गायत्री शताक्षरी मन्त्र
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Transcript of गायत्री शताक्षरी मन्त्र
![Page 1: गायत्री शताक्षरी मन्त्र](https://reader036.fdocuments.net/reader036/viewer/2022072106/55cf8f78550346703b9cac76/html5/thumbnails/1.jpg)
गा�यत्री� शता�क्षरी� मन्त्री !!================मन्त्री म� गा�यत्री� शता�क्षरी� मन्त्री को� सब मन्त्री को� री�जा� कोहा� गाय� हा�!! इस मन्त्री को� बिबना� गा�यत्री� मन्त्री म� चे�ताना� नाहा� आता�!!
" ॐ भू�भू !व: स्व : तात्सबिवता व!री�ण्य&, भूगा' दे�वस्य धी�मबिहा! धिधीय� य� ना: प्रचे�देय�ता! ॐ जा�ताव�देस� स नाव�म स�ममरी�ता� यता� बिनादेहा�बिता व�दे:! स ना:
पर्ष!देबितादुगा�!णि0 बिवश्वा�ना�व�व सिंस3धी दुरिरीता�त्यग्नि6ना:!
ॐ त्र्यम्बको& यजा�महा� स गान्धि: प धि;वधी!नाम! उव�!रुकोधिमव ब:ना�न्म>त्य�म !क्ष�य म�म>ता�ता !!"
श�स्त्री म� कोहा� गाय� हा� बिको गा�यत्री� मन्त्री जापना� स� पहाले� गा�यत्री� शता�क्षरी� मन्त्री को@ एको म�ले� अवश्य कोरी ले�ना� चे�हा�य�! म�ले� कोरीना� परी मन्त्री म� चे�ताना� आ जा�ता� हा�!!
गा�यत्री� गा प्ता मन्त्री औरी सम्पु ट !!-----------------------------------गा�यत्री� मन्त्री को� स�थ कोIना स� सम्पु ट लेगा�ना� परी क्य� फले धिमलेता� हा�!!ॐ भू�भू !व: स्व : ॐ ह्रीं� तात्सबिवता व!री�ण्य& ॐ श्रीं� भूगा' दे�वस्य धी�मबिहा ॐ क्ले� धिधीय� य� ना: प्रचे�देय�ता ॐ नाम:!
ॐ भू�भू !व: स्व : ॐ ह्रीं� तात्सबिवता व!री�ण्य& ॐ श्रीं� भूगा' दे�वस्य धी�मबिहा ॐ क्ले� धिधीय� य� ना: प्रचे�देय�ता ॐ नाम:!
ॐ भू�भू !व: स्व : ॐ ऐं तात्सबिवता व!री�ण्य& ॐ क्ले� भूगा' दे�वस्य धी�मबिहा ॐ सI: धिधीय� य� ना: प्रचे�देय�ता ॐ नाम:!
ॐ श्रीं� ह्रीं� ॐ भू�भू !व: स्व: ॐ ऐं ॐ तात्सबिवता व!री�ण्य& ॐ क्ले� ॐ भूगा'दे�वस्य धी�मबिहा ॐ सI: ॐ धिधीय� य� ना:
प्रचे�देय�ता ॐ ह्रीं� श्रीं� ॐ!!
गा�यत्री� जापना� को� अधिधीको�री जिजास� नाहा� हा� व� बिनाचे� लिलेखे� मन्त्री को� जाप कोरी�!ह्रीं� य� दे�व: सबिवता�S स्म�को& मना: प्र�0�जिन्RयबिSय�:! प्रचे�देयबिता तादेभूगाT वरी�ण्य& सम प�स्महा� !!=====================================सम्पु ट प्रय�गा=====================================गा�यत्री� मन्त्री को� आसप�स को छ ब�जा मन्त्री को� सम्पु ट लेगा�ना� को� भू� बिवधी�ना हा� जिजानास� बिवलिश; को�यV को@ लिसजिW हा�ता� हा� ! ब�जा मन्त्री इस प्रको�री हाX----१- ॐ श्रीं� ह्रीं� श्रीं� --- को� सम्पु ट लेगा�ना� स� लेक्ष्म� को@ प्र�प्तिप्ता हा�ता� हा�!२- ॐ ऐं क्ले� सI:-- को� सम्पु ट लेगा�ना� स� बिवद्या� प्र�प्तिप्ता हा�ता� हा�!३-- ॐ श्रीं� ह्रीं� क्ले� -- को� सम्पु ट लेगा�ना� स� स&ता�ना प्र�प्तिप्ता, वश�कोरी0 औरी म�हाना हा�ता� हा�!४-- ॐ ऐं ह्रीं� क्ले� -- को� सम्पु ट को� प्रय�गा स� शत्री उपRव, समस्ता बिवघ्ना ब�धी�ए& औरी स&कोट दूरी हा�कोरी भू�6य�देय हा�ता� हा�!५--ॐ ह्रीं� --- इस सम्पु ट को� प्रय�गा स� री�गा ना�श हा�कोरी सब प्रको�री को� ऐश्वाय! को@ प्र�प्तिप्ता हा�ता� हा�!६-- ॐ आe ह्रीं� क्ले� -- इस सम्पु ट को� प्रय�गा स� प�स को� Rव्य को@ रीक्ष� हा�कोरी उसको@ व>जिW हा�ता� हा� ताथ� इच्छिhता वस्ता को@ प्र�प्तिप्ता हा�ता� हा�!इस� प्रको�री बिकोस� भू� मन्त्री को@ लिसजिW औरी बिवलिश; को�य! को@ श�घ्र लिसजिW को� लिलेए भू� दुगा�! सप्ताशता� को� मन्त्री को� स�थ सम्पु टदे�ना� को� भू� बिवधी�ना हा�! गा�यत्री� मन्त्री समस्ता मन्त्री को� म�ले हा� ताथ� यहा आध्य�न्धित्मको श�प्तिन्ता दे�ना� व�ले� हाX!!===================गा�यत्री� शता�क्षरी� मन्त्री :-" ॐ भू�भू !व: स्व : तात्सबिवता व!री�ण्य&, भूगा' दे�वस्य धी�मबिहा! धिधीय� य� ना: प्रचे�देय�ता! ॐ जा�ताव�देस� स नाव�म स�ममरी�ता� यता� बिनादेहा�बिता व�दे:! स ना:
पर्ष!देबितादुगा�!णि0 बिवश्वा�ना�व�व सिंस3धी दुरिरीता�त्यग्नि6ना:!
ॐ त्र्यम्बको& यजा�महा� स गान्धि: प धि;वधी!नाम! उव�!रुकोधिमव ब:ना�न्म>त्य�म !क्ष�य म�म>ता�ता !!"श�स्त्री म� कोहा� गाय� हा� बिको गा�यत्री� मन्त्री जापना� स� पहाले� गा�यत्री� शता�क्षरी� मन्त्री को@ एको म�ले� अवश्य कोरी ले�ना� चे�हा�य�! म�ले� कोरीना� परी मन्त्री म� चे�ताना� आ जा�ता� हा�!!