मंत्र साधना

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मं�त्र सा�धना�

मं�त्र सा�धना� भी कई प्रक�र क� हो�ती हो�। मं� त्र सा� किकसा दे�वी या� दे�वीती� क� सा�ध� जा�ती� हो� और मं�त्र सा� किकसा भी�ती या� कि�शा�च क� भी सा�ध� जा�ती� हो�। मं�त्र क� अर्थ! हो� मंना क� एक ती�त्र मं# ला�ना�। मंना जाब मं�त्र क� अधना हो� जा�ती� हो� तीब वीहो सिसाद्ध हो�ना� लागती� हो�। ‘मं�त्र सा�धना�’ भी)कितीक ब�ध�ओं क� आध्या�त्मि.मंक उ�च�र हो�।

मं0ख्याती: 3 प्रक�र क� मं�त्र हो�ती� हो2- 1. वी�दिदेक मं�त्र, 2. ती��कित्रक मं�त्र और 3. शा�बर मं�त्र।...मं�त्र जा� क� भी�दे- 1. वी�सिचक जा�, 2. मं�नासा जा� और 3. उ��शा0 जा�।

वी�सिचक जा� मं# ऊं� च� स्वीर मं# स्पष्ट शाब्दे9 मं# मं�त्र क� उच्चा�रण किकया� जा�ती� हो�। मं�नासा जा� क� अर्थ! मंना हो मंना जा� करना�। उ���शा0 जा� क� अर्थ! जिजासामं# जा� करना� वी�ला� क� जाभी या� ओष्ठ किहोलाती� हुए दिदेखा�ई दे�ती� हो2 ला�किकना आवी�जा नाहोA सा0ना�ई दे�ती। किबलाक0 ला धमं गकिती मं# जा� करना� हो उ���शा0 जा� हो�।

मं�त्र किनायामं : मं�त्र-सा�धना� मं# किवीशा�ष ध्या�ना दे�ना� वी�ला ब�ती हो�- मं�त्र क� साहो उच्चा�रण। दूसार ब�ती जिजासा मं�त्र क� जा� अर्थवी� अना0ष्ठ�ना करना� हो�, उसाक� अर्घ्यया! �होला� सा� ला�ना� च�किहोए। मं�त्र सिसाजिद्ध क� सिलाए आवीश्याक हो� किक मं�त्र क� ग0प्ती रखा� जा�ए। प्रकितीदिदेना क� जा� सा� हो सिसाजिद्ध हो�ती हो�।

किकसा किवीसिशाष्ट सिसाजिद्ध क� सिलाए सा�या! अर्थवी� च�द्रग्रहोण क� सामंया किकसा भी नादेI मं# खाड़े� हो�कर जा� करना� च�किहोए। इसामं# किकया� गया� जा� शाघ्र ला�भीदे�याक हो�ती� हो�। जा� क� देशा��शा होवीना करना� च�किहोए और ब्रा�ह्मण9 या� गरब9 क� भी�जाना कर�ना� च�किहोए।See More

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जावीना मं# भी�लाना�, ग0मंना�, चला� जा�ना�, बला�ती ला� ला�ना� अर्थवी� ला�ना� क� ब�दे क�ई भी वीस्ती0 वी��सा नाहोA मिमंलाना� ऐसा घटना�ए� स्वी�भी�किवीक रू� सा� घदिट ती हो�ती रहोती हो�।

ऐसा स्थिUकिती मं# क�ती!किवीया�!जा0!ना र�जा� जा� हो�होया वी�शा क� र्थ� तीर्थ� भीगवी�ना किवीषV ण0 क� सा0देशा!ना चक्र क� अवीती�र मं�ना� जा�ती� हो2, इनाक� सा�धना� करना� सा� इसा प्रक�र क� सामंस्या� सा� ती0र�ती मं0सिX मिमंला जा�ती हो�।

सा0देशा!ना चक्र क� ब�र� मं# शा�स्त्र9 मं# वीर्णिणZती हो� किक वीहो किकसा भी दिदेशा� अर्थवी� किकसा... भी ला�क मं# जा�कर वी��सि[ती सा�मंग्र खा�जा ला�ना� मं# साक्षमं हो�।

उनाक� सा�धना� क� सिलाए देI�क लाग�कर ��वी! अर्थवी� उत्तर दिदेशा� क� ओर मं0�हो करक� ब�ठें# । अ�ना ग0मं वीस्ती0 क� क�मंना� क� उच्चा�रण कर भीगवी�ना किवीषV ण0 क� सा0देशा!ना चक्रध�र रू� क� ध्या�ना कर#। चक्र क� रX वीण! मं# ध्या�ए� एवी� इसा मं�त्र क� किवीश्वा�सा��वी!क जा� कर#।

मं�त्र :-

ॐ ह्रींA क�ती!किवीया�!जा0!ना� ना�मं र�जा� ब�हु साहोस्त्रवी�ना।यास्या स्मंर�ण मं�त्र�ण ह्रींती� नाषV ट� च लाभ्याती�।।See More

— with Dukh — 88888888888888888888888888888888888888888888888888888888888— मं�c बगला�मं0खा क� उ.�त्तित्त

*********************************दे�वी बगला�मं0खा क� उ.�त्तित्त क� ब�र� मं#प्रचसिलाती कर्थ� क� वीण!ना- सातीया0गक� ब�ती हो�, ब्राह्म��ड मं# एक भीया�कर ती�फा�नाआना� �र ��र साgमिष्ट नाष्ट हो�ना� क� कग�र�र आ गया�. तीब भीगवी�ना किवीष्ण0 ना# सावी!शासिXमं�ना औरदे�वी बगला�मं0खा क� आह्वा�ना किकया�.उन्हो�ना� सा)र�ष्ट (क�दिठेंया�वीर) क� होरिरद्र� सार�वीर क� ��सा उ��साना� किकए.उनाक� इसा ती� सा� श्रीकिवीध्या� क� ती�जा उ.�न्न हुआ. ती� क� उसा र�कित्र क़ो� बर

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र�कित्र क� रू� मं# जा�ना� जा�ती� हो�. ती�क� वीहो दिदेना चती0रदेशाo मं�गलावी�रर्थ�.मं�c बगला�मं0खा उसा सार�वीर मं# किनावी�साक� जिजासाक� जाला क� र�ग होल्देI सामं�ना�ला��ना सिलाए हुए र्थ�. उसा अध!र�कित्र क� भीगवी�ना किवीष्ण0 क� ती�स्या� सा�सा�ती0ष्ट हो�कर मं�c बगला�मं0खा ना�साgमिष्टकिवीना�शाक ती�फा�ना क़ो� शा�न्ती किकए, ती��कित्रक इनाक� अर�धना� ��च मंक�रक� सा�वीना करक� करती# हो2. श्रीकिवीध्या� क� प्रक�शा सा� किqतीयाकित्रला�कस्तीम्भकिना ब्राह्मस्त्र किवीध्या� प्रकट हुआ.शासिX जा� ब्राह्मस्त्र किवीध्या� सा� उ.�न्न हुआ वीहो गवी�ना किवीष्ण0 क� शासिX मं�किवीलाना हो� गया�.एक मंदेना ना�मं क� र�क्षसा क�फा� कदिठेंनाती�स्या� करक� वी�कV सिसाजिद्ध क� वीरदे�नाक� ��या� र्थ�. उसाना� इसा वीरदे�ना क� गलातीइस्ती�मं�ला करना� शा0रू किकया� और किनादेsषला�च�र ला�ग9 क� �र�शा�ना करना� लाग�.उसाक� इसा घgत्तिणती क�या! सा� �र�शा�ना हो�करदे�वीती�ओं ना�मं�c बगला�मं0खा क� र�धना�किकए. मं�c ना�असा0र क� हिंहोZसा�.मंक आचरण क�अ�ना� वी�ए� हो�र्थ सा� उसाक� जाभी क� �करकर और उसाक� वी�ण क� स्थिUर कर र�कदिदेए.मं�c बगला�मं0खा जा�सा�-हो मं�रना� क� एदे�किहोना� हो�र्थ मं# गदे� उठें�ई असा0र क� मं0खासा�किनाक�ला� मं2 इसा रू� मं# आ�क� सा�र्थदेशा�!या� जा�एc. तीब सा� दे�वी बगला�मं0खा क� सा�र्थ देशा�!या� गया� हो� बगला�मं0खा मंहो�मं�त्रमंबगलामं0खा क� ��जा� �ती��बर� किवीध्या� क� रू� मं# प्रसिसाध्देV हो2|(इनाक� ��जा� मं#प्रमं0खाती� सा� �ला� र�ग क� उ�या�गकिकया� जा�ती� हो�)|इनाक� ��जा� सा� शात्र0ओं सा�रक्ष� तीर्थ� उन्हो# �र�स्ती करना�,क�ट! क� शामं� किवीजाया दिदेला�ना�,धना�जा!ना,ऋण सा�मं0सिX तीर्थ� वी�कV -च�ती0या!क� शासिX क� प्तिप्ती हो�ती� हो�| इनाक� ��जा� �ला� वीस्त्र,होल्देI सा� बना�मं�ला�,�ला� आसाना और �ला� �0ष्� क� उ�या�ग किकया� जा�ती� हो�|याहो �ठें�सानादे�वी हो2 जा� अ�ना दिदेव्य शासिXओं सा�असा0र9 क� किवीना�शा करतीA हो2|उनाक� किनावी�साअमंgती क� सा�गर क� मंध्या हो�,जाहोx उनाक� किनावी�सा ना क� होर9 सा� साजा�या� गया� हो�तीर्थ� उनाक� सिंसाZहो�सानाV गहोना9 सा� जाकिड़ेती हो�| उनाक� आकg किती सा� स्वीण!आभी� आती हो�|वीहो �ला� �रिरध�ना,स्वीण!आभी�षण तीर्थ� �ला� मं�ला� ध�रण करतीA हो2 दे�वी बगला�मं0खा प्रकg किती मं# अकितीच�रकरना� वी�ला ब0र शासिXया9 क� किनाया�कित्रतीकरना� मं� साहो�याती� करती हो2|वीहो होमं�र वी�क्ज्ञा�ना और गकिती क� किनाया�कित्रती करना� मं�मंदेदे करती हो2|वीहो अ�ना� भीX9 क� शासिX और सिसादि| दे�ती हो2तीर्थ� साभी च्छा�ओंक� ��र्तितीZ करती हो2,जा�सा�-किक उन्हो�ना� अ�ना�भीX 'कल्�तीरू' क� दिदेए| !!ॐ ह्लीं�गला�मं0खा सावी!दुष्ट�ना��

वी�च� मं0खा� �दे�स्तीम्भया जिजाह्वा�� किकलाया ब0ध्दिंध्देZ किवीना�शायाह्लीं� ॐ स्वी�हो�!!बगला�मं0खा मंहो�मं�त्र क� अर्थ! इसा प्रक�रहो2-हो� दे�वी मं�र� सा�र� दुश्मंना9 क� ब�वीसा रला�च�र क�जिजाए.उनाक� ब0ध्दिध्दे औरगकिती क� नाष्ट क�जिजाए.ध्या�ना दे��- किबना� साहो किनादे�शा और हो�याती� क� बगला�मं0खा मं�त्र क� उच्चा�रण ना� कर#.इसा सा�धना� क� �होला�बगला�मं0खा देIक्ष� ला� ला#.

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मंहो�किवीद्या� ध�मं�वीती******************************एक ब�र दे�वी ��वी!ती भीगवी�ना सिशावी क� सा�र्थ क� ला�शा �रकिवीर�जामं�ना र्थA। उन्हो# अकस्मं�तीV बहुती भी�खा लाग और उन्हो9ना�वीgषभी-ध्वीजा �शा0�किती सा� क0 [ खा�ना� क� इच्छा� प्रकट क�। सिशावी क�q�र� खा�द्या �दे�र्थ! प्रस्ती0ती करना� मं# किवीलाम्ब हो�ना� क� क�रणक्ष0ध��किडती���वी!ती ना� क्र�ध सा� भीर कर भीगवी�ना सिशावीक� हो किनागला सिलाया�। ऐसा� करना� क� फालास्वीरू� ��वी!ती क� शाररसा� ध�मं-र�सिशा किनास्साgती हो�ना� लाग जिजासा �र भीगवी�ना सिशावी ना�अ�ना मं�या� q�र� दे�वी ��वी!ती सा� कहो�, ध�म्र सा� व्य�प्तीशारर क� क�रण ती0म्हो�र� एक ना�मं ध�मं�वीती�ड�ग�-ध�मंव्य�प्तीशारर�त्त�तीती�ध�मं�वीतीस्मंgती�।सिशावी ना� याहो भी कहो� किक जाब ती0मंना� मं�र� हो भीक्षण करसिलाया� तीब ती0मं स्वीभी�वीती:किवीधवी� हो� गई। तीब सिशावी ना#कहो� दे�वी या� आ� किनार�शा ना हो9 क्या9किक साgमिष्ट साञ्च�लाना क� सिलाए वी ��कि�या9 क� देस्थि�डती करना� क� सिलाए एक रहोस्या स्वीरू�क� आवीश्याकती� र्थ, जिजासा� या0सिX ��वी!क आ�क� q�र� उत्त�न्नकिकया� गया� हो�, क्या9किक इसा मंहो�क�या! क� आ�क� सिसावी� क�ईनाहोA कर साकती� सा�र्थ हो आ�क� क�या! मं# अना0क्ष ना हो� इसासिलाए मं#ला0प्ती हूँc आ�क� उअदेर मं# हूँc, आ� इसा मंहो�क�या! क� सा��न्नर#,अती:स्पष्ट हो�ती� हो� किक ध�मं�वीतीऔर ��वी!ती मं# अभी�दे हो�देसा मंहो�किवीद्या�या9 मं# दे�रुण द्या� कहो करदे�वी क� ��जा� जा�ती� हो�शा�� दे�ना� नाष्ट करना� व्सा�हो�र करना� क� जिजातीना भी ती�ए� हो�वी� दे�वी क� क�रण हो हो�दे�वी क� प्रमं0खा नाक्षत्र ज्या�ष्ठ� नाक्षत्र हो� सा�र्थहो दे�वी क� भी ज्या�ष्ठ� कहो� जा�ती� हो�क्र�धमंया ऋकिषया9 क� मं�ला शासिX ध�मं�वीती हो2 जा�सा� दुवी�!सा�,अ�गर�, भीgग0, �रशा0र�मं आदिदेसाgमिष्ट कलाहो क� दे�वी हो�ना� क� क�रण इनाक� कलाहोकिप्रयाभी कहो� जा�ती� हो�च)मं�सा� हो दे�वी क� प्रमं0खा सामंया हो�ती� हो� जाब इनाक� प्रसान्न किकया� जा�ती� हो� नारक चती0दे!शा दे�वी क� हो दिदेना हो�ती� हो� जाबवी� ��कि�या9 क� �किड़ेती वी देस्थि�डती करती हो2किनार�तीर इनाक� स्ती0किती करना� वी�ला� कभी धना किवीहोना नाहोA हो�ती� वी उसा� दु�खा [�ती� भी नाहोA बड़े सा� बड़े शासिX भी इनाक� सा�मंना� नाहोA दिटक��ती इनाक� ती�जा सावीsच्चा कहो� जा�ती� हो�श्वा�तीरू� वी ध�म्र अर्थ�!ती ध0�आ इनाक� किप्रया हो� �gथ्वी क� आक�शा मं#स्थिUती ब�देला9 मं# इनाक� किनावी�सा हो�ती�हो�शा�स्त्र9 मं# दे�वी क� हो प्र�णसा�च�सिलाना कहो� गया� हो� दे�वी क� स्ती0किती सा� दे�वी क� अमं�घ कg �� प्र�प्ती हो�ती हो� स्ती0किती किवीवीण�! च�चला� दुष्ट� देIघ�! च मंसिलाना�म्बर�,किवीवीरणक0 �डला� रूक्ष� किवीधवी� किवीरलाकिqजा�,क�कध्वीजारर्थ�रूढा� किवीलात्मिम्बती �या�धर�,सा�या!होस्ती�कितीरुक्ष�क्ष धgतीहोस्ती� वीर�प्तिन्वीती�,प्रवीgqघ�ण� ती0 भीgशा� क0 दिटला� क0 दिटला�क्षण�,क्ष0तीकि���सा�र्दिदेZती� किना.या� भीयादे� कलाहोकिप्रया�. दे�वी

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क� कg �� सा� सा�धक धमं! अर्थ! क�मं और मं�क्ष प्र�प्ती करला�ती� हो� गgहोU सा�धक क� सादे� हो दे�वी क� सा)म्या रू� मं# सा�धना� ��जा� करना च�किहोएदे�वी किब्राद्ध हो2 अती� इनाक� वीस्त्र भी�जाना वी प्रसा�दे सा� शाग्रप्रसान्न किकया� जा� साकती� हो� क0 �डसिलाना चक्र क� मं�ला मं# स्थिUती क� मं! मं# इनाक� शासिX किवीद्यामं�ना हो�ती हो� दे�वी सा�धक क� ��सा बड़े� सा� बड़े ब�ध�ओं सा� लाड़ेना� और उनाक� जाती ला�ना� क� क्षमंती� आ जा�ती हो�दे�वी क� मं�तीo �र भीस्मं चढा�ना� सा� बड़े सा� बड़े ब�ध� भी नाष्ट हो�ती हो�मंहो�किवीद्या� ध�मं�वीती क� मंन्त्र9 सा� हो�ती� हो� बड़े� सा� बड़े�दुखा9 क� ना�शा दे�वी मं�c क� स्वीती: सिसाद्ध मंहो�मं�त्र हो�-श्री मंहो�किवीद्या� ध�मं�वीती मंहो�मं�त्रॐ ध�� ध�� ध�मं�वीती स्वी�हो�अर्थवी�ॐ ध�� ध�� ध�मं�वीती ठें: ठें:इसा मं�त्र सा� क�म्या प्रया�ग भी सा��न्न किकया� जा�ती� हो2 वीदे�वी क� �0ष्� अ.या�ती किप्रया हो2 इसासिलाए क� वीला �0ष्�9 क� हो�मं सा�हो दे�वी कg �� कर दे�ती हो� ध�मं�वीतीवी� मंहो�प्रलाया क� सामंया मं)ज़ू�दे रहोती हो2. उनाक� र�ग मंहो�प्रलाया क� ब�देला9 जा�सा� हो�. जाब ब्राह्म��ड क� उम्र ख़.मं हो� जा�ती हो�,क�ला ख़.मं हो� जा�ती� हो� और स्वीया� मंहो�क�ला सिशावीभी अ�तीध्या�!ना हो� जा�ती� हो2,मं�c ध�मं�वीती अक� ला खाड़े रहोती हो2 और क�लातीर्थ� अ�तीरिरक्ष सा� �र� क�ला क� शासिX क� जाती�ती हो2. उसासामंया ना ती� धरती, ना हो सा�रजा, च�cदे , सिसाती�र� रहोती� हो2. रहोती� हो�सिसार्फ़! ध0आc और र�खा- वीहो चरमं ज्ञा�ना हो�, किनार�क�र- ना अच्छा�. ना ब0र�; ना शा0द्ध, ना अशा0द्ध; ना शा0भी, ना अशा0भी- ध0एc क� रू� मं# अक� ला मं�c ध�मं�वीती. वी� अक� ला रहो जा�ती हो2,साभी उनाक� सा�र्थ [�ड़े जा�ती� हो2. इसासिलाए अल्�जा�नाक�र रखाना� वी�ला� ला�ग उन्हो# अशा0भी घ�किषती करती� हो2.याहो उनाक� रहोस्या हो�. वी� देरअसाला वी�स्तीकिवीकती� क� जाती�ती हो2 जा� कड़ेवी,रूखा और इसासिलाएअशा0भी लागती हो2. ला�किकना वीहोA सा� अध्या�त्मि.मंक ज्ञा�ना जा�गती� हो� जा� होमं# मं�क्ष दिदेला�ती� हो�. मं�c ध�मं�वीती अ�ना� सा�धक क� सा�र� सा��सा�रिरक ब�धना9 सा� आज़ू�दे करती हो2.सा��सा�रिरक मं�हो -मं�या� सा� किवीरसिX दिदेला�ती हो2.याहो किवीरX भी�वी उनाक� सा�धक9 क� अन्या ला�ग9 सा� अलाग-र्थलाग और एक��तीवी�सा करना� क� प्र�रिरती करती� हो�.हिंहोZदू धमं! मं# इसा� अध्या�त्मि.मंक खा�जा क� चरमंस्थिUकिती कहो� जा�ती� हो�. सान्या�सा ला�ग �रमं सा�ती0ष्ट जावीहो�ती� हो2-जा� भी मिमंला� खा� सिलाया�, �होना सिलाया�,जाहो�c भी ठेंहोरना� क� मिमंला�, ठेंहोर सिलाया�.तीभी ती� ध�मं�वीती ध0एc क� रू� मं# हो2-होमं�शा� अस्थिUर, गकितीशालाऔर ब�च�ना. उनाक� सा�धक भी ब�च�ना रहोती� हो�.उन्हो# अशा0भी मं�ना� जा�ती� हो� क्या9किक बहुध� साच वीहोनाहो हो�ती�, जा�सा� किक होमं च�होती� हो2. वीस्ती0ती: होमं एक क�ल्�किनाक सा�सा�र मं# जाती� हो2, जिजासामं# सा�र चज़ू#,सा�र ब�ती#, सा�र घटना�या# होमं�र� मंनामं�किर्फ़क हो�ती हो2. जाबवी�सा� नाहो हो�ती�, होमं दुखा हो� जा�ती� हो2. क्या9किक होमं�र�सिलाए साब क0 [ अच्छा� हो� एक मं�या�ला�क रचती� हो�, जा� होमं#क�मं, क्र�ध, मंदे, ला�भी और ईष्या�! क� ��शा मं# ब�cध दे�ती� हो�.मं�c ध�मं�वीती बड़े� ब�देदे� और रूखा��ना सा� उना ��शा9 क� फा�ड़ेदे�ती हो2 और सा�धक अक� ला� रहोना� �सा�दे करना� लागती� हो�. वी�ती��कित्रक जा� ध�मं�वीती क� रहोस्यावी�दे नाहो सामंझती�शा�देIशा0दे� ला�ग9 क� सिलाए ध�मं�वीती-सा�धना� करना� सा�मंना� करती� हो2, साधवी�ओं क� भी मंना� करती� हो2.हिंकZती0 वी� भी�ला जा�ती� हो2 किक ध�मं�वीती साहोस्रना�मं मं# याहोभी कहो� गया� हो� किक वी� मंकिहोला�ओं क� बच किनावी�साकरती हो2 और सा�ती�ना प्र�प्तिप्ती कर�ती हो2 .इसाक� क्या� ती�.�या! हो�? वी�स्तीवी मं# वी� साहोजा-सा0लाभीमंहो�किवीद्या� हो2. बच्चा� क� प्रसा�किती सा� ला�कर मंना0ष्या क� मंg.या0 तीकसिसार्फ़! वीहो खाड़े रहोती हो2. उनाक� मं�र्तितीZ मं# भी उन्हो#होमं�शा� वीरदे�ना दे�ना� क� मं0द्र� मं# दिदेखा�या� जा�ती� हो�.हो�ला�cकिक. उनाक� च�होर� �र उदे�सा [�या रहोती हो�. वी�मंहो�किवीद्या� ती� हो2 ला�किकना उनाक� व्यवीहो�र ग�cवी-ट�ला�क� दे�देI- मं�c जा�सा� हो�-साभी क� सिलाए मं�तीg.वी सा� लाब�लाब.या�ना उनाक� अशा0भी.वी शा0भी क� ओर बदेला�वी क� सा�क� ती हो�.

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साना�तीना सा�स्कg किती क� साप्ती-�0रिरया�c... शा�स्त्र9 मं# मं0सिX क� ���च प्रक�र बती�या� गया� हो2... १) ब्राह्म-ज्ञा�ना २) भीसिX q�र� भीगवीती-कg �� प्र�प्तिप्ती... ३) �0त्र-�)त्र�दिदे, ग�त्रजा, क0 ट0त्मिम्बया� आदिदे q�र� गया� आदिदे तीर्थs मं# सा���दिदेती श्री�द्ध कमं!... ४) धमं!-या0द्ध और ग)-रक्ष� आदिदे मं# मंg.या0... ५) क0 रुक्ष�त्र, �0ष्कर आदिदे प्रध�ना तीर्थs मं# और साप्ती प्रध�ना मं�क्ष-दे�मियाना �0रिरया� मं# किनावी�सा-��वी!क शारर- .या�ग 

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साभी तीर्थ! फाला दे�ना� वी�ला� और �0�या प्रदे�ना करना� वी�ला� हो�ती� हो2... अ�ना अद्भु�ती किवीशा�षती�ओं क� क�रण याहो साप्ती-�0रिरया� अ.या�ती प्रसिसा| हो2... 

" अया�ध्या� मंर्थ0र� मं�या� कशा क��च अवी�कितीक� | �0रिर q�र�वीती श्री�या�: साप्ती�ती� मं�क्षयाक�: ||" 

१) अया�ध्या�... याहो सा�ती मं�क्षदे�मियाना �0रिरया� मं# प्रर्थमं हो�... याहो भीगवी�नाV श्री होरिर क� सा0देशा!ना चक्र �र बसा हो�... भीगवी�नाV र�मं क� जान्मं-भी�मिमं हो�ना� क� क�रण इसाक� मंहो.वी बहुती हो�... इसाक� आक�र मं[ला क� सामं�ना हो�... स्कन्दे-�0र�ण क� वी�ष्णवी खा�ड क� अया�ध्या� मंहो�तीम्या क� अना0सा�र... अया�ध्या� क� मं�ना साहोस्त्र-ध�र� तीर्थ! सा� एक या�जाना ��वी! तीक, ब्राह्म-क0 �ड सा� एक या�जाना �त्ति�मं तीक... देत्तिक्षण मं# तीमंसा� नादेI तीक... और उत्तर मं# सारया� नादेI तीक हो�... 

अया�ध्या� मं# ब्राह्म� जा q�र� किनार्मिमंZती ब्राह्म-क0 �ड हो�... और साती� जा q�र� किनार्मिमंZती साती�-क0 �ड भी हो�, जिजासा� भीगवी�नाV र�मं ना� सामंस्ती मंना�क�मंना�ओ क� ��ण! करना� वी�ला� बना� दिदेया� हो�... याहो�c साहोस्त्र-ध�र� सा� ��वी! स्वीग!-q�र हो�... इसा U�ना �र होवीना , याज्ञा, दे�ना �0�या आदिदे अक्षया हो� जा�ती� हो�... 

२) मंर्थ0र�-वीgन्दे�वीना... याहो यामं0ना� जा क� दे�ना9 तीरफा बसा� हो�... यामं0ना� जा क� देत्तिक्षण भी�ग मं# इसाक� किवीस्ती�र ज्या�दे� हो�... यामं0ना� जा क� भी मंहो.वी हो�... क्या��किक यामं0ना� जा सा�या!-�0त्र हो2 और यामंर�जा क� बहोना हो2... श्रीकg ष्ण क� प्र�मिमंक� हो2... और भीगवी�नाV श्रीकg ष्ण क� जान्मं-भी�मिमं हो�ना� सा� इसाक� मंहो.वी बहुती ज्या�दे� हो�... 

३) होरिरq�र [ मं�या��0र ]... याहो तीसार �किवीत्र �0र हो�... याहो एक शासिX�ठें भी हो�... कनाखाला सा� ऋकिषक� शा तीक क� क्ष�त्र मं�या��0र कहोला�ती� हो�... ग�ग� मं�ती� �वी!ती� सा� उती�रकर सावी!प्रर्थमं याहोA सामंतीला भी�मिमं �र प्रवी�शा करती हो2... और मंना0ष्या9 क� ���� क� किनावीgत्तित्त करती हो2...

४) क�शा जा [ वी�र�णसा ]... याहो नागर भीगवी�नाV सिशावी क� कित्रशा�ला �र बसा हो�... इसा नागर क� सिलाए कहो� जा�ती� हो� क� याहो प्रलाया क�ला मं# भी नाष्ट नाहोA हो�ग... 'वीरुण' और 'असा' क� मंध्या हो�ना� सा� इसा� वी�र�णसा कहो� गया� हो�... याहो�c �र सा2कड़े� घ�ट हो2... और किवीश्वा�श्वार सिंलाZग स्वीरु� किवीश्वाना�र्थ मं�दिदेर... अन्न��ण�! मं�दिदेर... सा�कट-मं�चना मं�दिदेर... गती� मं�दिदेर... और साहोस्त्र9 अन्या मं�दिदेर और �किवीत्र तीर्थ! U�ना हो2... जा� क�शा जा क� शा�भी� और मंहो�तीम्या क� बढा�ती� हो2... 

५) क��च... ��ला�र नादेI क� तीट �र स्थिUती सिशावी-क��च और किवीष्ण0-क��च ना�मं� सा� किवीभीX होर-होर�.मंक �0र हो�... सिशावी-क��च किवीष्ण0-क��च सा� बड़े हो�... याहो मंद्र�सा सा� ७५ किकला�मंटर देत्तिक्षण-�त्ति�मं क� ओर स्थिUती हो�... याहो�c वी�मंना मं�दिदेर... क�मं�ख्या� मं�दिदेर... सा0ब्राह्म�यामं मं�दिदेर आदिदे तीर्थ! Uला हो2...और सावी!तीर्थ! सार�वीर भी हो�... 

६) उजा�ना... उज्जै�ना क� �gथ्वी क� ना�त्तिभी कहो� जा�ती� हो�... याहो�c मंहो�क�ला ज्या�कितीर्लिंलाZग और होरसिसाजिद्ध दे�वी शासिX�ठें प्रसिसा| हो�... साम्र�ट किवीक्रमं�दिदे.या क� सामंया मं# याहो साम्पू�ण! भी�रती क� र�जाध�ना रहो हो�... याहो मंध्याप्रदे�शा क� र�जाध�ना भी���ला सा� ११५ किकला�मंटर �त्ति�मं मं# हो�... याहो�c त्तिक्षप्र� नादेI शाहोर क� बच9-बच सा� बहोती हो�... याहो�c असा�ख्या� मं�दिदेर हो2... प्र�तीना क�ला मं# ऐसा� कहो� जा�ती� र्थ� क� यादिदे १०० ब�ला-ग�ड अना�जा क� भीर कर याहो�c ला�या जा�ए और एक-एक मं0ट्ठीI अना�जा याहो�c क� होर मं�दिदेर मं# दिदेया� जा�ए... ती� अना�जा कमं �ड़े जा�याग� �रन्ती0 मं�दिदेर9 क� किगनाती ��ण! नाहोA हो�ग... 

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७) q�रक�... q�रक� �0र साप्ती-�0रया9 क� सा�र्थ हो च�र ध�मं9 मं# भी �रिरगत्तिणती हो�... याहो सा�तीवी �0र हो� जा� ग0जार�ती प्रदे�शा क� क�दिठेंया�वी�ड़े जिजाला� क� �त्ति�मं सामं0द्र तीट �र स्थिUती हो�... भीगवी�नाV श्रीकg ष्ण ना� अ�ना� जावीना क� अमिधक��शा सामंया याहोA व्यतीती किकया� र्थ�... याहो�c अना�क� मं�दिदेर और तीर्थ!-Uला हो2... 

ॐ नामं� भीगवीती� वी�सा0दे�वी�या.

मं�c सिसाजिद्धदे�त्र

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मं�c भीगवीती दुग�! क� ना)वीA शासिX क� ना�मंसि�द्धि�दा�त्री� हैं

माँ�� सि�द्धि�दा�त्री� हैंर प्रका�र का� सि�द्धि�यों� का� दा�ने�वा�ली� हैं| दा�वा� प्र�न्न हैं�ने� पर �म्पू�र्ण� जगत का� रिरद्धि� सि�द्धि� अपने�भक्तों� का� प्रदा�ने कारत� हैं| माँ�का� ण्डे�यों प'र�र्ण का� अने'��र अद्धिर्णमाँ�,माँहिहैंमाँ�, गरिरमाँ�, लीघि*यों�, प्र�प्ति,त, प्रका�म्यों, ईद्धि/त्वा और वाद्धि/त्वा यों� आठसि�ध्दि5दायों�6 हैं�त� हैं। दा�वा� प'र�र्ण का� अने'��र भगवा�ने द्धि/वा ने�इन्हैं: का� का; प� �� सि�ध्दि5दायों� का� प्र�,त हिकायों� था�।इन्हैं: का� अने'काम्पू� �� भगवा�ने द्धि/वा का� आधा� /र�र दा�वा� का� हुआ था�।इ�� का�रर्ण वाहैं �6��र माँ? अधा�ने�र�श्वर ने�माँ �� प्रसि�� हुए।माँ�त� सि�5दाBदा�त्री� चा�र भ'ज�ओं वा�ली� हैं। इनेका� वा�हैंने सिं�Fहैं हैंG। यों� कामाँलीप'ष्प पर आ��ने हैं�त� हैं। इनेका� दा�हिहैंने� ने�चा� वा�ली� भ'ज� माँ? चाक्र,ऊपरवा�ली� भ'ज� माँ? गदा� और बां�6यों� तरफ ने�चा� वा�ली� हैं�था माँ? /6ख और ऊपरवा�ली� हैं�था माँ? कामाँलीप'ष्प हैंG। नेवार�हित्री प�जने का� नेवा? दिदानेइनेका� प�ज� का� ज�त� हैंG। माँ�6 सि�द्धि�दा�त्री� कामाँली आ�ने पर हिवार�जमाँ�नेरहैंत� हैं, माँ�6 का� �वा�र� सिं�Fहैं हैं| माँ�� भगवात� ने� सि�द्धि�दा�त्री� का� योंहैं रूपभक्तों� पर अने'काम्पू� बांर��ने� का� सिलीए धा�रर्ण हिकायों� हैंG. दा�वात�गर्ण, ऋहिQ-माँ'हिने, अ�'र, ने�ग, माँने'ष्यों �भ� माँ�6 का� भक्तों हैं.दा�वा� ज� का� भसिक्तों ज� भ� हृदायों �� कारत� हैंG माँ�6 उ�� पर अपने� स्ने�हैंली'टा�त� हैंमाँ�� भगवात� सि�द्धि�दा�त्री� का� माँ6त्री-यों� दा�वा� �वा�भ�त�Q' माँ�� सि�द्धि�दा�त्री� रूप�र्ण �6स्थिWत�।नेमाँस्तस्योंG नेमाँस्तस्योंG नेमाँस्तस्योंG नेमाँ� नेमाँ:।माँ�� भगवात� सि�द्धि�दा�त्री� का� प�जने हिवासिधा-सि�द्धि�यों�6 हैं�सि�ली कारने� का� उद्दे�श्यों �� ज� ��धाकाभगवात� सि�द्धि�दा�त्री� का� प�ज� कारत� हैं उन्हैं? नेवार�त्री� का� नेवामाँ� का� दिदानेहिनेवा��र्ण चाक्र का� भ�दाने कारने� चा�हिहैंए| नेवार�हित्री माँ? इ� हितसिथा का� हिवा/�Qहैंवाने हैं�त� हैंG| हैंवाने �� प�वा� �भ� दा�वा� दा�वात�ओं एवा6माँ�त� का� प�ज� कारने� चा�हिहैंए| हैंवाने कारत� वाक्तों �भ� दा�वा� दावात�ओं का� ने�माँ �� अहुहित दा�ने� चा�हिहैंए| बां�दा माँ? माँ�त� का� ने�माँ �� अहुहित दा�ने� चा�हिहैंए|भगवा�ने /6कार और ब्रह्मा� ज� का� प�ज� पश्चा�त अ6त माँ? इनेका� ने�माँ ��हैंहिवा दा�कार आरत� और क्षमाँ� प्र�था�ने� कार?.माँ�� भगवात� सि�द्धि�दा�त्री� का� 5यों�ने माँ6त्री-वान्दा� वा�6सि^त माँने�रथा�था� चान्द्रा�*�का; त /�खर�म̀ाँ।कामाँलीस्थिWत�6 चात'भ'�ज� सि��Bदा�त्री�

यों/स्वाने�म̀ाँ॥ स्वार्ण��वार्ण�� हिनेवा��र्णचाक्रस्थिWत�6 नेवाम̀ाँ दुग�� हित्रीने�त्री�म̀ाँ।/ख, चाक्र, गदा�, पदामाँ, धार�6 सि��Bदा�त्री� भज�म̀ाँ॥पटा�म्बांर, परिरधा�ने�6 माँ;दुहैं�स्यों� ने�ने�ली6का�र भ�हिQत�म̀ाँ।माँ6ज�र, हैं�र, का� यों�र, किंकाFहिकाद्धिर्ण

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रत्नेका' ण्डेली माँण्डिण्डेत�म̀ाँ॥प्रफ' ल्ली वादाने� पल्लीवा�धार�6 का�त6 काप�ली� प�नेपयों�धार�म̀ाँ।कामाँने�यों�6 ली�वाण्यों�6 श्री�र्णकादिटा हिनेम्नेने�द्धिभ हिनेतम्बांने�म̀ाँ॥माँ�� भगवात� सि�द्धि�दा�त्री� का� स्त�त्री प�ठ-का6 चाने�भ� /खचाक्रगदा�पद्मधार� माँ'का' टा�ज्वाली�।स्माँ�रमाँ'ख� द्धि/वापत्ने� सि�ध्दि5दादा�त्री� नेमाँ�अस्त'त�॥पटा�म्बांर परिरधा�ने�6 ने�ने�ली6का�र6 भ�हिQत�। नेसिलीस्थिWत�6 नेलीने�क्षi सि��Bदा�त्री� नेमाँ�अस्त'त�॥परमाँ�ने6दामाँयों� दा�वा� परब्रह्मा परमाँ�त्माँ�। परमाँ/सिक्तों, परमाँभसिक्तों, सि�ध्दि5दादा�त्री� माँ�अस्त'त�॥हिवाश्वकातi, हिवाश्वभत�, हिवाश्वहैंतi, हिवाश्वप्र�त�। हिवाश्व वा�र्चिचाFत� हिवाश्व�त�त� सि�ध्दि5दादा�त्री� नेमाँ�अस्त'त�॥भ'सिक्तोंमाँ'सिक्तोंका�रिरर्ण� भक्तोंकाष्टहिनेवा�रिरर्ण�।भवा ��गर त�रिरर्ण� सि�ध्दि5दादा�त्री� नेमाँ�अस्त'त�॥धामाँ��था�का�माँ प्रदा�घियोंने� माँहैं�माँ�हैं हिवाने�द्धि/ने�।माँ�क्षदा�घियोंने� सि��Bदा�घियोंने� सि�ध्दि5दादा�त्री� नेमाँ�अस्त'त�॥माँ�� भगवात� सि�द्धि�दा�त्री� का� कावाचा-ओंका�रप�त' /�Ql माँ�6 ऐं बां�ज6 माँ�6 हृदायों�।हैं: बां�ज6 �दा�प�त' नेभ�, ग'हैं� चा प�दायों�॥लीली�टा कार्णl श्री: बां�जप�त' क्ली: बां�ज6 माँ�6 ने�त्री घ्रा�र्ण�।काप�ली सिचाबां'का� हैं�p प�त' जगत्प्र��त्योंG माँ�6 �वा� वादाने�॥88888888888888888888888888888888888888मं�ती� मंहो�ग)र ******************************दुग�! क� आठेंवी�� स्वीरू� दुग�! क� आठेंवी# स्वीरू� क� मंहो�ग)र क� ना�मं सा�जा�ना� जा�ती� हो�। दुग�! ��जा� क� आठेंवी# दिदेना मं�ती क� इ�� स्वारूप का� प�ज� का� ज�त� हैंG।माँहैं�गpर� दा�वा� भगवा�ने द्धि/वा का� पत्ने� प�वा�त� हैं।इन्हैं? हैं� द्धि/वा और /�म्भवा� का� ने�माँ ��ज�ने� ज�त� हैंG। दुग�� �,त/त� का� अने'��र /'म्भहिने/'म्भ ने�माँका अ�'र �� पर�जिजत हैं�कार दा�वात� ग6ग� तटापर माँ�त� आदिदा /सिक्तों का� प्र�था�ने� कारत� हैं। उ� �माँयोंमाँ�त� प�वा�त� ग6ग� माँ? स्ने�ने कार रहैं� हैं�त� हैं।दा�वात�ओं का� प�था�ने� पर माँ�त� प�वा�त� /'म्भहिने/'म्भ का� का�प �� दा�वात�ओं का� माँ'सिक्तों दिदाली�ने�का� भर��� दा�त� हैंG।उ�� �माँयों दा�वा� प�वा�त� का� /र�र ��दा�वा� काpद्धि/का� प्रकाटा हैं�त� हैं। दा�वा� काp/का� /'म्भहिने/'म्भ �हिहैंत उनेका� ��ने�पहितयों� का� वाधा कारत� हैं औरदा�वात�ओं का� प'नेs स्वाग� पर असिधाका�र प्र�,तहैं�त� हैंG। माँहैं�गpर� का� चा�र भ'ज�ए6 हैंउनेका� दा�यों: भ'ज� अभयों माँ'द्रा� माँ? हैं और ने�चा�वा�ली� भ'ज� माँ? हित्री/�ली /�भत� हैंG. बां�यों: भ'ज� माँ?डेमाँरू डेमाँ डेमाँ बांज रहैं� हैंG और ने�चा� वा�ली� भ'ज� ��दा�वा� गpर� भक्तों� का� प्र�था�ने� �'नेकार वारदा�नेदा�त� हैं.ज� स्त्री� इ� दा�वा� का� प�ज� भसिक्तों भ�वा �हिहैंतकारत� हैं उनेका� �'हैं�ग का� रक्ष� दा�वा� स्वायों6कारत� हैं. का'6 वा�र� लीड़का� माँ�6 का� प�ज� कारत� हैंत� उ�� यों�ग्यों पहित प्र�,त हैं�त� हैंG. प'रूQज� दा�वा� गpर� का� प�ज� कारत� हैं उनेका� ज�वाने �'खमाँयोंरहैंत� हैंG दा�वा� उनेका� प�प� का� जली� दा�त� हैं और /'�अ6त:कारर्ण दा�त� हैं. माँ�6 अपने� भक्तों� का� अक्षयोंआने6दा और त�ज प्रदा�ने कारत� हैं.माँ�त� माँहैं�गpर� 5यों�ने माँ6त्रीवान्दा� वा�6सि^त का�माँ�थाv चान्द्रा�*�का; त /�खर�म̀ाँ।सिं�Fहैंरूढ़ा� चात'भ'�ज� माँहैं�गpर�यों/स्वाने�म̀ाँ॥प�र्ण�न्दु हिनेभ�6 गpर� ��माँचाक्रस्थिWत�6 अष्टमाँ6माँहैं�गpर� हित्रीने�त्री�म̀ाँ।वार�भ�हितकार�6 हित्री/�ली डेमाँरूधार�6 माँहैं�गpर� भज�म̀ाँ॥पटा�म्बांर परिरधा�ने�6 माँ;दुहैं�स्यों� ने�ने�ली6का�रभ�हिQत�म̀ाँ।माँ6ज�र, हैं�र, का� यों�र किंकाFहिकार्ण� रत्नेका' ण्डेलीमाँण्डिण्डेत�म̀ाँ॥प्रफ' ल्ली वा6दाने� पल्ल्वा�धार�6 का�त6काप�ली�6 त्रीGली�क्यों माँ�हैंनेम̀ाँ।कामाँने�यों� ली�वाण्यों�6 माँ;र्ण�6ली चा6दानेग6धासिली,त�म̀ाँ॥

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चारर्ण कामाँली का� सिलीयों� आ�र� /रर्ण त'म्हैं�र� आने पडे�जबां जबां भ�डे पडे� भक्तोंने पर, तबां तबां आयों �हैं�यों कार� ।। ( �० )बां�र बां�र तG �बां जग माँ�हैंयों�, तरूर्ण� रूप अने�प धार�माँ�त� हैं�कार प'त्री ध्दिखली�वा� ,काहैं� भ�यों�� भ�ग कार��6तने �'खदा�ई �दा� �हैं�ई �6त खडे� जयोंका�र कार� ।। ( �० )ब्रह्मा� हिवाष्र्ण' माँहैं�/ �हैं�फर्ण सिलीयों� भ�टा त�र� द्वा�र खडे�अटाली सि�हैं�6�ने बांGठz माँ�र� माँ�त� ,सि�र ��ने� का� ^त्री हिफर� ।। ( �० )वा�र /हिनेचार का' कामाँ बांरर्ण�, जबां लीकाडे पर हुका' माँ कार�खड̀ेग ख,पर हित्री/'ली हैं�था सिलीयों�, रक्तों बां�ज का� भस्माँ कार�/'म्भ हिने/'म्भ का� क्षर्ण माँ� माँ�र� ,माँहिहैंQ��'र का� पकाडे दाली� ।। ( �० )आदिदात वा�र� आदिदा भवा�ने� ,जने अपने� का� काष्ट हैंर�का' हिपत हैं�कार दा�नेवा माँ�र�, चाण्डेमाँ'ण्डे �बां चा�र कार�जबां त'माँ दा�ख� दायों� रूप हैं�, पली माँ� �का6 टा दूर कार��pम्यों स्वाभ�वा धारयों� माँ�र� माँ�त� ,जने का� अज� काबां�ली कार� ।। ( �० )��त बां�र का� माँहिहैंमाँ� बांरने�, �बां ग'र्ण काpने बांख�ने कार�सिं�Fहैं प�ठ पर चाढीz भवा�ने�, अटाली भवाने माँ� र�ज्यों कार�दा/�ने प�वा� माँ6गली ग�वा� ,सि�� ��धाका त�र� भ�टा धार�।ब्रह्मा� वा�दा पढी� त�र� द्वा�र�, द्धि/वा /6कार 5यों�ने धार� ।। ( �० )इन्द्रा का; ष्र्ण त�र� कार� आरत� , चा}वार का' बां�र डे'ली�यों रहैं�जयों जनेने� जयों माँ�त' भवा�ने� , अटाली भवाने माँ� र�ज्यों कार�।। ( �० )�न्तने प्रहितप�ली� �दा� ख'/हैं�ली�, माँGयों� जG का�ली� काल्यों�र्ण कार�।।8888888888888888888888888888888888888888888

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नावीमं मंहो�किवीद्या�-मं�ती�ग *****************************मंती�ग सिशावी क� ना�मं हो�, इनाक� शासिX मं�ती�ग हो�। मं�ती�ग क� ध्या�ना मं#बती�या� गया� हो� किक या� श्या�मंवीण�! हो2 और च�द्रमं� क� मंस्तीक �र ध�रण किकएहुए हो2। भीगवीती मं�ती�ग कित्रना�त्र�, र.नामंया सिंसाZहो�साना �र आसाना, नालाकमंलाक� सामं�ना क��कितीवी�ला तीर्थ� र�क्षसा-सामं�होरू� अर�या क� भीस्मं करना� मं#दे�वी�नाला क� सामं�ना हो2। इन्हो9ना� अ�ना च�र भी0जा�ओं मं# ��शा, अ�क0 शा, खा�टकऔर खाडVग ध�रण किकया� हो�। असा0र9 क� मं�किहोती करना� वी�ला एवी�भीX9 क� अभीष्ट फाला दे�ना� वी�ला हो2। गgहोU जावीना क� सा0खा बना�ना�,�0रुष�र्थ!-सिसाजिद्ध और वी�ध्दि¨वीला�सा मं# ��र�गती हो�ना� क� सिलाएमं�ती�ग क� सा�धना� श्री�यास्कर हो�। मंहो�किवीद्या�ओं मं# या� नावी# U�ना �र�रिरगत्तिणती हो2। ना�रदे��ञ्चर�त्र क� ब�रहोवी# अध्या�या मं# सिशावी क� च��ड�लातीर्थ� सिशावी� क� उस्थिच्छाष्ट च��ड�ला कहो� गया� हो�। इनाक� हो ना�मं मं�ती�ग हो�।�0र�क�ला मं# मंती�ग ना�मंक मं0किना ना� ना�ना� वीgक्ष9 सा� �रिर��ण! कदेम्ब वीना मं#साभी जावी9 क� वीशा मं# करना� क� सिलाए भीगवीती कित्र�0र� क� प्रसान्नती� हो�ती0कठें�र ती�स्या� क� र्थ, उसा सामंया कित्र�0र� क� ना�त्र सा� उ.�न्न ती�जा ना� एकश्या�मंला ना�र-किवीग्रहो क� रू� ध�रण कर सिलाया�। इन्हो#र�जामं�ती�किगना कहो� गया�। याहो देत्तिक्षण तीर्थ� �त्ति�मं�म्ना�याक� दे�वी हो2।र�जामं�ती�ग, सा0मं0खा, वीश्यामं�ती�ग तीर्थ� कण!मं�ती�ग इनाक� ना�मं हो2। मं�ती�ग क�भी�रवी क� ना�मं मंती�ग हो� ब्राह्मया�मंला इन्हो# मंती�ग मं0किना क� कन्या� बती�ती� हो�।देशामंहो�किवीद्या�ओं मं# मं�ती�ग क� उ��साना� किवीशा�ष रू� सा� वी�स्थिक्साजिद्ध क� सिलाएक� जा�ती हो�। �0र�या�!ण!वी मं# कहो� गया� हो�।अक्षवीक्ष्या� मंहो�दे�वीA मं�तीङ्गीI सावी!सिसाजिद्धदे�मंV।अस्या�� सा�वीनामं�त्र�ण वी�स्थिक्साद्धिंद्धZ लाभीती� ध0VरवीमंV॥मं�ती�ग क� U�लारू��.मंक प्रतीक किवीध�ना क� दे�खाना� सा� याहो भीला-भी��किती ज्ञा�ती हो� जा�ती� हो� किक या� ��ण!तीया� वी�¨दे�वीती� क� मं�र्तितीZ हो2।मं�ती�ग क� श्या�मंवीण! �र�वी�कV हिंबZदु हो�। उनाक� कित्रनायाना सा�या!, सा�मं औरअध्दि¨ना हो�। उनाक� च�र भी0जा�ए� च�र वी�दे हो2। ��शा अकिवीद्या� हो�, अ�क0 शा किवीद्या� हो�,कमं!र�सिशा दे�ड हो�। शाब्दे-स्पशा!दिदे ग0ण कg ��ण हो� अर्थ�!तीV ��चभी�ती�.मंकसाgमिष्ट क� प्रतीक हो2। कदेम्ब वीना ब्राह्म��ड क� प्रतीक हो�। या�गर�जा��किनाषदेVमं# ब्राह्मला�क क� कदे�ब ग�ला�क�र कहो� गया� हो�।‘कदे�बग�ला�क�र� ब्राह्मला�क� व्रजाप्तिन्ती ती�।’ भीगवीती मं�ती�ग क� सिंसाZहो�सानासिशावी�.मंक मंहो�मं�च या� कित्रक�ण हो�। उनाक� मं�र्तितीZ सा�क्ष्मं रू� मं# या�त्रतीर्थ� �र रू� मं# भी�वीना�मं�त्र हो�। दुग�!साप्तीशाती क� सा�तीवी# अध्या�या मं#भीगवीती मं�ती�ग क� ध्या�ना क� वीण!ना करती� हुए कहो� गया� हो� किक वी� र.नामंयासिंसाZहो�साना �र ब�ठेंकर �ढ़ती� हुए ती�ती� क� मंध0र शाब्दे सा0ना रहो हो2। उनाक� शाररक� वीण! श्या�मं हो�। वी� अ�ना� एक ��र कमंला �र रखा� हो2। अ�ना� मंस्तीक �रअद्ध!च�द्र तीर्थ� गला� मं# कल्हो�र �0ष्�9 क� मं�ला� ध�रण करती हो2। वी� ला�लार�ग क� सा�ड़े �होना� तीर्थ� हो�र्थ मं# शा�खामंया ��त्र सिलाए हुए हो2। उनाक� बदेना �रमंध0क� होल्क�-होल्क� प्रभी�वी जा�ना �ड़ेती� हो� और लाला�ट मं#हिंबZदेI शा�भी� �� रहो हो�। इनाक� वील्लाक� ध�रण करना� ना�दे क� प्रतीक हो�।ती�ती� क� �ढ़ना� ‘हृं�’ वीण! क� उच्चा�रण करना� हो�, जा� बजा�क्षर क� प्रतीकहो�। शा�खा ��त्र ब्राह्मर�ध्र तीर्थ� मंध0 अमंgती क� प्रतीक हो�। रX वीस्र

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अध्दि¨ना या� ज्ञा�ना क� प्रतीक हो�। वी�¨दे�वी क� अर्थ! मं#मं�ती�ग यादिदे व्य�करणरू�� हो2, ती� शा0क सिशाक्ष� क� प्रतीक हो�। च�र भी0जा�ए�वी�देचती0ष्टया हो2। इसा प्रक�रती��कित्रक9 क� भीगवीती मं�तीङ्गीI मंहो�किवीद्या� वी�दिदेक9 क� सारस्वीती हो हो2।ती�त्रग्र�र्थ9 मं# इनाक� उ��साना� क� किवीस्तीgती वीण!ना प्र�प्ती हो�ती� हो�। — with Sapna Vilas and 48 others.

88888888888888888888888888888888888क0 ब�र- सा�धना�

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88888888888888888888888888888888888क0 ब�र धना क� दे�वीती� हो2 ओर इसा �gथ्वी �र जा� भी धना उ�लाब्ध हो� वीहो धना च�हो� खाजा�ना� मं# हो� या� �gसिर्थवी क� अ�देर [0�� हुआ इसा साभी धना क� स्वी�मं क0 ब�र हो� क0 ब�र क� सा�धना� आकस्मिस्मंक धना ला�भी क� सिलाए क� जा�ती हो� जिजासा �र क0 ब�र क� कg �� हो� जा�या� उसा� कभी भी धना क� कमं नाहोA रहोती याहो तीथ्या किनार्तिवीZवी�दे सा.या हो� ना�कर ��ना� क� सिलाए, ला�टर सा� धना ��ना� क� सिलाए, व्य���र क� बढा�ना� क� या� किकसा भी दुसार� स्र�त्र सा� धना प्र�प्ती करना� क� सिलाए क0 ब�र क� सा�धना� क� जा�ती हो� याहो सा�धना� अ.या�ती दुला!भी हो� �रन्ती0 इसा आध0किनाक या0ग मं# जाब होर व्यसिX क� सा0खा-सामंgजिद्ध च�किहोए ती� इसासिलाए इसा सा�धना� क� क� सा� करना� च�किहोए या� दिदेया� जा� रहो� हो� ती�किक अमिधक सा� अमिधक ला�ग इसा क� ला�भी उठें� साक�याक्ष�या क0 ब�र�या वी�श्रीवीण�या धनाध�न्यामिध�तीया�।धनाध�न्यासामंgजिद्ध मं� दे�किहो दे��या स्वी�हो� ॥इसा क0 ब�र मंन्त्र क� किकसा भी सिशावी मं�दिदेर मं# जा� नादेI क� किकना�र� �र या� सार�वीर �र स्थिUती हो� वीहो�� �र क0 शा क� आसाना �र या� उना आसाना �र ब�ठेंकर कित्र�0ष्कर या�ग या� किq�0ष्कर या�ग या� देI��वीला या� नावीर�त्र9 मं# सावी� ला�खा मंत्र9 क� जा� प्र�रम्भ कर# तीर्थ� प्रकितीदिदेना किनायामं ��वी!क उतीना हो मं�ला� क� जा� कर# जिजातीना मं�ली� का� जप प्रथामाँ दिदावा� माँ? प्र�रम्भ हिकायों� था� जप का� सिलीए �माँयों हिनेद्धिश्चात हैं�ने� चा�हिहैंए ज� �माँयों एका बां�र हिनेद्धिश्चात हैं� गयों� वाहैं� दिदाने प्रहितदिदाने हिनेद्धिश्चात हैं�ने� चा�हिहैंए नेहैं: त� �फलीत� नेहैं� घिमाँलीत� , ब्रम्हैंचायों� का� प�लीने माँने, कामाँ� और वाचाने �� अहिनेवा�यों� हैंG माँन्त्री जप �� पहैंली� Q�डे/�पचा�र द्वा�र� गर्णपहित का� प�ज� कार? तथा� बां�दा माँ? अथावा�/�Q� का� प�ठ कार? अथावा�ॐ ग6 गर्णपतयों� नेमाँ: का� एका माँ�ली� का� जप कार?हिवाहिनेयों�ग :- अस्यों श्री� का' बां�र माँन्त्रीस्यों हिवाश्र्वा� ऋहिQ: बां;हैंत� ^न्दा: द्धि/वाघिमाँत्री धाने�श्वर� दा�वात� माँमाँ�भ�ष्ट सि�द्ध्यथाv जप� हिवाहिनेयों�ग: ।न्यों��- हिवाश्रीमाँ ऋQयों� नेमाँ: द्धि/र��, बां;हैंत� ^न्दा�� नेमाँ: माँ'ख�, द्धि/वाघिमाँत्री धाने�श्वर दा�वात�योंG नेमाँ: ह्रदायों� हिवाहिनेयों�ग�यों नेमाँ: �वा��ग�।ह्र्दायों�दिदा न्यों�� - योंक्ष�यों ह्रदायों�यों नेमाँs का' बां�र�यों द्धि/र�� स्वा�हैं�, वाGश्रीवार्ण�यों द्धि/ख�योंG वाQट̀ा धाने धा�न्यों�सिधापतयों� कावाचा�यों हुमाँ, धाने धा�न्यों �माँ;द्धि� माँ� ने�त्रीत्रीयों�यों वा�Qट̀ा, दा�हिहैं दा�पयों स्वा�हैं� अस्त्री�यों फ़ट̀ा ।कारन्यों�� योंक्ष�यों - अङ्गु�ष्ठा�भ्यों�6 नेमाँs, का' बां�र�यों तज�ने�भ्यों�6 नेमाँs, वाGश्रीवार्ण�यों माँ5योंमाँ�भ्यों�6 नेमाँs, धानेधा�न्यों�धापतयों� अने�घिमाँका�भ्यों�6 नेमाँs, धाने धा�न्यों �माँ;द्धिं�F माँ� का�हिनेहिष्टका�भ्यों�6नेमाँs, दा�हिहैं दा�पयों स्वा�हैं� कारतली कारप;ष्ठा�भ्यों�6 नेमाँs ।5यों�ने - माँने'जवा�हैंयों�हिवामाँ�ने वार स्थिWत6 गरुडे रत्ने हिनेभ6 हिनेसिधा ने�योंकाम̀ाँ ।द्धि/वा�ख6 माँ'का' टाअदिदाहिवा भ�हिQत6 वारगदा� दाधात6 भज त'जिन्दालीनेमाँ ॥ —

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