He Gave Us Prophets, Lesson 4 · 2019. 11. 3. · विषय- िस्तु ... चलए...

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उसन हम भवियिा विए िचाओ भाि अयाय चार Manuscript

Transcript of He Gave Us Prophets, Lesson 4 · 2019. 11. 3. · विषय- िस्तु ... चलए...

  • उसन ेहम े ें भविष्यिक्ता विए

    िाच ाओ ें के प्रभाि अध्याय चार

    Manuscript

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    चलचचत्र, अध्ययन मार्गदचशगका एवं कई अन्य संसाधन ंके चलये, हमारी वेबसाइट thirdmill.org पर जाए।ँ

    © थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़ 2012 के द्वारा

    सवागचधकार सरुचित। इस प्रकाशन के मकसी भी भार् क प्रकाशक, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़, इनक रप रेशन, 316, लाइव ओक्स बलुवेार्ग , कैसलबरी, फ्ल ररर्ा 32707 की चलचित अनमुमत के मबना समीिा, मटप्पणी, या अध्ययन के उदे्दशय ंके चलए संचिप्त उद्धरण ंके अमतररक् त मकसी भी रूप मे ंया मकसी भी तरह के लाभ के चलए पनुः प्रकचशत नही ंमकया जा सकता।

    पमवत्रशास्ट्त्र के सभी उद्धरण बाइबल स साइटी ऑफ़ इंमर्या की महन्दी की पमवत्र बाइबल स ेचलए र्ए है।ं सवागचधकार © The Bible Society of India

    थर्ग ममलमेनयम मममनस्ट्रीज़ की सेवकाई के मवषय मे ं1997 मे ंस्ट्थामपत, थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज़ एक लाभमनरपिे ससुमाचाररक मसीही सेवकाई ह ैज पूरे

    संसार के चलए मफु्त मे ंबाइबल आधाररत चशिा प्रदान करने के चलए प्रमतबद्ध ह।ै

    सें सा र के ल ि ए म फ़ु्त म े ें ब ाइ बि आधा र रत ल िक्षा ।

    हमारा लक्ष्य संसार भर के हज़ार ंपासवान ंऔर मसीही अर्वु ंक मफ़ु्त मे ंमसीही चशिा प्रदान करना ह ैचजन्हे ंसेवकाई के चलए पयागप्त प्रचशिण प्राप्त नही ंहआु ह।ै हम इस लक्ष्य क अंग्रेजी, अरबी, मनर्ाररन, रूसी, और स्ट्पमैनश भाषाओ ंमे ंअमद्वतीय मल्टीमीमर्या सेममनारी पाठ्यक्रम की रचना करने और उन्हे ंमवश्व भर मे ंमवतररत करने के द्वारा पूरा कर रहे है।ं हमारे पाठयक्रम का अनवुाद सहभार्ी सवेकाइय ंके द्वारा दजगन भर स ेअचधक अन्य भाषाओ ंमे ंभी मकया जा रहा ह।ै पाठ्यक्रम मे ंग्रामिक वीमर्य स, चलचित मनदशे, और इंटरनटे संसाधन पाए जाते है।ं इसकी रचना ऐस ेकी र्ई ह ैमक इसका प्रय र् ऑनलाइन और सामदुामयक अध्ययन द न ंसंदभों मे ंस्ट्कूल ,ं समूह ,ं और व्यमिर्त रूप ंमे ंमकया जा सकता ह।ै

    वषों के प्रयास ंस ेहमने अच्छी मवषय-वस्ट्त ुऔर र्णुवत्ता स ेपररपूणग परुस्ट्कार-प्राप्त मल्टीमीमर्या अध्ययन ंकी रचना करने की बहतु ही मकफ़ायती मवचध क मवकचसत मकया ह।ै हमारे लिेक और संपादक धमगवजै्ञामनक रूप से प्रचशचित चशिक है,ं हमारे अनवुादक धमगवजै्ञामनक रूप से दि है ंऔर लक्ष्य-भाषाओ ंके मातभृाषी है,ं और हमारे अध्याय ंमे ंसंसार भर के सकैड ंसम्मामनत सेममनारी प्र फ़ेसर ंऔर पासवान ंके र्हन मवचार शाममल है।ं इसके अमतररि हमारे ग्रामिक मर्जाइनर, चचत्रकार, और प्र र्यूससग अत्याधमुनक उपकरण ंऔर तकनीक ंका प्रय र् करन ेके द्वारा उत्पादन के उच्चतम स्ट्तर ंका पालन करते है।ं

    अपने मवतरण के लक्ष्य ंक पूरा करन ेके चलए थर्ग ममलेमनयम ने कलीचसयाओ,ं सेममनाररय ,ं बाइबल स्ट्कूल ,ं ममशनररय ,ं मसीही प्रसारक ,ं सटेलाइट टेलीमवजन प्रदाताओ,ं और अन्य संर्ठन ंके साथ रणनीमतक सहभामर्ताए ँस्ट्थामपत की है।ं इन संबंध ंके िलस्ट्वरूप स्ट्थानीय अर्वु ,ं पासवान ,ं और सेममनारी मवद्याचथगय ंतक अनके मवमर्ओ अध्ययन ंक पहुचँाया जा चकुा ह।ै हमारी वेबसाइट भी मवतरण के माध्यम के रूप मे ंकायग करती ह ैऔर हमारे अध्याय ंके अमतररि साममग्रय ंक भी प्रदान करती ह,ै चजसमे ंऐस ेमनदशे भी शाममल है ंमक अपने चशिण समदुाय क कैसे आरंभ मकया जाए।

    थर्ग ममलेमनयम मममनस्ट्रीज a 501(c)(3) कारप रेशन के रूप मे ंIRS के द्वारा मान्यता प्राप्त ह।ै हम आचथगक रूप से कलीचसयाओ ंके टकै्स-र्ीर्क्टीबल य र्दान ,ं संस्ट्थान ,ं व्यापार ंऔर ल र् ंपर आधाररत है।ं हमारी सेवकाइग के बारे मे ंअचधक जानकारी के चलए और यह जानने के चलए मक आप मकस प्रकार इसमे ंसहभार्ी ह सकते है,ं कृपया हमारी वबैसाइट http://thirdmill.org क दिेे।ं

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    विषय -िस्त ुपररचय ............................................................................................................. 1 िाचायी आििश ................................................................................................... 1

    िाचायी सें रचन ा एें ...................................................................................................... 2 भवि ष् यिाल िय सिेक ा ई ............................................................................................... 5

    िाचायी िण् ड ..................................................................................................... 6 ि ण् ड के प्रकार .......................................................................................................... 6

    प्रकृमत मे ंदण्र् ..................................................................................................... 7 यदु्ध मे ंदण्र् ......................................................................................................... 8

    ि ण् ड क ी प्रवि या ....................................................................................................... 8 दवैीय धयैग ........................................................................................................... 8 बढी हईु रं्भीरता ................................................................................................. 9 मवशेष अन्त ...................................................................................................... 10

    िाचायी आि ीष े ें ................................................................................................ 11 आिी ष ें के प्रक ार .................................................................................................... 11

    प्रकृमत मे ंआशीष ............................................................................................... 12 यदु्ध मे ंआशीष ................................................................................................... 12

    आिी ष ें क ी प्रवि या ................................................................................................. 13 अनगु्रह ............................................................................................................. 13 स्ट्तर ................................................................................................................. 14 अन्त ................................................................................................................ 14

    वनष्कषश .................................................................... Error! Bookmark not defined.

  • उसन ेहमे ंभमवष्यविा मदए अध्याय चार

    वाचाओ ंके प्रभाव

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    पररचय

    क्या आपने कभी ध्यान मदया ह ैमक मानवीय संबंध ंमे ंउतार-चढाव पाए जाते है?ं ममत्रता कई बार बहतु ही आनंददायक ह ती ह ैऔर कई बार नही ंभी ह ती। कई बार व ेसरुचित ह ती है ंकई बार नही ंह ती।ं मपछले अध्याय ंमे ंहमने दिेा ह ैमक परुाने मनयम के भमवष्यविा ल र् ंके साथ परमेश्वर की वाचा के दूत थ,े और दूत ह ने के इस कायग क समझन ेके चलए हमे ंयह समझना जरूरी ह ैमक भमवष्यविाओ ंने इस बात का अनभुव कर चलया था मक इस्राएल और परमेश्वर के बीच के संबंध मे ंभी उतार-चढाव रहे थ।े

    हमने इस अध्याय का शीषगक मदया ह,ै “वाचाओ ंके प्रभाव”। इस अध्याय मे ंहम तीन मभन्न-मभन्न मवषय ंक दिेेरं्े: पहला, हम वाचा के आदशों क दिेेरं्।े और दूसरा, हम वाचायी दण्र् क जांचेरं्े- जब ल र् परमेश्वर के दवैीय दण्र् के अधीन आए त भमवष्यविाओ ंने परमेश्वर की ओर स ेमकस प्रकार कायग मकया? और मिर तीसरा, हम वाचा की आशीष ंकी ओर दिेेरं्े- परमशे्वर ने ज आशीषे ंअपन ेल र् ंके चलए रिी थी ंभमवष्यविाओ ंने उनके बारे मे ंकैसे बात की? वाचायी जीवन के इन प्रभाव ंक समझना हमे ंपरुाने मनयम की भमवष्यवाणी क समझने मे,ं और इसे कलीचसया और संसार के वतगमान संदंभग मे ंमकस प्रकार लारू् करना ह,ै इसे समझने मे ंभी सहायता करेर्ा।

    िाच ायी आ ि िश

    क्या आपने कभी मकसी मववाह मे ंजाकर उन अद्भतु बात ंक सनुा ह ैज दलु्हा और दलु्हन एक दूसरे स ेकहते है?ं क्या यह सनुना अजीब नही ंह र्ा मक जब दलु्हा और दलु्हन अपने मववाह का आरंभ उन प्रमतज्ञाओ ंके साथ करें ज आदशग नही ंहै?ं क्या आप इसकी कल्पना कर सकते है ंजब दलु्हा दलु्हन स ेकहे, “मै ंतमु्हे ंअपनी पत्नी स्ट्वीकार करता हू,ँ परन्त ुयह मनभाना तब मशु्शकल ह जाएर्ा जब तमु बीमार ह जाओर्ी”? या आप मकसी दलु्हन क दलु्ह ेस ेयह कहते हएु कल्पना कर सकते ह , “मै ंतमु्हे ंअपना पमत स्ट्वीकार करती हू,ँ परन्त ुतमु कभी हमे ंर्रीब मत बना दनेा”? हम यह स चेरं्े मक इस ज डे मे ंक्या र्डबडी थी चजन्ह नंे अपने मववाह के मदन एक-दूसरे से इस प्रकार कहा, क्य मंक हम अपेिा करते है ंमक मववाह आदशों पर केश्न्ित ह । यह एक ताजा संबंध ह।ै यह ऐसा समय ह ैजब बाते ंसब वसैी ही है ंजसैा उन्हे ंह ना चामहए था। हम सब आशा करते है ंमक यह ज डा उस समय आपस मे ंकही बात ंक याद रिे जब संबंध आदशग था।

    परुान ेमनयम के भमवष्यविा जानते थ ेमक परमेश्वर और ल र् ंके बीच संबंध कुछ ऐसा ही था। व ेसमझ र्ए थे मक परमेश्वर और इस्राएल के बीच वाचायी संबंध मे ंकुछ आदशग पाए जाते थे। अब इस आदशग संबंध क समझने के चलए हमे ंद मवषय ंक दिेना ह र्ा: पहला, आदशग वाचा की आधारभूत संरचनाएं; और मिर दूसरा, भमवष्यवाचणय सेवाएं या मिर मक भमवष्यविा इन संरचनाओ ंपर मकस प्रकार मनभगर थ।े

  • उसने हमे ंभमवष्यविा मदए अध्याय चार : वाचाओ ंके प्रभाव

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    िाचायी सें र चनाएें मपछले अध्याय ंमे ंहमने दिेा मक परुाना मनयम इस्राएल के साथ यह वा की वाचाओ ंका वणगन इस

    प्रकार करता ह ैजसैे मक व ेप्राचीन मध्य पूवग की सजुरेन वासल संचधय ंके प्रारूप के समान ह ।ं परुाने मनयम के समय ंमे ंमहान् सम्राट छ टे देश ंके साथ संचधयां या वाचाएं करते थ,े और बाइबल कहती ह ैमक यह वा न ेइस्राएल राष्र के साथ ऐसी ही वाचा बांधी। जब सम्राट ंने पहली बार अपने वासल राष्र ंके साथ संचधयां की ंत उन्ह नंे कुछ ऐस ेआदशों की घ षणा करने के साथ आरंभ मकया चजन्ह नंे अपनी राजनीमतक व्यवस्ट्थाओ ंके चलए आधारभूत संरचनाओ ंकी रचना की।

    सजुरेन वासल संचधय ंमे ंकम स ेकम द तत्व हमेशा प्रकट ह ते है।ं पहली बात यह ह,ै प्राचीन मध्य पूवी संचधय ंने सदवै अपने वासल राष्र ंकी ओर सम्राट की भलाई या उपकार की ही पमुि की। उन्ह नंे महान् राजा के नाम की घ षणा की और एक ऐमतहाचसक वणगन क शरुू मकया चजन्ह नंे ल र् ंके प्रमत राजा द्वारा मकए महान् कायों का बिान मकया। संचधयां सदवै सम्राट की दया पर ही मनभगर थी,ं और सम्राट की ओर स ेदया का यह मवषय वाचा के बाइबल के आदशग के साथ भी ममलता ह।ै बाइबल मे ंप्रत्यके दवैीय वाचा का केन्ि अपने ल र् ंके प्रमत परमेश्वर की दया थी।

    वाचाओ ंके आदशग मे ंएक और तत्व ह ैचजसे हमे ंकभी भूलना नही ंचामहए, और वह ह ैमानवीय चजम्मेदारी का तत्व। प्राचीन जर्त मे ंचजस प्रकार सजुरेन-वासल संचध मे ंसम्राट के अधीन के राष्र ंस ेविादारी की मांर् की जाती थी, उसी प्रकार परुान ेमनयम की प्रत्यके वाचा मे ंपरमेश्वर के ल र् ंसे विादारी की मांर् की जाती थी। अब हमे ंहमशेा याद रिना ह ैमक विादारी की प्रमतमक्रया दवैीय दया की प्रमतमक्रया थी — ल र् ंने परमेश्वर के समि अपने ओहदे क अपने कायों के द्वारा नही ंपाया था। परमेश्वर ने अपने अनगु्रह के आधार पर वाचाओ ंक स्ट्थामपत मकया था। परन्त ुमबना मकसी अपवाद के, वाचाओ ंके आदशों मे ंमानवीय चजम्मेदारी सदवै सश्म्मचलत ह ती ह,ै ज मक परमेश्वर के समि विादारी के साथ रहने की अपेिा ह।ै

    इस मबंदू पर हमे ंयह स चना चामहए मक य ेप्रत्यके आदशग तत्व परुान ेमनयम की वाचा मे ंमकस प्रकार प्रवेश करते है।ं चजस प्रकार हमने मपछले अध्याय ंमे ंदेिा ह,ै परुाने मनयम के भमवष्यविा समझ र्ए थ ेमक परमेश्वर ने वाचा के पांच संबंध ंक स्ट्थामपत मकया था। उसन ेआदम और नूह के माध्यम स ेसंसार के सारे राष्र ंके साथ वाचा स्ट्थामपत की। और मिर उसन ेअब्राहम, मूसा, और दाऊद के साथ वाचा बांधी और इसके साथ-साथ बंधआुई के बाद के मदन ंमे ंभमवष्य की नई वाचा भी स्ट्थामपत की।

    आदम के साथ वाचा के बारे मे ंएक िण स चे।ं आदम के मदन ंमे ंपरमेश्वर के उपकार उसमे ंप्रकट ह ते थ ेचजसमे ंउसने मानवजामत के चलए संसार की रचना की थी। उसने एक ऐसी समृि ली ज रहन ेके अय ग्य और अस्ट्तव्यस्ट्त थी, और उसे एक अद्भतु वामटका का आकार मदया चजसमे ंमानवजामत क रहना था। जसैा मक हम उत्पमत्त 1:2 मे ंपढते है:ं

    और पथृ्िी बडेौ ि और सनुसान पडी थ ी; और ग हरे ज ि के ऊपर अ न्धधयारा थााः तथा परम शे्वर क ा आत्म ा जि के ऊपर में डिा त ा थ ा । (उत् पवि 1:2)

    तब परमेश्वर ने अपने स्ट्वरूप के चलए एक स्ट्वर्गल क बनाया और उस स्ट्वर्गल क मे ंआदम और हव्वा क रि मदया। यह दया ही वह आधार थी चजस पर परमेश्वर ने हमारे सबसे पहले पूवगज ,ं आदम और हव्वा, के साथ वाचा बांधी थी। इसके साथ-साथ आदम के साथ वाचायी आदशग मे ंमानवीय चजम्मदेारी की भी आवशयकता थी। परमेश्वर ने आदम क अदन की अद्भतु वामटका मे ंरिा, परन्त ुउसने तत्काल ही रं्भीर मनयम लारू् कर मदए। उत्पमत्त 2:16-17 मे ंहम इन शबद ंक पढते है:ं

  • उसने हमे ंभमवष्यविा मदए अध्याय चार : वाचाओ ंके प्रभाव

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    त ब यह ि ा परम शे्वर न ेआिम क यह आज्ञा ि ी, व क तू िाविक ा के सब ि कृ्ष ें क ा फि वब ना खि के ख ा सकता ह ाः पर भ ि ेया ब रेु के ज्ञान क ा ज ि कृ्ष ह , उ सक ा फि तू क भी न ख ाना : क य ेंव क लजस वि न तू उ सका फि ख ाए उ सी वि न अिश्य म र जाएगा। (उ त् पवि 2:16-17)

    स्ट्वर्गल क मे ंभी वाचायी आदशग मे ंकेवल परमेश्वर की भलाई ही सश्म्मचलत नही ंथी, परन्त ुइसके साथ-साथ मनषु्यजामत की चजम्मेदारी भी शाममल थी।

    यही बात नूह के साथ की र्ई वाचा मे ंभी सही थी। एक ओर त परमेश्वर ने नूह और उसके पररवार क मवश्वव्यापी जलप्रलय स ेबचाया। जसैा मक उत्पमत्त 6:7-8 मे ंचलिा ह:ै

    त ब यह ि ा न े स चा, व क म म नषु् य क लजसक ी म न ेसवृि क ी ह पथृ्िी के ऊपर स े वम िा िूें ग ा; कया मन षु् य, कया पि,ु कया रेेंग निे ा ि ेजधत,ु कया आक ाि के पक्षी, सब क वमि ा िूें ग ा क य ेंवक म ें उ नके ब न ान ेस ेपछ ता ता हू ूँ। परधत ुयह िा के अ न गु्रह की ि वृि नूह पर ब नी रही। (उत् पवि 6:7-8)

    नूह की वाचा उस दवैीय अनगु्रह पर मनभगर थी ज मकसी य ग्यता स ेनही ंममलती। मिर भी, ज वाचा परमेश्वर ने नूह के साथ स्ट्थामपत की वह मानवीय चजम्मदेारी के साथ दवैीय उपकार और दया क ज डती ह।ै जब नूह जलप्रलय के बाद जहाज स ेबाहर मनकला त परमेश्वर ने कुछ मवशेष मनयम ंकी रचना की। उत्पमत्त 9:7 मे ंपरमेश्वर ने नूह क उसकी आधारभूत मानवीय चजम्मदेारी के बारे मे ंस्ट्मरण करवाया :

    और त मु त फूि -फि , और ब ढ , और पथृ्िी म े ें ब हतु ब चे्च जधमा के उ स म े ें भ र जाओ। (उ त् पवि 9:7)

    दवैीय अनगु्रह और मानवीय चजम्मेदारी नूह की वाचा मे ंप्रकट ह ते है।ं आइए अब हम उन मवशेष वाचाओ ंकी ओर मडंेु ज परमेश्वर ने इस्राएल राष्र के साथ स्ट्थामपत की

    थी।ं आप स्ट्मरण करेंर् ेमक इस्राएल के साथ पहली वाचा पूवगज अब्राहम के माध्यम स ेथी। इस वाचा मे ंपरमेश्वर का अनगु्रह प्रकट ह ता ह ैक्य मंक परमेश्वर ने इस पररवार क पथृ्वी के सभी पररवार ंस ेअचधक आशीष देने के चलए चनुा। जब परमेश्वर ने उत्पमत्त 12:2-3 मे ंउससे य ेशबद कहे त परमेश्वर न ेअब्राहम क असीम अनगु्रह प्रदान मकया :

    और म ें तझु से एक ब डी जाव त ब न ा ऊें ग ा, और त झुे आिीष िूें गा, और त रेा न ा म ब डा क रें ग ा, और तू आिीष क ा मूि ह गा। और ज त झु ेआिीिा शि ि े ें, उ धहे ें म ें आिीष िूें ग ा; और ज तझु ेक स,े उ स ेम ें िाप िूें ग ा; और भूमें डि के सा रे कुि तरेे द्वा रा आिीष पा एें ग ।े (उ त् पवि 12:2-3)

    एक बार मिर वाचायी आदशग मे ंदवैीय अनगु्रह केन्िीय तत्व ह।ै मिर भी, मानवीय चजम्मेदारी भी अब्राहम की वाचा के आदशग का अमभन्न अंर् थी। पूवगज अब्राहम की चजम्मदारी कई अवसर ंपर सामने आती ह।ै उदाहरण के तौर पर, उत्पमत्त 17:1-2 मे ंपरमेश्वर य ेशबद कहता ह ै:

  • उसने हमे ंभमवष्यविा मदए अध्याय चार : वाचाओ ंके प्रभाव

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    म ें सिश िव क्तम ा न ईश्वर हू ूँ; म रेी उपन्स्थ वत म े ें चि और लसद्ध ह ता जा। और म ें त रेे साथ िाचा ब ा धधूें ग ा, और त रेे िें ि क अ त् यधत ही ब ढा ऊें ग ा । (उत्पवि 17:1-2 )

    अब्राहम की वाचा मे ंमानवीय चजम्मेदारी सश्म्मचलत थी। जब मूसा के साथ परमेश्वर की वाचा की बात आती ह ैत आज अनेक मसीही उस ेभ्ांमतपूणग तरीके स े

    स चत ेहै।ं व ेमानते है ंमक यह वाचा कायों पर केश्न्ित थी, परन्त ुऐसा नही ंथा। और हम यह बात इस सत्य मे ंपाते है ंमक दस आज्ञाएं एक ऐसी ऐमतहाचसक प्रस्ट्तावना के साथ आरंभ ह ती है ंज प्राचीन मध्य पूवी सजुरेमयन संचधय ंकी प्रस्ट्तावनाओ ंस ेकािी ममलती जलुती थी।ं क ई भी वाचा ममलने से पहले मनर्गमन 20:2 मे ंहम य ेवचन पढते है ं:

    म त रेा परम शे्वर यह ि ा हू ूँ, ज तझु ेि ासत् ि के घ र अ थ ा शत् वम स्र ि िे स ेवनक ाि ि ाया ह । (व न गश मन 20:2)

    परमेश्वर ने अपने ल र् ंसे अपेिा की थी मक व ेउसकी आज्ञा माने,ं परन्त ुयह उस दया के कायग के आधार पर ह चजसमे ंउसने उन्हे ंममस्र की भूमम स ेबाहर मनकाला था। मनसंदहे, मानवीय चजम्मेदारी का दूसरा पहलू भी मूसा की वाचा मे ंप्रकट ह ता ह।ै मनर्गमन 19:5 इस्राएल स ेइन वचन ंक कहता ह ै:

    इ सल ि य ेअब यवि त मु वनश्चय मरेी म ा न ग,े और म रेी िाचा क ा पाि न क र ग े, त सब ि ग ें म े ें से त मु ही म रेा वनज धन ठहर ग;े सम स्त पथृ्िी त म रेी ह । (व न गश म न 19:5)

    मूसा के साथ की र्ई वाचा के आदशग चरण मे ंदवैीय अनगु्रह क मानवीय चजम्मेदारी के साथ ज ड मदया र्या था।

    अब दाऊद के साथ की र्ई राजकीय वाचा भी दवैीय उपकार पर केश्न्ित थी। 2 शमूएल 7:8 मे ंपरमेश्वर ने दाऊद से इस प्रकार बात की :

    म ें न ेत तझु ेभ डेिा ि ा स,े और भ डे-बक र रय ें के पीछे पी छे व फरन े स ेइस मनसा स ेब िु ा लि या व क तू म रेी प्रजा इस्राएि का प्रधान ह जाए। (2िमू एि 7:8)

    परमेश्वर ने दाऊद के पररवार क अपने ल र् ंके ऊपर स्ट्थाई शासक के रूप मे ंचनुा, और यह उसने पे्रम के कारण मकया न मक दाऊद की मकसी य ग्यता के कारण। दाऊद का राज्य इसचलए स्ट्थामपत हआु क्य मंक परमेश्वर उसके प्रमत दयाल ुथा। इसके साथ-साथ, परमशे्वर ने मानवीय मवश्वासय ग्यता की मांर् के साथ दाऊद क मदए र्ए अनगु्रह क भी ज डा। समुनए मकस प्रकार भजन 89:30-32 मे ंमवश्वासय ग्यता की अपेिाओ ंक रिा र्या ह ै:

    यवि उसके (ि ाऊि ) िें ि के ि ग म रेी व् यिस्था क छ डेें और म रेे व नयम ें के अ नसुार न चि े ें, यवि ि े म रेी व ि ल धय ें का उ ल्लें घ न क रेें, और म रेी आज्ञाओ ें क न म ान े ें, त म ें उ नके अ पराध का िण् ड स ेंिे स,े और उ नके अ धमश का िण् ड क ड ें स ेिूें गा । (भ ज न 89:30-32)

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    परमेश्वर ने दाऊद के सन्तान ंस ेउसके अनगु्रह के बदले मे ंउसके प्रमत मवश्वासय ग्य रहने की अपेिा की।

    वाचायी आदशग के द न ंपहलू नई वाचा, ज भमवष्यविाओ ंने कहा था मक मसीहा के द्वारा आएर्ी, मे ंभी प्रकट ह ते है।ं पे्रररत पौलसु ने इस ेसंिेप मे ंइमिचसय ं2:8-10 मे ंरिा ह ै:

    क य ेंवक विश्वास के द्वा रा अन गु्रह ही से त मु्हारा उद्धार हआु ह , और यह तमु्हा री ओर स ेन ही ें, िरन परम शे्वर क ा ि ान ह । और न क म ों के क ारि, ऐसा न ह व क क ई घ में ड क रे। (इ व फल सय ें 2:8-9)

    मसीह मे ंवाचा का आधार अनगु्रह ह।ै परन्त ुअब उन शबद ंक समुनए ज पद 10 मे ंआते है ं:

    क य ेंवक हम उ सके ब नाए हएु ह ें; और म सीह यीि ुम े ें उन भि ेक ा म ें के ल ि य ेसजृ ेग ए ल ज धहे ें परम शे्वर न ेपव हि ेसे हम ारे क रन ेके ल ि य ेत या र वक या। (इ व फल सय ें 2:10)

    नई वाचा के आदशग मे ंभले कायों की मानवीय चजम्मदेारी भी शाममल थी। इस मबंदू पर हमे ंहमारे दूसरे मवषय की ओर मडुना चामहए: भमवष्यविा इन वाचायी संरचनाओ ंपर

    मकस प्रकार मनभगर थ।े

    भविष्यिालिय सेिका ई एक ओर भमवष्यविाओ ंने परमेश्वर के ल र् ंक उस करूणा की याद मदलाई ज यह वा ने उन पर

    की थी। इसके साथ-साथ परुान ेमनयम के भमवष्यविाओ ंन ेवाचा मे ंमानवीय चजम्मेदारी पर बहतु अचधक ध्यान मदया। उन्हे ंपरमेश्वर द्वारा बलुाया र्या था मक व ेल र् ंके पास जाएं और विादारीपूणग सेवा की मांर् क स्ट्मरण कराएं। हमे ंहमशेा यह याद रिना चामहए मक भमवष्यविा जानत ेथ ेमक इस्राएल के दमृिर् चर समदुाय मे ंमवश्वासी और र्रैमवश्वासी द न ंथ।े और इसी कारणवश उन्ह नंे वाचा मे ंमानवीय चजम्मदेारी क जांचने वाले या प्रमाचणत करने वाले आधार के रूप मे ंदिेा। वाचा के मनयम ंके प्रमत ल र् ंके प्रत्यतु्तर ने उनके हृदय ंके सचे्च चररत्र क प्रकट मकया।

    एक ओर त दमृिर् चर समदुाय के भीतर के अमवश्वाचसय ंन ेदशागया मक उनके पास उद्धार दने ेवाला मवश्वास नही ंह ैक्य मंक व ेअपनी वाचायी चजम्मदेाररय ंसे दूर ह र्ए है।ं व ेउद्धार के चलए यह वा पर भर सा रिने मे ंअसिल ह र्ए ह ैऔर उन्ह नंे उसके विादार बन ेरहने स ेइनकार कर मदया ह।ै वाचा का उलं्लघन करने वाल ेय ेकुख्यात ल र् परमेश्वर के दण्र् क सहेरं्।े दूसरी ओर, मानवीय चजम्मदेारी की परि ने उनक भी पहचान चलया ज सच्चाई के साथ अदशृय वाचायी समदुाय के भार् थ।े अब य ेव ेल र् थे ज अनन्त रूप स ेछुटकारा पाए हएु थ।े उन्ह नंे यह वा मे ंउद्धार देने वाले मवश्वास क मक्रयाश्न्वत मकया था और व ेअनन्त जीवन के मार्ग मे ंथ।े परन्त ुसच्चाई यह ह ैमक कई बार इन ल र् ंक भी भमवष्यविाओ ंने अपने मवश्वास क प्रमाचणत करने की चनुौती दी थी, लर्भर् वसैे ही जसैे नया मनयम देता ह।ै प्रकाचशतवाक्य 2:7 के शबद ंक सनुे ं:

    लजस के क ान ह ें, ि ह सनु ि ेवक आत्म ा क ि ील सया ओ ें स ेकया क हता ह ाः ज ज य पाए, म ें उ स ेउ स जीिन के पेड म े ें स ेज परम शे्वर के स्ि गश ि क म े ें ह , फि खा न ेक िूें ग ा। (प्रक ालितिाकय 2:7)

  • उसने हमे ंभमवष्यविा मदए अध्याय चार : वाचाओ ंके प्रभाव

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    इस प्रकार का मवषय मक हमे ंइस बात क प्रमाचणत करने के चलए प्रभ ुकी आज्ञा माननी चामहए, और मक हमारे अन्दर उद्धार प्रदान करने का मवश्वास ह,ै ऐसा मवषय ह ैज भमवष्यविाओ ंकी सब पसु्ट्तक ंमे ंपाया जाता ह।ै

    अब हमे ंइस बात के प्रमत सचेत रहना ह र्ा मक हम यह न स चे ंमक भमवष्यविा केवल इसचलए मनयमवादी थे क्य मंक उन्ह नंे मानवीय चजम्मदेारी पर बल मदया था। परन्त ुवास्ट्तमवकता यह ह ैमक भमवष्यविा समझ र्ए थ ेमक परमेश्वर का अनगु्रह आज्ञाकाररता और मवश्वासय ग्यता के हर कायग के पीछे था। पमवत्रशास्ट्त्र की संपूणग चशिा स ेहम यह जानते है ंमक जब कभी भी ल र् प्रभ ुके प्रमत मवश्वासय ग्य बनते है ंत यह इसचलए ह ता ह ैक्य मंक प्रभ ुका आत्मा उनके अन्दर कायग करता ह।ै इसके साथ-साथ बाइबल प्रायः हमे ंआज्ञा मानने की चजम्मेदारी की याद मदलाती ह।ै और क्य मंक भमवष्यविा जानते थ ेमक परमशे्वर का अनगु्रह आज्ञाकाररता के हर कायग के पीछे था, व ेकभी परमेश्वर के ल र् ंक आज्ञाकाररता और मवश्वासय ग्यता की बलुाहट देने स ेनही ंमहचमकचाए।

    वाचा के प्रभाव ंकी हमारी जांच मे ंअब तक हमने वाचायी आदशग के द पहलओु ंक दिेा ह।ै इस मबंदू पर हमे ंहमारे दूसरे मवषय, वाचायी दण्र्, पर ध्यान देना चामहए। वाचायी जीवन के व ेप्रभाव कौनस ेथ ेजब परमेश्वर के ल र् प्रभ ुकी सेवा से दूर ह र्ए थ?े

    िाच ायी िण्ड

    पूरे संसार मे ंमानवीय प्रशासन के अनके प्रारूप है।ं परन्त ुहर मानवीय प्रशासन मे ंएक बात अवशय पाई जाती ह:ै व ेसब इस बात क मानत ेहै ंमक उनके देश के ल र् उनके सारे मनयम ंक नही ंमानेरं्े, और िलस्ट्वरूप व ेअपराध और सजा की प्रणाली क स्ट्थामपत करते है।ं इसी प्रकार की बात इस्राएल के साथ परमेश्वर की वाचा मे ंभी पाई जाती थी। वह जानता था मक उसके ल र् पापी है।ं वह जानता था मक व ेउसके मवरूद्ध बलवा करेंर्े और इसचलए उसने अपने ल र् ंपर दण्र् की प्रणाली क स्ट्थामपत मकया। दण्र् की इस प्रणाली मे ंभमवष्यविाओ ंन ेबहतु ही महत्वपूणग भूममका अदा की। व ेवाचा के संदशेवाहक थे। उन्ह नंे अपराध ंक दशागया, और उन्ह नंे दण्र् की चेतावनी भी दी ज परमेश्वर उन्हे ंतब देर्ा जब ल र् उसकी वाचा का उलं्लघन करेंर्।े अब यह समझने के चलए मक भमवष्यविाओ ंने दण्र् के संदशेवाहक ंके रूप मे ंमकस प्रकार कायग मकया, हमे ंवाचायी दण्र् के उन द तत्व ंक समझना जरूरी ह र्ा ज परमेश्वर न ेअपने ल र् ंके ऊपर रिे थ।े पहला, हम दण्र् के उन प्रकार ंक ि जेरं्े चजनकी घ षणा भमवष्यविाओ ंने की थी, और दूसरा, हम उस प्रमक्रया क जांचेरं्े ज इन दण्र् के कायों मे ंप्रय र् की जाएर्ी। आइए पहले हम दण्र् के प्रकार ंपर ध्यान दे ंचजनकी चेतावनी परुाने मनयम के भमवष्यविाओ ंने उन्हे ंदी चजन्ह नंे यह वा के साथ अपनी वाचा का जानबूझ कर उलं्लघन मकया।

    िण्ड के प्रकार यह अनभुव करना बहतु ही महत्वपूणग ह ैमक परुान ेमनयम के भमवष्यविाओ ंने दण्र् के उन प्रकार ंका

    आमवष्कार नही ंमकया था चजनकी चेतावनी उन्ह नंे दी थी। इसके मवपरीत परमेश्वर के ल र् ंक जसैे दण्र् की अपेिा करनी चामहए उसकी सूची के चलए उन्ह नंे परुान ेमनयम के वचन ंक दिेा। भमवष्यविाओ ंकी शबदावली दशागती ह ैमक व ेप्रायः उन अनचु्छेद ंपर मनभगर रहे ज मूसा की पसु्ट्तक ंमे ंपाए जाते है।ं ऐस ेपाचँ

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    अनचु्छेद है ंचजन्ह नंे भमवष्यविाओ ंकी अर्वुाई की मक व ेदण्र् के उन प्रकार ंकी सूची बनाएं ज परमेश्वर के ल र् ंक मदए जा सकते है:ं व्यवस्ट्थामववरण 4:25-28, व्यवस्ट्थामववरण 28:15-68, व्यवस्ट्थामववरण 29:16-29, और व्यवस्ट्थामववरण 32:15-43, और अंत मे ंलवै्यवस्ट्था 26:14-39 ने भमवष्यविाओ ंक वह सब जानकारी प्रदान की जब उन्ह नं ेदण्र् के उन प्रकार ंक समझन ेका प्रयास मकया ज परमेश्वर अपने ल र् ंक दरे्ा। इन अनचु्छेद ंमे ंइतनी सामग्री ह ैमक उन्हे ंसारर्मभगत करके समझना कमठन ह ैमक व ेक्या कह रह ेहै।ं परन्त ुयह कहना सरुचित ह ैमक मूसा ने य ेअनचु्छेद राष्र क आश्वस्ट्त करन ेके चलए चलि ेमक वाचायी दण्र् की द आधारभूत शे्रचणयां थी।ं

    प्रकृवत म े ें िण् ड वाचायी दण्र् का पहला प्रकार ह ैमक परमेश्वर मनरन्तर रूप स ेमकए जाने वाले पाप का प्रत्यतु्तर प्रकृमत

    मे ंदण्र् के साथ देर्ा। परमेश्वर प्राकृमतक जर्त मे ंअपनी आशीष ंक हटान ेकी चेतावनी देता ह ैतामक यह संसार परमेश्वर के ल र् ंके चलए प्रमतकूल ह जाए। आपक याद ह र्ा मक परमेश्वर इस्राएल क ऐसी भूमम मे ंलेकर आया था जहां दूध और मध ुकी धाराएं बहती थी।ं प्रमतज्ञा की भूमम की प्राकृमतक दशा परमेश्वर के ल र् ंके चलए एक बहतु बडी आशीष बनने वाली थी। परन्त ुभमवष्यविाओ ंने चेतावनी दी मक जब इस्राएल मवि ह करेर्ा त परमेश्वर इस आशीष क दण्र् मे ंबदल देर्ा। अब मकस प्रकार के प्राकृमतक दण्र् दमृिर् चर वाचायी समदुाय के मवरूद्ध आएंर्े? व्यवस्ट्थामववरण 4, 28, 29 और 32 एवं इसके साथ-साथ लवै्यवस्ट्था 26 परमेश्वर के ल र् ंके मवरूद्ध प्राकृमतक दण्र् के कम से कम छः बडे प्रकार ंकी सूची प्रदान करते है।ं पहला, मूसा की पसु्ट्तक ंके य ेअध्याय हमे ंबताते है ंमक परमेश्वर मकसी समय इस्राएल की भूमम पर सूिा भजेेर्ा। यह सूिा भूमम क सिुा देर्ा चजससे ल र् बहतु अचधक कि झेलेरं्े, और वहां महामारी िैलेर्ी। अकाल भी आएंर्े चजससे ल र् ंके पास भ जन भी नही ंह र्ा, यह तब ह र्ा जब व ेजानबूझ कर प्रभ ुके मवरूद्ध मवि ह करंेर्।े और मबमाररयां उनके ऊपर आएंर्ी- व ेज्वर और ि डे और र्ांठ ंऔर अन्य मबमाररय ंक सहेरं्े। जंर्ली जानवर मानव जीवन के चलए ितरा बन जाएंर्े और ल र् ंकी संख्या कम ह जाएर्ी। प्रमतज्ञा की भूमम मे ंसंतानहीनता और असाममयक मतृ्य ुजानवर ंऔर मनषु्य ंकी संख्या क कम कर देरं्ी।ं

    भमवष्यविाओ ंने बार-बार इन प्रकार ंके वाचायी दण्र् का उल्लेि मकया। उन्ह नंे प्रायः चेतावनी दी मक परमेश्वर प्रमतज्ञा की भूमम मे ंजीवन क असंमजस मे ंर्ालने के चलए कुछ प्राकृमतक आपदाएं लेकर आएर्ा। उदाहरण के चलए समुनए मक परमेश्वर ने हाग्र् ै1:9-11 मे ंक्या कहा :

    म रेा भिन उ जाड पडा ह और त मु म े ें स ेप्रत्यके अ पन े अ पन े घर क ि ौडा चि ा जात ा ह ? इ स क ारि आक ाि स ेओस व ग र न ा और पथृ्िी स ेअ न्न उपजन ा ि न ें ब धि ह ें। और म रेी आज्ञा से पथृ्िी और पहा ड ें पर, और अन्न और न य ेि ाखमध ुपर और त ाज ेतिे पर, और ज कुछ भूवम स ेउ पजता ह उ स पर, और म नषु् य ें और घ रेिू पिओु ें पर, और उ नके पररश्रम क ी सारी क म ाई पर भ ी अक ाि पडा ह । (हा ग्ग 1:9-11)

    परमेश्वर ने प्रायः अपन ेभमवष्यविाओ ंस ेघ षणा करवाई मक प्राकृमतक आपदाओ ंके रूप मे ंदण्र् आने वाला ह।ै

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    यदु्ध म े ें िण् ड प्रकृमत मे ंदण्र् के अमतररि हम यह भी पाते है ंमक भमवष्यविाओ ंने यदु्ध मे ंदण्र् की घ षणा भी की

    थी। यदु्ध प्रायः प्राकृमतक ितर ंक लेकर आता ह,ै जसैे अकाल और मबमारी, परन्त ुपरमेश्वर ने वाचायी दण्र् के एक प्रकार के रूप मे ंअपने ल र् ंके मवरूद्ध मानवीय शत्रओु ंक भजेने की बात भी कही थी। मूसा के लेिन ंमे ंयदु्ध के कई उल्लिे पाए जाते है।ं व्यवस्ट्थामववरण 4, 28, 29 और 32 एवं लवै्यवस्ट्था 26 मे ंहम यदु्ध मे ंदण्र् की कम स ेकम पाचँ बडी शे्रचणयां पाते है।ं पहली, परमेश्वर के ल र् पराजय का सामना करंेर्े। व ेअपने शत्रओु ंके हमल ंके सामने िडे नही ंरह सकंेर्।े दूसरी, उनके नर्र ंक घरेा जाएर्ा। नर्र उनके शत्रओु ंद्वारा घेरा जाएर्ा और उनके मनवासी कि सहेरं्।े मिर उनके शत्र ुउनके नर्र ंपर कबजा कर लेरं्े। परमेश्वर के ल र् ंके शत्र ुप्रमतज्ञा की भूमम मे ंआ जाएंर्े और उस पर अचधकार कर लेरं्े। यदु्ध मे ंमतृ्य ुऔर मवनाश एक अन्य वाचायी श्राप ह ैक्य मंक परमेश्वर के अनके ल र् उनके शत्रओु ंके हाथ ंमारे जाएंर्।े और अंत मे,ं सबसे बदतर श्राप- परमेश्वर कहता ह ैमक उसके ल र् ंक बंदी बना चलया जाएर्ा और बंधआुई मे ंअन्य राष्र ंमे ंमततर-मबतर कर मदया जाएर्ा।

    बार-बार भमवष्यविाओ ंने न केवल यह घ षणा की मक परमशे्वर के ल र् उनके शत्रओु ंके द्वारा पराचजत मकए जाएंर्े बश्ल्क उन्ह नंे यह भी चेतावनी दी मक प्रमतज्ञा की भूमम स ेव ेबंधआुई मे ंभी ल ेजाए जाएंर्े। उदाहरण के रूप मे,ं भमवष्यविा मीका ने चचताया था मक यहूदी धमग क मानने वाल ेअनके ल र् प्रमतज्ञा की भूमम स ेबंधआुई मे ंल ेजाए जाएंर्।े मीका 1:16 मे ंहम बंधआुई के इन शबद ंक पढ सकत ेहै ं:

    अ पन ेििु ा रे ि डक ें के लि य ेअपना के ि कि िाक र लसर म ुें डा, िरन अ पना पूरा लसर व ग द्ध के समान गें ज ा क र ि,े क य ेंव क ि ेबें धएु ह क र त रेे पास स ेचि ेग ए ह ें। (म ीक ा 1:16)

    दण्र् और यदु्ध की ऐसी चेतावमनयां परुाने मनयम के सारे भमवष्यविाओ ंमे ंप्रकट ह ती है।ं अतः हम दिेते है ंमक परुाने मनयम के भमवष्यविाओ ंने वाचायी दण्र् के द आधारभूत प्रकार ंकी

    घ षणा की: प्राकृमतक आपदाएं और यदु्ध। आइए अब हम उस प्रमक्रया की ओर देिते है ंचजसके बारे मे ंपरमेश्वर ने कहा मक उसका उपय र् वह अपन ेल र् ंक इस प्रकार के दण्र् देने मे ंकरेर्ा।

    िण्ड की प्रव िया भमवष्यविाओ ंने दण्र् की मकन प्रमक्रयाओ ंकी अपेिा की थी? भमवष्यविाओ ंने दण्र् की प्रमक्रया

    मखु्य रूप स ेलवै्यवस्ट्था 26:14-39 से सीिी थी। इस अनचु्छेद मे ंमूसा ने दण्र् का वणगन इस प्रकार मकया था जसैे मक वह एक लम्ब ेसमय तक चलता ह ैऔर वह एक मनचित प्रारूप का अनसुरण करता ह।ै जब हम इस अनचु्छेद का आकलन करते है,ं त हम कम स ेकम तीन चसद्धांत ंक पाएंर् ेज उस तरीके क संचाचलत करेर्ा चजसके अन्तर्गत य ेदण्र् आएंर्े। परमेश्वर धयैग मदिाएर्ा, परन्त ुदण्र् की कठ रता और अचधक बढ जाएर्ी, और इस प्रकार के दण्र् का एक मवशेष अन्त भी ह र्ा। आइए पहले हम दवैीय धयैग के बारे मे ंस चे।ं

    ि िीय ध यश लवै्यवस्ट्था 26:14-39 इसे स्ट्पि करती ह ैमक परमेश्वर अपने ल र् ंके प्रमत बहतु धयैग रिता ह ैजब व े

    पाप करते है।ं परमेश्वर महसूस करता ह ैमक उसके ल र् बलवा करंेर् ेऔर पिाताप न करते हएु हठी ह

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    जाएंर्े। अतः इस अनचु्छेद मे ंमूसा दशागता ह ैमक परमेश्वर अपने ल र् ंके प्रमत बहतु धयैगवान रहेर्ा। लवै्यवस्ट्था 26 क पाचँ मखु्य भार् ंमे ंमवभाचजत मकया जा सकता ह:ै पद 14-17, 18-20, 21-22, 23-26 और 27-39। य ेसारे िण्र् परमेश्वर द्वारा यह कहत ेहएु आरंभ ह ते है:ं “यमद तमु मेरी न सनु र् े. . .” और मिर वह बताता ह ैमक वह दण्र् के रूप मे ंइस्राएल के साथ क्या करेर्ा। “यमद तमु मेरी न सनु र् े. . .” क मिर स ेबताना दशागता ह ैमक परमेश्वर अपने ल र् ंक पिाताप करने के अनके अवसर देने के द्वारा उनके साथ धयैग रिने की चाहत रिता ह।ै

    परमेश्वर के द्वारा धयैग रिने का एक संचिप्त वणगन परुाने मनयम की भमवष्यवाणी मे ंप्रकट ह ता ह।ै य एल भमवष्यविा ने परमेश्वर के धयैग के बारे मे ंय एल अध्याय 2 मे ंबात की जब उसने ल र् ंक पिाताप करने की बलुाहट दी। 2:13 मे ंउसने इस्राएल से य ेशबद कह े:

    अ पन ेिस्र न ही ें, अ पन ेम न ही क फाडक र अ पन े परम शे्वर यह िा क ी ओर वफर ; क य ेंवक ि ह अन गु्रहक ारी, ि याि,ु विि म्ब स ेि ध क रनिे ा िा, क रिावनधान और ि ाुः ख िके र पछत ा न हेा रा ह । (य एि 2:13)

    भमवष्यविा पूरी मनष्ठा के साथ वाचायी दण्र् मे ंमवश्वास रित ेथ,े परन्त ुव ेयह भी मानते थ ेमक यह वा अपने ल र् ंके प्रमत बहतु धयैग रिता ह।ै

    लवै्यवस्ट्था 26 मे ंवाचायी दण्र् का पहला चसद्धान्त यह ह ैमक परमेश्वर धयैग रिेर्ा। परन्त ुइसके साथ-साथ दूसरा चसद्धान्त भी ह ै— परमेश्वर के वाचायी दण्र् मिर और अचधक रं्भीरता के साथ आएंर्े।

    ब ढी हईु गें भीरत ा चजस प्रकार लवै्यवस्ट्था 26 के पांच िण्र् हमे ंबताते है ंमक परमेश्वर धयैगवान ह,ै व ेहमे ंयह भी बताते

    है ंमक परमेश्वर अपने दण्र् की रं्भीरता क बढा दरे्ा। पद 18, 21, 24 और 28 मे ंपरमेश्वर इस तरह स ेअपने ल र् ंक चेतावनी दतेा ह:ै अर्र व ेउसके प्रमत बलवा करते रहे, त वह उन पर सात र्नुा अचधक दण्र् लाएर्ा।

    लवै्यवस्ट्था 26 का यह पहलू हमे ंबताता ह ैमक वाचायी दण्र् मभन्न स्ट्तर ंमे ंआता ह।ै कई बार भमवष्यविाओ ंने तलुनात्मक रूप से छ टे दण्र् की चेतावनी दी, और मिर बाद मे ंउन्ह नंे मकसी बडे दण्र् के आने की चेतावनी भी दी। उदाहरण के तौर पर हम यशायाह की पसु्ट्तक 38:1 मे ंएक छ टे दण्र् के बारे मे ंपढते है ं:

    अ पन ेघ रा न ेके विषय ज आज्ञा ि ने ी ह ि ह ि े, कय ेंवक तू न बचेग ा म र ही जाएगा। (यिायाह 38:1)

    अब, मझुे मनिय ह ैमक महजमकय्याहन ेस्ट्वयं यह स चा ह र्ा मक यह उसके चलए एक बडा वाचायी दण्र् था, परन्त ुपूरे राष्र के संदभग मे ंयह छ टा था, यहां केवल एक व्यमि परमेश्वर के दण्र् क सहन रहा था। परन्त ुदूसरी ओर, जब महजमकय्याहने असीररया के हमल ंस ेचमत्काररक रूप से छुटकारा पाने के बाद भी स्ट्वयं क यह वा के प्रमत सममपगत करने स ेइनकार कर मदया त यशायाह ने और अचधक रं्भीर दण्र् की

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    घ षणा की। उसन ेघ षणा की मक एक मदन बबेील न के ल र् पूरे यहूदा राष्र पर कबजा कर लेरं्े। यशायाह 39:6 मे ंहम इन शबद ंक पढते है ं:

    ऐस ेवि न आन िे ाि े ह ें, लज म े ें ज कु छ त रेे भि न म े ें ह . . . ि ह सब ब ाब िु क उ ठ जाएगा . . . क ई िस् त ुन ब चेगी । (यिायाह 39:6)

    यह कथन महजमकय्याहके व्यमिर्त स्ट्वास्ट्थ्य के बारे मे ंदी र्ई चेतावनी स ेकही ंअचधक रं्भीर था। यह पूरे राष्र के चलए ितरा था। और अनके भमवष्यविा इसी प्रकार के प्रारूप का अनकुरण करत ेथे। व ेबढे हएु दण्र् के बारे मे ंबात करते थे।

    न केवल हम पाते है ंमक परमेश्वर धयैग और बढी हईु रं्भीरता के साथ वाचायी दण्र् लाता था, बश्ल्क हम एक तीसरा चसद्धांत भी पात ेहै:ं दण्र् का अन्त प्रमतज्ञा की भूमम स ेबंधआुई मे ंचले जाना ह।ै

    विि षे अधत लवै्यवस्ट्था 26:27-39 का अंमतम िण्र् सचेत करता ह ैमक परमेश्वर के ल र् ंके मवरुद्ध आने वाला

    सबसे रं्भीर दण्र् उनकी भूमम का मवनाश और प्रमतज्ञा की भूमम स ेबंधआुई मे ंजाना ह र्ा। दचेिए मकस प्रकार मूसा इस ेलवै्यवस्ट्था 26:33 मे ंरिता ह ै:

    और म ें तमु क जावत जाव त के ब ीच वतत र -वब तर करें ग ा, और त मु् हा रे पीछे पीछे ति िार ख ी चे ें रहू ूँगा; और तमु्हारा ि िे सूना ह जाएगा, और तमु् हा रे नगर उ जाड ह ज ा एें ग ।े (ि व् यि स्थ ा 26:33)

    परुान ेमनयम के मवश्वाचसय ंके मन मे ंइसस ेमकसी और बरुी श्स्ट्थमत की कल्पना करना कमठन था। परमेश्वर इस्राएल क प्रमतज्ञा की भूमम पर लकेर आया था, एक ऐसी भूमम चजसमे ंदूध और मध ुकी धाराएं बहती थी,ं और अब भमवष्यविा यह कह रहे थ ेमक इस भूमम स ेउन्हे ंबंधआुई मे ंलकेर जाया जाएर्ा। जब तक हम बाइबल के अचधकांश भमवष्यविाओ ंकी ओर आत ेहै,ं परमेश्वर ने उन्हे ंपहले ही बार-बार चेतावनी द ेदी थी मक वह उन्हे ंउनकी भूमम स ेबाहर भेजने वाला ह।ै अतः हम भमवष्यविाओ ंक यह घ षणा करते हएु पाते है ंमक बंधआुई शीघ्र ही आने वाली ह।ै उदाहरण के तौर पर, आम स 5:26-27 मे ंहम इन शबद ंक पाते है ं:

    त मु त अ पन े राजा का तम्बू, और अ पनी मू रत ें क चरिपीठ, और अ पन े ि िेत ा क ा ता रा लि ए व फरत े रह।े इ स क ारि म ें तमु क ि वम श्क के उ स पार बें धआुई म े ें क र िूें ग ा। (आम स 5:26-27)

    यद्यमप मूसा ने बंधआुई के ितरे क लवै्यवस्ट्था 26 और अनके अन्य अनचु्छेद ंमे ंबहतु ही स्ट्पि कर मदया था, मिर भी इस्राएल के ल र् ंक इस पर मवश्वास करना बहतु कमठन लर्ा। यह धारणा बहतु प्रचचलत थी मक परमेश्वर कभी पूरी तरह स ेअपने ल र् ंक नही ंमनकालरे्ा- कम स ेकम यरूशलमे क ज्य ंका त्य ंरहेर्ा। ल र् यह भूल चकेु थे मक यह वा के साथ उनकी वाचा मे ंमानवीय चजम्मेदारी भी मनमहत थी, और इसी कारण यरूशलेम की सरुिा के अंमतम वषों मे ंभी मयमगयाह क यह घ षणा करनी पडी मक नर्र और मश्न्दर का मवनाश ह ने वाला ह।ै मयमगयाह 7:13-15 मे ंहम इन शबद ंक पढते है ं:

  • उसने हमे ंभमवष्यविा मदए अध्याय चार : वाचाओ ंके प्रभाव

    -11-

    चलचचत्र, अध्ययन मार्गदचशगका एवं कई अन्य संसाधन ंके चलये, हमारी वेबसाइट thirdmill.org पर जाए।ँ

    अ ब यह िा की यह िािी ह , वक तमु ज य ेसब काम क रत ेआए ह , और यद्यवप म ें त मु स ेब डे यत्न स ेब ा त े ें क रता रहा हू ूँ, तौभी त मु न ेन ही ें सनुा, और त मु् हे ें बिु ात ा आया परधत ुत मु न ही ें ब ि,े इ सलि य ेयह भिन ज म रेा क हि ाता ह , लजस पर तमु भर सा रख त े ह , और यह स्थान ज म ें न ेतमु क और तमु् हा रे पूिश ज ें क वि या थ ा, इसक ी ि िा म ें िीि की सी क र िूें ग ा। और ज सा म ें न ेत मु्हा रे सब भ ाइ य ें क अ थ ा शत् सा रे एप्र व म य ें क अ पन े सा म्हन ेस ेिूर क र वि या ह , ि सा ही तमु क भ ी िू र क र िूें ग ा। (व यमश या ह 7:13-15)

    परमेश्वर अपन ेल र् ंके प्रमत अनगु्रहकारी, धयैगवान और दयाल ुह;ै उसे क्र चधत करने मे ंबहतु समय लर्ता ह,ै परन्त ुउसे क्र चधत मकया जा सकता ह।ै अतः हम पाते है ंमक परमेश्वर अपने ल र् ंक दण्र् देता ह,ै परन्त ुयह धयैगपूणग और दया से भरा दण्र् ह ता ह ैज वह अपन ेल र् ंपर लाता ह।ै

    वाचाओ ंके प्रभाव ंपर आधाररत इस अध्याय मे ंअब तक हमने वाचायी आदशग और वाचायी दण्र् देिा ह।ै हमारे मवचार-मवमशग मे,ं आइए अब हम तीसरे घटक क दिेे:ं वाचायी आशीषे।ं परमेश्वर मकस प्रकार अपनी आशीष ेअपने ल र् ंपर उंरे्लता ह?ै

    िाच ायी आ िीष े ें

    क्या कभी आपकी ऐसी ममत्रता मकसी स ेरही ह ैजहां दूसरा व्यमि आपक कभी छ डता नही?ं शायद आप कही ंदूर जर्ह पर चल ेर्ए और पत्र मिर भी आते रहे ंचाहे आप उनका जवाब देना भूल र्ए ह ,ं या मिर जब ि न आते ह ंऔर आप इसी ममत्र क पाते ह ।ं ऐस ेममत्र ह ना अच्छी बात ह ैज आपके पूरे जीवन भर आपके साथ रहे। यह वा और इस्राएल के साथ उसके संबंध मे ंयही बात थी। भमवष्यविा जानते थ ेमक परमेश्वर अपन ेल र् ंक कडा दण्र् देर्ा, परन्त ुव ेयह भी जानते थ ेऔर इस बात की घ षणा करते थ ेमक परमेश्वर अपन ेवाचायी ल र् ंक कभी छ डेर्ा नही।ं

    वाचायी जीवन के इस पहलू क देिने के चलए हमे ंद बात ंपर ध्यान देना ह र्ा, ठीक वसैे ही जसैे हमने दण्र् के मवषय मे ंमकया था। पहले हम वाचायी आशीष के प्रकार ंक दिेेरं्े और मिर हम वाचायी आशीष की प्रमक्रया क देिेरं्।े

    आिी ष ें के प्रकार आशीषे ंल र् ंक तब ममलती है ंजब व ेपरमेश्वर के प्रमत मवश्वासय ग्य ह ने का प्रयत्न करते है।ं

    मनसंदेह, परमेश्वर अपने ल र् ंसे चसद्ध हाने की अपेिा नही ंकरता, परन्त ुवह यह अपेिा अवशय करता ह ैमक व ेपूरी मनष्ठा के साथ उसे ि जे,ं और उसके प्रमत बलवा न करंे। जब वाचा के ल र् इस प्रकार मवश्वासय ग्य रहते है,ं त परमेश्वर उन्हे ंभरपूरी स ेआशीष दतेा ह ै:

  • उसने हमे ंभमवष्यविा मदए अध्याय चार : वाचाओ ंके प्रभाव

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    चलचचत्र, अध्ययन मार्गदचशगका एवं कई अन्य संसाधन ंके चलये, हमारी वेबसाइट thirdmill.org पर जाए।ँ

    प्रकृवत म े ें आि ीष आशीष की पहली शे्रणी प्रकृमत मे ंआशीष ह।ै चजस प्रकार मूसा ने प्रकृमत मे ंदण्र् की बात कही थी,

    उसी प्रकार उसने उन आशीष ंके बारे मे ंबात भी की ज प्रकृमत के िेत्र मे ंआएंर्ी। मूसा ने इस्राएल के समि प्रकट मकया मक परमेश्वर ने प्रकृमत से जडुी अनके आशीषे ंदेने का वादा मकया था यमद व ेमवश्वासय ग्यता के साथ उसकी सेवा करे।ं व्यवस्ट्थामववरण 4, 28, 30, और लवै्यवस्ट्था 26 मे ंकम से कम चार रूप ंमे ंइस प्रकार के उदे्दशय प्रकट ह ते है।ं पहला, मूसा ने भरपूर कृमष के बारे मे ंबात की थी। यमद ल र् प्रभ ुके प्रमत मवश्वासय ग्य रहेरं्े त िेत िसल ंस ेभरे रहेरं्।े वह पशधुन मे ंबढ तरी की बात भी करता ह।ै यमद ल र् मवश्वासय ग्यता के साथ प्रभ ुकी सेवा करेंर्े त उनके जानवर ंकी संख्या मे ंभी बढ तरी ह र्ी। अच्छा स्ट्वास्ट्थ्य और िशुहाली परमेश्वर के ल र् ंक ममलेर्ी। व ेअच्छे स्ट्वास्ट्थ्य और मनर र्ी शरीर क प्राप्त करंेर्े, और इसके अमतररि, उनकी जनसंख्या भी बढेर्ी। इस्राएचलय ंकी संख्या भी बढ जाएर्ी। इस्राएचलय ंकी संख्या बढ जाएर्ी चजसस ेवे प्रमतज्ञा की भूमम मे ंभर जाएंर्े।

    प्रकृमत मे ंआशीष ंकी घ षणाओ ंस ेहमे ंअचंमभत नही ंह ना चामहए। जब परमेश्वर ने मानवजामत की रचना की थी, त उसने हमे ंस्ट्वर्गल क, अथागत् अदन की वामटका मे ंरिा था। परन्त ुमिर पाप के कारण परमेश्वर ने हमे ंवहां से मनकाल मदया। जब परमेश्वर के वाचायी ल र् उसके प्रमत मवश्वासय ग्य रहते है ंत वह उन्हे ंआशीषे,ं और प्रकृमत की आशीषे ंदेने की प्रमतज्ञा दतेा ह ैतामक व ेउन बात ंका अनभुव कर सकंे ज परमेश्वर चाहता था मक उनके पास आरंभ स ेही ह । परुाने मनयम के भमवष्यविाओ ंने कई रूप ंमे ंप्राकृमतक सम्पदा की आशीष के बारे मे ंबात की। य एल 2:22-23 मे ंहम पढते है:ं

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