क्र ाां 23 स ् 1973) -...

55
1 मयदेश नगर तथा ाम नवेश अनधननयम , 1973 (माक 23 सन् 1973)

Transcript of क्र ाां 23 स ् 1973) -...

1

मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम ननवेश अनधननयम, 1973

(क्रमाांक 23 सन ्1973)

2

(एक)

मध्यप्रदेश अनधननयम

(क्रमाांक 23 सन् 1973)

मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम ननवेश अनधननयम, 1973

धाराएां

क्रमाांक नवषय सूची

पहला अध्याय -प्रारनभभक

1 सांनिप्त नाम नवस्तार, प्रारभभ तथा लाग ूहोना

2 पररभाषाएां

दसूरा अध्याय - नगर तथा ग्राम ननवेश सांचालक

3 सांचालक तथा अन्य अनधकारी

तीसरा अध्याय - प्रादेनशक ननवेश

4 प्रदेश की स्थापना

5 सांचालक प्रादेनशक योजनाएां तैयार करना

6 सवेिण

7 प्रादेनशक योजना की नवषय वस्तु

8 प्रादेनशक येाजना का तैयार ककया जाना

9 प्रादेनशक येाजना का अांनतम रूप कदया जाना

10 भूनम के उपयोग या उसके नवकास पर ननबबन्धन

11 कनतपय मामलों में प्रनतकर के दावों से अपवजबन

12 प्रादेनशक येाजना पुनर्ववलोकन

चैथा अध्याय - ननवेश िेत्र तथा नवकास योजनाएां

13 ननवेश िेत्र

14 सांचालक नवकास योजनाएां तैयार करेगा

15 भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र

16 भूनम के उपयोग का नस्थरीकरण

17 नवकास येाजना की नवषय वस्तु

17(क) सनमनत का गठन

18 प्रारूप नवकास योजना का प्रकाशन

19 नवकास योजनाओं की मांजूरी

3

पाांचवा अध्याय - पररिेनत्रक योजना

20 स्थानीय प्रानधकारी पररिेनत्रक येाजना तैयार करेगा

21 पररिेनत्रक योजना की नवषय वस्त ु

22 धारा 18 तथा 19 के उपबांध पररिेनत्रक योजना को लाग ूहोंगे

23 नवकास योजना तथा पररिेनत्रक योजना का पुनर्ववलोकन

23-क कनतपय पररनस्थनतयों में राज्य सरकार द्वारा नवकास योजना या पररिेनत्रक योजना का उपान्तरण

छठवाां अध्याय - भूनम नवकास तथा उसके उपयोग पर ननयांत्रण

24 सांचालक भूनम के उपयोग को ननयांनत्रत करेगा

24-क आवानसक भवन में अनतररक्त तल का सनिमाबण

25 नवकास योजना से अनुरूपता

26 अनुज्ञा के नबना नवकास का प्रनतषेध

27 सांघ या राज्य सरकार की ओर से हाथ में नलया गया नवकास कायब

28 स्थानीय प्रानधकारी द्वारा या इस अनधननयम के अधीन गरठत ककये गय ेककसी प्रानधकारी द्वारा नवकास

29 अन्य व्यनक्तयों द्वारा नवकास के नलए अनुज्ञा के हतेु आवेदन

30 अनुज्ञा का कदया जाना या अनुज्ञा देन ेसे इांकार

31 अपील

32 पुनरीिण

33 अनुज्ञा का व्यपगत होना

34 भूनम अर्वजत करन े नलए बाध्यता

35 अनभनहत भूनम के आरिण का प्रारूप या अांनतम नवकास योजना में से ननकाल कदया जाना

36 अप्रानधकृत नवकास के नलए नवकास योजना के अनुरूपतः उपयोग से अन्यथा उपयोग करने के नलए शानस्त

37 अप्रानधकृत नवकास को हटाने क अपेिा करने की शनक्त

सातवाां अध्याय - नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी

38 नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की स्थापना

39 नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी का ननगमन

40 नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी का गठन

41 अध्यि तथा अन्य सदस्यों की पदावनध

42 सदस्यों के त्याग पत्र तथा आकनस्मक ररक्त का भरा जाना

43 अध्यि का पाररश्रनमक

44 अनुपनस्थनत-छुट्टी तथा कायबकारी अध्यि की ननयुनक्त आकद

45 नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी के सनभमलन

4

46 मुख्य कायबपानलक अनधकारी

47 अन्य अनधकार तथा सेवक

48 मुख्य कायबपानलक अनधकारी तथा अन्य अनधकाररयों एवां सेवकों की सेवा शतें

49 नगर नवकास स्कीम

50 नगर नवकास स्कीमों का तैयार ककया जाना

51 पुनरीिण

52 ननदेश देन ेकी राज्य सरकार की शनक्त

53 भूनम के उपयोग तथा भूनम के नवकास ननबबन्धन

54 स्कीम का व्यपगत होना

55 नगर नवकास स्कीम लोक प्रयोजन होगी

56 नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी के नलए भूनम का अजबन

57 नवकास कायब

58 भूनम, भवनों तथा अन्य नवकास कायों का व्ययन

59 नवकास प्रभार

60 उदग्रहण का ढांग

61 नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की नननध

61-क राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रानधकारी से नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को वार्वषक अनभदाय

62 वार्वषक बजट

63 धन उधार लेन ेकी शनक्त

63-क बकाया की भू-राजस्व की बकाया के तौर पर वसूली

आठवाां अध्याय - नवशेष िेत्र

64 नवशेष िेत्र का गठन

65 नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी

66 नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी का ननगमन

67 कमबचारी वृांद

68 कृत्य

69 शनक्तयाां

70 नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी की नननध

71 वार्वषक प्राक्कलन

नवाां अध्याय - ननयांत्रण

72 पयबवेिण तथा ननयांत्रण की राज्य सरकार की शनक्त

73 ननदेश देन ेकी राज्य सरकार की शनक्त

74 अनुरूपता सुनननित करने के नलए योजनाओं आकद का पुनर्ववलोकन करन ेकी राज्य सरकार की शनक्त

5

75 शनक्तयों का प्रत्योजन

76 प्रानधकाररयों का नवघटन

नवाां - क अध्याय - नवकास प्रानधकरण सेवाएां

76-क पररभाषाएां

76-ख नवकास प्रानधकरण सेवा का गठन आकद

76 खख जाांच

76 खखख अनधभार

76-ग अनधननयम क्रमाांक 14 सन् 1961 का आांनशक ननरसन

दसवाां अध्याय - प्रकीणब

77 प्रवेश का अनधकार

78 न्यायालयों की अनधकाररता

79 अपराधों का सांज्ञान

80 सदस्य तथा अनधकारी लोक सेवक होंगे

81 वाद तथा अन्य कायबवानहयाां

82 कायबवानहयाां ररक्त के कारण अनवनधमान्य नहीं होंगी

83 सदस्य, उत्तरानधकारी के पद ग्रहण करन ेतक पद पर बना रहगेा

84 प्रादेनशक योजना आकद का ननवबचन

ग्यारहवाां अध्याय - ननयम तथा नवननयम

85 ननयम बनाने की शनक्त

86 नवननयम

बारहवाां अध्याय - ननरसन

86 ननरसन, व्यावृनत्त तथा ननदेशों का अथाबन्वयन

87 ननरसन

6

मध्यप्रदशे अनधननयम 1 (क्रमाांक 23 सन् 1973)

मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम ननवेश अनधननयम, 1973

{कदनाांक 16 अप्रैल 1973 को राष्ट्रपनत की अनुमनत प्राप्त हुई अनुमनत ‘‘मध्यप्रदशे’’ राजपत्र (असाधारण), में कदनाांक 26 अप्रैल 1973

को प्रथमबार प्रकानशत की गई}

भूनम के ननवेश तथा नवकास एवां उपयोग के नलय ेउपबांध करन,े नगर ननवेश स्कीमों का उनचत रीनत में बनाया

जाना तथा उनके ननष्पादन का प्रभावी बनाया जाना सुनननित करन े की दनृि से नवकास योजनाएां तथा पररिेत्रीक

योजनाएां तैयार करन ेके नलय ेअनधक उपबांध करन,े नगर तथा ग्राम नवकास योजना के उनचत कायाबन्वयन के नलय ेनगर

तथा ग्राम ननवेश प्रानधकारी का गठन करन,े नवशेष िेत्रों का नवकास तथा प्रशासन नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी के

माध्यम से करन े के नलय ेउपबांध करन े नवकास योजनाओं के प्रयोजनाथब भूनम के अननवायब अजबन के नलय ेतथा पूवोक्त

नवषयों से सांबांनधत प्रयोजनों के नलय ेउपबांध करन ेहतेु अनधननयम । भारत गणराज्य के चौबीसवें वषब में मध्यप्रदेश नवधान

मांडल द्वारा ननम्ननलनखत रूप से अनधननयनमत होः-

पहला अध्याय - प्रारांनभक

1. (1) यह अनधननयम, मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम ननवेश अनधननयम, 1973 कहा जा सकेगा।

(2) इसका नवस्तार सांपूणब मध्यप्रदेश पर ह।ै

2(3) यह तत्काल प्रवृत्त होगा।

(i) ककसी न्यायालय के ककसी ननणबय नडक्री या आदेश में अांतर्ववि ककसी बात के होते हुए भी नगरपानलका

ननगम, इन्दौर की सीमाओं से परे नस्थत िेत्रों को मध्यप्रदेश शासन, नगर तथा ग्राम ननवेश नवभाग की

अनधसूचना क्रमाांक 515-एफ-एक-20-33-73, कदनाांक 13 फरवरी 1974 द्वारा मूल अनधननयम की

धारा 13 की उपधारा (1) के अधीन गरठत इन्दौर ननवेश िेत्र में सनभमनलत ककये जाने के सांबांध में यह

समझा जायेगा कक वह नवनधमान्य ह ैऔर सदैव ही नवनधमान्य था और तदनुसार उन समस्त कायेाेां या

बातों का कायबवानहयों के सांबांध में, जो सरकार द्वारा या सरकार के ककसी अनधकारी द्वारा या ककसी

अन्य प्रानधकारी द्वारा मूल अनधननयम के या उक्त ननवेश िेत्र में तत्समय प्रवृत्त ककसी अन्य नवनध के

उपबांधों के प्रवतबन के सांबांध में की गयी हो, समस्त प्रयोजनों के नलए यह समझा जायेगा कक वे नवनध के

अनुसार की गयी ह,ै और सदैव ही नवनध के अनुसार की गयी थी ।

(4) इस अनधननयम में की कोई भी बात -

(क) केन्टोनमेन्ट एक्ट, 1924 (क्रमाांक 2 सन् 1924) के अधीन ककसी छावनी के भीतर समानवि भूनमयों

को,

(ख) नौ सेना, सेना तथा वायु सेना के सांकमों के प्रयोजन के नलए केन्रीय सरकार द्वारा अपन ेस्वानमत्व में

रखी गयी, भाडे पर ली गयी या अनधग्रहण की गयी भूनमयो को,

1 राजपत्र (असाधारण) कदनाांक 26-4-1973 पर प्रकानशत

2 धारा 1 (3) राजपत्र, कदनाांक 29.10.82 (म.प्र. अनधननयम क्रमाांक 34 सन् 1982) द्वारा प्रनतस्थानपत और इसके बारे में यह समझा जायेगा कक वह

सदैव से स्थानपत की गयी ह।ै

7

(ग) इनडडयन रेल्वेज एक्ट 1890 (क्रमाांक 9 सन् 1890) के अध्याय 3 के अधीन, सांकमों के सनिमाबण तथा

अनुरिण के प्रयोजन के नलए रेल प्रशासन के ननयांत्रणाधीन भूनमयों को, लाग ूनहीं होगी।

पररभाषाएां :-

2. इस अनधननयम में, जब तक कक सांदभब से अन्यथा अपेनित न हो -

(क) ‘‘कृनष’’ के अांतगबत आता ह ैउद्यान कृनष, कृनष फमब (फार्ममग), वार्वषक या ननयतकानलक फसलें, फल सनजजयाां,

फूल घास, चारा वृि उगाना या ककसी भी प्रकार की मृदा कृनष चारे चराई या छप्पर छाने की घास के नलए

भूनम आरनित करना, जीव धन, नजसके अांतगबत मवेशी, घोडे, गध,े खच्चर, सुअर आत ेहैं, का अनभजनन तथा

पालन मछली का अनभजनन तथा मधुमनक्खयों का पालन तथा भूनम का ऐसा उपयोग जो भूनम पर कृनष कमब

करन ेके नलए सहायक हो, ककन्तु उसके अांतगबत ननम्ननलनखत नहीं आत ेहैं:-

(एक) केवल दधू ननकालने तथा दधू और दधू के उत्पाद बेचने के प्रयोजनाथब मवेनशयों का पालन,

(दो) कोई उद्यान जो ककसी भवन का उपाांग हो, और अनभव्यनक्त ‘‘कृषक’’ का तदनुसार अथब लगाया जायेगा।

(ख) ‘‘सुख सुनवधा’’ के अांतगबत मागब तथा सडके, जल तथा नवदु्यत प्रदाय, खुल ेस्थान, उपवन, आमोद-प्रमोद िेत्र,

प्राकृनतक नवनशिताएां (नेचुरल फीचसब), खेल के मैदान, सडकों पर प्रकाश की व्यवस्था जल-ननकास, मल-प्रवाह

की व्यवस्था तथा अन्य उपयोगी सेवा कायब, सेवाएां तथा सुनवधाएां आती ह ै;

(ग) ‘‘भवन’’ से अनभप्रेत ह ैगृह, झोपडी, शेड या अन्य सांरचना जो ककन्हीं प्रयोजनों के नलए तथा ककसी भी प्रकार की

सामग्री से सनिर्वमत हो और उसका प्रत्येक भाग, चाहे वह अस्थायी हो या स्थाीीय तथा चाह ेउसका उपयोग

मानव ननवास के रूप में ककया जाता हो अथवा नहीं, और उसके अांतगबत कुां आ, शौचालय, जलननकास कायब,

नस्थर चबूतर, बरामदा, दीवार की कुर्वसयाां, द्वारा की सीनऺढया, अहात ेकी दीवार, बाड एवां इसी प्रकार की अन्य

वस्तुएां तथा उससे सांबांनधत कोई भी ननमाबण कायब आत े हैं ककन्तु उसके अांतगबत भवन में समानवि प्लान्ट या

मशीनरी नहीं आती।

1(घ) ‘‘ननमाबण सांकक्रया’’ के अांतगबत आता ह:ै-

(एक) भवन या उसके ककसी भाग का बनाना या पुनः बनाना या तोडना ;

2(एक-क) ‘‘प्राकृनतक पररसांकट’’ से अनभप्रेत ह ैककसी नवननर्ददि कालावनध के भीतर ककसी िेत्र में

प्राकृनतक घटना की अनभसांभाव्यता से होने वाले नुकसान की सांभाव्यता ;

(एक-ख) ‘‘प्राकृनतक पररसांकट उन्मुख िेत्रों’’ से अनभप्रेत ह ैऐसे सांभनवत िेत्र जो -

(एक) भूकां पों के अनत उच्च जोनखम पररिेत्र का अनुसीमक ह ै; या

(दो) बाढ़ प्रवाह या जलप्लावन के सांकेतन हैं ; या

(तीन) सांभाव्य भूनम कफसलन में या झुकाव में ह ै;

(चार) इनमें से एक से अनधक पररसांकट वाल ेहैं ;’’.

(दो) भवन के ककसी भाग पर या खुले स्थान पर छत डालना या पुनः छत डालना ;

1 धारा 2 (घ) (एक) राजपत्र कदनाांक 21-1-83 द्वारा प्रनतस्थानपत।

2 मध्यप्रदेश राजपत्र कदनाांक 1 नसतांबर 2005 द्वारा अांतस्थानपत

8

(तीन) ककसी भवन में कोई भी सारवान् पररवतबन या पररवर्द्बन करना,

(चार) ककसी भवन में कोई भी ऐसा पररवतबन करना नजससे कक उसके (भवन के) जल ननकास में या स्वच्छता

सांबांधी व्यवस्था में पररवतबन होना सांभाव्य हो या जो उसकी (भवन की) सुरिा पर सारवान् रूप से

प्रभाव डालता हो,

(पाांच) ककसी भी सडक पर या ऐसी भूनम पर, जो स्वामी की न हो, खुलन ेवाले ककसी द्वारा का सनिमाबण

करना,

(ड) ‘‘वानणनज्यक उपयोग’’ से अनभप्रेत ह ैकोई व्यापार, कारबार या वृनत्त करन ेया ककसी भी प्रकार के माल

का नवक्रय या नवननमय करने के प्रयोजन के नलए ककसी भूनम या भवन या उसके भाग का उपयोग और

उसके अांतगबत लाभ उपार्वजत करन े की दनृि से, अस्पतालों, रूग्णालयों, शैनिक सांस्थाओं, होटलों,

उपहार गृहों तथा बोर्मडग हाउसों (जो कक ककसी शैनिक सांस्था से सांलग्न न हो) सरायों का चलाना आता

ह ैऔर उसके अांतगबत ककसी भूनम या भवन का चाह ेवह ककसी उद्योग से सांलग्न हो या न हो, माल के

भांडारकरण के नलए या कायाबलय के रूप में उपयोग भी आता ह,ै

(च) ‘‘नवकास’’ तथा उसके व्याकरनणक रूप भेदों से अनभप्रेत ह,ै भूनम में भूनम पर, भूनम के ऊपर या भूनम के

नीचे ननमाबण सांबांधी इांजीननयररग सांबांधी, खनन सांबांधी सांकक्रया या अन्य प्रकक्रया करना या ककसी भवन

या भूनम मेंया दोनों में से ककसी के भी उपयोग में कोई सारवान तजदीली करना, और उसके अांतगबत

ककसी भूनम का उप-नवभाजन आता ह।ै

(छ) ‘‘नवकास योजना’’ के अांतगबत पररिेनत्रक योजना आती ह।ै

(ज) ‘‘सांचालक’’ से अनभप्रेत ह ैइस अनधननयम के अधीन ननयुक्त ककया गया नगर तथा ग्राम ननवेश सांचालक।

(झ) ‘‘भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र’’ से अनभप्रेत ह ैनवननर्ददि िेत्र में की भूनमयों के उस उपयोग

की, जो कक माननचत्र तैयार ककये जाने के समय उन भूनमयों का ककया जाता हो, उपदर्वशत करन ेवाला

माननचत्र और उसके अांतगबत भूनम के उपयोग सांबांधी जयौरे देन ेवाले माननचत्र सनहत, तैयार ककया गया

रनजस्टर आता ह।ै

(ञ) ‘‘भूनम’’ के अांतगबत भूनम से उदभूत होने वाल ेफायद ेऔर वे चीजें जो भू-बर्द् ककसी चीज से स्थायी रूप

से जकडी हुई ह,ै आती ह।ै

*1 (ट) ‘‘स्थानीय प्रानधकारी’’ से अनभप्रेत हैं -

(एक) मध्यप्रदेश भयुनननसपल कारपोरेशन एक्ट, 1956 (क्रमाांक 23 सन् 1956) द्वारा या उसके

अधीन गरठत ककया या कोई नगरपानलका ननगम,

(दो) मध्यप्रदेश नगरपानलका अनधननयम, 1961 (क्रमाांक 37 सन् 1961) द्वारा या उसके अधीन

गरठत की गयी कोई नगरपानलका पररषद या नगर पांचायत,

(तीन) मध्यप्रदेश पांचायत राज अनधननयम 1993 (क्रमाांक 1 सन् 1994) के अधीन गरठत की गयी

कोई ग्राम पांचायत,

1 धारा 2 (ट) (दो) और (तीन) राजपत्र कदनाांक 17.4.96 द्वारा प्रनतस्थानपत

9

(ठ) ‘‘सदस्य’’ से अनभप्रेत ह ैयथानस्थनत ककसी नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी का या ककसी नवशेष िेत्र

नवकास प्रानधकारी का सदस्य और उसके अांतगबत उसका अध्यि आता ह।ै

(ड) ‘‘अनधभोगी’’ के अांतगबत ननम्ननलनखत आत ेहैं -

(एक) अनभधारी,

(दो) अपनी भूनम का अनधभोग करने वाला स्वामी या अन्यथा उसका उपयोग करन ेवाला स्वामी,

(तीन) भाटक-मुक्त अनभधारी,

(चार) अनुज्ञनप्तधारी,

(पाांच) कोई भी व्यनक्त जो स्वामी की भूनम के उपयोग तथा अनधभाग के नलए नुकसानी चुकाने के

दानयत्व के अधीन हो,

1(ढ) ‘‘स्वामी’’ से अनभप्रेत ह ैभूनम या भवन का स्वामी और उसके अांतगबत आता ह ैसकजजा बांधकदार ताकक कोई ऐसा

व्यनक्त जो चाह ेअपन ेस्वयां के नलए या ककसी अन्य व्यनक्त की ओर से या ककसी अन्य व्यनक्त के और अनधक फायद े

के नलए या ककसी अन्य व्यनक्त के अनभकताब, न्यासी, सांरिक या प्रापक के रूप में या धार्वमक या खैराती सांस्थाओं

के नलए ककसी भूनम का भाटक या प्रीनमयम तत्समय पर प्राप्त कर रहा हो या प्राप्त करन ेका हकदार हो या प्राप्त

कर चुका हो, या जो इस दशा में जबकक वह भूनम पटे्ट पर दी जानी हो , भाटक प्रापत करेगा या भाटक या

प्रीनमयम प्राप्त करने का हकदार होगा तथा ककसी सरकारी नवभाग का अध्यि ककसी रेलवे का महाप्रबांधक तथा

ककसी स्थानीय प्रानधकारी, कानूनी प्रानधकारी, कभपनी ननगम या उपक्रम का मुख्य कायबपानलक अनधकारी, चाह े

वह ककसी भी नाम से पदानभनहत हो, जहाां तक कक उसके ननयांत्रणाधीन सांपनत्तयों का सांबांध ह ैउसके (स्वामी के)

अांतगबत आत ेहैं।

2(ण) ‘‘ननवेश िेत्र’’ से अनभप्रेत ह ैकोई ऐसा िेत्र जो इस अनधननयम के अधीन ननवेश िेत्र घोनषत ककया गया हो (और

अनभव्यनक्त ननवेशत्तर िेत्रों का तदनुसार अथब लगाया जायेगा)।

3(ण-ण) ‘‘पुनगबरठत प्लाट’’ से अनभप्रेत ह ैकोई ऐसा प्लाट जो नगर नवकास स्कीम के तैयार ककये जाने के पररणामस्वरूप

पररवर्वतत ककया गया ह,ै

(त) ‘‘प्रदेश’’ से अनभप्रेत ह ैकोई ऐसा िेत्र जो इस अनधननयम के अधीन प्रदेश के रूप में स्थानपत ककया गया ह।ै

(थ) ‘‘प्रादेनशक योजना’’ से अनभप्रेत ह ैप्रदेश के नलए कोई योजना जो इस अनधननयम के अधीन तैयार की गयी ह ैओर

राज्य सरकार द्वारा अनुमोकदत की गयी हो।

1(द) ‘‘गन्दी बस्ती’’ से अनभप्रेत ह ैकोई ऐसा िेत्र जो मध्यप्रदेश गांदी बस्ती िेत्र (सुधार तथा ननमूबलन) अनधननयम,

1976 (क्रमाांक 39 सन् 1976) की धारा 3 के अधीन गांदी बस्ती िेत्र घोनषत ककया गया हो,

1 खडड 2 (ढ) राजपत्र कदनाांक 21.1.83 द्वारा प्रनतस्थानपत

2 खडड 2 (ण) राजपत्र कदनाांक 21.1.83 जोडा गया

3 खडड 2 (ण ण) राजपत्र कदनाांक 4.6.75 द्वारा अांतः स्थानपत

10

(ध) ‘‘नवशेष िेत्र’’ से अनभप्रेत ह ैकोई ऐसा नवशेष िेत्र जो धारा 64 के अधीन उस रूप में अनभनहत ककया गया हो,

(न) ‘‘नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी’’ से अनभप्रेत ह ैधारा 65 के अधीन गरठत ककया गया कोई प्रानधकारी,

(प) ‘‘नगर नवकास स्कीम’’ से अनभप्रेत ह ैकोई ऐसी स्कीम जो ककसी नवकास योजना के उपबांधों के कायाबन्वयन के

नलए नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी द्वारा तैयार की गयी हो और उसके अांतगबत ‘‘स्कीम आती ह’ै’,

(फ) ‘‘नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी’’ से अनभप्रेत ह ैधारा 38 के अधीन स्थानगत ककया गया कोई प्रानधकारी,

(ब) ‘‘पररिेत्र’’ से अनभप्रेत ह ैककसी ननवेश िेत्र का कोई अनुभाग नजसके कक नलए नवकास योजना के अधीन व्यौरेवार

पररिेनत्रक योजना तैयार की गयी हो,

2(भ) लोप ककया गया ।

दसूरा अध्याय - नगर तथा ग्राम ननवेश सांचालक

सांचालक तथा अन्य अनधकारी

3 (1) राज्य सरकार ककसी व्यनक्त को राज्य के नलए नगर तथा ग्राम ननवेश सांचालक, ननयुनक्त करेगी और उसकी

सहायता करन ेके नलए ननम्ननलनखत प्रवगों के एक या अनधक अनधकाररयों को ननयुनक्त कर सकेगी, अथाबत -

(क) नगर तथा ग्राम ननवेश का अपर सांचालक

(ख) नगर तथा ग्राम ननवेश का सांयुक्त सांचालक

(ग) नगर तथा ग्राम ननवेश का उप सांचालक

(घ) नगर तथा ग्राम ननवेश का सहायक सांचालक

(ड) अनधकाररयों के ऐसे अन्य प्रवगब जो कक नवनहत ककय ेजायें।

(2) सांचालक, ऐसी शनक्तयों का प्रयोग करेगा तथा ऐसे कतबव्यों का पालन करेगा जो कक इस अनधननयम के अधीन

उसको प्रदत्त की गयी हो या उस पर अनधरोनपत ककय ेगय ेहों और सांचालक की सहायता करन ेके नलए ननयुक्त

ककय ेगय ेअनधकारी ऐसे िेत्रों के भीतर, नजन्हें कक राज्य सरकार नवननर्ददि करें, इस अनधननयम द्वारा या उसके

अधीन सांचालक को प्रदत्त की गयी ऐसी शनक्तयों का प्रयेाग करेंग ेतथा इस अनधननयम के अधीन सांचालक पर

अनधरोनपत ककय ेगये ऐसे कतबव्यों का पालन करेंग ेनजनके कक सांबांध में राज्य सरकार नवशेष या साधारण आदेश

द्वारा ननदेश दें।

(3) सांचालक की सहायता के नलए ननयुक्त ककया गया अनधकारी उसके (सांचालक के ) अधीनस्थ होगा और उसके

मागबदशबन, पयबवेिण तथा ननयांत्रण के अधीन कायब करेगा।

1 खडड 2 (द) राजपत्र कदनाांक 21.1.83 द्वारा प्रनतस्थानपत

2 मध्यप्रदशे राजपत्र कदनाांक 29 कदसांबर 2004 द्वारा सांशोनधत ।

11

तीसरा अध्याय - प्रादेनशक ननवेश

प्रदेशों की स्थापना

4. प्रदेशो की स्थापना -

(1) राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा -

(क) राज्य में ककसी िेत्र को इस अनधननयम के प्रयोजनों के नलए प्रदेश घोनषत कर सकेगी,

(ख) ऐसे िेत्र की सीमाएां पररनननित कर सकेगी, और

(ग) वह नाम नवननर्ददि कर सकेगी नजस नाम से कक ऐसा प्रदेश जाना जायेगा।

(2) राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा ककसी भी ऐसे िेत्र का नाम पररवर्वतत कर सकेगी और ऐसा पररवतबन हो जाने

पर ककसी नवनध या नलनखत या अन्य दस्तावेज में उस प्रदेश के प्रनत ककये गय ेकोई भी ननदेश पुननाबनमत ककये गय े

प्रदेश के प्रनत ननदेश समझे जायेंग ेजब तक कक अनभव्यनक्त रूप से अन्यथा उपबांनधत न हो या सांदभब से वैसा

अपेनित न हो।

(3) राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा

(क) ककसी प्रदेश की सीमाओं में इस प्रकार पररवतबन कर सकेगी कक नजससे ऐसा िेत्र जो कक अनधसूचना में नवननर्ददि

ककया जाय, उस प्रदेश में सनभमनलत ककया जा सके या उसमें से अपवर्वजत ककया जा सके,

(ख) दो या अनधक प्रदेशों को इस प्रकार समामेनलत कर सकेगी कक नजससे एक प्रदेश बनाया जा सके,

(ग) ककसी भी प्रदेश को दो या अनधक प्रदेशों में नवभानजत कर सकेगी, या

(घ) यह घोनषत कर सकेगी कक वह सांपूणब िेत्र या उसका कोई भाग, नजससे कक कोई प्रदेश बनता हो, प्रदेश या उसका

(प्रदेश का) भाग नहीं रहा जायेगा।

सांचालक प्रादेनशक योजनाएां तैयार करेगा

(5) इस अनधननयम के तथा उसके अधीन बनाये गय े ननयमों के उपबांधों के अध्यधीन रहत ेहुए, सांचालक का यह

कतबव्य होगा कक वह -

(एक) प्रदेशों का सवेिण करें,

(दो) भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र तैयार करें और

(तीन) प्रादेनशक योजना तैयार करे।

सवेिण

(6) (1) सांचालक भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र तथा ऐसे अन्य माननचत्र जो कक प्रादेनशक योजना

के प्रयोजन के नलए आवश्यक हो, तैयार करने की दनृि से -

(क) ऐसे सवेिण करेगा जो कक आवश्यक हो,

(ख) शासन के ककसी नवभाग से तथा ककसी प्रानधकारी से ऐसे माननचत्र, ऐसी सवेिण ररपोटब तथा ऐसी भू-

अनभलेख, जो कक उस प्रयोजन के नलए आवश्यक हो, अनभप्राप्त करेगा।

(2) उपधारा (1) में नवननर्ददि ककये गय ेस्थानीय प्रानधकारी तथा अन्य प्रानधकाररयेाां का यह कतबव्य होगा कक वे ऐसे

माननचत्र ररपोटब तथा अनभलेख जो कक सांचालक द्वारा अपेनित ककय ेजाय,े यथा सांभव शीघ्रता से दें।

12

7. प्रादेनशक योजना की नवषय वस्त ु

प्रादेनशक योजना में वह रीनत, नजसमे कक प्रदेश में की भूनम का उपयोग ककया जाय, नवकास की क्रमावस्था,

सांचार तथा पररवहन के तांत्र (नेटवकब ) प्राकृनतक साधनों के सांरिण तथा नवकास के नलए प्रस्थापनाएां उपदर्वशत

की जायेगी और नवनशनितया या ननम्ननलनखत उपदर्वशत ककये जावेंगेः-

(क) भूनम का ननवास सांबांधी, औद्योनगक, कृनषक जैसे प्रयेाजनों के नलए या वनों के रूप में या खननज दोजन के नलए

आवांटन

(ख) आमोद-प्रमोद के प्रयोजनों, उद्यानों, वृि िेत्रों (ट्री वेल्टस) तथा पशुओं के हतेु अभय-स्थानों (एनीमल

सेक्च्यूरीज) के हतेु खुले स्थानों का आरिण,

(ग) पररवहन तथा सुचार सुनवधाओं, जैसे सडकों, रेलमागों, जलमागों के नवकास के अि (एक्सेज) तथा नवमान

पतनों (एयर पोटबस) की अवनस्थनत तथा उनका नवकास,

(घ) लोकोपयोगी सेवाकायों, जैसे जल प्रदाय, जल ननकास तथा नवदु्यत के नवकास के नलए आवश्यकताएां तथा

सुझाव,

(ड) उन िेत्रों का आवांटन जो कक ऐसे ‘‘नवशेष िेत्रों’’ के रूप में नवकनसत ककय ेजायेंग ेकक नय ेनगर,नगररयों, वृहत

औद्योनगक अनधष्ठान (इांडनस्ट्रयल एस्टेटस) या ककसी अन्य प्रकार की वृहत पररयोजनाएां स्थानपत की जा सके,

(च) िेत्रों का भूदशृ्यीकरण (लैडडस्केपपग) तथा उनकी प्राकृनतक अवस्था में उनका परररिण,

(छ) अपिरण की रोकथाम सांबांधी उपाय नजनके अांतगबत वन िेत्रों का कायाकल्प आता ह,ै

(ज) पसचाई, जल प्रदाय या बाढ़ ननयांत्रण सांबांधी सांकमों से सांबांनधत प्रस्थापनाएां

(8). प्रादेनशक योजना का तैयार ककया जाना

(1) भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र के तैयार हो जाने के पिात सांचालक एक प्रारूप प्रादेनशक योजना

तैयार करवायेगा और उसे, उसकी एक प्रनतनलनप ननरीिण के हतेु उपलजध कराकर और ऐसे प्रारूप तथा रीनत

में, जो कक नवनहत की / ककया जाय, एक ऐसी सूचना प्रकानशत करके नजसमें कक ककसी भी व्यनक्त से उस सूचना

के प्रकाशन से साठ कदन से पूवब की न होने वाली ऐसी तारीख के पूवब जो कक सूचना में नवननर्ददि की जाय, उस

प्रारूप योजना के सांबांध में आपनत्तयों तथा सुझाव आमांनत्रत ककये जायेंगे, प्रकानशत करेगा। ऐसी सूचना में प्रारूप

योजना के सांबांध में ननम्ननलनखत नवनशनियाां नवननर्ददि होंगी, अथाबत:-

(क) भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र और उस पर वृत्तात्मक ररपोटब,

(ख) प्रारूप योजना के उपबांधों को स्पि करन ेवले आवश्यक माननचत्रों तथा चाटों द्वारा प्रमानणत की गई

वृत्तात्मक ररपोटब,

(ग) प्रारूप येाजना में सनभमनलत ककय ेगय ेकायों के नलए दी गई पूर्ववकताओं को तथा उस रूप में नवकास के

कायबक्रम की क्रमावस्था को उपदर्वशत करन ेवाला रटप्पणी ,

(घ) प्रारूप योजना के प्रवतबन तथा कायाबन्वयन के सांबांध में शासन के नवनभि नवभागों, नगर तथा ग्राम

ननवेश अनधननयम प्रानधकाररयों नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकाररयों तथा स्थानीय प्रानधकाररयों को

समनुदेनशत ककय ेजा रह ेकायब पर रटप्पण,

13

(2) सांचालक उन समस्त आपनत्तयों तथा सुझावों पर, जो कक उपधारा (1) के अधीन की सूचना में नवननर्ददि की गयी

कालावनध के भीतर उसे प्राप्त हुए हों, नवचार करेगा और उससे प्रभानवत हुए समस्त व्यनक्तयों को सुनवाई का

युनक्तयुक्त अवसर देने के पिात प्रादेनशक योजना तैयार करेगा नजसमें ऐसे उपान्तरण आकद कोई हो, नजन्ह ेकक

वह आवश्यक समझें, अांतर्ववि होंगे और समस्त सांसक्त दस्तावेजों, योजनाओं, माननचत्रों एवां चाटों सनहत उसे

(प्रादेनशक योजना को) अनुमोदन के हते ुराज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा ।

9. प्रादेनशक योजना को अांनतम रूप कदया जाना

(1) राज्य सरकार, धारा 8 के अधीन प्रस्तुत की गयी प्रारूप प्रादेनशक योजना को उपान्तरणों के साथ या उपान्तरणों

के नबना अनुमोकदत कर सकेगी या उसे अगृनहत कर सकेगी या पुनर्ववचार ककये जाने के नलए उसे सांचालक को

वापस कर सकेगी

(2) उपधारा (1) के अधीन प्रारूप प्रादेनशक योजना के अनुमोकदत हो जाने के अव्यवनहत पिात राज्य सरकार ऐसी

रीनत में जैसी कक नवनहत की जाय, एक सूचना प्रकानशत करेगी नजसे कक यह कनथत होगा कक प्रादेनशक योजना

अनुमोकदत कर दी गयी ह ै और वह स्थान वर्वणत होगा जहाां कक उस योजना की प्रनत का ननरीिण समस्त

युनक्तयुक्त समयों पर ककया जा सकेगा और उसमें (सूचना में) वह तारीख नवननर्ददि करेगी नजसको कक वह

प्रादेनशक योजना प्रवर्वतत होगी,

परन्त ुजहाां राज्य सरकार प्रादेनशक योजना को उपान्तरणों के साथ अनुमोकदत करें, वहाां उसे तब तक

प्रकानशत नहीं ककया जायेगा जब तक कक राज्य सरकार ने ऐसे उपान्तरणों को ऐसी सूचना के साथ राजपत्र में

प्रकानशत न कर कदया हो नजसमे कक उनके (उपान्तरणों) के सांबांध में ऐसी कालावनध के भीतर, जो ऐसी सूचना

के प्रकाशन की तारीख से तीस कदन से कम की नहीं होगी, आपनत्तयों तथा सुझाव आमांनत्रत ककय ेगय ेहो, और

जब तक कक उन आपनत्तयों तथा सुझावों पर उनस ेप्रभानवत हुए व्यनक्तयों को सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर देन े

के पिात नवचार न कर नलया हो।

10. भूनम के उपयोग या उसके नवकास पर ननबबन्धन

(1) तत्समय प्रवृत्त ककसी अन्य नवनध में अांतर्ववि ककसी बात के होते हुए भी, प्रारूप प्रादेनशक योजना के प्रकाशन की

तारीख को या उसके पिात कोई भी व्यनक्त, प्रानधकारी, शासन का नवभाग या कोई भी अन्य व्यनक्त सांचालक के

या सांचालक द्वारा प्रानधकृत ककय ेगय ेककसी ऐसे अनधकारी के जो कक उप सांचालक के पद से ननम्न पद का न हो,

पूवब अनुमोदन क नबना भूनम के उपयोग में कृनष से नभि ककसी भी प्रयोजन के नलए कोई तजदीली नहीं करेगा या

ककसी भी भूनम के सांबांध में कोई ऐसा नवकास, जो प्रारूप योजना के उपबांधों के प्रनतकूल हो, कायाबनन्वत नहीं

करेगा ।

(2) तत्समय प्रवृत्त ककसी नवनध में अांतर्ववि ककसी बात के होते भी उपधारा (1) में ननर्ददि की गयी अनुमनत प्रारूप

योजना या अांनतम योजना के उपबांधों के अनुरूपता ही दी जायेगी अन्यथा नहीं और ककसी भी अनुमनत का यकद

वह दे दी गयी हो, यह अथब नहीं लगाया जायेगा कक वह उस व्यनक्त को, नजसने कक अनुमनत चाही हो, कोई भी

नवनधक अनधकार प्रदत्त करती ह।ै

(3) इस धारा के उपबांधों के उल्लांघन में कोई सांकमब कायाबनन्वत ककया हो, तो नगरपानलक ननगम या नगरपानलका

पररषद अपन े स्थानीय िेत्र के भीतर तथा कलेक्टर ऐसे स्थानीय िेत्रों के बाहर के िेत्रों में ऐसे सांकमों को

14

व्यनतकमी के खचे पर हटवा सकेगा या तुडवा सकेगा जो खचब कक उससे उसी रीनत में वसूल ककया जायेगा नजसमे

कक भू-राजस्व का बकाया वसूल ककया जाता:

परन्त ु इस उपधारा क अधीन कोई भी कायबवाही तब तक नहीं की जायेगी जब तक कक सांबांनधत व्यनक्त को

सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर न कदया गया हो, और सूचना द्वारा उसमें (सूचना) में नवननर्ददि ककये गय ेसमय के भीतर उस

सांकमब को हटाने या उसे तोड डालन ेके नलए अपेनित न ककया गया हो ।

(4) कोई भी व्यनक्त, जो यथानस्थनत नगरपानलका ननगम, नगरपानलका पररषद या कलेक्टर के उस आदेश से व्यनथत

हो नजसके द्वारा कक सांकमब को हटाने या तोड देने की अपेिा की गयी हो, उपधारा (3) के अधीन सूचना की प्राप्ती

से 15 कदन के भीतर सांचालक को अपील कर सकेगा और ऐसी अपील में सांचालक का आदेश अांनतम होगा।

11. कनतमय मामलों में प्रनतकर के दावों स ेअपतजबन

जहाां अांनतम प्रादेनशक योजना मे ककसी िेत्र के नलए भूनम का कोई नवनशि उपयोग समनुदेनशत ककया जाय,े और उसमें

(उस िेत्र में) नस्थत कोई भूनम ककसी भी ऐसी अन्य नवनध के, जो उस तारीख को प्रवृत्त थी नजसको कक इस अनधननयम

द्वारा या उसके अधीन ननबबन्धन अनधरोनपत ककये गय ेथे, अधीन प्रवृत्त ऐसे ननबबन्धनों के, जो सारतः वेसे ही हों, अध्यधीन

रहत ेहुए पहल ेसे ही ऐसे उपयोग में लाई जाती हो और यकद ऐसी ननबबन्धनों के बारे में प्रनतकर ककसी भी ऐसी अन्य नवनध

के, जो उस सभपनत्त के या उसमें के ककसी अनधकार या नहत के बारे में तत्समय प्रवृत्त थी, अधीन दावेदार को या दावेदार

के ककसी नहत पूवाबनधकारी पर पहल ेही चुकाया जा चुका हो तो स्वामी इस अनधननयम के उपबांधों के के अधीन भूनम के

उपयोग पर लगाय ेगय ेननबबन्धनों के कारण उसके अनधकारों को कोई िनत या नुकसान के मुदे्द ककसी और प्रनतकार का

हकदार नहीं होगा ।

12. प्रादेनशक योजना का पुनर्ववलोकन

(1) सांचालक, स्वप्रेरणा से प्रादेनशक योजना के प्रवर्वतत होने के पिात ककसी भी समय प्रादेनशक येाजना पुनर्ववलोकन

तथा मूल्याांकन का कायब हाथ में ल े सकेगा तथा उसमें ऐसे उपान्तरण कर सकेगा जैसे कक पररनस्थनतयों में

न्यायोनचत हाे या राज्य सरकार द्वारा वैसी अपेिा की जाय ेतो प्रादेनशक योजना के प्रवर्वतत होने के पिात

ककसी भी समय प्रादेनशक-योजना के पुनर्ववलोकन तथा मूल्याांकन का कायब हाथ में लेगा तथा उसमें ऐसे

उपान्तरण करेगा जैसे कक पररनस्थनतयों में न्यायोनजत हो ।

(2) इस अध्याय के पूवबगामी उपबांध, जहाां तक कक वे लाग ूककये जा सकते हो उपधारा (1) के अधीन उपान्तरणों को

उसी प्रकार लाग ूहोंगे जैसे वे उपबांध प्रादेनशक योजना के तैयार ककय ेजाने, प्रकानशत ककय ेजाने तथा अनुमोकदत

ककय ेजाने को लाग ूहोते हैं ।

15

चौथा अध्याय

ननवेश िेत्र तथा नवकास योजनाएां

13. ननवेश िेत्र

(1) राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा इस अनधननयम के प्रयोजनों के नलए ननवेश िेत्रों का गठन कर सकेगी और

उनकी सीमाएां पररनननित कर सकेगी।

(2) राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा -

(क) ननवेश िेत्र की सीमाओं को इस प्रकार पररवर्वतत कर सकेगी नजससे कक ऐसे िेत्र को, जो कक

अनधसूचना में नवननर्ददि ककया जाय, उसमें (ननवेश िेत्र में) सनभमनलत ककया जा सके या उसे उसमें से

अपवर्वजत ककया जा सके,

(ख) दो या अनधक ननवेश िेत्रों को इस प्रकार समामेनलत कर सकेगी कक नजससे कक एक ननवेश िेत्र गरठत

ककया जा सके,

(ग) ककसी भी ननवेश िेत्र को दो या अनधक ननवेश िेत्र में नवभानजत कर सकेगी, या

(घ) यह घोनषत कर सकेगी कक ननवेश िेत्र का गठन करन ेवाला सांपूणब िेत्र या उसका कोई भाग ननवेश िेत्र

या उसका भाग नहीं रहगेा।

1(3) मध्यप्रदेश नगरपानलक ननगम अनधननयम 1956 (क्रमाांक 23 सन् 1956), मध्यप्रदेश नगरपानलका अनधननयम,

1961 (क्रमाांक 31 सन् 1961) या मध्यप्रदेश पांचायत राज अनधननयम, 1993 (क्रमाांक 1 सन् 1994) में

अांतर्ववि ककसी बात के होते हुए भी, यथानस्थनत नगरपानलक ननगम, नगरपानलका पररषद या नगर पांचायत या

कोई पांचायत उपधारा (1) के अधीन जारी की गयी अनधसूचना की तारीख से ननवेश िेत्रों के सांबांध में ऐसी

शनक्तयों का प्रयोग, ऐसे कृत्यों का पालन तथा ऐसे कतबव्यों का ननवबहन करना बांद कर देगी नजनका इस

अनधननयम के अधीन प्रयोग करने, पालन करन ेतथा ननवबहन करन ेके नलए राज्य सरकार या सांचालक सिम ह।ै

14. सांचालक, नवकास योजनाएां तैयार करेगा

इस अनधननयम के तथा उसके अधीन बनाये गय ेननयमों के उपबांधों के अध्यधीन रहत ेहुए सांचालक-

(क) भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र तैयार करेगा,

(ख) नवकास योजना तैयार करेगा,

2(ग) लोप ककया गया

(घ) ऐसे सवेिण तथा ननरीिण करेगा और शासकीय नवभागों, स्थानीय प्रानधकाररयों तथा लोक सांस्थाओं

से ऐसी सांगत ररपोटब अनभप्रापत करेगा जो कक योजनाओं को तैयार करने के नलए आवश्यक हो,

(ड) ऐसे कतबव्यों तथा कृत्यों का पालन करेगा जो पूवबवती ककन्हीं भी कतबव्यों तथा कृत्यों के अनुपूरक

आनुषांनगक तथा पररणानमक हो या जो इस अनधननयम के उपबांधों को कायाबनन्वत करन ेके प्रयोजनों के

नलए राज्य सरकार द्वारा समनुदेनशत ककय ेजायें।

1 धारा 13 (3) राजऩत्र ददनाांक 29.9.95 अांत:स्था पऩत और उसके बारे में यह समझा जायेगा कक वह 30 मई 1994 के द्वारा अांत:स्था3पऩत की गयी है। 2धारा 14 (ग) राजऩत्र ददनाांक 17.04.96 द्वारा पवऱोपऩत

16

115. भनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र

(1) सांचालक सवेिण करेगा और भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी प्राकृनतक पररसांकट उन्मुख िेत्रों को उपदर्वशत

करत ेहुए माननचत्र तैयार करेगा और उन्हें माननचत्र के तैयार हो जाने बाबत तथा उस स्थान या उन स्थानों की,

जहाां कक प्रनतयों का ननरीिण ककया जा सकेगा, बाबत लोक सूचना, नजसमें कक ककसी भी व्यनक्त से ऐसी सूचना

के प्रकाशन की तारीख से तीस कदन के भीतर उसके (माननचत्र के) सांबांध में नलनखत आपनत्तयों तथा सुझाव

आमांनत्रत ककय ेजायेंगे, के साथ ऐसी रीनत में जैसी कक नवनहत की जाय, तुरांत प्रकानशत करेगा।

(2) उपधारा (1) के अधीन प्रकानशत की गयी सूचना में नवननर्ददि की गयी कालावनध का अवसान हो जाने के पिात

सांचालक, ऐसे समस्त व्यनक्तयों को, नजन्होंने कक आपनत्तयाां या सुझाव फाइल ककय ेहो, सुनवाई की युनक्तयुक्त

अवसर देने के पिात उसमें ऐसे उपान्तरण कर सकेगा जैसे कक वाांछनीय समझे जाये।

(3) माननचत्र के उपान्तरणों सनहत या उपान्तरणों के नबना अांगीकृत कर नलय े जाने के पिात यथाशक्य शीघ्र

सांचालक माननचत्र के अांगीकृत कर नलय ेजान ेबाबत तथा उस स्थान या उन स्थानों की, जहाां तक कक उसकी

प्रनतयों का ननरीिण ककया जा सकेगा, बाबत लोक सूचना प्रकानशत करेगा।

(4) उस सूचना की एक प्रनत राजपत्र में भी प्रकानशत की जायेगी और वह इस बात का ननिायक साक्ष्य होगा कक

माननचत्र सभयक, रूप से तैयार तथा अांगीकृत कर नलया गया ह।ै

16. भूनम के उपयोग का नस्थरीकरण

(1) भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र के धारा 15 के अधीन प्रकानशत हो जाने पर

(क) कोई भी व्यनक्त, सांचालक की नलनखत अनुज्ञा के नबना, ककसी भी ऐसे प्रयोजन के नलए जो भूनम के

वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र में उपदर्वशत ककये गय े प्रयोजन से नभि हों, ककसी भी भूनम के

उपयोग को सांनस्थत नहीं करेगा या उसके (उस भूनम के) उपयोग में कोई तजदीली नहीं करेगा या भूनम

के ककसी भी नवकास को कायाबनन्वत नहीं करेगा परन्त ुसांचालक अनुमनत देने से इांकार नहीं करेगा यकद

तजदीली कृनष के प्रयोजन के नलए हो।

(ख) कोई स्थानीय प्रानधकारी या कोई अनधकारी या अन्य प्रानधकारी तत्समय प्रवृत्त ककसी अन्य नवनध में

अांतर्ववि ककसी बात के होते हुए भी भूनम के उपयोग में, भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र में

उपदर्वशत की गयी तजदीली से नभि ककसी तजदीली के नलए अनुज्ञा सांचालक की नलनखत अनुज्ञा के

नबना नहीं देगा।

17. नवकास योजना की नवषय वस्त ु

2नवकास योजना में उस नजले के नलए, नजसमें की ननवेश िेत्र नस्थत ह ै मध्यप्रदेश नजला योजना सनमनत

अनधननयम 1995 (क्रमाांक 19 सन् 1995) के अधीन तैयार की गयी कोई पांचवषीय और वार्वषक नवकास योजना के

प्रारूप पर नवचार ककया जायेगा और उसमें –

(क) ननवेश िेत्र में भूनम के प्रस्थानपत उपयोग को मोटे तौर पर उपदर्वशत ककया जायेगा,

1 मध्य) प्रदेश राजऩत्र ददनाांक 1 ससतांबर 2005 द्वारा स्थापऩत ककया गया

2 धारा 17 राजऩत्र ददनाांक 17.04.96 द्वारा प्रततस्थाा्पऩत

17

1(ख) ‘‘प्राकृनतक पररसांकट उन्मुख िेत्रों के नलए नवननयमों को दनृि में रखत ेहुए ननम्ननलनखत के नलए भूनम के िेत्र या

पररिेत्र मोटे तैार पर आवांरटत ककए जाएांगे ।

(एक) ननवास सांबांधी, औद्योनगक, वानणनज्यक या कृनष प्रयोजन

(दो) खुल ेस्थान, उपवन तथा उद्यान, हररत िेत्र (ग्रीन बेल््स) प्रानण उद्यान तथा खेल के मैदान,

(तीन) लोक सांस्थाएां तथा कायाबलय

(चार) ऐसे नवशेष प्रयोजन, नजन्हें कक सांचालक उनचत समझें,

(ग) ननवेश िेत्र को शेष प्रदेश से जोडन ेवाले राष्ट्रीय एवां राज्य के राजमागों के तथा ननवेश िेत्र के भीतर के पररनध

मागों (ररग रोड्स) मुख्य मागाेांी े(ओरटेररयल रोड्स) के और बडे मागों (मेजर रोड्स) के पेटनब अनधकनथत ककय े

जायेगें:

(घ) नवमान पत्तनों, रेल्वे स्टेशनों बस टर्वमनसों की अवनस्थनत के नलए उपबांध ककया जायेगा और रेलों तथा नहरेाां का

प्रस्थानपत नवस्तार एवां नवकास उपदर्वशत ककया जायेगा,

(ड) सामान्य भूदशृ्यकरण तथा प्राकृनतक िेत्रों के परररिण के नलए प्रस्थापनाएां की जायेगी,

(च) ननवेश िेत्र के सांबांध में ऐसी सुख सुनवधाओं तथा उपयोगी सेवाकायों जैसे पानी, जल ननकास तथा नवदु्यत सांबांधी

अपेिाओं का ननरूपण ककया जायेगा और उन्हें पूरा करन ेके सांबांध में सुझाव कदय ेजायेंग,े

(छ) पररिेत्र बनाने सांबांधी स्थूल (ब्राड बेस्ट) नवननयम प्रस्थानपत ककय ेजायेंग ेजो प्रत्येक पररिेत्र या सेक्टर के भीतर

भवन तथा सांरचनाओं की अवनस्थनत, उनकी ऊां चाई, उनके आकार, खुल ेस्थानों, प्राांगणों (कोटबयाडबस) तथा उस

उपयोग नजसमे कक ऐसे भवनों तथा सांरचनाओं एवां भूनम को लाया जा सकेगा से सांबांनधत रूप से रेखाओं के रूप

में होंगे,

(ज) ककसी शहर में के यातायात पररचालन के सांबांध में स्थूल प्रनतरूप (पेटनब) अनधकनथत ककये जायेंग,े

(झ) वास्तु नवद्या सांबांधी आकृनतयों, भवनों तथा सांरचनाओं की ऊां चाई तथा अग्रभाग के ननयांत्रण के सांबांध में सुझाव

कदय ेजायेग,े

(ञ) बाढ़ ननयांत्रण, वाय ु तथा जल प्रदषूण के ननवारण, उच्छेष (गारवेज) के व्ययन तथा सामान्य पररवेश सांबांधी

ननयांत्रण के उपाय उपदर्वशत ककये जायेंगे।

17-क सनमनत का गठन

(1) राज्य सरकार एक सनमनत का गठन करेगी नजसमें ननम्ननलनखत होंगे अथाबत:-

2(क) ननवेश िेत्र के भीतर पूणबतः या भागतः आन ेवले नगरपानलक ननगम या नगरपानलका पररषद ्या नगर

पांचायत यथानस्थनत, महापौर या अध्यि

(ख) ननवेश िेत्र के भीतर पूणबतः या भागतः आन ेवाले नजला पांचायत का अध्यि,

(ग) ननवेश िेत्र के भीतर पूणबतः या भागतः आन ेवाले ननवाबचन िेत्रों का प्रनतनननधत्व करन ेवलो

सांसद सदस्य,

1 मध्य प्रदेश राजऩत्र ददनाांक 1 ससतांबर 2005 द्वारा स्थापऩत ककया गया

2 धारा 17 -क राजऩत्र ददनाांक 17.04.96 द्वारा अांतः स्थापऩत

18

(घ) ननवेश िेत्र के भीतर पूणबतः या भागतः आन ेवाले ननवाबचन िेत्रों का प्रनतनननधत्व करन ेवाले

राज्य नवधान सभा के समस्त सदस्य,

(ड) ननवेश िेत्र के भीतर पूणबतः या भागतः आन े वाले नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी या

नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी, यकद कोई हो, का अध्यि

(च) ननवेश िेत्र के भीतर पूणबतः या भागतः आन ेवाली जनपद पांचायत का अध्यि,

(छ) ननवेश िेत्र के भीतर पूणबतः या भागतः आन ेवाली ग्राम पांचायतों के सरपांच,

(ज) नवननर्ददि नहतों का प्रनतनननधत्व करने वाले सात से अननधक अन्य व्यनक्त जो, राज्य सरकार

द्वारा नाम ननदेनशत ककय ेजायेंग,े

1(झ) उप सांचालक, नगर तथा ग्राम ननवेश से अननम्न पद श्रेणी का एक अनधकारी जो सांचालक द्वारा

नाम ननदेनशत ककया जायेगा जो सनमनत का सांयोजक होगा।

2(2) उपधारा (1) के अधीन गरठत सनमनत प्रारूप नवकास योजना की धारा 18 के अधीन प्रकाशन के पिात,्

आपनत्तयों की सुनवाई करेगी तथा सांचालक को उसमें उपाांतरण या पररवतबनों का, यकद कोई हो, सुझाव देगी ।

(3) सनमनत का सांयोजन उन समस्त सुझावों, उपान्तरणों तथा पररवतबनों को नजनके सांबांध में सनमनत द्वारा उपधारा

(2) के अधीन नसफाररश की गयी ह ैलेखबर्द् करेगा और तत्पिात अपनी ररपोटब सांचालक को अग्रेनषत करेगा।

318 (1) ‘‘सांचालक, धारा 14 के अधीन तैयार की गई प्रारूप नवकास योजना को और उसके साथ प्रारूप नवकास योजना

के तैयार हो जाने बाबत् तथा उस स्थान या उन स्थानों की जहाां कक उनकी प्रनतयों का ननरीिण ककया जा

सकेगा, बाबत् एक सूचना को नजसमें ककसी भी व्यनक्त से ऐसी सूचना के प्रकाशन की तारीख से तीस कदन के

भीतर प्रारूप नवकास योजना के सांबांध में नलनखत आपनत्तयाां तथा सुझाव आमांनत्रत ककए जाएांग,े ऐसी रीनत में

जैसी कक नवनहत की जाए, प्रकानशत करेगा, ऐसी सूचना में प्रारूप नवकास योजना के सांबांध में ननम्ननलनखत

नवनशनियाां की जाएांगी, अथाबत’’:-

(एक) भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र,

(एक-क) प्राकृनतक पररसांकटों के नववरण सनहत प्राकृनतक पररसांकट उन्मुख िेत्र ’’

(दो) प्रारूप नवकास योजना के उपबांधों का स्पिीकरण करने वाली वृत्तात्मक ररपोटब जो माननचत्रों तथा

चाटों द्वारा समर्वथत हो,

(तीन) प्रारूप नवकास योजना के कायाबन्वयन की क्रमावस्था नजसका कक सांचालक द्वारा सुझाव कदया गया ह,ै

(चार) प्रारूप नवकास येाजना केा प्रवर्वतत कराने के नलए उपबांध तथा वह रीनत, नजसमें नवकास के नलए

अनुज्ञा अनभप्राप्त की जा सकेगी, कनथत की जायेगी,

(पाांच) लोक प्रयोजनों के नलए भूनम अजबन का अनुमाननत खचब तथा योजना के कायाबन्वयन मे अांतवबनलत कायों

का अनुमाननत खचब।

1 धारा 17 -क (1) का खण्ड (झ) राजऩत्र ददनाांक 1.9.99 द्वारा प्रततस्थापऩत

2 मध्य प्रदेश राजऩत्र ददनाांक 1 ससतांबर 2005 द्वारा प्रततस्था9पऩत

3 मध्य प्रदेश राजऩत्र ददनाांक 1 ससतांबर 2005 द्वारा स्थापऩत ककया गया

19

(2) धारा 17-क की उपधारा (1) के अधीन गरठत की गयी सनमनत, उपधारा (1) के अधीन सूचना के प्रकाशन के

पिात अनधक से अनधक नजबे कदन के भीतर उन समस्त आपनत्तयों तथा सुझावों पर, जो कक उपधारा (1) के

अधीन सूचना मे नवननर्ददि की गयी कालावनध के भीतर उसे प्राप्त हो, नवचार करेगी और उससे प्रभानवत हुए

समस्त व्यनक्तयों को सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर देन ेके पिात, प्रारूप नवकास येाजना में ऐसे उपान्तरणों का

सुझाव देगी जैसे कक वह आवश्यक समझे और प्रारूप नवकास योजना के प्रकाशन के पिात अनधक से अनधक छह

मास के भीतर इस प्रकार उपान्तररत की गयी योजना, समस्त सांबांनधत दस्तावेजों, योजनाओं, माननचत्रों तथा

चाटों के साथ सांचालक को प्रस्तुत करेगी।

(3) सांचालक, सनमनत से योजना तथा अन्य दस्तावेजों की प्रानप्त के तीस कदन के भीतर इस प्रकार प्राप्त समस्त

दस्तावेजों तथा योजनाओं को, अपीन समीिा के साथ, राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा।

19. नवकास योजना की मांजूरी

(1) धारा 18 के अधीन नवकास योजना के प्रस्तुत ककये जाने के पिात यथाशक्य शीघ्र राज्य सरकार या तो नवकास

योजना को अनुमोकदत कर सकेगी या उसे ऐसे उपान्तरणों के साथ, नजन्हें कक वह आवश्यक समझे अनुमोकदत कर

सकेगी या उसे, ऐसे ननदेशों के अनुसार नजन्हें कक राज्य सरकार समुनचत समझे, उसमें उपान्तरण करन ेके नलए

या नई योजना तैयार करने के नलए सांचालक को वापस कर सकेगी।

(2) जहाां राज्य सरकार नवकास योजना को उपान्तरणों के साथ अनुमोकदत करें, वहाां राज्य सरकार, राजपत्र में

प्रकानशत की गयी सूचना द्वारा ऐसे उपान्तरणों, के सांबांध में उस सूचना के राजपत्र में प्रकानशत होने की तारीख

से कम से कम तीस तीन की कालावनध के भीतर आपनत्तयाां तथा सुझाव आमांनत्रत करेगी।

(3) आपनत्तयों सुझावों पर नवचार करन े के पिात और ऐसे व्यनक्तयों की, जो यह चाहते हों कक उन्हें सुना जाय,

सुनवाई करन ेके पिात, राज्य सरकार नवकास येाजना मे के उपान्तरण की पुनि कर सकेगी।

1(4) राज्य सरकार, पूवबवती उपबांधों के अधीन अनुमोकदत नवकास योजना के अनुमोदन के बाबत तथा उस स्थान या

उन स्थानों की, जहाां कक अनुमोकदत नवकास योजना की प्रनतयों का ननरीिण ककया जा सकेगा, बाबत लोक

सूचना राजपत्र में तथा ऐसी अन्य रीनत में जैसी कक नवनहत की जाय, प्रकानशत करेगी।

(5) नवकास योजना उपधारा (4) के अधीन राजपत्र में उक्त सूचना के प्रकाशन की तारीख से प्रवर्वतत होगी और ऐसी

तारीख से उन समस्त नवकास प्रानधकाररयों को, जो इस अनधननयम के अधीन गरठत ककय ेगय ेहो तथा उन

समस्त स्थानीय प्रानधकाररयों को जो ननवेश िेत्र के भीतर कायब कर रह ेहो, आबर्द् कर होगी।

1 धारा 19 (4) राजऩत्र ददनाांक 5.3.76 द्वारा प्रततस्थाशपऩत यह सांशाेेधन अधधतनयम के प्रसारण केसमय से प्रभावशीऱ होगा

20

पाांचवा अध्याय

पररिेनत्रक योजना

1(20) पररिेनत्रक योजनाओं का तैयार ककया जाना

स्थानीय प्रानधकारी, नवकास योजना के प्रकाशन के पिात स्वप्रेरणा से ककसी भी समय, या यकद राज्य

सरकार द्वारा वैसी अपेिा की जाय ेतो ऐसी अध्यपेिा ककय ेजाने के छह मास के भीतर, एक पररिेनत्रक योजना

तैयार करेगा।

21. पररिेनत्रक योजना की नवषय वस्त ु

(1) पररिेनत्रक योजना में भूनम के उपयोग सांबांधी उन जयौरों को, जो नवकास योजना में उपदर्वशत ककये गय ेहों,

नवस्तारपूवबक दशाबया जायेगा और उसमें

(क) वह भूनम उपदर्वशत की जायेगी जो सांघ सरकार, राज्य सरकार, नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, नवशेष िेत्र

नवकास प्रानधकारी, स्थानीय प्रानधकारी, लोकोपयोगी सेवा के या तत्समय प्रवृत्त ककसी अनधननयनमती द्वारा या

उसके अधीन स्थानपत ककय े गय े ककसी अन्य प्रानधकारी के प्रयोजनाथब लोक प्रयोजन के नलए अजबन के

दानयत्वानधन हो:

परन्त ुकोई भी भूनम इस रूप में तब तक अनभनहत नहीं की जायेगी जब तक कक अजबन की कायबवानहयों

का योजना तैयार ककये जाने के दस वषब के भीतर पूणब हो जाना सभभाव्य न हो।

(ख) कृनष, सावबजननक या अर्द्ब सावबजननक खुल ेस्थानों, उपवनों, खेल के मैदानों, उद्यानों, आमोद-प्रमोद के िेत्रों,

हररत िेत्रों (ग्रीन वेल््स) तथा प्रकृनत के आरनित स्थानों (नेचर ररजवबस) के नलए आरनित ककय ेगय ेिेत्रों को

नवस्तार पूवबक पररभानषत ककया जायेगा तथा उनके नलए उपबांध ककया जायेगा,

(ग) ननवास सांबांधी, वानणनज्यक औद्योनगक कृनषक तथा अन्य प्रयोजनों के नलए िेत्रों या पररिेत्रों का नवस्तारपूवबक

आवांटन ककया जायेगा।

(घ) वतबमान एवां भनवष्य के नलए पूणब मागब तथा सडक का प्रनतरूप (पैटनब) पररभानषत ककया जायेगा तथा उनके नलए

उपांबध ककया जायेगा और यातायात पररचालन उपदर्वशत ककया जायेगा।

(ड) ननगबत (प्रोजेक्टड) मागब तथा सडक के सुधार नवस्तार पूवबक अनधकनथत ककय ेजायेग,े

(च) सावबजननक भवनों, सांस्थाओं तथा नागररक नवकास के नलए आरनित ककय ेगय ेिेत्रों को उपदर्वशत ककया जायेगा

तथा उनके नलए उपबांध ककया जायेगा।

(छ) नगरपानलक, पररवहन, नवदु्यत, जल तथा जल ननकास जैसी सुख-सुनवधाओं, सेवाओं तथा उपयोगी सेवा कायों

सांबांधी भनवष्य की आवश्यकताओं का ननधाबरण ककया जायेगा, उनके नलए खाके (प्रोजेक्शस) बनाये जायेंग ेतथा

उनके नलए उपबांध ककया जायेगा,

(ज) एकल अनभन्यास को सुकर बनाने और भवनों तथा अन्य सांरचनाओं की अवनस्थनत ऊां चाई, मांनजलों की सांख्या

तथा आकार का, उनके प्राांगणों, बीथ्यांगनों (कोटबस्) तथा अन्य खुल ेस्थानों के आकार का और भवनों, सांरचनाओं

तथा भूनम का उपयोग का नवननयमन करन ेकी दनृि से प्रत्येक पररिेत्र के नलए पररिेत्र बनाने सांबांधी नवननयम

नवस्तारपूवबक नवनहत ककये जायेंगे।

1 धारा 20 राजऩत्र ददनाांक 17.4.96 द्वारा प्रततस्थापऩत।

21

(झ) ऐसे िेत्रों को, नजनका दोषपूणब ढांग से अनभन्यास ककया गया हो या ऐसे िेत्रों को, जो इस प्रकार नवकनसत हुए हों

कक नजससे गांदी बनस्तयाां बन गई हों, पररभानषत ककया जायेगा तथा उनके उनचत नवकास तथा या उनके पुनः

स्थान ननधाबरण के नलए उपबांध ककया जायेगा।

(ञ) भनवष्य में ककय ेजाने वाले नवकास तथा नवस्तार के नलए िेत्र अनभनहत ककये जायेंगे।

(ट) नवकास कायबक्रम की क्रमावस्था उपदर्वशत की जायेगी।

(2) पररिेनत्रक योजना में:-

(क) वास्तु नवद्या सांबांधी आकृनतयों, भवनों तथा सांरचनाओं की ऊां चाई तथा अग्रभाग पर ननयांत्रण और

(ख) गृह ननमाबण , बाजार केन्रों, औद्योनगक िेत्रों, शैिनणक तथा साांस्कृनतक सांस्थाओं एवां नागररक केन्रों

के नलए नवननर्ददि िेत्रों के नवकास जयौरे,

22. धारा 18 तथा 19 के उपबांध पररिेनत्रक योजना को लाग ूहोंग े

धारा 18 तथा 19 के उपबांध पररिेनत्रक योजना के तैयार ककये जाने उसके प्रकाशन, अनुमोदन तथा प्रवतबन के

सांबांध में उसी प्रकार लाग ूहोंगे नजस प्रकार कक वे नवकास योजना के सांबांध में लाग ूहोते हैं।

123 नवकास योजना या पररिेनत्रक योजना का पुनर्ववलोकन तथा उपानतरण

(1) सांचालक, स्वपे्ररणा से नवकास योजना के पुनर्ववलोकन तथा मूल्याांकन का कायब हाथ में ले सकेगा या यकद राज्य

सरकार द्वारा वैसी अपेिा की जाय ेतो, नवकास योजना के पुनर्ववलोकन तथा मूल्याांकन का कायब हाथ में ले लेगा।

(2) सांचालक, यकद आवश्यक हो तो उपधारा (1) के अधीन योजना के उपान्तरण का प्रस्ताव कर सकेगा।

(3) सांचालक, यकद राज्य सरकार द्वारा वैसी अपेिा की जाय ेतो ककसी नवकास योजना की ककसी ननवेश इकाई का

पुनर्ववलोकन करन ेकी कायबवाही करेगा और उपान्तरण प्रस्तानवत करेगा।

(4) स्थानीय प्रानधकारी स्वप्रेरणा से या यकद राज्य सरकार या सांचालक द्वारा वैसी अपेिा की जाए तो पररिेनत्रक

योजना के पुनर्ववलोकन तथा मूल्याांकन का कायब हाथ में लेगा।

(5) धारा 18 और 19 के उपबांध, जहाां तक हो सके, उपधारा (2) के अधीन उपान्तरण को, उपधारा (3) के अधीन

पुनर्ववलोकन तथा उपान्तरण को तथा उपधारा (4) के अधीन पुनर्ववलोकन तथा मूल्याांकन को उसी प्रकार लाग ू

होंगे नजस प्रकार वे उपबन्ध ककसी नवकास योजना के तैयार ककए जाने, प्रकानशत ककय ेजाने और अनुमोकदत

ककय ेजाने के सांबांध में लाग ूहोत ेहैं।

स्पिीकरण - इस धारा के प्रयोजनों के नलए ”ननवेश इकाई“ से अनभपे्रत ह ैवह िेत्र जो नवकास योजना में ननवेश

इकाई के रुप में दर्वशत ककया गया ह ै।

223-क कनतपय पररनस्थनतयों में राज्य सरकार द्वारा नवकास योजना या पररिेत्रक योजना का उपान्तनरण

(1-क) राज्य सरकार, स्वप्रेरणा से या नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकरण के ननवेदन पर भारत सरकार या

राज्य सरकार और उसके उद्यमों के नलए या राज्य में नवकास से सांबांनधत प्रस्तानवत ककसी पररयोजना

के नलए या नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकरण की ककसी स्कीम के कायाबनन्वत ककए जाने के नलए

नवकास योजना या पररिेनत्रक योजना में उपाांतरण कर सकेगी और नवकास योजना या पररिेनत्रक

1 धारा 23 राजऩत्र, ददनाांक 17.4.96 द्वारा प्रततस्थापऩत।

2 धारा 23 - क राजऩत्र, ददनाांक 1 ससतांबर 2005 द्वारा प्रततस्थापऩत

22

योजना में इस प्रकार ककया गया उपाांतरण पुनरीनित नवकास योजना या पररिेनत्रक योजना का

एकीकृत भाग होगा ।

(ख) राज्य सरकार ककसी व्यनक्त अथवा व्यनक्तयों के ककसी ऐसे आवेदन पर जो नवकास योजना या िेत्रीय योजना के

उपाांतरण के नलए ककसी ऐसे कक्रयाकलाप या स्कीम को हाथ में लेन ेके प्रयोजन के नलए ककया गया हो, जो इस

प्रयोजन के नलए राज्य सरकार द्वारा गरठत की गई सनमनत की सलाह पर राज्य सरकार या सांचालक द्वारा

सोसायटी के नलए लाभप्रद समझा गया/समझी गई ह,ै नवकास योजना या िेत्रीय योजना में ऐसे उपाांतरण कर

सकेगी जो मामल ेकी पररनस्थनतयों में आवश्यक समझे जाएां तथ नवकास योजना या िेत्रीय योजना में इस प्रकार

ककया गया उपाांतरण, पुनरीनित नवकास योजना या िेत्रीय योजना का समाकनलत भाग होगा.’’

(2) राज्य सरकार, उपान्तररत योजना के प्रारूप को, उपान्तररत योजना प्रारूप के तैयार ककय ेजाने तथा उस स्थान

या उन स्थानों की, जहाां उसकी प्रनतयों का ननरीिण ककया जा सकेगा, सूचना उस िेत्र में नजसमें वह योजना

सांबांनधत ह,ै पररचानलत ऐसे दो दैननक समाचार पत्रों में जो कक नवज्ञापन के प्रयोजन के नलए राज्य सरकार की

अनुमोकदत सूची में हो लगातार दो कदन तक प्रकानशत कराएगी और उसकी एक प्रनत, कलेक्टर के कायाबलय के

सूचना पट्ट पर ककसी सहज दशृ्य स्थान पर नचपकाई जायेगी नजसमें ककसी भी व्यनक्त से ऐसी सूचना के प्रकाशन

की तारीख से पांरह कदन के भीतर उसके सांबांध में नलनखत आपनत्तयाां तथा सुझाव आमांनत्रत ककये जायेंगे।

सूचना में नवननर्ददि कालावनध के भीतर प्राप्त समस्त आपनत्तयों तथा सुझावों पर नवचार करने के पिात और

उससे प्रभानवत समस्त व्यनक्तयों को सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर देन ेके पिात राज्य सरकार उपान्तररत योजना की पुनि

करेगी।

23

छठवाां अध्याय

भूनम के नवकास तथा उपयोग पर ननयांत्रण

1 (24) राज्य सरकार द्वारा भूनम के नवकास तथा उपयोग का ननयांत्रण ककया जाना

(1) राज्य में की भूनम नवकास तथा उसके उपयोग का सांपूणब ननयांत्रण राज्य सरकार में नननहत होगा।

(2) उपधारा (1) के उपबांधों के तथा इस अनधननयम के अधीन बनाए गय ेननयमों के अध्यधीन रहत ेहुए ननवेश िेत्र

में की भूनम के नवकास तथा उसके उपयोग का सभपूणब ननयांत्रण।

ऐसी तारीख से, नजसे राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा, इस नननमत्त ननयत करे, सांचालक में नननहत हो जायेगा।

(3) राज्य सरकार, राज्य में के ननवेश िेत्र तथा ननवेशेत्तर-िेत्र में की भूनम नवकास तथा उसके उपयोग के ननयांत्रण

का नवननयमन करन ेके नलए ननयम बना सकेगी और उकत ननयमों को, अनधसूचना द्वारा ककसी भी ननवेश-िेत्र

या ननवेशेत्तर-िेत्र को ऐसी तारीख से लाग ूकर सकेगी जो कक उसमें नवननर्ददि की जाए, जहाां ऐसे ननयम ककसी

ननवेशेत्तर िेत्र को लाग ूककये जाते हैं, वहाां ऐसी अनधसूचना में उस ननवेशेत्तर िेत्र की सीमाओं को पररनननित

ककया जायेगा।

(4) ककसी ननवेश िेत्र को ऐसी ननयमों के लाग ूहो जाने पर, इस अध्याय के उपबांध उस ननवेश िेत्र को लाग ूहोने के

सांबांध में, ऐसे ननयमों के उपबांधों के अध्यधीन होंगे।

(5) ककसी ननवेशेत्तर िेत्र को ऐसी ननयमों के लाग ूहो जाने पर ननम्ननलनखत पररणाम होंगे, अथाबत:-

(एक) स्थानीय प्रानधकारी से सांबांनधत नवनध का वह सुसांगत उपबांध नजसके द्वारा स्थानीय प्रानधकारी को भूनम

के नवकास तथा उसके उपयोग का ननयांत्रण करने के नलए सशक्त ककया गया ह,ै या कोई अन्य ऐसी

अनधननयनमनत, नजसके अधीन उस प्रानधकारी का गठन ककया गया ह ैतथा उसके अधीन बनाये गय े

ननयम या उपनवनधयाां यकद कोई हो, यथानस्थनत उस स्थानीय प्रानधकारी या ककसी अन्य प्रानधकारी की

सीमाओं के भीतर समानवि िेत्र को लाग ूनहीं रहगेी।

(दो) वह स्थानीय प्रानधकारी या कोई अन्य प्रानधकारी, नजसका स्थानीय प्रानधकारी से सांबांनधत ककसी नवनध

के अधीन या तत्समय प्रवृत्त ककसी अन्य अनधननयनमनत के अधीन यह कृत्य ह ैकक वह भूनम के नवकास

तथा उसके उपयोग का ननयांत्रण करें, ककसी ऐसी नवनध या अनधननयनमनत में अांतर्ववि ककसी बात के

होते हुए भी, इस अनधननयम के अधीन बनाए गय े ननयमों के उपबांधों को प्रभावशील करन े के नलए

आबर्द् होगा।

224-क आवासीय भवन में अनतररक्त तल का सनिमाबण

जहाां इस अनधननयम या उसके अधीन बनाये गय ेननयमों के या अनतररक्त तल का सनिमाबण आवानसक भवन के

सनिमाबण का नवननयमन करने वाली तत्समय प्रवृत्त ककसी अन्य नवनध के, जो भारतके सांनवधान की सातवीं अनुसूची की

राज्य सूची की प्रनवनि 5 के अधीन अनधननयनमत की गयी हो, या उसके अधीन बनाये गय ेककन्हीं ननयमों या नवननयमों

या उपनवनधयों के उपबांधों के अधीन तीन से कम तलों का सनिमाबण करना अनुज्ञेय ह,ै वहाां पूवोवत अनधननयम या नवनध

या ननयमों या नवननयमों या उपनवनधयों में अांतर्ववि ककसी बात के होते हुए भी, ऐसे आवानसक भवन में एक अनतररक्त तल

1 मध्य प्रदेश राजऩत्र ददनाांक 29 ददसांबर 2004 द्वारा सांशोधधत

2 धारा 24-क राजऩत्र, ददनाांक 26.10.88 द्वारा अांत:स्थाअपऩत

24

का सनिमाबण की योजना की यथानस्थनत पूवोवत अनधननयम या नवनध के अधीन मांजूरी के अध्यधीन रहत ेहुए करना

अनुज्ञेय होगा।

25. नवकास योजना स ेअनुरूपता

(1) नवकास योजना के प्रवर्वतत होने के पिात भूनम का उपयोग तथा नवकास, नवकास योजना के उपबांधों के अनुरूप

होगा:

1परन्त ुसांचालक, अपन ेस्वनववेकानुसार ककसी भूनम के उपयोग को एसे प्रयोजन के नलए नजसके नलए कक उसका

उपयोग नवकास योजना के प्रवर्वतत होने के समय ककया जा रहा था, चालू रखने की अनुज्ञा दे सकेगी।

2परन्त ुयह और भी ऐसी अनुज्ञा नवकास योजना के प्रवर्वतत होने की तारीख से सात वषब से अनधक

कालावनध के नलए नहीं दी जायेगी।

(2) मध्यप्रदेश लैडड रेवेन्यू कोड, 1959 (क्रमाांक 20 सन् 1959) की धारा 172 में अांतर्ववि ककसी बात के होते हुए

भी भूनम को व्यपवर्वतत करन ेसांबांधी प्रत्येक अनुज्ञा, जो उस धारा के अधीन दी गयी हो, इस अनधननयम के

उपबांधों के अध्यधीन होगी।

26. अनुज्ञा के नबना नवकास का प्रनतषेध

नवकास योजन के प्रवर्वतत होने के पिात कोई भी व्यनक्त सांचालक की नलनखत अनुज्ञा के नबना ककसी

भूनम के उपयोग में को तजदीली नहीं करेगा या भूनम के ककसी भी नवकास का कायब कायाबनन्वत नहीं करेगा।

परन्त ुकोई भी अनुज्ञा ननम्ननलनखत के नलए आवश्यक नहीं होगी:-

(क) ककसी भवन के अनुरिण, मरभमत या पररवतबन सांबांधी सांकमब को जो भवन के बाह्य रूप में सारवान पररतबन न

करता हो, कायाबनन्वत करने के नलए

(ख) ककसी राजमागब, मागब या लोक सडक के सुधार या अनुरिण सांबांधी सांकमब के, सांघ या राज्य सरकार द्वारा ककसी

ऐसे प्रानधकारी द्वारा, जो इस अनधननयम के अधीन स्थानपत ककया गया हो, या अनधकाररता रखन ेवाले ककसी

स्थानीय प्रानधकारी द्वारा कायाबनन्वत ककये जाने के नलए, परन्त ुयह तब जब कक ऐसे अनुरिण या सुधार के मागब

रेखा में नवकास योजना के उपबांधों के प्रनतकूल कोई तजदीली नहीं होती हो,

(ग) ककन्ही नानलयों, मल नालों, प्रणालों, नलों, केनबलों, टेलीफोन या अन्य सानधत्रों के ननरीिण, मरभमत या

नवीनीकरण के प्रयोजन के नलए नजसके अांतगबत ककसी सडक या अन्य भूनम का उस प्रयोजन के हतेु तोडा जाना

आता ह।ै

(घ) कृनष के नहत में उत्खनन या मृदा सांरूपण (साइल-शेपपग) के नलए,

(ड) जहाां भूनम ककन्ही अन्य प्रयेाजनों के नलए अस्थायी रूप से उपयोग में लाई गयी हो, वहाां भूनम को उसके

प्रसामान्य उपयोग के हतेु प्रत्यावर्वतत करने के नलए,

1 धारा 25 (1) का प्रथम ऩरन्तकु राजऩत्र, ददनाांक 1.9.99 द्वारा प्रततस्थाअपऩत 2 धारा 26 (द्पवतीय ऩरन्तकु) राजऩत्र, ददनाांक 21.1.83 द्वारा अांत:स्थाथपऩत

25

(च) मानव ननवासाथब ककसी भवन के या एसे भवन से सांलग्न ककसी अन्य भवन या भूनम के उपयोग से अनुषांनगक

ककसी प्रयोजन के हतेु उपयोग में लाने के नलए,

(छ) ककसी ऐसे मागब के, जो केवल कृनषक प्रयेाजनो के हतेु भूनम तक पहुांचने के नलए आशनयत हो, सनिमाबण के नलए,

’’परन्त ुयह और भी ककसी ऐसे ननवेश िेत्र में नजसको धारा 24 की उपधारा (3) के अधीन बनाए गय ेननयम

लाग ूककये जाते हैं, ऐसी अनुज्ञा उस प्रानधकारी द्वारा दी जा सकेगी जो उक्त ननयमों में उपबांनधत ककया जाये।

27. सांघ या राज्य सरकार की ओर स ेहाथ में नलया गया नवकास कायब

1(1) जब सांघ सरकार या राज्य सरकार, अपन-ेअपन े नवभागों या कायाबलयों या प्रानधकाररयों के प्रयोजन के नलए

ककसी भूनम का नवकास करने का आशय रखती हो, तो उसका भारसाधक अनधकारी सांचालक को सरकार के ऐसा

करन ेके आशय की जानकारी, ऐसे नवकास कायब को हाथ में लेन ेके कम से कम तीस कदन पूवब नलनखत में देगा,

नजसमें उसकी पूणब नवनशनियाां दी जायेंगी और नजसके साथ ऐसे दस्तावेज तथा रेखाांक ऐसे प्राकृनतक पररसांकट

उन्मुख िेत्र जो नवनहत ककया जाए, के नवकास ननयांत्रण से सांबांनधत उपनवनधयों , ननयमों तथा अनधननयमों के

उपबांधों का अनुपालन करते हुए भेजे जाएांगे ।

(2) जहाां सांचालक न े प्रस्थानपत नवकास के सांबांध में आधार पर कोई आपनत्त उठाई हो कक नवकास कायब नवकास

योजना के उपबांधों के अनुरूप नहीं ह,ै वहाां वह अनधकारी:-

(एक) सांचालक द्वारा उठाई गई आपनत्तयों का ननराकरण करन े के नलए नवकास सांबांधी प्रस्थापनाओं में

आवश्यक उपान्तरण करेगा या

(दो) राज्य सरकार को नवकास सांबांधी प्रस्थापना, सांचालक द्वारा उठाई गयी आपनत्तयों सनहत नवननिय के

नलए प्रस्तुत करेगा:

2परन्त ुयकद प्रस्तानवत नवकास सांबांधी योजना की प्रानप्त से तीस कदन के भीतर सांचालक द्वारा कोई

उपान्तरण प्रस्तानवत नहीं ककया जाता ह ैतो ऐसे योजना उस सीमा तक अनुमोकदत मानी जायेगी जहाां तक कक

नवकास योजना, पररिेनत्रक योजना, नगर नवकास स्कीम के उपबांधों या इस अनधननयम या तत्समय प्रवृत्त ककसी

अन्य अनधननयम के अधीन बनाए गए ननयमों का अनतक्रमण नहीं होता हो।

(3) राज्य सरकार नवकास सांबांधी प्रस्थापनाओं के सांचालक द्वारा उठाई गई आपनत्तयों सनहत प्राप्त होने पर, या तो

प्रस्थापनाओं को उपान्तरणों सनहत या उपान्तरणों के नबना अनुमोकदत करेगी या तो अनधकारी को यह ननदेश

देगी कक वह प्रस्थापनाओं में ऐसे उपान्तरण करें जैसे कक वह पररनस्थनतयों के अनुसार आवश्यक समझे।

(4) उपधारा (3) के अधीन राज्य सरकार का नवननिय अांनतम तथा आबर्द्कर होगा।

3(5) राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा, ककसी भी भूनम के नवकास कायब को जो कक उसमें नवननर्ददि ककसी पररयोजना

का कायब चालन सांबांधी सनिमाबण के प्रयोजन के नलए सांघ या राज्य सरकार की ओर से हाथ में नलया हो, इस

धारा के प्रवतबन से छूट दे सकेगी।

28. स्थानीय प्रानधकारी द्वारा या इस अनधननयम के अधीन गरठत ककय ेगय ेककसी प्रानधकारी द्वारा नवकास

1 धारा 27(1) म.प्र. राजऩत्र ददनाांक 1 ससतांबर 2005 द्वारा प्रततस्थापऩत

2 धारा 27 (2) का ऩरन्तकु राजऩत्र ददनाांक 1.9.99 द्वारा प्रततस्था2पऩत 3 धारा 27 (5) राजऩत्र ददनाांक 4.6.75 द्वारा अांत:स्था पऩत

26

जहाां कोई प्रानधकारी या इस अनधननयम के अधीन नवशेष रूप से गरठत ककया गया कोई प्रानधकारी ककसी भूनम का, उस

प्रानधकारी के प्रयोजन के नलए नवकास करने का आशय रखता हो, वहाां सांघ या राज्य सरकार को धारा 27 के अधीन

लाग ूहोने वाली प्रकक्रया, यथा आवश्यक पररवतबनों सनहत, ऐसे प्रानधकारी के बारे में लाग ूहोगी।

29. अन्य व्यनक्तयों द्वारा नवकास के नलए अनुज्ञा के हेत ुआवेदन

1(1) सांघ सरकार, राज्य सरकार, ककसी स्थानीय प्रानधकारी या इस अनधननयम के अधीन गरठत ककये गय े ककसी

नवशेष प्रानधकारी से नभि कोई व्यनक्त जो ककसी भूनम पर कोई नवकास कायब करन ेका आशय रखता हो, अनुज्ञा

के नलए सांचालक को नलनखत आवेदन करेगा जो ऐसे प्रारूप में होगा तथा नजसमें ऐसी नवनशनियाां अांतर्ववि होंगी

और नजसमें साथ ऐसी दस्तावेज भेजें ऐसे प्राकृनत पररसांकट उन्मुख िेत्र जो, नवनहत ककया जाए, के नवकास,

ननयांत्रण सांबांधी अनधननयमों, ननयमों तथा उपनवनधयों के उपबांधों का अनुपालन करत ेहुए भेजी जायेंगी।

(2) ऐसे आवेदन के साथ ऐसी फीस भी होगी जो नवनहत की जाये।

30. अनुज्ञा का कदया जाना या अनुज्ञा देना स ेइांकार

(1) धारा 29 के अधीन आवेदन प्राप्त होने पर, सांचालक इस अनधननयम के उपबांधों के अध्याधीन रखत ेहुए नलनखत

आदेश द्वारा -

(क) नबना शतब के अनुज्ञा दे सकेगा,

(ख) ऐसी शतों के, जैसी कक पररनस्थनतयों में आवश्यक समझी जाये अध्यधीन रहत ेहुए अनुज्ञा दे सकेगा,

(ग) अनुज्ञा देन ेसे इांकार कर सकेगा।

(2) शतों के अध्यधीन रहते हुए अनुज्ञा देने वाले प्रत्येक आदेश में या अनुज्ञा देने से इांकार करन ेवाले प्रत्येक आदेश में

ऐसी शतें अनधरोनपत करने के या ऐसे इांकार करन ेके आधार कनथत ककय ेजायेंगे,

(3) कोई भी अनुज्ञा, जो उपधारा (2) के अधीन, शतों के साथ या शतों के नबना दी गयी हो, ऐसे प्रारूप में होगी,

जैसा कक नवनहत ककया जाय,े

(4) उपधारा (2) के अधीन प्रत्येक आदेश आवेदक को ऐसी रीनत में सांसूनचत ककया जायेगा, जैसी कक नवनहत

की जाय,े

2(5) यकद सांचालक, अनुज्ञा देने या अनुज्ञा देने से इांकार करन ेके सांबांध में अपना नवननिय आवेदक को उस तारीख से,

नजसको कक उसका आवेदन प्राप्त हुआ हो, साठ कदन के भीतर सांसूनचत न करें, तो समझा जायेगा कक ऐसी अनुज्ञा

आवेदक को साठ कदन का अवसान होने की तारीख के ठीक पिात आन ेवाली तारीख को दे दी गयी ह:ै

परन्त ुसाठ कदन की कालावनध की सांगणना करन ेमें आवेदक से कोई अनतररक्त जानकारी या दस्तावेजों

के नलए अध्यपेिा करन ेकी तारीख के तथा आवेदक से ऐसी जानकारी या दस्तावेजें प्राप्त होने की तारीख को दे

दी गयी ह।ै

31. अपील

(1) कोई भी आवेदक, जो धारा 30 के अधीन सशतब अनुज्ञा देन ेवाल ेया अनुज्ञा देन ेसे इांकार करन ेवाले ककसी आदेश

से व्यनथत हो, उस आदेश के उसे सांसूनचत ककय ेजाने की तारीख से तीस कदन के भीतर, अपील ऐसे प्रानधकारी

को, ऐसी रीनत में तथा उसके साथ ऐसी फीस देकर कर सकेगा जैसा कक नवनहत ककया जाएां।

1 धारा 29(1) म.प्र.राजऩत्र ददनाांक 1 ससतांबर 2005 द्वारा प्रततस्थापऩत

2 धारा 30 (5) का ऩरन्तुक राजऩत्र ददनाांक 21.1.83 द्वारा प्रततस्थापऩत।

27

1(2) उपधारा (1) के अधीन अपील प्रानधकारी, तथा अपीलाथी तथा सांचालक को सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर देन े

के पिात आदेश द्वारा, अपील खररज कर सकेगा या नबना शतब के या यथा उपान्तररत शतों के अध्यधीन अनुज्ञा

प्रदान करत ेहुए अपील मांजूर कर सकेगा।

(3) धारा 32 के उपबांधों के अध्यधीन रहत ेहुए, अपील प्रानधकारी का आदेश अांनतम होगा।

32. पुनरीिण

राज्य सरकार ककसी भी समय, ककन्तु आदेश के पाररत होने के अनधक से अनधक बारह मास के भीतर, स्वप्रेरणा

से या धारा 31 के अधीन अपील प्रानधकारी के ककसी आदेश से व्यनथत व्यनक्त द्वारा आदेश के उसे सांसूनचत ककये जाने की

तारीख के तीस कदन के भीतर, फाइल ककये गय ेआवेदन पर, भी ऐसे मामले के जो धारा 30 के अधीन सांचालक द्वारा या

धारा 31 के अधीन अपील प्रानधकारी द्वारा ननपटाया गया हो, अनभलेख को आदेश की शुर्द्ता के सांबांध में तथा ऐसे

सांचालक की या अपील प्रानधकारी की ककसी कायबवाही की ननयनमतता के सांबांध में स्वयां का समाधान करन ेके प्रयोजन के

नलए मांगा सकेगी तथा उसकी परीिा कर सकेगी और ऐसा अनभलेख मांगात ेसमय यह ननदेश दे सकेगी कक आदेश का

ननष्पादन ननलनभबत कर कदया जाय। राज्य सरकार अनभलेख की परीिा करन ेके पिात ऐसा आदेश पाररत कर सकेगी

जैसी की वह उनचत समझे और उसका आदेश अांनतम होगा तथा उसके पुनरीिण या पुनर्ववलोकन के नलए कोई आवेदन

नहीं होगा:

परन्त ु कोई भी आदेश तब तक पाररत नहीं ककया जायेगा जब तक कक उससे प्रभानवत हुए व्यनक्त को तथा

सांचालक को सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर न दे कदया गया हो।

233. अनुज्ञा का व्यपगत होना

ऐसी प्रत्येक अनुज्ञा जो धारा 30 या 31 या धारा 32 के अधीन दी गयी हो, उसके ऐसे कदय ेजाने की तारीख से

तीन वषब की कालावनध तक प्रवृत्त रहगेी और उसके पिात वह व्यपगत हो जायेगी:

परन्त ुसांचालक, आवेदन ककया जाने पर, ऐसी कालावनध को वषाबनुवषब बढ़ा सकेगा ककन्त ुकुल कालावनध,

उस तारीख से नजसको कक अनुज्ञा प्रारभभ में दी गयी थी, ककसी भी दशा में पाांच वषब से अनधक नहीं होगी।

परन्त ुयह और भी ककसी ऐसा व्यपगत होना इस अनधननयम के अधीन अनुज्ञा के नलए ककसी पिातवती आवेदन

का वजबन नहीं करेगा।

34. भूनम अर्वजत करन ेके नलए बाध्यता

(1) जहाां ककसी भूनम को ककसी योजना द्वारा -

(क) नगर नवस्तार या नगर सुधार के प्रयोजन के हतेु नवकास के नलए या

(ख) सांघ या राज्य सरकार या ककसी स्थानीय प्रानधकारी या इस अनधननयम के अधीन गरठत ककय े गय े

ककसी नवशेष प्रानधकारी के प्रयोजन के हते ुनवकास के नलए, या

1 धारा 31(1)(2) राजऩत्र ददनाांक 21.1.83 द्वारा प्रततस्थापऩत।

2 धारा 33 राजऩत्र ददनाांक 17.4.96 द्वारा सांशोधधत।

28

(ग) राजमागब या लोकोपयोगी सेवा के रूप मे नवकास के नलए अननवायब अजबन के अध्यधीन होना अनभनहत

ककया गया हो और उस भूनम का स्वामी -

(एक) यह दावा करता हो कक वह भूनम अपनी वतबमान नस्थनत में युनक्तयुक्त रूप से फायदाप्रद उपयोग के नलए अयोग्य

हो गयी ह,ै या

(दो) जहाां भूनम का नवकास करन ेकी अनुज्ञा शतों के अध्यधीन रहते हुए दी गयी हो वहाां वह दावा करता हो कक

अनुज्ञात नवकास को उन शतब के अनुसार कायाबनन्वत करके भूनम को युनक्तयुक्त रूप से फायदाप्रद उपयोग के योग्य

नहीं बनाया जा सकता,

(तीन) यह दावा करता हो कक उस भूनम को अजबन या नवकास के नलए अनभनहत ककये जाने के कारण उस भूनम का

नवक्रय मूल्य कम हो गया ह,ै तो स्वामी, सरकार पर ऐसे समय की भीतर, ऐसी रीनत में तथा ऐसी दस्तावेजों के

साथ, जैसी कक नवनहत ककया जाय, एक सूचना तामील कर सकेगा नजसमें समुनचत प्रानधकारी से यह अपेिा की

जायेगी कक वह भूनम में के नहत का इस अनधननयम के उपबांधों के अनुसार क्रय कर लें।

(2) उपधारा (1) के अधीन सूचना प्राप्त होने पर,राज्य सरकार, सांचालक तथा समुनचत प्रानधकारी से ऐसी ररपोटब या

ऐसे अनभलेख या दोनों, जैसा आवश्यक हो, तत्काल मांगायेगी, नजसे / नजन्हें कक वे प्रानधकारी यथासांभव शीघ्र

ककन्तु उनकी अध्यापेिा की तारीख से अनधक तीस कदन के भीतर राज्य सरकार को भेजेंगे।

(3) ऐसे अनभलेख या ऐसी ररपोटब प्राप्त होने पर राज्य सरकार -

(क) यकद उसका यह समाधान हो जाय कक उपधारा (1) में नवननर्ददि की गयी शतें पूरी हो गयी ह,ै और यह कक

अनुज्ञा के नलए सभयक् रूप से आदेश या नवननिय, इस आधार पर नहीं ककया गया था कक आवेदक ने इस

अनधननयम के या उसके अधीन बनाये गय े ननयमों के उपबांधों में सके ककसी उपबांध का अनुपालन नहीं ककया

गया, तो वह सूचना की पुनि कर सकेगी या यह ननदेश दे सकेगी कक अनुज्ञा शतों के नबना या ऐसी शतों कें , जो

कक भूनम को युनक्तयुक्त रूप से फायदाप्रद उपयोग के योग्य बना देगी, अध्यधीन रहत ेहुए दी जाय,

(ख) ककसी अन्य मामल ेमें, सूचना की पुनि करन ेसे इांकार कर सकेगी, ककन्त ुउस दशा में आवेदक को सुनवाई का

युनक्तयुक्त अवसर कदया जायेगा।

(4) यकद उस तारीख से, नजसको कक सूचना की तामील की गयी हो, एक वषब की कालावनध के भीतर, राज्य सरकार

उस पर कोई अांनतम आदेश पाररत न करें तो यह समझा जायेगा कक उस कालावनध का अवसान हो जाने पर

सूचना की पुनि कर दी गई ह।ै

(5) सूचना की पुनि हो जाने पर, राज्य सरकार, ऐसी पुनि के एक वषब की कालावनध के भीतर उस भूनम का या ककसी

भूनम के उस भाग को, नजसके कक सांबांध में सूचना की पुनि कर दी गयी हो, इस अनधननयम के उपबांधों के अनुसार

अर्वजत करन ेके नलए अग्रसर होगी।

35. आरिण का प्रारूप या अांनतम नवकास योजना में स ेननकाल कदया जाना

(1) समुनचत प्रानधकारी, यकद उसका यह समाधान हो जाय, कक भूनम की ऐसे लोक प्रयोजन के नलए नजसके नलए वह

प्रारूप नवकास योजना या पररिेनत्रक योजना में या अांनतम नवकास योजना या पररिेनत्रक योजना में अनभनहत

या आरनित या आवांरटत की गयी हो, और अनधक आवश्यकता नहीं ह,ै तो वह

(क) ऐसे अनभधान या आरिण या आवांटन को प्रारूप नवकास योजना या पररिेनत्रक योजना में से ननकाल कदय ेजाने

की मांजूरी देने के नलए सांचालक से ननवेदन कर सकेगा, या अनभनहत भूनम के

29

(ख) ऐसे अनभधान या आरिण या आवांटन को अांनतम नवकास योजना या पररिेनत्रक योजना में से ननकाल कदय ेजाने

की मांजूरी देने के नलए राज्य सरकार से ननवेदन कर सकेगा।

(2) समुनचत प्रानधकारी से ऐसा ननवेदन प्राप्त होने पर सांचालक या जैसी भी कक दशा हो, राज्य सरकार सुसांगत

योजनाओं में से ऐसे अनभधान या आरिण या आवांटन को ननकाल कदय ेजाने की मांजूरी देत ेहुए आदेश दे सकेगा /

दे सकेगी:

परन्त ुसांचालक, या जैसी कक दशा हो, राज्य सरकार, कोई आदेश देन ेके पूवब ऐसी जाांच कर सकेगा /कर

सकेगी, जैसी कक वह आवश्यक समझे और अपना यह समाधान कर सकेगा / कर सकेगी कक ऐसे आरिण या

अनभधान या आवांटन की लोकनहत में और अनधक आवश्यकता नही ह।ै

(3) उपधारा (2) के अधीन आदेश कदया जाने पर भूनम ऐसे अनभधान, आरिण या जैसी भी कक दशा हो, आवांटन से

ननमुबक्त हुई समझी जायेगी और वह पाश्र्वस्थ भूनम के मामले में सुसांगत योजना के अधीन अन्यथा अनुज्ञेय

नवकास प्रयोजन के नलए स्वामी को उपलजध हो जायेगी। के नलए स्वामी को उपलजध हो जायेगी।

36 . अप्रानधकृत नवकास को हटान ेकी अपेिा करन ेकी शनक्त

कोई भी व्यनक्त जो चाह ेअपनी स्वयां की प्रेरणा पर या ककसी अन्य व्यनक्त की प्रेरणा पर -

(क) इस अनधननयम के अधीन अपेनित अनुज्ञा के नबना,

(ख) दी गयी अनुज्ञा के या ककसी ऐसी शतब के नजसके कक अध्यधीन ऐसी अनुज्ञा दी गयी हो, उल्लांघन में,

(ग) नवकास सांबांधी अनुज्ञा के सभयकरूप से प्रनतसांह्त कर कदय ेजाने के पिात, या

(घ) ऐसी अनुज्ञा के जो सभयकरूप से उपाांतररत कर दी गयी हो, के उल्लांघन में, ककसी भी भूनम के नवकास का कोई

कायब प्रारभभ करेगा, हाथ में लेगा या उसे कायाबनन्वत करेगा या उसके ककसी उपयोग में तजदीली करेगा, ककसी भी

ऐसी कायबवाही पर, जो कक धारा 37 के अधीन की जा सकती हो, प्रनतकूल प्रभाव डाल ेनबना, सादा कारावास से

नजसकी अवनध छः मास तक की हो सकेगी, जुमाबने से जो दो हजार रूपय ेतक का हो सकेगा, या दोनों से, और

चालू रहन े वाले अपराध की दशा में, अनतररक्त जुमाबन े से, जो अपराध के प्रथम बार ककया जाने के नलए

दोषनसनर्द् के पिात प्रत्येक ऐसे कदन के नलए नजसके दौरान अपराध चाल ूरह,े दो सौ पचास रूपये तक का हो

सकेगा, दनडडत ककया जायेगा।

37. अप्रानधककृत नवकास के नलए या नवकास योजना के अनुरूप उपयोग स ेअन्यथा उपयोग करन ेके नलए शानस्त

(1) जहाां धारा 36 में यथा उपदर्वशत कोई नवकास कायाबनन्वत ककया गया हो, वहाां सांचालक, ऐसे नवकास के पाांच वषब

के भीतर, स्वामी पर एक सूचना तामील कर सकेगा नजसमे ीांउससे यह अपेिा की जायेगी कक वह ऐसी

कालावनध के भीतर जो सूचना की तामील की तारीख से एक मास से कम तथा तीन मास से अनधक न हो, जैसी

कक उसमें नवननर्ददि की जाय –

(क) उन मामलों में, जो कक धारा 36 के खडड (क) या (ग) नवननर्ददि ककय ेगय ेहैं, भूनम को उसकी उस

अवस्था में प्रत्यावर्वतत करें जो कक उक्त नवकास के ककय ेजाने के पूवब थी,

30

(ख) उन मामलों में जो कक धारा 36 के खडड (ख) या (घ) में नवननर्ददि ककये गय ेहैं, शतों का या यथा

उपान्तररत अनुज्ञा का अनुपालन सुनननित करें, परन्त ुजहाां सूचना में भूनम के ककसी उपयोग को बांद

कर कदय ेजाने की अपेिा की जाय, वहाां सूचना की तामील अनधभोगी पर भी की जायेगी।

(2) नवनशितया, ऐसी सूचना में उपधारा (1) के प्रयोजन के नलए,

(क) ककसी भवन या ककन्हीं सांकमों को तोड कदय ेजाने या पररवर्वतत ककये जाने,

(ख) भूनम पर कोई ननमाबण सांबांधी या अन्य सांकक्रयाएां कायाबनन्वत ककय ेजाने, या

(ग) भूनम के ककसी उपयोग को बांद कर कदय ेजाने की अपेिा की जा सकेगी।

(3) ऐसी सूचना से व्यनथत कोई भी व्यनक्त सूचना की प्रानप्त से पन्रह कदन के भीतर तथा नवनहत रीनत में सांचालन को

इस बात की अनुज्ञा के नलए आवेदन कर सकेगा कक उस भूनम पर ककसी ऐसे भवन या सांकमों को, नजनसे कक

सूचना सांबांनधत ह,ै बना रहन ेकदया जाय या उस भूनम के ककसी ऐसे उपयोग को, नजससे कक सूचना सांबांनधत ह,ै

चालू रहने कदया जाय या उस भूनम के ककसी ऐसे उपयोग को, नजससे कक सूचना सांबांनधत ह,ै चालू रहने कदया

जाय और जब तक कक आवेदन का ननपटारा न हो जाय तब तक सूचना प्रत्याहृत रहगेी।

(4) इस अध्याय के पूवबगामी उपबांध जहाां तक कक वे लाग ूहो सकते हों, उपधारा (3) के अधीन ककये गय ेआवेदन को

लाग ूहोंगे।

(5) यकद वह अनुज्ञा, नजसके कक नलए आवेदन ककया गया ह,ै दे दी जाती ह ैतो सूचना प्रत्याह्त हो जायेगी, ककन्त ु

यकद वह अनुज्ञा नजसके नलए आवेदन ककया गया ह,ै नहीं दी जाती, तो सूचना प्रवृत्त रहगेी, या यकद ऐसा अनुज्ञा

केवल कुछ भवनों या सांकमों के बनाये रख जाने के नलए या भूनम के केवल ककसी भाग का उपयोग चाल ूरखने के

नलए दी जाती ह,ै तो सूचना, ऐसे भवनों या सांकमों के बारे में या भूनम के ऐसी भाग के बारे में या भूनम के अन्य

भागों के बारे में प्रवृत्त रहगेी, और तदपुरर स्वामी इस बात के नलए अपेनित ककया जायेगा कक वह ऐसे अन्य

भवनों, सांकमों या भूनम के भाग के बारे में उपधारा (1) के अधीन सूचना मे नवननर्ददि की गई कायबवाही करें।

(6) यकद सूचना में नवननर्ददि की गई कालावनध के भीतर या आवेदन के ननपटारे के पिात् उतनी ही कालावनध के

भीतर, सूचना का या उसके उतने भाग का, जो कक प्रवृत हो, अनुपालन ककया जाय, तो सांचालक-

(क) सूचना का अनुपालन न करन ेके नलय ेस्वामी को अनभयोनजत कर सकेगा, और जहाां सूचना में भूनम के

ककसी उपयोग को बन्द कर कदय ेजाने की अपेिा की गई हो, वहाां ककसी ऐसे अन्य व्यनक्त को भी, जो

सूचना के उल्लांघन में भूनम का उपयोग करता हो, या जो सूचना के उल्लांघन में भूनम का उपयोग

करवाता हो या ककया जाने देता हो, अनभयोनजत कर सकेगा, और

(ख) जहाां सूचना में ककसी भवन या सांकमों के तोड कदय ेजाने या पररवर्वतत ककये जाने या ककन्हीं ननमाबण

सांबांधी या अन्य सांकक्रयाओं के कायाबनन्वत ककय ेजाने की अपेिा की गयी हो, वहाां वह स्वयां, उस भूनम

को उस अवस्था में प्रत्यावर्वतत करवा सकेगा नजसमे कक वह नवकास ककय ेजाने के पूवब थी और ऐसी

कायबवाही जैसी कक सांचालक आवश्यक समझे, नजसके कक अांतगबत ककसी भवन या सांकमों का तोडा

जाना या पररवर्वतत ककया जाना या कोई ननमाबण सांबांधी या अन्य सांकक्रयाओं का कायाबनन्वत ककया

जाना आता ह,ै करके अनुज्ञा की शतों का या यथा उपान्तररत अनुज्ञा का अनुपालन सुनननित कर

सकेगा और उसके द्वारा इस सांबांध में उपगत ककय ेगय ेव्ययों की रकम स्वामी से भू-राजस्व के बकाया

की भाांनत वसूल कर सकेगा।

31

(7) कोई भी व्यनक्त, जो उपधारा (6) के खडड (क) के अधीन अनभयोनजत ककया गया हो, दोषनसर्द् पर सादा

कारावास से नजसकी अवनध छः मास तक की हो सकेगी, या जुमाबने से दो हजार रूपय ेतक का हो सकेगा या

दोनों से और चाल ूरहन ेवाले अपराध की दशा में अनतररक्त जुमाबने से, जो अपराध के प्रथम बार ककये जाने के

नलए दोषनसर्द् के पिात प्रत्येक ऐसे कदन के नलए नजसके दौरान अपराध चालू रह,े दो सौ पचास रूपय ेतक का

हो सकेगा, दनडडत ककया जायेगा।

32

सातवाां अध्याय

नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी

38. नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की स्थापना

(1) राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा ऐसे नाम से तथा ऐसे िेत्र के नलए जो कक अनधसूचना में नवननर्ददि ककया जाय,

एक नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की स्थापना कर सकेगी।

(2) नवकास योजना में की प्रस्थापना को कायाबनन्वत करने, एक या अनधक नगर नवकास स्कीमें तैयार करने और उस

िेत्र के जो उपधारा (1) के अधीन अनधसूचना में नवननर्ददि ककया गया हो, नवस्तार या सुधार के नलए प्रयेाजन के

नलए भूनम अर्वजत करन ेतथा उसका नवकास करन ेका कतबव्य, इस अनधननयम के उपबांधों के अध्यधीन रहत ेहुए,

उक्त िेत्र के नलए स्थानपत ककय ेगय ेनगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी में नननहत होगा:

1परन्त ुनगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी पर अनधरोनपत कतबव्य का पालन उपधारा (1) के अधीन

ककसी िेत्र के नलए उस प्रानधकारी की स्थापना हो जाने तक उस स्थानीय प्रानधकारी द्वारा जो कक ऐसे िेत्र पर

अनधकाररता रखता हो, इस प्रकार ककया जायेगा मानों कक वह इस अनधननयम के अधीन स्थानपत ककया गया

नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी हो।

(3) उस िेत्र के नलए नजसको कक उपधारा (2) का परन्तुक लाग ूहोता ह,ै नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की

स्थापना हो जाने पर, उस िेत्र के सांबांध में ननम्ननलनखत पररणाम होंगे, अथाबतः-

(एक) उपधारा (2) के परन्तुक के अधीन कतबव्य का ननवबहन करने में स्थानीय प्रानधकारी द्वारा अर्वजत की गयी समस्त

आनस्तयाां तथा उपगत ककये गय ेसमस्त दानयत्व ऐसे स्थानीय प्रानधकारी के स्थान पर स्थानपत ककये गय ेनगर

तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की आनस्तयाां तथा दानयत्व होंग ेएवां समझे जायेंगे।

(दो) खडड (एक) मे ननर्ददि ककय े गय े स्थानीय प्रानधकारी के समस्त अनभलेख तथा कागज पत्र उसके स्थान पर

स्थानपत ककय ेगय ेनगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी मे नननहत होंगे तथा उसे अांतररत कर कदय ेजायेंगे।

39. नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी का ननगमन

प्रत्येक नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी धारा 38 के अधीन अनधसूचना मे नवननर्ददि ककये गय ेनाम से एक

ननगनमत ननकाय होगा और उसका शाश्वत उत्तरानधकार होगा तथा उसकी एक सामान्य मुरा होगी और जांगम तथा

स्थावर दोनों प्रकार की सभपनत्त अर्वजत करन ेतथा धारण करन ेऔर उस अनधननयम के या उसके अधीन बनाये गय ेककन्हीं

ननयमों के उपबांधों के अध्यधीन रहत ेहुए उसके द्वारा धाररत ककसी सभपनत्त को अांतररत करन,े सांनवदा करन ेतथा ऐसी

समस्त अन्य बातें, जो इस अनधननयम का प्रयोजनों के नलए आवश्यक हों, करने की शनक्त होगी और वह अपन ेननगनमत

नाम से बाद चला सकेगा तथा उक्त नाम से उसके नवरूर्द् वाद चलाया जा सकेगा।

40. नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी का गठन

प्रत्येक नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी मे ननम्ननलनखत होंग,े अथाबत:-

(क) अध्यि, जो राज्य सरकार द्वारा ननयुक्त ककया जायेगा,

(ख) नजले का कलेक्टर या उसका नाम ननदेनशती,

1 धारा 38 (2) का ऩरन्तुक एवां धारा 38 (3) (एक) (दो) राजऩत्र, ददनाांक 4.5.1975 द्वारा अांतः स्थापऩत

33

(ग) क्रमशः ननम्ननलनखत का प्रनतनननधत्व करन े के नलए राज्य सरकार द्वारा ननयुक्त ककय ेजान ेवाले पाांच

सदस्य:

(एक) नगर तथा ग्राम ननवेश नवभाग, मध्यप्रदेश,

(दो) वन नवभाग, मध्यप्रदेश,

(तीन) लोक स्वास्थ्य अनभयाांनत्रकी नवभाग, मध्यप्रदेश

(चार) लोक ननमाबण नवभाग, मध्यप्रदेश,

1(पाांच) मध्यप्रदेश नवदु्यत मांडल

(घ) यथानस्थनत िेत्र के नगरपानलक ननगम का या नगरपानलका पररषद का प्रशासन, आयुक्त या मुख्य

नगरपानलक अनधकारी,

(ड) राज्य सरकार द्वारा ननयुक्त ककया जाने वाला राज्य सरकार का एक अन्य अनधकारी,

(च) नगर ननवेश या वास्तुकला के िेत्र में नवशेष ज्ञान रखन े वाला एक व्यनक्त जो राज्य सरकार द्वारा

ननयुक्त नयका जायेगा,

(छ) राज्य सरकार द्वारा ननयुक्त ककये जाने वाल ेपाांच अशासकीय सदस्य नजनमें कम से कम दो मनहलाएां

होंगी,

(ज) मुख्य कायबपालक अनधकारी सदस्य सनचव होगा, ’’परन्त ु राज्य सरकार एक या अनधक उपाध्यि

ननयुक्त कर सकेगी यकद वह ऐसा करना आवश्यक समझेः 2परन्त ु यह और कक राज्य सरकार एक सदस्यीय नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी का गठन कर

सकेगी, यकद वह ऐसा करना आवश्यक समझे।

341. अध्यि, उपाध्यि तथा अन्य सदस्यों की पदावनध

(1) अध्यि, उपाध्यि तथा अन्य सदस्यों के नाम राजपत्र में अनधसूनचत ककये जायेंगे।

(2) अध्यि, उपाध्यि तथा अन्य सदस्यों की पदावनध ऐसी होगी जैसे कक नवनहत की जाय।

(3) वह व्यनक्त, जो अपनी पदावनध का अवसान हो जाने के कारण अध्यि, उपाध्यि या सदस्य न रहें, यकद वह

अन्यथा अर्वहत हो, पुनर्वनयुनक्त के नलए पात्र होगा।

442. सदस्यों के त्याग पत्र तथा आकनस्मक ररक्ती का भरा जाना

(1) ऐसा व्यनक्त जो धारा 40 के खडड (घ) (च) (छ) के अधीन सदस्य बना हो, ककसी भी समय अध्यि को सांबोनधत

ककय ेगय ेस्वहस्तािररत लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा तथा अध्यि को त्यागपत्र प्राप्त हो जाने पर उस

सदस्य का पद ररक्त हो जायेगा।

1 धारा 40 खण्ड (ग) (छ) सांशोधधत तथा खण्ड (ग) का उऩखांड (चार) (ऩाांच) और खण्ड (ज) राजऩत्र ददनाांक 1.9.99

द्वारा अांतःस्थापऩत। 2 धारा 40 राजऩत्र, ददनाांक 17.4.96 द्वारा प्रततस्थापऩत

3 धारा 41 राजऩत्र, ददनाांक 21.1.83 द्वारा प्रततस्थापऩत।

4 धारा 42 राजऩत्र , ददनाांक 21.1.83 द्वारा प्रततस्थापऩत।

34

(2) यकद राज्य सरकार यह समझती हो कक ककसी सदस्य का पद पर बना रहना लोकनहत में नहीं ह,ै तो राज्य

सरकार उसकी ननयुनक्त का पयबवसान करते हुए आदेश कर सकेगी और तदपुरर वह नगर तथा ग्राम नवकास

प्रानधकारी का सदस्य नहीं रहगेा, भले ही उस अवनध का, नजसके नलए वह ननयुक्त ककया गया था, अवसान न

हुआ हो।

(3) अध्यि, उपाध्यि या ककसी सदस्य के पद में ररक्त होने के दशा में वह ररक्त, धारा 40 के उपबांधों के अनुसार

राज्य सरकार द्वारा भरी जायेगी और इस प्रकार ननयुनक्त ककया गया व्यनक्त अपन ेपूवाबनधकारी की अवनध के शेष

भाग के नलए पद धारण करेगा।

143. अध्यि और उपाध्यि का पाररश्रनमक

(1) अध्यि से नभि कोई भी सदस्य, उन भत्तों के नसवाय, जो कक नवनहत ककये जाय, कोई उपलनजधयाां प्राप्त नहीं

करेगा।

(2) अध्यि और उपाध्यि ऐसा तेतन तथा भते्त प्राप्त करेगा और सेवा के ऐसे ननबांधनों तथा शतों के अध्यधीन होगा,

जैसा कक नवनहत ककये जाय।

244. अनुपनस्थनत छुट्टी और कायबकारी अध्यि तथा उपाध्यि की ननयुनक्त

(1) राज्य सरकार, अध्यि या उपाध्यि को अनुपनस्थनत, छुट्टी ऐसे ननबबनधनों तथा शतों के अध्यधीन मांजूर कर

सकेगी जैसा कक नवनहत ककया जाय,े

(2) जब कभी अध्यि को अनुपनस्थनत छुट्टी मांजूर की जाती ह,ै तब अध्यि द्वारा नाम ननदेनशत ककया गया उपाध्यि

और जहाां अध्यि और उपाध्यि को छुट्टी मांजूर की जाती ह ैतब राज्य सरकार द्वारा ननयुक्त ककया गया कोई अन्य

सदस्य अध्यि के रूप में कायब करेगा।

45. नगर तथा ग्राम नवकास प्राककारी के सनभमलन

(1) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी के सनभमनलत ऐसे समय पर तथा ऐसे समय पर तथा ऐसे स्थान पर ककय े

जायेंगे जैसा कक नवननयमों द्वारा अनधकनथक ककया जाय, परन्त ुजब तक कक इस सांबांध में नवननयम न बनाये

जाय, ऐसा सनभमलन अध्यि द्वारा बुलाया जायेगा।

(2) सनभमलन की गणपूर्वत, जब तक की नवननयमों द्वारा अन्यथा उपबांनधत न हो, नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी

के सदस्यों की कुल सांख्या के एक-नतहाई सदस्यों से होगी।

(3) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, अपन ेकामकाज के सांचालन के नलए उपबांध करन ेके हते ुनवननयम बनायेगा।

346. नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी के सनभमलन

(1) प्रत्येक नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी में एक मुख्य कायबपानलक अनधकारी होगा जो प्रानधकारी के सनचव के

रूप में कायब करेगा।

1 धारा 43 राजऩत्र, ददनाांक 21.1.83 द्वारा प्रततस्थापऩत।

2 धारा 44 (2) राजऩत्र, ददनाांक 17.4.96 द्वारा प्रततस्था पऩत

3 धारा 46 राजऩत्र, ददनाांक 16.7.91 द्वारा प्रततस्था पऩत

35

(2) मुख्य कायबपानलक अनधकारी, राज्य सरकार द्वारा नवकास प्रानधकरण सेवा के राज्य सांवगब के सदस्यों में से या

यकद आवश्यक हो तो राज्य तकनीकी / प्रशासननक सेवाओं के सदस्यों में से ननयुनक्त ककया जायेगा।

147. अन्यय अनधकारी

प्रत्येक नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी में, ऐसे अन्य अनधकारी और सेवक हो सकें गे जो उसके कतबव्यों के

दितापूणब ननवबहन के नलए आवश्यक और उनचत हों, धारा 76 (ख) में वर्वणत नवकास प्रानधकरण सेवाओं के

राज्य सांवगब में सनभमनलत अनधकाररयों और सेवकों के पदों पर ननयुनक्तयाां राज्य सरकार द्वारा की जायेगी और

उक्त सेवाओं के स्थानीय सांवगब में सनभमनलत अनधकाररयों और सेवकों के पदों पर ननयुनक्तयाां सांबांनधत नगर तथा

ग्राम नवकास प्रानधकारी द्वारा की जायेगी।

परन्त ु ककसी प्रानधकारी में कोई भी पद राज्य सरकार की पूवब मांजूरी से ही सृनजत ककया जायेगा

अन्यथा नहीं।

248. मुख्य कायबपानलक अनधकारी अन्य अनधकारी और सेवक

धारा 46 के अधीन ननयुक्त मुख्य कायबपालन अनधकारी और धारा 47 के अधीन ननयुक्त ककये गय े अन्य

अनधकारी और सेवक इस अनधननयम तथा ननयमों के उपबांधों के अध्यधीन रहत ेहुए प्रानधकारी के अधीिण और ननयांत्रण

के अधीन कायब करेंगे।

49. कायबपानलक अनधकारी और अन्य अनधकाररयों और सेवकों की सेवा शतें नगर नवकास स्कीमें

नगर नवकास स्कीम में ननम्ननलनखत नवषयों में से ककसी भी नवषय के नलए उपबांध ककया जा सकेगाः-

(एक) नगर नवस्तार के प्रयोजन के नलए भूनम का अजबन उसका नवकास तथा नवक्रय या उसका पटे्ट पर कदया जाना,

(दो) ऐसे िेत्रों का नजनका दोषपूणब ढांग से अनभन्यास ककया गया हो या जो इस प्रकार नवकनसत या नवहृनसत हुए हो

कक नजससे गांदी बस्ती बश्न गयी हो, अजबन, पुनः अनभन्यास पुनर्वनमाबण या पुनः स्थानननधाबरण,

(तीन) गृह ननमाबण के नवकास, बाजार केन्रों, साांस्कृनतक केन्रों, प्रशासननक केन्रों के नवकास जैसे लोक प्रयोजन के नलए

भूनम का अजबन तथा नवकास,

(चार) वानणनज्यक तथा औद्योनगक प्रयोजनों के नलए िेत्रों का अजबन तथा नवकास,

(पाांच) ऐसा ननमाबण या सनिमाबण कायब हाथ में लेना जो गृह ननमाबण सांबांधी, बाजार सांबांधी, वानणनज्यक या अन्य

सुनवधाओं का उपबांध करन ेके नलए आवश्यक हो,

(छः) मागब तथा सडक के प्रनतरूपों का अनभन्यास करने या उनका पुनः प्रनतरूपण करन े (ररमॉडपलग) के प्रयोजन के

नलए भूनम का अजबन तथा उसका नवकास,

(सात) खेल के मैदानों, उपवनों, आमोद-प्रमोद के केन्रों तथा क्रीडागनों के नलए भूनम का अजबन तथा नवकास,

(आठ) भवनों, मागों, नानलयों, मल-वहन लाइनों तथा अन्य वैसी ही सुख-सुनवधाओं के प्रयेाजन के नलए प्लाांटों का

पुनगबठन,

(नौ) इस प्रकार का कोई अन्य कायब नजसमें पररवेश सांबांधी सुधार हो सकते हों, जो कक प्रानधकारी द्वारा राज्य सरकार

के पूवब अनुमोदन से आरभभ ककया जा सकेगा।

1 धारा 47 राजऩत्र, ददनाांक 16.7.91 द्वारा प्रततस्थासपऩत

2 धारा 48 राजऩत्र, ददनाांक 16.7.91 द्वारा प्रततस्थासपऩत

36

50. नगर नवकास नस्कमों का तैयार ककया जाना

(1) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, ककसी भी समय नगर नवकास स्कीम तैयार करन ेके अपन ेआशय की

घोषणा कर सकेगा।

(2) स्कीम बनान ेसांबांधी आशय की ऐसी घोषणा की तारीख से अनधक से अनधक तीस कदन के भीतर, नगर तथा ग्राम

नवकास प्रानधकारी वह घोषणा राजपत्र में तथा ऐसी रीनत में, जैसी कक नवनहत की जायें, प्रकानशत करेगा।

(3) उपधारा (2) के अधीन घोषणा के प्रकाशन की तारीख से अनधक से अनधक दो वषब के भीतर नगर तथा ग्राम

नवकास प्रानधकारी एक नगर नवकास स्कीम प्रारूप के रूप में तैयार करेगा और उसे ऐसे प्रारूप में तथा ऐसी

रीनत में, जैसा कक नवनहत ककया जाय। एक ऐसी सूचना के साथ प्रकानशत करेगा नजसमें कक ककसी भी व्यनक्त से

ऐसी तारीख के पूवब, जैसी कक नवनहत की जाय तथा जो कक ऐसी सूचना के प्रकाशन की तारीख से तीस कदन के

पूवब की नहीं होगी, उक्त प्रारूप नवकास स्कीम के सांबांध में आपनत्तयों तथा सुझाव आमांनत्रत ककये जायेंगे।

(4) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी उन समस्त आपनत्तयों तथा सुझावों पर, जो कक उपधारा (3) के अधीन सूचना

में नवननर्ददि की गयी कालावनध के भीतर प्राप्त हो, नवचार करेगा और उससे प्रभानवत हुए ऐसे व्यनक्तयों, को जो

यह चाहत ेहो, कक उनकी सुनवाई की जाय, युनक्तयुक्त अवसर देने के पिात या उपधारा (5) के अधीन गरठत की

गयी सनमनत की ररपोटब पर नवचार करन ेके पिात प्रारूप स्कीम को, जैसी कक वह प्रकानशत करेगा या उसमें ऐसे

उपान्तरण करेगा जैसे कक वह उनचत समझे।

1परन्त ुऐसी प्रारूप स्कीम का अांनतम प्रकाशन, प्रारूप स्कीम के प्रकाशन की तारीख से अनधक एक वषब

के भीतर अनधसूनचत ककया जाएगा नजसमें सफल होने पर यह समझा जाएगा कक प्रारूप स्कीम व्यपगत हो गयी

ह ै।

(5) जहाां नगर नवकास स्कीम प्लाटों के पुनगबठन से सांबांनधत हो, वहाां नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, उपधारा

(4) मे ककसी बात के अांतर्ववि होते हुए भी, उपधारा (3) के अधीन प्राप्त हुई आपनत्तयों तथा सुझावों की सुनवाई

करन ेके प्रयोजन के नलए एक सनमनत गरठत करेगा नजसमें उक्त प्रानधकारी का मुख्य कायबपानलक अनधकारी तथा

दो अन्य सदस्य नजनमें से एक सदस्य मध्यप्रदेश गृह ननमाबण मांडल का प्रनतनननध तथा दसूरा सदस्य मुख्य

इांजीननयर, लोक ननमाबण नवभाग द्वारा नाम ननर्ददि ककया गया लोक ननमाबण नवभाग का एक ऐसा अनधकारी

होगा जो कायबपानलक इांजीननयर के पद से ननम्न पद का न हो, होंगे।

(6) उपधारा (5) के अधीन गरठत की गयी सनमनत आपनत्तयों तथा सुझावों पर नवचार करेगी और ऐसे व्यनक्तयों की,

जो यह चाहत ेहो कक उन्हें सुना जाय, सुनवाई करेगी और अपनी ररपोटब नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को

ऐसे समय के भीतर जैसा कक वह ननयत करें, ननम्ननलनखत प्रस्थापनाओं के साथ प्रस्तुत करेगी:-

(एक) उन िेत्रों को, जो लोक प्रयेाजन के नलए आवांरटत या आरनित ककय े गय े हो, पररनननित करने तथा उनकी

सीमाांकन करन ेके नलए,

(दो) पुनगबरठत प्लाटों का सीमाांकन करन ेके नलए,

(तीन) मूल तथा पुनगबरठत प्लाांटों के मूल्य का मूल्याांकन करन ेके नलए,

(चार) यह अवधाररत करन ेके नलए कक क्या लोक प्रयोजन के नलए आरनित ककय ेगय ेिेत्र स्कीम के िेत्र के भीतर के

ननवानसयों के नलए पूणबतः याअांशत फायदाप्रद हैं,

1 मध्यांप्रदेश राजऩत्र ददनाांक 29 ददसांबर 2004 द्वारा सांशोधधत

37

(पाांच) लोक प्रयोजन के नलए प्लाट के पुनगबठन तथा प्रभागों के आरिण के मदे्द स्कीम के नहतानधकाररयों को कदय ेजान े

वाले रनतकर का तथा उनस ेनलय ेजाने वाले अनभदाय का प्राक्कलन या प्रभाजन करन ेके नलए,

(छः) प्रत्येक पुनगबरठत प्लाट के मूल्य में हुई वृनर्द् का मूल्याांकन करन े तथा प्लाट के धारक पर उद्ग्रहणीय नवकास

अनभदाय ननधाबररत करने के नलए, परन्त ुअनभदाय मूल्य में प्रोदभूत हुई वृनर्द् के आध ेसे अनधक नहीं होगा।

(सात) ककसी पुनगबरठत प्लाट के मूल्य में हुई कमी का मूल्याांकन करने और उसके नलए देय प्रनतकर ननधाबरनत करने के

नलए,

(7) उपधारा (4) के अधीन नगर नवकास स्कीम के उपान्तरणों के साथ या उपान्तरणों के नबना अनुमोकदत हो जाने के

अव्यवनहत पिात, नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी राजपत्र में तथा ऐसी अन्य रीनत में, जैसी कक नवनहत की

जाय,े अांनतम नगर नवकास स्कीम प्रकानशत करेगा और वह तारीख नवननर्ददि करेगा नजसको कक वह (स्कीम)

प्रवर्वतत होगी।

51. पुनरीिण

सांचालक ककसी भी समय, ककन्तु धारा 50 के अधीन अांनतम नगर नवकास योजना के प्रकानशत होने की तारीख से

अनधक से अनधक दो वषब के भीतर, स्वप्रेरणा से या अांनतम स्कीम के इस प्रकार प्रकानशत ककय ेजाने के तीस कदन के भीतर

ककसी भी ऐसे व्यनक्त द्वारा, जो अांनतम स्कीम से व्यनथत हो, फाईल ककये गय े आवेदन पर, नगर तथा ग्राम नवकास

प्रानधकारी द्वारा पाररत ककये गय े आदेश की शुर्द्ता के बारे में या ऐसे प्रानधकारी की ककन्हीं भी कायबवानहयों को

ननयनमतता के बारे में स्वयां का समाधान करन ेके प्रयोजन के नलए ककसी भी स्कीम का अनभलेख मांगा सकेगा और उसकी

परीिा कर सकेगा और ऐसा अनभलेख मांगवात ेसमय वह ननदेश दे सकेगा कक उस स्कीम का ननष्पादन ननलनभबत कर

कदया जाय। सांचालक, अनभलेख की परीिा करने के पिात ऐसा आदेश पाररत कर सकेगा जैसा कक वह उनचत समझे और

उसका आदेश अांनतम होगा:

परन्त ुकोई भी आदेश तब तक पाररत नहीं ककया जायेगा जब तक कक उससे प्रभानवत व्यनक्त को तथा नगर तथा

ग्राम नवकास प्रानधकारी को सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर न दे कदया गया हो।

52. ननदेश देन ेकी राज्य सरकार की शनक्त

(1) राज्य सरकार नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को -

(क) कोई नगर नवकास स्कीम नवरनचत करने,

(ख) ककसी नगर नवकास स्कीम को ननष्पादन के दौरान उपान्तरनत करन,े

(ग) ककसी नगर नवकास स्कीम को प्रनतसांहरण करन ेके नलए ननदेश, ऐसे ननदेश में नवननर्ददि ककय ेजाने वाले

कारणों से, दे सकेगी, यकद वह लोकनहत में ऐसा करना आवश्यक समझे:

परन्त ुककसी नगर स्कीम को उपान्तररत करन ेया उसका प्रनतसांहरण करने का कोई भी ननदेश तब तक

नहीं कदया जायेगा, जब तक कक नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को अपना मामला उपस्थानपत करने का

अवसर न दे कदया गया हो।

(2) इस धारा के अधीन राज्य सरकार द्वारा कदय ेगय ेननदेश नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को आबर्द्कर होंगे।

38

53. भूनम के उपयोग तथा भूनम के नवकास पर ननबबन्धन

नगर नवकास स्कीम तैयार करने सांबांधी घोषणा के प्रकाशन की तारीख से कोई व्यनक्त, स्कीम में सनभमनलत िेत्र

के भीतर, ऐसी घोषणा के प्रकाशन के पूवब उस नवकास के अनुसार के नसवाय जो कक सांचालक द्वारा इस अनधननयम के

उपबांधों के अनुसार प्रानधकृत ककया गया हो, ककसी भूनम या भवन के ककसी उपयोग को सांनस्थत नहीं करेगा या उसके

उपयोग में कोई तजदीली नहीं करेगा या ककसी नवकास को कायाबनन्वत नहीं करेगा।

54. स्कीम का व्यपगत होना

1यकद नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी धारा 50 के अधीन अांनतम स्कीम की अनधसूचना की तारीख से दो वषब

की कालावनध के भीतर नगर नवकास स्कीम का कायाबन्वयन प्रारभभ करने या उसका कायाबन्वयन पाांच वषब की कालावनध

के भीतर पूणब करन ेमें असफल रहता ह ैतो वह यथानस्थनत, उपरोक्त दो वषब की या पाांच वषब की कालावनध का अवसान

होने पर व्यपगत हो जायेगी:

परन्त ुयकद ऐसे प्रानधकारी और ऐसी स्कीम से व्यनथत पिकारों, यकद कोई हो, के मध्य ककसी नववाद को सिम

अनधकाररता वाले ककसी न्यायालय या अनधकरण के समि नवचार के नलए लाया जाता ह ैतो उस कालावनध की सांगणना

नजसमें ऐसा नववाद ऐसे न्यायालय या अनधकरण के समि लांनबत रहता ह,ै स्कीम के व्यपगत होने सांबांधी अवधारण में

नहीं की जायेगी।

55. नगर नवकास स्कीम लोक प्रयेाजन होगी

नगर नवकास स्कीम के प्रयेाजन के नलए चाही गयी भूनम के सांबांध में यह समझा जायेगा कक वह लैडड एकिजीशन

एक्ट, 1894 (क्रमाांक 1 सन् 1894) के अथब के अांतगबत ककसी लोक प्रयेाजन के नलए चाही गयी भूनम ह।ै

56. नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी के नलए भूनम का अजबन

नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, धारा 50 के अांनतम नगर नवकास स्कीम के प्रकाशन की तारीख के पिात ककसी भी

समय ककन्तु उससे (उक्त तारीख से) अनधक से अनधक तीन वषब के भीतर उस भूनम को, जो कक स्कीम के कायाबन्वयन के

नलए अपेनित हो, करार र्द्ारा अर्वजत करन ेके नलए कायबवाही कर सकेगा और इस प्रकार अर्वजत करने में उसके चूक करन े

पर, राज्य सरकार, नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की प्राथबना पर, ऐसी भूनम को लैडड एकिजीशन एक्ट, 1894

(क्रमाांक 1 सन ्1894) के उपबांधों के अधीन अर्वजत करन ेके नलए कायबवाही कर सकेगी और इस अनधननयम के अधीन

अनधननर्वणत ककय ेगय ेप्रनतकर का तथा अजबन के सांबांध में राज्य सरकार द्वारा उपगत ककये गय ेककन्ही अन्य प्रभारों का

भुगतान करन ेपर वह भूनम, ऐसे ननबबन्धनों तथा शतोंीां के अध्यधीन रहत ेहुए, जैसी कक नवनहत की जाय, नगर तथा ग्राम

नवकास प्रानधकारी में नननहत हो जायेगी।

57. नवकास कायब

(1) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, धारा 56 के अधीन उसमें नननहत भूनम का, नगर नवकास स्कीम के उपबांधों

के अनुसार नवकास करन ेके नलए आवश्यक कायबवाही करेगा:

1 धारा 54 राजऩत्र, ददनाांक 17.4.96 द्वारा प्रततस्था पऩत

39

परन्त ु यकद राज्य सरकार या सांचालक के पास, ऐसी जाांच के पिात जैसी कक आवश्यक हो, यह

नवश्वास करने का कारण हो कक नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी भूनम का नवकास के नलए यथा योग्य

कायबवाही नहीं कर रहा हो या कक उसने अांनतम स्कीम से हट कर कायब ककया ह,ै तो वह उस प्रानधकारी को ऐसे

ननदेश दे सकेगी / सकेगा जैसे कक उन पररनस्थनतयों में आवश्यक समझे जायें।

(2) इस धारा के अधीन कदय ेगय ेननदेश नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को आबर्द्कर होंग ेऔर वह प्रानधकारी

उन ननदेशों को तुरन्त प्रभावशील करेगा।

58. भूनम भवनों तथा अन्य नवकास कायब का व्ययन

ऐसे ननयमों के अध्यधीन रहते हुए, जैसे कक राज्य सरकार द्वारा इस सांबांध में बनाये जाय, नगर तथा ग्राम

नवकास प्रानधकारी नवकनसत भूनमयों, गृहों, भवनों तथा अन्य सांरचनाओं के व्ययन के नलए प्रकक्रया का अवधारण,

नवननयम द्वारा करेगा।

59. नवकास प्रभार

(1) जहाां ककसी नगर नवकास स्कीम के कायाबन्वयन के पररणाम स्वरूप, नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की राय

में ककसी स्कीम की पाश्र्वस्थ तथा उससे प्रभानवत भूनमयों के बाजार भाव में कोई अनधमूल्यन हुआ ह,ै वहाां नगर

तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी ऐसे भूनम के अजबन के नलए उपबांध करन ेके बजाय, ऐसी भूनमयों के स्वानमयों पर

नवकास प्रभार उद्ग्रहीत कर सकेगा।

(2) नवकास प्रभार वह रकम होगी जो भूनम के नगर नवकास योजना तैयार करन ेके आशय के प्रकाशन क तारीख को

होने वाले मूल्य तथा भूनम के योजना के पूणब होने की तारीख हो होने वाले मूल्य के बीच होने वाले अांतर के कम

से कम एक चैथाई के तथा अनधक से अनधक एक नतहाई के बराबर हो।

60. उद्ग्रहण का ढांग

(1) नगर नवकास स्कीम के पूणब हो जाने पर, नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, सूचना द्वारा जो कक ऐसे प्रारूप में

हो तथा जो कक ऐसी रीनत में प्रकानशत की गयी हो, जैसा कक नवनहत ककया जाए नगर नवकास स्कीम के पूणब हो

जाने सांबांधी तथ्य की तथा स्कीम के अांतगबत के आन ेवाले िेत्र में नवकास प्रभार उद्ग्रहत करन ेके अपन ेआशय की

घोषणा करेगा, उस सूचना में भूनमयों के ऐसे स्वानमयों से, जो नवकास प्रभारों का भुगतान करन ेके नलए दायी

हो, ऐसी कालावनध के भीतर जो सूचना के प्रकाशन की तारीख से तीस कदन से कम की नहीं होगी, तथा ऐसे

प्रानधकारी को, जैसा कक सूचना में नवननर्ददि ककया जाय, आपनत्त, यकद कोई हो, प्रस्तुत करन ेकी अपेिा की

जायेगी।

(2) सूचना में नवननर्ददि ककया गया प्रानधकारी आपनत्तकताबओं को सुनवाई का अवसर देने के पिात नगर तथा ग्राम

नवकास प्रानधकारी को एक ररपोटब भेजेगा।

(3) उपधारा (2) के अधीन ररपोटब प्राप्त होने पर, नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी उस पर ऐसे आदेश पाररत

करेगा जैसे कक वह उनचत समझे।

(4) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, नवकास प्रभार उद्ग्रहीत करन ेके अपन ेआशय की घोषणा करने वाली सूचना

के प्रकानशत होने के पिात अनधक से अनधक तीन मास के भीतर नवनहत प्रारूप में एक सूचना जारी करेगा

नजसमें उन प्रभारों का ननधाबरण ककया जायेगा जो प्रभारों के उद्ग्रहण से प्रभानवत प्रत्येक व्यनक्त द्वारा शोध्य हो।

40

(5) जहाां ननधाबरण प्रनतग्रहीत कर नलया गया हो, वहाां वह अांनतम होगा तथानप ननधाबरण के प्रनतग्रहीत न ककये जाने

की दशा में व्यनथत व्यनक्त सूचना के प्रकाशन के तीस कदन के भीतर उपखडड अनधकारी (सब नडवीजनल

ऑफीसर) पद से अननम्न पद के राज्य अनधकारी के जो कक राज्य सरकार द्वारा इस सांबांध में प्रानधकृत ककया जाय,

समि नलनखत में आवेदन फाइल कर सकेगा।

(6) राजस्व अनधकारी, आवेदक तथा नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को सुनवाई का अवसर देन े के पिात

आवेदन पर ऐसे आदेश पाररत कर सकेगा जैसे कक वह पररनस्थनतयों के अनुसार उनचत समझे ओर इस प्रकार

पाररत ककया गया आदेश अांनतम होगा।

(7) ननधाबरण के अांनतम रूप से अवधाररत कर कदय ेजाने पर, नगर तथा नवकास प्रानधकारी प्रत्येक ननधाबररत पर एक

सूचना तामील करवायेगा, नजसमें उससे (ननधाबररती से), उसके द्वारा सूचना प्राप्त होने की तारीख से साठ कदन

की कालावनध के भीतर नवकास प्रभारों का भुगतान करने के नलए कहाां जायेगा।

(8) ककसी भी ऐसे भुगतान पर, जो उपधारा (7) के अधीन सूचना में नवननर्ददि की गयी कालावनध का अवसान होन े

के पिात ककया गया हो, उस तारीख से, नजसकी कक ननधाबररती को सूचना द्वारा प्राप्त हुई हो, पाांच प्रनतशत

प्रनतवषब की दर से सादा जयाज लगेगा।

(9) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, उसको उस सांबांध में आवेदन ककया जाने पर, नवकास प्रभारों का भुगतान

पाांच से अनानधक वार्वषक ककश्तों में करने के नलए ननधाबररती को अनुज्ञा दे सकेगा और ऐसी तारीख ननयत कर

सकेगा नजस तक कक प्रत्येक ककश्त देय होगी।

(10) जहाां भुगतान ककश्तों में ककया जाने की अनुज्ञा दी गयी हो, वहाां नवकास प्रभारों की रकम पर, उपधारा (7) के

अधीन सूचना प्राप्त होने की तारीख से सात प्रनतशत प्रनतवषब की दर से जयाज लगेगा और शोध्य जयाज प्रत्येक

ककश्त के साथ देय होगा।

61. नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की नननध

नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की अपनी स्वयां की नननध होगी ओर उस प्रानधकारी की समस्त प्रानप्तयाां

उसमें जमा की जायेगी और उस प्रानधकारी द्वारा ककये जाने वाले समस्त समस्त भुगतान उसमें से (ननध में से) ककय े

जायेंगे।

161-क

(1) प्रत्येक नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी राज्य सरकार तथा स्थानीय प्रानधकारी से सहायता अनुदान उस दर

पर प्राप्त करने का हकदार होगा जो कक उपधारा (2) में नवननर्ददि की गयी ह।ै

(2) सहायता अनुदान की सांगणना ननम्नानुसार होगी:-

प्रथम 50,000 तक की जनसांख्या की प्रत्येक 10,000 इकाइयों के नलए 2,000 रूपये और

50,000 से अनधक जनसांख्या की प्रत्येक 20,000 इकाइयों के नलए 2,000 रूपय,े

परन्त ुआधी या आधी से अनधक इकाई वार्वषक अनभदाय की रकम की सांगणना करन ेके प्रयोजनों के

नलए पूरी इकाई के रूप में नगनी जायेगी।

(3) यकद स्थानीय प्रानधकारी इस धारा के अधीन ककसी रानश का सांदाय करन े में व्यनक्तक्रम करता ह ै तो राज्य

सरकार उस व्यनक्त को, नजसकी कक अनभरिा में स्थानीय प्रानधकारी की नननध का अनतशेष हो, आदेश द्वारा यह

ननदेश दे सकेगी कक वह ऐसा सांदाय या तो पूरा कर दे या ऐसे भागों में कर दे जैसे कक ऐसे अनतशेष से सांभव हो।

1 धारा 61-क राजऩत्र ददनाांक 4.6.75 द्वारा अांतः स्थापऩत।

41

परन्त ुककसी रानश का सांदाय करन ेका ननदेश देत ेहुए कोई आदेश राज्य सरकार द्वारा तब तक नहीं

ककया जायेगा जब तक कक यह कारण कक ऐसा आदेश क्यों न ककया जाय दशाबने का स्थानीय प्रानधकारी को

अवसर उस दशा के अनतररक्त न दे कदया गया हो जबकक राज्य सरकार यह समझती ह ैकक स्थानीय प्रानधकारी ने

अपना मामला पहल ेही कनथत कर कदया ह ैया कक स्थानीय प्रानधकारी को अपना मामला कनथत करने का पहले

ही पयाबप्त असवर था।

62. वार्वषक आय व्यय का नववरण

(1) मुख्य कायबपानलक अनधकारी, प्रत्येक वषब अनधक से अनधक 10 माचब तक, वार्वषक आय तथा व्यय का नववरण

तैयार करवायेगा नजसमें नपछल ेवषब के प्राक्कलन तथा वास्तनवक आांकडे और अगल ेनवत्तीय वषब के नलए प्राक्कलन

कदय ेजायेंगे।

(2) इस प्रकार तैयार ककया गया वार्वषक नववरण (नजसे इसमें के पिात ‘‘बजट’’ कहा गया ह)ै मुख्य नगरपानलक

अनधकारी द्वारा, अध्यि के पूवब अनुमोदन से नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी के समि रखा जायेगा।

(3) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, उसे इस प्रकार प्रस्तुत ककये गय ेप्राक्कलन पर नवचार करेगा और उसे या तो

अपररवर्वतत रूप से या एसे पररवतबनों के जैसे कक वह उनचत समझे, अध्यधीन रहते हुए मांजूर करेगा।

(4) उपधारा (3) के अधीन मांजूर ककय ेगय ेबजट की एक प्रनत राज्य सरकार को तथा सांचालक को भेजी जायेगी।

(5) राज्य सरकार नगर तथा नवकास प्रानधकारी को बजट में ऐसा उपान्तरण करन ेका ननदेश दे सकेगी

जैसा कक आवश्यक समझा जाय।

(6) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, ऐसे ननदेशों के प्राप्त होने की तारीख से तीस कदन के भीतर या तो

उपान्तरण को प्रनतगृहीत कर लेगा या राज्य सरकार को और ननवेदन करेगा।

(7) राज्य सरकार नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी के ननवेदन पर नवचार करन े के पिात, उस पर ऐसे आदेश

पाररत करेगी जैसे कक उनचत समझे जायें, और आदेशों की तारीख से बजट सरकार द्वारा आदेनशत उपान्तरणों के

साथ प्रवृत हुआ समझा जायेगा।

63. बकाया की भ-ूराजस्व के बकाया के तौर पर वसूली

ऐसे ननबबन्धनों तथा ऐसी शतों के, जैसा कक नवनहत ककया जाय, अध्यधीन रहत ेहुए, नगर तथा ग्राम नवकास

प्रानधकारी, राज्य सरकार की पूवब मांजूरी से, इस अनधननयम के समस्त प्रयेाजनों या उनमें से ककसी भी प्रयोजन के नलए

नडबेन्चर जारी कर सकेगा या सरकार से या खुले बाजार से धन उधार ल ेसकेगा।

63. धन उधार लेन ेकी शनक्त

1(क) इस अनधननयम के अधीन नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को शोध्य कोई रानश उसी रीनत में वसूली योग्य

होगी नजसमे कक भू-राजस्व का बकाया वसूली योग्य होता ह।ै

1 धारा 63-क राजऩत्र, ददनाांक 4.6.75 द्वारा अांतः स्थापऩत।

42

आठवाां अध्याय

नवशेष िेत्र

64. नवशेष िेत्रों का गठन

(1) यकद ककसी िेत्र, नगर या नगरी को प्रादेनशक योजना में नवशेष िेत्र के रूप में अनभनहत ककया गया हो, या यकद

राज्य सरकार का ककसी अन्य प्रकार से यह समाधान हो जाय ेकक लोकनहत में यह समीचीन ह ैकक ककसी िेत्र,

नगर या नगरी को नवशेष िेत्र के रूप में नवकनसत ककया जाय ेतो वह, अनधसूचना द्वारा उस िेत्र के रूप में

अनभनहत कर सकेगी जो ऐसे नाम से जाना जैसा कक उसमें (अनधसूचना में) नवननर्ददि ककया जाय।

(2) ऐसी अनधसूचना में नवशेष िेत्र की सीमाएां पररनननित की जायेगी।

(3) राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा:-

(क) नवशेष िेत्र की सीमाओं में इस प्रकार पररवतबन कर सकेगी कक ऐसा िेत्र, जैसा कक अनधसूचना में नवननर्ददि ककया

जाय, उसमें सनभमनलत ककया जा सके या उसमें से अपवर्वजत ककया जा सके,

(ख) यह घोषणा कर सकेगी कक नवशेष िेत्र उस रूप में नहीं रहगेा।

(4) लोप ककया गया।

65. नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी

(1) प्रत्येक नवशेष िेत्र में एक नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी होगा, नजसमें:-

(क) अध्यि,

(ख) एक या अनधक उपाध्यि और

(ग) सदस्यों की ऐसी सांख्या जो कक राज्य सरकार समय-समय पर अवधाररत करे नजसमें से कम से कम दो

मनहलाएां होगी जो राज्य सरकार द्वारा ननयुक्त की जायेगी।

(2) अध्यि, उपाध्यि और अन्य सदस्यों के नाम राजपत्र में अनधसूनचत ककये जायेंगे।

(3) अध्यि, उपाध्यि और अन्य सदस्यों की पदावनध ऐसी होगी जैसी कक नवनहत की जाए।

(4) अध्यि और उपाध्यि को देय वेतन तथा भते्त और सेवा के अन्य ननबबन्धन तथा शतें ऐसी होगी जैसी कक नवनहत

की जाय।

(5) सदस्य ककसी भी वेतन के हकदार नहीं होंगे ककन्त ुवे ऐसे भते्त प्राप्त करेंग ेजैसे की नवनहत ककए जाएां।

66. नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी का ननगमन

प्रत्येक नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी एक ननगनमत ननकाय होगा, नजसका शाश्वत, उत्तरानधकार होगा तथा

नजसकी सामान्य मुरा होगी और नजसे स्थावर तथा जांगम दोनों प्रकार की सभपनत्त अर्वजत करन,े धारण करन ेतथा उसका

व्ययन करने और सांनवदा करन ेकी शनक्त होगी और वह धारा 64 की उपधारा (1) में नवननर्ददि ककये गय ेनाम से वाद

चला सकेगा तथा उक्त नाम से उसके नवरूर्द् वाद चलाया जा सकेगा।

67. कमबचारी वृन्द

43

प्रत्येक नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी में ऐसे अनधकारी और सेवक होंगे जो उसके कतबव्यों के दितापूणब ननवबहन के नलए

आवश्यक और उनचत हो, नवकास प्रानधकारी सेवा के सुसांगत सांवगब के राज्य सांवगब में सनभमनलत अनधकाररयों और सेवकों

के पदों पर ननयुनक्तयाां सांबांनधत नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी द्वारा नवाां-क अध्याय और उसके अधीन बनाये गय े

ननयमों के उपबांधों के अनुसार की जायेगी ।

परन्त ुककसी प्रानधकारी में कोई भी पद राज्य सरकार की पूवब मांजूरी से ही सृनजत ककया जायेगा अन्यथा नहीं।

68. कृत्य

नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी के ननम्ननलनखत कृत्य होंगे:-

(एक) नवशेष िेत्र के नलए नवकास योजना, तैयार करना यकद ऐसा करन ेकी उससे अपेिा की जाये,

(दो) नवकास योजना को, राज्य सरकार द्वारा उसके अनुमोकदत कर कदय ेजाने के पिात कायाबनन्वत करना,

(तीन) योजना के कायाबन्वयन के प्रयोजन के नलए, भूनम तथा अन्य, सभपनत्त अर्वजत करना, धारण करना, उसे नवकनसत

करना, उसका प्रबांध तथा व्ययन करना,

खडड (चार) (पाांच) और (छः) का लोप ककया गया।

(सात) अन्य अथों में, नवशेष िेत्र के बारे में समस्त ऐसे कृत्यों का, नजनके कक सांबांध में राज्य सरकार, समय-समय पर

ननदेश दें, पालन करना।

69. शनक्तयाां

नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी -

(क) भूनम के अजबन के प्रयोजन के नलए, ऐसी शनक्तयों का प्रयोग करेगा, तथा ऐसी प्रकक्रया का अनुसरण करेगा जो इस

अनधननयम के अधीन ककसी नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को प्राप्त ह ैया नजसका कक वह अनुसरण करता

ह।ै

(ख) ननवेश के प्रयोजन के नलए, ऐसी शनक्तयों का प्रयोग करेगा जो कक इस अनधननयम के अधीन सांचालक को प्राप्त ह,ै

(ग) लोप ककया गया

(घ) लोप ककया गया

70. िेत्र नवकास प्रानधकारी की नननध नवशेष

(1) प्रत्येक नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी की अपनी स्वयां की नननध होगी ओर उस प्रानधकारी की समस्त प्रानप्तयाां

उसमें जमा की जायेगी तथा उस प्रानधकारी के समस्त भुगतान उसमें से (नननध में से) ककये जायेंगे।

(2) नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी, इस अनधननयम के समस्त प्रयोजनों या उसमें ककसी भी प्रयेाजन के नलए-

(क) राज्य सरकार से या ककसी स्थानीय प्रानधकारी से अनुदान प्रनतगृहीत कर सकेगा,

(ख) ऐसे ननबन्धनों तथा ऐसी शतों के, जैसा कक नवनहत ककया जाय,े अध्यधीन रहत ेहुए उधार ल ेसकेगा।

44

71. वार्वषक प्राक्कलन

(1) अध्यि, प्रत्येक वषब अनधक से अनधक 10 माचब तक नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकरण के समि, आगामी अपै्रल

मास के प्रथम कदन प्रारभभ होने वाले वषब के नलए उस प्रानधकारी की आय तथा व्यय का एक प्राक्कलन ऐसे

जयौरेवार तथा ऐसे प्रारूप में, जैसा कक वह प्रानधकारी समय-समय पर ननदेश दे रखेगा।

(2) ऐसे प्राक्कलन में नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी के समस्त दानयत्वों की सभयक पूर्वत के नलए तथा इस अनधननयम

के दितापूणब कायाबन्वयन के नलए उपबांध ककया जायेगा ओर ऐसा प्राक्कलन पूणब होगा तथा उसकी एक एक प्रनत

उस प्रानधकारी के प्रत्येक सदस्यों को उस सनभमलन के, नजसके कक समि प्राक्कलन रखा जाना ह ैकम से कम पूरे

दस कदन पूवब भेजी जायेगी।

(3) नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी, इस प्रकार प्रस्तुत ककय े गय े प्राक्कलन पर नवचार करेगा और उसे या तो

अपररवर्वतत रूप में ऐसे पररवतबनों के जैसे कक वह उनचत समझे, अध्यधीन रहत ेहुए मांजूर करेगा।

(4) इस प्रकार मांजूर ककये गय ेप्राक्कलन राज्य सरकार को भेजे जायेंगे जो कक उन्हें उपान्तरणों के साथ या उपान्तरणों

के नबना अनुमोकदत कर सकेगी।

(5) यकद राज्य सरकार प्राक्कलनों को उपान्तरणों के साथ अनुमोकदत करती ह,ै तो नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी उन्हें

सांशोनधत करन ेकी कायबवाही करेगा और इस प्रकार उपान्तररत तथा सांशोनधत ककये गय ेप्राक्कलन उस वषब के

दौरान प्रवृत्त होंगे।

45

नवाां अध्याय

ननयन्त्रण

72. पयबवेिण तथा ननयांत्रण की राज्य सरकार की शनक्त

राज्य सरकार को धारा 3 के अधीन ननयुक्त ककय े गय े अनधकाररयों या इस अनधननयम के अधीन गरठत ककये गय े

प्रानधकाररयों के कायों तथा कायबवानहयों पर अधीिण तथा ननयांत्रण की शनक्त प्राप्त होगी।

73. अनुरूपता सुनननित करन ेके नलए

(1) धारा 3 के अधीन ननयुक्त ककय ेगय ेअनधकारी तथा इस अनधननयम के अधीन गरठत ककय ेगय ेप्रानधकारी, अपन े

कतबव्यों के ननवबहन में, नीनत नवषयक मामलों की बाबत ऐसे ननदेर्शों द्वारा, जैसे कक राज्य सरकार द्वारा कदय े

जायें, आबर्द् होंगे।

(2) यकद राज्य सरकार तथा ककसी प्रानधकारी के बीच इस बात पर कोई नववाद उद्भूत हो कक कोई प्रश्न नीनत

नवषयक प्रश्न ह ैया नहीं तो राज्य सरकार का नवननिय अांनतम होगा।

74. योजनाओं आकद का पुनर्ववलोकन करन ेकी सरकार की शनक्त

तत्समय प्रवृत्त ककसी अन्य अनधननयनमत में अांतर्ववि ककसी बात के होते हुए भी राज्य सरकार नगर सुधार

स्कीमों का, भवन योजनाओं का या सनिमाबण के नलए ककसी अनुज्ञा का, जो तत्समय प्रवृत्त ककसी अनधननयनमनत के अधीन

ककसी प्रानधकारी द्वारा मांजूर की गयी नवकास योजनाओं के अधीन ककसी प्रानधकारी द्वारा मांजूर की गयी हो या दी गयी

हो, पुनर्ववलोकन यह अनभनननित करने की दनृि से कर सकेगी कक इस अनधननयम के या उसके अधीन बनाये गय ेननयमों

के उपबांधों के दनृिगत रखत ेहुए उनमें कोई प्रनतकूलता तो नहीं ह ैया कोई प्रनतकूलता उत्पि तो नहीं होती और ककसी भी

स्कीम, योजना, अनुज्ञा या मांजूरी को प्रनतसांह्त कर सकेगी, उसमें फेरफार कर सकेगी या उसे उपान्तररत कर सकेगी

नजससे कक ऐसी स्कीम, योजना, अनुज्ञा या मांजूरी को इस अनधननयम के उपबांधों के अनुरूप बनाया जा सके।

परन्त ुइस धारा के अधीन कोई भी आदेश, उससे प्रभानवत होने वाले व्यनक्यों को सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर

कदय ेनबना नहीं ककया जायेगा।

75. शनक्तयों का प्रत्यायोजन प्रानधकाररयों का नवघटन

(1) राज्य सरकार इस अनधननयम द्वारा या उसके अधीन उसे प्रदत्त की गयी समस्त या कोई भी शनक्तयाां, जो ननयम

बनाने के शनक्त से नभि हों, अपन े अधीनस्थ ककसी भी अनधकारी या प्रानधकारी को अनधसूचना द्वारा

प्रत्यायोनजत कर सकेगी।

(2) ऐसे ननबबन्धनों के अध्यधीन रहते हुए जैसे कक राज्य सरकार द्वारा साधारण या नवशेष आदेश द्वारा अनधरोनपत

ककय ेजायें, सांचालक इस अनधननयम के या उसके अधीन बनाये गय े ननयमों के अधीन उसके द्वारा प्रयोक्तव्य

समस्त या कोई भी शनक्तयाां, जो अपील तथा पुनरीिण को सुनन ेकी शनक्त से नभि हों, अपन ेअधीनस्थ ककसी

भी अनधकारी को, नलनखत आदेश द्वारा प्रत्यायोनजत कर सकेगा।

76. ननदेश देन ेकी राज्य सरकार की शनक्त

46

(1) जब कभी राज्य सरकार की राय में इस अनधननयम के अधीन गरठत ककय ेगय ेककसी प्रानधकारी का अनस्तत्व में

बना रहना अनावश्यक या अवाांछनीय हो, तब राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा, यह घोनषत कर सकेगी कक ऐसा

प्रानधकारी, ऐसी तारीख से जो कक उसमें (अनधसूचना में) नवननर्ददि की जाये, नवघरटत कर कदया जायेगा और

ऐसा प्रानधकारी तदनुसार नवघरटत हो जायेगा।

1(2) उक्त तारीख से -

(क) प्रानधकारी की समस्त आनस्तयाां तथा दानयत्व उस िेत्र की नगरपानलका में नननहत हो जायेंगे तथा ऐसी

नगरपानलका को ऐसी समस्त शनक्तयाां होंगी जो ऐसी अनस्तयों का कजजा लेन,े उन्हें वसूल करने तथा उनके सांबांध

में सांव्यवहार करने के नलए और ऐसे दानयत्वों का ननवबहन करने के नलए आवश्यक हो:

परन्त ुऐसे मामलों में जहाां ऐसे प्रानधकारी का िेत्र नभि-नभि नगरपानलकों के अांतगबत आता ह,ै तो ऐसे

प्रानधकारी की आनस्तयाां और दानयत्व ऐसी नगरपानलकाओं के बीच ऐसी रीनत में, जैसी कक राज्य सरकार,

आदेश द्वारा अवधाररत करें, नवतररत ककय ेजायेंगे।

(ख) ऐसी समस्त लांनबत कायबवानहयाां, नजनमें प्रानधकारी एक पिकार था, उसी प्रकार जारी रहेंगी मानों कक

प्रानधकारी के स्थान पर वह नगरपानलका उसका एक पिकार थी।

स्पिीकरण - इस उपधारा के प्रयोजनों के नलए ‘‘नगरपानलका’’ से अनभप्रेत यथानस्थनत, मध्यप्रदेश नगरपानलक ननगम

अनधननयम, 1956 (क्रमाांक 23 सन् 1956) की धारा 7 के अधीन गरठत कोई नगरपानलका ननगम या मध्यप्रदेश

नगरपानलका अनधननयम, 1961 (क्रमाांक 37 सन् 1961) की धारा 5 के अधीन गरठत नगरपानलका पररषद या नगर

पांचायत ह।ै

1 धारा 76 (2) राजऩत्र ददनाांक 1.2.95 द्वारा अांतः स्थापऩत।

47

1नवाां - क अध्याय

नवकास प्रानधकरण सेवाएां

76-क पररभाषाएां

इस अध्याय में ‘‘नवकास प्रानधकरण’’ से अनभप्रेत ह:ै-

(एक) नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी

(दो) नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी और

(तीन) मध्यप्रदेश टाउन इभप्रूवमेंट ट्रस्ट एक्ट, 1960 (क्रमाांक 14 सन् 1961) की धारा 4 के अधीन गरठत ककया गया

इभप्रूवमेंट ट्रस्ट,

76-ख नवकास प्रानधकरण सेवा का गठन आकद

(1) ऐसी तारीख से नजसे राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा इस नननमत्त ननयत करें, नवकास प्रानधकरण सेवा का गठन

राज्य में के समस्त नवकास प्रानधकरणों के नलए अनधकारी और सेवक उपलजध करान ेके प्रयोजन के नलए ककया

जाएगा। नवकास प्रानधकारी सेवा में ननम्ननलनखत होंग:े-

(क) नवकास प्रशासननक अनधकाररयों का सांवगब,

(ख) नवकास अनभयांताओं का सांवगब,

(ग) नवकास ननवेश अनधकाररयों का सांवगब,

2(घ) इस अनधननयम के प्रयोजनों को कायाबनन्वत करन ेके नलए सांवगब में सनभमनलत अनधकाररयों को सौंपे गय े

कृत्यों के अनुसार अवधाररत ककय े जाने वाले एसे अन्य सांवगब जो राज्य सरकार, अनधसूचना द्वारा,

नवननर्ददि करें, प्रत्येक सांवगब में ननम्ननलनखत होंगे:-

(एक) राज्य सांवगब

(दो) स्थानीय सांवगब

प्रत्येक राज्य सांवगब और प्रत्येक स्थानीय सांवगब में ऐसी श्रेनणयाां तथा ऐसे पदनामों के उतन ेपद होंगे जो

राज्यसरकार, समय-समय पर, अनधसूचना द्वारा नवननर्ददि करे।ीां राज्य सांवगब में सनभमनलत श्रेनणयों के पदों पर

ननयुनक्तयाां राज्य सरकार द्वारा की जायेगी और स्थानीय सांवगब में सनभमनलत श्रेनणयों के पदों पर ननयुनक्तयाां

सांबांनधत नवकास प्रानधकारी द्वारा की जायेगी।

(2) राज्य सरकार, नवकास प्रानधकरण सेवा में ननयुक्त ककये जाने वाले व्यनक्तयों की भती तथा सेवा शतों का

नवननयमन करन ेके नलए ननयम बनाएगी और ऐसे ननयमों में इस बात के नलए उपबांध हो सकेगा कक शनक्तयों का

प्रयोग, नवकास प्रानधकाररयों को सनभमनलत करते हुए ऐसे प्रानधकररयों द्वारा जो उनमें नवननर्ददि ककय ेजायें,

ककया जा सकेगा।

3 (2-क) नवकास प्रानधकरण सेवा में ककसी पद पर ननयुक्त व्यनक्तयों को उनकी सेवा की शतों के अनुसार कदय ेजाने के नलए

अपेनित वेतन, भते्त, उपदान, वार्वषक पेन्शन तथा अन्य भुगतान सांबांनधत नवकास प्रानधकारी की नननध पर प्रभार

होंगे, परन्त ु ककसी व्यनक्त के एक नवकास प्रानधकरण से दसूरे नवकास प्रानधकरण में स्थानाांतरण की दशा में,

1 अध्याय नवाां-क राजऩत्र ददनाांक 21.1.83 द्वारा अांतः स्थापऩत

2 धारा 76-ख (घ) राजऩत्र ददनाांक 16.7.91 द्वारा प्रततस्थापऩत

3 धारा 76-ख (2-क), (2-ख), (2-ग), (2-घ) राजऩत्र ददनाांक 16.7.91 द्वारा अांतः स्थापऩत

48

सांबांनधत नवकास प्रानधकरण पूवोक्त भुगतानों के मदे्द ऐसे अनुपात में अनभदाय करन ेका दायी होगा, जो राज्य

सरकार नवनहत करें।

(2-ख) नवकास प्रानधकरण सेवा के ककसी सांवगब की ककसी श्रेणी के ककसी पद पर ननयुक्त व्यनक्त को एक नवकास

प्रानधकरण में उसी सांवगब की उसी श्रेणी के उसी पद पर या उसी श्रेणी के उसी पद पर या उसी श्रेणी के उसी पद

पर या उसी श्रेणी या ककसी उच्चतर सांवगब के ककसी उच्चतर पद पर पदोिनत देकर स्थानान्तरनत ककया जा सकेगा।

(2-ग) राज्य सरकार, नवकास प्रानधकरण सेवा में या तो राज्य सांवगब में या स्थानीय सांवगब के ककसी पद पर ननयुक्त ककसी

व्यनक्त को एक नवकास प्रानधकरण से दसूरे नवकास प्रानधकरण में स्थानान्तररत कर सकेगी और राज्य सरकार के

नलए यह आवश्यक नहीं होगा कक वह स्थानान्तरण आदेश पाररत करने के पूवब सांबांनधत नवकास प्रानधकरण से या

अनधकारी या सेवक से परामशब करें।

(2-घ) जहाां उपधारा (2-ग) के अधीन स्थानान्तररत अनधकारी या सेवक स्थानीय सांवगब का हो वहाां,

(एक) उसका धाररत पद पर अथाबत मूल नवकास प्रानधकरण में धारणानधकार रहगेा,

(दो) उसे उन भत्तों के सांबांध में, नजन्हें वह अपन ेमूल नवकास प्रानधकरण में बने रहन ेकी दशा में प्राप्त करन ेका हकदार

होता, अनहतकर नस्थनत में नहीं रखा जायेगा,

(तीन) वह ऐसी दर पर प्रनतननयुनक्त भत्ता प्राप्त करन े का हकदार होगा जो राज्य सरकार साधारण आदेश द्वारा

अवधाररत करें।

(चार) वह ऐसे अन्य ननबन्धनों तथा शतों नजनके अांतगबत अनुशासननक ननयांत्रण भी ह ैद्वारा शानसत होगा जो राज्य

सरकार, साधारण या नवशेष आदेश द्वारा अवधाररत करें।

(3) उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त ननयम बनाने की शनक्त के अांतगबत ननयमों का या उनमें से ककसी ननयम को ऐसी तारीख,

से जो उपधारा (1) के अधीन ननयत की गयी तारीख के पूवब की न हो, भूतलिी प्रभाव देने की शनक्त आती ह,ै

ककन्तु ककसी भी ननयम को भूतलिी प्रभाव इस प्रकार नहीं कदया जायेगा कक नजससे ककसी ऐसा व्यनक्त के नहतों

पर प्रनतकूल प्रभाव पडे नजसे ऐसे ननयम लाग ूहो सकता ह।ै

(4) इस धारा के अधीन बनाए गय ेसमस्त ननयम नवधान सभा के पटल रखे जायेंगे।

(5) उपधारा (1) के अधीन ननयत की गयी तारीख को मुख्य कायाबनलक अनधकारी का पद धारण करने वाले व्यनक्त

को या उपधारा (1) में नवननर्ददि अन्य अनधकाररयों तथा सेवकों के पदधारण करन ेवाले व्यनक्तयों को उस दशा

में जबकक वे 19 नवभबर 1982 के पूवब उक्त पदों पर स्थायी ककये जा चुके हों, नवकास प्रानधकरण सेवा में स्थायी

रूप से आमेनलत और सनभमनलत कर नलया जायेगा। उक्त तारीख को पूवोक्त पद धारण करन ेवाल ेशेष व्यनक्तयों

को, यकद उन्हें ऐसी प्रकक्रया का, जैसी कक नवनहत की जाए अनुसरण करन ेके पिात उपयुक्त पाया जाता ह,ै ऐसी

सेवा में या तो अांनतम रूप से या अांनतम रूप से आमेनजत ककया जा सकेगा। यकद ककसी व्यनक्त को उक्त सेवा में

अांनतम रूप से आमेनलत नहीं ककया जाता तो उसकी सेवाएां उसके द्वारा अांनतम आहररत एक मास के वेतन का

भुगतान करके ककसी भी समय समाप्त की जा सकेगी।

(6) जहाां पूवोक्त उपधारा में ननर्ददि ककसी व्यनक्त को उस उपधारा में उपबांनधत ककये गय ेअनुसार उक्त सेवा में अांनतम

रूप से आमेनलत कर नलया जाता ह,ै वहाां उन सेवा शतों को, जो उसे उसके आमेनलत के तत्काल पूवब लाग ूह,ै

उन्हें उसके नलए उसे अनुकूल बनाकर उसके नलए अनहतकर रूप में पररवर्वतत नहीं ककया जायेगा, नसवाय इसके

कक उसे एक नवकास प्रानधकरण से दसूरे नवकास प्रानधकरण को स्थानाांतररत ककया जा सकेगा।

49

176-ख-ख राज्य सरकार द्वारा जाांच

(1) राज्य सरकार, स्वपे्ररणा से, ककसी व्यनक्त को, नलनखत आदेश द्वारा, ककसी नवकास प्रानधकरण के गठन

कायबकरण और नवत्तीय नस्थनत की जाांच करन ेके नलए प्रानधकृत कर सकेगी।

(2) उपधारा (1) के अधीन प्रानधकृत व्यनक्त की इस धारा के अधीन जाांच करन े के प्रयोजन के नलए ननम्ननलनखत

शनक्तयाां होंगी, अथाबत,

(क) उसकी सभी समयों पर नवकास प्रानधकरण की बनहयों, लेखाओं और दस्तावेजों तक अबाध पहुांच होगी

और वह ऐसे ककसी व्यनक्त को, नजसके कजजे में ऐसी बनहये, लेखे और दस्तावेज हैं और जो उनकी

अनभरिा के नलए उत्तरदायी हैं, इस बात के नलए समन कर सकेगा कक वह उन्हें पेश करें।

(ख) वह ककसी व्यनक्त को, नजसके बारे में उसके पास यह नवश्वास करन े का कारण ह ै कक उसे नवकास

प्रानधकरण के ककन्हीं भी कायबकलापों की जानकारी ह,ै अपन ेसमि उपसांजात होने के नलए समन कर

सकेगा ओर ऐसे व्यनक्त की शपथ पर परीिण कर सकेगा।

(3) उपधारा (1) के अधीन प्रानधकृत व्यनक्त अपन े ननष्कषों को दशाबत े हुए अपनी ररपोटब उपधारा (1) के अधीन

आदेश में नवननर्ददि समय के भीतर राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगा।

276-ख-ख-ख अनधभार

यकद सांपरीिा, जाांच या ननरीिण के अनुक्रम में यह पाया जाता ह ैकक कोई व्यनक्त, नजसे नवकास प्रानधकरण का

सांगठन या प्रबांध सौंपा गया ह ैअथवा सौंपा गया था, नजसके अांतगबत ऐसे प्रानधकरण का अध्यि और ऐसे अन्य अनधकारी

और सेवक भी होंग,े नवकास प्रानधकरण को धनीय हानन पहुांचाने वाले ककसी कायब या कायबलोप के नलए उत्तरदायी ह,ै तो

राज्य सरकार, सभयक् जाांच के पिात ऐसे व्यनक्त को उतनी हानन की पूर्वत करन ेका आदेश दे सकेगी जो राज्य सरकार

न्याय सांगत और साभयापूणब समझे:

परन्त ुइस धारा के अधीन कोई आदेश तब तक नहीं ककया जायेगा जब तक सांबांनधत व्यनक्त को उस मामल ेमें सुने

जाने का युनक्तयुक्त अवसर न दे कदया जाता:

परन्त ुयह और भी कक ऐसे मामलों में वसूली के अनतररक्त, राज्य सरकार ऐसे व्यनक्त या व्यनक्तयों के नवरूर्द्

ऐसी अन्य कारबवाही भी शुरू कर सकेगी जो वह ठीक समझे।

स्पिीकरण - इस धारा के प्रयोजन के नलए नवकास प्रानधकरण के अध्यि या ककसी अनधकारी या सेवक द्वारा

इस अनधननयम या उसके अधीन बनाये गय ेननयमों के उल्लांघन में की गयी ननयुनक्त को धनीय हानन समझा

जायेगा।

376-ग अनधननयम क्रमाांक 14 सन ्1961 का आांनशक ननरसन

धारा 76-ख की उपधारा (1) के अधीन ननयम की गयी तारीख से मध्यप्रदेश टाऊन इभप्रूव्हमेंट ट्रस्ट एक्ट, 1960

(क्रमाांक 14 सन् 1961) उस सीमा तक जहाां तक कक उसमें उन नवषयों से, नजनके नलए इस अध्याय में उपबांध अांतर्ववि ह,ै

सांबांनधत उपबांध अांतर्ववि ह ैतथा उन अनधकाररयों और सेवकों, के जो उसके अांतगबत आत ेहैं, सांबांध में ननरस्त हो जायेगा।

1 धारा 76-ख-ख राजऩत्र, ददनाांक 16.7.91 द्वारा अांत:स्थाऔपऩत।

2 धारा 76-ख-ख-ख राजऩत्र ददनाांक 16.7.91 द्वारा अांत:स्थासपऩत।

3 धारा 76-ग-राजऩत्र ददनाांक 21.1.83 द्वारा अांत:स्था:पऩत।

50

दसवाां अध्याय

प्रकीणब

77. प्रवेश का अनधकार

(1) इस अनधननयम के ककन्हीं भी अन्य उपबांधों पर प्रनतकूल प्रभाव डाल े नबना, सांचालक या इस अनधननयम के

अधीन स्थानपत ककया गया कोई प्रानधकारी, इस अनधननयम के अधीन कोई योजना या स्कीम तैयार करन े के

प्रयोजन के नलए ककसी भी भूनम या भवन में या उस पर –

(क) ऐसी भूनम या भवन की कोई माप करने के नलए या उसका सवेिण करन ेके नलए या उसका तल मापने के नलए,

(ख) नवकास की सीमाओं तथा उसकी आशनयत रेखाओं का उपक्रमण करने के नलए तथा उन्हें नचनन्हत करन ेके नलए,

(ग) ऐसे तलों, सीमाओं तथा रेखाओं को, नचन्ह लगाकर तथा खाईयाां खोदकर नचनन्हत करन ेके नलए,

(घ) सनिमाबण सांकमों का परीिण करन ेके नलए तथा मलनालों एवां नानलयों के मागब अनभनननित करन ेके नलए,

(ड) यह अनभनननित करन ेके नलए कक क्या ककसी भूनम का नवकास इस अनधननयम के या उसके अधीन के ककन्हीं

ननयमों या नवननयमों के उपबांधों के उल्लांघन मे ककया जा रहा ह ैया ककया गया ह,ै प्रवेश कर सकेगा या प्रवेश

करवा सकेगा।

परन्त:ु-

(एक) आवास गृह के रूप में उपयोग में लाय ेजाने वाल ेककसी भवन में या ऐसे ककसी भवन से सांलग्न ककसी उद्यान के

नघरे हुए भाग पर सूयोदय तथा सूयाबस्त के बीच के समय के नसवाय या उसके अनधभोनगयों को प्रवेश करन ेके

आशय की कम से कम चैबीस घडटे की नलनखत सूचना कदय ेनबना इस प्रकार प्रवेश नहीं ककया जायेगा,

(दो) प्रत्येक दशा में, नियों को (यकद कोई हो) ऐसी भूनम या भवन से बाहर ननकलन ेके नलए पयाबप्त अवसर कदया

जायेगा,

(तीन) जहाां तक कक प्रवेश के प्रयोजन की आवश्यकताओं से सांगत हो, उस भूनम या भवन के, नजसमे कक प्रवेश ककया

जाय,े अनधभोनगयों की सामानजक तथा धार्वमक प्रथाओं का सदैव सभयक ध्यान रखा जायेगा।

(2) कोई भी व्यनक्त, जो इस धारा के अधीन ककसी भूनम या भवन में या उस पर प्रवेश करने के नलए सशक्त ककय ेगय े

या सभयक् रूपेण प्रानधकृत ककय ेगय ेककसी अनधकारी को प्रवेश करने में बाधा पहुांचायेगा या ऐसे अनधकारी को

ऐसे प्रवेश के पिात छेडेगा, दोषनसनर्द् पर, सादा कारावास से, नजसकी अवनध तीन मास तक की हो सकेगी, या

जुमाबने से, जो पाांच सौ रूपय ेतक का हो सकेगा, या दोनों से दनडडत ककया जायेगा।

78 न्यायालयों की अनधकाररता

प्रथम वगब के मनजस्टे्रट के न्यायालय से ननम्न वगब का कोई भी न्यायालय इस अनधननयम के अधीन दडडनीय ककसी

अपराध का नवचारण नहीं करेगा।

79 अपराधों का सांज्ञान

कोई भी न्यायालय इस अनधननयम के अधीन ककसी अपराध का सांज्ञान यथानस्थनत सांचालक, या नगर तथा ग्राम

नवकास प्रानधकारी या ककसी नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी द्वारा सभयक् रूपेण प्रानधकृत ककये गय ेककसी अनधकारी के

हस्तािर से ककये गय ेनलनखत पररवाद पर ही करेगा अन्यथा नहीं।

80. सदस्य तथा अनधकारी लोक सेवक होंग े

51

इस अनधननयम के अधीन स्थानपत ककये गय ेककसी प्रानधकारी का प्रत्येक सदस्य तथा प्रत्येक अनधकारी भारतीय

दडड सांनहता, 1860 (क्रमाांक 45 सन् 1860) की धारा 21 के अथब के अांतगबत लोक सेवक समझा जायेगा ।

81 वाद तथा अन्य कायबवानहयाां

ककसी भी व्यनक्त के नवरूर्द् ककसी भी ऐसी बात के सांबांध में, जो इस अनधननयम के या उसके अधीन बनाये ककन्हीं

ननयमों के अधीन सद्भावनापूवबक की गयी हो या नजसका सदभावनापूवबक ककया जाना आशनयत रहा हो, कोई वाद

अनभयोजना या अन्य नवनधक कायबवाही नहीं होगी।

82 कायबवानहयाां ररक्त के कारण अनवनधमान्य नहीं होगी

नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी या नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी या उसकी ककसी भी सनमनत का कोई भी

कायब केवल इस कारण से अनवनधमान्य नहीं होगा कक-

(क) उसमें कोई ररक्त ह ैया उसके गठन में तु्ररट ह,ै

(ख) उसके अध्यि या सदस्य के रूप में कायब करने वाले ककसी व्यनक्त की ननयुनक्त में कोई तु्ररट ह,ै या

(ग) उसकी प्रकक्रया में कोई ऐसी अननयनमतता ह,ै जो मामल ेमें गुणागुण पर प्रभाव नहीं डालती ह।ै

83 सदस्य उत्तरानधकारी के पद ग्रहण करन ेतक पद पर बना रहेगा

नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी या नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी का अध्यि या सदस्य, अपनी पदावनध का

अवसान हो जाने पर भी, तब तक पदधारण ककय ेरहगेा जब तक कक उसका उत्तरानधकारी पद ग्रहण न कर लें।

84 प्रादेनशक योजन आकद का ननवबचन

(1) यकद ककसी प्रादेनशक योजना के ननवबचन के सांबांध में कोई प्रश्न उद्भूत हो, तो वह मामला सांचालक को ननर्ददि

ककया जायेगा जो कक उस पर ऐसा आदेश पाररत करेगा जैसा कक वह उनचत समझे।

(2) सांचालक के नवनननिय से व्यनथत कोई भी व्यनक्त ऐसे समय के भीतर तथा ऐसी रीनत में, जैसा कक नवनहत ककया

जाय, राज्य सरकार को अपील कर सकेगा।

(3) राज्य सांचालक का नवनननिय तथा राज्य सरकार के नवनननिय के अध्यधीन रहत ेहुए, सांचालक का नवननिय

अांनतम होगा।

52

ग्यारहवाां अध्याय

ननयम तथा नवननयम

85 ननयम बनान ेकी शनक्त

(1) राज्य सरकार, इस अनधननयम के प्रयोजनों को कायाबनन्वत करने के नलए पूवब प्रकाशन के पिात, ननयम

बना सकेगी:

परन्त ुपूवब प्रकाशन की शतब उपधारा (2) के खडड (सत्रह-क) के अधीन बनाये गय े ननयमों के बारे में

लाग ूनहीं होगा।

(2) नवनशितया तथा पूवबगामी शनक्त की व्यापकता पर प्रनतकूल प्रभाव डाल ेनबना ऐसे ननयमों में ननम्ननलनखत

के नलए उपबांध हो सकें गे:-

(एक) अनधकाररयों के अन्य प्रवगब जो कक धारा 3 (1) (ड) के अधीन ननयुक्त ककय ेजा सकेगे,

(दो) धारा 8 (1) के अधीन आपनत्तयाां तथा सुझाव आमांनत्रत करने वाली सूचना के प्रकाशन का प्रारूप

तथा रीनत,

(तीन) धारा 9 (2) के अधीन प्रादेनशक योजना के प्रकाशन की रीनत,

(चार) आपनत्तयाां तथा सुझाव आमांनत्रत करन ेके नलए धारा 15 (1) के अधीन भूनम के वतबमान उपयोग सांबांधी माननचत्र

के प्रकाशन की रीनत,

(पाांच) धारा 18 (1) के अधीन प्रारूप नवकास योजना के प्रकाशन की रीनत,

(छः) धारा 19 (4) के अधीन लोक सूचना के प्रकाशन की रीनत,

(सात) दस्तावेजों तथा रेखाांक जो धारा 27 (1) के अधीन जानकारी के साथ भेजे जायेंग,े

(आठ) (क) धारा 29 (1) के अधीन आवेदन का प्रारूप, वे नवनशनियाां जो कक उस आवेदन में अांतर्ववि होंगी तथा वे

दस्तावेजों जो ऐसे आवेदन के साथ भेजी जायेगी,

(ख) फीस जो धारा 29 (2) के अधीन आवेदन के साथ दी जावेगी।

(नौ) (क) वह प्रारूप नजसमें कक धारा 30 (3) के अधीन अनुज्ञा दी जायेगी,

(ख) धारा 30 (4) के अधीन आदेश की सांसूचना की रीनत,

(दस) धारा 31 की उपधारा (1) के अधीन वह प्रानधकारी नजसको तथा वह रीनत नजसमें अपील की जायेगी और वह

फीस जो अपील के ज्ञापन पर देय होगी,

(ग्यारह) वह समय नजसके भीतर, वह रीनत नजसमें तथा वे दस्तावेज नजनके साथ धारा 34 (1) के अधीन सूचना की

तामील की जायेगी।

(बारह) वह रीनत नजसमें धारा 37 (3) के अधीन आवेदन ककया जायेगा,

(बारह-क) धारा 41 की उपधारा (2) के अधीन अध्यि, उपाध्यि तथा अन्य सदस्यों की पदावनध,

(बारह-क-क) धारा 44 की उपधारा (1) के अधीन वे ननबबन्धन तथा शतब नजनमें अध्यधीन अध्यि और उपाध्यि को

यथानस्थनत छुट्टी मांजूर की जा सकेगी।

(तेरह) (क) धारा 50 (2) के अधीन घोषणा के प्रकाशन की रीनत,

53

(ख) वह प्रारूप नजसमें तथा वह रीनत नजसमें धारा 50 (3) के अधीन नगर नवकास स्कीम प्रारूप के रूप में प्रकानशत

की जायेगी,

(ग) वह रीनत नजसमें धारा 50 (7) के अधीन अांनतम नगर नवकास स्कीम प्रकानशत की जायेगी,

(चौदह) वे ननबबन्धन तथा शतें नजनके अध्यधीन रहत ेहुए भूनम धारा 56 के अधीन नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी में

नननहत होगी,

(पन्रह) (क) वह प्रारूप नजसमें तथा वह रीनत नजसमें धारा 60 (1) के अधीन सूचना प्रकानशत की जायेगी,

(ख) वह प्रारूप नजसमें धारा 60 (4) के अधीन सूचना जारी की जायेगी,

(सोलह) वे ननबन्धन तथा शतें नजनके अध्यधीन रहत ेहुए नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी धारा 63 के अधीन नडबेंचर

जारी कर सकेगा या धन उधार ल ेसकेगा।

(सोलह-क) धारा 65 की उपधारा (2) के अधीन अध्यि, उपाध्यि और अन्य सदस्यों की पदावनध,

(सत्रह) वे ननबन्धन तथा शतें नजनके अध्यधीन रहत ेहुए धारा 70 (2) के अधीन उधार नलय ेजा सकें गे,

(सत्रह-क) धारा 76 ख की उपधारा (2) के अधीन नवकास प्रानधकरण सेवा में ननयुनक्त ककय ेजाने वाले अनधकाररयों की

भती तथा सेवा शतें,

(अठारह) कोई भी अन्य नवषय नजसके नलए ननयम बनाये जाये।

(3) इस अनधननयम के अधीन बनाये गय ेसमस्त ननयम नवधान सभा के पटल पर रखे जायेंगे।

86 नवननयम

(1) यथानस्थनत नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी या नवशेष िेत्र नवकास प्रानधकारी साधारणतया इस अनधननयम

के प्रयोजनों को कायाबनन्वत करने के नलए नवननयम, इस अनधननयम के तथा उसके अधीन बनाये गय ेननयमों के

उपबांधों के अध्यधीन रहते हुए, बना सकेगा।

(2) नवनशितया तथा पूवबगामी शनक्त की व्यापकता पर प्रनतकूल प्रभाव डाल ेनबना, ऐसे नवननयमों में ननम्ननलनखत के

नलए उपबांध हो सकेगे -

(क) सनभमलनों का आहूत ककया जाना तथा सनभमलनों का ककया जाना, वह समय तथा स्थान जहाां कक ऐसे सनभमलन

ककय ेजायेंगे, उनमें सनभमलनों में कामकाज का सांचालन,

(ख) धारा 58 के अधीन नवकनसत भूनमयों, गृहों, भवनों तथा अन्य सांरचनाओं के व्ययन के नलए प्रकक्रया,

(ग) सभपनत्त का प्रबांध और लेखाओं का रखा जाना तथा उनकी सांपरीिा,

(घ) सनमनतयों की ननयुनक्त का ढांग, सनभमलनों का आहूत ककया जाना तथा आयोजन और ऐसी सनमनतयों के

कामकाज का सांचालन,

(ड) ऐसे अन्य नवषय जो इस अनधननयम के अधीन यथानस्थनत नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी या नवशेष िेत्र

नवकास प्रानधकारी द्वारा शनक्तयों का प्रयोग ककया जाने तथा कतबव्यों तथा कृत्यों का पालन ककया जाने के नलए

आवश्यक हो।

54

बारहवाां अध्याय

ननरसन

187 ननरसन व्यावृनत तथा ननदेशों का अथाबन्वयन

(1)(क) दसूरे अध्याय के उपबांधों के प्रवृत्त होने की तारीख से, तत्समय प्रवृत्त ककसी भी अनधननयनमनत में मुख्य नगर

ननवेशक के प्रनत ननदेश का यह अथब लगाया जायेगा कक वह सांचालक के प्रनत ननदेश ह,ै

(ख) ककसी ननवेश िेत्र का गठन होने की तारीख से ननम्ननलनखत पररणाम होंगे, अथाबत:-

(एक) मध्यप्रदेश टाऊन प्लापनग एक्ट, 1948 (क्रमाांक 67 सन् 1948) ऐसे िेत्र में ननरस्त हो जायेगा।

(दो) उक्त अनधननयम के अधीन तैयार ककया गया कोई भी भूनम का उपयोग सांबांधी माननचत्र, प्रारूप नवकास योजना

या नवकास योजना इस अनधननयम के अधीन तैयार की गयी समझी जायेगी / तैयार ककया गया समझा जायेगा

और उससे सांबांनधत समस्त कागज पत्र सांचालक को अांतररत हो जायेंगे,

(ग) ककसी भी िेत्र के नलए नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की स्थापना होने की तारीख से उस िेत्र के सांबांध में

ननम्ननलनखत पररणाम होंगे, अथाबत:-

(एक) मध्यप्रदेश टाऊन इभप्रूव्हमेंट ट्रस्ट एक्ट, 1960 (क्रमाांक 14 सन् 1961) उक्त िेत्र को उसके लाग ूहोने के सांबांध में

ननरस्त हो जायेगा,

(दो) इस प्रकार स्थानपत ककये गय ेनगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की अनधकाररता के भीतर कृत्य कर रहा नगर

सुधार न्यास नवघरटत हो जायेगा और उक्त अनधननयम के अधीन तैयार की गयी कोई भी नगर सुधार स्कीम,

जहाां तक कक वह इस अनधननयम के उपबांधों से असांगत न हो, इस अनधननयम के अधीन तैयार की गयी समझी

जायेगी,

(तीन) नगर सुधार न्यासों की समस्त आनस्तयाां तथा दानयत्व, ऐसे नगर सुधार न्यास के स्थान पर धारा 38 के अधीन

गरठत ककय ेगय ेनगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी की आनस्तयाां तथा दानयत्व होंगे तथा समझे जायेंगे,

2 (तीन-क) नगर सुधार न्यास को देय समस्त अनुदान तथा अनभदाय ऐसे नगर सुधार न्यास के स्थान पर धारा 38

के अधीन स्थानपत ककये गय ेनगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी को देय होते रहेंग,े

(चार) वे समस्त कमबचारी, जो पूवोक्त तारीख के अव्यवनहत पूवब उस नगर सुधार न्यास के, जो कक उपखडड (दो) में

ननर्ददि हैं, थ ेया उसके ननयांत्रणाधीन थ,े ऐसे िेत्र के नलए धारा 38 के अधीन स्थानपत ककये गय ेनगर तथा ग्राम

नवकास प्रानधकारी के कमबचारी समझे जायेंगे,

परन्त ुऐसे कमबचाररयों की सेवा के ननबन्धन तथा शतें, जब तक कक वे राज्य सरकार की पूवब मांजूरी से नगर तथा

ग्राम नवकास प्रानधकारी द्वारा पररवर्वतत न कर दी जाय,े वही होगीः

परन्त ुयह और भी कक पूवबगामी उपबांध के अधीन कोई भी मांजूरी राज्य सरकार द्वारा तब तक नहीं दी जायेगी

जब तक कक उससे (मांजूरी से) प्रभानवत व्यनक्त को सुनवाई का युनक्तयुक्त अवसर न दे कदया गया हो,

(पाांच) उपखांड (दो) में ननर्ददि ककये गय ेनगर सुधार न्यास के समस्त अनभलेख तथा कागज पत्र उसके स्थान पर धारा

38 के अधीन स्थानपत ककय ेगय ेनगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी में नननहत होंग ेतथा उसे अांतररत कर कदय े

जायेंगे।

1 धारा 87 उऩधारा (1) राजऩत्र, ददनाांक 17.11.79 द्वारा अांतः स्थापऩत

2 धारा 87 (1) (ग) का (तीन-क), राजऩत्र, ददनाांक 4.6.75 द्वारा अांतः स्थापऩत

55

1(2) मध्यप्रदेश टाउन इभप्रूव्हमेंट ट्रस्ट एक्ट, 1960 (क्रमाांक 14 सन् 1961) जो इसमें इसके पिातननरनसत

अनधननयम के नाम से ननर्ददि ह ैकक उपधारा (1) के खडड (ग) के उपखडड (एक) के अधीन ननरसन हो जाने पर

भी:-

(क) ऐसे समस्त मामलों में, जो कक ननरनसत अनधननयम की धारा 71 के अधीन भूनम के अजबन तथा नगर सुधार

न्यास में उस भूनम के नननहत होने के बारे में प्रनतकर से सांबांनधत हो तथा एसे ननरसन की तारीख के अव्यवनहत

पूवब नगर सुधार न्यास या अनधकरण या नजला न्यायाधीश के न्यायालय या उच्च न्यायालय के समि लांनबत हो,

कायबवाही तथा उनका ननपटारा यथानस्थनत:-

(एक) धारा 38 के अधीन ऐसे नगर सुधार न्यास के स्थान पर स्थानपत ककये नगर तथा ग्राम नवकास

प्रानधकारी द्वारा,

(दो) मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम ननवेश सांशोधन अनधननयम 1979 के प्रारभभ होने के पिात ननरनसत

अनधननयम की धारा 73 के अधीन गरठत ककय ेजाने वाले अनधकरण द्वारा,

(तीन) नजला न्यायाधीश के न्यायालय द्वारा,

(चार) उच्च न्यायालय द्वारा, ननरनसत अनधननयम के उपबांधों के अनुसार इस प्रकार ककया जायेगा मानों कक यह

अनधननयम पाररत ही नहीं हुआ हो,

(ख) यथानस्थनत नगर तथा ग्राम नवकास प्रानधकारी, अनधकरण नजला न्यायाधीश का न्यायालय या उच्च न्यायालय

मामलों में उस प्रक्रम से, नजस पर कक ऐसे मामल ेननरसन के समय छोड कदये गय ेथ,े कायबवाही करन ेके नलए

तथा उनका ननपटारा करन ेके नलए अग्रसर हो सकेगा।

88 ननरसन

मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम ननवेश अध्यादेश, 1973 (क्रमाांक 2, सन् 1973) एतद्द्वारा ननरस्त ककया जाता ह।ै

1 धारा 87 (2) राजऩत्र ददनाांक 17.11.79 द्वारा अांतः स्थापऩत