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5559 GI/2017 (i) jftLVªh la ö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99 vlk/kj.k EXTRAORDINARY Hkkx II—[k.M 3mi&[k.M (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii) izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY la- 2581] ubZ fnYyh] cq/okj] flrEcj 6] 2017@Hkkæ 15] 1939 No. 2581] NEW DELHI, WEDNESDAY, SEPTEMBER 6, 2017/ BHADRA 15, 1939

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  • 5559 GI/2017 (i)

    jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99

    vlk/kj.k EXTRAORDINARY

    Hkkx II—[k.M 3—mi&[k.M (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii)

    izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY

    la- 2581] ubZ fnYyh] cq/okj] flrEcj 6] 2017@Hkkæ 15] 1939 No. 2581] NEW DELHI, WEDNESDAY, SEPTEMBER 6, 2017/ BHADRA 15, 1939 पया�वरणपया�वरणपया�वरणपया�वरण, , , , वनवनवनवन औरऔरऔरऔर जलवायुजलवायुजलवायुजलवायु प�रवत�नप�रवत�नप�रवत�नप�रवत�न मंालयमंालयमंालयमंालय अिधसूचनाअिधसूचनाअिधसूचनाअिधसूचना नई �द�ली, 6 िसतबर, 2017 काकाकाका....आआआआ.... 2942294229422942 ((((अअअअ)))).... –––– �ा�प अिधसूचना भारत सरकार के पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय क! अिधसूचना सं. का.आ. 3124 (अ), तारीख 20 नवबर, 2015, ,ारा भारत के राजप असाधारण म- �कािशत क! गई थी िजसम- उन सभी 3ि4य5 से, िजनके उससे �भािवत होने क! संभावना थी, उस तारीख से, िजसको उस राजप क! �ितयां, िजसम- यह उ4 �ा�प अिधसूचना अंत8व9 ह,ै जनता को उपल;ध करा दी गई थ

  • 2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    गौरेया को अभी भी दखेा जा सकता ह ै। िभR िभR �कार के िततिलय5 तथा मछिलय5 क! �जाितयां िजनम- से कुछ इन ?े 5 म- संकटPHत ह\ और कुछ Hथािनक ह\। और,इस ?े म- ग8मय5, उ] आ^�ता और उ] तापमान के कारण वषा� होती है और इन सभी कारक5 म- पौध5 क! िविवध �जाितय5 क! एक �चुर मा ा म- सीमा सुिनिNत होती ह;ै ?े म- वनHपित िमिaत वन और कोई भी �जाित नह< है; और ?े क! अनुपल;धता के कारण वनHपित काफ! कम नह< ह;ै यह वन �कार मुcय ऊपरी छात�रय5 के गंुछे बनाने के िलए लंबे सदाबहार वृ? क! िवशेषता है, जो िनरंतर नह< ह ैऔर कम ऊंचाई वाले छोटे वृ?5 क! छत के नीचे पूरा �कया जाता है, बांस आमतौर पर नम ?े ो से आती ह ै; इपीफाइटस् �चुर मा ा म- पाए जाते है कुछ पव�तारोिहय5 और िडdटरोकारोeस के साथ पाए जाते ह ैकेवल Hथानीय पैच म- ही दलुभ� होते ह ैऔर वृ? �कार के होते ह ैजैसे मेसुअ फेरा, माकरानगा �पा, दअुबांगा �पा, इयुगेना जुमबोलीना, ट�मनािलया मयरोकारपा, ट�मनािलया चेबुला, वीट�स प�दुकुंलारीस, वीट�स नेगंुदो, मेचेिल चामपाका, गमेिलना अरबोरेअ, डायसो�यलुम बेनेकटीफे�म और अमौरा वाि"लची ह;ै और, नरपुह वDयजीव अभयराEय के चार5 ओर के ?े को, िजसका िवHतार और सीमाएं इस अिधसूचना के पैरा 1 म- िविनgद9 ह\, पया�वरण और पा�रिHथितक क! दिृ9 से पा�रिHथितक संवेदी जोन के �प म- सुरि?त और संरि?त करना तथा उ4 पा�रिHथितक संवेदी जोन म- उLोग5 और उLोग5 के वगh और उनके �चालन तथा �संHकरण करने को �ितिषi करना आवXयक ह ै; अतः, अब, केD^ीय सरकार, पया�वरण (संर?ण) िनयम, 1986 के िनयम 5 के उपिनयम (3) के साथ प�ठत पया�वरण (संर?ण) अिधिनयम, 1986 (1986 का 29) क! धारा 3 क! उपधारा (1) उपधारा (2) के खंड (v) और खंड (xiv) और उपधारा (3) ,ारा �दB शि4य5 का �योग करते Mए, मेघालय राj य म- नरपुह वD यजीव अभयारEय क! सीमा से 1.20 �कलोमीटर से 7.70 �कलोमीटर तक के िवH ता�रत ?े को नरपुह अभयारEय पा�रिH थितक! संवेदी जोन (िजसे इसम- इसके पX चात् पा�रिH थितक संवेदी जोन कहा गया ह)ै के �प म- अिधसूिचत करती ह,ै िजसका िववरण िनmानुसार ह,ै अथा�त् :-- 1. पा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितक संवेदीसंवेदीसंवेदीसंवेदी जोनजोनजोनजोन काकाकाका िव�तारिव�तारिव�तारिव�तार औरऔरऔरऔर उसक�उसक�उसक�उसक� सीमाएंसीमाएंसीमाएंसीमाएं–(1) पा�रिH थितक संवेदी जोन का िवH तार, नरपुह वD यजीव अभयारEय क! सीमा से 1.20 �कलोमीटर5 से 7.70 �कलोमीटर म- 194.23 वग� �कलोमीटर फैला Mआ ह ैसीमाq का वण�न उपाबंधउपाबंधउपाबंधउपाबंध I म- �दया गया ह।ै (2) पा�रिHथितक संवेदी जोन के अंतग�त आने वाले Pाम5 क! सूची उपाबंधउपाबंधउपाबंधउपाबंध IIIII म- दी गई ह ै। (3) नरपुह वD यजीव अभयारEय क! सीमा के साथ भू-मंडलीय िHथत �णाली के िनदrशांको के sबद ुउपाबंधउपाबंधउपाबंधउपाबंध IIIIIIII(क)(क)(क)(क) के �प म- उपाबi ह ै। (4) पा�रिHथितक संवेदी जोन का मानिच उपाबंधउपाबंधउपाबंधउपाबंध IIIIIIIII I I I के �प म- उपाबi ह\ । 2222.... पा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितक संवेदीसंवेदीसंवेदीसंवेदी जोनजोनजोनजोन केकेकेके िलएिलएिलएिलए आचंिलकआचंिलकआचंिलकआचंिलक महायोजनामहायोजनामहायोजनामहायोजना –––– (1) राjय सरकार, पा�रिHथितक संवेदी जोन के �योजन के िलए राजप म- अंितम अिधसूचना के �काशन क! तारीख से दो वष� क! अविध के भीतर, Hथानीय 3ि4य5 के परामश� से और इस अिधसूचना म- �दए गए अनुबंध5 का पालन करते Mए आंचिलक महायोजना तैयार करेगी। (2) राjय सरकार ,ारा पा�रिH थितक संवेदी जोन के िलए आचंिलक महायोजना ऐसी रीित जो इस अिधसूचना म- िविनgदI ट ह ैतथा सुसंगत क- ^ीय और राj य िविधय5 के अनुtप और क- ^ीय सरकार ,ारा जारी माग�िनदrश5, य�द कोई ह5, ,ारा तैयार होगी । (3) आंचिलक महायोजना, पया�वरणीय और पा�रिHथितक संबंधी बात5 को समाकिलत करने के िलए राj य सरकार के सभी संबi िवभाग5 के परामश� से तैयार होगी -- (i) पया�वरण; (ii) वन और वDयजीव; (iii) कृिष और बागवानी ; (iv) राजH व; (v) शहरी िवकास; (vi) पय�टन सिहत पा�रिHथितक पय�टन ;

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    (vii) Pामीण िवकास; (viii) sसचाई और बाढ़ िनयं ण; (ix) नगरपािलक और शहरी िवकास; (x) पंचायती राज; (xi) लोक िन मा�ण िव भाग। (4) आंचिलक महायोजना अनुमो�दत िवLमान भू-उपयोग, अवसंरचना और �uयाकलाप5 पर कोई िनबvधन अिधरोिपत नह< करेगी जब तक �क इस अिधसूचना म- िविनgदI ट न हो और आचंिलक महायोजना सभी अवसंरचना और �uयाकलाप5 म- और अिधक द?ता और पा�रिHथितक अनुकूलता का संवध�न करेगी । (5) आंचिलक महायोजना म- अनाwछा�दत ?े 5 के जीणhiार, िवLमान जल िनकाय5 के संर?ण, आवाह ?े 5 के �बंधन, जल-संभर5 ?े ो के �बंधन, भूतल जल के �बंधन, मृदा और नमी संर?ण, Hथानीय समुदाय5 क! आवXयकताq तथा पा�रिHथितक और पया�वरण से संबंिधत ऐसे अDय पहलूq, िजन पर xयान दनेा आवXयक ह,ै के िलए उपबंध ह5गे । (6) आंचिलक महायोजना सभी िवLमान पूजा H थल5, Pाम5 और नगरीय बंदोबHत5, वन5 के �कार और �कH म5, कृिष ?े 5, ऊपजाऊ भूिम, ह�रत ?े जैसे उLान और उसी �कार के H थान, उLान कृिष ?े , फलोउLान, झील5 और अDय जल िनकाय5 का अyयकंन करेगी और इस योजना के मानिच के साथ िवLमान और �Hतािवत भूिम उपयोग िवशेषताq का िववरण संलz होगा । (7) आंचिलक महायोजना पा�रिHथितक संवेदी जोन म- िवकास को िविनयिमत करेगी और पैरा 4 के सारणी म- सूचीबi �ितिषi, िविनयिमत �uयाकलाप5 का पालन करेगी तथा H थानीय समुदाय5 क! आजीिवका सुर?ा के िलए, पा�रिHथितक अनुकूल िवकास सुिनिX चत करेगी तथा संव8धत करेगी। (8) आंचिलक महायोजना इस अिधसूचना म- �दए गए उपबंध5 के संबंध म- अपने काय{ के बाहर ले जाने के िलए िनगरानी सिमित के िलए एक संदभ� दHतावेज तैयार करेगी । 3. रा�यरा�यरा�यरा�य सरकारसरकारसरकारसरकार �ारा�ारा�ारा�ारा �कए�कए�कए�कए जानेजानेजानेजाने वालेवालेवालेवाले उपायउपायउपायउपाय––––राjय सरकार इस अिधसूचना के उपबंध5 को �भावी करने के िलए िनmिलिखत उपाय करेगी, अथा�त्:-- (1) भूभूभूभू----उपयोग उपयोग उपयोग उपयोग ––––पा�रिH थितक संवेदी जोन म- वन5, उLान-कृिष ?े 5, कृिष ?े 5, आमोद-�मोद के �योजन के िलए िचिDहत �कए गए पाक{ और खुले Hथान5 का वािणिjयक और औLोिगक संबi िवकास �uयाकलाप5 के िलए उपयोग या संप�रवत�न नह< होगा: परंतु पा�रिHथितक संवेदी जोन के भीतर कृिष भूिम और अDय भूिमय5 का संप�रवत�न िनगरानी सिमित क! िसफा�रश पर और राjय सरकार के पूव� अनुमोदन से, जो Hथानीय िनवािसय5 क! आवासीय ज�रत5 को पूरा करने के िलए ह ैतथा �uयाकलाप5 के िलए जैसे:- (i) िवLमान सड़के और नई सड़क5 संिनमा�ण को चौड़ा और सुदढृ करना; (ii) बुिनयादी ढांच5 और नाग�रक सुिवधाq का संिनमा�ण और नवीकरण; (iii) �दषूण उKपR न करने वाले लघु उLोग; (iv) कुटीर उLोग5 िजसके अंतग�त Pामीण कारीगर ह\; सुिवधाजनक भEडार और Hथानीय सुिवधाq सहायक पा�रिHथितक पय�टन म- सिमिलत Pह वास; और (v) संव8धत �uयाकलाप और अनुwछेद 4 के अंतग�त �दया गया ह:ै

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    परंतु यह और भी संिवधान के अनुwछेद 244 और तKसमय �वृB िविध के उपबंध5 के अनुपालन के िबना, िजसके अंतग�त अनुसूिचत जनजाित और अDय परंपरागत वन िनवासी (वन अिधकार5 क! माDयता) अिधिनयम, 2006 (2007 का 2) भी ह,ै वािणिjयक या उLोग िवकास �uयाकलाप5 के िलए जनजातीय भूिम का उपयोग अनु~ात नह< होगा: परंतु यह और भी �क पा�रिH थितक संवेदी जोन के भीतर भू-अिभलेख5 म- उपसंजात कोई ु�ट, िनगरानी सिमित के िवचार �ाC करने के पNात ्राjय सरकार ,ारा �Kयेक मामले म- एक बार संशोिधत होगी और उ4 ु�ट के संशोधन क! सूचना क- ^ीय सरकार के पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय को दी जाएगी: परंतु यह और भी �क उपयु�4 ु�ट का संशोधन म- इस उप पैरा के अधीन यथा उपबंिधत के िसवाय �कसी भी दशा म- भू-उपयोग का प�रवत�न सिमिलत नह< होगा; परंतु यह और भी �क िजससे ह�रत ?े म- जैसे वन ?े , कृिष ?े आ�द म- कोई पा�रणािमक कटौती नह< होगी और अन�यु त या अनुK पादक कृिष ?े 5 म- पुन: वनीकरण करने के �यास �कए जाएंगे । (2) �ाकृितक जल �ोत�ाकृितक जल �ोत�ाकृितक जल �ोत�ाकृितक जल �ोत-आचंिलक महायोजना म- सभी �ाकृितक जल ोत5/न�दय5/जलसरणी क! पहचान क! जाएगी और उसम- उनके संर?ण और पुनtभूतकरण के िलए योजना सि मिलत होगी । (3) पय�टनपय�टनपय�टनपय�टन–––– (क) पा�रिHथितक संवेदी जोन के भीतर सभी नए पा�रिHथितक पय�टन �uयाकलाप या िवLमान पय�टन संबंधी �uयाकलाप पा�रिHथितक संवेदी जोन के िलए पय�टन महायोजना के अनुसार ह5गे । (ख) पा�रिHथितक पय�टन महायोजना पय�टन िवभाग, ,ारा राjय सरकार के पया�वरण और वन िवभाग के परामश� से तैयार होगी । (ग) पय�टन महायोजना आंचिलक महायोजना के एक घटक के �प म- होगी । (घ) पा�रिHथितक पय�टन संबंधी �uयाकलाप िन निलिखत के अधीन िविनयिमत ह5गे, अथा�त् :- (i) नरपुह वD यजीव अभयारEय क! सीमा से एक �कलोमीटर के भीतर या पा�रिHथितक संवेदी जोन के िवHतार तक, जो भी िनकट हो, �कसी होटल या �रसोट� का नया संिRमा�ण अनु~ात नह< �कया जाएगा परंत,ु वDयजीव अभयारEय क! सीमा से एक �कलोमीटर क! दरूी से परे पा�रिHथितक संवेदी जोन के िवHतार तक नए होटल5 और �रसोट{ क! Hथापना पय�टन महायोजना के अनुसार पा�रिHथितक पय�टन सुिवधाq के िलए पूव� सीमां�कत और पदािभिहत ?े 5 म- ही अनु~ात क! जाएगी। (ii) पा�रिHथितक संवेदी जोन के अDदर सभी नए पय�टन �uया-कलाप- या िवLमान पय�टन �uयाकलाप5 के िवHतार केD^ीय सरकार, पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय ,ारा जारी माग�दशO िसiांत5 तथा पा�रिHथितक पय�टन पर बल दतेे Mए राीय बाघ संर?ण �ािधकरण ,ारा जारी पा�रिHथितक पय�टन माग�दशO िसiांत5 (समय-समय पर यथा संशोिधत) के अनुसार होगा । (iii) आंचिलक महायोजना का अनुमोदन �कए जाने तक, पय�टन के िलए िवकास और िवLमान पय�टन �uयाकलाप5 के िवHतार को वाHतिवक Hथल िविनgद9 संवी?ा तथा िनगरानी सिमित क! िसफा�रश पर आधा�रत संबंिधत िविनयामक �ािधकरण5 ,ारा अनु~ात �कया होगा । (4) नैस"गकनैस"गकनैस"गकनैस"गक िवरासतिवरासतिवरासतिवरासत –––– पा�रिHथितक संवेदी जोन म- महKवपूण� नैस8गक िवरासत के सभी Hथल5 जैसे सभी जीन कोश आरि?त ?े , शैल िवरचनाएं, जल �पात5, झरन5, घाटी माग{, उपवन5, गुफाएं, Hथल5, मण, अरोहण, �पात5 आ�द क! पहचान क! जाएगी और िवरासत संर?ण योजना उनक! सुर?ा और संर?ा के िलए तैयार क! जाएगी जो ऐसी आंचिलक महायोजना का भाग होगी । (5) मानव िनमानव िनमानव िनमानव िन"मत िवरासत � थ"मत िवरासत � थ"मत िवरासत � थ"मत िवरासत � थल ल ल ल –––– पा�रिH थितक संवेदी जोन म- भवन5, संरचनाq, िश�प-तय, ऐितहािसक, कलाKमक, सदय�परक और सांHकृितक महKव के ?े 5 और प�रवेश क! पहचान क! जाएगी और उनके संर?ण के िलए िवरासत संर?ण योजना आंचिलक महायोजना के �प म- तैयार क! जाएगी ।

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    (6) $ व$ व$ व$ विन �दषूणिन �दषूणिन �दषूणिन �दषूण – पा�रिHथितक संवेदी जोन म- x विन �दषूण का िनयं ण और िनवारण पया�वरण (संर?ण) अिधिनयम, 1986, के अधीन बनाए गए xविन �दषूण (िविनयमन और िनयं ण) िनयम, 2000 के उपबध5 के अनुसरण म- �कया जाएगा। (7) वायुवायुवायुवायु �दषूण�दषूण�दषूण�दषूण – पा�रिHथितक संवेदी जोन म-, वायु �दषूण का िनयं ण और िनवारण (�दषूण िनवारण और िनयं ण) अिधिनयम, 1981 (1981 का 14) और उसके अधीन बनाए गए िनयम5 के उपबंध5 के अनुसरण म- �कया जाएगा (8) बिह�ावबिह�ावबिह�ावबिह�ाव काकाकाका िन�सारणिन�सारणिन�सारणिन�सारण – पा�रिHथितक संवेदी जोन म- उपचा�रत बिहाव का िनHसारण जल (�दषूण िनवारण और िनयं ण) अिधिनयम, 1974 (1974 का 6) और उसके अधीन बनाए गए िनयम5 के उपबंध5 के अनुसार होगा । (9) ठोसठोसठोसठोस अपिश, अपिश, अपिश, अपिश, –––– ठोस अपिश95 का िनपटान और �बंधन िनmिलिखत �प म- होगा– (क) पा�रिHथितक संवेदी जोन म- ठोस अपिश9 िनपटान और �बंधन समय-समय पर संशोिधत ठोस अपिशI ट �बंधन िनयम, 2016, जो भारत सरकार के पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय क! अिधसूचना सं. का.आ. 1357(अ) तारीख 8 अ�ैल, 2016 ,ारा �कािशत �कए गए थे, के उपबंध5 के अनुसार �कया जाएगा ; अकाब�िनक सामPी का िनपटान पा�रिHथितक संवेदी जोन के बाहर पहचान �कए गए H थल पर �कसी पया�वरणीय Hवीकाय� रीित म- होगा; (ख) पहचानी गई �ौLोिग�कय5 का उपयोग करते Mए िवLमान िनयम5 और िविनयम5 के अनु�प ठोस अपिश का �ंबंधन (ई एस एम) सुरि?त पया�वरणीय ठोस �ंबंधन से पा�रिHथितक! संवेदी जोन के भीतर अनु~ात �कया जाएगा। (10) जैव िच�क. सीजैव िच�क. सीजैव िच�क. सीजैव िच�क. सीय अपिश0 टय अपिश0 टय अपिश0 टय अपिश0 ट- जैव िच�कK सीय अपिशI ट �बंधन िनmिलिखत �प म- होगा— (क) पा�रिHथितक संवेदी जोन म- जैव िच�कKसीय अपिश95 का िनपटान भारत सरकार के पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय क! समय-समय पर यथा संशोिधत अिधसूचना सं.का.िन 343 (अ) तारीख 28 माच�, 2016 ,ारा �कािशत जैव िच�कKसीय अपिश9 �बंध िनयम, 2016 के उपबंध5 के अनुसार �कया जाएगा । (ख) पहचानी गई �ौLोिग�कय5 का उपयोग करते Mए िवLमान िनयम5 और िविनयम5 के अनु�प ठोस अपिश का �ंबंधन सुरि?त पया�वरणीय ठोस �ंबंधन से पा�रिHथितक! संवेदी जोन के भीतर अनु~ात �कया जाएगा। (11) 1लाि�टक1लाि�टक1लाि�टक1लाि�टक अपिश,अपिश,अपिश,अपिश, �बंधन�बंधन�बंधन�बंधन: : : : ---- पा�रिHथितक संवेदी जोन म- eलािHटक अपिश9 �बंध का िनपटान भारत सरकार के पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय क! समय-समय पर यथासंशोिधत अिधसूचना सा.का.िन 340(अ), तारीख 18 माच�, 2016 ,ारा �कािशत eलािHटक अपिश9 �बंध िनयम 2016 के उपबंध5 के अनुसार �कया जाएगा। (12) संिनमा�णसंिनमा�णसंिनमा�णसंिनमा�ण औरऔरऔरऔर िव$वंसिव$वंसिव$वंसिव$वंस अपिश,अपिश,अपिश,अपिश, �बंधन�बंधन�बंधन�बंधन: : : : ---- पा�रिHथितक संवेदी जोन म- संिनमा�ण और िवxवंस अपिश9 �बंध भारत सरकार के पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय क! समय-समय पर यथासंशोिधत अिधसूचना सा.का.िन 317(अ), तारीख 29 माच�, 2016 ,ारा �कािशत संिनमा�ण और िवxवंस �बंध िनयम, 2016 के उपबंध5 के अनुसार �कया जाएगा । (13) ईईईई––––अपिश,अपिश,अपिश,अपिश,::::---- पा�रिHथितक संवेदी जोन म- ई–अपिश9 �बंध का िनपटान भारत सरकार के पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय ,ारा समय-समय पर यथासंशोिधत ई–अपिश9 �बंध िनयम, 2016 के उपबंध5 के अनुसार �कया जाएगा। (14) यानीययानीययानीययानीय प�रवहन: प�रवहन: प�रवहन: प�रवहन: ---- प�रवहन क! यानीय संचालन आवास के अनुकूल रीित म- िविनयिमत ह5गी और इस संबंध म- आंचिलक महायोजना म- िविनgद9 उपबंध समािव9 �कए जाएंगे और आंचिलक महायोजना के तैयार होने और राjय सरकार के स?म �ािधकारी ,ारा के अनुमो�दत होने तक, िनगरानी सिमित सुसंगत अिधिनयम5 तथा तदधीन बनाए गए िनयम5 और िविनयम5 के अधीन यानीय संचलन के अनुपालन को िनगरानी करेगी । (15) यानीययानीययानीययानीय �दषूण�दषूण�दषूण�दषूण::::---- लागू िविधय5 के अनुसार वाहन �दषूण क! रोकथाम और िनयं ण का अनुपालन �कया जाएगा। Hवwछक धन उदाहरण के िलए सीएनजी, आ�द के उपयोग के िलए �यास �कए जाएंग- ।

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    (16) औ5ोिगक ईकाइयांऔ5ोिगक ईकाइयांऔ5ोिगक ईकाइयांऔ5ोिगक ईकाइयां: : : : ---- (i) पा�रिHथितक संवेदी जोन के भीतर �दषूण का�रत करने वाले नए उLोग5 क! Hथापना अनु~ात नह< क! जाएगी। (ii) पा�रिHथितक संवेदी जोन के क- ^ीय �दषूण िनयं ण बोड� ,ारा जारी �दशािनदrश5 म- फरवरी, 2016 के भीतर िसफ� गैर- �दिूषत उLोग5 क! Hथापना के वगOकरण क! अनुमित दी जाएगी, जब तक �क इस अिधसूचना म- िविनgद9 न हो। (17) पहाड़ीपहाड़ीपहाड़ीपहाड़ी ढलान9ढलान9ढलान9ढलान9 कोकोकोको संर:णसंर:णसंर:णसंर:ण: : : : ---- पहाड़ी ढलान5 का संर?ण िनmानुसार होगा: (क) आंचिलक महायोजना म- पहाड़ी ढलान5 पर ?े 5 को उपद8शत �कया जाएगा जहां �कसी भी संिनमा�ण क! अनु~ा नह< दी जाएगी । (ख)कटाव के एक उ] िडPी के साथ िवLमान खड़ी पहाड़ी ढलान5 या ढलान5 पर �कसी भी संिनमा�ण क! अनु~ा नह< दी जाएगी । (18)(18)(18)(18) केD^ीय सरकार और राjय सरकार, य�द यह आवXयक िवचार करती ह,ै इस अिधसूचना के उपबंध5 को �भावी करने म- अDय उपाय िविनgद9 करेगा। 4444.... पा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितक संवेदीसंवेदीसंवेदीसंवेदी जोनजोनजोनजोन म;म;म;म; �ितिषयाकलाप9�>याकलाप9 क�क�क�क� सूचीसूचीसूचीसूची –––– पा�रिHथितक संवेदी जोन म- सभी �uयाकलाप पया�वरण (संर?ण) अिधिनयम, 1986 (1986 का 29) के उपबंध5 और तटीय िविनयमन जोन (सीआरजेड), 2011 और पया�वरणीय �भाव आकलन (ईआईए ) अिधसूचना, 2006 और वन (संर?ण) अिधिनयम, 1980 (1980 के 69), भारतीय वन अिधिनयम, 1927 (1927 के 16), वDयजीव (संर?ण) अिधिनयम, 1972 (1972 के 53) के उपबंध5 तथा उनम- �कए गए संशोधन5 ,ारा शािसत ह5गे और नीचे दी गई सारणी म- िविनgद9 रीित म- िविनयिमत ह5गे, अथा�त् :-- सारणीसारणीसारणीसारणी >>>>मममम सं.सं.सं.सं. �>याकलाप�>याकलाप�>याकलाप�>याकलाप वण�नवण�नवण�नवण�न क. क. क. क. �ित�ित�ित�ितिषयाकलाप�>याकलाप 1. वािणिjयक खनन, पKथर क! खदान और उनको तोड़ने क! इकाइया ं। (क) सभी �कार के नए और िवLमान खनन (लघु और वृहत खिनज), पKथर क! खान- और उनको तोड़ने क! इकाइयां वाHतिवक Hथानीय िनवािसय5 क! घरेलू आवXयकताq िजसम- िनजी उपयोग के िलए मकान5 के संिनमा�ण या मरमत के िलए धरती को खोदना और मकान बनाने के िलए दशेी टाइ�स या ट5 का िनमा�ण करना भी सिमिलत ह,ै के िसवाय नह< ह5गी ; (ख) खनन सं�uयाएं, माननीय उ]तम Dयायालय क! �रट यािचका (िसिवल) सं. 1995 का 202 टी.एन. गौडाबम�न िथtमूलपाद बनाम भारत सरकार के मामले म- आदेश तारीख 4 अगHत, 2006 और �रट यािचका (सी) सं. 2012 का 435 गोवा फाउंडशेन बनाम भारत सरकार के मामले म- तारीख 21 अ�ैल, 2014 के अंत�रम आदेश के अनुसरण म- सव�दा �चालन होगा । 2. �दषूण (जल, वायु, मृदा, xविन आ�द) का�रत करने वाले उLोग5 क! Hथापना । पा�रिHथितक संवेदी जोन म- नए उLोग और उLोग5 म- िवLमान �दषूण का िवHतार अनु~ा नह< होगी। फरवरी, 2016 म- जब तक �क इस �कार अिधसूचना म- िविनgद9 न हो, क- ^ीय �दषूण िनयं ण बोड� ,ारा जारी �दशािनदrश5 म- उLोग5 के वगOकरण के अनुसार पा�रिHथितक संवेदी जोन के भीतर केवल गैर- �दषूण कुटीर उLोग5 क! अनु~ा दी जाएगी। 3. नई मुcय तापीय और जल िवLुत प�रयोजना क! Hथापना। लागू िविधय5 के अनुसार �ितिषi (अD यथा उपबंिधत के िसवाय) ह5गे । 4. �कसी प�रसंकटमय पदाथ{ का उपयोग या लागू िविधय5 के अनुसार �ितिषi (अD यथा उपबंिधत के िसवाय) ह5गे ।

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    उKपादन या �संHकरण। 5. �ाकृितक जल िनकाय5 या भूिम ?े म- अनुपचा�रत बिहाव5 का िनHसारण । लागू िविधय5 के अनुसार �ितिषi (अD यथा उपबंिधत के िसवाय) ह5गे । 6. नई आरा िमल5 क! Hथापना। पा�रिHथितक! संवेदी जोन के भीतर नई और िवLमान आरा िमल5 का िवH तार अनु~ात नह< होगा । 7. ट भ5 क! Hथापना करना। लागू िविधय5 के अनुसार �ितिषi (अD यथा उपबंिधत के िसवाय) ह5गे । 8. जलावन लकिड़य5 का वािणिjयक उपयोग । लागू िविधय5 के अनुसार �ितिषi (अD यथा उपबंिधत के िसवाय) ह5गे । 9. पोिलथीन बैग5 का उपयोग । लागू िविधय5 के अनुसार �ितिषi (अD यथा उपबंिधत के िसवाय) ह5गे । ख. िविनयिमत �>याकलापख. िविनयिमत �>याकलापख. िविनयिमत �>याकलापख. िविनयिमत �>याकलाप 10. होटल5 और �रसोट{ का वािणिjयक Hथापना । पा�रिHथितक अनुकूल पय�टन �uयाकलाप5 के िलए लघु अHथायी संरचनाq के िलए संरि?त ?े सीमा के एक �कलोमीटर के भीतर या पा�रिHथितक संवेदी जोन के िवHतार तक ही जो भी िनकट हो कोई नया वािणिjयक होटल और �रसोट� अनु~ात ह5गे अDयथा नह< : परDतु संरि?त ?े क! सीमा से एक �कलोमीटर परे या पा�रिHथितक संवेदी जोन के िवHतार तक, जो भी िनकट हो सभी नए पय�टन �uयाकलाप5 या िवLमान �uयाकलाप5 का िवHतार यथालागू पय�टन महायोजना के अनुtप होगा । 11. संिनमा�ण �uयाकलाप । (क) संरि?त ?े क! सीमा से एक �कलोमीटर के भीतर या पा�रिHथितक संवेदी जोन के िवHतार तक जो भी िनकट हो, �कसी भी �कार का वािणिjयक संिनमा�ण अनु~ात नह< �कया जाएगा: परंतु H थानीय लोग5 को पैरा 3 के उप पैरा (1) म- सूचीबi �uयाकलाप5 सिहत उनके उपयोग के िलए उनक! भूिम म- Hथानीय िनवािसय5 क! आवासीय आवXयकताq को पूरा करने िलए संिनमा�ण करने क! अनुमित भवन उपिविधय5 के अनुसार दी जाएगी : (i)िवLमान सड़क5 को चौड़ा करना और उDह- सुदढृ करना और नई सड़क5 का संिनमा�ण; (ii) बुिनयादी ढाचं5 और नाग�रक सुख -सुिवधाq का संिनमा�ण और नवीकरण; (iii) फरवरी �दषूण िनयं ण बोड� म- केD ̂ ीय 2016, ,ारा �कए गए वगOकरण के अनुसार �दषूणकारी लघु उLोग- प�रभािषत गैर ; (iv) कुटीर उLोग5 िजनके अंतग�त Pामीण उLोग ह\; सुिवधा भEडार और Hथानीय सुख सुिवधाq जो पा�रिHथितक! पय�टन म- िजस म- गृह वास भी ह ैसहायक हो; और (v) इस अिधसूचना म- सूचीब, संव8धत : �uयाकलाप5 क! सूची (ख) परDतु ऐसे लघु उLोग5 जो �दषूण उK पD न नह< करते ह\, से संबंिधत संिनमा�ण �uयाकलाप िविनयिमत �कए जाएंगे और लागू िनयम5 और िविनयम5, य�द कोई ह5, के अनुसार स?म �ािधकारी क! पूव� अनु~ा से ही D यूनतम पर रखे जाएंगे । (ग) एक �कलोमीटर से आगे आंचिलक महायोजना क! अनुसार िविनयिमत ह5गे ।

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    12. फम{, कंपिनय5 ,ारा बड़ ेपैमाने पर वािणिjयक पशुधन संपदा और कुकुट फाम{ क! Hथापना । Hथानीय ज�रत5 को पूरा करने के िसवाय लागू िविधय5 के अनुसार �ितिषi (अD यथा उपबंिधत के िसवाय) ह5गे। 13. �दषूण उKपR न करने वाले लघु उLोग । फरवरी, 2016 म- केD^ीय �दषूण िनयं ण बोड� ,ारा जारी उLोग5 म- वगOकरण के अनुसार गैर-�दषूणकारी उLोग और अप�रसंकट म-, लघु और सेवा उLोग, कृिष, पुIप कृिष, उLान कृिष या पा�रिHथितक! संवेदी जोन से दशेी सामPी से उKपाद5 को उKपR करने वाले कृिष आधा�रत उLोग स?म �ािधकारी ,ारा अनु~ात ह5गे। 14. वृ?5 क! कटाई । (क) राjय सरकार म- स?म �ािधकारी क! पूव� अनु~ा के िबना वन, सरकारी या राजHव या िनजी भूिम पर या वन5 म- कही वृ?5 क! कटाई नह< होगी । (ख) वृ?5 क! कटाई संबंिधत क- ^ीय या राjय अिधिनयम या उसके अधीन बनाए गए िनयम5 के उपबंध के अनुसार िविनयिमत होगी । 15. वन उKपाद5 और गैर काI ठ वन उKपाद5 का संPहण (एनटीएफपी) । लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे । 16. िवLुत केबल5 और दरूसंचार टावर5 का प�रिनमा�ण और केबल5 के िबछाए जाने और अDय बुिनयादी ढांचे । लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे । भूिमगत केबल के िबछाए जाने को बढ़ावा �दया जाएगा। 17. नाग�रक सुख-सुिवधाq सिहत बुिनयादी ढांचे। लागू िविधय5 िनयम5 और िविनयम5 और उपल;ध �दशािनदrश5 के अनुसार Dयूनीकरण क! उपाय5 के साथ िविनयिमत �कए जाएंगे। 18. िवLमान सड़क5 को चौड़ा करना और उDह- सुदढृ करना और नई सड़क5 का संिनमा�ण । लागू िविधय5 िनयम5 और िविनयम5 और उपल;ध �दशािनदrश5 के अनुसार Dयूनीकरण क! उपाय5 के साथ िविनयिमत �कए जाएंगे। 19. पय�टन से संबंिधत �uयाकलाप जैसे गम� वायु गु;बार-, हेलीकाeटर, ोन, माइuोलाइटस और अDय पय�टन �uयाकलाप आ�द ,ारा पा�रिHथितक संवेदी जोन ?े के ऊपर से उड़ना जैसे �uयाकलाप करना। लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे ।

    20. पहाड़ी ढाल5 और नदी तट5 का संर?ण । लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे । 21. राि म- यािनक यातायात का संचलन । लागू िविधय5 के अधीन वािणिjयक �योजन के िलए िविनयिमत ह5गे । 22. Hथानीय समुदाय5 ,ारा चल रही कृिष और बागवानी �थाq के साथ डेय�रय5 दुध उKपादन जल कृिष और मKHय पालन। Hथानीय लोग5 के उपयोग के िलए लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे । 23. �ाकृितक जल िनकाय5 या सतही ?े म- उपचा�रत बिहा�व का िनHसारण । उपचा�रत अपिश9 जल/बिहा�व का िनHसारण जल िनकाय5 म- �वेश नह< करने �दया जाएगा और उपचा�रत अपिश9 जल के पुनच�uण और पुन:उपयोग के िलए �यास �कए जाएंगे और उपचा�रत अपिश9 जल/बिहा�व5 का िनHसारण लागू िविधय5 के अनुसार अधीन �कया जाएगा । 24. सतह और भूजल के वािणिjयक िनIकष�ण । लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे । 25. कृिष या अDय उपयोग के िलए खुले कुआ, बोर कुआ, आ�द । िविनयिमत और सबi �ािधकारी ,ारा �uयाकलाप क! िनगरानी क! जाएगी। 26. ठोस अपिशI ट �बंधन एवं जैव िच�कKसीय अपिशI ट �बंधन। लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे । 27. िवदेशी �जाितय5 को लाना । लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे ।

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    28. पा�रिHथितक पय�टन। लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे । 29. वािणिj यक सूचना पर और होडग । लागू िविधय5 के अधीन िविनयिमत ह5गे । ग. संव"धत �>याकलाप ग. संव"धत �>याकलाप ग. संव"धत �>याकलाप ग. संव"धत �>याकलाप 30. वषा� जल संचयन । स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 31. जैिवक खेती। स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 32. सभी गितिविधय5 के िलए ह�रत �ौLोिगक! को अंगीकृत करना । स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 33. कुटीर उLोग5 िजसके अंतग�त Pामीण कारीगर भी ह\ । स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 34. नवीकरणीय ऊजा� और धन का उपयोग । बायोगैस, सौर �काश इK या�द को बढ़ावा �दया जाना है । 35. कृिष वािनक! । स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 36. पा�रिHथितक अनुकूल प�रवहन का उपयोग । स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 37. कौशल िवकास । स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 38. िनmीकृत भूिम या वन या वास क! बहाली । स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 39. पया�वरणीय जागtकता । स�u य �प से बढ़ावा �दया जाएगा । 5555. . . . िनगरानीिनगरानीिनगरानीिनगरानी सिमितसिमितसिमितसिमित और इसके िनबंधन औऔर इसके िनबंधन औऔर इसके िनबंधन औऔर इसके िनबंधन और शतAर शतAर शतAर शतA---- (1) क- ^ीय सरकार, पा�रिHथितक संवेदी जोन के �भावी िनगरानी के िलए एक िनगरानी सिमित का गठन करेगी जो िनmिलिखत से िमलकर बनेगी, अथा�त् :- (i) उपायु त, पूवO जंतीया पहािड़यां जोवाई - अxय? ; (ii) पा�रिH थितक! और पया�वरण के ?े म- एक िवशेष~ िजसे मेघालय सरकार ,ारा ती वष� के िलए नामिनgद9 �कया जाएगा -सदH य; (iii) गैर सरकारी संगठन का �ितिनिध (जो पया�वरण और िवरासत संर?ण के ?े म- काय� कर रहा है) िजसे मेघालय राj य सरकार ,ारा नामिनgदI ट �कया जाएगा – सदH य; (iv) काय�पालक इंजीिनयर, मेघालय �दषूण िनयं ण बोड� -सदH य; (v) मुc य वन अिधकारी राjय सरकार -सदH य; (vi) राjय सरकार ,ारा नामgद9 करने के िलए जैव -िविवधता के ?े म- एक िवशेष~ -सदH य; (vii) �भागीय वन अिधकारी, ( वDयजीव) – सदH य-सिचव। 6. िनदAश 6. िनदAश 6. िनदAश 6. िनदAश –––– िनबंधन.िनबंधन.िनबंधन.िनबंधन.---- (1) पा�रिHथितक संवेदी जोन सिमित इस अिधसूचना के उपबंध5 के अनुपालन को िनगरानी करेगी। (2) िनगरानी सिमित क! अविध तीन वष� या तक होगी जब तक राjय सरकार ,ारा ग�ठत �कया जाता है और िनगरानी सिमित क! अविध अवसान के पNात उBरवतO िनगरानी सिमित उप पैरा (1) के उपाबंध के अनुसार राjय ,ारा पुन: ग�ठ त क! जाएगी। (3) पा�रिHथितक संवेदी जोन म- भारत सरकार के तK कालीन पया�वरण और वन मं ालय क! अिधसूचना सं. का.आ. 1533(अ) तारीख 14 िसतंबर, 2006 क! अनुसूची म- के अधीन सिमिलत �uयाकलाप5 और इस अिधसूचना के पैरा 4 के अधीन सारणी म- यथा िविनgद9 �ितिषi गितिविधय5 के िसवाय आने वाले ऐसे �uयाकलाप5 क! दशा म- वाHतिवक िविनgद9 Hथलीय दशाq पर आधा�रत िनगरानी सिमित ,ारा संवी?ा क! जाएगी और उ4 अिधसूचना के उपबंध5 के अधीन पूव� पया�वरण अनापिB के िलए केD^ीय सरकार के पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय को िनgद9 क! जाएगी।

  • 10 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (4) इस अिधसूचना के पैरा 4 के अधीन सारणी म- यथा िविनgद9 �ितिषi �uयाकलाप5 के िसवाय, भारत सरकार के तK कालीन पया�वरण और वन मं ालय क! अिधसूचना संcयांक का.आ. 1533(अ) तारीख 14 िसतंबर, 2006 क! अिधसूचना के अनुसूची के अधीन ऐसे �uयाकलाप5, िजDह- सिमिलत नह< �कया गया ह,ै कतु पा�रिHथितक संवेदी जोन म- आत ेह\, ऐसे �uयाकलाप5 क! वाHतिवक िविनgद9 Hथलीय दशाq पर आधा�रत िनगरानी सिमित ,ारा संवी?ा क! जाएगी और उसे संबi िविनयामक �ािधकरण5 को िनgद9 �कया जाएगा । (5) िनगरानी सिमित का सदHय-सिचव या संबi उपायु त या संबi उLान उप वन संर?क ऐसे 3ि4 के िव�i, जो इस अिधसूचना के �कसी उपबंध का उ�लंघन करता ह,ै पया�वरण (संर?ण) अिधिनयम, 1986 क! धारा 19 के अधीन प�रवाद फाइल करने के िलए स?म होगा । (6) िनगरानी सिमित मुा दर मुा के आधार पर अपे?ाq पर िनभ�र रहते Mए संबi िवभाग5 के �ितिनिधय5 या िवशेष~5, औLोिगक संगम5 या संबi पणधा�रय5 के �ितिनिधय5 को अपने िवचार-िवमश� म- सहायता के िलए आमंि त कर सकेगी । (7) िनगरानी सिमित �Kयेक वष� क! 31 माच� तक क! अपनी वा8षक कार�वाई �रपोट� राjय के मुcय वDय जीव वाड�न को उपाबंधउपाबंधउपाबंधउपाबंध IIIIVVVV म- उपबंिधत �प िवधान के अनुसार उ त वष� के 30 जून तक �Hतुत करेगी । (8) केD^ीय सरकार का पया�वरण, वन और जलवायु प�रवत�न मं ालय िनगरानी सिमित को अपने कृKय5 के �भावी िनव�हन के िलए ऐसे िनदेश द ेसकेगा, जो वह ठीक समझे । 7777.... अित�रC उपाय.अित�रC उपाय.अित�रC उपाय.अित�रC उपाय.---- इस अिधसूचना के उपबंध5 को �भाव दनेे के िलए क- ^ीय सरकार और राj य सरकार अित�र त उपाय, य�द कोई ह5, िविनgदष् ट कर सक- गे । 8. 8. 8. 8. उDतमउDतमउDतमउDतम EयायालयEयायालयEयायालयEयायालय आ�द, आदेश.आ�द, आदेश.आ�द, आदेश.आ�द, आदेश.---- भारत के माननीय उ]तम Dयायालय या माननीय उ] Dयायालय या माननीय राI ीय ह�रत �ािधकरण ,ारा पा�रत कोई आदशे या पा�रत होने वाले �कसी आदशे, य�द कोई ह5, के अधीन, इस अिधसूचना के उपबंध ह5गे । [फा.सं. 25/156/2015-ईएसजेड] लिलत कपूर, वै~ािनक ‘जी’ उपाबंध उपाबंध उपाबंध उपाबंध IIII नरपुह वEयजीव अभयारJय, पूव� जयिEतया पहाड़ी िजला, मेघालय के पा�रि�थितक� संवेदी जोन क� सीमा का िववरणनरपुह वEयजीव अभयारJय, पूव� जयिEतया पहाड़ी िजला, मेघालय के पा�रि�थितक� संवेदी जोन क� सीमा का िववरणनरपुह वEयजीव अभयारJय, पूव� जयिEतया पहाड़ी िजला, मेघालय के पा�रि�थितक� संवेदी जोन क� सीमा का िववरणनरपुह वEयजीव अभयारJय, पूव� जयिEतया पहाड़ी िजला, मेघालय के पा�रि�थितक� संवेदी जोन क� सीमा का िववरण उMरउMरउMरउMर: लुखा/िसमsलग नदी के साथ धारा के जंशन से sबद ुसं. 1 के उ25°07'45.35" पू92°34'49.79" के धारा �वाह के साथ उBर पूवO भाग क! ओर जाती है �फर यह sबद ुसं. 2 के उ25°08'4.15" पू 92°35'16.09" अDय धारा के साथ जंशन क! ओर जाती ह ैइसके बाद धारा �वाह के साथ उBर पिNमी भाग क! ओर जाती है �फर यह sबद ुसं. 3 के उ25°09'14.19" पू 92°34'40.20" के ोत क! ओर जाती ह ैइसके बाद उBर पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 4 के उ25°09'29.64" पू92°34'29.72" के पहाड़ी ऊँचाई तक जाती ह ैइसके बाद पहाड़ी aेणी के साथ दि?ण पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 5 के उ25°09'17.55" पू92°33'56.89" पMचँती ह ैइसके बाद दि?ण पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 6 के उ25°09'11.97" पू92°33'44.71" के धारा ोत जाती ह ैइसके बाद धारा के साथ उBर पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 7 के उ25°09'53.70" पू92°32'35.28" अDय धारा �वाह के साथ धारा जंशन जाती है इसके बाद sबद ुसं. 8 के उ25°10122.81" पू92°31'34.78" म- पहाड़ी ऊँचाई क! सीधी रेखा के साथ उBर पिNमी भाग क! ओर जाती है इसके बाद सीधी रेखा के साथ पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 9 के उ25°10'23.79" पू92°30'32.35" के दो धाराq के जंशन पMचँती ह ैइसके बाद धारा के साथ दि?ण पिNमी भाग क! ओर जाकर �फर यह sबद ुसं. 10 के उ25°10'16.77" पू92°30'20.32" के अDय धारा के साथ उसी धारा के जंशन sबद ुपMँचती है इसके बाद धारा के साथ उBर पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 11 के उ25°10'33.86" पू92°29'32.64" के ोत पMँचती ह ैइसके बाद घाटी के िनचले िहHसे के साथ दि?ण पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 12 के उ25°10'25.83" पू92°28'56.55" पMचँती ह ैइसके बाद घाटी के िनचले िहHसे के साथ पिNमी भाग

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 11

    क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 13 के उ25°10'24.92" पू92°27'43.39" पMचँती ह ैइसके बाद सीधी रेखा के साथ पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 14 के उ25°10'121.05" पू92°26'49.31" के धारा के ोत पMँचती है इसके बाद धारा के साथ दि?ण पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 15 के उ25°10'01.81" पू92°26103.80" लूनर नदी पMचँती ह।ै पिNमपिNमपिNमपिNम:::: लूनर नदी के �कनारे म- sबद ुसं. 15 के उ25°10'01.81" पू92°26'03.80" के �कनारे से लगभग 1.20 �कलोमीटर क! दरूी पर लूखा नदी के उBरी �कनारे के समानाDतर रेखा के साथ दि?ण पिNमी भाग क! ओर जाती ह ै sबद ु सं.16 के उ25°09'45.16" पू92°25'35.54", sबद ु सं.17 के उ25°9'17.53" पू92°24'56.11", sबद ु सं.18 के उ25°8'42.55" पू92°23'40.23", sबद ु सं.19 के उ25°8'36.41" पू92°22'53.71", sबद ुसं.20 के उ25°8'28.30" पू92°22'45.00", sबद ुसं.21 के उ25°8'14.85" पू92°22'36.68", sबद ु सं.22 के उ25°7'57.27" पू92°22'39.45", sबद ु सं.23 के उ25°7'38.12" पू92°22'16.24", sबद ु सं.24 के उ25°7'21.22" पू92°21'35.24", sबद ु सं.25 के उ25°7'13.51" पू92°21'17.90", sबद ु सं.26 के उ25°7'2.48" पू92°21'7.11", sबद ु सं.27 के उ25°6'52.36" पू92°20'54.51", sबद ुसं.28 के उ25°6'32.69" पू92°20'42.34", sबद ुसं.29 के उ25°6'26.69" पू92°20'33.79", sबद ु सं.30 के उ25°6'0.08" पू92°20'23.97", sबद ु सं.31 के उ25°5'30.53" पू92°20'19.40", sबद ु सं. 32 के उ25°5'8.010' पू92°20'20.64" से होते Mए जाती ह।ै दि:ण: दि:ण: दि:ण: दि:ण: sबद ु सं 32 उ25°5'8.00" पू92°20'20.64" से सीधी रेखा के साथ दि?ण पूवO भाग क! ओर sबद ु सं. 33 के उ25°04'55.56" पू92°20'26.42" तक जाती ह ैयह sबद ुसं 34 के उ25°04 41.22" पू 92°20' 49.58" के लुखा नदी के �कनारे पिNम से िमलती है इसके बाद सीधी रेखा के साथ दि?ण पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 35 के उ 25°04'21.36" पू92°21'45.67" म- रािय राजमाग� 44 के साथ पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 36 के उ25°04'09.42" पू92°22'45.82" पMँचती है इसके बाद सीधी रेखा के साथ दि?ण पूवO भाग क! ओर जाकर sबद ुसं 37 केउ25°04101.65" पू92°23'18.33" धारा से िमलती ह ै इसके बाद धारा के साथ उBर पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं.38 के उ25°04'45.66" पू92°24121.05" ोत जाती है इसके बाद यह सीधी रेखा के साथ उBर पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 39 के उ25°04'53.91" पू92°24'55.69" पMचंती ह ैइसके बाद पव�त aेणी के साथ दि?ण पूवO क! ओर जाकर यह sबद ुसं 40 के उ25°04'38.34" पू92°25'14.59" पMचंती है इसके बाद पव�त ?ेणी के साथ दि?ण पिNम भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 41 के उ25°03'32.28" पू92°24'12.64" पMंचती है इसके बाद सीधी रेखा के बाद दि?णी पवूO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 42 के उ25°03'07.71" पू92°24'31.90" नरपुह आरि?त वन खंड II क! सीमा के साथ दि?ण पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 43 के उ25°03'00.58" पू92°24'33.21" पMचंती ह ैइसके बाद नरपुह आरि?त वन खंड II क! सीमा के साथ पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 44 के उ25°03101.80" पू92°24'25.06"पMचंती ह ै इसके बाद नरपुह आरि?त वन खंड II क! सीमा के साथ दि?ण पिNमी भाग क! ओर जाकर यह राीय राजमाग� 45 के उ25°02'57.26" पू92°24'21.92" पMचंती ह ै इसके बाद नरपुह आरि?त वन II क! सीमा के साथ दि?ण पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं उ25°01'45.65" पू92°25'43.39". के असम, मेघालय और बांलादेश सीमाq के ि -जंशन sबद ुपMंचती है। पूव�: पूव�: पूव�: पूव�: sबद ु सं 46 के उ25°01'45.65" पू92°25'43.39" के असम, मेघालय और बांलादेश सीमाq के ि -जंशन sबद ु से असम मेघालय अंत: राj य सीमा के साथ उK तर पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 47 के उ25°06'10.98" पू92°28'46.12" के नरपुह वDयजीव अभयारEय क! सीमा पMचंती ह ै इसके बाद असम मेघालय अत: राjय सीमा के साथ उBरी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 48 के उ25°06'33.14" पू92°28'54.74" पMचंती ह ै इसके बाद असम मेघालय अत: राjय सीमाके साथ पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 49 के उ25°06'3.08" पू92°32'29.33"पMंचती ह ैइसके बाद असम मेघालय अत: राjय के साथ उBर पिNमी भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं. 50 के उ25°08'19.81" पू92°31'27.21" के लुखा सीमलनेग नदी पMचंती है इसके बाद लुखा सीमलन-ग नदी के साथा पूवO भाग क! ओर जाकर यह sबद ुसं 1 के उ25°08'19.81" पू92°31'27.21" म- धारा के साथ लुखा सीमलनेग नदी के जंशन पMचंती ह।ै उपाबंधउपाबंधउपाबंधउपाबंध----IIIIIIII

  • 12 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    नरपुह वनरपुह वनरपुह वनरपुह वE यE यE यE यजीव अभयारJ यजीव अभयारJ यजीव अभयारJ यजीव अभयारJ य,,,, मेघालयमेघालयमेघालयमेघालय के के के के पा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितक संवेदी जोन केसंवेदी जोन केसंवेदी जोन केसंवेदी जोन के अंतग�त आने वालेअंतग�त आने वालेअंतग�त आने वालेअंतग�त आने वाले Oाम9 Oाम9 Oाम9 Oाम9 क� सूचीक� सूचीक� सूचीक� सूची >.सं.>.सं.>.सं.>.सं. OामOामOामOाम अ:ांशअ:ांशअ:ांशअ:ांश दशेांतरदशेांतरदशेांतरदशेांतर िनकटतािनकटतािनकटतािनकटता 1 खोइंगोइ 25°11' 4.84" उ 92°32' 31.28" पू अंशत: 2 मुलीअन 25°11'48.5011उ 92°29' 26.90" पू अंशत: 3 खादमु 25°9' 15.50" उ 92°26' 48.60" पू अंशत: 4 पाDदारी 25°9' 19.63"उ 92°24' 52.75" पू अंशत: 5 बरीचयरनोट 25°9' 49.70"उ 92°25' 28.30" पू अंशत: 6 सखारी 25°8' 19.91"उ 92°24'30.12" पू अंशत: 7 लुमट5 गस-ग 25°8' 7.02"उ 92°23' 28.40" पू अंशत: 8 ट5गस-ग 25°8' 36.10"उ 92°22' 38.60" पू अंशत: 9 मायरली 25°7' 47.85"उ 92°21' 11.74" पू अंशत: 10 सोनापुर 25°6' 47.00"उ 92°22' 19.90" पू अंशत: 11 चायमप5ग 25°6' 13.90"उ 92°20' 44.90" पू अंशत: 12 बोसोरा 25°5' 7.50"उ 92°20' 35.90" पू अंशत: 13 कुलीअंग 25°4' 28.50"उ 92°21' 56.20" पू अंशत: 14 पयटाकुना 25°4' 15.36"उ 92°22' 36.93" पू अंशत: 15 पहर 25°4' 40.90"उ 92°24' 35.40" पू अंशत: 16 उमाक!अंग 25°3' 41.90"उ 92°23' 9.90" पू अंशत: 17 वाचकोन 25°3' 1.60"उ 92°24' 14.50" पू अंशत: 18 दोना सकुर 25°2' 43.11"उ 92°24' 30.31" पू पूण�तया 19 दोना अमबलुह 25°2' 32.09"उ 92°24' 56.34" पू पूण�तया उपाबंधउपाबंधउपाबंधउपाबंध----IIIIIIII कककक नरपुह वनरपुह वनरपुह वनरपुह वE यE यE यE यजीव अभयारJ यजीव अभयारJ यजीव अभयारJ यजीव अभयारJ य क� सीमा और क� सीमा और क� सीमा और क� सीमा और पा�रि�थितक सवेंदी जोन केपा�रि�थितक सवेंदी जोन केपा�रि�थितक सवेंदी जोन केपा�रि�थितक सवेंदी जोन के साथसाथसाथसाथ भूभभूूभू---- मंडलीय ि�थित �णाली के Qबदुमंडलीय ि�थित �णाली के Qबदुमंडलीय ि�थित �णाली के Qबदुमंडलीय ि�थित �णाली के Qबद ुQबद ुसं.Qबद ुसं.Qबद ुसं.Qबद ुसं. अ:ाशंअ:ाशंअ:ाशंअ:ाशं दशेांतरदशेांतरदशेांतरदशेांतर 1. 25°7' 45.35"उ 92°34' 49.79" पू 2. 25°8' 4.149"उ 92°35' 16.09" पू 3. 25°9' 14.186"उ 92°34' 40.20" पू 4. 25°9' 29.642"उ 92°34' 29.72" पू 5. 25°9' 17.55"उ 92°33' 56.89" पू 6. 25°9'53.70"उ 92°32' 35.28" पू 7. 25°10' 22.81"उ 92°31' 34.78" पू 8. 25°10' 23.79"उ 92°30' 32.35" पू 9. 25°10' 16.77"उ 92°30' 20.32" पू 10. 25°10' 33.86"उ 92°29' 32.64" पू 11. 25°10' 25.83"उ 92°28' 56.55" पू 12. 25°10' 24.92"उ 92'27' 43.39" पू

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 13

    13. 25°10' 21.05"उ 92°26' 49.31" पू 14. 25°10' 1.81"उ 92°26' 3.80" पू 15. 25 9' 45.16"उ 92°25' 35.54" पू 16. 25°9' 17.53"उ 92°24' 56.11" पू 17. 25°8' 42.55"उ 92°23' 40.23" पू 18. 25'8' 36.41"उ 92°22' 53.71" पू 19. 25°8' 28.30"उ 92°22' 45.00" पू 20. 25°8' 14.85"उ 92°22' 36.68" पू 21. 25°7' 57.27"उ 92 22' 39.45" पू 22. 25°7' 38.12"उ 92°22' 16.24" पू 23. 25°7' 21.22"उ 92°21' 35.24" पू 24. 25°7' 13.51"उ 92°21'17.90" पू 25. 25°7' 2.48"उ 92°21'7.11" पू 26. 25°6' 52.36"उ 92°20'54.51" पू 27. 25°6' 32.69"उ 92°20'42.34" पू 28. 25°6'26.69"उ 92°20'33.79" पू 29. 25°6' 0.08"उ 92°20'23.97" पू 30. 25°5' 30.53"उ 92°20'19.40" पू 31. 25°5' 8.01"उ , 92°20'20.64" पू 32. 25°4' 55.56"उ 92°20'26.42" पू 33. 25°4' 41.22"उ 92°20' 49.58"पू 34. 25°4' 21.36"उ 92°21' 45.67"पू 35. 25°4' 9.42"उ 92°22' 45.82"पू 36. 25°4' 1.65"उ 92°23' 18.33"पू 37. 25°4' 45.66''उ 92°24' 21.05"पू 38. 25°4' 53.91"उ 92°24'55.69" पू 39. 25°4' 38.34"उ 92°2.5' 14.59"पू 40. 25'3' 32.28"उ 92:24' 12.64"पू 41. 25°3' 7.71"उ 92°24' 31.90"पू 42. 25°3' 0.58"उ 92°24' 33.21"पू 43. 25°3' 1.80"उ 92°24' 25.06"पू 44. 25°2'57.26"उ 92°24' 21.92"पू 45. 25°1' 45.65"उ 92°25' 43.39"पू 46. 25°6'10.98"उ 92°28' 46.12"पू 47. 25°6' 33.14"उ 92°28' 54.74"पू 48. 25°6' 3.08"उ 92°32'29.33"पू 49. 25°8' 19.81"उ 92°31' 27.21"पू

  • 14 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    उपाबंध उपाबंध उपाबंध उपाबंध –III नरपुह वEयजीव अभयारJय के पानरपुह वEयजीव अभयारJय के पानरपुह वEयजीव अभयारJय के पानरपुह वEयजीव अभयारJय के पा�रि�थितक संवेदी जोन का मानिच�रि�थितक संवेदी जोन का मानिच�रि�थितक संवेदी जोन का मानिच�रि�थितक संवेदी जोन का मानिच

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 15

  • 16 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    उपाबंध उपाबंध उपाबंध उपाबंध IV पा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितकपा�रि�थितक संवेदीसंवेदीसंवेदीसंवेदी जोनजोनजोनजोन मानीटरीमानीटरीमानीटरीमानीटरी सिमितसिमितसिमितसिमित ---- क� गई कार�वाईक� गई कार�वाईक� गई कार�वाईक� गई कार�वाई क� �रपोट� का Rप िवधानक� �रपोट� का Rप िवधानक� �रपोट� का Rप िवधानक� �रपोट� का Rप िवधान 1. बैठक5 क! संc या और ितिथ । 2. बैठक5 का काय�वृत : कृपया मुc य उ� लेखनीय sबदqु का वण�न कर- । बैठक के काय�वृत् त को एक पृथक अनुबंध म- उपाबi कर- । 3. आंचिलक महायोजना क! तैयारी क! �ािH थित िजसके अंतग�त पय�टन महायोजना। 4. भू-अिभलेख म- सदXृ य ु�टय5 के सुधार के िलए ; यौहार �कए गए मामल5 का सारांश । 5. पया�वरण समाघात िनधा�रण अिधसूचना, 2006 के अधीन आने वाली गितिविधय5 क! संिव?ा के मामल5 का सारांश । ; यौरे एक पृथक् उपाबंध के �प म- उपाबi �कए जा सकते ह\ । 6. पया�वरण समाघात िनधा�रण अिधसूचना, 2006 के अधीन न आने वाली गितिविधय5 क! संवी?ा के मामल5 का सारांश । ; यौरे एक पृथक् उपाबंध के �प म- उपाबi �कए जा सकते ह\ । 7. पया�वरण ( संर?ण ) अिधिनयम, 1986 क! धारा 19 के अधीन दज� क! गई िशकायत5 का सारांश । 8. कोई अD य महK वपूण� िवषय । MINISTRY OF ENVIRONMENT, FOREST AND CLIMATE CHANGE

    NOTIFICATION

    New Delhi, the 6th September, 2017

    S.O.2942(E).—WHEREAS, a draft notification was published in the Gazette of India, Extraordinary, vide

    notification of the Government of the India in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change number S.O

    3124(E), dated 20th

    November 2015,inviting objections and suggestions from all persons likely to be affected thereby

    within the period of sixty days from date on which copies of the Gazette containing the said notification were made

    available to the public;

    AND WHEREAS, the copies of the Gazette containing the draft notification were made available to the public on the

    20th

    November, 2015;

    AND WHEREAS, objections and suggestions received from persons and stakeholders in response to the draft

    notification were duly considered;

    AND WHEREAS, the Narpuh Wildlife Sanctuary, East Janita Hills Jowai, Meghalaya is lying between 25°05’19” to

    25°06’14” North latitudes and 92°21’04” to 92°31’38” East latitudes;

    AND WHEREAS, the flora and fauna represent rich biological significance of this Sanctuary which is bounded by the

    Reserved Forests around it, except a part of South West and Eastern part which is bounded by villages, and the state of

    Assam; the Northern part is bounded by the Lukha River forming a physical barrier; the entire area is very rich in plant

    and animal species which are of economical and medicinal significance; the Sanctuary is one of the few remaining

    wildlife habitat and is having diverse species of mammals viz., Hoollock Gibbon, Serow, Slow Loris, Sloth Bear, Large

    Indian Civet, Leopard Cat, Clouded Leopard, Barking Deer and different varieties of Squirrel viz., the Orange bellied

    Himalayan Squirrel, Northern Palm Squirrel, Irrawaddy Squirrel, Otter, Mongoose and varieties of fruit Bats viz., the

    Allied Horse Shoe Bat, great eastern Horse Bat, etc; the Narpuh Reserved Block II is also a habitat for varieties of birds

    where the India Horn Bill can still be sighted, butterfly and fishes of different varieties, some of which are endangered

    and endemic to these areas;

    AND WHEREAS, the area is blessed with high rainfall during summer, high humidity and high temperature for much of

    the year and all these factors ensure a profuse range of diverse species of plants; the vegetation is mixed forest and no

    single species dominate the area and the vegetation is fairly undisturbed due to the inaccessibility of the area; this forest

    type is characterised by tall evergreen trees forming the bulk of the main top canopy, which is not continuous and is

    completed by a lower canopy of smaller trees of lower height making the canopy uneven at place; bamboos commonly

  • ¹Hkkx IIµ[k.M 3(ii)º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 17

    occurred in badly drain moist areas; epiphytes are found in abundance along with few climbers and Diptherocarpos

    occurred very rarely in localised patches only and those type constitute trees such as Mesua ferra, macaranga, sp,

    Duabanga sp, Eugena jumbolina, Terminalia myrocarpa, Terminalia Chebula, Vitex penduncularis, Vitex Negundo,

    Mechelia champaca, Gmelina arborea, Dysoxylum benectiferum and Amoora wallichi;

    AND WHEREAS; it is necessary to conserve and protect the area, the extent and boundaries of which are specified in

    paragraph 1 of this notification, around the protected area of Narpuh Wildlife Sanctuary as Eco-sensitive zone from

    ecological, environmental and biodiversity point of view and to prohibit industries or class of industries and their

    operations and processes in the said Eco-sensitive Zone;

    NOW THEREFORE, in exercise of the power conferred by sub section(1) and clauses (v) and (xiv) of sub-section (2)

    and sub-section (3) of section 3 of the Environment (Protection) Act 1986 (29 of 1986) read with sub-rule (3) of rule 5 of

    the Environment (Protection) Rules, 1986, the Central Government hereby notifies an area to an extent varying from

    1.20 kilo meter to 7.70 kilometer from the boundary of Narpuh Wildlife Sanctuary in the State of Meghalaya as the

    Narpuh Wildlife Sanctuary Eco-sensitive Zone (hereinafter referred to as the Eco-sensitive Zone) details of which are as

    under, namely:-

    1. Extent and boundaries of Eco-sensitive Zone.- (1) The Eco-sensitive Zone shall be of 194.23 square

    kilometres with an extent varying from 1.20 kilometers to 7.70 kilometer from the boundary of Narpuh Wildlife

    Sanctuary and the boundary details are given in Annexure-I.

    (2) The list of villages falling in Eco-sensitive Zone are given in Annexure-II.

    (3) The Global Position System Co-ordinates of points along the boundary of Narpuh Wildlife Sanctuary are given

    in Annexure-II A.

    (4) The map of the Eco-sensitive Zone is appended as Annexure-III.

    2. Zonal Master Plan for the Eco-sensitive Zone.- ( 1)The State Government shall, for the purpose of the Eco-

    sensitive Zone prepare, a Zonal Master Plan, within a period of two years from the date of publication of this

    notification in the Official Gazette, in consultation with local people and adhering to the stipulations given in this

    notification for approval of Competent Authority in the State Government.

    (2) The Zonal Master Plan for the Eco-sensitive Zone shall be prepared by the State Government in such manner

    as is specified in this notification and also in consonance with the relevant Central and State laws and the

    guidelines issued by the Central Government, if any.

    (3) The Zonal Master Plan shall be prepared in consultation with the following State Departments, for

    integrating the ecological and environmental considerations into the said plan:-

    (i) Environment;

    (ii) Forest and Wildlife;

    (iii) Agriculture and Horticulture;

    (iv) Revenue;

    (v) Urban Development;

    (vi) Tourism including eco-tourism;

    (vii) Rural Development;

    (viii) Irrigation and Flood Control;

    (ix) Municipal and urban development;

    (x) Panchayati Raj;

    (xi) Public Works Department.

    (4) The Zonal Master Plan shall not impose any restriction on the approved existing land use, infrastructure and

    activities, unless so specified in this notification and the Zonal Master Plan shall factor in improvement of all

    infrastructure and activities to be more efficient and eco-friendly.

    (5) The Zonal Master Plan shall provide for restoration of denuded and degraded areas, conservation of existing

    water bodies, management of catchment areas, watershed management, groundwater management, soil and

    moisture conservation, needs of local community and such other aspects of the ecology and environment that

    need attention.

  • 18 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [PART II—SEC. 3(ii)]

    (6) The Zonal Master Plan shall demarcate all the existing worshipping places, villages and urban settlements,

    types and kinds of forests, agricultural areas, fertile lands, green area, such as, parks and like places,

    horticultural areas, orchards, lakes