Jaimini roy- 130 Birth Anniversary

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जजजजजज जजज 130 जज जजजजजजजज Yogesh Nivrutti Mhaske Assistant Professor , Sandip University , Nashik

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जामि�नी रॉय 130 वी वर्षं गाठ Yogesh Nivrutti Mhaske

Assistant Professor , Sandip University , Nashik

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जामि�नी रॉय• जामि�नी रॉय का जन्� 11 अपै्रल, 1887 ई. �ें पश्चि�� बंगाल के बांकुड़ा ज़ि�ले �ें 'बेलिलयातोर' ना�क गाँव �ें

एक स�ृद्ध ��ींदार परिरवार �ें हुआ था।• गांव �ें व्यतीत किकये गए रॉय के आरंश्चि0क वर्षों2 का उन पर गहरा असर पड़ा।• संथाल और उनकी आदिद कला, का� करते ग्रा�ीण हस्तलि;ल्पी, प्राचीन अल्पना (चावल की लेई से

लिचत्रकारी) तथा पटुआ ने रूप एवं रेखा के प्रकित उनकी प्रारंश्चि0क रुलिच जगाई।• 1903 �ें 16 वर्षोंC की आयु �ें जामि�नी रॉय ने कलकत्ता (आधुकिनक कोलकाता) �ें 'गवनC�ेंट स्कूल ऑफ़

आटICस' �ें दाख़िKला लिलया, ज़िजसके प्रधानाचायC पसL ब्राउन उनके प्र�ुख पे्ररणा स्त्रोत थे। जामि�नी रॉय के ;ैक्षश्चिणक प्रलि;क्षण ने उन्हें लिचत्रकारी की किवश्चि0न्न तकनीकों �ें पारंगत होने �ें �दद की, उन्होंने प्रकितकृकित लिचत्रण एवं प्राकृकितक दृश्य लिचत्रण से ;ुरुआत की, जो तुरंत लोगों की न�रों �ें आई।

• जैमि�नी राय ने उड़ीसा की पट-लिचत्रकारी और बंगाल की कालीघाट लिचत्रकारी से पे्ररणा प्राप्त की । • ललिलत कला अकाद�ी के सभासद - १९५५ । • इन्हे पद्म भूर्षंण सम्�ान प्राप्त हुआ है। • जामि�नी राय की �ृत्यु सनI १९७२ �ें हुई थी।

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कृष्ण के जीवन पर आधारिरत लिचत्र

जैमि�नी राय ने अपने लि,त्रों �ें कृष्ण के जीवन पर आधारिरत अनेक किवर्षोंयों पर लिचत्र बनाये है। ज़िजन�े राधा -कृष्ण , गोकुल किनवासी कृष्ण, गाय चराने वाले कृष्ण , कालिलया नाग के साथ युद्ध करने वाले कृष्ण आदिद का लिचत्रण अपनी खूबसूरत लिचत्रों�े प्रस्तुत किकया है।

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प;ु – पश्चिक्षयों के लिचत्र

जैमि�नी राय ने अपने लिचत्रों �ें प;ु – पश्चिक्षयों के लिचत्र बनाये है। इस आधुकिनक तककिनकी 0री जिजंदगी �ें प;ुओं के साथ ह�ें कुछ वक्त गुजरना लिचकिहए यह सन्दे; इन लिचत्रों से मि�लता है। इस �ें किबल्ली , घोडा , सिसंह , गाय, किहरन , �छली , हांथी आदिद पालतू एवं जंगली प;ू अपने लिचत्रों के किवर्षोंय बनाये है।

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�ाँ और पुत्र इस किवर्षोंय से वासल्य रस का किन�ाCण किकया गया है।

�ाँ और पुत्र के अनोखे नाते को अपने लिचत्र के �ाध्य� से प्रस्तुत किकया है। �ाता अपने पुत्र को अपने आँख का तारा बनाकर रखना चाहती है , पर कान्हा जैसे पुत्र किकतने कलिलयों का �दCन कर सकते है , ;ायद ही �ाँ जान पकित है ....

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जामि�नी रॉय का 130वां जन्�दिदन पेंटि3ंग्स