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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

TI-AIH   School Leadership

सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना prior written consent of The Open University or in accordance with the Copyright, Designs and Patents Act 1988.

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Contents यह इकाई क्रिकस बा�े में है क्रिवद्यालय प्रमुख इस इकाई से क्या सीख सकर्ते हैं 1 भागीदा�ीपूर्ण� , क्रिवद्यार्थी, - कें द्रि.र्त सि/क्षर्ण को सक्षम बनाना 2 टीईएसएस - इंक्रि6या ओईआ� में क्या है ? 3 आपको क्रिकस बदलाव की पहल क�नी चाक्रिहए ? 4 अपने सि/क्षकों के सार्थी काय� क�ना 5 भागीदा�ीपूर्ण� पद्धक्रिर्त कायम �खना 6 सा�ां/ संसाधन

संसाधन 1: क्रिवद्यार्थी, कें द्रि.र्त अध्यापन एवं अध्ययन का अवलोकन संसाधन 2: सि/क्षर्ण - /ास्त्र के सिसद्धांर्त संसाधन 3: टीईएसएस - इंक्रि6या मुख्य संसाधनों एवं ओईआ� की सूची संसाधन 4: अध्यापक क्रिवकास ओईआ� के अनुभाग संसाधन 5: बदलाव लाने की �ाह की चुनौक्रिर्तयां संसाधन 6: अध्यापकों के सिलए चिचंर्तन क्रिबन्दु –

संदभ� / संदभ�गं्रर्थी सूची References Acknowledgements

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

यह इकाई क्रिकस बा�े में हैइस इकाई से आपको अपने सि/क्षकों के काया�भ्यास को क्रिवकसिसर्त क�ने में सहयोग देने र्तर्थीा अपने क्रिवद्यालय में सि/क्षर्ण/ास्त्रीय बदलाव(pedagogical shift) लाने में मदद मिमलेगी। इस क्रिवषय प� काफी कुछ सिलखा जा चुका है दृ औ� ‘गक्रिर्तक्रिवमिध आधारि�र्त सीखने की प्रक्रि�या’ एवं ‘बालक–कें द्रि.र्त सीखने की प्रक्रि�या’ आद्रिद क्रिवषयों प� प्रसि/क्षर्ण आयोजिजर्त क्रिकए जा चुके हैं– प�न्र्तु इसे आप अपने क्रिवद्यालय में वास्र्तव में अमल में कैसे ला सकर्ते हैंघ् इस इकाई में इस बार्त के क्रि�यात्मक उदाह�र्ण द्रिदए गए हैं क्रिक अपने क्रिवद्यार्थिर्थींयों के सीखने संबंधी परि�र्णामों को बेहर्त� बनाने के सिलए अपने क्रिवद्यालय के सि/क्षकों के पाठों को अमिधक भागीदा�ीपूर्ण� बनाने हेरु्त उनके सार्थी TESS-भा�र्त मुक्त /ैक्षिक्षक संसाधनों (ओईआ�द्ध का उपयोग कैसे क�ना है।

यह इकाई आपको एक सि/क्षर्ण /ास्त्रीय बदलाव परि�योजना के बा�े में माग�द/�न देर्ती है जो एक सत्र (लगभग 12 सप्र्ताह) र्तक चलेगी। इसमें आप अपने क्रिवद्यालय में सि/क्षर्ण/ास्त्रीय बदलाव प� ध्यान देंगे। आपको अपने सि/क्षकों के कक्षा काया�भ्यासों के क्रिकसी ऐसे पहलू को पहचानने के सिलए प्रोत्साक्रिहर्त क्रिकया जाएगा जिजसे आप बदलना चाहरे्त हों। इसमें आपके सिलए क्रिवद्यालय में क�ने की गक्रिर्तक्रिवमिधयां औ� (केस स्6टी) द्रिदए गए हैं जो क्रि�यान्वयन के उदाह�र्ण प्रदान क�र्ते हैं।

/ुरूआर्त क�ने से पहले आपको पू�ी इकाई पढ़ लेनी चाक्रिहए, औ� क्रिफ� गक्रिर्तक्रिवमिधयों को जिजस �म में द्रिदया गया है उस �म में क�ें, औ� सत्र में आगे बढ़ने के सार्थी-सार्थी अपनी योजनाओं, कायZ औ� प्रक्रिर्तफलों के रि�कॉ6� �खरे्त जाए।ं

सीखने की डाय�ीइस इकाई में काम क�र्ते समय आपसे अपनी सीखने की 6ाय�ी में नोट्स बनाने को कहा जाएगा। यह 6ाय�ी एक क्रिकर्ताब या फोल्ड� है जहाँ आप अपने क्रिवचा�ों औ� योजनाओं को एकत्र क�के �खरे्त हैं। संभवर्तः आपने अपनी 6ाय�ी भ�ना /ुरू क� द्रिदया होगा।

इस इकाई में आप अकेले काम क� सकर्ते हैं, लेक्रिकन यद्रिद आप अपने सीखने की चचा� क्रिकसी अन्य क्रिवद्यालय प्रमुख के सार्थी क� सकें र्तो आप औ� भी अमिधक सीखेंगे। यह कोई सहकम, हो सकर्ता है जिजसके सार्थी आप पहले से सहयोग क�र्ते आ �हे हैं, या कोई व्यसिक्त जिजसके सार्थी आप नए संबध का क्रिनमा�र्ण क�ना चाहरे्त हैं। इसे क्रिनयोजिजर्त ढंग से या अमिधक अनौपचारि�क आधा� प� क्रिकया जा सकर्ता है। आपकी सीखने की 6ाय�ी में बनाए गए आपके नोट्स इस प्रका� की बैठकों के सिलए उपयोगी होंगे, औ� सार्थी ही आपकी दीघा�वमिध की सि/क्षर्ण-प्रक्रि�या औ� क्रिवकास के प्रक्रिर्तक्रिबम्बिbबर्त भी क�ेंगे।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

क्रिवद्यालय प्रमुख इस इकाई से क्या सीख सकर्ते हैं सि/क्षर्ण/ास्त्र एवं टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� की स�ंचना से सुपरि�चय। अपने क्रिवद्यालय में ओईआ� के अपनाना औ� उनका उपयोग क�ने की संभावना

पहचानना। अपने क्रिवद्यालय में सीखने की क्रि�या में छात्र की भागीदा�ी बढ़ाने के सिलए फोकस की

पहचान कैसे क�ें। सि/क्षर्ण–अमिधगम क्रि�या में सुधा�ों को कायम कैसे �खें इस प� क्रिवचा�।

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1 भागीदा�ीपूर्ण�, क्रिवद्यार्थी--कें द्रि/र्त शि1क्षर्ण को सक्षम बनानावष� 2005 में एनसीएफ ने यह स्पष्ट क� द्रिदया र्थीा क्रिक, क्रिवद्यार्थिर्थींयों की सीखने की क्रि�या में उनकी भागीदा�ी, सीखने संबंधी सवeत्तम परि�र्णाम पाने की कंुजी है। क्रिवद्यार्थिर्थीयंों को क्रिनbनांक्रिकर्त का अवस� मिमलना चाक्रिहए:

सीखर्ते समय क्रिवचा�ों का योगदान देने का अपने क्रिवचा�ों औ� अनुभवों के बा�े में बोलने औ� चचा� क�ने का क्रिवद्यालय में उन्होंने जो सीखा उसे अपने �ोजम�ा� के जीवन से जोड़ने का।

सि4त्र 1 छात्रों की भागीदा�ी से सीखने की क्रि�या बेहर्त� बनेगी; सि/क्षक भी सि/क्षार्थी, होरे्त हैं।

/ोध इस बार्त प� सहमर्त है। वास्र्तक्रिवकर्ता यह है क्रिक इसका क्रि�यान्वयन कद्रिठन है। कई सि/क्षक, क्रिव/ेष रूप से माध्यमिमक स्र्त� के सि/क्षक, यह मानर्ते हैं क्रिक कक्षा का आका� बड़ा होना औ� प�ीक्षा पाठ्य�म जैसे का�र्ण उन्हें अमिधक क्रिवद्यार्थी,-कें द्रि.र्त पद्धक्रिर्तयां अपनाने में सक्षम नहीं बनने देर्ते हैं। टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� वृत्त अध्ययनों (case shedies) औ� गक्रिर्तक्रिवमिधयों (actirities) के रूप में क्रि�यात्मक उदाह�र्ण प्रदान क�र्ते हैं जिजन्हें सि/क्षक अपनी कक्षाओं में लागू क�के इन चिचंर्ताओं से मुसिक्त पा सकर्ते हैं।

अचे्छ क्रिवद्यालयों में, सि/क्षक स्वयं भी सक्रि�य सि/क्षार्थी, बनने की कोसि// क�र्ते हैं औ� अपने काया�भ्यास प� क्रिनयमिमर्त रूप से क्रिवचा� क�र्ते हैं:

जो वे क�र्ते हैं उसे जांचरे्त हैं यह जांचरे्त हैं क्रिक प्रत्येक छात्र वास्र्तव में क्या सीख �हा है? अपने सि/क्षर्ण कौ/लों समेर्त अपने कक्षा काय�भ्यास को ढालरे्त औ� सुधा�रे्त हैं।

एक क्रिवद्यालय नेर्ता होने के नार्ते आपकी भूमिमका का एक भाग सि/क्षकों को उनकी कक्षाओं में प्रयोग क�ने औ� अपने काया�भ्यास प� क्रिवचा� क�ने में सहायर्ता क�ना भी है। जब सि/क्षक सि/क्षर्ण की भागीदा�ीपूर्ण� पद्धक्रिर्तयां देखेंगे औ� उनका अनुभव क�ेंगे र्तो वे उनके फायदे पहचानने लगेंगे। जब सि/क्षक खुद इन फायदों का अनुभव क�ेंगे र्तो वे नई पद्धक्रिर्तयां अपनाने में अमिधक आत्मक्रिवश्वासी बनेंगे।

गक्रिर्तक्रिवमिध 1 में आप अपने क्रिवद्यालय की मौजूदा सि/क्षर्ण एवं अमिधगम क्रि�या प� क्रिवचा� क�ेंगे औ� अगले कुछ हफ्र्तों में सुधा� के सिलए एक फोकस चुनेंगे। इसके बाद, क्रिनbनांक्रिकर्त गक्रिर्तक्रिवमिधयां आपको सि/क्षकों

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना के कक्षा काया�भ्यास को बेहर्त� बनाने में उनका सहयोग क�ने में सहायर्ता क�ेंगी। इसे सिचत्र्� 2 में स्पष्ट क्रिकया गया है।

गक्रिर्तक्रिवसिध 1: आपकी कक्षाए ंक्रिकर्तना क्रिवद्यार्थी-–कें द्रि/र्त हैं?यह गक्रिर्तक्रिवमिध आपसे यह जांचने को कहर्ती है क्रिक आपके क्रिवद्यालय में क्रिकस सीमा र्तक क्रिवद्यार्थी,-कें द्रि.र्त सि/क्षर्ण एवं सीखने की क्रि�या पहले से मौजूद है। जहां अचे्छ काया�भ्यास पहले से चल �हे हैं वहां इस बार्त को नोट क�ना महत्वपूर्ण� है, क्योंक्रिक आप उसे औ� आगे बढ़ा सकर्ते हैं।

संसाधन 1 में दी गई र्तासिलका का उपयोग क�र्ते हुए, अपने क्रिवद्यालय के मौजूदा काया�भ्यास का एक अवलोकन क�ें। यह आपके लाभ के सिलए है, इससिलए आपको इसे क्रिकसी को द्रिदखाने की जरू�र्त नहीं है। आप इस बार्त के प्रमार्ण र्तला/ �हे हैं क्रिक क्रिकर्तने सि/क्षक अपनी कक्षाओं में क्रिवद्यार्थिर्थींयों की भागीदा�ी को सक्षम बना �हे हैं औ� क्रिकस हद र्तक। अमिधकर्तम संभव ईमानदा�ी ब�र्तें।

आप बाद की एक गक्रिर्तक्रिवमिध में इस अवलोकन प� लौटेंगे।

सि4त्र 2 अमिधक क्रिवद्यार्थी,-कें द्रि.र्त सीखने की क्रि�या को सक्षम बनाने का च� (कक्षा में जोड़ी में काय� का उपयोग बढ़ाने के उदाह�र्ण का उपयोग क�रे्त हुए)।

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2 टीईएसएस-इंक्रिडया ओईआ� में क्या है?टीईएसएस-इंक्रि6या में सीखने की क्रि�या की भागीदा�ीपूर्ण� पद्धक्रिर्तयां क्रिवकसिसर्त क�ने में सि/क्षकों की सहायर्ता क�ने वाले संसाधन हैं। अगले अनुभाग में, आप उपलब्ध संसाधनों प� नज� 6ालेंगे औ� बदलाव के सिलए एक फोकस चुनेंगे (सिचत्र 2 में च�र्ण 2)।

संसाधन 2 में टीईएसएस-इंक्रि6या परि�योजना के सिलए सि/क्षर्ण/ास्त्र के सिसद्धांर्त वर्णिर्णरं्त हैं औ� उन बदलावों (या सीखने की क्रि�या के रूपान्र्त�र्ण) का उपयोगी सा�ां/ द्रिदया गया है जिजनमें सहायर्ता के सिलए इन सामक्रिग्रयों को रै्तया� क्रिकया गया है।

संसाधन 3 में मुख्य संसाधनों की वास्र्तक्रिवक क्रिवषय-वस्र्तु एवं अलग अलग ओईआ� प्रदर्थि/ंर्त हैं। भाषा एवं साक्रिहत्य, माध्यमिमक क्रिवज्ञान, माध्यमिमक अंग्रेजी एवं माध्यमिमक गक्षिर्णर्त में से प्रत्येक के सिलए 15 ओईआ� हैं औ� मुख्य संसाधनों का एक समूह र्तर्थीा संबंमिधर्त वीक्रि6यो हैं जिजन्हें भा�र्तीय क्रिवद्यालयों में क्रिफल्माया गया है।

गक्रिर्तक्रिवसिध 2: टीईएसएस–इंक्रिडया ओईआ� प� नज� डालनाक्रिवस्र्ता� से देखने के सिलए एक टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� चुनें। यद्रिद संभव हो र्तो यह गक्रिर्तक्रिवमिध क्रिकसी वरि�ष्ठ सहकम, के सार्थी क�ें। ओईआ� को क्रिवसि/ष्ट कौ/ल औ� योग्यर्ताए ंसीखने में सि/क्षकों की मदद क�ने के सिलए बनाया गया है। जब आप टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� पढ़ें , र्तो संसाधन 4 प� एक नज़� 6ाल लें, जिजसमें ओईआ� की सं�चना समझाई गई है। अपने सहकम, के सार्थी यह पहचान क�ें क्रिक इकाई के प्रत्येक अनुभाग में सि/क्षक क्या सीखेगा।

टीईएसएस-इंक्रि6या मुख्य संसाधनों को देखें। ओईआ� क्रिकन मुख्य संसाधनों को संदर्णिभंर्त क�र्ता है? यद्रिद संभव हो र्तो, ओईआ� से चिलंक क्रिकए गए टीईएसएस-इंक्रि6या वीक्रि6यो देखें।

याद �खें क्रिक टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� में संपूर्ण� छात्र पाठय�म को सम्बिbमसिलर्त नहीं क्रिकया गया है। इन्हें सि/क्षकों को ऐसे क्रिवचा� देने के सिलए क्रि6जाइन क्रिकया गया है जिजनका अन्य क्रिवषयों के सिलए आसानी से इस्र्तेमाल हो सकर्ता है या जिजन्हें आसानी से अन्य क्रिवषयों के सिलए ढाला जा सकर्ता है।

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3 आपको क्रिकस बदलाव की पहल क�नी 4ाक्रिहए?अब आप अपने क्रिवद्यालय में सि/क्षर्ण औ� सीखने की क्रि�या में एक सुधा� लाने के सिलए अपने अवलोकन में से क्रिकसी एक मुदे्द प� ध्यान देना आ�ंभ क�ेंगे। यह महत्वपूर्ण� है क्रिक एक बा� में बहुर्त अमिधक सुधा� की कोसि// न की जाए। एक बा� में एक मुदे्द प� फोकस क�ने से आपके सफल होने की संभावना अमिधक हो जार्ती है।

गक्रिर्तक्रिवसिध 3: कक्षाभ्यास में सुधा� हेर्तु अपने फोकस की पह4ान क�नासंसाधन 1 के अपने उत्त�ों औ� टीईएसएस-इंक्रि6या मुख्य संसाधनों (संसाधन 3) की ‘काया�भ्यास के भागीदा�ीपूर्ण� सिसद्धांर्तों’ की सूची का उपयोग क�र्ते हुए, बदलाव हेरु्त कोई एक फोकस पहचानें। (उदाह�र्ण के सिलए, यह ‘जोड़ी में काय�’ या ‘प्रश्न क�ना’ हो सकर्ता है।)

आप संसाधन 3 की र्तासिलका से यह देख सकर्ते हैं क्रिक काया�भ्यास के प्रत्येक सिसद्धांर्त के सार्थी कौन से टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� एवं वीक्रि6यो चिलंक क्रिकए गए हैं, र्ताक्रिक आप सभी संबंमिधर्त टीईएसएस-इंक्रि6या संसाधनों के सार्थी जुड़ सकें । उन टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� (भाषा व साक्रिहत्य, माध्यमिमक गक्षिर्णर्त, माध्यमिमक अंग्रेजी एवं माध्यमिमक क्रिवज्ञान) की एक सूची बनाएं जिजनका उपयोग आप अपने क्रिवद्यालय में इस पद्धक्रिर्त को क्रिवकसिसर्त क� सकर्ते हैं।

सि4त्र 3 आपको अपने क्रिवद्यालय में क्या सुधा� क�ना है?

उदाह�र्ण के सिलए, आप जानर्ते हैं क्रिक आपके सि/क्षक कक्षाओं में जाने से पहले अपने पाठों के बा�े में पया�प्र्त रूप से नहीं सोचरे्त हैं। र्तो इसके सिलए आप पाठों की योजना बनाने प� ध्यान देने का चुनाव क� सकर्ते हैं। इससे न केवल पाठों को सं�सिचर्त क�ने के र्त�ीके में, बल्किल्क प्रयुक्त सि/क्षर्ण क्रिवमिधयों औ�

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना संसाधनों की क्रिवक्रिवधर्ता में भी सुधा� संभव हो सकर्ते हैं। वैकल्पिल्पक र्तौ� प�, हो सकर्ता है क्रिक आप चाहरे्त हों क्रिक क्रिवद्यार्थी, र्थीोड़ा अमिधक बोलें (‘सीखने के सिलए बोलना ’ मुख्य संसाधन देखें), या हो सकर्ता है क्रिक आपके क्रिवद्यालय में बड़ी कक्षाएं हों औ� आप यह र्तय क�ें क्रिक सि/क्षकों के सिलए बड़ी कक्षाओं को प्रभावी ढंग से पढ़ाना आसान बनाने के सिलए क्रिवद्यार्थिर्थींयों से जोक्रिड़यों में काय� क�वाया जाए (‘जोड़ी में काय� का उपयोग क�ना’)।

आप बदलाव की पहल क�ने के बा�े में, अपने क्रिवद्यालय में बदलाव की योजना बनाना औ� उसकी पहल क�ना र्तर्थीा अपने क्रिवद्यालय में बदलाव लागू क�ना नामक ओईआ� में अमिधक जानका�ी पा सकर्ते हैं।

इस सत्र में केवल एक फोकस चुनना महत्वपूर्ण� है। अग� आप एक बा� में बहुर्त कुछ बदलने की कोसि// क�ेंगे र्तो बदलाव कम अस�दा� होंगे। नीचे द्रिदए गए वृत्त अध्ययन को पढ़ क� जानें क्रिक कैसे एक क्रिवद्यालय नेर्ता ने अपना एक फोकस चुना।

वृत्त-अध्ययन 1: श्रीमर्ती 4ड्ढा बर्ता �ही हैं अपने क्रिनष्कर्षोंE के बा�े मेंयह एक सीखने की 6ाय�ी प्रक्रिवमिष्ट है जिजसे एक माध्यमिमक क्रिवद्यालय प्रमुख, श्रीमर्ती चड्ढा ने सिलखा है। उन्होंने अपने क्रिवद्यालय में गक्रिर्तक्रिवमिध 1 व 3 आजमाई र्थीीं।

मैंने [संसाधन 1 में दी गई] र्तासिलका भ�नी /ुरू की जिजससे मैं यह छानबीन क�ने को उत्सुक हुई क्रिक मैं यह कैसे पर्ता करंू क्रिक क्रिवद्यालय में वास्र्तव में क्या सि/क्षर्ण चल �हा है। मैंने पाया क्रिक यह जानका�ी प्रायः या र्तो मध्यावका/ के दौ�ान में सि/क्षकों द्वा�ा मुझे बर्ताई गई बार्तों से आर्ती है या क्रिफ� अनौपचारि�क चचा�ओं से। इससे मैं धा�र्णाओं के बा�े में सोचने लगी: क्या सि/क्षकों की धा�र्णाए ंवैसे ही हैं जैसी मे�ी, या क्रिफ� क्या क्रिवद्यार्थिर्थीयंों की धा�र्णाए ंमे�े समान हैं या नहीं?

मैंने पाया क्रिक मुख्य संसाधनों से मुझे इस सत्र हेरु्त एक फोकस खोजने के सिलए प्रोत्साहन मिमला, क्योंक्रिक ऐसा बहुर्त कुछ र्थीा जो मुझे पर्ता नहीं र्थीा औ� क�ने के सिलए बहुर्त कुछ र्थीा। मे�ा मानना है क्रिक क्रिवद्यार्थिर्थींयों द्वा�ा प्रश्न पूछे जाने से उनकी सीखने की क्रि�या में उन्हें मदद मिमलर्ती है। पाठों में क्या प्रश्न पूछे जा �हे हैं यह जानने के सिलए मैंने क्रिवद्यालय में चक्क� लगाने का क्रिनश्चय क्रिकया। पाठों के दौ�ान ब�ामदों में घूमने से यह आसानी से सुनाई पड़ जार्ता है क्रिक क्या चल �हा है, क्योंक्रिक र्तब गम, की वजह से द�वाजे बंद नहीं होरे्त। मैंने र्तय क्रिकया क्रिक मैं कक्षाओं में नहीं जाऊंगी, क्योंक्रिक मुझे चिचंर्ता र्थीी क्रिक क्रिवद्यार्थी, औ� सि/क्षक मुझे ऐसा क�र्ते देखने के अभ्यस्र्त नहीं हुए हैं – क्रिवद्यालय प्रमुख के प्रवे/ क�ने से कक्षाओं में सामान्यर्तः जो कुछ होर्ता वह बदल सकर्ता र्थीा। इससिलए मैंने कक्षाओं के बाह� से सुना।

मैंने देखा क्रिक अमिधकर्त� कक्षाओं में सि/क्षक बोल �हे रे्थी औ� क्रिवद्यार्थी, चुपचाप सुन �हे रे्थी। कभी-कभा� सि/क्षक कोई प्रश्न पूछ लेर्ता र्थीा औ� क्रिवद्यार्थी, समवेर्त स्व� में उत्त� दे देर्ते रे्थी। प� न र्तो कोई खुले प्रश्न पूछे जा �हे रे्थी औ� न ही ऐसे प्रश्न जिजसमें क्रिवद्यार्थी, जो कहा गया उससे असहमर्त हो सकर्ते हों। क्रिवद्यार्थी, बो6� की ओ� मुंह क्रिकए कर्ता�ों में बैठे रे्थी जहां सि/क्षक बोल �हे रे्थी।

केवल श्री मेघनार्थीन की कक्षा अलग र्थीी – मैंने उन्हें क्रिवद्यार्थिर्थीयंों से ऐसे प्रश्न पूछरे्त सुना जिजन प� क्रिवद्यार्थिर्थींयों को उनसे असहमर्त होना पड़ा औ� अपने र्तकZ की व्याख्या क�नी पड़ी। उन्होंने क्रिवद्यार्थिर्थीयंों को उत्त� देने से पहले ‘सोचने का समय’ भी द्रिदया। मैं क्रिवद्यार्थिर्थीयंों को प्रश्नों के बा�े में एक दूस�े से बार्त क�र्ते सुन पा �ही र्थीी, औ� खिखड़की से देखने प� मैंने पाया क्रिक वे एक-दूस�े की ओ� मुड़ गए रे्थी औ� जोक्रिड़यों में काय� क� �हे रे्थी।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना यह साफ र्थीा क्रिक श्री मेघनार्थीन की कक्षा में एक अच्छा काया�भ्यास चल �हा र्थीा, प� मुझे पर्ता र्थीा क्रिक मुझे सावधान �हना है क्योंक्रिक अग� मैंने साव�जक्रिनक रूप से केवल उन्हीं की प्र/ंसा की र्तो बाकी सि/क्षकों में �ोष उत्पन्न हो सकर्ता र्थीा। मैंने र्तय क्रिकया क्रिक मैं ‘प्रश्न क�ने’ को इस सत्र का फोकस बनाऊंगी र्ताक्रिक मैं श्री मेघनार्थीन की भागीदा�ीपूर्ण� पद्धक्रिर्त औ� टीईएसएस-इंक्रि6या के संसाधनों के उदाह�र्णों का लाभका�ी उपयोग क� सकंू।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

4 अपने शि1क्षकों के सार्थी काय� क�नाआपकी भूमिमका का एक भाग यह भी है क्रिक आप अपने सि/क्षकों औ� क्रिवद्यार्थिर्थींयों, दोनों के सिलए सीखने का ऐसा वार्ताव�र्ण बनाने की द्रिद/ा में काय� क�ें जहां सि/क्षक काय� क�ने के नए र्त�ीके आजमाने र्तर्थीा नए कौ/ल क्रिवकसिसर्त क�ने के सिलए प्रोत्साक्रिहर्त हों। सि/क्षकों के सिलए ऐसा क�ना र्तब र्तक कद्रिठन महसूस होगा जब र्तक क्रिक आप उन्हें यह महसूस न क�ाए ंक्रिक उन्हें आपका समर्थी�न प्राप्र्त है औ� पु�ानी आदर्तों से दू� हटना क्रिहर्तक� एवं सु�क्षिक्षर्त है।

नीचे क�के सीखने के इस लोकाचा� को बढ़ावा देने के कुछ ऐसे क्रिवचा� द्रिदए जा �हे हैं जो एक क्रिवद्यालय के कुछ क्रिवभाग प्रमुखों के हैं:

वीक्रिडयो: लीड�शि1प – शि1क्षकों का नेर्तृर्त्व क�न

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना ाा

अपना फोकस पहचान चुकने के बाद, आपको अपने सि/क्षकों को अपनी योजना में संलग्न क�ना होगा। यद्रिद आपके पास कोई अधीनस्थ–अमिधका�ी या अन्य वरि�ष्ठ स्टाफ सदस्य है, र्तो सोचें क्रिक कैसे आप उनके सार्थी बार्तचीर्त /ुरू क� सकर्ते हैं, र्ताक्रिक वे आपके सार्थी काम क�ें। गक्रिर्तक्रिवमिध 4 औ� 5 में इसके कुछ र्त�ीके बर्ताये गये हैं।

गक्रिर्तक्रिवसिध 4: अपने शि1क्षकों को संलग्न क�ना

सि4त्र 4 क्रिवद्यालय नेर्ता को अपने सि/क्षकों को संलग्न क�ना चाक्रिहए।

अपने अधीनस्थ–अमिधका�ी या क्रिकसी अन्य वरि�ष्ठ सि/क्षर्ण के सार्थी काम क�र्ते हुए, अपने क्रिवद्यालय के सि/क्षर्ण औ� सीखने की क्रि�या में सुधा� लाने प� फोकस क�ने का अपना क्रिवचा� साझा क�ें। उपलब्ध TESS-India ओईआ� को क्रिवस्र्ता� से देखें। याद �खें, गक्रिर्तक्रिवमिधयों को अन्य क्रिवषय के्षत्रों के सिलए आसानी से ढाला जा सकर्ता है, औ� संभवर्तः आपको यही क�ने की आवश्यकर्ता पडे़गी। प� सबसे पहले आपको टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� औ� उनकी पद्धक्रिर्त से परि�सिचर्त हो जाना चाक्रिहए।

सार्थी मिमल क� सोचें क्रिक कैसे आपके सि/क्षक टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� र्तक पहुंचेंगे औ� कैसे आप उनका परि�चय ओईआ� से क�ाएगें। यहां कुछ क्रिवद्यालय प्रमुखों के क्रिवचा� द्रिदए जा �हे हैं:

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

अब इस प� क्रिवचा� क�ें क्रिक आप सत्र के बदलाव प� फोकस क�ने के सिलए अपने सि/क्षकों को संलग्न कैसे क�ेंगे: /ायद क्रिकसी स्टाफ बैठक में या क्रिकसी प्रसि/क्षर्ण काय�/ाला के रूप में? बदलाव की जरू�र्त के बा�े में अपनी ‘कहानी’ सोचें। याद �खें क्रिक आपको सि/क्षकों को उनके र्तौ�- र्त�ीके बदलने का आदे/ नहीं देना है बल्किल्क आपको उन्हें समझा-बुझा क� �ाजी क�ना है औ� सक्षम बनाना है। आप कुछ ऐसा कह सकर्ते हैं:

इस बा�े में सोचें क्रिक आप अपने सि/क्षकों को ओईआ� का चयन क�ने में कैसे /ामिमल क� सकर्ते हैं। इसके सिलए आप उनसे कह सकर्ते हैं क्रिक वे पर्ता क�ें क्रिक इस सत्र में वे कौन-कौन से क्रिवषय पढ़ाना चाहरे्त हैं, औ� क्रिफ� वह ओईआ� ढंूढें जो उस क्रिवषय से संबंमिधर्त हो औ� आपकी चुनी हुई पद्धक्रिर्त प्रदर्थि/ंर्त क�र्ता हो। आप संसाधन 3 को पचZ के रूप में साझा क� सकर्ते हैं या क्रिफ� उसे अपने ऑक्रिफस की दीवा� प� टांग सकर्ते हैं।

यद्रिद आप क� सकें , र्तो टीईएसएस-इंक्रि6या वीक्रि6यो द्रिदखाए ंऔ� सोचें क्रिक उससे क्रिकन चचा�ओं को प्रोत्साक्रिहर्त क्रिकया जा सकर्ता है। आप कौन से प्रश्न पूछ सकर्ते हैं या अपने सि/क्षकों से आप कौन सी गक्रिर्तक्रिवमिधयां क�ने को कह सकर्ते हैं? उन प्रश्नों के बा�े में पहले से सोच लें जो आपके सामने �खे जा सकर्ते हैं। ‘संभाक्रिवर्त कद्रिठनाइयों’ प� संसाधन 5 पढ़ें र्ताक्रिक आप अपने सि/क्षकों द्वा�ा उठाए जाने वाले प्रश्नों के उत्त� देने के सिलए रै्तया� हों।

जब आप क्रिवचा� प्रस्रु्तर्त क� चुके हों, र्तो आप अपने सि/क्षकों के सिलए कोई स�ल सा काय� र्तय क� सकर्ते हैं। आप उनसे एक-दूस�े के मिमत्र के रूप में काय� क�र्ते हुए जोक्रिड़यों में काय� क�ने को कह सकर्ते हैं। उनसे कहें क्रिक वे ओईआ� का उपयोग क�र्ते हुए सार्थी मिमल क� सि/क्षर्ण गक्रिर्तक्रिवमिधयां रै्तया� क�ें औ� क्रिफ� एक-दूस�े का पे्रक्षर्ण क�ें। उन्हें अपने पाठों का काय��म बनाने की जरू�र्त पडे़गी औ� जब वे एक-दूस�े का पे्रक्षर्ण क� �हे हों र्तब उनकी कक्षाओं को आप खुद पढ़ाने की पे/क/ क�के आप उनकी मदद क� सकर्ते हैं।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

5 भागीदा�ीपूर्ण� पद्धक्रिर्त कायम �खनाआपने भले ही गक्रिर्तक्रिवमिध 4 में द्रिदए गए सुझाव का इस्र्तेमाल क्रिकया हो या अपने सि/क्षकों के सिलए कोई क्रिवकल्प रै्तया� क्रिकया हो, आपको क्या कुछ चल �हा है इस प� नज� �खने की जरू�र्त होगी औ� आपको यह भी मूल्यांकन क�ना होगा क्रिक आपकी फोकस परि�योजना क्रिनयोजन के अनुसा� क्रिवकसिसर्त हो �ही है या नहीं (सिचत्र 2 में च�र्ण 5)। क्रिनग�ानी औ� मूल्यांकन की इन गक्रिर्तक्रिवमिधयों से यह भी पर्ता चल सकर्ता है क्रिक आगे क्या क�ना है औ� इससे आपको अच्छी काय�प्रर्थीाओं की पहचान क�ने या अपनी योजनाओं में सुधा� औ� बदलाव क�ने का मौका मिमल सकर्ता है।

आप कुछ सि/क्षकों के सिलए कोच की भूमिमका भी ले सकर्ते हैं, या क्रिफ� आप इस काय� को क�ने में सक्षम सि/क्षकों को यह भूमिमका सौंप सकर्ते हैं। (यद्रिद आप इस पद्धक्रिर्त के बा�े में अपने ज्ञान को र्त�ोर्ताजा क�ना चाहरे्त हैं र्तो सलाह देने (मेंटरि�ंग) एवं कोचिचंग देने प� एक अलग नेर्तृत्व इकाई उपलब्ध है।)

वृत्त-अध्ययन 2: श्रीमर्ती 4ड्ढा द्वा�ा क्रिनग�ानी एवं मूल्यांकनमैं यह जानने को बहुर्त उत्सुक र्थीी क्रिक सि/क्षक अपनी काय�प्रर्थीाएं क्रिकस प्रका� क्रिवकसिसर्त क�ेंगे औ� टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� का इस्र्तेमाल कैसे क�ेंगे। मैंने सि/क्षकों को प्रोत्साक्रिहर्त क्रिकया क्रिक वे अपने अनुभवों के बा�े में मुझसे औ� दूस�ों से बार्त क�ें। इससे मुझे र्थीोड़ी अंदरूनी जानका�ी मिमली क्रिक सि/क्षकों में क्या चला �हा है। अब मैं जब भी कभी क्रिवद्यालय में टहलर्ती हूँ, र्तो यह सुनने की कोसि// क�र्ती हूँ क्रिक कक्षाओं में क्रिकस बा�े में बार्त की जा �ही है औ� बार्त कौन क� �हा है।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

सि4त्र 5 सि/क्षकों द्वा�ा अपने काया�भ्यास को क्रिवकसिसर्त क�ने से कक्षा में परि�वर्त�न आरे्त हैं।

कुछ हफ्र्ते बीर्तरे्त-बीर्तरे्त, मैंने पाया क्रिक सुश्री च�कोक्रिड़ की कक्षा में सूक्ष्म बदलाव आ �हे रे्थी। वे अपने क्रिवद्यार्थिर्थींयों को खुले मन प्रश्न पूछने की र्तकनीक का इस्र्तेमाल पहले से क� �ही र्थीीं, औ� अब वे अपनी काय�प्रर्थीा को क्रिवकसिसर्त क�ने के सिलए एक अन्य सि/क्षक के सार्थी मिमल क� ओईआ� के उपयोग प� काय� क� �ही र्थीीं। उन्होंने मुझे बर्ताया र्थीा क्रिक यह काय� अच्छा चल �हा र्थीा। सूक्ष्म बदलाव यह र्थीा क्रिक उन्होंने ऐसे प्रश्नों का सेट रै्तया� क� सिलया र्थीा जिजनसे उनके क्रिवद्यार्थिर्थीयंों को यह सोचना होर्ता र्थीा क्रिक ‘वे क्या जानर्ते हैं’ औ� ‘वे उस बा�े में क्रिनक्षिश्चर्त क्यों हैं’ ।

मैंने सुश्री च�कोक्रिड़ से पूछा क्रिक क्या बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा क्रिक वे वस्र्तुर्तः अपने सभी पाठों में अपनी प्रश्न पूछने की र्तकनीक प� काम क� �हीं र्थीीं। प� सि/क्षर्ण के बीच में ही ऐसे प्रश्न सोचना कद्रिठन मालूम हो �हा र्थीा जो क्रिवद्यार्थिर्थींयों के ज्ञान का आकलन क�ने में उनकी औ� उनके क्रिवद्यार्थिर्थीयंों की मदद क�ें। इससिलए उन्होंने ह� पाठ से पहलेए संभाक्रिवर्त प्रश्नों को सिलखना /ुरू क� द्रिदया र्थीा। वे यह पहले ही क्रिनक्षिश्चर्त क� चुकी र्थीीं क्रिक कौन से प्रश्न सबसे अच्छा परि�र्णाम दे �हे रे्थी।

मैंने एक नोट सिलख सिलया क्रिक अगली स्टाफ बैठक में मैं सुश्री च�कोक्रिड़ औ� दूस�ों से कहगूं क्रिक वे अपने सवeत्तम प्रश्नों को साझा क�ें र्ताक्रिक दूस�े भी उन्हें अपना सकें ।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना यह केस स्ट6ी है क्रिक क्रिवद्यालय प्रमुख न केवल क्या चल �हा है इसकी क्रिनग�ानी क� �हा है बल्किल्क यह भी सुक्रिनक्षिश्चर्त क� �हा है क्रिक सवeत्तम काय�प्रर्थीा को साझा क्रिकया जाएए जिजससे नई पद्धक्रिर्तयो को अपनाने को बढ़ावा मिमल सके। अगली गक्रिर्तक्रिवमिध आपको अपनी फोकस परि�योजना के संवेग को बनाए �खने में मदद क�ने प� लक्षिक्षर्त है।

गक्रिर्तक्रिवसिध 5: अपने शि1क्षकों के सिलए आगे के काय� र्तय क�नाअपनी अगली स्टाफ बैठक के बा�े में सोचना /ुरू क�ें औ� इस बा�े में सोचें क्रिक प्रगक्रिर्त की समीक्षा क�ने के सिलए औ� अपने सिलए व अपने सि/क्षकों के सिलए आगे के काय� व लक्ष्य र्तय क�ने हेरु्त इस बैठक का उपयोग कैसे क्रिकया जा सकर्ता है। यह सोचें क्रिक आप बैठक के सिलए क्रिकस प्रका� ऐसी रै्तया�ी क� सकर्ते हैं जिजससे आप सवा�मिधक प्रभाव हासिसल क� पाए ंऔ� सि/क्षक आपसे केवल बार्त ही न क�र्ते �हें।

आप अध्यापकों से अपने अनुभवों की चचा� क�ने के सिलए जो6ी,या छोटे-छोटे समूहों में काय� क�ने को कह सकर्ते हैं। संसाधन 6 में कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिजनका आप उपयोग क� सकर्ते हैं।

आपने जो अचे्छ काया�भ्यास देखे हों उन्हें साझा क� सकर्ते हैं, प� ध्यान �खें क्रिक प्र/ंसा भी सभी में साझी हो। अध्यापकों को अपनी सफलर्ता की कहाक्रिनयां साझा क�ने के सिलए आमंक्रित्रर्त क्रिकया जा सकर्ता है। यहां र्तक क्रिक आप क्रिवद्यार्थिर्थींयों से प्रक्रिर्तक्रि�या (उपख्यानात्मक या क्रिकसी सव�क्षर्ण से) /ामिमल क�ने के बा�े में भी सोच सकर्ते हैं।

इस बा�े में सोचें क्रिक अध्यापक आपके अध्यापन फोकस के सार्थी अपने कौ/लों को औ� आगे क्रिवकसिसर्त क�ने के सिलए क्या क� सकर्ते हैं। उन्हें औ� क्या सहायर्ता चाक्रिहए होगी? क्या ऐसे औ� भी टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� हैं जिजनसे मदद मिमल सकर्ती है? आपको कुछ क्रिवचा� रै्तया� �खने चाक्रिहए, प� सार्थी ही उनके सुझावों को भी सुनें औ� सार्थी मिमल क� र्तय क�ें क्रिक आगे क्या क�ना है।

View discussion - गक्रिर्तक्रिवमिध 5 : अपने सि/क्षकों के सिलए आगे के काय� र्तय क�ना

अगला च�र्ण है अचे्छ काया�भ्यास को समेक्रिकर्त क�ना। अगले वृत्त अध्ययन में, क्रिवद्यालय नेर्ता श्रीमर्ती चड्ढा बर्ता �ही हैं क्रिक उन्होंने अपने क्रिवद्यालय में बदलावों को क्रिकस प्रका� स्थाक्रिपर्त क्रिकया।

केस स्टडी 3: सीखने की क्रि�या को सहा�ा देने के सिलए प्रश्न पूछना �ोजाना का काया�भ्यास बन जार्ता हैश्रीमर्ती चड्ढा से साक्षात्का� में पूछा गया क्रिक उन्होंने अपने क्रिवद्यालय में बदलावों को क्रिकस प्रका� लागू क� अंर्तस्थ क्रिकया। यहां वे अपने सामने आईं चुनौक्रिर्तयों औ� अपनी कुछ �र्णनीक्रिर्तयों के बा�े में बर्ता �ही हैं।

सच कहूं र्तो, मुझे क्रिकसी भी परि�योजना का वह पहलू सबसे चुनौर्तीपूर्ण� लगर्ता है जो बदलाव को लागू क�र्ता है। यंू र्तो यह मान लेना क्रिक ऐसा हो गया है औ� अगली परि�योजना प� चले जाना बहुर्त आसान है। प� मैंने सोचा क्रिक मुझे ऐसा क�ने से �ोकने का केवल एक ही र्त�ीका है, औ� वह यह है क्रिक बदलाव को अंर्तस्थ क�ने के सिलए एक योजना सिलखंू, समीक्षाओं की र्ता�ीखों समेर्त, औ� उसे अपनी 6ाय�ी में सिलख लंू।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना मैं खु/ र्थीी क्रिक सभी अध्यापकों ने अपने अध्यापन में र्थीोडे़-र्थीोडे़ बदलाव क्रिकए रे्थी, औ� मैं देख पा �ही र्थीी क्रिक सीखने की क्रि�या में मदद के सिलए कक्षा में पहले से अमिधक प्रश्न पूछे जा �हे रे्थी। अमिधक क्रिवक्रिवधर्तापूर्ण� प्रश्न पूछे जा �हे रे्थी औ� क्रिवद्यार्थिर्थींयों को उत्त� देने के सिलए अमिधक समय द्रिदया जा �हा र्थीा। कुछ अध्यापक अपने कई पाठों में बडे़ बदलाव क� �हे रे्थी; कुछ अन्य ने क्रिकसी ओईआ� से कभी-कभा� कोई गक्रिर्तक्रिवमिध की, प्रायः इससिलए क्योंक्रिक उन्हें अपने सहकर्मिमंयों या मे�े द्वा�ा ऐसा क�ने के सिलए पे्ररि�र्त क्रिकया गया।

मैं स्वयं अपनी कक्षाओं को नहीं पढ़ार्ती हूँ, प� मैं उन अध्यापकों की कक्षाए ंले �ही र्थीी जो एक-दूस�े का पे्रक्षर्ण क�ने जा �हे रे्थी। ऐसे कुछ मौकों के बाद मैंने जाना क्रिक मे�े स्वयं के अध्यापन काय� अभ्यास को र्त�ोर्ताजा क�ने के सिलए भी मे�े सामने मौका र्थीा। चंूक्रिक अंग्रेजी मे�ी अध्यापन क्रिव/ेषज्ञर्ता है, मैंने दो अंग्रेजी अध्यापकों से पूछा क्रिक क्या मैं उनके काय� में /ामिमल हो सकर्ती हूँ औ� वे सहमर्त हो गए। इससे मुझे एहसास हुआ क्रिक काय� क्रिकर्तना चुनौर्तीपूर्ण� र्थीा औ� उसे साधने के मामले में अध्यापक क्रिकर्तने क्रिवक्रिवधर्तापूर्ण� रे्थी।

संवेग बनाए �खने के सिलए, मैंने अगले दो सत्रों के सिलए क्रिनbनांक्रिकर्त का काय��म क्रिनधा�रि�र्त क� द्रिदया है:

प्रगक्रिर्त प� चचा� के सिलए मासिसक स्टाफ बैठकें वे समय जब अध्यापक संयुक्त गक्रिर्तक्रिवमिधयों की योजना बनाने प� मिमलक� काय� क�

सकर्ते हैं उस समय जब अध्यापक एक-दूस�े का पे्रक्षर्ण क� सकर्ते हैं (मैं क्रिनक्षिश्चर्त र्तौ� प� कह

सकर्ती हूँ क्रिक इनमें परि�वर्त�न होंगे, प� कम-से-कम एक योजना र्तो रै्तया� है ही) क्रिकसी अध्यापक द्वा�ा दस मिमनट की साप्र्ताक्रिहक प्रस्रु्तक्रिर्त जिजसमें वे इस बा�े में बार्त

क�ेंगे क्रिक वे क्रिकन चीजों से प्रयोग क�र्ते �हे हैं।

मैं प्रगक्रिर्त प� नज� �खना जा�ी �खंूगी।

क्रिकसी भी बदलाव के सार्थी यह पहचानना महत्वपूर्ण� है क्रिक:

क्या कुछ सीखा गया है औ� उस प� खु/ी भी मनाएं क्या कुछ चुनौर्तीपूर्ण� र्थीीं। चुनौक्रिर्तयों प� काबू कैसे पाया गया क्या सबक सीखे गए।

गक्रिर्तक्रिवसिध 6: खु1ी मनाना औ� प्रदर्शि1Qर्त क�ना

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

सि4त्र 6 आपको अपने काय� की खु/ी मनानी चाक्रिहए औ� उसे प्रदर्थि/रं्त क�ना चाक्रिहए।

अपने सत्र के अंर्त में आप खु/ी मनाने के सिलए औ� सि/क्षर्ण एवं सीखने में फोकस मुदे्द प� क्रिकए गए कद्रिठन काय� क�ने के प्रक्रिर्त आभा� प्रकट क�ने के सिलए एक बैठक आयोजिजर्त क� सकर्ते हैं। इसकी रै्तया�ी के सिलए आप चाहें र्तो अपनी सीखने की 6ाय�ी प� क्रिफ� से नज� 6ाल क� खुद को यह याद द्रिदला सकर्ते हैं क्रिक आपने /ुरूआर्त कहां से की र्थीी। इस बैठक को मात्र औपचारि�क नहीं बल्किल्क अन्योन्य क्रि�यात्मक औ� भागीदा�ी से पूर्ण� होना चाक्रिहए।

आप ‘क्रिवचा�ों की दीवा�’ का उपयोग भी आजमा सकर्ते हैं। यह दीवा� प� एक ऐसा स्थान होर्ता है जहां व्यसिक्त क्रिवचा�ों को सोचरे्त समय उन्हें सिलख सकर्ते हैं, दूस�ों के सिलखे क्रिवचा� देख सकर्ते हैं औ� दूस�ों की द्रिटप्पक्षिर्णयों में अपने क्रिवचा� जोड़ सकर्ते हैं। इसका लाभ यह होर्ता है क्रिक समय के सार्थी यह बढ़र्ती जार्ती है औ� इसमें ह� कोई /ामिमल होर्ता है। अध्यापकों को द्रिटप्पर्णी सिलखने को पे्ररि�र्त क�ने के सिलए, आप उदाह�र्ण के र्तौ� प�, क्रिनbनांक्रिकर्त /ीष�कों के सार्थी कागज के बडे़-बडे़ टुकड़ों का इस्र्तेमाल क� सकर्ते हैं या क्रिपन से छोटे-छोटे नोट्स बो6� प� लगा सकर्ते हैं:

‘मैंने क्या सीखा है’? ‘मे�े अध्यापन काया�भ्यास में आए बदलाव’? ‘मे�े क्रिवद्यार्थिर्थींयों के सीखने के व्यवहा� में आए बदलाव’? ‘मे�े क्रिवद्यार्थिर्थींयों के सीखने के परि�र्णामों में आए बदलाव’? ‘चुनौक्रिर्तयां’?

यह गक्रिर्तक्रिवमिध एक मजेदा� औ� उत्साहवध�क गक्रिर्तक्रिवमिध के रूप में होना चाक्रिहए, जिजसमें स्टाफ सदस्य बैठे �हने की बजाए, ‘क्रिवचा�ों की दीवा�’ (जो कोई ब्लैकबो6� या कागज की बड़ी सी /ीट हो सकर्ती है) के इद�-क्रिगद� इकट्ठा होक� खडे़ �ह क� प्रक्रिर्तभाग क�ें।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना अग� आपका स्टाफ समूह बड़ा है, र्तो आप अलग अलग दीवा�ों प� अलग अलग क्रिवषय सिलख सकर्ते है औ� स्टाफ से कह सकर्ते हैं क्रिक वे दीवा� र्तक जाएं औ� कागज की /ीटों प� अपनी द्रिटप्पक्षिर्णयां सिलखें औ� क्रिफ� प्रत्येक /ीट प� सार्थी मिमलक� चचा� क�ें। अग� आपके पास सिचपकाने वाली नोट्स की पर्थिचंयां हों र्तो आप अपने स्टाफ से उन प� सिलख क� उन्हें कागज की उपयुक्त /ीट प� सिचपकाने को कह सकर्ते हैं। एक अन्य क्रिवकल्प के र्तौ� प�, आप कागजी मेजपो/ का इस्र्तेमाल क� सकर्ते हैं औ� स्टाफ से कह सकर्ते हैं क्रिक वे एक-एक क�के मेजों प� जारे्त �हें औ� समूह के रूप में बैठ क� उस प� सिलखर्ते जाए।ं

सि4त्र 7 अपने अध्यापकों के क्रिवचा�ों का संग्रह क�ना।

क्रिकसी भी क्रिवचा�-मंर्थीन की गक्रिर्तक्रिवमिध के समान, आपको उसका सा�ां/ बर्ताना होगा औ� योगदानों का आभा� प्रकट क�र्ते हुए सभी चीजों को एक सार्थी �ख क� एक बड़ा सिचत्र बनाना होगा। आप बाद में प्रद/�नों को लगा छोड़ सकर्ते हैं, या भावी संदभ� के सिलए उन्हें टाइप क�वा सकर्ते हैं।

View discussion - गक्रिर्तक्रिवमिध 6: खु/ी मनाना औ� प्रदर्थि/ंर्त क�ना

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

6 सा�ां1इस इकाई में आप सिचत्र 2 में वर्णिर्णरं्त प्रक्रि�या से गुज�े हैं। अब आप माध्यमिमक क्रिवद्यालय के सि/क्षकों हेरु्त टीईएसएस–इंक्रि6या ओईआ� से परि�सिचर्त हो गए हैं औ� यह समझर्ते हैं क्रिक वे क्रिकस प्रका� सं�सिचर्त हैं औ� अपनी ल्पिस्थक्रिर्तयों में आप क्रिकन अवयवों को अनुकूसिलर्त क� इस्र्तेमाल क� सकर्ते हैं। ओईआ� स्वर्तंत्र हैं औ� संपूर्ण� रूप में इनका अध्ययन क्रिकया जा सकर्ता हैए प� अब र्तक आप यह जान चुके होंगे क्रिक क्रिवसि/ष्ट जरू�र्तों को पू�ा क�ने के सिलए लचीले ढंग से उनका इस्र्तेमाल क्रिकया जा सकर्ता है।

हो सकर्ता है क्रिक अपने क्रिवद्यालय में आप जिजस प्रका� का अध्यापन औ� अध्ययन चाहरे्त हों उसके बा�े में आपने कोई संदृश्य (vision) सोच �खा हो। यद्रिद आप जो व्यवहा� चाह �हे हैं उन्हें स्वयं उदाह�र्ण के रूप में द/ा�ए ंऔ� काय� के नए र्त�ीकों के सार्थी प्रयोग क�ने में अपने स्टाफ की मदद क�ें र्तो आपका उत्साह आपके स्टाफ में भी द्रिदखने लगेगा।

अपने क्रिवद्यालय के अध्यापन औ� अध्ययन को बदलने में टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� आपकी मदद क� सकर्ते हैं। इसके सिलए वे आपको अपने अध्यापकों को व्यावहारि�क रूप से क्रिवकसिसर्त क�ने एवं उनकी मदद क�ने के साधन प्रदान क�र्ते हैं।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

संसाधनसंसाधन 1: क्रिवद्यार्थी- कें द्रि/र्त अध्यापन एवं अध्ययन का अवलोकनर्तासिलका R1.1 क्रिवद्यार्थी,.कें द्रि.र्त अध्यापन एवं अध्ययन का ऑक्रि6ट।

कर्थीन

संबंसिधर्त मुख्य संसाधन

मे�े क्रिवद्यालय में यह क्रिकस सीमा र्तक हो �हाा है? (कभी नहाR, यदाा-कदा, कभी-कभी, सदैव)

यह कहां हो �हाा है उसके उदााह�र्ण (अध्याापक, कक्षा, क्रिवव�र्ण)

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना अध्यापक पाठों की योजना बनाारे्त हैं जिजनमें क्रिवक्रिवध प्रका� की अध्यापन औ� सीखने (ज्ञाानाज�न) की पद्धक्रिर्तयां /ामिमल हो

‘पाठों का क्रिनयोजन क�ना’

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना र्ती हैं।सि/क्षक अपनाी कक्षाओं में क्रिनमा�र्णात्मक आकलन का उपयोग क�रे्त हैं।

‘प्रगक्रिर्त औ� काय�प्रद/�न का आकलन क�ना’

अध्यापक क्रिवद्यार्थिर्थींयों के काय� की क्रिनग�ाानी क�

‘क्रिनग�ाानी क�ना औ� प्रक्रिर्तक्रि�या देनाा’

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना रे्त हैं औ� ह� क्रिवद्यार्थी, को अलग अलग, मौखिखक एवं सिलखिखर्त प्रक्रिर्तपुमिष्ट (फ़ाी6बैक) देर्ते हैं।

अध्यापक सीखने की क्रि�या में बच्च

‘कर्थीावाचन, गाने, भूमिमका पालन

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना ाों की रुसिच जगाने के सिलए कहानी कहने, भूमिमका-अक्षिभनय एवं नाटकों का उपयोग क�र्त है।

औ� नाटक’

सीखने की क्रि�या में सहयाोग

‘स्थाानीय संसाधनाों का उप

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना देने औ� उसे दैक्रिनक जीवन के सार्थी जोड़ने के सिलए अध्यापक सुपरि�सिचर्त स्थाानीय संसाधनाों का उपयोग क�रे्त हैं।

योग’

अध्याप

‘चिचंर्तन

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना क ऐसे क्रिवक्रिवध खुले सवाल पूछरे्त हैं जिजनमें क्रिवद्यार्थिर्थींयों को व्याख्याा क�ने का औ� अपने क्रिवचा� सामने �खने का मौका मिमले।

को बढ़ाावा देने के सिलए प्रश्न पूछने का उपयोग क�ना’

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना अध्यापक क्रिवद्यार्थिर्थींयों को उनकी सीख के बा�े में, पू�ाी कक्षा के रूप में, जोड़ी में या समूहाों में बोलने के सिलए प्रोर््तसाक्रिहर्त क� स

‘साीखने के सिलए बार्तचीर्त क�ें’

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना करे्त हैं।

अध्यापक पाठों में सभी क्रिवद्यार्थिर्थींयों को सक्रि�य रूप से /ामिमल क�रे्त हैं।

‘सभी को /ामिमल क�ना’

संसाधन 2: शि1क्षर्ण-1ास्त्र के सिसद्धांर्तटीईएसएस-इंक्रि6या का लक्ष्य है क्रिवद्यालयों औ� अध्यापकों के सिलए सि/क्षर्ण–/ास्त्रीय बदलाव हासिसल क�ना। अध्यापक क्रिवकास ओईआ� �ाष्ट्रीय नीक्रिर्त के लक्ष्यों के सार्थी सवा�गसम हैं। टीईएसएस-इंक्रि6या के मूल में सीखने वाले के रूप में क्रिवद्यार्थी, है औ� उनके सीखने के अक्षिभकर्ता� के रूप में अध्यापक है। टीईएसएस-इंक्रि6या ओईआ� का मकसद अध्यापकों को, सीखने की क्रि�या औ� सीखने वालों के प्रक्रिर्त धा�र्णाए ंबनाने वाले पा�ंपरि�क काया�भ्यासों एवं आदर्तों से दू� क� उन्हें अमिधक स/क्त क�ने वाले काया�भ्यास की ओ� अग्रस� क�ने का है। वे अध्यापकों को अपनी सीख को अपने काया�भ्यास में लागू क�ने, उनके प्रद/�नों की सूची को क्रिवस्र्ता� देने औ� सि/क्षा के लक्ष्यों की उनकी समझ में परि�वर्त�न लाने के क्रिवचा� एवं साधन प्रदान क�र्ते हैं। अध्यापक परि�वर्त�न का मॉ6ल प्रयोग क�ने के बा�े में है औ� अध्यापकों द्वा�ा गलक्रिर्तयां क्रिकए जाने औ� खुद को चुनौर्ती देने से मिमलने वाले आनंद औ� पे्र�र्णा के महत्व को मान्यर्ता देर्ता है।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना टीईएसएस-इंक्रि6या अध्यापक क्रिवकास ओईआ� द्वा�ा प्रवर्तिरं्तर्त सि/क्षर्ण/ास्त्रीय परि�वर्त�न (सिचत्र R2.1 में सा�ांसि/र्त क्रिकया गया है।

सि4त्र R2.1 सि/क्षर्ण–/ास्त्रीय परि�वर्त�न (प्रोफे़स� पेद्रि�सिसया मफ� द्वा�ा �सिचर्त �े/नेल ए6ं एbस से अनुकूसिलर्त)।

संसाधन 3: टीईएसएस-इंक्रिडया मुख्य संसाधनों एवं ओईआ� की सू4ी

पाठों का क्रिनयोजन क�ना: क्रिवद्यार्थी, प्रभावी ढंग से सीख सकें इसके सिलए अध्यापकों को ऐसी गक्रिर्तक्रिवमिधयों की योजना बनानी होगी जो उनके क्रिवद्यार्थिर्थीयंों के पूव�ज्ञान में वृजिद्ध क�र्ती हों। इस मुख्य संसाधन में क्रिवद्यार्थिर्थींयों के सीखने को आगे बढ़ाने के सिलए पाठ की योजना बनारे्त समय अपनाई जाने वाली पद्धक्रिर्तयां औ� क्रि�याएं दी गई हैं।

सभी को 1ामिमल क�ना: कक्षा की गक्रिर्तक्रिवमिधयों में सभी क्रिवद्यार्थिर्थीयंों को भाग लेने का अवस� मिमले यह सुक्रिनक्षिश्चर्त क�ने के सिलए अध्यापकों को अपने क्रिवद्यार्थिर्थीयंों को जानना होगा, यह जानना होगा क्रिक वे क्या जानर्ते हैं औ� कैसे जानर्ते हैं। यह मुख्य संसाधन सभी क्रिवद्यार्थिर्थींयों को सीखने के अवस� उपलब्ध क�ाने के र्त�ीकों के सिलए कुछ क्रिवचा� प्रस्रु्तर्त क�र्ता है।

सीखने के सिलए बोलें: क्रिवद्यार्थिर्थींयों के सिलए एक-दूस�े से औ� अपने अध्यापक से बार्त क�ने के अवस� पैदा क�ना सीखने का समर्थी�न क�ने के सिलए अत्यावश्यक है। क्रिवद्यार्थी, बार्तचीर्त के जरि�ए अपनी समझ साझा क�र्ते हैं औ� उसे नई सीख से जोड़र्ते हैं। सभी आयु के क्रिवद्यार्थिर्थीयंों के सिलए बार्तचीर्त महत्वपूर्ण� है। यह मुख्य

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

संसाधन द/ा�र्ता है क्रिक अध्यापक कक्षा में क्रिवद्यार्थिर्थीयंों के सिलए उत्पादक बार्तचीर्त में संलग्न होने के अवस� कैसे आयोजिजर्त क� सकर्ते हैं।

जोड़ी में काय� का उपयोग क�ना: जोड़ी में काय� से क्रिवद्यार्थी, अपनी समझ के बा�े में बार्तचीर्त क�के औ� उसे एक-दूस�े र्तक संपे्रक्रिषर्त क�के एक-दूस�े से सीखने में समर्थी� बनरे्त हैं। इस मुख्य संसाधन में इस संबंध में क्रिवचा� द्रिदए गए हैं क्रिक कैसे जोड़ी में काय� का उपयोग सभी क्रिवषयों में औ� सभी आयु के क्रिवद्यार्थिर्थीयंों के सीखने को सहा�ा देने के सिलए प्रभावी ढंग से क्रिकया जा सकर्ता है।

चि4Qर्तन को बढ़ावा देने के सिलए खुले प्रश्न पूछना: अचे्छ प्रश्न पूछना अध्यापकों के सिलए एक मुख्य कौ/ल होर्ता है। खुले सवालों से क्रिवद्यार्थिर्थीयंों में चिचंर्तन पे्ररि�र्त हो सकर्ता है। ऐसे प्रश्न यह जानने में भी अध्यापकों की मदद क�र्ते हैं क्रिक उनके क्रिवद्यार्थी, क्या जानर्ते हैं। इस मुख्य संसाधन में अपने क्रिवद्यार्थिर्थींयों के उत्त�ों को ध्यानपूव�क सुनने के सार्थी-सार्थी, उनके चिचंर्तन को क्रिवस्र्ता� देने के सिलए अलग अलग प्रका� के प्रश्नों का उपयोग क�ने के क्रिवचा� द्रिदए गए हैं।

क्रिनग�ानी क�ना औ� फीडबैक देना: यह मुख्य संसाधन अध्यापकों को पे्रक्षर्ण क�ने के सिलए औ�, चिचंर्तन पे्ररि�र्त क�ने हेरु्त प्रश्नों के सार्थी हस्र्तके्षप क�ने से पहले क्रिवद्यार्थिर्थींयों की बार्तचीर्त को औ� उससे वे जो समझ क्रिवकसिसर्त क� �हे हैं उसको ध्यान से सुनने के सिलए प्रोत्साक्रिहर्त क�र्ता है।

समूहकाय� का उपयोग क�ना: क्रिवद्यार्थिर्थीयंों को समूह में काय� क�ने हेरु्त संगद्रिठर्त क�ना औ� उन्हें एक-दूस�े के क्रिवचा�ों में वध�न क�ने र्तर्थीा अपनी समझ क्रिवकसिसर्त क�ने के सिलए अवस� देना। इस मुख्य संसाधन में अध्यापकों के सिलए क्रिवक्षिभन्न गक्रिर्तक्रिवमिधयों में क्रिवद्यार्थिर्थींयों को संगद्रिठर्त क�ने के कुछ र्त�ीके द्रिदए गए हैं।

प्रगक्रिर्त औ� प्रद1�न का आकलन क�ना: क्रिवद्यार्थिर्थीयंों की प्रगक्रिर्त का आकलन क�ने से अध्यापकों को वह प्रमार्ण मिमलर्ता है जिजसकी उन्हें अपने प्रत्येक क्रिवद्यार्थी, के सिलए अगली सीखने (ज्ञानाज�न) की गक्रिर्तक्रिवमिध की योजना बनाने के सिलए आवश्यकर्ता होर्ती है। इस मुख्य संसाधन में अलग अलग प्रका� के आकलन समझाए गए हैं औ� इस बार्त की छानबीन की गई है क्रिक क्रिनद�/ से पहले, उनके दौ�ान औ� उनके बाद आकलन कैसे क्रिकया जा सकर्ता है।

स्थानीय संसाधनों का उपयोग क�ना: संसाधन सीखने की क्रि�या को क्रिवद्यार्थिर्थीयंों के सिलए सुपरि�सिचर्त र्तर्थीा अर्थी�पूर्ण� बना क� गक्रिर्तक्रिवमिधयों में प्रामाक्षिर्णकर्ता उत्पन्न क� सकर्ते हैं। संसाधनों से क्रिवद्यार्थिर्थींयों को वस्र्तुओं (जैसे फलों की फांक औ� काउंट�) से प्रर्तीकों (जैसे संख्याएं या क्षिभन्न) र्तक ऐसे र्त�ीके से आने में मदद मिमलर्ती है जो उनके सिलए अर्थी�पूर्ण� है। इस प्रका�, संसाधनों का �चना/ील ढंग से उपयोग क�ने से सीखने की गक्रिर्तक्रिवमिधयां क्रिवद्यार्थिर्थींयों के सिलए अमिधक पे्र�क एवं प्रासंक्रिगक बन जार्ती हैं।

कहानी सुनाना, गाने, भूमिमका पालन औ� नाटक: इस मुख्य संसाधन में इस बार्त के उदाह�र्ण द्रिदए गए हैं क्रिक कैसे अध्यापक संपूर्ण� पाठ्य�म के क्रिवक्षिभन्न के्षत्रों में कहानी सुनाने, गीर्त, भूमिमका-अक्षिभनय र्तर्थीा नाटकों का उपयोग क�के क्रिवद्यार्थिर्थीयंों को क्रिवचा� क्रिवकसिसर्त क�ने एवं एक-दूस�े से ज्ञान साझा क�ने में सक्रि�य रूप से संलग्न क� सकर्ते हैं।

र्तासिलका R3.1 माध्यमिमक अंग्रेजी ओईआ� में मुख्य संसाधन एवं वीक्रि6यो।

ओईआ

मुख्य संसाधन/वीक्रिड

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना � 1ीर्षों�क

यो 1ीर्षों�कप्रगक्रिर्त औ� काय�प्रद1�न का आकलन क�नाा

केआ�

पाँ4

काेआ�

पाााँ4

काेआ�

पाााँ4

काेआ�

पाााँ4

क पाााँ4

काेआ�

काेआ�

काेआ�

काेआ�

अंग्रेजी पढ़ाने के सिलए स्थानाीय संसाधन

✓✓

अपनी कक्षा में

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना अंग्रेज़ी का अमिधकर्तम उपयाोग क�नााआपके छात्रों में अंग्रेजी बोलने के आर््तमक्रिवश्वास का क्रिनमा�र्ण क�नाा

✓✓

समझने के सिलए पठन का समर्थी�न क�नाा

✓ ✓ ✓ ✓

समग्र-कक्षा

✓ ✓

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना पठन द्रिदनचया�एंस्वर्तंत्र अंग्रेजी लेखन का समर्थी�न क�नाा

✓✓ ✓

समग्र-कक्षा लेखन द्रिदनचया�एं

✓ ✓

अंग्रेज़ी सुनने में अपने छात्रों की मदद क�नाा

अंग्रेजी में बोलने का समर्थी�न

✓✓

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना क�नाा: जोड़ी औ� समूहकाय�।अंग्रेजी व्याक�र्ण का प्रयोग

✓✓✓

/ब्दावली पढ़ाने की काय�नीक्रिर्तयाँ

आमाोद प्रमोद के सिलए पढ़ने को बढ़ावा देना

✓✓ ✓

क्रिनमा�र्णार््तमक मूल्याांकन के ज़रि�

✓ ✓ ✓✓

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना ए भाषा सीखने में सहायर्ता क�नााअपनी अग्रजी का क्रिवकास क�नाापाठ्यपुस्र्तक से प�े संसाधनों का उपयाोग क�नाा

✓✓

र्तासिलका R3.2 माध्यमिमक गक्षिर्णर्त ओईआ� में मुख्य संसाधन एवं वीक्रि6यो।

ओईआ� 1ीर्षों�क

मुख्य संसाधन/वीक्रिडयो 1ीर्षों�कप्रग

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

क्रिर्त औ� काय�प्रद1�न का आकलन क�नााकाेआ �

पाााँ4

दृ/्यावलोकनों का उपयोग क�ना: बीजगक्षिर्णर्तीय स

✓ ✓

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना व�समिमकाएँगक्षिर्णर्तीय क्रिववक का क्रिवकास: गक्षिर्णर्तीय प्रमाार्णक्रिवषमर्ता का पर्ताा लगाना: संख्याागक्षिर्णर्त सं

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना योजन: गुर्णनखं6ों औ� गुर्णज का पर्ताा लगानागक्षिर्णर्तीय लचीलेपन का क्रिनमा�र्ण: क्रित्रकोर्णों में समानर्ताा औ

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना � सवा�गसमर्ताासहका�ी सि/क्षर्ण औ� गक्षिर्णर्तीय वार्ता�: क्रित्रकोर्ण

✓ ✓

अमूर्त� गक्षिर्णर्त के सिलए संदभ� रै्तयाा� क�ना: स

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना मीक�र्ण/ब्दावली अक्षिभनीर्त क�ना औ� प्रश्न पूछना: वृत्त का अन्वेषर्ण क�नाप्रायोक्रिगक सि/क्षर्ण औ� मूर्त� रूप:

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना ज्याामिमर्तीय क्रिनमा�र्णगक्षिर्णर्तीय चिचंर्ताओं से क्रिनबटना: संयोजन आकृक्रिर्तयाँ औ� ठोसग़लर्तफहमिमयों से सी

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना खना: बीजगक्षिर्णर्तीय वं्यजकगक्षिर्णर्त में �चनार्त्मक सोच क्रिवकसिसर्त क�ना: क्रित्रकोर्णमिमक्रिर्तगक्षिर्णर्त पठन, लेखन

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना औ� प्रक्रिर्तरूपर्ण: /ब्द समस्याएँगक्षिर्णर्तीय ढंग से सोचनाा: अनुमाान लगानाकहाक्रिनयाँ क्रिवकसिसर्त क�ना: ग्रा

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना फ़ समझना

र्तासिलका R3.3 माध्यमिमक क्रिवज्ञान ओईआ� में मुख्य संसाधन एवं वीक्रि6यो।

ओईआ� 1ीर्षों�क

मुख्य संसाधन/वीक्रिडयो 1ीर्षों�कप्रगक्रिर्त औ� काय�प्रद1�न का आकलन क�नााकाेआ�

पाााँ4

जोड़ी काय�:

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना प�मार्णु औ� अर्णु, र्तर्थीा �ासायक्रिनक अक्षिभक्रि�याएँक्रिवज्ञान की कक्षा में पठन: आनुवंसि/कर्ता औ� �मिमक क्रिवका

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना सक्रिवचा�ों का मानसिचत्रर्ण औ� संकल्पनाा का मानसिचत्रर्ण: अम्ल, क्षा� औ� लवर्णस्थाानीय संसाधनाों का

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना प्रयाोग क�ना: जीवन प्रक्रि�याएंसामुदाामियक दृमिष्टकोर्ण: क्रिवज्ञान की सि/क्षा औ� पया�व�र्ण संबंधाी मुद्देंखेल का उप

✓ ✓

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना योग: आवर्त� सा�र्णाीप्रश्न पूछना: हम क्याों बीमा� पड़रे्त हैं?क्रिवज्ञान की कक्षा में भाषा: कोसि/काएंसमझ की जाँ

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना च-पड़र्ताल: काय� औ� ऊजा�भौक्रिर्तक मॉ6लों का उपयोग: कक्षा X को क्रिवदु्यर्त के बा�े में पढ़ााना

क्रिवचा� मंर्थीन:

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना बल औ� गक्रिर्त के क्रिनयममानसिसक मॉ6लों का क्रिनमा�र्ण क�ना: कक्षा X को काब�न औ� उसके यौक्रिगक पढ़ाानाप्रा

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना योक्रिगक काय� र्तर्थीा छानबाीन: कक्षा IX को गुरूर्त्वाकष�र्ण पढ़ाानाप्रभावी प्रद/�न (प्रयोग क�क द्रिदखाना): क

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना क्षा X को प्रका/ औ� दृमिष्ट के बा�े में पढ़ाानाप्रभावी प्रोजेक्ट काय�: ऊजा� के स्त्रोर्त

✓ ✓

संसाधन 4: अध्यापक क्रिवकास ओईआ� के अनुभागर्तासिलका R4.1 टीईएसएस-इंक्रि6या अध्यापक क्रिवकास ओईआ� की क्रिव/ेषर्ताए।ं

यह इकाई

अध्याापन

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना क्रिकस बा�े में है

पद्धक्रिर्त एवं इकाई के पाठा्य�म के क्रिवर्षोंय का परि�4य देर्ताा है

इस इकाई से क्रिवद्यालय नेर्ताा क्याा सीख सकरे्त हैं

ये अध्यापक के सिलए ज्ञानाज�न अपेक्षाएं हैं औ�

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

यह इकाई में ज्ञानाज�न के मुख्य अवस�ाों प� प्रका/ 6ालर्ता है।

यह दृमिष्टकोर्ण क्याों महत्वपूर्ण� है

यह अनुभाग समझार्ता है क्रिक क्याों यह पद्धक्रिर्त, अध्यापक

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

को अपनाी सीख को क्रिवक्षिभन्न पाठ्य�म परि�पे्रक््षयों में लागू क�ने में मदद क�ने के लक्ष्य के सार्थी महत्वपर्ण� है।

गक्रिर्तक्रिवमिध

ये गक्रिर्तक्रिवमिधयां

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अध्यापक द्वा�ा की जानी होर्ती हैं। इनमें से अमिधकां/ गक्रिर्तक्रिवमिधयां उन्हें अपने क्रिवद्यार्थिर्थींयों के सार्थी कक्षा में क�नी होर्ती हैं, प� कु

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छ में सहकर्मिमंयों के सार्थी प�स्प� सहयाोगी ढंग से काय� क�ना या कक्षा गक्रिर्तक्रिवमिधयों की रै्तयाा�ाी क�ना /ामिमल होर्ता है। इन ग

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क्रिर्तक्रिवमिधयों से अध्यापक को ऐसे काया�भ्याास लागू क�ने में मदद मिमलर्ती है जो सि/क्षार्थिर्थींयों को ज्ञानपूर्ण� व्यसिक्त के रूप में सा्

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सिर्थीर्त क�र्ती हैं, संवाद्रिदक अन्योन्यक्रि�याओं को बढ़ाावा देर्ताी हैं औ� पूव� ज्ञान को ध्याान में �खरे्त हुए सं�सिचर्त ज्ञानाज�न अनु

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भव प्रदाान क�र्ती हैं। इन गक्रिर्तक्रिवमिधयों का बीड़ा उठााने के जरि�ए ही पा�ंपरि�क काया�भ्याास भंग होंगे र्तर्थीा अध्यापक को

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अध्यापन एवं ज्ञानाज�न के बा�े में नई समझ क्रिवकसिसर्त क�ने में मदद मिमलेगी।

वृत्त अध्ययन

ये सीधे अध्यापकों द्वा�ा, उनके अनुभवों के

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वर्ण�न हैं जो उन्हें वर्णिर्णंर्त, समान प्रका� की, प्रा�ंक्षिभक या अनुवर्त, गक्रिर्तक्रिवमिधयां क�ने में हुए हैं। वृत्त अध्ययनों का इस्रे्तमाा

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ल यह द्रिदखाने में क्रिकया जार्ता है क्रिक अध्यापक, भा�र्ताीय अध्यापकों के सामने मौजूद चुनाौक्रिर्तयों, जैसे बड़ाी, बहुभाषी एवं बहुश्रेर्णी

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कक्षाओं, औ� यर्थीार्थी� परि�सा्सिर्थीक्रिर्तयों में संसाधनाों के अभाव आद्रिद प� क्रिकस प्रका� प्रक्रिर्तक्रि�या देर्ते हैं। क्रिव/ेष रूप से,

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वे समावे/ी काय�भ्यास द/ा�रे्त हैं औ� यह द/ा�रे्त हैं क्रिक पूव� ज्ञान कैसे प्रकट क�वाया जाए औ� अध्यापन को क्रिवद्यार्थिर्थींयों की

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जिजंदक्रिगयों के सिलए प्रासंक्रिगक कैसे बनााया जाए। वृत्त अध्ययन पा�स्परि�कर्ता,

क्रिवचा� के सिलए रुकें

इससे अध्यापक को अपने मौजूदा काया�भ्याा

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स या अनुभव प�, अर्थीवाा गक्रिर्तक्रिवमिधयां क�रे्त समय या वृत्त अध्ययन प� चचा� क�रे्त समय उन्होंने जिजन चीजों प� ध्याान द्रिद

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या है उन प�, उदे्दश्यपूर्ण� ढंग से चिचंर्तन क�ने का प्रोर््तसाहन मिमलर्ता है। इस प्रका� का चिचंर्तन ही अध्यापक के सिलए ज्ञानाज�न का का�र्ण

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना वर्ण�न

यह वर्ण�न उन पद्धक्रिर्तयों औ� र्तकनीकों के लाभों को सुदृढ़ बनाार्ता है जो ओईआ� का फोकस हैं। यह द्रिदखार्ता है क्रिक कैसे पद्ध

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क्रिर्त के क्रिवक्षिभन्न पहलू सार्थी में जुड़रे्त हैं औ� एक-दूस�े को पू�ाा क�रे्त हैं। वर्ण�न का उदे्दश्य अध्यापक को अपनाी सीख को क्रिवक्षिभन्न

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पाठ्य�म संदभZ में स्थाानांर्तरि�र्त क�ने में समर्थी� बनने के सिलए सहायर्ताा देनाा है।

सा�ां/

इसमें इकाई में /ामिमल र्तकनीक का

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संक्षिक्षप्र्त क्रिवव�र्ण द्रिदया गयाा है।

संसाधन

इनमें गक्रिर्तक्रिवमिधयां क�ने में अध्यापक को सहयाोग देने वाली सामक्रिग्रयां हैं। उनमें पद्धक्रिर्त के बा

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�े में औ� क्रिवस्र्तृर्त क्रिवव�र्ण (जैसे मुख्य संसाधनाों में से कोई एक), क्रिवषय ज्ञान के क्रिवकास हेरु्त सहयाोग, कक्षा संसाधन, एन

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सीएफ़ की चिलंक या समान प्रका� की कक्षा गक्रिर्तक्रिवमिधयों के औ� उदााह�र्ण हो सकरे्त हैं।

अक्रिर्तरि�क्त संसाधन

ये अध्यापक को अपनाा ज्ञानाज�

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न ओईआ� से भी आगे ले जाने के सिलए र्तर्थीा, उनके क्रिवकास/ील पे/ेव� काया�भ्याास में सहयाोग देने हेरु्त अन्य संसाधनाों

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के सार्थी संलग्न होने के सिलए उन्हें प्रोर््तसाक्रिहर्त क� उन्हें स/क्त बनााने के सिलए हैं। क्रिव/ेष रूप से, यह क्रिवषय ज्ञान के क्रिवकास

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में सहयाोग देने का औ�

संदभ�/संदभ�गं्रर्थी सूची

इनमें उन मुद्दाों, जिजन प� इकाई में प्रका/ 6ाला गयाा है, की उनकी /ैक्षिक्षक समझ को क्रिवस्र्ताा� देने हेरु्त �च

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मियर्ताओं द्वा�ा प्रयुक्त संदभ� एवं अन्य अनु/सिसर्त पठन द्रिदए गए है।

संसाधन 5: बदलाव लाने की �ाह की 4ुनौक्रिर्तयांअध्यापकों के सार्थी बदलाव लाने प� क्रिवक्षिभन्न परि�पे्रक्ष्यों से बड़ी मात्रा में सिलखिखर्त /ोध काय� मौजूद हैं (क्रिपयागेट, 1967; /लमैन, 1986; एर्थीट�न, 1999; ए�ाउट, 2001, 2004, 2007; फुलान, 2008; एवं कई अन्य)। बदलाव प� क्रिवद्यालय नेर्तृत्व ओईआ�, आपको बदलाव के कुछ सिसद्धांर्तों से परि�सिचर्त क�ार्त हैं औ� आपको उसकी योजना कैसे बनाएं एवं पूर्ण� कैसे क�ें इस बा�े में सोचने के सिलए प्रोत्साक्रिहर्त क�र्ते हैं।

ये सभी सिसद्धांर्त इस बार्त प� एकमर्त द्रिदखाई पड़र्ते हैं क्रिक अध्यापन में बदलाव को प्रभावी रूप देने का अर्थी� है अध्यापकों से अपने सुक्रिवधा के्षत्र (याक्रिन जिजसमें वे सहज महसूस क�र्ते हैं) की सीमाओं को क्रिवस्र्ता� देने के सिलए कहना। इस �ाह में उठने वाले प्रक्रिर्त�ोधों को पा� क�ने के सिलए अध्यापकों को सहयोग आवश्यक होर्ता है। व्यावसामियक क्रिवकास गक्रिर्तक्रिवमिधयां प्रदान क�ने हेरु्त प्रभावी योजना बनाने के सिलए संभाक्रिवर्त कद्रिठनाईयों को हल क�ना जरू�ी है। नीचे दी गई सूची में अध्यापकों द्वा�ा सूसिचर्त कुछ चुनौक्रिर्तयां बर्ताई गई हैं औ� यह बर्ताया गया है क्रिक आप उन प� कौन सी संभाक्रिवर्त प्रक्रिर्तक्रि�या दे सकर्ते हैं।

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सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में परि�वर्त�न: माध्यमिमक क्रिवद्यालय में सीखने-सिसखाने की प्रक्रि�या में सुधा�ों का नेर्तृत्व क�ना

संसाधन 6: अध्यापकों के सिलए चि4Qर्तन क्रिबन्दु–आपके पास क्रिकर्तना समय है इसके आधा� प� नीचे द्रिदए गए प्रश्नों में से कुछ प्रश्न चचा� के सिलए चुनें।

इस पाठ की योजना बनारे्त समय औ� रै्तया�ी क�र्ते समय मे�े सामने कौन सी चुनौक्रिर्तयां र्थीीं?

गक्रिर्तक्रिवमिध के प्रक्रिर्त छात्रों की कैसी प्रक्रिर्तक्रि�या �ही? मे�े क्रिवद्यार्थिर्थींयों ने क्या सीखा औ� मुझे यह कैसे पर्ता हो? क्या उन्होंने जो सीखा उसमें अंर्त� रे्थी? क्या पाठ के परि�र्णाम हासिसल हुए? मैं क्रिकस बा�े में प्रसन्न र्थीा/र्थीी? क्रिकस बार्त ने मुझे चक्रिकर्त क्रिकया? अग़� क्रिकसी चीज ने क्रिन�ा/ क्रिकया र्थीा र्तो वह क्या र्थीी?

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संदभ�/संदभ�ग्रंर्थी सू4ी

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Acknowledgements

अशिभस्वीकृक्रिर्तयाँरृ्तर्तीय पक्षों की सामक्रिग्रयों औ� नीचे अन्यर्थीा कसिर्थीर्त को छोड़क�, यह सामग्री क्रि�एद्रिटव कॉमन्स एद्रि�ब्यू/न-/ेय�एलाइक लाइसेंस के अंर्तग�र्त उपलब्ध क�ाई गई है: (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0/). । नीचे दी गई सामग्री मासिलकाना हक की है र्तर्थीा इस परि�योजना के सिलए लाइसेंस के अंर्तग�र्त ही उपयोग की गई है, र्तर्थीा इसका Creative Commons लाइसेंस से कोई वास्र्ता नहीं है। इसका अर्थी� यह है क्रिक इस सामग्री का उपयोग अननुकूसिलर्त रूप से केवल TESS-India परि�योजना के भीर्त� क्रिकया जा सकर्ता है औ� क्रिकसी भी बाद के OER संस्क�र्णों में नहीं। इसमें TESS-India, OU औ� UKAID लोगो का उपयोग भी /ामिमल है।

इस यूक्रिनट में सामग्री को पुनः प्रस्रु्तर्त क�ने की अनुमक्रिर्त के सिलए क्रिनbन स्रोर्तों का कृर्तज्ञर्तापूर्ण� आभा�:

सिचत्र 6:(Figure 6:) © ल्पिफ्लक� में फैक्रि�के फ्लोरि�न (अनुकूसिलर्त) के र्तहर्त उपलब्ध क�ाया गया: https://creativecommons.org/licenses/by-sa/2.0/deed.en । (© Fabrice Florin in Flickr (adapted) made available under: https://creativecommons.org/licenses/by-sa/2.0/deed.en.

सिचत्र 7: सौजन्य टाइ6~ ग्लोबल लर्निंनंग, http://www.tidegloballearning.net/। (Figure 7: courtesy of Tide~ Global Learning, http://www.tidegloballearning.net/.)

कॉपी�ाइट के स्वामिमयों से संपक� क�ने का ह� प्रयास क्रिकया गया है। यद्रिद क्रिकसी को अनजाने में अनदेखा क� द्रिदया गया है, र्तो पहला अवस� मिमलरे्त ही प्रका/कों को आवश्यक व्यवस्थाएं क�ने में हष� होगा।

वीक्रि6यो (वीक्रि6यो स्टिस्टल्स सक्रिहर्त): भा�र्त भ� के उन अध्यापक सि/क्षकों, मुख्याध्यापकों, अध्यापकों औ� छात्रों के प्रक्रिर्त आभा� प्रकट क्रिकया जार्ता है जिजन्होंने उत्पादनों में द्रिद ओपन यूक्रिनवर्थिसंटी के सार्थी काम क्रिकया है।

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गक्रिर्तक्रिवसिध 5: अपने शि1क्षकों के सिलए आगे के काय� र्तय क�नाDiscussion44ा�

आपके स्टाफ सदस्य आपके एवं अन्य अध्यापकों द्वा�ा उनके अध्यापन काय� को सbमान व मान्यर्ता मिमलरे्त देख बहुर्त खु/ होंगे। प्रगक्रिर्त बैठक आयोजिजर्त क� आप जो भी सका�ात्मक बदलाव हुए हों उन्हें पहचान सकर्ते हैं, जो भी कद्रिठनाइयां हों उन्हें हल क�ने प� ध्यान दे सकर्ते हैं औ� अपने स्टाफ को जोड़ �ख सकर्ते हैं। उत्साही औ� प्रक्रिर्तबद्ध स्टाफ की साव�जक्रिनक प्र/ंसा की जानी चाक्रिहए। प� याद �खें क्रिक कुछ स्टाफ़ सदस्य, अन्य से अमिधक आत्मक्रिवश्वासी होंगे, इससिलए आपको छोटे-छोटे बदलावों की भी प्र/ंसा क�नी चाक्रिहए औ� अक्रिर्तरि�क्त सहयोग का प्रस्र्ताव �खना चाक्रिहए। याद �खें क्रिक आप भागीदा�ीपूर्ण� पद्धक्रिर्त का प्रक्रिर्तरूपर्ण (modelling)क� �हे हैं जिजसमें आप क्रिवचा�ों औ� अनुभवों के आदान-प्रदान को मान देर्ते हैं।

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गक्रिर्तक्रिवसिध 6: खु1ी मनाना औ� प्रदर्शि1Qर्त क�नाDiscussion44ा�

अपने सत्र की फोकस परि�योजना की सफलर्ता को सहेजना महत्वपूर्ण� है। ऐसा क�ने का अर्थी� है क्रिक:

प्रगक्रिर्त को सभी ने स्वीकृक्रिर्त दी है व्यसिक्तयों को उनकी उपलल्किब्धयों के सिलए सbमाक्रिनर्त क्रिकया गया है।

इसे औपचारि�क बैठक की बजाए क्रिकसी ऐसी मजेदा� गक्रिर्तक्रिवमिध के रूप में क्रिकया जा सकर्ता है जो कु/लक्षेम औ� सह/ासन का एहसास देर्ती हो। आद/� रूप सेए आप बोलने से ज्यादा सुनेंगे। उसके बादए आपने जो कुछ सुना उस जानका�ी का उपयोग यह योजना बनाने में क� सकर्ते हैं क्रिक अपने क्रिवद्यालय में अमिधक भागीदा�ीपूर्ण� अध्यापन को सक्षम कैसे बनाया जाए।

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