Download) UPSC IAS (Pre.) CSAT Exam Paper - 2016 (Paper · मानव के ुर्िए...

31
(डाउनलोड "Download") पीएससी आईएएस () सीसैट परीा पेपर UPSC IAS (Pre.) CSAT Exam Paper - 2016 (Paper - 2) "held on 07-08-2016" परीा का नाम: आईएएस () विषय: सीसैट (पेपर -2) CSAT Paper -2 साल Year: 2016 टेट बुकलेट सीरीज: C आने िले 8 शना के लए नेशः ननललखित आठ पररछे को पढ़िये तथा येक पररछे के पशचात ् आने िले शनाके उर ीजजए। इन शना के आपके उतर पररछे पर आधाररत ही होने चाढ़हए। पररछे - 1 पारदशिता और तयोगिता को समात करने से , ोनी-जीवाद (ोनी-कै पपटिम) मुत उयम, अवसर और आगथिक ितके िए हातनकारक है। ोनी-जीवाद, जसन धनाय और भावशािी यजतय पर यह आरोप ििता है उहने टाचारी राजनीतको घस देकर जमीन और ाक तक ससाधन तथा पवभन िइसेस ात कए , अब एक मुख मुदा बन िया है जसे तनपटने की जरत है। भारत जैसी पवकासशीि अथियवथाओ की सृपवध के िए बह बड़ा खतरा मय-आय-जाि (मडिि इकम ैप) है जहा ोनी- जीवाद अपत (आििाकीज) को तनमिकरता है जो सव गध को धीमा कर देते ह। 1. उपयुत पररछे का सिाुधधक ताकु क उपननगमन (कारोली) ननललखित से कौन सा है ? a. अपेाक अगधक कयाणकारी कीम को आरभ करने और चाि कीम के िए अपेाक अगधक पव आबटटत करने की तकाि आवयकता है DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

Transcript of Download) UPSC IAS (Pre.) CSAT Exam Paper - 2016 (Paper · मानव के ुर्िए...

  • (डाउनलोड "Download") यपूीएससी आईएएस (प्री) सीसटै परीक्षा पेपर UPSC IAS (Pre.) CSAT Exam Paper - 2016 (Paper -

    2) "held on 07-08-2016" परीक्षा का नाम: आईएएस (प्री) विषय: सीसैट (पेपर -2) CSAT Paper -2 साल Year: 2016 टेस्ट बुकलेट सीरीज: C आने िाले 8 प्रशनाांशों के ललए ननरे्दशः ननम्नललखित आठ पररच्छेर्दों को पढ़िये तथा प्रत्येक पररच्छेर्द के पशचात ्आने िाले प्रशनाांश के उत्तर र्दीजजए। इन प्रशनाांशों के आपके उतर पररच्छेर्दों पर आधाररत ही होने चाढ़हए।

    पररच्छेर्द - 1 पारदर्शिता और प्रततयोगिता को समाप्त करने से, क्रोनी-प ूंजीवाद (क्रोनी-कैपपटर्िज़्म) मुक्त उद्यम, अवसर और आगथिक प्रितत के र्िए हातनकारक है। क्रोनी-प ूंजीवाद, जजसनें धनाढ्य और प्रभावशािी व्यजक्तयों पर यह आरोप ििता है कक उन्होंने भ्रष्टाचारी राजनीततज्ञों को घ स देकर जमीन और प्राकृततक सूंसाधन तथा पवर्भन्न िाइसेन्स प्राप्त ककए हैं, अब एक प्रमुख मुद्दा बन िया है जजसे तनपटने की जरूरत है। भारत जैसी पवकासशीि अथिव्यवस्थाओूं की सूंृृपवद्ध के र्िए बहुत बड़ा खतरा मध्य-आय-जाि (र्मडिि इन्कम टै्रप) है जहाूं क्रोनी-प ूंजीवाद अल्पतूंत्रों (आृ र्ििाकीज) को तनर्मित करता है जो सूंवदृ्गध को धीमा कर देते हैं।

    1. उपयुकु्त पररच्छेर्द का सिाुधधक तार्कुक उपननगमन (कारोली) ननम्नललखित में से कौन सा है? a. अपेक्षाकृत अगधक कल्याणकारी स्कीमों को आरूंभ करने और चाि स्कीमों के र्िए अपेक्षाकृत अगधक पवत्त

    आबूंटटत करने की तत्काि आवश्यकता है

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • b. आगथिक पवकास को अन्य माध्यमों से प्रोत्साटहत करने एवूं तनधिनों को िाइसेंस जारी करने का प्रयास ककया जाना चाटहए

    c. वतिमान में सरकार की कायि-प्रणािी और पारदशी तथा पवत्तीय समावेशन को प्रोत्साटहत करने की आवश्यकता है d. हमें सेवा के्षत्राक की जिह तनमािण के्षत्राक का पवकास करने पर अगधक ध्यान कें टित करना चाटहए

    पररच्छेर्द-2 जिवायु अनुक िन अप्रभावी हो सकता है यटद द सरे पवकास सूंबूंधी सरोकारों के सूंदभि में तनीततयों को अर्भकजल्पत नहीूं ककया जाता। उदाहरण के तौरप पर, एक व्यापक नणनीतत, जो जिवायु पररवतिन के सन्दभि में खाद्य सुरक्षा की अर्भवदृ्गध करने का प्रयास करती है, कृपि प्रसार, फस्ि पवपवधता, एकीकृत जि एवूं पीड़क प्रबूंधन और कृपि स चना सेवाओूं से सूंबूंगधत उपायों के एक समुच्च को, सजममर्ित कर सकती है। इनमें से कुछ उपाय जिवायु पररवतिन से और अन्य उपाय आगथिक पवकास से सूंबूंगधत हो सकते हैं।

    2. उपयुकु्त पररच्छेर्द से कौनसा सिाुधधक तकुसांगत और ननणायकु ननष्कषु (इनफेरेंस) ननकाला जा सकता है? a. पवकासशीि देशों में जिवायु अनुक िन जारी रखना कटिन है b. खाद्य सुरक्षा की अर्भवदृ्गध करना, जिवायु अनुक िन की अपेक्षा कहीूं अगधक जटटि पविय है

    c. प्रत्येक पवकासात्मक कक्रयाकिाप प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः जिवायु से जुड़ा है d. जिवायु अनुक िन की द सरे आगथिक पवकास पवकल्पों के सूंबूंध में परीक्षा की जानी चाटहए

    पररच्छेर्द-3 जिीय चक्र में जैव-पवपवधता की भ र्मका की समझ बेहतर नीतत-तनमािण में सहायक होती हे। जैव-पवपवधत शब्द अनेक ककस्मों के पादपों, प्राणणयों, स क्ष्मजीवों की ओर उन पाररतूंत्रों को, जजसमें वे पाए जाते हैं, तनटदिष्ट करता है। जि और जैव-पवपवधता एक द सरे पर तनभिर हैं। वास्तव में जिीय चक्र से यह तनजश्चत होता है कक जैव-पवपवधता कैसे कायि करती है। क्रम से, वनस्पतत और मदृा के प्रवाह को तनधािररत करते हैं। हर एक गििास जि जो हम पीते हैं, कम से कम उसका कोई अूंश, मछर्ियों, वकृ्षों, जीवाणुओूं, र्मट्टी और अन्य जीवों (आृ िेतनज़्मस) से होकर िुजरा होता है। इन पररतूंत्रों से िुज़रते हुए वह शुद्ध होता है और उपभोि के र्िए उपुयुक्त होता है। जि की प तत ि एक महत्वप णि सेवा है जो पयािवरण प्रदान करता है।

    1. उपयुकु्त पररच्छेर्द से ननम्नललखित में कौन सा सिाुधधक ननष्कषु (इनफेरेंस) ननकाला जा सकता है? a. जैव-पवपवधता, प्रकृतत जि के पुनचिक्रण की सामथ्र्य बनाए रखती है

    b. जीपवत जीवों (आृ िेतनज़्मस) के अजस्तत्व के बबना हम पेय जि प्राप्त नहीूं कर सकते c. पादम, प्राणी और स क्ष्मजीव आपस में सतत अन्योन्यकक्रया करते रहते हैं

    d. जिीय चक्र के बबना, जीपवत जीव (आिेतनज़्मस) अजस्तत्व में नहीूं आये होते

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • पररच्छेर्द-4 पपछिे दशक में, बैंककूं ि के्षत्रा को, मुख्यतः मध्यविि और उच्च मध्यविि समाज को सेवा प्रदान करने वािे उच्च कोटट के स्वचािन और उत्पादों से पुनः सूंरगचत ककया िया है। आज बैंककूं ि और िैर-बैंककूं ि पवतीय सेवाओूं के र्िए ऐसे नए कायिक्रम की आवश्यकता है जो आम आदमी की पहुूंचे से बाहर न हो।

    4. उपयुकु्त पररच्छेर्द में ननम्नललखित में से कौनसा सन्रे्दश अननिायतुः अांतननढ़ुहत है? a. बैंकों के और अगधक स्वचािन और उत्पादों की आवश्यक्ता b. हमारी समप णि िोक पवत्त व्यवस्था की आम ि पुनसंरचना की आवश्यकता c. बैंककूं ि और िैर-बैंककूं ि सूंस्थाओूं का एकीकरण करने की आवश्यकता

    d. पवत्तीय समावेशन को सूंवगधित करने की आवश्यकता

    पररच्छेर्द-5 मर्िन बजस्तयों में सुरक्षक्षत तथा सूंधारणीय सफाई से मटहिाओूं और िड़ककयों को उनके स्वास््य, सुरक्षा, तनजता तथा समान के रूप में असीर्मत िाभ र्मिता है। तथापप शहरी सफज्ञई बपर बनने वािी अगधकार योजनाओूं और नीततयों में मटहिाओूं प्रततिक्षक्षत नहीूं होतीूं। यह त्य कक मैिा ढोने की प्रथा आज भी अजस्तत्व मे है यह टदखाता है कक प्रवाही-फ्िश शौचाियों को बढ़ावा देने तथा शुष्क शौचाियों को बूंद करने को िेकर अभी तक बहुत कुछ नहीूं ककया िया है। स्वच्छता के अगधकार की टदशा में बहुत बड़े पैमाने पर अगधक स्थायी और मजब त अर्भयान शुरू ककया जाना चाटहए। यह मुख्य रूप से मैिा ढोने के उन्म िन पर ध्यान केजन्ित करने वािा होना चाटहए।

    5. उपयुकु्त पररच्छेर्द के सन्र्दर् ुमें, ननम्नललखित कथनों पर विचार कीजजए: 1. शहरी सफाई समस्या का प णि तनराकरण केवि मैिा ढोने के उन्म िन से ही ककया जा सकता है। 2. शहरी के्षत्रों में सुरक्षक्षत सफाई व्यवहार की जािरूकता को अगधक प्रोत्साटहत करने की आवश्यक्ता है।

    उपयुकु्त कथनों में से कौनसा/से सही है/हैं? a. केवि 1 b. केवि 2 c. 1 और 2 दोनों

    d. न तो 1 और न ही 2

    पररच्छेर्द-6 मानव के र्िए उपयुक्त, सरकार की प्रकृतत और पररमाण को समझने के र्िए यह आवश्यक है कक मानव के स्वभाव को समझा जाए। च ूंकक प्रकृतत ने उसे सामाजजक जीवन के र्िए बनाया है, उसे उस स्थान के र्िए भी युक्त

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • ककया हहै जजसे उसने तनयम ककया है। सभी पररजस्थततयों में उसने उसकी नैसगििक आवश्यकताओूं को उसकी व्यजक्तित शजक्तयों से बड़ा बनाया है। कोईभी एक व्यजक्त समाज की सहायता के बबना अपनी इच्छाओूं की प तत ि करने में सक्षम नहीूं हैः और वही आवश्यकताएूं प्रत्येक व्यजक्त पर कक्रयाशीि होकर समग्र रूप से उनको एक समाज के रूप में रहने के र्िए पे्रररत करती है।

    6. ननम्नललखित में से कौनसा, उपयुकु्त पररच्छेर्द का सिाुधधक तार्कुक और तकुसांगत ननष्कषु (इनफेरेंस) ननकाला जा सकता है?

    a. प्रकृतत ने मानव समाज में भारती पवपवगधता का तनमािण जृककया है

    b. ककसी भी मानव समाज को सदा उसकी आवश्यकताओूं से कम र्मिता है। c. सामाजजक जीवन मानव का पवर्शष्ट िक्षण है।

    d. पवपवध प्राकृततक आवश्यकताओूं ने मानव को समाजजक प्रणािी की ओर बाध्य ककया है।

    पररच्छेर्द-7 ककसी राज्य में कान नी आदेशकों (इमे्रटटव्स) की प्रकृतत उन प्रभावकारी माूंिों के अनुरूप होती है जजनका राज्य को सामना करना पड़ता है, और यह, कक अपने क्रम में ये सामान्य रूप से उस रीतत पर आगित होती हैं जजसमें समाज में वह आगथिक शजक्त पवतररत होती है जजस पर राज्य तनयूंत्राण करता है।

    7. यह कथन र्कसको ननढ़रु्दष्ट करता है? a. राजनीतत और अथितूंत्रा के प्रततवाद (ऐजन्टथीर्सस) को b. राजनीतत और अथिवाद के पारस्पररक समबूंध को

    c. राजनीतत पर अथितूंत्रा की प्रधानता को d. अथितूंत्रा पर राजनीतत की प्रधानता को

    पररच्छेर्द-8 भ मूंििीय ग्रीनहाउस िैस उत्सजिन का ििभि 15 प्रततशत कृपि प्रकक्रयाओूं से आता है। इसमें उविरकों से तनकिे नाइट्रस आृ क्साइि, पशुधन, चावि उत्पादन तथा खाद भण्िारण से तनकिी मेथेन तथा जैवमात्रा (बायोमास) को जिाने से तनकिी काबिन िाईआृ क्साइि (CO2) सजममर्ित हैं, ककूं तु मदृा-प्रबूंधन प्रकक्रयाओूं से, घास के मैदानों (सवाना) को जिाने से तथा वनोंम िन से उत्सजजित CO2 इसमें सजममर्ित नहीूं है। वातनकी, भ -उपयोि तथा भ-उपयोि में पररवतिन, प्रतत विि और अगधक 17 प्रततशत ग्रीनहाउस िैस उत्सजिन अगधकाूंशतः उष्णकटटबूंधीय पीटभ र्म के अपवहन तथा जिाने से तनकिता है। अमेजन के विाि-वन में जमा काबिन की मात्रा के ििभि बराबर मात्रा पवश्व की पीट-भ र्मयों में जमा है। 8. ननम्नललखित में कौनसा, उपयुकु्त पररच्छेर्द से सिाुधधक तार्कुक और तकुसांगत ननष्कषु ननकाला जा सकता है?

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • a. सूंप णि पवश्व में यूंत्रा और रसायनों पर आधाररत कृपि प्रथाओूं के स्थान पर तत्काि जैव कृपि अपनायी जानी चाटहए।

    b. जिवाचयु पररवतिन के प्रभाव को कम करने के र्िए हमारी भ -उपयोि प्रकक्रयाओूं में बदिाव िाना अतनवायि है। c. ग्रीन हाउस िैस उत्सजिन की समस्या के कोई प्रोद्योगिकीय समाधान नहीूं है।

    d. उष्णकटटबन्धीय के्षत्रा, काबिन प्रच्छादन के मुख्य साधन है।

    9. कोई व्यजक्त जमीन पर र्कसी बबांर्द ुO से सीधे रास्ते से उतर-पूि ुकी ढ़र्दशा में एक पहाड़ी पर चिता है और 5 र्कमी. की र्दरूी तय करके बबांर्द ुA पर पहुांचता है। उसके बार्द, िह बबांर्द ुA से उतर-पजशचम की ढ़र्दशा में बबांर्द ुB तक जाता है। AB की र्दरूी 12 र्कमी. है। अब िह व्यजक्त प्रारजम्र्क बबांर्द ुO से र्कनती र्दरू है?

    a. 7 ककमी. b. 13 ककमी.

    c. 17 ककमी.

    d. 11 ककमी.

    10. एक िेत आयताकार आकृनत में है जजसकी लम्बाई X1 मीटर है और चैड़ाई X2 मीटर है (X1 और X2 चर है)। यढ़र्द X1 + X2 = 40 मीटर है तो उस िेत का के्षत्राफल ननम्नललखित र्कस एक समान से अधधक नही होगा?

    a. 400 विि मीटर b. 300 विि मीटर

    c. 200 विि मीटर d. 80 विि मीटर

    11. 5 सर्दस्यों िाले पररिार में 3 िष ुपूि ुसर्ी सर्दस्यों की आयु का येाग 80 िष ुथा। इस पररिार की 3 िष ुपूि ुजो औसत आयु थी, आज र्ी िही है क्योंर्क अन्तस्थ अिधध में पररिार में एक लशशु की िदृ्धध हुई। लशशु की आयु क्या है?

    a. 6 माह b. 1 विि

    c. 2 विि d. 2 विि 6 माह

    12. र्दो व्यजक्तयों की सम्पूण ुिेतन-लजधधयाां बराबर हैं, पर उनमें से एक को अपने मूल िेतन का 65% र्त्तों के रूप में लमलता है जबर्क र्दसूरे को मूल िेतन का 80% र्तों के रूप में लमलते है। पहले व्यजक्त के मूल िेतन का, र्दसूरे व्यजक्त के मूल िेतन से क्या अनुपात है?

    a. 16: 13

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • b. 5: 4

    c. 7: 5

    d. 12: 11

    13. एक व्यजक्त सीिी के तल से पहले पायर्दान पर िड़ा है। ठीक बीच िाले पायर्दान तक पहुांचने के ललए अगर उसे 4 पायर्दान और चिने पड़े, तो सीढी में र्कतने पायर्दान है?

    a. 8

    b. 9

    c. 10

    d. 11

    आगे आने िाले 3 प्रशनाांशों के ननरे्दशः ननन्नललखित सूचना पर विचार कीजजए और आगे ढ़र्दए गए तीन प्रशनाांशों के उतर र्दीजजए। जब तीन र्मत्रा A, B और C र्मिे, तो पाया िया कक उनमें से प्रत्येक ने एक र्भन्न रूंि की उपरी पोशाक पहन रखी थी। यादृजच्दक क्रम में वे पोशाकें जैकेट, स्वेटर और टाई हैंः और रूंि नीिा, सफेद और कािा है। उनके कुिनाम यादृजच्छक क्रम में ररबीरो, कुमार और र्सूंह हैं। आिे, यह ज्ञात है कक

    1. न तो B ने, न ही ररबीरों ने सफेद स्वेटर पहना था 2. C ने टाई पहनी थी 3. र्सूंह की पोशाक सफेद नहीूं थी 4. कुमार जैकेट नही पहनता 5. ररबीरो को कािा रूंि पहनना पसूंद नहीूं है 6. हर एक र्मत्रा ने केवि एक ही रूंि की एक ही उपरी पोशाक पहनी थी। 14. C का कुलनाम क्या है?

    a. ररबीरो b. कुमार c. र्सूंह

    d. तनधािररत नहीूं ककया जा सकता

    15. टाई का रांग क्या है? a. कािा

    b. नीिा c. सफेद

    d. तनधािररत नहीूं ककया जा सकता

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  •  

    (डाउनलोडडाउनलोड) UPSC (IAS) Exams Papers आईएएसआईएएस पर��ापर��ा पेपरपेपर in Hindi Medium

    ● यपूीएससीयपूीएससी आईएएसआईएएस (�ी�ी) सामा�यसामा�य अ�ययनअ�ययन पर��ापर��ा (पेपरपेपर - 1) ● यपूीएससीयपूीएससी आईएएसआईएएस (�ी�ी) CSAT (पेपरपेपर - 2)

     

    CLICK HERE FOR ALL IAS  HINDI Medium PAPERS 

    http://iasexamportal.com/hindi/papers    

    https://iasexamportal.com/hindi/papershttps://iasexamportal.com/hindi/papershttps://iasexamportal.com/hindi/papershttp://iasexamportal.com/hindi/papershttp://iasexamportal.com/hindi/papershttp://iasexamportal.com/hindi/papershttp://iasexamportal.com/hindi/papers

  • 16. स्िेटर र्कसने पहना था?

    a. A

    b. B

    c. C

    d. तनधािररत नहीूं ककया जा सकता

    17. AB र्कसी विशाल िकृ्ष का उध्र्िाधर तना है और A िह बबांर्द ुहै जहाां पर तने का आधार जमीन को छूता है। र्कसी तूफान के कारण तना उसे बबांर्द ुC पर टूट गया है जो 12 मीटर की उांचाई पर है। टूटा हुआ र्ाग आांलशक रूप से तने के उध्र्िाधर ढ़हस्से से C पर जुड़ा है। यढ़र्द टूटे हुए र्ाग का लसरा B, जमीन को D पर छूता है जो बबांर्द ुA से 5 मीटर की र्दरूी पर है, तने की मूल उांचाई क्या है?

    a. 20 मीटर b. 25 मीटर

    c. 30 मीटर d. 35 मीटर

    18. कोई व्यजक्त 12 र्कमी. उतर की ओर, र्फर 15 र्कमी, पूि ुकी ओर, र्फर 19 र्कमी. पजशचम की ओर, और तब 15 र्कमी. र्दक्षक्षण की ओर चलता है। िह प्रारजम्र्क बबांर्द ुसे र्कतनी र्दरू है?

    a. 5 ककमी b. 9 ककमी c. 37 ककमी

    d. 61 ककमी

    19. र्कसी घन के सर्ी फलक विलर्न्न रांगों से रांगे गए है। उसे समान आमाप के छोटे-छोटे घनों में इस प्रकार काटा गया र्क छोटे घन की रु्जा बड़े घने की एक चैथाई हो। केिल एक ही रांगे हुए फलक िाले छोटे घनों की सांख्या र्कतनी होगी?

    a. 32

    b. 24

    c. 16

    d. 8

    20. राम और शयाम र्कसी काय ुको करने के ललए चार ढ़र्दन एक साथ काम करते हैं और 60% काय ुपुरा करते हैं। तब राम की छूट्टी पर चला जाता है और शयाम काम को पूरा करने में आठ ढ़र्दन और लगाता है। राम को अकेले काय ुपूरा करने में र्कतने ढ़र्दन लगते?

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • a. 6 टदन

    b. 8 टदन c. 10 टदन

    d. 11 टदन

    21. र्कसी लमललट्र कोड में SYSTEM को SYSMET और NEARER को AENRER ललिा जाता है। उसी कोड का प्रयोग करते हुए FRACTION को र्कस रूप में ललिा जा सकता है? (a) CARFTION (b) FRACNOIT (c) NOITCARF (d) CARFNOIT 22. यढ़र्द R और S र्दोनों अलग-अलग पूण ुसांख्याएां हों और र्दोनों 5 से विर्ाज्य हों तो इनमें से कौन-सा अननिायतुः सही नही है?

    a. R - S, 5 से पवभाज्य है b. R + S, 10 से पवभाज्य है

    c. R × S, 25 से पवभाज्य है

    d. R2 + S2, 5 से पवभाज्य है 23. 100 और 300 के बीच, 2 से शुरू होने िाली या 2 पर समाप्त होने िाली र्कतनी सांख्याएां है?

    a. 110

    b. 111

    c. 112

    d. उपयुिक्त में कोई नहीूं

    आगे आने िाले 8 प्रशनाांशों के ललए ननरे्दषः ननम्नललखित पाांच पररच्छेर्दों को पढ़िये तथा प्रत्येक पररच्छेर्द के पशचात ्आने िाले प्रशनाांशों के उत्तर र्दीजजए। इन प्रशनाांशों के आपके उत्तर पररच्छेर्दों पर आधाररत ही होने चाढ़हए।

    पररच्छेर्द - 1 यटद हम 2050 की ओर देखा जब हमें दो अरब अगधक िोिों को आहार णखिाने की आवश्यकता होिी, तो यह प्रश्न कक कौन सा आहार सवोतम है, एक नई अत्यावश्यकता बन िया है। आने वािे दशकों में हम जजन खाद्य पदाथों को खाने के र्िए चुनेंिे, उनके इस ग्रह के र्िए िमभीर रूप से बहुशाखन होंिे। सामान्य रूप से कहें तो सम चे पवकासशीि देशों में खानपान की जो माूंस और िेरी उत्पाद के आहार के गिदि ही घ मते रहने वािी प्रवतृत बढ़ रही है, वह भ मूंििीय सूंसाधनों पर, अपररष्कृत अनाज, गिरी, फिों और सजब्जयों पर तनभिर करने वािी प्रवतृत की तुिना में अगधक दबाव िािेिी।

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • 24. उपयुकु्त पररच्छेर्द से क्या ननणाुयक सन्रे्दश ननकलता है? a. पशु आधाररत खाद्य स्रोत की बढ़ती माूंि हमारे प्राकृतत सूंसाधनों पर अपेक्षाकृत अगधक बोझ िािती है। b. अनाजों, गिरी, फिों और सजब्जयों पर आधाररत आहार पवकासशीि देशों में स्वास््य के र्िए सवािगधक सुयोग्य

    है।

    c. मनुष्य स्वास््य मामिों को बबना ध्यान में रखे, समय समय पर अपनी खाने की आदतों को बदिते हैं d. भ मूंििीय पररपे्रक्ष्य में, हम अभी तक यह नहीूं जानते कक कौनसा आहार हमारे र्िए सवोतम है।

    पररच्छेर्द-2 सभी मनुष्य शैशवावस्था में मााँ के द ध को पचाते हैं, परन्तु 10,000 विि पहिे मवेर्शयों की पािन प्रणािी के आरमभ होने तक, र्शशुओूं को एक बाद द ध छुड़ाने पर उनको द ध पचाने की आवश्यकता नही होतीथी। इसके पररणामस्वरूप उनमें िैक्टेज इूंजाइम का बनना बूंद हो िया, जो िैक्टोज शकि रा को सरि शकि राओूं में तोड़ता है। मानव के मवेशी चराने की प्रणािी आरमभ होने के बाद द ध को पचाना अत्यागधक िाभदायक हो िया और य रोप, मध्यप णि और अफ्रीका में मवेशी चराने वािों में स्वतन्त्रा रूप से िैक्टोज सहन-शजक्त का पवकास हुआ। चीनी और थाई िोि जो मेवर्शयों पर तनभिर नहीूं थे, वे िैक्टोज अहसनशीि बने हुए है।

    25. उपयुकु्त पररच्छेर्द से ननम्नललखित में से कौनसी सिाुधधक पूिुधारण प्राप्त की जा सकती है? a. ििभि 10,000 विि पहिे पवश्व के कुछ भािों में पशुपािन शुरू हुआ। b. एक समुदाय में खाने की आदतों में स्थायी पररवतिन, समुदाय के सदस्यों में आनुवूंर्शक पररवतिन िा सकता है।

    c. केवि िैक्टोज़ सहनशीि िोिों में ही अपने शरीरों में सरि शकि राओूं को पाने की क्षमता होती है

    d. जो िोि िैक्टोज़ सहनशीि नहीूं होते, वे ककसी भी िेरी उत्पाद को नही पचा सकते

    पररच्छेर्द-3 ‘‘अल्पपवकर्सत आर औद्योिीकृत देशों की राष्ट्रीय आयों के बीच तुिना करते समय आने वािी सूंकल्पनात्मक कटिनाईयाूं पवशेि रूप से िूंभी होती हैं क्योंकक पवर्भन्न अल्पपवकर्सत देशों में राष्ट्रीय उत्पाद के एक भाि का उत्पादन वाणणजज्यक माध्यमों से िुजरे बबना होता है।’’

    26. इस कथन से लेिक का तात्पय ुहै र्क: a. औद्योिीकृत देशों में उत्पाटदत और उपभुक्त समस्त राष्ट्रीय उत्पाद वाणणजज्यक माध्यमों में से िुजरता है b. पवर्भनन अल्पपवकर्सत देशों में अ-वाणणज्यीकृत के्षत्राक का अजस्तत्व देशों की राष्ट्रीय आयों की परस्पर तुिना

    को कटिन बना देता है c. राष्ट्रीय उत्पाद के एक भाि का उत्पादन और उपभोि वाणणजज्यक माध्यमों से िुजरे बबना नहीूं होना चाटहए

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • d. राष्ट्रीय उत्पाद के एक भाि का उत्पादन और उपभोि वाणणजज्यक माध्यमों से िुजरे बबना होना अजल्वकास का गचह्न है

    पररच्छेर्द-4 वायुमूंिि में मानव तनर्मित काबिन िाईआक्साइि के बढ़ने से पादपों और स क्ष्मजीवों के बीच एक िृूंखिा अर्भकक्रया प्रारूंभ हो सकती है जो इस ग्रह पर काबिन के सबसे बड़े भूंिार-मदृा को अव्यवजस्थत कर सकती है। एक अध्ययन में यह पाया िया कक वह मदृा जजसमें काबिन की मात्रा, सभी पादपों और पृ् वी के वायुमूंिि में उपजस्थत कुि काबिन की दिुुनी है, िोिों के द्वारा वायुमूंिि में और अगधक काबिन छोड़ते जाने पर वधिमान रूप से अजस्थर होती जाएिी। ऐसा अगधकाूंशतः पादपवदृ्गध में बढ़ोतरी के कारण होता है। यद्यपप काबिन िाईआक्साइि एक ग्रीनहाउस िैस और एक प्रद िक है, यह पादपवदृ्गध को प्रोत्साटहत भी करती है। च ूंकक वकृ्ष और द सरी वनस्पततयाूं भपवष्य में होने वािी काबिन िाईआक्साइि की प्रचुरता में फिती-फ िती हैं, उनकी जड़ें मदृा में स क्ष्मजीवों की कक्रयाशीिता को पे्रररत कर सकती हैं जो पररणामस्वरूप मदृा-काबिन के अपघटन को और तेज कर वायुमण्िि में काबिन िाईआृ क्साइि के उत्सजिन में वदृ्गध कर सकती है।

    27. ननम्नललखित में से कौन सा, उपयुकु्त पररच्छेर्द का सबसे अधधक तकुसांगत उपननगमन है? a. स क्ष्मजीवों और पादपों के अजस्तत्व के र्िए काबिन िाईआृ क्साइि परमावश्यक है b. वायुमूंिि में काबिन िाईआृ क्साइि पवमुक्त करने के र्िए प री तरह उत्तरदायी है

    c. पादपवदृ्गध की बढ़ोतरी के र्िए मुख्य रूप से स क्ष्मजीव और मदृा काबिन उत्तरदायी हैं d. वधिमान हररत आवरण मदृा में युक्त काबिन की मोचन को पे्रररत कर सकता है

    पररच्छेर्द-5 ऐततहार्सक रूप से, पवश्व-कृपि के सामने, खाद्य की माूंि और प तत ि के बीच सूंतुिन प्राप्त करना सबसे बड़ी चुनौती रही है। वैयजक्तक देशों के स्तर पर, माूंि-प तत ि सूंतुिन बूंद अथिव्यवस्था के र्िए तनणाियक नीततित मुद्दा हो सकता है, पवशेिकर, यटद वह एक जनसूंख्याबहुि अथिव्यवस्था है और उसकी घरेि कृपि, स्थायी आधार पर पयािप्त खाद्य प तत ि नहीूं कर पा रही है। यह उस मुक्त और बढ़ती हुए अथिव्यवस्था के र्िए जजसके पास पवदेशों से खाद्य क्रय करने हेतु पयािप्त पवतनमय अगधशेि है, उतनी बड़ी, और न ही सदैव होने वािी, बाध्यता है। पवश्व के र्िए समग्र रूप से, माूंि-प तत ि सूंतुिन, भ ख तथा भुखमरी से बचाव हेतु, सदैव ही एक अपररहायि प वि-शति है। तथापप, पयािप्त प तत ि की पवश्वव्यापी उपिब्धता का आवश्यक रूप से यह मतिब नहीूं है कक खाद्य स्वतः अगधशेि वािे देशों से उन अभावग्रस्त देशों की ओर, जजनके पास क्रय-शजक्त का अभाव है, चिा जाएिा। अतः पवश्व स्तर पर भ ख, भुखमरी, न्य न पोिण या कुपोिण आटद का असमान पवतरण, खािी जेबों वािे भ खे िोिों की मौज दिी की वजह से है, जो वहृद रूप से अपवकर्सत अथिव्यवस्थाओूं तक सीर्मत है। जहाूं तक आधारभ त मानवीय अजस्तत्व के र्िए ‘‘दो वक्त का भरपेट भोजन’’ का प्राथर्मक महत्व है, उसमें खाद्य की पवश्वव्यापी प तत ि के मुद्दे को, हाि के विों में, महत्व र्मिता रहा है, क्योंकक माूंि की मात्रा और सूंरचना दोनों में बड़े पररवतिन हो रहे हैं, और

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • क्योंकक हाि के विों में अिि-अिि देशों की खाद्य-प तत ियों की अबागधत िृूंखिा तनर्मित करने की क्षमताओूं में कमी आई है। खाद्य-उत्पादन, पवपणन और कीमते, पवशेिकर पवकासशीि पवश्व में िरीबों द्वारा कीमत वहन करने की क्षमता, पवश्वव्यापी मुद्दे बन िए हैं, जजनका पवश्वव्यापी गचूंतन और पवश्वव्यापी समाधान आवश्यक है।

    28. उपयुकु्त पररच्छेर्द के अनुसार, विशि िाद्य सुरक्षा के ललए ननम्नललखित में कौन से मूलरू्त हल है? 1. अपेक्षाकृत अगधक कृपि-आधाररत उद्योि स्थापपत करना 2. िरीबों द्वारा कीमत वहन करने की क्षमता को सुधारना 3. पवपणन की दशाओूं का तनयमन करना 4. हर एक को खाद्य सहातयकी प्रदान करना नीचे ढ़र्दए गए कूट का प्रयोग कर सही उतर चुननये:

    a. केवि 1 और 2

    b. केवि 2 और 3 c. केवि 1, 3 और 4

    d. 1, 2, 3 और 4

    29. उपयुकु्त पररच्छेर्द के अनुसार, विशि कृवष के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती क्या है? a. कृपि हेतु पयािप्त भ र्म प्राप्त करना और खाद्य प्रसूंस्करण्ण उद्योिों का पवस्तार करना b. अल्पपवकर्सत देशों में भुखमरी का उन्म िन करना

    c. खाद्य एवूं िैरखाद्य वस्तुओूं के उत्पादन के बीच सूंतुिन प्राप्त करना

    d. खाद्य की माूंि और आप तति के बीच सूंतुिन प्राप्त करना

    30. उपयुकु्त पररच्छेर्द के अनुसार, विकासशील अथवु्यिस्थाओां में रू्ि और रु्िमरी घटानें में, ननम्नललखित में से र्कससे/र्कनसे सहायता लमलती है? 1. खाद्य की माूंि और आप तति के बीच सूंतुिन करना 2. खाद्य आयात में वदृ्गध करना 3. तनधिनों की क्रयशजक्त कें वदृ्गध करना 4. खाद्य उपभोि प्रततमानों और प्रयासों में बदिाव िाना नीचे ढ़र्दए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुननयेः

    a. केवि 1 b. केवि 2, 3 आरै 4

    c. केवि 1 और 3 d. 1, 2, 3 और 4

    31. विशिव्यापी िाद्य-पूनत ुके मुद्रे्द को मुख्यतः र्कसके/र्कनके कारण महत्ि प्राप्त हुआ है?

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • 1. पवश्वव्यापी रूप से जनसूंख्या की अततवदृ्गध 2. खाद्य-उत्पादन के के्षत्रा में तीव्र गिरावट 3. सतत खाद्यप तत ि हेतु क्षमताओूं में पररसीमन नीचे ढ़र्दए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुननये

    a. केवि 1 और 2 b. केवि 3

    c. केवि 2 और 3 d. 1, 2 और 3

    32. अांक 1, 2, 3 और 4 को लेकर चार-अांकीय सांख्याएां बनानी हैं। इन चार अांकों में से र्कसी एक की र्ी र्कसी र्ी रीनत से पुनरािनृत नहीां करनी है, तथा 1. 2 और 3 एक द सरे से एकदम आिे पीछे नही हो सकते 2. 3, 1 के एकदम पीछे नही हो सकता 3. 4 अूंततम स्थान पर नहीूं आ सकता 4. 1 प्रथम स्थान पर नहीूं आ सकता र्कतनी पथृक सांख्याएां बन सकती है?

    a. 6

    b. 8

    c. 9

    d. उपयुिक्त में से कोई भी नहीूं

    33. एक बेलनाकार ओिरहैड टांकी को, जजसकी बत्रज्या 2 मी और उचाई 7 मी है, 5.5 मी × 4 मी × 6 मी माप िाली र्कसी रू्लमगत टांकी के जल से र्रा जाना है। ओिरहैड टांकी को पूा र्र रे्दने के बार्द, रू्लमगत टांकी का र्कतना र्ाग पानी से र्रा है?

    a. 1/3

    b. 1/2

    c. 1/4

    d. 1/6

    34. 60 विद्याधथयुों की एक कक्षा में जहाां लड़र्कयाां लड़कों से र्दगुुनी सांख्या में हैं, कमल (एक लड़का) का रैंक उपर से सत्राहिाां है। यढ़र्द कमल से पहले नौ लड़र्कयाां हैं, तो कमल के बार्द के रैंक में र्कतने लड़के हैं?

    a. 13

    b. 12

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • c. 7

    d. 3

    35. A और B पैर्दल चलते हुए एक ितृाकार पाकु का चक्कर लगाते हैं। िे र्दोनेाां प्रातः 8 बजे एक ही बबांर्द ुसे विपरीत ढ़र्दशाओां में चलना शुरू करते हैं। A और B की चाल क्रमशः 2 चक्कर प्रनत घांटा ि 3 चक्कर प्रनत घांटा है। प्रातः 8 बजे के बार्द तथा प्रातः 9.30 बजे से पूि ुिे र्कतनी बार एक-र्दसूरे के सामने से गुजरेंगे?

    a. 7

    b. 6

    c. 5

    d. 8

    36. W र्कसी काय ुके 25% र्ाग को 30 ढ़र्दनों में करता है; X उस काय ुके 1/4 र्ाग को 10 ढ़र्दनों में करता है। Y उस काय ुके 40% र्ाग को 40 ढ़र्दनों में करता है और ्Z उस काय ुके 1/3 र्ाग को 13 ढ़र्दनों में करता है। काय ुको सबसे पहले कौन पुरा करेगा? (a) W (b) X (c) Y (d) Z 37. 5 व्यजक्तयों के र्कसी एक पररिार मांे ेप्रनत व्यजक्त औसत आय रू. 10,000 प्रनत मास है। उसकी पररिार मांे ेप्रनत व्यजक्त औसत आय क्या होगी यढ़र्द र्कसी एक व्यजक्त की आय में रू. 1,20,000 प्रनत िष ुकी िदृ्धध हो जाती है?

    a. रू. 12,000 b. रू. 16,000

    c. रू. 20,000 d. रू. 34,000

    38. र्कसी र्दौड़ में एक प्रनतयोगी को 6 सेब एकत्रा करने हैं। ये सेब एक सरल रेिा में र्कसी टै्रक पर रिे हुए हैं और टै्रक के प्रारम ्े ीेा मांे ेबाल्टी रिी गई है जो र्क र्दौड़ का प्रारम्र् बबांर्द ुहै। िेल के ननयमानुसार, प्रनतयोगी एक बार में केिल एक सेब उठा सकता है और उसे लेकर िापस र्दौड़ कर उसे बाल्टी में डाल सकता है। बाल्टी से, पहले सेब की र्दसूरी 5 मीटर है तथा बाकी सेब 3-3 मीटर की र्दसूरी पर हैं। यढ़र्द प्रनतयोगी को कुल र्कतनी र्दरूी र्दौड़ कर तय करनी है?

    a. 40 मीटर b. 50 मीटर c. 75 मीटर

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • d. 150 मीटर

    39. तीरांर्दाजी की र्कसी ितृाकार प्लेट को जजसका व्यास 1 मीटर है, अन्र्दर से बाहर की ओर चार रांगों में - लाल, पीला और सफेर्द - रांगा गया है। लाल बैन्ड की बत्रज्या 0.20 मीटर है। बाकी बैन्डों की चैड़ाई एकसमान है। इस ितृाकार प्लेट की ओर तीरांर्दाजों द्िारा तीर चलाए जाने पर, तीरों के टारगेट के लाल ढ़हस्से में लगने की प्रानयकता क्या है?

    a. 0.40

    b. 0.20

    c. 0.16

    d. 0.04

    40. कोई व्यजक्त र्कसी खिलौने की अांर्कत कीमत पर, नगर्द रु्गतान के ललए 10% छूट रे्दता है र्फर र्ी उसे 10% का लार् होता है। उस खिलौने की लागत कीमत क्या है, जजसकी अांर्कत कीमत रू. 770 है?

    a. रू. 610

    b. रू. 620 c. रू. 630

    d. रू. 640

    आगे आने िाले 6 प्रशनाांशों के ललए ननरे्दशः ननम्नललखित र्दो पररच्छेर्दों को पढ़िये तथा प्रत्येक पररच्छेर्द के पशचात ्आने िाले प्रशनाांशों के उत्तर र्दीजजए। इन प्रशनाांशों के आपके उतर पररच्छेर्दों पर आधाररत ही होने चाढ़हए।

    पररच्छेर्द-1 शासन और िोक प्रशासन में कर्मयों के म ि मूंृ ेजस्थत एक प्रमुख कारक, आमतौर से शासन में, और मुख्य रूप से र्सपवि सूंवाओूं में, जवाबदेही का होना या न होतना है। जवाबदेही का एक प्रभावी ढाूंचा रूाूंककत करना सुधार कायिस ची का एक मुख्य तत्व रहा है। म िभ त मुद्दा यह है कक क्या र्सपवि सेवाओूं को तत्कािीन राजनीततक कायिपार्िका के प्रतत जवाबदेह होना चाटहए, अथवा व्यापक रूप में समाज के प्रतत। द सरे शब्दों में आूंतररक और बाहृ जवाबदेही के बीच सामूंजस्य कैसे स्थापपत ककया जाए? आूंतररक जवाबदेही को आूंतररक तनष्पादन के पररवीक्षण, केन्िीय सतकि ता आयोि एवूं तनयूंत्राक-महािेखापरीक्षक जैसे तनकायों के अगधकाररक तनरीक्षण तथा अगधशासी तनणियों के न्यातयक पुनपवििोकन के द्वारा प्राप्त करने का प्रयास ककया जाता है। भारत के सूंपवधान के अनुच्छेद 311 और 312 र्सपवि सेवाओूं, खासकर अणखि भारतीय सेवाओूं, में नौकरी की सुरक्षा एवूं रक्षोपाय का उपबूंध करते हैं। सूंपवधान तनमािताओूं ने यह ध्यान में रखा था कक इन सूंरक्षण उपबूंधों के पररणामस्वरूप ऐसी र्सपवि सेवा बनेिी जो रानीततक कायिकपार्िका की प णितः अनुसेवी नहीूं होिी वरन ्उसमें वहृतर िोकटहत में कायि करने की शजक्त होिी। इस प्रकार सूंपवधान में आूंतरकक और बाह्य जवाबदेही के बीच सूंतुिन रखने की आवश्यकता सजन्नटहत है। प्रश्न यह है कक दोनों के बीच रेखा कहाूं खीूंची जाए। विों बाद, र्सपवि सेवाओूं का

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  •  

    आपआप �या�या �ा�त�ा�त कर�गेकर�गे? ● 3800 सेसे अ�धकअ�धक प�ृठप�ृठ ● कुलकुल 14 पिु�तकाय�पिु�तकाय� ● 05 �ि�टस�ि�टस पेपरपेपर ● Yearly Current Affairs ● IAS Planner Booklet - Print Copy ● UPSC Syllabus Booklet - Print Copy ● UPSC PRE 10 Year Solved Papers - Print 

    Copy ● हमारेहमारे �वशषे���वशषे�� सेसे माग�दश�नमाग�दश�न औरऔर सहायतासहायता 

     Price of the Kit: Rs. 24,000  

    Rs. 7,999/-   (Limited time Offer) 

     

     

     

     ऑनलाइनऑनलाइन खर�द�खर�द� (Buy Online) 

     

    Click here for Other Payment Options (Cash/NEFT/etc) FOR MORE DETAILS CLICK HERE 

     

       

    http://www.iasexamportal.com/SK-202http://www.iasexamportal.com/SK-202http://www.iasexamportal.com/SK-202http://iasexamportal.com/payment-optionshttp://www.iasexamportal.com/SK-202

  • अगधकतर आूंतररक जवाबदेही का जोर तत्कािीन राजनीततक नेताओूं के पक्ष में अगधक झुका टदखाई देता है, जजनसे, बदिे में, तनवािचन प्रकक्रया के माध्यम से व्यापक समाज के प्रतत बाह्य रूप से जवाबदेह होने की अपेक्षा की जाती है। समाज के प्रतत जवाबदेही िाने का प्रयास करने की इस प्रणािी से कोई समाधान प्राप्त नहीूं हुआ है, और इससे शासन के र्िए अनेक प्रततक ि पररणाम सामने आए है।

    र्सपवि सेवाओूं में जवाबदेही के सुधार के र्िए कुछ पवशेि उपायों पर पवचार ककया जा सकता है। अनुच्छेद 311 और 312 के उपबूंधों का पुनरीक्षण ककया जाना चाटहए और र्सपवि सेवाओूं की बाह्य कुछ आवश्यकताओूं को प रा करने का प्रयास करता है। वतृतक र्सपवि सेवाओूं और राजनीततक कायिपार्िका की अपनी-अपनी भ र्मकाएूं पररभापित की जानी चाटहए ताकी वतृतक प्रबूंधकीय कायि और र्सपवि सेवओूं के प्रबूंधन का अराजनीततकरण हो सके। इस प्रयोजन के र्िए केन्ि और राज्यों में प्रभावी साूंपवगधक र्सपवि सेवा बोिि बनाए जाने चाटहए। शासन और तनणियन को िोिों के अगधक समीप िाने हेतु सता का पवकेन्िीकरण और अवक्रमण भी जवाबदेही के सूंवधिन में सहायक होता है।

    41. पररच्छेर्द के अनुसार, ननम्नललखित में कौनेस कारक/कारकों के कारण शासन/लोक प्रशासन के ललए प्रनतकूल पररणाम सामने आए है? 1. आूंतररक एवूं बाह्य जवाबदेटहयों के बीच सूंतुिन बनाने में र्सपवि सेवाओूं की अक्षमता 2. अणखि भारतीय सेवाओूं के अगधकाररयों के र्िए पयािप्त वतृतक प्रर्शक्षण का अभाव 3. र्सपवि सेवाओूं में उपयुिक्त सेवा टहतिाभों की कमी 4. इस सूंदभि में राजनीततक कायिपार्िका के, और उसकी तुिना में, वजृृतक र्सपवि सेवाओूं के अपनी-अपनी भ र्मकाओूं को पररभापित करने वािे साूंपवधातनक उपबूंधों का अभाव नीचे ढ़र्दए गए कूट का प्रयोग कर सही उतर चुननए:

    a. केवि 1 b. केवि 2 और 3

    c. केवि 1 और 4 d. 2, 3 और 4

    42. पररच्छेर्द का सन्र्दर् ुलेते हुए, ननम्नललखित पूिुधारणाएां बनाई गई हैं: 1. समाज के प्रतत र्सपवि सेवाओूं की जवाबदेही में राजनीततक कायिपार्िका एक अवरोध है 2. भारतीय राजनीतत-व्यवस्था के वतिमान ढाूंचे में, राजनीततक कायिपार्िका समाज के प्रतत जवाबदेह नहीूं रह िई है इन पूिुधारणाओां में कौनसी िैध है/हैं ?

    a. केवि 1 b. केवि 2 c. 1 और 2 दोनों

    d. न तो 1, न ही 2

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • 43. ननम्नललखित में कौनसा एक, इस पररच्छेर्द में अन्तननढ़ुहत अननिाय ुसांरे्दश है? a. र्सपवि सेवाएूं उस समाज के प्रतत जवाबदेह नहीूं है जजसकी सेवा वे कर रही हैं b. र्शक्षक्षत तथा प्रबुद्ध व्यजक्त राजनीततक नेततृ्व नहीूं िे रहे हैं

    c. सूंपवधान तनमािताओूं ने र्सपवि सेवाओूं के समक्ष आने वािी समस्याओूं का पवचार तनहीूं ककया d. र्सपवि सेवओूं की जवाबदेही में सूंवधिन हेतु सुधारों की आवश्यकता और िुूंजाइश है

    44. पररच्छेर्द के अनुसार, ननम्नललखित में कौनसा एक, लसविल सेिओां की आांतररक जिारे्दही के सांिधनु का साधन नहीां हैं?

    a. बेहतर कायि-सुरक्षा और रक्षोपाय b. केन्िीय सतकि ता आयोि द्वारा तनरीक्षण

    c. अगधशािी तनणियों का न्यातयक पुनपवििोकन d. तनणियन प्रकक्रया में िोिों की बढ़ी हुई सहभागिता द्वारा जवाबदेही खोजना

    पररच्छेर्द - 2 सामान्य रूप से, धार्मिक परमपराएूं ईश्वर के या ककसी साविभौम नैततक र्सद्धाूंत के प्रतत हमारे कतिव्य पर बि देती हैं। एक द सरे के प्रतत हमारे कतिव्य इन्हीूं से व्युत्पनन होते हैं। अगधकारों की धार्मिक सूंकल्पना मुख्यतः इस देवत्व या र्सद्धान्त के साथ हामरे सूंबूंध से, और हमारे अन्य सूंबूंधों पर पड़ने वािे इसके तनटहताथि से ही व्युत्पन्न हुई है। अगधकारों और कतिव्यों के बीच यह सूंितत न्याय के ककसी उच्चतर बोध के र्िए महत्वप णि है। ककन्तु, न्याय को आचरण में िाने के र्िए, सदिुण, अगधकार और कतिव्य औपचाररक अम ति तत्व नही रह सकते। उन्हें सामान्य र्मिन के सूंवेदन से बूंधे हुए समुदाय मूंृ ेउतारना परमावश्यक है। वैयजक्तक सदिुन के रूप में भी यह एकात्मता, न्याय की साधना और बोध के र्िए आवश्यक है।

    45. पररच्छेर्द का सन्र्दर् ुलेते हुए, ननम्नललधचात पूिुधारणाएां बनाईगई है: 1. मानव सूंबूंध उनकी धार्मिक परूंपराओूं से व्युत्पन्न होते हैं 2. मनुष्य कतिव्य से तभी बूंधे हो सकते हैं जब वे ईश्वर में पवश्वास करें 3. न्याय की साधना और बोध के र्िए धार्मिक परमपराएूं आवश्यक हैं इनमें से कौनसी पूिुधारणा/पूिुधारणाएां िैध है/हैं?

    a. केवि 2 और 3 b. केवि 2 और 3

    c. केवि 1 और 3 d. 1, 2 और 3

    46. ननम्नललखित में कौनसा एक, इस पररच्छेर्द का मम ुहै?

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • a. एक-द सरे के प्रतत हमारे कतिव्य हमारी धार्मिक परमपराओूं से व्युत्पन्न होते हैं

    b. टदव्य र्सद्धाूंत से सूंबूंध रखना महान सदिुण है c. अगधकारों और कतिव्यों के बीच सन्तुिन समाज में न्याय टदिाने के र्िए तनणाियक है

    d. अगधकारों की धार्मिक सूंकल्पना मुख्यतः ईश्वर के साथ हमारे सूंबूंध से व्युत्पन हुई है 47. A ने अूंि र और अनन्नास खाए, B ने अूंि र और नारूंगियाूं खाई; C ने नारूंगियाूं, अनन्नास और सेब खाए। D ने अूंि र, सेब और अनन्नास खाए। फि खाने के बाद B और C बीमार मड़ िए।

    उपयुकु्त तथ्यों के प्रकाश में, बीमारी का कारण र्कस कहा जा सकता है? a. सेब b. अनन्नास

    c. अूंि र d. नारूंगिया

    48. ननम्नललखित कथनों पर विचार कीजजए: 1. देश में जनसूंख्या वदृ्गध दर बढ़ रही है 2. देश में मतृ्यु दर, जन्म दर की तुिना में तेजी से घट रही है 3. देश में जन्म दर, मतृ्यु दर की तुिना में तेजी से घट रही है 4. देश मूंृे तनयर्मत रूप से ग्राम-निर प्रवसन हो रहा है उपयुकु्त तथ्यों के प्रकाश में, ननम्नललखित ननष्कषों में से कौनसा एक, सही हो सकता है?

    a. ग्राम निर प्रवसन के कारण जनसूंख्या वदृ्गध दर बढ़ रही है b. केवि मतृ्यु दर घटने के कारण जनसूंख्या वदृ्गध दर बढ़ रही है c. केवि जन्म दर वदृ्गध होने के कारण जनसूंख्या वदृ्गध दर बढ रही है

    d. मतृ्यु दर में, जन्म दर की अपेक्षा तेजी से गिरावट होने के कारण जनसूंख्या वदृ्गध दर बढ़ रही है

    49. कोई व्यजक्त X ऐसे स्थान पर गाड़ी चला रहा था जहाां सर्ी सड़के या तो उतर-र्दक्षक्षण की ओर या पूि-ुपजशचम की ओर जाते हुए धिड बनाती हैं। सड़कें एक र्दसूरे से समाांतर 1 Km की र्दरूी पर हैं। िह र्दो सड़कों के प्रनतच्छेर्दन स्थल से गाड़ी चलाना आरम्र् कर, 3 र्कमी. उतर में, 3 र्कमी पजशचम में और 4 र्कमी र्दक्षक्षण में चला। आगे कौन सा माि उसे उसके आरांलर्क स्थान पर िापस ला सकेगा, यढ़र्द िह उसी माग ुपर र्दबुारा न चले?

    a. 3 ककमी. प वि, तब 2 ककमी दक्षक्षण

    b. 3 ककमी. प वि, तब 1 ककमी. उतर c. 1 ककमी. उतर, तब 2 ककमी. पजश्चम

    d. 3 ककमी. दक्षक्षण, तब 1 ककमी. उतर

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • 50. ननम्नललखित कथन पर विचार कीजजए: ‘‘हम या तो पपकतनक पर जायेंिे या दिुिम यात्रा पर जायेंिे’’

    ननम्नललखित में से कौन सा, यढ़र्द सत्य है, तो इस र्दािे को झुठलाता है? a. हम पपकतनक पर जाते हैं, ककन्तु दिुिम यात्रा पर नहीूं जाते b. पपकतनक और दिुिम यात्रा जैसी िततपवगधयों का स्वास््य प्रागधकारतयों द्वारा उत्साह-वधिन ककया जाता है

    c. हम दिुिम यात्रा पर जाते हैं और पपकतनक पर नहीूं जाते d. हम न तो पपकतनक पर जाते हैं, न ही दिुिम यात्रा पर जाते हैं

    51. 50 सांकाय-सर्दस्य थे, जजनमें 30 पुरूष तथा शेष जस्त्रायाां थीां। कोई र्ी पुरूष सांकाय-सर्दस्य सांगीत नहीां जानता था, लेर्कन अने स्त्राी सांकाय-सर्दस्यों केा सांगीत की जानकारी थी। उस सांस्था के अध्यक्ष ने लाटरी द्िारा छः सांकायःसर्दस्यों को चाय-पाटी पर ननमांबत्रत र्कया। पाटी के समय यह पता चला र्क कोई र्ी सर्दस्य सांगती नहीां जानता है। ननष्कषु ननकलता हैं र्क

    a. पाटटि में मात्रा पुरूि सूंकाि-सदस्य ही थे b. पाटी में केवि वही स्त्राी सूंकाय-सदस्याएूं सजममितत थीूं जो सूंिीत प्रस्तुत नहीूं कर सकती थीूं

    c. पाटी में सजममर्ित सूंकाय-सदस्य पुरूि तथा स्त्राी दोनाूंृे थे d. पाटी के र्िूंि-सूंयोजन के बारे मूंृे कुछ नहीूं कहा जा सकता

    52. पाांच लोग A, B, C, D और E एक गोल मेज के चारों ओर बैठे हुए है। प्रत्येक कुलस ुननकटिती कुलसुयों से सम-र्दरूस्थ है।

    i. C, A के बिि में बैिा है ii. A, D से दो सीट के अूंतर पर बैिा है iii. B, A के बिि मूंृ ेनही बैिा है

    उपयुकु्त सूचना के आधार पर, ननम्नललखित में से कौनसा सही होना चाढ़हए ? 1. D, B के बिि में बैिा है 2. E, A के बिि में बैिा है 3. D और C के बीच दो सीटों का अन्तराि है नीचे ढ़र्दए गए कूट का प्रयोग कर सही उतर चननए:

    a. केवि 1 b. केवि 1 और 2

    c. केवि 3 d. न तो 1, न ही 2, न ही 3

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • 53. एक काे लेज में पाांच हाे बी क्लब हैं-फोटोिाफी, नौकाविहार, शतरांज, इलेक्ट्रोननकी और बागिानी। बागिानी र्दल हर र्दसूरे ढ़र्दन एकत्रा होता है, इलेक्ट्राे ननक र्दल हर तीसरे ढ़र्दन एकत्रा होता है, शतरांबज र्दल हर चैथे ढ़र्दन एकत्रा होता है, नौकाविहार र्दल हर पाांचिे ढ़र्दन एकत्रा होता है और फोटोिाफी र्दल हर छठिें ढ़र्दन एकत्रा होता है। 180 ढ़र्दनों में सर्ी पाांचो र्दल एक ही ढ़र्दन में र्कतनी बार एकत्रा हुए ?

    a. 5

    b. 18

    c. 10

    d. 3

    54. एक पेड़ पर मधुरस से पररपूण ुकुछ फूल हैं और कुछ मधुमजक्ख्याां उन फूलों पर मांडरा रही हैं। यढ़र्द एक मधुमक्िी प्रत्यक फूल पर बैठ जाए तो एक मधुमक्िी छूट जाती है। यढ़र्द र्दो मधुमजक्ियाां प्रत्येक फूल पर बैठ जाांए तो एक फूल छूट जाता है। फूलों एिां मधुमजक्ख्यों की सांख्या क्रमशः र्कतनी है?

    a. 2 और 4 b. 3 और 2

    c. 3 और 4 d. 4 और 3

    ननम्नललखित पाांच प्रशनाांशों के ललए ननरे्दशः नीचे र्दी गई सूचना पर विचार कीजजए और इसके बार्द आने िाले पाांच पांशनाांशों के उतर र्दीजजए। एक दि में पाूंच व्यजक्त है P, Q, R, S और T दि में एक गचगचत्सक, एक वकीि और एक किाकार है। P और S अपववाटहत पवद्यागथि हैं। T एक पुरूि है जजसका पववाह दि के एक सदस्य के साथ हुआ है। Q, P का भाई है और वह न तो गचककत्सक है, न ही किाकार। R गचककत्सक नहीूं है।

    55. धचर्कत्सक कौन है? (a) T (b) P (c) Q (d) R 56. कलाकार कौन है ? (a) P (b) Q (c) R (d) T 57. R का पनत कौन है?

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  • (a) P (b) T (c) S (d) Q 58. िकील कौन है? (a) P (b) Q (c) R (d) S 59. ननम्नललखित में से कौन ननजशचत रूप से पुरूष है?

    a. P

    b. S

    c. Q

    d. उपयुिक्त में से कोई नहीूं

    60. एक िाहक द्िारा र्कसी िास उत्पार्द की 19000 मात्रा का एक क्रय-आरे्दश ढ़र्दया गया है। कम्पी प्रनतढ़र्दन उस उत्पार्द की 1000 मात्रा उत्पाढ़र्दत करती है जजसमें से 5% बबक्री के अनुपयुक्त होती है। क्रय-आरे्दश र्कतने ढ़र्दनों में पूरा होगा?

    a. 18

    b. 19

    c. 20

    d. 22

    आगे आने िाले 5 प्रशनाांशो के ललए ननरे्दशः ननम्नललखित र्दो पररच्छेर्दों को पढ़िये तथा प्रत्येक पररच्छेर्द के पशचात ्आने िाले प्रशनाांशों के उतर र्दीजजए। इन प्रशनाांशों के आपके उतर पररच्छेर्दों पर आधाररत ही होने चाढ़हए।

    पररच्छेर्द - 1 शजक्त, उष्मा और पररवहन के इूंधन के रूप में जैवमात्रा की न्य नीकरण समथिता सभी नीवकरणीय स्रोतों से अगधक है। यह कृपि और वन अवर्शष्टों, साथ ही उजाि-फसिों से प्राप्त होती है। जैवमात्रा अवर्शष्टों का उपयोि करने में बड़ी चुनौती शजक्त-सूंयूंत्रों से उगचत िाित पर की जानेवािी उनकी पवश्वसनीय दीघािवगध प तत ि ही है, मुख्य समस्याएूं सुप्रचाितनक अवरोध और इूंधन-सूंग्रहण की िाित है। यटद उजाि-फसिों का उगचत रीतत से प्रबूंधन न हो तो, वे अन्न उत्पादन के साथ प्रततस्पधाि करती हैं और अन्न की कीमतों पर उनका अवाूंतछत असर पड़ सकता है। जैवमात्रा का उत्पादन पररवतिनशीि जिवायु के भौततक प्रभावों के प्रतत भी सूंवेदनशीि होता है।

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM

    DOWNLOADED FROM : WWW.IASEXAMPORTAL.COM Courtesy: UPSC

    http://iasexamportal.com/civilservices/http://iasexamportal.com/civilservices/

  •  

     

    What you will get: ● 800+ Pages (5 Books)

    ● All Old and new NCERT Important Material for UPSC Exam

    ● From Class-6 to Class-12 Compilation

    ● The Gist of NCERT History (Old & New)

    ● The Gist of NCERT Indian Polity (Old & New)

    ● The Gist of NCERT Geography (Old & New)

    ● The Gist of NCERT General Science (Old & New)

    ● The Gist of NCERT Indian Economy (Old & New)

    ● Practice MCQ included in every Booklet

    ● IAS Planner (PDF Copy)

    ● UPSC PRE 10 Year Solved Papers (PDF Copy) 

     Price of the Kit: 

    Rs. 3,000  Rs. 1,499/-   (Limited time Offer) 

     

     

       

     Order Online (100% Safe) 

     

    Click here for Other Payment Options (Cash/NEFT/etc) FOR MORE DETAILS CLICK HERE