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उम -मोमनीन सैयिदा जैनब बते जहश रजजिलाह अहा ] fgUnh & Hindi & [ ودي يlkbV jlwyq Yykg la 'kks/ku o 'kq)hdj.k% vrkmjZgeku ft+;kmYykg 2012 - 1433

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उममल-मोममनीन सयिदा जनब बबनत जहश

रजजिललाह अनहा

] fgUnh & Hindi & يودي ]

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2012 - 1433

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﴾ هن رضي اللهجحش بنت زينبالسيدة أم المؤموين ﴿

« الهوديةباللغة »

صلى الله هليه وسلمالله رسول نصرة موقع

عطاء الرحمن ضياء ا: مراجعة و تصحيح

2012 – 1433

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eSa vfr esgjcku vkSj n;kyq vYykg ds uke ls vkjEHk djrk gw¡A ذ با من شرور أهفسوا، وسيئات إن الحمد نحمده ونستعيوى ونستغفره، وهع

:دل له، ومن يضلل فلا يادي له، وبعأعمالنا، من يده ا فلا مض

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उममल-मोममनीन जनब बबनत जहश रजजिललाह अनहा

जनफ बफनत जहश यजजमलराह अनहा कयश क ऊच खानदान की

भहहरा थ ी, इसराभ न उनकी आतभा को शदध कय हदमा था, औय

उनक हदम को अऩन परकाश औय चभक स योशन कय हदमा था,

औय उनह धभमननषठा व ईशबम औय शशषटाचाय स ससजजजत कय

हदमा था। इसक कायण वह छऩ हई फहभलम औय अनठी

भोनतमो भ स एक भोत हो गई। वह सीमभ, ईशबम, उदायता

औय दान कयन भ दननमा की भहहराओी की नानमकाओी भ स

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एक नानमका सभझ जात ह, तथा वह ऩगीफय सलरलराह अरहह

व सलरभ स शादी की वजह स ववशवाशसमो की एक भा फन

गई, औय जजस फात न उनकी परनतषठा औय भान-समभान को

फढा हदमा औय इनतहासकायो क महा जभान बय क शरए उनक

चच को आभ कय हदमा, वह उनकी शादी की कहान का ऩववतर

कआमन भ उलरख ह, औय उनहीी की वजह स हहजाफ की आमत

उतयी, जजसन इफादतगाहो भ उनक सथान को ऊचा कय हदमा

औय उनक ऩद को फरीद कय हदमा। वह अलराह को फहत माद

कयनवारी औय सहनश र थ ी, वह हदन भ योजा यखत थ ी औय

यात भ नभाज ऩढत थ ी, वह एक उदाय व दानश र हाथ की

भाशरक थ ी, उनक ऩास जो कछ ब होता उस दान कय दत थ ी

उसभ की जस स काभ नहीी रत थ ी, तथा गयीफो औय

जरयतभीदो की सहामता कयन स कब ऩ छ नहीी हटत थ ी, महा

तक कक वह दानश रता, उदायता औय शशषटाचाय का एक फडा

उदाहयण फन गई, उनकी उदायता क कायण उनको कई उऩाधधमा

शभरीी, जस : “उमभर-भसाकीन” (अथामत गयीफो की भा), औय

“भपजउर-ऐताभ” (अथामत अनाथो का सहाया) औय “भरजउर-

अयाशभर” (अथामत ववधवाओी का ऩरयशरम)। वासतव भ वह अचछ

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काभो भ फहत आग यहनवारी भहहरा थ ी, हभाय इसराभ

इनतहास भ उनकी एक सगीधधत ज वन चरयतर ह, इस परकाय

जनफ यजजमलराह अनहा की ज वन परतमक भजसरभ भहहरा क

शरए एक भहान उदाहयण ह, जजस उनक ऊच शशषटाचाय औय

न नत का अनकयण कयना चाहहए, उनक तयीक औय यासत ऩय

चरना चाहहए, ताकक इसक कायणवश उस अलराह सवमशजततभान

की परसननता औय उसक ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ की

परसननता परापत हो।

उनका नाम और वशः

उनका नाभ व नसफ इस तयह ह : जनफ बफनत जहश बफन

रयमाफ बफन माभय बफन भयमह बफन कस य बफन गनभ बफन दौयान

बफन असद बफन खजभा, औय उनकी कजननमत “उमभर-हकभ”

ह। उनक भाभओी भ हमजा बफन अबदर भततशरफ ह, जजनह

उहद की रडाई भ “असदलराह” (मान अलराह का शय) औय

“सनमदश-शहदा” (मान शहीदो का सयदाय) का खखताफ (उऩाधध)

शभरा, इस तयह उनक भाभओी भ अबफास बफन अबदर

भततशरफ ब ह, जो भस फतो क सभम भ अऩना धन खचम कयन

औय दान कयन भ फहत भशहय थ, औय उनकी भौस (खारा)

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ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ क हवायी जफय बफन अववाभ

अर-असदी की भा सकपयमा बफनत अबदर भततशरफ हाशशभ थ ी,

औय उनक दो बाई थ : उनभ स एक अबद बफन जहश अर-

असदी ह जजनक शरए इसराभ भ सफ स ऩहरा झीडा फाधा गमा

था औय वह शहीदो भ शाशभर थ, औय दसय बाई अफ अहभद

अबद बफन जहश अर-आभा थ, जो ऩहर ऩहर इसराभ

रानवारो भ स औय भदीना की ओय हहजरत कयनवारो भ स थ।

औय उनकी दो फहन थ ी : उभभा बफनत अबदर भततशरफ जो

ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ की पपी थ ी, औय दसयी

फहन हमना बफनत जहश, जो ऩहर ऩहर ईभान रानवारो भ

शाशभर थ ी। “सनमदा जनफ - यजजमलराह अनहा - हहजरत स त स

सार ऩहर भतका भकयमभा भ ऩदा हई थ ी”, औय मह ब कहा

गमा ह कक “वह हहजरत स १७ सार ऩहर ऩदा हई थ ी।”

जनफ यजजमलराह अनहा का ऩारन ऩोषण, परनतषठा औय हसफ व

नसफ (करीन वीश) वार घयान भ हआ था, उनह अऩन वीश का

एहसास था, औय अऩन ऩरयवाय की परनतषठा ऩय उनह गवम ब

था, वह एक फाय फोरीी : भ अबद शमस क फटो की सयदाय ह।

उनका इसलाम सवीकार करनाः

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जनफ यजजमलराह अनहा उन भहहराओी भ शाशभर थ ी जजनहो न

इसराभ भ परवश कयन भ श घरता की, वह अऩन स न भ एक

शदध (साप सथया) औय अलराह व यसर क शरए भजलरस

(ननसवाथम) हदर यखत थ ी, अतएव उनहो न अऩन इसराभ भ

ब इलरास (ननसवाथमता) का परदशमन ककमा, वह अऩन धभम भ

ऩतकी औय सचच थ ी, उनहो न कयश की मातना औय उतऩ डन

को सहन ककमा महा तक कक अऩन हहजरत कयन वार बाईमो

क साथ भदीना की तयप हहजरत की, अनसाय न उन रोगो का

समभान ककमा, अऩन घयो को उनक साथ साझा ककमा औय

अऩना आधा धन औय घय उनह परदान कय हदमा।

उनक मशषटाचार और सतिकममः

उमभर भोशभन न सनमदा जनफ यजजमलराह अनहा एक भहान व

सवोचच ऩद स उतकषट थ ी, खासकय जफ वह ऩगीफय सलरलराह

अरहह व सलरभ की ऩतन औय ववशवाशसमो की भा फन गई।

वह एक अधधक स अधधक नभाज ऩढनवारी औय योजा

यखनवारी ऩन त भहहरा थ ी, उनक ऩास जो कछ ब होता था

उस गयीफो, जरयतभीदो औय दरयदरो ऩय दान कय दत थ ी, वह

दसतकायी कयत ी, खार (चभड) ऩकात ी औय शसराई कयत ी औय

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जो कछ फनात थ ी उस फच दत ी औय उस स शभरन वार ऩसो

को दान कय दत थ ी, वह एक ईभानदाय, सीमभ औय रयशतदायो

क साथ सदववमवहाय कयन वारी ववशवास भहहरा थ ी।

जनब बबनत जहश रजजिललाह अनहा की उदारता और उनका

ददल खोल कर खचम करनाः

हभ कई ऐस उदाहयण शभरत ह जो जनफ बफनत जहश

यजजमलराह अनहा क वमाऩक अनदान क सा ह, औय उनकी

उदायता औय दानश रता की ऩजषट कयत ह, जो वह गयीफो ऩय

बफना ककसा स भा क खचम कयत थ ी, इस ववषम भ फखायी औय

भजसरभ न उलरख ककमा ह – औय महा ऩय इभाभ भजसरभ क

शबद उजलरखखत ह – कक आमशा यजजमलराह अनहा स वखणमत ह,

वह कहत ह कक : ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ न

फयभामा: “तभ भ सफ स ऩहर (भय ननधन क फाद) भझ स

शभरन वारी वह होग , जो तमहाय फ च सफस रीफ हाथो वारी

ह।” वह कहत ह, इसक फाद ऩगीफय सलरलराह अरहह व

सलरभ की ऩववतर ऩजतनमा आऩस भ एक दसय क हाथो को नाऩ

कय दखत थ ी औय कपय तरना कयत थ ी कक सफ स रीफ हाथ

ककसक ह, वह कहत ह, औय हभ भ सफस रीफ हाथ जनफ क

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ही थ, तमोकक वह अऩन हाथ स काभ कयत थ ी औय उस दान

कय दत थ ी।

औय एक दसयी रयवामत भ ह, आमशा यजजमलराह अनहा कहत

ह : ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ क ननधन क फाद जफ

हभ ककस क घय भ जभा होत थ तो दीवाय की ओय हभ अऩन

अऩन हाथो को रीफा कयक दखत थ कक सफस रीफा हाथ ककसका

ह l हभ इस तयह कयक दखत यह महा तक कक जनफ बफनत

जहश यजजमलराह अनहा का ननधन हो गमा, वह एक छोट कद

की औयत थ ी, वह हभ भ सफ स रीफ तो नहीी थ ी। तो हभ उस

सभम ऩता चरा कक ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ का

भतरफ सदका व खयात भ रीफ हाथ स था, औय जनफ

यजजमलराह अनहा दसतकायी भ भाहहय भहहरा थ ी, वह खार

ऩकात ी औय शसराई कयत थ ी औय जो कछ कभात थ ी उस

अलराह क यासत भ दान कय दत थ ी।

आमशा यजजमलराह अनहा कहत ह : जनफ यजजमलराह अनहा

सत कातत थ ी, औय उस नफ सलरलराह अरहह व सलरभ क

पौज दसतो को दत थ ी, जजसस व शसराई कयत औय अऩन

जीगो भ उसस भदद रत थ।

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उनकी उदायता औय दानश रता का एक अनम उदाहयण वह ह

जजस फजाम बफनत यापअ न उलरख ककमा ह, वह कहत ह : जफ

सयकायी वतन जायी हआ, तो उभय यजजमलराह अनह न जनफ

यजजमलराह अनहा क ऩास उनका हहससा शबजवामा, जफ वह

उनक ऩास रामा गमा तो वह फोरीी : अलराह उभय बफन

खतताफ को भा कय, भयी दसयी फहन इसको फाटन ऩय भझस

अधधक शजततशारी थ ी, तो रोगो न कहा : मह सफ आऩक शरए

ह, तो उनहो न कहा “सफहानलराह” (अलराह की ऩववतरता ह)

औय वह उसस एक कऩड स ऩदाम कयक फोरीी, उस उीडर दो

औक उसक ऊऩय एक कऩडा डार दो, कपय भझस फोरीी : उसभ

अऩन दोनो हाथो को डारो औय बय कय र रो औय उस र

जाकय इनको औय इनको, जो उनक रयशतदायो भ स थ औय

उनक ऩास अनाथ थ, द दो। इस तयह उनहोन उस वहीी फाट

हदमा महा तक कक उस भ स कछ कऩड क न च फाकी फचा, तो

फजाम न उनस कहा : ह भोशभनो की भा ! अलराह आऩको भाप

कय, अलराह की कसभ, इस धन भ हभाया ब कछ हक होता

था, तो जनफ यजजमलराह अनहा न कहा अफ जो कछ कऩड क

न च ह वह तमहाया ह, तो हभ उस कऩड क न च ५८० हदहमभ

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शभर, इसक फाद उनहो न अऩन हाथ को आकाश की ओय

उठाकय मह दआ की : ऐ अलराह, इस सार क फाद उभय का

अनदान भझ न ऩहीच।

आमशा यजजमलराह अनहा स वखणमत ह, वह कहत ह : जनफ

बफनत जहश ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ क ननकट

सथान औय दज भ भझस भकाफरा कयत थ ी, भ न धभम क

भाभर (धभमननषठा) भ जनफ स फढकय अचछी औयत ककस को

नहीी दखा, सफस अधधक अलराह स डयन वारी, सफस अधधक

सच फोरन वारी, सफस अधधक रयशतदायी को ननबान वारी औय

सफस अधधक दान कयन वारी, अलराह उनस खश हो।”

अबदलरा बफन शदाद स वखणमत ह कक ऩगीफय सलरलराह अरहह

व सलरभ न उभय यजजमलराह अनह स कहा : “ननसीदह जनफ

बफनत जहश “अववाहा” (अथामत अलराह क साभन ववनमरता कयन

वारी) ह, इस ऩय आऩस ऩछा गमा : “अववाहा” का भतरफ तमा

हॽ तो आऩ न पयभामा : (अलराह क साभन) फहत योन-धोन

वारी ववनमरता औय ववन तता कयन वारी” जसा कक कआमन भ

इबराहीभ अरहहससराभ क ववषम भ आमा ह :

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﴾ابراهيم لحليم أواه منيب إن﴿

“ननसीदह इबराहीभ फड ही सहनश र, ववनमर, हभायी ओय

ऩरटनवार थ।”

आमशा यजजमलराह अनहा न उनक ववषम भ पयभामा :

“ननसीदह शराघन म शशषटाचाय वारी, इफादत गजाय औय अनाथो

तथा ववधवाओी का सहाया दननमा स चर फस ी।”

तथा इबन सअद न कहा : जनफ बफनत जहश यजजमलराह अनहा

न दीनाय छोडा न हदहमभ, फजलक उनक ऩास जो कछ ब होता

था उस दान कय दत थ ी, वह फसहायो का सहाया थ ी।”

जनब रजजिललाह अनहा और हदीस की ररवाितः

सनमदा जनफ यजजमलराह अनहा उन भहहराओी भ शाशभर थ ी

जजनहोन ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ की हदीस माद कीी

थ ी औय उनस हदीस रयवामत की गई।

जनफ यजजमलराह अनहा न ११ हदीस रयवामत की ह, जजनभ स

दो हदीसो ऩय फखायी औय भजसरभ सहभत ह। उनस कई सहाफा

न हदीस रयवामत की ह, उनभ स : उनक बत ज भहमभद बफन

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अबदलराह बफन जहश, औय काशसभ बफन भहमभद बफन अफ-फकर,

औय उनक आजाद ककम हए गराभ भजकय ह। तथा फहत स

सहाबफमात (भहहराओी) न ब उनस हदीस रयवामत की ह जजनभ

स कछ क नाभ इस तयह ह : जनफ बफनत अफ सरभा औय

उनकी भा उमभर भोशभन न उमभ सरभा, उमभर भोशभन न

यभरा बफनत अफ सफमान जजनको उमभ हफ फा ब कहा जाता

ह, औय उमभ करसभ बफनत भसतशरक।

उनस वखणमत हदीसो भ स एक मह ह, जनफ यजजमलराह अनहा

कहत ह, भ ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ की ऩतन

उमभ हफ फा क ऩास आई, जफ उनक वऩता अफ सफमान बफन

हफम का ननधन हआ था, तो उमभ हफ फा न खरक नाभ मा

कोई अनम खशफ भीगाई जजसभ ऩ रीऩन था, औय एक रडकी

को उसभ स रगाई औय कपय अऩन गारो ऩय भर रीी, औय

फोरीी, अलराह की कसभ भझ खशफ की कोई जरयत नहीी ह,

रककन भ ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ को पयभात हए

सन ह कक : “जो भहहरा अलराह औय आखखयत क हदन ऩय

ववशवास यखत ह, उसक शरए मह जामज नहीी ह कक ककस

भतक ऩय त न यात स अधधक शोक कय, शसवाम ऩनत क जजस

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ऩय चाय भहीन दस हदन शोक कयग ।” मह हदीस उमभ हफ फा

यभरा बफनत अफ-सफमान स कधथत ह औय सही ह, इस फखायी

न उलरख ककमा ह, दखखए अर-जाशभउससहीह, हदीस नीफय

५३३४.

तथा फखायी दववाया वखणमत दसयी हदीस मह ह कक उमभ हफ फा

बफनत अफ सपमान न जनफ बफनत जहश स रयवामत ककमा कक

ऩगीफय सलरलराह अरहह व सलरभ एक फाय उनक ऩास घफयाए

हए आए औय कह यह थ : “अलराह क शसवा कोई ऩजम नहीी,

अयफो क शरए खयाफ ह उस फयाई स जो नजदीक आ चकी ह,

माजज औय भाजज क फाध भ स इतना खर चका ह”, औय

आऩ न शहादत की उीगरी औय अीगठ स एक गोर घया फनामा।

जनफ बफनत जहश कहत ह, इस ऩय भ न ऩछा ऐ अलराह क

ईशदत ! तमा हभ नषट कय हदए जामग जफकक हभाय फ च नक

रोग उऩजसथनत हॽ तो आऩ न पयभामा : हा, जफ फयाई अधधक

हो जामग ।”

मह हदीस जनफ बफनत जहश स कधथत ह औय सही ह, इस

फखायी न उलरख ककमा ह, दखखए अर-जाशभउससहीह, हदीस

नीफय ३३४६.