह

धप वारा उपचार-इस व ध म सबह 8 बज स 12 बज तक गह बीज को साद पानी म भगोना चा हए इसस बीज अकरण क आत रक श आत हो जावगी साथ ह साथ रोगजनक कवकजाल का अकरण हो जावगा ऐस बीज को धप म 4 घटा सखान स अक रत कवकजाल पर तरह स न ट हो जाता ह इस तरह धप वारा उपचार स छदरा कडवा रोग का शत तषत नदान कया जा सकता ह

फफदना क दवा वारा उपचारः-द हक फफदना क दवा वारा बीज उपचार करन स रोग नदान 99 तषत हो जाता ह वटाव स या लाटव स या बा वि टन या एव बनलट दवा (25 ाम दवा त कलो बीज क दर स) श क उपचार करन स छदरा कडवा रोग का नदान कया जा सकता ह

रोग तरोधी जा तय वारा-इन रोगरोधी जा तय क नाम ह एनपी710718798799809 उ नत बोनी जा तया जस क याण 227पीवी18 ड यजी 307सी302 एव नवीनतम उ नत रोगरोधी जा तय क नाम ह ड यएल1002ड यएल1010ड यएल 1562 डीड य एल 5023 एव मालवीय गह-55

5 करनाल बट रोग (Karnal Bunt Disease)- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- नवो षया इ डका ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण बा लय म दान बनन पर ह दख जा सकत ह रोग सत बा लय म कछ दान आ षक या पण प स काल चण म पर णत हो जात ह यह चण फल भि त स ढका रहता ह बा लय पर बट स स मत दान क ि थ त अ नय मत होती ह इसस यह नि चत कया जा सकता ह क रोगजनक का स मण आत रक या द हक न होकर थानीय व वातोढ़ ह एक दान का कछ ह भाग स मत होता ह और शष भाग व थ रहता ह इस रोग क बीजाण म भी ाईम थलमीन रसायन बनता ह िजसक दग ध दर स ह जानी जा सकती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(i) य क बीज क साथ सद षत पदाथ क प म बीजाण मटट तक पह चत ह अतः बीजोपचार भावषील नह होता ह

(ii) खड़ी फसल म कसी फफदनायक दवा का उपयोग स नदान नह कया जा सकता ह

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(iii) उपल ध रोग रोधी जा तय को चना जा सकता ह उनक नाम हयपी 310एव एचडी 1981

(iv) डयरम जा त क गह को रोग तरोधी पाया गया ह इस जा त को अ धक भा वत क लए उपयोग कया जाना चा हए

6 वज कडवा रोग (Flag Smut) रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)-यरो स टस टसाइ रोग मदा ज नत एव बीज ज नत भी ह ल ण (Symptoms)-इस रोग स त भ क म एव पि तया सत होती ह रोग क ल ण म यतः पि तय व पण छद पर ह दखाई दत ह भा वत पि तया ऐठ जाती ह और कलातनत ि थ त ( वज प) होत ह ए लटकन सी लगती ह और बाद म मरझाकर सख जाती ह परा पौधा धीर-धीर मर जाता ह रोह बध रोग कोप क कारण खाल रह जात ह य द दान भरत भी ह तब भी व सकड ह ए व बकार होत ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-खड़ी फसल म रोग का काई नदान सभव नह ह अतः बीज बवाई पव बीजोपचार कॉपरकारब नट चण स कया जाना चा हए 2 ाम दवा एक कलो बीज उपचा रत करन क लय पया त होती ह द हक फफदना य दवा जस-बव ट न या वटाव स 2 ाम त कलो बीज क दर स उपयोग क जा सकती ह

115 धान क म य फफद रोगः- 1 पणदाग या भरा ध बा रोग (Brown spot disease)-

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- हि म थो पो रयम ओराजी ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण अक रत बीज स ा त थम प ती या ाकरचोल (coleoptile) क अ त र त पि तय पण छद एव तष पर द षत होत ह ाकरचोल पर रोग क ल ण भर रग क छोट-छोट ध ब क प म दखाई दत ह िजनका आकार गोलाकार स अडाकरा होता ह ध बो का रग गहरा भरा व बजनीभरा हो जाता ह ध ब प र ध म गहर रग क होत ह उ अव था म य ध ब आपस म मल जात ह तथा पि तय भर रग क होकर सख जाती ह य द रोग आ मण बा लया नकलन क पव अ धक मा ा म हआ हो तो बा लया नकल ह नह पाती ह और बना पण वक सत ह ए न ट हो जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) भरा ध बा रोग क नय ण क लए सव च ाथ मकता हनोसान दवा को द जानी चा हए य क इस दवा क वारा इस रोग क साथ-साथ झलसन (Blast) रोग का नय ण भी हो जाता ह दवा 01 तषत क दर स 12 स 15 दन क अ तराल म कम स कम दो बार अव य ह डाल जाव

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय-

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(i) रोग बीज ज नत ह अतः व थ फसल स ा त कय गए ह बीज उपयोग म लाना चा हए

(ii) पाराय त फफदना क दवा जस मोनासान या सरसान या ए ोसान जीएनआ द को 25 ाम दवा त कलो बीज क दर स श क उपचार व ध वारा उपचा रत करन स बीज

ज नत ोत को न ट कया जा सकता ह (iii) अप ाकत अ धक तापमान क समय ह बवाई क जानी चा हए य क कम तापमान म

बीज अकरण व बढ़ना मद ग त स होती ह जो रोग आ मण क लए अनकल होती ह बवाई पव ह रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जा सकता ह रोग तरोधी जा तया-ट -498-2 सीओ20बीएएम10ट -141सीएच13 और सीएच45

रोग सहनषील जा तया-बाला क णाकसमा साबरमती ची एव ा त 2 झलसन या सहसामार रोग (Blast disease)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- पाइर कल रया ओराइजी ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण पि तय पर 1 स 4 मीमी यास क ल बी-ल बी नील सी धा रय क प म श होत ह जो शी ह भर रग क ध ब का आकार बना लती ह य ध ब अडाकार आकार क हो जात ह िजनक रग कनार स भरा तथा बीच का भाग सखी घास क समान होता ह परानी पि तय पर ध ब अप ाकत बड बनत ह जब क नई पि तय म ध ब छोट बनत ह पि तय क अ त र त य अडाकार ध ब पण छद पर भी दखाई दत ह रोग क उ अव था म ध ब आपस म मल जात ह और पि तया झलसी ह ई दखाई दती ह रोग का कोप बा लय क गदन पर भी होता ह अथात बा लय क ड ठल क सभी ओर भर रग का स मण दखाई दता ह इस कारण वह भाग कमजोर पड़ जाता ह और बा लया वहा स पकन स पव ह टट जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण-lsquolsquo हनोसानlsquolsquo का पहला छडकाव 01 तषत क दर स कया जाना चा हए दसरा या तीसरा छड़काव 12 स 15 दनक अ तराल म आव यकताकनसार कया जाव यह दवा उपल घ न होन पर lsquolsquo कटािजनlsquolsquo 01 तषत या lsquolsquoबव ट नlsquolsquo 01 तषत या lsquolsquoडायथनlsquolsquo एम 45 02 तषत या ता य त दवा जस- यपरामार ि लटा स-50फाइटोलानफजीकापर को 03 तषत क दर स उपयोग कया जा सकता ह

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपायः- (1) रोग तरोधी क म-जया आरपी5-2सीओ25 सीओ-26 (2) दवा वारा बीज उपचारः-सरसन मोनासान दवा स (25 ाम दवा त कलो बीज क

दर स) 3 आभासी कड या झठा कडवा रोग (False smut)-

रोगजनक या रोगकारक (Pathogrn)- अि टलिजनॉइ डया वाईर स ल ण(symptoms)-बा लय म दान पर रोग क ल ण बनत ह भा वत दान क अदर

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रोगजनक फफद अडाषय को एक बड कट प (pseidomorph) म बदल दता ह िजसस दान व थ दान स दगन स भी अ धक प रधी क मखमल चमकदार नारगी रग क प डदान क बीच बीच बनत ह य आर भ म नारगी रग क होत ह जो बाद म जतनी हर रग म बदल जात ह एक बाल म भा वत दान क स या 2 स 150 तक हो सकती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपायः-खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई भी उपाय नह सझाए जात ह

(ख) बवाई पव नय ण क उपाय-बवाई पव नय ण क उपाय क लए फ ल पाइन दष म 01 तषत मरक रक लोराड घोल म धान को डबोना तथा फर स 6 घट साद पानी म

रखना सझाया ह 4 पण छद अगमार या शीथ लाइट रोग (Sheath blight disease)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- कॉ ट षयम ससाक ल ण (symptoms)-रोग क ल ण धान क खत म भर पानी क सतह स उपर दखाई पडत ह पण छद एव पि तय पर ल ण बनत ह जोपण छद पर 2-3 समी ल ब 05 समी चड भर स बदरग भाग क प म श होत ह हर पण छद पर प ट दखाई दत ह एव कछ समय प चात पआल क रग क हो जात ह इन बदरग थल क वषष पहचान यह ह क इनक चार और बगनी भर रग क ध ब का घरा होता ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) एक छड़काव पॉल ऑि सन 005 तषत (ख) बवाई रोग नय ण क उपायः- 1 िजन थान पर रोग कोप अ धक होता हो वहा धान क फसल काटन क बाद

अवषष को जला दना चा हए िजसस उनम उपि थत लरो षया न ट हो जावग 2 भा वत फसल स बीज एक न कए जाव 3 सम या त म रोग तरोधी जा त

पकज लगाई जानी चा हए

116 म का क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Maize)- I प ती अगमार या लाइट रोग (Leaf Blight disease) ल ण (Symptoms)-रोग जनक ह म था पो रयम ट सकम क ल ण बवाई क 4-5 स ताह बाद दखाई दत ह सबस नीच क पि तय पर सबस पहल स मण होता ह और रोग क ल ण उ प न होत ह पि तय पर ल ब द घतवताकार अथवा नाव क आकार क ध ब बनत ह जो धसर हर रग स लकर भर रग क होत ह य ध ब 15 समी तक ल ब ओर 3 स 4 समी तक चड हो सकत ह रोग नीच क पि तय स बढ़कर उपर क पि तय पर फलता ह नीच क पि तया रोग वारा पर तरह सखा द जाती ह

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रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- ह म थो पो रयम ट सकम ह मथो पो रयम म डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म नय ण क उपायः- 1 जीनब या डाइथन जड 78 या डाइथन एम 45 (02 तषत क दर स) या ता य त

फफद नाषक दवा जस ि लटा स-50 फाइटोलान यपरामार या ल कापर आ द 03 तषत क दर स या क टान दवा 02 तषत क दर स

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय- 1 पौध अवषष को एक कर जला दन स रोग क उ ता कम क जा सकती ह 2 रोग नय ण का सबस उ तम उपाय रोग तरोधी जा तओ का चनाव करना ह इस

रोग त स ह ण कई जा तया उपल ध ह उ ह चना जा सकता ह सकर म का गगा-2 सकरम का-4 सकरम का-5

3 मा णत बीज कसी भी व वसनीय तो स ा त करना चा हए 2 भरा प ती दाग या फाइजोडमा ल फ पाट रोग (Physoderma leaf spot

disease)- ल ण (symptoms)-रोग क ल ण प ती प तीपण डठल एव भटट क बाहर आवरण पर बनत ह प ती एव अ य भाग पर ध ब बनत ह िज ह अ धक मा ा म पि तय क नीचल भाग पर दखा जा सकता ह सव थम रोग क भाव स पि तया पील सी हो जाती ह जो कछ ह समय म भर स रग म बदल जाती ह इन ध ब क चार ओर पीला सा घरा बनता ह रोग क भाव स पि तया बना पण वक सत ह ए ह सख जाती ह रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)-फाइजोडमा जी म डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपायः-रोग क आरि भक अव था म म का क फसल को रोग कोप स बचान क लए ता य त फफदना क दवा जस-फाइटोलानि लटा स-50 लकापर आ द का 03 तषत क दर स छड़काव कया जाना चा हए अथवा बोड म ण दवा 4450 का भी छड़काव कया जा सकता ह आव यकतानसार दो छड़काव 15 दन क अ तराल स कर अ य दवाय जस जीनब डाइथन-45 एव क टान सभी 02 तषत क दर स छड़काव क जा सकती ह

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय-रोग नय ण का सव तम उपाय रोगरोधी या स ह ण जा तया लगाना ह

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117 वार क म य फफद रोग (Important Fungal Disease of juar)- 1 आवत कडवा या न मट रोग (Grain or Covered smut disease)

ल ण (Symptoms)- पौध म भ आन पर कई दान अ य दान क अप ा दगन स भी अ धक बड़ दखाई पड़त ह इन बड़ दान को जब तोड़कर दख तो इनम दोन क थान पर बीजाणओ का समह काल पाऊडर क समान दखाई दता ह एक भ म 50 स 80 तशत तक दान इस रोग स भा वत होत ह

रोगजनक (Casual organism) - फ सलोथीका सोघाई 2 अनावत या छ रा कडवा रोग Loose smut disease

ल ण (Symptoms)- पौध का वकास अव हो जाता ह तथा व अप ाकत छोट रह जात ह इन पौध म भ अप ाकत 5-7 दन पहल नकल आत ह भ पर कई दान काल-काल पाऊडर वारा भर दखाई दत ह रोगजनक एव रोगच (Control measures) - फ सलोथीका ए टा स

3 चोट कडवा या हड मट रोग (Head smut disease) ल ण (Symptoms)- फसल म भ नकलन क पव इस रोग क ल ण दखाई नह दत ह भ आन पर उनक प पमजर क प होकर बीजाण पज म प रव तत हो जाती ह रोग सत भ म दान क थान पर 10-12 समी और 4-5 समी चड प ती सर खी रचनाय बन जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures) - पारा य त फफद नाशक दवा जस सरासोन मोनोसान ए ोसान जीएनआ द स 25 ाम त कलो बीज क दर स बीज उपचार करना चा हए रोगजनक (Casual organism) - फ सलोथीका राइ लयाना

4 मदरो मल या डाऊनी म डऊ रोग (Downy mildew disease) ल ण (Symptoms)- भा वत पि तय क ऊपर भाग पर ह क हर या पील रग क च त बन जात ह य च त पि तय क साथ बढत ह य सभी पि तय पर फल जात ह इन च त क ठ क नीच का भाग सफद जाल सर खी सरचना स घरा रहता ह यह रोगकारक फफद क कवकजाल बीजाण दड या बीजाणओ का समह ह रोगजनक एव रोगच (Casual organism) - कलर पोरा सोघाई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- ता य त फफदनाशक दवा का छड़काव 15 दन क अ तराल स कम स कम दो बार करना चा हए यपरामार फाइटोलान फजीमार लकापर एव ि लटा स-50 आ द नाम स उपल ध ह 30 ाम दवा 10 ल टर पानी म मलाकर त ह टर कम स कम 450 ल टर दवा क घोल का छडकाव करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय-

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(i) फसल कटाई क बाद पौध अवशष एव गर ह ई पि तय को एक कर जला दना चा हए िजसस रोगजनग क ाथ मक स मण का मख ोत न ट हो जावगा (ii) इस रोग स सम या त खत म म का बाजरा एव वार 2-3 वष तक न लगाय एव फसल च अपनाय (iii) नीची जमीन म पानी इ कठा होन क कारण रोग कोप अ धक होता ह इस लए ऐसी जमीन पर वार न लगाव (iv) थानीय रोग तरोधी अथवा सहनशील जा त का चनाव कर 5 यामवण या ए थरकनोज रोग (Anthracnose disease)

ल ण (Symptoms)- पि तय पर लाल रग क बदरग च तत बनत ह जो शी ह बढ़कर पर प ती पर फल जात ह िजसस छोट पौध पण बढ़वार क पहल ह न ट हो जात ह पि तया ध ब क थान स बह धा फट जाती ह तन पर भी रोग क ल ण लाल दाग क प म बनत ह पर इनक स या कम होती ह लाल दाग पर काल ब द समान रचनाय

दखी जा सकती ह इन रचनाओ स ह रोगजनक क पहचान क जा सकती ह िजस एसरवलस कहत ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोगजनक बीज ज नत ह एव पौध अव था म फसल को अ या धक त पह चात ह इस लए खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई उपाय नह सझाय गए ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय-यह रोग बीज ज नत ह इस लए बवाई पव पारा य त दवा स बीज उपचार करना चा हए

6 ग आ रोग (Rust disease) ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण अ सर फसल क 2 माह का हो जान क प चात ह दखाई दत ह रोग क वशष पहचान फ सय या फोट क बनन स क जा सकती ह ग आ रोग क फ सया या फोट पि तयो क दोन तरफ बनत ह इनका रग लाल स भर रग का होता ह फसल क प रप व होन क साथ-साथ लाल भर स फोट गहर क थ स काल रग बदल जात ह

रोगजनक एव रोगच (Casual organism) - प सी नया पप रया रोग नय ण क उपाय (Control measures) - (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- फसल य द चार क लए ल जा रह हो तो कोई दवा नह डाल दान क फसल क लए फसल को दो माह का हो जान पर एक छड़काव घलनशील गधक 015 तशत क दर स या 300 मश वाला गधक चण का भरकाव 15 क ा त ह टार क दर स कया जाना चा हए दसरा छड़काव या भरकाव 20 दन बाद दोहराया जा सकता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- खत स पौध अवशष को एक कर जला दव उपल ध रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जाना चा हए

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116 बाजरा क क म य फफद रोग (Importance Fungal Disease of Bajra) 1 मदरो मल या ह रत बाल रोग (Downy Fungal Disease of Bajra) ल ण Symptoms- रोग क ल ण दो अव थाओ म अलग अलग दख जा सकत ह (i) मदरो मल या डाऊनी म डऊ अव था (ii) ह रत बाल अव था (i) मदरो मल अव था (Downy mildew stage)- भारतवष म रोगजनक का भद ह रत बाल अव था क ल ण उ प न करता ह पर त मदरो मल ल ण क

स मता कम द शत करता ह पि तय क ऊपर सतह पर लबाई क कछ ह क हर रग क धा रया सर खी न मत हो जाती ह इन धा रय क ठ क नीच फफद का जाला सर खा लगा हआ होता ह कछ समय प चात य ह क हर धा रया भर रग म प रव तत हर जाती ह और पि तया कनार स फट जाती ह पि तय पर पील घा रया बनती ह जो नचल भाग स श होकर या तो पि तय क बीच म समा त हो जाती ह या सर तक पह च जाती ह (ii) ह रत बाल अव था (Green ear stage)- रोग क अभाव क कारण भा वत पौध अप ाकत बौन रह जात ह बा लया नकलन पर उनम दान क थान पर हर रग क छोट -छोट पि तया बन जाती ह िजसस बा लया हर दखाई पड़ती ह इस लए रोग का नाम ह रतबाल रोग दया गया ह रोगजनक (Casual organism) - लरो पोरा र मनीकोला रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- मदरो मल अव था क नय ण क लए ता य त दवा जस ि लटा स -50 लकापर फाइटोलान यपरामार आ द का 03 तशत क दर स छड़काव कया जाना चा हए अथवा पहला छड़काव रोग क ार भक

अव था म कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा व तीसरा छड़काव 12-15 दन क अ तराल म कया जाना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (प) व थ फसल स ह बीज एक कर (पप) रोग तरोधी जा त अथवा सहनशील जा तय का चनाव कया जाना चा हए (पपप) फसलच अपनान स रोग क उ ता को कम कया जा सकता ह (पअ) 25 ाम पाराय त फफद नाशकदवा 1 कलो बीज क दर स बीज उपचार कया जाना

चा हए (अ) फसल कटाई बाद ह खती क सफाई कर पौध अवशष को न ट करना चा हए

2 अगट रोग (Ergot disease) ल ण (Symptoms)- फल आन क समय स लकर फसल क पकन तक इस रोग का स मण होता ह रोग क आ मण क फल व प मध ब द को द शत करत ह

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प प म क एक मीठ नल बन म को न डया समह वत होत ह धीर-धीर यह ाव स म ब दओ क साथ एक होता चला जाता ह या प पाग क सतह पर चपका रहता ह मध क कारण क ड़ का वशष आकषक होता ह शी ह य रचना कड़ा प ल लती ह िजस अगट कहत ह रोगजनक (Casual organism) - लि स स माइको सफला रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई

उपाय न अपनाय जाव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) व थ फसल स बीज लया जाना चा हए (ii) अगट म त बीज स अगट को अलग करन क लए 20 तशत नमक क घोल म बीज डबोन स अगट घोल क सतह पर तरन लगत ह िज ह एक कर न ट कया जा सकता ह उपचा रत बीज को अ छ स साफ पानी स घो लन क प चात ह बोना चा हए (iii) समय पव बवाई करन स रोग कोप म कमी होती ह अतः इस अपनाया जा सकता ह

117 सोयाबीन क म य फफद रोग (Importance Fungal Diseases of Soybean) 1 बीज सड़न व पौद अगमार रोग (Seed rot amp seedling blight) ल ण (Symptoms)- रोग स बीज अकरण क पव ह म ी म सड़ जात ह भा वत बीज खोजकर नकालन पर थोड़ स अक रत तीत होत ह अथवा कछ बीज जड़

व थम प क नकल ह ए पर त सड़ ह ए दखाई दत ह कभी-कभी बीज अक रत होकर बाहर आ जाता ह और 4-6 दन क बाद य पौध पौद अगमार रोग स मर जात ह इन पौध का आधार भाग भरा हो कर वगलन स त होता ह रोगजनक एव रोगच (Casual organism) -रोग न न ल खत कई फफद वारा उ प न होता ह ऐ पिजलस नाइजर को लटो ाइकम टordfकटम लरो शयम रोफ फसाई फयज रयम पीजीस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- बवाई पव ह रोग नदान क उपाय अपनाय जा सकत ह रोगजनक बीज ज नत ह अतः बीज उपचार फफदनाशक दवा स कया जाना चा हए 3 ाम कपटान या बव ट न या थीरम या डाइफोलटन दवा त कल बीज क अनपात स श क व ध स बीज उपचार करना चा हए 2 यरोथी शयम प ती ध बा रोग (Myrothecium Leaf Spot) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल पर बआई स एक माह म ह दखाई दन लगत ह रोग क श आत गोलाकार छोट-छोट भर रग क ध ब स होती ह इन ध ब

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क क रल बगनी रग क होत ह इन ध ब क चार ओर गहर हर रग क वशष रचना िजस पोरोडो कया कहत ह बनती ह रोगजनक एव रोगच (Casual Organism) - मायरोथी शयम रो रडम रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग क भाव स सोयाबीन क बीज सकड़ जात ह इस लए रोग कोप बढ़न स पव कम स कम ता य त फफदनाशक दवा जस फाइटोलान यपरामार ि लटा स 50 आ द का छड़काव 03 तशत क दर स कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा छडकाव कया जाव िजनब या डाइथन एम45 दवा (02 तशत) भी उपयोग क जा सकती ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग सत गर ह ई पि तय को एक करक जला दना चा हए िजसस रोग कोप म बह त कमी होती ह य क रोगजनक का ाथ मक ोत न ट हो जाता ह (ii) रोग तरोधी जा तया का चनाव कर

119 सरसो व तो रया क क म य फफद रोग (Importance Fungal Diseases of Mustard) 1 सरसो तो रया एव सीफर कल क पौध का वत ग आ या सफद फफोला रोग (White Rust disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण सव थम पि तय पर ह क हर स च तत दध क सामान सफद फोटो या फ सय म बदल जात ह इन भा वत पौध क बा य वचा फट जाती ह और रोगजनक हवा म बखरन श हो जात ह य फोट पि तय क दोन तरफ बनत ह उ अव था म फोट आपस म मलकर पर पि तया झड़न लगती ह रोगजनक (Casual organism) -ए बग कि डडा रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- फसल क बवाई क 40 दन बाद ह एक बार ता य त फफद ना क दवा जस - ि लटा स-50 फाइटोलान यपरामार आ द का एक छड़काव 03 तशत क दर स कया जाना चा हए त एकड़ कम स कम 180 ल टर घोल का छड़काव अव य ह कया जाना चा हए बोड म ण दवा 4450 का भी छड़काव रोग क सभा वत हा न स बचन क लए उपय त होता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशष एव गर ह ई पि तय को एक कर जला दना चा हए रोगजनक क

ाथ मक स मण का ोत न ट हो जावगा (ii) 2 स 3 वष का फसल च अपनाना चा हए िजसस 3 वष तक सीफर कल क

कसी भी फसल को न लगाय (iii) कई जगल परपोषी जो इस कल क होत ह को न ट कर दना चा हए

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2 सरस तो रया एव सीफर कल क पौध का प ती ध बा रोग (Leaf spot disease)

ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल कर 20 स 25 दन का हो जान पर ह दखाई दन लगत ह आर भ म पि तय पर भर रग क छोट-छोट ध ब बनत ह जो कछ ह समय म गोलाकार हो जात ह मौसम क अनकलता पाकर य ध ब अ धक मा ा म बनत ह और आपस म मल जात ह पि तया बर तरह स झलसी ह ई दखाई दती ह उ प धारण करन पर पि तया गर जाती ह िजस कारण फल कम मा ा म बनत ह रोगजनक (Casual organism) - आ टरन रया बर ससीकोला एव आ टरन रया रफनाई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- इस रोग स फसल को बचान क लए फसल म एक छड़काव ता य त दवा जो बाजार म ि लटा स- 50 लकापर आ द नाम स उपल ध ह को 03 तशत क दर स 15 दन क अ तराल म कम स कम दो बार छड़काव करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) च क रोग बीजज नत या बीजोड़ ह इस लए बवाई पव बीज उपचार पारय त फफदनाशक दवा स (25 ाम दवा त कल बीज) श क उपचार कर (ii) पौध अवशष को एक कर जला दव

119 म गफल क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Groundnut) 1 ट का रोग या पणदाग रोग (Leaf spot disease) ल ण (Symptoms)- रोग दो कार क ल ण द शत करता ह यो क रोग क दो अलग-अलग रोगजनक ह एक सक पोरा अरचडी कोला फफद ह जो पहल कोप करता ह य क दसरा सक पोरा परसोनटा ह जो लगभग 45 दन बाद स मण करता ह सक पोरा अरचड़ीकोला वारा द शत ल ण -(Early leaf spot symptoms)- म गफल कर ट का रोग सव थम इसी रोगजनक वारा फसल पर ल ण उ प न करता ह िजसका आर भ पि तय पर ह क हर भाग क बनन स होता ह य भाग कछ ह दन म लाल स भर रग म प रव तत हो जात ह इन सभी ध ब क चारो ओर चकमदार पीला घरा होता ह ध ब का रग पि तय क सतह पर लाल भरा एव गहरा भरा सा होता ह पर त नीच क सतह पर ह का भरा तथा पीला घरा अ प ट होता ह सक पोरा परसोनटा वारा द शत ल ण ndash (Late leaf spot symptoms)

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इस रोगजनक का कोप अप ाकठ दर स अथात फसल क दो माह का हो जान पर ह दखाई दता ह रोग क ल ण नय मत आकार क छोट-छोट ध ब स आर भ होत ह िजनका रग गहरा भरा स काला होता ह इन ध ब का यास 1 स 6 ममी होता ह एव य ध ब पि तय क सतह पर उभार उ प न करत ह य ध ब ती ता स बढ़त ह इनक चारो ओर पीला घरा नह होता ह ध ब क अ य धक बन जान पर पि तया झड़ जाती ह तथा भा वत फसल बना पि तय क दखाई दती ह रोग का स मण पि तय क अलावा तन व शाखाओ पर भी ध ब क बनन स दखा जा सकता ह रोगजनक (Causal organism)- रोग दो कार क रोगजनक फफद वारा उ प न होता ह

1 सक पोरा एरचड़ीकोला 2 सक पोरा परसोनटा खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय (Control measures) (क) बोड म ण 08 तशत (4450) (ख) कापर आ सी लोराइड जस ि लटा स-50 ल कापर फाइटोलान आ द 03 तशत (ग) डाइथन एम- 45 02 तशत (घ) घलनशील गधक व कापर आ सी लोराइड (11) 02 तशत (ड) बव ट न 01 तशत (च) फाइकाल - 8005 तशत दवा का फसल का 40 दन का हो जान पर

पहला छड़काव कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा और तीसरा छड़काव 12 स 15 दन क अतराल स कया जाना चा हए बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशोष को एक कर जला दना चा हए (ii) बवाई पव बीज उपचार क लए म गफल क दोनो को 05 तशत नीला थोथा घाल म कर ब आध घट तक डबोन स बीज उपचार कया जा सकता ह जो बीच ज नत रोगजनक को न ट कर दता ह (iii) बवाई समय म प रवतन- य द म गफल क बवाई 15 दन पव करना सभव हो तो रोग कोप स कोई नकसान नह होता ह य क रोग उ प धारण करन स पव फसल पक कर तयार हो जाती ह (iv) ज द पकन वाल क म का चनाव- रोग कोप ज द पकन वाल क म को पर तरह भा वत नह कर पाता य क उ प ा त करन क पव ह अव ध पर हो जाती ह ओर उस खोद लया जाता ह 2 पद सड़न या कालर राट रोग (Collatr rot disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पौध क उस भाग पर बनत ह जो म ी क सतह का तन का भाग (कालर भाग) सखी सडन पौध क तन को स मत कर धीर -धीर बढ़ती ह सखी सड़न बढ़कर पौध क आधार को कमजोर कर दती ह िजसस पौध गर जात ह एव सखकर मरझा जात ह इन भा वत पौध क सखी सड़न वाल थान पर रोगजनक फफद क उभर ह ई काल काल रचनाए प ट दखाई दती ह रोगजनक (Causal organism) -ए परजीलस नाइजर

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रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नय ण क लए खड़ी फसल म कोई उपाय नह कए जाव यो क रोगजनक बीजज नत ह तथा ाथ मक स मण बीज वारा ह होता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- रोगजनक क बीजाण बीज क बा य सतह पर चपक रहत ह इस लए उ ह न ट करन क लए न न ल खत कसी भी दवा स श क व ध वारा बीज उपचार करना चा हए (i) पाराय त फफद नाशक दवा जो बाजार म मोनोसान सरसन ाई ए ोसान जी एन

आ द नाम स उपल ध ह को 25 ाम त कलो बीज क दर स (ii) काब नक गधकय त फफद नाशक दवा जस थीरम या डाइथन एम 45 को 25

ाम दवा त कलो बीज क दर स 3 ग आ या र ट रोग (Rust disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल बवाई क 30 - 35 दन प चात दखाई दन लगत ह रोग क ल ण सबस पहल पि तय क नचल सतह पर उ तक यी फोट क प म द शत होत ह कछ ह दन म पि तय क ऊपर सतह पर भी फल

जात ह पि तय क भा वत भाग क बा य वचा फट जाती ह रोग आ मण क कारण फि लया समय स पहल पक जाती ह एव बीज चपट और वकठ हो जात ह रोगजनक (Causal organism) - प सी नया ऐरा क डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- म गफल पर ग आ क साथ साथ ट का रोग का भी कोप होता ह अतः दोन क नय ण क लए एक ह फफदनाशक दवा का उपयोग कया जाना चा हए नीच द जा रह कोई भी एक दवा को 3 बार 12-15 दन क अ तराल स छड़काव कया जाना चा हए पहला छड़काव बवाई क 30- 35 दन बाद अथवा रोग क ार भक ल ण दखाई दन पर कर (i) घलनशील गधक 015 तशत का छड़काव या गधक चण 300 मश का 15 कलो तह टर क दर स भरकाव (ii) डाइथन एम-45 का 02 तशत क दर स छड़काव

(iii) कारबडािजम या बवि टन 01 तशत का छड़काव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग बीज ज नत होन का अनमान व ा नक वारा लगाया गया ह इस लए सम या त म बीज क 01 तशत क दर स

बीटाव स या लाटव स दवा स उपचा रत करक बोना चा हए (ii) पौध अवशष एक कर जला दना चा हए (iii) रोगम त फसल स फि ल बोवाई हत योग कर

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1110 अरहर क म य फफद रोग (Important Fungal Disease of Arthar or Tur) 1 उ ठा या मरझान या व ट रोग (Wilt diseases) ल ण (Symptoms)- इस रोग का स मण रोग क पहचान पौध क पि तय क पीला पड़न स क जा सकती ह खत म पया त नमी क रहत ह ए पौध क पि तया पील होन लगती ह धीर-धीर सभी पि तया मरझाकर गर जाती ह परा का परा पौधा सख जाता ह इन भा वत पौध को जड़ स उखाड़कर दखन पर जड़ क ऊपर भाग पर भर या काल काल रग क धा रया दखाई पड़ती ह यह धा रय रोग जनक फफद क रचानाओ क कारण दखाई ह जो जड़ स पानी व पोषण त व तन व पि तय तक नह पह च पात ह रोगजनक (causal organism) - यज रयम आ सी पोरम फाि प उडम रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- (i) रोग कोप च क एक पौध स फलकर आसपास क पौध पर फलता ह इस लए भा वत पौध क जड़ स उखाड़ कर एक कर जला दना चा हए िजसस आगामी वष म रोग क उ ता कम क जा सकती ह (ii) फसल काटन क बाद ह ए ठठ भी जड़ स हत उखाड़ कर एक कर जला दना चा हए िजसस भी आगामी वष म रोग उ ता कम हो जावगी (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) म त खती- वार व अरहर को एक क बाद एक कतार म बोन स रोग पकोप क स भावना कम हो जाती ह और उ ता म भी कमी हो जाती ह (ii) त बाक क साथ फसल च अपनाया जाव तो रोग कोप बह त कम हो जाता ह त बाक क जड़ स नकलन वाला ाव रोग जनक क लए हा नकारक होता ह (iii) बबाई पव कपास व म गफल क खल को खत म मलाया जाव तो रोगजनक क तरोधी जीवाण ब सलस सबट लस क उ प ती अ धक होती ह जो रोगजनक क बढ़वार

को कम करक रोग कोप को कम करत ह त ह टर 20 किवटल खल उपयोग करना चा हए (iv) रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जाव उपल ध इन जा तय क नाम ह एनपी 15 एनपीड ल एफ-18 आर-41 रोगान-1 एव बी-1 आ टाइप - 17

1111 मसर क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Lentil) 1 चण फफद अथवा पाऊडर म डऊ रोग (Powdery mildew diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण बवाई क लभगभ ढाई माह बाद दख जा सकत ह इस अव ध तक फसल फल आन क अव था म आ जाती ह इस समय रोग पौध

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क सबस परानी पि तय पर सफद सफद च त बनाता ह य च त बस कछ दन म ती ता स बढ़त ह और पर पौध पर सफद पाऊडर समान रचना न मत हो जाती ह रोगजनक (Causal organism) - इर साइफ पॉल गोनी रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नदान क लए फसल का ढाई माह का हो जान पर एक छड़काव घलनशील गधक (02 तशत) कया जाव अथवा 300 मश का गधक चण का एक भरकाव 12 कलो त ह टयर क दर स कया जाव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) मसर बवाई स पव खत क अ छ तरह स सफाई क जानी चा हए एव पौध अवशष को एक त कर जला दना चा हए िजसस रोग क ाथ मक स मण ोत का न ट कया जा सकता ह (ii) थानीय रोग तरोधी अथवा सहनशील जा त का चनाव कया जाना चा हए

2 उ ठा या ला न या व ट रोग (Wilt disease) ल ण (Symptoms)- रोग का कोप बबाई क 15-20 दन बाद ह श हो जाता ह खत म पया त नमी क रहत ह ए पौध क व क जाती ह पि तया पील पड़न लगती ह और पौध सखकर मर जात ह भा वत पौध को उखाड़कर दखन पर रोगी पौध क जड़ अ वक सत व ह क भर रग क हो जाती ह रोगजनक (Causal organism)- यज रयम ऑ सी पोरम फाि पलि टस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- इस रोग क नय ण क लए खड़ी फसल म कोई भी उपाय न अपनाय जाव य क रोगजनक म ी ज नत ह कवल भा वत पौध को ह नकल कर न ट कर दव िजसस रोगजनक क सार को कम कया जा सकता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग बीज ज नत भी ह इस लए बवाई पव बीज को ब वि टन या थीरम या कपटन या कपटाफाल नाम फफद नाशक दवा स श क उपचा रत करक बोय ढाई ाम दवा एक कलो बीच उपचार क लए पया त होती ह (ii) पौध अवशष को एक कर जला दव (iii) रोग सहनशील क म जस - एस617 एव एस64388 को सम या त खत क लए चन

1112 चन क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Gram) 1 उ ठा या ला न या व ट रोग (Wilt diseases) ल ण (Symptoms)- भा वत पौध क पि तया पील पड़ना श होती और पीलापन धीर-धीर बढ़न लगता ह तथा पौध भर रग म बदलन लगत ह एव अ त म सख जात ह पौध क म ी म पया त नमी क रहत ह ए सखना उ ठा रोग का मख ल ण ह

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भा वत पौध क जड़ उखाडकर दखन पर ात होता ह क छोट जड तो भर हो गई ह और म य जड़ पर काल सी भर धा रयाबन गई ह रोगजनक (Causal organism) - यज रयम आथ सरस ओपरकलला पड व कआई कलरो शयम रो फसाई राइजकओ नया सोलनाई आ द फफद क एक साथ या अलग

अलग कोप करन क कारण रोग क उ ताबढ़ जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नय ण क लए खड़ी फसल म कोई भी उपाय नह सझाय गय ह अतः कवल स मत खत को वशष प स पहचाना जाव िजसस अलग वष बबाई पव नय ण उपाय वशष यानपवक अपनाय जा सक (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशष को जताई कर एक करक जला दत ह (ii) बीज कसी द हक फफद नाशक दवा जस बव ट न या कारबडािजम 25 ाम दवा त कल क दर स उपचा रत करक ह बोय (iii) खत म पानी क नकास का उ चत बध कर (iv) रोग नय ण का सव तम उपाय रोग रोधी जा त का चयन करना ह उपल ध रोग तरोधी जा तय क नाम ह सी-235 जी-24 जजी-315 काबल चना आई सीसी - 32 आईसीसी-42 (अ) सम या त खत म सरस खल खाद क थान पर डालन स रोग क उ ता बह त कम हो जाती ह 2 ए कोकाइटा अगमार या लाईट रोग (Ascochyta Blight Disease) ल ण (Symptoms)- रोग सबस पहल पि तय पर गील स च त बनाता ह जो धीर धीर गोलाकार आकार को ा त कर लत ह इन च त म भर रग का घरा और भीतर भाग पीला या मटमला होता ह इसी तरह क च त पि तय क अ त र त शाखाओ और फि लय पर भी बनत हतन पर इन फल का भाव इस तरह स होता ह क पौध सखन लगत ह उ अव था म पि तय और फि लय पर च त आपस म मल जात ह िजसस पौध झलस ह ए दखाई दत ह रोगजनक (Causal organism) -ए कोकाइटा र बआई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- ता य त फफद नाशक दवा जस फाइटोलान ि लटा स-50 यरामार लकापर आ द का 03 तशत घोल या डाइथन एम 45 का 02 तशत घोल या जाइरम या कमान एल का 02 तशत घोल (पअ) क टान या डाईफोलअन का 015 तशत घोल पहला छड़काव फल आन क समय कर तथा दसरा 12 स 15 दन बाद करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) बवाई पव बीज कपथन या थीरम दवा स 25 ाम त कलो बीज क दर स उपचा रत कर

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(ii) रोग तरोधी जा त लगाना रोग बचाव क सबस उपय त व ध ह इस रोग क उपल ध रोग तरोधी जा त क नाम ह पी1528-1- एफ-8 सी1234 पी 1453 और ईसी 26435 आ द जा तय का चयन कया जाना चा हए (iii) तीन वष य फसल च अपनाय

1113 म ग व उड़द क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Mung amp urid) 1 प ती ध बा या ल फ पाट रोग (Downy mildew disease) ल ण (Symptom)- इस रोग क दो तरह क ल ण रोगजनक फफद क दो जा तय वारा उ प न होत ह सक पोरा यऐ टा वारा व ताकार या कोणीय ध ब पि तय

पर बनत ह जो 05 स 4 समी यास क होत ह इन ध ब का रग बगनी सा लाल होता ह पि तय क ऊपर भाग पर ध ब अ धक साफ दखाई पड़त ह मौसम क अनकलता पाकर ध ब बढ़कर आपस म मल जात ह एव अ नय मत आकार क ध ब बनात ह पौध क परानी फि लय पर रोग का भाव होता ह जब क नई फि लय व थ रहती ह भा वत फि लय काल रग क हो जाती ह उ अव था म रोग कोप स बीज सकड़ कर काल हो जात ह तन पर बड़ आकार क ध ब बनत ह

सक पोरा कनस स जा त स प ती ध बा रोग क ल ण यादातर पि तय पर ह दखाई दत ह िजसका आकार अधव ताकार स अ नय मत होता ह इन ध ब का रग भरा व म य म पीला भरा होता ह िजनका यास 2 स 8 समी होता ह फि लय पर इस जा त का कोप बह त कम होता ह उ अव था म पि तया झलस कर गर जाती ह रोगजनक (causal organism) - सक पोरा यऐ टा एव सक पोरा कनस स रोग नय ण क उपाय (control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग क आर भक अव था म ह नीच द जा रह कोई भी एक दवा का छड़काव कया जाना चा हए (i) ता य त फफदनाशक दवा जस फाइटोलान ि लाटा स-50 यपरामार ल कापर 03 तशत क दर स या (ii) बोड म ण दवा 4450 (iii) िजनब या डाइथन - जड़ 78 दवा 02 तशत क दर स या (iv) जाइरम या कमान एल 02 तशत क दर स आव यकता नसार दसरा छड़काव 15 दन क बाद कर (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः- (i) व छ खती अथवा पौध अवशष को एक कर जला दना चा हए िजसस रोगजनक का ाथ मक स मण ोत न ट हो जावगा और रोग कोप म बह त कमी हो जावगी 2 चारकोल वगलन या चारकोल राट रोग (Charcocal rot disease) ल ण (Symptoms)- रोग क म य ल ण पौध क तन व जड़ का वगलन होता ह रोग कोप फसल क कसी भी अव था म दखा जा सकता ह रोग क ल ण अकरण

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क एक माह बाद दखाई दत ह इस अव था म स मण हो जान स रोग सार जड़ म हो जाता ह तथा जड़ सड़न क कारण भा वत पौध मर जात ह रोग क ल ण पि तय पर भी नीच क सतह पर दखाई दत ह भा वत पि तय क ना डया लाल भर रग क हो जाती ह रोग सत पौध क तन व जड़ पर काल स ब दनमा रचनाय भी फसल पकन क समय दखाई दती ह इन रचनाओ को पकनी डया कहत ह रोगजनक (Causal organism) - म ोफो मना फिजओलाइ रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- प ती ध बा रोग क नदान क लए उपयोग क गई दवा इस रोग क नदान म भी सहायक होती ह इस लए इस रोग क लए अलग स दवा डालन क आव यकता नह ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः- (i) बवाई पव बीज को 2 ाम ब व ट न त कलो दवा स उपचा रत कर (ii) व छ खती या पौध अवशष व गर ह ई पि तय को एक कर जलाय िजसस म ी ज नत स मण का ोत न ट हो जाता ह (iii) फसल च वार या बाजरा फसल क साथ अपनाना चा हए य क इन फसल पर इस रोग का कोप नह होता ह

1114 मटर क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Pea) 1 मदरो मल या डाऊनी म डऊ रोग (Downy mildew diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पि तय एव अनपण क ऊपर भाग पर पील या भर सी अ नय मत आक तया वारा पहचान जा सकत ह िजनक ठ क नीच प ती क नचल भाग पर सफद जाल सर खी रचना बनती ह यह रचना वा तव म रोगजनक फफद क कवकजाल बीजाण व बीजाणओ का समह होता ह इन आक तय का आकार छोटा या पर पि तय पर भी फल सकता ह भा वत भाग क उ तक मर जात ह िजसस उनका रग भरा दखाई पड़ता ह रोग क भाव स पौध वकास पर तकल भाव होता ह तथा पौध बौन रह जात ह पौध का फलाव भी कम होन लगाता ह

फि लय पर रोग क ल ण ह क हर रग क ध ब क प म बनत ह जो लगभग व ताकार होत ह रोगजनक (Causal organism) - परोनो पोरा पाइसाइ रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- कसी भी तरह क दवा का उपयोग आ थक ि ट स उपय त नह होता ह य द उ ता स कोप क सभवाना हो तो बोड म ण (4450) का छड़काव कर (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः-

195

(i) रोग का ाथ मक ोत न ट करन क लए बीज क बवाई पव अ छ तरह स सफाई कर फि लय क टकड को अलग कर दना चा हए (ii) व छ खती अपनाना चा हए एव पौध अवशष को एक कर जला दना चा हए (iii) दो वष का फसल च अपनाना चा हए 2 क या ग आ रोग (Rust diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पि तय तन शाखाओ पणवत तान तथा फि लय पर दखाई दत ह सबस पहल पि तय पर पील रग क उभार लए फोट दखाई दत ह पर त शी ह इन फोटो क बा य वचा क फटन एव मटमला सा पाऊडर सर खा बनता ह जो वा तव म रोगजनक क ए शयम अव था ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- जनवर थम स ताह म पहला छड़काव या भरकाव कया जाव तथा त ह टर कम स कम 450 ल टर दवा का घोल का छड़काव कर

1 घलनशील गधक 02 तशत अथवा 2गधक चण 300 मश वाला 15 कलो त ह टर क दर स भरकाव कर अथवा 3कराथन एलसी 01 तशत अथवा 4मोर टान 005 तशत अथवा 5क कसीन 005 तशत अथवा 6मोरो साइड 01 तशत दवा का 12 स 15 दन क अतर स 3 बार दवा डालना आव यक होता ह

1115 साराशः- पौध म फफद रोग फफद या कवक (Fungi) वारा होता ह फफद क स मण तथा

इसक कोप क बार म जब तक समझ म आए तब तक रोग उ प धारण करन क ि थ त म पह च चका होता ह इस लए फफद रोगो का अ ययन करना आव यक ह िजसस रोगजनक स मण व ध नदान उपाय बआई एव खडी फसल म कस अपनाए जाए को उ चत ढग स समझा जा सक एव फसल क सर ा क जा सक

1116 बोध न 1 फफद नाशक दवाओ क योग करत समय कौन कौन सी सावधा नया रखनी चा हए 2 गह क काला ग आ रोग का रोगजनक ल ण एव नय ण क उपाय या ह 3 अरहर क उ ठा या मरझान रोग क ल ण रोगजनक एव नय ण क उपाय ल खय 4 सोयाबीन का बीज सडन व पौध अगमार रोग क ल ण रोगजनक एव नय ण क उपाय

या ह 5 म गफल क ट का रोग का व तार स वणन कर व त न ठ न 1 कवक क को शका भि त बनी होती ह

(अ) काइ टन या स यलोज (ब) कि शयम (स) पकट न (द) उपरो त म स कोई नह

196

2 गह क अनावत कड रोग का रोगजनक ह (अ) प सी नया गर म नस टसाइ (ब) आ ट लगो यडा टसाइ (स) यरो स टस टसाइ (द) प सी नया ाइफा मस

3 कापरय त फफद नाशक दवा ह (अ) सरासान (ब) डायथन एम 45 (स) जीनब (द) फाइटोलान

4 बाजर क अरगट रोग म न मत कड़ी सरचनाय कहलाती ह (अ) कलरो शया (ब) अरगट (स) बीजाणद ड (द) लाइ डया

5 सरसो व तो रया क सफद फफोला रोग का रोगजनक ह (अ) माइरोथी शयम रो रडम (ब) लरो पोरा मनीकोला (स) फाइजोडमाजी म डस (द) ए बग कि डडा

व त न ठ नो क उ तर 1 (अ) काइ टन या स यलोज 2 (ब) आ ट लगो यडा टसाइ 3 (अ) सरासान 4 (ब) अरगट 5 (द) ए बग कि डडा

1117 सदभ 28 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 29 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 30 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Dehi 31 Singh SS 1993 Crop Management under irrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Punlishers New Delhi 32 अहलावतए आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 33 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

197

इकाई - 12 बागवानी फसल क म य फफद य रोग एव उनका नय ण

इकाई क परखा 120 उ य 121 तावना 122 फल क म य फफद य रोग

1221 आम 1222 अम द 1223 नीब वग य फल 1224 पतीता 1225 कला 1226 अगर 1227 कटहल 1228 बर 1229 अनार 12210 सब 12211 ाबर

123 सि जय क म य फफद य रोग 1231 मच 1232 टमाटर 1233 बगन 1234 भडी 1235 फल गोभी 1236 प ता गोभी 1237 गाठ गोभी 1238 आल 1239 लहसन 12310 शकरकद 12311 ह द 12312 मटर 12313 बरबट 12314 चबीन

198

12315 सम 12316 वार 12317 क वग क सि जया (क हड़ा आ द) 12318 प तदार सि जया 12319 ट पओका 12320 रताल 12321 पान

124 साराश 125 बोध न 126 सदभ थ

120 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो सकग क - फल एवम सि जय म लगन वाल म य फफद य रोग इन रोग क रोगजनक एव ल ण इन फफद य रोग को नय ण करन क उपाय

121 तावना जब पौध क सामा य याऐ अ यवि थत हो जाती ह और उनका काय क जाता ह

ऐसा होन स उनक दखाई दन लगत ह िजस रोग या या ध या बमा रया कहत ह पौध कसी भी अ यव था म जस बीज नवाक रत प ती तना फल तथा फल रोग वारा भा वत हो सकत ह इन रोग या बमा रय क नि चत ल ण होत ह य रोग एक नि चत रोगजनक जस क फफद जीवाण वषाण वारा उ प न होत ह फफद य रोग एक नि चत वातावरण म फलत ह और उ चत उपाय वारा उ ह नय त भी कया जा सकता ह

122 फल क म य फफद य रोग

1221 आम

1 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew) रोगजनक ओइ डयम मजीफर (Oridium mangiferae) ल ण फल तथा छोट फल तथा शाखाओ क अ भाग पर भर रग का चण जमा होना तथा बाद म भा वत अग भरा हो जाना पि तय पर बखर ह ए ध ब दखाई दना नय ण क उपाय 1 घलनशील गधक का 002 तशत घोल 15 दन क अतर स छड़काव कर

199

2 तशत कोसान का छड़काव भी भावशील ह 3 गएसाल 1 कलो त व का भरकाव कर

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण व क टह नय पि तय फल तथा फल पर होता ह पि तय पर गहर रग क

चकत पड़ना टह नय पर काल ध ब तथा फल म भी कभी कभी काल ध ब होना नय ण क उपाय 1 13350 बोड म ण या छड़काव तीन बार कर या 2 05 तशत क टान का छड़काव कर 3 रोग का नाम काला दाग (Blackup)

रोगजनक का यक य रोग (Physiologicaldisease) ल ण फल क नचल सतह पर पहल भरा दाग होता ह जो आग जाकर काला हो जाता ह फल गर जात ह नय ण क उपाय

1 ईट क भ स लगभग 12-1 कमी दर पर पौध लगाए भ क चमनी 15 मी ऊची बनाए

2 08 तशत काि टक सोडा का दो बार छड़काव कर 3 06 तशत बोर स का छड़काव कर

1222 अम द

1 रोग का नाम उकठा रोग (Gurava wilt) रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp ) ल ण शाखाए आग क भाग स सखना आरभ होकर नीच क तरफ सख भी जाती ह परा व सख जाता ह

नय ण क उपाय 1 सखी टह नय को काटकर जला द 2 उ तम जल नकास रखना 3 भ म क ार यता कम करना

1 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम साइडाई (Collectorichum spp) ल ण आरभ म फल पर काल चि तया होना और बाद म परा फल काला हो जाना फल छोट रह जात ह शीत ऋत म कम लगता ह

नय ण क उपाय 1 3350 बोड म ण या छड़काव तीन बार कर या 2 05 तशत क टान का छड़काव कर

200

3 सख फल को तोड़कर अलग कर द

1223 नीब वग य फल

1 रोग का नाम पक रोग (Pink disease) रोगजनक पल कल रया सालमोनाइकलर (Pellicularia salmonicolour) ल ण तन म दरार आ जाती ह और चप चपा पदाथ नकलता ह तन तथा शाखाओ पर सफद तथा पील दाग बन जात ह छाल त त हो जाती ह

नय ण क उपायगमो सस रोग क समान ह उपचार कर रोग त शाखाओ को काट द

रोग का नाम शीष गलन (wither up) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum Siddii)

ल ण नई शाखाए गलकर तथा सखकर गरन लगती ह इनका रग भरा पड़ जाता ह कभी कभी गलाबी रग जसा दखाई दता ह परा व भी सख जाता ह सतरा और मोस बी अ धक भा वत होत ह

नय ण क उपाय 1 भा वत शाखाओ को काटकर जला द 2 माच और सत बर म 1 तशत बोड म ण का छड़काव कर रोग का नाम डाय बक या सखा रोग (Die back) रोगजनकअनक कारण स होती ह ( वषाण) ल ण 1 व क ओजि वता कम होन लगती ह 2 टह नया सखन लगती ह और परा व सख जाता ह नय ण क उपाय 1 उ चत उ या नक बध कर 2 सम त सभा वत उपाय कएजान चा हए उ चत मलव त का उपयोग कर

1224 पतीता

रोग का नाम आई गलन (Damping off) रोगजनक पी थयम एव राइजो टो नया कोलटो ाइकम जा त (Pythium Rhizoctonia) ल ण या रय म छोट पौध नीच स गलकर गर जात ह नय ण क उपाय

1 बीजोपचार कर - ए ोसान जीएन 2-3 ाम कलो बीज या सरसान 2 ाम कलो बीज 2 उ तम जल नकास रख

1225 कला

1 रोग का नामपनामा ब ट (Panama wilt)

201

रोगजनक यज रयम आ सी पोरम (Fusarium oxysporum) ल ण

1 पौध क पि तया सखकर गरन लगती ह 2 कला का परा तना फट जाता ह और पौधा सख जाता ह

नय ण क उपाय 1 रोग त पौध को उखाड़कर जला द 2 क डो क नय ण क उपाय कर 3 रोग त स पौध न खर द

2 रोग का नाम फल का सड़ना सगार ट (Cigar rot) रोगजनक हि मनथो पो रय टॉ लोसम (helminthosporium torulsosum) ल ण फल का शीष भाग सड़न लगता ह

नय ण क उपाय 1 कल का खत बदल द 2 रोग त पौध अलग कर द 3 नाइ ोजन दना कर कर द 4 भा वत फल को नकाल द य त दवा का छड़काव कर

1226 अगर

1 रोग का नाम ए नोज(anthracnose) रोगजनक गलाइ पो रयम ए पलोफगस(Gloesporium ampelophagum) ल ण शाखाओ लताओ तथा पि तय पर काल ध ब हो जात ह पि तया भर होकर गर जाती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (3350) का छड़काव कर 2 डायथन ज़ड-7825 कलो त ह टर छड़काव कर या लाइटॉ स 003 तशत

छड़काव कर 2 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew)

रोगजनक उ सीनला न टर ( दबपदनस दमबजवत) ल ण पि तय तथा तन पर सफद चण आ छा दत हो जाता ह फल पर भी चण जम जाता ह नय ण क उपाय गधक क चण 02 तशत का भरकाव कर बगलोर ल म कम लगती ह

1227 कटहल

1 रोग का नाम सा ट राट (Softrot)

202

रोगजनक राइजोपस आट काप (Rhizopus atrocarpi) ल ण 1 फल का नर अग भा वत हो जाता ह 2 फल गर जात ह 3 तन पर गलाबी सफद रग क उठ ह ए ध ब और दरार होना

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (3350) का छड़काव कर

1228 बर

रोग का नाम चण फफद (powedery Mildew) रोगजनक आई डयोि सस जा त (Oidiopsis एसपीपी) ल ण पि तय पर सफद चण जमा होना फल पकन पर भर ध ब वाल होना नय ण क उपाय 1 क टान 002 तशत या घलनशील गधक 03 तशत का छड़काव कर

1229 अनार

रोग का नाम पि तय और फल पर ध ब रोगजनक सक पोरा ि लयो पो रयम (Crercospora gloeosporium) ल ण पि तय और फल पर सफद ध ब होना नय ण क उपाय 1 तशत बोड म ण का छड़काव कर

12210 सब

रोग का नाम टम लक(Stem Black) 1 रोगजनक कोनयोथी सयम कोमटो फोरम (Coniothecium chomatosporum)

ल ण आरभ म शाखाओ पर ध ब होत ह शाखाए सख जाती ह नय ण क उपायरोग त शाखाओ को काट दना चा हए तथा कट थान पर चब टया प ट लगा द

2 रोग का नाम एपल कब (Applescab) रोगजनक वनट रया इनक लस (Venturia inaequilis) ल ण पि तया तथा फल झलसकर गरजात ह टह नया सख जाती ह नय ण क उपाय घलनशील लाइम-स फर (160) का छड़काव कर

3 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew) रोगजनक पोडो फो रया लयो क रका (Podosphaera)

203

ल ण पि तय क नचल सतह पर सफद चण जमा हो जाता ह ऊपर सतह भी ढक जाती ह नय ण क उपाय चना व गधक (140) का छड़काव कर

12211 ाबर

1 रोग का नाम ग आ रग क ध ब (Spot) रोगजनक ड डोफोमा आ जकलम (Dendriopjoma obsurons) ल ण आरभ म पि तय पर छोट छोअ बगनी ध ब दखाई दत ह धीर-धीर बढ़कर भर रग क हो जात ह नय ण क उपाय लाइटॉइ स 03 तशत का छड़काव कर

2 रोग का नाम रोग का नाम स म काल ब द (minuti amp black spot) रोगजनक ड लोकारपन इ र लयाना (Diplocarpom earrliana) ल ण पि तय क ऊपर सतह पर आसमानी बगनी रग क ब द दखाई दत ह नय ण क उपाय लाइटॉइ स 03 तशत का छड़काव कर

123 सि जय क म य फफद य रोग

1231 मच

1 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम क साई (Colletorichumcapsici) ल ण 1 छोट और अधपक फल पर भर ध ब होना 2 फल झड़ जात ह तन और पि तय पर भी ध ब हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीज को सरसान का उपचार कर 2 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 3 भा वत भाग को काटकर अलग कर द 4 ब लट (01 तशत) या डाइफाइटोन (02 तशत) का छड़काव कर

2 रोग का नाम मरझान (wilt) रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp) ल ण पौध का अचानक सख जाना नय ण क उपाय 1 उ चत फसल च अपनाए ता य त दवाओ का उपयोग रोग को फलन स रोक सकता

ह 2 4450 बोड म ण का छड़काव कर

204

1232 टमाटर

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का नचला तना गल जाना

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार उपचार कर 2 भ म उपचार 01 तशत (कपटान फाइटोलान या ासीकाल)

2 रोग का नामअगती झलसा (Early blight) रोगजनक अ टरन रया सोलनी (Allernara solani) ल ण पि तय पर गोलाकार काल व भर ध ब पड़ जात ह पि तया झड़ जाती ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार उपचार कर 2 िजनव 2 कलो त ह टर क घोल का छड़काव कर 3 डायथन Z-78(02) का छड़काव कर

1233 बगन

1 रोग का नाम फोमोि सस लाइट (Phomopsis blight) रोगजनकफोमोि ससब सस (Phomopsis verans) ल ण पौध क सभी अग भा वत होत ह भर लब गोल दाग हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार 2 4450 बोड म ण का छड़काव कर 3 लबा फसल च अपनाए 4 लाईटॉ स 50 का 025 तशत का छड़काव कर 5 बीज को 50 ड ी स पर जल म 30 मनट घटा डबोकर रख

2 रोग का नाम मरझान (Wilt) रोगजनक यज रयम ओजो नयम बट सी लयम जा तया (Fusarium ozoniom veticullium spp) ल ण पि तय का पील पड़ जाना तथा भर हो जाना पौध का सख जाना तन क बीच का भाग गहर रग का हो जाता ह इस चीरकर दखा जा सकता ह बगन क अ त र त आल टमाटर भडी डह लया आ द भी इस रोग स भा वत होत ह

नय ण क उपाय 1 तरोधी क म का उपयोग कर 2 समय - समय पर फफदनाशक दवाए छड़क

205

1234 भडी

1 रोग का नाम चण फफद (Powerly mildew) रोगजनकएर साइफ साइकोर सयरम (Erysiphe cicharacearum) ल ण पि तय क नचल सतह पर भरा चण जमा हो जाता ह पि तया गर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक चण - 20 कलो त ह टर या भरकाव कर 2 कराथन - 005 तशत क घोल का छड़काव

1235 फल गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of Blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allerarnariabrassicala) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

1236 प ता गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium sppRizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allernariabrassicola) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

206

1237 गाठ गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allernariabrassicola) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

1238 आल

1 रोग का नाम अगती झलसा (Early blight) रोगजनक आ टन रया सोलनाई (Allernaria solani) ल ण पि तय पर काल रग क ध ब क द पर भी दाग हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार कर 005 तशत एगलाल 2 िजनव 02 तशत या डाइथन-Z-78(02) कलो त ह टर क 5 बार छड़काव

कर

1239 लहसन

1 रोग का नाम ल फ लाइट (Leaf Blight) रोगजनक आ टन रया जा त (Allernaria spp) ल ण सफद दाग पि तय पर आ जात ह िजनक म य म बगन ब द होत ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण1 तशत का छड़काव कर या 025 तशत का छड़काव 15 दन क

अतर स कर

12310 शकरकद

1 रोग का नामल फ पॉट(Leaf spot) रोगजनकसक पोरा बटाटा (Allernaria spp) ल ण पि तय पर बड़ भर ध ब होत ह गम तथा नम वातावरण म रोग अ धक फलताह

नय ण क उपाय बोड म ण1 तशत का छड़काव कर

207

2 रोग का नाम सा ट रॉट(Soft Rot) रोगजनकराइजोपस न क स (Rhizopus-nigricans) ल ण कद गील होकर सड़ना स हण रोग आता ह

नय ण क उपाय चोट खाए कद स हत न कर 3 रोग का नाम लक रॉट

रोगजनक सर टोमला फ म याटा (Cerastomellafirmbriata) ल ण पि तय का रग पीला हो जाता ह कद सड़न लगत ह

नय ण क उपाय 1 बीज उपचार कर 2 उ चत फसल च अपनाए

12311 ह द

रोग का नाम ल फ पॉट(Leaf spot) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum) ल ण पि तय पर काल भर रग क ध ब हो जात ह नय ण क उपाय 1 डाइथन ndashZ-78(02) या डाइथन ndashM-45 का छड़काव कर

12312 मटर

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew) रोगजनकएर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12313 बरबट

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew)

208

रोगजनकएर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12314 चबीन

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12315 सम

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

209

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12316 वार

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12317 क वग क सि जया (क हड़ा आ द)

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ साइकोर सयम (Erisiphe cichoracearum) ल ण पि तय तथा तन पर सफद चण जमा हो जाना पि तया सख जाती ह

नय ण क उपाय 1 मोर टान - 005 तशत या कराथन - 075 तशत का छड़काव कर 2 गधक 15 कलो त ह टर का भरकाव कर

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose)

210

रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण पि तय तन पर जल स त ध ब होना और काला हो जाना तरबज और ककड़ी अ धक भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार कर 2 बोड म ण (5ः5ः50) का छड़काव कर 3 फसल च अवनाए

3 रोग का नाम पणदाग (leaf spot) रोगजनक सक पोरा जा त (Cercospora spp) ल ण पि तय पर गहर भर जल स त ध ब होना

नय ण क उपाय िजनव 025 तशत का छड़काव कर 4 रोग का नाम जड़ गलन (Root rot)

रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp) ल ण तन का आधार गहरा भरा होकर मलायम हो जाता ह

नय ण क उपाय बीज को 55 ड ी स पर 15 मनट पानी म गम कर और मर य रक लोराइड (11000) क घोल म डबोए

12318 प तदार सि जया

1 रोग का नाम आ गलन (Dmmping off) रोगजनक प थयम जा त (Pithium mildew ) ल ण पौध का नचला भाग गल जाना

नय ण क उपायः बीजोपचार तथा भ म उपचार 2 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew)

रोगजनक म त रोग जनक ल ण पि तय पर सफद या भरा चण जमा हो जाना

नय ण क उपायः कराथन - 005 तशत या बोड म ण 3550 का छड़काव कर

12319 ट पओका

1 रोग का नाम पणदाग (Leaf spot) रोगजनक सक पोरा कसावी (Cercospora cassarvae) ल ण पि तय पर भर हर ध ब जोबाद म भर रग क हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 2 लाइटा स 02 तशत का छड़काव कर

211

12320 रताल

1 रोग का नाम पणदाग (Leaf spot) रोगजनक सक पोरा कब नसी () ल ण पि तय पर भर या काल रग क ध ब हो जाना

नय ण क उपाय 1 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 2 लाइटा स 02 तशत का छड़काव कर

2 रोग का नाम कद सड़न (Tuber rot) रोगजनक बो ओ ड लो डया थयो ोमी (Botrydodilodia theobramae) ल ण कद का सड़ना

नय ण क उपाय -कद उपचार (व लअ 03 तशत)

12321 पान

1 रोग का नाम पद गलन एव पि तय क ध ब (Foot rot amp leaf rot) रोगजनक फाइटो थोरा परा सटका (Phythophthora theobramae) ल ण पि तय पर गहर भ म रग क ध ब गोल च क प म उ प न होना पि तय पर जल स त ध ब होना बल भ म क समीप स गल जाना भा वत बल को चीर कर दखन पर म य म काल लक र दखलाई दती ह बल रशदार हो जाती ह

नय ण क उपाय 1 कलम को 1 तशत बोड म ण स 20 मनट तक लगान स पव उपचा रत कर 2 भ म उपचार 1 तशत बोड म ण (25 ल त मी2) ध ब प ट होन पर

005 तशत बोड म ण का छड़काव कर 3 15 दन क अतर म 005 तशत बोड म ण का छड़काव कर 4 छड़काव जलाई स अ टबर तक कर

2 रोग का नाम वीधा (Anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम कपसीकाई (Colletorichum capsici) ल ण बल पर लब काल ध ब दखलाई पड़त ह बल गाठ स टट जाती ह

नय ण क उपाय 1 डायथन एम - 15 - 02 तशत का छड़काव 2 बा व ट न 01 तशत का छड़काव 3 रोग का नाम बकनी रोग (Powdery mildew)

रोगजनक अि डयम पापप रत (Oldium piparis) ल ण पि तय पर कपास जस ध ब दखलाई पड़त ह

नय ण क उपाय

212

1 स फ स (025 तशत) या स टाफ (025 तशत) या कोसान (025 तशत) का छड़काव

124 साराश जो अपन जीवनयापन क लए पौध को साधन बनाती ह पौध म अ धकाश रोग कवक

या फफद वारा उ प न होत ह व भ न कार क कवक पौध क को शकाओ क अदर जाकर याशील हो जात ह िजसस क रोग क ल ण कट होत ह चोट या खर च वारा उ ह पौध

क अदर वश करना सरल होता ह

125 बोध न 1 आम म लगन वाल म य फफद य रोग एवम उनका नय ण बताइए 2 आल म पाऐ जान वाल म य फफद य रोग एवम उनका नय ण बताइए 3 गोभीवग य सि जय म लगन वाल म य फफद य रोग तथा उनक रोगजनक बातइए 4 आम म लगन वाल रोग ए नोज(दजीतवबदवम) का रोगजनक---------ह

(अ) ओइ डयम मजीफर (ब) कोल ोटाइकम जा त (स) ज थोमोनास जा त (द) इनम स कोई नह

5 न न म स कौन स रोग नीबवग य फल म पाऐ जात ह (अ) स स ककर (ब) पक रोग (स) डाय बक (द) उपरो त सभी

126 सदभ थ 34 ReddyTYand redid GHS2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 35 शमा ओपी इ टो डयाएसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 36 Singh Chidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH Publishing company private limitedNew Delhi 37 Singh SS 1993 Crop Management under Irrigated and Rainfed

ConditionsKalyani PublishersNew Delhi 38 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स ात एव

फसल रामा पि ल शग हाउसए मरठ 39 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल शग हाउस मरठ

213

इकाई -13 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

इकाई क सरचना 130 उ य 131 तावना 132 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

1321 धान का पण झलसा रोग (Bacterial Leaf Blight Disease of Rice) 1322 धान का ल फ क रोग (Bacterial Leaf Streak disease of Maize) 1323 म का का पण झलसा रोग (Leaf Blight disease of Soyabean) 1324 म का का त भ वगलन रोग (Stalk Rot of disease Maize) 1325 सोयाबीन का झलसा रोग (Bacterial Blight disease Maize) 1326 अर डी का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Castor) 1327 तल का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Sesame) 1328 तल का पण झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Sesame) 1329 तल का जीवाणज व ट (Bacterial Wilt of Sesame) 13210 कपास क जीवाणज अगमार कोणीय पण च ती कषण शाखा रोग (Bacterial BlightAngular Leaf SpotBlack Arm disease of Cotton) 13211 जट का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Jute) 13212 पटआ सनई का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot of Sunhemp Bombay hem) 13213 ग न का लाल धार रोग (Red Strip disease of Sugarcane) 13214 ग न का रटन ट रटग (Ratoon Stuntting of Sugarcane) 13215 गह का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Wheat) 13216 गह का ल फ क एव लक चाफ रोग (Bacterial Leaf streak and Black Chaff disease of Wheat) 13217 गह का पीला वगलन रोग (Yellow Ear Rot disease of Wheat) 13218 जई का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Oat)

133 साराश 134 अ यासाथ न 135 सदभ थ

214

130 उ य इस इकाई का उ य आप को न न ब दओ स अवगत करना ह -

व भ न कार क फसल म पाए जान वाल मख जीवाण रोग क जानकार फसल क जीवाण रोग क रोग जनक जीवाण एव रोग क ल ण का प रचय फसल क जीवाण रोग का नय ण

131 तावना पादप मन य का मख भोजन ोत एव क ष का मलभत आधार ह जब कोई पादप

कसी रोग कारक स भा वत होता ह तो उसक उ पादन मता कम हो जाती ह अतः पादप-रोग व ान एक मह वपण वषय ह य क इसस पर खा य यव था भा वत होती ह जीवाण क कल 1600 जा तय म स लगभग 100 जा तया पादप म रोग क कारक होती ह अ धकतर पादप रोग जनक जीवाण Facultative Saprophytes होत ह पादप पर जीवाणओ क स मण स व श ट रोग होत ह और इन रोग स उ प न ल ण पादप परजीवी सबध जा तया एव पयावरण पर नभर करत ह तथा इनक आधार पर पाय जान वाल सामा य जीवाण रोग क ल ण न न होत ह - 1 झलसापन (Blights) - जीवाण क आ मण क फल व प पौध क भा वत भाग म बह त

तजी स और यापक प रगलन होता ह अन तः पादप झलसन क ि थ त म पह च जाता ह 2 मद गलन (Softrots) -जीवाणओ क ए जाइम या व ध स पादप क को शकाओ एव

म यम परत (Middle Lamella) क वघटन स उ तक नरम हो जाना इसका मख ल ण ह

3 पण च ती (Leaf Spot) - इस रोग म जीवाण र क मा यम स वश करता हआ आसपास क उ तक का वलगन कर दता ह जो सतह पर प रग लत क प म दखाई दता ह यह मत उ तक भर जल ात एव आकार म सी मत होत ह

4 अबद एव घाव (Tumours and Galls) - कई जीवाण रोग म रोग जनक क भाव स उ तक क अ तव एव अ त सार (Hyperplasia) पाया जाता ह

5 नासर (Cankers) - उ तक क (प रगलन) न ो सस एव अ त त उ तक क काग को शकाओ क उ पादन क त या व प पि तय टह नय एव फल पर cankers बन जात ह

6 सवहनी रोग (Vascular disease) - कछ जीवाण सवहन उ तक म कि त हो जात ह जीवाणओ क कछ मख पादप रोगजनक वश न न ह -

(1) ज थोमोनास (Xanthomonas) (2) टोमाइसीज (Stroptemyces) (3) ए व नया (Erwinia) (4) यडोमोनास (Pseudomonas) (5) लोवीब टर (Clavibacter)

215

(6) ए ोब ट रयम (Agrobacterium) (7) िजलला (Xylella) पादप रोग जनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तय का चलन ह पादप रोग व ान क अ तरा य स म त (International Society of Plant Pathology) जीवाणओ म च लत नाम को बनाए रखन म उपय त ताव दन क लए एक पथोवार नाम प त (System of Pathovar names) को बनान म सफल ह ई िजनक जा तय क नाम च लत होन क साथ साथ पादप जीवाण व ा नक वारा मा य भी ह पर त कसी कारण स वीकत स चया (approved lists) म थान नह पा सक थ अतः य पथोवार अथवा उपजा तया चलन म ह पादप क जीवाण रोग ायः बीज मदा क ट एव पानी क सहायता स फलत ह तत इकाई म खर फ एव रबी क फसल को भा वत करन वाल मख रोग जनक जीवाणओ उनक ल ण एव इन रोग क नय ण क बार म उ लख कया गया ह

132 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

1321 धान का पण झलसा रोग Bacterial Leaf Blight disease of Rice)

रोगजनक यह रोग ज थोमोनास ओराइजी पथोवार ओराइजी (Xanthomanas oryze pv Oryzal)

वारा फलता ह ल ण यह रोग पौध क अकरण अव था (Seeling Statge) स लकर प रप व अव था तक कभी

भी हो सकता ह इस रोग म ल ब सख त (dry lesions) प ती क ऊपर भाग स श होकर प ती क कनार- कनार म य भाग क तरफ बढ़त ह सख पील प त क साथ साथ सख राख क रग क ल ब ल ब चकत (lesions) भी दखाई दत ह स मण क अगल अव था म पर प ती सख जाती ह

नम मौसम म पादप क रोगी भाग स छोट -छोट धधल बद क प म ह क अ बर रग का जीवाणज नपक (Bacterial ooze) बाहर नकलता ह रोग त पादप क सवहनी पल या बडल जीवाणओ स भर जात ह और पादप क म य हो जाती ह

नय ण 1 रोग क कट होन पर कछ समयक लए खत म खड़ पानी को नकाल द 2 रोग त फसल क पदावार का बीज क लए उपयोग न कर 3 रोग लगन पर न जन वाल खाद का योग कम कर द व 5 दन क लए टाप सग

रोक द 4 बीज को ए ीमाइसीन 100 क 0025 तशत घोल+जल म णीय सरसान क 005

तशत घोल म 8 घट तक रखन क बाद 30 मनट क लए 52-54 ड ी स तापमान पर ऊ ण जल उपचार करक बीजोढ़ जीवाण को समा त कया जा सकता ह

216

5 बीज को कवल सरसान (001)+ टोसाइि लन (03g को 25 गलन जल म) क घोल म 8 घट तक उपचा रत करन स जीवाण मर जात ह

6 धान क रतना पकज IR-20 IR-36 P2-21 साकत-4 वजय राज धान 202 आ द क म बीमार रोधक ह

1322 धान का ल फ क रोग (Bacterial Leaf Streak disease of Rice)

रोगजनक यह रोग जीवाण ज थोमोनास ओराएिजकोला (Xanthomonas oryzicola) क कारण

होता ह ल ण

यह एक पण रोग ह रोग का पहला सकत transluscent interveinal धा रय क उपि थ त ह इन धा रय म पीला या ए बर मोती जीवाण exudates चर मा ा म होता ह जब य सखत ह तो pustules का खरदरापन महसस कया जा सकता ह

नय ण 1 0025 Streptocyclin एव गम पानी म बीज को 30 मनट तक भगोकर उपचा रत

कया जा सकता ह 2 015-03 वाइटाव स (Vitavax) का छड़काव कर

1323 म का का पण झलसा रोग (Leaf Blight disease of Soyabean) रोगजनक

1 यह रोग लवीब टर म शगन सस (Clavibacter Michiganesis subsp Netbraskensis) वारा होता ह

ल ण अ डाकार ल ब-ल ब भर रग क ध ब पि तय क नचल ह स म यादा होत ह कभी

-कभी पौधा झलसा सा दखाई दता ह लाल लए ह ए भर रग क समा तर धा रया िजनम एक स 3-4 समी क गोलाकार ध ब दखाई दत ह

नय ण 1 िजनब का (Dithane ndash 78) 012 क घोल का छड़काव ल ण दखत ह ार भ

करना चा हए तथा भ नकलन तक यक स ताह छड़काव करना चा हए 2 रोग रोधी क म बोनी चा हए

1324 म का का त भ वगलन रोग (Stalk Rot disease of Maize) रोगजनक यह रोग ए व नआ ाएसि थमी तपदप बीतलदजीउप क वारा होता ह

ल ण

217

वगलन नीच ि थत नोडस पर होता ह और सी मत प स त भ क नीच ऊपर स गजरता ह त भ नरम हो जाता ह और लचील भा वत पौध तजी स नीच गरन लगत ह वगलन क अ म अव था म पि तया पील एव सखनी श हो जाती ह

बा लया नकलन लगती ह और कभी-कभी फसल स मत होकर लटक जाती ह नय ण

1 त भ क चार ओर पानी क सचय स बचना चा हए 2 22 तशत य त लोरो सन (Chlorocin) का दो बार मदा उपचार प पीकरण क

पहल एव थम क 10 दन बाद नय ण म सहायक ह 1325 सोयाबीन का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Soyabean)

रोगजनक यह रोग यडोमोनसास सरज पथोवार लाइसी नया (Pseudomonas syringae pr

Glycinea) वारा होता ह ल ण

इसका भाव पहल छोट पौध पर दखाई दता ह पौध क अ त थ क लका भर रग क हो जाती ह नीच क पि तय पर जग क समान भर ध ब बन जात ह

फ लया छोट आती ह बढ़वार मार जाती ह फसल पकन क बाद भी रोग त पौध टट ह दखाई दत ह

नय ण 1 िजनब या मनब क घोल का छड़काव कर 2 भा वत जा त Pb1 बोय 3 म का व वार क साथ फसल च म उगाए

1326 अर डी का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Castor)

रोगजनक इस रोग का कारण जीवाण ज थोमोनास रसीनी (Xantomonas ricini) ह

ल ण रोगजनक बीजप पण एव पण शराओ पर हमला करता ह और कछ छोट गोल

जला ात ध ब पदा करता ह जो बाद म कोणीय और गहर भर काल हो जात ह य ध ब सल यत होकर अ नय मत हो जात ह और बाद म पील भर और भगर हो जात

ह पण क दोन सतह पर जीवाणज अवपक छोट चमक ल मोती क प म दखा जा सकता

ह नय ण

1 बीज को बोन स पहल 25 हउ क टान या थायराम त ा बीज क दर स उपचा रत करक बोए

2 बीज का 580C - 600C पर गम पानी उपचार भी सहायक ह

218

1327 तल का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Sesame) रोगजनक

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सर ज पथावार ससमी (Pseydomonas syrinal pr

Sesami) वारा होता ह ल ण

यह रोग गहर कनार वाल ह क भर कोणीय ध ब क प म पि तय पर कट होत ह य ध ब शराओ पर सी मत होत ह कई ध ब मल कर एक बड़ को ढक लत ह और पर प ती ह सख जाती ह

य जीवाण तन एव क सल को भी भा वत करता ह नय ण 1 टोमाइ सन क 250 500 एव 1000 ppm वलयन म बीज को 1 घट तक

डबो कर रखन स बीज वारा फलन वाला स मण रोका जा सकता ह 2 खत म स मण रोकन क लए 1000 ppm ऐ ीमाइ सन स बीज को उपचा रत

कर 100 ppm ऐ ोमाइ सन का छड़काव कया जा सकता ह

1328 तल का पण झलसा रोग (Bacterial Leaf Blight disease of Sesame)

रोगजनक इस रोग का कारक जीवाण ज थोमोनास क पि स पथोवर ससमी (Xanthomonas

compestris pr Sesame) ह ल ण

इसक ारि भक ल ण बीज-प cotylldonary leaves पर छोट ह क भर जला ात (Water soaked) ध ब क प म कट होत ह धीर-धीर दो गहर भर एव बड़ होत जात ह

बाद म काल होकर एक दसर स मल कर अ नय मत ध ब बनात ह प ती सख जाती ह तना एव क सल भी भा वत होत ह नय ण तज वक एव अग नो मर य रल वारा बीज उपचा रत कए जा सकत ह टordf टोसाइि लन एव कापर आ सी लोराइड क 10 दन क अतराल पर 3 छड़काव

भी रोग नय ण म सहायक ह

1329 तल का जीवाणज व ट (Bacteria Wilt of Sesame)

रोगजनक इस रोग का यडोमोनास सोलन सरयम बायोवार 3 (ralstonia solanacearum

biovar 3) ह ल ण

219

ल चग पाउ डर टोसाइि लन एव म टड कक क म ण मदा उपचार रोग नय ण म मह वपण ह

Pb तल न 1 इस जीवाण स कम भा वत होती ह

13210 कपास क जीवाणज अगमार कोणीय पण च तीक ण शाखा रोग (Bacterial Blight Ahngular Leaf SpotBlack Arm disease of Cotton)

रोगजनक यह रोग ज थोमोनास क प ज पथोवार मा व सरम (Xanthomonas compestris

pv Malvacerum) नामक जीवाण स होता ह ल ण

जीवाण पौध क सभी भ म क ऊपर वाल भाग पर आ मण करता ह और व भ न कार क रोग ल ण उ प न करता ह

रोग क ार भ म नवो द क बीजप ो पर गोल जल स त व त (watersoaked lesions) दखाई दत ह जो बाद म बढ़ कर अ नय मत और भर रग क हो जात ह

प रप व पौध क पि तय पर पहल जल स त ध ब कट होत ह जो कोणीय (angular) हो जात ह तथा स म शराओ वारा घर रहत ह और य गहर भर रग स काल रग म बदल जात ह

स मण प ती क बड़ी शराओ एव स म शराओ स फलता हआ पणव त एव तन पर पह च जाता ह गहर भर स काल रखीय धस ह ए ध ब बनत ह जो तन एव शाखाओ क चार ओर मखला (girdle) बना सकत ह िजसस पि तया पकन स पहल ह झड़ जाती ह और व थ पौध क थान पर व श ट काल भजा (Black arm) खड़ी दखाई दती ह

जीवाण कपास गोलक (bolls) म भी स मण कर सकता ह नय ण

1 बीज को बोन स पहल टोमाइसीन स उपचा रत करना चा हए 2 001 तशत ए ोमाइसीन का पौध पर छड़काव करना चा हए 3 कपास क रोग तरोधी क म जस (HC-09 BJA-592 P-14-T-12 101-102b

ख डवा ndash 2) आ द को बोना चा हए

13211 जट का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Jute)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास जा त (Xanthomonas Sps) वारा होता ह

ल ण

220

पण पर य चकत एक पील भामडल (yellow halo) स घर रहत ह गभीर स मण अव था म ध ब सल यत हो जात ह और पण झड़न लगत ह

रोग नचल पि तय स ऊपर क तरफ फलता ह तन पर भर - काल रग क छोट छोट (5 mm स भी कम) चकत दखाई दत ह

और बाद म बड़ हो जात ह तना टट जाता ह फाइबर रगह न हो जाता ह

नय ण 1 कई वष तक एक खत स जट क फसल नह लनी चा हए 2 075 तशत का फाइटोलान या लाइटो स क घोल स भा वत पौध पर छड़काव

कर 3 तरोधी जट क म का योग नय ण म सहायक ह

13212 पटआ या सनई का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease Spot of Sunhemp Bombay hemp)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास जा त (Xanthomonas Sps) वारा होता ह

ल ण इसम पि तय पर चकत बन जात ह अ म अव था म य ध ब सल यत होकर पण को ढक लत ह

नय ण 1 खत स उ चत जल नकास का ब ध कर 2 उ चत फसल च अपनाए

13213 ग न का लाल धार रोग (Red Strip sisease of Sugar cane)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास ब र ल नय स (Xanthomonas rubrilineas) वारा

होता ह ल ण

इसम पतल लाल धार पि तय क नचल सर स ार भ होकर नस क समा तर बढ़ती ह

कोप अ धक दान पर पि तया लाल दखाई दन लगती ह नय ण

1 रोकथाम क लए रोगरोधी क म बोनी चा हए 2 रोगरोधक जा तया जस बोनी चा हए COLK 3102 CoS 8432 Co 62399 3 बोन स पहल टकड़ को 22 मनट तक गम पानी म 50 ड ी स म डबोन स बह त

बीमा रया नह लगती

221

4 पौध पर बीमा रय क ल ण दखाई दत ह पौध खत स उखाड़ दन चा हए

13214 ग न क रटन ट टग (Rattoon Stunting of Sugar cane)

रोगजनक इस रोग का कारक जीव लवीब टर जाइल (Clavibacter zyli) ह

ल ण रोग त पादप अव वकास पीत पण एव छोट अतर - नोडस रखता ह रोग त बीज क germinability कम होती ह इस रोग क व श ट ल ण को अनलबीय ग ना खोलन क बाद ह दखा जा सकता

ह म जा म दो कार का discolouration दखाई दता ह प रप व पादप म नारगी लाल रग एव यवा पादप म गलाबी रग नो स क पास दखा जा सकता ह

नय ण 1 व थ फसल स ह बीज सट का योग कर 2 बीज ग न का गम हवा उपचार (8 घट क लए 54 ड ी स पर) रोग क रोकथाम म

सहायक ह 3 रोग त फसल ratooning क लए चय नत नह क जानी चा हए

13215 गह का झलसा रोग (Bacterial Blight diseases of Wheat)

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सरज उपजा त सरज (Pseudomonas syrinage

subsp syringae) वारा होता ह ल ण

पादप क इववज जहम तक पह चन पर इस रोग क ल ण सबस ऊपर वाल पि तय पर दखाई दत ह छोट (004 इच स कम) जला ात चक त फलन लगत ह और अततः सग ठत हो जात ह

ार भक घाव न ो टक (मत-उ तक य) होकर हर स सफद हो जात ह नम मौसम म पि तय पर चकनी बद दखाई दती ह पर पण न ो टक हो जाती ह क त head एव glumes ल ण र हत रहत ह

नय ण 1 रोगर हत बीज क योग वारा इस रोग का स मण व सार कम कया जा सकता ह 2 आ प रि थ तय को नय त कर 3 रोग तरोधक जा तय का योग कर

13216 गह का ल फ क एव लक चाफ रोग (Bacterial Leaf streak and Black Chaff disease of Wheat)

रोगजनक

222

इस रोग का कारक जीवाण ज थोमोनास क ि स पथोवार ास यस स (Xanthomonas campestris pv Translucens) ह

ल ण इस रोग क ल ण ायः ऊपर पि तय पर जला ात चमकदार छोट-छोट ध ब स

श होत ह य ध ब फल कर सग ठत हो जात ह तथा व भ न ल बाई क चमकदार धा रय म बदल जात ह हर रग क य धा रया बाद म पील-भर रग म बदल जाती ह य धा रया पण क ल बाई म फलती ह पर त पण शराओ (leaf veins) तक ह सी मत होती ह नम मौसम म जीवाण अवपक रोग त ऊतक पर चप चपी बद क प म कट हो सकता ह

काल फस (Black Chaff) ल ण heading क बाद कट होत ह तष Glumes का ऊपर भाग स मण दशाता ह Awns पर व थ व न ो टक ऊतक क ब ड बनना Black chaff का व श ट ल ण ह

नय ण 1 फसल च क सहायता स इस रोग क सार को कम कर सकत ह 2 स मत बीज का योग न कर फाम लन या कापर स फट स उपचा रत बीज

स मत नह होत ह 3 रोग तरोधक जा तय का योग सव तम ह

13217 गह का पीला वगलन रोग (YellowEar Rot disease of Wheat)

रोगजनक यह रोग लवीब टर टसाई (Clavibacter tritici) जीवाण वारा होता ह

ल ण इस रोग क ारि भक अव था म भा वत पौध क नचल पि तया सकड़ जाती ह

तथा म यवत पि तया ऐठ जाती ह पर बाल एक चमक ल पील चप चप अवपक स ढक जाती ह इस अवपक क कारण तष तना एव पण छद एक दसर स चपक कर बध जात ह िजसस पौध क व क जाती ह और तना वकत हो जाता ह

नम मौसम म यह अवपक बहन लगता ह तथा श क मौसम म यह सख कर कठोर भगर एव पील या भर रग का हो जाता ह य ल ण फसल क पकन पर कट होत ह

नय ण 1 व थ बीज का चयन करना चा हए 2 खत म जल नकास का उ चत बध होना चा हए 3 उ चत फसल - च अपना कर इस रोग स बचा जा सकता ह 4 खत स रोगी बा लय को तोड़ कर जला दना चा हए 5 खत क ी मकाल न जताई रोगाण न ट करन म सहायक ह

223

13218 जई का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Oat)

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सरज पथोवार कान फ शय स जीवाण वारा ज नत ह

ल ण पण पर छोट जला ात एक ह क पील भामडल (yellow halo) स घर ध ब

दखाई दत ह य ध ब पहल हर होत ह और बाद म ह क भर हो जात ह स मण क गभीर

अव था म पण सख कर भर जाती ह कभी-कभी य ध ब hulls पर पाए जा सकत ह

नय ण फसल च अपनाए सव मत बीज का योग न कर बीज उपचार क रोकथाम म सहायक ह जई क रोग तरोधी क म का योग कर

133 साराश मन य क भोजन का मख ोत एव क ष का मलभत आधार पादप कसी रोग-कारक

स भा वत होन पर कम उ पादन मता दशाता ह व भ न कार क रोग-कारक म स जीवाण क लगभग 100 जा तया पादप को स मत करती ह जीवाणओ क स मण क फल व प पादप blight soft rot leaf spot tumors amp galls cankers amp vascular wilts जस ल ण दशात ह व भ न कार क फसल पर जीवाणओ क आ मण स उ प न होन वाल ल ण क आधार पर उनक नय ण क यास कए जात ह

पादप म ह न वाल जीवाण-रोग क रोकथाम एव नय ण क लए कए गए उपाय उनक उ चत मा ा क अन प ह भाव दखात ह कम या अ धक मा ा म य रसायन पादप क उ पादन मता पर नकारा मक भाव दखात ह

तत अ याय म कछ मख जीवाण रोग जस धान म का सोयाबीन तल कपास गह व जई क झलसा रोग अर ड़ी तल पटआ क पण च ती रोग म का गह क जीवाण वगलन रोग ग न क लाल धार व रटन ट टग तथा तल क व ट क रोगजनक रोग ल ण व उनक नय ण पर व तत चचा क गई ह

134 अ यासाथ न 1 जीवाणओ क लगभग कतनी जा तया पादप म रोग क कारक होती ह

(अ) 10 (ब) 100 (स) 500 (द) 1000

2 म का क त भ वगलन रोग का कारक जीव ह - (अ) लवीब टर (ब) ज थोमोनास (स) ए व नआ (द) िजलला

224

3 पादप-जीवाण रोग का सबस सामा य ल ण ह - (अ) ाउन गाल (ब) सॉ ट रोट (स) ल फ पॉट (द) व कलर व ट

4 न न म स कौनसा रोगजनक जीवाण नीह ह - (अ) लवीब टर (ब) यडोमोनास (स) राइजो बयम (द) ज थोमोनास

5 जीवाण रोग स उ प न सामा य ल ण का स त वणन क िजए 6 मख पादप रोगजनक वश का उ लख करत ह ए उनस उ प न पादप रोगो क चचा क िजए 7 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार स आप या समझत ह 8 धान म का गह जई सोयाबीन तल कपास एव जई क जीवाणज पण झलसा रोग पर

व तत लख ल खए 9 ग न म पाए जान वाल जीवाण-रोग का वणन क िजए 10 न न म वभद क िजए-

1 Rot amp Spot 2 Blight amp Streak 3 Black Arm amp Black Chaff symtoms

135 सदभ थ 1 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसल रामा पि ल शग हाउस मरठ 2 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ 3 Singh RS 2009 Plant Diseases Oxford amp IBH Publishing 4 Mishra SR 2003 Bacterial Plant Diseases DPH Publisher 5 Duveiller E L Fucikovsky and Rudolph K 1998 The Bacterial

Diseases of Wheat Concepts and of Disease management CIMMYT Mexica

6 Rongaswamin G and Mahadivan A 2006 diseases of Crop Plants in India Prevtice- Hall of India Pvt

225

इकाई - 14 बागवानी फसल क म य जीवाण रोग एवम नय ण

इकाई क परखा 140 उ य 141 तावना 142 पदप रोगजनक जीवाण का बग ज़ वग करण 143 मख पादप रोगजनक वष 144 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तया 145 बागवानी फसल क म य जीवाणज राग

1451 आल का जीवाणज भरा वगलन एवम ला न 1452 स स ककर या नीब का खरा रोग 1453 गाजर का मद वलगन 1454 स स हर तमा या नीब का ह रत रोग 1455 टमाटर का जीवाण मरझान 1456 लक लग ऑफ पोटटो 1457 फ लय का झलसा रोग 1458 पान का पण दाग 1459 पान क पि तय का झलसन ककर

146 साराश 147 बोध न 148 सदभ साम ी

140 उ य इस इकाई कर पढ़न क बाद आप इस यो य हो सकग क - फल एवम सि जय क म य जीवाण रोग क जानकार ा त कर पाएग जीवाण रोग क रोग क ल ण एवम रोग च जान पाएग इन रोग का रोग बधन ान कर पाएग

141 तावना जीवाण भी अ वक सत वन प त ह जो पौध म र क अदर जाकर व करती ह चोट या खरोच वारा भी पौध क अदर वश कर जाती ह इनक बीजाण भी वायमडल जल भ म आ द म उपि थत रहत ह पौध क अदर जाकर उ चत वातावरण मलन पर याशील हो जात ह िजसस पौध म ध ब होना सख जाना आ द ल ण दखाई दत ह

226

142 पदप रोगजनक जीवाण का बग ज़ वग करण (Bergeyrsquos Classification of Plant Pathogenic Bacteria)

जगत (Kingdom) ोक रयोट (Prokaryotae) जीवाण (Bacteria) को शका झ ल एवम को शका भ ती उपि थत होती ह वभाग (Division) सल यट ज (Graacilicutes) म-अ ाह जीवाण वग (Class) ो टऔब ट रया (Proteobacteria) बह धा एककोशीय जीवाण कल (Family) ऐ टरोब ट रएसी (Entero Bacteriaceae) वश (Genus) ए व नया (Acidovorax) सब एवम नाशपाती क द ध अगमार गददार

सि जय का मदा वगलन कल (Family) यडोमोनाडसी (Pseudomonadaceae) वश (Genus) ए सडोवोर स (Acidovorax) म का तरबज एवम आ क स क पण चि तया

यडोमोनास (Pscudomonas) अनक पौध क पण च ती अगमार सवहन ला न मद वगलन ककर एवम प टका रोग

राइज़ोब टर (Rhizomonas) गाजर का जीवाणज प टका राइजोमोनास (Rhizomonas) सलाद का कॉक मल वगलन रोग ज थोमोनास (Xanthomonas) वा षक एवम बह वष पौध क अनक पण चि तया फल चि तया एवम बह वष पौध क अनक पण चि तया एवम अगमा रया सवहनी ला न व स स ककर जाइलो फलस (Xylophilus) अगर का जीवाणज ऊतक य एवम ककर

कल (Family) राइजो बएसी (Rhizobiaceae) वश (Genus) ए ोब ट रयम (Agrobaterium) सब अगर खबानी चक दर इ या द का शखर प टका राइजो बयम (Rhizobium) फल दार फसल म मल ि थया कल (Family) अभी तक नाम र हत वश (Genus) िजलला (Xylella) व एव अगर लताओ पर पण प रदाह एवम शीषारभी य रोग वभाग (Division) फ म यट ज (Firmibacteria) म ाह जीवाण वग (Class) फ मब ट रया (Firmibacteria) बह धा एक फ मब ट रया वश (Genus) ब ललस (Bacillus) कद बीज एवम पौद क वगलन तथा गह का वतधार रोग लाि डयम (Clostridium) भडा रत कद एवम पि तय क वगलन तथा ए म एवम पॉ लर

या चनार का आ का ठ वग (Genus) थलोब ट रया (Thallobacteria) शाखन जीवाण

227

वश (Genus) ऑथोब टर (Arthrobacter) गलखरा क जीवाणज अगमार लवीब टर (Clavibacter) लसन या रजका आल एवम टमाटर म जीवाणज लानी

कटोब ट रयम (Curtobacterium) सम एवम दसर पौध म ला न रोग रोडोकॉकस (Rhodococcus) वीट पी का तभ ग छाभन

टोमाइसीज (Streptomyces) सामा य आल कब मा ल य स (Mollicutes) माइको ला मा स श जीव (Mycoplasmalike organisms-MLOs) को शका भ ती का अभाव तथा कवल को शका झ ल उपि थत वभाग (Division) टन र यट ज (Tenericutes) वग (Class) मॉ ल यट ज (Mollicutes) कल (Family) पाइरो ला मटसी (Spiroplasmataceae) वश (Genus) पाइरो ला मा (Spiroplasma) म का तभन या व रोध स स अव रोग कल (Family) अब तक अ ान वश (Genus) अ नि चत या अप रभा षत फाइटो ला मा (Phytoplasma) क प म जान जात ह िज ह पहल माइको ला मका-स श जीव (MLOs) कहा जाता था - व एवम कछ वा षक पौध म अनक पीत रोग चरो वन एवम अप य रोग उ प न करत ह lsquoबग ज़ मनअल ऑफ डट मन टव ब ट रयोजीrsquo क वष 1994 म का शत 9 व स करण क अनसार जीवाणओ को 35 वग या समह क अ तगत वग कत कया गया ह नीच कवल पादप रोगजनक जीवाणओ एव उनक समह को दया गया ह - वग या समह (Group 4) म - अ ाह वायजीवीअ पवात य शलाका या छड़ एवम गोलाण (Gram-Negative AetobicMicroaerophilic Rods and Cocci) उपवग या उपसमह ए (Subgroup A) वश (Genera) ए ोब ट रयम (Agrobacterium) यडोमोनास (Pseudomonas) राइजोब टर (Rhizobactor) राइजो बयम (Rhizobium) राइजोमोनास (Rhizomonas) ज थोमोनास (Xanthomonas) िजलला (Xylella) जाइलो फलस (Xylophilus) वग या समह 5 (Group 5) वक पी प स अवायवीय म-अ ाह शलाका या छड़ (Facultatively Anaerobic Gram-Negative Rods) उपवग या उपसमह 1 (Subgroup 1) कल (Family) ऐ टरोब ट रएसी (Enterobacteriaceae) वश (Genus) ए व नया (Erwinia) वग या समह 20 (Group 20) अ नय मत बीजाण अन पाद गरम- ाह शलाका या छड़ (IrregularNon sporing Gram-Positive Rods and Cocci) वश (Genera) आथौब टर (Arthrobacter) लवीब टर (Clavibacter) को रनब ट रयम (Corynebacterium) कट ब ट रयल (Curthobacterium)

228

वग समह 18 (Group 18) अतः बीजाण बनान वाल गरम- ाह शलाका या छड़ एवम गोलाण (Endospore-forming Gram-Positive Rods and Cocci) वश (Genera) ब सलस (Bacillus) लॉ डयम (Closridium) वग या समह 22 (Group 22) नोका डयोफॉम ऐि टनोमाइ सट ज (Nocardioforma Actinomyeetees) उपवग या उपसमह 1 (Subgroup 1) वश (Genera) नोका डया (Nocardia) रोडोकॉकस (Rhodococcus) वग या समह 30 (Group 30) माइको ला मा (अथवा मॉ ल य स को शका भि तह न जीवाण (Mycoplasmas(or Mollicutes) Wall Bacteria) वश (Genera) माइको ला मा (Mycoplasma) पाइरो ला मा (Spirplasma) अ नि चत या अप रभा षत फाइटो ला मा = माइको ला मा स श जीव (Phytoplasms=MLOs)

143 मख पादप रोगजनक वष जीवाणओ क कछ सबस अ धक सामा य पादप रोगजनक वश (Phytopathogenic genera) क म य ल ण न न ह - 1 ए ोब ट रया (Agrobacterium) 2 लवीब टर (Clavibactet) 3 ए ब नया (Erwinia) 4 यडोमोनास (Pseudomonas) 5 ज थोमोनास (Xanthomonas) 6 टोमाइसीज (Streptomyces) 7 िजलला (Xylella)

144 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तया यह शका करक क कछ पादप रोगजनक जीवाणओ वशष प स यडोमोनास एवम ज थोमोनास वश क अनक जा तय को करमान एवम सहयोगी (Skerman et al1980) वारा का शत lsquoजीवाण नाम क वीकत स चय rsquorsquo (Approved lists of Bacterial Names)

म थान नह मल सकगा पादप रोग व ान क अ तरा य स म तrsquorsquo (International Society of Plant Patholigy) न जीवाणओ क च लत नाम को बनाय रखन म उपय त

ताव दन क लए एक स म त का गठन कया डाइ एवम सहयोगी (Dye et al1980) क यह स म त जीवाण क उन जा तय क नाम क लए एक lsquolsquoपथोवर नाम प तrsquorsquo (System of pathova names) को बनान सफल ह यी िजनक जा तय क नाम च लत होन क साथ-साथ पादप जीवाण व ा नक वारा मा य भी थ पर त कसी कारण स lsquo वीकत स चय म थान नह हो पाया य क इसको ज थोमोनास क पि स स अ धक भ न नह माना गया था अतः इस जा त का नाम ज थोमोनास क पि स पथावार ओराइजी रख दया गया इसी कार दसर

229

जा तय जस यडोमोनास वसीकटो रया का नाम यडोमोनास स रगी पथोवार वसीकटो रया रखा गया म य जीवाण 1 आल का परा वगलन (Brown rot of Potato)

यडोमोनास सोलन सएरम

2 स स ककर (Cirrus canker)

ज थोमोनास क पि स पथोवार स ाई

3 धान का जीवाणज अगमार (Batcterial blight of Paddy)

ज थोमोनास क पि स पथोवार ओराइजी

4 कपास का कोणीय पण च ती रोग (Angular leaf sport of cotton)

ज थोमोनास क पि स पथोवार मालप सयरस

5 सब एवम नाशपाती का द ध अगमार (Fire blight of Apple amp Pear)

ए व नया एमीलोवोरा

6 गाजर का मद वगलन (Soft rot of crucifers)

ए व नया करोटोवोरा

7 सीफ़र का काला वगलन (Black rot of crucifers)

ज थोमोनास क पि स पथोवार क पि स

8 ग न का लाल धार रोग (red stripe of sugarcane)

यडोमोनास बी ल नय स

145 बागवानी फसल क म य जीवाणज राग

1451 आल का जीवाणज भरा वगलन एवम ला न

आल का यह रोग म य प स उ णक टब धीय म बह त अ धक मलता ह भारत म लगभग सम त आल उगान वाल म य जस - हमाचल दश उ तर दश पि चम बगाल म णपरा परा मघालय उड़ीसा एव त मलनाड इ या द म इसका कोप बह तायत स होता ह महारा म य दश कनाटक (मसर) क पठार भाग एव बहार क कछ भाग म भी आल क फसल पर इसका आ मण पाया गया ह तथा आ दश म भी पछल कछ वष स इसक शकायत मल ह भारत म जहा आल बरसात म उगाया जाता ह वहा इस रोग का कोप बह त यापक होता ह पि चम बगाल और उड़ीसा क मदान भाग म द ण भारत क

पठार म यह रोग आल क अ त र त टमाटर बगन मच इ या द पर भी पाया जाता ह ायः इस रोग क आ मण स पौध शश अव था म मर जात ह तथा यह आलओ को गोदाम एव

प रवहन क दौरान भी गला कर बह त अ धक हा न पह चाता ह कमाऊ और नील गर क पहाडय पर इस रोग क कारण लगभग 30-70 तशत हा न होन का अनमान ह ल ण -

230

रोग त पौध क भ म स ऊपर वाल भाग दन म मरझा जात ह और स या क समय तापमान कम होन पर पनः व थ स दखाई पड़न लगत ह रोग का कोप अ धक बढ़न पर रोग त

पौध बोन एव का य रग क हो जात ह तथा इनक नचल पि तया पील पड़ जाती ह और शी ह पौध मरझा कर सखन लगत ह अ धक नमी एव गम क कारण रोग उ प न करन वाल जीवाण शी ता स बढ़त ह और तन का नचला भाग भी सड़न लगता हरोगी तन एव आलओ क अ दर का भाग भर रग म बदल जाता ह इस रोग को भरा वगलन इ स लए कहत ह क सवहन पल म दा ऊतक का रग भरा हो जाता ह यह भरापन रोग

त तन क सतह पर गाढ़ ध ब अथवा वण रखाओ क प म मलता ह आल क रोग कद को य द काटा जाय तो सवहन पल क भर हो जान स एक भरा वलय दखाई दता ह िजस कारण स यह एक सवागी या द हक सवहनी त रोग ह जब रोग का अ धक कोप होता ह तो कद पर ि थत आख क लकाय काल हो जाती ह तथा इनक सर पर स जीवाणज चप जसा नकलता हय द रोगी कद या तन को आड़ प म काटन पर अग लय स दबाया जाय तो गल ह ए भर सवहनी बडल क वलय स एक चप चपा भरा सफद जीवाणज नपक या रस क बद बाहर नकल पड़ती ह य य प रोग त पौध क सभी कद रोगी नह होत ह पर त अ सर अ धकाश कद पर रोग का स मण हो जाता ह रोग च

यह एक मदोढ़ रोग ह रोगजनक जीवाण भ म म 9 स 16 माह तक जी वत रहता ह तथा यह रोधी पौध अवशष एव मदा म छट कद पर भी मतजीवी प म रहता ह इस रोग का जीवाण कद म भी जी वत रहता ह और स भवतःनम थान पर रोग फलान का म य कारण यह बीज आल होत ह जब बवाई क लए बीज कद को चाक स असावधानी स काटत ह तो जीवाण चाक क मा यम स व थ कद म भी पह च जाता ह जीवाण घाव क रा त स स मण करत ह खत म नराई-गड़ाई करत समय य द असावधानी क कारण पौध क जड़ पर घाव बन

231

जात ह तो स मण क स भावना बढ़ जाती ह खत म जीवाण सचाई एव वषा क जल म ी एव य वारा फलत ह मदा का उ च तापमान एव अ धक नमी रोग को बढ़ान म सहायक होती ह ायः अ ल य एव ार य दोन ह कार क मदाओ म यह रोग समान प स फलता ह बधन -

रोग फलान वाल अनक कारण को यान म रखत ह ए न न रोकथाम क उपाय को करन स रोक क रोकथाम क जा सकती ह

1 कम स कम तीन वष का फसल च म का गह ज सोयाबीन लाल शरा घास इ या द क साथ अपनाना चा हए

2 बीज क लए आल का चयन सदव ऐस थान स करना चा हए जहा इस रोग का कोप न हआ हो कद को बोन स पहल चाक स बीच म लगभग आधा समी गहरा काटकर 30 मनट तक ो टोसाइ ल न नामक दवाई (2 ाम दवा एव 10 ल टर जल) क घोल म डबोना चा हए

3 य द मदा उपचार कछ रसायन जस लोरो प न गधक चना इ या द स कया जाय तो मदा म उपि थत सभी जीवाण न ट हो जात ह मदा उपचार एक तशत 05 तशत नीला थोथा अथवा 05 तशत टोसाइ ल न क वारा भी कया जा सकता

ह पर त यह उपचार महगा होन क कारण अ यावहा रक ह 4 रोग त पौध-अवशष एव कद को खत स नकाल कर दना चा हए 5 िजन खत म रोग पदा होता ह उनम वषा क जल नकास का उ चत बध करना

चा हए 6 खत म एव उसक आस-पास सोलनसी कल क खरपतवार को नह उगन दना चा हए

1452 स स ककर या नीब का खरा रोग

यह नीब वशीय व का एक मख जीवाणज रोग ह जो व व क लगभग सभी नीब वशीय व उगान वाल दश म यापक प स पाया जाता ह भारत म फॉसट एव जन क स 1933 न वष 1927 तथा 1931 म कागजी नीब क दहरादन (उ ) स एक कय गय नमन पर इसक वप को पाया था जावा म वष 1842 एव 1844 क बीच स स औरि टफो लया क एक कय गय नमन पर स स ककर क व प को दखा था ऐसा माना जाता ह क इस रोग क उ प त भारत या जीव म ह ह ई थी इस रोग का व तार व व क अनय दश म हआ सय त रा य अम रका क क लफो नया रा य म स रोग का कोप इतना भयकर हआ क वहा पर इसका उ मलन करन क लए नीब जा त क हजार उ यान न ट कर दय गय वष 1914 स 1931 तक वहा नीब जा त क सभी उ यान क रोग - त व को साम हक उ मलन 2 करोड़ 50 लाख डालर स भी अ धक यय करक कया गया ओर लगभग 30 लाख रोग त व को न ट कर दया गया तथा उसक बाद कसी अ य थान स नीब जा त क बीज फल प प कलम एव वध जनन साम ी लान पर सगरोध नयमन लाग करक कड़ा तबध लगा दया गया

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तथा उसक बाद कसी अ य थान स नीब जा त क बीज फल प प कलम एव वध जनन साम ी लान पर सगरोध नयमन लाग करक कड़ा तबध लगा दया गया अब वहा क उ यान स यह रोग पणतयाः समा त हो गया ह वष 1913 स पहल तक इसरोग को क छ या कब स भ न नह माना जाता था पर त बाद म इसक जीवाण ज नत क त पर कोई सदह नह रहा आज भी यह रोग भारत चीन जापान ओर जावा इ या द दश क लए एक गभीर सम या बना हआ ह भारत म यह रोग नीब वशीय फल व क शत- तशत उ यान म पाया जाता ह और कागजी नीब ख ा मौस बी सतरा आ द क व पर बह त अ धक हा न पह चाता ह इस रोग को lsquoनीब का नासर rsquo भी कहत ह ल ण-

वा तव म ककर श द कसर का एक अप श ह िजसका म य भाव ऊतक य होता ह इस रोग का आ मण व क पि तय टह नय काट परानी शाखाओ और फल इ या द सभी वायव भाग पर होता ह सव थम रोग क ल ण पि तय क ऊपर छोट गोल जलमय पारभासक ध ब क प म दखाई दत ह यह ध ब पीत भर और उभर ह ए दान क समान होत ह आर भ म यह प ती क नचल सतह पर बनत ह पर त बाद म दोन सतह पर बन जात ह जस जस रोग बढ़ता ह इन दान क सतह सफद अथवा धसर रग क हो जाती ह और अ त म यह म य स फटकर खदर या कटार-स श काक क समान का ठ य हो जात ह इस गण क कारण इसका नाम का ठ रोग पड़ गया ह यह दान आकार म बढ़कर 1 ममी स 1 समी तक यास म हो जात ह और फल एव टह नय पर कई दान एक थान पर मलकर लब व त क प म दखाई दत ह यह खरदर व त या त थल एक पीत भर उभर कनार तथा जलमय

पील भामडल वारा घर रहत हबड़ी शाखाओ पर यह उतक यी व त या ककर अ नय मत आकार क खरदर और अ य धक प ट होत ह फल पर बन वप पि तय

क व त क समान ह होत ह पर त यहा इनक चार ओर का पीला भामडल अनपि थत होता ह तथा इनक म य म कटोर जसा ग डा अ धक प ट होता ह

इन व त या दान (ककर) का आकार - कार नीब व क जा त क अनसार भ न -भ न हो सकता ह ख ा नीब एव मा टा पर यह दान या फफोल छोट उठ ह ए और लगभग 2 स 3 ममी यास म होत ह जब क पफट एव यमलो पर इनका आकार काफ बड़ा होता ह और यह लगभग 8 स 10 ममी यास म होत ह फल पर बन दान या व त कवल छलक क गहराई तक ह सी मत होत ह और गद अथवा रस को इनस कोई त नह होती ह पर त इनक बह त अ धक मा ा म बन जान पर फल का छलका फट सकता ह इन दान क कारण बाजार म फल का म य कम हो जाता ह पि तय या पणवतो क स मण स शाखाओ का

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न प ण भी हो सकता ह टह नय पर बन ककर क कारण शाखाए उस थान पर आसानी स टट जाती ह रोग त व बोन भी रह जात ह और उनम ा त फल क उपज बह त घट जाती ह वस तो रोग व ो पर पर वष पाया जाता ह पर त यह वषा ऋत म अ धक फलता ह रोग च

नीब वशीय फल व बह वष य होत ह अतः परान स मत व क टह नय एवम पि तय पर रोगजनक जीवाण सदव जी वत रहन म सफल हो जाता ह इस कार स मत व पर उपि थत परान व त या ककर ह जीवाण उ तरजी वता क म य साधन ह तथा ाथ म नवश य जो स मत पि तया एव टह नया नीच भ म पर गर जाती ह उन पर उपि थत जीवाण तज वता क कारण न ट हो जाता ह रोगी व स व थ व तक ओर व क रोगी भाग स व थ भाग तक रोगजनक जीवाण का क णन वाय नीब पण सरगक क ट तथा वषा क बद वारा होता ह तज वषा क वातोढ़ बौछार भी जीवाण क सार म सहायक होती ह यह कारण ह क यह रोग वषा-ऋत म अ धक शी ता स फलता ह पर त रोग क सार और नय म रोग उ प न करन म वय मन य वारा योग कय गय स मत नसर मलव त का सबस अ धक हाथ रहता ह जीवाण का परपोषी क भीतर वश ाक तक र या क ट अथवा क ट स उ प न घाव वारा होता ह परपोषी क भीतर एक बार वश कर लन कबाद ऊताक म जीवाण अ तराको शक अवकाश म बड़ी तजी स व करक गणज करत ह और म यपटल को वल गत करक व कट म था पत हो जात ह नए उ यान म इस रोग का वश रोग त पौद या नसर मलव त वारा होता ह अनकल पयावरण -

स स ककर रोग क उ प न होन तथा व क लए 20 ड ी स 35 ड ी स का तापमान (अनकनतम तापमान लगभग 30 ड ी स) अ धक आ ता पि तय क सतह पर 20 मनट या इसस अ धक समय तक जल क उपि थ त तथा परपोषी सतह पर कसी कार का घाव होना इ या द अनकल अव थाए ह पि तयास का स मण पण र क सघनता एव प रप वता स सब धत होता ह तथा उनक वकास क दौरान यह सबस अ धक होता ह रोगजनक जीवाण को स मत पि तय म छः माह तक नज मत मदा म 52 दन तक और अ नज मत मदा म 9 स 17 दन तक उ तरजीवी पाया गया ह जीवाण वारा परपोषी पि तय का स मण करन म नीब पण सरगक क ट फलोि वि टस स ला सहायक ह कह कह पर अ धकाश व त या ककर इ ह क ट वारा उ प न वक तय पर पाय जात ह

भारत म इस रोग का आ मण कागजी नीबख ा नीब इ या द क व ो पर अ धक पाया गया ह जब क सतरा एव मौस बी क व अप ाकत कम आ ात होत ह नीब वशीय व म जातीय रोग हता को मशः कागजी नीब पफट कनाख ा मौस बी सतरा म मब कया जा सकता ह जब क लमन को रोग तरोधी जा तय क णी म रखा जा सकता ह उ तर दश म कमकआट पर ककर रोग ब कल उ प न नह होता ह पर त वा तव म यह जातीय भद भभाग क मौसम पर नभर करता ह गम मदानी ो म नीब वशीय कछ जा तया कम रोग ाह होती ह जब क ठड पहाड़ी ो म वह जा तया अ धक रोग ाह हो सकती ह अतः इस कार दश क व भ न ो म रोग तरोध एव रोग ा हता क जातीय गण भ न भनन होत ह

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रोग बधन - इस रोग क रोकथाम क लए न न ल खत उपायो क सफा रश क गयी ह -

1 रोग त टह नय क छटाई करक तथा ग मय म भ म म पड़ रोग त मलब को एक करक जलान स ाथ मक नवश य क मा ा को कम या जा सकता ह

2 नीब वशीय फल क नय उ यान लगात समय कवल रोगम त पोद या नसर मलव त का ह यो करना चा हए

3 नय उ यान म रोपण करन स पहल पौद पर 1 तशत (5 5 50) बोड म ण का छड़काव करना चा हए

4 इस रोग का सार वषा ऋत म अ धक होता ह अतः मानसन ार भ होन स पहल ह व क ऊपर 1 तशत ब द म ण या 03 तशत बलाइटॉ स 50 का छड़काव आर भ कर दना चा हए तथा मौसम क अनसार 15 स 20 दन क अ तर म छड़कत रहना चा हए रगा वामी एव सहयोगी 1959 तथा नवान 1960 क अनसार दस लाख भाग जल म 50 - 1000 भाग टोमाइसीन स फट अथवा 2500 भाग फाइटोमाइसीन तज वक रसायन का छड़काव 15 दन क अ तर पर करन स रोग पणतया रोका जा सकता ह य द इस घोल म 10 तशत ि लसर न को मला दया जाए तो पोधा क वायक भाग इन रसायन को भल भा त अवशोषण कर लत ह यह रसायन सवागी होत ह और यह परपोषी क भीतर पह चकर वहा उपि थत जीवाणओ को न ट कर दत ह वष 1987-88 म ीरामपर क पर कय गय पर ण म ख ा नीब पर 10 लाख भग जल म 100 भाग टोमाइ ल न +003 तशत कॉपर ऑ सी लोराइड( लाइटॉ स - 50 फाइटोलान य ा वअ इ या द) क छड़काव वारा रोग को पणतया नय त कया गया ह

5 वह दउ ीन एवम सहयोगी 1957 क अनसार 25 क ा नीम क खल को 100 ल टर ज लम तथा र डी एव पापा राव 1960 क अनसार 1 क ा खल को 20 ल टर जल म एक स ताह तक भगोए रखन क बाद 3 स ताह क अ तर पर कई छड़काव करन स न कवल रोग नय त होता ह अ पत व को पोषक त व क भी ाि त होती ह इस छड़काव स नई एव व थ शाखाओ का ज म होता ह जो जीवाण को स मण म सहायक करत ह

6 रोग नय ण का सबस उपय त एव सरल उपाय नीब वशीय व क रोगरोधी क म का योग ह वष 1987-88 म कागजी नीब क तीन क म एसएन -2 सकर एवम सकर 4 को पजाब राव क ष व यापीठ अकोला म ककर रोग तरोध व कसत कया गया ह इसी कार वष 1990-91 म त प त क पर ख ा नीब क एक ककर म त लोन क पहचान क गयी ह

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1453 गाजर का मद वलगन

यह रोग खत क अप ा गोदाम म अ धक हा न पह चाता ह रोगकारक जीवाण एक ती वषला रोगजनक होता ह जो पौधा क सरस भाग वशष प स कद को अ धक भा वत करता ह ल ण -

रोग क ल ण कद पर मद जल स त अ नय मत व त क प म दखायी दत ह - आरभ म यह व त कम या अ धक धरातल य होत ह पर त शी ह यह कद क भीतर ऊताक म फल जात ह गाजर क स मत ऊतक मद एव जल य या अवपक हो जात ह और जस जस वगलन बढ़ती ह इनस एक जल य नः ाव नकलता दखाई दता ह रोगी कद स दगध आन लगती ह आर भ म पौध क ऊपर भाग हर ह बन रहत ह पर त कद क पण प स गल जान क बाद मरझा जात ह रोगजनक रोगी कद क साथ स ह कय जान वाल थानो पर पह च जाता ह जहा यह ती ता स फलता ह और व छ कद क भीतर यातायात स बन घाव अथवा खर च वारा वश करता ह जीवाण एक बार कद म वश करन क बाद बड़ी ती ता स व करता ह

िजसस क स पण उपज को हा न पह चती ह| रोग च -

जीवाण मदा म मत और सरस पादप ऊताक पर मतजीवी क प म जी वत रहता ह यह परपोषी क भीतर घाव क वारा वश करकक को शकातरावकाश म पह च जाता ह इन अवकाश म यह धीर - धीर बह गणज करक पि टनोलाइ टक ए जाइम उ प न करता ह और ती ता स फलन लगता ह यह ए जाइम म य पटल पर या करक उनको समा त कर दता ह रोग बधन -

रोग उ प न करन वाला जीवाण एक य परजीवी ह अतः कषण याय करत समय तथा खदाई क समय परपोषी को घाव एव खरोच स बचान का यास करना चा हए रोगी कद को व थ कद क साथ स ह नह करना चा हय कद को स ह करन स पहल आ शक प स सखा लना चा हय िजसस क इनक वचा रोग का तरोध कर सक कद को शीतागार म रखन स मद वगलन अ धक नह फलती ह इसको 0 ड ी स तापमान एवम 90 तशत आप क आ ता पर स ह करना चा हए

1454 स स हर तमा या नीब का ह रत रोग

ना रयल रायचधर एवम भ ला 1967 न उ तर एवम म य भारत म नीब वशीय व क शीषारभी य स सब धत एक सव ण क आधार पर बताया ह क उ ह ज म हमाचल दश पजाब उ तर दश राज थान म य दश एवम महारा म वषाण-ज नत रोग टता

या ती अप य क साथ साथ ह रत रोग भी मला ह चहान एवम लोर 1970 का मत ह क इस रोग क यापकता को दखत ह ए यह आशका ह क यह रोग धीर धीर टजा स भी अ धक भयकर स होगा मा टनज एव सा थय 1971 का मत ह क टजा वषाण तथा ह रत रोग क

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रोगजनक म योगवा हता होन स यह दोन रोग नीब-वशीय व म अप य क लय उ तरदायी होत ह इसम भी कोई सदह नह ह क शीषरभी य का एक म य कारण ह रत रोग ह ह ल ण -

इस रोग क मख ल ण स प रप व पि तय क म य शरा एवम पा व शराओ का पीला पड़ना ह पि तय क अतरा शर य म भी वस रत पीलापन आ जाता ह तथा बाद म स पण प ती पील पड़ जाती ह पि तय पर पी तमा पणह रत श यता या पी लया क यह ल ण ब कल उसी कार क होत ह जस - िजक (ज ता) क कमी स उ प न होत ह पीताभ भाग म कह -कह हर टकड़ भी दखाई पड़त ह ऐसी पि तया गरमी क मह न म झड़ जाती ह तथा इसक साथ ह तन म उ टा सखा या शीषारभी य हो जाता ह ायः नयी बाहर भी नकल सकती ह िजन पर छोट सीधी खड़ी एवम ह रमाह न पि तया नकलती ह िजनक शराए हर अथवा पण फलक पर हर ध ब होत ह कभी कभी पील फलक पर छोट छोट व ताकार हर ध ब भी कट होत ह अ य गौण ल ण म प ती का छोटा या मोटा होना तथा सीध खड़ी रहना ह शाखाओ क पोर छोट होती ह और उन पर क लया अ धक नकलती ह तथा शीष थ य क ल ण कट होत ह रोगी व पर प प समय स पहल ह नकल आत ह और फल आकार म छोट रह जात ह व म जड़ क स या भी कम हो जाती ह और व बौना तीत होता ह य द प रप व व क अपखा त ण व रोग वारा भा वत होत ह तो उनक शी म य हो जाती ह यह रोग म दा रन ख ा नीब एवम पफट क अप ा मा टा पर अ धक उ प म उ प न होता ह

न रयानी 1971 क अनसार ह रत रोग स त व म लट मक अ ल लाइसीन फ नल ऐला नन एवम यसीन जस ऐमीन अ ल क मा ा श य हो जाती ह तथा ऐ पा टक अ ल लाइसीन हि टडीन थयो नन म थयो नन ऐला नन एवम टाइरो सन क मा ा बह त कम हो जाती ह रोग च -

नीब का ह रत रोग पदा करन वाल जीवाण का सचरण का यक वधन और स स स ला क ट क दो जा तया डायफ़ो रना स ाई एवम ोयाज़ा एर ड वारा होता ह (बॉव 1986) इल ोन स मदश अ ययन न इस जीव क सचरण ायोजा एर ड क भ मका को मा णत भी कर दया ह (मॉल एवम मा टन 1973) यह रोगवाहक क ट उ तर एवम म य

भारत म अ य भाग क अप ा अ धक पाय जात ह क ट क रोगी पि तय स आहार हण करन क 8 स 12 दन बाद तक जीवाण उसक शर र म व करता ह क ट इस ऊ मायन या उ वन अव ध क बाद ह स ामक होता ह तथा एक बार जीवाण को हण करन क बाद अपन स पण जीवन काल तक स ामक बना रहता ह कवल एक ह रोगवाहक क ट इस रोग क सचरण क लए पया त होता ह स ामक क ट वारा व थ पौध म रोग का सचरण कम स कम चार घट तक स मण आहार करन क बाद ह होता ह रोगवाहक स स स ला क ट अपनी ड भक अव था म भी जीवाण को हण कर सकता ह पर त यह इस व थ व ी म सच रत नह कर सकता ह (मॉल एवम मा टन 1973) यह ड बक बाद म वय क क ट होन पर रोग

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का सचारण कर सकता ह गा नएर एवम बॉव 1983 न जीवाण क सचरण का उ लख अमरबल वारा मा टा म प र व कल म होन क लए कया ह

भारत म ह रत रोग का ससचन सचक पौध जस - मौसबी मा टा कागजी नीब म दा रन प ट एवम व ट इ डयन लाइम क पौद का योग करक और वण लखन वारा कया जाता ह नीब क स मत ऊतक म ह रत रोग का ससचन तद ि ती तर ी तकनी का योग करक भी कया गया ह (Raychaudhuri et at1972 et al 1975)

रोग बधन - बगीच म सभी बर तरह स रोग त एवम अलाभकार व को काट कर न ट कर दना

चा हए तथा सस चत मलवत अथवा बीजाड का यक पौद स उगाय गय पौध को ह रो पत करना चा हए य य प कछ वष बाद इस व थ व को भी जीवाण क रोगवाहक क ट स स स ला वारा स मत कर दया जाता ह अतः स स स ला क अ का उ मलन 002 तशत

डायिजनानएि न या परा थयान अथवा 005 तशत मला थयान क टनाशी दवा का 10 स 15 दन क अ तर म नय मत छड़काव करक कया जा सकता ह िजसस क रोग का सार बह त कम हो जाता ह ह रत रोग क बधन क लए कसी भी योजना को कायाि वत करन म न न तीन काय अव य पर करन चा हए -

1 बगीच म रोगी व का उ मलन करना 2 सस चत मलव त अथवा बीजाडका यक पौद स ा त कल या कलम स उ प न नय

व थ पौध को लगाना 3 रोगवाहक स स स ला एवम अ य क ट का नय मत उ मलन करना य य प कपर एवम थ मलाचवार न रयानी एवम सहयोग 1971 तथा न रयानी एवम भगवती 1977 स नीब क ह रत रोग क ल णा क ट ासाइ ल न क उपचार वारा रोकन क दावा कया था इसी कार न रयानी एवम सहयोगी 1975 न भी रोगजनक जीवाण को ऊ मा उपचार वारा नि य करन म सफलता पायी थी पर त कपर एव चीमा तथाचीमा एवम सहयोगी 1985 म नीब क व पर बा वि टन सवागी कवकनाशी तथा लडरमाइ सन तज वक क म ण क छड़काव वारा रोग स शत तशत वम त होन का उ लख कया

जाता ह बा वि टन एव लडरमाइ सन म स यक 20 लाख भाग जल म 500 भाग (500 पीपीएम) रखा जाता ह और 10 दन क अ तर पर छः छड़काव कय जात ह अकल लडरमाइ सन तज वक का छड़काव रोग को रोकन म भावी नह होता ह जब क अकल बा वि टन क छड़काव वारा रोग बहत कम हो जाता ह

1455 टमाटर का जीवाण मरझान

रोगजनक - राल टो नया सोलन सरम या

समोडोमोनास सोलन सरम ल ण - पि तया पील पड़ कर सख जाती ह स पण पौधा सख जाता ह

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रोग बधन - 1 तरोधी जा तय का उपयोग 2 गम क जताई 3 उ चत फसल च अपनाए

1456 लक लग ऑफ पोटटो

रोगजनक - इब नया जा त ल ण - पि तया सकड़ना मड़ना छोट होना पौध का बोना होना रोग बधन - 1 क ड़ो क रोकथाम कर 2 फसल च अपनाए

1457 फ लय का झलसा रोग

रोगजनक - ज थोमोनास फ सओल ल ण - पि तय पर जल स त और पारदशक ध ब हो जाना तना और फ ल भी भा वत होती ह

1458 पान का पण दाग

रोगजनक - ज थोमोनास बटल कोला ल ण - पि तय पर काला ध बा होना और उसक चार और का भाग पीला होना य ध ब बड़ कर मल जात ह रोग बधन - 1 ए ीमाइ सन 100 0025 तशत सबल उपचा रत कर 2 टोसाइि लन 005 तशत का छड़काव कर

1459 पान क पि तय का झलसन ककर

रोगजनक - ज थोमोनास जा त ल ण - पि तया झलस जाती ह और ह क भर रग क हो जाती ह तन पर काल ध ब हो जात ह रोग बधन - 1 ए ीमाइ सन 100 - 025 तशत स बल उपचा रत कर 2 टोसाइि लन - 005 तशत का छड़काव कर

146 साराश बागवानी फसल म जीवाण रोग म यतः आल नीब गाजर फ लय वाल सि जय तथा पान म पाया जाता ह इन रोग को समय पर नय ण करन स हम फसल क हा न रोक सकत ह

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147 बोध न 1 स स ककर या नीब का खरा रोग क म य ल ण एव रोकथाम समझाइए 2 आल का भरा वगलन रो का रोग च समझाइए 3 धान का जीवाणज अगमार का रोगजनक ह

अ यडोमोनास सोलन सएरम ब ज थोमोनास क पि स स दोन द इनम स कोई नह

148 सदभ साम ी 1 ReddyTY and Reddi GHS 2000Principles of Agronomy Kalyani

PublishersNew Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 SinghChhidda1999Modern Techniques of Raising Field Crops Oxford

amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993Crop Management under lirrigated and Rainfed

ConditionsKalyani PublishersNew Delhi 5 अहलावतए आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव

फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 6 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

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इकाई 15 भ डा रत अनाज क क ट

इकाई क परखा 150 उ य 151 तावना 152 अनाज बगडन क कारण 153 अनाज म अ सर लगन वाल क ट 154 भडारण म व भ न ोत स क ट क पह च 155 अनाज भ डारण क व धया 156 भ डारणगह म अनाज का भ डारण करत समय बरती जान वाल सावधा नया 157 घमन ( यमीगशन) 158 चह क रोकथाम 159 फल का भ डारण एव ड बा बद 1510 साराश 1511 बह चयना मक न 1512 सदभ

150 उ य - भ डा रत अनाज म नकसान पहचान वाल कारक को समझना क ट क व त व हा न

करन क क त क अवधारणा को पि टकरण करना उनक अनाज तक पह च चलन म भ डारण क व धया तथा ब धन हत रखी जान वाल सावधा नय एव उ चत घमन क भावी व सर त उपाय को जानना

151 तावना - क ष क म अनाज ह सम व का तीक माना गया ह हमार दश म ह रत ा त स

अनाज का उ पादन बढा ह अनाज का हर दाना क मती ह एव अनाज ह म ा ह भ म म पजी साहस और ब ध उ पादन इन पॉच कारक क एक कत तफल क प म ा त अनाज वा तव म बह त क मती ह हमार दश म पछल तीस वष क तलना म अनाज का उ पादन दगन स अ धक हो गया ह पर त अथक प र म क बावजद उपल ध अनाज को सह तौर पर और समय पर सभाल न सकन क कारण बह म य अनाज न ट हो जाता ह एक अनमान क अनसार दश म लगभग 10-12 तशत अनाज कसी न कसी कारणवश भ डारण म न ट हो जाता ह इस बरबाद को रोकना कसान व दश क सवदा हत म होगा आज यह सव व दत ह क अनाज भ डारण एव उसक सर ा हमार दश क अथ यव था का एक मल धरोहर ह

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152 अनाज बगडन क कारण - 1 भौ तक - नमी और तापमान 2 ज वक - फफद च ह स म जीव क ट आ द 3 रसाय नक - अनाज पर कसी रसायन क सीध स पक या रसाय नक या क कारण 4 या क - अनाज को मशीन आ द वारा नकसान होन पर टट ह ए दान का भ डारण

153 अनाज म अ सर लगन वाल क ट - खर फ एव रबी दोन फसल म पदा होन वाल अनाज को कषक घर पर स हत करत

ह इन अनाज म ायः लगन वाल क ट सरसर खपरा घन लट ढोरा आ द मख ह 1 सरसर (साइटो फलस ओराइजी) -

यह क ट भर लाल रग का कर ब 25-30 ममी ल बा होता ह इसक सर का अ भाग नक ला होता ह ौढ़ मादा अनाज क दान म छोट सी गहा बनाती ह तथा उसम अ ड वसिजत करती ह और इस एक चप चप व ाव स बद कर दती ह आमतौर पर सफ एक अडा एक दान म दती ह इस तरह मादा अपन अ पका लक जीवन (एक माह) म 300-400 अड दती ह अड एक ह त बाद छोट पाव वह न कछ झक ह ई लट ( ब) म बदल जात ह यह दान क भीतर ह खात ह ए बढती रहती ह 3-4 ह त बाद लट प रप व होकर शखी क प म बदल जाती ह इस अव था म क ट कछ नह खात एक ह त तक ऐस ह पड रहन क बाद ौढ दान को काट कर बाहर आ जात ह इसक बाहर आन क बाद दाना या अनाज काफ ह का हो जाता ह ऐस आ मत दान पानी म डालन पर ऊपर सतह पर आ जात ह इस क ट का कोप सव थम चावल पर पाया गया था क त अब भ डारण म गह क लय भी एक सम या बन गया ह

2 छोटा अनाज बधक घन (राइजोपथा डो म नका) - अनाज घन यह क ट सरसर स छोटा और स ड वह न होता ह इसका सर भी छोटा

होता ह ौढ़ मादा अ ड सतह या अनाजो क बीच म दती ह और 300-500 अ ड तक दन म समथ होती ह अ ड स एक ह त बाद लट ( ब) नकलती ह इसक 6 टाग होती ह यह भी सरसर क तरह अनाज को भीतर स ह खाती ह और 3-4 ह त बाद पण वक सत होकर शखी क प म बदल जाती ह शखी स एक ह त बाद ौढ़ बनत ह इस क ट क लट ( ब) व ौढ़ दोनो अव थाय अनाज को हा न पह चाती ह

3 खपरा ( ोगोडमा न रयम) - ौढ़ मादा 4 ममी लबी अ डाकार आक त क होती ह नर ौढ का आकार मादा ौढ

क मकाबल आधा होता ह मादा ौढ लगभग 100-125 सफद अ ड अनाज क सतह या दरार म दती ह अ ड 4-5 दन म 35 ड ी सि सयस ताप पर लट ( ब) बनात ह य दान क टट को खात ह लट ( ब) लगभग 1 मह न तक खान क बाद शखी का नमाण करती ह शखी 5-6 दन क बाद ौढ क प म बदल जाती ह

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4 आट का लाल क ड़ा धनरा ( ाइबो लयम क ट नयम) - ौढ़ एक चपटा क ट ल बाई म 5-6 ममी का होता ह यह अ ड अनाज क दान पर

दता ह जो एक ह त बाद लट ( ब) का प ल लत ह लट ( ब) सफद व ह क लाल होती ह जो दान क अक रत वाल थान और उसम उपल ध पाउडर को खाती ह लट 3-4 ह त म पण वक सत होकर दान क ऊपर शखी बना लती ह लट ( ब) एक ह त बाद ौढ़ क प म बदल जात ह

5 दाल का ढोरा (प स बी टल) - यह छोटा व चकोर आक त क साथ साथ अपन मखागो क अ भाग जो क भोधरा होता

ह स ज द पहचाना जा सकता ह य क ट दान को खाकर सीधा नकसान तो करत ह ह बि क व अपनी जीव याओ स भ डार क नमी व तापमान बढात ह जो अनाज पर फफद का आ मण बढान म सहायक होत ह

6 बादाम का पतगा (का ा काटला) - यह पतगा अपन अ पख पर गहर धार रग बनाय रखत ह यह ल बाई म 8 ममी

तक का होता ह यह अपन सफद अ ड अनाज म और अ य सतह पर बखर दत ह अ ड 4-5 दन म वक सत होकर 1 ममी स भी छोट लट (कटर पलर) म बदल जात ह और अनाज को खाना श कर दती ह लट (कटर पलर) 3-4 ह त तक लगातार खान क बाद शखी क प म बदल जाती ह शखी अनाज म या उसम रख ह ए भडारण पा क बाहर बनती ह शखी स ौढ़ (पतगा) 5-7 दन बाद बाहर नकलता ह

7 अनाज का पतगा (साइटो ोगा सी रयल ला) - यह पतगा अ पख क ओर बह त यादा र यदार होता ह अ ड लगभग 8-10 ममी

लब होत ह क त पख फलान क बाद 15 ममी लबा हो जाता ह यह धान क बा लय क प रप व होन पर तथा धान क भडारण वाल थान पर भी अ ड दत ह इस तरह दय गय अ ड स छोट लट (कटर पलर) एक ह त बाद नकलकर धान क जोड वाल थान स अदर घसती ह लट (कटर पलर) लगभग 3-4 ह त तक खान क बाद शखी म बदल जाती ह शखी बनन स पव लट (कटर पलर) धान म एक छोटा सा गोल आक त का कटाव बनाती ह और स क पी धाग ( ाव) स बद कर दती ह शखी बनन क 1 ह त बाद पतगा इस खोलकर बाहर आ जाता ह

8 चावल का पतगा (को सरा सफलो नका) - पतगा 10-12 ममी ल बा होता ह ौढ़ मादा 200 अड दती ह अड स 4-5 दन म

लट (कटर पलर) बन जाती ह और यह टट ह ए दान को खाती ह लट (कटर पलर) 4-5 ह त तक खान क बाद शखी क प म बदल जाती ह लट (कटर पलर) चावल म खान क साथ साथ ई जसी जाल नमा नाल का नमाण करती ह शखी स पतगा 9-10 दन बाद बाहर नकलता

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154 भडारण म व भ न ोत स क ट क पह च - कछ क ट जस चावल क धन दाल का भग व अ न का शलभ अपन अ ड खत म ह

पकती फसल क दान पर द दत ह और व दान क साथ भ डार म भी पह च जात ह ख लहान म परान अनाज अथवा कड़ा-करकट आ द म छप रहत ह तथा मड़ाई क

समय दान म अपन अड द दत ह और भडारण म पह च जात ह अनाज ढोन वाल बतन बोर आ द म क ट क व भ न अव थाए सस ताव था म छपी

रहती ह तथा अनाज ढोन क समय भ डार गह या कोठ म चल जाती ह भडारण हत य त कय जान वाल बन (को ठय ) आ द म पहल स ह छप ह ए क ट

स य अथवा सस ताव था म रहत ह और नय अनाज को रखन क बाद इनका कोप धीर-धीर उपय त वातावरण मलन स बढ़ जाता ह

वय क (शलभ) अनाज क लग ढर म उड़कर भी अपन अड दत ह और अनाज क साथ य भ डार म पह च जात ह

155 अनाज भ डारण क व धया - 1 पार प रक -

आज दश म अनाज क कल पदावार का लगभग 70 तशत अनाज गाव म कसान क यहा भ डा रत कया जाता ह इसका कछ तशत बचन क प चात शष बच ह ए का अपन प रवार क पालन पोषण हत उसका भ डारण अपन खत पर बन थान या घर म करत ह पर त दखा गया ह क उ चत यव था व ान क अभाव म अनाज खराब हो जाता ह िजसका आ थक हरजाना कसान को भगतना पड़ता ह कारण ह पार प रक भ डारण क व धया जस क म ी क पा लकड़ी पटसन क बो रया ईट आ द जो क अनाज को ल बी अव ध अथवा आगामी फसल तक अ छ हाल म रखन म असमथ रहत ह 2 उ नत भ डारण -

अ धकाशतः गाव म अनाज का भडारण ऊच प क फश वाल कमर म या प क बनी कोठर या कोठ या म ी क बड बतन म कया जाता ह क त इन सबम छोट कसान क लए धात स बनी को ठया अ धक उपय त ह िजनम 3 ि वटल स लकर 10 ि वटल तक अनाज कोठ क मता क अनसार रखा जा सकता ह

वतमान म अनाज का उ पादन अ धक होता ह तब उसका भ डारण प क फशवाल बड कमर म कया जाता ह िजसम अनाज को बोर म भरकर रख दत ह भ डारणगह म बोर को नमी स बचान क लए फश पर बास क चटाई क साथ पॉल थीन शीट बछाकर या लकडी क चखट बछाकर बोर को उसक ऊपर बि लय म रख दत ह बोर रखत समय यान रह क बि लया द वार स सट न होकर लगभग 75 समी क दर पर ह ता क द वार क नमी बोर म वश न कर सक बि लय का इस कार लगाना चा हय क भ डार म आन जान का रा ता

बना रह िजसस समय समय पर बोर का नर ण कया जा सक भ डारणगह म बोर को कमर क ऊचाई क 34 भाग तक ह रख ऊपर का 14 भाग खाल रह

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156 भ डारणगह म अनाज का भ डारण करत समय बरती जान वाल सावधा नया -

1 जहा तक स भव हो भ डारण क लए प क गोदाम बनान चा हए िजसक द वार नमी अवरोधी ह

2 भ डारण स पव गोदाम एव को ठय क द वार म बनी दरार व ग ढ को सीमट स बद कर दना चा हए िजसस उसम क ट शरण न ल सक

3 गोदाम क सफाई अ छ कार करक दरवाज आ द खोल दन चा हए िजसस गोदाम अ छ कार सख जाय भडारण स पव गोदाम म मला थयॉन 50 ईसी नामक क टनाशी रसायन का 5 मल ल टर पानी म घोल बनाकर द वार फश आ द पर अ छ कार छड़काव करना चा हए िजसस कोन दरार आ द म छप क ट मर जाय

4 परान बोर को योग म लान स पव उबलत पानी म 15 मनट तक डबोकर अथवा मला थयॉन 50 ईसी को 10 मल ल टर पानी म घोलकर 10 मनट तक डबोकर अ छ कार धप सखान क बाद ह योग म लना चा हए

5 अनाज ढोन वाल बतन गा डय एव भडा रत करन हत योग म लाय जान वाल बन (को ठय ) क अ छ कार सफाई करक धप म सखा लना चा हए

6 नयी फसल क मढ़ाई स पव ख लहान क सफाई करन क प चात गोबर स अ छ कार लपाई करक सखाना चा हए

7 अनाज को ख लहान म अ छ कार धप म सखा लना चा हए ता क उसम नमी 8-10 तशत स यादा न रहन पाय

8 य द अनाज को बोर म भरकर भडारण करना हो तो गोदान क फश पर 75 समीमोट सख भस क तह लगा दनी चा हए तथा ब र को द वार स 75 समी क दर पर रखना चा हए

9 भडारण स पव अनाज म एक कलो ाम नीम क न बोल का पाउडर त ि वटल क दर स मलाकर भडा रत करन पर क ट का कोप बह त कम होता ह

10 बीज क लए भडा रत कय जान वाल अनाज को मला थयान 5 तशत धल क 25 ाम क ा क दर स मलाकर भडा रत करना चा हए तथा इस तरह स उपचा रत बीज

को कभी भी खान क कम म नह ल 11 छोट कसान को आज-कल च लत जीआई शीट क चादर स बन बन का योग

करना चा हए यह 50 क ा स लकर 10 ि वटल भडारण मता वाल आकार म उपल ध ह कसान अपनी आव यकता अनसार बन को क ष वभाग स य कर मलन वाल छट का लाभ भी ल सकत ह पवतीय म इसका उपयोग काफ लाभदायक एव सर त ह य क कसान को कम मा ा म ह अनाज का भडारण करना होता ह

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156 घमन ( यमीगशन) - भ डारण अव ध म अनाज को क ट स सर त रखन क लए न न म स कोई एक

उपाय अपनाना चा हए 1 ईडीबी (एथील न डाई ोमाइड) -

यह रसायन व भ न आकार म 361530 मल क काच क ए पल म उपल ध होता ह यह ए पल ई म लपट कपड क बद थल म मलती ह िजस अनाज क अ दर रखकर सडासी या लास स दबाकर तोड दत ह टट ह ए ए पल को लकडी क सहायता स अनाज क अ दर क सतह म धसाकर कोठ या म ी क बतन का म ह यथा शी ढककर गील म ी स सील कर दत ह यह गस हवा स 625 गना भार होती ह अतः कोठ क नचल सतह तक अपन आप पह चकर भ डारण अव ध म बनी रहती ह िजसस य द अनाज म क ट पदा ह ए भी तो पनप नह पात और मर जात ह तथा अनाज सर त बना रहता ह एक ि वटल अनाज म लए 3 सीसी वाला एक ए पल पया त ह य द अनाज बोर म रखा गया हो तो ईडीबी ए पल क वा छत स या को बोर क ऊपर तोडकर तर त पॉल थीन चादर स ढक द इस दशा म रसायन क मा ा का योग अनाज क बोर क आयतन क आधार 10 मल दवा त घन मीटर क दर स करना होता ह अनाज को पॉल थीन स न ढका जा रहा हो तो दवा का योग पर कमर क आयतन को यान म रखकर करना होगा दवा क योग क बाद 7 दन तक भ डार को न खोल 2 ए यमी नयम फॉ फाइड -

इस रसायन का योग अनाज म लगन वाल क ट और चह को मारन क लए कया जाता ह यह रसायन बाजार म कई नाम स मलती ह जस स फास फॉ टा सीन आ द यह रसायन 3 ाम वाल 10 ट कय क पकट म और 06 ाम वाल छोट पलट ( ट कय ) क प म प नी म बद मलती ह 1 टन अनाज को स हत करन क लए 3 ाम वाल 2-3 ट कया पया त होती ह रसायन हवा म मौजद नमी क स पक म आन स फॉ फ न नाम क गस पदा करती ह जो बह त जहर ल होती ह इस लए इसक योग म बह त सावधानी बरतन क ज रत ह इस दवा क गध काबाइड क गध क समान होती ह भ डारणगह म इसका योग करन क लए य त ट कय क स या क आधी ट कयो को बोर म रख दत ह ट कय को रखन का काम

10-15 मनट म समा त कर लना चा हए यो क लगभग आधा घट बाद ट कय स जहर ल गस नकलना श हो जाती ह इस रसायन का योग धात क कोठ म अनाज को क ट स सर त रखन क लए म य प स कया जाता ह इसी रकार कोठ म अनाज रखन क बाद ट कया को एक म ी क द पक म रखकर अनाज क ऊपर रख दत ह और कोठ का ढ कन बद करक उसक म ह पर चार ओर तथा अनाज नकालन क रा त पर गील म ी लगाकर सील कर दत ह िजसस जहर ल गस कोठ स बाहर न नकल पाय कोठ स अनाज नकालत समय द पक को पहल हटा लना चा हए िजसम रसायन का सफद राख जसा पाउडर मौजद होगा यह यान रह क रसायन पाउडर अनाज म मलन न पाय यथा सभव घर म इसका योग नह कर 3 घमन ( यमीगशन) बरती जान वाल वशष सावधा नया -

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भ डारणगह म अनाज को सर त रखन क लए जो रसायन ऊपर बताई गयी ह व अ य त जहर ल ह अतः इनका योग कसी श त कायकता क दखरख म ह कर गोदाम कोठ बतन आ द िजसम अनाज को रखकर दवा स उपचा रत कया जाय उस आवास क कमर स दर होना चा हए कसी भी कार क दघटना हो जान पर तर त डॉ टर स सलाह लना चा हए

घमन वष जस ए य म नयम फा फाइड एव ई डीबी ए पयल का योग तब धत ह इस लए इनका योग बह त ह सावधानी स अ त आव यक होन पर ह करना चा हए कसान को चा हए क इनक योग स पव अपन वकास ख ड क क ष इकाई अथवा िजला क ष अ धकार स स पक करक इनक योग क बार म जानकार ा त कर लव

अनाज का भ डारण हमशा अलग मकान म कर िजस रहन हत योग न कया जाता हो

उपचा रत अनाज को खान हत योग म लान स पहल कम स कम एक स ताह पव बन स बाहर नकाल ल तथा पानी स अ छ कार धोकर धप म सखा ल

157 चह क रोकथाम - गोदाम म भी चह बल बनाकर पह च जात ह इन बल को खोजकर उनम स फास क

3 ाम वाल ट कया क चथई ट कया या 06 ाम क पलट डालकर उसका म ह गील म ी स बद कर दना चा हए इसक अ त र त िजक फा फाइड स बन जहर ल रसायन क प डय को चह क आन जान क रा त पर द वार क कनार और कोन म रख दना चा हए जहर ला रसायन एक भाग िजक फा फाइड एक भाग सरस का तल तथा 48 भाग द लया मलाकर बना सकत ह 2-3 दन बाद बची ह ई जहर ल प डय और जहर ल दान को बीनकर म ी म गाड दना चा हए िजसस कोई अ य जानवर उस न खा सक और जहर ला अनाज अ छ अनाजो म न मल सक

158 फल का भ डारण एव ड बा बद - फल क तड़ाई क उपररात फल क सह भ डारण व ड बा बद का बह त मह व ह सह

ढग स रखरखाव न करन क ि थ त म कसान को भार नकसान उठाना पड़ता ह फल क तडाई हमशा सबह या शाम करनी चा हए

फल को तोडन क प चात उ ह धोकर या साफ करक छाटकर ड ब म बद कर दना चा हए फल को उनक आव यकतानसार ड ब म भरना चा हए ड ब क अ दर एक कागज क तह रख या अलग-अलग फल को कागज म लपटना चा हए अतः न नानसार फल का रखरखाव करक उनको को न ट होन स बचाया जा सकता ह 1 क न -

क न को लकड़ी क ड ब म बद करक पॉल थीन क लफाफ म डालकर उ ह बना ऊजा भ डारण क क म रखा जाए तो इ ह 56 दन तक आसानी स बना कसी गणा मक बदलाव क रखा जा सकता ह पर त इस दौरान इन लफाफ को 15-30 मनट तक त स ताह खोल दना चा हए ता क उनम जमी दग ध तथा पानी क ब द नकल जाए

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क न क फल को 7 दन तक बना कसी उपचार क कमर क तापमान पर रखा जा सकता ह य द इ ह 05 क टान क घोल (5 ाम क टानल टर पानी) या 20 तल क तल (20 मल तल + 2 मल ट पोलल टर पानी) स उपचा रत कर दया जाय तो फल को 21 दन तक रखा जा सकता ह 2 अगर -

अगर तोडन क प चात नह पकत इस लए इ ह पर पक ह ई अव था म ह तोडना चा हए अ छ क म क अगर क अ छ दाम मलत ह ग छ क पकन का अ दाजा ग छ क आखर अगर को दखकर लगाया जा सकता ह ग छ को तोडत समय उ ह कवल तन स पकडना चा हए ता क वा त वकता न बगड ड बाबद स पहल ग छ म स टट सड तथा खराब अगर क दान को नकाल दना चा हए ग छ को उनक आकार व कल घलनशील त व क आघार पर अलग अलग करना चा हए कल घलनशील त व परलट थो पसन तथा यट सीडलश म मशः 18-19 20-21 तथा 17-18 होना चा हए

ग छ को अलग-अलग करन क प चपात उ ह ग त क ड ब म अखबार का कागज लगाकर पक करना चा हए बीमार क रोकथाम क लए 5 कलो क ड ब म 5 ाम ल चग पाउडर अखबार क नीच रखना चा हए 3 आम -

तोड़ ह ए फल को उनक क म आकार और पकन क अव था क आधार पर अलग-अलग करना चा हए पर तरह पक ह ए फल को नजद क क मडी म भज या सर ण क लए योग म लाए अ छ फल को लकड़ी क पट म अखबार लगाकर दर मडी म भजना चा हए

4 अम द - पर तरह पक ह ए फल को नजद क क मडी म भजना चा हए यो क इनका

थाना तरण म नकसान हो सकता ह दर क म डी क लए फल को लकड़ी क ड ब म पक करना चा हए दर-दराज क मि डय म भजन क लए अम द क अप रप व अव थाओ म जब क फल हर रग क हो तोडन चा हए उस समय फल का अप त धन व 105 होना चा हए ग मय म फल का भ डारण नह कया जा सकता ल कन स दय म हर अव था म 2-3 दन रखा जा सकता ह 5 बर -

फल को तोडन स 10-15 दन पहल क टान या मकोजब (500पीपीएम) का छड़काव करन स तोडन क उपरा त फल को 8 दन तक सड़न स बचाया जा सकता ह बर क ड बाबद क लए को ग डट काड बोड क ड ब या बास क टोक रय म कागज क टकड़ डालकर उपयोग करन चा हए वग करण करन क उपरा त ह फल को बचन स अ धक लाभ लया जा सकता ह बड आकार (35 ाम) क फल लगभग दगनी क मत पर बकत ह

159 साराश - व णत इकाई म भ डारण क मह व क बार म प र चत होना - सम या उ प न म

कारक क बार म जानकार तथा व भ न ोत स क ट का स मण होना भ न- भ न कार

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क क ट क व भ न अव थाओ वारा भ डा रत अनाज को ती पहचान क जानकर हा सल कर सर ा मक उपाय को अपना कर उ चत भ डारण को जानना िजसस भ डा रत अनाज को नकसान करन वाल कारक स बचाया जा सक और अ त म अ याव यक होन पर घमन रसायन का अनमो दत मा ा म सम चत तर क स योग कर सर त अनाज भ डारण कया जा सकता ह

1510 बह चयना मक न 1 भ डारण म सामा यतया कतना तशत अनाज न ट होता ह

(अ) 5-7 (ब) 10-12 (स) 15-17 (द) 20-22 ब 2 घन क ट क कौनसी अव था अनाज को हा न पहचाती ह

(अ) ब (ब) शखी (स) दोनो (द) कोई नह अ 3 भ डारण क समय अनाज म कतन तशत नमी होनी चा हए

(अ) 10-12 (ब) 12-15 (स) 8-10 (द) 15-20 स 4 टॉक भ डारण म द वारो स बोर क कतनी दर रखनी चा हए

(अ) 50 समी (ब) 75 समी (स) 100 समी (द) 25 समी ब 5 भ डारण स पव गोदाम म मला थयान 50 ईसी त ल टर पानी म कस दर स दवार व

फश पर छडकाव करना चा हए (अ) 5 मल (ब) 10 मल (स) 75 मल (द) 25 मल अ

1511 सदभ - 1 Kushwaha KS and Sharma JC Safe Storage of Grains and other

Products from Insect Pests and Rats 2 अपन अनाज को क ट स बचाईयए नदशालय चार एव सार खा य म ालय भारत

सरकार 3 Hill DS Pests of stored products and their control जकएच

Page 3: पा kय म अ gभकãप स gम Óत - Vardhaman Mahaveer Open Universityassets.vmou.ac.in/CCP03.pdf · 2016. 7. 27. · 2. मृदा ¢रण क रोकथाम-खरपतवार

3

पा य म अ भक प स म त अ य ो (डॉ) एल आर गजर नदशक सकाय वभाग वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा (राज थान)

सम वयक सद य सम वयक ो (डॉ) बी अ ण कमार

आचाय राजनी त व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा सद य 1 डॉ प षो तम सह सन सनवार

सवा नव त आचाय (मदा व ान) एव ीय नदशक क ष अनसधान क कोटा

2 ो (डॉ) एपी सह आचाय (स य व ान) इि दरा गाधी क ष व व व यालय रायपर(छग)

3 डॉ एसएस तोमर आचाय (स य व ान) एव ीय नदशक क ष अनसधान क कोटा

4 ीमती वता ग ता ग ट फक ट क ष व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

5 डॉ एनएन पाठ सह आचाय (क ट व ान) क ष व ान क कोटा

स पादक एव पाठ लखक स पादक ीमती वता ग ता

ग ट फक ट क ष व ान

वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा इकाई लखक इकाई स या 6 डॉ जपी ततरवाल

सहायक आचाय (स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

5

1 डॉ ताप सह आचाय(स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

4 7 डॉ अनराधा शमा सहायक आचाय वन प त व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

13

2 डॉ एच आर चौधर आचाय(स य व ान) क ष अनसधान क कोटा

15 8 डॉ अशोक कमार क हार सहायक सचालक क ष कसान क याण तथा क ष वकास भोपाल (म )

11

3 डॉ एनएन पाठ सह आचाय (क ट व ान) क ष व ान क कोटा

78 9 ी अ वनाश सर जा सहायक ीय ब धक नशनल फ टलाइजर ल मटड (भारत सरकार का उप म) नीमच (म )

14

4 डॉ आरक शवरन सहायक आचाय(स य व ान)क ष अनसधान क कोटा

1 10 ीमती वता ग ता ग ट फक ट क ष व ान वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

3691012

5 डॉ बलदव राम सहायक आचाय(स य व ान)क ष अनसधान क कोटा

2

4

अकाद मक एव शास नक यव था ो (डॉ) वनय पाठक

कलप त वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो(डॉ) एलआर गजर नदशकसकाय वभाग

वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

ो (डॉ) पीक शमा नदशक ीय सवाए

वधमान महावीर खला व व व यालयकोटा

पा य म उ पादन योग गोयल

सहायक उ पादन अ धकार वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

उ पादन 2013 इस साम ी क कसी भी अश को व म ख व कोटा क ल खत अनम त क बना कसी भी प म lsquo म मयो ाफ rsquo (च म ण) वारा या अ य पनः तत करन क अनम त नह ह व म ख व कोटा क लय कलस चव व म ख व कोटा (राज) वारा म त एव का शत

5

CCP-03 वधमान महावीर खला व व व यालय कोटा

वषय सची पौध सर ण एव बधन (Plant Protection Management) इकाई स या इकाई का नाम प ठ स या

इकाई mdash 1 खरपतवार क मह व वशषताए एव हा नकारक भाव 6mdash13

इकाई mdash 2 खरपतवार का वग करण फसल स जड़ खरपतवार 14mdash26

इकाई mdash 3 फसल म खरपतवार नय ण 27mdash53

इकाई mdash 4 एक कत खरपतवार बधन 54mdash72

इकाई mdash 5 खरपतवार नाशक क छड़काव म इ तमाल उपकरण 73mdash82

इकाई mdash 6 फसल क म य क ट और उनका नय ण 83mdash102

इकाई mdash 7 बागवानी फसल क म य क ट और उनका नय ण 103mdash117

इकाई mdash 8 एक कत क ट बधन 118mdash132

इकाई mdash 9 क टनाशक छड़काव क उपकरण 133mdash147

इकाई mdash 10 पादप रोग व ान का इ तहास एव स ा त 148mdash173

इकाई mdash 11 फसल क म य फफद य रोग एव नय ण 174mdash196

इकाई mdash 12 बागवानी फसल क म य फफद य रोग एव नय ण 197mdash212

इकाई mdash 13 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण 213mdash224

इकाई mdash 14 बागवानी फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण 225mdash239

इकाई mdash 15 भडा रत अनाज क ट 240mdash248

6

इकाई 1 खरपतवार क मह व वशषताए एव हा नकारक भाव

इकाई क परखा 10 उ व य 11 तावना 12 प रभाषा 13 खरपतवार क मह व 14 खरपतवार क वशषताए अथवा कठोरता अथवा मत यता 15 खरपतवार स हा नया 16 साराश 17 बह चयना मक न 18 सदभ थ

10 उ य खरपतवार उगाई जान वाल फसल को य एव अ य प स हा न पहचात ह इस कार खरपतवार कषक क त इकाई आय कम करत ह फसलो पादन म खरपतवार क

रोकथाम आव यक ह खरपतवार क रोकथाम करन क लए खरपतवार का अ ययन आव यक ह खरपतवार क वग करण म म यतः उनक अकरण बढ़न पकन का समय उनक आय खरपतवार क व करन का ढग उनक जलवाय एव मदा स ब धी आव यकता उनक भौ तक एव द हक व फसल क साथ घ न ठता आ द कारक को वशष आधार माना जाता ह

11 तावना क ष म खरपतवार एक मख सम या ह जो कसान को अपनी उगाई जान वाल फसल

स पण लाभ नह उठान दती खरपतवार उगाई जान वाल फसल को य एव अ य प स हा न पहचात ह इस कार खरपतवार कषक क त इकाई आय कम करत ह खरपतवार वारा क जान वाल फसल क पदावार म हा न 5 तशत स 70 तशत तक ऑक गई ह खरपतवार वारा कभी-कभी खतो स 150 क ाह नाइ ोजन उपयोग कर ल जाती ह व भ न व ा नक न खरपतवार का व तत अ ययन करक खरपतवार को व भ न प म प रभा षत कया ह

12 प रभाषा खरपतवार व अवाि छत पौध हः जो कसी थान पर बना बोय उगत ह और िजनक

उपि थ त कषक को लाभ क तलना म हा नकारक अ धक ह

7

(अ) ए सो यट खरपतवार-इस वग क अ दर उपय त सभी एकवष य ववष य बह वष य खरपतवार सि म लत करत ह कषक को हमशा इनस हा न ह पह चती ह फलो पादन म यह एक मख सम या ह (ब) रल टव खरपतवार-इस वग म फसल क व पौध िज ह कसान खत म नह बोता व वय ह उग आत ह रल टव खरपतवार कहत ह जस-गह क खत म जो जना व सरस आ द य द उग जाय तो य सम या ह य सभी न न कार क होत ह 1 अनकार अथवा नकलची खरपतवार-धान क खत म जगल धान गह क खत म जगल जई

व मडसी जस खरपतवार अपन परपोषी फसल क पौध क साथ बा ा आका रक म मलत ह और फसल क साथ-साथ बढ़त रहत ह इ ह अनकार या नकचल खरपतवार कहत ह

2 वशष स म जलवाय क खरपतवार-कासनी व वाइन स खरपतवार को छायाय त व ठडी नम जलवाय क आव यकता होती ह यह जलवाय बरसीम व लसन क फसल म चर मा ा म पाई जाती ह य खरपतवार इसी कारण स इन फसल म पाय जात ह

जगल याज लहसन व मडसी क बीज उसी ऊचाई व उसी समय पर पकत ह जब क स दय क अ न वाल फसल क बीज पकत ह फसल क कटाई पर व फसल क बीज म मल जात ह

(स) रोगय-जब कसी फसल क अ य जा त का पौधा बना बोय खत म ह उगता ह तो वह रोगय कहलता ह उदाहरण क प म य द गह क एच डी 1553 क फसल म बना बोय गह क यपी जा त 262 का पौधा उग जाय तो यह रोगय कहलायगा कसी जा त वशष क श वता को बनाय रखन क लय इस कार क अइि छत पौध को खत म उखाड़ना (रो गग) आव यक होता ह

भागीय व सकाय खरपतवार-इस वग क खरपतवार पहल जगल जा तय क साथ उगत ह तथा क षत भ मय पर पहचकर फसल क साथ पण तयो गता कर मन य क काय-कलाप को सहन करत ह ए उगना ार भ कर दत ह जस-नागफनी

अ वक पी खरपतवार-जो खरपतवार क ष भ मय या अ यवि थत भ मय म अ य पौध क जा तय स तयो गता नह कर पात उ ह अ वक पी खरपतवार कहत ह जस - हरनखर

अ न टकार खरपतवार-व खरपतवार जो अनइि छत क ट द व साधारणतया मन य क नय ण क बाहर ह य खरपतवार जनन व वतरण क असीम मता रखत ह मन य वारा नय ण क को शश को य न फल कर दत ह कॉसनी अमरबल दबघास मौथा कॉस आ द इसक उदाहरण ह

रगन वाल खरपतवार-इनक तन भी भ म पर रगकर चलत ह इनक तीन क गॉठ स जड़ नकलती ह दब व न नया इसका उदाहरण ह

लग खरपतवार-इन खरपतवार क तन भी दबल होत ह ायः फसल क पौध क सहार लपटकर य ऊपर चढ़त ह जस हरनखर चटर -मटर व मनमना आ द

आरोह खरपतवार-य खरपतवार फसल क पौध क सहार ह ऊपर लपटकर चढ़त ह लपटन क लय इनम ि डलस होत ह जस-क दर

8

13 खरपतवार क मह व 1 मदा म पोषक त व का योग-बह त स खरपतवार अपनी वान प तक व अ धक कर

लत ह य द हर खाद क प म इनका योग कर लया जाय तो मदा म य काफ मा ा म पोषक त व जमा कर लत ह मदा क ऊपर सतह म पह चा दत ह बावचा व गोख 35 तशत श क भार क आधार पर नाई ोजन रखत ह आईसी एआर क एक सव ण क आधार पर यह पाया गया ह क कछ जगल ल यम वातावरण स न जन का ि थर करण करती ह और इनम 15-6 तशत तक न जन पाई जाती ह इनक अ दर पोटाश क भी मा ा होती ह इस कार क ल यमस को खत म दबान पर मदा म इनका सडाव भी शी होता ह इस कार खरपतबार मदा म व भ न खा य त व को बढ़ान म सहायक हो सकत ह

2 मदा रण क रोकथाम-खरपतवार भ म क ऊपर फलकर व भ म म जड़ का वकास करक वाय एव जल वारा होन वाल मदा रण को रोकन म सहायता दत ह

3 चार क प म खरपतवार का उपयोग- व भ न खरपतवार जस दब चार क प म पशओ का उ तम आहार ह

4 खरपतवार का दवाइय म योग-कछ खरपतवारो जस ग बा सॉप क काटन पर काम म लाया जाता ह स यानाशी क बीज स नकाला गया तल अनक वचा रोग म योग होता ह

5 खरपतवार का आ थक मह व-कॉस आ द खरपतवार छ पर आ द तयार करन क काम आत ह मज व रामबॉस स र यॉ तयार करत ह ल मन घास क पि तय स नकाला गया तल सग ध क लय योग करत ह यह तल म छर भगान वाल म तयार करन क काम म भी लाया जाता ह

6 खरपतवार स ऊपर भ म का सधार-ऊसर भ म क सधार क लय स यानाशी व सजी खरपतवार को उगाना लाभदायक पाया गया ह

7 खरपतवार का सजावट म योग-बागो व सड़को क कनार कछ खरपतवार का हज लगान म योग कया जाता ह जस जरायन आ द

14 खरपतवार क वशषताए अथवा कठोरता अथवा मत यता फसल क पौध क अप ा खरपतवार म उगन बढ़न एव व तार करन का गण अ धक

होता ह खरपतवार क अनक वशषताओ का वणन न न कार कया जा सकता ह 1 खरपतवार क बीज का अकरण शी होता ह व बीजाकर तजी स बढ़वार करत ह

खरपतवार क बीजाकर स त होत ह तथा व फसल क पौध क साथ काशए नमी व पोषक त व क लय तजी स सघष करत ह खतरवार क बीज क व श ट या व ध उसम अकरण क आवि त ह िजसम खरपतवर क कछ जा तय जस जगल चलाई नय मत समया तर पर अक रत होती रहती ह

9

2 खरपतवार क फल शी आत ह बीज अ धक मा ा म व फसल स ज द पकत ह जगल चलाई का एक पौधा 1080220 मकाय का एक पौधा 178000 स यानाशी पॉच हजार जगल जई 250 एव गा आधा करोड़ बीज तवष पदा करता ह इस कार खत स खरपतवार का पणतया उ मलन कभी-कभी अस भव हो जाता ह

3 खरपतवार क जड़ फसल क पौध क तलना म शी वक सत होती ह इनक व व भ म म चार ओर व काफ गहराई तक होती ह योग स मालम होता ह क कॉस व हरनखर क जड़ भ म म 20 फ ट व जवास क जड़ भ म म 13 फ ट क गहराई तक पह च जाती ह

4 खरपतवार क बीज क अकरण शि त बह त समय तक बनी रहती ह बथव क बीज भ म म 40 वष तक रहन क बाद भी उग आत ह

भ मगत बीज का जीवनकाल व भ न खरपतवार का आय काल

खरपतवार आय वष म दबघास 2 ब 4 सोकस आवि सस 5 मौथा 5 ए ोपाइरोन रप स 5 बलस ट रि स 8

पीला पौधा (सा ए कल टस 20 सर सयम आव स 20 जगल सरस 30 हरन खर 50

5 अ धकतर खरपतवार को ल ब समय तक जलम न अव था म रखन स अकरण मता बह त घट जाती ह दबघास क बीज को 28 समी गहराई पर जलम न 30 दन तक करन स अकरण 48 तशत व 50 दन तक करन स अकरण 14 शत रह जाता ह प रप व व श क बीज नीमय त क च बीज क अप ा अि न क भाव क त अ धक रोधी होत ह हरनखर क बीज का अकरण अि न वारा घट जाता ह कई झाड़ीदार खरपतवार क बीज क अकरण मता अि न क स पक म आन क कारण बढ़ जाती ह

6 कछ खरपतवार क बीज अप रप व अव था म काट जात ह तो भी अपनी अकरण मता 100 तशत बनाय रखत ह जस-सो वस आवि सस जगल पालक व चकवीड क अप रप व बीज वाल पौध को उखाडन पर भी बीज प रप व हो जात ह व भनन खरपतवार क पौध म फल आन क बाद बीज प रप व होन का समय नीच ता लका म दया गया ह

10

खरपतवार क पौध म फल आन स प रप व होन का समय 1 क णशील 25 15

2 स यानाशी 50 35

3 याजी 40 15

4 खसार 35 15

5 सफद सजी 35 20

6 मकोय 45 15

7 मनमना 30 15

7 जलवाय भ म व ज वक तकल प रि थ तय म खरपतवार क पौध शी ता स बीज का उ पादन कर लत ह

8 अ धकतर खरपतवार क पि तय पर इनक र ा क लय स त बाल चप चप पदाथ अथवा कॉट होत ह

9 खरपतवार क पि तय पर याशील र कप क स या अ धक पाई जाती ह 10 खरपतवार क बीज म वतरण अथवा फलाव क लय बीज पर ह क पख बाल व कॉट

आ द होत ह जस-काकोलबर व क पोिज ट वग क खरपतवार क बीज पर 11 खरपतवार क पौध य द बीज बनन क पहल क ह कारण स न ट हो जाय तो व

व भनन वान प तक भाग वारा अपनी व व कर लत ह उदाहरण क लय मौथा यबरस व हरनखर म अपनी व व लत ह

12 खरपतवार क बीज का आकार व रग कभी-कभी फसल क बीज क आकार व रग स मलता हआ होता ह िजसक उदाहरणाथ सरस क बीज म स यानाशी क बीज इसी कार मल सकत ह

13 खरपतवार क पौध जलवाय क वषमताओ को अपना प बदलकर सह लत ह 14 एक ह खरपतवार व भ न कार क भ मय म पनप सकता ह 15 खरपतवार क पौध फसल क पौध क तलना म व भ न कार क बीमा रय व क ट

पतग क आ मण को सहन करन क मता अ धक रखत ह 16 खरपतवार क फसल क पौध क तलना म जल स ब धी आव यकता कम होती ह

िजन भ मय म जल क कमी क कारण कोई फसल पदा नह होती वहॉ पर भी कछ खरपतवार क पौध सफलतापवक फलत-फलत ह

17 कछ खरपतवार क पौध व भनन वकार वाल भ मय जस-ऊसर अ ल य ककर ल जलम न व दलदल आ द भ मय म भी व व कर लत ह

18 बीज म सष ता-फल बीज या क लय म सष ता वह अव था ह िजसक अ दर व िज दा रहत ह ए अकरण नह करत

19 क टल क त-बह त स खरपतवार अपन कड़व वाद दग ध कॉटय त क त क कारण पशओ व मन य स अपनी र ा करत ह

11

20 वय पनः जनन-फसल क बीज क अकरण क लय भ म क अ छ तयार नमी का तर आ द बनाना होता ह जब क खरपतवार क बीज वय ह वपर त प रि थ तय म

उग जात ह खरपतवार म न न तीन कार क सष ता अव था पाई जाती ह-

21 एनफोसड-जताई क समय जब बीज नीच सतह म चल जात ह तो इस कार क सष ता अव था पाई जाती ह जब पनः जताई म य बीज भ म क ऊपर 3-5 समी क सतह म आत ह तो नमी व ताप क उ चत प रि थ तयॉ मलन पर अकरण करत ह

22 इ नट-इ नट सष ताव था स त बीज कवच जस गोख या अप रप व भण जस माटवीड व कछ म द खरपतवार क बीज म अकरण नय क क कारण होती ह

कछ व भ न जलवाय क प र सथ तय म यह सष ताव था टट जाती ह 23 इ डयसड-कछ बीज म द हक प रवतन क कारण इस कार क सष ताव था पदा होती

ह य द हक प रवतन भ म म ताप काबन डाइ-आ साइड ऑ सीजन का दबाव आ द क कारण हो सकती ह जगल जई क बीज तीन कार क सष ताव था रखत ह सष ताव था क कारण बीज अपनी अकरण मता तकल प रि थ तय म भी बनाय रखन म स म स व होत ह

15 खरपतवार स हा नया `फसल क पदावार म वशष प स खरपतवार क ट पतग पश व पादप या धयॉ

अ धक हा न पहचती ह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क कमी क तलना म अ धक होती ह खरपतवार व भ न प म हा नकारक होत ह खरपतवार वारा क गई कछ हा नय का वणन न न कार ह 1 मदा नमी पर भाव-खरपतवार क पौध भी मदा म फसल क पौध क भा त नमी का

उपयोग करत ह कभी-कभी खरपतवार क जलमाग म य फसल क जल मॉग स भी अ धक होती ह जसा क प सी रहजा क अनसधान स स व होता ह इसक अनसार श क म वार का जलो सजन गणाक 430 ह जब क दब का 313 क दा का 556 और

टफरोिजया पर य रया का 1108 जल सजन गणाक ह 2 मदा म पोषक त व पर भाव-मदा म व भ न पोषक त व जो फसल क पौध क लय

उपयोगी होत ह खरपतवार वारा 7-20 तशत तक हण कर कय जात ह असाना (1950) न गह क खत म योग क आधार पर बताया क व भ न खरपतवार 17-20 क ा नाइ ोजन त ह चस कर लत ह कपर (1950) न बताया क पोहल 60 क ा नाइ ोजन ह तवष हण कर लती ह

3 फसल क उपज पर भाव-अनक व ा नक क अनसधानर क आधार पर यह दखा गया ह क व भ न फसल म खरपतवार क वारा 5-50 तशत तक पदावार म कमी आ जाती ह

12

4 फसल क गण पर भाव- योग क आधार पर यह दखा गया ह क व भ न फसल क दान स तल एव ोट न क तशता कम हो जाती ह ग न क पौध म चीनी क तशता कम हो जाती ह सि जय क गण पर भी क भाव होता ह चार क फसल क गण भी न ट हो जात ह इन सभी कारण स फसल क क मत गर जाती ह

5 रोग एव क ट का आर ण-खरपतवार क पौध फसल क पौध पर आ मण करन वाल व भ न क ट पतग व बीमा रय क जीवाणओ को रण दकर फसल को हा न पहचात ह ककर ब स पर लगन वाल मलन एफ ड क ट हरनखर तथा चकवीड पर शरण लती ह गाजर एव सलर पर लगन वपाल करट र ट लाई को जगल गाजार पर शरण मलती ह गह जौ व जई पर लगन वाल करट र ट लाई को जगल गाजर पर शरण मलती ह गह जौ व जई पर लगन वाल तन क र ट नामक बीमार क रोगाण जगल जई व वक घास पर शरण लत ह गाजर पर लगन वाल करट लाइट स रोगाण जगल गाजर पर शरण लत ह

6 क ष य मशीन एव पशओ क आय पर भाव-िजन खत म खरपतवार का कोप अ धक होता ह वहॉ पर उनक न ट करन क लय बार-बार जताई व गड़ाई करनी पड़ती ह िजसक कारण क ष य व मशीन म घसावट होती ह

7 भ म क उ पादकता पर भाव-मदा म खरपतवार अनक पोषक त व का च षत करक मदा उ पादकता को कम करत रहत ह इसक अ त र त कछ खरपतवार मदा म अपनी जड़ वारा वषल पदाथ छोड़त रहत ह जो आग बोई जान वाल फसल क लय बह त हा नकारक

होत ह वस घास क जड़ स नकल ह य पदाथ अनको फसल वशष प स मटर व गह क फसल क अकरण व व व पर क भाव छोड़त ह

8 कषक क आय पर भाव-खरपतवार खत म बढ़न पर उनक न ट करन म खच ह ई अ त र त धनरा श व फसल क पदावार बढ़न म अ त र त खाद त व व सचाई म यय अ धक धनरा श कषक क आय को कम कर दती ह

9 नहर एव सचाई क ना लय म पानी का ास-खरपतवार नहर एव सचाई क ना लय म उगाकर उनक बहन म कावट डालत ह साथ ह साथ इन क जड़ क सहार पानी रसकर न ट होता रहता ह पानी का कछ भाग वय खरपतवार हण कर न ट करत ह इस कार सचाई मता घट जाती ह

10 भ म क म य म कमी-क ष यो य भ मया जब बह वष य खरपतवार स ढक रहती ह तो उनक क मत गर जाती ह

11 पश उ पा दत पदाथ पर भाव-कछ खरपतवार जस ह लह ल जब दध वाल पश वारा खाई जाती ह तो उसक दध स एक वशष कार क अनइि छत गध आती ह इसी कार गोख जब भड़ क ऊन म चपट जाता ह तो उनक गण म कमी जाती ह धतरा य द अनजान म पश वारा खा लया जाय तो पश क म य तक हो सकती ह

12 खरपतवार मन य क लय हा नकारक-पशओ क वा य क अ त र त मन य क वचा म खजल ए चड़ चड़ापन आ द रोग पदा करत ह कभी-कभी खरपतवार क हण करन पर मन य क म य भी हो सकती ह

13

16 साराश फसल क पदावार म वशष प स खरपतवार क ट पतग पश व पादप या धयॉ अ धक

हा न पहचती ह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क कमी क तलना म अ धक होती ह

17 बह चयना मक न उ तर

1 खरपतवार म कतन कार क सष ता अव था पाई जाती ह (अ) तीन (ब) चार (स) एक (द) दो (अ)

2 हरन खर भ मगत बीज क आय वष म ह (अ) 20 (ब) 40 (स) 30 (द) 50 (द)

3 खरपतवार अपन परपोषी फसल क पौध क साथ बा ा आका रक म मलत ह और फसल क साथ-साथ बढ़त रहत ह इ ह कहत ह (अ) वशष स म जलवाय क खरपतवार (ब) रोगय (स) अनकार या नकचल खरपतवार (द) खरपतवार (स)

4 य द गह क एच डी 1553 क फसल म बना बोय गह क यपी262 जा त का पौधा उग जाय तो यह कहलायगा (अ) वशष स म जलवाय क खरपतवार (ब) रोगय (स) अनकार या नकचल खरपतवार (द) खरपतवार (ब)

5 खरपतवार जो अनइि छत क ट द व साधारणतया मन य क नय ण क बाहर ह इ ह कहत ह (अ) अ न टकार खरपतवार (ब) नकचल खरपतवार (स) रोगय (द) सभी (अ)

18 सदभ थ 1 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव

फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 2 सह आरएल एव महरो ा जएन 2004 श य- व ान क ा xI मा य मक श ा बोड

राज थान अजमर पज 82-135 3 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 4 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर

14

इकाई 2 खरपतवार का वग करण फसल स जड़ खरपतवार

इकाई क परखा 20 उ य 21 तावना 22 मह व एव उपयोग 23 खरपतवार क प रभाषा 24 खरपतवार कहलान क या कारण 25 खरपतवार होन क या ल ण 26 खरपतवार क वशषताए 27 खरपतवार का वग करण 28 फसल क मख खरपतवार 29 खर फ क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान 210 रबी क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान 211 साराश 212 बह चयना मक न 213 सदभ थ

20 उ य खरपतवार या ह तथा खरपतवार कहलान क या कारण ह क जानकार करना

खरपतवार होन क या ल ण ह एव खरपतवार क वशषताए आ द क जानकार करना खरपतवार का वग करण क आधार पर खर फ एव रबी क मख खरपतवार क बार म जानना ता क भावी तर क स उनका ब धन कया जा सक

21 तावना भारतीय क ष म फसल को खरपतवार क ट रोग ट पण भ डारण एव चह व

रोड़ टस आ द कारक वारा भार हा न पह चायी जा रह ह अनमानतः हमार दश म इन कारक वारा कर ब 6000 करोड़ पय का नकसान त वष होता ह इसम स सवा धक 37 तशत

हा न अकल खरपतवार वारा होती ह 29 तशत हा न क ड़ क वारा 22 तशत हा न बमा रय क वारा तथा 12 तशत हा न भ डारण गह म चह व रोड़ टस क वारा होती ह

खरपतवार फसल क पौध क साथ भोजन जल थान व काश आ द क लए सघष करत ह इसक साथ-साथ य फसल क लए हा नकारक रोग व क ट को शरण दकर त पह चात ह खरपतवार क वारा मा ा मक हा न क साथ-साथ फसल उ पाद क गणव ता म भी कमी आ जाती ह िजसस कसान को उसक उ पाद का सह म य भी बाजार म नह मल पाता

15

खरपतवार फसल उ पादन पर न न कार स तकल भाव डालकर हा न पह चात ह जस-फसल उ पादन पर भाव फसल उ पाद क गणव ता म कमी पशधन उ पाद क मा ा व गणव ता म कमी मदा नमी म कमी भ म क म य म कमी खरपतवार क ट व रोग को शरण दत ह क ष य मशीन व पशओ क मता म मस सचाई जल क हा न खरपतवार मन य एव पश वा य क लए घातक कसान क जीवन तर भाव एव अ य हा नया उदाहरणतः अक षत भ म स खरपतवार क ष म फल कर खत म फसल को हा न पह चात ह फाम हाऊस खाई आ द म पनपन वाल खरपतवार साप ब छ आ द जहर ल ज तओ का आ य थल बन जात ह गोख आ द क काट वाहन क टायर म धसकर प चर कर दत ह पयटक थल पर खरपतवार उगकर वहा का सौ दय न ट करत ह औ यो गक म सख खरपतवार म आग लगन का भय रहता ह

22 मह व एव उपयोग खरपतवार हा न क साथ-साथ लाभ भी पह चात ह य द खरपतवार को सह तर क स

योग करक उनस हा न क जगह लाभ ल सकत ह खरपतवार क ारा होन वाल व भ न लाभ जसः मदा सर ण म सहायक होना चार क प म खरपतवार का उपय ग करना खरपतवार क औषधीय मह तव खरपतवार का आ थक मह व (कास खरपतवार का उपयोग स दय म मकान पर छ पर बनान म इसक मजबत तन स म ड व फन चर आ द तथा लमन घास क पि तय स नकल तल का योग सौ दय साधन म काम आता ह) मदा सधार हत खरपतवार का सजावत क प म योग ज वक क ट-रोग नय ण म पौि टक शाक-स जीः- बथआ जगल चलाई तथा लहसआ इ या द मोथा खरपतवार क यबर स अगरब ती म महक बढ़ान क काम आता ह एव कासनी खरपतवार क बीज को काफ क बीज क साथ फ स कर कॉफ का वाद बढ़ाया जाता ह

23 खरपतवार क प रभाषा सव थम ज ो टल न खरपतवार श द का योग कया था खरपतवार पौध क ऐसी

जा तया ह तो अवा छत प स उस थान व समय पर उगती ह जहा व उपयोगी नह होती खरपतवार जब फसल क बीच उगत ह तो व सय क काश-ऊजा मदा नमी फसल क लए पोषक त व एव बढ़वार हत जगह क साथ-साथ व भ न क ट व रोग को आ य दकर त पधा करत ह िजसक प रणाम व प फसल क उपज म भार गरावट आ जाती ह व भ न व ा नको न खरपतवार को अ कत प म प रभा षत कया ह -

1 व ा नक ज ो टल क अनसार खरपतवार व अ नि छत पौध ह जो कसी थान पर बना बोय उग जात ह तथा िजनक उपि थ त स कसान को लाभ क तलना म हा न अ धक होती ह (A Weed is a plant growing where it is not desired ndash Jethru Tull)

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2 डॉ बील क अनसार lsquolsquoय द कोई पौधा उस थान म उगता ह जहा उस नह उगाना चा हए तो उस खरपतवार कहत ह (Weed is a plant grown out of place ndash Dr Bill)

3 पीटर क अनसार यह एक ऐसा पौधा ह जो लाभ क अप ा हा न क अ धक मता रखता ह

24 खरपतवार कहलान क या कारण 1 अवा छत पौध ह 2 यह उस जगह उगत ह जहा उनक आव यकता नह होती ह उदारहण एक पौधा अपनी

जगह स बाहर ह 3 अ धकतर बकार अवा छत और वषल पौध होत ह 4 कोई भी पौधा या पड़ कवक को छोड़कर उ य या मन य क आव यकता क साथ

त पधा करत ह अतः खरपतवार को इस कार प रभा षत कया गया ह क बना चाहन एव

अवा छत पौध जो जमीन जल त एव मन य क रखरखाव क साथ वशषतौर स त पधा करत ह

25 खरपतवार होन क या ल ण हाला क एक पौधा खरपतवार ह या नह यह उन बात पर नभर करता ह क-

1 पौध क वशषताए एव वभाव 2 साप ि थ त 3 पौध क उगन का समय

इस लए सभी पौध एक वशष प र थ त म खरपतवार हो सकत ह

26 खरपतवार क वशषताए खरपतवार म फसल क पौध क अप ा उगन बढ़न व तत म फलाव क मता

आ द अ धक पाई जाती ह िजनका म य कारण खरपतवार म न न ल खत वशषताओ का पाया जाना ह

बीज उ पादन अ धक होना- खरपतवार म त पौधा बीज स या अ धक होन स इनका सार बह त शी ता स होता ह ऐस म कसान क लए इनका पर तरह उ मलन कर पाना

अ य त द कर ह खरपतवार म त पौधा बीज स या ता लका-1 म द गई ह ता लका-1 मख खरपतवार म त पौधा बीज उ पादन स या

स खरपतवार का नाम त पौधा बीज स या (लगभग) 1 गाजर घास स यानाशी 5000 2 अमरबल 16000 3 बथआ 72000

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4 मकोय 175000 5 जगल चलाई 196000

2 अ धक गहर जड़ होना- खरपतवार क जड़ फसल क पौध क अप ा अ धक गहराई तक जाती ह जस कास हरणखर जवासा एव छाजस क जड़ मदा म 4-6 मीटर गहराई पर जाकर पोषक त व व नमी का अवशोषण करत ह

3 बीज क अ धक जीवन मता- खरपतवार क बीज क अकरण शि त फसल क बीज क अप ा अ धक होती ह इनक जीवन मता ल ब समय तक मदा म पड़ रहन क बावजद बनी रहती ह जस - बथआ जगल चलई हरनखर क बीज 50 वष तक मोथा क बीज 20 वष तक तथा जगल सरस क बीज 30 स 40 वष तक भ म म पड रहन क बावजद अक रत होन क मता रखत ह

4 फसल व खरपतवार क बीज मता- कछ खरपतवार क बीज आकार आक त रग म फसल क बीज स इतन अ धक मलत ह क इ ह अलग स पहचान पाना अ य त क ठन होता ह स यनाशी खरपतवार क बीज सरस स जगल जई क बीज जई स आकार व आक त म अ य धक मलत ह

5 बीज पर सर ा आवरण- बह त स खरपतवार जस स यानाशी गोख आ द पर काट स त बाल ऐस आवरण पाय जात ह िजसस मन य व पश इनक नजद क नह जात इस तरह व अपनी सर ा कर लत ह

6 वान प तक जनन- खरपतवार को य द बीज बनन स पहल न ट कर द तो भी व व भ न वान प तक भाग वारा अपना सारण कर लत ह उदारणाथ मोथा - यबस वारा हरणखर ndash ट टॉक वारा

7 यक कार क मदा म व करना - खरपतवार व भ न कार क मदाओ अ ल य ार य लवणीय जलम न या बजर मदाओ म भी अपनी व कर लत ह वशष प

स बह वष य खरपतवार कास झड़बर आ द सभी कार क भ मय म व करत रहत ह भारत म खतरनाक ढग स फल रहा खरपतवार गाजर घास (पाथ नयम) अ ल य ार य ककर ल सभी मदाओ म तजी स व करता ह

8 मन य क वा य पर वपर त भाव- बह त स खरपतवार अपन कड़व वाद व एलिजक भाव क कारण मन य क वा य पर वपर त भाव डालत ह पाथ नयम (गाजर घास) क स पक म आन पर मन य को एलज चम रोग एि जमा दमा आ द जानलवा बमा रया हो जाती ह इस खरपतवार म पाथ नन नामक वषला दाथ पाया जाता ह कान काकल खरपतवार क य द 05 तशत बीज गह क साथ पस जाय जो आटा वषला हो जाता ह ब दब घास बथआ क परागकण मन य क वसन म बाधा उ प न करत ह इनस एलज होती ह

9 शी क णन- खरपतवार क बीज फसल क बीज स इतन ह क होत ह क वाय वारा शी एक थान स दसर थान पर थाना त रत हो जात ह जहा म का क त

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हजार बीज का भार 280 ाम मगफल का पर ण भार 500 ाम वह जगल सरस क बीज का पर ण भार 190 मल ाम होता ह इसक अलावा खरपतवार क बीज पर पाय जान वाल ह क बाल काट भी पशओ वारा एक थान स दसर थान पर थानात रत होकर क णन म सहायक होत ह

10 क ट रोग तरोधक मता क अ धकता- खरपतवार क पौध म क ट - रोग आ मण सहन क मता फसल क पौध स अ धक पाई जाती ह

11 खरपतवार-फसल तयो गता- खरपतवार क बीज का अकरण व पौध क बढ़वार फसल क पौध क अप ा शी ता स होती ह य फसल क पौध स काश नमी पोषक त व आ द क लए सघष करत ह इस फसल - खरपतवार तयो गता कहत ह ऐस म व फसल जो शी अक रत होकर जड़ व वान प तक व कर सक जलवाय क तकल दशा को सहन कर सक कम खाद - पानी म व कर सक बोई जानी चा हए

12 तकल जलवाय स अ भा वत- खरपतवार तकल जलवाय दशाओ स भा वत रहत ह अ तवि ट व अनावि ट म जब फसल को भार हा न हो रह होती ह फसल न ट हो जाती ह इस ि थ त म भी खरपतवार अपनी व करत दखाई दत ह अ धकाशतः बह वष य खरपतवार यथा- झड़बर मोथा कास आ द

13 खाद-पानी क यन आव यकता- खरपतवार क पौध को जल व खाद (पोषक त वो) क यन आव यकता रहती ह इसी लए कम उवर बजर मदाओ श क जलवाय वाल

म भी अपनी व कर लत ह जस - पाथ नयम मोथा झड़बर आ द 14 शी व व शी प रप वता- खरपतवार तजी स बढ़त ह और शी प रप व हो जात

ह गह सा (फल रस माइनर) और जगल चलई क पौध शी बढ़ कर 60 स 70 दन म बीज उ पादन करक अपना जीवन च पण कर लत ह इनक तजी स बढ़न क कारण फसल क बढ़वार क जाती ह

27 खरपतवार का वग करण फसल म खरपतवार नय ण क लए खरपतवार का वग करण कया जाना ज र ह

खरपतवार का वग करण उनक आय बीज प फसल-खरपतवार स ब ध पि तय क बनावट मदा व जलवाय क आधार पर कया जा सकता ह

1 जीवन च क आधार पर खरपतवार का वग करण- जीवन च क आधार पर खरपतवार को तीन भाग म वग कत कया जाता ह

(अ) एक वष य खरपतवार (Annual weeds)- य खरपतवार एक वष या उसस भी कम अव ध म अपना जीवन च पण कर लत ह इस वग क खरपतवार को पनः दो उपवग म वभािजत कया गया ह

क खर फ क खरपतवार- इस वग क खरपतवार वषा क आर भ म उगत ह और अपना जीवन च खर फ क फसल क साथ ह परा कर लत ह जस- प थरच ा जगल चलई लहसवा आ द

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ख रबी क खरपतवार- इस वग क खरपतवार रबी क फसल क साथ सत बर या अ टबर माह म उगना ार भ कर दत ह और अपना जीवन च अ ल माह तक पण कर लत ह जस - क णनील स यानाशी याजी जगल जई बथआ गह सा आ द

(ब) ववष य खरपतवार (Biennial weeds)- इस वग क खरपतवार अपना जीवन च दो वष म परा करत ह थम वष म य खरपतवार अपनी वान प तक व करत ह दसर वष बीज उ पादन करत ह जस - जगल गाजर जगल गोभी

(स) बह वष य खरपतवार (Perennial weeds)- इस वग क खरपतवार कई वष म अपना जीवन च परा करत ह एक बार उग कर हर वष व करत रहत ह इनक व राइजोम ब ब यबस आ द वान प तक भाग वारा होती ह उपय त जलवाय म य बीज उ पादन भी करत ह इ ह पनः दो उपवग म वग कत कया गया ह

क काि ठल खरपतवार (Woody weeds)- इस उपवग म बह वष य झा डया आती ह जस झड़मर

ख शाक य खरपतवार (Herbacious weeds)- इस उपवग म आन वाल खरपतवार क तन व शाखाय मलायम होत ह जस- मोथा हरणखर अमरबल

2 बीज प क आधार पर वग करण- बीज प क आधार पर खरपतवार क दो उपवग ह (अ) एक बीजप ी खरपतवार (Monocot weeds)- इन खरपतवार क बीज एक प ी होत

ह इस लए इनक बीज दाल क भा त दो दाल म वभ त नह होत जस मोथा कास दब घास याजी गह सा

(ब) वबीजप ी खरपतवार (Dicot weeds)- इस वग क खरपतवार क बीज को दाल क भा त दो दाल म वभ त कर सकत ह जस - बथआ हरणखर मकोय स यानाशी जगल चलाई आ द

3 खरपतवार-फसल स ब ध क आधार पर वग करण (On the basis of weed-crop association)- इस वग करण क अनसार खरपतवार को न न वग म वभािजत कया गया ह -

(अ) नरप खरपतवार (Absolute weeds)- इस वग क अ तगत व सभी खरपतवार आत ह जो उपज को कम कर दत ह इसम एक वष य ववष य व बह वष य सभी कार क खरपतवार सि म लत ह जस - क णनील मोथ हरणखर दब घास गाजर

घास आ द (ब) साप खरपतवार (Relative weeds)- इस वग म फसल क व पौध िजनक कसान

खत म बवाई नह करता ह तथा व वतः ह उग जात ह साप खरपतवार कहलात ह जस गह क खत म चना सरस मटर का पौधा उग जाय तो इस साप खरपतवार कहत ह यह सम या अश बीज क बवाई स उ प न होती ह

(स) नकचल अथवा अनकार खरपतवार (Mimicry weeds)- य खरपतवार अपनी बा य आका रक म फसल क पौध स इतना अ धक मलत जलत ह क इ ह फसल क पौध

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स अलग पहचान कर पाना भी क ठन होता ह इस लए इ ह नकलची खरपतवार कहत ह जस - गह क फसल म गह सा (ग ल डडा)

(द) वशष स म जलवाय क खरपतवार (Special microclimatic weeds)- कछ खरपतवार को वशष जलवाय प रि थ तय क आव यकता व व वकास क लए होती ह जस कासनी खरपतवार ठ डी व नम जलवाय म अपनी व करता ह ऐसी जलवाय इस रजका या बरसीम क खत म मलती ह इस कारण कासनी खरपतवार क बीज रजका या बरसीम क बीज क साथ ह पकत ह फसल कटाई क समय कासनी क बीज फसल क बीज म मल जात ह

(य) अवा छत खरपतवार (Rogue weeds)- जब फसल क अ य जा त का पौधा बना बोय खत म उग जाता ह तो उस आव छत खरपतवार कहत ह जस- गह क सोना लका क म म लोक-1 क पौध बना बोय उग जाय तो लोक-1 क म का पौधा अवा छत खरपतवार कहलाएगा ऐस अवा छत क म क पौध को उखाड़न क या रो गग कहलाती ह श बीज उ पादन हत रो गग आव यक ह

4 पि तय क बनावट क आधार पर वग करण- इस आधार पर खरपतवार को दो भाग म वग कत कया जाता ह

(अ) चड़ी प ती वाल खरपतवार (Broad leaved weeds)- इस णी क खरपतवार क पि तया चड़ी होती ह इसम एकवष य ववष य व बह वष य सभी चड़ी प ती वाल खरपतवार सि म लत ह जस - बथआ क णनील हरणखर बायसर मकोय जगल चलई अमरबल ल टाना कमरा (जरायन) धतरा स यानाशी आ द

(ब) सकर प ती वाल खरपतवार (Narrow leaved weeds)- इस वग क खरपतवार क पि तया सकर होती ह इसम सभी सकर प ती वाल एकवष य ववष य व बह वष य खरपतवार सि म लत ह जस - मोथा दब घास कास याजी आ द

5 मदा व जलवाय क आधार पर वग करण - इस णी म वशष भ म व जलवाय क ि थ तय म उगन वाल खरपतवार आत ह इ ह तीन उपवग म वग कत कया जाता ह

(अ) जलम न भ मय क खरपतवार (Weeds of waterlogged soils)- य खरपतवार ऐस म पाय जात ह जहा पर अ धकतर समय पानी भरा रहता ह जस - न दय तालाब नहर व नचल खत म जहा पानी भरा रहता ह पाय जात ह य खरपतवार पानी म डब रहत ह या उनका कछ भाग पानी क सतह पर नकला रहता ह उदारणाथ - जलक भी जगल धान आ द

(ब) श क क खरपतवार (Dryland weeds)- य खरपतवार जल क कमी वाल म पाय जात ह इन खरपतवार क जड़ गहर पि तया कम व मोट तन पर काट पाय जात ह िजसक वजह स य कम पानी म भी आसानी स व करत ह जस - झड़बर नागफल जवासा बायसर आ द

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(स) क ष क खरपतवार (Weeds of cultivated lands)- इस वग म व सभी खरपतवार सि म लत ह जो फसल क साथ उगकर उनक उपज काफ कम कर दत ह जस - बथआ याजी क णनील हरणखर जगल चलई आ द

(द) अक षत क खरपतवार (Weeds of non cultivated lands)- इस वग म व खरपतवार सि म लत ह जो सड़क रलमाग गोदाम एव औ यो गक म उगत ह जस - ल टाना कमरा कास गाजर घास आ द

6 जनन व धय क आधार पर खरपतवार का वग करण- (अ) बीज स उ प न होन वाल खरपतवार- इसम व सभी एक वष य ववष य व बह वष य

खरपतवार आत ह िजनका जनन कवल बीज वारा ह होता ह अगर इनको बीज बनन स पहल ह न ट कर दया जाय तो य पौध वान प तक भाग वारा व नह कर सकत उदाहरणाथ - याजी क णनील स यानाशी जगल गाजर आ द

(ब) वान प तक भाग स उ प न होन वाल खरपतवार- इस वग क खरपतवार वान प तक भाग वारा ह जनन करत ह य खरपतवार अपनी भ मगत जड़ो तन राइजोम ब ब क द पि तय वारा व व जनन करत ह जस - हरणखर जड़ो वारा दब घास सकस वारा कास राइजोम एव मोथा राइजोम क वारा इ या द

(स) बीज व वान प तक भाग वारा पदा होन वाल खरपतवार- इस वग क खरपतवार बीज व वान प तक अगो स अपनी उ पि त करत ह अ धकतर बह वष य खरपतवार इसम आत ह जस - कास मोथा दबघास आ द इस वग क खरपतवार को न ट कर पाना अ य त क ठन ह अगर इ ह बीज बनन स रोक भी दया जाव तो इनक व वान प तक भाग वारा होती रहती ह बीज भी बह त अ धक स या म बनत ह

7 थान वशष पर बह लता क आधार पर- (क) ओ ल गट खरपतवार (Obligate Weeds) -इस कार क खरपतवार कवल मन य एव उनक क ष काय क साथ ह उगत ह यह कभी-भी जगल प म नह पाय जात ह जस बथआ व क णनील आ द (ख) फकलटट व खरपतवार (Facultative Weeds)-इस कार क खरपतवार दोन प म क ष काय क साथ व जगल प म उगत ह जस स यानाशी व बड़ी दधी आ द

8 परपोषी पर नभरता क आधार पर- (क) स पण जड़ परपो षत खरपतवार (Total root parasiteholo root parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क जड़ स लत ह जस ओरोबक बादाआ या (ख) स पण तना परपो षत खरपतवार (Total stem parasiteholo stem parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क तन स लत ह जस अमरबल

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(ग) अ ध जड़ परपो षत खरपतवार (Semi root parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क जड़ क साथ-साथ तन स भी लत ह जस खड़ी ाइगा

(द) अ ध तना परपो षत खरपतवार (Semi stem parasite Weeds)-इस कार क खरपतवार अपना स पण भोजन पौध क तन क साथ-साथ जड़ स भी लत ह जस लोर थसबड वाइन

28 फसल क मख खरपतवार (अ) खर फ क फसल-

1 धान- सावा क दो मोथा जगल धान बानरा सफद मग (सरल ) भगरा व कनकदा आ द

2 म का- ग बा हजारदाना ह लह ल चलाई दब घास मोथा ब न नया आ द 3 वार एव बाजरा- ग बा हजारदाना ह लह ल चलाई दब घास मोथा ब न नया

आ द 4 सोयाबीन म ग व उड़द- ग बा हजारदाना ह लह ल मकोय जगल जट चलाई सफद

मग (सरल ) दब घास मोथा ब न नया आ द (ब) रबी क फसलः-

1 गह एव जौ- बथआ क णनील चटर -मटर गगला मनमना हरनखर सोया सजी याजी मड़ सी या गह सा (फल रस माइनर) कट ल जगल जई मौथा व दबाघास आ द

2 चना मटर एव मसर- बथआ क णनील चटर -मटर गगला आल सरस हरनखर गजर सजी याजी कट ल मौथा व दबाघास आ द

3 बरसीम- कासनी क णनील कट ल मौथा व दबाघास आ द 4 त बाक- ओरोबक (भईफोड़) सजी हरनखर मौथा व दबाघास आ द 5 ग ना- अ धकतर सभी खर फ तथा रबी क उपरो त खरपतवार ग न क फसल म उगत

29 खर फ क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान

स खरपतवार का नाम

वान प तक नाम पहचान

1 लटजीरा चर चटा एकाइरथस ए परा

बह वष य 1 मीटर ऊचाई तना कठोर पि तया वपर त म म फल हरापन लय ह ए सफद रग क होत ह

2 जगल चलई अमरथस चड़ी प ती पि तया 5 समी आकार क फल

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वर डस ह क पील रग क बीज मह न काल चमक ल जनन बीज वारा

3 काटदार चलाई अमरथस पाइनोसस

चड़ी पि तया अ धकतर बजर भ मय म तना सीधा काटदार झाड़ी प म पि तया 10 रोगी आकार जनन बीज वारा

4 दधी (बड़ी दधी व छोट दधी)

यफो बया हरटा व यफो बया माइ ो फला

इनक तन को तोड़न पर दध जसा ाव रसता ह छोट दधी क पि तया छोट व पास-पास होना बड़ी दधी क पि तया इसस कछ बड़ी होती ह

5 हजारदाना फाइलथस न र एक वष य लगभग 30 समी ऊचाई शाखय तन क आधार स नकलना ह िजन पर इमल जसी पि तया आती ह

6 ह ल-ह ल ि लओम व कोसा

वा षक सीधा बढ़न वाला पाचप ती प एक जगह जड़ होना फल पील रग क बीज भरापन लय काल रग क चड़ी प ती वाला खरपतवार

7 बसखपरा बोरह बया ड यजा

एक वष य प थरच ा स मलता जलता चड़ी प ती गलाबी रग क फल वाला जनन कवल बीज वारा

8 मोथा साइ स रोट डस बह वष य सकर प ती वाला जड़ म नट पाय जात ह बीज व नट वारा

9 गाजर घास पाथ नयम ह टरोफोरस

एक वष य 1 स 15 मी ऊचाई यक फसल म बजर भ मय म होन वाला इस समय का सवा धक खतरनाक ढग स फल रहा खरपतवार ह छन पर एलज खजल व चमरोग का हो जाना गाजर जसी पि तया सफद रग क फल िजनम पाथ नन नामक वषला वष पाया जाता ह

10 दब-घास साइनोडोन ड ट लोन

बह वष य खरपतवार सकर पि तया खर फ क सभी फसल म पाया जान वाला गाठ स जड़ नकल कर तजी स फलता ह

11 कास सकरम पो ट नयम

बह वष य सकर पि तया सभी फसल को हा न पह चाती ह इसक जड़ स 20 समी गहराई तक जाल बन जाता ह तथा ऊपर स तन नकलत ह सारण बीज व जड़ स होता ह

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12 अमरबल क कटा र ल सा

परजीवी बल झा डय पर फलता ह रजका का परा यी खरपतवार ह अमरबल क तन पील रसदार उपय त परा यी मलन पर इसक ल बाई 2 कमी तक हो सकती ह सारण बीज वारा व बल वारा

13 ाइगा ाइगा पीसीज वा षक शाक य परा यी सारण बीज वारा बाजरा वार म का व ग ना आ द परपोषी पौध ह इनक जड़ स नकलन वाल वशष ट मलट म टाordfइगा क बीज अक रत हो जात ह

210 रबी क फसल म पाय जान वाल म य खरपतवार क पहचान

स खरपतवार का नाम वान प तक

नाम पहचान

1 क णनील एनाग लस आरव सस

चड़ी प ती वाल थोड़ा फलन वाल शाक य तन छोट चमक ल नील फल सारण बीज वारा

2 स यानाशी आरजीमोन मि सकाना

चड़ी प ती वाल पौध क ऊचाई 60 स 90 समी फल व फल पर काट तन स पीला रस नकलता ह बीज दखन म सरस जसा व सारण बीज वारा

3 याजी ए फो डलस ट यफो लयस

एक वष य सकर पतल रशदार याज जसी पि तया

4 बथआ चनोपो डयम ए बम

एक वष य चड़ी प ती फल व फल जनवर म 2-3 समी आकार क चकनी पि तया स जी बनान म उपयोगी

5 जगल जई ए वना फतआ

एक वष य औसतन 6000 बीज त पौधा गह जौ जई स मलता जलता नकचल खरपतवार

6 खरबथआ चनोपो डयम मरल

वा षक पि तया अ धक चड़ी हर प प हर ग छ म लगत ह सारण बीज वारा

7 हरणखर को वो वलस आव सस

पर वष रहन वाला बह वष य पि तया हरण क खर क समान बल क प म जड़ 20 फट स भी अ धक गहर होती ह जनन बीज व जड़ वारा

8 चटर -मटर लथाइरस अफाका

तना कमजोर आधार स ट स नकलत ह िजनक सहार यह अ य पौध क तन स

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लप कर ऊपर चढ़ता ह फल पील रग क सारण बीज वारा

9 सफद सजी म ललो स ए बा

एक वष य चड़ी प ती फल सफद रग क जनन बीज वारा चार क लए उपयोगी

10 पील सजी म ललो स इ डका

एक वष य चड़ी प ती फल पील रग क जनन बीज वारा चार म उपयोगी

11 गह का मामाग ल डडागह सामडसी

फल रस माइनर गह व जौ क फसल क पौध स मलता- जलता नकलची खरपतवार ह इसक नीच क गाठ ह क लाल रग क होती ह बा लया 3-6 समी ल बी बीज काल व अ डाकार तथा सारण बीज वारा

12 बगनी कटल सोलनम जथोकारपम

तन स त भ म पर फलकर चलन वाल तन पर ह क पील रग क काट पि तया 5 स 10 समी ल बी पि तय पर भी काट फल बगनी रग क जनन बीज वारा

13 आ याबादाऔरोबक औरोबक एिजि टयाना

त बाक टमाटर सरस म होन वाला जड़ का स पण परा यी भर रग का खरपतवार ह िजसक ऊचाई 30 समी सारण बीज वारा

14 जगल गोभी लॉ नया ए ल नफो लया

यह एक ववष य खरपतवार ह तन ल ब कमजोर पि तया फल ह ई पि तय क कनार कट-फट ह ए सारण बीज वारा

211 साराश खरपतवार क अ छ तरह स पहचानकर जस पौध क वशषताए एव वभाव साप

ि थ त पौध क उगन का समय उनक जीवन च बीज प खरपतवार-फसल स ब ध पि तय क बनावट मदा व जलवाय जनन व धय थान वशष पर बह लता परपोषी पर नभरता एव फसल क साथ उगन क आधार पर करक उ चत व धया अपनाकर आ थक ि ट पर नय ाण कर सकत ह

212 बह चयना मक न 1 बथआ क एक पौध म बीज क स या लगभग कतनी पाई जाती ह (अ) 50000 (ब) 100000 (स) 72000 (द) 90000 2 न न म स कस खरपतवार क बीज सरस क बीज स आकार व आक त म मलत

जलत ह (अ) बथआ (ब) मोथा (स) स यानाशी (द) मकोय

26

3 न न म स गह क फसल का म य खरपतवार ह - (अ) क णनील (ब) ग ल ड़ ड़ा (स) जगल चलाई (द) इनम स कोई नह 4 सरस क तल म दगध कस खरपतवार क बीज मल होन स होती ह (अ) फल रस

माइनर (ब) स यानाशी (स) कटल (द) गोख

5 खरपतवार क ारा औसतन कतना तशत नकसान होता ह (अ) 25 (ब) 50 (स) 15 (द) 37 बह चयना मक न क उ तर

1 (स) 2 (स) 3 (ब) 4 (ब) 5 (द)

213 दभ थ 1 Gupta OP 1998 Modern Weed Management Agro Botanical

Publishers (India) pp 61-66 2 Gupta OP 1993 Weed Management Principles and Practices

Agro Botanical Publishers (India) 3 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 4 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 5 Rao VS 1994 Principles of Weed Science Oxford amp IBH

Publishing Co Pvt Ltd pp 333-373 6 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 7 Singh SS 1993 Crop Management under Lirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi

27

इकाई 3 फसल म खरपतवार नय ण

इकाई क परखा 30 उ य 31 तावना 32 खर फ क फसल म खरपतवार नय ण

321 धान 322 वार 323 बाजरा 324 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल 325 सोयाबीन 326 तर अथवा अरहर 327 म ग और उड़द 328 तल या अलसी या राम तल 329 कपास 3210 जट 3211 चार क फसल म खरपतवार नय ण

33 रबी क फसल म खरपतवार नय ण 331 गह 332 जौ 333 चना 334 मसर 335 मटर 336 तो रया और सरस 337 अलसी या तीसी 338 सरजमखी 339 जई 3310 लसन या रजका 3311 त बाक

34 साराश 35 अ यास न 36 सदभ साम ी

28

30 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो जाएग क फसल क म य खरपतवार जान पाएग खरपतवार नय ण करन का सह समय खरपतवार नाषक का सह मा ा एवम डालन का सह समय

31 तावना फसल क पदावार म वषष क ट पतग पश व पादप या धया प स खरपतवार अ धक हा न पह चाती ह यह अनमान लगाया गया ह क खरपतवार वारा पदावार म क गई कमी अ य उपय त तीन कारक वारा पदावार म क गई कमी क तलना म अ धक होती ह खरपतवार व भ न प म हा नकारक होत ह खरपतवार को य द सह समय पर नय त ना कया जाऐ तो य फसल उ पादन को काफ भा वत कर सकत ह

32 खर फ क फसल म खरपतवार नय ण

321 धान

खरपतवार क सम या ायः ऊची भ मय म अ धक होती ह धान क खती िजन म ऊची मदाओ म करत ह वहा पर अवसर मलन पर 20-25 दन बाद एक नराई-गड़ाई खप क सहायता स कर दत ह वस बल वारा चा लत य हरो जापानी हो आ द का योग भी कर सकत ह दसर नराई क आव यकता पड़न पर रोपाई क 40-45 दन बाद करत ह लहय त धान क फसल (रो पत फसल) म खरपतवार क वशष सम या नह होती धान रोपण क समय जो खरपतवार खत म उग होत ह नचल मदाओ म जहा पानी भरा रहता ह हाथ स खरपतवार उखाड़त ह तथा छोट य वारा जस जापानी राइस वीडर ह सया या खप क सहायता स खरपतवार नकालत ह जपानी राइस वीडर नय ण रोपण क 25-30 दन बाद होता ह नीची भ मय म भ म जलम न करक खरपतवार नय ण रखत ह धान म अकरण पव खरपतवार नय ण

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल

ा)

1 ऑ जाडायिजल (रा ट टॉप टार)

36 600 बोनी क बाद 0-3 दन म

य सकर प ती वाल (जस सॉवा चहका नरजवा) और कछ चड़ी प ती वाल (जस चनच नया व

29

मच बन पर नय ण करता ह

अथवा 2 पाइराजोस फरन ईथाइल (साथी 10 तशत ड य पी)

10 80 बोनी क बाद 0-5 दन क बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस चनच नया जलक भी ल गघास कौआकनी तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-600

800-1200

बोनी क बाद 6-7 दन क बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 ी टला लोर ( र फट ए कोर 50 तशत ईसी)

200-300

400-600

बोनी क बाद 0-3 दन क अ दर

य सकर प ती वाल (जस सॉवा मोथा छतर वाला मोथा ब दरप छया और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा जलक भी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 पि ड म थ लग ( टॉ पप ड टार ास आ द)

400 1300-1350

बोनी क बाद 6-7 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा ब दरप छया सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई तप तया आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 6 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

200-300

800-1200

ी और पो ट इमरजस

य सकर एव चड़ी प ती वाल अनक खरपतवार पर नय ण करता ह

30

अथवा 7 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन ओ सीगो ड 235 तशत ईसी)

60-100

240-400

बोनी क बाद 0-6 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा आलबन आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

धान म अकरण प चात खरपतवार नय ण चड़ी प तीवाल खरपतवार

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

60 50 ाम बोनी क बाद 0-3 दन क अ दर

य सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दरप छया अगरब ती बन आ द और कछ चड़ी प ती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 लो रमरोन 10 तशत +

मटास फरोन मथाइल 10 (आल म स)

16 8 बोनी क 15-20 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती आ द व सकर प तीवाल जस छतर वाला मोथा मा था नरजवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 3 24 - डी( ीन वीड वीडमार नौकवीड) ताफा सड अरबी ओ स को बी

200-336 200-300

250-400 340-620

बोनी क 20-25 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी

31

रगरडन - 48 1 सो डयम सा ट

80 तशत 2 एमाइन सा ट

58 तशत 3 इथाइल इ टर

36 तशत

180-300

528-880

बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

सकर प तीवाल खरपतवार 1साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप)

28-36 300-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

24-28 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

सभी कार क नीदा नय ण 1 बसपाय रबक सो डयम (नो मनी गो ड) 10 तशत एससी

10 100 बोनी क 20 दन बाद

य मोथा नरजवा बदरप छया जलक भी ल ग घास जगल मच भगरा सावा बदौर आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

28-36 + 60

400 + 50 ा

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दप छया अगरब ती बन आ द और चड़ी पतती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

32

3 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + लो रमरोन 10 तशत +

मटास फयरोन मथाइल 10 (आल म स)

28-36 + 16

400 + 80

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बल दा चार प ती आ द व व सकर प ती वाल जस छतर वाला मौथा मौथा नरजवा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 साइहलोफॉप यटाइल ( ल चर रपअप) + 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट

80 तशत 2 एमाइन सा ट

58 तशत 3 इथाइल इ टर

38 तशत

28-36 + 16 200-336 200-300 180-300

400 + 80 250-400 340-620 528-880

बोनी क 15-20 दन बाद बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना एव य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

अथवा 5 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

+ इथॉ सीस फरॉन (सनराइज 15 ड यडीजी)

24-28 + 60

320-400 + 50 ा

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य सकर प ती वाल जस नरजवा मौथा ब दप छया अगरब ती बन आ द और चड़ी पतती वाल जस चनच नया मच बन कौआकनी जलक भी आलबन भगरा आ द

33

खरपतवार पर नय ण करता ह अथवा 6 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

+ लो रमरोन 10 तशत +

मटास फयरोन मथाइल 10 (आल म स)

24-28 + 16

320-400 + 8

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य चड़ी प ती वाल जस जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बल दा चार प ती आ द व व सकर प ती वाल जस छतर वाला मौथा मौथा नरजवा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 7 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर) + 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट 80 तशत

2 एमाइन सा ट 58 तशत

3 इथाइल इ टर 38 तशत

24-28 + 200-336 200-300 180-300

320-400 + 250-400 340-620 528-880

बोनी क 20-25 दन बाद + बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ह एव य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

322 वार

खरपतवार का कोप सदव फसल क ारि भक अव था म ह होता ह वषा ऋत म उगन वाल सभी खरपतवार इस फसल म भी उगत ह फसल क 2-3 नराई-गडाई कर दनी चा हए गड़ाई 4-5 समी सअ धक गहर न हो अ यथा फसल क जड़ को हा न पह चन का डर रहता ह छोट म नराई खरपी स व बड़ म य क सहायता स कर सकत ह

34

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन

का समय रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 एल लोर (लासो)

200-300

400-600

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती एव सकर प ती वाल खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 24 - डी ( ीन वीड महान वीडमार आ द) 1 एमाइन सा ट 58 तशत

2 इथाइल इ टर 38 तशत

720 400

1200

1176

बोनी क प चात 30-40 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

323 बाजरा

फसल क ारि भक अव था म खरपतवार का कोप अ धक रहता ह अतः खत म 1-2 नराई खप या क ट वटर स 4-5 समी गहर कर दनी चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

35

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 एल लोर (अ ाटाफ धानसाइन)

100-200

200-400 बोनी क 0-3 दन बाद

य कई सकर प ती एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 24 - डी ( ीन वीड महान वीडमार आ द) 1 एमाइन सा ट 58 तशत

2 इथाइल इ टर 38 तशत 3 सो डयम सा ट

1400 480-720 800-1040

2400 1400-210 1000-1300

बोनी क प चात 30-40 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था जलक भी आलबन तप तया पील फल वाल बट भगरा कौआकनी बलोदा चार प ती नरजवा र सी बन मच गोख ल ग घास आ द आ द खरपतावार को नय ण करता ह दवाई डालन क पहल पानी नकाल ल और जहा ज रत ह वहा कछ दन बाद पानी डाल द

324 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल

नराई-गड़ाई - बीज बोन क 15 दन बाद ह खत क पहल बार नराई-गड़ाई क जाती ह पि तय म फसल बोन पर नराई-गड़ाई हल या हर वारा क जाती ह कल मलाकर 2-3 नराई-गड़ाई पया त होता ह

36

325 सोयाबीन

फसल कर ारि भक अव था म 30-40 दन तक सोयाबीन क पौध खरपतवार का मकाबला नह कर पात अतः इस समय म नराई-गड़ाई या रासाय नक व ध स खरपतवार का नय ण बह त आव यक हबाद म फसल वय खरपतवार को नय त कर सकती ह

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 एल लोर (लासो)

600-800

1200-1600

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 म बिजन (स कर ल सॉन ब रयर)

140-210

200-300

बोनी क 0-3 दन तक क बाद

य चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 फनो सो ोप ( ह प-सपर)

32-40 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 ि वजालोफॉस इथाइल (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 20-25 दन

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर

37

बाद नय ण करता ह

अथवा 6 इमाझथापर (पर यट लगाम)

30 300 बोनी क 20-25 दन बाद या खरपतवार क 2-3 प ती क अव था पर

य सकर प ती वाल सावा एव चड़ी प ती वाल गोख लनक छोट एव बड़ी दधी गाजरघास चलाई जगल जट लसवा कौआकनी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 7 लो रमरान ( लोन ाच)

24-36 12-16 बोनी क 15-20 दन बाद

य चड़ी प ती वाल गोख लनक छोट एव बड़ी दधी गाजरघास चलाई जगल जट लसवा कौआकनी आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

326 तर अथवा अरहर

अरहर क अकल बोई गई फसल म 1-2 नराई खप स कर सकत ह पहल नराई बआई क 20-25 दन क बाद करनी चा हए म त फसल वार म का आ द काटन पर अरहर क लाइन क बीच lsquoहोrsquo या दशी हल स जताई करन पर फसल क उपज म व होती ह म त खती म खरपतवार का कोप कम हो जाता ह

327 म ग और उड़द

चार व हर खाद क फसल म नराई-गड़ाई अथवा खरपतवार नय ण क आव यकता नह होती दान वाल फसल क नराई बआई क 23-30 दन बाद आव यक ह दसर नराई बआई क 45 दन बाद तक आव यकतानसार करनी चा हए

म ग उड़द अरहर खरपतवारनाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

38

1 एल लोर (लासो)

800-1000

1600-2000

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा 2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

100 400 बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी एव सकर प ती वाल बह त स खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन)

40-50 160-200

बोनी क बाद 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा नरजवा आ द और चड़ी प ती वाल जस मच बट भगरा आलबन आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

39

328 तल या अलसी या राम तल

फसल बोन क 3-4 स ताह बाद नराई - गड़ाई करक खरपतवार का नय ण करत ह पौध क ऊचाई 7-8 समी होत ह (बोन क 15-20 दन बाद) पौध क छटाई कर दत ह अलसी तलराम तल

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

नी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार) 200 800 बोनी

क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

329 कपास

पौध क ऊचाई 8-10 समी होन पर पहल नराई-गड़ाई करत ह आव यकता पड़न पर 1-2 नराई गड़ाई फल आन तक करत ह पि तय क बीच अ तरण अ धक रखन पर बल स चलन वाल य वारा भी नकाई - गड़ाई कर दत ह बआई क 20-25 दन बाद पौध क छटाई करक ऐि छत अनतरण रख लया जाता ह

खरपतवार नाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

40

1 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-500

800-1200

बोनी क बाद 3-4 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

2 ऑ जाडाइजोन (रोन टार)

200-300

400-600

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास तीनप तया आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

4 लफो सनट ( लबट ब ता)

180 400 अकरण प चात

जब कपास 15 समी क ऊचाई पर हो तब इसका योग नोजल म गाड लगाकर कर ता क दवाई कपास क पौध पर ना पड़ जब हवा नह चल रह हो तब इसका योग कर

5 लाइफोसट (राउड-अप लाइसल)

5 लाइफोसट (राउड-अप लाइसल)

400 1000

अकरण प चात

जब कपास 15 समी क ऊचाई पर हो तब इसका योग नोजल म गाड लगाकर कर ता क दवाई कपास क पौध पर ना पड़ जब हवा नह चल रह हो तब इसका योग कर

6 जॉय र थओबक 30 3अकरण प चात

य चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

41

सो डयम (थीम 10 ईसी) 00

3210 जट

फसल बोन क बाद जब पोध 8-10 समी क हो जाए तो खत म खप या बल वारा चलन वाल य स नराई-गड़ाई कर दनी चा हए छटकवा व ध स कवल खप स ह नराई स भव ह आव यकतानसार नकाई-गड़ाई 2-3 बार करत ह पहल नकाई - गड़ाई क समय ह पौध क छटाई भी क जा सकती ह दसर व तीसर नकाई 15-15 दन क अ तर पर समयानसार करत ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 2 फनोकसा ोप-पी-इथाइल ( वप सपर ज पटर यमा सपर)

24-28 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस सॉवा वॉक सोमना आ द खरपतवार पर नय ण करता ळ

अथवा 3 ि वजालोफॉस इथाइल (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 20-25 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

42

3211 चार क फसल म खरपतवार नय ण

1 अ धकतर फसल म खरपतवार नय ण क आव यकता नह होती अगर आव यता पड़ तो म का वार व मकचर म बआई पव 15 क ा एटाजीन 1000 ल टर पानी म घोलक त ह टयर छड़काव भ म म मलाए दलहन व अ य फसल म बोन स पव बसाल न 1

क ा +1000 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर भ म म भल भा त मलाए

2 वार म का बाजरा सडान घास चार क प म उगान क लए 01 तशत का ए ाजीन (ए ाटाफ) का800 ल टर घोल बआई क तर त बाद (अकरण स पहल) नम सतह पर छड़क अगर भ म क सतह नम न हो तो ह क सचाई कर

3 लो बया म खरपतवार नय ण क लए बआई स पव 01 तशत बसा लन या 02 तशत नाइ ोजन (ट ई 25) या एला लोर (लासो) बरसीम म एमपीबी 01 तशत का घोल जई म 05 तशत का 2 4 - डी का घोल 800-1000 ल टर त ह टयर छडक

4 लसन म अमरबल क अकरण करन पर 05 तशत का सीआईपी या कब 01 तशत का घोल भा वत म छड़क लसन म डाइयरान का 02 तशत घोल (अमर बल को छोड़कर) अ धकतर वा षक खरपतवार को न ट करता ह इसको छड़ककर फसल क पहल कटाई तक खत म पश न चराए

33 रबी क फसल म खरपतवार नय ण

331 गह

मदा म वाय सचार मदा नमी क सर ण व खरपतवार नय ण क उ य स नकाई गडाई क जाती ह नराई गड़ाई खरप या हड हो क वारा करत ह इसस मदा भरभर बनती ह तथा यात अ धक होता ह पहल नराई पहल सचाई क बाद उपय त मदा अव था पर व दसर नराई-गडाई दसर सचाई क बाद करत ह बाद क नराई गड़ाई करन म यात क कटन का भय रहता ह गह म चड़ी प ती वाल म य खरपतवार - बथआ क णनील हरनखर सजी चटर मटर गगला मनमना जगल गाजर आ द व सकर (तग) प ती वाल मख खरपतवार गह सा (मडसी या बलर या ग ल ड डा व जगल जई आ द ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा डालन का

समय

रमाक स य

त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द)

1300-400

1000-1200

बोनी क 0-3 दन

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर

43

पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

26460 700 बाद ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा गह का मामा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 कारफ ा जोन 40 डीएफ (ए फनीट )

8 20 बोनी क 25-30 दन बाद

चड़ी प ती वाल जस हरणखर क णनील आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

3 मटस फरोन मथाइल (ऑल प मटसी मोटो)

16 8-12 बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढकनासजी क णनील आ द पर नय ण करता ह

अथवा 4 लो डनाफोप (टो पक झटाका)

241 60 बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 5 म यिजन (स कॉर टाटा म )

70-84 100-120 बोनी क 30-35 दन बाद

य सकर प ती वाल खरपतवार जस गह का मामा व च नदा चड़ी प ती वाल जस खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

6 फनो सा ोप - पी- (पमा सपरि हप सपर)

40-48 400-800 बोनी क 4-6 स ताह बाद

य सकर प ती वाल जस गह कामामा जगल जई सावा आ द पर नय ण करता ह य चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय ण करता ह इस सबह क समय (जब ओस होती ह) योग ना करय गह और राई

44

कअतरवत य खती क लय उपय त ह

अथवा 7 आइसो ो यरोन 300-400 400-500

(75 ड यपी 600-800 50 ड यपी)

बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह इस पहल पानी दन क बाद उपयोग कर

अथवा 8 स फोस फरोन (ल डरसफल फतहएसएफ -10) बीटो

10 132 बोनी क 25-30 दन तक

य सकर प ती वाल (जस गह सा) एवम कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार जस जगल पालक बथआ सजी क णनील आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 9 पनो साडन 5 ईसी (ऐि सअल)

16-20 320-400 बोनी क 25-30 दन तक

य सकर प ती वाल खरपतवार (जस गह का मामा एव जगल जई पर नय ण करता ह

अथवा 10 24 - डी ( ीन वीड वीडमार नौकवीड ताफा सड अरबी ओ स को बीरगरडन-48) 1 सो डयम सा ट 80 तशत

2 एमाइन सा ट 58 तशत

3 इथाइल इ टर

200-336 200-300 180-300

250-400 340-620 528-880

बोनी क 25-30 दन बाद

य चड़ी प ती वाल जस म था क णनील जगल पालक ढकना गाजरघास महकवा बथआ हरनखर चनौर सजी आ द खरपतावार को नय ण करता ह

45

38 तशत अथवा 8 स फोस फरोन 75 तशत +

मटास फरोन 5 तशत ड यजी

(टोटल टोपल बकट वन)

128 16 बोनी कबाद

य चड़ी प ती वाल (जस बथआ और सजी) एवम सकर प ती वाल जस गह का मामा पर नय ण करता ह

अथवा 12 मीसोस फरोन 3 तशत +

आइडोस फरोन मथाइल सो डयम 06 तशत ड यडीजी

(ऐटला टक)

48+096 160 बोनी क 25-30 दन बाद

य सकर प ती वाल व चड़ी प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह जस बथआ सजी जगल पालक)

332 जौ

खरपतवार क व अगर अ धक दखाई पड़ तो एक नराई कर सकत ह गह क भा त रसायन क वारा जौ क फसल म खरपतवार का नय ण कया जा सकत ह गह क भा त रसायन क वारा जौ क फसल म खरपतवार का नय ण कया जा सकता ह 24 - डी क 050 क ा

स य मा ा 600-800 ल टर पानी म घोलकर बोन क 30-35 दन बाद छड़कन स चड़ी प ती वाल खरपतवार न ट कए जा सकत ह जगल जई क नय ण क लए एवाड स 1 क ा मा ा बआई पव या डोसान स 10 क ा बआई क एक माह बाद 1000 ल म घोलकर त ह टयर योग कर

333 चना

बोन क 30-35 दन बाद पहल नराई गड़ाई खरपतवार नय ण क उ य स बह त ह आव यक ह खरपतवार का नय ण रासाय नक व ध स भी कया जा सकता ह 12 क ा बसा लन स य अवयव को 800 स 1000 ल टर पानी म घोलकर बोन स पहल खत म छड़कर अ छ कार क नम म ी म मला दना चा हए

334 मसर

खरपतवार नय ण क लए फसल बोन क 30-35 दन क बीच एक दो नराई गड़ाई क जाती ह छटकवा व ध स बोई गई फसल म नराई खप स व पि तय म बोई गई फसल म नराई गड़ाई हो क सहायता स भी कर सकत ह

46

रासाय नक व ध स खरपतवार नय ण करन क लए य लोर लन (बसाल न) 1 क ा (स य अवयव) 800-1000 ल पानी म घोलकर त ह टयर क दर स बोआई स पहल खत म छड़ककर नम म ी म अ छ कार स हरो या क ट वटर क सहायता स मला लनी चा हए

चना मसर खरपतवारनाशक त एकड़ डालन

क मा ा डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा गह का मामा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

335 मटर

फसल बोन क 35-40 दन तक फसल को खरपतवार स बचाना आव यक ह आव यकतानसार एक या दो नराई बोन क 30-35 दन बाद करनी आव यक ह रासाय नक व ध स खरपतवार नय ण करन क लए 1 क ा य लोर लन (बसाल न) का 800-1000 ल पानी म घोल बनाकर फसल अकरण स पहल एक ह टयर म छड़ककर नम म ी म 4-5 समी गहर तक हरो या या क ट वटर क सहायता स मला दना चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

47

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 म बिजन (स कर) 100 140 बोनी

क 0-3बाद

य बौनी क 15-20 दन बादय चड़ी प ती वाल व सकर प ती वाल खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 ऑ सी लरफन (गोल जारगोन)

40-50 160-200

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा मोथा व चड़ी प ती वाल जस भागरा खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 यजलोफोप (टरगा - सपर)

16-20 320-400

बोनी क 15-20 दन बाद

य सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

336 तो रया और सरस

नराई गडाई एव खरपतवार नय ण - फसल क ारि भक अव था म खरपतवार नय ण आव यक ह श फसल म 1-2 नराई गड़ाई आव यकतानसार करत ह म त फसल म म य फसल क साथ-साथ इसक नराई गड़ाई हो जाती ह पहल नराई गड़ाई हो जाती ह पहल

48

नराई फसल क पौध 15-20 समी क ऊचाई होन पर करनी चा हए इसी समय पौध क छटाईकरक पौध क आपस क बीच क दर 10-15 समी कर दनी चा हए

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200

700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा 2 आइसो ोटयरोन (आइसोगाड)

300-400

400-500 (75 ड यपी) 600-800 (50 ड यपी)

बोनी क पहल या अकरण क तर त बाद

य सकर प ती क खरपतवार (गह सा) को नय त करता ह

अथवा 3 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार)

200 800 बोनी क पहल या अकरण क तर त बाद

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

अथवा

4 यजलोफॉप (टरगा - सपर)

16-20 320-400 बोनी क 15-20 दन बा

दय सकर प ती वाल (जस सॉवा दब कासी ब ) खरपतवार पर नय ण करता ह

49

337 अलसी या तीसी

बोन क 30-35 दन बाद पहल नराई गड़ाई क जाती ह इसी समय पि तय म पौध क छटाई करक पौध क बीच का फासला 5-7 समी कर दत ह फसल को खरपतवार स म त करन क लए आव यकतानसार 20-25 दन बाद दसर नराई खप क सहायता स कर सकत ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

समय

रमाक

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

1 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य चड़ी प ती वाल खरपतवार जस छोट दधी जगल चलाई चनीयार बथआ चनौर ढतना सजी क णनील आ द और सकर प ती वाल खरपतवार सॉवा आ द पर नय ण करता ह

अथवा

2 ऑ जाडाइजॉन (रोन टार) 200 800 बोनी क 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल व कछ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करता ह

338 सरजमखी

बोआई क 10-12 दन बाद घन उग ह ए पौध को उखाड़ दना चा हए ता क कतार म पौध क बीच क दर 20 समी रह जाए खरपतवार क रोकथाम करना भी ज र ह खर फ क फसल म दो बार और रबी तथा बस त ऋत क फसल मएक बार नराई गड़ाई ज र कर दनी चा हए नकाल गए पौध खाल थान पर रोप जा सकत ह पहल दो मह न म 1-2 बार नराई गड़ाई आव यक ह

खरपतवारनाशक त एकड़ डालन क मा ा

डालन का

रमाक

50

स य त व ( ाम)

सरचना ( मल ा)

समय

1 एल लोर (लासो)

400-600

800-1200

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार को नय ण करता ह

अथवा

2 पि डमथा लन 30 ईसी ( टॉप ॉस प ड टार आ द) पि डमथा लन 378 सीएस ( टॉ प ए ा)

300-400 26460

1000-1200 700

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर प ती वाल जस सॉवा बदरप छया मोथा सीपी आ द और चड़ी प ती वाल जस लनक छोट दधी जगल चलाई आलबन ल गघास आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 3 यटा लोर (म चट तीर धान लोर डोन म स)

400-500

800-1000

बोनी क बाद 0-3 दन तक

य सकर प ती वाल जस सॉवा जगल कोद मोथा नरजवा आ द कछ कछ चड़ी प ती वाल जस भगरा आ द खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा 4 ऑ जाडाइजॉन

(रोन टार) 200-400

800-1600

बोनी क 0-3 दन बाद

य सकर एव चड़ी प ती क खरपतवार पर नय ण करता ह

अथवा

5 ऑ सी लरफन (गोल) 100 400 बोनी क बाद 0-3 दन तक

य सकर प ती एव चड़ी प ती क खरपतवार पर नय ण करता ह

51

339 जई

जई क चार वाल फसल म नराई गड़ाई क आव यकता नह होती ह य क फसल क व अ धक होन क कारण खरपतवार फसल म व नह कर पात अगर कछ खरपतवार फसल म उग आत ह तो फसल म 2 4-डी रसायन क अमाइन लवण क 05 क ा मा ा त ह टयर छड़ककर चड़ी प ती वाल खरपतवार न ट कर सकत ह

3310 लसन या रजका

साधारण लसन क एकवष य फसल म खरपतवार क सम या उ प न नह होती ह य क फसल छटकवा व ध स पया त घनी बोई जाती ह अतः खरपतवार व नह कर पात ह तथा बार-बार फसल क कटाई करन क कारण खरपतवार भी कटकर न ट हो जात ह बह वष य फसल म नराई गडाई करना आव यक होता ह तथा इन नराई गड़ाईय का म य उ य फसल क खरपतवार न ट करना ह बह वष य फसल म मड अ धक कड़ी हो जाती ह अतःजड़ क अ छ व मदा म वाय क अ छ आवागमन आ द उ य क लए मड क बीच नराई गड़ाई करत रहत ह नराई गड़ाई क स या खरपतवार क आ मण क सघनता पर नभर रहती ह जब फसल को खरपतवार दखाई द नराई गड़ाई क या करत रहना चा हए य द फसल म अमर बल का कोप हो जाए तो भा वत पौध को काटकर जला दना चा हए ब नामक दवाई क एक क ा मा ा 1000 ल टर पानी म घोलकर बआई क बाद अमर बल स भा वत म छड़क या सीआईपीसी 5 क ा 1000 ल पानी म धोलकर अमर बल क

अकरण क बाद छड़क नम भ म होना भी आव यक ह

3311 त बाक

रोपाई क बाद पहल 30-40 दन तक फसल को खरपतवार स म त रखन क लए नराई गड़ाई करत ह पहल नराई गड़ाई रोपाई क 10-15 दन बाद क जाती ह नराई गड़ाई खप या हड हो स करत ह नराई गड़ाई रोपाई क 10-15 दन बाद क जाती ह नराई गड़ाई म मदा नमी क सर ण व मदा वाय सचार बढ़ता ह कल मलाकर 2-3 नराई गड़ाई करत ह त बाक क फसल म ओरोब क (टोकरा या बलया) परजीवी पौधा खरपतवार क प म पाया जाता ह इस खरपतवार का रग सफदह का पीला या ह का बगनी होता ह िजन म कई वष तक लगातार त बाक उगाया जाता ह उन म यह खरपतवार अ धक फलता ह इसक नय ण क लए बीज बनान स पहल ह इस खत म उखाड़ दना चा हएपोध को इक ा करक जला दना चा हए 3-4 वष तक खत म त बाक न लगाए व मथाइल ोमाइड स खत क रोपाई स पहल उपचा रत करक एव खत क ग मय म गहर जताई कर डाई फन मड या पीएवी ( ट लाम) - 04 क ा रोपाई स पव 1000 ल पानी म मलाकर ह टयर छड़क तथा भ म म क ट वटर क सहायता स भल भा त मला द इन दवाइय स एकवष य घास कल क अ धकतर व चड़ी प ती वाल कछ खरपतवार न ट हो जाएग

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34 साराश खर फ क फसल म म यतः सॉवा मोथा बडी दधी छोट दधी चनच नया भगरा

जगल चलाई गोख आ द जस खरपतवार पाऐ जात ह िजनको समय रहत व भ न व धय वारा नय त कया जा सकता ह रबी क फसल म पाऐ जान वाल म य म य खरतवार ह

बथआ क णनील गह का गामा सजी आ द ह कसान क ि ट स खरपतवार दो कार क होत ह सकर प ती वाल खरपतवार एव चड़ी प ती वाल खरपतवार नाशक सफ चड़ी प ती वाल खरपतवार को नय त करत ह और कछ सफ सकर प ती वाल खरपतवार नाशक भी आन लग ह जो क दोन सकर भी आन लग ह जो क दोन सकर एवम चडी पि तय वाल खरपतवार क रोकथाम क लए योग करत समय इसक सह मा ा एव योग करन क सह तकनीक का ान होना अ त आव यक ह

35 अ यास न 1 धान म खरपतवार नय ण कस कया जाता ह 2 गह म कौन कौन स खरपतवार पाऐ जात ह उनक रोकथाम क लए योग म लाऐ

जान वाल खरपतवार नाशक एव उनक सह मा ा समझाइय 3 न न म स कौनसा सकर प ती वाला खरपतवार ह अ चलाई ब छोट दधी स सावा द चनच नया 4 न न म स कौनसी खरपतवार गह म य खरपतवार ह अ सावा ब गह का मामा स भगरा द हरणखर 5 न न म स कौनसा खरपतवार नाशक सकर एवम चड़ी पि तय वाल दोन को नय त

करना ह (अ) पि डमथा लन (ब) इमजाथाइपर

(स) दोन (द) इनम स कोई नह

36 सदभ साम ी 1 सह ए पी चौधर तापस पाठ ववक लाखपाल आर ग ता वता भा

नमuml य 2010 खरपतवार नय ण नद शका स य व ान वभाग इ गा क व रायपर

2 Gupta OP 1989 Modern weed management agro Botanical Publishers (India) pp61-66

3 Gupta OP 1993 weed management Principals and Practices Agro Botanical Publishers (India)

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4 Ready TY and redid GHS 2000 Principles of Agronomy kalyani Publishers New Delhi

5 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर

6 Rao Vs 1994 principles of Weed Science Oxford amp IBH Publishing Co Pvt Ltd PP333-373

7 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops Oxford amp IBH publishing company provbate limited New Delhi

8 Singh SS 1993 Crop Management under Irrigated and rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

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इकाई 4 एक कत खरपतवार बधन

इकाई क परखा 40 उ य 41 खरपतवार क प रभाषा 42 खरपतवार क वशषताय 43 खरपतवारो स हा नया 44 कस नकसान पह चात ह खरपतवार 45 खरपतवार का नय ण कब कर 46 खरपतवार नय ण क व धया 47 एक कत खरपतवार बधन 48 खरपतवारनाशक क मा ा ात करना 49 खरपतवारनाषक क योग सबधी सावधा नया 410 साराश 411 बोध न 412 स दभ सा ह य

40 उ य इस इकाई क अ ययन क उपरा त आप जान पायग क खरपतवार क बार म खरपतवार स हान वाल नकसान क बार म खरपतवार नय ण क व धय क बार म खरपतवार उ मलन क सावधा नय क बार म

41 तावना खरपतवार अफसल य पौध क व जा तया ह जो अवा छत प स फसल क साथ

अ य धक मा ा म उगकर म य फसल को य व अ य प स हा न पह चाकर उ पादन पर तकल भाव डालत ह अतः अ धक उ पादन हत फसल को खरपतवार स म त रखना अ त आव यक ह खरपतवार पौध क ऐसी जा तया ह जो अवा छत प स उगती ह जो फसल क लए हा नकारक होती ह यह इतनी चर मा ा म उगत ह जो आ थक ि ट स मह वपण दसर पौध को दबाकर व भ न कार स हा न पह चात हखरपतवार वह अनि छक पौध ह जो कसी थान पर बना बोय उग आ जात ह और िजनक उपि थ त स कषक को लाभ क तलना म हा न होती ह अतः फसल उ पादन हत फसल को खरपतवार स म त रखना अ त

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आव यक ह ता क दश क बढ़ती ह ई आबाद क भरण पोषण क आव यकता व चनौती को परा कया जा सक क ष उ पादन म व करन क लय उ नतशील क म उ चत खाद व सचाई क अ त र त खरपतवार बधन भी अ त आव यक ह अ यथा फसलो पादन क लय अपनाई जान वाल उ नत तक नक का परा लाभ नह मलगा

42 खरपतवार क मख वशषताय 1 खरपतवार फसल बवाई क बाद उगत ह तथा तजी स बढ़कर फसल पकन स पहल

जीवनकाल पण कर बीज बना लत ह 2 खरपतवार म भार मा ा म बीज उ प न करन क मता होती ह 3 खरपतवार क बीज क जमाव मता कई वष तक बनी रहती ह 4 खरपतवार भ म एव जलवाय क तकल दशाओ म रोग एव क ट स मण स त

फसल क अप ा अ धक सहनशील होत ह 5 खरपतवार क बीज एव पौध ायः सहचर फसल क सम प होत ह िजसस उ ह फसल

क पौध क बीच स पहचान कर अलग करन म क ठनाई होती ह

43 खरपतवार स हा नया यह स य ह क खरपतवार क उपि थत फसल को उपज को कम करन म सहायक ह

कसान जो अपनी पण शि त व साधन फसल क अ धकतम उपज ा त करन क लय लगाता ह य अनि छक पौध इस उ य को परा नह होन दत ह खरपतवार फसल स पोषक त व नमी काश थान व वाय आ द क लय त पधा करक फसल क व उपज एव गण म कमी कर दत ह खरपतवारो स ह ई हा न कसी अ य कारण जस क ड मकोड़ रोग या ध आ द स ह ई हा न क अप ा अ धक होती ह एक अनमान क आधार पर हमार दश म व भ न या धय क तवष करोड पय क हा न होती ह िजसका लगभग एक तहाई भाग खरपतवार वारा होता ह आमतौर पर व भ न फसल क पदावार म खरपतवार वारा 5 स 85 तशत

तक क कमी हो जाती ह व भ न शोध प रणाम स यह प ट हो चका ह क अ नय त खरपतवार क कारण त पौध दान दान का भार व आकार शाखाए एव उपज कम हो जाती ह ल कन कभी-कभी यह कमी शत तशत भी हो जाती ह खरपतवार श क पदाथ एव उपज त पौध म नकरा मक सब ध पाया गया ह खरपतवार फसल क उपज पर तकल भाव डालत ह और यह थान notजा त समय खरपतवार क सघनता श य-जलवायवीय ि थ तय एव ब ध क तर आ द कारक पर नभर करती ह

खरपतवार फसल क लय भ म म न हत पोषक त व एव नमी का एक बड़ा ह सा शो षत कर लत ह तथा साथ ह साथ फसल को आव यक काश वाय व नमी स भी व चत रखत ह फल व प पौध क वकास क ग त धीमी पड़ जाती ह और उ पादन का तर गर जाता ह खरपतवार स परो प स भी बह त सी हा नया होती ह जस फसल क बीज म

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गणव ता म कमी फसल म रोग क ट को शरण दना दधा पशओ स ा त होन वाल खा य पदाथ क गणवŸाा म कमी होना फसल उ पादन लागत म य म व आ द अतः खरपतवार को फसल का सबस बड़ा श समझा जाय तो कोई आ चय क बात नह ह उ नत क म क बीज उपय त उवरक सचाई एव फसल सर ा क उपाय जस आध नक तर क को अपनाकर भी कषक फसल क भरपर पदावार नह ल पात ह िजसका म य कारण ह - खरपतवार का सह समय पर एव उ चत व ध वारा नय ण नह कर पाना खरपतवार बह त तजी स व करत ह जो फसल क साथ पानी वाय काष एव पोषक त व क लए त प धा करत ह इतना ह नह व भ न खरपतवार कई कार क क ड़ एव बीमा रय को आ य दकर उनको फसल म बढ़ावा दत ह अ त म फसल क कटाई म भी बाधा पह चान क साथ ह साथ फसल क व उपज एव उनक गणव ता म भी कमी कर दत ह िजसस आ थक नकसान होता ह अतः व भ न व धय वारा खरपतवार को नय ण कर खर फ फसल क अ धक उपज एव लाभ लया जा सकता ह

44 कस नकसान पह चात ह खरपतवार यादातर खर फ क फसल क बवाई मानसन आन क प चात ह क जाती ह

खरपतवार फसल स पव ह उग आत ह जो भ म म मौजद पोषक त व एव पानी को तजी स अवशो षत करत ह और अपनी व करत ह िजसक कारण फसल को सम चत पोषक त व और जल ा त नह हो पाता ह फल व प श आत म ह फसल क व एव अ ततः उपज म भार कमी हो जाती ह

खरपतवार क वान प तक व बह त तजी स होती ह और शी फलाव क कारण काफ थान घर लत ह िजसस फसल क पौध को फलन का थान कम मल पाता ह फलतः

फसल को सम चत वाय एव काश नह मल पाता ह कई खरपतवार क ड़ एव बीमा रय को शरण दकर फसल म इनको बढावा दत ह अ धक खरपतवार क कारण फसल को आसानी स काटा भी नह जा सकता ह िजसस

अ धक समय एव धन का यय होता ह अ त म खरपतवार क बीज फसल क बीज क साथ मलकर उनक गणव ता पर

तकल भाव डालत ह िजसस उपज क कम क मत मलती ह एव अनचाहा आ थक नकसान होता ह

45 खरपतवार का नय ण कब कर ायः यह दखा गया ह क क ड मकोड रोग या ध लगन पर उनक नदान क लय तरत

यान दया जाता ह ल कन खरपतवार क ओर यान नह दता ह और इनक जब तक बढ़न दता ह जब तक क हाथ स पकडकर उखाडन यो य न हो जाय कह -कह तो कसान खरपतवार क पशओ क चार क प म उपयोग करत ह और खरपतवारा को फसल नकसान कर चक होत ह फसल क ार भक अव था खरपतवार क त अ धक सवदनशील होती ह िजस अव था म यह त पधा सवा धक होती ह उस rsquorsquo ाि तक अव थाrsquorsquo कहत ह य द इस अव था पर

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खरपतवार का नय ण नह कया या तो उसक त प त बाद म नह क जा सकती ह मख फसल म खरपतवार क कारण उपज म कमी तथा ाि तक अव था सारणी-1 म द गई ह सारणी - 1 व भ न फसल म फसल खरपतवार त पधा का ाि तक अव था एव उनस फसल क पदावार म कमी फसल ाि तक अव था उपज म कमी तशत खा या न फसल धान (सीधी बोनी) 15-45 47-86 धान (रोपाई) 20-40 15-38 म का 30-45 40-60 वार 30-45 06-40

बाजरा 30-45 15-56 गह 30-45 26-38 जौ 15-45 10-30 दलहन फसल अरहर 15-60 20-40 म ग 15-30 30-50 उरद 15-30 30-50 लो बया 15-30 30-50 चना 30-60 20-30 मटर 30-45 20-30 मसर 30-60 20-30 तलहन फसल सोयाबीन 15-45 40-60 मगफल 40-60 40-50 सरजमखी 30-45 33-50 अरडी 30-45 30-50 तल 15-45 17-41 राम तल 15-45 35-60 सारस 15-40 15-30 अलसी 20-45 30-40 कसम 15-45 35-60 नगद फसल ग ना 15-60 20-30 आल 20-40 30-60 कपास 15-60 40-50 जट 30-45 50-80

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46 खरपतवार नय ण क व धया खरपतवार क रोकथाम म यान दन यो य बात यह ह क खरपतवार का सह समय

पर नय ण कया जाय खरपतवार क रोकथाम न न ल खत तर क स क जा सकती ह 1 नरोधक व धया 2 या क व धया 3 क षगत व धया 4 ज वक व धया 5 रासाय नक व धया ायः यह दखा गया ह क क ट- या धय क लगन पर उनक नय ण पर तर त यान

दया जाता ह य क इनका नकसान परो प स दखा जा सकता ह पर त खरपवार क ओर यान नह दया जाता ह और इनको जब तक बढ़न दया जाता ह जब तक क हाथ स पकड़कर

उखाड़न यो य नह हो जात ह उस समय तक खरपतवार फसल को नकसान कर चक होत ह फसल क ारि भक अव था खरपतवार क त अ धक सवदनशील होती ह उस lsquolsquo ाि तक अव थाrsquorsquo कहत ह य द इस अव था पर खरपतवार का नय ण नह कया जाता ह तो उसक

तप त बाद म नह क जा सकती ह खर फ फसल म खरपतवार क कारण उपज म कमी तथा ाि तक अव था ता लका-2 म द गई ह खरपतवार क नय ण म यान दन यो य म य बात यह ह क खरपतवार का सह समय पर नय ण कया जाय

47 एक कत खरपतवार बधन व भ न व धय क सय त योग ारा खरपतवार का नय ण करना एव उनक ारा होन वाल हा न को आ थक तर स नीच रखना एक कत खरपतवार बधन कहलाता ह एक कत या समि वत खरपतवार ब धन म खरपतवार व प रि थ तय को दखत ह य कसी एक या एक स अ धक व धय वारा खरपतवार नय ण कया जाता ह खरपतवार नय ण म या क रासाय नक ज वक सभी उपल ध व धय क हा न- लाभ सीमाए ह कसी एक वधी ारा पणतः खरपतवार नय ण सभव तह हो पाता ह एक कत खरपतवार बधन का म य उदद य ह क सभी व धय का सामज य कर काम म लना चा हए ता क फसल को होन वाल हा न को कम करन क साथ-साथ पयावरण को भी त नह पह च

48 एक कत खरपतवार नय ण य खरपतवार व प रि थ तय को दखत ह य कसी एक व ध वारा इि छत फसल पादन ा त करना क ठन ह अतः इसस छटकारा पान क लय एक कत खरपतवार बधन व ध पर वशष यान दना पडगा एक कत खरपतवार बधन म रसायन क अप ा व भ न या क ज वक

क षगत व धय पर अ धक यान दया जाता ह सबस अ धक rsquorsquoउपचार स बचाव अ धक अ छाrsquorsquo वाल स ात पर यान दया जाता ह खरपतवार नय ण म रसायन क त बढ़त योग स वातावरण मदा एव जल दषण पशओ वषा ता मदा म स म जीव म क हा न

आ द क कराण चता का वषय हो गया ह समि वत खरपतवार बधन म नरोधी उपाय कपण याय या क व रासाय नक सभी

क वारा खरपतवार नय ण कय जात ह अतः यह समका लक बध आ थक ि टकोण स

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द घव ध म लाभदायक स हआ ह य क इसस पयावरण दषण का भय कम होता ह रसाय नक व ध म जब रसायन उपयोग कय जात ह तो उनक अवशष भ म म काफ समय तक बन रह ह इस व ध स रसाय नक व ध पर नभरता म कमी आयगी िजस दसर व धय क सहायता स परा कया जायगा

आध नक दौर म खरपतवार नय ण हत सझाई गई व भ न व धय क उपल ध ससाधन क आधार पर एक कत तथा यायसगत योग करक खरपतवार का भावी नय ण करत ह य फसल क उ पादकता बढ़ाना कारक को यान म रखत ह य फसल म एक कत खरपतवार बधन वतमान म मह वपण एव आव यक हो गया ह

कसान उ नत क म क बीज उपय त उवरक नय मत सचाई तथा पौध सर ा व भ न उपाय जस उ पादन साधन को व ा नक व ध को अपनाकर भी अ धका धक उ पादन ा त करन क अपन ल य म अब भी पणतया सफल नह हो पाया ह इसका एक मा कारण

यह ह क व उ नतशील साधन को अपनान क साथ-साथ खरपतवार क नय ण पर पण प स यान नह दत ह य द कसान को अपनी फसल स भरपर उपज ा त करनी हो तो उ ह अपनी

फसल श खरपतवार पर नय ण पान क मह व को समझकर उनको न ट करना ह होगा एक कत खरपतवार बधन नरोधी उपाय या क व धया क षगत

व धया रसाय नक व धया ज वक व धया

श बीज का उपयोग

भ प र करण

गम क जताई

बवाई स पहल कट

खरपतवार र हत दाना चारा दना

हाथ वारा उखाड़ना

फसल का चयन

अकरण स पव मछ लया

पची ह ई गोबर क खाद का उपयोग

हाथ वारा गड़ाई नदाई

उपय त फसल च

अकरण प चात खड़ी फसल म

घ घ

साफ कष य ो का उपयोग

हाथ स होइग

बीज क मा ा व दर

रोगाण

जानवर क आवागमन पर रोक

जलाना बोनी क व ध

एल लोपथी

साफ पौध का योग

पानी भरना बोनी क व ध

सचाई ना लय क सफाई

मदा सौर कारण

समय पर कषण

व छ बीज

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श या उपय त

उवरक बधन

उपय त सचाई बधन

भ म का आ छादन

मि चग या पलवार

अतवत खती

खरपतवार बधन नरोधक व ध-

इस व ध म व याय शा मल क गई ह िजनक वारा खत म खरपतवार को फलन स रोका जा सकता ह जो इस कार ह-

1 साफ तथा खरपतवार र हत बीज क उपयोग कया जाय 2 जानवर को हर चार क प म खरपतवार को बीज र हत चारा खलाना चा हय 3 गोबर क खाद या क पो ट क अ छ तरह स सड़ा कर ह योग कर िजसस पड़

खरपतवार म बीज क अकरण मता समा त हो जाय 4 मशीन क ष य तथा पश क वारा खरपतवार क बीज खत म न जान द

अथात य का योग आव यक साफ-सफाई क बाद ह करना चा हय 5 जहा खरपतवार क अ धकता हो वहा पर पशओ का आवागमान रोक दना चा हय 6 रोपाई वाल फसल म पौध शाला म ह खरपतवार अलग कर दना चा हय 7 सचाई ना लय नहर मड़ पर सडक पर तथा खाल पडी भ म पर खरपतवार न उगन

द 8 िजन खत म खरपतवार अ धक उगत हो उन खत क म ी दसर खत म न डाल 9 बीज बनन स पहल खरपतवार को न ट कर द 10 सग क समय खरपतवार क बीज हवा क साथ दर तक उडत ह इ ह इक ा न ट कर

द 11 कसी भी म कसी नय पौध को कसी म लगान स पहल उसक बार म पण प

स जान ल िजसस वह उस थान क सम या न बन जाय या क व धया-

यह व ध खरपतवार क रोकथाम क सबस परानी च लत सरल व भावी व ध ह फसल क ार भक अव था म खरपतवार स अ धक त पधा होती ह अतः व भ न फसल क

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ाि तक अव था पर फसल क खरपतवार म त कर दया जाय तो उ पादन म अ धक लाभ होता ह इस व ध म खरपतवार क रोकथाम हत व भ न य व मशीन का योग कया जाता ह या क व ध क अ तगत न न याऐ अपनायी जाती ह 1 भ प र काण-

भ प र करण म वह सभी कषण याऐ शा मल होती ह जो क फसल क वकास व व क लय आव यक ह यह व ध खरपतवार क रोकथाम म बह त ह सहायक ह खत क समय समय पर कषण काय जताई गडाई करन स खरपतवार उखड़ टटकर न ट हो जात ह इस व ध क वारा वा षक तथा बह वष य खरपतवार को न ट कय जा सकत ह अतः खरपतवार पर भावी रोकथाम हत समय-समय पर जताई व अ य भप र करण करत रहना चा हय समय समय पर जताई करन स खरपतवार क बीज का अकरण भा वत होता ह य क कछ बीज अ धक गहराई पर चल जान पर अकरण क प चात मर जात ह तथा कछ

बीज सखी म ी म बाहर आ जात ह िजसस पया त नमी न मलन पर अकरण नह होता ह

2 हाथ वारा उखाडना- इस व ध का योग गह उ यान गह वा टका लान व रोपणी म कया जा सकता ह बगीचा व स जी क छोट खत म भी योग कया जा सकता ह इस व ध म खरपतवार क पौध को एक-एक कर भ म स उखाड़ा जाता ह पौध उखाड़त समय भ म म पया त नमी होना चा हय ता क पौध जड़ स हत उखड़ सक खरपतवार क फल व बीज बनन स पव ह उखाड़ना चा हय ता क उसक बीज बनकर भ म पर न गर िजसस अगल वष खरपतवार का कोप कम हो जायगा

3 हाथ वारा नराई-गडाई- यह खरपतवार नय ण क सव Ÿाम व ध ह फसल क आर भक अव था बवाई क 15-35 दन क म य का समय खरपतवार स तयोगता क ि ट स ा तक समय ह प रणाम व प आर भक अव था म ह फसल को खरपतवार स म त करना फसल क लय लाभदायक होता ह बवाई क 15-35 दन क बाद फसल क ा तक अव था क अनसार खरपी वारा नदाई कर खरपतवार नकालना चा हय इस व ध स न कवल खरपतवार न ट होग बि क मदा म भी वायसचार म भी व होगी इस व ध म कतार म बोई गई फसल क सभी कार क खरपतवार सफलतापवक न ट कय जा सकत ह

4 हाथ वारा होइग- इस व ध स बड़-बड़ आकार क खत क खरपतवार न ट कय जा सकत ह हाथ वारा चलन वाल गड़ाई य स खरपतवार को काफ सीमा तक नय त कया जा सकता ह यह व ध कतार म बोई गई फसल अ धक कारगर रहती ह फसल बोन क 15-35 दन क म य दो कतार क म य ह ड ह हो डोरा व वीन ह ल चलाना चा हय

5 मोअर वारा- इस व ध का उपयोग मदान बजर भ म चारागाह सड़क रल नहर क कनार क भ मय म कया जाता ह इस व ध म मोअर मशीन क वारा खरपतवार क ऊपर भरग बार-बार

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काट जात ह िजसक फल व प खरपतवार म रकाश स लषण क या नह होती ह और पौध समा त हो जात ह

6 जलाना- इस व ध म िजन खत म ग मय म खत खाल रहत ह और अ य भ मय पर खड़ खरपतवार को आग लगाकर न ट कया जा सकता ह अ दर ि थत जड़ का ोटो ला म भी उ च ताप म क कारण न ट हो जाता ह िजसस भ म क अ दर पौध का ि थत भाग दबारा नय पौध को ज म नह द पाता बजर भ म खल क मदान चारागाह सड़क रलव लाईन नहर क कनार क खरपतवार न ट करन हत इस व ध का उपयोग कया जाता ह इस व ध वारा भ म क सतह पर उपि थत खरपतवार क वान प तक भाग व बीज जल कर न ट हो जात ह खड़ी फसल म इस व ध का उपयोग कमी नह करना चा हय तथा समीप क व को आग स बचाना चा हय

7 पानी भरना- इस व ध म गम क मौसम म खत क मड़बद कर पानी भर दया जाता ह तथा खरपतवार को पणतया डबोया जाता ह िजसस पौध को काश हवा न मलन स वसन तथा भोजन बनान क या बा धत हो जाती ह और पौध मर जात ह इस व ध का उपयोग छोट म कया जा सकता ह इसम यह सावधानी भी रखी जाती ह क खरपतवार क पौध पानी म पण प स बह त समय तक डब रह

8 मदा सौर करण- खत म एक ह फसल को लगातार लत रहन क कारण वशष खरपतवार क स या म लगातार व हाती रहती ह खरपतवार क रोकथाम हत रसाय नक का उपयोग बढ़ता जा रहा ह प रणाम व प आजकल गर रसायन क योग पर बल दया जा रहा ह ऐसी ह एक गर रसाय नक नय ण व ध ह भ म का सौर करण जो गम जलवाय श क व अधश क म यादा भावशाल हो सकती ह

गम क दन म जब तापमान 40-50 ड ी स ट ड तक पह च जाता ह पर त खरपतवार क बीज कठोर होन क कारण सर त रह जात ह अतः इस व ध स पतल पारदश लाि टक (पोल इथाईल न) क परत (50 माइ ोन) बछाकर 10-20 दन क लय भ म का तापमान 15-20 ड ी स ट ड बढ़ जाता ह तथा बढ ह य ताप म स खरपतवार न ट हो जात ह इस व ध का योग गम क दना म ( अ ल-जन ) म करना चा हय खत को जोतकर समतल करन क बाद सचाई करनी चा हय एक या दो दन बाद पारदश पा लइथाई लन परत (50 माइ ान) स हवा क दशा म ढक दना चा हय परत चढ़न क अव ध गम क च डता को दखत ह य 10-20 दन तक का ह रहती ह श य व धया- 1 खत क ी मकाल न जताई -

रबी फसल क कटाई प चात सव थम म ी पलटन वाल हल स ग मय म खत क गहर जताई कर खला छोड द ग मय म अ धक गम स मदा क तापमान म व होती ह िजसस कई खरपतवार जलकर न ट हो जात ह तथा उनक बीज क अकरण मता न ट हो जाती ह

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और खर फ म नह उगत ह साथ ह कछ खरपतवार जस दब घास मोथा आ द क जड़ व वान प तक भाग उखड कर न ट हो जात ह इसक साथ ह ग मय क गहर जताई स कई क ट उनक अ ड यपा तथा बीमा रया म भी कमी हो जाती ह अतः जहा तक सभव हो ग मय म खत क गहर जताई अव य करयह व ध कास व मोथा क नय ण हत अ धक भावी पाई गई ह

2 फसल का चयन- िजन खत म खरपतवार का कोप अ धक हो उन खत म तयोगी फसल जस सनई अरहर चर बरसीम वार बाजरा लो बया रजका लसन व जौ आ द उगान स खरपतवार फसल स तयो गता नह कर पात ह तयोगी फसल खरपतवार को काश वाय जल व पोषक त व का उपल ध होना असभव कर दती ह िजसक कारण कछ समय प चात खरपतवार क व क जाती ह वह फसल स त पधा नह कर पात ह उ त फसल म उग ह य एक वष य खरपतवार इनक कटाई क साथ कटकर न ट हो जात ह

3 व छ बीज श या- बोन क पव खत क अ छ तयार करना चा हय फर खत क अ छ तरह स जताई करक खत क दो-तीन दन क लय खला छोड़ दना चा हय ता क उसम उग खरपतवार न ट हो जात ह य द कषक क पास सचाई उपल ध हो फसल बोन स पहल सचाई कर खरपतवार को उग आन द फर खत क अ छ तरह स जताई कर खरपतवार न ट करक अ छ बीज श या तयार करना चा हय खर फ फसल करन क तर त बाद जताई कर खत को 2-3 दन तक खला छोड़ द उसक बाद पलवा दन क बाद अ छ तर आन पर अ छ तरह स जताई करनी चा हय ता क व छ खत क तयार हो सक

4 समय पर कषण याऐ- उपय त समय पर जताई करन स भी खरपतवार को नय त कया जा सकता ह जस फसल कटन क बाद तरत जताई करना चा हय जस फसल कटन क बाद गहर जताई कर दना चा हय और हर बार वषा होन क बाद खत क जताई करत रहना चा हय इस व ध स काफ हद तक खरपतवार क रोकथाम क जा सकती ह

5 बोनी क व ध- बोनी हमशा कतार म करना चा हय ता क दो कतार क बीच म नदाई गड़ाई व अ य कषण

याऐ करन म आसानी रह और खरपतवार का भावी ढग स नय ण कया जा सक उपय त व ध स बोनी करन पर पौध स या पया त रहती ह तथा पौध ार भ स ह ठ क स व करन लगत ह और उनम खरपतवार स त पधा करन क मता बढ़ती ह गह म आड़ी तरछ व ध (225 ग 225 समी) क करन पर खरपतवार का भाव कम होता ह

6 बोनी क त थ- फसल को ऐस समय बोया जाता ह क जब व खरपतवार क नकलन स पहल ह खत को ढक लती ह या खरपतवार को एक बार पहल उगन दत ह फर जताई कर न ट करन क बाद फसल बवाई थोड़ी दर करत ह अतः प रि थ त क अनसार उपय त समय पर बोनी क

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समय म हरफर खरपतवार स होन वाल नकसान स बचा जा सकता ह इस स खरपतवार त पधा नह कर पायग तथा फसल सरलता स बढ़कर बाद म उगन वाल खरपतवार को

हा नकारक प म नह होन दगी 7 उपय त बीज दर व दर -

बीज दर व दर का खरपतवार क व पर बह त असर पड़ता ह कतार क दर कम होन पर फसल उतनी ह छायादार रहगी िजसक कारण काश वाय भ म पर नह पह चगा और खरपतवार को जब काश नह मलगा तो वह व नह कर पायग इस कार य द बीज क मा ा बढ़ा द जाय तो पौध क आपस क दर कम हो जायगी इस कार खरपतवार क काश व वाय नह मल पायगी िजसस खरपतवार क व कम होगी जस म का म पौध

स या 60000 स 90000 ह टयर करन पर कतार क दर कम कर दत ह ऐसी प रि थ त म खरपतवार क व कम हो जाती ह गह क कतार क दर 150 समी तथा धान म 10 ग 10 समी दर करन स खरपतवार क व पर वपर त असर पड़ता ह गह म बीज क मा ा 125 क ा ह टयर करन पर खरपतवार क भाव को कम कया जा सकता ह

8 उपय त फसल च - उपय त फसल च अपनाना खरपतवार नय ण क आधारभत व ध ह फसल च म फसल को अदल बदल कर लन स खरपतवार क व व जनन पर वपर त भाव पडता ह फसल च म दलहन फसल जस म ग उड़द अरहर मटर आ द शा मल करन स खरपतवार पर भाव तो कम होगा साथ ह भ रण भी बचगा और मदा उवरकता बढगी एक ह फसल को बार बार खत म लन स उस फसल क खरपतवार का कोप बढ़ जाता ह उदाहरणाथ एक ह खत म बार-बार गह क फसल लन स बथआ व गह का मामा का कोप बढ़ जाता ह िजसक प रणाम व प कछ समय बाद इनक स या इतनी बढ़ जाती ह क उस खत म गह क फसल लना आ थक ि ट स लाभकार नह रहता ह अतः ऐस खत म वपर त वभाव वाल फसल उगान स वह खरपतवार कम होत ह उदाहरणाथ - िजस खत म फ लरस माइनर तथा जगल जई अ धक हो उस खत म बरसीन या सरस लगान स लाभ होता ह इसी कार राम तल व अलसी फसल को बराबर एक ह खत म लन स परजीवी अमरबल का कोप होता ह अतः फसल को अदल बदल कर बोन पर इसका नदान कया जा सकता ह

9 अतवत खती- अतः खती म ह य शोध प रणाम यह दशात ह क एकल फसल क तलना म अतवत खती म खरपतवार का कोप कम होता ह खर फ मौसम म खरपतवार का कोप अ धक होता ह और िजन फसल क दर 60 स 90 समी होती ह म य फसल पर खरपतवार हावी हो जात ह ऐसी ि थ त म शी बढ़कर खत को ढक लन वाल फसल जस म ग उड़द लो बया म गफल व सोयाबीन फसल को अ तवत फसल क प म बकार खरपतवार क रोकथाम क जा सकती ह

10 उपय त उवरक बधन-

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खरपतवार फसल म दय गय पोषक त व क लय त पधा करत ह य द उवरक उ चत समय व व ध स नह दय जात ह तो उवरक का अ धकतम ह सा खरपतवार हण कर लत ह और इस ि थ त म अ धक व कर फसल को हा न पह चात ह अतः उवरक छड़कवा प त क अप ा कड म बीज क नीच दना चा हय य द उपय त व ध स दया गया हो तो फसल क पौध ारि भक लाभ उठा सकत ह य क खाद क कारण पौध म वान प तक व अ धक होन लगती ह तथा बाद म उगन वाल खरपतवार दब जात ह

11 उपय त सचाई यव था- उपय त सचाई यव था खरपतवार क रोकथाम म सहायक हो सकती ह य द खरपतवार को पया त नमी मलती ह तो यह व कर फसल स अ धक तयो गता करत ह कई खरपतवार पानी भर खत म पनप नह पात ह जस धान क खत म पर मौसम म 5 समी पानी भर कर रख तो ऐसी प रि थ त म खरपतवार नह उगग सचाई व धया भी खरपतवार क सघनता को भा वत करती ह टपक सचाई व ध स बगीचा म सचाई करन पर थाला व ध क अप ा खरपतवार क रोकथाम यादा अ छ हो सकती ह य क टपक सचाई स पानी पौध क जड़ क पास दया जाता ह और बाक का खत सखा रहता ह इस तरह स खरपतवार बना नमी क पनप नह जात ह

12 भ म अ छादन- जहा खरपतवार क अ धक सम या हो उन शी बढ़न वाल अ छादन करन वाल फसल लना चा हय जस लो बया म ग व उड़द आ द शी बढ़न वाल व चड़ पŸाी स खत क उपर आवरण बना दती ह िजसस खरपतवार को वाय व काश पया त मा ा नह मलता ह और उनक व क जाती ह

13 आग वारा खरपतवार न ट करन का तर का - खत क चार ओर व खत म उग अ धक बह वश य खरपतवार को अक शत या बकारपडती भमी पर कटाई कर एक त कर उनम आग लगा दन स उनक सारण म कमी हो जायगी यह काय वषश सावधानीपवक कर

14 मि चग या पलवार- फसल क कतार क बीच खाल थान पर भसा धान का पआल लाि टक क चादर तथा उखाड़ गय कचरा स ढ़क दना चा हय इस कार खरपतवार को वाय व काश नह मलता ह िजसस वह मर जात ह श क खती वाल क लय सव Ÿाम व ध ह य क इस व ध स खरपतवार क व पर वपर त असर ह नह पड़ता वरन उपल ध नमी का सर ण होता ह यह व ध कतार म बोई गई फसल म आसानी स अपनाई जा सकती ह

श य याय एव नराई-गड़ाई - यह खरपतवार नय ण क सव तम व ध ह पर त समय एव यय अ धक होता ह

इसक व भ न पहल इस कार ह - shy अनकल मौसम प रि थ तय क होन पर सफा रषानसार खर फ फसल क शी कतार

म उ चत दर पर बवाई कर ता क फसल उ चत नमी म शी ता स उग आए एव खरपतवार नय ण म स वधा रह

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shy जहा तक सभव हो सक फसल को श क ाि तक त पधा अव थाओ म खरपतवार स म त रखा जाना चा हए

shy खरपी हो क ट वटर या अ य क ष य क वारा सफा रसानसार नराई-गड़ाई अव य कर इसस खरपतवार नय ण क साथ-साथ मदा म वाय सचार बढ़न स फसल क व एव उपज म बढ़ोतर होती ह साथ ह नमी सर ण भी होता ह

shy य द फसल क बवाई कतार म सफ रसानसार क गई हो तो कतार क म य 10-15 समी क फाल ( लड) वाल क ट वटर या क फाडोरा को बल टर वारा सीधा चलाकर भी खरपतवार क सघनता म कमी क जा सकती ह पर त इसम यह सावधानी रखनी चा हए फसल क पौध क जड़ न कट व उखड़न न पाए

ज वक व धया- इस व ध का उ य खरपतवार क पौध क स या को क ट पतग एव या धय वारा

इतना घटा दया जाता ह क उनका भाव म य फसल पर नग य हो जाता ह इस व ध का योग अभी ायो गक तौर पर ह हआ ह इस व ध का कषक पर उतारना बाक ह जब क

द नया क कई दश म इस व ध का चलन आम हो गया ह इस व ध म खरपतवार को व भ न क ट व घ घ मछ लय व रोगाणओ वारा न ट कया जाता ह -

1 ल टाना कमारा को ोसीडोसमा ल टाना तथा ए ोमाइना ल टानी नामक क ट स न ट कया जा सकता ह नागफल को फ टो ला ट त फ टोरम नामक क ट स न ट कया जा सकता ह

2 जल य खरपतवार इलो डया पी व जलक भी को मर सा को यराइ टस नामक घ घ खाकर न ट कर दती ह

3 चाइनीज ास काप व स वर काप नामक मछ लया कई जल य खरपतवार को खाकर न ट कर दती ह

4 कई रोगाण जनक का उपयोग कर खरपतवार को भावी ढग स न ट कया जा सकता ह कल गो (कल टो कम ि लओपोरर डस) नामक और डवाइन (फाइटो थोरा प मी लोरा) नाम माइकोहरवीसाइड यवसा यक प स बाजार म आ चक ह जो कई फसल क खरपतवार को भावी ढग स नय त करत ह

5 मन ट ( ाइचीहस पी) नामक जल य पश अनक खरपतवार को खाकर नय त कर दना ह हाइ लया नामक म खी हाइ ला को न ट करती ह

6 स क म वारा सोलनम इलि नफोलयम भी नय त कया जा सकता ह 7 जलकभी - (आइको नया सीपस) को दो वी वल नको टआना आइको नस तथा

नकोक टना बक वारा न ट कर नय त कया जा सकता ह इन व वलो क पोढ़ 5 हजारह क दर स जलकभी स सत जलाशय म छोड़त ह इसक अलावा जल य माइट स (ओ टवबि टस) जलक भी तना म 200000 सरग त पौधा बनाकर पर तरह स न ट कर दत ह

8 गाजरघास (पा थ नयम ह टोफोरस) को जाइगो ामा वाइ लोराटा क लारवा और ौढ़ पाथ नयम क पि तय को खात ह वषा क मौसम इस क ट क 5000 ोढ़ह क दर

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स छोड दय जात ह और उसक बाद यह बीटल लग ह य अपन आप फ कर गाजर घास क पि तय पण प स खाकर न ट करत ह

9 कास को घनी सनई लगाकर न ट कया जा सकता ह 10 ए ललोपथी- जब कसी पौध वारा परो प स वातावरण म वसिजत अथवा उ सिजत

अ य पौध को भा वत करता ह तो इस या को ए ललोपथी कहा जाता ह अनक पौध मदा अथवा अ य सवधन मा यम म जड़ो वारा अनक रसायन का उ सजन अथवा

ाव करत ह भ म म पौध क अवशष क सड़न गलन स भी अनक काब नक रसायन उ प न होत ह य पदाथ उसी पौध अ य व भ न कार क पौध स वधन को उनक जड़ क वकास को भा वत कर करत ह लगभग सभी पौध एल लोप थक यौ गक पाय जात ह जो म यतः पि तय तन व जड़ म पाय जात ह उदाहरण क तौर पर कषक भाई गह का भसा ख लहान पड़ा छोड़ दत ह जब वह वषा जल स सड़ जाता ह भस स पानी बह कर आस पाास भर जाता ह तब जहा-तहा पर भस का रस भरा रहता ह वहा एक भी खरपतवार नह उगता ह और य द उग भी आय तो वह व करन क ि थ त म नह होता ह

(2) रासाय नक खरपतवार नाशक वारा खरपतवार नय ण य द या क एव श य याओ वारा तकल मौसम प रि थ तय जस लगातार वषा

होन या समय पर मजदर क न मलन क कारण अ धक म हाथ स मक वारा खरपतवार नकालना सभव न हो तो ऐसी ि थ त म खरपतवार का रासाय नक नय ण काफ कारगर सा बत होता ह खरपतवारनाशक वारा खरपतवार क नय ण म लागत कम आती ह समय क बचत होती ह तथा अ धक म आसानी स नय ण सभव हो जाता ह खरपतवारनाशक खरपतवार को उगत ह शी न ट कर दत ह िजसस उनक पनः व नह होती ह फल व बीज नह बनत ह तथा उनका सारण नह हो पाता ह िजसस अगल वष फसल म खरपतवार का कोप काफ हद तक कम हो जाता ह खरपतवारनाशी रसायन को योग करत समय यान रखना चा हए क सफा रसानसार उपय त खरपतवारनाशी को उ चत मा ा म सह ढग एव उपय त समय पर योग कर अ यथा गलत तर क क योग स हा न एव फसल को नकसान हो सकता ह

व भ न फसल म खरपतवार नय ण हत अलग-अलग खरपतवारनाशक सफा रश कय गय ह िजनको म यतया तीन वग म वभ त कया जाता ह तथा िजनक मा ा व उपयोग ता लका-2 म दशायी गई ह (अ)बवाई पव य त खरपतवारनाशक (पीपीआई) इस कार क खरपतवारनाशक बवाई स पव या खत क अ तम तयार क समय छड़काव कर भमी म मला दया जात ह जो क खरपतवार क बीज को उगन स या उगत ह न ट कर राक दत ह या कछ उग भी जात ह तो शी न ट हो जात ह इनका योग यर पावर यर एव टर माउ टड यर स भी कया जा सकता ह यान रह क य यादातर उड़नशील क त क

होत ह अतः इ ह छड़काव क साथ ह या तर त प चात भमी म जताई वारा अ छ तरह मलाना अ त आव यक ह अ यथा इनका भाव कम हो जाता ह

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(ब) अकरण पव एव बवाई क तर त प चात य त खरपतवारनाशक (पीई) यह खरपतवारनाशी बवाई क तर त प चात (24-36 घ ट तक) एव अकरण स पव योग म लए जात ह च क खरपतवार फसल स पहल उग आत ह अतः यह उगत ह ए

या उग ह ए खरपतवार को न ट कर दत ह तथा अ य को उगन स रोकत ह इन खरपतवारनाशक क योग क समय य द भमी म थोड़ी नमी हो तो इनक याशीलता बढ़ जाती ह यह चय नत कार क होत ह अतः फसल को नकसान नह पह चात ह

(स) अकरण प चात खड़ी फसल म य त खरपतवारनाशक (पीओई) इस कार क खरपतवारनाशक फसल उगन क प चात या खड़ी फसल म छड़क जात ह यह च नदा कर क होत ह जो खरपतवार को व भ न रासाय नक याओ वारा न ट करत ह तथा फसल को नकसान नह पह चात ह कई बार लगातार बवाई क ाथ मकता होन स या लगातार बा रश होन या क ह अ य कारण स बवाई पव

(पीपीआई) या अकरण पव (पीई) खरपतवारनाशक का योग नह कया जा सक तो बवाई प चात (पीओई) खरपतवारनाशक खड़ी फसल म योग कर सकत ह च क यह खरपतवारनाशक खड़ी फसल म य त होत ह अतः इनक याग म कछ वशष सावधा नया रखनी चा हए जस व श ट खरपतवार क लए सफा रसानसार उ चत खरपतवारनाशक क सह मा ा व सह समय पर सह व ध वारा छड़काव कर अ यथा फसल पर तकल भाव पड़ सकता ह खड़ी फसल म य त कय जान वाल (अकरण प चात वाल) खरपतवारनाशक च नदा

कार क होत ह जो खरपतवार को भ न- भ न रासाय नक याओ वारा न ट करत ह तथा फसल को नकसान नह पह चात ह च क यह खरपतवानाशक सोयाबीन क खड़ी फसल म योग कय जात ह अतः इनक योग म कछ वशष सावधा नया रखनी चा हए जस व श ठ खरपतवार क लए व श ठ खरपतवानाशक क सह मा ा सह समय व सह व ध वारा छड़काव कर अ यथा फसल पर कभी-कभी तकल भाव भी पड़ सकता ह सरफ टट का योग अव य कर खर फ क मौसम म खरपतवार क नय ण हत खरपतवानाशक का छड़काव करत-करत या 2-3 घ ट बाद बा रस भी आ जाती ह और छड़काव कय गय खरपतवानाशक क काफ मा ा पŸिाय स छटक कर नीच गर जाती ह और आशातीत प रणाम नह मलत ह खर फ म इन सभी स बचन क लए दवाई चपकान व फलान वाला पदाथ ldquo सरफ टट 05 तशत या न कर ब 500 मल ल टर त ह टयर क हसाब स खरपतवार क साथ मलाकर करन स खरपतवारनाशक खरपतवार क स पण पŸिाय पर फलकर चपक जात ह िजसस य द 2-3 घ ट बाद बा रस आ भी जाती ह तो दवाई का नकसान काफ कम होता ह अतः सोयाबीन म खरपतवारनाशक क साथ ldquo सरफ टटrsquorsquo मलाकर छड़काव करन स खरपतवार का अ छा नय ण हो पाता ह यर क टक म पहल खरपतवानाशक मलाय तथा बाद म सरफ टट को डाल कर कर खरपतवारनाशक क मा ा ात करना -

कई बार कषक क सामन खरपतवारनाशक क सह य त मा ा ात करन म परशानी होती ह अतः वय कसान भी स वारा सह मा ा ात कर सकत ह इसक लय

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खरपतवारनाशक क ड ब पर उसक सा ता ( तशत) ईसी ड यपी जीएसपी ड यएसपी एल या एसएल क प म लखी रहती ह

कहरपतवार नाशक क मा ा= खरपतवार नाशक क य त कय जान वाल स य त व

(ୟୡ୲୧୴ ୧୬୧୬୲ ୟ୧ क ा)क मा ाखरपतवारक सा ता()X 100

त ह टर ( क ा या ल टर) उदाहरण- सोयाबीन म घास कल क खरपतवार क नय ण हत ि वजालोफोप (टरगा सपर 5 ईसी) नामक खरपतवारनाशक क 005 क ा स य त व त ह टर क दर स कतनी मा ा क ज रत पड़गी

=ହହx100=1 क ा या ल टर टरगा सपर त ह टर

ता लका-2 खर फ फसल म खरपतवार नय ण हत सफा रष क गई व ध एव खरपतवारनाषक तथा उनका ववरण फसल खरपतवार तकनीक

नाम रसाय नक कार

य त स य त व

य त मा ाह

योग कार

धान नसर (रोपणी)

वन थयोकाय तरल 50 ईसी

1 क ाह 2 क ाह रोपाई क 1-2 दन म

धान खड़ी फसल (रोपाई व ध)

वन थयोकाय तरल 50 ईसी

15 क ाह 3 क ाह रोपाई क 3-5 दन म

यटा लोर दानदार 5 जी

15 क ाह 25 क ाह रोपाई क 3-5 दन म

सइनमथल न +24 डी ईथाइल ई टरतरल

तरल 50 ईसी

3375 क ाह

रोपाई क 7-10 दन बाद

एनीलोफॉस+ईथो सी स फ यरानतरल

तरल (24 EC+241 SC)

0312+0012 क ाह

13 ल + 50 ाह

रोपाई क 7-10 दन बाद

खड़ी फसल सीधी बवाई

बना थय काबतरल तरल 50 ईसी

15 क ाह 3 ल टरह बवाई क 3-4 दन बाद

प डीमथाल नतरल 30 ईसी 1 क ाह 333 ल टरह

बवाई क 3-6 दन बाद

70

एनीलाफास +24डी ईथाइल टर

तरल 24 ईसी + तरल 32 ईसी

400 ामह +530 ामह

166 ल +1166 ल

रोपाई क 3-4 दन बाद

म का ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

वार ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

बाजरा ए ािजन 50 ड य पी

500 ामह 1 क ाह अकरण पव (पीई)

म गउड़द एला लोर तरल 50 ईसी

2 क ाह 4 ल टरह अकरण पव (पीई)

अरहर एला लोर तरल 50 ईसी

2 क ाह 4 ल टरह अकरण पव (पीई)

वार ल ल रा लन तरल 48 ईसी

750 ामह 16 ल टरह बवाई पव (पीपीई)

ता लका-3 रबी फसल म खरपतवार नय ण हत सफा रश खरपतवारनाषक तथा उनका योग फसल नराई

गड़ाई खरपतवार

गह 30-35 दन

24-D 500750 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद छडकाव कर चडी प ती क खरपतवारो हत Metsufuron methyl 20 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद 05 सरफ ट ट क साथ मलाकर छडकाव कर Isoproturon Metaxuron का 125 क ा ह बवाई क 30-35 दन बाद छडकाव कर Sulfosulfuron 25 ाम ह बवाई क 30-35 दन बाद 05 सरफ ट ट क साथ मलाकर छडकाव कर

चना 25-35 दन

Fluchloralin 05 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

सरस 20-25 दन

Fluchloralin 10 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

अलसी 20-25 Fluchloralin 075 क ाह बवाई पव (पीपीई) छडकाव कर

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दन सरजमखी 30-45

दन Alachlor 15 क ाह अकरण पव (पीई) छडकाव कर

राजमा 30-35 दन

Pendimethalin 10 क ाह अकरण पव (पीई) छडकाव कर

ग ना 30-40 दन

Atrazine 125 क ाह अकरण पव (पीई) बवाई क 3-4 दन बाद छडकाव कर एव बाद म 24-D 10 क ाह का 60 दन पर छडकाव कर फसल अवशष क पलवार (trash mulching) कर

49 खरपतवारनाषक क योग सबधी सावधा नया- 1 रसायन छडकन वाल कटमा क का योग कर 2 लटफन लट जट नोजल लगाकर छडकाव कर 3 उ चत समय पर सह मा ा का योग कर 4 छड़काव हत नधा रत रसायन मा ा का पानी म घोल बनाकर कर 5 वाय क वपर त दषा म छड़काव न कर ता क रसायन षर र पर न गर 6 छड़काव क समय बीड़ी सगरट त बाक या अ य चीज न खाय व खाल पट न

कर 7 छड़काव पर खत म समान प स कर 8 छड़काव प चात को अ छ तरह साफ करक रख 9 रसायन क ड ब को तोड़कर भमी म गहरा गाढ़ दव 10 य द हो सक तो छड़काव रसायन क खर द रसीद अ य जानका रया जस नाम आ द

कागज या डायर म नोट कर लव 11 पण प स खाल पट न कर एव हो सक तो एक साथी ज र साथ ल जाव 12 रसायन को न सघ न चख और न ह पष कर अ यथा वचा पर वपर त असर पड़

सकता ह 13 नीदाना क को लकड़ी क सहायता स घोल और करन वाल क षर र पर कसी कार

का घाव आ द न हो 14 छड़काव पषचात शर र व कपड़ को साबन स अ छ तरह साफ कर 15 खरपतवार नाषक छड़कत समय या बाद म कसी कार का षर र पर तकल भाव हो

तो तर त पास क अ पताल म डा टर को दखाय एक कत खरपतवार ब धन क उदाहरण

कषण याए (Cultural practices) + या क तर क (Mechanical methods) कषण व श य याए (Cultural practices) + रासाय नक नय ण (Chemical

control)

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कषण व श य याए (Cultural practices) + ज वक तर क (Biological tools) श य याए + एक नराई गडाई ववाई पव खरपतवार नाशक + एक नराई गडाई अकरण पव खरपतवार नाशक + एक नराई गडाई खडी फसल म खरपतवार नाशक + एक गडाई आव यकतानसार

410 साराश कसी प र थती वशष म यक व ध का अपना खास मह व होता ह उपय त तर क का सह योग कया जाव ता क स मण आ थक हा न सतर स नीच बना रह इस ह एक कत खरपतवार ब धन कहत ह इसम व भ न कार क खरपतवार नय ण क व धय का सय त प स योग कया जाता ह यो क कोई भी एक ऐसी वधी स पण नह ह जो क खरपतवार को पण प स नय त करन म सछम हो अत स नयोिजत म म इस कार इ तमाल कया जाए क

पयावरण को नकसान नह पह च एव अ धकतम उपज ा त हो सक

411 बोध न 1 खरपतवार क प रभाषा एव इनक ारा फसल को नकसान कस पह चाया जाता ह 2 एक कत खरपतवार ब धन स या अ भ ाय ह 3 एक कत खरपतवार ब धन म कौन-कौनसी व धया योग म ल जा सकती ह

व तत ववचना क िजए

412 स दभ सा ह य 1 Crafts AS Modern Weed Control The University of California

Press USA 2 Hosmani MM Integrated Weed Management in Field Crops LB

Publishers and Distributers Banglore 3 Gupta OP 1998 Modern Weed Management Agrobios

Publishers Bikaner 4 Prakash Om Weed Control Rama Publishing House Meerut 5 5Mandal RC Weed Weedcides and Weed Control Principles

and Practices Agrobios Publishers Bikaner 6 Aldrich RJ and Kremer RJ Principles of Weed Management

Panima Publishing Corporation New Delhi 7 Subramanian S Ali MA and Kumar RJ All about Weed

Control Kalyani Publishiers New Delhi 8 Rao VS 1994 Principles of Weed Science Oxford amp IBH

Publishig Co Pvt Ltd

73

इकाई 5 खरपतवर नाशक क छड़काव म इ तमाल उपकरण

इकाई क परखा 50 उ य 51 तावना 52 छड़काव य का चनाव 53 छड़काव य ( यर) क कार 54 यर क म य भाग 55 छडकाव हत नोजल क कार 56 छड़काव य क उपयोग म सावधा नया 57 साराश 58 बह चयना मक न 59 स दभ

50 उ य बढ़ती ह ई जनस या क ज रत को परा करन क लय व भ न खा या न फसल क

अ धक उपज दन वाल क म लगाना यक कसान क थम आव यकता हो गई ह पर त इसक साथ ह व भ न कार क खरपतवार वारा फसल को होन वाल नकसान म व ह ई ह एक अनमान क अनसार पर दश म खरपतवार वारा लगभग 15 तशत उपज न ट हो जाती ह इनस बचाव क लए का तकार को अनक खरपतवार नाशको का योग फसलो म करना पड़ता ह य क खरपतवार पौध क पोषक त व का उपयोग करत ह िजसक कारण खाद पानी तथा अ य त व फसल को पर मा ा म नह मल पात ह अतः दवाओ को अ धक भावशाल बनान क लए उ चत तर क तथा उ चत उपकरण का योग कया जाना आव यक ह

51 तावना खरपतवारनाशी आध नक क ष व ान क परम आव यकता ह खरपतवार ना शय स

खरपतवार नय ण करना मजदर वारा य वारा शार रक शि त स अ धक म यायी ह व एक कार क जहर ह इनक योग म वशष सावधानी रखनी चा हए िजस कार यह खरपतवारो व अ य जीव क लए घातक ह उसी कार मानव शर र पर भी इनका क भाव पड़ता ह इस कार य रसायन जो क ष क लए वरदान स हो रह ह असावधानी और अ ानतापवक योग करन पर ाणघातक भी स हो सकत ह खरपतवार नाशक क छड़काव म क तपय

सावधा नय क आव यकता होती ह उ चत कार का छड़काव य काम म लन स इनका योग अ धक भावी व सगमता स कया जा सकता ह िजसस खरपतवारनाशी रसायन क कम मा ा भी अ धक भावी होती ह छड़काव य क उ चत योग एव सावधानी क अभाव म मन य क

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वा य पर इसका तकल असर पड़ता ह अत फसल म खरपतवारनाशीय क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन रखरखाव तथा सावधा नया अ यत आव यक ह

52 छड़काव य का चनाव फसल म खरपतवारनाशी क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन करना अ यत

आव यक ह छड़काव य ( यर) उपयो गता तथा बनावट क आधार पर कई कार क होत ह छड़काव हत अनक कार क उपकरण बाजार म आ जान क कारण यह आव यक हो जाता ह क क ष उपकरण क चनाव उपयोग व रखरखाव क बार म कषक भाईय को सम चत ान ह फसल क ऊपर तरल प म खरपतवारनाशीय का छड़काव करन क लए अनक उपकरणो का योग कया जाता ह इस लख म कषक को यर स स बि धत मह वपण जानकार द जा

रह ह य द इन दवाओ का योग बड़ म करना ह तो प ोल इजन चा लत 05 स 10 आ वशि त का नपसक पावर यर उपय त रहगा छोट क लए फट यर बना इजन का नपसक यर उपय त होता ह

53 छड़काव य ( यर) क कार खरपतवारनाशी का योग म यत तरल अव था म कया जाता ह तथा इनका छड़काव

यर यानी छड़काव य स कया जाता ह खरपतवारनाशी को पानी म घोल कर यर क सहायता स छोट -छोट बद क घोल प म छड़काव कया जाता ह अलग-अलग फसल क लय भ न- भ न यर का उपयोग कया जाता ह छड़काव य ( यर) उपयो गता तथा बनावट क आधार पर कई कार क होत ह हमार दष म म यत नपसक यर फट यर मोटराइ ड नपसक यर टर च लत बम यर रौकर यर एव ह त चा लत क परशन यर अ धक च लत ह

1 नपसक यर यह एक ह त च लत खरपतवारनाशी छड़काव य ह इस यर का उपयोग कम ऊचाई

वाल फसल म कया जाता ह इस य क मख भाग न न ह - टक पप हडल कट ऑफ वा व पर लास नोजल व ब ट इसक टक क मता 15 स 18 ल टर क होती ह कट ऑफ वा व क सहायता स छड़काव काय को ब द व चाल कया जाता ह खरपतवारनाशी भरन क बाद टक का ढ कन हमशा बद रख इस य को एक यि त आसानी स पीठ पर रख कर छड़काव कर सकता ह इसम एक प प चलाकर वायदाब उ प न करत ह और नौजल स छोट -छोट बद क प म छड़काव का य नकलन लगता ह यि त एक हाथ स बम तथा दसर स प प का ल वर चलात ह ए आसानी स छड़काव कर सकता ह का तकार क पास अ धकाश यह यर होता ह इस यर का योग कसी भी फसल म कया जा सकता ह यह म यत छोट पड़ झा डय और खत म उगाई गई खा या न फसल क लए उपयोगी ह 2 फट यर- यह यर बरल (पाईप) क आकार का पीतल का बना होता ह इसम छड़काव

स पहल एक बतन म दवा का घोल बना लया जाता ह यह एक पडल च लत य ह िजस चलान क लय कम स कम दो यि तय क आव यकता होती ह यर को चलान क लय एक आदमी प प का पडल लगाता ह तथा दसरा यि त ल बी पाईप लास क सहायता

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स पोध पर दवा का छड़काव करता ह छड़काव क दौरान य को आव यकतानसार जगह-जगह उठाकर रखा भी जा सकता ह बम म ड डा लगाकर छड़काव क ऊचाई बढ़ा भी सकत ह

3 रौकर यर- इस य का नमाण फट यर क स ा त पर ह कया गया ह फट यर को पर स चलाया जाता ह जब क इस हाथ स चलाया जाता ह इसम फट पडल क थान पर ह ड ल वर होता ह इसक टक उ ट घड़ क आकार क होती ह यह फट यर क अप ा अ धक शर उ प न करता ह तथा चलान म आसान होता ह इसक क मत फट

यर स अ धक होती ह इसम 15 स 20 ल टर तक घोल आता ह इसका योग अ धक ऊचाई वाल व व सामा य फसल म कया जाता ह

4 मोटराइ ड नपसक यर- यह एक पीठ पर बाध कर चलन वाला यर ह जो क उस पर लग एक छोट स प ोल या करोसीन स चलन वाल इिजन क सहायता स चलता ह इस

यर स बह त ह बार क बद बनती ह तथा हवा क वग क कारण य बद खरपतवारो क सभी भागो तक पह च कर उ ह ख म कर दती ह इस यर का उपयोग अ धक घन खरपतवारो म सफलता पवक छड़काव करन क लय होता ह

5 टर च लत बम यर यह एक टर स चलन वाला यर ह िजसम एक म पर 18 स 20 नौजल लग होत ह यह टर क पीछ ी पॉइट लक क सहायता स लगा होता ह तथा इसको चलान क लय टर क पीटओ स मलन वाल घण शि त को काम म लत ह खरपतवार नाषक क टोरज क लय एक 200 स 250 ल टर मता वाल टक होती ह इस कार क यर का उपयोग म यत कम समय म अ यक फल म यर करन म कया जाता ह आ थक ि ट स यह यर बड खत म खरपतवारनाशी छड़काव क लय सह रहता ह

6 ह त च लत क रशन यर- इसक टक स ल डर क आकार म लोह या पीतल स बनी होती ह इसक ऊपर वाल भाग म प प शर गज तथा स ट वा व लगा होता ह प प क सहायता स हवा का दबाव उ प न कया जाता ह इसक मता 20 ल टर क होती ह इसका पाइप काफ ल बा होता ह एक यि त आसानी स छड़काव कर सकता ह

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54 यर क म य भाग यर का योग करन स पहल इसक म य भागो क जानकार होना आव यक ह

सामा यतः सभी का तकार क पास कोई न कोई छड़काव य ( यर) होता ह िजसम न न भाग होत ह-

1 टक - यर क टक का योग दवा का घोल रखन क लए कया जाता ह दवा का घोल सामा यतः कसी बतन म बनाकर यर क टक म छलनी वारा छानकर भरना चा हए ऐसा न करन स नौजल ब द हो जाता ह जो एक सामा य सम या ह

2 प पः- प प वारा यर म शर बनाया जाता ह 3 हौज पाईप- हौज पाईप बम को टक स जोड़ता ह 4 बम या लस- बम हौज पाईप को कट ऑफ वा फ स जोड़ता ह बम को हाथ स

पकड़कर छड़काव कया जाता ह 5 कट ऑफ वा व- छड़काव को रोकन या चाल करन क लए कट ऑफ वा व का योग

कया जाता ह इसस नौजल जड़ा रहता ह 6 छलनी- दवा का घोल छलनी वारा छानकर यर क टक म भरा जाता ह 7 नौजल- नौजल ह यर का म य भाग ह जो सामा यतः अ धक खराब होता ह य

(घोल) पी दवा को नौजल छोट -छोट बद म बदलता ह िजस आटोमाइज करना कहत ह नौजल कई कार क होत ह क त खरपतवारनाशी छड़काव हत लट फन नोजल या कट नोजल का योग छड़काव करन क लए करत ह लट फन नौजल छत पर लगन वाल पख क तरह अडाकार प म समान प स फसल क ऊपर करता ह नौजल एक नि चत कोण दशा म छड़काव करता ह कट नोजल का योग म यत बआई स पव व फसल उगन स पहल खरपतवारनाशीय क छड़काव करन म कया जाता ह

55 छडकाव हत नोजल क कार - 1 लट फन नोजल-खरपतवारनाशी क छडकाव हत 2 कट या लड फन नोजल -खरपतवारनाशी क छडकाव हत 3 होलो नक फन नोजल -क टनाशक दवाईय क छडकाव हत

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56 छड़काव य क उपयोग म सावधा नया ायः समाचार प व र डयो म पढ़न व सनन म आता ह क रासाय नक दवाव क

योग करत समय यि त क म य हो गई य द छड़काव करत समय तथा बाद म उ चत सावधा नया बरती जाए तो जान-माल क हा न नह होगी खरपतवारनाशी छड़काव य क उपयोग क दौरान सावधा नय को न न वग म बाटा जा सकता ह योग स पव सावधा नया खरपतवारनाशी क उपयोग स पहल उस पर लखी अ कत अव ध क जाच कर

अव धपार खरपतवारनाशी का उपयोग कभी भी न कर य क इनका असर कम हो जाता ह एव फसल क खरपतवार मरन क स भावना भी कम हो जाती ह

खरपतवारनाशी क ड ब पर लख नदश को यानपवक पढ़ व समझ कसान क जानकार क लए ड ब पर बन परललो ाम (ऊपर एव नीच बन ह ए भज) स जहर क ती ता पता चलता ह ऊपर क भज म जहर क ती ता को श द वारा य त कया जाता ह जब क नचल भज म चार न न तरह क रग भर होत ह लाल रग अ या धक पीला रग अ धक नीला रग म यम एव हरा रग कम जहर ला होन क सचना दता ह

हमशा नद शत मा ा का ह उपयोग कर अ धक मा ा म उपयोग करन स वह फसल को नकसान पह चा सकता ह

खरपतवारनाशीय को हमशा ब च पशओ क पह च स दर रख खरपतवारनाशी रसायन को खान-पीन क व तओ तथा मर ज क दवाईय स दर रख

कई बार दोन पास रख होन पर पता नह चलता तथा भलवश बड़ा नकसान हो सकता ह

योग क दौरान सावधा नया बीमार छोट ब च व अ धक बजग यि त स खरपतवारनाशी का छड़काव कदा प न

करवाए खरपतवारनाशी मलात समय शर र क कसी कट भाग म पश नह होना चा हय खरपतवारनाशी हमशा खल जगह पर ह मलना चा हय छड़काव हत नधा रत रसायन मा ा का पानी म घोल बनाकर कर घोल सदव साफ बतन म बनाए टक म उ चत दबाव बनान लए उस तीन चथाई भाग तक ह भर छडकाव पर खत म समान प स कर खरपतवारनाशी का छड़काव करत समय सर पर टोपी आख पर च म म ह पर मा क

हाथ म द तान ( लाि टक या रबर क) पर म बट फल आ तीन क शट व पट ऐ न पहनना चा हय

पर दवाई डालन क बाद भी खाल क टनर को कम स कम तीन बार पानी डालकर यर क टक म मलाना चा हए

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दवाई क खाल क टनर को घर वापस न लाय खाल ड ब को खत म सर त गहराई पर गाड़ दना चा हए

छड़काव क दौरान कसी कार का ध पान त बाक गटखा आ द का उपयोग न कर करत व त यान रख क दवाई क छ ट आस-पास क फसल या जीव ज तओ पर

ना जाए काय समा त होन क बाद साबन स अ छ स नान करन क बाद ह कसी पदाथ का

सवन कर तथा पहन गय कपड़ को साबन स धो कर सखा द छड़काव करत समय य द नौजल म कोई कचरा फस जाए तो उस मह स फक मारकर

कदा प साफ न कर कोई पन या बार क सई स ह साफ कर छड़काव करत समय कभी भी पसीन को शट क बाह या द तान स न प छ छड़काव क समय कसी कार क घबराहट बचनी उ ट च कर आना खजल चलन

आ द शकायत होन पर तर त च क सक स स पक कर उस हवादार और छाया म लटाकर उसक म ह पर बधा कपड़ा हटा द डॉ टर क आन पर उस खरपतवार दवाई का लबल व सा ह य परा दखाए

योग क बाद क सावधा नया यर क सफाई सर ा कट पहन कर ह कर यर को कसी पानी क नहर तालाब म साफ न कर सर ा कट क भी सफाई कर तथा यान रह क कोई अ य यि त उनक हाथ न

लगाए छड़काव क बाद िजस खत म छड़काव कया ह उसम बोड लगा दना चा हए क रसायन

का योग हआ ह एक थान स दसर थान पर ल जात ह ए सावधा नया एक थान स दसर थान पर ल जात समय खरपतवार नाशक दवाई का ड बा कस कर

ब द होना चा हए इन दवाईय को कभी भी खान क सामान क साथ लकर न चल टोर स खत म जात व त दवाई क ड ब क ध या पीठ पर लाद कर नह ल जाए खरपतवार नाशक दवाई एक थान स दसर थान पर थाना तरण क समय अगर

कपड़ या शर र पर गर जाए तो तर त उस पानी स साफ कर भ डारण करत समय सावधा नया थोक मा ा म दवाई नह खर द कवल उतनी ह दवाई ल िजतनी उस मौसम म उपयोग

हो सक कभी भी आव यकता स अ धक रसायन लकर नह रखना चा हए खरपतवार नाशक दवाईय को बीज खान क सामान पशओ क खान पशओ क

दवाईय व ब च क पह च स दर रख बना लबल क दवाईय का भ डारण न कर उ ह सर त न ट कर द इन दवाईय को खल हवादार कमर म रख पर त पानी आग व सय क रोशनी स

बचाकर रख

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बची ह ई दवाई अपन ह ड ब म वा पस डाल रसायन को इनक ड ब म रखना चा हए कभी भी टॉ नक आ द क शी शय म नह

रखना चा हए य क भल स कोई उस टॉ नक समझकर पी सकता ह मकान म वशषकर िजस कमर म काई सोता हो रसायन को कभी भी नह रखना

चा हए य क वषल ग ध वा य क लए हा नकारक ह अ य सावधा नया खरपतवार नाशक क ह ई फल व सि जया तोड़न स पहल जाच ल क या इ तजार

क अव ध पर हो गई ह फसल च का व खरपतवार नाशक दवाई क च का अनसरण कर अ छ फसल उगान क लए काफ मा ा म गोबर क खाद व रासाय नक खाद का योग

कर ता क फसल पर दवाई क भाव को कम कया जा सक य द हो सक तो छडकाव रसायन क खर द रसीद अ य जानका रया जस नाम आ द

कागज या डायर म नोट कर लव छड़काव करन वाल यि त क समय-समय पर डॉ टर जाच करवात रहना चा हए रसायन का छडकाव कभी भी बीमार या कमजोर आदमी ब च स दध पलाती ह ई व

गभवती म हलाओ स नह करवाना चा हए खरपतवारनाशी का चयन करत समय सावधा नया कसान को खरपतवारनाशी का चयन करन स पहल न न ल खत बात का यान करना चा हए खरपतवार का कार फसल क ज म खरपतवार ना शय क क मत मौसम का भाव खरपतवार नाशक दवाई खर दन स पहल अव य जान ल कः- कस खरपतवार को नय ण करना ह या यह दवाई म त खरपतवार स या क लए उपयोगी हो सकती ह या यह दवाई यादा खरपतवार को मार सकती ह इस दवाई का असर कब तक जमीन म रहगा इस दवाई का खरपतवार स या-नकसान का कतना र ता ह या आप दवाई व वसनीय लाइस सधार दकान स खर द रह ह या आपन समाि त त थ पढ़ ल ह या आप दवाई असल प कग म खर द रह ह कह दवाई का ड बा पराना जग लगा तो नह

रसायन वारा खरपतवार नय ण म ज र बात फसल व खरपतवार क कार क आधार पर ह खरपतवाना शय का चयन कर खरपतवारना शय का छड़काव करत समय स य त व क मा ा व खरपतवार नय ण

क ा तक अव था का यान रख

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खरपतवारनाशी रसायन क स तत मा ा को 400-500 ल टर पानी म त ह टर क दर स मलाकर लटफन नोजल स छड़काव कर

हमशा खरपतवारनाशी रसायन क लए स तत ए ट डोट का परचा स भाल कर रख उवरक नराई-गड़ाई क बाद दव खत म पया त नह रख खरपतवारनाशी रसायन क छड़काव म फसल च का यान रख खरपतवारनाशी व पौध सर ण रसायन क उपयोग म अलग-अलग यर का योग

कर कभी भी उवरक व अ य रसायन को खरपतवारना शय म नह मलाए खरपतवारनाशी क वारा खरपतवार का नय ण करत समय लाभः लागत अनपात क

गणना करक ह उपयोग कर य ो क दखभाल तथा रख-रखाव सामा यतः कसान वारा दखभाल तथा रख-रखाव म कमी होन क कारण व अ ानता वश यर ज द खराब हो जात ह ठ क करवान स धन व समय तथा फसल सभी का नकसान का तकार को उठाना पड़ता ह य द का तकार न न ब दओ का यान समय-समय पर कर तो आ थक हा न स बच सकत ह कसी भी य को उपयोग म लान स पव यह दख क उनक कल पज क सभी जोड़

ठ क स कस ह आपस म रगड़ कर चलन वाल सभी पज को नधा रत मा ा म तल या ीस दया जाना

चा हए य म लगन वाल प ब ट कमानी आ द क कसाव क हर रोज जाच करना चा हए

एव आव यक हो तो समायोजन कर ल य द समायोजन क सीमा समा त हो गई हो तो पज को बदलना चा हए

दवा का घोल सदव साफ पानी म बनाना चा हए टक म दवा का घोल डालत समय छलनी या मह न सती कपड़ का योग करना चा हए यर को योग म लान स पव प प हौज पाइप बम कट ऑफ वा व तथा नौजल

क टट-फट क जाच कर लनी चा हए तथा एक बार सादा पानी डालकर चलाकर दख लना चा हए

छड़काव करन स पव नौजल को साफ तथा ढ ला कर लना चा हए नोन ल ट व खरपतवार नाशक दवाईय क लए अलग स र प प इ तमाल कर 20 तशत अमो नया क घोल को टक म भरकर रातभर रख और सबह इस घोल को

धीर-धीर ह डल चलात ह ए नोजल स बाहर फक क ष य को उपयोग करन क बाद छायादार थान पर रखना चा हए छड़काव परा हो जान क प चात कभी भी यर म दवा का घोल नह छोड़ना चा हए यर को य द ल बी अव ध क लए भ डार म रखना ह तो जोड़ म थोड़ा सा ीस

अव य लगाना चा हए ी ट स बचाव (खरपतवारनाशी का हवा म बहना ) खरपतवारनाशी क बद जब

नधा रत ल य (फसल) स हवा क बहाव क साथ दर सट खत या फसल पर पड़ती ह तो

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खरपतवार नाशी का उपयोग करत समय सावधानी बरत यह फसल एव जानवर को भी ज मी करती ह र ी ट का दर बहना न न ल खत बात पर नभर करता ह अतः इनका अव य यान रख - व क बद का आकार िजतना छोटा होगा उतनी ह हवा क ग त क साथ बद का

बहाव दर तक होगा छोट नोजल का आकार और यादा दबाव यादा छोट बद पदा करता ह जो आस-पास

क फसल को यादा नकसान पह चाती ह तज हवा म करन स खरपतवारनाशी व क बद का बहाव तज हो जाता ह जो

दसर खत क फसल को नकसान पह चाती ह पर करत समय मौसम ब कल शा त होना चा हए सबह व शाम का समय करन

क लए अ त उ तम होता ह टक क ऊचाई अगर यादा होगी तो बहाव भी दर तक जायगा

57 साराश वतमान क ष म व भ न कार क खरपतवार वारा फसल को होन वाल नकसान म

व ह ई ह खरपतवार वारा लगभग 15 तशत उपज न ट हो जाती ह इनस बचाव क लए का तकार को अनक खरपतवार नाशको का योग फसलो म करना पड़ता ह इस लए खरपतवारनाशी आध नक क ष व ान क परम आव यकता हो गई ह व एक कार क जहर ह इनक योग म वशष सावधानी रखनी चा हए असावधानी और अ ानतापवक योग करन पर ाणघातक भी स हो सकत ह उ चत कार का छड़काव य काम म लन स इनका योग

अ धक भावी व सगमता स कया जा सकता ह िजसस खरपतवारनाशी रसायन क कम मा ा भी अ धक भावी होती ह अत फसल म खरपतवारनाशीय क छड़काव क लए उपयोगी य का चयन रखरखाव तथा सावधा नया अ यत आव यक ह

58 बह चयना मक न 1 न न म स खरपतवारनाशी ह - (अ) मला थयान (ब) ए डोस फान (स) परा थआन (द) प डीमथाल न द 2 फसल म उग खरपतवारो क नय ण म छडकाव करत ह - (अ) फफदनाशी (ब) शाकनाशी (स) पीडकनाशी (द) उपरो त सभी ब 3 खरपतवारनाशी छडकाव हत यर ह - (अ) नपसक रयर (ब) फट यर (स) बम यर (द) उपरो त सभी द 4 खरपतवारनाशी रयर म नोजल लगाया जाता ह - (अ) लट फन नोजल (ब) कट नोजल (स) होलो कोन नोजल (द) अ एव ब दोनो द 5 खरपतवारनाशी क बदो का हवा म बहाव क साथ दर सट खत या फसल पर पड़ना

कहलाता ह - (अ) (ब) यर (स) ी ट द) उपरो त सभी स

82

59 स दभ 1 मीणा एस एस एव महता ऐ क 2011 क टनाशक रसायन क छड़काव य एव

उपयोग म सावधा नया राज थान खती ताप (10) 31-33 2 Gupta OP 2002 Modern Weeds Management Agrobios (India)

publishing company limited Jodhpur 3 चोपडा एन क चोपडा एन क एव अटवाल एस एस 2012 खरपतवार नाशी का

उपयोग करत समय बरत सावधा नया व व क ष सचार (12) 15-16 4 ग ता पकज 2011 यर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63

83

इकाई 6 फसल क म य क ट और उनका नय ण

इकाई क परखा 60 उ य 61 तावना 62 खर फ फसल म क ट नय ण

621 धान 622 वार 623 बाजरा 624 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल 625 सोयाबीन 626 तर या अरहर 627 म ग 628 उद या उड़द 629 लो बया या चावल 6210 अ डी अर डी या रड 6211 तल या अलसी या राम तल 6212 कपास 6213 जट 6214 पटआ या सनई 6215 चार क फसल म क ट - पतग क नय ण

63 रबी फसल म क ट नय ण 631 गह 632 जौ 633 चना 634 मटर 635 मसर 636 तो रया और सरस 638 अलसी 639 सरजमखी 6310 कसम 6311 बरसीम

84

6312 लसन या रजका 6313 त बाक

64 साराश 65 बोध न 66 सदभ साम ी

60 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो जाएग क - फसल क म य क ट क ट को नय त करन क व धया क टनाषक क मा ा

61 तावना आध नक खती म फसल क उ नत जा तया सचाई क उ चत यव था तथा खाद एव उवरक क सम चत ब ध क साथ - साथ फसल क क ट पतग स र ा करना आव यक ह क ट पतग फसल म औसत 5-10 तशत तक उ पादन को कम कर दत ह इन क ट पतग क रोकथाम समय पर अ त आव यक ह क ट नाशक क सह मा ा का ान होना आव यक ह

62 खर फ फसल म क ट नय ण

621 धान

ता लका -धान क मख हा नकार क ट एव उनक रोकथाम का स त वणन क ड़ा क ड़ का आ मण क टनाशक मा ा त

ह टयर त बरकाव

या छड़काव

सहनशील रोधक क म

1 भाव क जड़ स डी

क ड़ क गडार उबल ह ए चावल क समान होती ह मह न जड़ को खाकर नकसान पह चाती ह और पौध पील पड़ जात ह

(अ) पणापवार - एि न - 30 ईसी या गमा बीएच सी 20 ईसी या 10 तशत बरलन यलस

(ब) उपचार - एि न - 30

2-5 ल टर 2-5 ल टर 10 क ा 7-5 ल टर 2-5 ल टर 20 क ा

85

ईसी या गमा बीएच सी 30 ईसी या 10 तशत बरलन यलस

2 तना छदक

(i) धार दार (ii) गलाबी (iii) पीला (iv) सफद

क ड़ क गडार ह नकसान पह चाती ह फसल क ारि भक अव था म इनक कोप स पौध का म य तना सख जाता ह इस कमक ीमतज कहत ह तथा कन क अव था पर बा लया सखकर सफद (White head) दखाई दन लगती ह

5 तशत बरलन यलस

5 तशत डाइिजनान गर यलस या 5 तशत ल डन गर यलस या एि न इ डोस फान 35 ईसी या फॉ फ मडान 100 ईसी

20 क ा 20 क ा 7-50 ल टर 750-1000 मल 550-500 मल

रतना साकत 4 IR 36

3 खर ब क ट ढ

न फ और ौढ़ दोन को नकसान पह चात ह पि तया कनार पर कट ह ई मलती ह

10 तशत बीएचसी चण या मला थयन 50 ईसी

30 क ा 2-5 ल टर

4 दल य गडार

क ड़ और गडार साम हक प स पौध क पि तय को रात म खाकर हा न पह चाती ह

10 तशत बीएच चण या इ डोस फान 35 ईसी या

30 क ा 2-5 ल टर

5 ह सा इनका ौढ़ एक छोटा व काला भग ह क ड़ क गडार एव ौढ़ दोन क नकसान करत ह

फॉ फ मडान 50 ईसी या इ डोस फान 35 ईसी या कारबाराइल 50

30 क ा 1-5 ल टर

86

ड य पी 6 मधआ

(फटक) पौध क पि तय स न फ और ौढ़ दोन रस चस लत ह िजसस पौध क पि तया पील पड़ जाती ह

5 तशत थमट गर यलसया 5 तशत इ डोस फान 35 ईसी या

1-50 क ा 8-10 एव 12 क ा 8-10 एव 12 क ा

7 धान का गधी

ौढ़ एव न फ दोन द धया बा लय और पि तय स रस चस लती ह दाना नह पड़ता और सफद रग का खोखला दखाई दता ह

5 तशत बीएच चण या 10 शत ह टा लोर चण

1-5 ल टर 35 क ा 15-20 क ा

8 ज सड पि तय का रस चसत ह पौधा पीला पड़ जाता ह

एि न 30 ईसी

2-5 ल टर

622 वार

वार क फसल क क ट पतगो स अ य धक त होन क स भावना रहती ह अ छ उपज ा त करन क लए आर भ स ह इनक रोकथाम करना आव यक ह वार को नकसान पहचान

वाल क ड़ और उनक रोकथाम का ववरण नीच दया गया ह - 1 तना छदक - इसक गडार अथवा स डया छोट पौध क गोफ को काट दती ह िजसस गोफ

सख जाती ह इसका भाव बवाई क एक मह न बाद स आर भ होकर भ आन क समय तक होता ह पौध क बढ़वार क साथ ह य तन म सरग सी बना लती ह और अ दर ह अ दर तन क मलायम ह स को खाती ह तना बधक क नय ण क लए फसल क जमन क 10-15 दन तन क मलायम ह स को खाती ह तना बधक क नय ण क लए फसल क जमन क 10-15 दन बाद 15 ल टर थायोडान (ईसी) या 2 क ा स वन घलनशील चण को 800 ल टर पानी म मलाकर छड़काव करना चा हए इसक 20 दन बाद पौध क गोफ ल डन 1 तशत या थायोडान या स वन क दानदार क टनाशी दवाई डालनी चा हए

2 तना म खी - यह क ड़ा भी वार पौध अव था स ह हा न पह चाता ह इसक गडार उगत ह ए पौध क गोफ को काट डालती ह िजसस श क अव था म पौधा सख जान क बाद भी क ल नकलत ह पर उनस भ दर म आत ह और उनका आकार भी छोटा होता ह इसक रोकथाम क लए 10 तशत थमअ या फोरट क णकाए बवाई स पव या बवाई क समय कड म 15 क ा त ह टयर क हसाब स डालनी चा हय यह रसायन पौध क जड़ वारा अवशो षत होकर पौध म पह चता ह और ऐस पौध को खान क बाद गडार मर जाती

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ह तथा म खी क बचाव क लए बीज जमन क 4-5 दन बाद 1 ल टर म टा स टा स को 500-600 ल टर पानी म मलाकर एक ह टयर म छड़कना चा हए

3 मज - यह क ड़ा वार म भ ा नकलन क समय तक नकसान पह चाता ह इसक रोकथाम क लए 10-15 क ा त ह टयर क हसाब स काब रल 10 तशत का बरकाव करना भावकार स हआ ह

क ट पतग क रोकथाम क लए अकरण क एक माहबाद मला थयान को छोड़कर कसी भी आरगनो फॉ फट यौ गक का उपयोग नह करना चा हए फसल कटन क एक माह पहल कसी भी लोर नट हाइ ोकाबन जस बीएचसी लोरोडान ह टा लोर व एि न आ द का उपयोग नह करना चा हए

623 बाजरा

साधारणतया बाजर क फसल म क ट पतग स अ धक त नह पहचती अ छ पदावार ा त करन क लए क ट क रोकथाम करना आव यक ह न न ल खत क ट स बाजर क फसल को हा न पह च सकती ह - 1 द मक - िजस चोत म द मक लगन का भय हो उसम बवाई क समय 5 तशत एि न या

बीएचसी अथवा 5 तशत ह टा लोर 20-25 क ा त ह टयर क दर स बआई क समय कड म डालना चा हए

2 तन क म खी - इनक गडार अथवा स डया पौध क बढ़वार को ारि भक अव था म काट दती ह िजसस पौधा सख जाता ह इसक रोकथाम क लए बआई क समय 15 क ा त ह टयर क दर स फोरट ( थमट) चण डालना चा हए फोरट क थान पर 25 क ा 3 तशत यराडान दानदार को एक ह टयर खत म मलाओ 125 ल टर थायोडान को

800 ल टर म घोलकर त ह टयर भा वत फसल पर छड़कना चा हए 3 तना बधक - ार भ म आ मण पि तय पर व बाद म गडार तन को खाती ह इसक

रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान का 600-800 ल टर घोल त ह टयर क हसाब स पौध पर छड़काव लाभदायक होता ह 4 तशत स वन को 15 क ा त ह टयर क दर स पौध क गोफ म डालनाचा हए

4 मज - इसका आ मण फसल म बा लया आत समय होता ह इसक रोकथाम क लए काब रल 50 तशत का घलनशील चण 3 क ा क हसाब स 800 ल टर पानी म मलाकर बा लय पर छड़कना चा हए इसक अ त र त य द फसल पर पि तय को खान वाल क ट पर आ मण हो तो 10 तशतबीएचसी चण को 20 क ा त ह टयर क दर स बरकना चा हए अथवा 800 ल टर पानी म 3 क ा (50 तशत ड यपी) को त ह टयर छड़कना चा हए अथवा तशत मला थयान को 15 क ाह टयर बरकना चा हए

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624 छोट या मोट या लघ धा य अ न क फसल

ठस फसल को वशषतया कोई क ट या बीमार नह लगती कभी-कभी कडआ या ग ई का कोप दखा गया ह तना म खी का कोप भी कभी-कभी हो जाता ह इसक लए 015 तशत थायोडाल क घोल का छड़काव करना चा हए कडआ क लए बआई क समय बीज को सरसान 25 ाम क ा बीज क दर स उपचा रत कर ग ई क लए 02 तशत डाइथन एम45 का छड़काव कर

625 सोयाबीन

1 ल फ माइनर - यह एक छोटा काल सर वाला क ट ह िजसका कटर पलर गडार हर रग का होता ह इसक रोकथाम क लए बीएचसी (5 तशत) क धल 20 स 25 क ा त ह टयर क दर स बरकना चा हए

2 तनाबोधक बी टल - यह बी टल तन म छद कर दती ह और पौध को लगभग न ट कर दती ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क ध ल 15 स 20 क ा त ह टयर क दर स डालना चा हए भार कोप होन पर मदा स थाइमट 10 तशत का दानदार चण 20 क ा या डाइ स टान 5 तशत दानदार चण 20 क ा त ह टयर मदा म मला दना चा हए

3 बहार क रो मल स डी - यह एक कार क गडार होती ह िजसक शर र पर पील रोए होत ह इनका आ मण फसल पर कई बार हो सकता ह ारि भक अव था म य समह म रहत ह और पि तय को खात ह इसक नय ण क लए खरपतवार को न ट करना आव यक ह य क ारि भक अव था म य खरपतवार पर पनपत ह खत क चार तरफ स अनाव यक

खरपतवार हटा दन चा हए छोट अव था म सबह क समय म जब पि तया कछ नम हो 10 तशत बीएचसी या 20 तशत फोलडान ध ल 25 क ा त ह टयर क दर स छड़कना चा हए और अगर क ट का कोप बढ़ गया ह तो थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) क 125 ल टर मा ा को 1000 ल टर परनी म घोलकर त ह टयर क दर स छड़कना चा हए एक बा ट घोल म एक च मच सफ भी घोल लना चा हए

4 सफद म खी - य मि खया वषण रोग फलाती ह इसक रोकथाम क लए 600 मल ल टर एकअीन 25 ईसी या मटा स टोन 25 ईसी को 500 स 600 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स छड़काव करना चा हए

5 ए फड - य फरवर म अि तम स ताह या माच क श म दखाई दत ह और वय क दोन व पि तय क रस को चसत ह य बह त छोट काल रग क होत ह इनक शर र पर पख भी होत ह इसक रोकथाम क लए एक टन का छड़काव करना चा हए जसा क ऊपर दया गया ह अगर कोप अ धक हो तो मला थयान 50 ईसी 500 मल ल टर को 800 स 900 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स छड़कना चा हए 05 ल टर मटा स टा स 25 ईसी को 500 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़का जा सकता ह

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6 सोयाबीन मगट - उगत ह ए बीज क बीजप को खात ह अतः अकरण नह हो पाता नम मदा म अ धक हा न पह चाता ह 5 तशत लोरडन या ए डordf स 25 क ा त ह टयर स बरकना चा हए

थायोडान 35 (इम सीकरण व) मटा स टा स 25 (इम सीकरण व ) क म रण (1 मल थायोडान 1 मल मटा स टा स और 1 ल टर पानी) का छड़काव जो पील मोजक रोग क रोकथाम क लए भी उतम ह का छड़काव सभी कार क ट पतग क रोकथाम क क लए उतम ह

626 तर या अरहर

1 तर या लम मौथ - इस क ट का कटर पलर हर रग का होता ह शर र पर बाल क ग छ पाए जात ह यह ठ ड मौसम म दखाई दत ह य गडार 10-15 ममी ल ब होत ह खड़ी फसल म 015 तशत इ डोस फान (थायोडान) 35 ईसी का 1000 ल घोल क त ह टयर छड़कना चा हए इसक रोकथाम क लए 10 तशत बीएचसी क धल 25

क ा त ह टयर क दर स डालनी चा हए इसक अलावा एि न क ध ल भी लाभकार रहती ह

2 फल बधक - यह फल क अ दर बढ़न वाल बीज को खाती ह और कटर पलर क ल बाई 20-25 ममी होती ह यह रग म कछ ह रयाल लए ह ए काल पील रग का होता ह इसक रोकथाम क लए उपरो त म ण क अ त र त 150 ल टर थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) का 800 ल टर पानी म घोल बनाकर त ह टयर छड़काच करना चा हए दसरा छड़काव आव यकतानसार 15 दन बाद कर

3 फल बधक म खी - इस म खी का लारवा म य प स हा नकारक होता ह और फ लय म बढ़त ह ए दान को खात ह इ डोस फान 35 ईसी 015 तशत क घोल को 800 ल टर त ह टयर क दर स 10-15 दन क अ तर स फल आन तक छड़कत रहना चा हए

4 बी टल - यह साधारणतया ढोरक नाम स जाना जाता ह और यह भ डार म दान को खा जाता ह इसक रोकथाम क लए मला थयान ध ल 25 तशत या डीडीट 10 तशत ध ल 175 ाम त क भ डार क गई अरहर म डालनी चा हए इसक अ त र त फो टो सीन क 3-5 गो लया त क अरहर क भ डा रत बीज म रखनी चा हए

इसक अ त र त इस फसल म प ती लपटन वाला क ट भी सत बर म आ मण कर सकता ह इसक लए 15 ल इ डोस फान 35 ईसी को 1000 ल पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर

627 म ग

इसम भी लगभग सभी क ट जो दसर फल दार फसल म लगत ह त पह चात ह जस बहार हसर कटर पलर समीलपर त बाक का कटर पलर और ए फड आ द इन सभी क ट पतग क

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नय ण क लए 015 तशत थायोडीन का छड़काव करना लाभ द ह बीएचसी 10 तशत क 20 क ा त ह टयर क दर स बरकन पर भी क ट पतग स फसल को बचा सकत ह व तत अ ययन क लए अरहर व सोयाबीन क क ट पतग एव उनक रोकथाम का अ ययन क िजए

628 उद या उड़द

बह त स दलहल क ट इस फसल को त पह चात ह िजनम स म य म य नीच दए गए ह - 1 झीगर व भग ड बक - य अकरण क समय ह भ म स नकल ह ए अकर को खा जात ह

इ ह रोकन क लए खत म बआई स पव 25 क ा त ह टयर क दर स एि न या ह टा लोर ध ल 5 तशत को बरका जाता ह

इसक अ त र त बहार हयर कट पलर और त बाक का कटर पलर तथा ए फड भी इसक फसल को नकसान पह चात ह इसक आ मण को रोकन क लए थायोडान (इ डोस फान 35 ईसी) का 015 तशतका 800 ल टर घोल त ह टयर क दर स छड़कना सतोषजनक रहता ह

629 लो बया या चावल

1 फल बी टल - यह क ट ी मकाल न फसल क अकरण क प चात अपना भाव दखाता ह पि तय पर छद होकर पौधा सख जाता ह इसक रोकथाम क लए बआई स पव 10 तशत क णकाओ क प म 20 क ा थमट त ह टयर योग करना चा हए

2 कड - यह क ट भ डार-गह म लो बया क दान को हा न पह चात ह इसक रोकथाम क लए क टनाशक दवाओ का ध मण तथा भ डार गह क सफाई आव यक ह

इसक अ त र त लगभग व सभी क ट जस ए फड व गडार (हयर कटर पलर) आ द जो म ग और उद को त पह चात ह लो बया क लए भी हा नकारक ह इसक रोकथाम का वणन म ग और उद म कया गया ह

6210 अ डी अर डी या रड

1 बहार क रोएदार स डी या गडार - यह क ट लगभग सार भारतवष म फला हआ ह इसका कोप सोयाबीन तल अर डी लो बया शकरक द और मगफल आ द फसल पर होता ह

इसका व तारपवक वणन म गफल क अ याय म दया गया ह अर डी पर इसका कोप अगसत स नव बर तक होता ह इसक उपचार क लए 004 तशत परा थयान (720 मल ) या नवान (1200 मल ) 800 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर छड़काव करना चा हए अथवा 015 तशत इ डोस फान (35 ईसी) का 800 ल टर घोल त ह टयर छड़क

2 अर डी क समीलपर - इसक मौथ क पख का अगला कनारा गहर रग का होता ह इसक स डी पि तय क नचल सतह को खाती ह य अ धकतर जलाई स नव बर तक अ धक

याशील होती ह वषभर म इनक दो तीन पी ढया हो जाती ह इसक रोकथाम क लए

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015 तशत थायोडान या परा थयोन या 03 डाईमाइ ोन 200 मल 900 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर का छड़काव अ धक भावशाल रहता ह

3 अर डी या बीज छदक - इसका मौथ चमकदार पील रग का होता ह कल काल ध ब इसक पख पर पाए जात ह इसक स डी 2 समी क लगभग गलाबी रग क होती ह

इसक सडी अ डी क क सल (फल ) म छद करक अ दर घस जाती ह और दान को खाती ह यह सत बर और फरवर म अ धक याशील होता ह इसक 4-5 पीढ़ एक वष म होती ह इसक रोकथाम क लए थायोडान का छड़काव 1500 मल क दर स 900 ल टर पानी म घोलकर एक ह टयर म करना चा हए इसक दो छड़काव 15 दन क अ दर स होन चा हए

6211 तल या अलसी या राम तल

1 तल ल फ रोलर - यह पतगा लाल भर रग का होता ह और इसक सडी ( गडार) हर रग क होती ह िजसक शर र पर काल ध ब पाए जात ह यह स डी प ती और फ लय को खाती ह इसक स डी सत बर स नव बर तक अ धक आ मण करती ह इसक रोकथाम क लए डाइमा ोन 300 मल को 900 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर या 04 तशत परा थआन का घोल छड़कना चा हए

2 ससमम गाल लाई - यह अ धकतर बहार और महारा म पाया जाता ह इसक मगअ अ ड स नकलकर फल क भाग को खात ह इसी क क सल म उनका वकास होता ह इसक रोकथाम क लए जो पौध इस क ट वारा भा वत ह उ ह उखाड़कर जला दना चा हए कछ परजीवी जस Mermis sp और Apanteles sp जो इनक लारवा को खा जात ह अतः इ ह पौध पर छोड़ा जा सकता ह

3 तल का हरा तला ज सडा - प त का रस चसत ह तथा रोजट रोग को भी फलात ह क ट क अ धक कोप होन पर पि तय सखकर गर जाती ह इसक रोकथाम क लए 005 तशत का इ डोस फान क घोल का छड़काव करना चा हए

4 बहार क रोएदार स डी या गडार या कमला - स डी पि तय को खाती ह 015 तशत इ डोस फान 35 ईसी क घोल का छड़काव करना चा हए

6212 कपास

1 कपास और गलाबी क ड़ा - कपास क साथ इसक स डी गोदाम तक पह चती ह और बनौल को खाती ह इसस रशा भी खराब होता ह क ड़ गलर म घसन पर सराख छोटा होता ह ध बा सा नजर आता हसराख म यह क ड़ा मला छोड़कर ब द कर दता ह वषा म इसम पानी चला जाता ह व गलर सड़ जाता ह आधी खल को डया भी ा त होती ह मटा स टा स 15 ल टरह टयर का योग 15-15 दन क अ तर पर कर या 1 ल टर रोगोर या डाइम ोन या 05 ल टर यवा ान 1000 ल टर पानी म घोलकर खल आकाश म छड़काव कर वषा होन स 5-6 घट पहल छड़काव होन स दवाई पौध वारा सोख ल जाती ह इसक रोकथाम क लए मई जन करना चा हए या 450 ा मथाइल ोमाइड का धमन

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त हजार घन फट थान म करना थायोडान 5 तशत स वन 10 तशत या स व थयोन 5 तशत 20-25 क ाह टयर योग कर खत म पि तया खरपतवार व भ म पर पड़ गलर न ट कर द

2 भर स डी - फसल क उगत ह पि तय पर इसका आ मण होता ह 25-35 क ा बीएचसी का चण त ह टयर बरकना चा हए

3 कपास का चतीदार क ड़ा - यह क ड़ा गलर को अ दर स खोखला कर दता ह गलर टट-टट कर गरन लगत ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान या 015 तशत मला थयान (1000 ल टरह टयर) का घोल छड़कना लाभदायक ह 25-30 क ा बीएचसी का चण त ह टयर बरकना भी लाभदायक ह

4 कपास क प ती लपटन वाला क ड़ा - इस क ड़ क स डया ( गडार) पि तय को लपटकर खोल सा बना लती ह और अ दर स इ ह खाती ह इसक रोकथाम क लए 05 तशत बीएसी काया 015 तशत इ डोस फान (थायोडान) का 1000 ल टर घोल त ह छड़कना लाभदायक ह शरद ऋत म जताई करन स खत म पाई जान वाल स डया नि य होती ह फो ल थयान का योग भी इसक रोकथाम क लए करत ह

नो सल या मोनो ोटोफोस 40 - कपास क गलाबी क ड प त को चसन वाल क ट व प त को चबान वाल क ट पतग को न ट करत ह बनौल को बचान स 75 तशत तक क ट पतग का नय ण होता ह कपास क गलाबी क ड़ा कम हता ह बआई क पहल बीज को धमन ए य म नयम फा फाइड स करन पर खत तक क ट पतग क पह चन का ोत कम होता ह चनाई समा त करत ह खत क जताई कर व खत स फसल क अवशष न ट कर इस कार आग वाल फसल पर क ट पतग का कोप कम होता ह क य कपास अनसधान स थान सरसा ि थत ीय क क व ा नक न अम रकन स डी क रोकथाम क लए यि लयर पोल हडरो सस वायरस (एनपीपी) नामक ज वक क टनाशक वक सत करक उसका सफल पर ण भी कर दया ह इस मह वपण उपलि ध स ह रयाणा पजाब तथा राज थान म कपास क उ पादकता म भार व होन क स भावना ह

6213 जट -

जट क फसल को हा न पह चान वाल क ट म जट का कबड़ा रोएदार गडार जट का सडीदार घन और नील का गडार आ द ह जो फसल को भार हा न पह चात ह इसका वणन नीच दया गया ह - 1 जट का कबड़ा क ड़ा या जट का समीलपर - यह क ट जट उगान वाल सभी म पाया

जाता ह और जन म दखाई दता ह अग त तक दखन को मलता ह फसल तीन फट क लगभग होन पर यह क ट आ मण करता ह और कोमल पि तय को खा जाता ह इसक भाव स पौध क बगल म शाखाए नकल आती ह और पौधा झाड़ी क आकार का हो जाता

ह इसस रश क उपज घट जाती ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान

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(इ डोस फान) 35 ईसी का छड़काव बह त लाभदायक ह इसक अ त र त 01 तशत यवा ान 40 ईसी क घोल का छड़काव भी काफ भावशाल रहता ह

2 बहार क बालदार स डी - यह क ट सभी जट म पाया जाता ह और फसल को पकती अव था म त पह चाता ह रश और पि तय को यह खा जाता ह इसक रोकथाम िजन पि तय पर यह हो उ ह तोड़कर म ी क तल मल पानी म डबोन स क जा सकती ह इसक अ त र त 05 तशत पराथीआन या इ डोस फान 35 ईसी क घोल का छड़काव भी सतोषजनक प रणाम दता ह

3 जट कतन क घन - यह क ट सभी जट उ पादक दश म मलता ह इस क ट क ब पि तय को खात ह और काल ध ब बना दत ह इसक कारण इसक उपज कम हो जाती ह इसक रोकथाम क लए 004 तशत थायोडान क तीन छड़काव 20-20 दन क अ तर सकरन चा हए

4 जट का मल बग - इस क ट क न फ और ौढ़ पौध क शीष म बह त भयकर क ट ह इसक राकथाम क लए डाईजजीन का 004 तशत घोल थम ल ण दखत ह छड़क दना चा हए

6214 पटआ या सनई

1 सनई का मोथ - यह पि तय को खाता ह इसक ऊपर लाल काल और सफद नशान होत ह यह क सल म छद करक अ दर घस जाता ह मौथ क पख पर सफद लाल व काल च ह मलत ह पि तय और तन पर अपन अ ड दता ह इसक सडी फसल को त पह चाती ह इसस बचन क लए अ ड और स डय को चनकर बाहर डालकर न ट कर दना चा हए या 5 तशत बीएचसी धल 12-20 क ा त ह टयर क दर स बरकनी चा हए या 015 तशत इ डोस फान (35 ईसी) क घोल का छड़काव कर

2 तना छदक - यह क ट पौध क उपरो त भाग म छद करक पौधो को त पह चाता ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क धल लाभ द रहती ह या 004 तशत डायिजनान क घोल का छड़काव कर

3 लाल रोएदार स डी - यह लाल बाल वाल स डी पि तय को खाती ह यह स डी अक रत बीजाकर को भी खा जाती ह और भ म क अ दर ह इसक यपा अव था पर होती ह इसक मौथ क पख पर काल ध ब होत ह इसक अ ड भी भ म म ह पाए जात ह इसक रोकथाम क लए मौथ को रोशनी वारा आक षत करक पकड़कर न ट कर दना चा हए 10 तशत बीएचसी क धल 25-30 क ाह क दर स बरकना चा हए या 015 तशत

इ डोस फान क घोल का छड़काव कर

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6215 चार क फसल म क ट - पतग क नय ण

सभी कार क क ट पतग ( गडार स डीकमलाकटरपीलर)तना का कतरा तना म खी व चपा (माह-ए फड) आ द क लए 005 तशत मला थयान क घोल का छड़काव कर छड़काव क 15-20 दन बाद तक चारा पशओ को न खलाए 1 खड़ी फसल म अगर कोई क टनाशी दवाई छड़क गई हो तो दवाई छड़कन क 20-25 दन

बाद तक इस फसल को काटकर पशओ को नह खलाना चा हए ता क दवाई का कोई हा नकारक भाव पश पर न होन पाए

2 चार क फसल म क ट पतग क नय ण क लए लो रन टक हाइ ोकाबन क टनाशक रसायन जस डीट ट बीएचसी ह टा लोर ए ीन डाइए ीन व लोरडन आ द का योग नह करना चा हए य क य रसायन मदा स पौध तथा पशओ क ऊ तय म ि थर

होत ह तथा र त खला म इ होत ह उदाहरण क लए डीडीट व बीएचसी पशओ क वसा ऊ तय म एक त होत ह तथा यहा स र त व दध म धीर-धीर पह चत रहत ह और इस कार मास व दध क वारा मन य क शर र म वश करत ह इस कार हमार शर र म अ यव था पदा करत ह सर त व भावय त नय ण क लए अ ल खत उपाय करन चा हए

63 रबी फसल म क ट नय ण

631 गह

1 द मक - यह बड़ी हा नकारक ह और जमीन म सरग बनाकर रहती ह तथा पौध क जड़ को खाती ह इसक रोकथाम क लए एि न 5 तशत ध ल या ह टा लोर क 5 तशत ध ल या लोरोडन क 5 तशत ध ल 20 स 30 क ा त ह टयर क दर स बोन स पहल कड म डालनी चा हए

2 तना बधक - यह गह का म य हा नकारक क ट ह इसका मौथ पि तय पर अ ड दता ह अ ड स नकलन वाल कटर पलर न म घसकर उस काटन लगत ह इसक रोकथाम क लय 004 तशत फाल डोन का छड़काव (400 मल म 1000 ल पानी) करना चा हए एचडी 2189 ड यएच 283 एचयएम 234 गह क क म तना बधक क सहनशील ह

3 गह का ए फड - यह क ट जब पौध क बा लय म दान आत ह तो उसक रस को चसता ह और पि तय क रस को भी चसता ह इसम पौधा पीला तथा ह क हो जात ह इसक रोकथाम क लय 002 तशत फाल डोन का छड़काव करना चा हए इसम बीएचसी क ध ल भी लाभदायक रहती ह

4 ट डा - यह जमत ह ए बीजाकर को खाता ह और उसक बाद यह प ती को खान लगता ह यह पौध क सतह स ह खान लगता ह इसक रोकथाम क लय बीएचसी 5 तशत क ध ल 25 क ाह क दर स डालनी चा हए

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5 कटवोम या स नक क ट - इसम लारवा (स डी) भ म क सतह स पौध क तन को काटता ह यह कभी कभी बड़ा भी भयकर आ मण करता ह िजसस फसल को काफ नकसान पह च जाता ह इसक रोकथाम क लए एि न 5 तशत ध ल उपचार क लए 25 क ाह क दर स डालनी चा हए या सबह क समय 5 तशत ध ल ह टा लोर डालनी चा हए

632 जौ

1 द मक - यह फसल क जड़ को खाती ह और सरग बनाकर भ म म रहती ह इसका व तार स वणन गह क अ ययन म कया गया ह

2 कट वो स - इसका भी व तार स वणन गह क अ याय म दया ह 3 माह - पछल कई वष स जौ क बौनी क म पर माह का कोप होन लगा ह य क ट

कोमल पि तय क सतह स रस चसन क अलावा एक चप चपा पदाथ भी छोड़त ह िजस पर काल फफद फल जाती ह इसक नय ण क लए फसल पर एक ल टर मआ स टा स 25 ईसी को 1000 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर क दर स छड़काव करना चा हए

633 चना

1 कतरा - यह चन का बड़ा भयकर क ट ह यह रबी क सभी दाल वाल फसल को हा न पह चाता ह यह पौध क तन को भ म क पास स खाता ह और पौध पर चढ़कर पि तय को भी हा न पह चाता ह इसक रोकथाम क लए बआई स पव खत म 13 तशत चण क 30 क ा अथवा सवीडाल दानदार 25 क ाह क दर स म ी म मलाए

2 चन क फल बधक - इसक गडार या स डी या कमला या इ ल चन क फ लय म छद करक दान को खा जाती ह

रोकथाम क उपाय - 1 फसल क पास काश पच क मदद स ौढ़ क ट को एक करक न ट कर दना चा हए 2 अ धक कोप होन पर क टनाशी रसायन जस इ डोस फान 35 ईसी 125 ल

वोनालफास 25 ईसी 125 ल साइपरयो न 10 ईसी 700 मल मा ा को 600 स 800 ल टर पानी म घोल बनाकर एक ह टयर फसल पर जब 20 स 25 तशत पौध पर फल आन लग तो छड़काव करना चा हए पहल छड़काव क 15 दन बाद दसरा छड़काव भी कर

3 य द कसी कारण स छड़काव करना स भव न हो तो न न ल खत क टनाशक रसायन म स कसी एक को स तत मा ा म लकर समान प स उपयोग (बरकाव) करक रोकथाम क जा सकती ह -

1 काबा रल 10 श धल 20-25 क ाह 3 मला थयान 5 श धल 20-25 क ाह 4 फ थोएट 2 श धल 20-25 क ाह 5 मथाइल परा थयान 2 श धल 20-25 क ाह

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6 इ डोस फान 4 श धल 20-25 क ाह 7 वीनालफास 15 श धल 20-25 क ाह

उपरो त प स उपचा रत फसल पर दसर हा नकारक क ट जस अ क डल या माह का कोप भी नह होगा

634 मटर

मटर को नकसान पहचान वाल क ड़ म तना छदक राएदार गडार तथा त बाक वाला गडार म य ह इसक अलावा फसल को ल फ माइनर तथा ए फड (माह) भी काफ नकसान पह चात ह तना छदक स रोकथाम करन क लए बोन क समय 30 क ा यराडान या 10 क ा थीमट य स का योग कर इ ह बीज बोन सपहल म ी म मला दना चा हए प ती खान वाल गडार स रोकथाम करन क लए 125 ल टर थायोडोन (35 ईसी) का 1000 ल पानी म घोल बनाकर एक ह टयर म छड़क द फल छदक क ड़ क रोकथाम - फसल पर 025 तशत वाल काब रल या 005 तशत वाल इ डोस फान का छड़काव करक क जा सकती ह यह यान रखना आव यक ह क ब क लए फ लया उपचार क कम स कम 10 दन बाद ह तोड़ी जाए ए फड और ल फ माइनर स फसल को बचान क लए 005 तशत वाल ल डन या 005 तशत वाल इ डोस फान का छड़काव कर य द क ड़ का कोप दोबारा दखाई पड़ तो यह छड़काव दोहराया जा सकता ह 2 तशत फोरट म बीज का उपचार करन पर बवाई क 40 दन बाद तक फसल ल फ माइनर क

आ मण स बच जाती ह

635 मसर

मसर क फसल म लगभग सभी क ट जो क रबी दलहन क फसल पर पाए जात ह लगत ह इनम स म य प स कटवोम ए फड और मटर क फल बधक इस हा न पह चात ह इसक रोकथाम चन व मटर क क ट क रोकथाम क तरह ह करत ह 1 माह क ट क पहचान - यह क ट समह म पि तय तथा पौध क कोमल भाग म रस चसकर

त पह चाता ह उपचार - इसक रोकथाम हत न न ल खत रसायन म स कसी एक रसायन को 600-800 ल टर पानी म घोलकर त ह टयर छड़काव कर 1 मथाइल-ओ- डमटान 25 ईसी 10 ल टर 2 डाइ मथोएट 30 ईसी 10 ल टर 3 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर 4 लोरपायर फास 20 ईसी 750 मल ल टर 5 यनालफास 25 ईसी 10 ल टर 6 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 7 डायिजनान 20 ईसी 125 ल टर

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8 फ न ो थयान 50 ईसी 10 मल ल टर 9 मोनो ोटोफास 36 एसएल 750 मल ल टर 10 काबराइल 10 तशत चण 2500 क ा 11 काबराइल 50 तशत घलनशील चण 15 क ा 12 फारम थयान 25 ईसी 100 ल टर 2 फल छदक क पहचान - फ लय म छद करक दान को न ट करता ह उपचार - मटर क फल छदक क भा त उपचार कर पि तया खान वाल गडार तथा फल खान वाल क ट को न ट करन क लए थायोडान (35 ईसी) का 015 तशत का तशत 1000 ल टर घोल त ह टयर छड़क दना चा हए

636 तो रया और सरस

1 म टड या लाई (आरा म खी) छोअ पौध क ऊपर काल गडार का आ मण काफ होता ह य क ड़ पौध क पि तय को खाकर पर पौध को न ट कर दत ह जस जस पौध बड़ होत ह इस क ट का भाव कम हो जाता ह

आरा म खी क ट क पहचान - इसक गडार सरस कल क सभी फसल को हा न पह चाती ह गडार काल रग क होती ह जो पि तय को बह त तजी स कनार म अथवा व भ न आकार क छद बनाती ह ई खाती ह िजसस पि तया ब कल छलनी हो जाती ह रोकथाम - न न ल खत कसी क टनाशक रसायन का त ह टयर क दर स योग कर - 1 मला थयान 5 तशत चण 20-25 क ा 2 डाइ लोरवास डीडीवीपी 76 एसएल 05 ल टर 3 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर 4 मला थयान 50 ईसी 15 ल टर 5 इ डोस फान 4 तशत धल 20 क ा 6 यनालफास 15 तशत धल 20 क ा 7 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 8 मथाइल परा थयान 20 तशत धल 20 क ा 2 ए फड या माह - माह क ड़ का कोप लगभग दस बर क म य स श होता ह और बादल

घर रहन पर इसका कोप बड़ी ती ता स बढ़ता ह ायः इसका आ मण फल स श होता ह यह क ड़ तथा फ लय का रस चसत ह िजसस फ लय म दाना नह बन पाता ह

माह या क ट क पहचान - यह छोटा कोमल शर र वाला हर मटमल भर रग का क ट ह िजसक झ ड पि तय फल डठल फ लय आ द पर चपक रहत ह एव रस चसकर पौध को कमजोर कर दत ह रोकथाम - न न ल खत क टनाशक रसायन क स तत मा ा त ह टयर क दर स योग कर- 1 मथाइल-ओ- डमटान 25 ईसी 10 ल टर या 2 इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर

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3 डायिजनान 20 ईसी 125 ल टर 4 मला थयान 50 ईसी 20 ल टर 5 फ न ो थयान 50 ईसी 10 ल टर 6 लोरपायर फास 20 ईसी 075 ल टर या 7 मोनो ोटोफास 36 एसएल 075 ल टर या 8 मथाइल परा थयान 2 तशत धल 20 क ा त ह 3 बहार क रो मल स डी - यह फसल क ारि भक अव था म आ मण करती ह बलदार ( गडार) क ट क पहचान - इस भडल क शर र का रग पीला अथवा नारगी होता ह पर त सर व पीछ का भाग काला होता ह तथा शर र पर घन काल बाल होत ह रोकथाम - रोकथाम हत न न उपचार कर -

1 थम अव था म गडार झ ड म पाई जाती ह उस समय उन पि तय को तोड़कर एक बा ट म ी क तलय त पानी म डाल दया जाए िजसस गडार न ट हो जाए

2 थम व वतीय अव था म गडार क रोकथाम हत मथाइल परा थयान 2 तशत धल 20 क ा या इ डोस फान 4 तशत धल 20 क ा या यनालफास 15 तशत धल या 20 क ा त ह क दर स बरकाव छड़काव कया जाए

3 पण वक सत गडार क रोकथाम हत न न ल खत म स कसी एक क टनाशक रसायन का त ह टयर 100 मल 0 ट पोल या 100 ाम डटरज ट पाउडर 600 ल टर पानी म मलाकर बरकाव छड़काव कया जाए

अ डाइ लोरवास डीडीवीपी 76 एसएल 625 मल ब लोरपायर फास 20 ईसी 125 ल टर स15 ल टर स इ डोस फान 35 ईसी 125 ल टर स15 ल टर द यनालफास 25 ईसी 125 ल टर नोट - सरस जा त क सभी फसल पर फल अव था म ऐस समय अथात सायकाल छड़काव कर जब क परागणकता क ट एव मधमि खय को हा न न पह च च त बग (पणअडबग) क ट क पहचान - यह नारगी रग का ध बदार क ट ह िजसक शश तथा वय क पि तय मलायम टह नय तथ क लय स रस चसत ह िजसक फल व प पौध क व क जाती ह क ट का झ ड कटाई क बाद मड़ाई क लए रख गए ढर म भी होता ह जो दान पर

आ मण करता ह रोकथाम - इस क ट क उपचार क लए माह क उपचार म व णत कसी एक क टनाशी का योग म लाना चा हए नोट - तलहनी फसल म बीएचसी का योग क ट नय ण म नही करना चा हय य क यह तल सरचना म पह च जाती ह

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638 अलसी

1 ल फ मा या लसन कटरपीलर या अलसी समीलपर - इस क ट क स डी पि तय को खा जाती ह यह आ दश बहार पजाब उ तर दश म पाया जाता ह यह सद क ऋत म लगता ह दन क धप म यह छप जाता ह ओर सबह शाम पि तय को खाता रहता ह इसक रोकथाम क लए 5 तशत बीएचसी क धल 20 क ा त ह टयर क दर स छड़कना चा हए अथवा 015 तशत का इ डोस फान (35 ईसी) ल पानी म घोल बनाकर छड़क दना चा हए

2 अलसी म खी या गाल मज - यह म खी चमक ल नारगी रग क होती ह तथा फल और क लय को न ट कर दती ह म य दश पजाब उ तर दश और बहार म अ धक पाई जाती ह सत बर और फरवर म अ धक याशील हो जाती ह इसक रोकथाम क लए रोगोर (30 ईसी) या मटा स टा स 35 ईसी या डाइम ोन 100 ईसी का छड़काव 250 मल दवा 1000 ल टर पानी म मलाकर त ह टयर क दर स करना चा हए

639 सरजमखी

सरजमखी पर हा नकारक क ड़ का अ धक कोप नह होता फर भी अकरण का अव था म अकर को कछ क ड़ काटत ह िजसस नकसान हो सकता ह फल खलन क अव था म सरावधक हा न पह चा सकत ह इसक अ त र त ज सड क आ मण स भी हर समय फसल क र ा क जानी चा हए बोआई स पहल खत म 15 कलो त ह टयर क दर स ह टा लोर (5 तशत धल) मलाकर इनक रोकथाम क जा सकती ह 0025 तशत मटा ससआ स या

डाइम न (25 ईसी) एक मल दवा को एक ल टर पानी म घोलकर छड़काव कर

6310 कसम

ए फड या माह - यह क ट पि तय का रस चसकर फसल को हा न पह चाता ह नम मौसम म इसका भाव अ धक बढ़ता ह कभी-कभी इस क ट स 13-49 तशत तक उपज म कमी आती ह इसक रोकथाम क लए मटा स टो स 015 तशत का घोल 2-3 बार 6-10 दन क अ तर म छड़कना चा हए इस दवाई क थान पर रोगोर 500 मल या डाइम ान 200 मल 100 ई सी को 1000 ल पानी म घोलकर एक ह टयर म छड़कना चा हए इसक अ त र त प ती क स डी कसम क म खी व चन क स डी कसम क स डी नामक क ट भी कसम क फसल को हा न पह चात ह इन सभी कार क क ट व स डय क रोकथाम क लए परा थयोन या थायोडान का 004 तशत का घोल छड़कना लाभ द रहता ह

6311 बरसीम

समीलपर बरसीम को हा न पह चान वाला मख क ट ह इसका आ मण फरवर-माच म होता ह अ य क ट म चन क सडी स ए फड व ासहोपर भी फसल को हा न पह चात ह क ट का

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कोप होन पर पर खत क कटाई एक साथ करक 5 तशत मला थयान क ध ल का बरकाव कर बरकाव क 10-15 दन बाद तक खत स चार क कटाई न कर अ यथा पशओ को हा न हो सकती ह इन सब क ट पतग क रोकथाम का व तत अ ययन आग लसन अथवा रजका क अ याय स क िजए

6312 लसन या रजका

1 ए फा ए फा ए फड या माह - क ट क वय क छोट होत ह शी ह भर व पील रग म बदलत ह न फ व वय क पौध को रस चसत ह पि तय पर लोरो सस व नस पील पड़ जाती ह बीजाकर न ट हो जात ह पौध क व क जाती ह ोट न व करोट तशत 50 तशत कम हो जाती ह क ट पि तया पर शहद क तरह चप चपा पदाथ छोड़त ह िजसक कारण पि तय पर फफद व मो ड लग जातह बरसीम क फसल का भी यह म य क ट ह इसक नय ण क लए 001 तशत म आ स टा स या 005 तशत मला थयान या डायिजनान क 800 ल टर घोल का छड़काव त ह टयर करना चा हए

2 पि तय का कतरा - क ट हर पील या भर रग क होत ह अ धकतर पि तय क नचल सतह पर ठहरत ह तथा इसका रस चसत रहत ह पि तय का रग सफद पीला लाल या भरा दखाई पड़न लगता ह भार आ मण पर पौध झलस नजर आत ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान का घोल छड़कना चा हए

3 ए फा ए फा व वल - वय क क ट का रग गहरा भरा या काला होता ह शर र पर छोट छोट भर बाल होत ह लारवा (स डी) का रग हरा होता ह पर नह होत तथा शर र क नचल भाग पर अ छ वक सत डो लया होती ह जो इसक चलन फरन म सहायता करती ह पि तय को छद करक खात ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत इ डोस फान (थायोडान 35 ईसी) क घोल क 800 ल टर मा ा त ह टयर छड़कनी चा हए

4 लसन गडार या स डी - बरसीम म भी यह स डी लगती ह वय क क अगल पख भर व पील एव लाल ध ब लएहोत ह पछल पख सफद एव गहर धा रया लए होत ह गडार 2-5 समी तक ल ब होत ह गडार का रग हरा तथा धार दार होता ह वय क पि तय क नचल सतह पर अ ड दती ह लारवा या सडी बह त तजी स प ती खाती ह और शी ह पि तय का रग कागज क तरह सफद हो जाता ह अ त म पि तय क म य शरा ह शष रह जाती ह बरसीम व चक दर पर भी इस क ट का आ मण होता ह थायोडान 01 तशत या स वन 02 तशत का घोल छड़कना चा हए छड़काव क 20 दन बाद ह

पशओ को चारा खलाइए 5 समी लपर - वय क क अगल पख पर सनहर Y क आकार का च न होता ह वय क

लपर या गडार ह क रग म बदलत हव बाद म भर हर रग क हो जात ह सर का भाग पीछ क तलना म नक ला होता ह गडार प ती का एक भाग खाती ह अग त स आ मण ार भ होकर सत बर व अ टबर म भार आ मण होता ह इसक रोकथाम क लए 05 तशत इ डोस फान क घोल का छड़काव कर बीस दन तक चारा योग न कर

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6 बहार रोएदार गडार - क ट का रग भरा नारगी होता ह तथा पख पर काल ध ब पाए जात ह गडार रोएदार व उदर अथवा नीच स काल रग क होत ह ऊपर क अथवा पीठ क तरफ नारगी पील रग क होती ह गडार हर पि तय को खात ह एक प ती समा त होन पर दसर पर पह च जात ह यह अनक वन प तय पर नवाह कर सकता ह जस बरसीम वार लो बया व सोयाबीन आ द इसक रोकथाम क लए 015 तशत का इ डोस फान

(35 ईसी थायोडान) क800 ल टर घोल का छड़काव त ह टयर करना चा हए 7 चन का कतरा - वय क धस रत सफद रग क होत ह अगल पख पर प या दो काल

धार दार कतार म जो पख क आधार पर होती ह ार भ होती ह लारवा रात म आ मण करत ह व दन म मदा सतह म छप जात ह बीजाकर को भार हा न पह चात ह इसक रोकथाम क लए 02 तशत या 05 तशत इ डोस फान का 800 - 1000 ल टर घोल त ह टयर छड़कना चा हए 20 दन तक इस खत म पशओ को हरा चारा न खलाए

6313 त बाक

1 त बाक क स डी या गडार - यह स डी त बाक क हर और मलायम पि तय को खाती ह और कभी-कभी तन को भी खाती ह इसक रोकथाम क लए 015 तशत थायोडान 35 ईसी क घोल को छड़कना चा हए एि न (5 तशत) क 25 क ाह मा ा क दर स बरकना भी लाभदायक ह

2 तना बधक - यह तन क अ दर घसकर तन को खाता ह और इस तरह पौध न ट हो जात ह इस रोकन क लए त बाक क गडार वाल दवाइय का योग क िजए

3 ए फड या माह - यह पि तय तथा तन क रस को चसत ह और पौध पील पड़ जात ह और फसल काफ कमजोर हो जाती ह इसक रोकथाम क लए परा थयान या डाइम ान का 02 तशत का छड़काव लाभदायक हआ ह

4 कटआ या कटवम - इसक स डी भ म क तर स तन को काटती ह और पि तय को खा जाती ह िजसस फसल को बह त त पह चती ह रोकथाम क लए 5 तशत ह टा लोर 25 क ाह क दर स डालनी चा हए खड़ी फसल म इस रोकन क लए 015 तशत इ डोस फान 35 ईसी क 800 ल टर घोल का छड़काव त ह कर

5 द मक - द मक स भी कभी कभी फसल को बह त त पह चती ह इसक रोकथाम क लए भ म का उपचार क टनाशक दवाओ स करना चा हए ह टा लोर या एि न 265 क ा त ह क दर स डालना लाभदायक ह

64 साराश फसलो म समय पर क ट नय ण करना अ त आव यक ह फसल म पाऐ जान वाल म य क ट तना छदक ल फ माइनर द मक ऐ फड ज सड़ लपर स मलपर कतरा तना बोधक आ द होत ह क ट क नय ण क लए व भ न क टनाशक का योग कया जाता ह क टनाशक क सह मा ा एवम इनक योग करन क व ध का सह ान होना अ त आव यक ह अ यथा इसका वप रत भाव फसल पर पड़ सकता ह

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65 बोध न 1 धान म लगन वाल म य क ट एवम उनको नय ण करन क क टना क तथा उनक

सह मा ा बताइए 2 गह क भडा रत क ट एवम उनका नय ण बताइए 3 न न म स कौनसा क ट धान क फसल म पाऐ जात ह

(अ) धान क जड़ स डी (ब) तना छदक (स) ज सड (द) उपरो त सभी

66 सदभ साम ी 1 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 Singh Chaddha 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi 5 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 6 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 7 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

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इकाई 7 बागवानी फसल क म य क ट और उसका नय ण

इकाई क परखा 70 उ य 71 तावना 72 क ड़ क रोकथाम 73 क टनाशक का योग करत समय सावधा नया 74 बागवानी फसल क म य क ट ल ण और उनका नय ण 75 साराश 76 बोध न 77 सदभ साम ी

70 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप जान पाऐग क - क ट नय ण क म य क ट ल ण तथा उनका नय ण क टनाशक का योग करत समय सावधा नया

71 तावना फलदार पौध पर अनक कार क क ड़ का कोप होता ह य प त तन छाल फल व

फल आ द हर भाग को हा न पह चा सकत ह य द छोट पौध पर कोप हो तो पोध मर भी सकत ह बड़ पौध पर क ट आ मण स उनक बढ़वार तथा उ पादन म कमी आती ह क ड़ फलव को न न ल खत दो कार स हा न पह चात ह 1 काटकर ओर चबाकर 2 पौध का रस चसकर

काटकर तथा चबाकर खान वाल क ड़ वारा कया गया नकसान आसानी स पहचाना जा सकता ह तथा इ ह आसानी स नय त कया जा सकता ह पर त रस चसन वाल क ड़ क आ मण क अनक ल ण ह जो पौध व शाखाओ का छोटा (बौना) रहना प त मड़ना और पौध क अनक भाग वशषकर तन का मड-तड जाना आ द आमतौर पर दख जा सकत ह अ य ल ण म ध ब नजर आना व पौध का पीला पड़ना शा मल ह काटन व चसन दोन कार स हा न पह चान वाल क ड़ क कोप काएक म य ल ण ह गाठ बनना

72 क ड़ क रोकथाम क ट नय णक तीन म य तर क ह जो न न ल खत ह - क) याि क नय ण ख) स य याओ वारा नय ण

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ग) रासाय नक नय ण क ट नय ण का यक तर का न न ल खत चार बात पर आधा रत ह - 1) नर ौढ़ का ब धयाकरण

इसम नर ौढ़ को पकड़कर करण वारा ब धया कर दया जाता ह और जनन क उ चतसमय पर मादाओ क साथ छोड़ दया जाता ह इसस मादाए आग अ ड दन म असमथ हो जाती ह 2) नवजात क ड़ का जीवनच तोड़ना

नवजात क ड़ को जीवन क व भ न अव थाओ पर रसायन स मार दया जाता ह ता क कम स कम क ड़ ौढ़ आय तक पह च सक 3) लाभदायक क ट का योग

लाभदायक म क ड़ जस लडीबग भ ड आ द द मन क ड़ को खा जात ह इस कार द मन क ड़ क स या पर नय ण पाया जाता ह 4) लाभदायक पौध का योग

म य फसल क आसपास कछ ऐसपौध लगात ह िजस पर हा नकारक क ट आक षतहोत ह या फर आ मण करन वाल क ड़ क लए एनि छक वातावरण पदा कर दत ह क) याि क नय ण

व भ न कार क य या हाथ स क ड़ को पकड़ लया जाता ह तथा उसक बाद क टनाशक स मार दया जाता ह ख) स य याओ वारा रोकथाम

फसल च अपनाकर काट-छाट अथवा रोधक क म का योग करक भी क ट नय ण कया जा सकता ह

ग) रासाय नक नय ण रासाय नक नय ण म क टनाशक का फसल पर छड़काव कया जाता ह क टनाशकक

मा ा क ट व फसल तथा क ट क स या पर नभर करती ह क ड़ वय हा न पह चान क अ त र त बमार फलान वाल जीवाण जस वायरस आ द को एक थान स दसर थन पर ल जान म भी मदद करत ह ऐस क ड़ को lsquolsquoव टरrsquorsquo कहत ह सफद म खी हरा तला आ द कछ म य क ट व टर ह

73 क टनाशक का योग करत समय सावधा नया 1 क टनाशक को कवल सर त थान पर रख 2 क टनाशक को खान-पीन क व तओ क पास न रख 3 क टनाशक ड ब पर लखी हदायत का पालन कर 4 क टनाशक क म ह इ या द मजान पर तर त डॉ टर क सलाह ल 5 क टनाशक खाल ड ब को न ट कर द 6 क टनाशक का छड़काव करन क बाद हाथ पर म ह अ छ तरह साबन व पानी स धोए

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7 यर क नोजल आ द स कचरा नकालन क लए न फक मार न हवा खीच और न मह लगाए

74 बागवानी फसल क म य क ट ल ण और उनका नय ण क ट का नाम हा न क ल ण नय ण 1 छाल खान वाल स डी

यह क ट अम द बर शहतत अनार नीब आड ल ची आवला जामन व लोकाट क पड़ को नकसान पहचाता ह इनक अलावा यह क ट अनक छायादार व अ य पड़ को भी हा न पह चाता ह इसक स डी ह नकसानदय ह जो अ सर दखाई नह दती य क यह दन म तन क अ दर रहकर सरग बनाती ह इसका मल व लकड़ी का बरादा एक जाल क प म पड़ क तन व टह नय पर दखा जा सकता ह यह रात को सरग स बाहर नकलकर जाल क नीच रहकर छाल को खाती ह िजसस पड़ क खराक नल न ट हो जाती ह फल व प पौध क अ य भाग म पोषक त व नह पह चत िजन बाग म दखभाल नह होती उनक परान पड़ पर यह स डी यादा नकसान पहचाती ह यादा तज हवा चलन पर को पत तन व टह नया टट कर गर जात ह और परा पौधा मर जाता ह

10 मल मोनो ोटोफास (नवा ानमोनो सल) 36 ड यएससी या 10 मल मथाइल परा थयान (मटा सड 50 ईसी) को 10 ल टर पानी म घोलकर सराख क चार और क छाल पर सत बर - अ टबर क मह न म लगाए 2 40 ाम काब रल (स वन) 50 तशत पाउडर (घपा) या 10 मल फ न ो थयान (फोल थयानस म थयान) 50 ईसी को 10 ल टर पानी म मलाकर घोल बनाए इस घोल को फरवर -माच क मह न म ई क फोह स कसी लोह क तार क मदद स क ड़ क सराख क अ दर डाल द व सराख क गील म ी स ढ़क द 10 तशत म ी क तल का इम शन (एक

ल टर म ी का तल+100 ाम साबन+9 ल टर पानी) भी योग कर सकत ह या नीच द गई दवाइय म स कसी एक का पानी बनाया गया 5 मल घोल का योग म लाया जा सकता ह मल डाई लोरवास (नवान) 36 ईसी या 5 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी को 10 ल टर पानी म मलाय घोल को सराख म डालन क बाद म ी स ब द कर द नोट - 1 क टनाशक दवाइय का योग जाल हटान क बाद ह कर 2 आसपास क सभी व क सराख म भी दवाइय का योग कर

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3 बाग को साफ-सथरा रख व नधा रत स या स यादा पड़ न लगाय

2 द मक यह क ट फलदार छायादार व अ य व को काफ नकसान पह चाता ह इसका यादा नकसान नसर म या नए लगाए गए पौध म होता ह यह क ट सय क रोशनी स बचता ह श क व अ श क जलवाय इसक लए अ तलाभदायक होती ह यह तन पर म ी क सरग म रहकर छाल को खाता ह या फर भ म म रहकर जड़ स तन क ओर खोखला करत ह ए उपर क ओर बढ़ता ह इनक कमर वारा छाल जड़ व अ दर क लकड़ी खान स पड़ सखकर मर जात ह द मक स को पत व व टह नया तज हवा म गर जात ह इसका नकसान सखी लकड़ी म भी होता ह बरसात को छोड़कर इसका कोप सारा साल बना रहता ह

या क ढग स सखी लकड़ी गल सड़ी व कोई भी ठठ आ द खत म न रह गोबर क हर व क ची खाद योग म न लाय य क यह सभी द मक क बढ़ावा दती ह पौध क आसपास गहर जताई कर जहा तक सभव हो रानी द मक को न ट कर रासाय नक तर क स पौध लगान स पहल 50 मल लोरपाय रफॉस 20 ईसी 5 ल टर पानी म त ग ढ़ प धा लगात समय डाल दवाई

का घोल डालन स पहल यक ग ढ़ म 2-3 बा ट पानी डाल द नय पौध लगान क बाद एक ल टर लोरपाय रफॉस 20 ईसी एकड़ सचाई

करत समय डाल

3चरड़ा प यह म य प स अगर का क ट ह इसक अलावा नीबवग य फल जामन आम व अम द को भी नकसान पह चाता ह इसक शश (Nymph) छोट पील भर व यवा (Adult) काल भर रग क पतल व ल ब होत ह जो प त क नचल सतह स रस चसकर सफद भर रग क ध ब बना दत ह शश जो बह त हा नकारक हत ह 9-20 दन म पर तरह स वक सत हो जात ह जब कोप बह त यादा होता ह तो प त मड़

750 मल ए डोस फान (थायोडानए डो सल) 35 ईसी या 150 मल फनवलरट (फनवाल) 20 ईसी या 500 मल मला थयान (साय थयान) 50 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़काव कर

नोट - िजन क म क प त रोयदार व नचल मोट हो उन पर इस क ट का यादा नकसान नह होता ह

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जात ह व पील होकर गर जात ह अ वक सत फल का कोप हो तो ध ब क वजह स फल स त व भ हो जात ह िजनम उनक गणव ता भी कम हो जाती ह इसका यादा नकसान सख मौसम म अ ल स जन व अग त स नव बर म होता ह यह यप क प म दस बर स माच तक जमीन म शात व नि य रहता ह तथा माच स नव बर तक इसक 5-8 पी ढ़या होती ह

4नीब क ततल

नीब जा त का यह वनाशकार क ट ह इसक स डी श म भर काल रग क हाती ह िजन पर काल ध ब होत ह तथा बाद म इसका रग हरा हो जाता ह य जवजात पि तय को कनार स म य शराओ तक खाती ह नसर स तथा छोट पौध व मलायम पि तय पर इसका नकसान यादा होता ह मा टा पर इसका कोप अ य धक होता ह

जसा नीब क सफदकाल म खी म दया गया ह नोट - जहा तक हो सक सि डय व यपा को हाथ स पकड़कर न ट कर

5नीब का स ला

स ला नीब जा त क सभी फल व का एक म य क ट ह िजसक शश गोल चपट व नारगी - पील तथा ौढ़ भर रग क होत ह जो प त व नई टह नय स रस चसत ह रस चसन स प त व टह नया पील हो जाती ह व आ खरकार सख जाती ह इसक शश यादा नकसादय होत ह इस क ट क 8-10 पी ढया होती ह व परा वष स य रहता ह इसका यादा

625 मल डाइमथोएट (रोगार 30 ईसी) या 750 मल ऑ सीडीमटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसी या 5 मल मोनो ोटोफास (नवा ानमोनो सल) 36 ड यएससी 500 ल टर पानी म त एकड़ छड़क नोट - नीब जा त क सभी व पर भी छड़काव कर

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नकसान माच-अ ल व वषा ऋत क बाद होता ह मा टा व मीठ - नीब पर इसका यादा नकसान होता ह

6नीब का ल फ माइनर

यह क ट नीब क प त को नकसान पह चाता ह बना पर क ह क-पील रग क सि डया मलायम पि तय क दोन तरफ चमक ल व टढ़ -मढ़ सरग बनाती ह को पत पि तय पर फफद जसी बीमार हो जाती ह िजसस पि तया व टह नया सख जाती ह पर साल म इस क ट क लगभग 12 पी ढ़या होती ह पर त यादा नकसान बसत व मई स अ टबर क म हन म होता ह इसका यादा नकसान मलायम व रसदार पि तय पर होता ह नसर म इसक कोप स परा पौधा ह न ट हो जाता ह

जसा क नीब क स ला म दया गया ह

7नीब क सफद व काल म खी

सफद म खी क शश चपट ह क पील रग क व शर र पर बाल वाल होत ह ौढ़ क शर र व पख पर सफद रग का पाऊडर होता ह काल म खी क शश चपट काटदार अ डाकार व गहर भर या काल रग क होत ह जब क यवा ह क रग क होत ह यह मलायम पि तय म रस चसत ह िजसस पि तया पील नड़ जाती ह व आ खरकार सखकर गर जाती ह शश 25 स 70 दन तक पि तय क नीचल सतह पर चपक कर बड़ होत ह यह म खी माच स अ ल व अग त स सत बर म यादा

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ोनमोनो सल) 36 ड यएससी या ए सफट 200 ाम 75 एसपी 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़काव कर नोट - बाग म पौध ज रत स यादा नह लगान चा हए पानी का नकास सह होना चा हए

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नकसान करती ह जब क पर गम (माच स सत बर) स य रहती ह इसक साल म दो पी ढया होती ह यह शश क अव था म शात व नि य रहता ह व इसका ौढ़ यादा दन जी वत नह रहता सफद म खी नीब क अलावा जामन म भी नकसान पह चाती ह

8लाल ततय व पील भरड़

ततय व भरड़ क म य सम या अगर ह य कट-फट अगर का पण प स खा जात ह इसक अलावा यादा मीठ रस व पतल छलक वाल फल को पकन पर बह त नकसान पह चात ह फल को तोड़त समय भी काफ परशान करत ह लाल ततय क छ त पड़ क खोखल भग व दवार क आड़ म जब क भरड़ क छ त घर म छ त क नचल सतह पर पाय जात ह

1 काब रल 50 तशत घलनशील पाउडर (40 ाम 10 ल टर पानी म) का छड़काव सय छपन क समय कर 2 पकत ह ए ग छ का कपड़ा बाधकर भी ततय व भरड़ स छटकारा पाया जा सकता ह

9प त खान वाल भ डया

इसक व भ न जा तया बर अगर अम द आ द व को नकसान पह चाती ह श क व अ श क म यह यादा हा न करती ह भर चमक ल व मोट - ताज यवा (Adult) शाम स सबह तक व क प त को खब खात ह और दन नकलन स पहल ह जमीन म छप जात ह वस तो यह प त म गोल छद करक खात ह पर त जब अ धक नकसान होता ह तो व पर प त ब कल ख म कर दत ह िजसस फल नह लगत इसक सि डया अनक फसल क जड़

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ान) 36 ड यएससी या एक ल टर ि वनलफॉस (ईलाल स) 25 ईसी या 15 कलो ाम काबा रल (स वन) 50 एकड़ शाम क समय छड़क छड़काव यवा नकलन क एक दन बाद कर जो क मानसन क पहल वषा क बाद नकलत ह अगर छड़काव क तर त बाद बा रश हो जाय या फर नकसान जार रह तो उपय त छड़काव दोबारा कर नोट - बाग क आसपास क व पर भी छड़काव कर

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को मानसन या इसस पहल क वषा क बाद नकसान करती ह यवा क आय लगभग एक मह ना होती ह व इस क ट क पर वष म एक ह पीढ़ होती ह

10टबाल वाल स डी

गहर-भर रग क सि डया जो क अ ड स नकलत ह इक ी होकर प त क नीचल सतह को खाकर छलनी कर दती ह स डी क शर र पर ल ब-ल ब बाल होत ह यह बड़ी होकर पर व पर फल जाती ह व शाखाओ को खाकर प ता र हत कर दती ह फल को भी खाती ह िजसस उनक गणव ता कम हो जाती ह यह स डी बर व अगर क फल क मौसम म पर तरह स य रहती ह

500 मल मोनो ोटोफास (नवा ान) 36 ड यएससी या एक कलो ाम ि वनलफॉस (स वन) 50 तशत घलनशील पाउडर को 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़क छोट सि डय को या क तर क स न ट कर

11 मल बग यह आम का एक बह त ह वनाशकार क ट ह इसक अलाव यह क ट बर अम द नीब अनार अजीर आ द फल व को भी नकसान पह चाता ह दस बर - जनवर म जमीन क अ दर अ ड स नकलकर छोट-छोट भर शश व क पि तय पर जमा हो जात ह फरवर मह न म नई पतल डा लय पर इक हो जात ह शश और मादा ौढ़ चपट मोट व अ डाकार होत ह व इनक शर र पर सफद मोर जसा चण जमा होता ह य दोन जनवर स अ ल तक नई डा लय क अलावा बौर वाल टह नय स रस चसत ह सस टह नया मरझा जाती ह अ धक कोप होन पर फल भी झड़ जात ह फल व प व पर

1 म य दस बर म इस क ड़ क शशओ को पड़ पर चढ़न स रोकन क लए जमीन स 50 स 100 समी क ऊचाई पर म य तन पर लगभग एक फट चड़ी चकनी अ कोहल (300-400 गज पॉल थीन) क प ी बाध पड़ क ऊपर परानी 5-6 समी चड़ी छाल अ कोहल चादर लगान स पहल क हाडी स काटकर उतार लनी चा हए ओर इस समतल थान क ऊपर 5 समी चड़ी तारकोल क तह लगाकर तर त चादर क नचल भाग क कना रय स अ छ तरह दबा द ता क चादर और तारकोल क म य कोई खाल थान न रह इसी कार चादर क ऊपर ह स को भी 3-4 जगह स चपका द 2 ब ड ( फसलन वाल प ी) क नीच जमा क ट को 100 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 300 मल

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फल ह नह लगत बाग एक कार का मीठा रस भी छोड़ता ह

िजसस पौध पर काल रग क फफद जमा हो जाती ह जो काश स लषण म बाधा डालती

ह यह क ट दस बर स मई तक स य रहता ह तथा जन स नव बर तक अ ड क प म जमीन म रहता ह इसक एक पीढ़ होती ह िजन बाग म कई कार क फलव क वजह स

भ म क जताई नह हो पाती उनम इस क ट का अ धक कोप होता ह

ि वनलफास (इलाल स) 25 ईसी या डायिजनान (वासडीन) 20 ईसी को 50 ल टर पानी घोलकर त 50 व पर म य जनवर और फर म य फरवर म छड़काव क लए लगभग एक ल टर घोल क ज रत पड़ती ह 500 मल मथाईल परा थयान मटा सड) 50 ईसी या 15 ल टर ि वनफॉस (ईकाल स) 25 ईसी या 125 ल टर डायिजनान (वासडीन) 20 ईसी को 500 ल टर पानी घोलकर त एकड़ छड़कन स प त व टह नय पर जमा क ट को मारा जा सकता ह 3 अ ल व मई म व स नीच उतरती ह ई जो फस गई हो या नीच गर ह ई मादाओ को सखी पि तय क साथ इक ा करक जला द 4 जन-जलाई म व क नीच क जमीन उलट-पलट कर ता क सय क गम व परजीवी श ओ स क ट क अ ड न ट हो जाय बाग को साफ सथरा रख कचर आ द को जला द नोट - बाग म सभी व पर बड लगाय 2 व क प त व टह नया भ म या वन प त को न छय ता क जमीन स बग व परन चढ़ सक

12आम का तला या फदका

तला आम का एक म य क ट ह इसक पील भर शश व भर हर प चड़ क श ल क पौढ़ नई पि तय क लय फल क ड डया व बौर स रस चसत ह िजसस य मरझाकर सख जाती ह यादा कोप स पर पड़ ख म हो जात

ह शश और ौढ़ दोन ह समह म त करत ह तथा ौढ़ क अप ा शश यादा नकसान करत

1 नधा रत स या स यादा पड़ नह लगान चा हए ता क हवा व रोशनी चर मा ा म बाग म वश कर सक अनाव यक पड़ व झा डय को काट द यह भी स नि चत कर क बाग म पानी का जमाव न हो ता क ज रत स यादा नमी न हो 2 बसतकाल न फटाव क तर त बाद (फरवर क आ खर तक) 15 कलो ाम काब रल (स वन) 50 तशत घलनशील पाउडर या 500 मल मला थयान

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ह शश फल व उनक डठल स रस चसत ह जब क ौढ़ पि तय क नचल सतह पर नकसान करत ह यह क ट पि तय पर एक मीठा रस छोड़ता ह िजसस काल फफद आ जाती ह और पि तया चकनी हो जाती ह इसक शश 10 स 20 दन म बढ़कर ौढ़ (फरवर स अ ल) बोर क समय होती ह दसर पीढ़ (जन स अग त) स यादा हा नकारक ह दसर पीढ़ क ौढ़ सघन छायादार व नमी वाल थान पर शीत नि य रहकर

फरवर म स य हो जात ह जहा पर पानी का जमाव हो या घन व ह वहा यह क ट अ धक मा ा म होता ह

(साय थयान) को 500 ल टर पानी म मलाकर छड़काव कर इस माच क अ त म दोबारा भी छड़क

13आम का गोभ छदक

आम क छोट कलम चढ़ाए गए पौध का यह म य क ट ह पील-नारगी रग क सि डया श म पि तय क म य शराओ म छद बनाकर व बाद म मलायम रोहा (शटस) क बढ़त ह ए भाग क अ दर सरग बनाकर 8-10 दन तक खाती रहती ह को पत रोह सख जाती ह व पि तया गर जाती ह िजसस नई बढ़तवार सख जाती ह इसक छोट व गोल वश वार स मलम आ द नकलता रहता ह इस क ट क 3-4 पी ढया होती ह जलाई स अ टबर तक यह स य रहता ह जब क नव बर स माच तक यपा बनकर शीत नि य रहता ह1 त त टह नय व रोह

2 नई टह नय व रोह पर 250 मल मथाईल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 10 कलो ाम काब रल (स वन) 50 ड यपी या 400 मल डाईमथोएट (रोगोर) 30 ईसी या 300 मल मनो ोटोफॉस (नवा ान) 35 ड यएससी का 500 ल टर पानी म घोलकर त एकड़ छड़काव कर

113

को तोड़कर न ट कर द

14आम का तना छदक

इस क ट का कोप कभी-कभी आम शहतत व अजीर क व म पाया जाता ह इसक सि डया पील सफद जो 6 स 8 समी ल बी होती ह तथा इनक मखाग भी काफ मजबत होत ह य तन व शाखाओ क अ दर लकड़ी म सरग बनाकर खाती ह तथा लकड़ी क रश को खान क बजाय काटती ह सरग स एक चप चपा सा पदाथ नकलता ह त त शाखाओ स पि तया गर जाती ह तथा तन व टह नया तज हवा म टट जात ह ौढ़ जो 5-6 समी ल ब होत ह तथा इसक टाग व एट ना भी ल ब होत ह यह शाखाओ क छाल खाती ह व कम नकसान पह चाती ह इसक मई स जलाई तक एक पीढ़ होती ह परान व गर ह ए व पर इसका यादा कोप होता ह

1 त त तन व मर रह शाखाओ को काटकर जला द िजसस इनक अ दर छपी ह ई सि डया व यप मर जाय 2 सराख स बरादा हटाकर 10 मल मथाईल परा थयान इमलरान (4 मल मटा सड 50 ईसी को एक ल टर पानी म) को सराख क अ दर डाल व म ी स ब द कर द

15 कल क ट यह क ट छोटा गोल ह का भरा या पीला भरा होता ह जो सफद मोम जस चण पदाथ स ढ़का रहता ह अ ड स नकलत ह शश नवजात रस चसत ह य क ट मीठा रस भी छोड़त ह िजसक वजह स काल ची टया आती ह और फफद भी लग जाती ह इसक कोप स व क बढ़वार क जाती ह अ टबर स नव बर तक यह क ट स य रहता ह व ौढ़ क प म शीत नि य हो जाता ह नवजात पौध व आम क कलमी क म

1 को पत शाखाओ को काटकर जला द 2 500 मल मथारल परा थयान (मटा सड) 50 ईसी या 125 ल टर डाइिजनान (बासडीन) 20 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर माच व सत बर म त एकड़ छड़क

114

पर इसका कोप यादा होता ह 16फलम खी यह म खी अम द व आड क

साथ-साथ आम नाशपती व नीब पर भी नकसान करती ह इसक ौढ़ घरल म खी जस होत ह व

इसक उड़न क मता भी अ धक ह मादा म खी फल म छद करक छलक क बीच अ ड दती ह इसक सि डया फल क अ दर रहकर ग ा खाती ह िजसस फल बडौल हो जात ह तथा उनक माग (बाजार क क मत) न बराबर होती ह सि डया यपा बनन क लए अपन वारा बनाए गए छद स नकलकर जमीन म गर जाती ह इसक कई पी ढया होती ह

1 म खी स त त फल को त दन एक त करक दो फट गहरा जमीन म दबा द या भड़ व बक रय को खला द 2 जन-मई ओर दस बर-जनवर म व क आसपास क जमीन क गड़ाई कर द ता क म खी क यप मार जाए 3 500 मल मला थयान (साय थयान) 50 ईसी + 5 कलो ाम गड़ को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़क अगर ज रत हो तो यह छड़काव 7 स 10 दन क बाद फर दोहराय नोट - मला थयान दवाई छड़कन क 5 दन बाद तक फल को न तोड़

17लाख बनान वाला क ट

यह क ट बर अजीर पलखन और पीपल को नकसान पह चाता ह लाल रग क शश जो चप चप पदाथ स ढ़क रहत ह नवजात टह नय स रस चसत ह िजसस पदावार व गणव ता म भार कमी आती ह शशओ स नकल मल पर फफद लग जाती ह इसका कोप फलता ह परानी बाग म जहा पर दखभाल अ छ तरह स नह क जाती वहा पर इसका नकसान यादा होता ह

1 जो टह नया इस क ड़ स त त ह उ ह फल लन क बाद काटकर जला द 2 400 मल मोनो ोटोफास (नवा ोन) 36 ड यएससी600 म0ल 0 ऑ सीड मटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर अग त- सत बर म त एकड़ क हसाब स छड़काव कर

18प ती लपट

यह आड का वनाशकार क ट ह व बादाम नाशपाती तथा अलचा पर भी हा न पह चाता ह इसक गहर-हर रग क शश एव पील रग क ौढ़ नवजात व बढ़ रह रोह स रस चसत ह को पत

टह नय क या मड़ जाती ह तथा उन पर फल काफ कम लगत ह

1 500 म0ल 0 डाईमथोएट (रोगोर) 30 ई0सी0 को 500 ल टर पानी म मलाकर नए फटाव स पहल त एकड़ छड़क

2 जब फल मटर क दान क बराबर हो तब उपय त दवाई का दोबरा छड़काव कर य द फर भी ज रत हो तो 15

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जो पकन स पहल झड़ जात ह इसक अलावा एक और जल माइजस पर सक क लय पि तया व छोट फल स अ ल स जन तक रस चसकर आड को हा न पह चाता ह

दन बाद दोबारा छड़काव कर

19बर क म खी

यह बर का सबस वनाशकार क ड़ा ह यह भर-पील रग क म खी ह िजसक व पर काल व पख पर भर सलट रग क ध ब होत ह मादा म खी फल क छलक क नीच अ ड दती ह को मत फल कान हो जात ह जो क खान लायक नह रहत ऐस फल ज द पकत ह व गर भी जात ह पण वक सत स डया यपा बनन क लए अपन वारा कए गए छद स जमीन म गर जाती ह इसका नकसान यादा मीठ अगती व पछती फसल म होता ह यह म खी 7 स 24 दन तक स डी क प म रहती ह इसक नव बर स अ ल तक 3-4 पीढ या होती ह

1 नव बर म जब फल मटर क दान िजतन बड़ हो जाय तब पड़ पर 600 म0ल 0 आ सी डमटान मथाईल (मटा स टा स) 25 ईसीया 500 म0ल 0 डायमथोएट (रोगोर) 30 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ क हसाब स छड़क इस म य दस बर म फर दोहराय

2 जनवर क अ त म 500 म0ल 0 मला थयान (साय थयान) 50 ईसी 5 कलो ाम गड़ को 500 ल टर पानी म मलाकर त एकड़ छड़क

3 क ड़ स त त फल को रोजाना एक त करक दो फट गहरा जमीन म दबा द या बक रय व भड़ को खला द

4 मई-जन और दस बर-जनवर क मह न म व क आसपास अ छ गड़ाई कर द

नोटः मला थयान छड़कन क दो दन बाद फल को तोड़कर कम-स-कम आधा मनट तक पानी म धोय ता क फल पर दवाई का असर न रह

20प ता मरोड़ अ टपद

यह ल ची व अनार का म य क ट ह शश सफद व ौढ़ ह क भर रग क होत ह य तजी स बढ़न वाल व क पि तय क नचल सतह खरच कर रस चस लत ह िजसस पि तय पर छोट सफद ध ब बन जात ह य ध ब बाद

1 को पत पि तय व टह नय को बार-बार तोड़कर जलात रह

2 म0ल 0 डाईमथोएट (रोगोर) 30 ईसी का नया फटाव आन पर या कोप श होन पर 500 ल टर पानी म मलाकर छड़काव कर

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म एक-दसर स मल जात ह व गहर भर रग क मखमल तह बन जाती ह त त पि तय मड़कर गर जात ह गम क श क मह न (अ ल-जन) म इसका कोप यादा होता ह तथा मानसन श होन पर कम ह जाता ह जो क सत बर म फर श हो जाता ह सद क मौसम म इसका नकसान काफ कम रहता ह

3 3500 म0ल 0 मथा लयान (साय थयान) 50 ईसी को 500 ल टर पानी म मलाकर फल पकन क कछ पहल त एकड़ क हसाब स छड़क य द ज रत हो तो 10 दन बाद फर छड़काव कर

नोटः मथा लयान दवाई क छड़कन क एक 4 स ताह तक फल को न तोड

21प ी च डया तोत व कौव आ द प ी भी फल को काफ नकसान पह चात ह

1 इनक घ सल को अ ड स हत अ ड दन क मौसम म न ट कर

2 प ी उड़ान क य स प य को दर भगाय बाग म भरा हआ प ी टाग दन स भी प ी नह आत

3 कम तर पर फल व को जाल स ढ़क कर भी प य स बचाया जा सकता ह

4 बाग म काफ शोर करन वाल पटाख छोड़कर भी प य को दर भगाया जा सकता ह

75 साराश क ट नय ण क तीन म य तर क होत ह या क नय ण स य याओ वारा नय ण तथा रसायन नय ण य द क ट को समय पर नय त ना कया जाय तो इसका वप रत असर बागवानी फसल क उ पादन पर आ सकता ह क टनाशक को योग करत समय इनक मा ा तथा योग करन क व ध का वशष यान रखना आव यक ह बोध न

1 क ट नय ण क म य तर क को समझाइए 2 द मक क नय ण का तर का समझाइए 3 क टनाषक को योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए 4 मला थयोन छड़कन क कतन दन बाद तक फल को नह तौड़ना चा हए अ 2 दन ब 5 दन स 15 दन द 25 दन

117

5 lsquolsquoनीब का स लाrsquorsquo क नय ण क लए न न म स कौनसा क टनाषक योग कया जाता ह अ डाईमथोएटब ऑ सीडीमटान मथाईल स मोनो ोटोफासद उपरो त सभी

77 सदभ साम ी 1 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एस क शमा एस एल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 Singh chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Corps

Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Delhi 5 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 6 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउस मरठ 7 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

118

इकाई 8 एक कत क ट बधन

इकाई क परखा 80 उ य 81 तावना 82 समि वत क ट ब ध या ह 83 समि वत क ट ब ध क स ा त 84 क टनाशक क योग म सावधा नया 85 भारत म व भ न फसल पर रसाय नक क टनाशक का उपयोग 86 घान क फसल म समि वत क ट ब ध 87 कपास क सफल म समि वत क ट ब ध 88 ग ना क फसल म समि वत क ट ब ध 89 चना क फसल म समि वत क ट ब ध 810 म का क फसल म समि वत क ट ब ध 811 सोयाबीन क फसल म समि वत क ट ब ध 812 साराश 813 बोध न 814 सदभ साम ी

80 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप यह जान पाऐग क

एक कत क ट ब ध या होता ह एक कत क ट ब ध क स ानत क टनाषक क योग म सावधा नया व भ न फसल म एक कत क ट बध

81 तावना चाल स क दशक म क ट या धय स फसल सर ा क लय पौध सर ण रसायन क

उपयोग क श आत ह ई इस कदम को ह रत ाि त क सफलताक लय आव यक माना गया ल कन समय को भी व च ग त ह कसी समय िजस उपलि ध पर गव कया जाता था आज उसी क बार म क ष व ा नक का समदाय यह सोचन क लय ववश हो गया क क टनाशी क उपयोग स उ नत खतर स वातावरण को वशषतः मानव जीवन को कस सर त रखा जाय

अब हम उपय त खतर म मानव को बचान क लय फसल सर ा क ऐस उपायअपनान क आव यकता ह िजसम क ट रसायन का कम स कम उपयोग हो और यनतम आ थक तर

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तक फसल को भी सर ा दान क जा सक क टना शय क अ नय त उपयोग न स प म न ना कत वप रत द शत कय ह- 1 क ड़ व अ य हा नकारक जीव िज ह उनक परजीवी और भ क (predators and

parasites)सामा यतः न ट कर दत थ अब इन परजीवी और भ क क क टनाशी रसायन क उपयोग म काफ स या म न ट होन क कारण हा नकारक क ट व अ य जीव फसल को काफ नकसान पह चान लग ह

2 क ड़ मकड़ी और बीमार क जीवाणओ म क टनाशी क त तरो धता बढ़ गई ह यहा तक क कई क टनाशी अब क ट क नय ण म अ भावी सा बत हो रह ह

3 बढ़त ह ए क टनाशी उपयोग न फसल और उ य उ पाद को द षत करन क साथ-साथ भ म वाय सतह एव भ मगत उपज को भी द षत कया ह कषक मजदर एव व ा नक क टनाशी क नमाण काय स जड़ ह य ह उ ह क सर चमरोग एव टयमर बनन क बीमा रय क खतर बढ़ गयह यदा कदा क टनाशी लापरवाह स उपयोग स मन य और जानवर अकाल म य क ास बनत ह हाइ काबन वग रसायन शर र क वसा म इक होत रहत ह ओर काला तर म वा य क लय ग भीर खतर उ प न करत ह

4 क टनाशी क द पयोग स अनक नई जवक य घटनाऐ उ प न ह ए उनम वतीय - क ट फलाव अल त क ट का सहार भ म उवरता म प रवतन कछ मह वपण क ट क अ धक बढ़वा आ द मह वपण ह

5 क टनाशी क उपयोग व स क टनाशी क क मत म व छड़कन व भरकन वाल य क क मत और मजदर म बढ़ोतर क साथ अ धकाश क टनाशक क नमाण म काम आन वाल प ोल क खपत म बढ़ोतर ह ई ह इसस अह त अ धक वदशी म ा क त होती ह

82 समि वत क ट ब ध या ह खा य एव क ष समि वत क ट ब ध को इस कार प रभा षत कया ह

lsquolsquoहा नकारक क ट एव अ य जीव क व समि वत अ भयान वह व ध ह िजसम ाक तक स तलन म कम स कम प रवतन कय बना हा नकारक जीव को त स आ थक तर स नीच रखा जा सक ता क क त क सी मत साधन का कम स कम उपयोग हो और

वातावरण द षत यनतम होrsquorsquo अथात क टनाशक का कम स कम उपयोग करना और अ य तर क क अपनान पर जोर

दना िजनम फसल सर ा काय म सफलता मल समि वत क ट ब ध ऐसी फसल यव था को अपनाना म य क ट एव जीव क पहचान एव उसक ाक त द मन और कारक क पहचान करना ह िजनस क ट क स या म व होती ह इसका उ य हा नकारक क स या एक तर तक बनाय रखना ह िजसम फसल स आ थक उ पादन ा त हो सक

काउ टग क ट क स या क सव ण क च लत व ध ह इसक साथ-साथ याि क साधन जस पोर- प फरोमान प काश पाश आ द का भी हा नकारक जीव क स या क जानकार क लए उपयोग म लाय जात ह इस जानकार का उपयोग पौध सर ण उपाय अपनान

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को समय नि चत करन क लय कया जा सकता ह व ततः काउ टग और मोनीट रग काय म समि वत क ट ब ध एव परजीवी क टभ ी एव क ट परथोजन क सर ा क लय आव यक ह

83 समि वत क ट ब ध क स ा त समि वत क ट ब धन पाच म य ब नया द क स ा त पर आधा रत ह - 1 क षगत नय ण 2 या क एव भौ तक नय ण 3 ज वक नय ण 4 व नयम नय ण 5 रसाय नक नय ण 1 क षगत नय ण - इसम कसान क ट क जीवन च रहन सहन तथा उसक आदत क ान स लाभ उठा सकता ह जस खत क जताईउस समय करना जब हा नकारक क ट का जीवन

अव थाय खत म छपी ह और वह कचल कर मर जाय अथवा क ट िजस पौध को पस द न करता हो उसको बोना इ या द इस व ध म व भ न तर क अपना कर ब धन स भव होता ह

1) तरोधी क म का योग करना - फसल बवाई म ऐसी जा तय का चयन करना चा हय िजसम क ट एव रोग तरोधक मता हो तरोधी क म का योग कर क ट स फसल को बचाया जा सकता ह 2) श य आवतन - हर साल एक सी फसल बोत रहन स उस म उस फसल क कोपी क ट क स या नर तर बढ़ती जाती ह और व यादा हा न करत ह जब क फसल को बदल कर बोन स ऐसा स भव नह होता तथा क ट स या पर भी नय ण रहता ह दसर वह क ट जो अपना जीवन च एक वष स अ धक समय म परा करत ह य द फसल बदल कर बो द जाय जो वह ऐसा नह कर पात और मर जात ह 3) बीज बौन फसल लगान एव काटन क समय म हर - फर करना - फसल बोन क समय का भी क ट कोप पर गहरा भाव पड़ता ह जस य द गह अ टबर म बोया जाय तो उस पर भ मगत क ट का कोप अ धक होता ह तथा अक रत होत ह वह उ ह अ धक मा ा म काट गरात ह जब क य द गह नव बर म बोया जाय तो फसल पर क ट कोप कम होता ह य द आल क बआई गहर क जाय तो आल माथ (पोटटोमाथ) अ ड नह रख पाती और व कोप स बच जात ह य द ग न क फसल को फरवर स पहल ह काट लया जाय और

खत क सफाई एव जताई कर द जाय तो बह त स शीत नि य क ट मर जात ह ग ना य द अ टबर म बोया जाता ह तो उसपर क ट कोप कम होता हफसल क काटन क समय का भी क ट क जीवन पर गहरा - भाव पड़ता ह य द वार क ड ठल क फरवर क म हन स पहल क कट काट ल जाय तो उसम चर बधक (काइलो पी सज) क सभी शीत नि य सि डया कट कर मर जाती ह

121

4) व छ क ष - हा नकारक क ट को परानी फसल स नई फसल क उगन तक जी वत रखन तथा परानी स नई तक पह चान का कारण अ व छ क ष ह य द व छ खती क जाय तो हा नकारक क ट क स या बह त कम हो जाती ह िजसक न न उपाय ह -

1 ड ठ न ट करना - फसल काट लन क बाद ड ठ जनइइसम) को न ट कर दना चा हय ता क उनम छप क ट बधक मर जाय ड ठ य द खत म ह खड़ रह तो क ट क अ त र त उन पर कवक रोग भी हर ड ठल अथवा कोमल प त पर तब तक पलत रहत ह जब तक क नई फसल उ प न नह हो जाती 2 कड़ा साफ करना - खत म हआ कड़ा सखी पि तया और घास हा नकारक क ट को नि यता करत समय या यपा प म शरण दती हतथा अगल फसल म क ट स या बढ़ जाती ह 3 फसल परा त गहर जताई तथा गड़ाई - फसल परा त खत क गहर जताई तथा गड़ाई कर अ त आव यक होता ह य क म ी म छप क ट तथा उनक जीवन अव थाय जस अ ड लारवा यपा इ या द सभी कचल करमर जात ह म ी क उलट जान स क ट सतह पर आ जात ह और उनक च डया इ या द खा मार डालती ह या अ त धप अथवा जाड़ क कारण वत ह मर जात ह परजीवी क ट भी उ ह आसानी स पा लत ह और न ट कर डालत ह 4 झागना तथा दर - दर लगाना - सघन पौध पर क ट कोप अ धक होता ह इसक वप रत य द पौध बराबर दर पर लगाय जाय तो पौध व य और मोट होत ह तथा क ट का कोप भी कम होता ह 5 म त फसल - मल-जल फसल म एक ह कार क उनक म य म ि थत दसर फसल अ धक हो जाता ह तथा दसर क हा नकारक क ट को कावट पदा करत ह िजसस दोन ह कार क पौध क ट क अ धक कोप स बच जात ह ायः गह पर दमक का कोप अ धक होता ह तथा चन पर स डय का य द गह और चन क पि तय क म य म एक पि त तोर ( तनब जपअ) क बो द जाय तो इन फसल म य अरहर को मानसार पि तय म बोया जाय तो वार डयर वगक भार कोप स बच जाती ह 6 पची फसल लगाना - पची फसल लगान का उ य म य य द कपास क फसल क साथ भ डी क फसल लगा द जाय तो भ डी क पौध कपास क पौध स अ धक शी ता स बढ़त ह और कपास पर कोप करन वाल क ट भ डी क पौध पर आक षत हो जात ह और म य फसल कपास इन क ट क कोप स बच जाती ह पची फसल लगात समय इस बात का म य प स यान रखना चा हय क क ट

फसल क अप ा पची फसल को यादा पस द करत ह इसी कार य द क कल क आस पास सनई या कपास बो द जाय तो फल म खी का कोप म य फसल पर कम होता ह

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7 उ चत खाद लगाना - क ची गोबर क खाद लगान स द मक अ धक लगती ह तथा फसल पर नाइ ोजन क मा ा अ धक दन पर रस चषक क ट का कोप यादा होता ह इस लए यह आव यक ह क खाद सदव उ चत मा ा म ह द जाय

जल- न कासन - िजन खत म पानी भरा रहता ह उनम नमी अ धक रहती ह िजसक कारण क ट का कोप भी अ धक होता ह

2 या क एव भौ तक नय ण इस व ध म साधारण कार क उपकरण क ट को पकड़न मारन रोकन अथवा एक त

करन क लए योग कय जात ह जो न न ह 1 हाथ स एक त करना - पौध का वह भाग िजस पर क अ ड पायी जाती ह हाथ स

चन कर न ट कय जा सकत ह उड़न वाल हा नकारक क ट क स या य द कम ह तो उ ह ह ट-जाल वारा भी पकड़ कर न ट कया जा सकता ह ट ड को न फ आ द एक त करन क लए एक वशष कार क थल का योग भी कया जाता ह िजसको दो आदमी पकड़ कर खत म चलत ह तथा क ट क न फ को थल म एक करन न ट कया जाता ह

2 रोक लगाना - कदन वाल क ट स फसल को बचान क लए वत को चार तरफ गहर खाई खोद दत ह रगन वाल क ट को रोकन क लए ना लया खोद कर उसम पानी भर दत ह िजसस क ट उसम आकर भर जात ह फर उनको म ी डालकर भर दत ह

3 काश पच - यह उपकरण उन क ट क वप रत योग कया जाता ह जो क रा को काश पर आत ह इस उपकरण म एक ब ब या द पक लगा होता ह उपकरण क नीच एक बड़

बतन म पानी भर दत ह क ट काश म रा म उपकरण क पास आता ह तथा पानी क बतन भी गर कर वतः मर जाता ह

4 फरोम स प - (ल गक पास) कछ म य माथ क ट को उनक जा त क 5 ल गक पाश त ह टयर लगा कर नर पतग को पकड़ा जा सकता ह 20 स 25 दन क अ तराल पर पाश

क योर को बदलन क आव यकता होती ह 3 ज वक नय ण

अन चाह क ट जानवर तथा पौध को मारन या कम करन क लए उनक ाक तक श ओ का योग ज वक नय ण कहलाता ह

अनक कार क फफद वषाण एव जीवाण क ट को राग सत कर उ ह न ट करत ह फसल ाक तक प रि थ तय त म अपनी स पण मता को उपज क प म प रव तत नह कर पाती य क उनक उपज का कछ भाग ाक तक आपदाओ वारा न ट हो जाता ह और कछ हा नकारक श ओ वारा समा त कर दया जाता ह इन हा नकारक श ओ वारा क ट-या ध जीवाण - वषाण इ या द को समा त करन क लए समय-समय पर अनक रसायन वक सत होत रहत ह ल कन रसायन आधा रत फसल सर ा स ल ब समय क लए सर ा तो नह मल ल कन द घका लन सम याओ ज र मल ह जस खा यान म हा नकारक रसायन क अवशष क ट म रसायन क त तरोधी मता का वकास वतीयक हा नकारक क ट का

फोअ एव क ट का पन थान क त म िजतन हा नकारक श मौजद ह उनस कई गणा म जीव उपल ध ह जो इनक स या को हा नकारक सीमा क अ दर ह नय त रखत ह

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ाक तक म जीव वारा फसल क श ओ का नय ण कम खच ला भावी और थाई उपाय ह तथा पयावरण पर इसका वप रत भाव भी नह पड़ता ह

ज वक नय ण ाक तक कारक क सहयोग क बना आदमी क वारा उ यपण या कलाप क वारा ा त कया जाता ह इसक साथ ह सभी तरह क अरसाय नक नय ण भी ज वक नय ण नह ह जस तरोधी क म श य याय एव स मय क मक स का योग य क इनम हा नकारक क ट सीध भा वत होत ह जब क यह याय मल क ट क स हण

इ या द म अ य प स सहायक होती ह पादप जनन वारा पौध क ऐसी जा तय का वकास जो क नाशक क ट क लए वषल या हा नकारक ह ज वक नय ण क अग नह हो सकती ह जब क ऐसी पादप क म का वकास िजनक वारा म क ट का सर ण हा नकारक क ट को आसानी स ढढन एव न ट करन म सम ह ज वक नय ण कहलात ह इस व ध म हा नकारक क ट क ाक तक श ओ को खोजकर एक त कर तथा योगशाला म अ धक स अ धक स या म उ पा दत कर हा नकारक क ट क व उ चत समय पर छोड़ा जाता ह जहा पर हा नकारक क ट क अ ड स डय तथा ोढ़ को न ट कर दत ह 4 व नयम नय ण

सरकार नयम बनाकर हा नकारक क ट को अपन दश म आन स रोकती ह अपन दश क क ओ को बढ़न एव फलन स रोकती ह एव उनको मारन वाल क ट वष को नर ण करती ह ता क उनम कोई मलावट न हो और सदव क ट सहार म खर उतर इस कार क क ट नय ण को व नयम नय ण कहा जाता ह 5 रसाय नक नय ण

रसाय नक पदाथ वारा क ट को मारना भगाना या उनक स या को कम करना रसाय नक क ट नय ण कहलाता ह तथा व पदाथ जो ऐसा करन म स म होत ह क ट वष कहलात ह क ट वष बाजार म पाउडर इम शन एव घोल क प म मलत ह पाउडर - यह दो कार क होत ह - 1 वष ध ल - य बाजार म तयार प म मलत ह और 12357 या 10 तशत ध ल क प म होत ह इनको य का य बना कछ मलाय 20 स 25 क ा त ह टयर आव यकतानसार योग करत ह जल - यासा रत पाउडर - लगभग सभी आग नक क ट- वष पानी म अघलनशील होत ह और इनको जब पानी म घोला जाता ह तो शी ह तल म बठ जात ह इस कारण इसम एक आ क साथ म मलात ह जो इन कण को पानी म लटकाय रखता ह इस कार इनका सदव अपार दशक लटका हआ घोल बनता ह इ ह सखा भरकन क लए कभी योग नह करना चा हय 2 इम सन - बह त स आस नक क ट वष इथर जायीलन प ोल म ी क तल अथवा तारपीन क तल आ द म घलनसील होत ह ल कन पानी म नह य द इसम घल सा वलयन म इमि सफायर मला दया जाय तो पानी क साथ इम सन बनात ह 3 घोल - तल इथा अथवा परा फन तल म घल ह ए क ट वष बाजार म घोल प म बकत ह इनको घर म य का य ह त फआरक वारा योग कया जाता ह

124

क ट वष दो कार क होत ह - 1 अकाब नक -

1 आस नक यौ गक 2 लो रन यौ गक 3 गधक व चना गधक 4 पारा व ए टमनी क यौ गक आ द

2 काब नक क ट वष - 1 जानवर स ा त क ट वष - नर जआ सीन 2 पौध स ा त क ट वष

1 नको टन व उनक यौ गक 2 पायर म 3 रोटनोन व तल इ या द

3 हाइ ोकाबन 1 म ी का तल 2 न था

4 स ल षत काब नक यौ गक 1 लो रनटट हाइ ोकाबन

84 क टनाशक क योग म सावधा नया फसल सर ण क लए क टनाशक का योग अ य त आव यक ह ल कन य बह त

जहर ल तथा महग होन क वजह स इनका योग बह त सावधानी स करना चा हए अ क टनाशी खर दत समय -

1 हमशा एक छड़काव क लए िजतनी दवा क ज रत ह उतनी ह खर द जस 100 250 500 और 1000 ामल टर 2 क टनाशक लाइसस शदा व वसनीय दकानदार स ह खर द 3 क टनाशक का ड बा वा त वक सील स बद हो तथा टटा - फटा न हो सह लबल ड ब

पर अ छ तरह चपका हआ हो जहर ख म होन क तार ख खर दत समय पड़ लनी चा हए

ब क टनाशी भडारण म 1 क टनाशक को भडारण घर म न कर 2 उनको उनक वा त वक ड ब म सील स हत रख 3 क टनाशक को क ह और ड ब म बदल कर न रख 4 क टनाशक को खोन - पीन क सामान क साथ तथा ब च क पह च स दर ठडी जगह

पर ताल म रख 5 क टनाशक को सय क रोशनी या बा रश स दर रख

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स क टनाशक काम म लत समय - 1 अकल आदमी को छड़काव का काम नह करना चा हए तथा ब च व पशओ को

छड़काव स दर रख 2 ड ब को खोलन स पहल नदश अ छ तरह पढ़ ल छड़काव य रसन वाला नह

होना चा हए तथा घोल बनात समय क टनाशक डालन क लए क प का योग कर घोल को लबी छड़ी स अ छ तरह मलाव

3 छड़काव पौधा पर समान प स कर ता क पौध का हर भाग क टनाशक क सपक म आ जाए जहा तक सभव हो छड़काव का काम सबह-शाम ह कर

4 छड़काव क समय खाना-पीना व मपान न कर 5 क टनाशक का घोल शर र पर नह गरना चा हएउसक लए शर रको कपड़ स अ छ

तरह ढककर छड़काव कर म ह पर पतला कपड़ा बाध तथा हाथ म द तान पहन 6 बरसात आन क ि थ त या तज हवा म छड़काव न कर छड़काव हवा क वप रत

दशा म कभी न कर 7 छड़काव कमर स नीच क ओर कर ता क वास क साथ अदर न जाए नोजल म म ह

स फक भी न मार 8 क टनाशक का भाव शर र पर दखत ह तरत डॉ टर क पास जाव

द क टनाशक काम म लन क बाद 1 छड़काव क तरत बाद साबन स नान कर तथा कपड़ को धोय 2 छड़काव य को साबन क घोल स अ छ तरह साफ करक रख 3 खाल ड ब को तोड़कर म ी म गाढ़ द बच ह ए क टनाशक को सर त थान पर

ताल म रख 4 छड़काव कए ह ए खत मन घम तथा पशओको दर रख 5 फल-सि जया व हर चार को छड़काव क बाद 8-10 दन तक काम म न लव

85 भारत म व भ न फसल पर रसाय नक क टनाशक का उपयोग स फसल फसल फल

( तशत) क टनाशक उपयोग

( तशत) 1 कपास 5 54 2 धान (चावल) 24 17 3 फल एव सि जया 3 13 4 धान दलहन एव तलहन 58 2 5 ग ना 2 3 6 बागानी फसल 2 8 7 अ य 6 3

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कपास क म य हा नकारक क ट का आ थक दहल ज सीमा (ईट एल) स फसल फसल क अव था

( दन म) क टनाशक उपयोग

( तशत) 1 हारा तला 1-50 दो हरा तला त प ती 2 ए फड (चपा) 1-50 10-20 तशत पौध का सत

होना या 50 तशत पौध क शहदनमा चप चपा पदाथ होना (10 चपा त प ती

3 ी स या रसाद क ट

1-30 10 क ट प ती या 15-20 तशत पौध का सत होना

4 कपास क सफ़द म खी

30-110 8-10 य क प ती सफद म खी या 20 शश प ती

5 ध बदार सडी 35-110 5-10 तशत बाल म कोप 6 गलाबी सडी 65-110 5-10 तशत बाल म कोप 7 अम रकन बॉलवम 25-60 1 अ डा प ती या 5-10 बालवम

तशत बाल म कोप 8 तना घन 65-110 1-2 सडी ाम म ी या 10 तशत

स अ धक बाल म कोप 9 स क म (नमटोडा) 25-60 1-2 सडी त ाम म ी म

86 घान क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 घान क फदका (बीपीएच ड लबीपी 2 तना छदक 3 घान का ह पा 4 फड़का ( ास होपर 5 त बाक क स डी 6 गधी बग आ द समि वत क ट ब ध 1 भ मगत एव सस ताव था म पड़ क ड़ तथा हा नकारक जीवाणओ को न ट करन क लय

खत क ग मय म गहर जताई करनी चा हय तथा फसल क अवशष व खपतवार को नकाल कर न ट कर

2 क ट तरोधी क म क व थ बीज क उपचा रत करक बवाई कर 3 ारि भक अव था म क ड़ क कोप स बचन क लय पौध क जड़ को लोरोपायर फास

क घोल म डबोकर तथा शीष भाग को काट कर रोपाई कर

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4 सत लत मा ा म उवरक का योग तथा समय पर सचाई कर पौध स पौध क दर थोड़ी यादा रख ता क पौध क ज द बढ़वार हो सक िजसस पौध म क ड़ क त सहनशीलता

बढ़ जाती ह 5 म क ड़ को आक षत करन क लय अ तश य या फसल च क प म अरहर क फसल

काम म लव 6 तना छदक क ट क अ ड समह को इक ा करक न ट कर तथा पौध क भा वत भाग को

भी काट कर जला दना चा हय 7 तना छदक शीष भदक आ द क ड़ क रोकथाम क लय परजीवी क ट टशईको ामा

जापो नकम 50000 त ह टर स ताह छः बार योग कर 8 क ट क कोप क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 9 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या आ थक नकसान सीमा

ईट एल पर पह च तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस फोरट कारबोफयरॉन मथाईल परा थयान ए डोस फान फा फो मडान आ द योग कर

87 कपास क सफल म समि वत क ट ब ध मख क टनाशी

1 सफद म खी 2 मोयला ए फड 3 हरा तला ज सड़ 4 अम रकन स डी 5 च तीदार स डी 6 गलाबी स डी आ द समि वत क ट ब ध 1 खत क गहर जताई करक फसल क अवशष तथा खपतवार को न ट कर 2 बीज को अ ल माह क अ त तक ध मत य मगसन कर दना चा हए 3 क ट तरोधी क म क व थ बीज काम म ल तथा बवाई स पव बीज को एक ल टर

सल य रक ए सड गधकका तजाब त10 क ा बीज तथा क टान 3 ाम त क ा क दर स उपचा रत कर

नोट - बीज को स फ रक ए सड स उपचा रत करन क तर त बाद साधारण पानी स अ छ तरह धोय 4 बवाई समय पर कर तथा उपय त फसल च अपनाय 5 म क ड़ लडी बड बीटल ाइसोपरला आ द को आक षत करन तथा श क ड़ को अ य

फसल पर आक षत करन क लए कपास क 10 लाइन क बीच अ तश य क प म 2 लाईन चवला या म का टप फसल क प म अर डी क बवाई क बवाई कर

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6 बालवम सि डया को कम करन क लय सि डय को हाथ स पकड़कर तथा भा वत फल बाल डोड एव शीष तन को काट कर नषअ कर

7 परभ ी प य जस कोआ मना आ द क बठन क लय 4-5 लकड़ी क अ ड त ह टयर बनाय

8 रस चसन वाल क ट दखाई दन पर ाईसोपरला 50000 त ह टयर तथा बालवम दखाई दन पर ाईको ामा चलो नस 15 लाख त ह टर एक स ताह क अतराल पर 5- 6 बार योग कर

9 अम रकन स डी तथा त बाक क स डी रोकथाम क लय एनपीवी 450 एलई त ह टर 15 दन क अतराल पर तीन बार योग कर

10 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 11 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान ए डोस फान फा फो मडान मोनो ोटोफास फनवलरट आ द योग कर

88 ग ना क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 सफद म खी 2 पाई रला 3 शीष भदक 4 तना भदक 5 जड़ भदक 6 सफद लट 7 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 क ट तरोधी क म क व थ ग न क टकड़ रोपाई हत काम म लव यान यह रख क

टकड़ का कटा हआ लाल व खोखला नह होना चा हय 2 ग न क टकड़ को बवाई स पव उबलत पानी म 2 घ ट तक डबोय तथा इसक बाद

01 तशत मला थयान एव 01 तशत बव ट न क घोल स उपचा रत कर 3 बवाई नधा रत दर पर 20 समी गहर लाईन म कर तथा समय समय पर खरपतपार

नकालन व म ी चढ़ान का काय कर 4 समय-समय पर फसल का न र ण करक क ट क अ ड समह भा वत पि तय आ द को

न ट कर 5 स त लत मा ा म खाद व उवरक को योग कर तथा सी मत मा ा म सचाई कर य क

अ धक पानी दन स सफद म खी पाई रला शीष भदक आ द का कोप बढ़ता ह

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6 तना छदक शीष भदक आ द क ड़ क रोकथाम क लय रोपाई क 5-10 दन बाद ाईकोर ामा 50000 त ह टर 10 दन क अ तराल पर 8-10 बार तथा पाई रला क लय 3-4 लाख इ प रक नया त ह टर योग कर

7 क ड़ क कोप क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 8 फसल क अवशष को न ट करन क लय फसल को जमीन क सतह स बराबर स काट तथा

अवशष को जलाकर न ट कर 9 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस फोरट काब यरॉन ए डोस फान मोनो ोटोफास आ द योग कर

89 चना क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 फल छदन (ह लकोवरपा आरमीगीरा) 2 कटवम 3 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 भ मगत क ट सस ताव था म पड़ क ड़ क अ ड व शक खरपतवार तथा फसल क अवशष

को न ट करन क लय ग मय म खत क गहर जताई कर 2 क ट तरोधी क म बवाई क लय काम म लव 3 बीज को बवाई स पव थायरम 3 ाम क ा बीज व ाइकोडरमा 3-4 ाम त क ा बीज

क दर स उपचा रत कर 4 अ तश य क प म चन क 7 लाईन क बाद 2 लाइन सरस क बवाई कर 5 दो स तीन वष का बना दाल वाल फसल जस म का गह आ द क साथ फसल च

अपनाय 6 खत म च डया मना आ द प य को बठन क लय लकड़ी क अ ड बनाय ता क य लट

को पकड़कर खा सक 7 लाईट प व फरोमोन टordfप क सहायता स नर पतग को पकड़कर न ट कर 8 फल छदक क ारि भक अव था म ह एनपीवी 250 एलई त ह टर क दर स 10-

15 दन क अतराल पर तीन बार योग कर 9 क पो ल टस लोरायडी नामक परजीवी 10 - 20 लाख त ह टर क दर स 3-5 बार

योग कर 10 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 11 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल स यादा होती ह

तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान ए डोस फान मोना ोटोफास आ द योग कर

130

810 म का क फसल म समि वत क ट ब ध 1 तना छदक 2 मोयला (चपा) 3 श य क ट (आम वम) 4 द मक आ द समि वत क ट ब ध 1 फसल कटाई क बाद फसल क अवशष खरपतवार आ द को न ट करन क लय खत क

गहर जताई कर तथा भ मगत कड़ व सस ताव था म पड़ क ड़ को न ट करन क लय ग मय म जताई कर

2 द मक क कोप स बचन क लए गोबर क खाद को अ छ तरह सड़ा गलाकर योग कर तथा नय मत प स सचाई कर

3 क ट तरोधी क म क व थ बीज को उपचा रत करक बवाई क लय काम म लव 4 खाद व उवरक का योग सत लत मा ा म कर य क अ धक मा ा म नाइ ोजन य त

उवरक को योग करन म क ड़ का कोप बढ़ता ह 5 तना छदक क रोकथाम क लय परजीवी क ट ाको ामा 2 - 25 लाख त ह टयर क

दर स एक स ताह क अतराल पर 4-5 बार योग कर 6 मोयला क रोकथाम क लए लडी बड बीटल (को सी नला) 50-60 हजार त ह टर क दर

स योग कर 7 क ड़ क ारि भक अव था म नीम स बन क टनाशक का योग कर 8 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर क ड़ क स या ईट एल पह चती ह तो

सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस मथाईल परा थयान फोरट डोस फान मोनो ोटोफॉस आ द योग कर

811 सोयाबीन क फसल म समि वत क ट ब ध मख नाशीक ट

1 तना म खी 2 सफद म खी 3 च भग (गडल बीटल) 4 समीलपर 5 त बाक क स डी 6 अम रकन स डी 7 बहार स डी 8 द मक आ द समि वत क ट ब ध

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1 भ म म सष त अव था म पड़ क ड व खरपतवार को न ट करन क लय फसल क कटाई क तर त बाद व ग मय म खत क गहर जताई कर

2 फसल क बवाई जन क अ तम स ताह स जलाई क थम स ताह तक कर दनी चा हय 3 क ट तरोधी क म क बीज को उपचा रत करक बवाई कर 4 सत लत उवरक को योग कर य क अ धक न जन य त उवरक क योग स क ड़ का

कोप अ धक होता ह 5 फसल क ारि भक अव था म क ड़ क स या कम करन क लय क ट व रोग सत पौध

को जलाकर न ट कर 6 क ड़ क पतग को लाईट प व फरोमोन प क सहायता स पकड़कर न ट कर 7 ाइको ामा नामक परजीवी 10-20 लाख त ह टर क दर स 8-10 दन क अ तराल

पर 3-5 बार योग कर 8 सि डय क रोकथाम क लय एनपीवी 350 एलई या बीट 10 ल टर त ह टर क

दर स 10-15 दन क अ तराल पर 3-4 बार छड़काव करना चा हय 9 क ड़ क ारि भक अव था स ह नीम स बन क टनाशक का योग कर 10 उपरो त सभी उपाय काम लन क बाद भी अगर नकसान दायक क ड़ क स या ईट एल

स यादा होती ह तो सफा रश कय गय रासाय नक क टनाशक जस डाइ मथोइट मोना ोटोफास ए सफट यना फास आ द योग कर

812 साराश क टनाशी क उपयोग न हमारसम बहआयामी खतर तत कय ह इसक उपयोग स भ म जल वाय आहार आ द म दषण बढ़ रहा ह इसी क साथ क त म ज वक अस तलन म व ह ई ह हा नकारक क ट जीवाण फफद आ द क नय ण का उपयोग म लाय जान वाल पौध सर ण रसायन हमार म क ट फफद जीवाण आ द को भी न ट कर दत ह वय हा नकारक क ट म भी व भ न क ट नाशक रसायन क त तरोधता म नर तर व होती रहगी सि जया अ ड मास मछल यहा तक क मा क दध जस वश पदाथ म भी क टनाशक दवाओ क अवशष पाय गय ह िजनका मानव वा य पर द षत भाव दखाई द रहा ह दश म इस समय लगभग क ट- या धया स क म और खरपतवार नय ण क लय लगभग 6-7 हजार करोड़ पय क क टनाशी त वष काम म लय जा रह ह वष 1980 म न ब हजार अन क टना शय का भारत म उपयोग कया जाता था िजसक इस शता द क अ त तक दो लाख टन हो जान क स भावना ह

813 बोध न 1 एक कत क ट बध क पाच म य स ा त का वणन क िजए 2 धान क फसल म एक कत क ट बध समझाइए 3 कपास क एक कत क ट बध समझाइए

132

4 सायाबीन क फसल म न न म स कौनसा परजीवी एक कत क ट बध म योग कया जात ह

अ ाइको ाम ब राइजो बयम स दोन द कोई नह 5 या क एवम भौ तक नय ण म न न म स कसका योग कया जात ह 6 ट काष पच स दोनो 7 स फरोम स प द कोई नह

814 सदभ साम ी 8 Reddy TY and Reddy GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani publishers New Dehli 9 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 10 Singh Chiidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Dehli 11 Singh SS 1993 Crop Management under Iirrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Publishers New Dehli 12 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार

(03) 54-63 13 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 14 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

133

इकाई 9 क टनाशक छड़काव क उपकरण

इकाई क परखा 90 उ य 91 तावना 92 य का वग करण 93 फहार य (Sprayers) - 94 नोिज स (Nozzles) 95 ड टस (Dusters) 96 यग एव डि टग का तलना मक अ ययन 97 ध ण य (Fumigators) 98 कट- वष सारण य क योग करत समय सावधा नया 99 छड़काव प प व नोजल क दख रख 910 सर ा मक तर क स खरपतवार नाशक का रखरखाव 911 साराश 912 बोध न 913 सदभ साम ी

90 उ य इस इकाई को पढ़न क बाद आप इस यो य हो सकग क -

क टनाशक क छड़काव म इ तमाल व भ न उपकरण का ान ा त कर सकग फहार य (Sprayers) नोज स (Nozzles) ड टस (Dustors) ध ण य

(Funigaotes) आ द क बार म जानकार ा त कर पाऐग इन य को योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए

91 तावना क ट- वष सारण य क मता (Efficiency) तथा यो यता (Ability) इस बात पर नभर होती ह क उसक सहायता स कम स कम दवा योग करक अ धक स अ धक क ट को मारा जा सक यह तभी सभव ह जब य य क ट वष को बराबर मा ा म काफ दर फला सक इस उ य क प त क लय व भ न कार क क टना शय क लय भ न- भ न कार क य योग कय जात ह - (1) छड़काव करन क लय - यस (Sprayers) या फहार य (2) धल का बरकाव करन क लय - ड टस (Dusters) या बरकाव य

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(3) ध क पदाथ क लय - यमीगटस (Fumigators) या ध ण य अ धक योग म आन वाल य को हम न न चाट वारा द शत कर सकत ह -

92 य का वग करण

1 उदर वष क योग म यान रख क उपचा रत पौध क यक भाग म वष फहार पहच जाऐ

2 य द पश वष योग कया जा रहा ह तथा योग क समय य स वष चन लग तो छड़काव तर त ब द कर दना चा हऐ

3 क ट वष क छड़कन का समय क ट क वकास क साथ ह सह समय पर कया जाऐ 4 वषा ऋत म छड़काव नह करना चा हए 5 वष को ब च क पहच स दर रख 6 फहार य तथा उनक भाग क छड़काव स पहल तथा बाद म उ चत दखभाल रखनी

चा हय ता क उसम जग न लग 7 दवा को अ छ कार घोल लना चा हए ता क सभी जगह समान दवा क मा ा पह च

93 फहार य (Sprayers) - इन य क वारा क ट- वष को व प म योग कया जाता ह एक फहार य म

न न ल खत गण होन चा हए - 1 व को समान प स उपचा रत व त पर फला द 2 फहार य ऐसी धात का बना हो िजस पर क टनाशी- वष क रसाय नक या न हो

तथा साथ ह साथ मजबत हो 3 बनावट साधारण हो तथा सफाई आ द क लय आसानी स खोला जा सक 4 कम स कम समय म अ धकतम म फहार कर सक

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5 घोल को अ त स म बद म तोड़कर उ ह अ धक स अ धक थान ( फल) पर पहचा कर समान फहार डाल

6 यथ ट दर पर ऊचाई तक फहार को पहचा सक 7 भ म पर घोल टपकन तथा गरन स बचाय

यहा पर कछ च लत ह तचा लत फहार य जो बाजार म आसानी स मलत ह दय जा रह ह

1 हड आटोमाइजर ि लट प प - घरल काय क लय वशषकर मि खय म छर आ द को मारन क लए क टनाशी छड़कन म इसका योग अ धकता स कया जाता ह इसस छड़काव लगातार नह होता बि क जब पचकार को हाथ स दबात ह तभी फहार नकलती ह इसक न न ल खत भाग होत ह (अ) नाल (Barrel)- यह बलनाकार खोखल 25 समी ल बी तथा 4 समी यास वाल

ट न क नल ह इसक नीच रहन वाल सर पर एक टोपी (Barrel-cap) लगी होती ह इसका ऊपर भाग ब द होता ह तथा उसम कवल एक छद होता ह लजर रोड उपर नीच ल जाया जाता ह नल क दसर सर क नचल भाग पर एक टक होती ह जो क नल स जड़ी होती ह नल का अगला सरा ब द होता ह उसम बीच -बीच कवल एक छोटा छ होता ह िजस नोिजल (Nozzle) कहत ह टक म उनक ढ कन क बीच स होकर एक 3 ममी यास वाल नल उपर नकल होती ह जो क नाल (Barrel) क अगल सर पर खलती ह यह पतल नल दोन सर पर खल होती ह इस डलवर यब कहत ह यह व को टक स फहार क प म फकती ह बरल क पछल सर क पास एक 4 मल यास का छ होता ह िजसस हवा का आवागमन होता ह

(ब) नाल टोपी (Barrel-cap)- जसा क पीछ बताया गया ह क बरल का पछला सरा एक टोपी स ब द रहता ह िजस नाल टोपी कहत ह इन टोपी क म य म एक छद होता ह िजसस होकर लजर आता ह

(स) लजर (Plunger) - यह ायः 6 ममी यास क तार का बना होता ह िजसक पछल सर पर लकड़ी का एक हि डल लगा रहता ह िजसको पकड़कर लजर को आग तथा पीछ क ओर खीचा तथा दबाया जाता ह लजर क आग सर पर एक चमड़ का वाशर लाक नट (Lock nut) और गोलाकार चपट लट वारा कसा रहता ह वासर नाल क द वार स सटा रहता ह

(द) टक (Tank) - यह दवात क समान छोट गोलाकार ट न क बनी होती ह इसक उपर भाग म एक बड़ा छद होता ह िजस फ टर होल (Filter hole) कहत ह इसी स टक क अ दर व भरा जाता ह यह छद वाल ढ कन स ब द रहता ह िजसको फ टर कप कहत ह टक क कप म होकर एक पतल नल जाती ह इसको चषक नल (Dip tube) या ड लवर यब (Delivery Tube) कहत ह

काय व ध - टक म फ टर होल क वारा योग होन वाल व को भरकर फ टर कप को अ छ तरह कस दत ह अब लजर को हि डल क सहायता स अपनी ओर खीचत ह िजसस

136

नाल क अगल भाग म उपर ि थत छद क वारा बह त सी हवा वाशर क सर स होकर अ दर आ जाती ह लजर को दबात ह अगल भाग म भर ह ई हवा का दबाव पड़ता ह िजसस वह ड लवर यब क उपर स होकर जाती ह फल व प टक स ड लवर यब स व पदाथ खचकर नोिजल तक जाता ह जहा प प क तज हवा व को छोट-छोट कण म तोड़कर फहार (Spray) उ प न करती ह इस कार लजर को उपर-नीच चलान स लगातार फहार नकलती रहती ह

2 ह ड क शन यर (Hand compression spreyer) - इस कार क फहार य

सरल बनावट क तथा अ धकता स योग म लाय जात ह इस कार क यर को लगातार हाथ स नह चलाना पड़ता बि क एक बार कछ वाय दबाव इसम स चत हो जाता ह िजसस कछ समय तक लगातार फहार नकलती रहती ह इसक न न ल खत भाग होत ह - (क) टक - यह पीतल या ताब क बनी ह ई बलनाकार होती ह िजसका उपर सरा

उ नतोदर (Convex) होता ह इसक ऊपर भाग म तीन बड़ छ होत ह बीच वाल छद म प प जड़ा होता ह दसरा छद फलर छद (Filler hole) कहलाता ह इसी क वारा टक म व भरत ह यह वाल ढ कन स िजस फलर कप (Filler cap) कहत ह ब द रहता ह तीसर छद म एक दबाव मापक य (Pressure gauge) लगा होता ह जो टक क अ दर का दबाव बताता ह टक क नचल भाग म एक न लका होती ह िजस ड लवर यब कहत ह यह न लका तल क बाहर समाना तर चलकर पीतल क एक दसर नल लस (Lance) स जड़ी होती ह दोन न लय क जोड़ पर व क बहाव को ब द करन तथा खोलन क लय एक कॉक (Cut off cock) लगी होती ह टक क पद म एक ट ड लगा होता ह िजस पर मड़ी ह ई व ट (Waste plate) लगी होती ह टक क ऊपर भाग म एक व ताकार प ती लगी होती ह िजस पर दो कड (Bucklets) िजन पर एक फ ता (Strap) लगा होता ह फ त क सर पर एक काटा होता ह जो क व ट लट म फस जात ह (ख) (Pump) - यह टक म लगा होता ह तथा ठ क फटबाल प प क स ा त पर काय करता ह इसका आधा भाग टक क अ दर लटका रहता ह तथा बाहर कवल लजर ह था तथा लजर ि ग ह दखाई पड़ती ह टक क अ दर इसक नाल (Pump barrel) कपाट (Valve) तथा

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गोल वाला कपाट (Ball Valve) आ द भाग होत ह गोल बा व हवा स बाहर जान दता ह पर त उसको अ दर वापस नह आन दता

(ग) फहार करन वाल भाग (Spraying Parts) - लस क अगल सर स एक रबड़ या लाि टक क 12 ममी यास वाल नल जो लगभग 1 मीटर ल बी होती ह जडी रहती ह इस ल बी नल को होज कहत ह होज क अगल सर पर एक पीतल क नल होती ह िजस पकड़कर फहार करत ह इसम एक गर कट ऑफ वा व (Trigger cut off valve) लगा होता ह िजस घमान पर फहारा खलता और ब द होता ह इस पीतल वाल नल क अगल सर पर एक 6 ममी वाल पतल नल होती ह जो ए सट सन रोड (Extension rod) कहलाती ह इसक सर पर फहार बनान क लऐ नोिजल (Nozzle) लगा होता ह काय व ध - सव थम फलर कप को खोलकर छलनीदार क प स घोल भर दत ह घोल सदव टक क 34 भाग आयतन क बराबर ह भरत ह अब फलर कप को अ छ तरह स ब द कर दत ह तथा प प को चलाकर 55 स 60 प ड त वग इच तक करन क लय हवा भरत ह अब प प क पास लगी ह ई कट ऑफ कॉक खोल दत ह तो व होज म आ जाता ह जब फहार करना होता ह तो ए सट सन राड क आधार पर लगी हई कट ऑफ कॉक खोलत ह तो व नोिजल स फहार क प म नकलन लगता ह

3 ि टरफ या कट प प (Striup or bucket pump) - यह साधारण कार का हाइ ो लक यर (Hydraulic sprayer) ह जो छोट व झा डय तथा घर म म छर मारन क लय डीडीट छड़कन क लय योग कया जाता ह इस प प को बा ट म

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भर घोल पर रखकर चलात ह इसक म य भाग प प ड चाज लाइन और लोह का बना हआ ि टरप ह इसको चलान क लय प प को बा ट म लटका कर रखत ह तथा ि टरप को बा ट स बाहर पर स दबाकर ह थ को मशः उपर-नीच चलात ह दसरा आदमी ड चाज लाइन स छडकाव करता ह

4 नपसक यर (Knapsack Sprayer) - इसक टक ताब या पीतल क बनी होती ह

या कछ चपट होती ह तथा इसी म प प होता ह नपसक यर पीठ पर लाद लया जाता ह इसक मता 25 ल टर होती ह कायकता एक हाथ स हि डल चलाता ह तथा दसर स छडकाव करता ह इसम दबाव बनाए रखन क लऐ प प को लगातार चलाया जाता ह िजसम समान मा ा म फहार नकलती रहती ह एक आदमी इस कार क

यर स एक दन म 2 ह टयर तक कर सकता ह यह छोट व झा डय तथा कतार म लगी फसल क लए य त होता ह

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5 फट यर (Foot sprayer) - इसम प प एक लोह क ढाच म इस कार स लगाया जाता ह क प प का लजर पडल स जड़ा रहता ह अतः पडल पर पर रखकर इसको चलात ह इस कार इसम भी दो आद मय क आव यकता पड़ती ह एक आदमी पर स प प चलाता ह तथा दसरा डलवर लाइन स छडकाव करता ह डलवर लाइन 15 या 20 मीटर क होती ह

6 पावर यर (Power Sprayer) - उपय त कार क मशीन का सी मत म ह योग कया जा सकता ह िजस समय 120 ल टर व वष 7 स 14 क ा त वग समी दबाव स त ह टयर क दर स योग करना ह तो पावर यस क आव यकता होती ह पावर यस मोट तौर पर तीन कार क होत ह

1 Engine mounted power sprayer

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2 Tractor mounted power sprayer 3 Aeroplane sprayer

इसको उनक मता तथा गण क आधार पर न न कार म वभािजत कर सकत ह 1 Low concentration and high volume sprayer 2 High concentration and low volume sprayer 3 Mist blowers and fog or aerosols generator

7 लो क स शन ए ड हाई वो यम यर - यह सबस सरलतम कार क पावर यर ह जो प ोल या डीजल स चलत ह इनक क टनर स 10 स 270 ल टर तक आ जाता ह म एजीटटर लग होन क कारण व 35-42 क ा त वग समी क दबाव स नकलता ह इस कार क यस म जसा नाम स प ट ह दवा क सा ता कम रखत ह तथा पानी क मा ा अ धक योग होती ह इनस ऊच पड़ आ द पर भी आसानी क साथ कया जा सकता ह य क इसम ब स (Spray booms) या हाइडो लक टावस (Hydraulic towers) लगी होती ह

8 हाई क स टशन ए ड लो वो यम पयर - जसा नाम स प ट ह इनम दवा क मा ा अ धक तथा पानी क मा ा ब कल कम या नह क बराबर य त होती ह ायः इस कार क यस क लय अलग स ह दवाओ का Formulation बनाया जाता ह जो क

इम सन प म होत ह इनक नोिज स मजबत तथा ज टल होत ह िजसम 7 क ा त वग समी दबाव स काफ बार क ब द क प म नकलता ह दबाव उ प न

करन क लय इनम ोपलर टरबाइन होता ह 9 म ट लोअस एव फोक या ऐरोसो स जनरटर - यह भी उपय त क तरह काय करत

ह पर त इनक वारा नकला हआ म ट (कोहर) क प म होता ह िजसम कण का आकार 50 स 100micro होता ह फोक या एर सो स जनरटर का योग वाययान स करत समय कया जाता ह

94 नोिज स (छ रसम) - य कई कार क होत ह तथा इ ह क बनावट एव क म क आधार पर पयर क

मता नभर करती ह एक सामा य नोिजल म न न भाग होत ह - 1 आधार (Base) 2 हल (Whirl) 3 वाशर (Washer) 4 ड क (Disc) 5 कप (Cap)

आजकल न न कार क नोिज स उपल ध ह िजनको आव यकतानसार योग कया जा सकता ह -

1 Swirling jet nozzle

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2 Disc nozzle 3 Ferm nozzle 4 Flat spray nozzle 5 Vermorel nozzle 6 Solid cone nozzle 7 Jet nozzle 8 Hollow cone nozzle

95 ड टस ( नजमत) - य ऐस य ह िजसक वारा सख ाणी वष धल क प म बरकाय या फलाय जात ह कछ सामा य ह त च लत ड टस न न ह - 1 ल जर ड टस (Plunger dusters) - इनक रचना ि लट प प क तरह होती ह य ट न

अथवा धात क लगभग 75 समी ल ब तथा 7 समी यास यास क बन होत ह इनका क टनर दो भाग म बटा होता ह - पहला ऊपर भाग िजसम प प लगा होता ह तथा दसरा नचला भाग िजसम ड ट ( वष धल) भरा जाता ह इसी भाग म ड चाज यब का नोिजल लगा होता ह जब प प क पल जर पर लग हि डल को उपर क ओर खीचत ह तो वाय क टनर क उपर भाग म व ट होती ह तथा हि डल को दबान स वह वाय दबकर ड ट क टनर म पहचकर वष धल को नोिजल स बाहर नकालती ह इस कार क उपकरण का योग छोट थान म करत ह

2 धौकनी वाल ड टस (Bellow dustrers) - इस कार क ड टर काफ सरल रचना वाल होत ह इनम एक उचा टक या क टनर होता ह िजसक ऊपर ढ कन पर हारमो नयम क परद अथवा लहार क ध कनी क समान रबर या चमड़ क ध कनी लगी होती ह इस ध कनी को हि डल वारा चलाकर हवा वा हत करत ह फल व प क टनर क अ दर हवा पर दबाव पड़न स वष धल ड चाज यब स होती ह ई नोिजल स नकलती ह

3 ह ड रोटर ड टस (Hand rotary dustrers) - इस कार क ड टस बनावट क आधार पर दो कार क होत ह पहला गोल होता ह जो काय क समय कायकता क सीन पर फट कया जाता ह दसरा अप ाकत ल बा होता ह जो काय क समय कायकता क बाय पा व (Side) म फट होता ह दोन क काय व ध तथा भाग समान ह

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एक सामा य रोटर ड टर क चार भाग होत ह ndash 1 हापर या क टनर (Hopper or container) 2 गयर बा स (Gear box) 3 लोहर (Blower) 4 ड चाज स टम (Discharge system)

क टनर - यह एक म अथात डालडा क गोल ड ब जसा होता ह िजसम 5-6 कलो वष धल भर जा सकती ह ऊपर स यह एक ढ कन वारा ब द रहता ह पछल सर पर व लट (Breast plate) लगी होती ह नीच क ओर इसम एक खोखल धात क नल िजस स शन पाइप (Suction pipe) कहत ह लगी होती ह इसका स ब ध पख क बा स (Fan box) स रहता ह क टनर क अ दर तल क ओर एक मथनी (Agitator) या श लगा होता ह इस श या एजीटटर का स ब ध एक ठोस धात क छड़ (Shaft crak) स होता ह क टनर म एक न कासन छ (Exit-hole) होता ह िजसस वष धल लोअर क जाती ह स सन पाइप क म य म एक फ ड़ रगलटर (Feed regulator) लगा होता ह िजस क वारा न कासन छ क आकार को घटा-बढा कर वष धल क मा ा को नयि त कया जाता ह गयर बा स - यह क टनर क दायी ओर होता ह इसम चार गयर लग होत ह सबस बड़ा गयर क शा ट स जड़ा होता ह इसी कार क अ य गयर पर पर स बि धत बड़ छोट म म

लग होत ह इन गयस का स ब ध बाहर क ओर एक हि डल स होता ह हि डल को चलान स य सभी गयर घमन लगत ह सबस बड़ गयर क एक राउ ड पर चौथा गयर कई बार घम जाता ह फल व प पखा बड़ी तजी स चलता ह लोअर - यह एक श द बा स होता ह जो स सन पाइपर क साथ दसर कनार पर लगा होता ह यह आग क ओर लगभग 30 समी यास क टोट वारा खलता ह इस बा स क म य म एक पखा लगा होता ह िजसम पाच पख डया (Blades) होती ह ल स हवा को क स बाहर तथा आग क ओर फकती ह फल व प बा स म श य थान (vacuum) बन जाता ह इस श य थान क प त क टनर स आन वाल वष धल तथा जाल स आन वाल हवा करती ह ड चाज स टम - फन बा स क उपर क ओर खोखल नल को ड चाज पाईप कहत ह इस पाइप क सर पर बाहर क और फन क आक त का नोिजल लगा होता ह जो उपर स ढका रहता ह पर त नीच क ओर खलता ह ता क वष धल उपर क ओर न गरकर नीच क तरफ गर कछ ड टस म वभाजी न लका (Y-attachment) लगी होती ह इसस धल करण कछ ज द होती ह काय व ध - सव थम क टनर क अ दर 34 भाग तक वष धल भर जाती ह फर ड टर को क ध या सीन पर रखकर फ त (Straps) क सहायता स कस दत ह अब हि डल को घमात ह फल व प गयस व पखा तजी स घमन लगत ह साथ म एजीटटर क राड (Shaft) भी घमती ह िजसस वषधल मथकर तजी स क टनर क नल क छ वारा स शन पाइप म आन लगती ह पख क तजी स घमन क कारण उ प न ह य श य थान पर दबाव क कारण वष क ग त

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हि डल वारा गयस क ग त पर नभर करती ह इस कार स लगातार हि डल घमात रहन स लगातार (Continuous) वष धल नकलती रहती ह पावर ड टर (Power duster) - िजस समय व तत म डि टग का काम करना होता ह तो पावर ड टर क आव यकता होती ह इनम 15 हास पावर स लकर 5 हास पावर क शि त का प ोल या डीजल स चलन वाला इ जन योग कया जाता ह इसम एक या दो ड चाज पाइप लगी होती ह िजनस वष धल 300 स 390 कमी त घ ट क ग त स नकलती ह इसक मा ा और ग त को नयि त करन क लय आव यक य लग होत ह िजसक सहायता स ग त को कम या अ धक कया जा सकता ह

96 यग एव डि टग का तलना मक अ ययन

1 यग का ायः त इकाई म भावकार त व (Active ingredient) का म य कम होता ह जब क डि टग म यादा होता ह

2 यग म व पण (Desposition) सभी थान पर एक समान होता ह जब क डि टग म कह यादा कह कम दवा पह चती ह

3 यग वारा योग क गई दवाओ का अवशष भाव कम समय तक रहता ह 4 यग पर हवा का यादा भाव नह पड़ता जब क डि टग म हवा मह वपण थान

रखती ह 5 यग क अप ा डि टग क लागत कम होती ह 6 यग करन वाल य ड टस क अप ा भार तथा अ धक क मती होत ह 7 डि टग करन म पानी क आव यकता नह पड़ती जब क यग म यह आव यक ह 8 डि टग क लय ातःकाल का समय उपय त होता ह जब क यग क लय शाम का

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97 ध ण य (Fumigators) यह ऐस य ह िजनका योग ध ण वष क लय कया जाता ह अपन दश म

अ धकतर साइन गस प प योग कया जाता ह अतः उसी का वणन कया गया ह साइन गस प प (Cynogas pump) - इनक बनावट सरल होती ह यह ायः साइन गस अथवा कि शयम साइनाइड पाउडर को प प करन क लय योग कया जाता ह इसक न न ल खत भाग होत ह - प प नाम (Pump cylinder) - यह लगभग 45 समी ल बी 712 समी यास वाल पीतल क नल होती ह जो उपर सर क टोपी (Pump cap) वारा ब द रहती ह इसका नचला सरा एक पतल ट ट वारा काच क बोतल म खलता ह िजसम पाउडर भरा जाता ह प प नाल तथा बोतल क बीच एक कपाट (Valve) होता ह यह हवा क बोतल म आन दता ह पर त प प नाल म जान स रोकता ह

प प नाल क आधार क पास एक डलवर यब लगी होती ह िजसका स ब ध बोतल स होता ह इसी यब स होकर पाउडर म त हवा बाहर नकलती ह प प नाल क नीच एक लोह क प ती lsquolsquoरकाबrsquorsquo (Foot rest) लगी होती ह िजस पर पर रखकर प प को चलात ह

डल वर यब स लाि टक का डल वर होज (Delivery hose) लगा होता ह िजसस लगभग 30 समी ल बी पीतल क नल लगी होती ह िजस लास (Lance) कहत ह

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2 लजर राड (Plunger rod) - इसक ऊपर सर पर लकड़ी का हि डल लगा होता ह तथा दसर सर पर चमड़ का कपाट (Leather valve) होता ह जो वासर स साई कल क प प क तरह जड़ा रहता ह

काय व ध - बोतल का 34 भाग कि शयम साइनाइड स भर दत ह तथा िजस थान पर ध ीकरण करना होता ह लॉस को वहा पर रखकर हि डल को चलात ह िजसस प प क चलन पर पाउडर बाहर नकलता ह

98 कट- वष सारण य क योग करत समय सावधा नया क ट- वष सारण य क योग करन क समय न न ल खत सावधा नया रखनी चा हय - 1 योग करन स पहल य क नट बो ट अ छ तरह कस लन चा हय तथा ल कज

इ या द को दखकर ठ क कर ल 2 चलन वाल सामा य भाग म तल ीस आ द लगा ल ता क चलात समय आसानी रह 3 रबर तथा लाि टक क यब को यादा न म ड़ जहा तक स भव हो सीध रख ता क

टट नह तथा योग क बाद उसको ठ क कार स समट कर रख 4 योग करन क प चात नोिजल टक तथा क टनर को हमशा साफ करन क प चात

सखाकर रख ता क जग न लग 5 योग करत समय क टनर क कल मता का 34 भाग ह दवा स भर 6 योग करत समय शर का उ चत दबाव रखना चा हय तथा यान रह क हवा का

दबाव यादा न हो य क इसस टक फट सकती ह तथा कम भी न रह िजसस व फोस क साथ नह नकलगा िजसस नह हो पायगा

7 पावर य म तल क एक नि चत मा ा (ल वल) रख 8 िजस समय य योग म न आ रह हो तो उसक भाग को खोलकर अलग-अलग ीस

इ या द लगाकर उ चत थान पर रख

99 छड़काव प प व नोजल क दख रख 1 छड़काव प प को इ तमाल करन क पहल व बाद म अ छ तरह पानी स धो ल 2 नोजल म य द कावट आ रह हो तो उस बदल ल या साफ पानी स धो ल नोजल क

छद म म ह स हवा ना द और ना ह कसी व त स (चाक आ द) छद खोलन क को षष कर

3 नोजल क समय समय पर जाच करत रह और साल म एक बार इस बदल ल 4 जब छड़काव प प को रखना हो तो उस डटरज ट स अ छ तरह धो ल और पानी स

काफ बार धो ल ता क डटरज ट पर तरह स प प नकल जाऐ छड़काव टक को सखा कर उसका म ह खोल कर रख ता क हवा उसम आती जाती रह

5 छड़काव प प क अ य ह स को अ छ स तल या ीस लगाऐ 6 हो सक तो पप को टाग कर रख ता क चह उस नकसान ना पह चा सक

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910 सर ा मक तर क स खरपतवार नाशक का रखरखाव 1 खरपतवार नाशक क लबल को अ छ स पढ़ ल तथा उस पर लख नदष और

सावधा नय का पालन कर लबल पर खरपतवार नाशक का रासाय नक नाम स य त व सशो धत मा ा व सावधा नया लखी होती ह

2 आख मह चमड़ी वास स लगातार यादा समय तक खरपतवार नाशक का स पक ना रख

3 शर र पर खरपतवार नाशक लग जाऐ तो उस तर त साबन स धो ल 4 खरपतवार नाशक का इ तमाल करत व त ध पान या भोजन ना कर 5 हवा क वप रत दशा म छड़काव ना कर 6 छड़काव क समय चहर को कपड़ स बाध कर रख 7 य द चमड़ी म खजल लाल होना च कर आना उ ट आ द होन लग तो तर त डॉ टर

स स पक कर 8 खरपतवार नाशक क खाल बोतल को न ट कर द तथा इस कसी अ य काम क लए

दोबारा इ तमाल ना कर 9 खरपतवार नाशक क साथ गदा पानी ना मलाए 10 खरपतावार नाशक का उसी क ड ब म ताल म खान म सामान व ब च स दर रख

ाथ मक उपचार खरपतवार नाषक को नगल लन पर उ ट कराय य द उ ट ना हो रह हो तो अगल को म ह म डाल कर या गरम पानी म नमक या चारकोल मला कर पताऐ गभीर हालत होन पर तरत डा टर को बलाऐ मर ज को खल हवा म रख

911 साराश क टनाशक क छड़काव क लए म यतः तीन कार क य का योग होता ह जस क कार क य का योग होता ह जस क 1 यर का फहार य िजसस क ट- वष को व प वारा योग कया जाता ह 2 ड टस वारा सख ाणी वष धल क प म बरकाऐ जात ह 3 ध ण

य का योग ध ण वष क लए कया जाता ह व भ न कार क नोिज स का योग कया जाता ह

912 बोध न 1 ह ड क पशन यर का नामा कत च बनाकर काय व ध का वणन क िजए 2 क ट वष सारण य क योग करत समय कौनसी सावधा नया रखनी चा हए 3 न न म स कौनसा ह तच लत यर का उदाहरण ह

अ लोवर यर ब आटोमाइजर स हाइ ो लक पावर यर द उपरो त सभी

4 नपसक यर क मता कतनी होती ह

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अ 15 ल टर ब 25 ल टर स 35 ल टर द 50 ल टर

5 कस य का योग ध ण वष क लए कया जाता ह अ यर ब ड टस स फमीगटस द कोई नह

913 सदभ साम ी 15 ReddyTY and ReddiGHS2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 16 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 17 Singh Chhadda 1999 Modern Techniques of Raising Field

Crops Oxford amp IBH publishing company private limited New Delhi

18 Singh SS 1993Crop Management under Irrigated and Rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

19 ग ता पकज 2011 अर का चनाव रखरखाव तथा सावधा नया व व क ष सचार (03) 54-63

20 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स त एव फसलरामा पि ल शग हाउसए मरठ

21 माथर वाय क एव उपा याय क डी क ष क ट व ान रमा पि ल शग हाउस मरठ

148

इकाई 10 पादप रोग व ान का इ तहास एव स ा त

इकाई क परखा 100 उ य 101 तावना 102 पादप रोग व ान या ह 103 पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म मह व 104 पादप रोग व ान का उ तरदा य व 105 पौध म रोग क धारणा 106 पौध म रोग क प रभाषा 107 पादप रोग व ान का इ तहास 108 आध नक भारत म पादप रोग व ान का इ तहास 109 पादप रोग बध क सामा य स ा त 1010 साराश 1011 अ यास न 1012 सदभ साम ी

100 उ य इस इकाई क अ ययन क उपरा त आप यह जान पाऐग -

पादप रोग व ान तथा उसक काय पादप रोग का इ तहास पादप रोग बध क सामा य सदात

101 तावना इस प वी पर रहन वाल सम त स म एव बड़ जीव क म य सम या वा तव म भख

क ह इस अ चकर अव था स बचन क लय ह यह जीव अपन जीवन का अ धकाश समय भोजन को ा त करन क यास म यतीत करत ह य द वा त वक प द दखा जाय जो मानव-जा त का इ तहास कछ भी नह ह अ पत वह उसक भोजन क ाि त क लय कय गय यास का लखा-जोखा मा ह य य प इसम स अ धकाश इसको स य नह मानत ह पर त य द हम मन य-जा त क पव ऐ तहा सक दन स लकर आज तक क या-कलाप का अवलोकन कर तो हम पता चलगा क उसका य अथवा अ य प स पट क सम या स रत रहा ह आ द काल स ह मन य अपना भाजन पौध और ज तओ स ा त करता चला आ रहा ह जब क ज त पण प स यतीत करता ह हमार द नक भोजन क लय अनाज दाल सि जया फल मसाल तल इ या द भी पौध स ह मलत ह िजन ज तओ स हम मास दध अ डा इ या द

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ा त होत ह वह भी पौध स ह अपना भोजन लत ह यह नह रलगा डय को चलान क लय प ोल डीजल और उवरक को बनान म सहायक न था इ या द क उ प त भी वा तव म पौध स ह होती ह इस कार हम दखत ह क हमार द नक योग म आन वाल लगभग सभी व तए हम य या अ य प म पौध स ह ा त होती ह अतः य द पौध को उ प न करन म कोई व त अथवा जीव बाधा पहचाता ह तो वह कवल पौध क लय ह नह अ पत हमार लय भी प ट प स हा नकाकरक ह

इस प वी पर जव त म एक ग तशील स तलन होता ह मन य अपना जीवन आराम म यतीत करन क लय इस स तलन म अनक बाधाय उ प न करक फसल को उगाता ह आध नक क ष अथवा फसल उ पादन वा तव म क ष व ान क व भ न शाखाओ म जा रह नवीन खोज का ह प रणाम ह वस तो फसल को उ प न करन म अनक ाक तक वपदाओ का सामना करना पड़ता ह पर त पादप रोग तकल मौसम खरपतवार और क ट नाशकजीव फसल क उ पादन म सबस बड़ खतर ह और इनम स कोई भी फसल को हा नक पह चाकर पदावार कम कर सकता ह पौध म रोग को उ प न करन वाल कारण भी दसर ा णय और मन य म उ प न होन वाल रोगो क कारण क समान ह होत ह य य प अ य जीव क भा त पौध म दःख और पीड़ा का अनभव करन क अभी तक नि चत माण नह मल ह पर त इनम भी रोग का वकास ज तओ एव मन य क समान ह होता ह

102 पादप रोग व न या ह पादप रोग व ान या फाइटोपथोलोजी (Plant Phytopathology) श द क उ पि त

ीक भाषा क तीन श द (i) फाइटॉन (Phyton) = Plant पादप (ii) पथॉस (Pathos) = suffering or aliments = पीड़ा या रोग (iii) लॉगोस या लॉगस (logoes ओर logus) = to study or knowledge = अ ययन या ान स ह ई ह िजसका अथ पादप रोग का अ ययन होता ह

प रभाषा (definition) - पादप रोग व ान क ष व ान वन प त या जीव व ान क वह शाखा ह िजसक अ तग त पादप रोग क कारण हतक उनस ह ई हा न तथा उनक नय ण उपाय का अ ययन कया जाता ह (Plant Pathology is that branch of Agriculture botanical or Biological science which deals with the study of the causes etiology resulting looser and control measures of plant diseases) यह व ान भी मन य स स बि धत च क साशा एव पशओ स स बि धत पश च क सा क समान ह होता ह उ य - इस व ान क न न ल खत मख उ य होत ह - 1 पादप रोग क जी वत अजी वत एव पयावरण कारण का अ ययन करना 2 रोगजनक वारा रोग वकास क या व ध का अ ययन करना 3 रोग क नय ण व धय को वक सत करना और पौध म उनक वारा होन वाल हा न को

कम करना

150

103 पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म मह व पादप रोग व ान ायः एक यावहा रक या अन य त व ान क साथ-साथ एक सम वय

या सकलन का व ान ह इसक काय क प रभाषा दना बह त क ठन ह इस व ान क अ तगत पादप रोग सम या क यावहा रक समाधान आत ह यावहा रक तर पर एक फसल क दशन म कोई भी दोष पादप रोग व ानी क लय एक सम या बन सकता ह अतः पादप

रोग व ानी क दो मख उ य होत ह सव थम उस पादप रोग नवारण क स ा त को योग करक फसल म होन वाल हा नक को कम करना होता ह तथा दसर पादप रोग क स ा त क ान वारा उस ज वक व ान क गहर समझ का वकास करना होता ह स ाि तक रोग व ान

म स मजीव वारा उ प न रोग को अ धक मह व दया जाता ह जब क खत म रोग व ानी को अ य दसर कारक वारा उ प न अनक वकार को सामना करना पड़ता ह इस अव था म रोग व ानी को प रवार क डा टर क सामन ह माना जा सकता ह इस कारण स ह कछ यि त तक तक द सकत ह क खत या रोग व ान एक व ान क अप ा एक कला अ धक ह

पादप रोग व ान व ान क अ धकाश परानी एव नवीन शाखाओ स स बि धत ह पहल जब क इसका स ब ध कवल भौ तक व ान (Physics) रसायन व ान (Chemistry) वन प त व ान (Botany) एव ज त व ान (Zoology) स ह बना था उसी कार अब यह अणज वक (Molecularbiology) कवक व ान (Mycology) जीवाण व ान (Bacteriology) वषाण व ान (Virology) स क व ान (Nematology) पादप - शार रक (Plantanatomy) पादप का यक (Plant Physiology) आनव शक (Genetics) जव ौ यो गक या बायोट नोलोजी (Biotechnology) आनव शक इ जी नयर (Genetic

Engineering) जीवरसायन व ान (Biotechnology) उ यान व ान (Horticulture) वन व या या वा नक (Forestry) तथा मदा व ान (Soil Science) क साथ साथ मदा स म व ान (Soil Microbiology) स भी स बि धत ह तथा यह इन व ान स अनक लाभ ा त करता ह जो यि त पादप रोग व ान को अमल म लात ह उनका न कवल ज वक एव

क ष व ान को अ छा ाता होना आव यक ह अ पत उनक लय प टतः असब धत वषय जस मौसम व ान (Meterorology) अ भया क (Engineering) वाय व ान (Aerodynamics) एव अथशा (Economics) इ या द का जानकार होना भी आव यक ह

पादप रोग व ान का स ब ध पादप रोग क सम त पहलओ स होता ह अतः इसका काय मानव रोग व ान क अप ा अ धक व तत होता ह य क मानव रोग व ान मन य म उ प न बीमार क अनक पहलओ म स कसी एक स ह स बि धत होता ह (इसक दसर पहल वा य व ान जन वा य तर ा व ान उपचार या च क सा इ या द होत ह) य य प हाल क वष म पादप रोग व ा नय न भी मानव रोग व ान क समान ह पौध म रोग क कसी एक वशष पहल म वशष बनना आर भ कर दया ह कछ म य जस परपोषी एव रोगजनक क बीच रसाय नक आि वक तथा आनव शक तर पर होन वाल पा प रक

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याए पादप वषाण व ान कवकआ वषालकता का रसायनशा तथा रोग पवानमान णा लया इ या द म बह त अ धक ग त क गई ह यावहा रक ि ट स पादप र ण रसायन का वकास तथा रोग तरोधी क म क जनन क काय म बह त अ धक उ न त ह ई ह

वष 1993 म सम त व व क जनस या लगभग 557 अरब थी जो वष 2000 तक बढ़कर 62 अरब हो गयी सम त व व क वतमान जनस या लगभग 66 अरब ह जो 170 तशत वा षक व क दर स बढ़ रह ह तथा अनमान ह क व व क जनस या वष 2010

तक 71 अरब एव वष 2025 तक 85 अरब स भी ऊपर हो जायगी सम त व व क वतमान जनस या यक 11 वष म 1 अरब बढ़ जाती ह सय त रा म खा य और क ष सगठन (Food and Agricultural Organization = FAO) वारा वष 1993 म कए गय सव ण क अनसार व व क वक सत दश क कल जनस या लगभग 131 अरब थी िजसम स 88 तशत जनस या क ष म लगी थी तथा उनक पास क य भ म 617 अरब ह टयर थी िजस

पर सम त व भ न फसल का कल उ पादन 2554 अरब टन हआ था इसी कार व व क सम त वकासशील दश क कल जनस या 426 अरब थी िजसम स 568 तशत जनस या क ष क ऊपर नभर थी तथा उनक पास कल क य भ म 729 अरब ह टयर थी िजस पर सम त व भ न फसल का कल उ पादन 3043 अरब टन हआ था इस कार वकासशील दश क लगभग 50 स 80 तशत (औसत 568 तशत) आबाद क ष म लगी ह जब क इन दश का क ष उ पादन अप ाकत बह त ह कम तथा जनस या व दर बह त अ धक (264 तशत वा षक) ह िजस कारण स यहा क लोग अ प एवम न न तर क भोजन पर जी वत ह एक अनमान क अनसार आज भी व व क व भ न भाग (अ धकाश अ वक सत एवम वकासशील दश ) म लगभग 2 अरब लोग भख अथवा कपोषण या दोन स ह पी डत ह इतन लोग को तथा आग आन वाल वष म करोड़ो लोग को भोजन खलान क लए व व खा य आप त को बढ़ान वाल सभव व धय को बनाय रखना नतात आव यक ह क ष उ पादन बढ़ान वाल मख व धया 1 फसल का व तार 2 खती क उ नत व धया 3 अवरक का पया त उपयोग 4 फस क उ नत क म का योग 5 सचाई क साधन का व तार तथा 6 उ नत फसल सर ा इ या द ह य य प इसम कोई स दह नह ह क इनम स थम पाच उपाय वारा क ष उ पादन म व होती ह पर त पादप रोग एवम नाशकजीव स फसल सर ा कय बना स भा वत खा य उ पादन क मा ा बह त घट जाती ह

रोग क ट एवम खरपतवार स फसल हा न - सय त रा क खा य और क ष सगठन वारा वष 1993 म कय गय सव ण क अनसार व व फसल उ पादन का 337 तशत

औसत भाग अथवा व व क कल उ पादन का एक तहाई भाग कटाई पव ह फसल उ पादन क समय रोग क ट एवम खरपतवार वारा न ट कर दया जाता ह अथात वष 1993 म वक सत दश क कल वा त वक फसल उ पादन 2554 अरब टन म स 605 अरब टन या 2379 तशत हा न तथा वक सत दश क कल वा त वत फसल उ पादन 3043 अरब टन म 113

अरब टन या 3718 तशत हा न रोग क ट एवम खरपतवार क वारा ह यी थी इसक

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अ त र त फसल क कटाई क प चात नाशकजीव वारा ख या न क 9 स 20 तशत तक भडारण त या हा न हो जाती ह इस कार स पण व व म सम त खा य फसल का 48 तशत भाग कटाई स पव खत म तथा कटाई क बाद भडारण म नाशकजीव वारा न ट कर

दया जाता ह खा य और क ष सगठन क उ पादन वा षक प क (FAO Production Year

1993) म आक लत व व फसल उ पादन तथा रोग क ट एवम खरपतवारो स व व उ पादन म ह यी कटाई स पव हा नय को सारणी 11 म दशाया गया ह सारणी म दय गय आकड़ स स होता ह क व व फसल उ पादन क 118 तशत औसत उपज कटाई पव रोग वारा न ट कर द जाती ह तथा साथ ह क ट एवम खरपतवार वारा मशः 122 तशत एवम 97 तशत औसत उपज क हा न होती ह इस कार खा य एवम क ष सगठन क क ष उ पादन वा षक प तक 1993 क उ पादन आकड़ तथा मर 1967 और ओक एवम सहयोगी 1994 वारा दय गय हा नय क तशत क अनसार व व क सभी वक सत दश म स भा वत कल फसल उ पादन क 228 अरब टन 1214 तशत औसत उपज क कटाई पव हा न अकल रोग वारा होती ह जब क व व क सम त वकासशील दश म अकल रोग वारा होन वाल हा न 926 अरब टन 2398 तशत औसत उपज क बठती ह

भारत क वतमान जनस या 10270 करोड़ स भी अ धक ह अथात स पण व व क सवा धक जनस या वाल दश म भारत का दसरा थान ( थम थन चीन जनस या 1276 करोड़) ह तथा सपण व व क आबाद का लगभग 16 भाग भारत म नवास करता ह और लगभग 70 तशत आबाद क ष क ऊपर नभर ह भारत न गत वष म क ष क म बह त अ धक उ न त क ह जो खा या न उ पादन म कौतकपण व वारा प ट हो चक ह जहा वष 1950-51 म भारत का कल खा या न उ पादन 5 करोड़ 8 लाख टन था वह वष 1970-71 स बढ़कर 10 करोड़ 8 लाख टन पव 1990-91 म 17 करोड़ 6 लाख टन वष 2001-2002 म बढ़कर 20 करोड़ 98 लाख टन पर पह च

भारत म भी गत वष पहल lsquoह रत ाि तrsquo क प म ह ए क ष पा तर क कारण दश खा या न उ पादन म आ म नभर हो गया ह पर त यह क ष पा तरण कवल गह म ह अ धक सफल हआ ह य क फसल क व क समय म रोग एवम नाशकजीव वारा हा न या

त कम पह चायी जाती ह इसक अ त र त इस ाि त का सार अ य दसर फसल एवम दश क सभी म नह हो पाया ह फसल क उपज को भा वत करन वाल अनक कारक lsquo जस मदा म नमी का अभाव मदा क न न उवरता फसल क अन चत क म इ या द क अ त र त रोग हा नकारक क ट एवम खरपतवार वारा स भा वत फसल उ पादन को ग भीर प स सी मत कर दया जाता ह रोग एवम क ट या धय क मार स कोई भी फसल अनाज दलहन तलहन स जी फल मसाल एवम जडी -ब टय अछती नह रहती ह भारत म पीआर महता ण डमीज पद मजपबपकम ददनसए 1976 क अनसार सपण फसल उ पादन का 18 तशत भाग तवष खत (कटाई पव) एवम भडारण म व भ न पादप रोग क ट-नाशकजीव

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एवम खरपतवार वारा न ट कर दया जाता ह िजसका म य 5000 करोड़ पय वष 1976 क म य क आधार पर बठता ह सारणी 12 सारणी म व भ न नाशकजीव वारा सम त फसल म होन वाल हा न का म य

एवम तशत नाशकजीवा (Pest)

हा न का म य (Loss in Value)

तशत हा न ( Loss)

1 खरपतवार (Weeds) 1650 करोड़ पय 33

2 रोग (Diseases) 1300 करोड़ पय 20

3 क ट (Insects) 1000 करोड़ पय 20

4 भडारण नाशकजीव 350 करोड़ पय 7 5 कतक ज त (Rodents) 300 करोड़ पय 6

6 अ य नाशकजीव (Other Pests) 400 करोड़ पय 8

योग (Total) 5000 करोड़ पय 100

भारत म फसल उ पादन क व भ न नाशकजीव वारा होन वाल हा न क उपरो त आकड़ वष 1976 क म य पर आधा रत ह तथा आजकल क म य को दखत ह ए यह हा न तीन चार गना स कम नह होनी चा हय आज जब क जनस या म व ती ग त स हो रह ह तथा उपरो त व णत पादप रोग एव अ य नाशकजीव वारा कया जान वाला वनाश कषक व ा नक एव शासक क सम एक ग भीर सम या बना हआ ह इस अव था म यह आव यक ह क हमारा यय क ष क लय उपल ध सी मत भ म पर अ धक स अ धक उ पादन करना होना चा हय ऐसा उस समय ह हो सकता ह जब क उ पादन ो यौ गक का मल र ण ो यौ गक क साथ कराया जायगा य द हमन अपना यान फसल क उनक श ओ स सर ा कय बना कवल उनक उ पादन पर ह लगाया तो भोजन म आ म नभर होना हमार लय सदव एक व न ह रहगा भारत म जहा क ष भ म सी मत ह तथा जनस या ती ग त स बढ़ रह ह फसल को य द रोग हा नकारक क ट एव खरपतवार वारा हा न स बचा लया जाय तो हमार दश म आग आन वाल वष तक अनाज क कमी नह होगी इस हा न का भाव हमार ऊपर कवल आ थक प स ह नह पड़ता अ पत फल व प अनक दसर राजन तक एव सामािजक सम याय भी उ प न हो जाती ह अतः मानव जा त क क याण क लय तथा दश को सम शाल एवम आ म नभर बनान क लय आध नक क ष म पादप रोग व ान का अ ययन एक बह त मह वपण थान रखता ह य य प पादप रोग व ान एक व ान क प म पादप रोग क वकास एव उनक कारण को जानन म हमार ान व क यास करता ह पर त इसक अ त र त भी यह एक अ धक यावहा रक ल य वाल व ान ह िजसका मख उ य सम त पादप रोग क नय ण व धय को वक सत करना ह िजसस क पादप रोग स न ट होन वाल अनाज सि जय फल एव दसर खा य व तओ स बचाया जा सक तथा इ ह ससार क व भ न भाग म करोड़ भख लोग को उपल ध कराया जा

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सक अतः इस प वी पर जब तक मन य भखा ह तब तक पादप रोग व ानी का म य कत य ह क वह मानव क याण क लए सभी को पया त भोजन रशा एव ईधन उपल ध कराय

104 पादप रोग व ान का उ तरदा य व पादप रोग व ान क न न ल खत िज मदा रया ह -

1 नई - नई पादप रोग सम याओ का म याकन करक उनका समाधान करना 2 अनसधान क ताओ और सार वशष को श त करना 3 पादप रोग क ब ध क यावहा रक व धय को ात करना िजनको कसान अपन

खत म सगमता स योग कर सक

105 पौध म रोग क धारणा हम एक पौध को व थ उस समय तक ह कहत ह जब तक वह अपन सम त

सामा य शर र- या मक काय को नर तर परा करता रहता ह और अपनी जन नक शि त क अनसार अनमा नत पदावार दता रहता ह पौध क म य शर र या मक काय म सय क काश स भाजन स लषण करना भोजन एवज ल का आव यकतानसार व भ न भाग म थाना त रत करना तथा स ल षत पदाथ का उपाचयन एव जनन इ या द याय आती ह रोगी पौधा इन

याओ म स एक अथवा अ धक को पर करन म असमथ रहता ह िजसक प रणाम- व प वह अपनी ह जा त क अ य दसर पौध स भ न दखाई दता ह इस असामा यता क कारण ह रोगी पौध क रोगी अग क अथवा स पण पौध क म य हो जाती ह पौध क कसी एक अग क

या पर रोग का भाव इस बात पर नभर करता ह क रोगजनक न सबस पहल कौन सी को शकाओ अथवा ऊतक पर आ मण कया था मल ऊतक म होन वाल वकत याओ अथवा वगलन वारा मदा स जल एव पोषक त व क अवशोषण पर भाव पड़गा और सवहनी ऊतक पर भाव पड़न स इन पदाथ का थाना तरण घट जायगा अथवा ब द हो जावगा िजसक प रणाम व प पौध क वायव भाग पर धा एव यास क च ह दखाई दग इस अव था म इन भाग क ऊतक वक सत नह हो सकत ह अथवा अ त म इनका वघटन भी हो सकता ह इसी कार य द कसी रोगजनक का आ मण पि तय क ऊतक पर होता ह तो काश स लषण क या भा वत होती ह और पौध म काबनहाइ टस क कमी हो जाती ह

रोग क अ भ यि त का स ब ध पादप अग क दबल अथवा न य अव था स होना भी आव यक नह होता ह अनक रोग म पौध क रोग स भा वत ऊतक उ व या दखात ह िजनक प रणाम व प प टकाय एव ग म या अबद वक सत हो जात ह पर त यह अव थाय पौध क लय तकल और रोगजनक क लय अनकल होती ह

पादप रोग को उनक वारा उ प न कय गय ल ण वारा अथवा पौध क बीमार अव था वारा पहचाना जाता ह रोग और ल ण दोन अलग-अलग अव थाय होती ह आध नक व ा नक वचारधार क अनसार - lsquolsquoपौध एव रोगजनक क बीच ह ई पार प रक याओ को रोग कहत हrsquorsquo दसर श द म रोग वह अ भ यि त ह िजसम पौध क कसी अग क को शकाओ और रोगजनक अथवा उसस उ प न ए जाइम आ वष एव व नय क क बीच जव रासाय नक

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याय होती ह इन याओ क फल व प पौध क आक त एव स यता म प रवतन आ जाता ह यह प रवतन ह पौध पर रोग ल ण क प म कट होत ह

106 पौध म रोग क प रभाषा व भ न लखक न पौध म रोग क अलग-अलग प रभाषा द ह िजनम स न न ल खत म य ह - 1 एचएच हटजल (HH Whetzel 1935) क अनसार - lsquolsquoपौध म रोग हा नकारक

शर र या मक या ह जो एक ाथ मक रोगकार कारक क नरतर हो रह उ तजना क कारण होता ह तथा अपसामा य को शक य या क वारा द शत होता ह और व श ट वक त अव थाओ िज ह रोग ल ण क नाम स पकारा जाता ह क प म कट होता हrsquorsquo (ldquoDisease in plant is injurious physiological activity caused by continued irration of primary causal factor exhibited through abnormal cellular activity and expressed in characteristic pathological conditions called symptomsrdquo)

2 जज हासफाल एव एई डाइमड (JG Horsfall and AE Dimond 1959)क अनसार - lsquolsquoरोग एक अव था नह ह रोग रोगजनक नह ह रोग त क समान नह ह रोग नरतर उ तजना क प रणाम व प होता ह रोग एक क या मक या हा नकारक म हrsquorsquo(ldquoDisease in not in conditiondisease is not the pathogendisease is not the same as injuryhellipdisease Reasult from condition irritation hellipdisease is a mafunctiong processhelliprdquo)

3 जीसी क ट (DC Kent 1973)क अनसार lsquolsquoएक व श ट जीव क भीतर ऊजा क उपयोग स पर पर स बि धत एक रोगजनक क नर तर हो रह उ तजनाओ क प रणाम व प यो यता क यास अथवा हा न को रोग कहत हrsquorsquo (ldquoDisease is the diminution or loss of the ability to correlates the utilization of energy within an individual as a result of the continued irritations of pathogenrdquo)

4 अम रकन फाइटोपथलोिजकल सोसायट एव ब टश माइकोलोिजकल सोसाइट वारा वीकत रोग क प रभाषा इस कार ह - lsquolsquoरोग एक क या मक या हा नकारक म ह जो नर तर उ तजना क कारण होता ह िजसक प रणाम व प कछ पीड़ा उ प न करन वाल ल ण उ प न होत हrsquorsquo (ldquoDiseas is malfunctioning process that is caused by continuous irritation which results in some suffering producing sumptmsrdquo)

5 दास ग ता (Das Gupta 1977) न समाजवाद क स ा त lsquolsquo याय यक जड़वाद (ldquoDialectical Materilismrdquo) क धारणा क आधार पर रोग को इस प म प रभा षत कया ह lsquolsquoरोग एक क या मक या हा नकारक म ह िजसम ायः परपोषी एवम रोगजनक

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क बीच लगातार पार प रक या होती ह िजसक वारा व थ एवम रोग त अव थाओ क गणा मक ि थ तय क बीच अनक मा ा मक प रवतन होत हrsquorsquo

सह एवम सहयोगी (Singh et al 1989) न उपरो त प रभाषाओ एवम अ य व ा नक वारा कट कए गय वचार क आधार पर रोग क प रभाषा इस प म द ह lsquolsquoरोग एक पौध

या उसक कसी भाग क त म कसी जी वय (ज वक) या म यजीवीय अथवा अजव कारक या कारक वारा लायी गयी प रव तत एवम जव रसाय नक अ भ याओ का एक सपण योगफल ह जो इसक शर र या मक म को क या मक क ओर आग बढ़ाता ह और अत म धीर-धीर यह प रवतन को शक य एवमअथवा आका रक य तर पर प ट प स कट होत ह यह सभी प रवतन इतन अ धक प रणाम होन चा हए क पौध क सामा य एवम जनन क लए एक बाधा (आपि त) बन जायrsquorsquo (ldquoA sum total of the altered and induced biochemical reactions in a system of the plant or plant part brought aboput by any biotic or mesobiotic or abiotic factor(s) learning to malfunctioning of its physiological process and ultimately manifesting at cellular and or morphological level All these growth and reproduction of the plantrdquo) उपरो त प रभाषाओ म व णत इन उ तजनाओ म को रोगजनक वारा परपोषी पौध म भ न- भ न पर त पर पर सब धत न न माग व धय वारा लाया जाता ह - 1 रोगजनक क परपोषी क स पक म आन पर परपोषी को शकाओ क अतव तओ का उपयोग

करक 2 परपोषी को शकाओ को मारकर अथवा अनक उपाचयी स यताओ म अपन ए जाइम जीव-

वष एव व नय क वारा बाधा पहचाकार 3 अपन वय क लय परपोषी को शकाओ स पोषक य क नर तर अवशोषण वारा परपोषी

को दबल बनाकर तथा 4 वा हनी ऊतक स आहार ख नज पोषक त व एवज ल क थाना तरण म बाधा पह चाकर

107 पादप रोग व ान का इ तहास पादप रोग व ान पर अब तक का शत सम त प तक पि चमी दश ( वशष प स

यरोप और उ तर अम रका) वारा एक कय गय ान पर आधा रत ह इन प तक को पढ़न क बाद कछ ऐसा आभास होता ह क पौध क रोग क ओर सबस पहल कवल पा चा य दष क लोग न ह यान दया था जब क इन प तक म यह चचा कह नह मलगी क ाचीन भारत म पादप रोग व ान क वषय म व त ि थ त या थी पा चा य दश क इन प तक म आज लगभग 2400 वष पहल यनानी दाश नक थयो ट (Theophrastus 370-286 BC) ठ वारा पौध क रोग पर कय गय नर ण क चचा क गई ह जब क हमार अपन दश म जहा पर क क ष लगभग 4000 वष परानी ह अनक भारतीय ाचीन थ जस - ऋ वद अथववद (1500-500 BC) कौ ट य का अथशा (321-186 BC) श ता स हता (200-

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500 AD) व ण पराण (500 AD) अि न परान (500-700 AD) व ण धमावतार (500700 AD) इ या द म पौध क रोग एव उनक अ य श ओ तथा उनक रोकथाम क उपाय का वणन बह तायत म मलता ह ऋ वद म कवल पादप रोग का वग करण ह नह कया गया ह अ पत रोग क जीवाण स ा त का भी समथन कया गया ह ईसा स चार सौ वष पव भगवान ब न अपन य श य आन द स कहा था - lsquolsquoआन द जब धान म झलसा या अगमार ( लाइट) नामक रोग का कोप हाता ह तो पर फसल चपट हो जाती ह तथा जब ग न म झलसा रोग लगता ह तो ग न क पर फसल न ट हो जाती हrsquorsquo ब क इस कथन स स होता ह क उस समय भी भारतीय को पौध म रोग लगन का ान था बराह म हर न अपनी lsquoबहत स हताrsquo म पादप रोग क रोकथाम क वषय म लखा ह - शीत वाता तप रोग जायत पा ड श तला अव च वालना शाखा सोपा रस तः च क सक मथनष श नदौ वशषनम वडग घत पक कन सचयत ीरववा रणा

rsquorsquoव शीतलहर सय क ती तपन स झलस जात ह इन व क प त पील सफद हो जात ह अकर कम हो जात ह तथा शाखाय सखन लगती ह दध जसा पदाथ रोगी पौध नकलन लगता ह रोगी भाग को कलम करक वदग (ए ब लया इाइबीज) घी एव माट ( स ट) का लप करना चा हय त प चात रोगी व पर जल और दध का म ण छड़कना चा हय lsquolsquoव दक काल म भी लोग को यह ान था क पौध को यह ान था क पौध म रोग स मजीव वारा उ प न होत ह जब क पा चा य यरोप क अ धकाश व ा नक को इस त य क जानकार कवल आज स लगभग 150 वष पहल ह हो सक थी

ाचीन भारत म सपला वारा लखी गई lsquoव ायवद rsquo थम प तक ह िजसम पौध क रोग पर व तत काश डाला गया ह सम त पादप रोग को दो म य समह (अ) आ त रक रोग (ब) बा य रोग म वभ त कया गया था आ त रक रोग क वषय म अनमान लगाया गया था क यह पौध क त म अ यव था क कारण और बा य रोग स मजव एव क ट क लय अनक उपचार व धय को भी सझाया गया था जो अ ध व वास क साथ-साथ व ा नक नर ण पर आधा रत थी व श य च क सा बीज उपचार पादप मन लप वारा आवरण पौध क व श ट सवधन इ या द याओ का ाचीन भारत म पण ान था और आज भी इन व धय का योग अनक रोग को नय त करन क लय मदा सधारक क प म इन पदाथ को मा यता द ह इसस तीत होता ह क पौध क रोग क रोकथाम क ऐसी व धय का ाचीन भारतीय को पण ान था

िजस कार पौध क रोग ल ण का वणन बाइ बल श स पयर क क वताओ और नाटक म मलता ह इसी कार ह द परान शा का लदास क रघवश और अ य ाचीन भारतीय सा ह य म भी इनका वणन मलता ह बाइ बल म क कड मदरो मल और च णल आ सता अगमार इ या द रोग का उ लख कया गया ह थयो टस न अपनी प तक (ldquoEnquiry into Plantsrdquo) पौध म अ वषणrsquorsquo म पादप रोग क वषय म न क योग पर

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उसन उ लख कया ह क व भ न समह क पौध पर भ न भ न रोग उ प न होत ह जो आ मग या वतः होत ह अथात कोई बा य कारण इनस स बि धत नह होता ह बड़ आ चय क बात ह क उस समय भी भारतीय को इस त य क जानकार थी क रोग बा य कारण अथात स मजीव वारा उ प न होत ह यरोप और अ य पा चा य दश म थयो ट क बाद अगल 1000 वष तक क पादप रोग क वषय म कोई नि चत धारणा नह बनाई जा सक थी जब क रोग वारा फसल क बह त अ धक हा न होती रह औ उस समय क व ा नक क सम यह एक क ठन सम या बनी रह उस समय पादप रोग क लय अनक कारण जस दवी शि त जादगर अ ध व वास सतार व चाद का भाव गद वाय ई वर का कोप इ याद उ तरदायी माना जाता रहा ह

लगभग स हवी शता द क म य सय त स मदश क खोज क प चात जीव व ान क लय एक नया यग आर भ हआ सव थम सन 1675 म हालड नवासी यवनहॉक न पहला स मदश य बनाया और सन 1883 म उसन इसक सहायता स जीवाणओ को दखकर उनका वणन कया जब इन स मजीव को रोगी पौध क साथ स बि धत पाया गया जब उस समय यह सझाव दया गया था क राग इन जीव स पदा नह होता ह अ पत यह जीव ह रोगी म वतः उ प न हो जात ह इटलर का वान प व माईकल (Micheli 1676-1737) सबस

पहला व ा नक था िजसन 1729 म कवको का अ ययन कया और उनक बीजाणओ को दखा सन 1976 म ास क वान प त व टलट न गह क बट तथा दग ध कड रोग पर एक प का शत कया िजसम उसन योग वारा स कया क गह क बीज क सतह पर चपक हय

काल वाल बीज म व छ बीज क अप ा अ धक रोग उ प न होता ह य य प टलट को उस समय यह ान नह था क यह चण वा तव म कवक क बीजाणओ का समह ह पर त फर भी उसन इस बात पर बल दया था क यह रोग काल चण स नकल कछ वषल पदाथ स उ प न होता ह और य द बीज को उपचा रत करक बोया जाय तो रोग कम उ प न होता ह

आध नक पादप रोग व ान क एक व ान क प म आधार शला उ नसवी शता द क आर भ म रखी गई थी य य प उस समय क बह त पहल परसन (Persoon 1801) ओर ज़ (Fries 1821) जस कछ व ा नक कवक का वग करण और नामकरण करन म य त थ पर त इन दोन का व वास था क क एव कड कवक वा तव म रोगी पौध स उ प न होत ह भ न भ न स मजीव स नह सन 1807 म वो ट न स कया क गह का बट रोग एक कवक क कारण पदा होता ह उसन बट कवक क बीजाणओ और उनक अकरण का अ ययन कया और बताया क गह क बीज को नील थोथ क घोल म भगोकर बोन स इस रोग को नय त कया जा सकता ह

जब सन 1830 और सन 1845 क बीच आल का पछती अगमार रोग इ लड आयरलड और यरोप म शी ता स फल रहा था तब रोग एव कवक क आपसी सबध क व सय म व ा नक क बीच कोई एक नि चत मत नह था बकल (Berkeley 1846) मॉरन (Morren 1845) और वॉन मा शअस (Von Martius 1842) जस कछ व ा नक का ह यह व वास था क आल क पछती अगमार रोग कवक स उ प न होता ह पर त इन व ा नक क

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पास अपनी बात उ चत स करन क लय ायो गक माण नह थ आध नक योगा मक पादप रोग व ान क आधार शला जमन व ा नक ए टन डी बर (Anton de Bary 1831-1888)न रखी थी उसन सन 1853 म वो ट वारा क गई खोजा क पि ट कर द थी इसस पहल ास क त सन ब धओ (RL Tulasen and C Tulasne) न क और कड उ प न करन

वाल कवक का च स हत वणन कया और वो ट क काय क भी पि ट क डी बर न आल का पछती अगमार रोग पदा करन वाल कवक का व तत अ ययन करक उसका नामकरण कया और पादप रोगजनक क प म जीव क नि चत माण दय उसन अ य दसर रोग जस क कड मदरो मल आ सता और वगलन इ या द का भी अ ययन कया था ज लयस कल न सन 1858 म पादप रोग व ान पर सबस पहल प तक लखी थी िजसम उसन रोग क वकास म कवक क काय का स पण ान दया था जलयस कन को ह आध नक पादप रोग व ान का जनक समझा जाता ह डी बर क सहकम जमन क बरफ ड न सन 1875 और 1912 क म य स मजीव क क म सवधन व धय क खोज क िजनस स ामक स मजीव का अ ययन सरल हो गया

सन 1878 म अगर क मदरो मल आ सता रोग न अम रका स यरोप म वश कया उस समय ास म शराब बनान क लय अगर क खती म य प म क जाती थी डी बर वारा ह श त ास क ो मलाड न इस रोग क नय ण क लय बोड म ण खोजा था

उस समय क दो म य आल का पछती अगमार और अगर क मदरो मल आ सता का नय ण इस म ण वारा सफलतापवक कया गया य य प इस म ण क खोज आकि मक प स ह ई थी पर त सन 1885 स लकर आज तक इसक वारा अनक पादप रोग को नय त कया जाता ह

बीसवी शता द क थम दशक म पादप-व ा नक का यान पादन रोगरो धत क आनव शक का ओर खीचा गया था सव थम ब फन (Biffen 1905 1912) एव आटन (Orton 1900 1909) न धा य क और कपास तरबज लो बया इ या द क ला न रोग का नय ण रोगरोधी क म को वक सत करन क यास कय जा रह ह

पादप रोग व ान क वकास क ारि भक दन म व ा नक न कवल कवक वारा उ प न रोग म ह अ धक च ल थी पर त कवक क अप ा बह त छोट जीवाणओ का कसी पादप रोग क साथ सब धत होन पर वचार नह कया गया था सन 1876 म लई पा तर एव रॉबट कॉख न स कया क पशओ का ग ट रोग एक जीवाण पदा करता ह इसक शी बाद सन 1878 म अम रका क पादप रोग व ानी ो ट ज य रल न बताया क नाशपाती और सब का द ध अगमार रोग एक जीवाण क कारण होता ह बाद म अनक पौध क जीवाण रोग को खोजा गया और सन 1895 तक अम रका क ईएफ ि मथ न पौध क जीवाण रोग पर अ ययपन करक जीवाणओ क मह व को पादप रोगजनको क प म स कया

सव थम सन 1743 म इ ल ड क नीधम न पादप परजीवी स क म को गह क प टका म हजार क स या म पाया था पर त नीधम क खोज क लगभग 100 वष बाद तक भी पादप रोग म स क म क मह व क ओर कोई यान नह दया गया था सन 1857 म बकल एव

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शा त न चक दर क मल गाठ (root knot) और पट स क म (Cyst memattode) को खोजा था सन 1913 स लकर सन 1932 तक कौब न अनक पादप परजीवी स क मय क सरचना का अ ययन कया और उनको वगीकत कया

वषाण क वषय म हमारा ान 70 वष स भी कम पराना ह जब क पौध म वषाण ज नत रोग हजार वष स उ प न हो रह ह हॉलड नवासी मयर (Mayer 1886) पहला यि त था िजसन पोध का वषाण ज नत रोग त बाक मोजक खोजा था मयर न मोजक रोग क ल ण दखान वाल त बाक क पि तय को मसलकर रस नकाला ओर इसको व थ पि तय क म य शरा म सच रत करन स दस दन म ह रोग ल ण कट हो गय अम रका क ईएफ ि मथ न सन 1891 म आड पीत रोग पर काय करत ह य दखाया क यह एक स ामक रोग ह और इसका सचरण रोगी पौध स व थ पौध म मकलन अथवा कलमन वारा हो जाता ह पर त वह इस रोग का कोई कारण नधा रत नह कर सका तथा उसन इसको त बाक मोजक क समान ह बताया था

पादप वषाण क क त पर अ ययन आर भ करन वाल म इवानो क और बीज र क क नाम उ लखनीय ह सी अनसधाना इवानो क न बताया क त बाक मोजक उ प न करन वाला रोगकारक च बरलड फ टर वारा छानन पर नीच नकल जाता ह जब क इस फ टर म जीवाण ऊपर ह रह जात ह इस बात स उसन न कष नकाला क रोग का कारण जीवाण स न ा वत कोई जीव वष अथवा स म जीवाण था जो फ टर छ स छन कर रस म पह च गया था डच जीवाण व ा नक बीज र क (Beijerink 1898) थम यि त था िजसन स कया क त बाक मोजक रोग कसी स म जीव स उ प न नह होता अ पत यह क टिजयम ववम लइडम या स ामक जी वत तरल स उ प न होता ह िजसको उसन वाइरस या वषाण नाम दया बीज र क न यह भी बताया क वषाण पौध क परान ऊतक क अप ा नय व करत ह य ऊतक म ग त करता ह तथा सखी पि तय एव मदा म भी जी वत रह सकता ह वषाण क क त क वषय म एक म य खोज सन 1953 म टनल न का शत क थी उसन रोगी

त बाक क पि तय क रस को अमो नयम स फट स उपचा रत करक एक टल य ोट न क प म ा त कया और जब इस ोट न को त बाक क व थ पि तय पर पह चाया तो पनः रोग

उ प न हो गया इस कार उसन न कष नकाला क वषाण को एक वो रक ोट न माना जा सकता ह जो क जी वत को शकाओ म गणन करन क मता रखता ह सन 1936 म बाडन एव उसक सहयो गय न पाया क वषाण का टल य चण वा तव म ोट न और य ल क अ ल का बना होता ह सन 1936 म इल ान स मदश क खोज क प चात सन 1939 म काउशी और उनक सहयो गय न इस य क सहायता स वषाण क आक त और नाप आ द का अ ययन कया जीरर और ाम न सन 1956 म दखाया क वषाण कण स ोट न को अलग कया जा सकता ह और अकला य ल क अ ल ह पौध म स मण करक पनः वषाण बना सकता ह

सन 1971 म डाइनर न नि चत कया क आल का तक कद रोग स ामक आर एनए क एक छोट एकल स क य वतल अण वारा उ प न होता ह िजस उसन वाइरॉयड क नाम स

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पकारा था उस समय स लकर अब तक दो दजन स अ धक दसर वाइराय स जो पौध क व भ न क म म रोग उ प न करत ह को पथक कया जा चका ह

सव थम सन 1909 म लफो ट न यफा बएसी कल क लट सधर पौध क लट स उ प न करन वाल को शकाओ म काशाभी ोटोजोआ को पाया था उसक प चात सन 1931 व 1933 म टहल न काफ व क लोएम नमाण तथा ला न उ प न हो जाती ह सन 1976 म द ण अम रका एव अ का म ना रयल एव तल ताड़ व क अनक रोग क साथ कशाभी ोटोजोआ को स बि धत पाया गया ह

सन 1967 स पहल तक कवल कवक जीवाण स क म एव वषाण को ह पौध म रोग पदा करन वाल कारण माना जाता रहा था पर त सन 1967 म कछ जापानी व ा नक न बताया क पौध क कछ पीत रोग जो अब वषाण स उ प न मान जात थ वा तव म माइको ला मा स श जीव स उ प न होत ह माइको ला मा वह स म जीव ह जो माप म वषाण स बड़ और जीवाण स छोट होत ह ययाक ि थत बोइस थॉमसन इ ट यट क डॉ काल मामरोश का कहना ह क माइको ला मा स श सजीव पड का अनक पादप रोग स स ब ध ह पछल पाच वष म 200 स भी अ धक पादप रोग माइको ला मा स सब धत पाय गय ह जब क यह अब तक वषाण वारा उ प न रोग ह मान जात थ माइको ला मा अ नि चत आकार क भि तह न होत ह और इनक चार और एक पतल झ ल होती ह इनम राइबोसोम और क क य य तो पाय जात ह पर त कि दक ओर क क य झ ल अनपि थत होती ह यह रोगी पौध क लोयम ऊतक म पाय जात ह और पोधा म रोगवाहक क ट वारा फलाय जात ह सन 1972 म ड वस एव सहयो गय न म का क कठ रोग क साथ एक ग तशील कडलाकार स मजीव को दखा था िजस उ ह न पाइरो ला मा क नाम स पकारा था इनम भी को शका भि त का अभाव होता ह अतः इ ह क डलाकार माइको ला मा क नाम स भी पकारा जाता ह

108 आध नक भारत म पादप रोग व ान का इ तहास ाचीन भारत म पादप रोग क ान क वषय म पहल ह उ लख कया जा चका ह

इस दश म आध नक पादप रोग व ान का इ तहास अ धक पराना नह ह वा तव म भारत म इस व ान का ीगणश उ नीसवी शता द म ह हआ था पा चा य दश क समान ह हमार दश म भी इस वषय का वकास कवक व ान क साथ हआ ह यहा पर सन 1930 तक पादप-रोग क अप ा कवक क अ ययन पर ह अ धक यान दया था उ नसवी शता द क म य म कछ यरोपीय व ा नक न कवक का अ ययन आर भ कया जो यहा स कवक को एक करक यरोप क योगशालाओ म पहचान हत भजत थ पर त बाद म डीडी क नघम एव ए बाकल न यह पर कवक का अ ययन और उनक पहचान का काय आर भ कया और इनको बाहर भजवाना ब द कर दया बाकल न शमला क आस-पास क कड एव क का वशष प स अ ययन कया ी क आर क तकर थम भारतीय व ा नक थ िज ह न यहा कवक को एक करक उनक पहचान का काय ार भ कया था

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भारत म कवक और पादप रोग पर सग ठत अनसधान काय इस शता द क थम दशक म टश सरकार वारा था पत lsquoइ पी रयल ए ीक चरल रसच इ ट यटrsquo पसा ( बहार) म आर भ कया गया था आजकल यह स थान भारतीय क ष अनसधान स थान (IARI) क नाम स नई द ल म ि थत ह पसा स थान म सन 1910 स पहल ईज बटलर (EJ Butler) न भारतीय कवक ओर उनस उ प न रोग का व तत अ ययन कया बटलर को भारत म आध नक पादप रोग व ान का जनक माना जा सकता ह इस दश म अपन बीस वष क वास काल म उ ह न उस समय मलन वाल अ धकाश पादप रोग का अ ययन कया और साथ ह पादप रोग व ा नक क एक दल को भी श त कया िज ह न इस दशा म यहा काय को आग बढ़ान म सहयोग दया बटलर न िजन रोग का व तत लखा दया ह उनम कपास अरहर क ला न रोग ग ना आल ताड़ी क व भ न रोग ओर धा य क क इ या द मख ह उ ह न lsquo प थए सयसrsquo एव समवग कवक का व तत अ ययन करक उन पर एक मौ लक गरथ लखा तथा आज भी भारत म उनक वारा लखी गई प तक lsquoफजाई ए ड ड सज ज इन ला स (Fungi and Disease in Plants) पादप रोग व ान क लय एक महान अशदान क प म उपि थत ह

बटलर क ह एक सहयोगी जएफ द तर (18861971) थम भारतीय पादप रोग व ानी थ िज ह कवक और पादप रोग क व तत अ ययन करन का य जाता ह उनक अ ययन का व श ट वश फाइटो थोरा एव इसक जा तय स उ प न एर ड एव आल क रोग थ जीएस कलकण न वार और बाजरा क मदरो मल आ सता एव कड रोग पर व तत अ ययन का शत कय एसएल अज़रकर न कपास का ला न ग न का कड और वार का अगट इ या द रोग का अ ययन कया उस समय भारत क पादप रोग व ा नक का झकाव रोग क वणना मक पहल क ओर अ धक था और उ ह न रोग क नय ण उपाय क ओर अ धक यान नह दया था

बटलर न सन 1920 म भारत छोड़न क प चात िजन पादप रोग व ा नक न काय भार स भाला उ ह न पादप रोग क अ य पहलओ पर भी अ ययन करना आर भ कया बीबी म दकर न कपास क ला न रोग का नय ण करन क लय रोगरोधी क म क योग पर काय सफलता ा त क भारत म मलन वाल अनक कड कवक क पहचान और उनका वग करण करन का य भी म दकर को ह जाता ह उ ह न ह lsquolsquoभारतीय पादप रोग व ान स थाrsquorsquo क थापना करक सन 1948 म इ डयन फाइटोपथोलोजी का काशन ार भ कया भारत म आगरा

का लज क डॉ कमच द महता का नाम धा य क क रोग च क खोज करन म सव प र ह उनक बाद सबस वशष खोज वशष प स एका तर परपो षय क वषय म डॉ साद न क ह क शोधकताओ म अ य नाम उ पल ओर गोखल द तर ओर पाल गतानी रामक ण सोमानी वमा और गो वामी इ या द उ लखनीय ह ो जयच द लथरा एव उनक सहयो गय न अनावत कड को रोकन क लय गह क बीज क सौर ऊजा उपचार व ध को वक सत कया अ य कड को रोकन क लय गह क बीज क सौर ऊजा उपचार व ध स वक सत कया अ य कड शोध कताओ म बटलर ओर म दकर स तार एन ट डन न अनक कवक व ा नय को श त

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कया िज ह न पादप रोगजनक कवक क का यक वशष प स फल वगलन क ान को बढ़ाया कपास क रोग पर खोज करन वाल म वासदव लथरा ल खत और कलकणी स का एव साद इ या द क नाम उ लखनीय ह आल क रोग पर काय करन वाल म एमक पटल बीपी भड़ ओर जी रगा वामी इ या द क नाम उ त कय जा सकत ह थ मलाचार न क एव कड रोग पर गहन अ ययन कया और lsquo ह द तान ऐ ट बायो ट सrsquo म चल जान क प चात ऑ रयोफि जन और टोसाइ ल न तज वक पदाथ को वक सत कया तथा इनक योग को पादप रोग नय ण म सफलता पवक वश कराया एसपी रायचधर न वषाणओ एव कवक स उ प न रोग का व तत अ ययन कया उनका वषाणओ क ला णक गण सचरण तथा उनक नय ण पर कया गया काय तो बह त मह व का ह इ ह न कई नय वषाणआ को भी खोजा ह पादप रोग पर अनसधान करन वाल व ा नक न डॉ एचक स सना का व श ट थान ह इनक वारा सपा दत राजजो टो नया वश का काय अ य त मह वपण ह इ ह न पौध म रोग उ प न करन वाल कवक क परजी वता पर मतजीवी उ तरजी वता तथा राइजो टो नया वश क कवक का वग करण को शका अ ययन परजी वता एव उनक नय ण पर वशष काय कया ह डीएन ीवा तव न व भ न कवक एव जीवाणओ स उ प न रोग पर अनसधान कया िजसम धान क जीवाणज अगमार रोग का काय तो बह त मह व का ह इसक अ त र त इ ह न स मण क या रोगजनकजनन तथा रोग तरो धकता पर भी उ लखनीय काय कया ह

भारतीय व व व यालय म पादप रोग व ान क श ण का काय एक म य वषय क प म बह त दर स आर भ हआ था सव थम सन 1857 म तीन भारतीय व व व यालय

कलकता ब बई म ास क थापना क गई थी आर भ म इन व व व यालय म कवक य व गक क अ ययन को ह अ धक मह व दया गया था स भवतः सव थम म ास व व व यालय न पादप रोग व ान को एक व व व यालय क प म मा यता दान क थी इलाहाबाद (1887 म था पत) एव लखनऊ (1921 म था पत) व व व यालय न भी पहल कवक व ान एव पादप रोग व ान क यवि थत श ण काय का lsquolsquoभारतीय क ष अनसधान स थानlsquolsquo वारा माग श त कया गया जो बाद म वक सत हआ और इस स थान न इस वषय म उपा ध दना ार भ कर दया य य प आगरा व व व यालय न इसस पहल ह सन 1945 म राजक य क ष महा व यालय कानपर (अब च शखर आजाद क ष एव ाव धक व व व यालय कानपर) म पादप रोग व ान म नातको तर काय म का वश करा दया था सन 1960 म और उसक बाद अनक क ष व व व यालया क थापना क प चात पादप रोग व ान एव इसक सहायक पा य म जस कवक व ान जीवाण व ान वषाण व ान जीवरसायन व ान इ या द क श ण का काय क ष म नातक एव नातको तर काय म क एक मह वपण अग बन गय अब यह क ष व व व यालय ह पादप रोग व ान म अनसधान एव श ण काय का नत व कर रह ह

आज भारत म अनक पादप रोग व ा नक एव कवक व ा नक क एक ससग ठत खला ह जो दना दन अनक पादप रोग सम याओ और उनक नय ण उपाय पर शोध कय करन म सल न ह तथा भारतीय क ष को ग त क माग क ओर अ सर करन म सहयोग द रह ह

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109 पादप रोग बध क सामा य स ा त सव थम ीटजल (Whetzel 1929) न पादप रोग नय ण ( ब ध) क व धय या

स ा त को चार म य समह (1) अपवजन (2) उ मलन (3) र ण (4) तर ण या अस मीकरण क प म वग कत कया था पर त पादप रोग व ान म उ न त क फल व प तथा पादप रोग नय ण ( बध) क नय वक सत एवम उपचार या च क सा को भी सि म लत कर लया गया इस कार रोग ब ध न न छः सामा य स ा त पर आधा रत होता ह - 1 रोगजनक का पलायन अथवा प रहार या प रवजन 2 नवश य सा सरोप का अपवजन 3 रोगजनक का उ मलन 4 र ी या सर ी उपाय अथवा र ण 5 परपोषी म रोग तरोध का वकास 6 रोगी पौध क च क सा या उपचार

उपरो त स ा त म स थम पाच स ा त म य प स नरोधक अथवा रोगी नरोधी उपाय होत ह तथा पादप रोग बध क मख याओ का नमाण करत ह इनका यावहा रक योग पादप समि टय अथात साम हक पौध अथवा फसल पर कया जाता ह जब क अ तम स ा त lsquoरोगी पौध क च क सा या उपचारrsquo एक रोगहर व ध ह और lsquolsquoरोग बधrsquorsquo क धारणा क अ तगत इस कवल अकल पौध पर ह योग कया जाता ह इन सभी सामा य स ा त को न न पाच सवग म वग कत कया गया ह (Horsfall and Cowling 1977)

(i) कषण नय ण स हत भौ तक पयावरण (वातावरण) का बध (ii) सब स मजी वता का बध िजसम वरोध शा मल ह (iii) परपोषी जीन का बध (iv) रसायन स बध (v) च क सा या उपचार व करण एवम वभ योतक सवधन स ब ध

पादप रोग ब ध क छः स ा त जो पादप रोग बध क आध नक अवधारणा क ल ण का वणन करत ह को न न तीन आधार ब दओ क अ तगत रखा जा सकता ह अ या तो वह ारि भक नवश य (सरोपण) को कम करन अथवा रोग वकास को दर को घटान स स ब ध रहत ह

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ब या फर वह म य प स रोगजनक क स या को नय त करन रोग ाह पौध क रोगमि त एवम तर ा करन अथवा रोग वकास म सहायक पयावरण स पौध क र ा करन स स ब रहत ह और

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स या फर वह रोग क रोगजनक क उ तरजी वता क णन नवशन (सरोपण) वशन या स मण म बाधा पह चान म स ब रहत ह पादपरोग ब ध क स ा त क इन सभी पार प रक याओ को मल प स बकर (Baker 1968) तथा राबट एव बथरायड (Robert and Bothroyd 1972) वारा ता वत कया गया ह तथा चाट 182 म प रवतन प म दखाया गया ह

1 रोगजनक का पलायन या प रवजन रोगजनक क पलायन या प रवजन क अ तगत रोग ब ध क वह उपाय आत ह िजनका म य यय परपोषी पोध को रोगजनक क स पक म आन स बचाना ह िजसस क पौध क रोग ाह

अव था एवम रोगजनक क अनकल अव थाए एक साथ न मल पाय इस समह क अ तगत न न स ा त आत ह -

1 भौगो लक का चनाव - कसी फसल क लय भौगो लक का चनाव उस म फसल क लय उपि थत तापमान एव आ ता क अनकलता पर आधा रत होता ह इन कारक क वारा पौधा म उ प न होन वाल रोग भी भा वत होत ह अनक कवक एव जीवाणओ स उ प न रोग श क क अप ा आ म अ धक उ प स उ प न होत ह बाजर म कड एव अगट रोग उन आ म अ धक उ प न होत ह जहा फसल म प पन अव था क समय बह त दन तक वषा होती रहती ह अतः य द इन फसल को श क म सचाई क साधन बढ़ाकर उगाया जाय तो इनका रोगी स बचाव कया जा सकता ह

2 खत का चयन - अनक मदोढ़ रोग का बध उपय त खत का चयन करक भी कया जा सकता ह य द एक खत म कसी फसल क मदोढ़ रोग का रोगजनक उपि थत होता ह तब यह उपय त होगा क उस खत म कछ वष क लय उस फसल को न बोया जाय ग न क लाल सड़क रोग का रोगजनक कोलटो ाइकम फालकटम मदा म कछ मह न क लय जी वत रह सकता ह अतः य द रोगी फसल काटन क प चात बारा उसी खत म ग ना बोया जाता ह तब रोग क उ ता स उ प न होन क अवसर बढ़ जात ह अतः रोग ाह फसल क लय इस कार क खत का चनाव नह करना चा हय खत का चयन म जल नकास का ब ध भी एक म य थान रखता ह अनक रोग जस ग न का लाल सड़न बाजर का मदरो मल आ सता इ या द उन खत म अ धक उ प न होत ह जहा भ म जला ात होती ह फलो यान को लगात समय भी थान का चयन मह वपण थान रखता ह

3 बोन क समय का चनाव - कछ रोग उस समय अ धक उ प म उ प न होत ह जब पादप व क रोग ाह अव था एव रोगजनक क लय अनकल अव थाय एक ह समय म एक साथ मल जाती ह बोन क समय म प रवतन करक रोगजनक क लय अनकल अव था म फसल को बचाया जा सकता ह

4 रोग पलायन क म - व भ न फसल क कछ क म अपन व गण क कारण रोग उ प न होन वाल हा न स बचाव करती ह इन क म म रोग बचाव का गण उनक

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आनव शक रोग तरोध क कारण नह होता अ पत यह उनक व गणो एव पकन क समय क कारण होता ह उदाहरण क लए मटर क शी पकन वाल क म (जनवर ) च णल आ सता एव क रोग स बचाव करती ह य क इन रोग स हा न जनवर माह अथवा उसक बाद म बह त अ धक होती ह य द रोग क उ प म उ प न होन स पहल ह फ लया पण प स वक सत हो जाती ह तब हा न बह त घट जाती ह

5 बीज का चयन - फसल म अनक रोग कवल बीज अथवा दसर रोपण पदाथ जस कलम कद श ककद इ या द वारा उ प न होत ह इस कार क रोग का ब ध कवल रोग म त बीज एव रोपण पदाथ का उ चत चयन करक कया जा सकता ह

6 कषण याओ का प रवतन - व भ न कषण याय जस पौध क बीच क दर सचाई का समय एव स या रोपण का समय एव व ध म त फसल उवरक अथवा जव खाद क मा ा एव गण बोत समय बीज क गहराई इ या द भी अनक रोग क उ प न होन एव उनक उ ता पर भाव डालती ह इन याओ म आव यक प रवतन करक फसल म रोग वारा होन वाल हा न को कम कया जा सकता ह

2 नवष य सरोप का अपवजन नवशन य या सरोप का अपवजन न न व धय वारा कया जा सकता ह - बीज उपचार - फसल क बीज कद श ककद कलम एव अ य रोपण पदाथ क भीतर अथवा उसक सतह पर उपि थत रोगजनक का उ मा गस अथवा रसायन वारा उपचा रत करक अपवजन कया जा सकता ह इस व ध म रोगजनक क उ मलन वारा अपवजन क लय कया जाता ह तथा इन उपचार वारा रोगजनक को नय म वश करन स रोका जा सकता ह 3 पादप या पौध सगरोध - पादप सगरोध का उ य रो त ो स रोगर हत म

रोगजनको क वश को रोकना होता ह य द कसी वशष म फसल का कोई रोग उ ता स उ प न होता ह और उसक रोपण पदाथ वारा फलन क स भावना रहती ह तब कसी दश या रा य क सरकार वारा आव यक अ ध नयम को पा रत करक रोग त स इन पदाथ क वश पर रोक लगा द जाती ह सगरोध व नयम कवल उस समय ह भावी हो सकत ह जब क कसी भयकर रोग का आयात कय गय परपोषी पदाथ वारा होता ह पर त य द नवश य का क णन ाक तक साधन जस वाय जल इ या द वारा होता ह तब यह भावी नह होत ह इस कार क व नयम उस समय भी आव यक होत ह जब कसी रोगजनक क स त अग क नि य पदाथ जस बोर टोकर लकड़ी क प टया या प कग साम ी इ या द वारा नय म वश करन क स भावना रहती ह

4 रोगवाहक क ट का उ मलन - अनक रोग को क ट वारा फलाया जाता ह यह क ट नवश य या सरोप को एक स दसर म फला दत ह अतः कसी नय रोगजनक क वश को

रोकन क लय इन क ट का उ मलन होता ह 3 रोगजनक का उ मलन रोगजनक क उ मलन क अ तगत न न स ा त आत ह -

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1 पादप रोगजनको का जव या ज वक नय ण - जव नय ण का म य यय अ य दसर स मजीव क याओ वारा रोगजनक का उ मलन और नय ण करना ह इस व ध क अ तगत वह उपाय आत ह जो मदा म अथवा स मण क थान पर स मजीव क

या को बढ़ा दत ह स म जीव वारा वरोध का भाव जीवनाशी अथवा जव रोधक हो सकता ह जीवनाशी म एक स मजीव दसर रोगजनक स मजीव को मार दता ह जब क जव रोधक म कसी रोगजनक क व को दसर स मजीव वारा रोक दया जाता ह काब नक पदाथ स मदा सधार इस व ध क अ तगत ह आता ह मदा म जव या काब नक पदाथ क वघटन स स मजीव याओ को बढ़ावा मलता ह िजसस क इन स मजीव क कछ सद य रोगजनक जीव का दमन करत ह अथवा उनको मार दत ह भारत म मदा क काब नक सधारक पदाथ वारा मल-गाठ स क म और आल क काल पपड़ी रोग का ब ध करन म सफलता मल ह इसी कार काब नक मदा सधारक वारा अनक मदोढ़ रोग का नय ण कया गया ह

2 स यावतन या फसल च - फसल क खती करन म भ म वकार एक म य सम या रह ह जब एक खत म नर तर एक ह फसल ल जाती ह तब उस फसल क मदोढ़ रोगजनक भ म म सगमता स चरका लक बन रहत ह और उनक स या म अ धक व होती रहती ह कछ समय प चात भ म इतनी अ धक त या बा धत हो जाती ह क उसम उस वशष फसल क खती करना क ठन हो जाता ह अतः रोग त खत म फसल को हर-फर कर बोन स अनक मदोढ़ रोग का ब ध कया जा सकता ह

3 रोगी पौध या पादप अग को हटाना एव न ट करना - रोगी पौध या उनक अग को न न व धय वारा हटाकर एव न ट करक रोगजनक का उ मलन कया जा सकता ह - अ अवा छत का न कासन या अपावाछन - इस व ध म खत स रोगी पौध को

उखाड़ कर अथवा उनक रोग त भाग को काट कर न ट कर दया जाता ह ऐसा करन स रोगी पौधो स व थ पौध म रोग का सार क जाता ह तथा रोग म त बीज का उ प न करन म सहायता मलती ह अपावाछन व ध का योग कछ रोग जस गह का अनावत कड जौ म का इ या द क अनावत एव

आवत कड ग न का लाल वगलन अरहर क ला न इ या द म कया जा सकता ह

ब एका तर एव सपाि वक परपो षय का उ मलन - अनक पादप रोग जो वशष प स नर तर स मण खला वाल होत ह अपन रोगजनक क एकातर या

सपाि वक परपो षय वारा च थायी रहत ह इन परपोषी पर ाथ मक नवश य का उ पादन होता ह तथा इ ह स उसका क णन फसल पर होता ह य द रोगजनक क इन जगल अथवा अलाभकर परपो षय को न ट कर दया जाय तो ाथ मक नवश य का साधन दर हो जाता ह तथा फसल पर रोग लगन क अवसर कम हो जात ह ससार क कछ भाग म धा य क अपन एका तर परपोषी पर जी वत रहत ह इन परपो षय को न ट करक

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रोगजनक क जीवन च अथवा स मण खला को तोड़ा जा सकता ह खत क आस पास उगन वाल खरपतवार पर भी अ धक रोगजनक चरका लक बन रहत ह इन खरपतवार म स रोगजनक क स भव परपोषी को खोजना और न ट करना भी पादप रोग ब ध म एक मह वपण कदम होता ह

स सफाई - पौध क सफाई क समान ह खत क सफाई भी अनक मदोढ़ एव वक पी या मतजीवी रोगजनक का ब ध करन म बह त आव यक होती ह अनक अ वक पी परजीवी भी मदा म पड़ पौध क भाग म स त सरचनाआ वारा चरका लक बन रहत ह खत म पड़ रोगी फसल क मलब को जलाकर

न ट करन स इस कार जी वत रहन वाल रोगजनक को समा त कया जा सकता ह म ी पलटन वाल हल स मलब को अ धक गहराई म दबाना भी इसम सहायक हो सकता ह इस व ध क वारा गह ज मटर को च णल आ सता मटर एव म का क मदरो मल आ सता ग न का लाल सड़न इ या द रोग क रोकथाम म सहायता मल सकती ह

4 रोगी पौध का उ मा एव रासा नक उपचार - पौध अथवा इसक व श ट अग म उपि थत रोगजनक को उ मा अथवा रासाय नक उपचारा क वारा नि य कया जा सकता ह अथवा मारा जा सकता ह यह व ध म य प म फल व क रोग म अ धक उपयोगी पाई गई ह इसका योग परपोषी पर उपि थत रोगजनक क स त सरचनाओ अथवा उसक व को न ट करन क लय भी कया जा सकता ह जब यह व धय पोध क आ त रक ऊतक म उप सथत रोगजनक को भा वत करन यो य होती ह तब इनको उ मा च क सा अथवा रसायन च क सा क अ तगत रखा जाता ह

5 मदा उपचार - मदा उपचार का म य उ य मद म उपि थत रोगजनक को नि य करना अथवा उ मलन करना ह इसक लय व भ न रसायन उ मा अ ध स चत या आ लावन परती छोड़ना इ या द व धय का योग कया जाता ह आजकल भ म क रासाय नक उपचार क लय अनक कार क रसायन का योग कया जाता ह ध ल या दानदार प म मलत ह मदा म इन रसायन का योग खत म बीज बोत समय अथवा खाद फसल म कया जाता ह ओर वह जल म घल कर मदा धमक क प म भाव डालत ह मदा म उपि थत मदोढ़ रोगजनक का उ मलन उ मा उपचार वारा भी कया जाता ह इस व ध का योग गमल नसर एव पादप गह क मदा उपचा रत करन क लय कया जाता ह

वशष अव थाओ म मदोढ़ पादप रोगजनक का उ मलन खत क आ लान या अ ध सचन वारा भी कया जाता ह य द खत म 12 इच गहराई तक जल को कई स ताह तक खड़ा रहन दया जाता ह तब अवायजीवी जीवाणओ वारा अथवा न न आ सीजन अव थाओ और वायजीवी जीवाणओ स उ प न आ वष वारा अनक कवक एवम पादप परजीवी स क मय को न ट कर दया जाता ह अनक रोगजनक क स त सरचनाय भी जल क सतह पर तरन लगती ह और य द खत म इस जल का नकास तरत कर दया जाय तो यह सरचनाय भी बह जाती ह कछ दश म कल क यज रयम ला न एवम सि जय क मल गर थ गग का नय ण अ ध सचन

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वारा कया जाता ह क ष क ारि भक काल स ह स म पोषक त व को मदा म बनाय रखन क लए भ म को परती छोड़न क था चल आ रह ह इस व ध म अनक मदोढ़ रोगजनक क नवश य को कम करन म सहायता मलती ह पर त िजन दश म जनस या क अनपात म क ष भ म बह त कम ह वहा पर भ म को परती छोड़ना क टन होता ह

4 र क या सर ी उपाय अथवा र ण 1 रासाय नक उपचार - रसाय नक छड़काव बरकना बीज उपचार का म य उ य परपोषी

सतह पर एक र ी वषल परत बनाना होता ह िजस क रोगजनक सर ी आवरण बनान क लय िजन रसायन का योग म लाया जाता ह वह र ी रसायन कहलात ह पर त जब यह रसायन परपोषी सतह पर पहल स था पत करक अथवा दसर परजीवी को न ट करत ह उस समय वह उ मलक रसायन कहलात ह एक ह रसायन र ी क साथ साथ उ मलक न हो सकता ह

2 रोगवाहक क ट का रासाय नक नय ण - खड़ी फसल पर क ट क आ मण को र ी क टना शय क योग वारा रोका जा सकता ह क टो का अनक जा तया वषाण ज नत एव अ य रोग का म य रोगवाहक होता ह कछ वषाण जनन रोग का सचरण कवल रोग वाहक क ट वारा हो जाता ह इस कार क रोग नय ण इन वाहक क ट क समय पर न ट करक कया जा सकता ह

3 पयावरण का प रवतन - पौध क पि तय या दसर वायव भागा वा वातन क सधार स आ ता घट जाती ह िजस कारण स आ वायमडल म पनपन वाल कवक क व क जाती ह इस व ध वारा अगर क मदरो मल आ सता रोग का ब ध करन क सफा रश क जाती ह इसी कार सचाई क स या एव मा ा म कमी वारा भी पयावरण का प रवतन करना कछ रोगजनक क व सहायक होता ह म त स यन (Mixed cropping) क वारा भी रोगजनक क लय तकल पयावरण बनान म सहायता मल सकती ह फल एव सि जय म कटाई क प चात होन वाल वगलन इनको ठठ एवम श क कमर म स ह करक कम क जा सकती ह य क वगलन उ प न करन वाल कवक क लय गरम एव नम अव थाय अनकल होती ह आलओ क शीत गह म रखना भी रोगजनक क व पयावरण प रवतन का एक मख उदाहरण ह खत म मदा म नमी एवम वातन जस पयावरण कारक का नय ण अथवा प रवतन तापमान क अप ा अ धक सगम होता ह कछ मदोढ़ रोग उ च तापमान वाल भ म म अ धक उ प न होत ह इस अव था म खत क सचाई वारा मदा का तापमान कम करक रोग स फसल क र ा क जाती ह

4 परपोषी पोषक का पा तरण - पौध क कछ रोग म पोषण क भाव स भी रोग ती ता म कमी पाई जाती ह अनक प ती या पण रोग क लय उ च नाइ ोजन पोषण अनकल होत ह जब क नाइ ोजन का कम योग करन स यह रोग भी घट जात ह और पौध क अग रोग तरोधी हो जात ह य क को शका भि तय म पि टक त व क कारण ढ़ता आ जाती ह और इनस रोगजनक क पि टक ए जाइम क या म बाधा उ प न होती ह इसी कार स म - पोषक त व जस बोरॉन िजक मगनीज इ या द

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वारा अनक रोग क ती ता को कम कया जा सकता ह फसल पर इन पोषक त व क छड़काव वारा ऊतक म इनक तर को बढ़ाकर पोध क अनक रोग स र ा क जाती ह

5 परपोषी म रोग तरोध का वकास परपोषी म रोग तरो धता का वकास न न व धय वारा कया जाता ह -

1 रोग तरोध क लय चयन का सकरण - पौध म अनव शक रोग तरोध परपोषी परपोषी क या मक सरचना मक अथवा याशीलता पर आधा रत हो सकता ह शर र- या मक रोग तरोध परपोषी को शका म त-स मण पदाथ क वक सत होन या इनक उपि थ त होन अथवा रोगजनक क लय अनकल पोषक क अनपि थ त होन पर आधा रत होता ह सरचना मक रोग तरोध म रोगजनक क व एव स मण को रोकन क लय पौध म व भ न कार क सरचना मक अवरोध उपि थत होत ह अथवा इनका नमाण हो जाता ह जब क याशील रोग तरोध म रोगजनक क स मण स उ प न करन क समय र नह खलत ह

2 रसो च क सा वारा रोग तरोध - पौध क अ थाई शर र या मक रोग तरोध रसो च क सा वारा वक सत कया जा सकता ह सवागी कवकनाशी एव तज वक का पौध पर पण समह छड़काव करन अथवा जड़ वारा दन पर यह जीव- वय म कछ समय क लय बन रहत ह और जब तक इनका वषला भाव रहता ह तब तक रोगजनक ऊताक पर आ मण नह कर सकता ह

3 परपोषी पोषण वारा रोग तरोध - पौध म म य एव स म पोषक त व का छड़काव करक अथवा भ म वारा दकर रोग तरोध वक सत कया जा सकता ह य य प ऐस उपाय का भाव अभी तक स द ध ह जब क पोध क बल व वा छनीय होती ह बल पौध म त त जड़ एव रोह क थान पर नयी जड़ एव रोह को बनान क मता होती ह अतः वह अनक रोग क आ मण को सहन करन यो य होत ह

6 रोगी पौध क च क सा या उपचार रोगी पौध क च क सा न न व धय वारा क जाती ह -

1 रसो च क सा - रसो च क सा म रोगी पौध क ऊतक म रासाय नक उपचार वारा रोगजनक का उ मलन करक पौध को ठ क करना सि म लत ह इस काय क लय म य प स सवागी कवकनाशी एव तज वक का योग कया जाता ह इन रसायन को पौध क पि तय एव जड़ वारा अवशो षत कर लया जाता ह और यह को शका क जीव- वय म पह चकर रोगजनक को न ट करक एक रासाय नक तर ा या व ध यव था क प म काय करत ह तथा पौध म अ थाई रोग तरोध उ प न कर दत ह यह रोगजनक वारा उ प न कय गय आ वष का नरा व पकरण करन का काय भी करत ह और इस कार पौध क ऊतक पर रोगजनक वारा आ मण नह हो पाता ह

2 उ मा च क सा - यह पौध जो रोगजनक क तापीय नि यण म य ब द को सहन कर सकत ह उनक रोगजनक को न ट करन क लए उ ह उ मा वारा उपचा रत कया जाता ह इन उपचार का योग म य प स बीज कद श ककद इ या द क लय

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कया जाता ह फल व म अनक वषाणओ का नि यण करन क उ मलन करन क लए उ मा च क सा का सझाव दया गया ह इस कार ग न क पड़ी कठन रोग घासी रोह लाल वगलन मोजक इ या द ग न क पड़ व रोग एव दसर वषाण ज नत रोग

का उ मलन भी पो रय का उ मा जल उपचार अथवा उ मावात उपचार करक कया जाता ह

3 व श क च क सा - बड़ फल व को रोगी शाखाओ को काट कर अथवा रोगी भाग को खरच कर उनक घाव पर कवकनाशी प ट का लप करक स मण को समा त कया जाता ह सब क म य रोग जस काला तना भग तना एव गलाबी गग इ या द को व क श य च क सा करक ब ध कया जाता ह

1010 साराश पादप रोग व ान फसल सर ण क ि ट स एक मह वपण वषय ह इसम हम पौध

स जड़ी व भ न बीमा रय तथा उनक नय ण क बार म जान पात ह पादप रोग स जड़ा इ तहास भी लाभकार ह पादप रोग बधन म यतः छः स ा त पर आधा रत होता ह इन स ा त को यान म रखत ह ए कसी भी पौध क रोग को नय त कया जा सकता ह

1011 अ यास न 1 पादप रोग व ान क स ा त का वणन क िजए 2 पादप रोग व ान या ह पादप रोग व ान का काय एव मानव क याण म इसका

मह व एव इसक उ य समझाइए 3 पौध म अ वषण क लखक कौन ह

अ थयो टस ब जीसी क ट स एचएच हटजल द जसी होसफाल

4 भारत म आध नक पादप रोग व ान का जनक कस माना जाता ह 5 पादप रोग बध क म यतः कतन स ा त हात ह

अ 2 ब 4 स 6 द 8

1012 सदभ साम ी 22 Reddy TY and Reddi GHS 200 Principles of Agronomy kalyani

Publishers New Delhi 23 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 24 Singh Chhidda 1999 modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited new Delhi

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25 Singh SS 1993 Crop management under Iirrigated and Rainfed Conditions Kalyani Publishers New Delhi

26 हलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ

27 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

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इकाई 11 फसल क म य फफद रोग एव नय ण

इकाई क परखा 110 उ य 111 तावना 112 गह क म य फफद रोग 113 धान क म य फफद रोग 114 म का क म य फफद रोग 115 वार क म य फफद रोग 116 बाजरा क क म य फफद रोग 117 सोयाबीन क म य फफद रोग 118 सरसो व तो रया क क म य फफद रोग 119 म गफल क म य फफद रोग 1110 अरहर क म य फफद रोग 1111 मसर क म य फफद रोग 1112 चन क म य फफद रोग 1113 म ग व उड़द क म य फफद रोग 1114 मटर क म य फफद रोग 1115 साराश 1116 बोध न 1117 सदभ

110 उ य इस ईकाई क अ ययन स हम जानग क -

फफद एव फफद रोग या होत ह फफद रोग का अ ययन यो आव यक ह व भ न फफद ज नत धा य तलहन एव दलहनी रोग क ल ण रोग कारक एव

नय ण

111 तावना फसल म होन वाल पौध रोग का ाथ मक ान अव य ह होना चा हए िजसस कसान

रोग नय ण क लए जाग क हो सक अप त हा न का बचाव ह रोग नय ण उपाय का मापदड होना चा हए यह भी ान लना आव यक ह क रोग स त उपज म कमी क साथ साथ उपज क गण म भी कमी स होती ह इस लए रोग नय ण करना आव यक ह य क

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रोगो का भाव फसल क पर शार रक याओ पर होता ह जो दखाई नह दती ह परत उपाय आन पर समझ म आ जाता ह फसल फफद ज य को पौध रोग स अप त हा न को बचा लन स ह 10-12 तषत उपज म व क जा सकती ह

114 गह क म य फफद रोग 1 ग आ या क रोग (Black Rus) -तन का क या काला ग आ (Stemor Black

Rust) रोगजनक या रोगकारक (Pathagon)-प सी नया गर म नस टसाइ ल ण- ग आ रोग क ल ण म भा वत भाग पर वषष तरह का उभार बनता ह िजस

फि सय क अन प भी कहा जा सकता ह इस पौध रोग व ा नक फोट कहत ह आर भ म य फोट भर ल ब ओर प ती क झ ल क अदर बह त छोट होत ह परत धीर-धीर बड होन क

साथ-साथ गहर भर रग क और आपस म मल जात ह प रणाम व प बढ़न लगत ह और झ ल फट जाती ह इन फोट क प र ध पर बाहय वचा क अवषष वत धा रय क प म प ट दखाई दत ह इस तरह क पौध काल ग आ रोग स भा वत होन पर ब कल जग लग

स दखाई दत ह िजस पर कमजोर बा लया लगती ह रोग सत फसल स दान सकड ह ए एव वजन म ह क ा त होत ह िजनका बाजार म य बह त कम हो जाता ह 2 पीला या धार दार ग आ रोग (Yellow or Stripe Rust)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- प सी नया ाइफा मस ल ण(Symptoms)-पीला ग आ रोग का आ मण म यतः पि तय पर होता ह उ अव था म रोग क ल ण पण छद तन और तष पर भी द षत होत ह रोग क वषष पहचान नीब पील रग क छोट-छोट फोट (Pustules) क पि तय पर बनन स क जा सकती ह य फोट पि तय क ना डय क बीच म धा रय या ल बी कतार म इस तरह स बनत ह क पि तय का हरा रग लगभग गायब हआ सा तीत होता ह गह क पकन का समय कर ब आन क साथ साथ रोगजनक भी पि तय क नचल सतह पर ह क काल रग क फोट बनाता ह जो अडाकार आकार क कतार म होत ह

3 नारगी या भरा ग आ या प ती ग आ रोगः- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen) -प सी नया रकाि डटा ल ण (Symptoms)-भरा ग आ रोग को प ती ग आ रोग भी कहत ह यो क इसक ल ण कवल पि तय पर ह बनत ह पर त कभी कभी पण छद और वतो पर दखाई पड़त ह आर भ म पि तय क उपर सतह पर रोग चमकदार नारगी रग क उभार बनाता ह िजस फोट भी कहत ह पीला ग आ रोग क अन प न होकर य फोट धा रय क बदल छोट-छोट समह म एक हो अ नय मत प स बखर ह ए दखाई पड़त ह इनका आकार पीला ग आ रोग क फोट स बड़ा होता ह क त काला ग आ रोग क फोट स छोटा होता ह गह क ग आ रोग क नय ण क उपाय (Contol measures)-

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ग आ रोग व व भर म महामार क प म गट हो चका ह इन तीन ग आ रोग का नदान फसल बआई पव एव खड़ी फसल म कस कए जाव नीच सझाया जा रहा हः-

(क) बवाई पव नय ण क उपायः- 1 र तरोधी जा त का चनाव करना- तीनो ग आ क लय उपल ध तरोधी जा तय क

नाम नीच दय जा रह हः- काला ग आ- सोना लका एचयड य-12 एचड य-657 एचडी2135 एचडी2204 माल वका यपी-215 यपी 262 पीला ग आ- छोट लरमा एनपी846 सोना लका शबती सनोरा यपी 215 यपी301 भरा ग आ- यपी215एचडी-2122सोना लका ताप जनक माल वका तीन ग आ क लय तरोधी जा तया-यपी319यपी215एचडी228अजन(HD-2009)

2 म त फसल- पाच गह क कतार क बाद पाच सरस क कतार म बवाई करत ह िजसस रोग नदान एव उनक उ प म कोप न करन क ि थ त उ प न हो जाती ह

3 समय स पव बवाई - ज द पकन वाल क म को उगान तथा उनक बवाई क समय म प रवतन स रोग क रोकथाम सभव ह बवाई 15 दन पव करना उपय त ह

(ख) खडी फसल म रोग नय ण क उपाय- (i) क ष काय म प रवतन- 1 उवरक क सतलन म प रवतन-खड़ी फसल म आधार मा ा म उवरक दन क बाद दसर

बार या तीसर बार उवरक क मा ा म प रवतन करना चा हए पोटाष खाद क मा ा अ धक एव न जन खाद क मा ा म कछ कमी करना रोग तरोधकता फसल म उ प न करती ह

2 सचाई म प रवतन-जनवर क बाद ग आ रोग का आ मण दखाई दन पर सचाई कम कर दना चा हए

(ii) फफदना क दवाओ का उपयोगः- 1 िजनब या डाइथन जड-78(02 तषत) या जाइरम या कमान एल (02 तषत)

डाइथन एम-45(02 तषत) या गधक चण 300 मष 18 स 20 कलो त ह टर (भरकाव क लय) या घलनषील गधक (015 स 02 तषत) या लाटव स 01 तषत (द हक फफदना क दवा ह)

उपरो त कसी भी फफदना क दवा का छड़काव या भरकाव 10-12 दन क अतराल स रोग क उ ता को यान म रख कम स कम दो बार करना चा हए

4 छदरा कडवा या अनावत कड रोग (Loose smut)- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- अ ट लगो यडा टसाई रोग आत रक बीज ज नत (Internally) ह ल ण (Symptoms)- छदरा कडवा रोग कवल दान को भा वत करता ह इस लय रोग क ल ण पौध म बा लया नकलन पर ह दखाई दत ह रोगजनक का वकास पौध क आत रक भाग म इस व ध स होता ह क बाहय भाग स स मत या व थ पौध म

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कोई अतर दखाई नह दता ह कवल बा लया नकलन पर स मत पौघ म दान क थान पर काल चण स य त बा लया बनती ह सामा य पौध क अप ा रोग त

बा लया कछ ह समय पव नकल आती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-रोग आत रक बीज ज नत ह इस लए रोग का खड़ी फसल म कोई नदान नह ह तथा रोग नदान क उपाय बीज बवाई पव कय जान चा हय

गम पानी वारा उपचारः-बीज को 105 अष फा110 अष फा तापमान क पानी म मषः 86 और 4 घट रखन स रोग नदान पर तरह कया जा सकता ह

धप वारा उपचार-इस व ध म सबह 8 बज स 12 बज तक गह बीज को साद पानी म भगोना चा हए इसस बीज अकरण क आत रक श आत हो जावगी साथ ह साथ रोगजनक कवकजाल का अकरण हो जावगा ऐस बीज को धप म 4 घटा सखान स अक रत कवकजाल पर तरह स न ट हो जाता ह इस तरह धप वारा उपचार स छदरा कडवा रोग का शत तषत नदान कया जा सकता ह

फफदना क दवा वारा उपचारः-द हक फफदना क दवा वारा बीज उपचार करन स रोग नदान 99 तषत हो जाता ह वटाव स या लाटव स या बा वि टन या एव बनलट दवा (25 ाम दवा त कलो बीज क दर स) श क उपचार करन स छदरा कडवा रोग का नदान कया जा सकता ह

रोग तरोधी जा तय वारा-इन रोगरोधी जा तय क नाम ह एनपी710718798799809 उ नत बोनी जा तया जस क याण 227पीवी18 ड यजी 307सी302 एव नवीनतम उ नत रोगरोधी जा तय क नाम ह ड यएल1002ड यएल1010ड यएल 1562 डीड य एल 5023 एव मालवीय गह-55

5 करनाल बट रोग (Karnal Bunt Disease)- रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- नवो षया इ डका ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण बा लय म दान बनन पर ह दख जा सकत ह रोग सत बा लय म कछ दान आ षक या पण प स काल चण म पर णत हो जात ह यह चण फल भि त स ढका रहता ह बा लय पर बट स स मत दान क ि थ त अ नय मत होती ह इसस यह नि चत कया जा सकता ह क रोगजनक का स मण आत रक या द हक न होकर थानीय व वातोढ़ ह एक दान का कछ ह भाग स मत होता ह और शष भाग व थ रहता ह इस रोग क बीजाण म भी ाईम थलमीन रसायन बनता ह िजसक दग ध दर स ह जानी जा सकती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(i) य क बीज क साथ सद षत पदाथ क प म बीजाण मटट तक पह चत ह अतः बीजोपचार भावषील नह होता ह

(ii) खड़ी फसल म कसी फफदनायक दवा का उपयोग स नदान नह कया जा सकता ह

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(iii) उपल ध रोग रोधी जा तय को चना जा सकता ह उनक नाम हयपी 310एव एचडी 1981

(iv) डयरम जा त क गह को रोग तरोधी पाया गया ह इस जा त को अ धक भा वत क लए उपयोग कया जाना चा हए

6 वज कडवा रोग (Flag Smut) रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)-यरो स टस टसाइ रोग मदा ज नत एव बीज ज नत भी ह ल ण (Symptoms)-इस रोग स त भ क म एव पि तया सत होती ह रोग क ल ण म यतः पि तय व पण छद पर ह दखाई दत ह भा वत पि तया ऐठ जाती ह और कलातनत ि थ त ( वज प) होत ह ए लटकन सी लगती ह और बाद म मरझाकर सख जाती ह परा पौधा धीर-धीर मर जाता ह रोह बध रोग कोप क कारण खाल रह जात ह य द दान भरत भी ह तब भी व सकड ह ए व बकार होत ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-खड़ी फसल म रोग का काई नदान सभव नह ह अतः बीज बवाई पव बीजोपचार कॉपरकारब नट चण स कया जाना चा हए 2 ाम दवा एक कलो बीज उपचा रत करन क लय पया त होती ह द हक फफदना य दवा जस-बव ट न या वटाव स 2 ाम त कलो बीज क दर स उपयोग क जा सकती ह

115 धान क म य फफद रोगः- 1 पणदाग या भरा ध बा रोग (Brown spot disease)-

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- हि म थो पो रयम ओराजी ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण अक रत बीज स ा त थम प ती या ाकरचोल (coleoptile) क अ त र त पि तय पण छद एव तष पर द षत होत ह ाकरचोल पर रोग क ल ण भर रग क छोट-छोट ध ब क प म दखाई दत ह िजनका आकार गोलाकार स अडाकरा होता ह ध बो का रग गहरा भरा व बजनीभरा हो जाता ह ध ब प र ध म गहर रग क होत ह उ अव था म य ध ब आपस म मल जात ह तथा पि तय भर रग क होकर सख जाती ह य द रोग आ मण बा लया नकलन क पव अ धक मा ा म हआ हो तो बा लया नकल ह नह पाती ह और बना पण वक सत ह ए न ट हो जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) भरा ध बा रोग क नय ण क लए सव च ाथ मकता हनोसान दवा को द जानी चा हए य क इस दवा क वारा इस रोग क साथ-साथ झलसन (Blast) रोग का नय ण भी हो जाता ह दवा 01 तषत क दर स 12 स 15 दन क अ तराल म कम स कम दो बार अव य ह डाल जाव

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय-

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(i) रोग बीज ज नत ह अतः व थ फसल स ा त कय गए ह बीज उपयोग म लाना चा हए

(ii) पाराय त फफदना क दवा जस मोनासान या सरसान या ए ोसान जीएनआ द को 25 ाम दवा त कलो बीज क दर स श क उपचार व ध वारा उपचा रत करन स बीज

ज नत ोत को न ट कया जा सकता ह (iii) अप ाकत अ धक तापमान क समय ह बवाई क जानी चा हए य क कम तापमान म

बीज अकरण व बढ़ना मद ग त स होती ह जो रोग आ मण क लए अनकल होती ह बवाई पव ह रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जा सकता ह रोग तरोधी जा तया-ट -498-2 सीओ20बीएएम10ट -141सीएच13 और सीएच45

रोग सहनषील जा तया-बाला क णाकसमा साबरमती ची एव ा त 2 झलसन या सहसामार रोग (Blast disease)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- पाइर कल रया ओराइजी ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण पि तय पर 1 स 4 मीमी यास क ल बी-ल बी नील सी धा रय क प म श होत ह जो शी ह भर रग क ध ब का आकार बना लती ह य ध ब अडाकार आकार क हो जात ह िजनक रग कनार स भरा तथा बीच का भाग सखी घास क समान होता ह परानी पि तय पर ध ब अप ाकत बड बनत ह जब क नई पि तय म ध ब छोट बनत ह पि तय क अ त र त य अडाकार ध ब पण छद पर भी दखाई दत ह रोग क उ अव था म ध ब आपस म मल जात ह और पि तया झलसी ह ई दखाई दती ह रोग का कोप बा लय क गदन पर भी होता ह अथात बा लय क ड ठल क सभी ओर भर रग का स मण दखाई दता ह इस कारण वह भाग कमजोर पड़ जाता ह और बा लया वहा स पकन स पव ह टट जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण-lsquolsquo हनोसानlsquolsquo का पहला छडकाव 01 तषत क दर स कया जाना चा हए दसरा या तीसरा छड़काव 12 स 15 दनक अ तराल म आव यकताकनसार कया जाव यह दवा उपल घ न होन पर lsquolsquo कटािजनlsquolsquo 01 तषत या lsquolsquoबव ट नlsquolsquo 01 तषत या lsquolsquoडायथनlsquolsquo एम 45 02 तषत या ता य त दवा जस- यपरामार ि लटा स-50फाइटोलानफजीकापर को 03 तषत क दर स उपयोग कया जा सकता ह

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपायः- (1) रोग तरोधी क म-जया आरपी5-2सीओ25 सीओ-26 (2) दवा वारा बीज उपचारः-सरसन मोनासान दवा स (25 ाम दवा त कलो बीज क

दर स) 3 आभासी कड या झठा कडवा रोग (False smut)-

रोगजनक या रोगकारक (Pathogrn)- अि टलिजनॉइ डया वाईर स ल ण(symptoms)-बा लय म दान पर रोग क ल ण बनत ह भा वत दान क अदर

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रोगजनक फफद अडाषय को एक बड कट प (pseidomorph) म बदल दता ह िजसस दान व थ दान स दगन स भी अ धक प रधी क मखमल चमकदार नारगी रग क प डदान क बीच बीच बनत ह य आर भ म नारगी रग क होत ह जो बाद म जतनी हर रग म बदल जात ह एक बाल म भा वत दान क स या 2 स 150 तक हो सकती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपायः-खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई भी उपाय नह सझाए जात ह

(ख) बवाई पव नय ण क उपाय-बवाई पव नय ण क उपाय क लए फ ल पाइन दष म 01 तषत मरक रक लोराड घोल म धान को डबोना तथा फर स 6 घट साद पानी म

रखना सझाया ह 4 पण छद अगमार या शीथ लाइट रोग (Sheath blight disease)

रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- कॉ ट षयम ससाक ल ण (symptoms)-रोग क ल ण धान क खत म भर पानी क सतह स उपर दखाई पडत ह पण छद एव पि तय पर ल ण बनत ह जोपण छद पर 2-3 समी ल ब 05 समी चड भर स बदरग भाग क प म श होत ह हर पण छद पर प ट दखाई दत ह एव कछ समय प चात पआल क रग क हो जात ह इन बदरग थल क वषष पहचान यह ह क इनक चार और बगनी भर रग क ध ब का घरा होता ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) एक छड़काव पॉल ऑि सन 005 तषत (ख) बवाई रोग नय ण क उपायः- 1 िजन थान पर रोग कोप अ धक होता हो वहा धान क फसल काटन क बाद

अवषष को जला दना चा हए िजसस उनम उपि थत लरो षया न ट हो जावग 2 भा वत फसल स बीज एक न कए जाव 3 सम या त म रोग तरोधी जा त

पकज लगाई जानी चा हए

116 म का क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Maize)- I प ती अगमार या लाइट रोग (Leaf Blight disease) ल ण (Symptoms)-रोग जनक ह म था पो रयम ट सकम क ल ण बवाई क 4-5 स ताह बाद दखाई दत ह सबस नीच क पि तय पर सबस पहल स मण होता ह और रोग क ल ण उ प न होत ह पि तय पर ल ब द घतवताकार अथवा नाव क आकार क ध ब बनत ह जो धसर हर रग स लकर भर रग क होत ह य ध ब 15 समी तक ल ब ओर 3 स 4 समी तक चड हो सकत ह रोग नीच क पि तय स बढ़कर उपर क पि तय पर फलता ह नीच क पि तया रोग वारा पर तरह सखा द जाती ह

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रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)- ह म थो पो रयम ट सकम ह मथो पो रयम म डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म नय ण क उपायः- 1 जीनब या डाइथन जड 78 या डाइथन एम 45 (02 तषत क दर स) या ता य त

फफद नाषक दवा जस ि लटा स-50 फाइटोलान यपरामार या ल कापर आ द 03 तषत क दर स या क टान दवा 02 तषत क दर स

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय- 1 पौध अवषष को एक कर जला दन स रोग क उ ता कम क जा सकती ह 2 रोग नय ण का सबस उ तम उपाय रोग तरोधी जा तओ का चनाव करना ह इस

रोग त स ह ण कई जा तया उपल ध ह उ ह चना जा सकता ह सकर म का गगा-2 सकरम का-4 सकरम का-5

3 मा णत बीज कसी भी व वसनीय तो स ा त करना चा हए 2 भरा प ती दाग या फाइजोडमा ल फ पाट रोग (Physoderma leaf spot

disease)- ल ण (symptoms)-रोग क ल ण प ती प तीपण डठल एव भटट क बाहर आवरण पर बनत ह प ती एव अ य भाग पर ध ब बनत ह िज ह अ धक मा ा म पि तय क नीचल भाग पर दखा जा सकता ह सव थम रोग क भाव स पि तया पील सी हो जाती ह जो कछ ह समय म भर स रग म बदल जाती ह इन ध ब क चार ओर पीला सा घरा बनता ह रोग क भाव स पि तया बना पण वक सत ह ए ह सख जाती ह रोगजनक या रोगकारक (Pathogen)-फाइजोडमा जी म डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपायः-रोग क आरि भक अव था म म का क फसल को रोग कोप स बचान क लए ता य त फफदना क दवा जस-फाइटोलानि लटा स-50 लकापर आ द का 03 तषत क दर स छड़काव कया जाना चा हए अथवा बोड म ण दवा 4450 का भी छड़काव कया जा सकता ह आव यकतानसार दो छड़काव 15 दन क अ तराल स कर अ य दवाय जस जीनब डाइथन-45 एव क टान सभी 02 तषत क दर स छड़काव क जा सकती ह

(ख) बवाई पव रोग नय ण क उपाय-रोग नय ण का सव तम उपाय रोगरोधी या स ह ण जा तया लगाना ह

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117 वार क म य फफद रोग (Important Fungal Disease of juar)- 1 आवत कडवा या न मट रोग (Grain or Covered smut disease)

ल ण (Symptoms)- पौध म भ आन पर कई दान अ य दान क अप ा दगन स भी अ धक बड़ दखाई पड़त ह इन बड़ दान को जब तोड़कर दख तो इनम दोन क थान पर बीजाणओ का समह काल पाऊडर क समान दखाई दता ह एक भ म 50 स 80 तशत तक दान इस रोग स भा वत होत ह

रोगजनक (Casual organism) - फ सलोथीका सोघाई 2 अनावत या छ रा कडवा रोग Loose smut disease

ल ण (Symptoms)- पौध का वकास अव हो जाता ह तथा व अप ाकत छोट रह जात ह इन पौध म भ अप ाकत 5-7 दन पहल नकल आत ह भ पर कई दान काल-काल पाऊडर वारा भर दखाई दत ह रोगजनक एव रोगच (Control measures) - फ सलोथीका ए टा स

3 चोट कडवा या हड मट रोग (Head smut disease) ल ण (Symptoms)- फसल म भ नकलन क पव इस रोग क ल ण दखाई नह दत ह भ आन पर उनक प पमजर क प होकर बीजाण पज म प रव तत हो जाती ह रोग सत भ म दान क थान पर 10-12 समी और 4-5 समी चड प ती सर खी रचनाय बन जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures) - पारा य त फफद नाशक दवा जस सरासोन मोनोसान ए ोसान जीएनआ द स 25 ाम त कलो बीज क दर स बीज उपचार करना चा हए रोगजनक (Casual organism) - फ सलोथीका राइ लयाना

4 मदरो मल या डाऊनी म डऊ रोग (Downy mildew disease) ल ण (Symptoms)- भा वत पि तय क ऊपर भाग पर ह क हर या पील रग क च त बन जात ह य च त पि तय क साथ बढत ह य सभी पि तय पर फल जात ह इन च त क ठ क नीच का भाग सफद जाल सर खी सरचना स घरा रहता ह यह रोगकारक फफद क कवकजाल बीजाण दड या बीजाणओ का समह ह रोगजनक एव रोगच (Casual organism) - कलर पोरा सोघाई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- ता य त फफदनाशक दवा का छड़काव 15 दन क अ तराल स कम स कम दो बार करना चा हए यपरामार फाइटोलान फजीमार लकापर एव ि लटा स-50 आ द नाम स उपल ध ह 30 ाम दवा 10 ल टर पानी म मलाकर त ह टर कम स कम 450 ल टर दवा क घोल का छडकाव करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय-

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(i) फसल कटाई क बाद पौध अवशष एव गर ह ई पि तय को एक कर जला दना चा हए िजसस रोगजनग क ाथ मक स मण का मख ोत न ट हो जावगा (ii) इस रोग स सम या त खत म म का बाजरा एव वार 2-3 वष तक न लगाय एव फसल च अपनाय (iii) नीची जमीन म पानी इ कठा होन क कारण रोग कोप अ धक होता ह इस लए ऐसी जमीन पर वार न लगाव (iv) थानीय रोग तरोधी अथवा सहनशील जा त का चनाव कर 5 यामवण या ए थरकनोज रोग (Anthracnose disease)

ल ण (Symptoms)- पि तय पर लाल रग क बदरग च तत बनत ह जो शी ह बढ़कर पर प ती पर फल जात ह िजसस छोट पौध पण बढ़वार क पहल ह न ट हो जात ह पि तया ध ब क थान स बह धा फट जाती ह तन पर भी रोग क ल ण लाल दाग क प म बनत ह पर इनक स या कम होती ह लाल दाग पर काल ब द समान रचनाय

दखी जा सकती ह इन रचनाओ स ह रोगजनक क पहचान क जा सकती ह िजस एसरवलस कहत ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)-

(क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोगजनक बीज ज नत ह एव पौध अव था म फसल को अ या धक त पह चात ह इस लए खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई उपाय नह सझाय गए ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय-यह रोग बीज ज नत ह इस लए बवाई पव पारा य त दवा स बीज उपचार करना चा हए

6 ग आ रोग (Rust disease) ल ण (Symptoms)-रोग क ल ण अ सर फसल क 2 माह का हो जान क प चात ह दखाई दत ह रोग क वशष पहचान फ सय या फोट क बनन स क जा सकती ह ग आ रोग क फ सया या फोट पि तयो क दोन तरफ बनत ह इनका रग लाल स भर रग का होता ह फसल क प रप व होन क साथ-साथ लाल भर स फोट गहर क थ स काल रग बदल जात ह

रोगजनक एव रोगच (Casual organism) - प सी नया पप रया रोग नय ण क उपाय (Control measures) - (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- फसल य द चार क लए ल जा रह हो तो कोई दवा नह डाल दान क फसल क लए फसल को दो माह का हो जान पर एक छड़काव घलनशील गधक 015 तशत क दर स या 300 मश वाला गधक चण का भरकाव 15 क ा त ह टार क दर स कया जाना चा हए दसरा छड़काव या भरकाव 20 दन बाद दोहराया जा सकता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- खत स पौध अवशष को एक कर जला दव उपल ध रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जाना चा हए

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116 बाजरा क क म य फफद रोग (Importance Fungal Disease of Bajra) 1 मदरो मल या ह रत बाल रोग (Downy Fungal Disease of Bajra) ल ण Symptoms- रोग क ल ण दो अव थाओ म अलग अलग दख जा सकत ह (i) मदरो मल या डाऊनी म डऊ अव था (ii) ह रत बाल अव था (i) मदरो मल अव था (Downy mildew stage)- भारतवष म रोगजनक का भद ह रत बाल अव था क ल ण उ प न करता ह पर त मदरो मल ल ण क

स मता कम द शत करता ह पि तय क ऊपर सतह पर लबाई क कछ ह क हर रग क धा रया सर खी न मत हो जाती ह इन धा रय क ठ क नीच फफद का जाला सर खा लगा हआ होता ह कछ समय प चात य ह क हर धा रया भर रग म प रव तत हर जाती ह और पि तया कनार स फट जाती ह पि तय पर पील घा रया बनती ह जो नचल भाग स श होकर या तो पि तय क बीच म समा त हो जाती ह या सर तक पह च जाती ह (ii) ह रत बाल अव था (Green ear stage)- रोग क अभाव क कारण भा वत पौध अप ाकत बौन रह जात ह बा लया नकलन पर उनम दान क थान पर हर रग क छोट -छोट पि तया बन जाती ह िजसस बा लया हर दखाई पड़ती ह इस लए रोग का नाम ह रतबाल रोग दया गया ह रोगजनक (Casual organism) - लरो पोरा र मनीकोला रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- मदरो मल अव था क नय ण क लए ता य त दवा जस ि लटा स -50 लकापर फाइटोलान यपरामार आ द का 03 तशत क दर स छड़काव कया जाना चा हए अथवा पहला छड़काव रोग क ार भक

अव था म कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा व तीसरा छड़काव 12-15 दन क अ तराल म कया जाना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (प) व थ फसल स ह बीज एक कर (पप) रोग तरोधी जा त अथवा सहनशील जा तय का चनाव कया जाना चा हए (पपप) फसलच अपनान स रोग क उ ता को कम कया जा सकता ह (पअ) 25 ाम पाराय त फफद नाशकदवा 1 कलो बीज क दर स बीज उपचार कया जाना

चा हए (अ) फसल कटाई बाद ह खती क सफाई कर पौध अवशष को न ट करना चा हए

2 अगट रोग (Ergot disease) ल ण (Symptoms)- फल आन क समय स लकर फसल क पकन तक इस रोग का स मण होता ह रोग क आ मण क फल व प मध ब द को द शत करत ह

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प प म क एक मीठ नल बन म को न डया समह वत होत ह धीर-धीर यह ाव स म ब दओ क साथ एक होता चला जाता ह या प पाग क सतह पर चपका रहता ह मध क कारण क ड़ का वशष आकषक होता ह शी ह य रचना कड़ा प ल लती ह िजस अगट कहत ह रोगजनक (Casual organism) - लि स स माइको सफला रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- खड़ी फसल म रोग नय ण क लए कोई

उपाय न अपनाय जाव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) व थ फसल स बीज लया जाना चा हए (ii) अगट म त बीज स अगट को अलग करन क लए 20 तशत नमक क घोल म बीज डबोन स अगट घोल क सतह पर तरन लगत ह िज ह एक कर न ट कया जा सकता ह उपचा रत बीज को अ छ स साफ पानी स घो लन क प चात ह बोना चा हए (iii) समय पव बवाई करन स रोग कोप म कमी होती ह अतः इस अपनाया जा सकता ह

117 सोयाबीन क म य फफद रोग (Importance Fungal Diseases of Soybean) 1 बीज सड़न व पौद अगमार रोग (Seed rot amp seedling blight) ल ण (Symptoms)- रोग स बीज अकरण क पव ह म ी म सड़ जात ह भा वत बीज खोजकर नकालन पर थोड़ स अक रत तीत होत ह अथवा कछ बीज जड़

व थम प क नकल ह ए पर त सड़ ह ए दखाई दत ह कभी-कभी बीज अक रत होकर बाहर आ जाता ह और 4-6 दन क बाद य पौध पौद अगमार रोग स मर जात ह इन पौध का आधार भाग भरा हो कर वगलन स त होता ह रोगजनक एव रोगच (Casual organism) -रोग न न ल खत कई फफद वारा उ प न होता ह ऐ पिजलस नाइजर को लटो ाइकम टordfकटम लरो शयम रोफ फसाई फयज रयम पीजीस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- बवाई पव ह रोग नदान क उपाय अपनाय जा सकत ह रोगजनक बीज ज नत ह अतः बीज उपचार फफदनाशक दवा स कया जाना चा हए 3 ाम कपटान या बव ट न या थीरम या डाइफोलटन दवा त कल बीज क अनपात स श क व ध स बीज उपचार करना चा हए 2 यरोथी शयम प ती ध बा रोग (Myrothecium Leaf Spot) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल पर बआई स एक माह म ह दखाई दन लगत ह रोग क श आत गोलाकार छोट-छोट भर रग क ध ब स होती ह इन ध ब

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क क रल बगनी रग क होत ह इन ध ब क चार ओर गहर हर रग क वशष रचना िजस पोरोडो कया कहत ह बनती ह रोगजनक एव रोगच (Casual Organism) - मायरोथी शयम रो रडम रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग क भाव स सोयाबीन क बीज सकड़ जात ह इस लए रोग कोप बढ़न स पव कम स कम ता य त फफदनाशक दवा जस फाइटोलान यपरामार ि लटा स 50 आ द का छड़काव 03 तशत क दर स कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा छडकाव कया जाव िजनब या डाइथन एम45 दवा (02 तशत) भी उपयोग क जा सकती ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग सत गर ह ई पि तय को एक करक जला दना चा हए िजसस रोग कोप म बह त कमी होती ह य क रोगजनक का ाथ मक ोत न ट हो जाता ह (ii) रोग तरोधी जा तया का चनाव कर

119 सरसो व तो रया क क म य फफद रोग (Importance Fungal Diseases of Mustard) 1 सरसो तो रया एव सीफर कल क पौध का वत ग आ या सफद फफोला रोग (White Rust disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण सव थम पि तय पर ह क हर स च तत दध क सामान सफद फोटो या फ सय म बदल जात ह इन भा वत पौध क बा य वचा फट जाती ह और रोगजनक हवा म बखरन श हो जात ह य फोट पि तय क दोन तरफ बनत ह उ अव था म फोट आपस म मलकर पर पि तया झड़न लगती ह रोगजनक (Casual organism) -ए बग कि डडा रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- फसल क बवाई क 40 दन बाद ह एक बार ता य त फफद ना क दवा जस - ि लटा स-50 फाइटोलान यपरामार आ द का एक छड़काव 03 तशत क दर स कया जाना चा हए त एकड़ कम स कम 180 ल टर घोल का छड़काव अव य ह कया जाना चा हए बोड म ण दवा 4450 का भी छड़काव रोग क सभा वत हा न स बचन क लए उपय त होता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशष एव गर ह ई पि तय को एक कर जला दना चा हए रोगजनक क

ाथ मक स मण का ोत न ट हो जावगा (ii) 2 स 3 वष का फसल च अपनाना चा हए िजसस 3 वष तक सीफर कल क

कसी भी फसल को न लगाय (iii) कई जगल परपोषी जो इस कल क होत ह को न ट कर दना चा हए

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2 सरस तो रया एव सीफर कल क पौध का प ती ध बा रोग (Leaf spot disease)

ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल कर 20 स 25 दन का हो जान पर ह दखाई दन लगत ह आर भ म पि तय पर भर रग क छोट-छोट ध ब बनत ह जो कछ ह समय म गोलाकार हो जात ह मौसम क अनकलता पाकर य ध ब अ धक मा ा म बनत ह और आपस म मल जात ह पि तया बर तरह स झलसी ह ई दखाई दती ह उ प धारण करन पर पि तया गर जाती ह िजस कारण फल कम मा ा म बनत ह रोगजनक (Casual organism) - आ टरन रया बर ससीकोला एव आ टरन रया रफनाई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- इस रोग स फसल को बचान क लए फसल म एक छड़काव ता य त दवा जो बाजार म ि लटा स- 50 लकापर आ द नाम स उपल ध ह को 03 तशत क दर स 15 दन क अ तराल म कम स कम दो बार छड़काव करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) च क रोग बीजज नत या बीजोड़ ह इस लए बवाई पव बीज उपचार पारय त फफदनाशक दवा स (25 ाम दवा त कल बीज) श क उपचार कर (ii) पौध अवशष को एक कर जला दव

119 म गफल क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Groundnut) 1 ट का रोग या पणदाग रोग (Leaf spot disease) ल ण (Symptoms)- रोग दो कार क ल ण द शत करता ह यो क रोग क दो अलग-अलग रोगजनक ह एक सक पोरा अरचडी कोला फफद ह जो पहल कोप करता ह य क दसरा सक पोरा परसोनटा ह जो लगभग 45 दन बाद स मण करता ह सक पोरा अरचड़ीकोला वारा द शत ल ण -(Early leaf spot symptoms)- म गफल कर ट का रोग सव थम इसी रोगजनक वारा फसल पर ल ण उ प न करता ह िजसका आर भ पि तय पर ह क हर भाग क बनन स होता ह य भाग कछ ह दन म लाल स भर रग म प रव तत हो जात ह इन सभी ध ब क चारो ओर चकमदार पीला घरा होता ह ध ब का रग पि तय क सतह पर लाल भरा एव गहरा भरा सा होता ह पर त नीच क सतह पर ह का भरा तथा पीला घरा अ प ट होता ह सक पोरा परसोनटा वारा द शत ल ण ndash (Late leaf spot symptoms)

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इस रोगजनक का कोप अप ाकठ दर स अथात फसल क दो माह का हो जान पर ह दखाई दता ह रोग क ल ण नय मत आकार क छोट-छोट ध ब स आर भ होत ह िजनका रग गहरा भरा स काला होता ह इन ध ब का यास 1 स 6 ममी होता ह एव य ध ब पि तय क सतह पर उभार उ प न करत ह य ध ब ती ता स बढ़त ह इनक चारो ओर पीला घरा नह होता ह ध ब क अ य धक बन जान पर पि तया झड़ जाती ह तथा भा वत फसल बना पि तय क दखाई दती ह रोग का स मण पि तय क अलावा तन व शाखाओ पर भी ध ब क बनन स दखा जा सकता ह रोगजनक (Causal organism)- रोग दो कार क रोगजनक फफद वारा उ प न होता ह

1 सक पोरा एरचड़ीकोला 2 सक पोरा परसोनटा खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय (Control measures) (क) बोड म ण 08 तशत (4450) (ख) कापर आ सी लोराइड जस ि लटा स-50 ल कापर फाइटोलान आ द 03 तशत (ग) डाइथन एम- 45 02 तशत (घ) घलनशील गधक व कापर आ सी लोराइड (11) 02 तशत (ड) बव ट न 01 तशत (च) फाइकाल - 8005 तशत दवा का फसल का 40 दन का हो जान पर

पहला छड़काव कया जाना चा हए आव यकतानसार दसरा और तीसरा छड़काव 12 स 15 दन क अतराल स कया जाना चा हए बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशोष को एक कर जला दना चा हए (ii) बवाई पव बीज उपचार क लए म गफल क दोनो को 05 तशत नीला थोथा घाल म कर ब आध घट तक डबोन स बीज उपचार कया जा सकता ह जो बीच ज नत रोगजनक को न ट कर दता ह (iii) बवाई समय म प रवतन- य द म गफल क बवाई 15 दन पव करना सभव हो तो रोग कोप स कोई नकसान नह होता ह य क रोग उ प धारण करन स पव फसल पक कर तयार हो जाती ह (iv) ज द पकन वाल क म का चनाव- रोग कोप ज द पकन वाल क म को पर तरह भा वत नह कर पाता य क उ प ा त करन क पव ह अव ध पर हो जाती ह ओर उस खोद लया जाता ह 2 पद सड़न या कालर राट रोग (Collatr rot disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पौध क उस भाग पर बनत ह जो म ी क सतह का तन का भाग (कालर भाग) सखी सडन पौध क तन को स मत कर धीर -धीर बढ़ती ह सखी सड़न बढ़कर पौध क आधार को कमजोर कर दती ह िजसस पौध गर जात ह एव सखकर मरझा जात ह इन भा वत पौध क सखी सड़न वाल थान पर रोगजनक फफद क उभर ह ई काल काल रचनाए प ट दखाई दती ह रोगजनक (Causal organism) -ए परजीलस नाइजर

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रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नय ण क लए खड़ी फसल म कोई उपाय नह कए जाव यो क रोगजनक बीजज नत ह तथा ाथ मक स मण बीज वारा ह होता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- रोगजनक क बीजाण बीज क बा य सतह पर चपक रहत ह इस लए उ ह न ट करन क लए न न ल खत कसी भी दवा स श क व ध वारा बीज उपचार करना चा हए (i) पाराय त फफद नाशक दवा जो बाजार म मोनोसान सरसन ाई ए ोसान जी एन

आ द नाम स उपल ध ह को 25 ाम त कलो बीज क दर स (ii) काब नक गधकय त फफद नाशक दवा जस थीरम या डाइथन एम 45 को 25

ाम दवा त कलो बीज क दर स 3 ग आ या र ट रोग (Rust disease) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण फसल बवाई क 30 - 35 दन प चात दखाई दन लगत ह रोग क ल ण सबस पहल पि तय क नचल सतह पर उ तक यी फोट क प म द शत होत ह कछ ह दन म पि तय क ऊपर सतह पर भी फल

जात ह पि तय क भा वत भाग क बा य वचा फट जाती ह रोग आ मण क कारण फि लया समय स पहल पक जाती ह एव बीज चपट और वकठ हो जात ह रोगजनक (Causal organism) - प सी नया ऐरा क डस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- म गफल पर ग आ क साथ साथ ट का रोग का भी कोप होता ह अतः दोन क नय ण क लए एक ह फफदनाशक दवा का उपयोग कया जाना चा हए नीच द जा रह कोई भी एक दवा को 3 बार 12-15 दन क अ तराल स छड़काव कया जाना चा हए पहला छड़काव बवाई क 30- 35 दन बाद अथवा रोग क ार भक ल ण दखाई दन पर कर (i) घलनशील गधक 015 तशत का छड़काव या गधक चण 300 मश का 15 कलो तह टर क दर स भरकाव (ii) डाइथन एम-45 का 02 तशत क दर स छड़काव

(iii) कारबडािजम या बवि टन 01 तशत का छड़काव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग बीज ज नत होन का अनमान व ा नक वारा लगाया गया ह इस लए सम या त म बीज क 01 तशत क दर स

बीटाव स या लाटव स दवा स उपचा रत करक बोना चा हए (ii) पौध अवशष एक कर जला दना चा हए (iii) रोगम त फसल स फि ल बोवाई हत योग कर

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1110 अरहर क म य फफद रोग (Important Fungal Disease of Arthar or Tur) 1 उ ठा या मरझान या व ट रोग (Wilt diseases) ल ण (Symptoms)- इस रोग का स मण रोग क पहचान पौध क पि तय क पीला पड़न स क जा सकती ह खत म पया त नमी क रहत ह ए पौध क पि तया पील होन लगती ह धीर-धीर सभी पि तया मरझाकर गर जाती ह परा का परा पौधा सख जाता ह इन भा वत पौध को जड़ स उखाड़कर दखन पर जड़ क ऊपर भाग पर भर या काल काल रग क धा रया दखाई पड़ती ह यह धा रय रोग जनक फफद क रचानाओ क कारण दखाई ह जो जड़ स पानी व पोषण त व तन व पि तय तक नह पह च पात ह रोगजनक (causal organism) - यज रयम आ सी पोरम फाि प उडम रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- (i) रोग कोप च क एक पौध स फलकर आसपास क पौध पर फलता ह इस लए भा वत पौध क जड़ स उखाड़ कर एक कर जला दना चा हए िजसस आगामी वष म रोग क उ ता कम क जा सकती ह (ii) फसल काटन क बाद ह ए ठठ भी जड़ स हत उखाड़ कर एक कर जला दना चा हए िजसस भी आगामी वष म रोग उ ता कम हो जावगी (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) म त खती- वार व अरहर को एक क बाद एक कतार म बोन स रोग पकोप क स भावना कम हो जाती ह और उ ता म भी कमी हो जाती ह (ii) त बाक क साथ फसल च अपनाया जाव तो रोग कोप बह त कम हो जाता ह त बाक क जड़ स नकलन वाला ाव रोग जनक क लए हा नकारक होता ह (iii) बबाई पव कपास व म गफल क खल को खत म मलाया जाव तो रोगजनक क तरोधी जीवाण ब सलस सबट लस क उ प ती अ धक होती ह जो रोगजनक क बढ़वार

को कम करक रोग कोप को कम करत ह त ह टर 20 किवटल खल उपयोग करना चा हए (iv) रोग तरोधी जा तय का चनाव कया जाव उपल ध इन जा तय क नाम ह एनपी 15 एनपीड ल एफ-18 आर-41 रोगान-1 एव बी-1 आ टाइप - 17

1111 मसर क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Lentil) 1 चण फफद अथवा पाऊडर म डऊ रोग (Powdery mildew diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण बवाई क लभगभ ढाई माह बाद दख जा सकत ह इस अव ध तक फसल फल आन क अव था म आ जाती ह इस समय रोग पौध

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क सबस परानी पि तय पर सफद सफद च त बनाता ह य च त बस कछ दन म ती ता स बढ़त ह और पर पौध पर सफद पाऊडर समान रचना न मत हो जाती ह रोगजनक (Causal organism) - इर साइफ पॉल गोनी रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नदान क लए फसल का ढाई माह का हो जान पर एक छड़काव घलनशील गधक (02 तशत) कया जाव अथवा 300 मश का गधक चण का एक भरकाव 12 कलो त ह टयर क दर स कया जाव (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) मसर बवाई स पव खत क अ छ तरह स सफाई क जानी चा हए एव पौध अवशष को एक त कर जला दना चा हए िजसस रोग क ाथ मक स मण ोत का न ट कया जा सकता ह (ii) थानीय रोग तरोधी अथवा सहनशील जा त का चनाव कया जाना चा हए

2 उ ठा या ला न या व ट रोग (Wilt disease) ल ण (Symptoms)- रोग का कोप बबाई क 15-20 दन बाद ह श हो जाता ह खत म पया त नमी क रहत ह ए पौध क व क जाती ह पि तया पील पड़न लगती ह और पौध सखकर मर जात ह भा वत पौध को उखाड़कर दखन पर रोगी पौध क जड़ अ वक सत व ह क भर रग क हो जाती ह रोगजनक (Causal organism)- यज रयम ऑ सी पोरम फाि पलि टस रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- इस रोग क नय ण क लए खड़ी फसल म कोई भी उपाय न अपनाय जाव य क रोगजनक म ी ज नत ह कवल भा वत पौध को ह नकल कर न ट कर दव िजसस रोगजनक क सार को कम कया जा सकता ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) रोग बीज ज नत भी ह इस लए बवाई पव बीज को ब वि टन या थीरम या कपटन या कपटाफाल नाम फफद नाशक दवा स श क उपचा रत करक बोय ढाई ाम दवा एक कलो बीच उपचार क लए पया त होती ह (ii) पौध अवशष को एक कर जला दव (iii) रोग सहनशील क म जस - एस617 एव एस64388 को सम या त खत क लए चन

1112 चन क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Gram) 1 उ ठा या ला न या व ट रोग (Wilt diseases) ल ण (Symptoms)- भा वत पौध क पि तया पील पड़ना श होती और पीलापन धीर-धीर बढ़न लगता ह तथा पौध भर रग म बदलन लगत ह एव अ त म सख जात ह पौध क म ी म पया त नमी क रहत ह ए सखना उ ठा रोग का मख ल ण ह

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भा वत पौध क जड़ उखाडकर दखन पर ात होता ह क छोट जड तो भर हो गई ह और म य जड़ पर काल सी भर धा रयाबन गई ह रोगजनक (Causal organism) - यज रयम आथ सरस ओपरकलला पड व कआई कलरो शयम रो फसाई राइजकओ नया सोलनाई आ द फफद क एक साथ या अलग

अलग कोप करन क कारण रोग क उ ताबढ़ जाती ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग नय ण क लए खड़ी फसल म कोई भी उपाय नह सझाय गय ह अतः कवल स मत खत को वशष प स पहचाना जाव िजसस अलग वष बबाई पव नय ण उपाय वशष यानपवक अपनाय जा सक (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) पौध अवशष को जताई कर एक करक जला दत ह (ii) बीज कसी द हक फफद नाशक दवा जस बव ट न या कारबडािजम 25 ाम दवा त कल क दर स उपचा रत करक ह बोय (iii) खत म पानी क नकास का उ चत बध कर (iv) रोग नय ण का सव तम उपाय रोग रोधी जा त का चयन करना ह उपल ध रोग तरोधी जा तय क नाम ह सी-235 जी-24 जजी-315 काबल चना आई सीसी - 32 आईसीसी-42 (अ) सम या त खत म सरस खल खाद क थान पर डालन स रोग क उ ता बह त कम हो जाती ह 2 ए कोकाइटा अगमार या लाईट रोग (Ascochyta Blight Disease) ल ण (Symptoms)- रोग सबस पहल पि तय पर गील स च त बनाता ह जो धीर धीर गोलाकार आकार को ा त कर लत ह इन च त म भर रग का घरा और भीतर भाग पीला या मटमला होता ह इसी तरह क च त पि तय क अ त र त शाखाओ और फि लय पर भी बनत हतन पर इन फल का भाव इस तरह स होता ह क पौध सखन लगत ह उ अव था म पि तय और फि लय पर च त आपस म मल जात ह िजसस पौध झलस ह ए दखाई दत ह रोगजनक (Causal organism) -ए कोकाइटा र बआई रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- ता य त फफद नाशक दवा जस फाइटोलान ि लटा स-50 यरामार लकापर आ द का 03 तशत घोल या डाइथन एम 45 का 02 तशत घोल या जाइरम या कमान एल का 02 तशत घोल (पअ) क टान या डाईफोलअन का 015 तशत घोल पहला छड़काव फल आन क समय कर तथा दसरा 12 स 15 दन बाद करना चा हए (ख) बआई पव रोग नय ण क उपाय- (i) बवाई पव बीज कपथन या थीरम दवा स 25 ाम त कलो बीज क दर स उपचा रत कर

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(ii) रोग तरोधी जा त लगाना रोग बचाव क सबस उपय त व ध ह इस रोग क उपल ध रोग तरोधी जा त क नाम ह पी1528-1- एफ-8 सी1234 पी 1453 और ईसी 26435 आ द जा तय का चयन कया जाना चा हए (iii) तीन वष य फसल च अपनाय

1113 म ग व उड़द क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Mung amp urid) 1 प ती ध बा या ल फ पाट रोग (Downy mildew disease) ल ण (Symptom)- इस रोग क दो तरह क ल ण रोगजनक फफद क दो जा तय वारा उ प न होत ह सक पोरा यऐ टा वारा व ताकार या कोणीय ध ब पि तय

पर बनत ह जो 05 स 4 समी यास क होत ह इन ध ब का रग बगनी सा लाल होता ह पि तय क ऊपर भाग पर ध ब अ धक साफ दखाई पड़त ह मौसम क अनकलता पाकर ध ब बढ़कर आपस म मल जात ह एव अ नय मत आकार क ध ब बनात ह पौध क परानी फि लय पर रोग का भाव होता ह जब क नई फि लय व थ रहती ह भा वत फि लय काल रग क हो जाती ह उ अव था म रोग कोप स बीज सकड़ कर काल हो जात ह तन पर बड़ आकार क ध ब बनत ह

सक पोरा कनस स जा त स प ती ध बा रोग क ल ण यादातर पि तय पर ह दखाई दत ह िजसका आकार अधव ताकार स अ नय मत होता ह इन ध ब का रग भरा व म य म पीला भरा होता ह िजनका यास 2 स 8 समी होता ह फि लय पर इस जा त का कोप बह त कम होता ह उ अव था म पि तया झलस कर गर जाती ह रोगजनक (causal organism) - सक पोरा यऐ टा एव सक पोरा कनस स रोग नय ण क उपाय (control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- रोग क आर भक अव था म ह नीच द जा रह कोई भी एक दवा का छड़काव कया जाना चा हए (i) ता य त फफदनाशक दवा जस फाइटोलान ि लाटा स-50 यपरामार ल कापर 03 तशत क दर स या (ii) बोड म ण दवा 4450 (iii) िजनब या डाइथन - जड़ 78 दवा 02 तशत क दर स या (iv) जाइरम या कमान एल 02 तशत क दर स आव यकता नसार दसरा छड़काव 15 दन क बाद कर (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः- (i) व छ खती अथवा पौध अवशष को एक कर जला दना चा हए िजसस रोगजनक का ाथ मक स मण ोत न ट हो जावगा और रोग कोप म बह त कमी हो जावगी 2 चारकोल वगलन या चारकोल राट रोग (Charcocal rot disease) ल ण (Symptoms)- रोग क म य ल ण पौध क तन व जड़ का वगलन होता ह रोग कोप फसल क कसी भी अव था म दखा जा सकता ह रोग क ल ण अकरण

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क एक माह बाद दखाई दत ह इस अव था म स मण हो जान स रोग सार जड़ म हो जाता ह तथा जड़ सड़न क कारण भा वत पौध मर जात ह रोग क ल ण पि तय पर भी नीच क सतह पर दखाई दत ह भा वत पि तय क ना डया लाल भर रग क हो जाती ह रोग सत पौध क तन व जड़ पर काल स ब दनमा रचनाय भी फसल पकन क समय दखाई दती ह इन रचनाओ को पकनी डया कहत ह रोगजनक (Causal organism) - म ोफो मना फिजओलाइ रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- प ती ध बा रोग क नदान क लए उपयोग क गई दवा इस रोग क नदान म भी सहायक होती ह इस लए इस रोग क लए अलग स दवा डालन क आव यकता नह ह (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः- (i) बवाई पव बीज को 2 ाम ब व ट न त कलो दवा स उपचा रत कर (ii) व छ खती या पौध अवशष व गर ह ई पि तय को एक कर जलाय िजसस म ी ज नत स मण का ोत न ट हो जाता ह (iii) फसल च वार या बाजरा फसल क साथ अपनाना चा हए य क इन फसल पर इस रोग का कोप नह होता ह

1114 मटर क म य फफद रोग (Important Fungal Diseases of Pea) 1 मदरो मल या डाऊनी म डऊ रोग (Downy mildew diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पि तय एव अनपण क ऊपर भाग पर पील या भर सी अ नय मत आक तया वारा पहचान जा सकत ह िजनक ठ क नीच प ती क नचल भाग पर सफद जाल सर खी रचना बनती ह यह रचना वा तव म रोगजनक फफद क कवकजाल बीजाण व बीजाणओ का समह होता ह इन आक तय का आकार छोटा या पर पि तय पर भी फल सकता ह भा वत भाग क उ तक मर जात ह िजसस उनका रग भरा दखाई पड़ता ह रोग क भाव स पौध वकास पर तकल भाव होता ह तथा पौध बौन रह जात ह पौध का फलाव भी कम होन लगाता ह

फि लय पर रोग क ल ण ह क हर रग क ध ब क प म बनत ह जो लगभग व ताकार होत ह रोगजनक (Causal organism) - परोनो पोरा पाइसाइ रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- कसी भी तरह क दवा का उपयोग आ थक ि ट स उपय त नह होता ह य द उ ता स कोप क सभवाना हो तो बोड म ण (4450) का छड़काव कर (ख) बआई पव रोग नय ण क उपायः-

195

(i) रोग का ाथ मक ोत न ट करन क लए बीज क बवाई पव अ छ तरह स सफाई कर फि लय क टकड को अलग कर दना चा हए (ii) व छ खती अपनाना चा हए एव पौध अवशष को एक कर जला दना चा हए (iii) दो वष का फसल च अपनाना चा हए 2 क या ग आ रोग (Rust diseases) ल ण (Symptoms)- रोग क ल ण पि तय तन शाखाओ पणवत तान तथा फि लय पर दखाई दत ह सबस पहल पि तय पर पील रग क उभार लए फोट दखाई दत ह पर त शी ह इन फोटो क बा य वचा क फटन एव मटमला सा पाऊडर सर खा बनता ह जो वा तव म रोगजनक क ए शयम अव था ह रोग नय ण क उपाय (Control measures)- (क) खड़ी फसल म रोग नय ण क उपाय- जनवर थम स ताह म पहला छड़काव या भरकाव कया जाव तथा त ह टर कम स कम 450 ल टर दवा का घोल का छड़काव कर

1 घलनशील गधक 02 तशत अथवा 2गधक चण 300 मश वाला 15 कलो त ह टर क दर स भरकाव कर अथवा 3कराथन एलसी 01 तशत अथवा 4मोर टान 005 तशत अथवा 5क कसीन 005 तशत अथवा 6मोरो साइड 01 तशत दवा का 12 स 15 दन क अतर स 3 बार दवा डालना आव यक होता ह

1115 साराशः- पौध म फफद रोग फफद या कवक (Fungi) वारा होता ह फफद क स मण तथा

इसक कोप क बार म जब तक समझ म आए तब तक रोग उ प धारण करन क ि थ त म पह च चका होता ह इस लए फफद रोगो का अ ययन करना आव यक ह िजसस रोगजनक स मण व ध नदान उपाय बआई एव खडी फसल म कस अपनाए जाए को उ चत ढग स समझा जा सक एव फसल क सर ा क जा सक

1116 बोध न 1 फफद नाशक दवाओ क योग करत समय कौन कौन सी सावधा नया रखनी चा हए 2 गह क काला ग आ रोग का रोगजनक ल ण एव नय ण क उपाय या ह 3 अरहर क उ ठा या मरझान रोग क ल ण रोगजनक एव नय ण क उपाय ल खय 4 सोयाबीन का बीज सडन व पौध अगमार रोग क ल ण रोगजनक एव नय ण क उपाय

या ह 5 म गफल क ट का रोग का व तार स वणन कर व त न ठ न 1 कवक क को शका भि त बनी होती ह

(अ) काइ टन या स यलोज (ब) कि शयम (स) पकट न (द) उपरो त म स कोई नह

196

2 गह क अनावत कड रोग का रोगजनक ह (अ) प सी नया गर म नस टसाइ (ब) आ ट लगो यडा टसाइ (स) यरो स टस टसाइ (द) प सी नया ाइफा मस

3 कापरय त फफद नाशक दवा ह (अ) सरासान (ब) डायथन एम 45 (स) जीनब (द) फाइटोलान

4 बाजर क अरगट रोग म न मत कड़ी सरचनाय कहलाती ह (अ) कलरो शया (ब) अरगट (स) बीजाणद ड (द) लाइ डया

5 सरसो व तो रया क सफद फफोला रोग का रोगजनक ह (अ) माइरोथी शयम रो रडम (ब) लरो पोरा मनीकोला (स) फाइजोडमाजी म डस (द) ए बग कि डडा

व त न ठ नो क उ तर 1 (अ) काइ टन या स यलोज 2 (ब) आ ट लगो यडा टसाइ 3 (अ) सरासान 4 (ब) अरगट 5 (द) ए बग कि डडा

1117 सदभ 28 Reddy TY and Reddi GHS 2000 Principles of Agronomy

Kalyani Publishers New Delhi 29 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य-

व ान (क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 30 Singh Chhidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH publishing company private limited New Dehi 31 Singh SS 1993 Crop Management under irrigated and Rainfed

Conditions Kalyani Punlishers New Delhi 32 अहलावतए आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 33 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

197

इकाई - 12 बागवानी फसल क म य फफद य रोग एव उनका नय ण

इकाई क परखा 120 उ य 121 तावना 122 फल क म य फफद य रोग

1221 आम 1222 अम द 1223 नीब वग य फल 1224 पतीता 1225 कला 1226 अगर 1227 कटहल 1228 बर 1229 अनार 12210 सब 12211 ाबर

123 सि जय क म य फफद य रोग 1231 मच 1232 टमाटर 1233 बगन 1234 भडी 1235 फल गोभी 1236 प ता गोभी 1237 गाठ गोभी 1238 आल 1239 लहसन 12310 शकरकद 12311 ह द 12312 मटर 12313 बरबट 12314 चबीन

198

12315 सम 12316 वार 12317 क वग क सि जया (क हड़ा आ द) 12318 प तदार सि जया 12319 ट पओका 12320 रताल 12321 पान

124 साराश 125 बोध न 126 सदभ थ

120 उ य इस इकाई को पढ़न क प चात आप इस यो य हो सकग क - फल एवम सि जय म लगन वाल म य फफद य रोग इन रोग क रोगजनक एव ल ण इन फफद य रोग को नय ण करन क उपाय

121 तावना जब पौध क सामा य याऐ अ यवि थत हो जाती ह और उनका काय क जाता ह

ऐसा होन स उनक दखाई दन लगत ह िजस रोग या या ध या बमा रया कहत ह पौध कसी भी अ यव था म जस बीज नवाक रत प ती तना फल तथा फल रोग वारा भा वत हो सकत ह इन रोग या बमा रय क नि चत ल ण होत ह य रोग एक नि चत रोगजनक जस क फफद जीवाण वषाण वारा उ प न होत ह फफद य रोग एक नि चत वातावरण म फलत ह और उ चत उपाय वारा उ ह नय त भी कया जा सकता ह

122 फल क म य फफद य रोग

1221 आम

1 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew) रोगजनक ओइ डयम मजीफर (Oridium mangiferae) ल ण फल तथा छोट फल तथा शाखाओ क अ भाग पर भर रग का चण जमा होना तथा बाद म भा वत अग भरा हो जाना पि तय पर बखर ह ए ध ब दखाई दना नय ण क उपाय 1 घलनशील गधक का 002 तशत घोल 15 दन क अतर स छड़काव कर

199

2 तशत कोसान का छड़काव भी भावशील ह 3 गएसाल 1 कलो त व का भरकाव कर

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण व क टह नय पि तय फल तथा फल पर होता ह पि तय पर गहर रग क

चकत पड़ना टह नय पर काल ध ब तथा फल म भी कभी कभी काल ध ब होना नय ण क उपाय 1 13350 बोड म ण या छड़काव तीन बार कर या 2 05 तशत क टान का छड़काव कर 3 रोग का नाम काला दाग (Blackup)

रोगजनक का यक य रोग (Physiologicaldisease) ल ण फल क नचल सतह पर पहल भरा दाग होता ह जो आग जाकर काला हो जाता ह फल गर जात ह नय ण क उपाय

1 ईट क भ स लगभग 12-1 कमी दर पर पौध लगाए भ क चमनी 15 मी ऊची बनाए

2 08 तशत काि टक सोडा का दो बार छड़काव कर 3 06 तशत बोर स का छड़काव कर

1222 अम द

1 रोग का नाम उकठा रोग (Gurava wilt) रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp ) ल ण शाखाए आग क भाग स सखना आरभ होकर नीच क तरफ सख भी जाती ह परा व सख जाता ह

नय ण क उपाय 1 सखी टह नय को काटकर जला द 2 उ तम जल नकास रखना 3 भ म क ार यता कम करना

1 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम साइडाई (Collectorichum spp) ल ण आरभ म फल पर काल चि तया होना और बाद म परा फल काला हो जाना फल छोट रह जात ह शीत ऋत म कम लगता ह

नय ण क उपाय 1 3350 बोड म ण या छड़काव तीन बार कर या 2 05 तशत क टान का छड़काव कर

200

3 सख फल को तोड़कर अलग कर द

1223 नीब वग य फल

1 रोग का नाम पक रोग (Pink disease) रोगजनक पल कल रया सालमोनाइकलर (Pellicularia salmonicolour) ल ण तन म दरार आ जाती ह और चप चपा पदाथ नकलता ह तन तथा शाखाओ पर सफद तथा पील दाग बन जात ह छाल त त हो जाती ह

नय ण क उपायगमो सस रोग क समान ह उपचार कर रोग त शाखाओ को काट द

रोग का नाम शीष गलन (wither up) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum Siddii)

ल ण नई शाखाए गलकर तथा सखकर गरन लगती ह इनका रग भरा पड़ जाता ह कभी कभी गलाबी रग जसा दखाई दता ह परा व भी सख जाता ह सतरा और मोस बी अ धक भा वत होत ह

नय ण क उपाय 1 भा वत शाखाओ को काटकर जला द 2 माच और सत बर म 1 तशत बोड म ण का छड़काव कर रोग का नाम डाय बक या सखा रोग (Die back) रोगजनकअनक कारण स होती ह ( वषाण) ल ण 1 व क ओजि वता कम होन लगती ह 2 टह नया सखन लगती ह और परा व सख जाता ह नय ण क उपाय 1 उ चत उ या नक बध कर 2 सम त सभा वत उपाय कएजान चा हए उ चत मलव त का उपयोग कर

1224 पतीता

रोग का नाम आई गलन (Damping off) रोगजनक पी थयम एव राइजो टो नया कोलटो ाइकम जा त (Pythium Rhizoctonia) ल ण या रय म छोट पौध नीच स गलकर गर जात ह नय ण क उपाय

1 बीजोपचार कर - ए ोसान जीएन 2-3 ाम कलो बीज या सरसान 2 ाम कलो बीज 2 उ तम जल नकास रख

1225 कला

1 रोग का नामपनामा ब ट (Panama wilt)

201

रोगजनक यज रयम आ सी पोरम (Fusarium oxysporum) ल ण

1 पौध क पि तया सखकर गरन लगती ह 2 कला का परा तना फट जाता ह और पौधा सख जाता ह

नय ण क उपाय 1 रोग त पौध को उखाड़कर जला द 2 क डो क नय ण क उपाय कर 3 रोग त स पौध न खर द

2 रोग का नाम फल का सड़ना सगार ट (Cigar rot) रोगजनक हि मनथो पो रय टॉ लोसम (helminthosporium torulsosum) ल ण फल का शीष भाग सड़न लगता ह

नय ण क उपाय 1 कल का खत बदल द 2 रोग त पौध अलग कर द 3 नाइ ोजन दना कर कर द 4 भा वत फल को नकाल द य त दवा का छड़काव कर

1226 अगर

1 रोग का नाम ए नोज(anthracnose) रोगजनक गलाइ पो रयम ए पलोफगस(Gloesporium ampelophagum) ल ण शाखाओ लताओ तथा पि तय पर काल ध ब हो जात ह पि तया भर होकर गर जाती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (3350) का छड़काव कर 2 डायथन ज़ड-7825 कलो त ह टर छड़काव कर या लाइटॉ स 003 तशत

छड़काव कर 2 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew)

रोगजनक उ सीनला न टर ( दबपदनस दमबजवत) ल ण पि तय तथा तन पर सफद चण आ छा दत हो जाता ह फल पर भी चण जम जाता ह नय ण क उपाय गधक क चण 02 तशत का भरकाव कर बगलोर ल म कम लगती ह

1227 कटहल

1 रोग का नाम सा ट राट (Softrot)

202

रोगजनक राइजोपस आट काप (Rhizopus atrocarpi) ल ण 1 फल का नर अग भा वत हो जाता ह 2 फल गर जात ह 3 तन पर गलाबी सफद रग क उठ ह ए ध ब और दरार होना

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (3350) का छड़काव कर

1228 बर

रोग का नाम चण फफद (powedery Mildew) रोगजनक आई डयोि सस जा त (Oidiopsis एसपीपी) ल ण पि तय पर सफद चण जमा होना फल पकन पर भर ध ब वाल होना नय ण क उपाय 1 क टान 002 तशत या घलनशील गधक 03 तशत का छड़काव कर

1229 अनार

रोग का नाम पि तय और फल पर ध ब रोगजनक सक पोरा ि लयो पो रयम (Crercospora gloeosporium) ल ण पि तय और फल पर सफद ध ब होना नय ण क उपाय 1 तशत बोड म ण का छड़काव कर

12210 सब

रोग का नाम टम लक(Stem Black) 1 रोगजनक कोनयोथी सयम कोमटो फोरम (Coniothecium chomatosporum)

ल ण आरभ म शाखाओ पर ध ब होत ह शाखाए सख जाती ह नय ण क उपायरोग त शाखाओ को काट दना चा हए तथा कट थान पर चब टया प ट लगा द

2 रोग का नाम एपल कब (Applescab) रोगजनक वनट रया इनक लस (Venturia inaequilis) ल ण पि तया तथा फल झलसकर गरजात ह टह नया सख जाती ह नय ण क उपाय घलनशील लाइम-स फर (160) का छड़काव कर

3 रोग का नाम चण फफद (Powedery Mildew) रोगजनक पोडो फो रया लयो क रका (Podosphaera)

203

ल ण पि तय क नचल सतह पर सफद चण जमा हो जाता ह ऊपर सतह भी ढक जाती ह नय ण क उपाय चना व गधक (140) का छड़काव कर

12211 ाबर

1 रोग का नाम ग आ रग क ध ब (Spot) रोगजनक ड डोफोमा आ जकलम (Dendriopjoma obsurons) ल ण आरभ म पि तय पर छोट छोअ बगनी ध ब दखाई दत ह धीर-धीर बढ़कर भर रग क हो जात ह नय ण क उपाय लाइटॉइ स 03 तशत का छड़काव कर

2 रोग का नाम रोग का नाम स म काल ब द (minuti amp black spot) रोगजनक ड लोकारपन इ र लयाना (Diplocarpom earrliana) ल ण पि तय क ऊपर सतह पर आसमानी बगनी रग क ब द दखाई दत ह नय ण क उपाय लाइटॉइ स 03 तशत का छड़काव कर

123 सि जय क म य फफद य रोग

1231 मच

1 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम क साई (Colletorichumcapsici) ल ण 1 छोट और अधपक फल पर भर ध ब होना 2 फल झड़ जात ह तन और पि तय पर भी ध ब हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीज को सरसान का उपचार कर 2 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 3 भा वत भाग को काटकर अलग कर द 4 ब लट (01 तशत) या डाइफाइटोन (02 तशत) का छड़काव कर

2 रोग का नाम मरझान (wilt) रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp) ल ण पौध का अचानक सख जाना नय ण क उपाय 1 उ चत फसल च अपनाए ता य त दवाओ का उपयोग रोग को फलन स रोक सकता

ह 2 4450 बोड म ण का छड़काव कर

204

1232 टमाटर

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का नचला तना गल जाना

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार उपचार कर 2 भ म उपचार 01 तशत (कपटान फाइटोलान या ासीकाल)

2 रोग का नामअगती झलसा (Early blight) रोगजनक अ टरन रया सोलनी (Allernara solani) ल ण पि तय पर गोलाकार काल व भर ध ब पड़ जात ह पि तया झड़ जाती ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार उपचार कर 2 िजनव 2 कलो त ह टर क घोल का छड़काव कर 3 डायथन Z-78(02) का छड़काव कर

1233 बगन

1 रोग का नाम फोमोि सस लाइट (Phomopsis blight) रोगजनकफोमोि ससब सस (Phomopsis verans) ल ण पौध क सभी अग भा वत होत ह भर लब गोल दाग हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार 2 4450 बोड म ण का छड़काव कर 3 लबा फसल च अपनाए 4 लाईटॉ स 50 का 025 तशत का छड़काव कर 5 बीज को 50 ड ी स पर जल म 30 मनट घटा डबोकर रख

2 रोग का नाम मरझान (Wilt) रोगजनक यज रयम ओजो नयम बट सी लयम जा तया (Fusarium ozoniom veticullium spp) ल ण पि तय का पील पड़ जाना तथा भर हो जाना पौध का सख जाना तन क बीच का भाग गहर रग का हो जाता ह इस चीरकर दखा जा सकता ह बगन क अ त र त आल टमाटर भडी डह लया आ द भी इस रोग स भा वत होत ह

नय ण क उपाय 1 तरोधी क म का उपयोग कर 2 समय - समय पर फफदनाशक दवाए छड़क

205

1234 भडी

1 रोग का नाम चण फफद (Powerly mildew) रोगजनकएर साइफ साइकोर सयरम (Erysiphe cicharacearum) ल ण पि तय क नचल सतह पर भरा चण जमा हो जाता ह पि तया गर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक चण - 20 कलो त ह टर या भरकाव कर 2 कराथन - 005 तशत क घोल का छड़काव

1235 फल गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of Blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allerarnariabrassicala) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

1236 प ता गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium sppRizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allernariabrassicola) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

206

1237 गाठ गोभी

1 रोग का नाम आ गलन (Damping off) रोगजनक प थयम जा त राइजो टो नया (Pithium spp Rizoctonia) ल ण पौध का तना नीच स गल जाता ह

नय ण क उपाय 1 बासीकाल या थीरम म बीजोपचार कर 2 स 3 ाम दवा त कलो बीज 2 भ म उपचार (टमाटर क समान)

2 रोग का नाम ल फ पाट या झलसा रोग (Leaf spot of blight) रोगजनक आ टन रया सकोला (Allernariabrassicola) ल ण छोट गहर रग क ध ब जो गोलकार होत ह बाद म काल हो जात ह फल गोभी तथा प ता गोभी म भी कालापन आ जाता ह

नय ण क उपाय बीज को गम जल म (50 ड ी स) पर 30 मनट रख

1238 आल

1 रोग का नाम अगती झलसा (Early blight) रोगजनक आ टन रया सोलनाई (Allernaria solani) ल ण पि तय पर काल रग क ध ब क द पर भी दाग हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार कर 005 तशत एगलाल 2 िजनव 02 तशत या डाइथन-Z-78(02) कलो त ह टर क 5 बार छड़काव

कर

1239 लहसन

1 रोग का नाम ल फ लाइट (Leaf Blight) रोगजनक आ टन रया जा त (Allernaria spp) ल ण सफद दाग पि तय पर आ जात ह िजनक म य म बगन ब द होत ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण1 तशत का छड़काव कर या 025 तशत का छड़काव 15 दन क

अतर स कर

12310 शकरकद

1 रोग का नामल फ पॉट(Leaf spot) रोगजनकसक पोरा बटाटा (Allernaria spp) ल ण पि तय पर बड़ भर ध ब होत ह गम तथा नम वातावरण म रोग अ धक फलताह

नय ण क उपाय बोड म ण1 तशत का छड़काव कर

207

2 रोग का नाम सा ट रॉट(Soft Rot) रोगजनकराइजोपस न क स (Rhizopus-nigricans) ल ण कद गील होकर सड़ना स हण रोग आता ह

नय ण क उपाय चोट खाए कद स हत न कर 3 रोग का नाम लक रॉट

रोगजनक सर टोमला फ म याटा (Cerastomellafirmbriata) ल ण पि तय का रग पीला हो जाता ह कद सड़न लगत ह

नय ण क उपाय 1 बीज उपचार कर 2 उ चत फसल च अपनाए

12311 ह द

रोग का नाम ल फ पॉट(Leaf spot) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum) ल ण पि तय पर काल भर रग क ध ब हो जात ह नय ण क उपाय 1 डाइथन ndashZ-78(02) या डाइथन ndashM-45 का छड़काव कर

12312 मटर

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew) रोगजनकएर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12313 बरबट

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew)

208

रोगजनकएर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12314 चबीन

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12315 सम

1 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

209

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12316 वार

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ पॉल गोनी (Erisiphe polygoni) ल ण पि तय डठल तथा फ लय पर सफद चण जमा हो जाता ह पि तया पील होकर मर जाती ह

नय ण क उपाय 1 गधक 15 कलोह टर का भरकाव कर 2 005 तशत मोर टान या कराथन का छड़काव कर 3 नरोधक क म लगाए

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण तन पर काल ध ब हो जाना फ लया और पि तया भी भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण (5550) का छड़काव कर 2 बीजोपचार - सरसान 125 तशत घोल 030 मनट डबोए

12317 क वग क सि जया (क हड़ा आ द)

1 रोग का नाम भभ तया रोग(Powerly mildew) रोगजनक एर साइफ साइकोर सयम (Erisiphe cichoracearum) ल ण पि तय तथा तन पर सफद चण जमा हो जाना पि तया सख जाती ह

नय ण क उपाय 1 मोर टान - 005 तशत या कराथन - 075 तशत का छड़काव कर 2 गधक 15 कलो त ह टर का भरकाव कर

2 रोग का नाम ए नोज (anthracnose)

210

रोगजनक कोलटो ाइकम जा त (Colletorichum spp) ल ण पि तय तन पर जल स त ध ब होना और काला हो जाना तरबज और ककड़ी अ धक भा वत होती ह

नय ण क उपाय 1 बीजोपचार कर 2 बोड म ण (5ः5ः50) का छड़काव कर 3 फसल च अवनाए

3 रोग का नाम पणदाग (leaf spot) रोगजनक सक पोरा जा त (Cercospora spp) ल ण पि तय पर गहर भर जल स त ध ब होना

नय ण क उपाय िजनव 025 तशत का छड़काव कर 4 रोग का नाम जड़ गलन (Root rot)

रोगजनक यज रयम जा त (Fusarium spp) ल ण तन का आधार गहरा भरा होकर मलायम हो जाता ह

नय ण क उपाय बीज को 55 ड ी स पर 15 मनट पानी म गम कर और मर य रक लोराइड (11000) क घोल म डबोए

12318 प तदार सि जया

1 रोग का नाम आ गलन (Dmmping off) रोगजनक प थयम जा त (Pithium mildew ) ल ण पौध का नचला भाग गल जाना

नय ण क उपायः बीजोपचार तथा भ म उपचार 2 रोग का नाम भभ तया रोग (Powerly mildew)

रोगजनक म त रोग जनक ल ण पि तय पर सफद या भरा चण जमा हो जाना

नय ण क उपायः कराथन - 005 तशत या बोड म ण 3550 का छड़काव कर

12319 ट पओका

1 रोग का नाम पणदाग (Leaf spot) रोगजनक सक पोरा कसावी (Cercospora cassarvae) ल ण पि तय पर भर हर ध ब जोबाद म भर रग क हो जात ह

नय ण क उपाय 1 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 2 लाइटा स 02 तशत का छड़काव कर

211

12320 रताल

1 रोग का नाम पणदाग (Leaf spot) रोगजनक सक पोरा कब नसी () ल ण पि तय पर भर या काल रग क ध ब हो जाना

नय ण क उपाय 1 बोड म ण 1 तशत का छड़काव कर 2 लाइटा स 02 तशत का छड़काव कर

2 रोग का नाम कद सड़न (Tuber rot) रोगजनक बो ओ ड लो डया थयो ोमी (Botrydodilodia theobramae) ल ण कद का सड़ना

नय ण क उपाय -कद उपचार (व लअ 03 तशत)

12321 पान

1 रोग का नाम पद गलन एव पि तय क ध ब (Foot rot amp leaf rot) रोगजनक फाइटो थोरा परा सटका (Phythophthora theobramae) ल ण पि तय पर गहर भ म रग क ध ब गोल च क प म उ प न होना पि तय पर जल स त ध ब होना बल भ म क समीप स गल जाना भा वत बल को चीर कर दखन पर म य म काल लक र दखलाई दती ह बल रशदार हो जाती ह

नय ण क उपाय 1 कलम को 1 तशत बोड म ण स 20 मनट तक लगान स पव उपचा रत कर 2 भ म उपचार 1 तशत बोड म ण (25 ल त मी2) ध ब प ट होन पर

005 तशत बोड म ण का छड़काव कर 3 15 दन क अतर म 005 तशत बोड म ण का छड़काव कर 4 छड़काव जलाई स अ टबर तक कर

2 रोग का नाम वीधा (Anthracnose) रोगजनक कोलटो ाइकम कपसीकाई (Colletorichum capsici) ल ण बल पर लब काल ध ब दखलाई पड़त ह बल गाठ स टट जाती ह

नय ण क उपाय 1 डायथन एम - 15 - 02 तशत का छड़काव 2 बा व ट न 01 तशत का छड़काव 3 रोग का नाम बकनी रोग (Powdery mildew)

रोगजनक अि डयम पापप रत (Oldium piparis) ल ण पि तय पर कपास जस ध ब दखलाई पड़त ह

नय ण क उपाय

212

1 स फ स (025 तशत) या स टाफ (025 तशत) या कोसान (025 तशत) का छड़काव

124 साराश जो अपन जीवनयापन क लए पौध को साधन बनाती ह पौध म अ धकाश रोग कवक

या फफद वारा उ प न होत ह व भ न कार क कवक पौध क को शकाओ क अदर जाकर याशील हो जात ह िजसस क रोग क ल ण कट होत ह चोट या खर च वारा उ ह पौध

क अदर वश करना सरल होता ह

125 बोध न 1 आम म लगन वाल म य फफद य रोग एवम उनका नय ण बताइए 2 आल म पाऐ जान वाल म य फफद य रोग एवम उनका नय ण बताइए 3 गोभीवग य सि जय म लगन वाल म य फफद य रोग तथा उनक रोगजनक बातइए 4 आम म लगन वाल रोग ए नोज(दजीतवबदवम) का रोगजनक---------ह

(अ) ओइ डयम मजीफर (ब) कोल ोटाइकम जा त (स) ज थोमोनास जा त (द) इनम स कोई नह

5 न न म स कौन स रोग नीबवग य फल म पाऐ जात ह (अ) स स ककर (ब) पक रोग (स) डाय बक (द) उपरो त सभी

126 सदभ थ 34 ReddyTYand redid GHS2000 Principles of Agronomy Kalyani

Publishers New Delhi 35 शमा ओपी इ टो डयाएसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 36 Singh Chidda 1999 Modern Techniques of Raising Field Crops

Oxford amp IBH Publishing company private limitedNew Delhi 37 Singh SS 1993 Crop Management under Irrigated and Rainfed

ConditionsKalyani PublishersNew Delhi 38 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स ात एव

फसल रामा पि ल शग हाउसए मरठ 39 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल शग हाउस मरठ

213

इकाई -13 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

इकाई क सरचना 130 उ य 131 तावना 132 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

1321 धान का पण झलसा रोग (Bacterial Leaf Blight Disease of Rice) 1322 धान का ल फ क रोग (Bacterial Leaf Streak disease of Maize) 1323 म का का पण झलसा रोग (Leaf Blight disease of Soyabean) 1324 म का का त भ वगलन रोग (Stalk Rot of disease Maize) 1325 सोयाबीन का झलसा रोग (Bacterial Blight disease Maize) 1326 अर डी का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Castor) 1327 तल का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Sesame) 1328 तल का पण झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Sesame) 1329 तल का जीवाणज व ट (Bacterial Wilt of Sesame) 13210 कपास क जीवाणज अगमार कोणीय पण च ती कषण शाखा रोग (Bacterial BlightAngular Leaf SpotBlack Arm disease of Cotton) 13211 जट का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Jute) 13212 पटआ सनई का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot of Sunhemp Bombay hem) 13213 ग न का लाल धार रोग (Red Strip disease of Sugarcane) 13214 ग न का रटन ट रटग (Ratoon Stuntting of Sugarcane) 13215 गह का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Wheat) 13216 गह का ल फ क एव लक चाफ रोग (Bacterial Leaf streak and Black Chaff disease of Wheat) 13217 गह का पीला वगलन रोग (Yellow Ear Rot disease of Wheat) 13218 जई का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Oat)

133 साराश 134 अ यासाथ न 135 सदभ थ

214

130 उ य इस इकाई का उ य आप को न न ब दओ स अवगत करना ह -

व भ न कार क फसल म पाए जान वाल मख जीवाण रोग क जानकार फसल क जीवाण रोग क रोग जनक जीवाण एव रोग क ल ण का प रचय फसल क जीवाण रोग का नय ण

131 तावना पादप मन य का मख भोजन ोत एव क ष का मलभत आधार ह जब कोई पादप

कसी रोग कारक स भा वत होता ह तो उसक उ पादन मता कम हो जाती ह अतः पादप-रोग व ान एक मह वपण वषय ह य क इसस पर खा य यव था भा वत होती ह जीवाण क कल 1600 जा तय म स लगभग 100 जा तया पादप म रोग क कारक होती ह अ धकतर पादप रोग जनक जीवाण Facultative Saprophytes होत ह पादप पर जीवाणओ क स मण स व श ट रोग होत ह और इन रोग स उ प न ल ण पादप परजीवी सबध जा तया एव पयावरण पर नभर करत ह तथा इनक आधार पर पाय जान वाल सामा य जीवाण रोग क ल ण न न होत ह - 1 झलसापन (Blights) - जीवाण क आ मण क फल व प पौध क भा वत भाग म बह त

तजी स और यापक प रगलन होता ह अन तः पादप झलसन क ि थ त म पह च जाता ह 2 मद गलन (Softrots) -जीवाणओ क ए जाइम या व ध स पादप क को शकाओ एव

म यम परत (Middle Lamella) क वघटन स उ तक नरम हो जाना इसका मख ल ण ह

3 पण च ती (Leaf Spot) - इस रोग म जीवाण र क मा यम स वश करता हआ आसपास क उ तक का वलगन कर दता ह जो सतह पर प रग लत क प म दखाई दता ह यह मत उ तक भर जल ात एव आकार म सी मत होत ह

4 अबद एव घाव (Tumours and Galls) - कई जीवाण रोग म रोग जनक क भाव स उ तक क अ तव एव अ त सार (Hyperplasia) पाया जाता ह

5 नासर (Cankers) - उ तक क (प रगलन) न ो सस एव अ त त उ तक क काग को शकाओ क उ पादन क त या व प पि तय टह नय एव फल पर cankers बन जात ह

6 सवहनी रोग (Vascular disease) - कछ जीवाण सवहन उ तक म कि त हो जात ह जीवाणओ क कछ मख पादप रोगजनक वश न न ह -

(1) ज थोमोनास (Xanthomonas) (2) टोमाइसीज (Stroptemyces) (3) ए व नया (Erwinia) (4) यडोमोनास (Pseudomonas) (5) लोवीब टर (Clavibacter)

215

(6) ए ोब ट रयम (Agrobacterium) (7) िजलला (Xylella) पादप रोग जनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तय का चलन ह पादप रोग व ान क अ तरा य स म त (International Society of Plant Pathology) जीवाणओ म च लत नाम को बनाए रखन म उपय त ताव दन क लए एक पथोवार नाम प त (System of Pathovar names) को बनान म सफल ह ई िजनक जा तय क नाम च लत होन क साथ साथ पादप जीवाण व ा नक वारा मा य भी ह पर त कसी कारण स वीकत स चया (approved lists) म थान नह पा सक थ अतः य पथोवार अथवा उपजा तया चलन म ह पादप क जीवाण रोग ायः बीज मदा क ट एव पानी क सहायता स फलत ह तत इकाई म खर फ एव रबी क फसल को भा वत करन वाल मख रोग जनक जीवाणओ उनक ल ण एव इन रोग क नय ण क बार म उ लख कया गया ह

132 फसल क म य जीवाण रोग एव नय ण

1321 धान का पण झलसा रोग Bacterial Leaf Blight disease of Rice)

रोगजनक यह रोग ज थोमोनास ओराइजी पथोवार ओराइजी (Xanthomanas oryze pv Oryzal)

वारा फलता ह ल ण यह रोग पौध क अकरण अव था (Seeling Statge) स लकर प रप व अव था तक कभी

भी हो सकता ह इस रोग म ल ब सख त (dry lesions) प ती क ऊपर भाग स श होकर प ती क कनार- कनार म य भाग क तरफ बढ़त ह सख पील प त क साथ साथ सख राख क रग क ल ब ल ब चकत (lesions) भी दखाई दत ह स मण क अगल अव था म पर प ती सख जाती ह

नम मौसम म पादप क रोगी भाग स छोट -छोट धधल बद क प म ह क अ बर रग का जीवाणज नपक (Bacterial ooze) बाहर नकलता ह रोग त पादप क सवहनी पल या बडल जीवाणओ स भर जात ह और पादप क म य हो जाती ह

नय ण 1 रोग क कट होन पर कछ समयक लए खत म खड़ पानी को नकाल द 2 रोग त फसल क पदावार का बीज क लए उपयोग न कर 3 रोग लगन पर न जन वाल खाद का योग कम कर द व 5 दन क लए टाप सग

रोक द 4 बीज को ए ीमाइसीन 100 क 0025 तशत घोल+जल म णीय सरसान क 005

तशत घोल म 8 घट तक रखन क बाद 30 मनट क लए 52-54 ड ी स तापमान पर ऊ ण जल उपचार करक बीजोढ़ जीवाण को समा त कया जा सकता ह

216

5 बीज को कवल सरसान (001)+ टोसाइि लन (03g को 25 गलन जल म) क घोल म 8 घट तक उपचा रत करन स जीवाण मर जात ह

6 धान क रतना पकज IR-20 IR-36 P2-21 साकत-4 वजय राज धान 202 आ द क म बीमार रोधक ह

1322 धान का ल फ क रोग (Bacterial Leaf Streak disease of Rice)

रोगजनक यह रोग जीवाण ज थोमोनास ओराएिजकोला (Xanthomonas oryzicola) क कारण

होता ह ल ण

यह एक पण रोग ह रोग का पहला सकत transluscent interveinal धा रय क उपि थ त ह इन धा रय म पीला या ए बर मोती जीवाण exudates चर मा ा म होता ह जब य सखत ह तो pustules का खरदरापन महसस कया जा सकता ह

नय ण 1 0025 Streptocyclin एव गम पानी म बीज को 30 मनट तक भगोकर उपचा रत

कया जा सकता ह 2 015-03 वाइटाव स (Vitavax) का छड़काव कर

1323 म का का पण झलसा रोग (Leaf Blight disease of Soyabean) रोगजनक

1 यह रोग लवीब टर म शगन सस (Clavibacter Michiganesis subsp Netbraskensis) वारा होता ह

ल ण अ डाकार ल ब-ल ब भर रग क ध ब पि तय क नचल ह स म यादा होत ह कभी

-कभी पौधा झलसा सा दखाई दता ह लाल लए ह ए भर रग क समा तर धा रया िजनम एक स 3-4 समी क गोलाकार ध ब दखाई दत ह

नय ण 1 िजनब का (Dithane ndash 78) 012 क घोल का छड़काव ल ण दखत ह ार भ

करना चा हए तथा भ नकलन तक यक स ताह छड़काव करना चा हए 2 रोग रोधी क म बोनी चा हए

1324 म का का त भ वगलन रोग (Stalk Rot disease of Maize) रोगजनक यह रोग ए व नआ ाएसि थमी तपदप बीतलदजीउप क वारा होता ह

ल ण

217

वगलन नीच ि थत नोडस पर होता ह और सी मत प स त भ क नीच ऊपर स गजरता ह त भ नरम हो जाता ह और लचील भा वत पौध तजी स नीच गरन लगत ह वगलन क अ म अव था म पि तया पील एव सखनी श हो जाती ह

बा लया नकलन लगती ह और कभी-कभी फसल स मत होकर लटक जाती ह नय ण

1 त भ क चार ओर पानी क सचय स बचना चा हए 2 22 तशत य त लोरो सन (Chlorocin) का दो बार मदा उपचार प पीकरण क

पहल एव थम क 10 दन बाद नय ण म सहायक ह 1325 सोयाबीन का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Soyabean)

रोगजनक यह रोग यडोमोनसास सरज पथोवार लाइसी नया (Pseudomonas syringae pr

Glycinea) वारा होता ह ल ण

इसका भाव पहल छोट पौध पर दखाई दता ह पौध क अ त थ क लका भर रग क हो जाती ह नीच क पि तय पर जग क समान भर ध ब बन जात ह

फ लया छोट आती ह बढ़वार मार जाती ह फसल पकन क बाद भी रोग त पौध टट ह दखाई दत ह

नय ण 1 िजनब या मनब क घोल का छड़काव कर 2 भा वत जा त Pb1 बोय 3 म का व वार क साथ फसल च म उगाए

1326 अर डी का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Castor)

रोगजनक इस रोग का कारण जीवाण ज थोमोनास रसीनी (Xantomonas ricini) ह

ल ण रोगजनक बीजप पण एव पण शराओ पर हमला करता ह और कछ छोट गोल

जला ात ध ब पदा करता ह जो बाद म कोणीय और गहर भर काल हो जात ह य ध ब सल यत होकर अ नय मत हो जात ह और बाद म पील भर और भगर हो जात

ह पण क दोन सतह पर जीवाणज अवपक छोट चमक ल मोती क प म दखा जा सकता

ह नय ण

1 बीज को बोन स पहल 25 हउ क टान या थायराम त ा बीज क दर स उपचा रत करक बोए

2 बीज का 580C - 600C पर गम पानी उपचार भी सहायक ह

218

1327 तल का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Sesame) रोगजनक

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सर ज पथावार ससमी (Pseydomonas syrinal pr

Sesami) वारा होता ह ल ण

यह रोग गहर कनार वाल ह क भर कोणीय ध ब क प म पि तय पर कट होत ह य ध ब शराओ पर सी मत होत ह कई ध ब मल कर एक बड़ को ढक लत ह और पर प ती ह सख जाती ह

य जीवाण तन एव क सल को भी भा वत करता ह नय ण 1 टोमाइ सन क 250 500 एव 1000 ppm वलयन म बीज को 1 घट तक

डबो कर रखन स बीज वारा फलन वाला स मण रोका जा सकता ह 2 खत म स मण रोकन क लए 1000 ppm ऐ ीमाइ सन स बीज को उपचा रत

कर 100 ppm ऐ ोमाइ सन का छड़काव कया जा सकता ह

1328 तल का पण झलसा रोग (Bacterial Leaf Blight disease of Sesame)

रोगजनक इस रोग का कारक जीवाण ज थोमोनास क पि स पथोवर ससमी (Xanthomonas

compestris pr Sesame) ह ल ण

इसक ारि भक ल ण बीज-प cotylldonary leaves पर छोट ह क भर जला ात (Water soaked) ध ब क प म कट होत ह धीर-धीर दो गहर भर एव बड़ होत जात ह

बाद म काल होकर एक दसर स मल कर अ नय मत ध ब बनात ह प ती सख जाती ह तना एव क सल भी भा वत होत ह नय ण तज वक एव अग नो मर य रल वारा बीज उपचा रत कए जा सकत ह टordf टोसाइि लन एव कापर आ सी लोराइड क 10 दन क अतराल पर 3 छड़काव

भी रोग नय ण म सहायक ह

1329 तल का जीवाणज व ट (Bacteria Wilt of Sesame)

रोगजनक इस रोग का यडोमोनास सोलन सरयम बायोवार 3 (ralstonia solanacearum

biovar 3) ह ल ण

219

ल चग पाउ डर टोसाइि लन एव म टड कक क म ण मदा उपचार रोग नय ण म मह वपण ह

Pb तल न 1 इस जीवाण स कम भा वत होती ह

13210 कपास क जीवाणज अगमार कोणीय पण च तीक ण शाखा रोग (Bacterial Blight Ahngular Leaf SpotBlack Arm disease of Cotton)

रोगजनक यह रोग ज थोमोनास क प ज पथोवार मा व सरम (Xanthomonas compestris

pv Malvacerum) नामक जीवाण स होता ह ल ण

जीवाण पौध क सभी भ म क ऊपर वाल भाग पर आ मण करता ह और व भ न कार क रोग ल ण उ प न करता ह

रोग क ार भ म नवो द क बीजप ो पर गोल जल स त व त (watersoaked lesions) दखाई दत ह जो बाद म बढ़ कर अ नय मत और भर रग क हो जात ह

प रप व पौध क पि तय पर पहल जल स त ध ब कट होत ह जो कोणीय (angular) हो जात ह तथा स म शराओ वारा घर रहत ह और य गहर भर रग स काल रग म बदल जात ह

स मण प ती क बड़ी शराओ एव स म शराओ स फलता हआ पणव त एव तन पर पह च जाता ह गहर भर स काल रखीय धस ह ए ध ब बनत ह जो तन एव शाखाओ क चार ओर मखला (girdle) बना सकत ह िजसस पि तया पकन स पहल ह झड़ जाती ह और व थ पौध क थान पर व श ट काल भजा (Black arm) खड़ी दखाई दती ह

जीवाण कपास गोलक (bolls) म भी स मण कर सकता ह नय ण

1 बीज को बोन स पहल टोमाइसीन स उपचा रत करना चा हए 2 001 तशत ए ोमाइसीन का पौध पर छड़काव करना चा हए 3 कपास क रोग तरोधी क म जस (HC-09 BJA-592 P-14-T-12 101-102b

ख डवा ndash 2) आ द को बोना चा हए

13211 जट का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease of Jute)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास जा त (Xanthomonas Sps) वारा होता ह

ल ण

220

पण पर य चकत एक पील भामडल (yellow halo) स घर रहत ह गभीर स मण अव था म ध ब सल यत हो जात ह और पण झड़न लगत ह

रोग नचल पि तय स ऊपर क तरफ फलता ह तन पर भर - काल रग क छोट छोट (5 mm स भी कम) चकत दखाई दत ह

और बाद म बड़ हो जात ह तना टट जाता ह फाइबर रगह न हो जाता ह

नय ण 1 कई वष तक एक खत स जट क फसल नह लनी चा हए 2 075 तशत का फाइटोलान या लाइटो स क घोल स भा वत पौध पर छड़काव

कर 3 तरोधी जट क म का योग नय ण म सहायक ह

13212 पटआ या सनई का पण च ती रोग (Bacterial Leaf Spot disease Spot of Sunhemp Bombay hemp)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास जा त (Xanthomonas Sps) वारा होता ह

ल ण इसम पि तय पर चकत बन जात ह अ म अव था म य ध ब सल यत होकर पण को ढक लत ह

नय ण 1 खत स उ चत जल नकास का ब ध कर 2 उ चत फसल च अपनाए

13213 ग न का लाल धार रोग (Red Strip sisease of Sugar cane)

रोगजनक यह रोग ज़ थोमोनास ब र ल नय स (Xanthomonas rubrilineas) वारा

होता ह ल ण

इसम पतल लाल धार पि तय क नचल सर स ार भ होकर नस क समा तर बढ़ती ह

कोप अ धक दान पर पि तया लाल दखाई दन लगती ह नय ण

1 रोकथाम क लए रोगरोधी क म बोनी चा हए 2 रोगरोधक जा तया जस बोनी चा हए COLK 3102 CoS 8432 Co 62399 3 बोन स पहल टकड़ को 22 मनट तक गम पानी म 50 ड ी स म डबोन स बह त

बीमा रया नह लगती

221

4 पौध पर बीमा रय क ल ण दखाई दत ह पौध खत स उखाड़ दन चा हए

13214 ग न क रटन ट टग (Rattoon Stunting of Sugar cane)

रोगजनक इस रोग का कारक जीव लवीब टर जाइल (Clavibacter zyli) ह

ल ण रोग त पादप अव वकास पीत पण एव छोट अतर - नोडस रखता ह रोग त बीज क germinability कम होती ह इस रोग क व श ट ल ण को अनलबीय ग ना खोलन क बाद ह दखा जा सकता

ह म जा म दो कार का discolouration दखाई दता ह प रप व पादप म नारगी लाल रग एव यवा पादप म गलाबी रग नो स क पास दखा जा सकता ह

नय ण 1 व थ फसल स ह बीज सट का योग कर 2 बीज ग न का गम हवा उपचार (8 घट क लए 54 ड ी स पर) रोग क रोकथाम म

सहायक ह 3 रोग त फसल ratooning क लए चय नत नह क जानी चा हए

13215 गह का झलसा रोग (Bacterial Blight diseases of Wheat)

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सरज उपजा त सरज (Pseudomonas syrinage

subsp syringae) वारा होता ह ल ण

पादप क इववज जहम तक पह चन पर इस रोग क ल ण सबस ऊपर वाल पि तय पर दखाई दत ह छोट (004 इच स कम) जला ात चक त फलन लगत ह और अततः सग ठत हो जात ह

ार भक घाव न ो टक (मत-उ तक य) होकर हर स सफद हो जात ह नम मौसम म पि तय पर चकनी बद दखाई दती ह पर पण न ो टक हो जाती ह क त head एव glumes ल ण र हत रहत ह

नय ण 1 रोगर हत बीज क योग वारा इस रोग का स मण व सार कम कया जा सकता ह 2 आ प रि थ तय को नय त कर 3 रोग तरोधक जा तय का योग कर

13216 गह का ल फ क एव लक चाफ रोग (Bacterial Leaf streak and Black Chaff disease of Wheat)

रोगजनक

222

इस रोग का कारक जीवाण ज थोमोनास क ि स पथोवार ास यस स (Xanthomonas campestris pv Translucens) ह

ल ण इस रोग क ल ण ायः ऊपर पि तय पर जला ात चमकदार छोट-छोट ध ब स

श होत ह य ध ब फल कर सग ठत हो जात ह तथा व भ न ल बाई क चमकदार धा रय म बदल जात ह हर रग क य धा रया बाद म पील-भर रग म बदल जाती ह य धा रया पण क ल बाई म फलती ह पर त पण शराओ (leaf veins) तक ह सी मत होती ह नम मौसम म जीवाण अवपक रोग त ऊतक पर चप चपी बद क प म कट हो सकता ह

काल फस (Black Chaff) ल ण heading क बाद कट होत ह तष Glumes का ऊपर भाग स मण दशाता ह Awns पर व थ व न ो टक ऊतक क ब ड बनना Black chaff का व श ट ल ण ह

नय ण 1 फसल च क सहायता स इस रोग क सार को कम कर सकत ह 2 स मत बीज का योग न कर फाम लन या कापर स फट स उपचा रत बीज

स मत नह होत ह 3 रोग तरोधक जा तय का योग सव तम ह

13217 गह का पीला वगलन रोग (YellowEar Rot disease of Wheat)

रोगजनक यह रोग लवीब टर टसाई (Clavibacter tritici) जीवाण वारा होता ह

ल ण इस रोग क ारि भक अव था म भा वत पौध क नचल पि तया सकड़ जाती ह

तथा म यवत पि तया ऐठ जाती ह पर बाल एक चमक ल पील चप चप अवपक स ढक जाती ह इस अवपक क कारण तष तना एव पण छद एक दसर स चपक कर बध जात ह िजसस पौध क व क जाती ह और तना वकत हो जाता ह

नम मौसम म यह अवपक बहन लगता ह तथा श क मौसम म यह सख कर कठोर भगर एव पील या भर रग का हो जाता ह य ल ण फसल क पकन पर कट होत ह

नय ण 1 व थ बीज का चयन करना चा हए 2 खत म जल नकास का उ चत बध होना चा हए 3 उ चत फसल - च अपना कर इस रोग स बचा जा सकता ह 4 खत स रोगी बा लय को तोड़ कर जला दना चा हए 5 खत क ी मकाल न जताई रोगाण न ट करन म सहायक ह

223

13218 जई का झलसा रोग (Bacterial Blight disease of Oat)

रोगजनक यह रोग यडोमोनास सरज पथोवार कान फ शय स जीवाण वारा ज नत ह

ल ण पण पर छोट जला ात एक ह क पील भामडल (yellow halo) स घर ध ब

दखाई दत ह य ध ब पहल हर होत ह और बाद म ह क भर हो जात ह स मण क गभीर

अव था म पण सख कर भर जाती ह कभी-कभी य ध ब hulls पर पाए जा सकत ह

नय ण फसल च अपनाए सव मत बीज का योग न कर बीज उपचार क रोकथाम म सहायक ह जई क रोग तरोधी क म का योग कर

133 साराश मन य क भोजन का मख ोत एव क ष का मलभत आधार पादप कसी रोग-कारक

स भा वत होन पर कम उ पादन मता दशाता ह व भ न कार क रोग-कारक म स जीवाण क लगभग 100 जा तया पादप को स मत करती ह जीवाणओ क स मण क फल व प पादप blight soft rot leaf spot tumors amp galls cankers amp vascular wilts जस ल ण दशात ह व भ न कार क फसल पर जीवाणओ क आ मण स उ प न होन वाल ल ण क आधार पर उनक नय ण क यास कए जात ह

पादप म ह न वाल जीवाण-रोग क रोकथाम एव नय ण क लए कए गए उपाय उनक उ चत मा ा क अन प ह भाव दखात ह कम या अ धक मा ा म य रसायन पादप क उ पादन मता पर नकारा मक भाव दखात ह

तत अ याय म कछ मख जीवाण रोग जस धान म का सोयाबीन तल कपास गह व जई क झलसा रोग अर ड़ी तल पटआ क पण च ती रोग म का गह क जीवाण वगलन रोग ग न क लाल धार व रटन ट टग तथा तल क व ट क रोगजनक रोग ल ण व उनक नय ण पर व तत चचा क गई ह

134 अ यासाथ न 1 जीवाणओ क लगभग कतनी जा तया पादप म रोग क कारक होती ह

(अ) 10 (ब) 100 (स) 500 (द) 1000

2 म का क त भ वगलन रोग का कारक जीव ह - (अ) लवीब टर (ब) ज थोमोनास (स) ए व नआ (द) िजलला

224

3 पादप-जीवाण रोग का सबस सामा य ल ण ह - (अ) ाउन गाल (ब) सॉ ट रोट (स) ल फ पॉट (द) व कलर व ट

4 न न म स कौनसा रोगजनक जीवाण नीह ह - (अ) लवीब टर (ब) यडोमोनास (स) राइजो बयम (द) ज थोमोनास

5 जीवाण रोग स उ प न सामा य ल ण का स त वणन क िजए 6 मख पादप रोगजनक वश का उ लख करत ह ए उनस उ प न पादप रोगो क चचा क िजए 7 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार स आप या समझत ह 8 धान म का गह जई सोयाबीन तल कपास एव जई क जीवाणज पण झलसा रोग पर

व तत लख ल खए 9 ग न म पाए जान वाल जीवाण-रोग का वणन क िजए 10 न न म वभद क िजए-

1 Rot amp Spot 2 Blight amp Streak 3 Black Arm amp Black Chaff symtoms

135 सदभ थ 1 अहलावत आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त

एव फसल रामा पि ल शग हाउस मरठ 2 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ 3 Singh RS 2009 Plant Diseases Oxford amp IBH Publishing 4 Mishra SR 2003 Bacterial Plant Diseases DPH Publisher 5 Duveiller E L Fucikovsky and Rudolph K 1998 The Bacterial

Diseases of Wheat Concepts and of Disease management CIMMYT Mexica

6 Rongaswamin G and Mahadivan A 2006 diseases of Crop Plants in India Prevtice- Hall of India Pvt

225

इकाई - 14 बागवानी फसल क म य जीवाण रोग एवम नय ण

इकाई क परखा 140 उ य 141 तावना 142 पदप रोगजनक जीवाण का बग ज़ वग करण 143 मख पादप रोगजनक वष 144 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तया 145 बागवानी फसल क म य जीवाणज राग

1451 आल का जीवाणज भरा वगलन एवम ला न 1452 स स ककर या नीब का खरा रोग 1453 गाजर का मद वलगन 1454 स स हर तमा या नीब का ह रत रोग 1455 टमाटर का जीवाण मरझान 1456 लक लग ऑफ पोटटो 1457 फ लय का झलसा रोग 1458 पान का पण दाग 1459 पान क पि तय का झलसन ककर

146 साराश 147 बोध न 148 सदभ साम ी

140 उ य इस इकाई कर पढ़न क बाद आप इस यो य हो सकग क - फल एवम सि जय क म य जीवाण रोग क जानकार ा त कर पाएग जीवाण रोग क रोग क ल ण एवम रोग च जान पाएग इन रोग का रोग बधन ान कर पाएग

141 तावना जीवाण भी अ वक सत वन प त ह जो पौध म र क अदर जाकर व करती ह चोट या खरोच वारा भी पौध क अदर वश कर जाती ह इनक बीजाण भी वायमडल जल भ म आ द म उपि थत रहत ह पौध क अदर जाकर उ चत वातावरण मलन पर याशील हो जात ह िजसस पौध म ध ब होना सख जाना आ द ल ण दखाई दत ह

226

142 पदप रोगजनक जीवाण का बग ज़ वग करण (Bergeyrsquos Classification of Plant Pathogenic Bacteria)

जगत (Kingdom) ोक रयोट (Prokaryotae) जीवाण (Bacteria) को शका झ ल एवम को शका भ ती उपि थत होती ह वभाग (Division) सल यट ज (Graacilicutes) म-अ ाह जीवाण वग (Class) ो टऔब ट रया (Proteobacteria) बह धा एककोशीय जीवाण कल (Family) ऐ टरोब ट रएसी (Entero Bacteriaceae) वश (Genus) ए व नया (Acidovorax) सब एवम नाशपाती क द ध अगमार गददार

सि जय का मदा वगलन कल (Family) यडोमोनाडसी (Pseudomonadaceae) वश (Genus) ए सडोवोर स (Acidovorax) म का तरबज एवम आ क स क पण चि तया

यडोमोनास (Pscudomonas) अनक पौध क पण च ती अगमार सवहन ला न मद वगलन ककर एवम प टका रोग

राइज़ोब टर (Rhizomonas) गाजर का जीवाणज प टका राइजोमोनास (Rhizomonas) सलाद का कॉक मल वगलन रोग ज थोमोनास (Xanthomonas) वा षक एवम बह वष पौध क अनक पण चि तया फल चि तया एवम बह वष पौध क अनक पण चि तया एवम अगमा रया सवहनी ला न व स स ककर जाइलो फलस (Xylophilus) अगर का जीवाणज ऊतक य एवम ककर

कल (Family) राइजो बएसी (Rhizobiaceae) वश (Genus) ए ोब ट रयम (Agrobaterium) सब अगर खबानी चक दर इ या द का शखर प टका राइजो बयम (Rhizobium) फल दार फसल म मल ि थया कल (Family) अभी तक नाम र हत वश (Genus) िजलला (Xylella) व एव अगर लताओ पर पण प रदाह एवम शीषारभी य रोग वभाग (Division) फ म यट ज (Firmibacteria) म ाह जीवाण वग (Class) फ मब ट रया (Firmibacteria) बह धा एक फ मब ट रया वश (Genus) ब ललस (Bacillus) कद बीज एवम पौद क वगलन तथा गह का वतधार रोग लाि डयम (Clostridium) भडा रत कद एवम पि तय क वगलन तथा ए म एवम पॉ लर

या चनार का आ का ठ वग (Genus) थलोब ट रया (Thallobacteria) शाखन जीवाण

227

वश (Genus) ऑथोब टर (Arthrobacter) गलखरा क जीवाणज अगमार लवीब टर (Clavibacter) लसन या रजका आल एवम टमाटर म जीवाणज लानी

कटोब ट रयम (Curtobacterium) सम एवम दसर पौध म ला न रोग रोडोकॉकस (Rhodococcus) वीट पी का तभ ग छाभन

टोमाइसीज (Streptomyces) सामा य आल कब मा ल य स (Mollicutes) माइको ला मा स श जीव (Mycoplasmalike organisms-MLOs) को शका भ ती का अभाव तथा कवल को शका झ ल उपि थत वभाग (Division) टन र यट ज (Tenericutes) वग (Class) मॉ ल यट ज (Mollicutes) कल (Family) पाइरो ला मटसी (Spiroplasmataceae) वश (Genus) पाइरो ला मा (Spiroplasma) म का तभन या व रोध स स अव रोग कल (Family) अब तक अ ान वश (Genus) अ नि चत या अप रभा षत फाइटो ला मा (Phytoplasma) क प म जान जात ह िज ह पहल माइको ला मका-स श जीव (MLOs) कहा जाता था - व एवम कछ वा षक पौध म अनक पीत रोग चरो वन एवम अप य रोग उ प न करत ह lsquoबग ज़ मनअल ऑफ डट मन टव ब ट रयोजीrsquo क वष 1994 म का शत 9 व स करण क अनसार जीवाणओ को 35 वग या समह क अ तगत वग कत कया गया ह नीच कवल पादप रोगजनक जीवाणओ एव उनक समह को दया गया ह - वग या समह (Group 4) म - अ ाह वायजीवीअ पवात य शलाका या छड़ एवम गोलाण (Gram-Negative AetobicMicroaerophilic Rods and Cocci) उपवग या उपसमह ए (Subgroup A) वश (Genera) ए ोब ट रयम (Agrobacterium) यडोमोनास (Pseudomonas) राइजोब टर (Rhizobactor) राइजो बयम (Rhizobium) राइजोमोनास (Rhizomonas) ज थोमोनास (Xanthomonas) िजलला (Xylella) जाइलो फलस (Xylophilus) वग या समह 5 (Group 5) वक पी प स अवायवीय म-अ ाह शलाका या छड़ (Facultatively Anaerobic Gram-Negative Rods) उपवग या उपसमह 1 (Subgroup 1) कल (Family) ऐ टरोब ट रएसी (Enterobacteriaceae) वश (Genus) ए व नया (Erwinia) वग या समह 20 (Group 20) अ नय मत बीजाण अन पाद गरम- ाह शलाका या छड़ (IrregularNon sporing Gram-Positive Rods and Cocci) वश (Genera) आथौब टर (Arthrobacter) लवीब टर (Clavibacter) को रनब ट रयम (Corynebacterium) कट ब ट रयल (Curthobacterium)

228

वग समह 18 (Group 18) अतः बीजाण बनान वाल गरम- ाह शलाका या छड़ एवम गोलाण (Endospore-forming Gram-Positive Rods and Cocci) वश (Genera) ब सलस (Bacillus) लॉ डयम (Closridium) वग या समह 22 (Group 22) नोका डयोफॉम ऐि टनोमाइ सट ज (Nocardioforma Actinomyeetees) उपवग या उपसमह 1 (Subgroup 1) वश (Genera) नोका डया (Nocardia) रोडोकॉकस (Rhodococcus) वग या समह 30 (Group 30) माइको ला मा (अथवा मॉ ल य स को शका भि तह न जीवाण (Mycoplasmas(or Mollicutes) Wall Bacteria) वश (Genera) माइको ला मा (Mycoplasma) पाइरो ला मा (Spirplasma) अ नि चत या अप रभा षत फाइटो ला मा = माइको ला मा स श जीव (Phytoplasms=MLOs)

143 मख पादप रोगजनक वष जीवाणओ क कछ सबस अ धक सामा य पादप रोगजनक वश (Phytopathogenic genera) क म य ल ण न न ह - 1 ए ोब ट रया (Agrobacterium) 2 लवीब टर (Clavibactet) 3 ए ब नया (Erwinia) 4 यडोमोनास (Pseudomonas) 5 ज थोमोनास (Xanthomonas) 6 टोमाइसीज (Streptomyces) 7 िजलला (Xylella)

144 पादप रोगजनक जीवाणओ म पथोवार अथवा उपजा तया यह शका करक क कछ पादप रोगजनक जीवाणओ वशष प स यडोमोनास एवम ज थोमोनास वश क अनक जा तय को करमान एवम सहयोगी (Skerman et al1980) वारा का शत lsquoजीवाण नाम क वीकत स चय rsquorsquo (Approved lists of Bacterial Names)

म थान नह मल सकगा पादप रोग व ान क अ तरा य स म तrsquorsquo (International Society of Plant Patholigy) न जीवाणओ क च लत नाम को बनाय रखन म उपय त

ताव दन क लए एक स म त का गठन कया डाइ एवम सहयोगी (Dye et al1980) क यह स म त जीवाण क उन जा तय क नाम क लए एक lsquolsquoपथोवर नाम प तrsquorsquo (System of pathova names) को बनान सफल ह यी िजनक जा तय क नाम च लत होन क साथ-साथ पादप जीवाण व ा नक वारा मा य भी थ पर त कसी कारण स lsquo वीकत स चय म थान नह हो पाया य क इसको ज थोमोनास क पि स स अ धक भ न नह माना गया था अतः इस जा त का नाम ज थोमोनास क पि स पथावार ओराइजी रख दया गया इसी कार दसर

229

जा तय जस यडोमोनास वसीकटो रया का नाम यडोमोनास स रगी पथोवार वसीकटो रया रखा गया म य जीवाण 1 आल का परा वगलन (Brown rot of Potato)

यडोमोनास सोलन सएरम

2 स स ककर (Cirrus canker)

ज थोमोनास क पि स पथोवार स ाई

3 धान का जीवाणज अगमार (Batcterial blight of Paddy)

ज थोमोनास क पि स पथोवार ओराइजी

4 कपास का कोणीय पण च ती रोग (Angular leaf sport of cotton)

ज थोमोनास क पि स पथोवार मालप सयरस

5 सब एवम नाशपाती का द ध अगमार (Fire blight of Apple amp Pear)

ए व नया एमीलोवोरा

6 गाजर का मद वगलन (Soft rot of crucifers)

ए व नया करोटोवोरा

7 सीफ़र का काला वगलन (Black rot of crucifers)

ज थोमोनास क पि स पथोवार क पि स

8 ग न का लाल धार रोग (red stripe of sugarcane)

यडोमोनास बी ल नय स

145 बागवानी फसल क म य जीवाणज राग

1451 आल का जीवाणज भरा वगलन एवम ला न

आल का यह रोग म य प स उ णक टब धीय म बह त अ धक मलता ह भारत म लगभग सम त आल उगान वाल म य जस - हमाचल दश उ तर दश पि चम बगाल म णपरा परा मघालय उड़ीसा एव त मलनाड इ या द म इसका कोप बह तायत स होता ह महारा म य दश कनाटक (मसर) क पठार भाग एव बहार क कछ भाग म भी आल क फसल पर इसका आ मण पाया गया ह तथा आ दश म भी पछल कछ वष स इसक शकायत मल ह भारत म जहा आल बरसात म उगाया जाता ह वहा इस रोग का कोप बह त यापक होता ह पि चम बगाल और उड़ीसा क मदान भाग म द ण भारत क

पठार म यह रोग आल क अ त र त टमाटर बगन मच इ या द पर भी पाया जाता ह ायः इस रोग क आ मण स पौध शश अव था म मर जात ह तथा यह आलओ को गोदाम एव

प रवहन क दौरान भी गला कर बह त अ धक हा न पह चाता ह कमाऊ और नील गर क पहाडय पर इस रोग क कारण लगभग 30-70 तशत हा न होन का अनमान ह ल ण -

230

रोग त पौध क भ म स ऊपर वाल भाग दन म मरझा जात ह और स या क समय तापमान कम होन पर पनः व थ स दखाई पड़न लगत ह रोग का कोप अ धक बढ़न पर रोग त

पौध बोन एव का य रग क हो जात ह तथा इनक नचल पि तया पील पड़ जाती ह और शी ह पौध मरझा कर सखन लगत ह अ धक नमी एव गम क कारण रोग उ प न करन वाल जीवाण शी ता स बढ़त ह और तन का नचला भाग भी सड़न लगता हरोगी तन एव आलओ क अ दर का भाग भर रग म बदल जाता ह इस रोग को भरा वगलन इ स लए कहत ह क सवहन पल म दा ऊतक का रग भरा हो जाता ह यह भरापन रोग

त तन क सतह पर गाढ़ ध ब अथवा वण रखाओ क प म मलता ह आल क रोग कद को य द काटा जाय तो सवहन पल क भर हो जान स एक भरा वलय दखाई दता ह िजस कारण स यह एक सवागी या द हक सवहनी त रोग ह जब रोग का अ धक कोप होता ह तो कद पर ि थत आख क लकाय काल हो जाती ह तथा इनक सर पर स जीवाणज चप जसा नकलता हय द रोगी कद या तन को आड़ प म काटन पर अग लय स दबाया जाय तो गल ह ए भर सवहनी बडल क वलय स एक चप चपा भरा सफद जीवाणज नपक या रस क बद बाहर नकल पड़ती ह य य प रोग त पौध क सभी कद रोगी नह होत ह पर त अ सर अ धकाश कद पर रोग का स मण हो जाता ह रोग च

यह एक मदोढ़ रोग ह रोगजनक जीवाण भ म म 9 स 16 माह तक जी वत रहता ह तथा यह रोधी पौध अवशष एव मदा म छट कद पर भी मतजीवी प म रहता ह इस रोग का जीवाण कद म भी जी वत रहता ह और स भवतःनम थान पर रोग फलान का म य कारण यह बीज आल होत ह जब बवाई क लए बीज कद को चाक स असावधानी स काटत ह तो जीवाण चाक क मा यम स व थ कद म भी पह च जाता ह जीवाण घाव क रा त स स मण करत ह खत म नराई-गड़ाई करत समय य द असावधानी क कारण पौध क जड़ पर घाव बन

231

जात ह तो स मण क स भावना बढ़ जाती ह खत म जीवाण सचाई एव वषा क जल म ी एव य वारा फलत ह मदा का उ च तापमान एव अ धक नमी रोग को बढ़ान म सहायक होती ह ायः अ ल य एव ार य दोन ह कार क मदाओ म यह रोग समान प स फलता ह बधन -

रोग फलान वाल अनक कारण को यान म रखत ह ए न न रोकथाम क उपाय को करन स रोक क रोकथाम क जा सकती ह

1 कम स कम तीन वष का फसल च म का गह ज सोयाबीन लाल शरा घास इ या द क साथ अपनाना चा हए

2 बीज क लए आल का चयन सदव ऐस थान स करना चा हए जहा इस रोग का कोप न हआ हो कद को बोन स पहल चाक स बीच म लगभग आधा समी गहरा काटकर 30 मनट तक ो टोसाइ ल न नामक दवाई (2 ाम दवा एव 10 ल टर जल) क घोल म डबोना चा हए

3 य द मदा उपचार कछ रसायन जस लोरो प न गधक चना इ या द स कया जाय तो मदा म उपि थत सभी जीवाण न ट हो जात ह मदा उपचार एक तशत 05 तशत नीला थोथा अथवा 05 तशत टोसाइ ल न क वारा भी कया जा सकता

ह पर त यह उपचार महगा होन क कारण अ यावहा रक ह 4 रोग त पौध-अवशष एव कद को खत स नकाल कर दना चा हए 5 िजन खत म रोग पदा होता ह उनम वषा क जल नकास का उ चत बध करना

चा हए 6 खत म एव उसक आस-पास सोलनसी कल क खरपतवार को नह उगन दना चा हए

1452 स स ककर या नीब का खरा रोग

यह नीब वशीय व का एक मख जीवाणज रोग ह जो व व क लगभग सभी नीब वशीय व उगान वाल दश म यापक प स पाया जाता ह भारत म फॉसट एव जन क स 1933 न वष 1927 तथा 1931 म कागजी नीब क दहरादन (उ ) स एक कय गय नमन पर इसक वप को पाया था जावा म वष 1842 एव 1844 क बीच स स औरि टफो लया क एक कय गय नमन पर स स ककर क व प को दखा था ऐसा माना जाता ह क इस रोग क उ प त भारत या जीव म ह ह ई थी इस रोग का व तार व व क अनय दश म हआ सय त रा य अम रका क क लफो नया रा य म स रोग का कोप इतना भयकर हआ क वहा पर इसका उ मलन करन क लए नीब जा त क हजार उ यान न ट कर दय गय वष 1914 स 1931 तक वहा नीब जा त क सभी उ यान क रोग - त व को साम हक उ मलन 2 करोड़ 50 लाख डालर स भी अ धक यय करक कया गया ओर लगभग 30 लाख रोग त व को न ट कर दया गया तथा उसक बाद कसी अ य थान स नीब जा त क बीज फल प प कलम एव वध जनन साम ी लान पर सगरोध नयमन लाग करक कड़ा तबध लगा दया गया

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तथा उसक बाद कसी अ य थान स नीब जा त क बीज फल प प कलम एव वध जनन साम ी लान पर सगरोध नयमन लाग करक कड़ा तबध लगा दया गया अब वहा क उ यान स यह रोग पणतयाः समा त हो गया ह वष 1913 स पहल तक इसरोग को क छ या कब स भ न नह माना जाता था पर त बाद म इसक जीवाण ज नत क त पर कोई सदह नह रहा आज भी यह रोग भारत चीन जापान ओर जावा इ या द दश क लए एक गभीर सम या बना हआ ह भारत म यह रोग नीब वशीय फल व क शत- तशत उ यान म पाया जाता ह और कागजी नीब ख ा मौस बी सतरा आ द क व पर बह त अ धक हा न पह चाता ह इस रोग को lsquoनीब का नासर rsquo भी कहत ह ल ण-

वा तव म ककर श द कसर का एक अप श ह िजसका म य भाव ऊतक य होता ह इस रोग का आ मण व क पि तय टह नय काट परानी शाखाओ और फल इ या द सभी वायव भाग पर होता ह सव थम रोग क ल ण पि तय क ऊपर छोट गोल जलमय पारभासक ध ब क प म दखाई दत ह यह ध ब पीत भर और उभर ह ए दान क समान होत ह आर भ म यह प ती क नचल सतह पर बनत ह पर त बाद म दोन सतह पर बन जात ह जस जस रोग बढ़ता ह इन दान क सतह सफद अथवा धसर रग क हो जाती ह और अ त म यह म य स फटकर खदर या कटार-स श काक क समान का ठ य हो जात ह इस गण क कारण इसका नाम का ठ रोग पड़ गया ह यह दान आकार म बढ़कर 1 ममी स 1 समी तक यास म हो जात ह और फल एव टह नय पर कई दान एक थान पर मलकर लब व त क प म दखाई दत ह यह खरदर व त या त थल एक पीत भर उभर कनार तथा जलमय

पील भामडल वारा घर रहत हबड़ी शाखाओ पर यह उतक यी व त या ककर अ नय मत आकार क खरदर और अ य धक प ट होत ह फल पर बन वप पि तय

क व त क समान ह होत ह पर त यहा इनक चार ओर का पीला भामडल अनपि थत होता ह तथा इनक म य म कटोर जसा ग डा अ धक प ट होता ह

इन व त या दान (ककर) का आकार - कार नीब व क जा त क अनसार भ न -भ न हो सकता ह ख ा नीब एव मा टा पर यह दान या फफोल छोट उठ ह ए और लगभग 2 स 3 ममी यास म होत ह जब क पफट एव यमलो पर इनका आकार काफ बड़ा होता ह और यह लगभग 8 स 10 ममी यास म होत ह फल पर बन दान या व त कवल छलक क गहराई तक ह सी मत होत ह और गद अथवा रस को इनस कोई त नह होती ह पर त इनक बह त अ धक मा ा म बन जान पर फल का छलका फट सकता ह इन दान क कारण बाजार म फल का म य कम हो जाता ह पि तय या पणवतो क स मण स शाखाओ का

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न प ण भी हो सकता ह टह नय पर बन ककर क कारण शाखाए उस थान पर आसानी स टट जाती ह रोग त व बोन भी रह जात ह और उनम ा त फल क उपज बह त घट जाती ह वस तो रोग व ो पर पर वष पाया जाता ह पर त यह वषा ऋत म अ धक फलता ह रोग च

नीब वशीय फल व बह वष य होत ह अतः परान स मत व क टह नय एवम पि तय पर रोगजनक जीवाण सदव जी वत रहन म सफल हो जाता ह इस कार स मत व पर उपि थत परान व त या ककर ह जीवाण उ तरजी वता क म य साधन ह तथा ाथ म नवश य जो स मत पि तया एव टह नया नीच भ म पर गर जाती ह उन पर उपि थत जीवाण तज वता क कारण न ट हो जाता ह रोगी व स व थ व तक ओर व क रोगी भाग स व थ भाग तक रोगजनक जीवाण का क णन वाय नीब पण सरगक क ट तथा वषा क बद वारा होता ह तज वषा क वातोढ़ बौछार भी जीवाण क सार म सहायक होती ह यह कारण ह क यह रोग वषा-ऋत म अ धक शी ता स फलता ह पर त रोग क सार और नय म रोग उ प न करन म वय मन य वारा योग कय गय स मत नसर मलव त का सबस अ धक हाथ रहता ह जीवाण का परपोषी क भीतर वश ाक तक र या क ट अथवा क ट स उ प न घाव वारा होता ह परपोषी क भीतर एक बार वश कर लन कबाद ऊताक म जीवाण अ तराको शक अवकाश म बड़ी तजी स व करक गणज करत ह और म यपटल को वल गत करक व कट म था पत हो जात ह नए उ यान म इस रोग का वश रोग त पौद या नसर मलव त वारा होता ह अनकल पयावरण -

स स ककर रोग क उ प न होन तथा व क लए 20 ड ी स 35 ड ी स का तापमान (अनकनतम तापमान लगभग 30 ड ी स) अ धक आ ता पि तय क सतह पर 20 मनट या इसस अ धक समय तक जल क उपि थ त तथा परपोषी सतह पर कसी कार का घाव होना इ या द अनकल अव थाए ह पि तयास का स मण पण र क सघनता एव प रप वता स सब धत होता ह तथा उनक वकास क दौरान यह सबस अ धक होता ह रोगजनक जीवाण को स मत पि तय म छः माह तक नज मत मदा म 52 दन तक और अ नज मत मदा म 9 स 17 दन तक उ तरजीवी पाया गया ह जीवाण वारा परपोषी पि तय का स मण करन म नीब पण सरगक क ट फलोि वि टस स ला सहायक ह कह कह पर अ धकाश व त या ककर इ ह क ट वारा उ प न वक तय पर पाय जात ह

भारत म इस रोग का आ मण कागजी नीबख ा नीब इ या द क व ो पर अ धक पाया गया ह जब क सतरा एव मौस बी क व अप ाकत कम आ ात होत ह नीब वशीय व म जातीय रोग हता को मशः कागजी नीब पफट कनाख ा मौस बी सतरा म मब कया जा सकता ह जब क लमन को रोग तरोधी जा तय क णी म रखा जा सकता ह उ तर दश म कमकआट पर ककर रोग ब कल उ प न नह होता ह पर त वा तव म यह जातीय भद भभाग क मौसम पर नभर करता ह गम मदानी ो म नीब वशीय कछ जा तया कम रोग ाह होती ह जब क ठड पहाड़ी ो म वह जा तया अ धक रोग ाह हो सकती ह अतः इस कार दश क व भ न ो म रोग तरोध एव रोग ा हता क जातीय गण भ न भनन होत ह

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रोग बधन - इस रोग क रोकथाम क लए न न ल खत उपायो क सफा रश क गयी ह -

1 रोग त टह नय क छटाई करक तथा ग मय म भ म म पड़ रोग त मलब को एक करक जलान स ाथ मक नवश य क मा ा को कम या जा सकता ह

2 नीब वशीय फल क नय उ यान लगात समय कवल रोगम त पोद या नसर मलव त का ह यो करना चा हए

3 नय उ यान म रोपण करन स पहल पौद पर 1 तशत (5 5 50) बोड म ण का छड़काव करना चा हए

4 इस रोग का सार वषा ऋत म अ धक होता ह अतः मानसन ार भ होन स पहल ह व क ऊपर 1 तशत ब द म ण या 03 तशत बलाइटॉ स 50 का छड़काव आर भ कर दना चा हए तथा मौसम क अनसार 15 स 20 दन क अ तर म छड़कत रहना चा हए रगा वामी एव सहयोगी 1959 तथा नवान 1960 क अनसार दस लाख भाग जल म 50 - 1000 भाग टोमाइसीन स फट अथवा 2500 भाग फाइटोमाइसीन तज वक रसायन का छड़काव 15 दन क अ तर पर करन स रोग पणतया रोका जा सकता ह य द इस घोल म 10 तशत ि लसर न को मला दया जाए तो पोधा क वायक भाग इन रसायन को भल भा त अवशोषण कर लत ह यह रसायन सवागी होत ह और यह परपोषी क भीतर पह चकर वहा उपि थत जीवाणओ को न ट कर दत ह वष 1987-88 म ीरामपर क पर कय गय पर ण म ख ा नीब पर 10 लाख भग जल म 100 भाग टोमाइ ल न +003 तशत कॉपर ऑ सी लोराइड( लाइटॉ स - 50 फाइटोलान य ा वअ इ या द) क छड़काव वारा रोग को पणतया नय त कया गया ह

5 वह दउ ीन एवम सहयोगी 1957 क अनसार 25 क ा नीम क खल को 100 ल टर ज लम तथा र डी एव पापा राव 1960 क अनसार 1 क ा खल को 20 ल टर जल म एक स ताह तक भगोए रखन क बाद 3 स ताह क अ तर पर कई छड़काव करन स न कवल रोग नय त होता ह अ पत व को पोषक त व क भी ाि त होती ह इस छड़काव स नई एव व थ शाखाओ का ज म होता ह जो जीवाण को स मण म सहायक करत ह

6 रोग नय ण का सबस उपय त एव सरल उपाय नीब वशीय व क रोगरोधी क म का योग ह वष 1987-88 म कागजी नीब क तीन क म एसएन -2 सकर एवम सकर 4 को पजाब राव क ष व यापीठ अकोला म ककर रोग तरोध व कसत कया गया ह इसी कार वष 1990-91 म त प त क पर ख ा नीब क एक ककर म त लोन क पहचान क गयी ह

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1453 गाजर का मद वलगन

यह रोग खत क अप ा गोदाम म अ धक हा न पह चाता ह रोगकारक जीवाण एक ती वषला रोगजनक होता ह जो पौधा क सरस भाग वशष प स कद को अ धक भा वत करता ह ल ण -

रोग क ल ण कद पर मद जल स त अ नय मत व त क प म दखायी दत ह - आरभ म यह व त कम या अ धक धरातल य होत ह पर त शी ह यह कद क भीतर ऊताक म फल जात ह गाजर क स मत ऊतक मद एव जल य या अवपक हो जात ह और जस जस वगलन बढ़ती ह इनस एक जल य नः ाव नकलता दखाई दता ह रोगी कद स दगध आन लगती ह आर भ म पौध क ऊपर भाग हर ह बन रहत ह पर त कद क पण प स गल जान क बाद मरझा जात ह रोगजनक रोगी कद क साथ स ह कय जान वाल थानो पर पह च जाता ह जहा यह ती ता स फलता ह और व छ कद क भीतर यातायात स बन घाव अथवा खर च वारा वश करता ह जीवाण एक बार कद म वश करन क बाद बड़ी ती ता स व करता ह

िजसस क स पण उपज को हा न पह चती ह| रोग च -

जीवाण मदा म मत और सरस पादप ऊताक पर मतजीवी क प म जी वत रहता ह यह परपोषी क भीतर घाव क वारा वश करकक को शकातरावकाश म पह च जाता ह इन अवकाश म यह धीर - धीर बह गणज करक पि टनोलाइ टक ए जाइम उ प न करता ह और ती ता स फलन लगता ह यह ए जाइम म य पटल पर या करक उनको समा त कर दता ह रोग बधन -

रोग उ प न करन वाला जीवाण एक य परजीवी ह अतः कषण याय करत समय तथा खदाई क समय परपोषी को घाव एव खरोच स बचान का यास करना चा हए रोगी कद को व थ कद क साथ स ह नह करना चा हय कद को स ह करन स पहल आ शक प स सखा लना चा हय िजसस क इनक वचा रोग का तरोध कर सक कद को शीतागार म रखन स मद वगलन अ धक नह फलती ह इसको 0 ड ी स तापमान एवम 90 तशत आप क आ ता पर स ह करना चा हए

1454 स स हर तमा या नीब का ह रत रोग

ना रयल रायचधर एवम भ ला 1967 न उ तर एवम म य भारत म नीब वशीय व क शीषारभी य स सब धत एक सव ण क आधार पर बताया ह क उ ह ज म हमाचल दश पजाब उ तर दश राज थान म य दश एवम महारा म वषाण-ज नत रोग टता

या ती अप य क साथ साथ ह रत रोग भी मला ह चहान एवम लोर 1970 का मत ह क इस रोग क यापकता को दखत ह ए यह आशका ह क यह रोग धीर धीर टजा स भी अ धक भयकर स होगा मा टनज एव सा थय 1971 का मत ह क टजा वषाण तथा ह रत रोग क

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रोगजनक म योगवा हता होन स यह दोन रोग नीब-वशीय व म अप य क लय उ तरदायी होत ह इसम भी कोई सदह नह ह क शीषरभी य का एक म य कारण ह रत रोग ह ह ल ण -

इस रोग क मख ल ण स प रप व पि तय क म य शरा एवम पा व शराओ का पीला पड़ना ह पि तय क अतरा शर य म भी वस रत पीलापन आ जाता ह तथा बाद म स पण प ती पील पड़ जाती ह पि तय पर पी तमा पणह रत श यता या पी लया क यह ल ण ब कल उसी कार क होत ह जस - िजक (ज ता) क कमी स उ प न होत ह पीताभ भाग म कह -कह हर टकड़ भी दखाई पड़त ह ऐसी पि तया गरमी क मह न म झड़ जाती ह तथा इसक साथ ह तन म उ टा सखा या शीषारभी य हो जाता ह ायः नयी बाहर भी नकल सकती ह िजन पर छोट सीधी खड़ी एवम ह रमाह न पि तया नकलती ह िजनक शराए हर अथवा पण फलक पर हर ध ब होत ह कभी कभी पील फलक पर छोट छोट व ताकार हर ध ब भी कट होत ह अ य गौण ल ण म प ती का छोटा या मोटा होना तथा सीध खड़ी रहना ह शाखाओ क पोर छोट होती ह और उन पर क लया अ धक नकलती ह तथा शीष थ य क ल ण कट होत ह रोगी व पर प प समय स पहल ह नकल आत ह और फल आकार म छोट रह जात ह व म जड़ क स या भी कम हो जाती ह और व बौना तीत होता ह य द प रप व व क अपखा त ण व रोग वारा भा वत होत ह तो उनक शी म य हो जाती ह यह रोग म दा रन ख ा नीब एवम पफट क अप ा मा टा पर अ धक उ प म उ प न होता ह

न रयानी 1971 क अनसार ह रत रोग स त व म लट मक अ ल लाइसीन फ नल ऐला नन एवम यसीन जस ऐमीन अ ल क मा ा श य हो जाती ह तथा ऐ पा टक अ ल लाइसीन हि टडीन थयो नन म थयो नन ऐला नन एवम टाइरो सन क मा ा बह त कम हो जाती ह रोग च -

नीब का ह रत रोग पदा करन वाल जीवाण का सचरण का यक वधन और स स स ला क ट क दो जा तया डायफ़ो रना स ाई एवम ोयाज़ा एर ड वारा होता ह (बॉव 1986) इल ोन स मदश अ ययन न इस जीव क सचरण ायोजा एर ड क भ मका को मा णत भी कर दया ह (मॉल एवम मा टन 1973) यह रोगवाहक क ट उ तर एवम म य

भारत म अ य भाग क अप ा अ धक पाय जात ह क ट क रोगी पि तय स आहार हण करन क 8 स 12 दन बाद तक जीवाण उसक शर र म व करता ह क ट इस ऊ मायन या उ वन अव ध क बाद ह स ामक होता ह तथा एक बार जीवाण को हण करन क बाद अपन स पण जीवन काल तक स ामक बना रहता ह कवल एक ह रोगवाहक क ट इस रोग क सचरण क लए पया त होता ह स ामक क ट वारा व थ पौध म रोग का सचरण कम स कम चार घट तक स मण आहार करन क बाद ह होता ह रोगवाहक स स स ला क ट अपनी ड भक अव था म भी जीवाण को हण कर सकता ह पर त यह इस व थ व ी म सच रत नह कर सकता ह (मॉल एवम मा टन 1973) यह ड बक बाद म वय क क ट होन पर रोग

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का सचारण कर सकता ह गा नएर एवम बॉव 1983 न जीवाण क सचरण का उ लख अमरबल वारा मा टा म प र व कल म होन क लए कया ह

भारत म ह रत रोग का ससचन सचक पौध जस - मौसबी मा टा कागजी नीब म दा रन प ट एवम व ट इ डयन लाइम क पौद का योग करक और वण लखन वारा कया जाता ह नीब क स मत ऊतक म ह रत रोग का ससचन तद ि ती तर ी तकनी का योग करक भी कया गया ह (Raychaudhuri et at1972 et al 1975)

रोग बधन - बगीच म सभी बर तरह स रोग त एवम अलाभकार व को काट कर न ट कर दना

चा हए तथा सस चत मलवत अथवा बीजाड का यक पौद स उगाय गय पौध को ह रो पत करना चा हए य य प कछ वष बाद इस व थ व को भी जीवाण क रोगवाहक क ट स स स ला वारा स मत कर दया जाता ह अतः स स स ला क अ का उ मलन 002 तशत

डायिजनानएि न या परा थयान अथवा 005 तशत मला थयान क टनाशी दवा का 10 स 15 दन क अ तर म नय मत छड़काव करक कया जा सकता ह िजसस क रोग का सार बह त कम हो जाता ह ह रत रोग क बधन क लए कसी भी योजना को कायाि वत करन म न न तीन काय अव य पर करन चा हए -

1 बगीच म रोगी व का उ मलन करना 2 सस चत मलव त अथवा बीजाडका यक पौद स ा त कल या कलम स उ प न नय

व थ पौध को लगाना 3 रोगवाहक स स स ला एवम अ य क ट का नय मत उ मलन करना य य प कपर एवम थ मलाचवार न रयानी एवम सहयोग 1971 तथा न रयानी एवम भगवती 1977 स नीब क ह रत रोग क ल णा क ट ासाइ ल न क उपचार वारा रोकन क दावा कया था इसी कार न रयानी एवम सहयोगी 1975 न भी रोगजनक जीवाण को ऊ मा उपचार वारा नि य करन म सफलता पायी थी पर त कपर एव चीमा तथाचीमा एवम सहयोगी 1985 म नीब क व पर बा वि टन सवागी कवकनाशी तथा लडरमाइ सन तज वक क म ण क छड़काव वारा रोग स शत तशत वम त होन का उ लख कया

जाता ह बा वि टन एव लडरमाइ सन म स यक 20 लाख भाग जल म 500 भाग (500 पीपीएम) रखा जाता ह और 10 दन क अ तर पर छः छड़काव कय जात ह अकल लडरमाइ सन तज वक का छड़काव रोग को रोकन म भावी नह होता ह जब क अकल बा वि टन क छड़काव वारा रोग बहत कम हो जाता ह

1455 टमाटर का जीवाण मरझान

रोगजनक - राल टो नया सोलन सरम या

समोडोमोनास सोलन सरम ल ण - पि तया पील पड़ कर सख जाती ह स पण पौधा सख जाता ह

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रोग बधन - 1 तरोधी जा तय का उपयोग 2 गम क जताई 3 उ चत फसल च अपनाए

1456 लक लग ऑफ पोटटो

रोगजनक - इब नया जा त ल ण - पि तया सकड़ना मड़ना छोट होना पौध का बोना होना रोग बधन - 1 क ड़ो क रोकथाम कर 2 फसल च अपनाए

1457 फ लय का झलसा रोग

रोगजनक - ज थोमोनास फ सओल ल ण - पि तय पर जल स त और पारदशक ध ब हो जाना तना और फ ल भी भा वत होती ह

1458 पान का पण दाग

रोगजनक - ज थोमोनास बटल कोला ल ण - पि तय पर काला ध बा होना और उसक चार और का भाग पीला होना य ध ब बड़ कर मल जात ह रोग बधन - 1 ए ीमाइ सन 100 0025 तशत सबल उपचा रत कर 2 टोसाइि लन 005 तशत का छड़काव कर

1459 पान क पि तय का झलसन ककर

रोगजनक - ज थोमोनास जा त ल ण - पि तया झलस जाती ह और ह क भर रग क हो जाती ह तन पर काल ध ब हो जात ह रोग बधन - 1 ए ीमाइ सन 100 - 025 तशत स बल उपचा रत कर 2 टोसाइि लन - 005 तशत का छड़काव कर

146 साराश बागवानी फसल म जीवाण रोग म यतः आल नीब गाजर फ लय वाल सि जय तथा पान म पाया जाता ह इन रोग को समय पर नय ण करन स हम फसल क हा न रोक सकत ह

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147 बोध न 1 स स ककर या नीब का खरा रोग क म य ल ण एव रोकथाम समझाइए 2 आल का भरा वगलन रो का रोग च समझाइए 3 धान का जीवाणज अगमार का रोगजनक ह

अ यडोमोनास सोलन सएरम ब ज थोमोनास क पि स स दोन द इनम स कोई नह

148 सदभ साम ी 1 ReddyTY and Reddi GHS 2000Principles of Agronomy Kalyani

PublishersNew Delhi 2 शमा ओपी इ टो दया एसक शमा एसएल एव नकला एनएस 2009 श य- व ान

(क ष वग) मा य मक श ा बोड राज थान अजमर 3 SinghChhidda1999Modern Techniques of Raising Field Crops Oxford

amp IBH publishing company private limited New Delhi 4 Singh SS 1993Crop Management under lirrigated and Rainfed

ConditionsKalyani PublishersNew Delhi 5 अहलावतए आई पी एस काश ओम एव सह पी क स य व ान क स वा त एव

फसलए रामा पि ल शग हाउसए मरठ 6 सह बीपी पादप रोग व ान रामा पि ल षग हाउस मरठ

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इकाई 15 भ डा रत अनाज क क ट

इकाई क परखा 150 उ य 151 तावना 152 अनाज बगडन क कारण 153 अनाज म अ सर लगन वाल क ट 154 भडारण म व भ न ोत स क ट क पह च 155 अनाज भ डारण क व धया 156 भ डारणगह म अनाज का भ डारण करत समय बरती जान वाल सावधा नया 157 घमन ( यमीगशन) 158 चह क रोकथाम 159 फल का भ डारण एव ड बा बद 1510 साराश 1511 बह चयना मक न 1512 सदभ

150 उ य - भ डा रत अनाज म नकसान पहचान वाल कारक को समझना क ट क व त व हा न

करन क क त क अवधारणा को पि टकरण करना उनक अनाज तक पह च चलन म भ डारण क व धया तथा ब धन हत रखी जान वाल सावधा नय एव उ चत घमन क भावी व सर त उपाय को जानना

151 तावना - क ष क म अनाज ह सम व का तीक माना गया ह हमार दश म ह रत ा त स

अनाज का उ पादन बढा ह अनाज का हर दाना क मती ह एव अनाज ह म ा ह भ म म पजी साहस और ब ध उ पादन इन पॉच कारक क एक कत तफल क प म ा त अनाज वा तव म बह त क मती ह हमार दश म पछल तीस वष क तलना म अनाज का उ पादन दगन स अ धक हो गया ह पर त अथक प र म क बावजद उपल ध अनाज को सह तौर पर और समय पर सभाल न सकन क कारण बह म य अनाज न ट हो जाता ह एक अनमान क अनसार दश म लगभग 10-12 तशत अनाज कसी न कसी कारणवश भ डारण म न ट हो जाता ह इस बरबाद को रोकना कसान व दश क सवदा हत म होगा आज यह सव व दत ह क अनाज भ डारण एव उसक सर ा हमार दश क अथ यव था का एक मल धरोहर ह

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152 अनाज बगडन क कारण - 1 भौ तक - नमी और तापमान 2 ज वक - फफद च ह स म जीव क ट आ द 3 रसाय नक - अनाज पर कसी रसायन क सीध स पक या रसाय नक या क कारण 4 या क - अनाज को मशीन आ द वारा नकसान होन पर टट ह ए दान का भ डारण

153 अनाज म अ सर लगन वाल क ट - खर फ एव रबी दोन फसल म पदा होन वाल अनाज को कषक घर पर स हत करत

ह इन अनाज म ायः लगन वाल क ट सरसर खपरा घन लट ढोरा आ द मख ह 1 सरसर (साइटो फलस ओराइजी) -

यह क ट भर लाल रग का कर ब 25-30 ममी ल बा होता ह इसक सर का अ भाग नक ला होता ह ौढ़ मादा अनाज क दान म छोट सी गहा बनाती ह तथा उसम अ ड वसिजत करती ह और इस एक चप चप व ाव स बद कर दती ह आमतौर पर सफ एक अडा एक दान म दती ह इस तरह मादा अपन अ पका लक जीवन (एक माह) म 300-400 अड दती ह अड एक ह त बाद छोट पाव वह न कछ झक ह ई लट ( ब) म बदल जात ह यह दान क भीतर ह खात ह ए बढती रहती ह 3-4 ह त बाद लट प रप व होकर शखी क प म बदल जाती ह इस अव था म क ट कछ नह खात एक ह त तक ऐस ह पड रहन क बाद ौढ दान को काट कर बाहर आ जात ह इसक बाहर आन क बाद दाना या अनाज काफ ह का हो जाता ह ऐस आ मत दान पानी म डालन पर ऊपर सतह पर आ जात ह इस क ट का कोप सव थम चावल पर पाया गया था क त अब भ डारण म गह क लय भी एक सम या बन गया ह

2 छोटा अनाज बधक घन (राइजोपथा डो म नका) - अनाज घन यह क ट सरसर स छोटा और स ड वह न होता ह इसका सर भी छोटा

होता ह ौढ़ मादा अ ड सतह या अनाजो क बीच म दती ह और 300-500 अ ड तक दन म समथ होती ह अ ड स एक ह त बाद लट ( ब) नकलती ह इसक 6 टाग होती ह यह भी सरसर क तरह अनाज को भीतर स ह खाती ह और 3-4 ह त बाद पण वक सत होकर शखी क प म बदल जाती ह शखी स एक ह त बाद ौढ़ बनत ह इस क ट क लट ( ब) व ौढ़ दोनो अव थाय अनाज को हा न पह चाती ह

3 खपरा ( ोगोडमा न रयम) - ौढ़ मादा 4 ममी लबी अ डाकार आक त क होती ह नर ौढ का आकार मादा ौढ

क मकाबल आधा होता ह मादा ौढ लगभग 100-125 सफद अ ड अनाज क सतह या दरार म दती ह अ ड 4-5 दन म 35 ड ी सि सयस ताप पर लट ( ब) बनात ह य दान क टट को खात ह लट ( ब) लगभग 1 मह न तक खान क बाद शखी का नमाण करती ह शखी 5-6 दन क बाद ौढ क प म बदल जाती ह

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4 आट का लाल क ड़ा धनरा ( ाइबो लयम क ट नयम) - ौढ़ एक चपटा क ट ल बाई म 5-6 ममी का होता ह यह अ ड अनाज क दान पर

दता ह जो एक ह त बाद लट ( ब) का प ल लत ह लट ( ब) सफद व ह क लाल होती ह जो दान क अक रत वाल थान और उसम उपल ध पाउडर को खाती ह लट 3-4 ह त म पण वक सत होकर दान क ऊपर शखी बना लती ह लट ( ब) एक ह त बाद ौढ़ क प म बदल जात ह

5 दाल का ढोरा (प स बी टल) - यह छोटा व चकोर आक त क साथ साथ अपन मखागो क अ भाग जो क भोधरा होता

ह स ज द पहचाना जा सकता ह य क ट दान को खाकर सीधा नकसान तो करत ह ह बि क व अपनी जीव याओ स भ डार क नमी व तापमान बढात ह जो अनाज पर फफद का आ मण बढान म सहायक होत ह

6 बादाम का पतगा (का ा काटला) - यह पतगा अपन अ पख पर गहर धार रग बनाय रखत ह यह ल बाई म 8 ममी

तक का होता ह यह अपन सफद अ ड अनाज म और अ य सतह पर बखर दत ह अ ड 4-5 दन म वक सत होकर 1 ममी स भी छोट लट (कटर पलर) म बदल जात ह और अनाज को खाना श कर दती ह लट (कटर पलर) 3-4 ह त तक लगातार खान क बाद शखी क प म बदल जाती ह शखी अनाज म या उसम रख ह ए भडारण पा क बाहर बनती ह शखी स ौढ़ (पतगा) 5-7 दन बाद बाहर नकलता ह

7 अनाज का पतगा (साइटो ोगा सी रयल ला) - यह पतगा अ पख क ओर बह त यादा र यदार होता ह अ ड लगभग 8-10 ममी

लब होत ह क त पख फलान क बाद 15 ममी लबा हो जाता ह यह धान क बा लय क प रप व होन पर तथा धान क भडारण वाल थान पर भी अ ड दत ह इस तरह दय गय अ ड स छोट लट (कटर पलर) एक ह त बाद नकलकर धान क जोड वाल थान स अदर घसती ह लट (कटर पलर) लगभग 3-4 ह त तक खान क बाद शखी म बदल जाती ह शखी बनन स पव लट (कटर पलर) धान म एक छोटा सा गोल आक त का कटाव बनाती ह और स क पी धाग ( ाव) स बद कर दती ह शखी बनन क 1 ह त बाद पतगा इस खोलकर बाहर आ जाता ह

8 चावल का पतगा (को सरा सफलो नका) - पतगा 10-12 ममी ल बा होता ह ौढ़ मादा 200 अड दती ह अड स 4-5 दन म

लट (कटर पलर) बन जाती ह और यह टट ह ए दान को खाती ह लट (कटर पलर) 4-5 ह त तक खान क बाद शखी क प म बदल जाती ह लट (कटर पलर) चावल म खान क साथ साथ ई जसी जाल नमा नाल का नमाण करती ह शखी स पतगा 9-10 दन बाद बाहर नकलता

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154 भडारण म व भ न ोत स क ट क पह च - कछ क ट जस चावल क धन दाल का भग व अ न का शलभ अपन अ ड खत म ह

पकती फसल क दान पर द दत ह और व दान क साथ भ डार म भी पह च जात ह ख लहान म परान अनाज अथवा कड़ा-करकट आ द म छप रहत ह तथा मड़ाई क

समय दान म अपन अड द दत ह और भडारण म पह च जात ह अनाज ढोन वाल बतन बोर आ द म क ट क व भ न अव थाए सस ताव था म छपी

रहती ह तथा अनाज ढोन क समय भ डार गह या कोठ म चल जाती ह भडारण हत य त कय जान वाल बन (को ठय ) आ द म पहल स ह छप ह ए क ट

स य अथवा सस ताव था म रहत ह और नय अनाज को रखन क बाद इनका कोप धीर-धीर उपय त वातावरण मलन स बढ़ जाता ह

वय क (शलभ) अनाज क लग ढर म उड़कर भी अपन अड दत ह और अनाज क साथ य भ डार म पह च जात ह

155 अनाज भ डारण क व धया - 1 पार प रक -

आज दश म अनाज क कल पदावार का लगभग 70 तशत अनाज गाव म कसान क यहा भ डा रत कया जाता ह इसका कछ तशत बचन क प चात शष बच ह ए का अपन प रवार क पालन पोषण हत उसका भ डारण अपन खत पर बन थान या घर म करत ह पर त दखा गया ह क उ चत यव था व ान क अभाव म अनाज खराब हो जाता ह िजसका आ थक हरजाना कसान को भगतना पड़ता ह कारण ह पार प रक भ डारण क व धया जस क म ी क पा लकड़ी पटसन क बो रया ईट आ द जो क अनाज को ल बी अव ध अथवा आगामी फसल तक अ छ हाल म रखन म असमथ रहत ह 2 उ नत भ डारण -

अ धकाशतः गाव म अनाज का भडारण ऊच प क फश वाल कमर म या प क बनी कोठर या कोठ या म ी क बड बतन म कया जाता ह क त इन सबम छोट कसान क लए धात स बनी को ठया अ धक उपय त ह िजनम 3 ि वटल स लकर 10 ि वटल तक अनाज कोठ क मता क अनसार रखा जा सकता ह

वतमान म अनाज का उ पादन अ धक होता ह तब उसका भ डारण प क फशवाल बड कमर म कया जाता ह िजसम अनाज को बोर म भरकर रख दत ह भ डारणगह म बोर को नमी स बचान क लए फश पर बास क चटाई क साथ पॉल थीन शीट बछाकर या लकडी क चखट बछाकर बोर को उसक ऊपर बि लय म रख दत ह बोर रखत समय यान रह क बि लया द वार स सट न होकर लगभग 75 समी क दर पर ह ता क द वार क नमी बोर म वश न कर सक बि लय का इस कार लगाना चा हय क भ डार म आन जान का रा ता

बना रह िजसस समय समय पर बोर का नर ण कया जा सक भ डारणगह म बोर को कमर क ऊचाई क 34 भाग तक ह रख ऊपर का 14 भाग खाल रह

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156 भ डारणगह म अनाज का भ डारण करत समय बरती जान वाल सावधा नया -

1 जहा तक स भव हो भ डारण क लए प क गोदाम बनान चा हए िजसक द वार नमी अवरोधी ह

2 भ डारण स पव गोदाम एव को ठय क द वार म बनी दरार व ग ढ को सीमट स बद कर दना चा हए िजसस उसम क ट शरण न ल सक

3 गोदाम क सफाई अ छ कार करक दरवाज आ द खोल दन चा हए िजसस गोदाम अ छ कार सख जाय भडारण स पव गोदाम म मला थयॉन 50 ईसी नामक क टनाशी रसायन का 5 मल ल टर पानी म घोल बनाकर द वार फश आ द पर अ छ कार छड़काव करना चा हए िजसस कोन दरार आ द म छप क ट मर जाय

4 परान बोर को योग म लान स पव उबलत पानी म 15 मनट तक डबोकर अथवा मला थयॉन 50 ईसी को 10 मल ल टर पानी म घोलकर 10 मनट तक डबोकर अ छ कार धप सखान क बाद ह योग म लना चा हए

5 अनाज ढोन वाल बतन गा डय एव भडा रत करन हत योग म लाय जान वाल बन (को ठय ) क अ छ कार सफाई करक धप म सखा लना चा हए

6 नयी फसल क मढ़ाई स पव ख लहान क सफाई करन क प चात गोबर स अ छ कार लपाई करक सखाना चा हए

7 अनाज को ख लहान म अ छ कार धप म सखा लना चा हए ता क उसम नमी 8-10 तशत स यादा न रहन पाय

8 य द अनाज को बोर म भरकर भडारण करना हो तो गोदान क फश पर 75 समीमोट सख भस क तह लगा दनी चा हए तथा ब र को द वार स 75 समी क दर पर रखना चा हए

9 भडारण स पव अनाज म एक कलो ाम नीम क न बोल का पाउडर त ि वटल क दर स मलाकर भडा रत करन पर क ट का कोप बह त कम होता ह

10 बीज क लए भडा रत कय जान वाल अनाज को मला थयान 5 तशत धल क 25 ाम क ा क दर स मलाकर भडा रत करना चा हए तथा इस तरह स उपचा रत बीज

को कभी भी खान क कम म नह ल 11 छोट कसान को आज-कल च लत जीआई शीट क चादर स बन बन का योग

करना चा हए यह 50 क ा स लकर 10 ि वटल भडारण मता वाल आकार म उपल ध ह कसान अपनी आव यकता अनसार बन को क ष वभाग स य कर मलन वाल छट का लाभ भी ल सकत ह पवतीय म इसका उपयोग काफ लाभदायक एव सर त ह य क कसान को कम मा ा म ह अनाज का भडारण करना होता ह

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156 घमन ( यमीगशन) - भ डारण अव ध म अनाज को क ट स सर त रखन क लए न न म स कोई एक

उपाय अपनाना चा हए 1 ईडीबी (एथील न डाई ोमाइड) -

यह रसायन व भ न आकार म 361530 मल क काच क ए पल म उपल ध होता ह यह ए पल ई म लपट कपड क बद थल म मलती ह िजस अनाज क अ दर रखकर सडासी या लास स दबाकर तोड दत ह टट ह ए ए पल को लकडी क सहायता स अनाज क अ दर क सतह म धसाकर कोठ या म ी क बतन का म ह यथा शी ढककर गील म ी स सील कर दत ह यह गस हवा स 625 गना भार होती ह अतः कोठ क नचल सतह तक अपन आप पह चकर भ डारण अव ध म बनी रहती ह िजसस य द अनाज म क ट पदा ह ए भी तो पनप नह पात और मर जात ह तथा अनाज सर त बना रहता ह एक ि वटल अनाज म लए 3 सीसी वाला एक ए पल पया त ह य द अनाज बोर म रखा गया हो तो ईडीबी ए पल क वा छत स या को बोर क ऊपर तोडकर तर त पॉल थीन चादर स ढक द इस दशा म रसायन क मा ा का योग अनाज क बोर क आयतन क आधार 10 मल दवा त घन मीटर क दर स करना होता ह अनाज को पॉल थीन स न ढका जा रहा हो तो दवा का योग पर कमर क आयतन को यान म रखकर करना होगा दवा क योग क बाद 7 दन तक भ डार को न खोल 2 ए यमी नयम फॉ फाइड -

इस रसायन का योग अनाज म लगन वाल क ट और चह को मारन क लए कया जाता ह यह रसायन बाजार म कई नाम स मलती ह जस स फास फॉ टा सीन आ द यह रसायन 3 ाम वाल 10 ट कय क पकट म और 06 ाम वाल छोट पलट ( ट कय ) क प म प नी म बद मलती ह 1 टन अनाज को स हत करन क लए 3 ाम वाल 2-3 ट कया पया त होती ह रसायन हवा म मौजद नमी क स पक म आन स फॉ फ न नाम क गस पदा करती ह जो बह त जहर ल होती ह इस लए इसक योग म बह त सावधानी बरतन क ज रत ह इस दवा क गध काबाइड क गध क समान होती ह भ डारणगह म इसका योग करन क लए य त ट कय क स या क आधी ट कयो को बोर म रख दत ह ट कय को रखन का काम

10-15 मनट म समा त कर लना चा हए यो क लगभग आधा घट बाद ट कय स जहर ल गस नकलना श हो जाती ह इस रसायन का योग धात क कोठ म अनाज को क ट स सर त रखन क लए म य प स कया जाता ह इसी रकार कोठ म अनाज रखन क बाद ट कया को एक म ी क द पक म रखकर अनाज क ऊपर रख दत ह और कोठ का ढ कन बद करक उसक म ह पर चार ओर तथा अनाज नकालन क रा त पर गील म ी लगाकर सील कर दत ह िजसस जहर ल गस कोठ स बाहर न नकल पाय कोठ स अनाज नकालत समय द पक को पहल हटा लना चा हए िजसम रसायन का सफद राख जसा पाउडर मौजद होगा यह यान रह क रसायन पाउडर अनाज म मलन न पाय यथा सभव घर म इसका योग नह कर 3 घमन ( यमीगशन) बरती जान वाल वशष सावधा नया -

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भ डारणगह म अनाज को सर त रखन क लए जो रसायन ऊपर बताई गयी ह व अ य त जहर ल ह अतः इनका योग कसी श त कायकता क दखरख म ह कर गोदाम कोठ बतन आ द िजसम अनाज को रखकर दवा स उपचा रत कया जाय उस आवास क कमर स दर होना चा हए कसी भी कार क दघटना हो जान पर तर त डॉ टर स सलाह लना चा हए

घमन वष जस ए य म नयम फा फाइड एव ई डीबी ए पयल का योग तब धत ह इस लए इनका योग बह त ह सावधानी स अ त आव यक होन पर ह करना चा हए कसान को चा हए क इनक योग स पव अपन वकास ख ड क क ष इकाई अथवा िजला क ष अ धकार स स पक करक इनक योग क बार म जानकार ा त कर लव

अनाज का भ डारण हमशा अलग मकान म कर िजस रहन हत योग न कया जाता हो

उपचा रत अनाज को खान हत योग म लान स पहल कम स कम एक स ताह पव बन स बाहर नकाल ल तथा पानी स अ छ कार धोकर धप म सखा ल

157 चह क रोकथाम - गोदाम म भी चह बल बनाकर पह च जात ह इन बल को खोजकर उनम स फास क

3 ाम वाल ट कया क चथई ट कया या 06 ाम क पलट डालकर उसका म ह गील म ी स बद कर दना चा हए इसक अ त र त िजक फा फाइड स बन जहर ल रसायन क प डय को चह क आन जान क रा त पर द वार क कनार और कोन म रख दना चा हए जहर ला रसायन एक भाग िजक फा फाइड एक भाग सरस का तल तथा 48 भाग द लया मलाकर बना सकत ह 2-3 दन बाद बची ह ई जहर ल प डय और जहर ल दान को बीनकर म ी म गाड दना चा हए िजसस कोई अ य जानवर उस न खा सक और जहर ला अनाज अ छ अनाजो म न मल सक

158 फल का भ डारण एव ड बा बद - फल क तड़ाई क उपररात फल क सह भ डारण व ड बा बद का बह त मह व ह सह

ढग स रखरखाव न करन क ि थ त म कसान को भार नकसान उठाना पड़ता ह फल क तडाई हमशा सबह या शाम करनी चा हए

फल को तोडन क प चात उ ह धोकर या साफ करक छाटकर ड ब म बद कर दना चा हए फल को उनक आव यकतानसार ड ब म भरना चा हए ड ब क अ दर एक कागज क तह रख या अलग-अलग फल को कागज म लपटना चा हए अतः न नानसार फल का रखरखाव करक उनको को न ट होन स बचाया जा सकता ह 1 क न -

क न को लकड़ी क ड ब म बद करक पॉल थीन क लफाफ म डालकर उ ह बना ऊजा भ डारण क क म रखा जाए तो इ ह 56 दन तक आसानी स बना कसी गणा मक बदलाव क रखा जा सकता ह पर त इस दौरान इन लफाफ को 15-30 मनट तक त स ताह खोल दना चा हए ता क उनम जमी दग ध तथा पानी क ब द नकल जाए

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क न क फल को 7 दन तक बना कसी उपचार क कमर क तापमान पर रखा जा सकता ह य द इ ह 05 क टान क घोल (5 ाम क टानल टर पानी) या 20 तल क तल (20 मल तल + 2 मल ट पोलल टर पानी) स उपचा रत कर दया जाय तो फल को 21 दन तक रखा जा सकता ह 2 अगर -

अगर तोडन क प चात नह पकत इस लए इ ह पर पक ह ई अव था म ह तोडना चा हए अ छ क म क अगर क अ छ दाम मलत ह ग छ क पकन का अ दाजा ग छ क आखर अगर को दखकर लगाया जा सकता ह ग छ को तोडत समय उ ह कवल तन स पकडना चा हए ता क वा त वकता न बगड ड बाबद स पहल ग छ म स टट सड तथा खराब अगर क दान को नकाल दना चा हए ग छ को उनक आकार व कल घलनशील त व क आघार पर अलग अलग करना चा हए कल घलनशील त व परलट थो पसन तथा यट सीडलश म मशः 18-19 20-21 तथा 17-18 होना चा हए

ग छ को अलग-अलग करन क प चपात उ ह ग त क ड ब म अखबार का कागज लगाकर पक करना चा हए बीमार क रोकथाम क लए 5 कलो क ड ब म 5 ाम ल चग पाउडर अखबार क नीच रखना चा हए 3 आम -

तोड़ ह ए फल को उनक क म आकार और पकन क अव था क आधार पर अलग-अलग करना चा हए पर तरह पक ह ए फल को नजद क क मडी म भज या सर ण क लए योग म लाए अ छ फल को लकड़ी क पट म अखबार लगाकर दर मडी म भजना चा हए

4 अम द - पर तरह पक ह ए फल को नजद क क मडी म भजना चा हए यो क इनका

थाना तरण म नकसान हो सकता ह दर क म डी क लए फल को लकड़ी क ड ब म पक करना चा हए दर-दराज क मि डय म भजन क लए अम द क अप रप व अव थाओ म जब क फल हर रग क हो तोडन चा हए उस समय फल का अप त धन व 105 होना चा हए ग मय म फल का भ डारण नह कया जा सकता ल कन स दय म हर अव था म 2-3 दन रखा जा सकता ह 5 बर -

फल को तोडन स 10-15 दन पहल क टान या मकोजब (500पीपीएम) का छड़काव करन स तोडन क उपरा त फल को 8 दन तक सड़न स बचाया जा सकता ह बर क ड बाबद क लए को ग डट काड बोड क ड ब या बास क टोक रय म कागज क टकड़ डालकर उपयोग करन चा हए वग करण करन क उपरा त ह फल को बचन स अ धक लाभ लया जा सकता ह बड आकार (35 ाम) क फल लगभग दगनी क मत पर बकत ह

159 साराश - व णत इकाई म भ डारण क मह व क बार म प र चत होना - सम या उ प न म

कारक क बार म जानकार तथा व भ न ोत स क ट का स मण होना भ न- भ न कार

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क क ट क व भ न अव थाओ वारा भ डा रत अनाज को ती पहचान क जानकर हा सल कर सर ा मक उपाय को अपना कर उ चत भ डारण को जानना िजसस भ डा रत अनाज को नकसान करन वाल कारक स बचाया जा सक और अ त म अ याव यक होन पर घमन रसायन का अनमो दत मा ा म सम चत तर क स योग कर सर त अनाज भ डारण कया जा सकता ह

1510 बह चयना मक न 1 भ डारण म सामा यतया कतना तशत अनाज न ट होता ह

(अ) 5-7 (ब) 10-12 (स) 15-17 (द) 20-22 ब 2 घन क ट क कौनसी अव था अनाज को हा न पहचाती ह

(अ) ब (ब) शखी (स) दोनो (द) कोई नह अ 3 भ डारण क समय अनाज म कतन तशत नमी होनी चा हए

(अ) 10-12 (ब) 12-15 (स) 8-10 (द) 15-20 स 4 टॉक भ डारण म द वारो स बोर क कतनी दर रखनी चा हए

(अ) 50 समी (ब) 75 समी (स) 100 समी (द) 25 समी ब 5 भ डारण स पव गोदाम म मला थयान 50 ईसी त ल टर पानी म कस दर स दवार व

फश पर छडकाव करना चा हए (अ) 5 मल (ब) 10 मल (स) 75 मल (द) 25 मल अ

1511 सदभ - 1 Kushwaha KS and Sharma JC Safe Storage of Grains and other

Products from Insect Pests and Rats 2 अपन अनाज को क ट स बचाईयए नदशालय चार एव सार खा य म ालय भारत

सरकार 3 Hill DS Pests of stored products and their control जकएच

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