भारत में अंग्रेज़ी बनाम हिंदी · Web viewआइए श र स व च र करत ह । सन 1813 म ईस ट इ ड य
भारत में स्कूल - U.S.R. Veneto Direzione Regionale...दक्षिण...
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progetto co-finanziato dall’unione europea
FONDO ASILO, MIGRAZIONE E INTEGRAZIONE (FAMI) 2014-2020
ASIS – Accompagnamento scolastico all’integrazione socialePROG. 1278 – FAMI 2014-2020 – OS 2 – ON 2 – lett. c)
भारत में स्कूल
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जनसखँ्या 1,35,81,37,719 निवासी
क्षेत्रफल 29,73,190 वर्ग निलोमीटर
राजधानी िई निल्ी
धर्म निन्दू, मुस्लिम, बौद्ध, जैि, ससख, यहूिी, ईसाई, पारसी
राजभाषाएँ निंिी, अंग्रेज़ी (क्रेत्ीय भाषाओ ंिरे अतिररक्त)
दक्षिण एशिया स्थित भारत में 29 राज्य और 7 केन्द्रिासित प्रदेि हैं। 1947 में अंगे्ज़ों िे स्वतंत्ा के उपरांत, भारत ने एक िमान शिषिा प्रणाली विकसित करन ेका प्रयाि ककया जब कक विभभन्न राज्यों के बीच अब भी अंतर हैं।
असिकतर राज्यों में, अकनिाय्य शिषिा की अिसि 8 िाल ह,ै 6 ि े14 िर्य की आय ुतक। शिषिा िाि्यजकनक, कनजी या अंतरराष्टीय स्कू लों में प्राप्त की जा िकती ह।ै कुछ कनजी विद्ालयों को िरकारी मान्यता और वित्त िहायता प्राप्त होती ह,ै जब कक अन्य कनजी विद्ालयों को यह प्राप्त नहीं होती ह ैऔर िे केिल अपनी राशि उपयोग करत ेहैं। अंतरराष्टीय विद्ालय िंबंसित देिों के काय्यक्रमों का पालन करते हैं। अकनिाय्य शिषिा अिसि के अंतग्यत िाि्यजकनक विद्ालयों में कनःिुल्क शिषिा दी जाती ह।ै
शिषिण तथाकथथत 3 भारा नीवत के अनुिार ककया जाता ह,ै जो बच्ों को बहुभारी िमाज में स्वय ंको उनु्ख करना िीखने का अििर प्रदान करता ह।ै विद्ालयों में पहल े4 िरषों के शिषिण हते ुषिेत्ीय मातृभारा का उपयोग होता ह।ै कषिा 5 िे 7 तक दो भाराओ ंका उपयोग होता ह ै- दकूिरी भारा आसिकाररक िंघीय भारा या अंगे्ज़ी हो िकती ह।ै कषिा 8 िे 10 तक शिषिण में तीिरी भारा प्रस्ुत की जाती ह,ै जो एक अन्य आिुकनक भारा या िंसृ्त हो िकती ह ै(उन के क्लए जो जन् ि ेवहन्ी बोलत ेहों)। कुछ अंतरराष्टीय विद्ालयों में शिषिण अन्य भाराओ ंमें हो िकता ह,ै ऐिा स्कू ल के काय्यक्रमों ि ेिंबंसित भारा (फााँिीिी, जम्यन और जापानी) के अनुिार होता ह।ै
अकादभमक िर्य जकून िे मध्य अप्रैल तक चलता ह,ै बारहिीं कषिा तक िभी कषिाओ ंहते ुन्यकूनतम 180 कदन।
शिषिा प्रणाली को कनम्नक्लक्खत स्रों में बााँटा गया ह ै-
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ककंडरगाट्यन या बालिाड़ी 3 ि े5 िर्य की आय ुतक ह ैऔर यह अकनिाय्य नहीं ह।ै बालिाड़ी मुख्य रूप ि ेदो प्रकार की होती हैं - नगरपाक्लका बालिाड़ी, जहााँ कम ही शिषिण कदया जाता ह ैककन् ुभोजन प्रदान ककया जाता ह,ै और अंग्ेज़ी माध्यम ककंडरगाट्यन जहााँ पढ़ना, क्लखना सिखाया जाता ह ैि प्राथभमक स्र के िभी विरय भी सिखाए जात ेहैं।
िरकार द्ारा गारंटीकृत अकनिाय्य बुकनयादी शिषिा की अिसि 8 िर्य की ह,ै इि के दो भाग होत ेहैं - प्राथभमक विद्ालय, जो 6 िर्य की आयु ि ेआरंभ होता ह ैि 5 िरषीय ह ै(कषिा 1 ि े5 तक), और उच् प्राथभमक विद्ालय जो कक 3 िरषीय ह ै(कषिा 6 ि े8 तक), जहााँ 11 िे 14 िर्य की आय ुके बचे् शिषिा प्राप्त करत ेहैं। कुछ राज्यों में, 8 िरषीय अकनिाय्य अिसि को 4 िाल के 2 भागों में बााँटा गया ह।ै हालााँकक, कुछ ऐिे राज्य भी हैं जहााँ बुकनयादी शिषिा की अिसि 7 िर्य ह।ै
शिषिण काय्यक्रमों हते ुिामान्य कनददेि मानि िंिािन विकाि मंत्ालय द्ारा थिाभपत ककए जात ेहैं, हालााँकक, विभभन्न राज्यों में यह बहुत अिमान हैं। मुख्य विरय अंग्ेज़ी, मलयालम, गक्णत, विज्ान (जीिविज्ान, रिायन विज्ान और भौवतकी), कंप्कूटर विज्ान हैं। पााँचिें िर्य ि,े िामाजजक विज्ान (इवतहाि, भकूगोल, अथ्यिास्त्र, नागररक शिषिा) और वहन्ी भी सिखाई जाती हैं। िारीररक शिषिा विद्ालयों में व्ायामिाला की उपस्थिवत पर कनभ्यर ह।ै िम्य को शिषिण का विरय नहीं बनाया गया ह।ै
शिषिक छात्ों का आकलन कनरंतर करत ेहैं, भल ेही कोई अंक देन ेया कनिरारण करन ेका प्राििान नहीं ह।ै
िामान्य माध्यभमक शिषिा को दो 2 िरषीय भागों में बााँटा गया ह ै- पहला भाग, माध्यभमक विद्ालय, जो कक 14 ि े16 िर्य की आय ुतक ह;ै दकूिरा भाग उच् माध्यभमक विद्ालय, जो कक 16 ि े18 िर्य की आय ुतक ह।ै यह चरण कनम्नक्लक्खत रूप ि ेककया जा िकता ह ै-
ρ विश्वविद्ालय के क्लए तैयारी के िामान्य विद्ालय;
ρ व्ाििाथयक ि तकनीकी विद्ालय जहााँ ि ेकेिल उन विश्वविद्ालय पाठ्यक्रमों में प्रिेि भमलता ह ैजो विरय व्ाििाथयक विद्ालयों में पढ़ ेगए हों;
ρ औद्ोभगक प्रशिषिण िंथिानों द्ारा िंचाक्लत शिल्पकार पाठ्यक्रम अथिा व्ाििाथयक प्रशिषुिता;
ρ पॉक्लटेवनिक, जहााँ िभी विरयों में पाठ्यक्रम िंचाक्लत ककए जात ेहैं (सचककत्ा विज्ान के अवतररक्त)।
पढ़ाई के इन चरणों में भी विभभन्न राज्यों के बीच शिषिण पाठ्यक्रम में बहुत अंतर हैं, िामान्यतः, माध्यभमक विद्ालय के पहले चरण के विरय, 3 भाराएाँ (मातृभारा, वहन्ी ि अंग्ेज़ी), गक्णत, विज्ान ि प्रौद्ोभगकी, िामाजजक विज्ान, काय्य शिषिा, कला शिषिा तथा िारीररक शिषिा होत ेहैं।
दििीं कषिा की अंवतम परीषिा उत्तीण्य करन ेि ेमाध्यभमक विद्ालय अह्यता प्रमाण पत् प्राप्त होता ह।ै परीषिा के पररणाम में विद्ाथषी उत्तीण्य (पाि), अनुत्तीण्य (फेल) हो िकता ह ैअथिा उि ेपकूरक (कंपाट्यमेंटल) परीषिा देनी होती ह ै- यकद विद्ाथषी की दो ि ेअसिक विरयों में कंपाट्यमेंट ह ैतो उि ेपरीषिा एक िर्य बाद दोहरानी होगी। जो विद्ाथषी उत्तीण्य होत ेहैं, उनको उच् माध्यभमक विद्ालय में प्रिेि का असिकार ह,ै ककन् ुप्रत्ेक विद्ालय में कषिाओ ंतथा छात्ों की कनजचित िाँख्या होती ह,ै इि कारण ि ेविद्ालयों की श्ेणीगत िकूची बनती ह ैऔर केिल ििवोत्तम अंको िाले छात्ों को ही दाक्खला कदया जाता ह।ै िैज्ाकनक विद्ालयों में प्रिेि के क्लए उच्तम अंक आिश्यक हैं, वफर िाक्णज्यकक विद्ालय ि अंततः मानविकी विद्ालय में। अतः ि ेविद्ाथषी जजन के अंक कम
शिशु विद्यालय शिक्षा
बुनियादी शिक्षा
उच्च माध्यमिक शिक्षण
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होत ेहैं, उन का नामांकन बहुत महाँग ेकनजी विद्ालयों, या िािारण ि ेिाि्यजकनक विद्ालयों में ककया जाता ह।ै
माध्यभमक शिषिा में पढ़ ेजान ेिाल ेविरय पाठ्यक्रम के अनुिार कनभ्यर होत ेहैं। उदाहरणतः विज्ान पाठ्यक्रम के छात्ों को, गक्णत, भौवतकी, रिायन िास्त्र, जीिविज्ान, िनस्पवत विज्ान ि प्राणी विज्ान तथा कंप्कूटर विज्ान पढ़ाया जाता ह।ै िाक्णज्य के व्ाििाथयक विद्ालयों में अथ्यिास्त्र, लेखा, गक्णत और िाक्णज्य पढ़ाया जाता ह।ै मानविकी/कलात्मक विद्ालयों में पाठ्यक्रम के अनुिार मानविकी/कलात्मक की कषिाओ ंमें, इवतहाि, भकूगोल, राजनीवत विज्ान, दि्यन, मनोविज्ान, भाराएाँ , कला और िंगीत िीखाए जात ेहैं।
उच् माध्यभमक शिषिा की अिसि केिल दो िर्य ह ैऔर िामान्यतः इन को प्लि िन ि प्लि टकू कहा जाता ह।ै यकद पहले िर्य की अंवतम परीषिा उत्तीण्य नहीं की गई ह,ै तब भी दकूिरे िर्य की पढ़ाई को जारी रखना िंभि ह ैऔर, इि बीच, अनुत्तीण्य विरयों की परीषिा में बैठ कर उत्तीण्य होने का प्रयाि ककया जा िकता ह।ै अह्यता प्रमाण पत् प्राप्त करन ेहते,ु दो िरषों के अंत में, िभी विरय उत्तीण्य करना अकनिाय्य ह।ै यहााँ पर भी, यकद विद्ाथषी की दो ि ेअसिक विरयों में कंपाट्यमेंट ह ैतो उि ेपरीषिा एक िर्य बाद दोहरानी होगी। उत्तीण्य होन ेपर उच् माध्यभमक विद्ालय अह्यता प्रमाण पत् प्राप्त होता ह।ै
उच् माध्यभमक शिषिण के उपरांत 18/19 िर्य की आय ुि ेविश्वविद्ालय और गैर-विश्वविद्ालय में उच् शिषिा आरंभ होती ह।ै वििेरज्ता के आिार पर शिषिण की अिसि भभन्न होती ह ै- उदाहरणतः कला ि िाक्णज्य की अिसि 3 िर्य ह,ै अभभयाक््रिकी ि िासु्कला 4 िरषीय। स्ातक स्र के बाद अध्ययन के आगे के चरण में परास्ातक अध्ययन हैं, स्ातकोत्तर (हमारे लाओरेया मजजस्त्राल ेके बराबर) की अिसि 2 िर्य ह ैऔर डॉक्टरेट हतेु 2/3 िर्य।
विभभन्न राज्यों के बीच चरणों के भाग करन ेमें अंतर हो िकता ह।ै राज्य, शिषिण प्रणाली के कुछ पहलओु ंको विभभन्न षिेत्ों की वििेरताओ ंके आिार पर िमायोजजत कर िकत ेहैं।
विश्वविद्ालय में प्रिेि पान ेहतुे एक प्रिेि परीषिा (जजिके क्लए महाँग ेप्रारंभभक पाठ्यक्रम हैं) का प्राििान ह,ै जजिका पररणाम उच् माध्यभमक विद्ालय के अंकों के िाथ जोड़ कर देखा जाता ह ै- योग्यता िकूची में अग्णी छात्ों को िरकारी कॉलेजों में प्रिेि भमलता ह,ै जबकक कम अंक िाल ेछात् कनजी शिषिा िंथिानों में जात ेहैं, जहााँ लागत िामान्यतः बहुत असिक होती ह।ै व्ाििाथयक शिषिा उच् िंथिानों और पॉक्लटेवनिक द्ारा प्रदान ककए गए गैर-विश्वविद्ालय पाठ्यक्रम के मामल ेमें, प्रिेि प्लि िन और प्लि टकू में प्राप्त अंकों के अिीन ह,ै जबकक िामान्य रूप ि ेएक विशिष्ट प्रिेि परीषिा का प्राििान नहीं ह।ै
उच्च शिक्षा
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अधधक जानकारी हेतु
COMMISSIONE PER LE ADOZIONI INTERNAZIONALI (2010), VIAGGIO NELLE SCUOLE: I SISTEMI SCOLASTICI NEI PAESI DI PROVENIENZA DEI
BAMBINI ADOTTATI
http://www.commissioneadozioni.it/media/66895/sist%20scol%202%20n.e..pdf
मािव संसाधि तविास मंत्ालयhttp://mhrd.gov.in/
RUE - RISORSE UMANE EUROPA (VOL. III), “UN MONDO DI SCUOLE. STRUMENTI PER LA COMPRENSIONE DEI SISTEMI SCOLASTICI
STRANIERI”
http://www.risorseumaneuropa.org/news/mds/ricerca3.pdf
ABOUT INDIA, SUI BANCHI DI SCUOLA IN INDIA IIIIIhttp://www.aboutindia.it/India-scuola
NCEE, INDIA EDUCATION REPORT (2005)
http://www.ncee.org/wp-content/uploads/2013/10/India-Education-Report.pdf
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भारत मंे स्कूल