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iz rh;eku vu q Hko dk s ck aVus okyk e ap jk"Vªh; —f"k iz ca/ku foLrkj laLFkku] कृषि सहयोग और कृषि ᳰकसान कयाण मंालय jk"Vª h; —f"k vkSj xz keh.k fodkl cS ad संजटा फ़ाउं डेशन इंषडया (एसएफ़आई) थायी कृ षि ौोषगᳰकय को बढ़ावा देता है और ऐसी तकनीक को बेहतर उपादन, उपादकता और उ आय के षलए योग करने हेतु सहकारी एनजीओ के साथ षमलकर गरीब और अयप ᳰकसान तक पहंचता है। हालांᳰक, कृ षि षवकास के षलए ान को बाटने और सार करने के संदभ म एसएफ़आई के साथी एनजीओ के साथ षमलकर कᳱ गयी पᳯरयोजनाएं और पहले काफᳱ सफल रही ᳰकतु पᳯरयोजना का थायी रहना कᳯिन था। षनरंतरता के इस षविय के समाधान के षलए एसएफ़आई सी टेकहोडर जैसे कृ िक, इनपुट आपूᳶतभकताभ और उपोगता को सषममषलत कर एक मॉडल बनाना चाहता था। उनके ारा कᳱ गयी कपना के मॉडल म सी टेकहोडर को एक मंच पर लाकर षबना ᳰकसी महवपूणभ बाहरी सहायता के आपूᳶतभ -मांग शषिय को जोड़ना था। यह मॉडल बेरोजगार योवा को कृ षि- उषमय के ऱप म उारने जो इसके बदले ावसाषयक आधार पर कृ िक के साथ कायभ करगे कᳱ पᳯरकपना से तैयार ᳰकया गया था। एसएफ़आई कृ षि-उषमय को ारतीय औोषगक षवकास बक (आईडीबीआई) से जोड़ कर वसाय आरं करने म मदद करता है जो इसके बदले म कृ षि- उषमय कᳱ उधार कᳱ आवशयकता को पूरा करता है। संजटा ारा नाषमत ामीण युवा को आवयक षशण दान करने हेतु राीय कृ षि षवतारण बंध संथान (मैनेज) को चुना गया। मैनेज ारा षनᳶमभत मॉडल म 2 षशण कायभम थे षजसमे ारषमक 10 ᳰदवसीय उमुखीकरण कायभम षजसे कृ षि उषमय कᳱ मता षनमाभण को यान म रखकर बनाया गया है षजसके पात पाच ᳰदवसीय पुनयाभ षशण कायभम जो ऐी- वचर के सफलतापूवभक थापना के पात ᳰदया जाता है। 10 ᳰदवसीय षवतृत षशण मॉूल युवा को बुषनयादी तकनीकᳱ ान, सरकार ारा ायोषजत योजना के बारे म जानकारी, पᳯरयोजना षवषश ान, धन और षवीय वहायभता पहलु, बक सौद, कृ षि-कं पषनय के साथ जुड़ाव, लेखाकरण और ᳰकताब रखने आᳰद म पᳯरपूणभ बनाता है। यह मॉडल बहत सफल हआ जो पहले बैच म 29 ामीण युवा के षशण ा करने से पᳯरलषत होता है और 25 युवा ने दो विभ के ीतर ऐी-वचर थाषपत ᳰकए। खंड VII अंक VII अटूबर, 2015 —f"km|eh bZ &cq ysfVu संजटा - ामीण युवा के वषनयोजन हेतु मैनेज का मॉडल bl vad esa% iz R;sd —"kd }kjk csgrj —f"k संजटा- ामीण युवा के वषनयोजन हेतु मैनेज का मॉडल इस माह के कृषि उमी: डॉ. जेहेरल इलम, गुवाहाटी, असम इस माह का संथान: बायोफामभ -तषमलनाडु ी.संगपा को नवीकरणीय ऊजाभ के े म ारतीय लीडर के ऱप म समाषनत ᳰकया गया। ** —f"k m|ferk ,d ,slk iz rh;eku eap gS tgka —f"k m|fe;ksa ] cS adjk sa ] —f"k O;olk; daifu;k sa a] uk sMy iz f'k{k.k laLFkkuksa] foLrkj dk;Z drkZvksa ] f'k {kk'kkfL=;ksa] vuq la/kkudrkZvksa rFkk —f"k O;olk; fpardk sa ] tk s ns'k esa —f"k m|ferk fodkl ds fy, dk;Z dj jgs gS a] ds vuq Hkoksa dks lcds lkFk ck aVk tkrk gS A कृ षिउमी कᳱ मुत हेपलाइन का उपयोग कर 1800 425-1556 बीसीटी-के वीके , षवशाखपटनम म सुथाषपत ामीण युवा के षलए पुनयाभ षशण कायभम

Transcript of b&cysfVu fkm|eh - Agri-Clinics · ड ©. ज §ह § gल इस्ल ड ई ज §ए व...

  • izrh;eku vuqHko dks ckaVus okyk eap

    jk"Vªh; —f"k izca/ku foLrkj laLFkku] कृषि सहयोग और कृषि ककसान कल्याण

    मंत्रालय

    jk"Vªh; —f"k vkSj

    xzkeh.k fodkl cSad

    ससंजेंटा फ़ाउंडशेन इंषडया (एसएफ़आई) स्थायी कृषि प्रौद्योषगककयों को बढ़ावा दतेा ह ैऔर ऐसी तकनीकों को बहेतर उत्पादन,

    उत्पादकता और उच्च आय के षलए प्रयोग करन ेहते ुसहकारी एनजीओ के साथ षमलकर गरीब और अत्यल्प ककसानों तक पहचंता ह।ै

    हालांकक, कृषि षवकास के षलए ज्ञान को बााँटन ेऔर प्रसार करन ेके संदर्भ में एसएफ़आई के साथी एनजीओ के साथ षमलकर की गयी

    पररयोजनाए ंऔर पहल ेकाफी सफल रही ककन्त ुपररयोजना का स्थायी रहना करिन था। षनरंतरता के इस षविय के समाधान के

    षलए एसएफ़आई सर्ी स्टकेहोल्डरों जसेै कृिक, इनपटु आपरू्तभकताभओं और उपर्ोगताओं को सषममषलत कर एक मॉडल बनाना

    चाहता था। उनके द्वारा की गयी कल्पना के मॉडल में सर्ी स्टेकहोल्डरों को एक मचं पर लाकर षबना ककसी महत्वपणूभ बाहरी

    सहायता के आपरू्तभ-मांग शषियों

    को जोड़ना था। यह मॉडल

    बरेोजगार योवाओं को कृषि-

    उद्यषमयों के रूप में उर्ारन ेजो

    इसके बदल ेव्यावसाषयक आधार

    पर कृिकों के साथ कायभ करेंग ेकी

    पररकल्पना से तयैार ककया गया

    था। एसएफ़आई कृषि-उद्यषमयों

    को र्ारतीय औद्योषगक षवकास

    बैंक (आईडीबीआई) से जोड़ कर

    व्यवसाय आरंर् करन े में मदद

    करता ह ैजो इसके बदल ेमें कृषि-

    उद्यषमयों की उधार की

    आवशयकता को परूा करता ह।ै

    ससंजेंटा द्वारा नाषमत ग्रामीण युवाओं को आवश्यक प्रषशक्षण प्रदान करन ेहते ुराष्ट्रीय कृषि षवस्तारण प्रबधं संस्थान (मनैजे) को

    चनुा गया। मनैजे द्वारा षनर्मभत मॉडल में 2 प्रषशक्षण कायभक्रम थ ेषजसम ेप्रारषमर्क 10 कदवसीय उन्मखुीकरण कायभक्रम षजसे कृषि

    उद्यषमयों की क्षमता षनमाभण को ध्यान में रखकर बनाया गया ह ैषजसके पश्चात पााँच कदवसीय पनुश्चयाभ प्रषशक्षण कायभक्रम जो ऐग्री-

    वैंचर के सफलतापवूभक स्थापना के पश्चात कदया जाता ह।ै 10 कदवसीय षवस्ततृ प्रषशक्षण मॉडू्यल युवाओं को बषुनयादी तकनीकी

    ज्ञान, सरकार द्वारा प्रायोषजत योजनाओं के बारे में जानकारी, पररयोजना षवषशष्ट ज्ञान, धन और षवत्तीय व्यवहायभता पहलओुं, बैंक

    सौदों, कृषि-कंपषनयों के साथ जड़ुाव, लखेाकरण और ककताब रखन ेआकद में पररपणूभ बनाता ह।ै यह मॉडल बहत सफल हआ जो

    पहल ेबचै में 29 ग्रामीण युवाओं के प्रषशक्षण प्राप्त करन े से पररलषक्षत होता ह ैऔर 25 युवाओं न ेदो विभ के र्ीतर ऐग्री-वैंचर

    स्थाषपत ककए।

    खडं VII अकं VII अक्टूबर, 2015

    —f"km|eh

    bZ&cqysfVu

    ससंजेंटा - ग्रामीण यवुाओं के स्वषनयोजन हते ुमनैजे का मॉडल bl vad esa%

    izR;sd —"kd }kjk csgrj —f"k

    ससंजेंटा- ग्रामीण युवाओं

    के स्वषनयोजन हेतु मैनजे

    का मॉडल

    इस माह के कृषि उद्यमी:

    डॉ. जेहेरुल इस्लम,

    गुवाहाटी, असम

    इस माह का संस्थान:

    बायोफामभ-तषमलनाडु

    श्री.संगप्पा को

    नवीकरणीय ऊजाभ के

    क्षेत्र में र्ारतीय लीडर

    के रूप में सममाषनत

    ककया गया।

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    dk;Z dj jgs gSa] ds vuqHkoksa dks

    lcds lkFk ckaVk tkrk gSA

    कृषिउद्यमी की मफु्त हले्पलाइन

    का उपयोग करें

    1800 –425-1556 बीसीटी-केवीके, षवशाखपटनम में ससु्थाषपत ग्रामीण युवाओं के षलए पुनश्चयाभ प्रषशक्षण कायभक्रम

  • पोिण सबंधंी सरुक्षा की ओर डॉ. जहेरेुल इस्लम का “फास्ट मतं्र”

    माह का कृषिउद्यमी खंड VII अकं VII

    डॉ. जहेरेुल इस्लम

    डीई जएेम वटे्स, जएेम पटे और वटे केर, केआर र्यून पथ, चहल, नारकोरटक्स बउेरोव (जीओआई) वीआईपी रोड के पास, गवुाहाटी-781022 ईमले आईडी: je-

    [email protected] , मोबाइल स:ं 8472092140

    असम के लोगों के आहार में मछ्ली मुख्य कारक ह ैजोस्थानीय आबादी में प्रोटीन की आवश्यकता को

    पूरा करता ह।ै असम जो प्राकृषतक रूप से जल षनकायों से समपन्न ह ैमछ्ली उत्पादन के षलए अपार

    गुंजाइश प्रदान करता ह ै और मछ्ली के षलए बढ़ती मांग अक्सर आपूर्तभ को षनष्प्प्रर्ावी बनाती ह।ै

    मछ्ली की कृषि में अच्छी संर्ावना को दखेते हये डॉ. जहेरेुल इस्लम (35) गवुाहाटी, असम के एक

    पशुषचककत्सक ने इस रास्ते पर जाना तय ककया। डॉ. जेहरेुल इस्लम का कहना ह ैकक, “मैंन ेहमेशा से ही

    ऐसी गषतषवषध की स्थापना का षवचार ककया था जो मेरे असम के लोगों की खाद्य सुरक्षा और पोशक

    आवश्यकता में सहायक हो सके”। यही वह मोड था जब उन्हें एसी एवं एबीसी योजना के षविय में पता

    चला और इस कायभक्रम के एक र्ाग के रूप में इंषडयन सोसाइटी ऑफ ऐग्री-षबज़नस प्रॉफेश्नल

    (आईएसएपी), गुवाहाटी द्वारा प्रदान ककए जा रह ेप्रषशक्षण के बारे में पता चला। उन्होंन ेएसी एवं

    एबीसी प्रषशक्षण कायभक्रम में र्ाग षलया और दो-माह का आवासीय प्रषशक्षण पूरा ककया। उनका कहना

    ह ैकक, “इस प्रषशक्षण कायभक्रम ने मुझ में न केवल उद्यमशीलता की र्ावना जगाई बषल्क मझुे लखेाकरण,

    डीपीआर बनाना, षवपणन आकद जैसी कई व्यवसाय संबंधी षचज़े सीखने में सहायता दी”।

    आरंर् में, उन्होंने कामरूप (ग्रामीण) षजले में एक छोटे आत्म-षनर्मभत मत्स्यपालन पररयोजना से शुरुआत की, उन्हें जो महत्वपूणभ उत्पादन प्राप्त हआ उसने उनके

    आत्मषवश्वास को बढ़ाया षजसके कारण उन्होंने इसके अषधक षवस्तार का षनणभय षलया। उन्होंने कहा कक इस समय मैंने 5 लाख रुपए के पररव्यय के साथ एक षवस्तृत

    पररयोजना ररपोटभ तैयार की और इसे असम ग्रामीण षवकास बैंक, पजंबरी शाखा, गवुाहाटी से अनुमोकदत

    करवाया और 2014 में डीई जेएम वेट्स नाम से वैंचर पजंीकृत करवाया। इस नम्र शुरुआत के साथ षसफभ

    एक विभ में इसका वार्िभक कारोबार रु.20 लाख स ेज़्यादा हो गया। यह फ़मभ 6 कुशल व्यषियों को प्रत्यक्ष

    रोजगार प्रदान करता है जो कृिकों को तकनीकी और षवस्तारण सेवाएाँ प्रदान करते हैं। स्थाई जल कृषि में

    प्रषशक्षण देने के अलावा, यह फ़मभ इच्छुक कृिकों को मछ्ली के बच्चे, सीस्लंग्स, वाषणषययक चारे की

    आपूर्तभ, योजक, स्वास््य सवेा सबंषन्धत उत्पाद, व्यापार, व्यापार सबंन्धों का षवकास, पानी के नमूनों का

    परीक्षण, रोग षनदान एवं उपचार सलाह आकद प्रदान करने में मदद करता है। 200 स ेअषधक मछ्ली

    पालक कांटै्रक्ट के आधार पर इस फ़मभ के साथ षबज़नस पाटभनर के रूप में जुड़े हये है। कामरूप, बारपेटा,

    नल्बरी, दररंग और मेघालय और मषणपुर के कुछ इलाकों के 60 से अषधक गााँवों से संसाषधत और मूल्य

    वधभक मछ्ली उत्पादों की आपूर्तभ हेतु रेस्टुयरंटों के साथ अग्र एकीकरण र्ी ससु्थाषपत है। ‘फास्ट’ डीई

    जेएम वेट्स फ़मभ का षबज़नस मंत्र है

    एफ – स्थायी और लार्दायक मत्स्यपालन हेतु कृिक प्रषशक्षण एवं जागरूकता कायभक्रम ,ए – अच्छे उत्पादन हेतु संयोजी अनुपूरण

    एस – सेवा, अच्छे उत्पादन हेतु मुफ्त तकनीकी सवेा प्रदान करना ,टी – सामूषहक कायभ, उत्पादकों के साथ-इसे व्यावसाषयक तौर पर सफल बनाने हेतु।

    इस फ़मभ का सपना है, मानक वजै्ञाषनक प्रबंधन के साथ मत्स्य कृषि स्थाषपत करना और उसे स्थाई बनाना और इस के्षत्र के सर्ी मछ्ली पलकों को वाषणषययक रूप से

    व्यवहायभ व्यवसाय प्रदान करना। उर्रते कृषिउद्यषमयों के षलए डॉ. जेहेरुल इस्लम का संदेश ह ैकक, “शुरुआती षवघ्न और मुषश्कले ककसी को षनराश न करें और न ही ककसी

    को अपने लक्ष्य को पान ेके इराद ेसे र्टका द ेबषल्क इनका प्रयोग र्षवष्प्य में सफल होन ेके षलए अवसरों के रूप में करना चाषहए।

    प्रायोषगक पररयोजना में हमने मुख्यतः कापभ प्रजाषत उगाई खासकर इंषडयन मेजर कापभ, माइनर कापभ और एक्सोरटक कापभ। ‘जयतंी रोहू’ सब में से अषधक आकिभक

    थी। हम मखु्यतः अच्छी गुणवत्ता वाले कापभ के छोटे बच्चों की षबक्री करते ह ैजो एक समान प्रौढ़ता द।े इस रायय में कापभ मछ्ली का बाज़ार दर हमेशा अषधक होन े

    के कारण कापभ मछ्ली के छोट ेबच्चों की मांग हमेशा ज़्यादा रहती ह ैइसके अलावा यह ज़्यादा पसंद की जान ेवाली प्रजाषत ह।ै कहना ह ैडॉ. जेहरेुल का।

    डॉ.जेहरेुल इस्लम कृिकों के साथ कापभ मछ्ली का

    षनरक्षण करते हये

  • ऐग्री-क्लीषनक एव ंऐग्री-षबज़नस कें द्र योजना (एसी एव ंएबीसी) का पररचालन: बायोफामभ

    विभ 2012 से बायोफामभ मनैेज द्वारा समर्थभत ऐग्री-क्लीषनक एव ंऐग्री-षबज़नस कें द्र योजना का कायाभन्वयन कर रहा

    ह।ै उनकी अषद्वतीय पररचालन कायभप्रणाली और रणनीषत तीन चरणों में पूणभ होती ह,ै जो एसी एव ंएबीसी योजना

    के कायाभन्वयन में काफी कारगर साषबत हई ह।ै तीन चरण हैं, “प्रषशक्षण पूवभ – प्रषशक्षण – प्रषशक्षण उपरांत”।

    प्रषशक्षण पवूभ: यह स्तर एसी एवं एबीसी प्रषशक्षण कायभक्रम हतेु अभ्यर्थभयों के प्रचार की ओर समर्पभत ह।ै यहााँ यह

    संस्थान कृषि और संबषन्धत संस्थानों के साथ षनयषमत रूप से जागरूकता कायभक्रम आयोषजत करता ह।ै संस्थानों के

    अध्यक्षों को संगरित करना, उनके साथ आमन-ेसामन ेबात करना, और उनसे उनके संस्थान से पाररत हये अभ्यर्थभयों

    की सूची प्रदान करन ेका अनुरोध करना, यह कुछ गषतषवषधयााँ ह ैजो इस स्तर पर की जाती ह।ै षवस्तारण उपकरण

    जैसे फ्लशै काडभ के प्रयोग से एसी एव ंएबीसी योजना के तहत अवसरों को समझात ेहये संस्थान के स्थानन प्रकोष्ठ

    द्वारा आयोषजत बैिक को संबोषधत करना बहत ही सफल रहा ह।ै

    प्रषशक्षण: षवषर्न्न षवियों के षलए प्रषशक्षक और संकाय रायय षवर्ाग, केवीके, एटीएमए, बैंकों, और स्थाषपत

    कृषिउद्यषमयों से चनुे जाते हैं। इस पाठ्यक्रम में “पररसर में और पररसर के बाहर” प्रषशक्षण सत्र शाषमल ह ैजो

    अभ्यर्थभयों को पयाभप्त तकनीकी षवशेिज्ञता और यथोषचत पयाभप्त अभ्याषसक एक्स्पोशर दतेा ह।ै मश्रू ंउत्पादन, कें चुआ

    खाद षनमाभण, रेशम-उत्पादन आकद के क्षेत्रों में व्यषिगत प्रषशक्षण र्ी प्रदान ककया जाता ह।ै षवत्तीय षवशेिज्ञों के

    परामशभ द्वारा प्रशनावली षडज़ाइन और तैयार की जाती ह ैताकक बाजार के सवेक्षण के दौरान अषधक सूचना एकषत्रत

    की जा सके। षवत्तीय षवशिेज्ञ

    प्रषशक्षुओं को बैंक द्वारा

    स्वीकायभ षवस्ततृ पररयोजना

    ररपोटभ तैयार करने में र्ी

    मदद करत ेह।ै

    प्रषशक्षण उपरातं: सर्ी कृषि

    उद्यमी जो बैंक से ऋण के

    षलए अवदने करने के इच्छुक

    ह ै उन्हें सहयोग कदया जाता

    ह।ै प्रषशक्षुओं के दावों को

    मजबतू करने के षलए

    आरबीआई का पररपत्र, एसी

    एवं एबीसी कदशाषनदशे,

    नाबाडभ का पररपत्र जैस े

    दस्तावेज़ी प्रमाण संबषन्धत बैंक मनैेजर को कदये जात ेह।ै प्रषशक्षण के पश्चात कुछ चनुे हये कृषि उद्यषमयों को संस्थान

    के वाषणषययक बायो-उत्पादों के षनमाभण और आर एंड डी सुषवधा में जैव-उत्पादों के षनमाभण और षबक्री का अवसर

    कदया जाता ह।ै चयषनत अभ्यर्थभयों को इस दौरान छात्रवृषत्त दी जाती ह।ै यह संस्थान उनके पररचालन के क्षते्र के

    आधार पर कुछ षवषशष्ट फसलों के षलए मृदा प्रबधं, पोिण प्रबधं और पौधों की सुरक्षा हते ुपद्धषतयों के पकेैज का पूणभ

    सेट र्ी प्रदान करता ह।ै

    ekg dk laLFkku श्री एस. उदयन ं

    नोडल अषधकारी

    एनटीआई का नाम: बायोफामभ,

    ओिकल्मंडपम, कोयमबटूर-32

    पता: स.ं207, सेंचरुी प्लाज़ा, स-ं

    87, डी.बी.रोड, आर.एस.पुरम,

    कोयमबटूर-641 002 तषमलनाडु

    फोन: 0422-2542999, फ़ैक्स:

    04175 251632

    मोबाइल स.ं: 09025666178

    ईमले: [email protected]

    प्रषशक्षण की सखं्या: 14

    प्रषशषक्षत अभ्यर्थभयों की सखं्या:

    395

    स्थाषपत ऐग्रीवेंचरों की सखं्या:

    177

    सफलता का दर: 48.81%

    स्थाषपत ऐग्रीवैंचर: ऐग्री-

    क्लीषनक, डेयरी एकक, मुगी

    पालन, बागबानी नसभरी एवं

    र्ूदशृ्य षनमाभण, केंचुआ-खाद

    एकक, बीज प्रक्रमण एकक, दधू

    एकत्रण कें द्र, सब्जी उत्पादन एवं

    षबक्री, मत्स्यपालन, बकरी

    पालन, आकद।

    खंड VII अकं VII

    व्यषिगत प्रषशक्षण के दौरान बायो-उत्पाद षनमाभण एकक में प्रषशक्ष ु

    mailto:[email protected]

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    “कृषिउद्यमी” श्री के सत्यगोपाल, आईएएस, महाषनदशेक (मनैजे)

    द्वारा प्रकाषशत

    हमस ेसपंकभ करें:

    कृषि उद्यषमता षवकास कें द्र, (सीएडी)

    कृषि षवस्तार प्रबधंन के राषष्ट्रय ससं्थान (मनैजे)

    (मनैजे), राजेंद्रनगर, हदैराबाद, षपन-500 030, र्ारत

    ई-मले: [email protected]

    वबेसाइट: www.agriclinics.net

    कृषि उद्यमी का टोल फ्री हले्पलाइन न:ं 1800 425 1556

    ई मले: [email protected]

    प्रमखु सपंादक :डॉ.के.सत्यगोपाल, आईएएस

    सपंादक :डॉ. पी चन्द्रशखेर

    सहयाक सपंादक : : डॉ. लक्ष्मीमरू्तभ

    :सशु्री ययोषत सहारे

    षहन्दी अनवुाद :डॉ. के. श्रीवल्ली

    www.agriclinics.net og iksVZy gS tks ,lh rFkk ,chlh ;kstuk ds ckjs esa lwpuk iznku djrk gSA ;g iksVZy ik=rk ekunaMksa] izf'k{k.k laLFkkuksa]

    izf'k{k.k dk;ZØeksa] lgk;rk dk;ksZa] foÙk fodYiksa rFkk Hkkoh m|fe;ksa dks lfClMh iznku djus ds laca/k esa v|ru tkudkjh nsrk gSA;g osclkbV LFkkfir

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    www.agriclinics.net वह पोटभल है जो एसी तथा एबीसी योजना के बारे में सूचना प्रदान करता है। यह पोटभल पात्रता मानदंडों, प्रषशक्षण संस्थानों, प्रषशक्षण कायभक्रमों, सहायता कायों, षवत्त षवकल्पों तथा र्ावी

    उद्यषमयों को सषब्सडी प्रदान करने के संबंध में अद्यतन जानकारी देता है। यह वेबसाइट स्थाषपत कृषि नव उद्यमों, लंषबत पररयोजनाओं, संबषन्धत योजनाओं के ब्यौरों से संबषन्धत सूचना तथा रायय सरकारों,

    कृषि षवश्वषवद्यालयों, बैंकों, प्रषशक्षण संस्थानों तथा कृषि उद्यषमयों, के षलए उपयोगी अन्य सूचना र्ी प्रदान करती है।

    खंड VII अकं VII

    “कृषि उद्यमी” श्रीमषत वी.उिा रानी, आईएएस, महाषनदशेक, मनैेज द्वारा प्रकाषशत ह।ै

    कृषि-उद्यमवृषत्त षवकास कें द्र (सीएडी),

    राष्ट्रीय कृषि षवस्तारण प्रबधंन संस्थान (मनैेज),

    राजेंद्रनगर, हदैराबाद -500 030, र्ारत

    ई-मेल: [email protected]

    मखु्य सपंादक : श्रीमषत वी.उिा रानी, आईएएस, महाषनदशेक, सपंादक : डॉ.पी. चन्द्रशखेर ,सहायक सपंादक: डॉ. लक्ष्मी मरू्तभ, श्रीमषत ययोषत सहारे,

    षहन्दी अनवुाद : डॉ. के. श्रीवल्ली

    अषधक प्रश्नों हते,ु कृपया [email protected] पर सपंकभ करें।

    श्री.सगंप्पा को नवीकरणीय ऊजाभ के क्षते्र में इंषडयन लीडर के रूप में सममाषनत ककया गया

    संगप्पा संकणगौड़ा, एक कृषि उद्यमी को बैंग्लोर में आयोषजत “द ग्रीन सषममट-2014” के समारोह में फ़ैडरेशन ऑफ कनाभटक चेमबर ऑफ कॉमसभ एंड

    इंडस्ट्री (एफ़केसीसीआई) द्वारा सममाषनत ककया गया। संगप्पा ने कृषि मशीनीकरण की ओर

    उनके नवीन उपाय के षलए प्रथम पुरस्कार जीता षजसमे रु.1.5 लाख इनाम के रूप में कदया

    गए। यह आयोजन नवीकरणीय ऊजाभ के क्षेत्र में इंषडयन लीडरों को पहचानने और उनके

    योगदान का आर्ार प्रकट करने हतेु आयोषजत ककया गया था। संगप्पा को उनके हाइ

    षक्लयरेंस सोलर स्प्रेयर के षलए प्रथम पुरस्कार प्राप्त हआ। संगप्पा का कहना ह ै कक, कृषि

    उपकरणों और मशीनों की तरफ मेरी उत्कंिा मुझे कृषि मशीनीकरण को लक्ष्य में रखते हये

    नवीन उपायों के प्रयोग के षलए उत्साषहत करती ह।ै एक मुस्कुराहट के साथ वे जोड़ते ह ैकक,

    इसी उत्कंिा ने इस “हाइ षक्लयरेंस सोलर स्प्रेयर” की षडज़ाइसनंग को पररणाम कदया।

    पुि टाइप हाइ षक्लयरेंस सोलर स्प्रेयर का समग्र आयाम 1066 × 1066 × 1072 mm

    (L×W×H) ह।ै क्षते्र में अवशयकता के अनुसार, पंषि के अतंर और पौधे की लंबाई के संदर्भ में

    स्प्रेयर की चौड़ाई (854 – 1066 mm) और लबंाई (607 – 762 mm) कम-ययादा की जा

    सकती ह।ै फसल की लंबाई के आधार पर बमू की लंबाई र्ी कम-ज़्यादा की जा सकती ह।ै बमू

    में लगे नोज्जल की कदशा को बदल कर स्प्र ेके कोने को र्ी बदला जा सकता ह ैफसल की पंषि

    की दरूी के अनुसार नोज्जल के बीच की दरूी को र्ी कम-ज़्यादा ककया जा सकता ह।ै इस स्प्रेयर

    के पररचालन में लषचलता के कारण इसे लगर्ग सर्ी फसलों में षछड़काव के षलए प्रयोग

    ककया जा सकता ह।ै यह सोलर स्प्रेयर वजन में हल्का, दबन ेवाला ह ैजो इसे पररवहन के षलए

    आसान और प्रयोग के षलए र्ी आसान बनाता ह।ै इसके पषहये ट्यबू रषहत ह ैजो पंचर की

    संर्ावना को नष्ट करते ह।ै एक सोलर पनैल, डीसी बैटरी, डीसी मोटर, और फे्रम इस स्प्रेयर के

    कुछ अन्य र्ाग ह।ै एक व्यषि अकेला ही इसे चला सकता ह ैऔर षवघरटत कर सकता ह।ै यकद इस सोलर स्प्रेयर को पूरी तरह चाजभ ककया जाए तो इसे

    लगातार 7 घंटों के षलए प्रयोग ककया जा सकता ह।ै कदन में इसका प्रयोग षबना सोलर पनैल को चाजभ ककए र्ी ककया जा सकता ह।ै इसकी कुल ऊंचाई

    10 फीट ह ैजो बड़ाई-घटाई जा सकती ह।ै श्री. संगप्पा संकणगौड़ा मोबाइल: 08951593601, ईमेल आईडी [email protected]

    श्री सन्गप्पा स्प्रयेर एवम ट्रॉफी के साथ

    http://www.agriclinics.net/mailto:[email protected]://www.agriclinics.netmailto:[email protected]