Sample chapter-Kaise Chand Lafzon Men Saara Pyar Likhun

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Sample Poems from Book क ै से चंद लज़ सारा यार लख ”………….. Releasing This November………………………………Pre-Booking Started on Amazon ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 1.) मेरी आख म म हबत के मंज़र है मेरी आँख हबत के जो मंर है हारी ही चाहत के समंदर है हर रोज चाहता झसे ये कह मगर लबो तक नहीं आता, जो मेरे दल के अदर है मेरे दल तवीर हे तेरी, नगाह तेरा ही चेहरा है , नशा आँख हबत का, वफा का रंग ये कतना नहरा है , दल की कती कै से नकले अब चाहत के भंवर से समंदर इतना गहरा है , कनार पर भी पहरा है वो हर रोज झसे मलती है , हर बार नहीं कह पाता जो दल इतना यार भरा है , लबो पर नहीं आता हम भी कभी नहीं करते थे यार-हबत के कस पर यकीं , मगर जब दल को जाये कोई एक बार, किर कोई और नहीं भाता मेरी उमीद का सागर टा है की जेसे हर जरे -जरे ने हमको टा है कतयाँ सारी गयी सादहलो तक आते आते होसला जो बचा था िनो , कनार पर आकर टा है मेरी आँख अब भी हबत की वो ही कहानी हे दल के सागर लहर उमीद की, धडकन चाहत की रवानी हे हर पल झे लना चाहता , मगर माल है झको हारी याद तो हर साँस आनी हे , हारी याद तो हर साँस आनी हे

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This Document Contains Sample Poems From My Book "Kaise Chand Lafzon Men Saara Pyar Likhun"

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  • Sample Poems from Book

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    ---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- 1.)

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    Author: Dinesh Gupta Din https://www.facebook.com/KaiseChandLafzonMen

    https://www.facebook.com/dineshguptaofficial [email protected]