KP NIYAM

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सस. सस. सससससस ससससस सससस . सससससस स ससससससससस ससससससससस ससससस सससस ससससस सससस ससससससस सससससस ससस सस सससस सससससस ससस सससस ससससस ससससस ससससस ससस सससससस सससस सस सससससस सससस सससस .स सससस स ससससस ससससस ससससस सससस सससससस ससस सस ससससस सस ससससस ससससस सससस स सससस सससस ससससस सससस सस ससससस सससससस ससस सससस ससस ससससt ससससस .ससससस सस सससस सस सस ससससस ससससस सससस सस ससस ससससस सससससस ससस सससस ससस सससससस ससस ससस सस सस सस सससससस ससस ससससस सस सस ससस ससस सससस सससससस ससससस ससससस ससस सस ससससस ससस ससससस सससस सस. ससससस सससससससस ससससस ससस ससससस ससस ससस सससससस सससससस ससससससससस ससस सस ससस सससससस सससस सससस ससस .सस ससस सससस ससससस सससससस ससस सससससससस ससससससस सस सससस सस सस सससससस सस सससससससस ससस सससस सस ससस सससस सससस ससससस सससससससस सससससससस ससस ससस ससस सससससस सससस ससस .सससससस ससससस सससस सस ससससस सस ससससस सस सससससससस सससससस ससस ससस सससस सससससस सससससस ससससस ससससस सससस सससस सससससस सससससस सससससस सससससससस ससस सससस .सससससस सससस ससससससससस ससससस ससससससससससससस सससससस सस ससससस .:सस ससस सससस सससससससस ससससससससस सससस ससससससस स सससससस सससससससससससससससस ससससस ससस ससससससससस ससस ससससस सससससस सससससस सससस. ससससस सससससस ससससससससस सससससस सस,स सस ससससससससस ससससससस ससस सससससस सससससससस सससस १२ ससससससस सससससस ससससस सससससससससस ससससससससस ससस ससस. सस ससससससससस सससससस सस ११ सससस सस ससससससससससस ससससस सससससस सससससससस सससससससस ससससस सस ससस ससस ससस सस ससससससस सससससससस सस ससससससस सससससस ससससस सस सस सस सस ससससस ससससस ससससस ससस सससस सस स ११ सससससस ससस सससससससस सससससस सससस. सस ससससससससससससससस सससससससस सससस ससस सससससस सस ससससस सससससस ससससससस ससससस .सससस सससससस स सससससससस सससस सस ससससस सससस सससससस ससस ससससससससससस ससससस "ससससस ससस ससस "ससससस सससस ससस ससससस सससस सससस ससससससससससस सससससस स सससससस ससससस ,सससससस सससस ससससस . ससससससससससस ससससस ससससससस ससस ससससस सससस. ससससससससस ससससससस ससससस. ससस ससस ससस सस सससस सससस ससससससससससस ससससससस ससससस सससस ससस. सससस सससस सस सससस सससस ससस. सस सससस सससससससस ससससससससस सससससस ससससस १२ ,ससस ,सससस सससस ससससससस सससस सस सससससस सससससससस सससस सससस. सस ससससससससस सससससस ससससस सससससससससस ससससस ससससससससस ससस ,सससससससस ससससस सससससस ससस ससस सससस. ससस सससससस सससस सससससस ससससससससस स ससससस ससससस सससस ससससससससस सस ससससससससस ससस . सससससस सससससस सससससस सससससससस सससस सससस सससससससस ससससस सससस ससस. सससससससससस सस सससस ससससससस ससससस ससससस सससससससस सससस. ससससस सससस ससससससस ससससस ससस स ससससससस ससससस ससस. ,,,, सस सस सससस १० ,,,,११,ससससस सससस ,,,, सससससससससस सससस १२ ककककककककककक ककककक ककककक ककककककककककक कककककक ककककककक कककककककक ककककक ककककककक कक ककककककक ककककककककककक ककककककक कककक कक ककककक ककककककक ककक ककककक. कक ककककक कककक. ककककक ककककककक ककक ककककक ककककक. ) ,,१०,११, कक ककककककक कककककककककक ककककककककक कककककक कककक ककककककक ककककककक कककककक. )कककक ककक ककककककक कककककक कककक कककककककक ककककककककककककक कक कककककककक ककककककक ककककक १२ )कक कककक ,,१०, ककककककक ककककककककक ककककक कक कककक कक ककककक ११ . कककककक ककककककक ककककक.

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सु�. गो�. का�टे�कार मना�ची� शक्ती� आपल्या� ऋषी� म�ना�ना� मना�ची� महत्व  जा�णू�ना  म�ना�च्या� शक्ती�ची� सुखो�ल अभ्या�सु का� ल� . मना�त प्रची'ड शक्ती� आह� .मऩ एक्रा�ग्रा� आल- झा�ल� तर जा�वना या�शव� याशस्व� ह�त�।अना�का का�या1 सिसुद्धी4सु जा�त�तम�णूसु�ल�एका�ग्रात� मना अस्त�त .एका बा�ह्य मना व दुसुर� आ'तर मना. कारत बा�ह्य  मना दृश्या स्वरूप�ची� विवची�र कारत� व आ'तर म�ना अदृश्या स्वरूप�ची� व�ची�र कारत� . म्हणूजा� ना दि>सुणू�ऱ्या� गो�ष्टीं�ची� विवची�र कारत� म�णू�सु त्या� प्रम�ना� विनाणू1या घे�त असुत� सुमजा� एखो�>� म�णू�सु व�हना ची�लव�त आह� त्या� व�ळे�सु एखो�>4 वस्त� घेर� विवसुरल�  असु�ल तर त्या�ची� आठवणू ह�त� .व त्या� वस्त�ची� विवची�र कारत� त्या�ची व�ळे�सु एखो�>� व�हना सुम�रूना अल� तर दुसुर� मना त्या�सु सु�चीना� >�त� व आपल� व�हना या�ग्या दि>श�ना� ची�लवत� एका�ची व�ल�सु या� >�नाह� विक्राया� मना� काड�ना घेडत असुत�t ऊम�चीत .बा�ह्य मना आ'तर मना ह� >�नाह� एकात्र आणूल� तर आपणू मह�ना का�या1 कारू शकात� या�ग्या विनाणू1या घे�ऊ शकात� आत� प्रश्न असु� आह� का� ह� मना एका�ग्रा कासु� कार�व� मना ह� जाश� सुवया ल�व�व� तसु� व�गोत� झा�पत�ना� त�म्ह� मना�ल� आज्ञा� कार� विका सुका�ळे4 प�ची व�जात� जा�गो� ह�. बार�बार त�म्ह�ल� पह�टे� प�ची व�जात� जा�गो या�ईल . प्रया�गो कारूना पह� प�ष्काळे जाणू�'ची� अश�काल्पना� आह� का� म�ना एका�ग्रा कारणू� काठKणू आह� .पना तसु� नासु�ना मना�ची� एका�ग्रात� कारणू� अवितशया सु�प� आह� आपल्या�ल� क़ो�नातविह जाप मना�त कार जाप असुत�ना� त� आपल्या�ल� ऐका� या�ईल या� काड� लक्ष द्या� त्या�ची� ध्वना� स्पं'>ना� त�म्ह�ल� जाना�विवत�ल असु� र�जा >ह� मिमविनात� सुर�व कार� .त�म्हल अना�भव या�ईल का� त�मची� मना एकाग्रा झा�ल� आह� ज़प� सिशव�या त�म्ह�ल� का�विहह� ऐका� या�त ना�ह� शर�र�त अना�मिमका शक्ती� जा�गोUत ह�त� या�ची� प्रभ�व म्हणू�ना का� थल�विह का�या1 कारत�ना� त�मची मनाएका�ग्रा ह�त जा�ईल .त�म्हिम्ह ह�त� घे�तल�ल्या� का�म�त का�ल्पना�प�क्ष� ची�'गोल� याश मिमळे�ल .:मना जिंजाYकाल� त्या�ना� जागो जिंजाYकाल� 

 ज्या� पवित्रका� त ज्या�स्त�त  ग्राह अष्टींम�श व व्यव�श या�'च्या�नाक्षत्र�त  असुत�त अश� पवित्रका� ची� आर्थिथYका उत्काषी1 अशक्या अश� या�गो�त आर्थिथYका ना�कासु�ना ह�त�.

सुप्तम भ�व�ची� उपनाक्षत्र  स्व�म� जार६,व १२ या�  स्था�ना�'ची� का�याdषी ह�त असु�लतर भ�गो�>�र� त�टेत� या� स्था�ना�ची� उप  नाक्षत्र  स्व�म� वक्रा� ग्राह�'च्या� नाक्षत्र�त असु�  नाया�. ह� उपनाक्षत्र स्व�म� जार ५ व  ११या� स्था�ना�'ची�  का�याdश  असु�ल  तर भ�गो�>�र�'ची�  सु'बा'ध ची�'गोल� सु�ध�रत�त भ�गो�>�र� कार�व� का� कारू नाया� असु� जार प्रश्न' आश�ल तर अष्टींम  स्था�ना�ची� उप नाक्षत्र स्व�म� पह�व�  त� जार ६ व� ११ व� स्था�ना या�'ची�  का�र�श  ह�त  असु�ल तर व्यवसु�या�त  भ�गो�>�र घ्या�व� आश� भ�गो�>�र�  याशस्व�  ह�इल. जार स्वत'त्रव्यवसु�या  कार�वया�ची� असु�ल >शम  भ�व�ची�  उप  नाक्षत्र  स्व�म� सुप्तम भ�व�ची�  का�याdश असु�व� .तसु�ची  मह�>श� व अन्तर>श�  या�ची�  ह� विवची�र कारणू� आवश्याका  आह�'

काU ष्णूम�तj पद्धीत "पर>�श गोमना या�गो "हल्ल� बार�ची ल�का ना�कार� सु�ठK अथव� सिशक्षणू�सु�ठK पर>�श� जा�त�त. त�थ� ची�'गोल� र�जागो�र मिमळेत� ,ची�'गोल� पगो�र मिमळेत� . प�ट्रो�लच्या� >�श�त पगो�र�ची� म�ना उत्तम असुत�. महत्व�का�'क्ष� तरुणू त्या� दि>श�ना� प्रयात्ना कारत�त. असु� या�गो आह� का� ना�ह� या�ची� काU ष्णूम�तj पद्धीत�त विवची�र का� ल� आह�.त्या� सु�ठK एका सु�ध� विनायाम आह�. जार १२ व्य� स्था�ना�ची� उपनाक्षत्र स्व�म� तUत�या ,नावम ,विकाव� बा�र�व� स्था�ना या�'ची� का�याdश असु�ल तर पर>�श� जा�ण्या�ची� सु'ध� या�त�. ह� उपनाक्षत्र स्व�म� वक्रा� ग्राह�'च्या� नाक्षत्र�त नासु�व�.का�ल�वध� का�ढण्या�सु�ठK तUत�या स्था�ना ,नावम स्था�ना व बा�र�व� स्था�ना या�'ची� का�याdश ग्राह का�ढ�व�त,जा�व्ह� सु'बामिधत ग्राह�च्या� >श� ,अन्तर>श� असुत�त त�व्ह� असु� या�गो या�त�. आपणू पर>�श� जा�त� म्हणूजा� र�हण्या�ची� दिठका�णू बा>लत� म्हणू�ना तUत�या स्था�ना का�रणू चीत�थ�1ची� त� व्ययास्था�ना आह� . ल�'बाची� प्रव�सु म्हणू�ना नावमस्था�ना नाव�ना व�त�वरणू म्हणू�ना बा�र�व� स्था�ना�ची� विवची�र का� ल� आह�.व्ययास्था�ना� चीर र�श� असुल्या�सु थ�ड�ची वषीd व�स्तव्य असुत�. स्थिस्थार र�श� असुल्या�सु >4घे1 का�ळे व विrस्वभ�व र�श� असुल्या�सु मध्याम म�ना. १,,४,७,१० या� चीर र�श� ,२,५,८,११,स्थिस्थार र�श� ,३,६,९,१२ विrस्वभ�व र�श� आह�

कृ� ष्णमु�र्ती� पध्दर्ती धनयो�ग कृ� ष्णमु�र्ती� पध्दर्ती� प्रमु�ण� धनयो�ग�चा� वि�चा�र कृरर्ती��न� धन  स्था�न�चा� उपनक्षत्र स्��मु� ला�भस्था�न�चा� कृ�यो#श असे�ला र्तीर उत्तमु प्रर्ती�चा� ला�भ हो�र्ती�र्ती. हो� मु�ख्यो विनयोमु. त्यो�चा प्रमु�ण� खा�ला�ला ग्रहो स्थिस्थार्ती�चा� वि�चा�र कृर���. १) २,६,१०,११, यो� स्था�न�र्ती ग्रहो��च्यो� नक्षत्र�र्ती असेला�ला� ग्रहो पविहोल्यो� प्रविर्तीचा� सेमुजा���. 

२)�र�ला चा�र स्था�न�र्ती असेला�ला� ग्रहो त्यो�च्यो� नक्षत्र�न�से�र ८ � १२ यो� स्था�न�श� सेमुन्धि7र्ती नसेर्ती�ला र्तीर हो�हो� धन द�र्ती�र्ती ३)जा� ग्रहो २,६,१०,११यो��च्यो� नक्षत्र�र्ती असेर्ती�ला र्ती� ग्रहो धन द�र्ती�ला. आर्थि;<कृ उत्कृर्ष> कृरर्ती�ला. 

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४)चा@थ्यो� दजा�>चा� यो�ग म्होणजा� त्यो� स्था�न�चा� स्��मु� द�र्ती�ला. सेमुजा� ��र्षभ लाग्न आहो� ,धन स्था�न� मिमु;�न र�से यो�ईला ,मिमु;�न�चा� स्��मु� बु�ध कृ� ठल्यो�हो� स्था�न�र्ती असेला� र्तीर� धन द�ईला हो� से�मु�न्यो धनयो�ग . से�. ग�.कृ�टे�कृर ९८८१९२४८२३

काU ष्णूम�तj पद्धीत विवव�हस्थाळे :काU ष्णूम�तj पध्>त�त विवव�ह�ची� विवची�र कारत�ना� जासु� सुप्तम स्था�ना�ची� उपनाक्षत्र स्व�म� विवची�र�तघे�त�त त्या�ची प्रम�णू� स्थाळे का� ठल� असु�ल ह� प�हण्या� कारिरत� स्था�ना�ची� उपनाक्षत्र स्व�म� प�हत�त. सुप्तम स्था�ना�ची� उपनाक्षत्र स्व�म� ची�त�थdसु विकाव� >शम�श असु�ल तर स्थाळे गो�व�तल� विकाव� जिजाल्ह्य�तल� मिमळेत�. का�रणू चीत�थ1 स्था�ना प्रश्न कात्या�1ची� व�स्तव्य�ची� दिठका�णू असुत� व >शम स्था�ना जा�ड�>�र�ची� व�स्तव्य�ची� दिठका�णू असुत�. उपनाक्षत्रस्व�म� जार धना�श असु�ल तर.,जा�ड�>�र ना�त�व�ईका असु�ल ,जासुप्तम र त� तUत�या�श असु�ल तर जा�वना�ची� जा�ड�>�र आत�भ�ऊ ,म�म�भ�ऊ , आत�बाह�णू ,म�म�बाह�णू असु� शकात� ,विकाव� स्थाळे जावळेची� अगोर श�जा�रच्या� गो�वची� असुत�. ह� उपनाक्षत्र स्व�म� प'चीम�श व व्यया�श व� नावम�श असु�ल तर स्थाळे ल�'बाची� असुत�. ल�भ�श असु�ल तर प�लका�'च्या� मिमत्रम'डळे4त�ल असुत�. जार उपनाक्षत्र स्व�म� प'चीम भ�व�ची� का�याdश असु�ल तर प्र�म विवव�ह ह�त�. 

वया�त�ल अ'तर प�हत�ना� सुप्तम भ�व�ची� उपनाक्षत्र स्व�म� गो�रु ,श�क्रा व� रविव असुत�ल तर वया�त�ल अ'तर या�ग्या असुत�,जा� प्रथ�ना�सु�र आवश्याका आह�. म्हणूजा� ४ त� ५ वषीd म'गोळे ,बा�ध ,ची'द्र ह� ग्राह उपनाक्षत्र व� नाक्षत्र स्व�म� असुत�ल तर वध� ,वर�च्या� वया�त�ल अ'तर वषी1 सुह� मविहन्या�ची� असुत�. उपनाक्षत्र स्व�म� शना� असु�ल तर वया�त�ल अ'तर ८ त� १० वषी1 आढळेत�. म�ल�च्या� पवित्रका� त असु� या�गो असुल्या�सु पत्ना� सुमवयास्का अथव� एखो�द्या� 

घर ��होन वि�क्रीM कृ� ष्णमु�र्ती� पद्धत्त� प्रमु�ण� घर ��होन इत्यो�दP वि�क्रीM कृरर्ती�न� १०,३,७, ५ यो� स्था�न��चा� वि�चा�र कृरर्ती�र्ती सेप्र्तीमु स्था�नहो� खार�दP कृरण�ऱ्यो�चा� स्था�न ३र� स्था�न वि�क्रीM कृरण�ऱ्यो�चा� स्था�न   र्तीसे�चा   ११�� स्था�न ला�भस्था�न म्होण�न �� वि�चा�र�र्ती घ�र्ती�र्ती सेमुजा� एखा�द्या�न� २१ न�बुर दिदला� र्तीर मु�र्ष लाग्न यो�र्ती� �र�ला स्था�न��चा� कृ�यो#श ग्रहो प�हो��� त्यो� स्था�न�र्ती असेण�ऱ्यो� ग्रहो�च्यो� नक्षत्र�र्ती असेण�र� ग्रहो कृ�ढा��� मुहो�दश� � अ�र्तीर दश� वि�चा�र�र्ती घ्यो�व्या� � त्यो� प्रमु�ण� कृ�ला��ध� कृ�ढा��� 

 ना�कार� -प>�न्नत�- आर्थिथYका -उत्काश1 अथ�1जाना�सु�ठK    २,६,१० या�  स्था�ना�'ची� विवची�र  कारत�त का�रणू  ज्या�वितषी  श�स्त्र�त  ह�  अथ1  वित्रका�णू म�नाल� आह� काU ष्णूम�तj  पद्धीत�त ना�कार�त बा>ल  या�ची�  विवची�र  कारण्या�सु�ठK ३,५,९   या�  स्था�ना�'ची�  विवची�र कारत�त . का�रणू ह�  स्था�ना�  >शम�प�सु�ना ६,८,१२ आह�त . बा>ल  अथव�  प>�न्नत�   या�   सु�ठK   मह�>श�  व    अ'त>1श�   या�ची� विवची�र  कार�व�  ल�गोत� मह�>श�  व  अ'त>1श� या�'ची�  सु'बा'ध ३,५,९,या�  स्था�ना�'श� असु�ना ६ विकाव� १०   या� स्था�ना�'श�  असुणू�  आवश्याका अह�. अन्याथ�  बा>ल ह�णू�र नाविह. तसु�ची 

या�  का�' डल�त  >शम  स्था�ना� म'गोळे  आह�  म्हणूजा� प>�न्नत�   आह�  ज्या� व�ळे4 म'गोळे�ची�  सु'बा'ध  या�त�  त्या� व�ळे4 अमिधका�रप>   हमखो�सु  मिमळेत�

काU ष्णूम�तjना� (का� .प�. ची� जानाका) ‘प्ल}सिसुड~सु’ पद्धीत स्विस्वका�रल� का�रणू त्या�व�ळे�ल� फक्ती या�ची ‘प्ल}सिसुड~सु’ पद्धीत�ची� भ�वसु�धना का�ष्टीं~का� बा�जा�र�त सुहजा�सुहजा� उपलब्ध ह�त� (अश� का�ष्टीं~का- उपलब्ध असुणू� ह�ची ‘प्ल}सिसुड~सु’ च्या� ल�काविप्रतत�ची� का�रणू आह�). काU ष्णूम�तjना� आणूखो� का�ह� वषी��ची� आया�म�1ना ल�भल� असुत� तर त्या�'ना� विनाश्चि�तची दुसुर� एखो�>4 भ�वसु�धना प्रणू�ल� अवल'बाल� असुत� ( बाहु>� ‘का�श’ ह� जाम1ना ज्या�वितर्विवY>�'ना� तया�र का� ल�ल� प्रणू�ल� ) किंकाYव� त्या�'ना� स्वत:ची एखो�>4 नाविवना प्रणू�ल� विनाम�1णू का� ल� असुत�.

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घेर प्ल�टे जाम�ना विवकाण्या�सु�ठK काU ष्णूम�तj विनायाम -------

          सुप्तमस्था�ना ह� घेर जाम�ना विवकात घे�णू�या�1ची� स्था�ना .   सु�प्तम�प�सु�ना ची�थ� स्था�ना म्हणूजा� >शमस्था�ना ह� विवकात घे�णू�या�1ची� घेर�ची� स्था�ना ह�ईल . >शम�स्था�ना�ची� उपनाक्षत्रस्व�म� जार १० (४), ५ (११), ६ (१२) या� भ�व�'ची� का�याdश असु�ल तर जाम�ना विवकाल� जा�ईल .  ह्य� भ�व�'च्या� >श�- अ'त>�1श�मध्या� घेटेना� घेड�ल .