महाकाली अष्टक
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महाकाली अक विर ं यावददेिायते ग ु णाी , समाराय काल धाना बभ ू ि ु | अनावद ं स ु रावद ं मखावद ं भिावद ं , िप ं िदीय ं न विदवत देिा || जगमोवहनीय ं त ु िािावदनीय ं , स ु दपोविणी श ु स ं हारणीय ं | िचतभनीय ं वकम ु चाटनीय ं , िप ं िदीय ं न विदवत देिा || इय ं िगगदाी प ु न कपिली , मनोजात ु कामायथाथग क ु यागत | तथा ते कृताथाग भितीवत वनय ं , िप ं िदीय ं न विदवत देिा || स ु रापानमा स ु भान ु रा , लसप ू तवचे सदाविभगिते | जपयान प ु जास ु धाधौतप ं का , िप ं िदीय ं न विदवत देिा || वचदानदकद हसमदमद , शरचर कोवटभाप ु ज वबब ं | म ु वनना ं किीना ं वद ोतयत ं , िप ं िदीय ं न विदवत देिा || महामेघकाली स ु रावप श ु ा , कदावचविवचा कृवतयोगमाया | न बाला न िृा न कामात ु रावप , िप ं िदीय ं न विदवत देिा || मािापराध ं महाग ु भाि ं , मय लोकमये काशीकृत ं यत् | तियान प ू तेन चापयभािात् , िप ं िदीय ं न विदवत देिा || यवद यान य ु ं पठेो मन ु य , तदा सिगलोके विशालो भिेच | गृहे चा वसवमृ गते चावप म ु व , िप ं िदीय ं न विदवत देिा ||
description
hymns to divine mother mahakali
Transcript of महाकाली अष्टक
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