^o xपि^न क]mशन स]पथित का^िक्र] हtतnिर ^xजनाएँ...

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Page 1 of 16 यूरोपियन कमीशन समपथित कायिम हेतु िररयोजनाएँ 1.2.3.3 शोध याा शिा के अशिकार के अंतगत राय िैशक अनुसं िान एवं शिण पररषद को अकादशिक ऑथॉररटी की दाग शदया या है । इस आिार पर िालाओं ि ुणवा ाशि हेतु पररषद की िहवपूणग शिेदारी बनती है । शले तर पर परषद की ओर से यह भूशिका हिारे शला शिा एवं शिण संथान पर है । शला शिा एवं शिण संथान को िलाओं से नदीकी से ोडने, िालाओं ि या कुछ चल रहा है, िालाओं ि शकन ची, शकन सुिार शियाओं की आवयकता है, के ानकारी लेने हेतु इन संथान ि अययनरत डी.एड. शिाशथगय के साथ साथ यहा आने वाले सेवाकालीन शिक के ियि से यवशथत ऱप से ानकारी लेने का कचर शवकशसत शकया ा सकता है । इन शिण संथाओं ि ऐसा कचर शवकशसत करने के उेय से यह ायोना ारंभ की ा रही है और इसे शनयशित ऱप से आे बढाने की शिेदारी डाइट की होी । पया: इस ायोना ि डाइट ि अययनरत शनयशित शवाथी एवं सिय सिय पर शिण के शलए उपशथत होने वाले शिक सहभाशता करे । आपके संथान के शवाथी अवकाि के दौरान अपने ृह ाि ाते हे या उह िाला अनुभव कायग िि के अंतगत कु छ िालाओं ि शनयशित ऱप से लंबे सिय के शलए ाना पडता होा । शवशभन शवकासखड से डाइट ि शिण हेतु शिक आते रहते ह । इह आदेशित करते सिय या ब वे शिण ले रहे ह, तब उनके िायि से भी िालाओं के बारे ि ानकारी ली ा सकती है । पूरे स ि आपको अल अल िुे उपलि करवाए ाएंे । डाइट भी अपने तर पर िे तैयार कर एक द सरे के साथ िेयर करे । इस पूरे िुशहि ि पोटकाडग का उपयो भी शकयी ा सकता है । येक िण के शलए अल अल टेपलेट उपलि करवाए ाएंे । डाइट को इन टेपलेट के आिार पर शिक एवं शवाशथगय के िायि से िालाओं से ानकारी एकशत करनी होी । इस कार ाि ानकारी को कयूटर ि एंी करनी होी और शले तर पर ानकारी का शवेषण करना होा । इस आिार पर डाइट से भारी को एक ररपोटग तैयार करनी होी । रपोटग के साथ एक फाइल ि सभी िालाओं की भरी हुई िीट संभाल कर रखनी होी । येक िुे पर कि से कि 100 िालाओं की ानकारी एकशत रखनी होी । बजट: इस कायगिि के शलए एक िुे पर कायग करने हेतु डाइट के एक या दो अकादशिक सदय शिलकर शिेदार हे । कायग िि ि िुय ऱप से 100 कू ल से ानकारी एक करने हेतु टेिनरी, डाइट के कयूटर ि ानकाररय की शवशि, रपोटग लेखन एवं एक फाइल शसि 100 िालाओं की िीट रखी ा सके ैसे काय पर ही यय आना है । इस कायग

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    यूरोपियन कमीशन समपथित कायिक्रम हते ुिररयोजनाएँ 1.2.3.3 शोध यात्रा

    शिक्षा के अशिकार के अंतर्गत राज्य िशैक्षक अनुसंिान एवं प्रशिक्षण पररषद को अकादशिक ऑथॉररटी की दर्ाग शदया र्या ह ै । इस आिार पर िालाओ ंिें रु्णवत्ता प्राशि हेतु पररषद की िहत्वपणूग शर्म्िेदारी बनती ह ै । शर्ले स्तर पर पररषद की ओर से यह भशूिका हिारे शर्ला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों पर ह ै । शर्ला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को िालाओ ंसे नर्दीकी से र्ोडने, िालाओ ंिें क्या कुछ चल रहा ह,ै िालाओ ंिें शकन चीर्ों, शकन सुिार प्रशियाओ ं की आवश्यकता ह,ै के र्ानकारी लेने हेतु इन संस्थानों िें अध्ययनरत डी.एड. प्रशिक्षाशथगयों के साथ साथ यहााँ आने वाले सेवाकालीन शिक्षकों के िाध्यि से व्यवशस्थत रूप से र्ानकारी लेने का कल्चर शवकशसत शकया र्ा सकता ह ै। इन प्रशिक्षण संस्थाओ ंिें ऐसा कल्चर शवकशसत करने के उदे्दश्य से यह प्रायोर्ना प्रारंभ की र्ा रही ह ैऔर इसे शनयशित रूप से आरे् बढाने की शर्म्िेदारी डाइट की होर्ी । प्रपक्रया: इस प्रायोर्ना िें डाइट िें अध्ययनरत शनयशित शवद्याथी एवं सिय सिय पर प्रशिक्षण के शलए उपशस्थत होने वाले शिक्षक सहभाशर्ता करें रे् । आपके संस्थान के शवद्याथी अवकाि के दौरान अपने र्हृ ग्राि र्ाते होंरे् या उन्हें िाला अनुभव कायगिि के अंतर्गत कुछ िालाओ ंिें शनयशित रूप से लंबे सिय के शलए र्ाना पडता होर्ा । शवशभन्न शवकासखण्डों से डाइट िें प्रशिक्षण हेतु शिक्षक आते रहते हैं । इन्हें आदेशित करते सिय या र्ब वे प्रशिक्षण ले रहे हों, तब उनके िाध्यि से भी िालाओ ं के बारे िें र्ानकारी ली र्ा सकती ह ै। परेू सत्र िें आपको अलर् अलर् िुदे्द उपलब्ि करवाए र्ाएंरे् । डाइट भी अपने स्तर पर िुदे्द तयैार कर एक दूसरे के साथ िेयर करें रे् । इस परेू िुशहि िें पोस्टकाडग का उपयोर् भी शकयी र्ा सकता ह ै । प्रत्येक भ्रिण के शलए अलर् अलर् टेम्पलेट उपलब्ि करवाए र्ाएंरे् । डाइट को इन टेम्पलेट के आिार पर शिक्षकों एवं शवद्याशथगयों के िाध्यि से िालाओ ं से र्ानकारी एकशत्रत करनी होर्ी । इस प्रकार प्राि र्ानकारी को कम््यटूर िें एंट्री करनी होर्ी और शर्ले स्तर पर र्ानकारी का शवशे्लषण करना होर्ा । इस आिार पर डाइट से प्रभारी को एक ररपोटग तयैार करनी होर्ी । ररपोटग के साथ एक फाइल िें सभी िालाओ ंकी भरी हुई िीट संभाल कर रखनी होर्ी । प्रत्येक िुदे्द पर कि से कि 100 िालाओ ंकी र्ानकारी एकशत्रत रखनी होर्ी । बजट: इस कायगिि के शलए एक िुदे्द पर कायग करने हेतु डाइट के एक या दो अकादशिक सदस्य शिलकर शर्म्िेदार होंरे् । कायगिि िें िुख्य रूप से 100 स्कूलों से र्ानकारी एकत्र करने हेतु स्टेिनरी, डाइट के कम््यटूर िें र्ानकाररयों की प्रशवशि, ररपोटग लेखन एवं एक फाइल शर्सिें 100 िालाओ ंकी िीट रखी र्ा सके र्सेै कायों पर ही व्यय आना ह ै। इस कायग

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    हेतु एक ररपोटग तयैार करने हेतु अकादशिक सदस्य को 2000 रुपए स्वीकृत शकए र्ाएाँ । कायग प्रारंभ करते सिय रुपए 1000 अशग्रि तथा संतोषप्रद ररपोटग र्िा करने पर िेष 1000 रुपए र्ारी शकए र्ाएाँ । शर्ले स्तर पर कम्पाइल्ड िीट एस.सी.ई.आर.टी. को भेर्ी र्ाए ताशक राज्य स्तर के शलए ररपोटग तयैार की र्ा सके ।

    ररिोटि: चयशनत िुदे्द पर एक एक िीट एक एक शवद्यालय के शलए देते हुए संकलनकताग डाइट शवद्याशथगयों को प्रत्येक प्रश्न पर चचाग करवाते हुए स्पिता लाए । सभी से दिहरा अवकाि से वापस आने पर शनिागररत प्रारूप से संकशलत र्ानकारी को एकशत्रत कर एक फाइल बनाएाँ । इस फाइल को आपको उपलब्ि एक्सेल के टेम्पलेट िें शकसी तकनीकी शविेषज्ञ से प्रशवशि करवाते हुए शवशे्लषण करें । इस शवशे्लषण एवं संकलनकताग शवद्याशथगयों से चचाग कर आप अपनी ओर से इस परेू कायग की एक ररपोटग तयैार करें । चूाँशक इन िालाओ ंिें आपको अब बार बार इन शवद्याशथगयों को भेर्ना होर्ा, आप इन िालाओ ंकी प्रोफाइल तयैार कर लेवें । अर्ली र्ानकारी आपको दीपावली अवकाि के दौरान लेनी होर्ी । इसी प्रकार िाला अवशि के दौरान शिक्षकों से भी इन िुद्दों पर उनके शवचार लेने होंरे् शर्से आप बच्चों के शवचारों से तुलना कर सकते हैं । इन िालाओ ंएवं ग्रािों से सिुदाय के सशिय सदस्यों एवं शिक्षकों के िोबाइल नंबर आशद भी एकशत्रत कर प्रोफाइल िें रखें । इनिें से कुछ को सिय सिय पर डाइट से संपकग कर सीिे र्ानकारी प्राि करने एवं प्रोत्साशहत करने की शदिा िें कायग शकया र्ा सकता ह ै। िालाओ/ं ग्राि का प्रोफाइल इस प्रकार से तयैार शकया र्ा सकता ह ै:

    # शवद्यालय का नाि

    स्तर PS/ UPS

    पता डाइस कोड

    संपकग व्यशियों के नाि

    उनके िोबाइल नं

    संस्था से शर्म्िेदार शवद्याथी का नाि

    (प्रत्यके ससं्था प्रत्यके मदु्द ेपर कम स ेकम 100 शालाओ ंस ेजानकारी एकत्र करेंग)े

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    दशहरा अवकाश के दौरान संकलन हते ुप्रथम मदु्दा:- बच्चों स ेचचाि कर शाला संबंधी जानकाररयों का संकलन

    िाला का नाि: प्राथशिक/ उच्च प्राथशिक: डाइस कोड: संकुल: शवकासखण्ड: शर्ला:

    1. क्या शिक्षक रोर् आते हैं?

    2. यशद हााँ, तो क्या वे सिय पर आते हैं?

    3. क्या टाइि टेबल के अनुसार रोर् पढाई होती ह?ै

    4. क्या प्राथशिक स्तर पर एि.र्ी.एि.एल. एवं उच्च प्राथशिक स्तर पर शवशभन्न

    र्शतशवशियों से पढाई होती ह ै?

    5. क्या रेशडयो से शनयशित पढाई होती ह ै?

    6. क्या शिक्षक शनयशित रूप से शवशभन्न सहायक सािग्री का उपयोर् करते हैं?

    7. क्या शिक्षक बच्चों को डााँटते/ िारते हैं ?

    8. क्या पुस्तकालय का शनयशित उपयोर् होता ह ै?

    9. क्या प्रथि कालखण्ड िें योर्/ नशैतक शिक्षा/ िहापुरुषों की र्ीवनी आशद के बारे िें

    चचाग होती ह ै?

    10. क्या बच्चों व्दारा शकए र्ए कायों की शनयशित र्ााँच की र्ाती ह?ै (कुछ काशपयााँ देखें)

    कोई विशषे जानकारी जो चचाा स ेसामन ेआई:

    उपरोक्त प्रश्नािली की एक एक प्रवि एक एक स्कूल के वलए दिे े हुए परू् ा वििरर् वनर्ााररि प्रारूप में भरकर लान ेको वनदवेशि करें । डी.एड. के विद्यावथायों को इस बाबि प्रत्यके प्रश्न को पछू्न े के िरीकों और उत्तर वनकालन े हिे ु आिश्यक माहौल ियैार करन ेके सबंरं् म ें टीप दिे ें । इस मदु्द ेपर आपको अपनी ससं्था के वलए कम स ेकम 100 अलग अलग विद्यालयों स ेजानकारी एकवत्रि करनी होगी ।

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    दशहरा अवकाश के दौरान संकलन हते ुपितीय मदु्दा:- समदुाय स ेचचाि कर शाला संबंधी जानकाररयों का संकलन

    िाला का नाि: प्राथशिक/ उच्च प्राथशिक: ग्राि: संकुल: शवकासखण्ड: शर्ला:

    1. क्या आपके र्ााँव िें पदस्थ शिक्षक रोर् आते हैं?

    2. यशद हााँ, तो क्या वे सिय पर आते हैं?

    3. कुल शिक्षकों िें से शकतने र्ााँव िें ही रहते हैं ? /

    4. क्या आपके र्ााँव के 6 से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चे स्कूल र्ाते हैं ?

    5. क्या प्राथशिक िाला िें रेशडयो से शनयशित पढाई होती ह ै?

    6. िध्याह्न भोर्न की व्यवस्था एवं रु्णवत्ता कैसी ह ै? ठीक/ अच्छी/ बेकार/ नहीं शिलता

    7. क्या शिक्षक बच्चों को डााँटते/ िारते हैं ?

    8. क्या िाला प्रबंिन शवकास सशिशत का र्ठन हुआ ह ै?

    9. क्या शनयशित रूप से इन सशिशतयों की बठैक होती ह ै?

    10. क्या बच्चों व्दारा स्कूल िें सीखने की प्रर्शत से आप संतुि हैं ?

    कोई विशषे जानकारी जो चचाा स ेसामन ेआई:

    डाइट के विद्याथी अथिा सिेाकालीन वशक्षक अपन ेअपन ेगााँि म ें लगभग 20-25 लोगों को एक साथ चौपाल या ऐस ेस्थल पर जहााँ आसानी स ेचचाा की जा सके, िहााँ खलुी चचाा हिे ुमाहौल ियैार कर उपरोक्त सिाल रखें और सामवूहक चचाा कर उपयकु्त उत्तरों को अवंकि करें । चचाा के दौरान ऐस ेसदस्य वजनकी रुवच वदखाई द ेउनके मोबाइल या सपंका नबंर ल े लिे ें । उन्हें शाला म ें बच्चों एि ं वशक्षकों की वनयवमि उपवस्थवि, बहेिर पढाई, शासकीय योजनाओ ंके बहेिर वियान्ियन हिे ुसविय सहभावगिा लने ेएि ंसमय समय पर सपंका कर िास्िविक वस्थवि एि ंसमस्याओ ंस ेअिगि करिान ेकी वजम्मदेारी लने ेहिे ुप्रोत्सावहि करें ।

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    1.3.2.8 पशक्षा के अपधकार स े जुड े पवपिन्न मदु्दों िर आधाररत पवपिन्न िररयोजनाएँ (प्रत्यके डाइट हते ुएक लाख रुिए )

    1. शालाओ ंमें सपक्रय िसु्तकालयों का गठन: र्त वषों िें िालाओ ं िें शवशभन्न कायगििों की ओर से पुस्तकालयों का र्ठन करते हुए बडी संख्या िें पुस्तकें उपलब्ि करवाई र्ई हैं । इन पुस्तकों के उपयोर् हेतु आपको चयशनत िालाओ ंिें बहुत सिीप से कायग करते हुए आपके िंिानुरूप योर्ना के अलावा शनम्नशलशखत प्राविान करने होंरे्: 1.1 इस पररयोर्ना हेतु 50 ऐसी उच्च प्राथशिक िालाओ ंका चयन र्हााँ शवशभन्न

    योर्नाओ ंके िाध्यि से पुस्तकें प्रदाय की र्ई हैं । 1.2 पुस्तकालय के उपयोर् की वतगिान शस्थशत का िय सबतू अध्ययन शर्सिें

    पुस्तकों की संख्या, प्रशतशदन पुस्तकों के उपयोर् की संख्या, पुस्तकालय कालखण्ड का शववरण, बच्चों व्दारा अध्ययन शकए र्ए पुस्तकों पर शकए र्ाने वाले कायग, िय शकए र्ए पुस्तकों का बच्चों के अनुरूप स्तर आशद आशद ।

    1.3 पुस्तकालय के बेहतर उपयोर् हेतु शिक्षकों का उन्िुखीकरण, सुझाव, बच्चों के शलए पुस्तकों का शडस््ले, अलिारी एवं पुस्तकों की सुरक्षा हेतु शर्ल्दसार्ी एवं अन्य आवश्यक उपाय करने हेतु शवशभन्न उपलब्ि िदों का उपयोर्

    1.4 िालाओ ंिें उपलब्ि अनुदान से कुछ रोचक एवं उपयोर्ी प्रकािन से िाशसक पत्र-पशत्रकाओ ं के शलए वाशषगक चंदा शभर्वाए र्ाने की व्यवस्था करने हेतु प्रोत्साहन

    1.5 िालाओ ंिें बच्चों को शवतररत शकए र्ाने वाले बचपन/ बालशित्र पशत्रकाओ ंके अध्ययन के शलए व्यवस्थाएाँ

    1.6 इन िालाओ ंिें पुस्तकालय कालखण्ड की व्यवस्था एवं पुस्तकों के आिार पर चचाग एंव र्शतशवशियों का आयोर्न करने की परंपरा प्रारंभ करना

    1.7 शिक्षकों के साथ शकसी िाला िें बठैकर िाला को शवतररत शवशभन्न पुस्तकों का अध्ययन कर ऐसी सचूी तयैार करवाना शर्सिें शवशभन्न पाठों को पढाने िें सहयोर् देने वाले पुस्तकों की सचूी तयैार कर शवतररत करने की व्यवस्था करें । इस प्रशिया से आपको शवशभन्न शवषयों एवं शवशभन्न कक्षाओ ंहेतु पुस्तकालय िें उपलब्ि पुस्तकों की सचूी शिल सकेर्ी ।

    1.8 पररयोर्ना अवशि िें िालाओ ं के शलए शवशभन्न शदिाशनदेि एवं पत्र व्यवहार करें शर्नका उल्लेख ररपोटग िें भी हो ।

    1.9 अवकाि के दौरान पुस्तकों को बच्चों को घर पर पढने ले र्ाने की व्यवस्था की र्ाए ।

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    1.10 परेू पररयोर्ना के दौरान हुए अनुभव की शवस्ततृ ररपोटग एवं इन अनुभवों के आिार पर अपने शर्ले के अन्य िालाओ ं िें भी पुस्तकालयों के बेहतर संचालन हेतु कायगवाशहयााँ करें ।

    कायिक्रम स े अिके्षाएँ: इस कायगिि के िाध्यि से िालाओ ं िें उपलब्ि संसािन के बेहतर उपयोर्, पुस्तकालय हेतु िाशसक पत्र-पशत्रकाओ ं का चंदा शदलवाया र्ाना, पुस्तकालयों के सशिय उपयोर् को सुशनशित शकया र्ाएर्ा ।

    बजट: एक िाला रुपए 200/- के िान से कुल 50 िालाओ ंहेतु रुपए 10,000/- का प्राविान शकया र्ाता ह ै। इस राशि से इस पररयोर्ना प्रभारी के साथ साथ पररयोर्ना िें िाशिल िालाओ ंसे 5 कुिल स्त्रोत शिक्षक र्ो शवशभन्न िालाओ ंिें भ्रिण कर पुस्तकालय की शस्थशत सुिारने िें डाइट को सहयोर् देते हुए सतत ररपोशटिंर् कर सकें , के शलए यात्रा व्यय एवं िानदेय आशद का भुर्तान शकए र्ाने की व्यवस्था करें ।

    िावी कायिक्रम: डाइट को प्राि इस अनुभव के आिार पर संकुलों के िाध्यि से सभी िालाओ ं के पुस्तकालयों को सशिय शकए र्ाने की शदिा िें कायग शकया र्ा सकेर्ा । लाभाशन्वत िालाओ ं को अन्य शर्लों की टीि व्दारा अवलोकन करने की व्यवस्था की र्ाएर्ी । मॉपनटररंग़ इंपडकेटसि: िालाओ ं की सचूी एवं प्रारंशभक शस्थशत पर टीप/ िाशसक पत्र-पशत्रकाओ ंका सबशस्ि्िन/ कक्षावार एवं शवषयवार पुस्तकों की िशैपंर्/ इस पररयोर्ना के संबंि िें र्ारी शवशभन्न पत्र एवं िॉशनटररंर् ररपोटग/ बच्चों व्दारा पुस्तक चचाग एवं अन्य र्शतशवशियााँ ।

    2. िंचायतों में सपक्रय शाला प्रबंधन सपमपतयों का गठन:

    शिक्षा के अशिकार िें उशल्लशखत प्राविानों के आिार पर सभी िालाओ ं हेतु एक सशिय िाला प्रबंिन सशिशत का र्ठन होना ह ै और इनके िाध्यि से बहुत से कायग करवाए र्ाने हैं । आप इस हेतु अपनी योर्ना शियान्वयन करने के साथ साथ इन शबन्दुओ ंपर भी ध्यान देंरे्:

    2.1 इस पररयोर्ना हेतु 50 िालाओ ं का चयन । बेहतर होर्ा शक आप शवशभन्न पररयोर्नाओ ंहेतु उन्हीं 50 िालाओ ंको चुने ताशक एक साथ सभी पर शवकास, सुिार एवं नर्र रखी र्ा सके । 2.2 शनिागररत संख्या िें सशिय सदस्यों का चयन एवं उनको उनकी अपेशक्षत भशूिका से पररचय करवाना ।

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    2.3 इन सशिशतयों के िाध्यि से िालाओ ं के शलए िाला शवकास योर्ना का शनिागण । 2.4 सशिशत से सदस्यों का िाला सुिार हेतु सशिय सहयोर् ।

    कायिक्रम स ेअिके्षाएँ: इस कायगिि के िाध्यि से िालाओ ंिें सशिय िाला प्रबंिन सशिशत का र्ठन कर उनके िाध्यि से िाला सुिार हेतु शवशभन्न उपाय शकए र्ाएंरे् ।

    बजट: एक िाला रुपए 200/- के िान से कुल 50 िालाओ ंहेतु रुपए 10,000/- का प्राविान शकया र्ाता ह ै। इस राशि से इस पररयोर्ना प्रभारी के साथ साथ पररयोर्ना िें िाशिल िालाओ ंसे 5 कुिल स्त्रोत शिक्षक/ सिुदाय के सशिय सदस्य र्ो शवशभन्न िालाओ ं िें भ्रिण कर एवं सिुदाय से चचाग कर प्रबंिन सशिशत की भशूिका सुिारने िें डाइट को सहयोर् देते हुए सतत ररपोशटिंर् कर सकें , के शलए यात्रा व्यय एवं िानदेय आशद का भुर्तान शकए र्ाने की व्यवस्था करें ।

    िावी कायिक्रम: डाइट को प्राि इस अनुभव के आिार पर संकुलों के िाध्यि से सभी िालाओ ंिें शिक्षा के अशिकार के प्राविानों के अनुसार िाला प्रबंिन एवं शवकास सशिशतयों का र्ठन शकया र्ा सकेर्ा ।

    मॉपनटररंग़ इंपडकेटसि: िालाओ ं िें प्रबंिन सशिशत के सदस्यों की सचूी, प्रबंिन सशिशत के कायों –अपेक्षाओ ंके आिार पर उन्िुखीकरण हेतु प्रशिक्षण सािग्री, कुछ सफलता की कहाशनयााँ ।

    3. प्रथम कालखण्ड के पलए पनधािररत पवषयों का अध्यािन: राज्य िासन व्दारा िालाओ ंिें प्रथि कालखण्ड िें अध्ययन-अध्यापन हेतु कुछ शवशिि शवषयों के अध्यापन के शलए शदिाशनदेि र्ारी शकए र्ए हैं । इन शदिाशनदेिों के सही तरीके से पररपालन करवाने के उदे्दश्य से इस पररयोर्ना को शलया र्ाएर्ा । इसे डाइट के सभी संबंशित प्रभारी र्सेै योर्, र्ीवन शवद्या के व्याख्याता शनिागररत 50 िालाओ ंिें उन्िुखीकरण, शनयशित दौरा और सिय सिय पर शदिाशनदेि एवं सुिार के शलए प्रयास करें रे् ।

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    कायिक्रम स ेअिके्षाएँ: इस कायगिि के िाध्यि से िासन के शदिाशनदेि का चयशनत िालाओ ं िें बेहतर ढंर् से शियान्वयन कर सकें रे् । िालाओ ं की सतत िॉशनटररंर् हेतु सरल, सुर्ि एवं प्रभावी शसस्टि तयैार कर सकें रे् ।

    बजट: एक िाला रुपए 100/- के िान से कुल 50 िालाओ ं हेतु रुपए 5,000/- का प्राविान शकया र्ाता ह ै। इस राशि से इस पररयोर्ना प्रभारी के साथ साथ पररयोर्ना िें िाशिल िालाओ ंसे 5 कुिल स्त्रोत शिक्षक र्ो शवशभन्न िालाओ ंिें भ्रिण कर पुस्तकालय की शस्थशत सुिारने िें डाइट को सहयोर् देते हुए सतत ररपोशटिंर् कर सकें , के शलए यात्रा व्यय एवं िानदेय आशद का भुर्तान शकए र्ाने की व्यवस्था करें ।

    िावी कायिक्रम: डाइट को प्राि इस अनुभव के आिार पर संकुलों के िाध्यि से सभी िालाओ ं िें प्रथि कालखण्ड िें शनिागररत सािग्री को बेहतर ढंर् से पढाए र्ाने की व्यवस्था की र्ा सकेर्ी ।

    मॉपनटररंग़ इंपडकेटसि: िालाओ ं िें प्रबंिन सशिशत के सदस्यों की सचूी, प्रबंिन सशिशत के कायों –अपेक्षाओ ंके आिार पर उन्िुखीकरण हेतु प्रशिक्षण सािग्री, कुछ सफलता की कहाशनयााँ ।

    4. शालाओ/ं छात्रावासों में पवकलांग बच्चों को प्रवेश पदलाकर सहिापगता: शिक्षा के अशिकार के अंतर्गत सभी शवकलांर् बच्चों को शनयशित िालाओ ंिें सिेशकत शिक्षा शदलवाए र्ाने की व्यवस्था की र्ानी ह ै । इस हेतु आप अपने स्तर पर स्थानीय रूप से योर्ना बनाने के साथ साथ शनम्न शबन्दुओ ंपर भी ध्यान देंरे्: 4.1 शर्ले िें शवशभन्न प्रशिक्षणों िें उपशस्थत हो रहे शिक्षकों/ डाइट के शवद्याशथगयों के

    िाध्यि से उनके आसपास ऐसे बच्चों की र्ानकारी एकत्र करें र्ो शवकलांर् हैं और िाला नहीं र्ा पा रहे हैं ।

    4.2 शर्ला पररयोर्ना कायागलय, सिार् कल्याण शवभार् एवं अन्य संबंशित संस्थाओ ंके िाध्यि से िासन की शवशभन्न योर्नाओ ंकी र्ानकारी प्राि कर उनकी सहायता लेकर ऐसे बच्चों को लाभ पहुाँचाने की व्यवस्था करना ।

    4.3 शर्ले के शवशभन्न छात्रावासों िें ररि सीटों की शस्थशत की र्ानकारी प्राि करना और ऐसे सीटों के शलए इन बच्चों के प्रवेि हेतु पहल करना ।

    4.4 शवशभन्न शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान इस पररयोर्ना के प्रभारी को अलर् से कुछ सिय देकर शिक्षकों को इस िुदे्द पर संवेदनिील बनाना ।

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    4.5 शवशभन्न शिक्षा अशिकाररयों को इस कायग से र्ोडने हेतु बठैक एवं शनयशित शिलते हुए अपने शर्ले िें योर्ना का व्यापक प्रचार प्रसार ।

    4.6 ऐसे बच्चों के शलए उपलब्ि योर्नाओ ं एवं उपकरणों के बेहतर उपयोर् हेतु कायगनीशतयााँ तयैार कर लार् ूकरवाना ।

    4.7 शर्ले िें उपलब्ि शवशभन्न स्त्रोत संसािनों र्सेै िोबाइल ररसोसग शिक्षकों, प्रशिशक्षत शिक्षकों आशद की र्ानकारी एकशत्रत कर इनका बेहतर उपयोर् ।

    कायिक्रम स ेअिके्षाएँ: इस कायगिि के िाध्यि से शर्ले िें िाला से बाहर के शवकलांर् बच्चों को सिेशकत शिक्षा सुशविा शदलवाने एक िाहौल तयैार कर इनका शवशभन्न िालाओ,ं छात्रावासों िें प्रवेि शदलवाए र्ाने की व्यवस्था की र्ानी होर्ी । शवशभन्न योर्नाओ ं के बेहतर शियान्यवयन, उनका लाभ वास्तशवक शहतग्राशहयों को पहुाँचाने, उपलब्ि संसािनों के बेहतर उपयोर् हेतु एक उत्पे्ररक के रूप िें यह पररयोर्ना कायागशन्वत हो सकेर्ा । कि से कि 50 ऐसे बच्चों को प्रवेि शदलवाते हुए उनका प्रोफाइल तयैार कर उनके सतत शिक्षण की िॉशनटररंर् की र्ानी होर्ी ।

    बजट: इस पररयोर्ना हेतु कुल रुपए 10,000/- का प्राविान शकया र्ाता ह ै । इस राशि से इस पररयोर्ना प्रभारी के साथ साथ पररयोर्ना िें िाशिल शवशभन्न कुिल प्रशिशक्षत स्त्रोत व्यशियों का िानदेय, बच्चों को प्रवेि शदलवाने हेतु शकए र्ए यात्रा व्यय एवं शवशभन्न शवभार्ों, सािाशर्क संस्थाओ ंके साथ शिलकर योर्नाओ ं के लाभ, बच्चों को प्रवेि शदलवाने वालों को प्रोत्साशहत करने, प्रचार-प्रसार आशद िािलों िें व्यय शकया र्ा सकता ह ै। कि से कि 50 बच्चों का प्रवेि इस योर्ना के तहत शकया र्ाना होर्ा ।

    िावी कायिक्रम: डाइट को प्राि इस अनुभव के आिार पर आर्ािी वषों िें शवशिि आवश्यकताओ ं वाले बच्चों के शलए शवशभन्न योर्नाओ ं के शियान्वयन िें डाइट िहती भशूिका शनभा सकेर्ा ।

    मॉपनटररंग़ इंपडकेटसि: डाइट के प्रयास से ऐसे बच्चों के सिेशकत शिक्षा के शलए वातावरण शनिागण, अशिकाररयों का सेंशसटाइज़ेिन, लर्भर् 50 ऐसे बच्चों को शवशभन्न शवद्यालयों एवं छात्रावासों िें प्रवेि, उपलब्ि सािग्री, संसािनों का बेहतर उपयोर् ।

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    5. पवज्ञान प्रयोगों एवं पवज्ञान में रुपच िदैा करन े हते ु मोबाइल पवज्ञान स्त्रोत समूहों का गठन:

    र्त वषग राज्य िें पहली बार इंस्पायर नािक कायगिि िें सहभाशर्ता की र्ई । इस कायगिि के िाध्यि से बच्चों िें शवज्ञान शवषय के प्रशत रुशच बढाने का प्रयास शकया र्या । वतगिान िें हिारे शवज्ञान की पाठ्य-पुस्तकों िें बहुत से प्रयोर् शदए र्ए हैं परंतु उन्हें प्रायः कक्षाओ ंिें नहीं करवाया र्ाता । शवज्ञान शवषय िें शिक्षकों एवं बच्चों की रुशच िें शवकास हेतु आपके अपनी योर्ना के साथ साथ शनम्नशलशखत कायों को अपने शर्ले िें संपन्न करवाएाँ : 5.1 शर्ले िें शवकासखण्ड एवं संकुल सिन्वयकों के िाध्यि से 25 से 30 ऐसे

    शवज्ञान शिक्षकों की पहचान करें शर्न्हें शवज्ञान के प्रयोर्ों िें रुशच ह ैऔर उन्हें शवशभन्न प्रयोर्ों को करने एवं प्रदशिगत करने िें रुशच एवं संसािन उपलब्ि हैं ।

    5.2 इन शिक्षकों को डाइट िें पााँच शदनों के शलए िय सािग्री आिंशत्रत करें और कक्षा 1 से 5 एवं कक्षा 6 से 8 तक के शलए दो सिहू तयैार कर प्राथशिक एवं उच्च प्राथशिक कक्षाओ ं के पाठ्यपुस्तकों के आिार पर प्रयोर्ों की सचूी एवं शकट तयैार करें ।

    5.3 प्राथशिक एवं उच्च प्राथशिक स्तर के शलए अलर् अलर् स्त्रोत सिहू तयैार करें और सभी सिहू के शलए एक एक शकट तयैार कर उपलब्ि करवाएाँ ।

    5.4 शवशभन्न शवकासखण्डों/ संकुलों िें शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान इन स्त्रोत दल के िाध्यि से शवज्ञान के शवशभन्न प्रयोर् एवं रुशच शवकशसत करने हेतु शकट का प्रदिगन करने का अवसर देवें ।

    5.5 इन शकट का उपयोर् बच्चों के साथ भी करने हेतु के.र्ी.बी.व्ही. एवं छात्रावासों िें बच्चों के साथ इन शकट का उपयोर् करें ।

    5.6 िालाओ ंको उपलब्ि करवाए र्ए शवज्ञान शकट के उपयोर् हेतु प्रशिशक्षत करने एवं उपयोर् हेतु प्रोत्साशहत करने आवश्यक कायगवाही करें ।

    5.7 इन स्त्रोत दल को बच्चों को इंस्पायर अवाडग के शलए तयैार एवं प्रोत्साशहत करने हेतु सिय सिय पर शवशभन्न उत्तरदाशयत्व सौंपे ।

    5.8 परेू पररयोर्ना के दौरान हुए अनुभव की शवस्ततृ ररपोटग एवं इन अनुभवों के आिार पर अपने शर्ले िें अशिक से अशिक संख्या िें शिक्षकों को अपने अपने कक्षाओ ंिें शवज्ञान के प्रयोर्ों को करके शदखाने हेतु िाहौल तयैार करें ।

    कायिक्रम स े अिके्षाएँ: इस कायगिि के िाध्यि से िालाओ ं िें शवज्ञान के प्रयोर् करने, अशिक से अशिक नवाचारी प्रयोर् एवं िॉडल तयैार करने हेतु

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    प्रोत्साहन, इंस्पायर अवाडग हेतु नवाचारी सुझाव और अशिक से अशिक सहभाशर्ता ले सकें रे् ।

    बजट: इस कायगिि हेतु कुल रुपए 30,000/- का प्राविान शकया र्ाता ह ै। इस राशि से कुिल शवज्ञान शिक्षकों के साथ शकट शनिागण हेतु कायगिाला का आयोर्न, शकट शनिागण हेतु सािग्री, प्राथशिक एवं उच्च प्राथशिक स्तर के शलए अलर् अलर् दलों का र्ठन, िासकीय शनयिानुसार उनके िानदेय की व्यवस्था एवं यात्रा देयकों की व्यवस्था की र्ाए । यात्रा देयकों एवं िानदेय के शलए अशतररि राशि की आवश्यकता होने पर अन्य कायगििों र्सेै शिक्षक प्रशिक्षण, िॉशनटररंर् िद आशद से व्यवस्था कर इस कायगिि को आरे् बढाएाँ ।

    िावी कायिक्रम: डाइट को प्राि इस अनुभव के आिार पर राज्य स्तर पर एरु्सेट के िाध्यि से शनयशित रूप से ऐसे स्त्रोत दलों को अपने अपने शकट के प्रदिगन का िौका शदया र्ाएर्ा । नवीन प्रयोर्ों, शवचारों को िेयर करने हेतु शवशभन्न ्लेटफॉिग तयैार शकए र्ाएंरे् । बचपन-बालशित्र िें सरल शवज्ञान के प्रयोर्ों को िेयर शकया र्ाएर्ा ।

    मॉपनटररंग़ इंपडकेटसि: शवज्ञान के शलए इस प्रकार तयैार शवशभन्न स्त्रोत दलों की संख्या/ तयैार शकट की क्वाशलटी / शकट के साथ शवशभन्न के्षत्रों िें दलों के िाध्यि से शवशभन्न प्रशिक्षण कायगििों का आयोर्न/ अशिक से अशिक िालाओ ंिें शवज्ञान शिक्षण को रोचक बनाने हेतु की र्ा रही कायगवाशहयााँ एवं इंस्पायर अवाडग हेतु अशिक से अशिक नवाचारी नािांकन ।

    6. संकुल स्तर की बठैकों में अकादपमक इनिुट्स हते ुप्रावधान:

    सवग शिक्षा अशभयान के अंतर्गत 20 शदवसीय शिक्षक प्रशिक्षण िें से 10 शदवसीय शिक्षक प्रशिक्षण संकुल स्तर पर आयोशर्त शकए र्ाते हैं । इन बठैकों िें िुख्यतः एक संकुल के शवशभन्न शिक्षक अलर् अलर् सिहूों िें आकर आपसी चचाग, र्ानकाररयों का आदान-प्रदान आशद शकया करते हैं । इन बठैकों को नवाचारी ढंर् से आयोशर्त करते हुए प्रभावी बनाने के आवश्यकता ह ै। इस हेतु डाइट्स को कुछ संकुलों को र्ोद लेकर उनके बठैकों के आयोर्न की प्रशिया िें सुिार कर सतत सिीक्षा करनी होर्ी और एक बेहतर िॉडल के साथ सािने आना होर्ा । इस हेतु आपके अपने डाइट िें अकादशिक सदस्यों के साथ चचाग कर बे्रनस्टॉशििंर् के िाध्यि से कुछ संकुलों िें अलर् अलर् िॉडल संचाशलत करने होंरे् ।

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    6.1 शर्ले िें इस पररयोर्ना के शियान्वयन हेतु शर्ला पररयोर्ना कायागलय के साथ शिलकर कुछ संकुलों का चयन करें रे्।

    6.2 इन चयशनत संकुलों के सिन्वयकों के साथ बठैकर र्त छः िाहों िें संकुल स्तर पर आयोशर्त शकए र्ए िाशसक प्रशिक्षण सह सिीक्षा बठैकों का कायगवाही शववरण देखें और शिक्षकों से र्त छः िाहों िें हुए प्रशिक्षण के बारे िें र्ानकारी प्राि करें ।

    6.3 इस प्रकार प्राि र्ानकारी के आिार पर एक आिार पत्र बनाएाँ और अलर् अलर् संकुलों के शलए प्रशिक्षण आयोशर्त करने हेतु संबंशित संकुल सिन्वयकों और शर्ला पररयोर्ना कायागलय के साथ शिलकर अलर् अलर् िॉडल तयैार करें ।

    6.4 आर्ािी दो-तीन िाहों के शलए शवशभन्न िुद्दों पर डाइट की ओर से शिक्षक प्रशिक्षण सािग्री तयैार कर संबंशित सिन्वयकों को उन्िुखीकृत करें ।

    6.5 प्रशिक्षण उपरांत िालाओ ं िें प्रशिक्षण उपरांत र्ो बातें होते हुई शदखाई देनी चाशहए, उन िुद्दों को िाला िें होते हुए देखने एवं आवश्यक अकादशिक

    सहयोर् करने हेतु सिन्वयकों को प्रोत्साशहत करें । (Return on Training Investment)

    6.6 प्राथशिक एवं उच्च प्राथशिक स्तर के शलए संकुल स्तरीय िाशसक बठैकों के अलर् अलर् शतशथयााँ अथवा शदन शनिागररत करें और संकुल के सभी शिक्षकों की उपशस्थशत शबना िाला बंद शकए आयोशर्त शकया र्ाना सुशनशित करें ।

    6.7 संकुल की बठैकों हेतु सिय साररणी शनिागररत करते हुए सभी शिक्षकों का सिय पर आना और रु्णवत्ता सुिार हेतु चचाग एवं कायगवाही शकए र्ाने पर र्ोर देवें ।

    6.8 सचूना संकलन एवं र्ानकाररयों के आदान-प्रदान की व्यवस्था को कि से कि करते हुए व्यवशस्थत करवाने का प्रयास करें ।

    6.9 परेू पररयोर्ना के दौरान हुए अनुभव की शवस्ततृ ररपोटग एवं इन अनुभवों के आिार पर अपने शर्ले िें संकुल स्तरीय िाशसक बठैकों के आयोर्न हेतु बेहतर शदिाशनदेि शर्ला पररयोर्ना कायागलय के िाध्यि से र्ारी करवाएाँ ।

    कायिक्रम स े अिके्षाएँ: इस कायगिि के िाध्यि से शर्ले िें संकुल स्तरीय बठैकों को प्रभावी बनाने हेतु नवीन िॉडल सािने लाए र्ाएंरे् । इस आिार पर संकुल स्तरीय बठैकोंके स्वरूप िें पररवतगन हेतु आवश्यक शदिाशनदेि प्रसाररत शकए र्ाएंरे् ।

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    बजट: इस कायगिि हेतु कुल रुपए 10,000/- का प्राविान शकया र्ाता ह ै। इस राशि से संकुल स्तरीय बठैकों की सिीक्षा, कायगिि प्रभारी के िानदेय, संकुल सिन्वयकों के प्रशिक्षण हेतु तयैारी एवं संदशिगका, प्रशिक्षण कायगिि एवं संकुल बठैकों िें स्त्रोत व्यशियों के दौरों के अलावा परेू कायगिि की ररपोटग शलखने हेतु बर्ट प्राविान करें ।

    िावी कायिक्रम: डाइट िे िाध्यि से शर्ले के संकुल स्तरीय बठैकों िें सुिार लाने हेतु शवशभन्न िॉडल का के्षत्र परीक्षण कर बेहतर िॉडल्स को शर्ले िें अपनाए र्ाने हेतु आवश्यक कायगवाही की र्ाएर्ी । प्रशिक्षण के बाद फॉलो अप और कक्षा िें उपयोर् को सुशनशित करने सिन्वयकों को िाला भ्रिण एवं अकादशिक सिथगन देने हेतु िाहौल बनाया र्ाएर्ा ।

    मॉपनटररंग़ इंपडकेटसि: संकुल स्तरीय वतगिान बठैकों के संबंि िें एक ररपोटग, प्रस्ताशवत िॉडल्स हेतु आिार पत्र, बठैकों के आयोर्न हेतु शदिाशनदेि एवं उनके पररपालन हेतु की र्ई शवशभन्न कायगवाशहयों की ररपोटग के अलावा शर्ले िें इन बठैकों के स्वरूप िें लाए र्ए पररवतगन एवं उनके शियान्वयन की सिीक्षा ।

    7. शहरी बपस्तयों के समीि की शालाओ ंमें सपेनटशेन आधाररत प्रपशक्षण: िालेय स्वास््य एवं स्वच्छता की र्ानकारी लेने एवं प्रशिशक्षत शकए र्ाने हेतु राज्य िें बाह्य एर्ेंसी के िाध्यि से एक अध्ययन करवाया र्या था । राज्य िें सभी शर्लों िें बाह्य एर्ेंसी के िाध्यि से 2-3 वषग पवूग सेशनटेिन पर आिाररत प्रशिक्षण चंपारण िें आयोशर्त शकया र्या था । इन प्रशिशक्षत स्त्रोत व्यशियों के िाध्यि से शर्ले िें शिक्षक प्रशिक्षण आयोशर्त शकए र्ए थे । इनिें से कुछ कुिल स्त्रोत व्यशियों की पह्चान कर उनके िाध्यि से िहरी झुग्र्ी-झोपशडय़ों के सिीप शस्थत िालाओ ं िें बच्चों को िालेय स्वास््य एवं स्वच्छता संबंिी दो शदवसीय प्रशिक्षण शिक्षकों, बच्चों एवं सिुदाय को शदए र्ाने की व्यवस्था की र्ाए ।

    7.1 शर्ला पररयोर्ना कायागलय िें ए.पी.सी. प्रशिक्षण से चचाग कर सेशनटेिन आिाररत स्त्रोत व्यशियों की सचूी प्राि कर उनिें से िहरी के्षत्रों िें प्रशिक्षण देने कुिल स्त्रोत व्यशियों की पहचान करें ।

    7.2 िहरी के्षत्रों िें स्लि एररया के आसपास शस्थत िालाओ ंकी पहचान कर उनिें शविेष प्रशिकं्षण की व्यवस्था हेतु योर्ना तयैार करें ।

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    7.3 इन िालाओ ं िें स्वास््य, स्वच््ता एवं सिुदाय िें इनसे संबंशित िुद्दों पर आवश्यकताओ ं के अध्ययन हेतु फोकस गु्रप चचाग, प्रत्यक्ष अवलोकन, िशैपंर् र्शतशवशियााँ करवाएाँ । इस कायग िें डाइट के कायगिि प्रभारी एवं चयशनत स्त्रोत व्यशि भार्ीदारी लेते हुए स्लि एररया एवं िालाओ ंका कि से कि 2 शदनों तक सघन दौरा करें ।

    7.4 स्त्रोत व्यशियों के साथ शिलकर बच्चों, शिक्षकों एवं सिुदाय आशद के शलए दो शदवसीय प्रशिक्षण पकेैर् तयैार करें ।

    7.5 प्रशिक्षण के दौरान यशद आवश्यक हो तो र्न-सहयोर् एवं िाला िें उपलब्ि राशि से सोक-शपट तयैार करवाएाँ ।

    7.6 िाला के शलए साबुन, बाल्टी एवं अन्य आवश्यक सािग्री का िय भी प्रशिक्षण के दौरान करवाएाँ ।

    7.7 िाला िें िौचालय एवं सिुदाय के शलए अन्य सुशविाओ ं हेतु आवश्यक िांर् एवं पत्र-व्यवहार करने िें सहयोर् देते हुए शवशभन्न योर्नाओ ं की भी र्ानकारी देवें ।

    7.8 रं्दर्ी से फैलने वाले बीिाररयों, उनसे बचाव के उपाय, स्वच्छ पेयर्ल, पानी को साफ रखने के तरीकों, सही तरीके से हाथ िोने, खुले िें िौच के नुकसान र्सेै शवशभन्न िुद्दों पर र्ानकारी तयैार कर िेयर करें ।

    7.9 परेू पररयोर्ना के दौरान हुए अनुभव की शवस्ततृ ररपोटग एवं इन अनुभवों के आिार पर अपने शर्ले िें अशिक से अशिक संख्या िें िालाओ ंिें इस प्रकार के प्रशिक्षण शदलवाए र्ाने हेतु आवश्यकताओ ं का आाँकलन कर आवश्यक कायगवाही करें ।

    कायिक्रम स े अिके्षाएँ: इस कायगिि के िाध्यि से िहरी के्षत्रों की कि से कि 5 बशस्तयों एवं िालाओ,ं शिक्षकों, बच्चों एवं सिुदाय िें स्वास््य एवं स्वच््ता संबंिी शवशभन्न अच्छी आदतों की र्ानकारी देते हुए उनका पालन करवाए र्ाने की व्यवस्था करें ।

    बजट: इस कायगिि हेतु कुल रुपए 5,000/- का प्राविान शकया र्ाता ह ै। इस िद से स्त्रोत शिक्षकों का िानदेय, िहरी झुग्र्ी –झोपशडयों के भ्रिण, आवश्यकताओ ं के आाँकलन, स्त्रोत व्यशियों का यात्रा भत्ता, नवीन सािग्री शनिागण एवं ररपोटग लेखन पर व्यय शकया र्ाए ।

    िावी कायिक्रम: डाइट को प्राि इस अनुभव के आिार पर िालाओ ंिें स्वास््य एवं स्वच््ता संबंिी शस्थशत की र्ानकारी लेकर भावी कायगििों के शलए योर्ना तयैार करें ।

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    मॉपनटररंग़ इंपडकेटसि: पवूग िें प्रशिशक्षत कुिल स्त्रोत व्यशि, स्लि एररया िें आवश्यकताओ ंके आंकलन की ररपोटग, प्रशिक्षण सािग्री शनिागण, िालाओ ंिें शवशभन्न आवश्यक सािग्री की उपलब्िता, सोक शपट शनिागण, परेू कायगिि की ररपोटग के आिार पर भावी कायगिि ।

    8. शालाओ ंमें कला पशक्षण की व्यवस्था: शिक्षा के अशिकार काननू िें बच्चों को कला शिक्षण की व्यवस्था करवाए र्ाने के शनदेि हैं । हिारे र्ााँवों िें अलर् अलर् शविाओ ंिें लोक-कलाकार िौर्दू हैं शर्न्हें हि िालाओ ं से सीिे सीिे र्ोडते हुए स्थानीय कलाओ ं को प्रोत्साशहत करने के साथ साथ बच्चों को अपनी संस्कृशत के सिीप ला सकते हैं । 8.1 शर्ले िें कुछ कुिल लोक कलाकारों का चयन करें र्ो अपने आसपास

    िालाओ ंिें बच्चों को अपनी लोक कला का प्रदिगन एवं शसखाने का काि कर सकते हैं ।

    8.2 इन लोक कलाकारों के साथ चचाग कर उनके व्दारा बच्चों को शसखाने हेतु कुल आवश्यक कायगशदवस, सािग्री एवं िानदेय आशद का शनिागरण करें ।

    8.3 िाला िें बच्चों, शिक्षकों एवं सिुदाय के साथ चचाग कर परेू कायगिि हेतु सिय एवं अन्य िुद्दों पर व्यवस्थाएाँ शनिागररत करें ।

    8.4 बच्चों के स्तर अनुरूप कला के के्षत्र र्सेै लोक र्ीत, नतृ्य, प्रहसन, स्थानीय वाद्य यंत्र बर्ाना, शचत्रकारी, िशूतग, बााँस के कायग, कपडों पर कायग एवं अन्य शवशभन्न कौिलों की प्रारंशभक सिझ के शलए स्थानीय रूप से उपलब्ि संसािनों के आिार पर के्षत्र शनिागररत शकए र्ा सकते हैं ।

    8.5 छात्रावासों िें ऐसे कौिलों के शवकास को प्राथशिकता दी र्ा सकती ह ैताशक उनको उपलब्ि खाली सिय का रचनात्िक उपयोर् शकया र्ा सके ।

    8.6 परेू कायगिि का दस्तावेर्ीकरण शकया र्ाए शर्सिे बच्चे, सिुदाय एवं कलाकारों के शवचार एवं सुझाव भी शलए र्ाएाँ ।

    8.7 आवश्यकता पडने पर िाला िें उपलब्ि अनुदान का उपयोर् शकया र्ाए । र्सेै यशद आप िाला िें एक शविेष बणै्ड की स्थापना करने र्ा रहे हैं और इस हेतु आपको स्थानीय तौर पर कुछ वाद्य यंत्रों की आवश्यकता ह ैतो उसे िाला की ओर से उपलब्ि करवाया र्ाए ।

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    कायिक्रम स ेअिके्षाएँ: इस कायगिि के िाध्यि से कि से कि 10 िालाओ/ं छात्रावासों िें कला शिक्षण हेतु सघन प्रशिक्षण देते हुए बच्चों को उन पर अभ्यास के शलए आवश्यक सुशविाएाँ दी र्ाएंर्ी ।

    बजट: इस कायगिि हेतु कुल रुपए 10,000/- का प्राविान शकया र्ाता ह ै। इस राशि से कुिल कलाकारों का िानदेय, आवश्यक सािग्री की व्यवस्था, भ्रिण, ररपोटग लेखन आशद पर व्यय शकया र्ाए ।

    िावी कायिक्रम: डाइट को प्राि इस अनुभव के आिार पर शर्ले की अन्य िालाओ ंिें कला शिक्षण के शलए आवश्यक सुझाव एवं व्यवस्थाएाँ की र्ाए । एरु्सेट के िाध्यि से इन अनुभवों को िेयर शकया र्ाए ।

    मॉपनटररंग़ इंपडकेटसि: कला के शवशभन्न के्षत्र एवं कलाकारों का चयन, िालाओ ं िें शिक्षण के कुल कायगशदवस, बच्चों िें शवकशसत शवशभन्न कौिल, कायगिि के स्थाशयत्व एवं सतत शवकास हेतु शकए र्ए शवशभन्न प्रयास आशद ।